#टीकाकरण
Explore tagged Tumblr posts
Text
अपने स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए मेडुगो ऐप डाउनलोड करें
मेडुगो ऐप से अपने परिवार के स्वास्थ्य की निगरानी करें। रक्त परीक्षण रिपोर्ट,बुखार,रक्तचाप,रक्त शर्करा स्तर,नाड़ी, स्कैन रिपोर्ट, टीकाकरण रिपोर्ट और मासिक धर्म चक्र को सहेजने का सरल तरीका।
#मेडुगो ऐप स��� अपने परिवार के स्वास्थ्य की निगरानी करें। रक्त परीक्षण रिपोर्ट#बुखार#रक्तचाप#रक्त शर्करा स्तर#नाड़ी#स्कैन रिपोर्ट#टीकाकरण रिपोर्ट और मासिक धर्म चक्र को सहेजने का सरल तरीका।#medugo#मेडुगो
0 notes
Text
Todays Corona Cases : देश में रफ्तार पकड़ रहा कोरोना, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी सतर्क रहने की सलाह
नई दिल्ली। Todays Corona Cases एक बार फिर से भारत में कोरोना के मामलें लगातार बढ़ते जा रहे है। जिसको मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से बचाव करने की सलाह दी है। एमओएचएफडब्ल्यू ने सभी राज्यों को सलाह दी कि वे कोविड-19 से लड़ने के लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड के उपयुक्त व्यवहार की 5 गुना रणनीति अपनाएं। Noida Accident : ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा, 15 लोग…
View On WordPress
0 notes
Text
Colonel Rajyavardhan Rathore gave another gift to Jhotwara, 5 new Anganwadi centers will be opened
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के सार्थक प्रयासों से झोटवाड़ा में खुलेंगे 5 नए आंगनबाड़ी केन्द्र
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने दी झोटवाड़ा को एक और सौगात, खुलेंगे 5 नए आंगनबाड़ी केन्द्र
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मं���्री और झोटवाड़ा से लोकप्रिय भाजपा विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी के सार्थक प्रयासों से झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 5 नए आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। जिससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा। कम उम्र के बच्चों, गर्भवती-धात्री महिलाओं को पोषाहार के साथ टीकाकरण व पढ़ाई की सुविधा घर के पास ही केन्द्र पर मिलेगी। ये नए आंगनबाड़ी केन्द्र इन्द्रा कॉलोनी (बिंदायका) वार्ड नं. 49, घनश्याम विहार, वार्ड नं. 51, जनकपुरी, वार्ड नं. 63, बलाइयों का मोहल्ला, जोरपुरा सुंदरियावास, लोछुवो की ढाणी, आला का वास, जोरपुरा सुंदरियावास में खुलेंगे। झोटवाड़ा की जनता ने इस सराहनीय पहल हेतु कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का आभार जताया है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में बच्चों को बेहतर शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र न केवल बच्चों को प्र��रंभिक शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने ��र उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में भी सहायक होते हैं।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने कहा, झोटवाड़ा क्षेत्र में यह पहल आदरणीय प्रधानमंत्री जी की विकासशील नीतियों और ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना का प्रमाण है। यह केन्द्र बच्चों के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।
भाजपा के सतत प्रयासों से राजस्थान के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों को नई गति मिली है। इस योजना से झोटवाड़ा क्षेत्र की जनता लाभान्वित होगी और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की राह प्रशस्त होगी
2 notes
·
View notes
Text
बेमिसाल एक साल: झोटवाड़ा विकास कार्य में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का योगदान
झोटवाड़ा विकास: एक साल की झलक
कर्नल राठौड़ की प्राथमिकता झोटवाड़ा के हर वर्ग के विकास पर केंद्रित रही है। उनके नेतृत्व में, क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता तक हर पहलू पर ध्यान दिया गया है।
1. बुनियादी ढांचे का कायाकल्प
झोटवाड़ा के विकास में सबसे बड़ा योगदान बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना रहा है।
सड़क निर्माण: क्षेत्र में 200 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य।
पेयजल सुविधाएं: जल वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण और पानी की आपूर्ति में सुधार।
परिवहन सुविधाएं: नई बस सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन के बेहतर प्रबंधन की शुरुआत।
2. शिक्षा में सुधार और डिजिटल युग की शुरुआत
कर्नल राठौड़ के प्रयासों ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने में मदद की।
डिजिटल क्लासरूम: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत।
नई लाइब्रेरी: छात्रों के लिए डिजिटल और पारंपरिक पुस्तकालयों की स्थापना।
वित्तीय सहायता: गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुफ्त कोचिंग सुविधाएं।
3. स्वास्थ्य सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर्नल राठौड़ ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
नए अस्पताल: झोटवाड़ा में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण।
स्वास्थ्य शिविर: मुफ्त चिकित्सा शिविरों और स्वास्थ्य जांच अभियान का आयोजन।
को��िड प्रबंधन: टीकाकरण अभियान को प्रभावी तरीके से चलाना और जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
4. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण
झोटवाड़ा में स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
कचरा प्रबंधन प्रणाली: आधुनिक कचरा निपटान और पुनर्चक्रण इकाइयों की स्थापना।
पौधारोपण अभियान: हजारों पौधे लगाकर हरित क्षेत्र में वृद्धि।
साफ-सफाई अभियान: स्वच्छ भारत अभियान के तहत झोटवाड़ा को स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयास।
5. युवा और खेल विकास
कर्नल राठौड़ के खेल प्रेम ने झोटवाड़ा में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
खेल मैदानों का विकास: नए खेल परिसर और सुविधाओं का निर्माण।
युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: खेलों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर।
खेल उपकरण वितरण: स्कूलों और समुदायों में खेल उपकरणों का वितरण।
झोटवाड़ा के नागरिकों की राय
कर्नल राठौड़ के प्रयासों का झोटवाड़ा के नागरिकों ने खुले दिल से स्वागत किया है।
नवीन कुमार (व्यापारी): “कर्नल राठौड़ के आने से झोटवाड़ा में विकास को नई दिशा मिली है।”
सुमन देवी (गृहिणी): “हमारे क्षेत्र की सड़कें और पानी की समस्याएं अब दूर हो गई हैं।”
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का दृष्टिकोण
कर्नल राठौड़ का मानना है कि झोटवाड़ा का विकास समग्र और समावेशी होना चाहिए। उनके शब्दों में: “मेरा सपना है कि झोटवाड़ा विकास का प्रतीक बने। हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं मिले और क्षेत्र आत्मनिर्भर बने।”
आगे की राह: झोटवाड़ा का भविष्य
कर्नल राठौड़ की योजना झोटवाड़ा को एक स्मार्ट और सतत विकासशील क्षेत्र में बदलने की है।
आने वाले प्रोजेक्ट्स:
स्मार्ट शहर सुविधाएं: डिजिटल सेवाओं और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग।
आधुनिक कृषि पहल: किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजार तक पहुंच में सुधार।
शिक्षा और कौशल विकास केंद्र: युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर।
झोटवाड़ा का बेमिसाल साल
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की मेहनत और समर्पण ने झोटवाड़ा को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ₹1112 करोड़ के निवेश और निरंतर प्रयासों ने क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। यह न केवल झोटवाड़ा के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
3 notes
·
View notes
Text
खुरपका मुंहपका टीकाकरण अभियान का सीडीओ ने किया उद्घाटन
देवरिया। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत दिनांक 23.12.2024 से खुरपका- मुंहपका (एफ.एम.डी.) टीकाकरण अभियान का पंचम चरण जनपद में प्रारम्भ किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद के समस्त गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं (04 माह से छोटे पशु तथा 08 माह से अधिक के ग्यावन पशुओं को छोड़कर) का टीकाकरण किया जाना है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम केन्द्र सरकार द्वारा पोषित व रा��्य…
View On WordPress
0 notes
Text
अब आसानी से हो सकेगी ब्रेस्ट कैंसर की पहचान, दिल्ली एम्स लेगा आशा कार्यकर्ता और एआई की मदद
दिल्ली एम्स अस्पताल भारत में ब्रेस्ट कैंसर एक बड़ा खतरा बन रहा है. हर साल लाखों महिलाएं इसका शिकार हो रही है. दिल्ली का एम्स ब्रेस्ट कैंसर की जल्द पहचान के लिए एआई तकनीक पर काम कर रहा है. एआई की मदद से मेमोग्राम जैसे टेस्ट किए जा रहे हैं और इसपर स्टडी भी चल रही है. अब ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए आशा कार्यकर्ताओं की मदद भी ली जाएगी. आशा कार्यकर्ता दूरदराज के गावों, कस्बों में टीकाकरण का काम…
0 notes
Text
पल्स पोलियो अभियान/Pulse Polio Campaign 8 से 16 दिसंबर तक राज्य के 16 जिलों में चलाया जाएगा।
Pulse Polio Campaign सारांश 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए तीन दिवसीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान पूरे देश में चल रहा है। रविवार से शुरू होने वाले इस अभियान में मोबाइल टीमें, ट्रांजिट टीमें और टीकाकरण केंद्र देश भर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापक कवरेज सुनिश्चित करेंगे। इस अभियान में पूरे भारत में घर-घर जाकर और बूथ-आधारित ओरल पोलियो वैक्सीन का प्रशासन शामिल है। देश भर में तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान/Pulse Polio Campaign चलाया जा रहा है। यह अभियान रविवार को 0 से 5 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए शुरू होगा। अभियान में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मोबाइल टीमें, ट्रांजिट टीमें और समर्पित टीकाकरण केंद्र शामिल होंगे। पहले दिन, 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को बूथ पर लाया जा सकता है, जहाँ उन्हें मौखिक पोलियो वैक्सीन की दो बूँदें पिलाई जाएँगी। अगले दो दिनों (4 और 5 मार्च) के लिए, स्वास्थ्य टीमें हर दिन जाएँगी। अभियान के तहत टीकाकरण दलों ने दूरदराज के इलाकों और अनौपचारिक बस्तियों में बच्चों को पोलियो के टीके ल��ाने शुरू कर दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तीन दिनों तक घर-घर जाकर टीकाकरण किया जाएगा, जबकि शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान पांच दिनों तक चलेगा। इस पहल का समर्थन करने के लिए कई सघन पल्स पोलियो टीकाकरण दल तैनात किए गए हैं। पूरे जिले में भीड़भाड़ वाले बाज़ारों, धार्मिक स्थलों, बस स्टेशनों, टोल बूथों और रेलवे स्टेशनों पर ट्रांजिट टीमें तैनात की गई हैं। मोबाइल टीमें खानाबदोश जनजातियों और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों तक पहुँचेंगी। सभी स्वास्थ्य केंद्रों, उप-केंद्रों, जिला अस्पतालों, ग्रामीण अस्पतालों और उप-जिला अस्पतालों में भी टीकाकरण उपलब्ध रहेगा। स्कूल प्रमुखों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने और पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए स्कूल खुले रखने के निर्देश दिए गए हैं। पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करने के लिए तालुक-स्तरीय समितियों और महिला स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल किया जाएगा। लुधियाना जिले में सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह औलाख ने पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, जिसमें पांच वर्ष से कम आयु के 4.78 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई। त्रिची में त्रिची निगम पांच क्षेत्रों में 267 केंद्रों पर मौखिक पोलियो टीकाकरण अभियान चलाएगा, जिसमें 60,613 बच्चे शामिल होंगे। यह अभियान नर्सों सहित 1,036 स्वास्थ्य कर्मियों की सहायता से चलाया जाएगा। ट्रांजिट हब पर मोबाइल टीकाकरण शिविर लगाए जाएंगे और बाजारों और स्कूलों में टीकाकरण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
भारत में पोलियो का इतिहास
- 1978 में पोलियो वैक्सीन की शुरुआत से पहले, सालाना अनुमानित 2,00,000 पोलियो के मामले थे। - 1995 में पल्स पोलियो कार्यक्रम की शुरुआत से पहले, सालाना अनुमानित 50,000 पोलियो के मामले थे। - 1997 में, WHO- राष्ट्रीय पोलियो निगरानी परियोजना (WHO-NPSP) के समर्थन से केस-आधारित पोलियो निगरानी शुरू हुई। तब से प्रयोगशाला नेटवर्क के साथ एक्यूट फ्लेसीड पैरालिसिस (AFP निगरानी) के माध्यम से पोलियोवायरस संचरण का पता लगाने के लिए निगरानी की जाती रही है। - 1999 में टाइप 2 उन्मूलन और पोलियो राउंड की कवरेज बहुत अधिक होने के बावजूद, पोलियोवायरस टाइप 1 और 3 का प्रसार जारी रहा। परिणामस्वरूप, शोध किया गया जिसने सं���ेत दिया कि मोनोवैलेंट टाइप 1 और 3 में tOPV की तुलना में बेहतर सीरोकन्वर्ज़न है। इसलिए, मोनोवैलेंट वैक्सीन टाइप 1 की शुरुआत की गई और उसके बाद टाइप 3 वैक्सीन की शुरुआत की गई। - 2005 में, देश-स्तरीय शोध के बाद, भारत वैश्विक स्तर पर मोनोवैलेंट वैक्सीन (टाइप 1) का उपयोग करने वाल�� पहला देश था। - जनवरी 2010 में, देश के शोध के आधार पर, अफगानिस्तान के बाद भारत द्विसंयोजक टीका पेश करने वाला दूसरा देश था, जो बहुत प्रभावी साबित हुआ। Read the full article
0 notes
Text
सफल डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) के लिए पशुओं की देखभाल और पोषण
प्रिय पाठकों, बलवान कृषि के ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है।
भारत में कुशल डेयरी फार्मिंग(#DairyFarming) करने के लिए यह जरुरी है की दुधारू पशु के लिए संतुलित आहार का ध्यान रखा जाये साथ ही उन सभी पशुओं की देखभाल बेहतर ढंग से की जाये, विदेशी और देसी दोनों नस्लों के पशुओं की क्षमता के अनुसार पशु चारा और उनके रहने वाली जगह का उचित प्रबंध किया जाये, पशुओं की नियमित जाँच और सही समय पर टीकाकरण करवाया जाये, साथ ही उनकी रहने वाली जगह पूरी तरह से साफ-सुथरी हो।
यहां पढ़ें पूरी स्टोरी : सफल डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) के लिए पशुओं की देखभाल और पोषण
0 notes
Text
बोर्रा में WHO की देखरेख में लगा टीकाकरण कैंप
गौरा (प्रतापगढ़) 28 नवंबर 2024। प्रतापगढ़ जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरा के अधीक्षक डॉ. विकास दीप पटेल के नेतृत्व में बोर्रा गांव में 27 नवंबर को एक सफल टीकाकरण कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप की निगरानी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मॉनिटर राहुल तिवारी ने की। उनके साथ सुपरवाइजर मनोज मिश्रा और अरुण मिश्रा ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एएनएम रीता देवी ने…
0 notes
Text
पोलियो के मामलों में चिंताजनक वृद्धि के बाद पाकिस्तान ने एक और टीकाकरण अभियान शुरू किया
इस्लामाबाद: पाकिस्तान राष्ट्रव्यापी शुरू हुआ टीकाकरण अभियान सोमवार को 45 मिलियन बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए नए मामलों में वृद्धि के बाद उन दो देशों में से एक में इस बीमारी को रोकने के वर्षों के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है जहां यह कभी भी खत्म नहीं हुआ है। पाकिस्तान नियमित रूप से ऐसे अभियान चलाता रहता है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों और उन्हें बचाने के लिए नियुक्त पुलिस को निशाना बनाकर हिंसा…
View On WordPress
0 notes
Text
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन में 70 साल के लोगों के लिए लॉन्च करेंगे विशेष योजना, U-WIN पोर्टल भी होगा शुरू
Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वास्थ्य संबंधी कई योजनाओं की शुरुआत की गई है. इन्हीं में से एक है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY). जिसके तहत 70 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए पीएम मोदी द्वारा स्वास्थ्य बीमा की शुरुआत 29 अक्टूबर को किए जाने की संभावना है. इसके साथ ही नियमित टीकाकरण की…
0 notes
Text
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व्यवस्थापक की तरह मिशन मोड में कार्य करें-जिलाधिकारी टिहरी
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व्यवस्थापक की तरह मिशन मोड में कार्य करें-जिलाधिकारी टिहरी टिहरी, 18 अक्टूबर, 2024: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों से संबंधित अर्द्धवार्षिक बैठक आहूत की गई। बैठक में हाई रिस्क प्रेगनेंसी, पूर्ण टीकाकरण, प��.सी.पी.एन.डी.टी., एएनसी पंजीकरण, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस, एनीमिया मुक्त भारत, आशा…
0 notes
Text
Colonel Rajyavardhan Rathore gave another gift to Jhotwara, 5 new Anganwadi centers will be opened
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के सार्थक प्रयासों से झोटवाड़ा में खुलेंगे 5 नए आंगनबाड़ी केन्द्र
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने दी झोटवाड़ा को एक और सौगात, खुलेंगे 5 नए आंगनबाड़ी केन्द्र
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री और झोटवाड़ा से लोकप्रिय भाजपा विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी के सार्थक प्रयासों से झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 5 नए आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। जिससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा। कम उम्र के बच्चों, गर्भवती-धात्री महिलाओं को पोषाहार के साथ टीकाकरण व पढ़ाई की सुविधा घर के पास ही केन्द्र पर मिलेगी। ये नए आंगनबाड़ी केन्द्र इन्द्रा कॉलोनी (बिंदायका) वार्ड नं. 49, घनश्याम विहार, वार्ड नं. 51, जनकपुरी, वार्ड नं. 63, बलाइयों का मोहल्ला, जोरपुरा सुंदरियावास, लोछुवो की ढाणी, आला का वास, जोरपुरा सुंदरियावास में खुलेंगे। झोटवाड़ा की जनता ने इस सराहनीय पहल हेतु कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का आभार जताया है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में बच्चों को बेहतर शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र न केवल बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में भी सहायक होते हैं।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने कहा, झोटवाड़ा क्षेत्र में यह पहल आदरणीय प्रधानमंत्री जी की विकासशील नीतियों और ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना का प्रमाण है। यह केन्द्र बच्चों के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।
भाजपा के सतत प्रयासों से राजस्थान के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों को नई गति मिली है। इस योजना से झोटवाड़ा क्षेत्र की जनता लाभान्वित होगी और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की राह प्रशस्त होगी
2 notes
·
View notes
Text
कोविड वैक्सीन के कारण अचानक मृत्यु का जोखिम बढ़ा? संसद में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने क्या कहा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि आईसीएमआर के एक अध्ययन ने निर्णायक रूप से यह प्रमाणित किया है कि कोविड टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा है, बल्कि उनकी संभावना कम हुई है। राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, नड्डा ने कहा कि कोविड-19 के कारण पहले अस्पताल में भर्ती होना, अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास और कुछ जीवनशैली संबंधी…
0 notes
Text
उत्तराखंड हैल्थ प्रीमियर लीग, सेमीफाइनल में पहुंची सीएमओ
देहरादून: उत्तराखंड हैल्थ प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट के चौथे दिन, एन.एच.एम. वॉरियर्स ने “संपूर्ण टीकाकरण- समझदारी दिखाएं, बच्चे का संपूर्ण टीकाकरण करवाएं” थीम के तहत आयकर विभाग को 5 विकेट से हराकर एक शानदार जीत दर्ज की। आयकर विभाग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 140 रन बनाए। उनकी ओर से बल्लेबाजों ने काफी प्रयास किया, लेकिन एन.एच.एम. वॉरियर्स की गेंदबाजी ने उन्हें रोकने में…
0 notes
Text
MI Treatment: Best Sexologist in Patna, Bihar | Dr. Sunil Dubey
पुरुष में होने वाले बांझपन के बारे में:
पुरुष बांझपन या जनन-अक्षमता का तात्पर्य है कि पुरुष द्वारा अंडे को निषेचित करने या सफल गर्भधारण के योगदान देने में असमर्थता का होना। दुनिया भर के तमाम सर्वेक्षणों और आंकड़ों के अनुसार, यह पाया गया कि 15% वैवाहिक जोड़े बांझपन का अनुभव करते हैं। इस स्थिति में, पुरुष कारक इस बांझपन के 30-40% मामलों में योगदान करते हैं। यह सच है कि 7% पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याएं होती हैं। कारण चाहे जो भी हो, यह हमारे समाज के लिए एक अभिशाप से कम नहीं है। पुरुष और महिला दोनों को इस समस्या से जूझना पड़ता है। समस्या चाहे पुरुष में हो या महिला में, यह वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य व सेक्सोलोजी विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. सुनील दुबे, जो कि पटना में सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट भी हैं, कहते हैं कि पुरुषों में बांझपन के कई जोखिम कारक होते हैं। सबसे आम जोखिम कारक उम्र (35 वर्ष से ऊपर), बांझपन का पारिवारिक इतिहास, पिछली प्रजनन समस्याएं, मधुमेह, कैंसर, जीवनशैली कारक (धूम्रपान, अत्यधिक गर्मी) हैं। ये सभी कारक पुरुषों में बांझपन की संभावना को बढ़ाते हैं। हमारे सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में एक लंबे समय से आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा के विशेषज्ञ रहे हैं। उन्होंने पुरुषों के समस्त गुप्त व यौन रोग पर अपना शोध किया है और अपने शोध के पांच वर्षों के बाद, उन्होंने उनके लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार की सफलतापूर्वक खोज की है।
पुरुषों में होने वाले बांझपन के सामान्य कारण:
अपने दैनिक अभ्यास, शोध, अध्ययन, अनुभव और रोगियों की समस्याओं के आधार पर, वे बताते हैं कि ऐसे कई कारण हैं जो पुरुषों को बांझपन की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए पुरुष में होने वाले इस बांझपन के संभावित कारणों को जानते है।
शुक्राणुओं की कम संख्या (ओलिगोस्पर्मिया): 15 मिलियन/एमएल से कम होने पर।
शुक्राणुओं की खराब गतिशीलता (एस्थेनोस्पर्मिया): 32% से कम होने पर।
असामान्य शुक्राणु आकृति विज्ञान (टेराटोस्पर्मिया): 4% से कम होने पर।
कम टेस्टोस्टेरोन स्तर (हार्मोन असंतुलन) के होने पर।
रुकावट या अवरोध (नसबंदी) होने के कारण।
स्तंभन दोष (ईडी) होने के कारण।
शीघ्रपतन (पीई) होने के कारण।
आनुवंशिक विकार (क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम) होने पर।
संक्रमण (ऑर्काइटिस और एपिडीडिमाइटिस) के कारण।
प्रजनन अंगों में आघात या चोट के कारण।
डॉ. सुनील दुबे जो पुरे बिहार में सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट है, बताते हैं कि मुख्य रूप से उम्र बढ़ना, धूम्रपान, तनाव, व्यायाम की कमी, मधुमेह, कैंसर, पर्यावरणीय कारक और आनुवंशिक विकार पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं। उनका कहना है कि पुरुषों में बांझपन के लक्षणों को जानने से समस्या को समझने और किसी अनुभवी यौन स्वास्थ्य सेवा इकाई या डॉक्टर से व्यक्तिगत मार्गदर्शन और उपचार प्राप्त करने ��ें मदद मिलती है।
गर्भधारण करने में कठ��नाई होना।
शुक्राणुओं की कम संख्या होना।
स्तंभन दोष का होना।
दर्दनाक स्खलन का होना।
अंडकोष में सूजन या गांठ का होना।
पुरुषों में बांझपन से बचाव हेतु:
डॉ. सुनील दुबे का कहना हैं कि स्वास्थ्य में सुधार और जीवनशैली में बदलाव हमेशा अच्छे यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं। जो व्यक्ति बांझपन या किसी भी अन्य गुप्त व यौन समस्या से बचना चाहता है, तो उसे निम्नलिखित सुझावों का पालन करना चाहिए, इससे उन्हें अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिलेगी।
स्वस्थ जीवनशैली की आदतें को अपनाना।
अत्यधिक गर्मी से बचना।
तनाव और चिंता को प्रबंधित करना।
नियमित जांच व स्वयं के प्रति जागरूकता।
यौन संचारित रोगों के खिलाफ टीकाकरण करवाना।
पुरुषों में होने वाले बांझपन के लिए निदान और उपचार:
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि निदान हमेशा मेडिकल केस इतिहास, शारीरिक परीक्षण, वीर्य विश्लेषण, हार्मोन स्तर परीक्षण और इमेजिंग (अल्ट्रा साउंड) अध्ययनों पर आधारित होता है। डॉ. सुनील दुबे भारत के सीनियर आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को अपना व्यापक उपचार और उपचार प्रदान करते हैं। वह इस बांझपन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए जड़ी-बूटियाँ, प्रभावी भस्म, प्राकृतिक रसायन, हार्मोनल थेरेपी, एंटी-चिंता थेरेपी और आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
उनका उपचार और दवा की प्रक्रिया प्राकृतिक तरीके पर आधारित है जहाँ सभी गुप्त व यौन रोगियों को पूर्णकालिक आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार सहायता मिलती है। उनका कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति के जीवन में यौन समस्या नहीं है, बल्कि यह एक जोड़े के जीवन में एक भावनात्मक घाव भी है। वह जोड़ों को परामर्श, मनोवैज्ञानिक सहायता और यौन चिकित्सा भी प्रदान करते हैं।
बांझपन की स्थिति में क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट से कब सलाह लेनी चाहिए: -
एक साल के बाद गर्भधारण करने में कठिनाई
पिछले प्रजनन संबंधी मुद्दे
असामान्य वीर्य विश्लेषण
स्तंभन दोष (नपुंसकता)
दर्दनाक स्खलन विकार
याद रखें: पुरुष में होने वाला बांझपन एक आम गुप्त व यौन समस्या है, और चिकित्सा सहायता लेने से अंतर्निहित कारणों का पता लगाने और प्रजनन क्षमता की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट लें: -
दुबे क्लिनिक भारत का विश्वसनीय आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो उपचार, चिकित्सा और परामर्श जैसे सभी गुणवत्ता उद्देश्यों के लिए प्रमाणित और सत्यापित है। यह भारत का अग्रणी आयुर्वेदिक क्लिनिक है जो लंगर टोली, चौराहा, पटना-04 में स्थित है। डॉ. सुनील दुबे प्रतिदिन इस क्लिनिक में अभ्यास करते हैं जहाँ पूरे भारत से विभिन्न प्रकार के गुप्त व यौन रोगी अपने बुनियादी और उन्नत उपचार के लिए आते हैं। वह उन सभी को यौन समस्याओं के वास्तविक और अंतर्निहित कारणों का पता लगाने और समग्र आयुर्वेदिक उपचार और दवा प्रदान करने में मदद करते हैं।
क्लिनिक पर जाने या ऑन-कॉल परामर्श के लिए प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे के बीच फ़ोन पर अपॉइंटमेंट बुक करें। ऑन-कॉल परामर्श का समय शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच है। दुबे क्लिनिक से अब तक भारत के साढ़े सात लाख से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी लाभान्वित हो चुके हैं।
और अधिक जानकारी के लिए: -
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350-92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
#dubeyclinic#drsunildubey#ayurvedic#health#food#nature#healthcare#health & fitness#home & lifestyle#clinic#bestsexologist#bestsexologistpatna#bestsexologistbihar#sexologist#bestsexologistindia
0 notes