#टीकाकरण
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अपने स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए मेडुगो ऐप डाउनलोड करें
मेडुगो ऐप से अपने परिवार के स्वास्थ्य की निगरानी करें। रक्त परीक्षण रिपोर्ट,बुखार,रक्तचाप,रक्त शर्करा स्तर,नाड़ी, स्कैन रिपोर्ट, टीकाकरण रिपोर्ट और मासिक धर्म चक्र को सहेजने का सरल तरीका।
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Todays Corona Cases : देश में रफ्तार पकड़ रहा कोरोना, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी सतर्क रहने की सलाह
नई दिल्ली। Todays Corona Cases एक बार फिर से भारत में कोरोना के मामलें लगातार बढ़ते जा रहे है। जिसको मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से बचाव करने की सलाह दी है। एमओएचएफडब्ल्यू ने सभी राज्यों को सलाह दी कि वे कोविड-19 से लड़ने के लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड के उपयुक्त व्यवहार की 5 गुना रणनीति अपनाएं। Noida Accident : ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा, 15 लोग…
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भारत बायोटेक ने केंद्र से CoWIN पोर्टल में अपने इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन को शामिल करने का आग्रह किया
भारत बायोटेक ने केंद्र से CoWIN पोर्टल में अपने इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन को शामिल करने का आग्रह किया
द्वारा पीटीआई हैदराबाद: भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपने इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन iNCOVACC को CoWIN पोर्टल में शामिल करे, ताकि टीका प्राप्त करने वालों को टीकाकरण प्रमाणपत्र मिल सके। कंपनी के सूत्रों ने कहा कि भारत बायोटेक वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय ‘संभावित भागीदारों’ के साथ चर्चा कर रही है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर इंट्रानेजल वैक्सीन के निर्माण और वितरण के लिए कंपनी…
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गौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हुई क्लस्टर बैठक, टीकाकरण पर रहा जोर
गौरा (प्रतापगढ़), 12 नवंबर 2024। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गौरा पर आशा कार्यकर्ताओं की क्लस्टर बैठक आयोजित की गई, जिसमें क्षेत्र में टीकाकरण और स्वास्थ्य योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक का नेतृत्व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विकास दीप पटेल ने किया। इस अवसर पर बीएमसी नरेंद्र मिश्र, बीसीपीएम हसनैन सिद्दीकी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मनोज सहाय, और बीपीएम नितिन शर्मा भी मौजूद…
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Pakistan में दो अलग-अलग घटनाओं में पोलियो टीकाकरण करने वालों पर हमला
पेशावर (पाकिस्तान) । पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में पोलियो टीकाकरण दल पर हमला करने वाले तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। सूत्रों ने यहां बताया कि एक अन्य घटना में आतंकवादियों ने उसी प्रांत के एक ‘डिस्पेंसरी’ में पोलियो टीकाकरण करने वाली टीम को बंधक बना लिया। पोलियो टीकाकरण टीम पर हमले की इस घटना से एक दिन पहले सोमवार को पाकिस्तान ने 4.5 करोड़ बच्चों के…
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पोलियो के मामलों में चिंताजनक वृद्धि के बाद पाकिस्तान ने एक और टीकाकरण अभियान शुरू किया
इस्लामाबाद: पाकिस्तान राष्ट्रव्यापी शुरू हुआ टीकाकरण अभियान सोमवार को 45 मिलियन बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए नए मामलों में वृद्धि के बाद उन दो देशों में से एक में इस बीमारी को रोकने के वर्षों के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है जहां यह कभी भी खत्म नहीं हुआ है। पाकिस्तान नियमित रूप से ऐसे अभियान चलाता रहता है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों और उन्हें बचाने के लिए नियुक्त पुलिस को निशाना बनाकर हिंसा…
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन में 70 साल के लोगों के लिए लॉन्च करेंगे विशेष योजना, U-WIN पोर्टल भी होगा शुरू
Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वास्थ्य संबंधी कई योजनाओं की शुरुआत की गई है. इन्हीं में से एक है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY). जिसके तहत 70 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए पीएम मोदी द्वारा स्वास्थ्य बीमा की शुरुआत 29 अक्टूबर को किए जाने की संभावना है. इसके साथ ही नियमित टीकाकरण की…
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प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व्यवस्थापक की तरह मिशन मोड में कार्य करें-जिलाधिकारी टिहरी
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व्यवस्थापक की तरह मिशन मोड में कार्य करें-जिलाधिकारी टिहरी टिहरी, 18 अक्टूबर, 2024: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों से संबंधित अर्��्धवार्षिक बैठक आहूत की गई। बैठक में हाई रिस्क प्रेगनेंसी, पूर्ण टीकाकरण, पी.सी.पी.एन.डी.टी., एएनसी पंजीकरण, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस, एनीमिया मुक्त भारत, आशा…
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उत्तराखंड हैल्थ प्रीमियर लीग, सेमीफा���नल में पहुंची सीएमओ
देहरादून: उत्तराखंड हैल्थ प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट के चौथे दिन, एन.एच.एम. वॉरियर्स ने “संपूर्ण टीकाकरण- समझदारी दिखाएं, बच्चे का संपूर्ण टीकाकरण करवाएं” थीम के तहत आयकर विभाग को 5 विकेट से हराकर एक शानदार जीत दर्ज की। आयकर विभाग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 140 रन बनाए। उनकी ओर से बल्लेबाजों ने काफी प्रयास किया, लेकिन एन.एच.एम. वॉरियर्स की गेंदबाजी ने उन्हें रोकने में…
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MI Treatment: Best Sexologist in Patna, Bihar | Dr. Sunil Dubey
पुरुष में होने वाले बांझपन के बारे में:
पुरुष बांझपन या जनन-अक्षमता का तात्पर्य है कि पुरुष द्वारा अंडे को निषेचित करने या सफल गर्भधारण के योगदान देने में असमर्थता का होना। दुनिया भर के तमाम सर्वेक्षणों और आंकड़ों के अनुसार, यह पाया गया कि 15% वैवाहिक जोड़े बांझपन का अनुभव करते हैं। इस स्थिति में, पुरुष कारक इस बांझपन के 30-40% मामलों में योगदान करते हैं। यह सच है कि 7% पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याएं होती हैं। कारण चाहे जो भी हो, यह हमारे समाज के लिए एक अभिशाप से कम नहीं है। पुरुष और महिला दोनों को इस समस्या से जूझना पड़ता है। समस्या चाहे पुरुष में हो या महिला में, यह वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य व सेक्सोलोजी विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. सुनील दुबे, जो कि पटना में सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट भी हैं, कहते हैं कि पुरुषों में बांझपन के कई जोखिम कारक होते हैं। सबसे आम जोखिम कारक उम्र (35 वर्ष से ऊपर), बांझपन का पारिवारिक इतिहास, पिछली प्रजनन समस्याएं, मधुमेह, कैंसर, जीवनशैली कारक (धूम्रपान, अत्यधिक गर्मी) हैं। ये सभी कारक पुरुषों में बांझपन की संभावना को बढ़ाते हैं। हमारे सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में एक लंबे समय से आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा के विशेषज्ञ रहे हैं। उन्होंने पुरुषों के समस्त गुप्त व यौन रोग पर अपना शोध किया है और अपने शोध के पांच वर्षों के बाद, उन्होंने उनके लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार की सफलतापूर्वक खोज की है।
पुरुषों में होने वाले बांझपन के सामान्य कारण:
अपने दैनिक अभ्यास, शोध, अध्ययन, अनुभव और रोगियों की समस्याओं के आधार पर, वे बताते हैं कि ऐसे कई कारण हैं जो पुरुषों को बांझपन की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए पुरुष में होने वाले इस बांझपन के संभावित कारणों को जानते है।
शुक्राणुओं की कम संख्या (ओलिगोस्पर्मिया): 15 मिलियन/एमएल से कम होने पर।
शुक्राणुओं की खराब गतिशीलता (एस्थेनोस्पर्मिया): 32% से कम होने पर।
असामान्य शुक्राणु आकृति विज्ञान (टेराटोस्पर्मिया): 4% से कम होने पर।
कम टेस्टोस्टेरोन स्तर (हार्मोन असंतुलन) के होने पर।
रुकावट या अवरोध (नसबंदी) होने के कारण।
स्तंभन दोष (ईडी) होने के कारण।
शीघ्रपतन (पीई) होने के कारण।
आनुवंशिक विकार (क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम) होने पर।
संक्रमण (ऑर्काइटिस और एपिडीडिमाइटिस) के कारण।
प्रजनन अंगों में आघात या चोट के कारण।
डॉ. सुनील दुबे जो पुरे बिहार में सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट है, बताते हैं कि मुख्य रूप से उम्र बढ़ना, धूम्रपान, तनाव, व्यायाम की कमी, मधुमेह, कैंसर, पर्यावरणीय कारक और आनुवंशिक विकार पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं। उनका कहना है कि पुरुषों में बांझपन के लक्षणों को जानने से समस्या को समझने और किसी अनुभवी यौन स्वास्थ्य सेवा इकाई या डॉक्टर से व्यक्तिगत मार्गदर्शन और उपचार प्राप्त करने में मदद मिलती है।
गर्भधारण करने में कठिनाई होना।
शुक्राणुओं की कम संख्या होना।
स्तंभन दोष का होना।
दर्दनाक स्खलन का होना।
अंडकोष में सूजन या गांठ का होना।
पुरुषों में बांझपन से बचाव हेतु:
डॉ. सुनील दुबे का कहना हैं कि स्वास्थ्य में सुधार और जीवनशैली में बदलाव हमेशा अच्छे यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं। जो व्यक्ति बांझपन या किसी भी अन्य गुप्त व यौन समस्या से बचना चाहता है, तो उसे निम्नलिखित सुझावों का पालन करना चाहिए, इससे उन्हें अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिलेगी।
स्वस्थ जीवनशैली की आदतें को अपनाना।
अत्यधिक गर्मी से बचना।
तनाव और चिंता को प्रबंधित करना।
नियमित जांच व स्वयं के प्रति जागरूकता।
यौन संचारित रोगों के खिलाफ टीकाकरण करवाना।
पुरुषों में होने वाले बांझपन के लिए निदान और उपचार:
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि निदान हमेशा मेडिकल केस इतिहास, शारीरिक परीक्षण, वीर्य विश्लेषण, हार्मोन स्तर परीक्षण और इमेजिंग (अल्ट्रा साउंड) अध्ययनों पर आधारित होता है। डॉ. सुनील दुबे भारत के सीनियर आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को अपना व्यापक उपचार और उपचार प्रदान करते हैं। वह इस बांझपन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए जड़ी-बूटियाँ, प्रभावी भस्म, प्राकृतिक रसायन, हार्मोनल थेरेपी, एंटी-चिंता थेरेपी और आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
उनका उपचार और दवा की प्रक्रिया प्राकृतिक तरीके पर आधारित है जहाँ सभी गुप्त व यौन रोगियों को पूर्णकालिक आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार सहायता मिलती है। उनका कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति के जीवन में यौन समस्या नहीं है, बल्कि यह एक जोड़े के जीवन में एक भावनात्मक घाव भी है। वह जोड़ों को परामर्श, मनोवैज्ञानिक सहायता और यौन चिकित्सा भी प्रदान करते हैं।
बांझपन की स्थिति में क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट से कब सलाह लेनी चाहिए: -
एक साल के बाद गर्भधारण करने में कठिनाई
पिछले प्रजनन संबंधी मुद्दे
असामान्य वीर्य विश्लेषण
स्तंभन दोष (नपुंसकता)
दर्दनाक स्खलन विकार
याद रखें: पुरुष में होने वाला बांझपन एक आम गुप्त व यौन समस्या है, और चिकित्सा सहायता लेने से अंतर्निहित कारणों का पता लगाने और प्रजनन क्षमता की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट लें: -
दुबे क्लिनिक भारत का विश्वसनीय आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो उपचार, चिकित्सा और परामर्श जैसे सभी गुणवत्ता उद्देश्यों के लिए प्रमाणित और सत्यापित है। यह भारत का अग्रणी आयुर्वेदिक क्लिनिक है जो लंगर टोली, चौराहा, पटना-04 में स्थित है। डॉ. सुनील दुबे प्रतिदिन इस क्लिनिक में अभ्यास करते हैं जहाँ पूरे भारत से विभिन्न प्रकार के गुप्त व यौन रोगी अपने बुनियादी और उन्नत उपचार के लिए आते हैं। वह उन सभी को यौन समस्याओं के वास्तविक और अंतर्निहित कारणों का पता लगाने और समग्र आयुर्वेदिक उपचार और दवा प्रदान करने में मदद करते हैं।
क्लिनिक पर जाने या ऑन-कॉल परामर्श के लिए प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे के बीच फ़ोन पर अपॉइंटमेंट बुक करें। ऑन-कॉल परामर्श का समय शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच है। दुबे क्लिनिक से अब तक भारत के साढ़े सात लाख से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी लाभान्वित हो चुके हैं।
और अधिक जानकारी के लिए: -
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350-92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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विशेष अभियान में पशुपालकों का बनेगा किसान क्रेडिट कार्ड
देवरिया। विकास खंड बैतालपुर के पशुधन प्रसार अधिकारी निशाकान्त तिवारी ने क्षेत्र में लम्पी टीकाकरण के दौरान पशुपालकों को जानकारी दिया कि शासन द्वारा 15 सितंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक राष्ट्रव्यापी विशेष अभियान चलाकर पशुपालकों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जाने का निर्देश दिया गया है। जनपद में विशेष अभियान का लाभ पशुपालकों दिलाने हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ ए.के.वैश्य ने सभी पशु चिकित्सालयों…
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WHO ने 2025 के Southern Hemisphere Influenza Season के लिए इन्फ्लूएंजा वैक्सीन(influenza vaccine)संरचना के लिए सिफारिशें घोषित की गईं
2025 के दक्षिणी गोलार्ध इन्फ्लूएंजा वैक्सीन(southern hemisphere influenza vaccine) के लिए अनुशंसित संरचना की घोषणा कर दी गई है।
आज, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिणी गोलार्ध में 2025 के इन्फ्लूएंजा सीज़न के लिए इन्फ्लूएंजा टीकों(southern hemisphere influenza vaccine) की वायरल संरचना के लिए सिफारिशों (recommendations for the viral composition of influenza vaccines) की घोषणा की। इन्फ्लूएंजा वायरस टीकों की संरचना पर 4-दिवसीय बैठक के बाद एक सूचना सत्र में यह घोषणा की गई। सम्मेलन सालाना दो बार आयोजित किया जाता है, एक बार दक्षिणी और एक बार उत्तरी गोलार्ध के लिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) WHO सहयोगी केंद्रों और WHO आवश्यक विनियामक प्रयोगशालाओं के विशेषज्ञों के एक सलाहकार समूह के साथ परामर्श आयोजित करता है, ताकि WHO वैश्विक इन्फ्लूएंजा निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली (GISRS) द्वारा उत्पन्न इन्फ्लूएंजा वायरस निगरानी डेटा का विश्लेषण किया जा सके। जारी की गई सिफारिशों का उपयोग राष्ट्रीय वैक्सीन नियामक एजेंसियों और दवा कंपनियों द्वारा अगले इन्फ्लूएंजा सीज़न के लिए इन्फ्लूएंजा टीकों को विकसित करने, उत्पादन करने और लाइसेंस देने के लिए किया जाता है। इन्फ्लूएंजा टीकों में निहित वायरसों का समय-समय पर अद्यतन करना आवश्यक है, ताकि टीके प्रभावी रहें, क्योंकि इन्फ्लूएंजा वायरसों की प्रकृति निरंतर विकसित होती रहती है, जिनमें मनुष्यों में प्रसारित होने वाले और उन्हें संक्रमित करने वाले वायरस भी शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि 2025 के दक्षिणी गोलार्ध के इन्फ्लूएंजा सीज़न(southern hemisphere influenza season) में उपयोग के लिए ट्राइवेलेन्ट टीकों में निम्नलिखित चीज़ें शामिल होनी चाहिए: अंडे पर आधारित टीके - A/Victoria/4897/2022 (H1N1)pdm09 जैसा वायरस; - A/Croatia/10136RV/2023 (H3N2) जैसा वायरस; और - B/Austria/1359417/2021 (B/Victoria वंश) जैसा वायरस। सेल कल्चर-, पुनः संयोजक प्रोटीन- या न्यूक्लिक एसिड-आधारित टीके - A/विस्कॉन्सिन/67/2022 (H1N1)pdm09-जैसा वायरस; - A/डिस्ट्रिक्ट ऑफ़ कोलंबिया/27/2023 (H3N2)-जैसा वायरस; और - B/ऑस्ट्रिया/1359417/2021 (B/विक्टोरिया वंश)-जैसा वायरस। - क्वाड्रिवेलेंट इन्फ्लूएंजा टीकों के B/यामागाटा वंश घटक के लिए सिफारिश पिछली सिफारिशों से अपरिवर्तित बनी हुई है: - A B/फुकेत/3073/2013 (B/यामागाटा वंश)-जैसा वायरस।
Influenza क्या होता है?
इन्फ्लूएंजा श्वसन तंत्र का एक वायरल संक्रमण है जिसके लक्षण बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द और कमज़ोरी जैसे होते हैं। यह ऊपरी या निचले श्वसन तंत्र(respiratory tract) को प्रभावित कर सकता है और सिर और पेट में दर्द भी पैदा कर सकता है।
उपचार और रोकथाम
एंटीवायरल दवाएँ अमैंटाडाइन(amantadine) और रिमैंटाडाइन(rimantadine) टाइप ए वायरस से जुड़े इन्फ्लूएंजा के मामलों पर लाभकारी प्रभाव डालती हैं। हालाँकि, इन एजेंटों के लिए वायरल प्रतिरोध देखा गया है, जिससे उनकी प्रभावशीलता कम हो जाती है। दवाओं की एक नई श्रेणी, न्यूरामिनिडेस अवरोधक(neuraminidase inhibitors), जिसमें ओसेल्टामिविर(oseltamivir) (टैमीफ्लू) और ज़ानामिविर(zanamivir) (रेलेंज़ा) शामिल हैं, 1990 के दशक के उत्तरार्ध में पेश की गई थी; ये दवाएँ इन्फ्लूएंजा ए और बी दोनों वायरस को रोकती हैं। इसके अलावा, मानक उपचार बिस्तर पर आराम, तरल पदार्थों का सेवन और बुखार को नियंत्रित करने के लिए एनाल्जेसिक का उपयोग है। यह अनुशंसा की जाती है कि फ्लू से पीड़ित बच्चों और किशोरों को एस्पिरिन न दी जाए, क्योंकि एस्पिरिन के साथ वायरल संक्रमण का उपचार रेये सिंड्रोम से जुड़ा है, जो एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। फ्लू के खिलाफ व्यक्तिगत सुरक्षा को दो या अधिक परिसंचारी इन्फ्लूएंजा वायरस युक्त वैक्सीन के इंजेक्शन द्वारा मजबूत किया जा सकता है। ये वायरस चूजों के भ्रूण में उत्पन्न होते हैं और गैर-संक्रमित होते हैं; मानक वाणिज्यिक तैयारियों में आमतौर पर टाइप बी इन्फ्लूएंजा वायरस और कई ए उपप्रकार शामिल होते हैं। एक टीकाकरण से सुरक्षा शायद ही कभी एक वर्ष से अधिक समय तक रहती है, और वार्षिक टीकाकरण की सिफारिश की जा सकती ह���, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जो असामान्य रूप से इन्फ्लूएंजा के प्रति संवेदनशील हैं या जिनकी कमजोर स्थिति संक्रमण के मामले में गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है। हालांकि, स्वस्थ लोगों में नियमित टीकाकरण की भी सिफारिश की जाती है। इन्फ्लूएंजा और वैक्सीन प्रौद्योगिकियों की वैज्ञानिक समझ में प्रगति ने एक तथाकथित सार्वभौमिक इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के विकास को सक्षम क��या, जो व्यक्तियों को विभिन्न इन्फ्लूएंजा उपप्रकारों की एक विस्तृत श्रृंखला से बचाने में सक्षम है; वैक्सीन को 2019 में मानव विषयों को शामिल करते हुए नैदानिक परीक्षणों में प्रारंभिक परीक्षण के लिए निर्धारित किया गया था।
फ्लू(FLU) के लिए आयुर्वेदिक उपचार
फ्लू (इन्फ्लुएंजा) के लिए आयुर्वेद में कई प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं। यहाँ कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और उनके लाभ दिए गए हैं: - हल्दी (Haridra): इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। - नीम (Neem): यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है। - अश्वगंधा (Ashwagandha): यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। - तुलसी (Tulsi): यह एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है और सर्दी-खांसी में राहत देती है। - मुलेठी (Mulethi): यह गले की खराश और खांसी में राहत प्रदान करती है। इन जड़ी-बूटियों का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे कि काढ़ा, चाय, या सप्लीमेंट्स। आयुर्वेदिक उपचार धीरे-धीरे काम करते हैं लेकिन उनके परिणाम लंबे समय तक रहते हैं और उनके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते. WHO ने Mpox की rapid access diagnostic tests के लिए निर्माताओं को आपातकालीन समीक्षा के लिए आमंत्रित किया
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विश्व रेबीज दिवस 28 को, रेबीज निरोधी टीकाकरण शिविर का होगा आयोजन
बीकानेर, 26 सितंबर। रेबीज जागरुकता एवं रोकथाम अभियान के तहत 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाएगा।पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश हर्ष ने बताया कि रेबीज विषाणु जनित जानलेवा जूनोटिक बीमारी है। भारत में प्रतिवर्ष 25, 565 व्यक्ति कुत्तों के काटने से मृत्यु को प्राप्त होते हैं। यह विश्व ��ा 36 प्रतिशत है। रेबीज जागरुकता एवं रोकथाम अभियान के उद्देश्य से विश्व रेबीज दिवस प्रतिवर्ष 28 सितम्बर को…
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वित्तीय वर्ष में जननी सुरक्षा योजना में 3547 व राजश्री योजना में 1732 केसों का भुगतान हुआ - सीएमएचओ डॉ. वांकाराम चौधरी
बालो���रा@डीपी न्यूज मीडिया। जिला कलक्टर सुशील कुमार यादव के निर्देशानुसार से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत जननी सुरक्षा योजना में 6429 केसों व राजश्री योजना में 3211 केसों का भुगतान इस वित्तीय वर्ष में किया गया। साथ ��ी बच्चों का टीकाकरण भी 98 प्रतिशत से ऊपर लक्ष्य हासिल किया गया। जिला कलक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को उक्त…
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संचारी रोग नियंत्रण अभियान में नालियों की सफाई और टीकाकरण पर होगा जोर
सुवन्सा, 26 सितंबर 2024। अक्टूबर माह 2024 में चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान के लिए नगर पंचायत सुवन्सा में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता नगर पंचायत के चेयरमैन वेद प्रकाश विन्द ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी संचारी रोग नियंत्रण अभियान के प्रति सभासदों को जागरूक और संवेदीक��ण करना था, ताकि इस अभियान को सफलतापूर्वक चलाया जा सके। बैठक में बीएमसी नरेंद्र कुमार मिश्र…
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Pakistan में पोलियो के मामले बढ़ने के बाद एक और टीकाकरण अभियान शुरू
इस्लामाबाद । पाकिस्तान में पोलियो के नये मामले सामने आने के बाद सरकार ने देशभर में सोमवार को नया टीकाकरण अभियान शुरू किया ताकि देश के 4.5 करोड़ बच्चों को पोलियो की गिरफ्त में आने से बचाया जा सके। पाकिस्तान में नियमित रूप से टीकाकरण अभियान संचालित किया जाता है लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने वाले पुलिसकर्मियों पर आतंकवादी हमले ��ोते रहते हैं। उग्रवादी झूठा दावा करते हैं कि…
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