60 से अधिक लोगों के लिए चौथा कोविड -19 वैक्सीन शॉट गंभीर बीमारी के प्रतिरोध का निर्माण करता है: इज़राइल
60 से अधिक लोगों के लिए चौथा कोविड -19 वैक्सीन शॉट गंभीर बीमारी के प्रतिरोध का निर्माण करता है: इज़राइल
रॉयटर्स | | कृष्णा प्रिया पल्लवीक द्वारा पोस्ट किया गया, जेरूसलम
की चौथी खुराक कोविड -19 टीका इज़राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि इज़राइल में 60 से अधिक लोगों को दिए जाने से उन्हें एक ही आयु वर्ग के तीन बार टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में गंभीर बीमारी के लिए तीन गुना अधिक प्रतिरोधी बना दिया गया है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि चौथी खुराक, या दूसरे बूस्टर ने, टीके के तीन शॉट प्राप्त…
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दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 के बीच 50 साल से कम उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण का विस्तार किया
दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 के बीच 50 साल से कम उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण का विस्तार किया
दक्षिण अफ्रीका की 59 मिलियन आबादी में से 40 लाख को COVID वैक्सीन की कम से कम पहली खुराक मिली है।
जोहान्सबर्ग:
दक्षिण अफ्रीका ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू करेगा क्योंकि डेल्टा संस्करण द्वारा संचालित COVID-19 संक्रमणों की एक शातिर तीसरी लहर के तहत महाद्वीप का सबसे कठिन देश बकल है। सरकार द्वारा देश के संघर्षरत टीकाकरण अभियान को 60 के दशक के तहत बढ़ाने के…
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पोलियो की दवा बनाने वाली कंपनी यूपी में बनाएगा COVAXIN, भारत बायोटेक से करार Divya Sandesh
#Divyasandesh
पोलियो की दवा बनाने वाली कंपनी यूपी में बनाएगा COVAXIN, भारत बायोटेक से करार
लखनऊ/बुलंदशहर
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली कोवैक्सीन का उत्पादन अब उत्तर प्रदेश में भी होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुलंदशहर के चोला इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित बिबकोल कंपनी को इसके उत्पादन की हरी झंडी दे दी है। मंत्रालय ने 30 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत कर दिया है।
इस फैसले से देश में टीक��ं की कमी कुछ हद तक दूर होने की उम्मीद है। पिछले कुछ दिनों में कई राज्य टीके कम होने की शिकायत कर चुके हैं। कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बिबकोल के साथ एमओयू किया है। सूत्रों के अनुसार यहां अगस्त से उत्पादन शुरू हो जाएगा। हर महीने 2 करोड़ को डोज तैयार होंगी। इनका वितरण उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में भी किया जाएगा।
बिबकोल में फिलहाल कोरोना वैक्सीन का उत्पादन
बिबकोल में अभी तक पोलियो वैक्सीन का उत्पादन किया जाता है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक वैक्सीन उत्पादन के लिए मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त है। मौजूदा समय में यहां हर साल पोलियो के 25 करोड़ टीके बन रहे हैं, जबकि इसकी क्षमता 60 करोड़ की है।
महाराष्ट्र ने रोका 18-44 उम्र वालों का वैक्सीनेशन
इस समय देश में टीकों की कमी हो गई है। महाराष्ट्र ने 18-44 साल उम्र वालों को डोज देना रोक दिया है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने टीके पाने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं। छत्तीसगढ़ और हरियाणा की सरकारों ने केंद्र से सप्लाई तेज करने को कहा है।
ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वैक्सीन की आपूर्ति और उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को चिठ्ठी लिखी है। पत्र में, ममता ने वैक्सीन की जरूरत को अहम बताते हुए इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए जमीन और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट मुहैया करने की पेशकश की है।
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समुदाय में कोविड टीकाकरण की अलख जगाएँगी आशा [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
समुदाय में कोविड टीकाकरण की अलख जगाएँगी आशा [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
लखनऊ, कोविड-19 को पूरी तरह से मात देने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है । इसी को ध्यान में रखते हुए क्रम से सबसे अधिक जोखिम वालों तक वैक्सीन पहुँचाने की हरसंभव कोशिश हो रही है । स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स के बाद अब सबसे अधिक जोखिम समूह में आने वाले 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों और गंभीर बीमारी से ग्रसित 45 से 59 साल के लोगों (सहरुग्णता युक्त व्यक्तियों) का टीकाकरण इस माह से चल रहा है ।…
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Co-WIN एप में वैक्सीन रजिस्ट्रेशन: क्या है तरीका और ज़रूरी डाक्युमेंट्स?
Co-WIN एप में वैक्सीन रजिस्ट्रेशन: क्या है तरीका और ज़रूरी डाक्युमेंट्स?
1 मार्च से देश भर में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण (Vaccination Against Coronavirus) का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें 60 साल से ज़्यादा उम्र और गंभीर रोगों से ग्रस्त 45 वर्ष से ज़्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. इसी दिन से सरकार ने वैक्सीन को ट्रैक करने (Vaccine Tracking) और इसके लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए Co-WIN एप की घोषणा भी की, जिसे Co-WIN 2.0 भी कहा जा रहा है. भारत में टीकाकरण की…
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Co-WIN app में वैक्सीन रजिस्ट्रेशन का तरीका और ज़रूरी डाक्युमेंट्स
Co-WIN app में वैक्सीन रजिस्ट्रेशन का तरीका और ज़रूरी डाक्युमेंट्स
1 मार्च से देश भर में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो गया हैं, जिसमें 60 साल से ज़्यादा उम्र और गंभीर रोगों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसी दिन से सरकार ने वैक्सीन को ट्रैक करने और इसके लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए Co-WIN app की घोषणा भी की, जिसे Co-WIN 2.0 भी कहा जा रहा है. भारत देश में टीकाकरण की प्रक्रिया की निगरानी इसी एप और पोर्टल के माध्यम से…
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दिल्ली में कोरोना वायरस ने फिर पकड़ी रफ्तार
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना ने फिर रफ्तार पकड़ ली है! फरवरी के बाद गुरुवार को सबसे अधिक मामले सामने आए हैं! दिल्ली में गुरुवार को कोरोना के 261 नए मरीज मिले हैं! कोरोना से एक शख्स की मौत भी हुई है! अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10,915 हो गई है! नए मामले बुधवार को 66,432 लोगों की कोविड-19 के लिए हुई जांच में सामने आए!
ताजा स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, गुरुवार को संक्रमण का आंकड़ा 6.40 लाख से अधिक हो गया! दिल्ली में संक्रमण का इलाज करा रहे रोगियों की संख्या बुधवार के 1584 से बढ़कर गुरुवार को 1701 हो गई, जबकि संक्रमण की दर बढ़कर 0.39 फीसदी हो गई! दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 240 नए मामले आए थे और संक्रमण की दर 0.35 फीसदी थी!
दिल्ली में एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में गुरुवार को 27,959 लोगों ने टीके लगवाए! टीकाकरण 402 वैक्सीनेशन साइट्स पर किया गया! इनमें से 14,328 टीके वरिष्ठ नागरिकों को लगाए गए! इससे पहले 22 फरवरी को 27,219 लोगों को टीका लगाया गया था! प्राइवेट सेंटर्स पर 63.73 फीसदी जबकि सरकारी सेंटर्स पर 29.48 फीसदी वैक्सीनेशन हुआ!
इन्हें दी गई वैक्सीन
60 साल से ज्यादा उम्र के- 14,328
45-59 साल के लोग- 2175
फ्रंटलाइन वर्कर्स- 4413
हेल्थ केयर वर्कर्स- 2234
इसके अलावा गुरुवार को 4809 लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज दिया गया!
https://kisansatta.com/corona-virus-caught-speed-in-delhi-again/ #CoronaRecord #corona record Corona Virus #CoronaVirus KISAN SATTA - सच का संकल्प
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फिर टूटा डेली कोरोना केस का रिकॉर्ड, बुधवार को 3,79,257 मामले, 3,645 मरीजों की मौत Divya Sandesh
#Divyasandesh
फिर टूटा डेली कोरोना केस का रिकॉर्ड, बुधवार को 3,79,257 मामले, 3,645 मरीजों की मौत
नई दिल्ली
देश में एक दिन में संक्रमण का नया रेकॉर्ड बन गया। पूरे भारत में बुधवार को रिकॉर्ड 3,79,257 नए कोविड मरीज पाए गए। इसके साथ ही, देश में अब तक 1,83,76,524 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अभी 30 लाख से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में 3,645 लोगों की मौत होने के बाद इस घातक महामारी के मृतकों की संख्या 2,04,832 हो गई है।
पांच दिन में पांच लाख बढ़े ऐक्टिव केस
लगातार मामले बढ़ने के बीच, देश में उपाचाराधीन मरीजों की संख्या 30,84,814 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.79 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 82.10 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 1,50,86,878 हो गई है। संक्रमण से मौत होने की दर घटकर 1.11 प्रतिशत हो गई है। ध्यान रहे कि देश में पिछले पांच दिनों में ही ऐक्टिव केस की संख्या 5 लाख बढ़ गई।
कैसे कोरोना ने पसारा पांव
देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या पिछले साल 7 अगस्त को 20 लाख को पार कर गई थी। वहीं कोविड-19 मरीजों की संख्या 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के आंकड़े को पार कर गई थी। इसके बाद 28 सितंबर को कोविड-19 के मामले 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख, 19 दिसंबर को एक करोड़ और 19 अप्रैल को कोविड-19 के मामले 1.5 करोड़ से अधिक हो गए थे।
वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन की मारामारी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक 28 अप्रैल तक 28,44,71,979 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 17,68,190 नमूनों की बुधवार को जांच की गई। देश में अब तक कुल 15,00,20,648 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। वहीं, 18+ उम्र के लोगों को टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी जारी है। पहले दिन बुधवार को करीब 1.5 करोड़ लोगों ने वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन किया।
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फिर टूटा डेली कोरोना केस का रिकॉर्ड, बुधवार को 3,79,257 मामले, 3,645 मरीजों की मौत Divya Sandesh
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फिर टूटा डेली कोरोना केस का रिकॉर्ड, बुधवार को 3,79,257 मामले, 3,645 मरीजों की मौत
नई दिल्ली
देश में एक दिन में संक्रमण का नया रेकॉर्ड बन गया। पूरे भारत में बुधवार को रिकॉर्ड 3,79,257 नए कोविड मरीज पाए गए। इसके साथ ही, देश में अब तक 1,83,76,524 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अभी 30 लाख से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में 3,645 लोगों की मौत होने के बाद इस घातक महामारी के मृतकों की संख्या 2,04,832 हो गई है।
पांच दिन में पांच लाख बढ़े ऐक्टिव केस
लगातार मामले बढ़ने के बीच, देश में उपाचाराधीन मरीजों की संख्या 30,84,814 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.79 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 82.10 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 1,50,86,878 हो गई है। संक्रमण से मौत होने की दर घटकर 1.11 प्रतिशत हो गई है। ध्यान रहे कि देश में पिछले पांच दिनों में ही ऐक्टिव केस की संख्या 5 लाख बढ़ गई।
कैसे कोरोना ने पसारा पांव
देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या पिछले साल 7 अगस्त को 20 लाख को पार कर गई थी। वहीं कोविड-19 मरीजों की संख्या 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के आंकड़े को पार कर गई थी। इसके बाद 28 सितंबर को कोविड-19 के मामले 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख, 19 दिसंबर को एक करोड़ और 19 अप्रैल को कोविड-19 के मामले 1.5 करोड़ से अधिक हो गए थे।
वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन की मारामारी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक 28 अप्रैल तक 28,44,71,979 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 17,68,190 नमूनों की बुधवार को जांच की गई। देश में अब तक कुल 15,00,20,648 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। वहीं, 18+ उम्र के लोगों को टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी जारी है। पहले दिन बुधवार को करीब 1.5 करोड़ लोगों ने वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन किया।
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45+ उम्र वाले लोगों के लिए इतना जरूरी क्यों है वैक्सीनेशन? यह सब कुछ आपके लिए जानना जरूरी है
चैतन्य भारत न्यूज
देश में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है। न सक्रिय मामले थम रहे हैं न मौतें, बल्कि हर एक दिन के साथ कोरोना की लहर तेज होती हुई दिख रही है। इसी बीच भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा फेज 1 अप्रैल से शुरू हो गया है। इसमें 45 से ज्यादा उम्र वाले यानी 1 जनवरी 1977 से पहले जन्मे सभी लोगों को वैक्सीनेट करने की तैयारी है।
इस उम्र वर्ग के लिए वक्सीनशन क्यों जरूरी?
सरकार ने बताया कि कोविड-19 की वजह से हुई मौतों में इस एज ग्रुप की हिस्सेदारी 90% रही है। इस वजह से इस एज ग्रुप को वैक्सीनेट करना बेहद जरूरी है। इसलिए भी एक्सपर्ट जोर दे रहे हैं कि सबको वैक्सीन लगवानी चाहिए। सरकार ने देश में बन रही कोरोना वैक्सीन की विदेशों को सप्लाई रोक दी है, ताकि घरेलू जरूरतों को पूरा किया जा सके।
देश में वैक्सीनेशन की क्या चल रही है रफ्तार?
भारत में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन का प्रारंभ हुआ था। 75 दिनों के सफर में करीब 6.5 करोड़ कोरोना डोज दिए जा चुके हैं। अभी तक 82 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका लग चुका है, जबकि 91 लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लग पाया है। केंद्र सरकार ने एक मार्च से 60 साल से अधिक लोगों को वैक्सीन लगवाने का मौका दिया। अभी तक देश में 3 करोड़ से अधिक 60 साल से अधिक लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। जो अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश में रोजाना औसतन 20 से 25 लाख वैक्सीन की डोज दी जा रही है। सरकार की कोशिश है कि इस दायरे को बढ़ाया जाए। जिन जिलों में कोरोना बेकाबू हो चला है, वहां दो हफ्ते में ही सभी लोगों को टीका लगा दिया जाए।
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45+ उम्र वाले लोगों के लिए इतना जरूरी क्यों है वैक्सीनेशन? यह सब कुछ आपके लिए जानना जरूरी है
चैतन्य भारत न्यूज
देश में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है। न सक्रिय मामले थम रहे हैं न मौतें, बल्कि हर एक दिन के साथ कोरोना की लहर तेज होती हुई दिख रही है। इसी बीच भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा फेज 1 अप्रैल से शुरू हो गया है। इसमें 45 से ज्यादा उम्र वाले यानी 1 जनवरी 1977 से पहले जन्मे सभी लोगों को वैक्सीनेट करने की तैयारी है।
इस उम्र वर्ग के लिए वक्सीनशन क्यों जरूरी?
सरकार ने बताया कि कोविड-19 की वजह से हुई मौतों में इस एज ग्रुप की हिस्सेदारी 90% रही है। इस वजह से इस एज ग्रुप को वैक्सीनेट करना बेहद जरूरी है। इसलिए भी एक्सपर्ट जोर दे रहे हैं कि सबको वैक्सीन लगवानी चाहिए। सरकार ने देश में बन रही कोरोना वैक्सीन की विदेशों को सप्लाई रोक दी है, ताकि घरेलू जरूरतों को पूरा किया जा सके।
देश में वैक्सीनेशन की क्या चल रही है रफ्तार?
भारत में 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन का प्रारंभ हुआ था। 75 दिनों के सफर में करीब 6.5 करोड़ कोरोना डोज दिए जा चुके हैं। अभी तक 82 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका लग चुका है, जबकि 91 लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लग पाया है। केंद्र सरकार ने एक मार्च से 60 साल से अधिक लोगों को वैक्सीन लगवाने का मौका दिया। अभी तक देश में 3 करोड़ से अधिक 60 साल से अधिक लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। जो अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश में रोजाना औसतन 20 से 25 लाख वैक्सीन की डोज दी जा रही है। सरकार की कोशिश है कि इस दायरे को बढ़ाया जाए। जिन जिलों में कोरोना बेकाबू हो चला है, वहां दो हफ्ते में ही सभी लोगों को टीका लगा दिया जाए।
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4 दिन में एक लाख को हो गया कोरोना, पर इस बार सबसे बड़ी राहत दे रही यह एक बात Divya Sandesh
#Divyasandesh
4 दिन में एक लाख को हो गया कोरोना, पर इस बार सबसे बड़ी राहत दे रही यह एक बात
नई दिल्ली
देश में कोरोना की दूसरी लहर पहले के तुलना में अधिक संक्रामक नजर आ रही है। हालांकि, इस बार मृत्यु दर पहले के मुकाबले कम है। गुरुवार को कोरोना संक्रमण के 81, 456 नए मामले सामने आए। यह पिछले साल 1 अक्टूबर के बाद सबसे अधिक मामले हैं। पिछले साल एक अक्टूबर को 84176 नए मामले सामने आए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया के एनालिसिस में 23 बड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैलने के पहले चरण के साथ दूसरी लहर की तुलना की गई। इसके अंतर्गत नए मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है।
पिछले साल पीक पर था पहला स्टेज
मामलों की वृद्धि दर के आधार पर, महामारी को दो व्यापक स्टेज में बांटा जा सकता है। शुरुआती स्टेज- जो पिछले साल जनवरी में शुरू हुई थी। यह चरण पिछले साल ही सितंबर के आसपास पीक पर था। इस साल फरवरी के बीच तक ठंडा हो गया था। इस साल फरवरी के बाद शुरू हुआ लेटेस्ट स्टेज अधिकांश राज्यों (महाराष्ट्र और पंजाब को छोड़कर) में संक्रमण फिर से बढ़ रहा है। बेशक, वृद्धि घटे हुए कर्ब और बढ़ती हुई शिथिलता के कारण भी हो सकती है। फिर भी, आंकड़े बताते हैं कि पांच राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों – महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश और चंडीगढ़ में – दूसरी लहर पूरी तेजी पर है। इसने पहले चरण में आए मामलों को भी पार कर दिया है।
केस बढ़े लेकिन मृत्यु दर में कमी
डेली केस में वृद्धि के अलावा, इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महामारी के जारी स्टेज में मृत्यु दर में नाटकीय रूप से कमी देखने को मिल रही है। महाराष्ट्र में केस फैटालिटी रेट (CFR) में 75%, पंजाब में 41%, गुजरात में 83%, मध्य प्रदेश में 72% और चंडीगढ़ के लिए 65% की कमी आई है। दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल में क्रिटिकल केयर मेडिसिन के प्रमुख डॉ. सुमित रे ने कहा, “ऐसा लगता है कि वायरस अधिक संक्रामक और कम घातक है, क्योंकि देशभर में ओवरऑल मृत्यु दर पहले की तुलना में लगभग एक तिहाई रह गई है।
कम मृत्यु दर की वजह युवाओं में अधिक संक्रमण
डॉ. सुमित रे के अनुसार मौजूदा लहर में कम मृत्यु दर की वजह युवाओं में संक्रमण का अधिक होना बताया जा रहा है। संभव है कि देश में बड़ी संख्या में बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वहीं, युवा कोरोना नियमों को अधिक तवज्जों नहीं देते हुए खुलेआम अधिक घूमफिर रहे हैं। ऐसे में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है।
कुल मौतों में 88 फीसदी 45 साल से अधिक वाले
कोरोना की वजह से देश में 60 साल से अधिक उम्र वालों लोगों की मौत का खतरा अभी भी अधिक है। कोरोना से मरने वालों में 55 फीसदी लोग 60 साल से अधिक उम्र के लोग हैं। जबकि इस उम्र के लोगों को कोरोना पॉजिटिव होने की दर 14 फीसदी है। 45 से 60 साल की उम्र के बीच मरने वालों भी करीब 33 फीसदी लोग हैं।
महाराष्ट्र में पिछले 5 महीने में 88 फीसदी केस
महाराष्ट्र की बात करें तो इस राज्य में मार्च महीने में कोविड-19 के 6,51,513 मामले आए। ये पिछले पांच महीने में आए कुल मामलों का 88.23 प्रतिशत हैं। पिछले साल राज्य में 1 अक्टूबर और 28 फरवरी 2021 के बीच कोरोना वायरस के 7,38,377 मामले सामने आए। इससे पता लगता है कि बीते महीनों की तुलना में मार्च 2021 में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है।
15 से 20 अप्रैल तक दूसरी लहर का पीक
कोविड-19 के मैथमैटिकल मॉल पर काम ���रने वाले साइंटिस्टों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर का पीएक 15 से 20 अप्रैल से बीच में होने का अनुमान है। कोरोना के इस लहर में पीक में रोजाना 80 से 90 हजार नए मामले सामने आ सकते हैं। देश में एक्टिव केसों की संख्या पिछले साल सितंबर के बराबर हो सकती है। पिछले साल सितंबर में देश में एक्टिव रोगियों की संख्या करीब 10 लाख पहुंच गई थी।
लोग नहीं अपना रहे कोविड प्रोटोकॉल
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी मुख्य वजह यह है कि कोविड-19 से बचाव के लिए लोग सही व्यवहार नहीं अपना रहे। कई लोगों ने उचित दूरी के नियमों का पालन नहीं किया और मास्क भी नहीं लगाए, जिससे संक्रमण के मामले बढ़े हैं। स्टेट कोविड-19 टास्कफोर्स के एक मेंबर ने कहा कि हमने देखा है कि लोग एक से तीन सप्ताह तक कोविड-19 के संबंध में उचित व्यवहार अपनाते हैं और इसके बाद ढिलाई बरतने लगते हैं।
नए मामलों में 80 फीसदी केस यूरोप, अमेरिका से
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 महामारी को लेकर दिए गए अपने साप्ताहिक अपडेट में कहा है कि लगातार 5 हफ्तों से कोविड मामले बढ़ रहे हैं। इसमें पिछले हफ्ते तो संक्रमण के 38 लाख से ज्यादा नए मामले आए। दुनिया के सभी हिस्सों चाहे वह दक्षिण पूर्व एशिया हो, पश्चिमी प्रशांत हो या अफ्रीका हो, नए मामले बढ़े हैं। वहीं 80 प्रतिशत मामले यूरोप और अमेरिका के हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि नया और अधिक संक्रामक कोविड-19 वेरियंट मामलों में बढ़ोतरी के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हो सकता है क्योंकि कई देशों में ये वेरियंट मिले हैं।
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बंगाली वेशभूषा और असमिया गमछा पहनकर पीएम मोदी ने पुडुचेरी की नर्स से लगावाया कोरोना का टीका
चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. देश में आज से कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई। उन्हें भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का डोज दिया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से कोरोना का टीका लगाने और भारत को कोविड-19 से मुक्त कराने के लिए साथ आने आने की अपील की है।
Took my first dose of the COVID-19 vaccine at AIIMS.
Remarkable how our doctors and scientists have worked in quick time to strengthen the global fight against COVID-19.
I appeal to all those who are eligible to take the vaccine. Together, let us make India COVID-19 free! pic.twitter.com/5z5cvAoMrv
— Narendra Modi (@narendramodi) March 1, 2021
पीएम ने टीका लगवाकर सभी चुनावी राज्यों को संदेश देने की कोशिश की है। उन्हें पुडुचेरी की नर्स पी निवेदा ने कोरोना का टीका लगवाया। इस दौरान प्रधानमंत्री के पीछे केरल की नर्स खड़ी थी। उन्होंने गले में असम का गमछा डाला हुआ था तो उनकी वेशभूषा पश्चिम बंगाल की थी। बता दें इन पुडुचेरी, बंगाल और असम में 27 मार्च से 6 अप्रैल तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi took his first dose of the #COVID19 vaccine at AIIMS Delhi today. He was administered Bharat Biotech's COVAXIN. pic.twitter.com/VqqBYZDTFU
— ANI (@ANI) March 1, 2021
बता दें विपक्ष द्वारा बायोटेक की कोवैक्सिन को मंजूरी दिए जाने पर काफी सवाल खड़े किए गए थे, साथ ही वैक्सीन की गंभीरता पर भी निशाना साधा गया था। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट के बीच भी वैक्सीन को लेकर विवाद हुआ था। लेकिन अब पीएम मोदी ने भारत बायोटेक की ही को-वैक्सीन की डोज लेकर सभी प्रश्न चिन्हों पर लगाम लगा दी है।
दूसरे चरण में बुजुर्गों को टीके लगेंगे
देश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 60 साल से ज्यादा और 45 साल से 60 साल तक के वे लोग जिन्हें गंभीर बीमारियां हैं, उनको शामिल किया गया है। जिनकी उम्र 1 जनवरी 2022 को 60 साल होगी, वे भी इस बार टीका लगवा सकते हैं। वैक्सीनेशन दोपहर 3 बजे तक चलेगा। इसके लिए को-विन 2।0 पोर्टल के साथ ही आरोग्य सेतु ऐप पर सुबह 9 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं।
गंभीर बीमारी का सर्टिफिकेट दिखाना होगा
जिन लोगों की उम्र 60 साल या ज्यादा है, उन्हें रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के वक्त ID कार्ड साथ रखना होगा। 45 से 60 साल के जिन लोगों को गंभीर बीमारी है, उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा। सरकार ने इसके लिए डिक्लरेशन फॉर्मेट के साथ इस क्राइटेरिया में आने वाली 20 बीमारियों की लिस्ट भी जारी की है। इस फॉर्म को डॉक्टर से सर्टिफाई करवाना होगा।
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अब बुजुर्गों और दिव्यांगों को ऐसे लगेगी कोरोना वैक्सीन, सरकार की नई गाइडलाइंस जारी Divya Sandesh
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अब बुजुर्गों और दिव्यांगों को ऐसे लगेगी कोरोना वैक्सीन, सरकार की नई गाइडलाइंस जारी
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण जिंदगी की आफत बना हुआ है, जिससे अब तक करीब 3.15 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। संक्रमण की दूसरी बेव ने तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए, एक-एक दिन में चार-चार लाख से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आए। इस बीच राहत की बात यह है कि कोरोना संक्रमण की चाल धीमी हुई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। सरकार ने दो गज की दूसरी और मास्क लगाना जरूरी बताया है। राज्य सरकारों ने आंशिक लॉकडाउन भी लागू कर रखा है।दूसरी ओर लोगों की जान बचाने के लिए वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से चल रहा है। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत अभी तक वैक्सीन का पहला डोज प्राप्त नहीं करने वाले वरिष्ठ नागरिक अब घर के नजदीक ही टीका लगवा सकते हैं। इस कार्यक्रम में 60 साल से कम उम्र के शारीरिक रूप से असमर्थ लोग भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, सरकार ने यह साफ किया है कि इसका मतलब घर-घर जाकर वैक्सिनेशन करना नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण के नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ने बुजुर्गों और दिव्यांग नागरिकों के लिए ‘घर के पास कोविड टीकाकरण केंद्रों’ के दिशानिर्देशों पर एक टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के प्रस्ताव की सिफारिश की है। इन सिफारिशों को मंजूरी देते हुए मंत्रालय ने कहा है कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए NHCVC ‘समुदाय-आधारित, लचीला और जन-केंद्रित दृष्टिकोण का पालन करेगा, कोविड टीकाकरण केंद्रों को घरों के करीब लाएगा।दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि इन सिफारिशों का मकसद वरिष्ठ नागरिकों और उन लोगों के टीकाकरण को सुनिश्चित करना है, जो शारीरिक परेशानियों के चलते सीमित गतिविधियां कर सकते हैं। फिलहाल देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण जारी है। 16 जनवरी से शुरू हुए प्रोग्राम में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी गई थी।
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Covid Vaccine: मोदी सरकार की वैक्सीन पॉलिसी पर SC ने क्यों उठाये सवाल Divya Sandesh
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Covid Vaccine: मोदी सरकार की वैक्सीन पॉलिसी पर SC ने क्यों उठाये सवाल
नई दिल्ली
देश में कोरोनावायरस टीकाकरण (Covid Vaccination) को लेकर कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही है। कोरोना संक्रमण (Covid INfection) के दूसरे चरण के में अब थोड़ी कमी आई है, लेकिन इसके बाद भी टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive) में तेजी नहीं आ पा रही है। देश के किसी इलाके में कोरोना टीके (Covid Vaccine) की कभी सामने आ रही है, तो कहीं वैक्सीनेशन सेंटर () से संबंधित दिक्कतें सामने आ रही हैं।
बहुत से लोगों के लिए Cowin पर रजिस्ट्रेशन कराना भी मुसीबत का सबब बन गया है। देश में टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive) पर सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से कुछ तीखे सवाल पूछे हैं। अलग-अलग उम्र के लोगों को (Covid vaccine) लगाने से संबंधित मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि इसके पीछे का तर्क समझ नहीं आता।
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थोक में टीका क्यों नहीं खरीद रहा केंद्र?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि थोक में टीका खरीदने की वजह से इसे कम कीमत चुकानी पड़ेगी। अगर यह तर्क सही है तो राज्यों को टीके के लिए अधिक कीमत क्यों चुकानी पड़ रही है? जस्टिस एल एन राव और जस्टिस एस आर भट्ट की बेंच ने कहा, “केंद्र सरकार को कोरोना टीका खरीदने के मामले में अपनी मजबूत स्थिति का उपयोग करना चाहिए और इसका लाभ देश भर की जनता को मिलना चाहिए।”
बजट में घोषित रकम का उपयोग क्यों नहीं हुआ?
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि साल 2021-22 के बजट में कोरोना टीके (Covid vaccine) के लिए ₹35,000 करोड़ की व्यवस्था की गई थी। अब तक उस फंड का उपयोग क्यों नहीं किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 18 से 44 साल की उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन (Covid vaccine) लगाने में इस रकम का उपयोग क्यों नहीं किया जा सकता? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक V जैसे कोरोना के तीनों टीकों की खरीद से संबंधित जानकारी मांगी है। इसमें टीका (Covid vaccine) खरीदने की तारीख, टीके की मात्रा और सप्लाई की अनुमानित तारीख के बारे में बताने के लिए कहा गया है।
ग्रामीण इलाके में कितना टीकाकरण?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि अब तक देश के ग्रामीण इलाके की कितनी आबादी को कोरोनावायरस वैक्सीन (Covid vaccine) लगी है? इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी जानकारी देने को कहा कि कितने लोगों को टीके (Covid vaccine) की सिंगल डोज लगी है और कितने को डबल? देश की बची हुई आबादी को कोरोनावायरस टीका (Covid vaccine) लगाने की सरकार के पास क्या योजना है, इस बारे में भी सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी मांगी है।
ग्रामीण भारत में समस्या
देश के ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोग आधार कार्ड (Aadhaar) की मदद से कोविन ऐप (Cowin App) पर रजिस्ट्रेशन कराने में सबसे अधिक मुश्किल का सामना कर रहे हैं। ग्रामीण इलाक़ों में टीके (Covid vaccine) को लेकर अब भी कई तरह की आशंकाएं सामने आ रही हैं। देश में 100 करोड़ से अधिक लोगों के पास आधार कार्ड मौजूद है। इसी तरह भारत में स्मार्ट फोन की संख्या 60 करोड़ से ऊपर है। कोरोना टीका (Covid vaccine) लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन की बात करें तो कोविन पर रजिस्ट्रेशन कराने में ना सिर्फ गांव के लोगों को दिक्कत आ रही है बल्कि शहर के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मौजूदा स्पीड से तीन साल लगेंगे
इसके बाद भी अगर किसी व्यक्ति ने कोविन पर रजिस्ट्रेशन करा लिया तो उसे टीका (Covid vaccine) नहीं लग पाता। ग्रामीण इलाकों में समस्या यह है कि ब्लॉक स्तर के कोविड-19 सेंटर पर एक दिन में करीब 200 लोगों को टीका (Covid vaccine) लगाया जा रहा है। एक ब्लॉक की आबादी आमतौर पर 1.5-2,00,000 के बीच होती है। इसमें 200 लोगों को रोजाना टीका (Covid vaccine) लगाने के हिसाब से पूरी आबादी के टीकाकरण में 1000 दिन या तीन साल लग सकते हैं।
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