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जून में कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष, CWC की बैठक में बागियों पर भड़के गहलोत, कहा- सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है क्या?
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर मचे घमासान के बीच कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हुई। कोरोना महामारी के कारण सीडब्ल्यूसी ने डिजिटल तरीके से बैठक की। बैठक में नेताओं की ओर से जल्द आंतरिक चुनाव करने की अपील की गई। सूत्रों के अनुसार नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए जून में चुनाव हो सकते हैं। फिलहाल सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मई में पार्टी संगठन के चुनाव हो सकते हैं। अध्यक्ष को लेकर विरोध के सुर उठने के बाद CWC की पिछली बैठक में तय हुआ था कि पार्टी संगठन के चुनाव कर��ाए जाएं। मई 2019 में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी थीं। कांग्रेस नेताओं का एक गुट मांग कर रहा है कि फुल टाइम प्रेसिडेंट चुना जाए, जो एक्टिव भी रहे। कांग्रेस कार्यसमिति ने किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहने का निर्णय किया। इसे लेकर हमने प्रस्ताव पास किया है। कार्यसमिति ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए ऊपर से नीचे के स्तर तक की कार्ययोजना तैयार की हैः कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद के.सी.वेणुगोपाल, कांग्रेस https://t.co/k2wV6psHE5 — ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2021 वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बागियों पर भड़क गए। अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव की इतनी जल्दी क्यों हैं, क्या नेताओं को सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है? कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अशोक गहलोत करीब 15 मिनट तक बोले। जहां उन्होंने कहा कि, 'आज किसान आंदोलन, महंगाई, अर्थव्यवस्था जैसे कई मसले चल रहे हैं, ऐसे में इनपर फोकस करना जरूरी है और संगठन के चुनाव बाद में भी कराए जा सकते हैं।' जल्द संगठन का चुनाव कराने वालों को गहलोत ने कहा कि क्या उन्हें सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले हुए बेनकाब: सोनिया बैठक में सोनिया गांधी ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित वायरल वाट्सएप चैट को लेकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से पूरी तरह से समझौता किया गया। सरकार ने इसपर चुप्पी साधी हुई है। उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है। कोरोना टीकाकरण पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आशा है कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया जारी रहेगी और इसे पूरा किया जाएगा। सीडब्ल्यूसी की बैठक में उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है। सोनिया ने कहा, 'एक सप्ताह में संसद सत्र आरंभ होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखने होगा।' केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, 'किसानों क��� आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।' उन्होंने यह भी कहा, 'यह स्पष्ट है कि कानून जल्दबाजी में बनाए गए और संसद को इनके प्रभावों का आकलन करने का अवसर नहीं दिया गया। हम इन कानूनों को खारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियादों को ध्वस्त कर देंगे।' Read the full article
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6 महीने के भीतर कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुना जाएगा, जानिए अध्यक्ष के चुनाव की पूरी प्रक्रिया
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी से नया प्रमुख चुनने की अपील की है। बता दें सोनिया का अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल पूरा हो चुका है और पार्टी अब नए सिरे से अध्यक्ष चुनने के लिए तैयार है। सोमवार को इसे लेकर कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई। बैठक में सात घंटे के मंथन के बाद आखिरकार यह तय हुआ कि फिलहाल पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथों में ही रहेगी। बता दें बैठक से पहले पार्टी के कई नेता और पूर्व मंत्रियों समेत करीब 23 लोगों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में कई बदलाव करने की मांग की है और साथ ही अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने के लिए भी कहा है। बैठक में यह भी तय हुआ है कि अगले 6 महीने के भीतर कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुना जाएगा। तो चलिए जानते हैं कि कांग्रेस मं। कैसे पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव होता है और उसकी पूरी प्रक्रिया क्या किस प्रकार संपन्न होती है। कांग्रेस पार्टी के संविधान में अपने अध्यक्ष के चुनाव की विस्तृत प्रक्रिया दी गई है। पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष के चुनाव की तारीख तय की जाती है। इसके साथ ही कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सबसे पहले पार्टी अपने किसी एक वरिष्ठ सदस्य को रिटर्निंग अधिकारी के तौर पर नियुक्त करती है, जो चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने का काम करता है। कांग्रेस ��ध्यक्ष की उम्मीदवारी के लिए ये शर्त प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य ��ध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावक की भूमिका अदा करते हैं। ऐसे ही कोई भी दस सदस्य अध्यक्ष पद के लिए किसी उम्मीदवार का नाम आगे कर सकते हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव उन सभी व्यक्तियों के लिए खुला होता है, जिनके पास प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 10 सदस्यों का समर्थन हो। बिना दस सदस्यों के समर्थन के कांग्रेस अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी नहीं हो सकती है। पार्टी संविधान के अनुच्छेद 12 के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी सदस्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि होंगे। अध्यक्ष पद से उम्मीदवारों के सभी नामों को रिटर्निंग अधिकारी के सामने तय तारीख पर रखा जाता है। आम चुनावों की तरह ही कांग्रेस में भी नामांकन भरने के बाद उसे वापस लेने के लिए सात दिनों की मोहलत दी जाती है। इसके बाद रिटर्निंग अधिकारी अध्यक्ष पद के नामों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास भेजते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल 5 साल होता है अगर नाम वापस लेने के बाद अध्यक्ष पद के लिए केवल एक ही उम्मीदवार रहता है तो उसे अध्यक्ष मान लिया जाता है। वो कांग्रेस का पूर्णकालिक अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करता है और कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल का होता है। वहीं, अगर अध्यक्ष पद से लिए एक से ज्यादा उम्मीदवार होते हैं तो कांग्रेस वर्किंग कमिटी और प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सभी सदस्य इसने चुनाव में हिस्सा लेते हैं, जिसकी प्रक्रिया बहुत जटिल है और आज तक कांग्रेस के इतिहास में इसकी नौबत आई ही नहीं। ऐसी हालत में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए कम से कम 50 फीसदी वोट हासिल करने होते हैं। जानकारी के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी के पास अस्थाई अध्यक्ष चुनने की भी शक्तियां हैं, जिसके तहत सोमवार को सोनिया गांधी का कार्यकाल अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल के लिए बढ़ा दिया है। ये भी पढ़े... कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगी सोनिया गांधी, नया प्रमुख चुनने की अपील की कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल और प्रियंका के नाम पर हुई चर्चा, रात 9 बजे तक होगा फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं मुकुल वासनिक, रह चुके हैं सबसे कम उम्र के सांसद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, ली हार की जिम्मेदारी, इस नेता को बनाया गया अंतरिम अध्यक्ष Read the full article
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6 महीने के भीतर कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुना जाएगा, जानिए अध्यक्ष के चुनाव की पूरी प्रक्रिया
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी से नया प्रमुख चुनने की अपील की है। बता दें सोनिया का अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल पूरा हो चुका है और पार्टी अब नए सिरे से अध्यक्ष चुनने के लिए तैयार है। सोमवार को इसे लेकर कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई। बैठक में सात घंटे के मंथन के बाद आखिरकार यह तय हुआ कि फिलहाल पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथों में ही रहेगी। बता दें बैठक से पहले पार्टी के कई नेता और पूर्व मंत्रियों समेत करीब 23 लोगों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में कई बदलाव करने की मांग की है और साथ ही अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने के लिए भी कहा है। बैठक में यह भी तय हुआ है कि अगले 6 महीने के भीतर कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुना जाएगा। तो चलिए जानते हैं कि कांग्रेस मं। कैसे पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव होता है और उसकी पूरी प्रक्रिया क्या किस प्रकार संपन्न होती है। कांग्रेस पार्टी के संविधान में अपने अध्यक्ष के चुनाव की विस्तृत प्रक्रिया दी गई है। पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष के चुनाव की तारीख तय की जाती है। इसके साथ ही कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सबसे पहले पार्टी अपने किसी एक वरिष्ठ सदस्य को रिटर्निंग अधिकारी के तौर पर नियुक्त करती है, जो चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने का काम करता है। कांग्रेस अध्यक्ष की उम्मीदवारी के लिए ये शर्त प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावक की भूमिका अदा करते हैं। ऐसे ही कोई भी दस सदस्य अध्यक्ष पद के लिए किसी उम्मीदवार का नाम आगे कर सकते हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव उन सभी व्यक्तियों के लिए खुला होता है, जिनके पास प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 10 सदस्यों का समर्थन हो। बिना दस सदस्यों के समर्थन के कांग्रेस अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी नहीं हो सकती है। पार्टी संविधान के अनुच्छेद 12 के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी सदस्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि होंगे। अध्यक्ष पद से उम्मीदवारों के सभी नामों को रिटर्निंग अधिकारी के सामने तय तारीख पर रखा जाता है। आम चुनावों की तरह ही कांग्रेस में भी नामांकन भरने के बाद उसे वापस लेने के लिए सात दिनों की मोहलत दी जाती है। इसके बाद रिटर्निंग अधिकारी अध्यक्ष पद के नामों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास भेजते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल 5 साल होता है अगर नाम वापस लेने के बाद अध्यक्ष पद के लिए केवल एक ही उम्मीदवार रहता है तो उसे अध्यक्ष मान लिया जाता है। वो कांग्रेस का पूर्णकालिक अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करता है और कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल का होता है। वहीं, अगर अध्यक्ष पद से लिए एक से ज्यादा उम्मीदवार होते हैं तो कांग्रेस वर्किंग कमिटी और प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सभी सदस्य इसने चुनाव में हिस्सा लेते हैं, जिसकी प्रक्रिया बहुत जटिल है और आज तक कांग्रेस के इतिहास में इसकी नौबत आई ही नहीं। ऐसी हालत में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए कम से कम 50 फीसदी वोट हासिल करने होते हैं। जानकारी के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी के पास अस्थाई अध्यक्ष चुनने की भी शक्तियां हैं, जिसके तहत सोमवार को सोनिया गांधी का कार्यकाल अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल के लिए बढ़ा दिया है। ये भी पढ़े... कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगी सोनिया गांधी, नया प्रमुख चुनने की अपील की कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल और प्रियंका के नाम पर हुई चर्चा, रात 9 बजे तक होगा फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं मुकुल वासनिक, रह चुके हैं सबसे कम उम्र के सांसद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, ली हार की जिम्मेदारी, इस नेता को बनाया गया अंतरिम अध्यक्ष Read the full article
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कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगी सोनिया गांधी, नया प्रमुख चुनने की अपील की
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी से नया प्रमुख चुनने की अपील की है। दरअसल, सोनिया गांधी का अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक साल पूरा हो चुका है और पार्टी अब नए सिरे से अध्यक्ष चुनने के लिए तैयार है। सोमवार को इसे लेकर कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक भी होनी है। हालांकि बैठक से पहले कांग्रेस के कई नेता और पूर्व मंत्रियों समेत 23 लोगों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में कई बदलाव करने की मांग की है और साथ ही अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने के लिए भी कहा है। बता दें कि सोनिया गांधी को 2019 के आम चुनावों में हार के बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। सूत्रों से जानकारी मिली है कि, अब सोनिया गांधी ने साफ कर दिया है कि वे आगे कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष के पद पर नहीं रहना चाहती हैं। कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को होने वाली बैठक में राहुल गांधी के कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनने की संभावना है। दरअसल पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कांग्रेस के कई नेता खुलकर यह मांग कर चुके हैं कि एक बार फिर राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपी जाए। हाल ही में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि, कांग्रेस के 100 फीसदी कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि राहुल गांधी ��िर से पार्टी का नेतृत्व करें। बैठक से पहले, पार्टी के भीतर अलग-अलग आवाज़ें उभर रही हैं। इस संबंध में 300 से अधिक पार्टी नेताओं ने कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र में पूर्व मंत्रियों सहित कुछ कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठनात्मक ढांचे और नेतृत्व में बदलाव के लिए भी लिखा है। Read the full article
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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल और प्रियंका के नाम पर हुई चर्चा, रात 9 बजे तक होगा फैसला
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में सभी नेताओं ने राहुल गांधी से ही अध्यक्ष बने रहने की अपील की। कई नेताओं ने कहा कि बिना राहुल गांधी के पार्टी कैसे चलेगी? हालांकि बैठक में राहुल ने फिर से अध्यक्ष पद संभालने से साफ मना कर दिया। राहुल ने कहा कि, उन्होंने यह तय कर लिया है कि वह अध्यक्ष नहीं रहना चाहते और उनका ये फैसला अडिग रहेगा। राहुल ने अंत में कहा- 'आप लोग नया अध्यक्ष चुनिए।' वहीं कुछ नेताओं ने राहुल के इनकार करने के बाद प्रियंका गांधी का नाम आगे बढ़ाया। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी र���दीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, अध्यक्ष चयन के लिए पांच कमेटी बनाई गई हैं। ये कमेटी रात 9 बजे तक अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात करीब 8 बजे कांग्रेस कार्यसमिति की एक बार फिर से बैठक होगी और इस बैठक में अध्यक्ष पद के नाम पर मंथन होगा। इससे पहले जोन के हिसाब से नेताओं की पांच टीम बनाई गई थी जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नाम भी थे। लेकिन फिर सोनिया ने अपने नाम पर ऐतराज जताते हुए कहा कि वो और राहुल अध्यक्ष के चुनाव की प्रकिया का हिस्सा नहीं हो सकते हैं। फिर राहुल और सोनिया कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से बाहर चले गए। खैर अब देखना तो यह होगा कि आखिरकार किसका नाम कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सामने आता है। यह भी पढ़े... कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं मुकुल वासनिक, रह चुके हैं सबसे कम उम्र के सांसद Read the full article
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरजेवाला ने कहा- राहुल के इस्तीफे की पेशकश को कांग्रेस कार्यसमिति ने किया खारिज
चैतन्य भारत न्यूज कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी जिसे कांग्रेस कार्यसमिति ने मंजूरी नहीं दी। सुरजेवाला ने आगे कहा कि, 'पार्टी हार स्वीकार करती है, लेकिन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ही रहेंगे। पार्टी में बदलाव के पूरे अधिकार राहुल गांधी को दिए गए हैं।' बता दें सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल ने कहा कि गांधी परिवार से अगला अध्यक्ष ना हो। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि, प्रियंका गांधी का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए ना प्रस्तावित किया जाए। लोकसभा चुनाव 2019 में 'मोदी लहर' ने देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का पत्ता साफ कर दिया। कांग्रेस को इस चुनाव में 542 में से महज 52 सीटें ही मिली। हार के बाद शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। इस बैठक में हार के कारणों पर मंथन किया गया। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खगड़े, सोनिया गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रियंका गांधी, मीरा कुमार, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद उपस्थित थे। जानकारी के मुताबिक, राहुल ने बैठक में कहा कि, 'मैं अध्यक्ष के तौर पर पार्टी में काम नहीं करना चाहता हूं।' गौरतलब है कि, लगातार दूसरी बार कांग्रेस कांग्रेस लोकसभा चुनाव में ��पना खास प्रदर्शन नहीं दिखा पाई। चुनाव 2014 में कांग्रेस ने 44 सीट जीती थी, जबकि इस बार पार्टी को महज 52 सीट मिली हैं। Read the full article
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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खत्म, पार्टी ने कहा- राहुल ने नहीं की इस्तीफे की पेशकश
चैतन्य भारत न्यूज लोकसभा चुनाव 2019 में 'मोदी लहर' ने देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का पत्ता साफ कर दिया। कांग्रेस को इस चुनाव में 542 में से महज 52 ��ीटें ही मिली। हार के बाद शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। इस बैठक में हार के कारणों पर मंथन किया गया। सूत्रों के मुताबिक, कहा जा रहा था कि, इस बैठक में राहुल ने अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन अब कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राहुल के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की खबरों को गलत बताया। पहले सूत्रों का कहना था कि, बैठक में राहुल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की। लेकिन कार्यकारणी के सूत्रों ने राहुल की इस पेशकश को नामंजूर कर दिया। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खगड़े, सोनिया गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रियंका गांधी, मीरा कुमार, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद उपस्थित थे। जानकारी के मुताबिक, राहुल ने बैठक में कहा कि, 'मैं अध्यक्ष के तौर पर पार्टी में काम नहीं करना चाहता हूं।' गौरतलब है कि, लगातार दूसरी बार कांग्रेस कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपना खास प्रदर्शन नहीं दिखा पाई। चुनाव 2014 में कांग्रेस ने 44 सीट जीती थी, जबकि इस बार पार्टी को महज 52 सीट मिली हैं। Read the full article
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राष्ट्रीय हित से समझौता करके राजनीति करने की हो रही कोशिशः सोनिया गांधी
चैतन्य भारत न्यूज। अहमदाबाद। लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। गुजरात में कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को समान विचार धारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन के लिए अधिकृत किया है। वहीं मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। बता दें 58 सालों के बाद कांग्रेस की ये बैठक गुजरात में हो रही है। इससे पहले 1961 में भावनगर में हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मनमोहन सिंह समेत पार्टी के बड़े दिग्गज इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। सोनिया गांधी ने कहा, राष्ट्रीय हित से समझौता करके राजनीति हो रही कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, राष्ट्रीय हित से समझौता करके राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि मोदी खु�� पीड़ित बनने की कोशिश करते हैं, लेकिन असली पीड़ित देश की जनता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस समय लोगों को यूपीए सरकार की उपलब्धियां बताने की जरूरत है। मोदी सरकार झूठा प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा इनकी नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था गिर गई है। राहुल गांधी बोले वहीं राहुल गांधी ने कहा, ''कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में प्रण लिया गया कि भाजपा-संघ की क्रोध, नफरत फैलाने वाली विचारधारा को हराएंगे। इस प्रयास में कोई भी बलिदान महान नहीं है, न कोई प्रयास छोटा है। हम इस लड़ाई को जीतेंगे''। बता दें कि कांग्रेस की ये बैठक पहले 27 फरवरी को रखी गई थी, लेकिन बालाकोट में हुए एयरस्ट्राइक और उसके बाद हुए तनाव के कारण स्थगित कर दी गई थी। Read the full article
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