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#25 लाख परिवारों को रोजगार
ashokgehlotofficial · 2 years
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शहरों में बेरोजगारों के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना मददगार साबित हो रही है। महात्मा गांधी नरेगा की तर्ज पर शुरू योजना में अब प्रति परिवार 125 दिवस का रोजगार मिलेगा। हर हाथ को रोजगार और बेरोजगारों को सम्बल प्रदान करने के लिए 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन रोजगार के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
योजना के अनुमोदित दिशा निर्देशों में इस संशोधन की सहमति दी गई है। यह संशोधन 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। शहरी बेरोजगारों को 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने से लगभग 1100 करोड़ रुपए का व्यय होना संभावित है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में बजट 2023-24 में घोषणा की गई है।
वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अंतर्गत इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू की गई थी। गत वर्ष योजनान्तर्गत प्रति परिवार 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था।
जयपुर स्थित 18वीं शताब्दी में निर्मित खानिया की बावड़ी से 9 सितंबर 2022 को योजना का शुभारम्भ किया था। योजना में जरूरतमंद परिवार जन आधार कार्ड के माध्यम से जॉब कार्ड बनवाकर रोजगार की मांग कर सकते हैं। शहरी बेरोजगारों को रोजगार की गारंटी प्रदान कर राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी के विरूद्ध यह योजना संचालित की गई है।
इस योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, हैरिटेज संरक्षण, स्वच्छता, सेवा, कन्वर्जेंस तथा सम्पत्ति विरूपण रोकने संबंधी कार्यों सहित अन्य कई तरह के कार्य अनुमत किए गए हैं।
योजना के महत्वपूर्ण बिन्दु
- 4.51 लाख से अधिक जॉब कार्ड अब तक बनाए गए
- 6.94 लाख से अधिक सदस्य अब तक योजना से जुड़े
- 3.09 लाख परिवारों द्वारा अब तक रोजगार की मांग की गई
- 1.13 लाख से अधिक ऑनलाइन मस्टररोल जारी
- 259 रूपये अकुशल श्रमिक की प्रति दिवस मजदूरी
- 271 रूपये अर्द्धकुशल श्रमिक/मेट की प्रति दिवस मजदूरी
- 283 रूपये कुशल श्रमिक की प्रति दिवस मजदूरी
- 18 से 60 वर्ष की आयु के व्यक्ति कर सकते हैं कार्य
- ई-मित्र से भी जन आधार कार्ड के जरिए निःशुल्क पंजीकरण की सुविधा
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upenews · 3 years
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यूपी में योगी सरकार का बड़ा फैसला, 25 लाख परिवारों को रोजगार देने का एलान : Big decision of Yogi government announcement of giving 100 days of employment to 25 lakh families
यूपी में योगी सरकार का बड़ा फैसला, 25 लाख परिवारों को रोजगार देने का एलान : Big decision of Yogi government announcement of giving 100 days of employment to 25 lakh families
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, पंचायत चुनाव (Panchayat Election) खत्म होने के बाद प्रस्ताव जल्द से लागू होने की संभावना है. प्रवक्ता ने कहा, राज्य सरकार (State Government) इसके माध्यम से 25 लाख से अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देना चाहती है. योगी आदित्यनाथ (Photo Credit: फाइल ) highlights योगी सरकार 25 लाख परिवारों को देगी रोजगार मनरेगा के तहत रोजगार के मामले में 87% की छलांग इन…
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poonamranius · 3 years
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E-Shram Card Amount : ई श्रम कार्ड धारकों को मिले 1-1 हज़ार, जानें अब कब मिलेंगी राशि
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E-Shram Card Amount : ई-श्रम कार्ड ( E-Shram Card ) पर पंजीकृत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 25 करोड़ को पार कर गई है। वहीं, चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में ई-श्रमिक कार्ड प्राप्त करने वाले श्रमिकों की संख्या 8 करोड़ को पार कर गई है। ई श्रम पोर्टल ( E-Shram Portal ) पर अब तक 25 करोड़ 13 लाख 92 हजार 618 श्रमिकों ( Labour ) ने पंजीकरण कराया है। अगर रजिस्ट्रेशन की बात करें तो दूसरे चुनावी राज्य पंजाब में यह 51 लाख से थोड़ा ही ज्यादा है. ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के मामले में बिहार दूसरे और पश्चिम बंगाल तीसरे स्थान पर है। E-Shram Card Amount E Shram Card Amount आपको बता दें कि भारत सरकार ने श्रमिक परिवारों के लिए ई-श्रम कार्ड ( E-Shram Card ) योजना शुरू की है। इसके जरिए यूपी में गरीब मजदूर परिवारों को एक हजार रुपये मासिक भत्ता और दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिल रहा है ! भारत के गरीब श्रमिक परिवारों को केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का सीधा लाभ प्रदान करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा ई-श्रम कार्ड शुरू किया गया है। ई श्रम पोर्टल ( E-Shram Portal ) के तहत निर्माण श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों और प्लेटफॉर्म श्रमिकों ( Labour ) , रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों, कृषि श्रमिकों आदि सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार करना और श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज – - आधार संख्या - आधार एक सक्रिय मोबाइल नंबर से जुड़ा हुआ है - बैंक के खाते का विवरण - आयु 16-59 वर्ष के बीच होनी चाहिए ई-श्रम कार्ड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने के चरण: - सबसे पहले ई श्रम पोर्टल ( E-Shram Portal ) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं - पंजीकरण के लिए लिंक पृष्ठ के किनारे पर होगा - ‘ई-श्रम पर पंजीकरण’ पर क्लिक करें - आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर और कैप्चा दर्ज करें - ‘ओटीपी भेजें’ पर क्लिक करें - ओटीपी दर्ज करें, ई-श्रम के लिए पंजीकरण फॉर्म खुल जाएगा - व्यक्तिगत, शैक्षिक और बैंक विवरण दर्ज करें - यह ई-श्रम कार्ड ( E-Shram Card ) पंजीकरण पूरा करेगा यूपी में रजिस्ट्रेशन संख्या 8 करोड़ के पार अगर राज्यों की बात करें तो योगी सरकार द्वारा मजदूरों ( Labour ) को हर महीने 500 रुपये देने की घोषणा के बाद ई श्रम पोर्टल ( E-Shram Portal ) पर रजिस्ट्रेशन की ऐसी बाढ़ आ ��ई कि यहां संख्या 8 करोड़ को पार कर गई है. अभी कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने ई-श्रम कार्ड ( E-Shram Card ) धारक मजदूरों के खाते में 1000-1000 रुपये डाले थे. बाकी के 1000 रुपये कब आएंगे : E-Shram Card Amount यूपी सरकार की ओर से ई श्रम पोर्टल ( E-Shram Portal ) पर पंजिकृत मजदूरों  ( Labour ) के खातों में भेजी गई 1000-1000 रुपये की राशि दिसंबर-मार्च की है ! इस समय यूपी में चुनाव आचार संहिता लागू है। ऐसे में अगली सरकार जो भी बनेगी, वह सरकार ई-श्रम कार्ड ( E-Shram Card ) के अंतर्गत बाकी के 1000-1000 रुपये 10 मार्च के बाद ही आएंगे ! देशभर में जाति के आधार पर नजर डालें तो ई-श्रम कार्ड ( E-Shram Card ) पाने वालों में ओबीसी 45.61 फीसदी, सामान्य वर्ग के कार्यकर्ता 25.71 फीसदी, एससी 21.72 फीसदी और एसटी 6.96 फीसदी हैं. महिलाओं की बात करें तो ई श्रम पोर्टल ( E-Shram Portal ) पर सर्वाधिक 52.79 प्रतिशत महिलाओं ने पंजीकरण कराया है। वहीं, पुरुषों का प्रतिशत 47.21 है। इनमें सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन कृषि से जुड़े मजदूरों का है। कृषि से जुड़े 11.13 करोड़ लोगों को ई-श्रमिक कार्ड मिले हैं। वहीं, 2.39 करोड़ कामगार श्रमिक ( Labour ) घरेलू और घरेलू कामगारों से आते हैं। इसके बाद 2.3 करोड़ श्रमिक निर्माण कार्य में लगे हैं। ई-श्रमिक कार्ड कौन प्राप्त कर सकता है ई श्रम पोर्टल ( E-Shram Portal ) हर दुकान नौकर / सेल्समैन / हेल्पर, ऑटो ड्राइवर, ड्राइवर, पंचर मेकर, चरवाहा, डेयरी मैन, सभी मवेशी कीपर, पेपर हॉकर, जोमैटो स्विगी डिलीवरी बॉय, अमेज़न फ्लिपकार्ट डिलीवरी बॉय (कूरियर), नर्स, वार्डबॉय, आया, ट्यूटर, हाउसकीपर – नौकरानी (युवती नौकरानी), रसोइया (रसोइया), सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर कार्यकर्ता, नाई, मोची, दर्जी, बढ़ई, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन (इलेक्ट्रीशियन), पोता वाला (पेंटर), टाइल मैन, वेल्डिंग मैन, कृषि मजदूर, नरेगा मजदूर, ईंट भट्ठा मजदूर, पत्थर तोड़ने वाला, खदान में काम करने वाला, फाल्स सीलिंग वर्कर, मूर्तिकार, मछुआरा, रेजा, कुली, रिक्शा चलाने वाला, ठेले वाला श्रमिक ( Labour ) कोई भी, किसी भी तरह का विक्रेता, चाट वाला, भेल वाला, चाय वाला, होटल नौकर /वेटर, रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ लिपिक, संचालक, मंदिर के पुजारी, विभिन्न सरकारी कार्यालयों के दैनिक वेतन भोगी यानि वास्तव में आपके आसपास यह ई श्रम कार्ड ( E Shram Card ) दिखाई देने वाले प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए बनाया जा सकता है। Read the full article
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breakingnewsfirst · 3 years
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1. इन 6 राज्‍यों में कोरोना ने बढ़ाई आफत, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर जताई चिंता
2. वही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली तथा चुनावी प्रदेश यूपी में अभी भी कोरोना परेशानी का विषय बना हुआ है.
3. LG ने वीकेंड कर्फ्यू खत्म करने का प्रस्ताव ठुकराया , निजी दफ्तरों में 50 % उपस्थिति पर सहमति जताई
4. आज़ादी के बाद दिल्ली में कुछ गिने - चुने परिवारों के लिए ही नया निर्माण हुआ : PM मोदी
5. UP Election 2022 : राहुल का बीजेपी पर बड़ा अटैक , बोले प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरी का खोखला शब्द नहीं , हम दिलाएंगे आपको रोजगार
6दिल्ली में जारी रहेगा वीकेंड कर्फ्यू, उपराज्यपाल ने खारिज किया आप सरकार का प्रस्ताव
7. दिल्ली में आज 10,500 कोरोना मामले दर्ज होने की संभावना : स्वास्थ्य मंत्री
8. UP चुनाव के लिए राहुल-प्रियंका ने जारी किया 'भर्ती विधान', कहा- युवाओं से बातचीत कर तैयार किया मेनिफेस्टो, 20 लाख लोगों को देंगे नौकरी
9. सोमनाथ मंदिर के पास नए सर्किट हाउस का उद्घाटन, पीएम बोले- तीर्थ स्थलों से बढ़ती है भारतीय एकता
10. मेघालय बना टीकों की आपूर्ति करने वाला पहला राज्य, मोदी बोले- रेल, सड़क और हवाई संपर्क के लिए काम जारी
11. राजस्थान : सीएम गहलोत ने दिया बयान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही सरकार
12. 7th Pay Commission Latest News : खुशखबरी, महंगाई भत्ते के साथ इस भत्ते में भी बढ़ोतरी का हो सकता है ऐलान, जाने
केंद्र सरकार के 31 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों (Central Government Employees) के लिए एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार (Modi Government) महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी के साथ ही आवास भत्ते (House Rent Allowance-HRA) में भी बढ़ोतरी कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार जल्द ही कर्मचारियों के लिए इस तोहफे का ऐलान कर सकती है. 
कितना बढ़ सकता है HRA
बता दें कि मौजूदा समय में सरकारी कर्मचारियों को कैटेगरी के हिसाब से 9 फीसदी, 18 फीसदी और 27 फीसदी की दर से HRA मिलता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार इस भत्ते में 3 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकती है.
जानकारों का कहना है कि सरकार (7th CPC) द्वारा अगर इस भत्ते में बढ़ोतरी की जाती है तो इससे सिर्फ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को ही फायदा मिलेगा. रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.
दरअसल, रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए वेतन और भत्तों की पूरी अलग व्यवस्था है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में तकरीबन 38 लाख पद हैं और उनमें से करीब 31.1 लाख पदों पर लोग काम कर रहे हैं. ऐसे में अगर सरकार एचआरए को बढ़ाने का फैसला करती है तो इन 31.1 लाख लोगों को फायदा मिलेगा
बता दें कि महंगाई की स्थिति को देखते हुए सरकार ने HRA में बदलाव के लिए महंगाई भत्ते (DA latest news today) का स्तर 25 से 50 फीसदी तय किया हुआ है. सरकार ने पिछले साल जुलाई में महंगाई भत्ते को बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया था.
अब चूंकि यह 25 फीसदी से ज्यादा हो गया था तो ऐसी स्थिति में एचआरए को भी बढ़ाया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार महंगाई भत्ते को बढ़ाकर 34 फीसदी कर सकती है और अगर ऐसा हुआ तो यह आंकड़ा 50 फीसदी के पार चला जाएगा जिससे एचआरए में दूसरी बार बढ़ोतरी करने का रास्ता साफ हो जाएगा.
13. Punjab Election 2022 : भाजपा ने जारी की 32 प्रत्याशियों की लिस्ट , किसान से लेकर डॉक्टर तक को बनाया प्रत्याशी
14. आने वाले दिनों में सर्दी दिखाएगी अपना रौद्र रूप, यहां होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने दी ऐसी बड़ी चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 25 जनवरी तक  देश के कई राज्यों में बारिश की भविष्यवाणी (rain forecast) की, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में घना कोहरा छाया रहेगा। वहीं उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटों तक शीतलहर का दौर जारी रहेगा।
आईएमडी (IMD) ने अपने दैनिक मौसम अपडेट में 22 और 23 जनवरी के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश (rain forecast) और बर्फबारी की भविष्याणी की है।  वहीं आज पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बारिश हो सकती है। इसके बाद 22 और 23 जनवरी को तेज बारिश के आसार बन रहे हैं। वहीं 21 से 22 जनवरी के बीच राजस्थान (Rajasthan rain forecast), 22-24 जनवरी के दौरान छत्तीसगढ़ और 22-23 जनवरी को मध्य प्रदेश में छिटपुट वर्षा की संभावना है। वहीं 22 जनवरी को उत्तरी पंजाब और हरियाणा में अलग-अलग भारी बारिश हो सकती है।
इसके साथ ही 22 से 24 जनवरी यानी तीन दिनों तक बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम (Sikkim rain forecast) में भारी बारिश के आसार हैं। 21 और 22 तारीख को पश्चिम मध्य प्रदेश और राजस्थान में, 22 जनवरी को हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश में, 22 और 23 तारीख को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश (UP rain forecast), बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और 23 जनवरी, 2022 को झारखंड, छत्तीसगढ़ और गंगीय पश्चिम बंगाल में बिजली के साथ ओले गिरने की संभावना है
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abhay121996-blog · 3 years
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काला जीरा धान से महकेगी जैविक कॉरिडोर की बगिया, विदेशों में बिकेगी बेगूसराय की सब्जी Divya Sandesh
#Divyasandesh
काला जीरा धान से महकेगी जैविक कॉरिडोर की बगिया, विदेशों में बिकेगी बेगूसराय की सब्जी
बेगूसराय। गंभीर बीमारियों का कारण बनते जहर युक्त भोजन से लोगों को दूर रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास ने ना केवल वातावरण, बल्कि किसानों की दशा और दिशा बदलनी शुरू हो गई है।
प्रधानमंत्री के आह्वान और बिहार सरकार द्वारा बनाए गए जैविक कॉरीडोर में शामिल बेगूसराय जिला में करीब 17 सौ एकड़ से अधिक में ऑर्गेनिक (जैविक) खेती किया जा रहा है। बड़ी संख्या में किसान जैविक तरीके से सब्जी और फसल उपजा कर कम लागत में अधिक फायदा उठा रहे हैं। अब ना केवल उत्पादन कर अच्छी आमदनी की जा रही है, बल्कि हर थाली में बिहारी तरकारी-सब्जी उपलब्ध कराने के सरकार के सोच के अनुरूप प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति (पीवीसीएस) के तहत निबंधन कराया जा रहा है। इसके बाद एक क्लिक पर किसान अपनी सब्जी अच्छे दाम में बेच सकेंगे।
प्रखंडों में मंडिया बनाने की तैयारी चल रही है, जिससे सब्जी का ऑनलाइन सौदा कर निर्धारित जगह पर पहुंचाया जाएगा। इससे निर्यात की अवधारणाओं को बल मिलेगा तथा बिहारी सब्जी विदेशों के बाजार में उपलब्ध होगा। सबसे बड़ी बात है कि जैविक कॉरीडोर में शामिल बेगूसराय के किसानों ने अलग मिसाल कायम करते हुए बासमती धान के उन्नत किस्म ”काला जीरा” की खेती शुरू कर दी हैं।
पहली बार इस सीजन में अब तक पांच एकड़ में जैविक तरीके से काला जीरा धान की रोपाई की जा चुकी है, इससे दर्जनों किसान परिवारों की जिंदगी महक उठेगी। बासमती धान की यह किस्म विलुप्त हो रही थी, लेकिन फिर उस किस्म को जीवित रखने का काम शुरू किया गया। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह किसानों को स्वावलंबी बनाना है और लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाने से रोकना है।
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किसान पहले मोटी धान और गेहूं की खेती करते थे, इसमें इतनी अच्छी आमदनी नहीं होती थी। जांच पड़ताल में पता चला कि इस इलाके में काला जीरा और जीरा फुल धान की खेती हो सकती है। इसके बाद किसानों को प्रेरित किया गया और काफी खोजबीन के बाद बीज उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा अन्य फसलों और सब्जियों का भी जैविक तरीके से पिछले साल शुरू की गई सामूहिक खेती रंग लाती दिखाई दे रही हैै।
जैविक खेती को बढ़ावा देने में दिन-रात लगे रहने वाले चाक निवासी मुरारी मिश्रा का कहना है कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान उत्पादक समूह के किसान उत्साहित हैं। जोर-शोर से खेती किया जा रहा है, कम खर्च और कम उत्पादन में भी अच्छी आमदनी हो रही है। विजय कुमार सिंह, संजीव कुमार, जितेंद्र कुमार एवं मोहन महतो समेत अन्य किसानों का कहना है कि जैविक खेती से बहुत अधिक लाभ मिल रहा है, परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। नया कृषि कानून अधिक लाभदायक है, इससे हम किसान अपनी उपज को कहीं भी ले जाकर बेच सकते हैं और यह प्रयास शुरू भी कर दिया गया है। नो केमिकल खेती-ऑर्गेनिक खेती-जैविक खेती-प्राकृतिक खेती करनी चाहिए, तभी हम और हमारा समाज स्वस्थ तरीके से लंबा जीवन जी सकेगा।
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जैविक कॉरिडोर बेगूसराय के नोडल पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों से उत्पादित खाद्यान्न के कुप्रभाव को देखते हुए सरकार जैविक खेती पर जोर दे रही है। गंगा किनारे बसे बिहार के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर बनाया गया है। इसमें शामिल बेगूसराय जिले में करीब 17 सौ एकड़ में पिछले साल से जैविक खेती शुरू की गई है। करीब 18 सौ किसानों को जैविक खाद का प्रयोग कर शुद्ध आहार का उत्पादन और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अब तक 27 किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) समूह बनाए गए हैं। जैविक खेती का प्रमाणीकरण बिहार स्टेट सीड एंड ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी (बसोका) से किया जाना है। 12 समूहों के 876 एकड़ से अधिक जमीन का प्रमाणीकरण किया गया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनुदान देकर किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। 11 हजार पांच सौ रुपये प्रति एकड़ की दर से बेगूसराय जिले में अब तक 191 लाख से अधिक सब्सिडी के रूप में दिए गए हैं।
जैविक तरीके से खेती करने पर लागत 50 प्रतिशत कम हो जा रहा है। गेहूं, मसूर, धान, मक्का, बैगन, आलू, टमाटर, मिर्च, कद्दू, केला आदि की खेती की गई। कोरोना काल में जैविक उत्पादों के प्रति लोग आकर्षित हुए हैं, जिसके कारण किसानों को और अच्छी आमदनी हो रही है। कृषि विभाग द्वारा टेक्निकल सपोर्ट के साथ-साथ समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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ideacitinews · 3 years
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Darbhanga: कोरोना को लेकर प्रभारी मंत्री ने की वर्चुअल मीटिंग...
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माननीय मंत्री ने डीएमसीएच का किया मुआयना Darbhanga: माननीय मंत्री पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार-सह-प्रभा���ी मंत्री, दरभंगा जिला श्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में दरभंगा के एन.आई.सी. से दरभंगा जिला के माननीय जनप्रतिनिधियों के साथ कोरोना के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव को लेकर वर्चुअल मीटिंग की गयी।   बैठक में माननीय मंत्री, श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार श्री जिवेश कुमार मिश्र, माननीय मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग श्री मुकेश सहनी, दरभंगा के माननीय सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर, मधुबनी के माननीय सांसद डॉ. अशोक कुमार यादव, समस्तीपुर के माननीय सांसाद श्री प्रिंस राज, दरभंगा नगर माननीय विधायक श्री संजय सरावगी, माननीय विधायक, बेनीपुर डॉ. विनय कुमार चौधरी, माननीय विधायक, अलीनगर श्री मिश्रीलाल यादव, माननीय विधायक, गौड़ाबौराम श्रीमती स्वर्णा सिंह, माननीय विधायक, दरभंगा ग्रामीण श्री ललित कुमार यादव, माननीय विधायक, केवटी मुरारी मोहन झा, माननीय विधायक, कुशेश्वरस्थान श्री शशि भूषण हजारी उपस्थित थे।   बैठक के प्रारंभ में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. द्वारा जिले में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्य तथा कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ईलाज के लिए की जा रही व्यवस्था से सभी माननीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराते हुए बताया गया कि दरभंगा जिले में आज की तिथि में 1557 एक्टिव केस है, पिछले तीन से चार दिनों में जिले की पॉजिटिभिटी रेट में कमी आयी है, प्रतिदिन 04 हजार सैंपल टेस्टिंग कराया जा रहा है, डी.एम.सी.एच. में 120 बेड उपलब्ध हैं तथा पूराने आई.सी.यू. में 07 एवं नये आई.सी.यू. में 25 भेंडिलेटर युक्त बेड उपलब्ध हैं, डी.एम.सी.एच. का ऑक्सीजन प्लांट चालू करा दिया गया है, जिससे कोरोना आई.सी.यू. वार्ड में सीधे ऑक्सीजन की आपूर्ति पाइप के माध्यम से हो रही है। डी.एम.सी.एच. में ऑक्सीजन प्लांट चालू हो जाने से प्रतिदिन 150 ऑक्सीजन सिलेण्डर की बचत हो रही है।   डी.एम.सी.एच. में 25 से 30 बेड और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए मानव संसाधन की आवश्यकता पड़ रही है, जिसे आउटसौर्सिंग से लेने का प्रयास किया जा रहा है। माधोपट्टी में एक ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत है, जिससे 1000 से 1100 सिलेण्डर प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है और उससे मधुबनी एवं सुपौल जिले को भी आपूर्ति की जा रही है। साथ ही कोरोना का ईलाज करने वाले निजी अस्पतालों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है और इसकी निगरानी के लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 13 पदाधिकारियों की एक टीम बनायी गयी है, जो डी.एम.सी.एच. एवं निजी अस्पतालों का भी निगरानी एवं अनुश्रवण कर रही है। इसके अतिरिक्त तीन रिफिलिंग ऑक्सीजन एजेंसी भी जिले में कार्यरत हैं, जो निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही डॉक्टर के पूर्जा के साथ यदि कोई जाएगा तो उसे भी दिलवा दिया जाएगा।     लॉकडाउन  के दौरान फ्लोमीटर मंगवाया गया है। प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि 25 हजार फ्लोमीटर क्रय किया गया है। उम्मीद है कि दरभंगा को पर्याप्त मात्रा में फ्लोमीटर उपलब्ध हो जाएगा। डी.एम.सी.एच. में भेंडिलेटर युक्त 35 बेड हैं, निजी अस्पतालों में भी भेंडिलेटर युक्त बेड उपलब्ध हैं, अभी भी 12 बेड खाली हैं और 03 निजी अस्पतालों को चिन्ह्ति किया गया है। 18 वर्ष से 44 वर्ष वालों का टीकाकरण 09 मई से प्रारंभ कर दिया गया है। सरकार के निर्देश के अनुसार 18 वर्ष से 44 वर्ष वालों का टीकाकरण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के समीप ही किया जाएगा। दरभंगा जिला में 24 स्थलों पर टीकाकरण चल रहा है, जिनमें 05 नगर निगम क्षेत्र में तथा प्रखण्डों में 19 स्थल पर चल रहे हैं। 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए पंचायतवार रोस्टर बनाकर टीकाकरण किया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी सूचना दी जा रही है। टीकाकरण में दरभंगा जिला का रैंक 09वाँ स्थान है।    स्ट्रेट ड्रग कंट्रोलर द्वारा सहायक औषधि नियंत्रक, दरभंगा के माध्यम से जिले को रेमडीसिविर उपलब्ध कराया जा रहा है और जिन अस्पतालों के द्वारा मरीज के अनुसार गूगल सीट पर माँग किया जाता है, उसके आधार पर उन्हें रेमडीसिविर उपलब्ध कराया जाता है।   मास्क का वितरण जिले में प्रारंभ करा दिया गया है। जिले में 9.65 लाख मास्क का वितरण किया गया है तथा 40 लाख मास्क का वितरण अभी किया जाना है।   माननीय प्रभारी मंत्री के अनुरोध पर बैठक में ऑनलाईन जूड़े सभी माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने सुझाव दिये गये। जिनमें डी.एम.सी.एच. में बेड बढ़ाने, डी.एम.सी.एच. की व्यवस्था और दुरुस्त करने, गंभीर कोरोना मरीजों का सी.टी. स्कैन करवाने, डी.एम.सी.एच. के चारों तल पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाने, निजी जाँच केन्द्रों द्वारा पॉजिटिव पाये गये मरीजों की भी निगरानी किया जाना, शहरी क्षेत्र में भी मास्क का वितरण किया जाना, डी.एम.सी.एच. के स्वास्थ्य प्रबंधकों के लंबित वेतन का भुगतान किया जाना, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर का प्रयोग किया जाना, डी.एम.सी.एच. में मरीजों के अटेंडेंट के लिए खाना की व्यवस्था के लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था करवाना, कोरोना वार्ड में अटेंडेंट के प्रवेश पर रोक लगाना, ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से सेनेटाईजेशन करवाना, वार्ड प्रबंधन समिति के माध्यम से बाहर से आने वाले लोगों को तलाश/खोज करवाना, डाटा ऑपरेटर की संख्या बढ़ाना, पंचायत के हर वार्ड में टीकाकरण कराना, वार्डवार जाँच टीम भेजकर आइसोलेटेड मरीजों का पता लगाना, एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाना, डॉक्टर उपलब्ध कराना, कोरोना पॉजिटिव बहुल्य गाँव में सैंपल टेस्टिंग कराना, रक्षा मंत्रालय और डी.आर.डी.ओ. के माध्यम से 500 बेड का अस्पताल खुलवाना, कोरोना मृतकों के परिजनों को 04-04 लाख रूपये का मुआवजा दिलवाना, प्रवासी मजदूरों को जल-जीवन-हरियाली, मनरेगा एवं अन्य सरकारी निर्माण कार्यों में रोजगार उपलब्ध कराना, मानव संसाधन में वृद्धि करना, कोरोना पॉजिटिव होने वाले फ्रंटलाइन वर्कर, हेल्थ वर्कर के लिए भी बेड सुरक्षित रखना, अस्पतालों में ईलाज की व्यवस्था में विस्तार करना शामिल हैं।   माननीय मंत्री श्री मुकेश सहनी ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए चिकित्सक, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ गलत रिपोर्ट देकर होम क्वारंटाइन हो जा रहे हैं, ऐसे लोगों की जाँच करायी जानी चाहिए। कोरोना पॉजिटिव के शरीर में 04 दिनों में एन्टीबॉडी बन जाता है, यदि उनके शरीर में एन्टीबॉडी नही बना है, तो इसका मतलब है कि उनको कोरोना नहीं हुआ है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि उनको सही सबक मिल सकें।     उन्होंने कहा कि कोविड मरीज को पटना रेफर न करें, बल्कि दरभंगा में ही ईलाज करें, क्योंकि जो ईलाज पटना में किया जाता है, वही ईलाज दरभंगा में भी किया जाता है। ऐसा देखा जा रहा है कि अस्पताल अपने जिम्मेवारी से बचने के लिए मरीज को पटना रेफर कर दे रहे हैं।   सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा जिलाधिकारी एवं जिला प्रशासन के कार्यों की सहराना की गयी और कहा कि डी.एम.सी.एच. तथा जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था की अच्छी तरह से निगरानी एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। इसके लिए सभी माननीय जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को धन्यवाद दिया।   बैठक को सम्बोधित करते हुए माननीय प्रभारी मंत्री ने कहा कि सभी माननीय सदस्यों की एक ही चिंता है कि कोरोना के संक्रमण पर कैसे काबू पाया जा सके और इस जंग को कैसे जीता जा सके। दरभंगा के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन सहित पूरा जिला प्रशासन इस लड़ाई में लगा हुआ है। इस कोविड की लड़ाई में विगत वर्ष से अबतक अनेक लोगों ने अपने प्राणों की आहुती दी है, हम उन सबों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं।   उन्होंने कहा कि सबों की यही सोच है कि क��रोना मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए डी.एम.सी.एच. को दुरूस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि 10 के.वी से अधिक का ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर क्रय करने हेतु पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के साथ जिला प्रशासन द्वारा एक बैठक कर ली जाए और उनकी निधि से जिले के लिए 200 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर क्रय कर लिया जाए। 10 किलो वाला कंस्ट्रेटर SP02-90 से कम रहने पर भी कार्य करेगा और ऑक्सीजन की कोई समस्या नहीं रहेंगी।   उन्होंने कहा कि मरीजों का सी.टी. स्कैन होने पर संक्रमण के वास्तविक स्थिति का पता चलता है, इसलिए गंभीर मरीजों का सी.टी. स्कैन होना आवश्यक है। जिला में टीकाकरण कराया जा रहा है। भारत सरकार से जैसे-जैसे टीका प्राप्त होगा, वैसे-वैसे टीकाकरण कराया जाता रहेंगा। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से ऊपर वाले टीका का दुसरा डोज जरूर ले लें। सभी माननीय विधायक अपनी निधि से एम्बुलेंस और नाव क्रय कर अपने क्षेत्र के लिए देने की कृपा करें। इससे सभी जगह एम्बुलेंस उपलब्ध हो जाएगा। मनरेगा के तहत 2600 नये परिवारों को जोड़ा गया है तथा 700 प्रवासी मजदूरों को काम दिया गया है। वार्ड प्रबंधन समिति बाहर से आने वालों की तुरंत सूचना उपलब्ध करावें। इसके साथ ही एक टीम बनायी जा रही है, जो घर-घर जाकर 60 वर्ष से ऊपर एवं बच्चें बीमार है, तो उसकी स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई कोरोना पॉजिटिव है, तो वहीं दवा की कीट्स उन्हें उपलब्ध करा देना है।   कोरोना के संकट से उबरने के लिए मास्क का प्रयोग निहायत जरूरी है और बिहार में 14 करोड़ मास्क का वितरण किया जाना है, जो जीविका एवं खाद्यी ग्राम उद्योग से क्रय किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सेनेटाईजेशन का काम तेजी से कराया जा रहा है। कोरोना पॉजिटिव मृतक के परिजन को दाह-संस्कार के लिए पी.पी.ई. किट्स उपलब्ध कराया जाए। मृतकों का दाह-संस्कार का कार्य सरकार की ओर से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों के लिए व्हाट्स एप्प ग्रुप बनाया गया है, जिसे गंभीरता से पहल किया जा रहा है।   बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक श्री बाबू राम, उप विकास आयुक्त श्री तनय सुल्तानिया, सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, उप निदेशक, जन सम्पर्क श्री नागेन्द्र कुमार गुप्ता व अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।   बैठक के उपरांत माननीय मंत्री, माननीय सासंद, दरभंगा, माननीय नगर विधायक एवं जिला पदाधिकारी के साथ डी.एम.सी.एच. का भ्रमण कर वहाँ के ईलाज की व्यवस्था का जायजा लिया तथा डी.एम.सी.एच. के सभागार में बैठक कर डी.एम.सी.एच. के प्रभारी अधीक्षक को डी.एम.सी.एच. के बचे हुए भेंडिलेटर व एक्स-रे मशीन को चालू करने, साफ-सफाई की मुकम्मल व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इसके उपरांत वे डी.एम.सी.एच. के आइसोलेशन वार्ड तक भ्रमण कर डी.एम.सी.एच. की व्यवस्था का मुआयना किया। राजू सिंह की रिपोर्ट Read the full article
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gokul2181 · 4 years
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PM Modi to lay foundation stone for Manipur Water Supply project today | प्रधानमंत्री ने मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट की नींव रखी, कहा- नॉर्थ ईस्ट में अब पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है
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PM Modi to lay foundation stone for Manipur Water Supply project today | प्रधानमंत्री ने मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट की नींव रखी, कहा- नॉर्थ ईस्ट में अब पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है
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इम्फाल20 मिनट पहले
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गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मणिपुर वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते प्रधानमंत्री मोदी।
3054 करोड़ के प्रोजेक्ट से 2.80 लाख घरों को नल कनेक्शन देने का लक्ष्य
मार्च 2019 तक ग्रामीण इलाकों के 18.33% घरों तक नल कनेक्शन पहुंचे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेे गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ��णिपुर वाॅटर सप्लाई प्रोजेक्ट की नींव (फाउंडेशन स्टोन) रखी। इस अवसर पर मोदी ने कहा- कोरोना के खिलाफ हमें मजबूती से लड़ते रहना है, विजयी होना है। इसके साथ ही विकास के कार्यों को भी पूरी ताकत से आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ईस्ट के लिए तीन ‘पी’ का जिक्र किया। कहा, “नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है।”
केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए जल जीवन मिशन के तहत फंड दिया है। इस प्रोजेक्ट पर 3,054.58 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। नींव रखने के प्रोग्राम में मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह, उनके कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधायक भी शामिल हुए।
दोहरी चुनौती
प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए मोदी ने भाषण में कहा, “पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत को दोहरी चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है। भारी बारिश से काफी नुकसान हो रहा है। अनेक लोगों की मृत्यु हुई है। कई को घर छोड़ने पड़े हैं। सभी परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। भारत सरकार सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर जरूरतें पूरी करने की लगातार कोशिश कर रहा है।”
कोरोना संकट का जिक्र प्रधानमंत्री ने कोरोना से निपटने में राज्य सरकार की तारीफ की। कहा, “मणिपुर में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार दिन रात जुटी हुई है। लॉकडाउन में लोगों को वापस लाने समेत राज्य सरकार ने हर जरूरी कदम उठाए। संकट के इस समय गरीबों की इसी तरह मदद करनी है। आज इम्फाल समेत मणिपुर के लाखों साथियों के लिए विशेषकर बहनों के लिए बहुत बड़ा दिन है। राखी का त्योहार आने वाला है, उससे पहले मणिपुर की बहनों को ये बहुत बड़ी सौगात की शुरुआत होगी। 3000 करोड़ की लागत से पूरे होने वाले वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होंगी।”
दो दशक से ज्यादा की जरूरत का ध्यान रखा प्रधानमंत्री ने कहा, “1700 से ज्यादा गांवों के लिए इस प्रोजेक्ट से जो जलधारा निकलेगी, वो जीवनधारा का काम करेगी। ये प्रोजेक्ट आज ही नहीं बल्कि अगले 20-22 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इससे लाखों लोगों को पीने का साफ पानी मिलेगा और हजारों लोगों रोजगार भी मिलेगा। शुद्ध पानी से इम्युनिटी को ताकत मिलती है। नल से पानी आएगा इतना विषय नहीं है। इस प्रोजेक्ट से हर घर जल के मिशन को भी बल मिलेगा। मणिपुर के लोगों विशेषकर माता बहनों को बहुत बधाई देता हूं।”
लॉकडाउन में भी जारी रहा काम मोदी ने आगे कहा, “पिछले साल देश में जब जल जीवन मिशन की शुरूआत हो रही थी तब मैंने कहा था कि हमें पिछली सरकारों से तेजी से काम करना है। जब 15 करोड़ घरों में तेजी से पाइप से पानी पहुंचाना हो तो रुक नहीं सकते। इसीलिए लॉकडाउन में भी गांव-गांव में पाइप लाइन बिछाने का काम जारी रहा। देश में करीब 1 लाख पानी कनेक्शन रोज दिए जा रहे हैं। लोगों का जीवन आसान बना रहे हैं। ये तेजी इसलिए संभव हो पा रही है क्योंकि जल जीवन मिशन एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ रहा है।”
मणिपुर वाॅटर सप्लाई प्रोजक्ट क्या है? ग्रेटर इम्फाल प्लानिंग एरिया के घरों, 25 कस्बों और मणिपुर के 16 जिलों के 1,731 गांवों के 2,80,756 घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाने के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इसका खर्च उठाएंगी। केंद्र ने 1,185 गांवों के 1,42,749 घरों तक कनेक्शन पहुंचाने के लिए फंड दिया है। 2024 तक ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ये एक अहम प्रोजेक्ट है।
ईज ऑफ लिविंग पर सबका हक मोदी ने ईज ऑफ लिविंग, गरीबों और आदिवासियों का जिक्र किया। कहा, “सरकार की व्यवस्था में इतना बड़ा डिसेंट्रलाइजेशन, आप कल्पना कर सकते हैं ये पानी कितनी बड़ी ताकत बनकर आ रहा है। ईज ऑफ लिविंग, जीवन जीने में आसानी के लिए ये जरूरी है। पैसा कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन ईज ऑफ लिविंग पर सबका हक है। खासकर, गरीब, आदिवासियों का हक है। इसलिए ईज ऑफ लिविंग का भी बड़ा आंदोलन चल रहा है। बीते 6 साल में हर स्तर पर वो कदम उठाए गए हैं जो गरीब को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।”
मणिपुर खुले में शौच से मुक्त मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्त होने वाले मणिपुर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “आज मणिपुर समेत पूरा भारत खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा कर चुका है। हर परिवार बिजली के कनेक्टेड है। एलपीजी गैस गरीब से गरीब के किचन तक पहुंच चुकी है। हर गांव को अच्छी सड़क से जोड़ा जा रहा है। हर गरीब-बेघर को रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। एक बड़ी कमी रह गई थी साफ पानी की, उसे पूरी करने के लिए भी मिशन मोड़ पर काम चल रहा है।”
नॉर्थ ईस्ट पूर्वी एशिया का गेट वे प्रधानमंत्री ने उत्तर-पूर्व भारत को पूर्वी एशिया का गेट वे बताया। कहा, “बेहतर जीवन का सीधा संबंध कनेक्टिविटी से है। नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी यहां के लोगों के ईज ऑफ लिविंग के लिए तो जरूरी है ही। साथ ही सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के लिए भी जरूरी है। नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी एशिया के साथ सांस्कृतिक रिश्तों का गेटवे है। पूरे नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगातार काम हो रहा है।”
तीन हजार किमी सड़कें तैयार मोदी ने नॉर्थ ईस्ट में विकास कार्यों की जानकारी दी। कहा, “बीते 6 साल में पूरे नॉर्थ ईस्ट के इन्फ्रास्ट्रक्टर पर हजारों करोड़ का निवेश किया है। कोशिश है कि नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की राजधानियों को फोर लेन और गांवों को प्रमुख सड़कों से जोड़ा जाए। इसके लिए करीब 3000 किमी सड़कें तैयार हो चुकी हैं और 7000 किमी के प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से चल रहा है। रेल कनेक्टिविटी में बहुत बड़ा परिवर्तन दिख रहा है। नॉर्थ ईस्ट के नेटवर्क को ब्रॉडगेज में बदला जा रहा है। 14000 करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट से मणिपुर में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है।”
आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से टूरिज्म को भी फायदा मोदी ने कहा, “आज नॉर्थ ईस्ट में छोटे-बड़े करीब 13 ऑपरेशनल एयरपोर्ट हैं। वहां आधुनिक सुविधाएं तैयार करने के लिए 3000 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट के लिए एक और बड़ा काम हो रहा है। इन लैंड वॉटरवेज के क्षेत्र में बड़ा रिवॉल्यूशन दिख रहा है। भविष्य में यहां की कनेक्टिविटी सिर्फ सिलीगुड़ी कॉरिडोर तक सीमित नहीं रहेगी। सीमलेस कनेक्टिविटी पर काम हो रहा है। इससे उद्योगपतियों के लिए भी फायदा हो रहा है। नॉर्थ ईस्ट के गांवों को, किसानों को दूध, सब्जी और दूसरे मिनरल को सीधे पहुंच मिली है। नॉर्थ ईस्ट देश की नैचुरल और कल्चरल डायवर्सिटी का बहुत बड़ा प्रतीक है। आन-बान-शान है। ऐसे में आधुनिक इन्फ्रा बनने से टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलता है।”
अमन की ओर नॉर्थ ईस्ट  मोदी ने नॉर्थ ईस्ट के लिए तीन ‘पी’ का जिक्र किया। कहा, “नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। मेरा ये विश्वास इसलिए गहरा हो रहा है क्योंकि पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है। नॉर्थ-ईस्ट, विशेषकर मणिपुर के नागरिकों का दिल के आभार करता हूं कि आपने हमारा साथ दिया। दशकों से चला आ रहा हिंसा का दौर अब थम चुका है। त्रिपुरा और मिजोरम में भी हिंसा का दौर थम गया है। बेहतर इन्फ्रा, कनेक्टिविटी और शांति तीनों एक साथ बढ़ते हैं तो उद्योगों और निवेश के लिए संभावनाएं बढ़ जाता हैं।”
ऑर्गेनिक कैपिटल बनने की क्षमता पीएम ने भाषण में आगे कहा, “मैं लगातार कहता आया हूं कि नॉर्थ ईस्ट देश का ऑर्गेनिक कैपिटल बन सकता है। पिछले दिनों कुछ कृषि वैज्ञानिकों से मिलना हुआ। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के किसान अगर पामोलिन की खेती करें तो उन्हें और देश को बहुत बड़ी मदद मिलेगी। मैं राज्य सरकारों से भी आग्रह करता हूं कि किसानों को जागरुक करें। नॉर्थ ईस्ट की एक विशेषता है कि उनको लोकल के लिए गर्व होता है। नॉर्थ ईस्ट को समझाने की जरूरत नहीं कि लोकल के प्रति वोकल बनो। आप तो पहले ही चार कदम आगे हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लोकल प्रोडक्ट में वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग के लिए क्लस्टर बनाए जा रहे हैं।” 
बैम्बू इंडस्ट्री के लिए पार्क को मंजूरी मोदी ने आगे कहा, “नॉर्थ ईस्ट के बैम्बू में बहुत सामर्थ्य है। नॉर्थ ईस्ट में बैम्बू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए पहले दी एक पार्क की अनुमति दी जा चुकी है। नुमालीगढ़ में बायो फ्यूल बनाने पर भी काम हो रहा है। इससे युवाओं, स्टार्टअप को बहुत फायदा मिलेगा। जो राज्य ज्यादा सक्रिय होगा वह लाभ उठाएगा। मुझे भरोसा है कि मणिपुर पूरा फायदा उठाएगा। हमारी कोशिश है कि मणिपुर के युवाओं को रोजगार के अवसर यहीं पर मिलें।”
आखिर में कोरोना का जिक्र भाषण के आखिर में पीएम ने कोरना संकट का जिक्र भी किया। कहा, “विकास और विश्वास के रास्ते को हमें मजबूत करते रहना है। हमारे सपने में कहीं कोई रुकावट नहीं आए। समय सीमा से पहले हम काम कर पाएं। माता-बहनें हमें ऐसा आशीर्वाद दें। रक्षाबंधन का पर्व आने वाला है, ऐसे में आपसे आशीर्वाद का आग्रह करता हूं। अपना ध्यान रखिए। स्वच्छता में तो नॉर्थ ईस्ट पहले ही रोल मॉडल का काम कर रहा है, लेकिन कोरोना को देखते हुए दो गज की दूरी, सैनिटाइजेशन और थूकने की आदत छोड़ना अहम है। यह कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।”
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kisansatta · 4 years
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'जल जीवन मिशन ' के तहत प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की तैयारी के सरकार
नई दिल्ली : कोरोना महामारी के चलते घरों को लौट गए प्रवासी मजदूरों के लिए ग्रामीण विकास की योजनाएं उनकी रोजी रोटी का बड़ा आधार बन गई है। मनरेगा और गरीबों की आवास योजना के साथ अब ‘जल जीवन मिशन’ जहां उनकी प्यास बुझाएगा वहीं उन्हें रोजगार भी देगा। ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में इन मजदूरों की बड़ी भूमिका होगी। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन को और तेज कर दिया है। वर्तमान माहौल में यह मिशन राज्यों को दोहरी राहत दे सकता है। एक तरफ जहां पेयजल सुनिश्चित होगा वहीं रोजगार की समस्या को कुछ हद तक थाम सकता है।
मनरेगा के बाद अब केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन स्कीम की शुरुआत की है। इस नई योजना के जरिए सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पैसे डालने की सोच रही है। राज्यों को 2020-21 में 30 हजार करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस स्कीम के तहत 14.8 ग्रामीण परिवारों के घर में पानी का कनेक्शन पहुंचाने की योजना है।
बता दें कि राज्यों के पास पहले से ही 6,429.92 करोड़ रुपए हैं और 2020-21 में बा��ी के 22,695.50 करोड़ का भी आवंटन कर दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि राज्यों के पास 29,125.42 करोड़ रुपए उपलब्ध रहेंगे। मंत्रालय के अनुसार पहली किश्त पहले ही उन राज्यों को दी जा चुकी है, जिन्हें पैसों की जरूरत थी।
हजार करोड़ अतिरिक्त बजट के तौर पर आवंटित किए गए हैं। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 को घोषणा की थी कि इस मिशन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा और रोजगार के नए मौके भी पैदा होंगे।
इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति 55 लीटर पेय जल पाइपलाइन के जरिए मुहैया कराया जाएगा। इसमें गांवों में पानी की लाइन बिछाई जाएगी और तमाम तरह से पानी के संरक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। जल शक्ति मंत्रालय ने सभी राज्यों ने निर्देश दिए हैं कि तुरंत इस योजना पर काम शुरू कर ���िया जाए।
डाउन टू अर्थ केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में जल जीवन मिशन के अवर सचिव अविनाश कुमार सिन्हा ने कहा कि इस “मिशन के तहत करीब 30 हजार करोड़ रुपए सभी राज्यों को आबंटित कर दिया गया है और इसकी पहली किश्त भी सभी राज्यों को जारी कर दी गयी है। इसके अलावा पत्र के जरिये राज्यों को लिखा गया है कि गांवों को लौटे प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ मनरेगा के श्रमिकों से जल जीवन मिशन का काम लिया जा सकता है। इससे मिशन का लक्ष्य समय से पूरा हो सकेगा, साथ ही गांवों को पहुंचे बेरोजगार मजदूरों को भी रोजगार मिल सकेगा।
लॉकडाउन के दौरान देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 35 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों और शहरों से वापस लौटे हैं। इनमें से बड़े स्तर पर मजदूर निर्माण क्षेत्र से भी जुड़े हुए हैं। जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश को वर्ष 2020-21 के लिए 2,449 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि जारी की गयी है। इस मिशन के तहत पंजीकृत स्वयं सहायता समूह में शामिल नवजीवन ग्रामोद्योग समिति उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बसौनी थाना क्षेत्र में काम कर रही है। समिति के प्रमुख राम सेवक बताते हैं, “हमने अपने गांव पर्वत का पुरवा समेत और तीन गाँव में आये प्रवासी मजदूरों की लिस्ट तैयार कर प्रशासन को सौंप दी है। इन गांवों में लॉकडाउन के दौरान दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत जैसे बड़े शहरों से करीब 500 प्रवासी मजदूर लौटे हैं।
“प्रशासन ने अभी 25 जून तक सभी जिलों से प्रस्ताव माँगा है जो गांवों के प्रधानों की देखरेख में तैयार किये जा रहे हैं ताकि गांवों में जल जीवन मिशन का काम भी शुरू किया जा सके। इससे प्रवासी मजदूरों के साथ मनरेगा के मजदूरों को भी रोजगार मिल सकेगा, इसके लिए उनके प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जा रही है, उम्मीद है कि अगले महीने से ही काम शुरू हो जायेगा,” राम सेवक कहते हैं।
उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार में भी लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान अपने गांवों को वापस लौटे हैं। बिहार के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2020-21 के लिए 1832 करोड़ रुपए जारी किये हैं। बिहार में जल जीवन मिशन के तहत पंजीकृत पिरामल फाउंडेशन की स्टेट हेड स्वाति सिंह बताती हैं, “मिशन के जरिये गांवों में रोजगार के अवसर देने के लिए फिलहाल प्रवासी मजदूरों का डाटा तैयार किया जा रहा है, सरकार की इस पहल से निश्चित ही गाँव में ग्रामीण अर्थव्यस्था में सुधार होगा। साथ ही गाँव में काम कर रहे मनरेगा मजदूरों को भी इस मिशन से जोड़ा जा सकेगा। हमें उम्मीद है कि जल्द ही काम शुरू होगा।” जल जीवन मिशन के काम में मनरेगा के मजदूरों को भी मिल सकेगा रोजगार।
  कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गांवों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा में एक लाख करोड़ से ज्यादा बजट का जारी किया गया है। इसमें वर्ष 2020-21 के लिए जारी 61,500 करोड़ रुपए के अलावा 40,000 करोड़ का अतिरिक्त बजट दिया गया है ताकि अपने गाँव को लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में रोजगार के अवसर मुहैय्या कराये जा सकें। ऐसे में मनरेगा के साथ ही केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन को बढ़ावा देने और राज्यों को बजट आवंटित किये जाने से गांवों में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इसके अलावा मजदूरों को मिशन से जुड़े कामों के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की ओर से प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। गांवों में हर घर तक नल से पानी पहुँचाने के इस मिशन में तीन लाख करोड़ से अधिक का कुल आवंटन तय किया गया है
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chaitanyabharatnews · 4 years
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वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों, छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए किए ये बड़े ऐलान
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित क���ते हुए 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले चरण में कई बड़े ऐलान किए थे। इसके बाद गुरुवार को उन्होंने आर्थिक पैकेज के तहत दूसरी किस्त का ब्यौरा दिया। आज वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारियों और छोटे किसानों को राहत दी है। इनके लिए कई तरह की घोषणाएं की गईं। आइए जानते हैं प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री ने क्या क्या बड़े ऐलान किए हैं- Government of India will provide Interest subvention of 2% for prompt #MUDRA-Shishu Loans payees for a period of 12 months Relief of Rs 1500 cr to MUDRA-Shishu loanees#AatmaNirbharBharatPackage pic.twitter.com/IaHZl86d1c — PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 14, 2020 किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ 2.5 करोड़ नए किसानों को दिया जा रहा है। मछुआरों और पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा किसानों के लिए 30,000 करोड़ अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड नाबार्ड को दिए जाएंगे। यह नाबार्ड को मिले 90 हजार करोड़ के पहले फंड के अतिरिक्त होगा और तत्काल जारी किया जाएगा। मिडिल इनकम ग्रुप जिनकी 6 से 18 लाख सालाना कमाई है, उन्हें मिलने वाली हाउसिंग लोन पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन मार्च 2021 तक बढ़ी। इसकी शुरुआत मई 2017 में हुई थी। सरकार के फैसले से 2.5 लाख परिवारों को मिलेगी राहत। 50 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए 10 हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा, इसके लिए सरकार 5 हजार करोड़ खर्च करेगी। सरकार ने मुद्रा स्कीम के तहत 50000 रुपए या उससे कम के मुद्रा (शिशु) लोन चुकाने पर तीन महीने की छूट मिली है। इसके बाद 2 फीसदी सबवेंशन स्कीम यानी ब्याज में छूट का फायदा अगले 12 महीने तक दिया जाएगा। करीब 3 करोड़ लोगों को कुल 1500 करोड़ का फायदा। ▪️ Free Food grain supply to #Migrants for 2 months ▪️ About 8 crores migrants to benefit from this ▪️ Rs. 3500 Crore will be spent on this intervention for 2 months: @nsitharaman at the #AatmaNirbharBharatPackage media briefing pic.twitter.com/2Kn8I7DXbS — PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 14, 2020 मुद्रा स्कीम में तीन तरह के लोन शिशु लोन : 50,000 रुपए तक के कर्ज दिए जाते हैं। किशोर लोन: 50,000 से 5 लाख रुपए तक के कर्ज दिए जाते हैं। तरुण लोन: 5 लाख से 10 लाख रुपए तक के कर्ज दिए जाते हैं। #MGNREGA support to returning #Migrants ✅14.62 crore person-days of work generated till 13th May 2020 ✅Actual Expenditure till date is around Rs. 10,000 Cr#AatmaNirbharBharatPackage pic.twitter.com/VDPGgI9L0q — PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 14, 2020 वित्त मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते किराये के घर की योजना, जिससे कि जहां प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं, उन्हें सस्ते में घर मिल सके। 1 जून से राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी यानी वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया जाएगा। अगस्त 2020 तक 23 राज्यों के 67 करोड़ लाभार्थी को कवर किया जाएगा। मार्च 2021 तक सभी राशन कार्ड कवर होंगे। बता दें कि इस स्कीम में एक राशन कार्ड पर राशनकार्डधारी देश के किसी कोने में अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं। देश में 80 करोड़ से अधिक राशनकार्डधारी हैं। 2 महीने तक प्रवासी मजदूरों को अनाज की होगी फ्री सप्लाई। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं-चावल, एक किलो चना दिया जाएगा। इनके लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान। करीब 8 करोड़ मजदूरों को मिलेगा फायदा। इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को होगी। न्यूनतम वेज का अधिकार सभी वर्कर्स को देने की तैयारी। इसी तरह न्यूनतम वेज में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना।वहीं नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा।   Direct Support to #Farmers & Rural Economy provided post #COVID19 as part of #AatmaNirbharBharatPackage : Finance Minister @nsitharaman pic.twitter.com/OTfY7MbBP2 — PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 14, 2020 सभी कर्मचारियों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य करने की योजना। संसद में इन पर विचार हो रहा है। महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन लाई जाएगी। घर की ओर वापस होने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए सहायता दिया जा रहा है। मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार दिया जाएगा। 2.33 करोड़ लोगों को फायदा। न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपए की जा चुकी है। शहरी गरीबों को 11,000 करोड़ रुपए की मदद की गई है। शहरी गरीबों के लिए राज्य सरकारों को आपादा फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत है ताकि उन्हें भोजन और आवास मुहैया कराया जा सके। इसके लिए केंद्र से पैसा भेजा जाता है। शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में तीन वक्त का भोजन पूरी तरह से केंद्र सरकार के पैसे से हो रहा है। किसानों ने 4.22 लाख करोड़ का लोन लिया, किसानों को लोन पर 3 महीने की छूट दी गई है। इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी। नाबार्ड ने ग्रामीण बैंकों को 29,500 करोड़ की मदद दी है। ये भी पढ़े... छोटे उद्योगों को बिना गारंटी के मिलेगा 3 लाख करोड़ रुपए का लोन : निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Yes Bank के ग्राहकों को दिलाया भरोसा, कहा- नहीं डूबेगा आपका पैसा पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का किया ऐलान, नए रंग-रूप का होगा लॉकडाउन-4 Read the full article
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imsaki07 · 5 years
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राज्यपाल ने पेश किया सरकार का रिपोर्ट कार्ड शिमला – राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जयराम सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए अपने अभिभाषण में प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने संशोधित सामाजिक सुरक्षा पेंशन, हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना व हिम केयर योजनाओं से आमजन को सुविधाएं प्रदान की हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना व जनमंच योजनाएं प्रदेशवासियों की तकदीर व तस्वीर बदल रही है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100, शक्ति बटन ऐप, गुडि़या हेल्पलाइन-1515 व होशियार सिंह हेल्पलाइन-1090 को सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया। इसके अलावा ग्लोबल इन्वेस्टर मीट, हिम प्रगति पोर्टल, नशा रोकथाम अभियान, सहारा योजना, मेधा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना, नई राहें-नई मंजिलें योजना को लागू किया है। उन्होंने कहा कि ‘ये दो साल विश्वास के, प्रगति और विकास के’ हमारे सिद्धांत के अनुरूप है। राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों से किए अधिकांश चुनावी वादों को पूरा कर दिया है। इस अवधि में जयराम सरकार ने प्रदेश में विकास की गति को केंद्र सरकार के सहयोग से तीव्र करने में सफलता प्राप्त की है। इसके फलस्वरूप प्रदेश की जनता ने गत वर्ष आयोजित हुए लोकसभा चुनाव तथा धर्मशाला एवं पच्छाद में हुए विधानसभा उपचुनावों में, केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों में विश्वास रखते हुए अपार समर्थन दिया है। प्रदेशवासियों की इच्छाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में मेरी सरकार किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार आम जनता को कुशल, स्वच्छ एवं पारदर्शी शासन प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। जन समस्याओं का शीघ्र निपटारा उनकी सरकार की प्राथमिकता है। राज्यपाल ने कहा कि 16 सितंबर, 2019 को ‘मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन परियोजना’ लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से नागरिक, कहीं से भी, टोल फ्री नंबर 1100 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। सरकार ने जनता की समस्याओं का मौके पर समाधान करने हेतु प्रदेश में एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘जनमंच’ आरंभ किया है। इसके अंतर्गत राज्य के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 189 जनमंच कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें 41698 शिकायतों एवं मांगों का निपटारा कर दिया गया है, जोकि कुल शिकायतों का 91 प्रतिशत है। जन समस्याओं के ऑनलाइन अनुश्रवण एवं निपटारे हेतु लगभग सभी विभागों में वेब आधारित सॉफ्टवेयर तैयार कर कार्यशील किया गया है। सरकारी विभागों में कागज-रहित वातावरण बनाने, कामकाज में पारदर्शिता व दक्षता लाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई है। प्रदेश सरकार ने ‘हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना’ के अंतर्गत प्रदेश में कुल दो लाख 76 हजार पात्र परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए हैं। राज्यपाल ने कहा कि धर्मशाला में पहली बार ‘ग्लोबल इन्वेस्टर मीट’ का आयोजन किया। सरकार ने एक लाख 96 हजार व्यक्तियों के प्रस्तावित रोजगार के साथ 97 हजार 700 करोड़ रुपए के निवेश हेतु 736 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं। राज्य में कम लागत की प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान योजना आरंभ की गई है। मनरेगा के अंतर्गत दिसंबर, 2019 तक 460294 परिवारों ने लगभग एक करोड़ 92 लाख कार्य दिवस अर्जित किए हैं, जिनमें से 29412 परिवारों ने 120 दिन के कार्य दिवस पूर्ण किए हैं। राज्यपाल ने बताया कि ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन’ के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष में 2800 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया। ‘मुख्यमंत्री खेल विकास योजना‘ के अंतर्गत प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक बड़े खेल मैदान को विकसित करने के लिए 680 लाख रुपए की धनराशि व्यय की जा रही है। प्रदेश की चालू वार्षिक योजना को 7100 करोड़ रुपए अनुमोदित किया है। इस योजना परिव्यय में सामाजिक, परिवहन, कृषि तथा ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता प्रदान की गई है। ‘विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना’ के अंतर्गत विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों हेतु प्रदान की जाने वाली धनराशि को एक करोड़ 25 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ 50 लाख रुपए किया गया है।
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ashokgehlotofficial · 2 years
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जयपुर स्थित हरिशचंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित चिंतन शिविर ���े दूसरे दिन संबोधित किया। राज्य सरकार पारदर्शी, जवाबदेह एवं संवेदनशील सुशासन के माध्यम से प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार की सभी योजनाओं का समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि आमजन को इनका पूरा लाभ मिल सके। अधिकारियों को आम लोगों से जुड़े कार्यों के निस्तारण में अनावश्यक देरी करने वाले कार्मिकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
शिविर में नगरीय विकास एवं आवासन, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, आपदा प्रबंधन एवं सहायता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ, कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के मंत्रियों द्वारा विभागीय कार्यों की प्रगति, बजट घोषणाओं, जन घोषणाओं और अभियानों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया।
नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विभाग द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान में लगभग 6 लाख पट्टे जारी किए गए हैं। आमजन की विभिन्न समस्याओं के निस्तारण के लिए शुरू किए गए इस अभियान के तहत अब तक करीब 19 लाख प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। आवासन मंडल द्वारा 50 प्रतिशत की छूट देकर आमजन को सस्ती दर पर लगभग 14 हजार मकान उपलब्ध कराए गए हैं। ‘कोई भूखा ना सोए‘ के संकल्प के साथ अब तक 980 इंदिरा रसोई की स्थापना की गई है। इनमें 9.28 करोड़ थालियां परोसी गई हैं। शहरों में भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू की है। इस योजना के तहत 4 लाख से अधिक जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत अधिक से अधिक जरूरतमंदों को ऋण उपलब्ध करवाने का कार्य किया जा रहा है।
जोधपुर में बरकतुल्लाह खां स्टेडियम का जीर्णोद्धार करवाया गया है। साथ ही, करीब 4500 करोड़ रुपए की लागत से कोटा को सिग्नल फ्री सिटी बनाने, चंबल रिवर फ्रंट सहित अन्य विकास कार्य कराए जा रहे हैं। जयपुर में विधायक आवास, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, देश का प्रथम कोचिंग हब, आईपीडी टावर, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, महात्मा गांधी संस्थान तथा गांधी दर्शन म्यूजियम, शहर के प्रमुख चौराहों को सिग्नल फ्री करने सहित कई विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं।
इस पर कहा कि पट्टे जारी करने की प्रक्रिया का काफी सरलीकरण किया गया है। इसके बावजूद अनावश्यक देरी करने वाले कार्मिकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। सभी शहरों में उत्कृष्ट सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए डंपिंग यार्ड तथा एसटीपी स्थापित किए जा सकते हैं। देश में सफाई में आगे रहने वाले शहरों का अध्ययन कराएं, आवासीय योजनाओं के अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा कराएं।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 40 बजट घोषणाओं में से 24 पूरी कर ली गई हैं तथा 16 प्रगतिरत हैं। साथ ही, 30 जनघोषणाओं में से 29 पूरी कर ली गई हैं तथा 1 प्रगतिरत है। प्रदेश में मनरेगा के तहत 25 दिनों का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, सहरिया, कथौड़ी एवं विशेष योग्यजन को 100 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया गया है। राजीविका के तहत करीब 3 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 37 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है तथा 3 हजार 156 करोड़ रुपए की लागत से ग्राम पंचायतों में सड़क विकास का कार्य करवाया जा रहा है। इस दौरान कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत श्रमिकों को समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा संग्रहण तथा साफ-सफाई पर जोर दें।
राजस्व विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विभाग की 58 में से 50 बजट घोषणाओं को पूर्ण कर लिया गया है, वहीं 8 प्रगतिरत हैं। सभी 4 जन घोषणाएं पूर्ण कर ली गई है। विभाग द्वारा 5610 पटवारियों को नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत आबादी विस्तार हेतु राजकीय भूमि आवंटन, सीमाज्ञान, भूमि अतिक्रमण, खातेदारी सहित लगभग 7 लाख प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। 380 तहसीलों में डिजिटल साईन वाली जमाबंदी एवं गिरदावरी की प्रति उपलब्ध करवाई जा रही है। दस्तावेजों के बेहतर रखरखाव के लिए आधुनिक रिकॉर्ड रूम बनाए गए हैं।
इससे पहले चिंतन शिविर के प्रथम दिन देर रात को कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व, आपदा प्रबंधन, अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागों द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया।
चिंतन शिविर में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विभाग से जुड़ी कुल 9 बजट घोषणाओं में से 5 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 4 प्रगतिरत हैं। विभाग से संबंधित चारों जन घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि सूखे से प्रभावित लगभग 11.28 लाख किसानों को 1080.82 करोड़ रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करवाई गयी है। ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को हुए नुकसान के दृष्टिगत लगभग 2 लाख किसानों के लिए 172.30 करोड़ रुपए की कृषि आदान-अनुदान राशि जिलों को आवंटित की गई। अकाल से निपटने के लिए गठित राज्य आपदा मोचन निधि के अंतर्गत विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसल खराब होने पर वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक कृषि आदान-अनुदान भुगतान हेतु जिलों को लगभग 4029 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। अधिकारियों को पाले से प्रभावित फसलों की गिरदावरी करवाने के निर्देश दिए।
उत्तराखंड त्रासदी में राजस्थान के निवासियों की भी अकाल मृत्यु हुई थी। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के सहयोग के लिए हमेशा साथ खड़ी है। संवेदनशील निर्णय लेते हुए आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को इस त्रासदी में मृतक आश्रितों को नौकरी देने के प्रकरणों का एक माह में निस्तारण करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर्स के माध्यम से आश्रितों के सभी आवश्यक दस्तावेज एकत्रित कर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया।
राजस्थान की कला एवं संस्कृति की पूरी दुनिया में अनूठी पहचान है। हाल ही जयपुर में हवामहल महोत्सव का आयोजन हुआ, उसी तरह से प्रदेश के हर जिले में लोक गीत-संगीत के कार्यक्रम होने चाहिए, ताकि पर्यटकों के साथ-साथ युवा पीढ़ी को भी कला व संस्कृति की जानकारी मिल सके। सवाई मानसिंह टाउनहॉल के कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
इससे पहले कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासतों के सरंक्षण के लिए लगभग 38 करोड़ रूपए के कार्य करवाए गए हैं। कोरोना काल के दौरान कलाकार कल्याण कोष से 5.10 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। लोक कलाकारों के मानदेय व अन्य भत्तों में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। राजस्थानी भाषा में फिल्मों को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। स्मारकों-पैनोरमाओं के रख-रखाव के लिए 1 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। ऐतिहासिक अभिलेखों के डिजिटाइजेशन एवं माइक्रोफिल्मिंग के लिए 5 करोड़ रूपए के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। इस दौरान कहा कि पर्यटकों के लिए लाइट एंड साउंड शो आयोजित किए जाएं। राजस्थान के लोक कलाकारों के जरिए जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जानी चाहिए, ताकि उन्हें आर्थिक संबल मिल सके।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राज्य में बौद्धिक सम्पदा अधिकार नीति लागू की जा चुकी है। विज्ञान के प्रति बच्चों में रूचि बढ़ी है। विभाग अपनी गतिविधियों को और बढ़ाकर विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करे। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं, विद्यार्थी परियोजना, कार्यशाला एवं सम्मेलन तथा यात्रा अनुदान योजना संचालित हैं, जिनके अंतर्गत राज्य के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों को शोध हेतु अनुदान की स्वीकृतियां जारी की गई हैं।
अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 34 बजट घोषणाओं में से 17 पूरी की जा चुकी हैं तथा 17 प्रगतिरत हैं। वहीं कुल 9 जन घोषणाआंे में से सभी पूर्ण कर ली गई हैं। अल्पसंख्यकों के समावेशी विकास के लिए 100 करोड़ रुपए के कोष का गठन किया गया है। अल्पसंख्यक महिलाओं एवं ��िक्षित बेरोजगारों को लगभग 12 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है। मदरसा पैराटीचर्स के मानदेय में समय-समय पर बढ़ोतरी की गई है। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए बालिका छात्रावास तथा 16 राजकीय अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही, राजकीय छात्रावासों में मैस भत्ते में बढ़ोतरी की गई है। लगभग 42 करोड़ रूपए की लागत से अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। मदरसा आधुनिकीकरण के लिए 17.44 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।
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poonamranius · 3 years
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UP Kanya Sumangala Yojana Form : सुमंगला योजना में ऑनलाइन भरें फॉर्म , बेटी को मिलेंगे 15 हजार
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UP Kanya Sumangala Yojana Form : कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश राज्य में बालिकाओं के उत्थान के उद्देश्य से एक नई मौद्रिक लाभ योजना है ।  इस यूपी कन्या सुमंगला योजना ( Uttar Pradesh Kanya Sumangala Yojana ) के तहत एक परिवार में दो बालिकाओं के अभिभावकों या माता-पिता को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह योजना 25 अक्टूबर 2019 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में शुरू की गई थी। UP Kanya Sumangala Yojana Form UP Kanya Sumangala Yojana Form कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी। इस  यूपी कन्या सुमंगला योजना ( Uttar Pradesh Kanya Sumangala Yojana ) के माध्यम से परिवार की बालिकाओं को शिक्षा के लिए 15,000 की वित्तीय सहायता के रूप में। राशि दी गई है! यूपी कन्या सुमंगला योजना में परिवार में केवल दो लड़कियों को ही लाभ मिलेगा। परिवार दो बच्चों वाला होना चाहिए। और परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कन्या सुमंगला योजना के आधिकारिक पोर्टल mksy.up.gov.in के माध्यम से राज्य की बेटियों को शैक्षिक सहायता प्रदान करने के लिए यूपी कन्या सुमंगला योजना ( Uttar Pradesh Kanya Sumangala Yojana ) शुरू की है। यूपी के नागरिक एमकेएसवाई योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, और अन्य सभी सेवाएं वेब पोर्टल पर उपलब्ध हैं। इस लेख से, आप आसानी से यूपी कन्या सुमंगला योजना ( Uttar Pradesh Kanya Sumangala Yojana ) के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, एमकेएसवाई आवेदन पत्र, एमकेएसवाई पात्रता मानदंड, आवेदन शुल्क आदि जैसे सवालों के जवाब आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। एक लड़की के माता-पिता हमेशा अपनी बेटी के भविष्य के बारे में चिंतित रहते हैं, इसलिए वे योजना बनाना शुरू कर देते हैं। उसकी शिक्षा, शादी और बाकी सब कुछ उसके जन्म से पहले ही उत्तर प्रदेश में। उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार राज्य के निवासियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए समय-समय पर विभिन्न योजनाएं शुरू कर रही है ताकि उन्हें चिंता न करनी पड़े ! यूपी कन्या सुमंगला योजना ( Uttar Pradesh Kanya Sumangala Yojana ) यूपी सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जो माता-पिता को बेटियों को शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें अच्छे रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यूपी कन्या सुमंगला योजना पात्रता इससे पहले कि आप यूपी कन्या सुमंगला योजना ( Uttar Pradesh Kanya Sumangala Yojana ) के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के तौर-तरीकों की जांच करें, आपको इसके लिए पात्रता मानदंड के बारे में अधिक जानकारी होनी चाहिए। - लाभार्थी उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। - एक परि��ार में केवल दो बेटियां ही योजना का लाभ उठा सकती हैं। - परिवार की आय रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। 3 लाख। - खाता बालिका के जन्म के 6 महीने के भीतर खोला जा सकता है। - जिन परिवारों ने लड़कियों को गोद लिया है वे भी इस योजना के तहत पात्र होंगे। - अगर किसी परिवार में जुड़वां लड़कियां हैं, तो तीसरी लड़की भी नामांकन के लिए पात्र होगी। यह योजना की एक और प्रमुख विशेषता है क्योंकि इस तरह के परिदृश्यों के लिए भी प्रावधान हैं। - आर्थिक रूप से संघर्षरत परिवारों को उनकी बेटियों को उनके सपनों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त सहायता मिलेगी। योजना के तहत प्रमुख लाभ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यूपी कन्या सुमंगला योजना ( Uttar Pradesh Kanya Sumangala Yojana ) के तहत कुल छह किश्तों में कुल 15 हजार रुपये की राशि दी जाती है और उन्हें उसी के अनुसार लाभार्थी बालिका को जमा किया जाएगा. यहां भुगतान वितरण संरचना है जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए – - एक लड़की के जन्म पर 2,000 रुपए - बालिका के 1 वर्ष के टिके पर 1 हजार रुपए की राशी - प्रथम कक्षा में बच्ची के प्रवेश पर 2 हजार रुपए की राशी - छठी कक्षा में बालिका के प्रवेश पर 2 हजार रुपए की राशी - कक्षा IX में बालिका के प्रवेश पर  3,000 रुपए की राशी - लड़की के 10वीं/12वीं कक्षा पास करने और स्नातक डिग्री या डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के बाद 5,000 रुपए इस तरह आवेदन करें ( UP Kanya Sumangala Yojana Form ) यदि आप माता-पिता हैं और उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और अपनी बेटी को राज्य सरकार की इस यूपी कन्या सुमंगला योजना में पंजीकृत कराना चाहते हैं। तो आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस यूपी कन्या सुमंगला योजना ( Uttar Pradesh Kanya Sumangala Yojana ) में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए माता-पिता को इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट ( mksy.up.gov.in ) पर जाना होगा। माता-पिता आसानी से वेबसाइट से पंजीकरण कर सकते हैं। इसी योजना में ऑफलाइन आवेदन करने के लिए अभिभावकों को आंगनबाडी कार्यकर्ता से संपर्क करना होगा। इस योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश की लड़कियों को ही दिया जाएगा। Read the full article
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abhay121996-blog · 3 years
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अब स्वरोजगार से आत्मनिर्भर होने का अवसर -राहुल शंकर Divya Sandesh
#Divyasandesh
अब स्वरोजगार से आत्मनिर्भर होने का अवसर -राहुल शंकर
कोटा। कोरोनाके दौरान पिछले सवा साल में बिजनेस, नौकरी एवं सर्विस सेक्टर से जुडे़ लोगों की आय में 25 से 30 प्रतिशत तक गिरावट आई है। आंकड़ों को देखें तो अकेले अप्रैल-मई माह में 2 करोड़ लोगों को जॉब से हाथ धोना पड़ा है। पिछले एक वर्ष में देश में बेरोजगारी दर 23 प्रतिशत बढ़ी है। कोरोना से 97 फीसदी परिवारों में मासिक आय कम हो गई है। इससे उबरने के लिये हमें फिर से स्वरोजगार के अवसर अपनाने होंगे।’
यह खबर भी पढ़ें: चुनाव बाद हिंसा का मामला: हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने दायर की पुनर्विचार याचिका   मोदी केयर लिमिटेड के सीओओ राहुल शंकर ने रविवार को ‘ग्रीन टी विद आभाजीत’ द्वारा आत्मनिर्भर परिवार पर आयोजित नेशनल वेबिनार में यह बात कही। उन्होंने कहा कि विपदाओं के बाद प्रत्येक क्षेत्र में हमें नये अवसर ढूंढने होंगे। परिवार को आत्मनिर्भर बनाने के लिये हम घर से सीधी बिक्री शुरू कर सकते हैं।  एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गत 7 वर्षों में भारत में सीधी बिक्री कारोबार में कई परिवर्तन आये हैं। प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर परिवार’ एवं ‘डिजिटल इंडिया’ परिकल्पना में भारतीय सीधी बिक्री कंपनियां खरी उतरी हैं। रोजगार की बहाली के लिये हमें आत्मनिर्भर परिवार पर फोकस करना होगा।
भारत में सीधी बिक्री कारोबार 4 प्रतिशत सीओओ राहुल ने बताया कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा शीघ्र ही ऐसी गाइडलाइंस जारी की जाएंगी जिसमें देश की ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी उत्पाद को बेचने के लिये सीधी बिक्री कंपनी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इससे ग्राहकों को गलत उत्पाद बेचने पर रोक लग जायेगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में घरेलू उत्पादों का 12 से 13 प्रतिशत बिजनेस सीधी बिक्री इंडस्ट्री से होता है, जबकि भारत में सीधी बिक्री कारोबार अभी सिर्फ 4 फीसदी ही है। अगले 5 वर्षों में डिजिटल इंडिया से इसमें तेजी से ग्रोथ होने की संभावना है।
‘7-पी’ फिल्टर पर खरी हो कंपनी राहुल शंकर ने कहा कि भारत में सीधी बिक्री इंडस्ट्री में कई मल्टीनेशनल कंपनियां आकर गायब हो जाती हैं। कुछ छोटी कंपनियां लोगों से पैसा लेकर बंद हो जाती है। ऐसे में ‘7-पी’ से सही कंपनी की जांच कर लें। इनमें प्रॉडक्ट, प्लान, फिलासफी, प्राइस, प्रमोशनल प्लान, प्रमोटर व परपज जैसे मापदंडों पर खरी उतरने वाली कंपनी को ही चुनेें।   
‘सोच बदलो, खुद को बदलो’ मोदी केयर के प्रमुख सलाहकार जीडीबीबी जितेंद्र जैन ने कहा कि जिंदगी में आपका नजरिया तय करता है कि कितनी उंचाई तक जाना है। महामारी का सामना करके हम जिंदगी को बडे़ स्पेक्ट्रम में देखें। ‘सोच बदलो-खुद को बदलो’ सोच के साथ अपने परिवार को आत्मनिर्भर बनायें। विभिन्न राज्यो में अब तक 50 लाख से अधिक लोग मोदीकेयर से जुड़ चुके हैं। यह घर-घर आर्थिक आजादी पहुंचाने का राष्ट्रीय अभियान है। 
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viralnewsofindia · 6 years
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15साल पर भारी योगी सरकार के दो साल,ऐतिहासिक बदलाव की राह पर यूपी-शलभ मणि त्रिपाठी लखनऊ 04 जनवरी 2019, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ऐतिहासिक बदलाव की राह पर है। पिछले दो सालों के दौरान सरकार ने हर वर्ग के लिए बेहतर और शानदार काम किए हैं। खासतौर पर गरीबों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री जी की नेतृत्व में चल रही योजनाएं अब योगी जी के नेतृत्व में जमीन तक पहुंचने लगी हैं। गांव-गांव में हर जरूरतमंद परिवार को शौचालय, गरीबों को मुफ्त आवास देने के साथ ही साथ आयुष्मान भारत का बीमा कार्ड भी लोगों तक पहुंचने लगा है और लोगों को इसका लाभ भी मिलने लगा है। विपक्ष के 15 सालों की तुलना की जाए तो योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के महज दो साल इस पर भारी हैं और हर क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुए हैं। शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में भी प्रधानमंत्री जी की अगुवाई में प्रदेश की योगी सरकार ने मील का पत्थर स्थापित किया है। मुख्यमंत्री जी और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जी के प्रयासों से महज दो सालों के भीतर एक लाख 20 हजार मजरों तक बिजली पहुंचाई गई है। करीब 94 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन दिए गए। करीब पचास लाख गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली दी गई। करीब 25 लाख जगहों को सोलर के जरिए प्रकाशित किया गया। केंद्र की इस जन कल्याणकारी योजना को शत प्रतिशत जमीन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश को सौभाग्यशाली प्रदेश का दर्जा दिया गया। ये अपने आप में गौरवशाली उपलब्धि है। शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास और धार देने के लिए मुख्यमंत्री जी ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड विकास बोर्ड के गठन का भी काम शुरू कर दिया है। इन दोनों बोर्डों के गठन के साथ ही पूर्वांचल और बुंदेलखंड में विकास की रफ्तार और तेज हो जाएगी। काफी वक्त से पूर्वांचल और बुंदेलखंड के लोगों की तरफ से विकास बोर्ड की मांग की जा रही थी। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में भी वायदा किया था कि सरकार बनते ही दोनों क्षेत्रों के लिए बोर्ड बनाए जाएंगे। इस बोर्ड की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जी करेंगे जबकि दो उपाध्यक्षों के साथ ही 11 गैर सरकारी सदस्य और एक एक्सपर्ट भी इसमें शामिल होंगे। प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि पिछले पांच सालों की सरकार में अखिलेश यादव की सरकार महज 63 हजार गरीब परिवारों को मु्फ्त आवास दे पाई, जबकि योगी जी की सरकार ने महज दो सालों के भीतर 2 लाख गरीब परिवारों को आवास दिया है। यही नहीं घर-घर में शौचालय बनवा कर महिलाओं को सम्मान देने का भी काम किया है। उत्तर प्रदेश के लिए ये एक ऐतिहासिक क्षण हैं जब केंद्र और राज्य की सरकार मिल कर प्रदेश के हित के काम कर रही है। इसके परिणाम दिखने लगे हैं। इन्वेस्टर समिट के जरिए जहां प्रदेश को बड़ा निवेश मिला है तो वहीं रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होने जा रहे हैं।
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gokul2181 · 4 years
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Global Remittances Drop 2020 : World Bank predicts global Remittances will fall by 20%,India Likely to Decline by 23% | दूसरे देशों से प्रवासी जो पैसा घर भेजते हैं उसमें 20% की कमी, भारत में 23% की गिरावट; गरीबी, भुखमरी और मानव तस्करी के मामले बढ़ सकते हैं
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Global Remittances Drop 2020 : World Bank predicts global Remittances will fall by 20%,India Likely to Decline by 23% | दूसरे देशों से प्रवासी जो पैसा घर भेजते हैं उसमें 20% की कमी, भारत में 23% की गिरावट; गरीबी, भुखमरी और मानव तस्करी के मामले बढ़ सकते हैं
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2019 में दुनियाभर में एक देश से अन्य देशों में करीब 40 लाख करोड़ रुपए रेमिटेंस के तौर पर भेजे गए
पिछले साल भारत में दूसरे देशों से 6 लाख करोड़ रुपए आए थे, इस साल 4.8 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है
2018 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी में रेमिटेंस का योगदान 2.9 फीसदी था, डोमेस्टिक रेमिटेंस में 80% की कमी
दैनिक भास्कर
Jul 02, 2020, 08:00 AM IST
नई दिल्ली. नेपाल की रहने वाली शीबा काला एक हाउस वाइफ हैं। कभी शाम का खाना खाती हैं तो सुबह का नहीं और सुबह का खाती हैं तो शाम का नहीं। वह हर रोज एक वक्त का खाना छोड़ देती हैं, ताकि उनकी पांच साल की बच्ची भूखी न रहे। शीबा के पति खाड़ी देश कतर में जॉब करते थे। कोरोनाकाल में उनकी नौकरी चली गई। इसलिए वे अब घर पर पैसे नहीं भेज पा रहे हैं। शीबा बताती हैं कि उनके पति पहले हर महीने करीब 12 हजार रुपए भेजते थे जिससे फ्लैट का किराया और घर की जरूरतें पूरी होती थीं। पिछले 6 महीने में उन्हें सिर्फ 25 हजार रुपए मिले हैं। 
शीबा की तरह ही नेपाल की राधा मरासिनी भी आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं। उनके पति भारत के लुधियाना में एक फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी करते थे। लॉकडाउन में उनकी नौकरी चली गई। जो कुछ पैसे पति भेजते थे वह बंद हो गया। मजबूरी में राधा को कर्ज लेकर घर चलाना पड़ रहा है। शीबा और राधा की तरह करोड़ों ऐसे लोग हैं जिन्हें कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ा है।
कोरोना की वजह से ग्लोबल रेमिटेंस में 20 % की कमी वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कोरोना की वजह से दुनियाभर में रेमिटेंस में 20 फीसदी से ज्यादा की कमी आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में दुनियाभर में एक देश से दूसरे देश में करीब 40 लाख करोड़ रुपए रेमिटेंस के तौर पर भेजे गए। इस साल कोरोना की वजह से भारी संख्या में लोगों की नौकरियां गई हैं। इसका सीधा-सीधा असर रेमिटेंस पर पड़ा है। इस साल 20 फीसदी घटकर रेमिटेंस करीब 33 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। यानी करीब 7 लाख करोड़ रुपए की कमी।
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भारत में करीब 13 करोड़ प्रवासी दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं। लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर की नौकरी चली गई है।
रेमिटेंस क्या होता है दरअसल दुनियाभर में लोग रोजगार की तलाश में एक देश से दूसरे देश में जाते हैं और वहां से अपने घर कुछ पैसे भेजते हैं। जिससे उनका घर चलता है। इस राशि को रेमिटेंस कहा जाता है। खाड़ी देशों में बसे भारतीय सबसे अधिक रेमिटेंस भेजते हैं। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे विकसित देशों में काम करने वाले भारत में अपने परिवार के लिए पैसे भेजते हैं।
जो प्रवासी दूसरे देशों से अपने देश रेमिटेंस के तौर पर राशि भेजते हैं उसका करीब 75 फीसदी खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों के लिए उपयोग किया जाता है। 10 फीसदी शिक्षा पर और बाकी 15% बचत के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। 
भारत में रेमिटेंस में 23 फीसदी की गिरावट
भारत में भी रेमिटेंस पर कोरोना का बुरा प्रभाव पड़ा है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस साल रेमिटेंस में 23 फीसदी कमी का अनुमान है। पिछले साल भारत में दूसरे देशों से लोगों ने करीब 6 लाख करोड़ रुपए भेजे थे। इस साल यह आंकड़ा घटकर 4.8 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। भारत की तरह ही दुनिया के दूसरे देशों के भी रेमिटेंस पर कोरोना का असर पड़ा है। साउथ एशिया में 27.5 फीसदी कमी का अनुमान है। वहीं पाकिस्तान में 23%, नेपाल में 19%, श्रीलंका में 14% और बांग्लादेश में करीब 22 फीसदी गिरावट का अनुमान है। 
रेमिटेंस प्राप्त करने वाले देशों में भारत नंबर 1 पर
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दुनियाभर में रहने वाले प्रवासी करीब 222 लाख करोड़ रुपए कमाते हैं। इसका 15 फीसदी अपने घर भेजते हैं। यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 200 मिलियन (20 करोड़) प्रवासी दूसरे देशों में काम करते हैं। वे दूसरे देशों से जो एमाउंट अपने घर भेजते हैं, उससे करीब 800 मिलियन ( 80 करोड़) लोगों को सपोर्ट मिलता है। 
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेश की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ज्यादातर प्रवासी खाड़ी देशों में काम करते हैं। इनमें से 90 फीसदी लो या सेमी स्किल्ड हैं। इनमें से ज्यादातर की नौकरी कोरोना महामारी की वजह से गई है। 
रेमिटेंस सोर्स वाले टॉप देश
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, सउदी अरब, रूस, यूएई. जर्मनी, कुवैत, फ्रांस, कतर, इंग्लैंड और इटली ये 10 ऐसे देश हैं, जहां से सबसे ज्यादा रेमिटेंस दूसरे देशों में भेजे जाते हैं। 
जीडीपी में महत्वपूर्ण स्थान
रेमिटेंस किसी देश की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, टॉप रेमिटेंस वाले देश अपनी जीडीपी का 10 फीसद��� कवर करते हैं।  2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जीडीपी में रेमिटेंस का योगदान 2.9 फीसदी था। पाकिस्तान की जीडीपी 6.7 फीसदी, नेपाल की जीडीपी 28 फीसदी, बरमूडा की जीडीपी में 22 फीसदी, चीन की जीडीपी में 0.2 फीसदी योगदान रहा। 
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डोमेस्टिक रेमिटेंस में 80 फीसदी की कमी भारत में काम करने वाले प्रवासी हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपए रेमिटेंस के तौर पर अपने घरों में भेजते हैं। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट (अप्रैल 2020) के मुताबिक, कोरोना के कारण करीब 4 करोड़ प्रवासियों ने पलायन किया है। डोमेस्टिक रेमिटेंस में इस साल 80 % गिरावट का अनुमान है।
इकोनॉमी सर्वे 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 13 करोड़ प्रवासी दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं। इनमें बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी करीब 60 फीसदी रेमिटेंस के तौर पर घर भेजते हैं। 
गरीबी, भूखमरी, अपराध और मानव तस्करी के मामले बढ़ेंगे
रेमिटेंस में कमी का असर लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी पर तो पड़ेगा ही साथ ही इससे गरीबी, भुखमरी, अपराध, मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति बढ़ने का भी अनुमान है। क्योंकि रेमिटेंस भेजने वालों में ज्यादातर लोग गरीब वर्ग के होते हैं। नेपाल इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज थिंक-टैंक के विशेषज्ञ गुरुंग का मानना है, “बिना रेमिटेंस के इन परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी और ये लोग गलत रास्तों पर चलने के लिए मजबूर हो जाएंगे।” 
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realtimesmedia · 3 years
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छत्तीसगढ़ मनरेगा में वन अधिकार पट्टाधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में देश में पहले स्थान पर
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चालू वित्तीय वर्ष के शुरूआती दो महीनों में ही साल भर के लक्ष्य का 25 प्रतिशत से अधिक काम पूराअप्रैल और मई में कुल 3.39 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन, 27.13 लाख श्रमिकों को काम, 355 करोड़ से अधिक का मजदूरी भुगतान रायपुर(realtimes) छत्तीसगढ़ चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत वन अधिकार पट्टाधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार…
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