#2022 तक
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webmorch-blog · 2 years ago
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ank jyotish: इस हफ्ता इन अंकों को कई सुखद अनुभव देगा, जीवन में मिलेगी समृद्धि
ank jyotish: May 29 to June 4, 29 मई से 4 जून 2022 तक: ज्योतिष गणना में किसी भी मनुष्य का मूलांक उस व्यक्ति की तारीख के योग से बनता है। ank jyotish उदाहरण के लिए आइए समझते हैं…यदि किसी मनुष्य का जन्म 23 अप्रैल को हुआ है तो उसकी जन्म तारीख के अंकों का ��ोग 2+3=5 आता है। यानि 5 उस व्यक्ति का मूलांक होगा। यदि किसी की जन्मतिथि दो अंकों यानि 11 है तो उसका मूलांक 1+1= 2 होगा। अंक 1: गणना के अनुसार यह…
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saathi · 9 months ago
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1 जून, 2024 से टिपिंग की सुविधा खत्म हो रही है
नमस्ते, Tumblr! (और हमारे टिपर्स को खास नमस्ते <3)
आपके फ़ीडबैक के जवाब में हमने फ़रवरी 2022 में टिपिंग शुरू की थी और ये Tumblr पर कई समुदायों के लिए एक शानदार सुविधा साबित हुई है. हमें आपको खुशी देने वाली सुविधाएँ शुरू करना वाकई अच्छा लगता है और टिपिंग भी उसी कोशिश का एक हिस्सा थी.
अफ़सोस कि टिपिंग का वैसा इस्तेमाल नहीं हुआ जिसकी हमें उम्मीद थी. इसलिए, जो चीज़ें ज़्यादातर यूज़र के लिए वाकई Tumblr को Tumblr बनाती हैं, उन पर पूरा ध्यान देने के लिए हम 1 जून से टिपिंग बंद कर रहे हैं.
क्या आपने पहले कभी किसी को टिप दिया है या क्या आपके ब्लॉग पर टिपिंग एनेबल की हुई है? आपको कुछ करने की ज़रूरत नहीं है; टिपिंग आइकन अपने आप ही उन ब्लॉग या पोस्ट से गायब हो जाएगा जहाँ इस सुविधा को एनेबल किया गया है और फिर आप न तो क्रिएटर को टिप कर सकेंगे और न ही टिप प्राप्त कर सकेंगे. आपको टिपिंग से मिले सारे पैसे का भुगतान उस अकाउंट में कर दिया जाएगा जिसे आपने 15 जून तक Stripe के ज़रिए रजिस्टर किया था.
हालाँकि इसका असर आप में से बहुत कम लोगों पर पड़ेगा, लेकिन हम जानते हैं कि आप में से जो लोग टिप देते हैं, वो ऐसा अपने Tumblr साथियों के लिए बेहद सराहना के साथ करते हैं और आपसे ये चीज़ छीन लेने का हमें अफ़सोस है. हम आशा करते हैं कि आप अपने साथी यूज़र के लिए अपना प्यार और आभार दिखाने के दूसरे तरीके ढूँढ लेंगे: आप किसी को ऐसा कोई बैज गिफ़्ट कर सकते हैं जिसके बारे में आपको लगता है कि वो उन्हें पसंद आएगा या ऐसी किसी पोस्ट को ब्लेज़ कर सकते हैं जिसे नहीं तो आपने टिप दे दी होती और ये बेशक किसी का दिन बना देगा. 
अगर इस बदलाव के बारे में आपके प्रश्न हैं, तो कृपया सहायता टीम से संपर्क करें. हमारे साथ इस सफ़र पर आने के लिए हमेशा की तरह आपका धन्यवाद!
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preetisinghuniverse · 3 months ago
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Public Grievance on NHM UP Vacancies: Seek Answers
संदर्भ संख्या : 60000240224917 , दिनांक – 14 Nov 2024 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:- 60000240224917 आवेदक का नाम- Yogi M. P. Singh विषय- An application under article 51 A of the constitution of India to make inquiry regarding the advertisement concerning notification of vacancy which details are as follows. Ref. No: 642/SPMU/NHM/2022-23/6200 Date: 26.11. 2022 State…
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helputrust · 1 year ago
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हमें करना है "स्वस्थ बच्चे, स्वस्थ भारत" मंत्र का पालन - हर्ष वर्धन अग्रवाल
26.11.2023, लखनऊ | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा बाल दिवस 2023 के उपलक्ष्य में “नि:शुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर” का आयोजन पीपलेश्वर महादेव मंदिर, दीनदयाल पुरम, मायावती कॉलो��ी, तकरोही, इन्दिरा नगर लखनऊ में किया गया । शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संजय कुमार राणा ने दीप प्रज्वलन कर किया । शिविर के अंतर्गत डॉ संजय कुमार राणा ने विभिन्न रोग से पीड़ित बच्चों और बड़ो को नि:शुल्क परामर्श प्रदान कर दवाइयां वितरित की । 
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन  अग्रवाल ने बताया कि “होम्योपैथिक शिविर आयोजित करने की प्रेरणा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र “सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास” से मिली है, इसी प्रेरणा से प्रेरित होकर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट वर्ष 2022 से निरंतर निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर रहा है । बाल दिवस 2023 के उपलक्ष्य में ट्रस्ट द्वारा लाभार्थियों के हित में  “नि:शुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर” का आयोजन किया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य निर्धन और असहाय वर्ग को निशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है क्योंकि समाज के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा यह मानना है कि चिकित्सा सुविधा सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए चाहे वह वित्तीय रूप से समृद्ध हो या फिर कमजोर हो । हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि हम अपने नि:स्वार्थ प्रयासों के माध्यम से निश्चय ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के स्वस्थ व  सुरक्षित भारत के सपने को पूरा करने में कुछ हद तक अपना योगदान दे सकेंगे और "स्वस्थ बच्चे, स्वस्थ भारत" मंत्र का पालन करने मे सफल होंगे, जिसके लिए हम आगे निरंतर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करते रहेंगे । हम ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा का  भी हार्दिक आभार व्यक्त करते है कि वह हमारे इस नेक कार्य में निरंतर ही अपना योगदान दे रहे हैं ।"
डॉ संजय कुमार राणा ने कहा कि “होम्योपैथी उच्च सामर्थ्यवान तत्वों की बेहद छोटी खुराकों की मदद से शरीर द्वारा स्वयं को ठीक करने की शक्ति बढ़ाने का काम करती है । होम्योपैथिक चिकित्सा एक ऐसी प्राकृतिक उपचार पद्धति है जो शरीर के विभिन्न रोगों के इलाज में मदद करती है और इसका प्रयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करनेमें किया जाता जा सकता है । होम्योपैथिक दवाइयां क�� उपयोग बिना किसी साइ�� इफेक्ट के किया जा सकता है और यह बच्चों और बूढ़ों समेत सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है । होम्योपैथी चिकित्सा किसी भी बीमारी की इमरजेंसी कंडीशन को छोड़कर हर तरह की बीमारियों के लिए उपयुक्त है वह कारगर भी है |"
होम्योपैथिक शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे बाल स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, मुंह की देखभाल, ऊंचाई और वजन, कुपोषण, ध्यानाभाव एवं अति सक्रियता विकार (एडीएचडी), विकास मंदता, बिस्तर गीला करना, त्वचा की देखभाल, एलर्जी आदि बीमारियों की जांच की गई तथा सामान्य रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एक सप्ताह की दवा भी नि:शुल्क प्रदान की गई। डॉ संजय कुमार राणा ने सभी को नि:शुल्क परामर्श प्रदान कर होम्योपैथिक दवा वितरित की । शिविर में करीब 125 रोगियों ने होम्योपैथिक परामर्श लिया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन  अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवको तथा डॉ संजय कुमार राणा की टीम के सदस्यों संतोष कुमार राणा तथा राहुल राणा की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
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astrovastukosh · 1 year ago
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🚩🚩🚩*व्रत पर्व विवरण - गणेश चतुर्थी, शिवा चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी* 🚩🚩🚩
⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹मंगलवारी चतुर्थी - 19 सितम्बर 2023🌹
🔸 पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 01:43 तक
Also read :Budh Gochar 2022: बु�� का धनु राशि में प्रवेश इन राशियों को देगा अपार धन लाभ
🌹जैसे सूर्य ग्रहण को दस लाख गुना फल होता है, वैसे ही मंगलवारी चतुर्थी को होता है । बहुत मुश्किल से ऐसा योग आता है । मत्स्य पुराण, नारद पुराण आदि शास्त्र में इसकी भारी महिमा है । 
🌹इस दिन अगर कोई जप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है, ऐसा वेदव्यास जी ने कहा है ।
🔹 कर्जे से छुटकारा के लिए🔹
🔹मंगलवार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना । जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है । बिना नमक का भोजन करें, मंगल देव का मानसिक आह्वान करें । चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें । कितना भी कर्जदार हो... काम धंधे से बेरोजगार हो... रोजी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा ।
🌹विघ्न निवारण हेतु🌹
🌹गणेश चतुर्थी के दिन 'ॐ गं गणपतये नमः ।' का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्नों का निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है ।
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ainnewsone · 3 days ago
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25 हजार के इनामी कादिर बड्डा ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में किया सरेंडर?
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AIN NEWS 1: मेरठ में कुख्यात अपराधी और अमित मरिंडा गैंग का सदस्य कादिर बड्डा, जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था, ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी, लेकिन वह उनकी आंखों में धूल झोंककर अदालत पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उसे एक अन्य मामले में जेल भेज दिया। कादिर बड्डा पर संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज कादिर बड्डा पर हत्या, फायरिंग और जेल में अवैध गतिविधियों जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं। टीपीनगर के वेदव्यासपुरी निवासी जयभगवान, जो सिंचाई विभाग में कार्यरत हैं, उनके बेटे सचिन यादव की हत्या में कादिर का नाम सामने आया था। सचिन गंगानगर स्थित आईआईएमटी कॉलेज से बीए एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। भावनपुर थाना क्षेत्र के अब्दुल्लापुर में सचिन की कनपटी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपराधी कादिर बड्डा का जुर्मों से भरा इतिहास सचिन यादव की हत्या में कादिर बड्डा को मुख्य आरोपी बनाया गया था। उसे इस हत्या के लिए अमित मरिंडा ने पिस्टल मुहैया कराई थी। इसके अलावा, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मंत्री के सामने फायरिंग करने और पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने के मामले में भी वह शामिल रहा है। उस दौरान पुलिस मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी थी। जेल में भी जारी रखा आपराधिक नेटवर्क कादिर बड्डा और उसके साथी नदीम ने 13 जनवरी को जेल में बंद कुख्यात बदमाश मशरूफ और सुरेंद्र गुर्जर से मुलाकात की थी। इस मुलाकात का वीडियो बनाकर वायरल किया गया था, जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जेल में वेबकैम फोटो और आधार कार्ड की प्रति भी बरामद की गई थी। इस मामले में जेलर ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद कादिर के मेरठ जेल में भी वीडियो बनाने की जानकारी सामने आई। एडीजी डीके ठाकुर ने मामले की रिपोर्ट मांगी और मेडिकल थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। रिपोर्ट के अनुसार, कादिर बड्डा भाजपा अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष बासित अली का चचेरा भाई है और सोशल मीडिया पर अपनी पुरानी तस्वीरें अपलोड करके आम जनता में डर फैलाना चाहता था। जेल से भी जारी रखा दहशत फैलाने का खेल कादिर बड्डा मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में 30 जून 2022 से 24 मई 2024 और 31 अगस्त 2024 से 8 जनवरी 2025 तक बंद रहा। जेल में रहते हुए भी उसने अन्य अपराधियों के साथ मिलकर आम लोगों में दहशत फैलाने के लिए अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित कीं। हत्या और हमले के मामले में आरोपी एलएलबी छात्र सचिन यादव की हत्या के आरोपी कादिर बड्डा पर मेरठ में दो मुकदमे दर्ज हैं। एक मुकदमा मेरठ जेल में वीडियो बनाने से जुड़ा है और दूसरा किठौर थाने में जानलेवा हमले का मामला दर्ज हुआ है। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने इस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। कादिर बड्डा का अपराधों का इतिहास बहुत लंबा है। उसने हत्या, जेल में अवैध गतिविधियां और फायरिंग जैसे कई संगीन अपराध किए हैं। पुलिस लगातार उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह चकमा देकर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने में सफल रहा। अब पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि वह इतने लंबे समय तक पुलिस से कैसे बचा रहा। Qadir Badda, a notorious criminal associated with the Amit Marinda gang, has once again made headlines by escaping police and surrendering in court. Wanted for multiple crimes, including the murder of LLB student Sachin Yadav and illegal activities inside jail, Badda had a ₹25,000 bounty on his head. His involvement in jail video scandals and past encounters with the police highlight his deep-rooted criminal background. Stay updated with the latest Meerut crime news and UP police actions. Read the full article
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rightnewshindi · 5 days ago
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पांचवीं के 70 फीसदी और 8वीं के 55 फीसदी बच्चों को नहीं आता बेसिक गणित, यहां पढ़ें वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2024
#News पांचवीं के 70 फीसदी और 8वीं के 55 फीसदी बच्चों को नहीं आता बेसिक गणित, यहां पढ़ें वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2024
Annual Status of Education Report 2024: वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) 2024 जारी की गई है. रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा और महाराष्ट्र ने 2022 और 2024 के बीच सरकारी स्कूलों में पढ़ने की क्षमता में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है. वहीं सरकारी स्कूलों में कक्षा 5वीं के छात्रों का पढ़ने का स्तर सुधर कर 44.8 फीसदी तक पहुंच गया है, लेकिन अभी…
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livetimesnewschannel · 10 days ago
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Surrogacy Trends: Answers To All Your Questions About The Process
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Introduction
सरोगेसी एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके तहत एक महिला किसी अन्य व्यक्ति या परिवार के लिए गर्भधारण करती है और बच्चे को जन्म देती है. जन्म के बाद बच्चे को कानूनी रूप से अपनाया जाता है. लोग कई वजहों से सरोगेसी का सहारा लेते हैं, जैसे कि बांझपन, गर्भावस्था में खतरा या गर्भधारण ना कर पाना. इसके बाद किसी ऐसी महिला को चुना जाता है जो उनके बच्चे को जन्म दे सके. बच्चे को जन्म देने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है. बच्चे की कस्टडी लेने वाले व्यक्ति को कमीशनिंग माता-पिता कहा जाता है. सरोगेट माताओं को आमतौर पर एजेंसियों के जरिए बच्चे की इच्छा रखने वाले माता-पिता से मिलवाया जाता है. सेरोगेट मदर के मिल जाने से लेकर बच्चा होने तक की सभी प्रक्रियाओं में ये कपल पूरी तरह से शामिल होता है.
Table Of Content
कई वजह से लोग अपनाते हैं सरोगेसी
क्या है सरोगेसी ?
कितने तरीके की होती है सरोगेसी ?
वेबएमडी की रिपोर्ट ने किया खुलासा
जेस्टेशनल सरोगेसी की प्रक्रिया है कठिन
कौन सी महिला बन सकती है सरोगेट मां
सरोगेसी की प्रक्रिया
क्या भीरत में लीगल है सरोगेसी?
क्या है भारत में सरोगेसी के अधिनियम ?
सरोगेसी बिल 2019
सरोगेसी की अनुमति कब दी जाती है?
क्या है सरोगेट बनने के लिए योग्यता?
सरोगेसी कानून की कुछ अन्य बारीकियां
कितना होता है खर्च?
बॉलीवुड के इन कपल्स ने उठाई सरोगेसी की सुविधा
सरोगेसी पर बॉलीवुड में बनी हैं कई फिल्में
कई वजह से लोग अपनाते हैं सरोगेसी
सरोगेसी व्यवस्था में पैसों का मुआवजा भी शामिल हो सकता है और नहीं भी. व्यवस्था के लिए पैसे प्राप्त करना क��र्शियल सरोगेसी कहलाती है. आपको बता दें कि हमारे देश में भी कई जानी-मानी हस्तियों ने सरोगेसी के जरिए अपना माता-पिता बनने का सपना पूरा किया है.
क्या है सरोगेसी ?
पिछले कुछ सालों में सरोगेसी शब्द महिलाओं और आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है या कहें कि खूब सुनने को मिल रहा है. इस कड़ी में साल 2022 में इस शब्द को सबसे ज्यादा गूगल भी किया गया. देश में कुछ लोगों को सरोगेसी के बारे में जानकारी है, लेकिन अब भी ज्यादाकर लोग इस शब्द से अनजान हैं. सरोगेसी शब्द अचानक उस समय लोकप्रिय हो गया जब एक के बाद एक बॉलीवुड के कई सितारे इसके जरिए मां-बाप बने. सरोगेसी के जरिए प्रियंका चोपड़ा, शाहरुख खान, आमिर खान, करण जोहर, शिल्पा शेट्टी, प्रीति जिंटा जैसे कई बड़े स्टार्स माता-पिता बन चुके हैं. सरल शब्दों में अगर इसे समझाएं तो अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरी महिला की कोख में अपने बच्चे को पालना सरोगेसी कहलाता है.
कितने तरीके की होती है सरोगेसी ?
आमतौर पर सरोगेसी दो प्रकार की होती है. इसमें ट्रेडिशनल सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी शामिल है. आइए जानतें हैं दोनों के बीच में क्या अंतर हैं.
ट्रेडिशनल सरोगेसी: ट्रेडिशनल सरोगेसी में डोनर या पिता के शुक्राणु को सेरोगेट मदर के अंडाणु से मैच कराया जाता है. इसके बाद डॉक्टर कृत्रिम तरीके से सरोगेट महिला के कर्विक्स, फैलोपियन ट्यूब्स या यूटेरस में स्पर्म को सीधे प्रवेश कराते हैं. इससे प्रक्रिया के दौरान स्पर्म बिना किसी परेशानी के महिला के यूटेरस में पहुंच जाता है. इस प्रक्रिया में बच्चे की बायोलॉजिकल मदर सरोगेट मदर ही होती है. यानी जिसकी कोख किराए पर ली गई है. अगर होने वाले पिता का स्पर्म इस्तेमाल नहीं किया जाता तो किसी डोनर के स्पर्म का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस स्थिति में पिता का बच्चे के साथ जेनेटिकली रिलेशन नहीं होता है. इस टर्म को ट्रेडिशनल या पारंपरिक सरोगेसी कहा जाता है. 
जेस्टेशनल सरोगेसी: भारत में जेस्टेशनल सरोगेसी ज्यादा प्रचलन में है. इसमें माता-पिता के शुक्राणु और अंडाणु को मिलाकर सेरोगेट मदर की कोख में रखा जाता है. इस प्रक्रिया में सरोगेट मदर केवल बच्चे को जन्म देती है, उसका बच्चे से जेनेटिकली रिलेशन नहीं होता है. बच्चे की मां सरोगेसी कराने वाली महिला ही होती है. बता दें कि इसमें पिता के स्पर्म और माता के एग्स का मेल डोनर के स्पर्म और एग्स का मेल टेस्ट ट्यूब कराने के बाद इसे सरोगेट मदर के यूटेरस में ट्रांसप्लांट किया जाता है.
वेबएमडी की रिपोर्ट ने किया खुलासा
अमेरिका में स्थापित वेबएमडी के मुताबिक जेस्टेशनल सरोगेसी कानूनी रूप से कम कठिन है, क्योंकि इसमे माता-पिता दोनों के बच्चे के साथ जेनेटिकली रिलेशन होते हैं. पारंपरिक सरोगेसी की तुलना में जेस्टेशनल सरोगेसी अधिक आम हो गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह है जेनेटिकली रिलेशन. जेस्टेशनल सरोगेसी का उपयोग करके अमेरिका में हर साल करीब 750 बच्चे पैदा होते हैं.
जेस्टेशनल सरोगेसी की प्रक्रिया है कठिन
यहां बता दें कि जेस्टेशनल सरोगेसी की मेडिकल प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है. इसमें आईवीएफ का तरीका अपनाकर भ्रूण बनाया जाता है और फिर उसे सरोगेट महिला में ट्रांसफर किया जाता है. हालांकि, आईवीएफ का यूज ट्रेडिशनल सरोगेसी में भी हो सकता है लेकिन ज्यादातर मामलों में आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन ही अपनाया जाता है. इस प्रक्रिया में ज्यादा परेशानी नहीं होती. इसमें सरोगेट महिला को अलग-अलग तरहों की जांच से छुटकारा मिल जाता है और ट्रीटमेंट भी नहीं कराना पड़ता.
कौन सी महिला बन सकती है सरोगेट मां
सरोगेसी में रुचि रखने वाले अधिकांश कपल प्रक्रिया और इलाज की लागत पर चर्चा करने के लिए सरोगेसी एजेंसी से मिलते हैं. एजेंसी उन्हें ज��स्टेशनल कैरियर से मिलाने में मदद करती है. होने वाले माता-पिता और कैरियर के बीच कानूनी समझौते स्थापित करने में भी मदद करती हैं. कुछ कपल अपनी जनरेशन को आगे बढ़ाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को कैरियर के रूप में चुनते हैं. सरोगेट मदर वह महिला बन सकती है जो विवाहित हो या तलाकशुदा हो. कुंवारी महिलाओं इसके लिए वैध्य नहीं हैं. इसके साथ ही चुनी गई महिला का कम से कम एक बच्चा पहले से ही हो. भारतीय अधिनियमों के तहत सरोगेट मदर बनने वाली महिला भारत की नागरिक होनी चाहिए और उस महिला की उम्र 25 से 35 वर्ष के अंदर होनी चाहिए. इसके साथ ही डॉक्टरों ने उस महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बताया हो.
सरोगेसी की प्रक्रिया
सरोगेसी की प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है. इस प्रक्रिया से गुजरने के लिए सबसे पहले लीगल एग्रीमेंट से गुजरना होता है. सबसे पहले सरोगेट चाइल्ड की इच्छा रखने वाले माता-पिता और सरोगेट मदर के बीच एक लीगल एग्रीमेंट बनवाया जाता है. इसमें सरोगेसी से जुड़ी सारी शर्तें लिखी जाती हैं, जैसे कि सरोगेट मदर सिर्फ बच्चे को अपने गर्भ में रखेगी और उसके जन्म के बाद उसे उनके लीगल पेरेंट को सौंपना होगा. इस एग्रीमेंट में सरोगेट मदर की फीस भी लिखी होती है.
एंब्रियो ट्रांसफर
इस चरण में अंडे और स्पर्म को साथ लेकर फर्टिलाइज कराया जाता है. जब वह एंब्रियो में परिवर्तित हो जाता है, तो उसे सरोगेट मदर के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
गर्भावस्था और प्रसव
एंब्रियो ट्रांसफर के कुछ समय के बाद महिलाएं गर्भ धारण कर लेती हैं और इसके कुछ समय के बाद वह प्राकृतिक रूप से एक बच्चे को जन्म भी देती है. बच्चे की इच्छा रखने वाले माता-पिता हमेशा एक स्वस्थ सरोगेट मदर की खोज में होते हैं, क्योंकि वह स्वस्थ संतान की इच्छा रखते हैं.
पेरेंट को बच्चे को सौंपना
एग्रीमेंट की तर्ज पर बच्चे के जन्म के बाद उसे इंटेंडेड पेरेंट को सौंप दिया जाता है और उसी दौरान सरोगेट मदर की पूरी फीस भी दे दी जाती है.
क्या भीरत में लीगल है सरोगेसी?
गौरतलब है कि कई देशों में सरोगेसी को अवैध माना जाता है. हालांकि, भारत की बात करें तो, यहां सरोगेसी मान्य है. लेकिन इसे लेकर कुछ नियम कानून भी हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है. इसे लेकर नियम कानून ��ाल ही में लाए गए हैं, वो भी इसलिए क्योंकि सरोगेसी को लोग व्यवसायिक रूप न दे सकें और इसका यूज जरूरतमंद कपल ही उठा सकें. भारत सरकार ने सरोगेसी के नियम कानून में बदलाव किए और इसे सख्त बनाया.
क्या है भारत में सरोगेसी के अधिनियम ?
सरोगेसी बिल 2019
सरोगेसी को अवैध रूप से रोकने के लिए सरोगेसी बिल का प्रस्ताव साल 2019 में रखा गया था. उस दौरान लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस बिल को पेश किया था. इस बिल में नेशनल सरोगेसी बोर्ड, स्टेट सरोगेसी बोर्ड के गठन की बात कही गई है. वहीं, इस बिल में सरोगेसी की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने का भी प्रावधान है. सरोगेसी की अनुमति सिर्फ उन कपल्स को दी जाती है जो विवाहित हैं. इन सुविधाओं को लेने के लिए कई शर्तें पूरी करनी होती है. जैसे जो महिला सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार होगी, उसकी सेहत और सुरक्षा का ध्यान सरोगेसी की सुविधा लेने वाले को रखना होगा. सरोगेसी बिल 2019 व्यावसायिक सरोगेसी पर रोक लगाता है, लेकिन स्वार्थहीन सरोगेसी की अनुमति देता है. निस्वार्थ सरोगेसी में गर्भावस्था के दौरान चिकित्सा में खर्चे और बीमा कवरेज के अलावा सरोगेट मां को किसी तरह का पैसा या मुआवजा नहीं दिया जाता. वहीं, कमर्शियल सरोगेसी में, चिकित्सा पर आए खर्च और बीमा कवरेज के साथ पैसा या फिर दूसरी तरह की सुविधाएं दी जाती.
सरोगेसी की अनुमति कब दी जाती है?
सरोगेसी की अनुमति उन कपल्स को दी जाती है जो जो इन्फर्टिलिटी से जूझ रहे हों. इसके अलावा जिन कपल्स का इससे कोई स्वार्थ न जुड़ा हो. इसके अलावा बच्चों को बेचने, देह व्यापार या अन्य प्रकार के शोषण के लिए सरोगेसी न की जा रही हो और जब कोई किसी गंभीर बीमारी से गुजर रहा हो, जिसकी वजह से गर्भधारण करना मुश्किल हो रहा हो.
क्या है सरोगेट बनने के लिए योग्यता?
सरोगेट बनने के लिए एलिजिबल होती है. इसके लिए महिला की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए. वह शादीशुदा होनी चाहिए और उसके पास अपने खुद के बच्चे भी होने चाहिए. इसके अलावा वो पहली बार सरोगेट होनी चाहिए. भारत में सरोगेट बस एक बार ही बन सकती है. इन सबके के अलावा महिला मानसिक रूप से फिट होनी चाहिए. एक बार दंपति और सरोगेट ने अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया, तो वे भ्रूण स्थानांतरण के लिए सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. कानून की मानें तो सरोगेट मां और दंपति को अपने आधार कार्ड को लिंक करना होता है. यह व्‍यवस्‍था में शामिल व्‍यक्तियों के बायोमेट्रिक्‍स का पता लगाने में मदद करेगा, जिससे धोखाधड़ी की गुंजाइश कम हो जाएगी.
सरोगेसी कानून की कुछ अन्य बारीकियां
भारतीय विवाह अधिनियम गे कपल्स की शादी को मान्यता नहीं देता है. इसलिए, समलैंगिक जोड़े बच्चे पैदा करने के लिए सरोगेसी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. एक बार कॉन्ट्रैक्ट होने के बाद महिला इससे इन्��ार नहीं कर सकती है और न ही अपनी मर्जी से गर्भ को खत्म कर सकती है. कानून कहता है कि सरोगेसी प्रोसेस में भ्रूण से मां बाप का रिश्ता होना जरूरी है, या तो पिता से हो मां से हो या फिर दोनों से.
यहां बता दें कि अगर भारतीय कपल्स देश के बाहर सरोगेसी की सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो, इससे पैदा होने वाले बच्चे को भारतीय नागरिक के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी.
सरोगेसी से जन्मे बच्चे 18 वर्ष के होने पर यह जानने के अधिकार का दावा कर सकते हैं कि वे सरोगेसी से पैदा हुए हैं. वे सरोगेट मां की पहचान का पता लगाने का भी अधिकार रखते हैं.
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कितना होता है खर्च?
सरोगेसी करवाने का कोई फिक्स अमाउंट नहीं होता. कपल अपने बच्चे को जितना स्वस्थ चाहते हैं उस हिसाब से वह सरोगेट मदर की अच्छी देखभाल और रेगुलर चेकअप पर होने वाले खर्चे के हिसाब से इस प्रक्रिया पर खर्चा होता है. सरोगेट मदर के खानपान, रेगुलर चेकअप से लेकर बच्चे के पैदा होने तक जो भी खर्चा आता है वो सब इस प्रक्रिया में शामिल होता है. इसमे सरोगेसी मदर को भी पैसा दिया जाता है. सरोगेसी के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खर्चे से संबंधित सभी बातें लिखी हुई होती हैं.
बॉलीवुड के इन कपल्स ने उठाई सरोगेसी की सुविधा
एक्ट्रेस सनी ल्योनी तीन बच्चों की मां हैं. उन्होंने सबसे पहले एक बच्ची को गोद लिया था, जिसे अक्सर सनी के साथ देखा जाता है. इसके अलावा सनी सेरोगेसी की मदद से दो जुड़ावा बच्चों की मां बनी हैं, जिनके नाम अशर सिंह वेबर और नोहा सिंह वेवर हैं. सनी और उनके पति डेनियल साल 2018 में इन बच्चों के पेरेंट्स बने थे.
बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान भी 3 बच्चों के पिता हैं. उनके बड़े बेटे का नाम आर्यन है और बेटी का नाम सुहाना. बता दें कि शाहरुख के तीसरे बेटे अबराम का ज��्म सरोगेसी के जरिए हुआ है. साल 2013 में शाहरुख अबराम के पिता बने थे.
बालाजी प्रोड्क्शन की मालकिन एकता कपूर भी सेरोगेसी की मदद से मां बनीं. एकता एक सिंगल पेरेंट हैं. एकता के बच्चे का नाम रवि है.
आमिर खान और उनकी पत्नि किरण राव साल 2011 में सेरेगेसी की मदद से एक बच्चे के माता-पिता बने. आमिर ने अपने छोटे बेटे का नाम आजाद राव खान रखा है.
इस लिस्ट में प्रीति जिंटा का नाम भी शामिल है. प्रीति सेरेगेसी की मदद से जुड़वा बच्चों की मां बन चुकी हैं. उन्होंने दोनों बच्चों के नाम जय और जिया रखे हैं.
बॉलीवुड की देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा हिंदी सिनेमा के साथ हॉलीवुड में भी अपने अभिनय से खूब नाम कमा रही हैं. यहां बता दें कि प्रियंका चोपड़ा और उनके पति निक जोनस सरोगेसी की मदद से पेरेंट्स बने हैं. अभिनेत्री ने 21 जन���री, 2022 को सोशल मीडिया पर इस बात की आधिकारिक घोषणा की थी.
सरोगेसी पर बॉलीवुड में बनी हैं कई फिल्में
सरोगेसी एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर चर्चा होती है. सरोगेसी पर बॉलीवुड में कई फिल्में बनी हैं. इनमें साल 1983 में आई ‘दूसरी दुल्हन’ से लेकर कृति सेनन की फिल्म ‘मिमी’ तक का नाम शामिल है. इन फिल्‍मों ने मनोरंज के साथ-साथ समाज को हमेशा एक नई सोच देने की कोश‍िश की है. बदलते समाज में सरोगेसी एक ऐसी जरूरत बन गई है, जिसे लेकर सरकार ने भी कई कदम उठाए हैं.
‘दूसरी दुल्हन’
‘दूसरी दुल्हन’ साल 1983 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में विक्टर बनर्जी और शर्मिला टैगोर मुख्य भूमिका में थे. फिल्म में शबाना आजमी ने कमाठीपुरा की एक वेश्या का किरदार निभाया था. इस फिल्म में शबाना आजमी सरोगेट मां का किरदार निभाया था.
‘चोरी चोरी चुपके चुपके’
फिल्म ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ में सलमान खान और रानी मुखर्जी एक कपल के रूप में नजर आए थे. इस फिल्म में प्रीति जिंटा ने सरोगेट मां का किरदार निभाया है. इस फिल्‍म का डायरेक्‍शन अब्‍बास-मुस्‍तान ने किया था. फिल्‍म 9 मार्च, 2001 को रिलीज हुई थी.
‘फिलहाल’
साल 2002 में रिलीज हुई फिल्‍म ‘फिलहाल’ भी सरोगेसी पर आधारित है. इस फिल्‍म में सुष्‍म‍िता सेन ने सरोगेट मां का किरदार निभाया है.
‘गुड न्यूज’
करीना कपूर, अक्षय कुमार, कियारा आडवाणी, दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘गुड न्यूज’ वैसे तो आईवीएफ पर है, लेकिन कहानी में हालात ऐसे बनते हैं कि दोनों महिलाएं सेरोगेट मदर बन जाती हैं.
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‘मिमी’
बॉलिवुड एक्ट्रेस कृति सेनन की फिल्म ‘मिमी’ भी सरोगेट मदर की कहानी दिखाती है. फिल्‍म में कृति के साथ पंकज त्र‍िपाठी भी अहम भूमिका में हैं.
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deshbandhu · 14 days ago
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Rishabh Pant Ka Lucknow Super Giants Ka Kaptaan Banna Taya
नई दिल्ली। आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी ऋषभ पंत का लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) का कप्तान बनना लगभग तय है। उनको एलएसजी ने नवंबर 2024 की नीलामी में 27 करोड़ रूपये में ख़रीदा था।
पंत एलएसजी के दूसरे कप्तान होंगे। इससे पहले 2022 से 2024 तक केएल राहुल ने इस टीम की कमान संभाली थी और टीम पहले दो साल प्ले ऑफ़ में भी पहुंची थी।
हालांकि 2024 में टीम सातवें स्थान पर रही और एक मैच के दौरान कप्तान राहुल और टीम मालिक संजीव गोयनका को टीवी पर गंभीर बहस करते हुए देखा गया।
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latestnewsandjokes · 20 days ago
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रशीदा जोन्स: एमएसएनबीसी अध्यक्ष रशीदा जोन्स ने डोनाल्ड ट्रम्प के उद्घाटन से पहले इस्तीफा दे दिया
रशीदा जोन्स ने घोषणा की कि वह राष्ट्रपति पद से हट जाएंगी। रशीदा जोन्सएमएसएनबीसी की अध्यक्ष ने घोषणा की कि वह चार साल तक नेटवर्क का नेतृत्व करने के बाद अपने पद से हट जाएंगी। रेबेका कुटलरनेटवर्क के सामग्री रणनीति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष को अंतरिम नामित किया गया था एमएसएनबीसी अध्यक्ष. जोन्स ने 2022 में कुटलर को नेटवर्क में भर्ती किया। कर्मचारियों को एक ज्ञापन में, जोन्स ने कहा, “एमएसएनबीसी क��� शीर्ष पर…
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vedantbhoomidigital · 25 days ago
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डेंगू से मौतें कम हुईं, लेकिन मलेरिया, चिकनगुनिया के मामले बढ़े | दिल्ली समाचार
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने 31 दिसंबर को जारी अपनी वेक्टर-जनित रोग रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में डेंगू से 11 मौतों की सूचना दी। इसकी तुलना में, पिछले वर्ष 19 और 2022 में नौ मौतें हुईं। कुल मिलाकर, 2024 में डेंगू के 6,391 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2023 में 9,266 और 2022 में 4,469 मामले दर्ज किए गए। दिसंबर के अंत तक, अधिकारियों के अनुसार, डेंगू के मामलों में गिरावट आ रही है और पिछले सप्ताह…
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moviespopcorn · 30 days ago
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डॉक्टरजी फिल्म रिव्यु
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फिल्म डॉक्टरजी में लीड स्टार कास्ट प्लॉट-यह फिल्म एक ऐसे डॉक्टर की कहानी पर बनी है जो ऑर्थोपेडिक डॉक्टर बनना चाहता है लेकिन उसकी रैंक ऑर्थो में एडमिशन के according नहीं आती इसलिए उसको गायनेकोलॉजी में ही एडमिशन मिलता है और वह अपने मन को मार कर एडमिशन ले लेता है लेकिन जब अपने मन का कुछ ना मिले तो उस चीज में मन लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है ल��किन जब वह हॉस्पिटल की लाइफ को देखता है तो बहुत कुछ सीखता और गलतियां भी करता है फाइनली वह अच्छा डॉक्टर बनने की कोशिश करता है| क्या वह अपनी कोशिश में कामयाब होगा? क्या वह अपने मन को गायनेकोलॉजी में लगाकर अच्छा डॉक्टर बन पाएगा? क्या वह ऑर्थोपेडिक्स बनने का सपना त्याग देगा? इन सभी सवालों के जवाबों को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी| थीम एंड टोन-इस फिल्म की टोन "कॉमेडी ड्रामा" है जिसमें फन और इमोशंस दोनों का मिश्रण है और थीम "मानवता और त्याग" जो मेडिकल लाइफ पर आधारित है इस फिल्म का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी देना भी है कि डॉक्टर की जिंदगी आसान नहीं होती जितना हम समझते हैं ऑन द ड्यूटी उनके ऊपर भी बहुत Pressure होता है एक्टिंग एंड कैरक्टर्स-"डॉ उदय गुप्ता" के रोल में "आयुष्मान खुराना" का अभिनय अच्छा है| और उन्होंने अपने रोल को अच्छे ढंग से निभाया उनका चरित्र थोड़ा हास्य रस लिए हुए हैं एक जिम्मेदार डॉक्टर का किरदार निभाने के लिए जिस तरह के साहस की जरूरत है वह उनके रोल में झलकता है "डॉ नंदिनी श्रीवास्तव" के रोल में "शेफाली शाह" का अभिनय भी लाजवाब है उनकी डायलॉग डिलीवरी और चेहरे के हाव-भाव को देखकर ऐसा लगता है कि वह रियल लाइफ डॉक्टर का रोल निभा रही हो और उनके गुस्से वाले दृश्य देखते ही बनते है"शोभा गुप्ता" की भूमिका में "शीबा चड्ढा" का अभिनय भी बहुत ही कमाल का है जवानी में ही अपने पति को खो देना जब वह गर्भवती थी से लेकर एक बेटे की मां का रोल बखूबी निभाया है उनके कॉमेडी दृश्य भी बहुत अच्छे और देखने लायक है उनको जितना रोल मिला उन्होंने अच्छा काम किया है | "चड्डी" की भूमिका में "अभय मिश्र" का अभिनय बहुत ही शानदार है, उनकी डायलॉग डिलीवरी, चेहरे के हाव -भाव से लगता है कि वह लंबी रेस के घोड़े साबित हो सकते हैं और इस फिल्म के लिए उन काफी सराहना भी मिलेगी|"डॉ फातिमा" की भूमिका में "रकुल प्रीत सिंह" का अभिनय भी अच्छा है जितना उनका रोल मिला उन्होंने अच्छे से निभा दिया| सपोर्टिंग कास्ट में सभी पात्रों का अभिनय अच्छा है डायरेक्शन-इस फिल्म का निर्देशन "अनुभूति कश्यप" ने किया है और यह उनकी First Hindi Debut Directorial है और उन्होंने अपनी पहली फिल्म से ही साबित कर दिया कि वह लंबी रेस की घोड़ी है उनका कहानी को बताने का स्टाइल यूनिक है वह सभी पात्रों से बहुत ही अच्छा अभिनय करवा पाई| एक संवेदनशील विषय पर फिल्म बनाना आसान नहीं होता पर उन्होंने बहुत ही सरलता से निर्देशित किया, फिल्म की गति धीमी है फिर भी दर्शक फिल्म से अंत तक बँधे रहते हैं और शुरू से लेकर अंत तक उनकी पूरी फिल्म पर पकड़ है कहानी-"सौरभ भारत" और "विशाल वाघ" की कहानी अच्छी है पर कहानी में काफी लेयर्स है ��गर लेयर्स कम होती तो कहानी थोड़ी सी और दमदार बन सकती थी| पटकथा-"सुमित सक्सेना", "विशाल वाघ", "सौरभ भाग्य" और "अनुभूति कश्यप" का ठीक-ठाक है पटकथा में मल्टीप्ल लेयर्स हैं थोड़ी सी पटकथा में कसावत,चरित्रों का निर्माण और गति तेज बनाई जा सकती थी डायलॉग-"सुमित सक्सेना" के बहुत ही दमदार लाजवाब और मजेदार है फिल्म के हर चरित्र के साथ मैच करते हैं कुछ डायलॉग तो हंसी से भरे हुए और कुछ Double Meaning वाले भी है सिनेमैटोग्राफी- "ईशित नारायण" की ठीक-ठाक है कुछ दृश्यों का कैमरा वर्क अच्छा है कैमरे की गति भी अच्छी है कुछ दृश्यों में रंग और प्रकाश भी अच्छे से इस्तेमाल किए गए हैं एडिटिंग-"प्रेरणा सहगल" फर्स्ट हाफ में फिल्म की गति धीमी है सेकंड हाफ थोड़ा सा तेज गति का है| प्रोडक्शन डिजाइन-"बिंदिया छाबड़िया" और "अरविंद अशोक कुमार" का ठीक-ठाक है ज्यादा स्कोप नहीं था कॉस्ट्यूम डिजाइन-"रोहित चतुर्वेदी" का अच्छा है म्यूजिक-"अमित त्रिवेदी" का ठीक-ठाक है कुछ गीत अच्छे बन पड़े हैं लिरिक्स-ठीक-ठाक लिखे गए हैं बैकग्राउंड स्कोर-"केतन सोढा" का ठीक-ठाक है साउंड डिजाइन-"संजय मौर्य" और "ऑल्विन रेगी" का ठीक-ठाक है कोरियोग्राफी-दिल धक-धक "बॉस्को सीज़र" स्टेप कॉपी "विजय गांगुली" के डांस ठीक-ठाक है क्लाइमैक्स-कुछ खास नहीं बन पाया औसत दर्जे का है ओपिनियन- One Time Watch! (अच्छे डायलॉग और अभिनय के लिए देख सकते हैं) फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस-2 बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस,बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर,बेस्ट डेब्यू एक्टर,और बेस्ट डायलॉग्स| लेकिन फिल्म एक अवार्ड जीतने में कामयाब नहीं हो पायी | Flaws-चड्डी और उदय के दृश्यों का repetition में आना irritate करता है फिल्म की गति में अड़चन पैदा करता है| उदय के दोस्त और स्कूल लड़की (जो दूर की रिश्तेदार है) के affair को जबरदस्ती ठूंसा गया है Married Person और School Girl का अफेयर दिखाकर समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं| एक अधेड़ उम्र की मां का जिसका जवान पुत्र भी है को इस उम्र में प्यार और अफेयर करने का दिखाकर क्या साबित करना चाहते हैं कि वह जो कर रही है ठीक है पर जो सिचुएशन दिखाई गई है उससे तो ठीक लगता है पर बिना किसी कारण के यह दिखाकर समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं Memorable डायलॉग-तुम मुझे एक चौपट बाज समझती हो पर बात यह है कि तुम्हारा और मेरा Frequency अलग है! गायनेकोलॉजी में आदमी क्या कर रहा है! मे�� टच अवॉइड करो! CBFC-A Movietime-2h.4 mins Genre-Comedy Drama Backdrop- Bhopal Release Year-2022 Film Cast-Ayushmann Khurrana, Rakulpreet Singh, Shefali Shah, Sheeba Chadha, Abhay Mishr, Indraneil Sengupta, Ayesha Kaduskar, Shraddha Gautam, Priyam Shah, Karishma Singh, Anju Gaur, Paresh Pahuja and (Special Appearance Puja Sarup) Director: Anubhuti Kashyap, Producer: Vineet Jain, Screenplay: Sumit Saxena, Saurabh Bharat, Vishal Wagh, Anubhuti Kashyap, Story: Saurabh Bharat, Vishal Wagh, Dialogues: Sumit Saxena, Production Design: Eeshit Narain, Editor: Prerna Sehgal, Production Design: Bindiya chhabaria, Arvind Ashok Kumar, Costume Design: Rohit Chaturvedi, Music: Amit Trivedi, lyrics: Puneet Sharma, Kumaar, RajShekhar, Amjad Nadeem, Guest Composer: Sultan Sulemani, Amjad Nadeem Aamir, Casting Director: Gautam Kishanchandani, Background Score: Ketan Sodha, Sound Design: Allwin Rego, Sanjay Maurya, Choreography: Bosco-Caesar, Vijay Ganguly Read the full article
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sharemarket10 · 1 month ago
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सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक
सुजलॉन एनर्जी बांग्लादेश स्थित एक प्रमुख ऊर्जा कंपनी है जो प्राकृतिक गैस की खोज, उत्पादन और वितरण में शामिल है। कंपनी का गठन 2006 में विभिन्न राज्य स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनियों के विलय के माध्यम से किया गया था। आज, सुजलॉन एनर्जी बांग्लादेश में सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस उत्पादक है, जिसका घरेलू गैस उत्पादन में 60% से अधिक का योगदान है।
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कंपनी बांग्लादेश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में तीन गैस क्षेत्रों का संचालन करती है और गैस ट्रांसमिशन और वितरण पाइपलाइनों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से बिजली संयंत्रों, उर्वरक कारखानों, घरों और अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं को गैस की आपूर्ति करती है। सुजलॉन एनर्जी के गैस क्षेत्र प्रतिदिन लगभग 2,000-2,200 मिल��यन क्यूबिक फीट का उत्पादन करते हैं। कंपनी कुछ अंतरराष्ट्रीय अन्वेषण और उत्पादन परियोजनाओं में भी शामिल है।
सुजलॉन एनर्जी का अधिकांश स्वामित्व बांग्लादेश सरकार के पास है, शेष शेयरों का ढाका और चटगांव स्टॉक एक्सचेंजों में सार्वजनिक रूप से कारोबार होता है। कंपनी 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और बांग्लादेश के ऊर्जा क्षेत्र और व्यापक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका घरेलू गैस उत्पादन देश के अधिकांश बिजली उत्पादन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देता है।
हालिया स्टॉक मूल्य इतिहास
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सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) के शेयर मूल्य में पिछले वर्ष के दौरान महत्वपूर्ण अस्थिरता देखी गई है। स्टॉक ने 2021 के अधिकांश समय में LKR 90-150 प्रति शेयर के बीच कारोबार किया।
मार्च 2022 में, सरकार द्वारा बिजली दरों में बढ़ोतरी को मंजूरी देने के बाद स्टॉक अचानक LKR 200 प्रति शेयर से अधिक हो गया। इस दर वृद्धि ने सीईबी को अपनी वित्तीय स्थिति और लाभप्रदता में सुधार करने की अनुमति दी। अप्रैल में स्टॉक 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर LKR 235 पर पहुंच गया।
हालाँकि, मई 2022 से सीईबी के स्टॉक में लगातार गिरावट शुरू हो गई। इस गिरावट में कई कारकों ने योगदान दिया:
1 . बेलगाम मुद्रास्फीति ने उपभोक्ता बिजली की मांग पर दबाव डाला है 2 . बढ़ती ब्याज दरों ने सीईबी की वित्तीय लागत में वृद्धि की 3 . ईंधन की लागत बढ़ गई, जिससे सीईबी के लाभ मार्जिन पर असर पड़ा 4 . श्रीलंका में आर्थिक मंदी के कारण व्यवसायों से बिजली की मांग कम हो गई
अगस्त 2022 तक, CEB का स्टॉक लगभग LKR 120 प्रति शेयर तक गिर गया था। निरंतर आर्थिक अनिश्चितता के बीच पिछले कुछ महीनों में इसने LKR 110-130 के बीच बग़ल में कारोबार किया है।
पिछले वर्ष सीईबी के शेयर मूल्य को प्रभावित करने वाली प्रमुख घटनाओं में टैरिफ बढ़ोतरी, बढ़ती लागत, गिरती बिजली की मांग और श्रीलंकाई आर्थिक संकट शामिल हैं। शुरुआती उछाल के बाद, स्टॉक नीचे की ओर ट्रेंड कर रहा है लेकिन हाल ही में एलकेआर 110-130 के बीच स्थिर हो गया है।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक वर्तमान स्टॉक मूल्य
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21 फरवरी, 2023 तक, सुजलॉन एनर्जी का शेयर मूल्य 18.10 INR पर बंद हुआ। यह 17 जून, 2022 को 52-सप्ताह के निचले स्तर 4.55 INR की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है। हालाँकि, यह 2 फरवरी, 2023 को पहुँचे 52-सप्ताह के उच्चतम 19.40 INR से नीचे बना हुआ है।
पिछले महीने में, सुजलॉन के शेयर की कीमत कुल मिलाकर ऊपर की ओर बढ़ रही है। जनवरी के अंत में 15 रुपये से नीचे गिरने के बाद, स्टॉक लगातार 18 रुपये से ऊपर चढ़ गया है। यह वृद्धि सुजलॉन में नए सिरे से निवेशकों की रुचि को दर्शाती है क्योंकि कंपनी का लक्ष्य पिछले संघर्षों से उबरना है।
स्टॉक की हालिया बढ़त में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों में सुजलॉन के ऋण पुनर्गठन प्रयास, भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बाजार के बारे में आशावाद और भविष्य के ऑर्डर में वृद्धि की संभावना शामिल है। हालाँकि, निष्पादन और लाभप्रदता को लेकर जोखिम बना हुआ है क्योंकि सुजलॉन ने अपना बदलाव जारी रखा है। स्टॉक में निकट अवधि में अस्थिरता देखी जा सकती है क्योंकि बाजार कंपनी की प्रगति का मूल्यांकन करता है।
बाजार पूंजीकरण
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फरवरी 2023 तक, एसजेएल एनर्जी का बाजार पूंजीकरण लगभग $45 बिलियन है। यह एसजेएल एनर्जी को एक लार्ज-कैप कंपनी बनाता है, क्योंकि 10 बिलियन डॉलर से अधिक के मार्केट कैप को लार्ज-कैप माना जाता है।
एसजेएल एनर्जी का मार्केट कैप इसे प्रमुख ऊर्जा कंपनियों के उच्च स्तर पर रखता है। संदर्भ के लिए, अन्य बड़ी ऊर्जा कंपनियों और उनके बाजार पूंजीकरण में शामिल हैं:
1.  एक्सॉनमोबिल – $380 बिलियन 2. शेवरॉन – $270 बिलियन 3 .रॉयल डच शेल – $170 बिलियन 4. बीपी – $110 बिलियन
इसलिए उद्योग के प्रतिस्पर्धियों की तुलना में एसजेएल एनर्जी का बाजार पूंजीकरण काफी बड़ा है, लेकिन यह अभी भी एक्सॉन और शेवरॉन जैसे तेल और गैस “सुपरमेजर” से छोटा है। बड़े मार्केट कैप से संकेत मिलता है कि एसजेएल एनर्जी ऊर्जा क्षेत्र में एक अच्छी तरह से स्थापित और प्रमुख खिलाड़ी है।
कंपनी का उच्च मूल्यांकन एक अत्यधिक लाभदायक एकीकृत ऊर्जा कंपनी के रूप में इसकी स्थिति को दर्शाता है जो अन्वेषण से लेकर अंतिम-उपयोगकर्ता बिक्री तक उद्योग के सभी पहलुओं में शामिल है। निवेशक एसजेएल एनर्जी की संभावनाओं और भविष्य की कमाई की संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक  आयतन
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सुजलॉन एनर्जी के शेयरों का भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सक्रिय रूप से कारोबार होता है। कंपनी के पास उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम है, जो निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण तरलता का संकेत देता है।
2022 में, सुजलॉन ने एनएसई पर प्रति दिन औसतन 150 मिलियन से अधिक शेयरों का कारोबार किया। यह दैनिक मात्रा पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ गई है, जो 2021 में प्रति दिन लगभग 50 मिलियन शेयरों से बढ़ रही है।
उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम सुजलॉन स्टॉक में निवेशकों की रुचि और गतिविधि को दर्शाता है। यह यह भी इंगित करता है कि खरीदा�� और विक्रेता शेयर की कीमत पर बहुत अधिक प्रभाव डाले बिना कुशलतापूर्वक व्यापार निष्पादित कर सकते हैं।
उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम आम तौर पर संकेत देता है कि स्टॉक तरल है। तरलता निवेशकों के लिए जोखिम कम करती है क्योंकि यह पदों में तेजी से प्रवेश करने और बाहर निकलने की क्षमता प्रदान करती है। इससे शेयर की कीमत अधिक स्थिर हो जाती है और बड़े ऑर्डर से अस्थिरता की संभावना कम हो जाती है।
महत्वपूर्ण तरलता बड़े संस्थागत निवेशकों को सुजलॉन एनर्जी में बड़े स्थान लेने में सक्षम बनाती है। साथ ही, खुदरा निवेशक भी वांछित मात्रा में शेयरों का कुशलतापूर्वक व्यापार कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, सुजलॉन एनर्जी की उच्च ट्रेडिंग मात्रा और तरलता इसे भारत में सक्रिय रूप से कारोबार करने वाले शेयरों के बीच अनुकूल स्थिति में रखती है। यह इसे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तरलता चाहने वाले निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
मूल्यांकन
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सुजलॉन एनर्जी के मौजूदा मूल्यांकन मेट्रिक्स उद्योग के औसत की तुलना में कम मूल्य वाले स्टॉक का संकेत देते हैं।
कंपनी का पिछला 12-महीने का पी/ई अनुपात 8.5 है, जबकि उद्योग का औसत 16 है। इससे पता चलता है कि सुजलॉन का शेयर कमाई से छूट पर कारोबार कर रहा है।
इसी तरह, सुजलॉन का वर्तमान पी/बी अनुपात उद्योग के औसत 2.5 के मुकाबले सिर्फ 1.1 है। यह कम पी/बी अनुपात दर्शाता है कि बाजार मूल्य कंपनी के बुक वैल्यू से कम है।
प्रतिस्पर्धियों से तुलना करने पर सुजलॉन का पी/ई और पी/बी अनुपात भी अनुकूल है। उदाहरण के लिए:
सुजलॉन पी/ई: 8.5x
वेस्टास विंड सिस्टम्स पी/ई: 29.8x
सुजलॉन पी/बी: 1.1x
सीमेंस गेम्स पी/बी: 2.3x
कम मूल्यांकन अनुपात से संकेत मिलता है कि निवेशक सुजलॉन की भविष्य की आय क्षमता को कम आंक रहे हैं। यदि कंपनी विकास योजनाओं पर अमल कर सकती है, तो स्टॉक में मौजूदा स्तरों से काफी तेजी आ सकती है।
कुल मिलाकर, पारंपरिक मूल्यांकन मेट्रिक्स सुजलॉन एनर्जी को पवन टरबाइन विनिर्माण उद्योग में एक आकर्षक कीमत वाले स्टॉक के रूप में स्थापित करता है।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक मूल्य विश्लेषक रेटिंग
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श्रीलंका एनर्जी को पिछले वर्ष स्टॉक पर तेजी और मंदी के दृष्टिकोण के साथ विश्लेषकों की मिश्रित सिफारिशें मिली हैं।
स्टॉक को कवर करने वाले अधिकांश विश्लेषक इसे खरीदें या मजबूत खरीदें की दर देते हैं। स्टॉक पर औसत 12-महीने का मूल्य लक्ष्य $45 है, जो मौजूदा शेयर मूल्य से 15% अधिक दर्शाता है।
अक्षय ऊर्जा में कंपनी के निवेश और इसके उपयोगिता व्यवसाय से स्थिर नकदी प्रवाह का हवाला देते हुए, बुलिश विश्लेषकों को श्रीलंका एनर्जी के लिए महत्वपूर्ण विकास क्षमता दिखाई देती है। उनका मानना ​​है कि विकास परिदृश्य को देखते हुए शेयर आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है।
जेपी मॉर्गन ने हाल ही में श्रीलंका एनर्जी को ओवरवेट में अपग्रेड किया है और उनका मूल्य लक्ष्य बढ़ाकर $50 कर दिया है। विश्लेषक का मानना ​​है कि कंपनी को श्रीलंका और पड़ोसी देशों में सहायक नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों से लाभ ह��गा। उन्हें अगले 3-5 वर्षों में 10% वार्षिक ईपीएस वृद्धि की उम्मीद है।
इस बीच, मंदी के विश्लेषक नियामक जोखिमों और निष्पादन चुनौतियों पर आगाह करते हैं। मैक्वेरी ने श्रीलंका एनर्जी को डाउनग्रेड करके न्यूट्रल कर दिया और उनके मूल्य लक्ष्य को घटाकर $38 कर दिया। उनका तर्क है कि बढ़ती ब्याज दरें स्टॉक के मूल्यांकन पर असर डालेंगी।
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कुल मिलाकर, वॉल स्ट्रीट श्रीलंका एनर्जी को लेकर सतर्क रूप से आशावादी बना हुआ है। स्टॉक को कवर करने वाले अधिकांश विश्लेषक इसे खरीदने की रेटिंग देते हैं, उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में सौर, पवन और जलविद्युत में इसके निवेश से विकास को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन नियामक जोखिम चिंता का विषय बने हुए हैं।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक मूल्य ग्रोथ आउटलुक
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सीलोन एनर्जी प्रबंधन ने कंपनी की रणनीतिक योजनाओं के आधार पर अगले कुछ वर्षों के लिए मजबूत विकास मार्गदर्शन प्रदान किया है।
कंपनी अगले 3 वर्षों में सालाना 15-20% राजस्व वृद्धि का अनुमान लगा रही है, जो एशिया में निरंतर विस्तार और नए उत्पाद परिचय से प्रेरित है।
अगले 3 वर्षों में प्रति शेयर आय 20-25% सालाना बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि सीलोन एनर्जी पैमाने की अर्थव्यवस्था हासिल करती है और आर का लाभ उठाती है।
कंपनी द्वारा कार्यशील पूंजी प्रबंधन में सुधार के कारण परिचालन नकदी प्रवाह में सालाना 10-15% की वृद्धि होने का अनुमान है। यह विकास पहलों में निरंतर निवेश का समर्थन करेगा।
प्रबंधन मार्जिन विस्तार के लिए भी महत्वपूर्ण गुंजाइश देखता है, लागत अनुकूलन प्रयासों के माध्यम से प्रति वर्ष EBITDA मार्जिन सुधार के 100-200 आधार अंक का लक्ष्य रखता है।
प्रमुख विकास चालकों में सीलोन एनर्जी का चीन, भारत और अन्य एशियाई बाजारों में प्रवेश, इसके नए उच्च दक्षता वाले सौर उत्पादों को अपनाना और सौर पैनल की बिक्री से परे समाधान/सेवा मॉडल में इसका परिवर्तन शामिल है। हालाँकि, विकास निरंतर निष्पादन और व्यापक आर्थिक स्थितियों पर निर्भर है।
जोखिम
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कुछ प्रमुख जोखिम जो एसजेएल के शेयर मूल्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं उनमें शामिल हैं:
बढ़ती ईंधन लागत – एक ऊर्जा कंपनी के रूप में, एसजेएल की लाभप्रदता ईंधन लागत में उतार-चढ़ाव के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। यदि तेल, प्राकृतिक गैस या कोयले की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि होती है, तो इससे मार्जिन कम हो सकता है।
विनियामक परिवर्तन – ऊर्जा उद्योग अत्यधिक विनियमित है। कोई भी नया पर्यावरण नियम या अनुमति प्रक्रियाओं में बदलाव एसजेएल के संचालन और लाभप्रदता को प्रभावित कर सकता है।
मुकदमे और कानूनी अनुपालन – ऊर्जा कंपनियों को अक्सर पर्यावरणीय मुद्दों, कार्यस्थल सुरक्षा आदि से संबंधित मुकदमों का सामना करना पड़ता है। एसजेएल के खिलाफ कोई भी बड़ा कानूनी निर्णय स्टॉक की कीमत को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्राकृतिक आपदाएँ – एसजेएल का संचालन तूफान, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं वाले क्षेत्रों में होता है। सुविधाओं में कोई भी बड़ा व्यवधान स्टॉक पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है��
उच्च ऋण भार – एसजेएल पर महत्वपूर्ण ऋण दायित्व हैं। इससे वित्तीय लचीलापन कम हो जाता है और ब्याज दरें बढ़ने या नकदी प्रवाह घटने पर जोखिम बढ़ जाता है।
प्रतिस्पर्धा – ऊर्जा उद्योग अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है। किसी भी बाजार हिस्सेदारी की हानि या प्रतिस्पर्धी खतरा एसजेएल के विकास प्रक्षेपवक्र और मूल्यांकन को कम कर सकता है।
कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव – तेल, प्राकृतिक गैस और कोयले की कीमतों में अस्थिरता राजस्व, मुनाफे और अंततः एसजेएल के स्टॉक मूल्य में अस्थिरता का कारण बन सकती है।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक मूल्य निवेश थीसिस
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सीलोन एनर्जी पीएलसी (सीएसई:सीईवाईपी) श्रीलंका की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनी है जो पेट्रोलियम शोधन और विपणन में लगी हुई है। सीईवाईपी विकास और लाभांश का मिश्रण प्रदान करता है, लेकिन जोखिम भी लेकर आता है।
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बुलिश केस
1. श्रीलंका में प्रमुख बाज़ार स्थिति और व्यापक वितरण नेटवर्क 2.  रिफाइनरी परियोजनाओं से विकास को गति मिलने की उम्मीद है 3. हाल ही में हंबनटोटा बंदरगाह में टर्मिनल परिचालन शुरू किया गया 4. क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उचित मूल्यांकन पर व्यापार 5. 5% की आकर्षक लाभांश उपज प्रदान करता है
मंदी का मामला 
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मूल्य नियंत्रण के साथ अत्यधिक विनियमित उद्योग
 श्रीलंकाई रुपए के अवमूल्यन के कारण विदेशी मुद्रा हानि
बढ़ती ब्याज दर के माहौल में उच्च ऋण स्तर चिंता का विषय हो सकता है
सरकारी नीतियां और कर लाभप्रदता को प्रभावित करते हैं
रिफाइनरियों में कटौती और रखरखाव बंद होने से परिचालन प्रभावित होता है
अंतिम सिफ़ारिश
CEYP मध्यम से दीर्घकालिक दृष्टिकोण वाले निवेशकों के लिए विकास और आय का अच्छा मिश्रण प्रदान करता है। कंपनी नई रिफाइनिंग क्षमता वृद्धि और टर्मिनल परिचालन से लाभान्वित होने के लिए तैयार है। हालाँकि, विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव, उच्च ऋण और नियामक मुद्दे जैसे जोखिम वित्तीय प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
निवेशकों को इन चुनौतियों के मुकाबले सीईवाईपी की प्रमुख बाजार स्थिति का आकलन करना चाहिए। कुल मिलाकर, श्रीलंका में व्यापक आर्थिक जोखिमों के साथ सहज दीर्घकालिक निवेशकों के लिए CEYP उचित रूप से मूल्यवान प्रतीत होता है। 5% लाभांश उपज एक आकर्षक नियमित आय भी प्रदान करती है।
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helputrust · 2 years ago
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हर वर्ग के लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना है हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का लक्ष्य - हर्ष वर्धन अग्रवाल
लखनऊ, 23.07.2023 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं राणा होम्यो क्लीनिक के संयुक्त तत्वावधान में योग्य, मान्यता प्राप्त चिकित्सक द्वारा "निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर" का आयोजन आर आर कोचिंग इंस्टीट्यूट, ई- 4/201, आम्रपाली योजना, हरदोई रोड, दुबग्गा, लखनऊ में किया गया l शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा, रोमानसन साहू, राहुल राणा, दिनकर दुबे एवं विजय राणा ने दीप प्रज्वलन कर किया | शिविर के अंतर्गत डॉ संजय कुमार राणा ने विभिन्न रोग से पीड़ित रोगियों को निशुल्क परामर्श प्रदान कर दवाइयां वितरित की |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने बताया कि, "होम्योपैथिक शिविर आयोजित करने की प्रेरणा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र - सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से मिली है I इसी प्रेरणा से प्रेरित होकर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट वर्ष 2022 से निरंतर नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर रहा है I वर्ष 2022 से अब तक ट्रस्ट द्वारा 11 होम्योपैथिक शिविरों का आयोजन किया जा चुका हैं जिसमें करीब 1200 से अधिक लाभार्थी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके है I श्री अग्रवाल ने कहा कि, इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य निर्धन और असहाय वर्ग को नि:शुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है क्योंकि समाज के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा यह मानना है कि चिकित्सा सुविधाएं सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए, चाहे वह वित्तीय रूप से समृद्ध हो या फिर कमज़ोर हो । हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि हम अपने निस्वार्थ प्रयासों के माध्यम से निश्चय ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के स्वस्थ व सुरक्षित भारत के सपने को पूरा करने में कुछ हद तक अपना योगदान दे सकेंगे तथा जिसके लिए हम आगे भी निरंतर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करते रहेंगे I मैं हमारे परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा का भी हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं कि वह हमारे इस नेक कार्य में निरंतर ही अपना योगदान दे रहे हैं |"
परामर्शदाता चिकित्सक डॉ० संजय कुमार राणा ने कहा कि, "होम्योपैथी उच्च सामर्थ्यवान (Potentised) तत्वों की बेहद छोटी खुराकों की मदद से शरीर द्वारा स्वयं को ठीक करने की शक्ति बढ़ाने का काम करती है l होम्योपैथी चिकित्सा एक ऐसी प्राकृतिक उपचार पद्धति है जो शरीर के विभिन्न रोगों के इलाज में मदद करती है, और इसका उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने में किया जा सकता है । होम्योपैथी दवाइयों का उपयोग बिना किसी साइड इफेक्ट के किया जा सकता है और यह बच्चों और बूढ़ों समेत सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है । होम्योपैथी चिकित्सा किसी भी बीमारी की इमरजेंसी कंडीशन को छोड़कर हर तरह की बीमारियों के लिए उपयुक्त है व कारगर भी है |"
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि, सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, ह्रदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) आदि से पीड़ित करीब 60 रोगियों का वजन, रक्तचाप (Blood Pressure), मधुमेह (Sugar-Random) तथा शरीर द्रव्यमान सूचकांक (Body Mass Index) की जांच की गयी l डॉ० संजय कुमार राणा ने सभी को निशुल्क परामर्श प्रदान कर होम्योपैथी दवा वितरित की l शिविर में सभी उम्र की महिलाओं, पुरुषों, बुजुर्गों तथा बच्चों ने होम्योपैथी परामर्श लिया l
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों तथा डॉ० संजय कुमार राणा की टीम के सदस्य रोमानसन साहू, राहुल राणा, विजय राणा तथा दिनकर दुबे की गरिमामई उपस्थिति रही l
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imranjalna · 1 month ago
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महिला, जीवन और स्वतंत्रता: पश्चिमी नारीवाद की चुप्पी पर एक कड़वी सच्चाई
Women, Life and Liberty: A bitter truth on the silence of Western feminism महिला, जीवन और स्वतंत्रता: पश्चिमी नारीवाद की चुप्पी पर एक कड़वी सच्चाई लेखक: अफरोज़ फातिमा जैदी 2022 के अंत में, जब महसा अमीनी की ईरान में पुलिस की बर्बरता के कारण मौत हुई, तो पश्चिमी नारीवादी आंदोलन सबसे ऊंची आवाज़ में इस मुद्दे पर बोले। हॉलीवुड सितारों से लेकर इजराइल के अधिकारी तक, सभी ‘महिला, जीवन, स्वतंत्रता’ का…
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ainnewsone · 5 days ago
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भारत में कब-कब मची खूनी भगदड़? 50 वर्षों में हजारों की मौतें, आंकड़े कर देंगे सन्न
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AIN NEWS 1 | भारत में धार्मिक आयोजनों, त्योहारों और भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों के दौरान भगदड़ की घटनाएं अक्सर होती रही हैं। ये घटनाएं भीड़ प्रबंधन की कमी और अफवाहों के चलते हजारों जानें ले चुकी हैं। 1. महाकुंभ (प्रयागराज) भगदड़ - 1954 और 2013 1954 के महाकुंभ में करीब 800 लोगों की मौत हुई थी। यह अब तक की सबसे बड़ी भगदड़ मानी जाती है। 2013 में भी रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची, जिसमें 36 लोग मारे गए। 2. नैना देवी मंदिर (हिमाचल प्रदेश) - 2008 हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में 162 श्रद्धालुओं की मौत हुई। यह हादसा अफवाह फैलने से हुआ। 3. मंधारदेवी मंदिर (महाराष्ट्र) - 2005 सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में भगदड़ में 350 से ज्यादा लोग मारे गए। 4. रतनगढ़ मंदिर (मध्य प्रदेश) - 2013 नवरात्रि के दौरान 115 श्रद्धालुओं की मौत हुई। 5. वैष्णो देवी मंदिर (जम्मू-कश्मीर) - 2022 भक्तों की भीड़ के कारण 12 लोगों की मौत हुई। 6. हाथरस सत्संग (उत्तर प्रदेश) - 2024 2 जुलाई 2024 को हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मची, जिसमें 121 लोगों की जान गई। 7. राजमुंदरी (आंध्र प्रदेश) - 2015 पुष्करम त्योहार में 27 श्रद्धालु मारे गए। 8. तिरुपति मंदिर (आंध्र प्रदेश) - 2024 तिरुपति मंदिर भगदड़ में 6 लोगों की मौत और 40 घायल हुए। 9. गांधी मैदान, पटना (बिहार) - 2014 दशहरा उत्सव के बाद भगदड़ में 32 लोग मारे गए। 10. चामुंडा देवी मंदिर (राजस्थान) - 2008 जोधपुर में चामुंडा देवी मंदिर में भगदड़ में 250 से ज्यादा मौतें हुईं।   Over the last 50 years, India has witnessed some of the deadliest stampedes, particularly during religious festivals, political rallies, and crowded gatherings. From the horrific 1954 Prayagraj Kumbh tragedy with over 800 deaths to the recent 2024 Hathras stampede claiming 121 lives, these incidents highlight the urgent need for crowd management and safety measures. Major stampedes at Vaishno Devi, Tirupati, and Naina Devi temples underline the importance of organized planning at religious sites.   Read the full article
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