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Kisi Musibat Zada Ko Dekhne Ki Dua
आज यहां पर आप एक बहुत ही ख़ास अफजल बरकत व रहमत भरी दुआ यानी कि Kisi Musibat Zada Ko Dekhne Ki Dua बहुत साफ़ और आसान लफ्ज़ों में जानेंगे।
इस दुआ को आप किसी भी मुसीबत जदा शख्�� को देखने के बाद सही और साफ़ नियत से पढ़ेंगे इस बात को जरुर ख्याल रखिएगा।
इसके बहुत सारे अच्छे और स्ट्रॉन्ग रीज़न हैं जो आप नीचे जानेंगे इसीलिए आप यहां पर दुआ के साथ साथ पूरा पैग़ाम को ध्यान से पढ़ें।
Kisi Musibat Zada Ko Dekhne Ki Dua
हमने यहां पर किसी भी मुसीबत में पड़े शख्स को देखने पर पढ़ने की दुआ को हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश में भी बताया है।
जिसे आप अपने मुताबिक़ सही और आसान शब्दों में इस दुआ को सही सही आसानी से पढ़ और समझ सकें ताकि फिर कहीं देखना ना पड़े।
Kisi Musibat Zada Ko Dekhne Ki Dua In Hindi
अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी आफ़ानी मिम्मब्तला-क बिही व फ़ज़्ज़-ल-नी अला क-सी रिम मिम्मन ख़-ल-क़ तफ़्ज़ीला
Kisi Musibat Zada Ko Dekhne Ki Dua In Arabic
اَلْحَمْدُ لِلّٰہِ الَّذِي عَافَانِي مِمَّا ابْتَلَاكَ بِهٖ وَفَضَّلَنِي عَلٰی كَثِيرِ مِمَّنْ خَلَقَ تَفْضِيلَاً
Kisi Musibat Zada Ko Dekhne Ki Dua In English
Alhamdu Lillahillazi Aafani Mimmabtla-Ka Beehi Wa Fazzalani Ala Qasi Reem Meemman Kha-la-ka Tafzila
Kisi Musibat Zada Ko Dekhne Ki Dua Ka Tarjuma
अल्लाह अजवाजल का शुक्र है जिसने मुझे इस मुसीबत से आफियत दी जिस में तुझे मुब्तला किया और मुझे अपनी बहुत से मखलूक पर फजीलत दी
किसी मुसीबत जदा को देखने की दुआ पढ़ने की फजीलत
यह तो आप भी जानते ही होंगे कि दुआ का मतलब बुलाना पुकारना या मांगना भी होता है हमारी इस खुबसूरत मज़हब की अज़ीम शान है।
हमारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के अनुसार एक हदीस के मुताबिक दुआ इबादत का सार है।
हम में से कोई जब सच्चे दिल से अल्लाह से दुआ करता है तो इससे उसका विश्वास और ईमान भी मजबूत होता है।
इसी तरह जब आप किसी परेशान मुसीबत जदा को देखकर इस दुआ को पढ़ेंगे तो अल्लाह उसके साथ साथ आप पर भी रहम फरमाएगा।
हमारे मज़हब में दुआ और नमाज़ बहुत ही पॉवरफुल और इफेक्टिव होता है यह किसी भी जगह या समय पर अल्लाह के साथ होने का एहसास कराता है।
हम सभी लोग दिन और रात अपने अल्लाह को पुकारते हैं और इसका जिक्र कुरान ए पाक में भी है कि हर चीज़ के लिए अल्लाह को पुकारो।
क्योंकि हमारी अनिश्चितताओं, उम्मीदों, सपनों और हर तरीके का ख्वाहिश और डर का समाधान सिर्फ और सिर्फ अल्लाह के पास है।
इसे न कि सिर्फ हमारी संबंध मजबूत होती है बल्कि उम्मीद और विश्वास का भी बढ़ावा होता है इससे हमें आशा मिलती है।
हम सभी को हर अच्छी अमल के साथ साथ दुआएं भी याद होनी चाहिए अगर आपको यह दुआ मुसीबत जदा को देखकर पढ़ने की दुआ याद होगी तो।
यह न केवल उनको मुसीबत से आफियत मिलेगी इसके साथ साथ आपको भी इसका फ़ायदा हासिल होगा और आप अपने को भी खुश पाएंगे।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप भी आसानी से मुसीबत जदा को देख कर पढ़ने की दुआ को सही से पढ़ और समझ कर पढ़ना सीख गए होंगे और अब आसानी से किसी को मुसीबत में देखने पर जरूर पढ़ेंगे।
हमने यहां पर दुआ के साथ साथ और भी कई सारी अच्छी बातें बताई थी जिसे आप आसानी से पढ़ और समझ सकें अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल या डाउट हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट मि के ज़रिए जरूर पूछें।
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হিন্দি অক্ষরের তুলনা বাংলা অক্ষরের সাথে
এই পোস্টটা বাংলা ভাষীদের জন্য (this post is for Bengali speakers). আশা করি এটা আপনার সাহায্যে আসবে।
বাংলা ভাষা বাংলা-অসমীয়া লিপিতে (যাকে পূর্বী নাগরী লিপিও বলা হয়) লেখা হয়। হিন্দি ভাষা দেবনাগরী লিপিতে লেখা হয়। এই দুটি লিপির মধ্যে অনেক মিল আছে, কিন্তু কিছু অমিলও আছে যার উপেক্ষা করা যাবে না।
হিন্দিতে ' অ '-এর জায়গায় ' अ ' স্বরের প্রয়োগ করা হয়। বাংলাতে अ-এর সমান কোন স্বর নেই। এটার সবচেয়ে ভালো উদার�� হবে, কিছু মনে করার সময় যেমন 'uhh....' আওয়াজ লোকে ��রে তেমনি। আমি এই পোস্টে অ' দিয়ে এই স্বরটাকে চিহ্নিত করব।
अ - অ'
आ -আ
इ - ই
ई - ঈ
उ - উ
ऊ - ঊ
ऋ - ঋ
ए - এ
ऐ - অ'ই/ অ্যা
ओ - ও
औ - অ'উ
अं - অং'
अः - অঃ'
হিন্দিতে ব্যঞ্জনবর্ণ গুলিকে অ' স্বরের সঙ্গে উচ্চারণ করা হয়। তো, क কে ক' উচ্চারণ করা হবে।
क - ক
ख - খ
ग - গ
घ - ঘ
ङ - ঙ
च - চ
छ - ছ
ज - জ
झ - ঝ
ञ - ঞ
ट - ট
ठ - ঠ
ड - ড
ढ - ঢ
ण - ণ
त - ত
थ - থ
द - দ
ध - ধ
न - ন
प - প
फ - ফ
ब - ব
भ - ভ
म - ম
य - য় (বাংলা ভাষীদের জন্য এটা একটু কঠিন হতে পারে কেনকি বাংলায় য়-এর আগে পরে বেশিরভাগ সময় অ চাড়া কোন স্বর অবশ্য থাকে।)
र - র
ल - ল
व - ৱ (বাংলায় এর সমান কোন অক্ষর নেই কিন্তু এই শব্দটা জরুর আছে, যেমন : হাওয়া, খাওয়া ইত্যাদি। আসমীয়া আর মণিপুরীতে এই শব্দটিকে ৱ দিয়ে লেখা হয়। সংস্কৃত ভাষার বাংলা লিপান্তরণ করার সময়ও অনেকে ৱ অক্ষর দিয়ে व কে লেখে।)
श - শ
ष - ষ
स - স
ह - হ
ड़ - ড়
ढ़ - ঢ়
ज़ - জ় (এই শব্দ বা অক্ষরটি শুদ্ধ বাংলায় নেই কিন্তু অনেক পূর্ব ও উত্তরপূর্ব আঞ্চলিক বাংলায় এই শব্দটি রয়েছে। ইংরেজির z-এর মতো উচ্চারণ। )
फ़ - ফ় (এই শব্দ বা অক্ষরটিও শুদ্ধ বাংলায় নেই কিন্তু অনেক পূর্ব ও উত্তরপূর্ব আঞ্চলিক বাংলায় এই শব্দটি রয়েছে। ইংরেজির f-এর মতো উচ্চারণ।)
কিছু গুরুত্বপূর্ণ চিহ্ন:
कँ - কঁ'
क़ - ক় (নুক্তা আক্ষরটির উচ্চারণ নরম করে দেয়। এটা আরবি, ফারসি, ইংরেজি ইত্যাদি ভাষার শব্দ কে লেখার জন্য ব্যবহার করা হয়।)
क् - ক্
ऽ - ঽ (অবগ্রহ)
ऑ - অ (বাংলার অ এর মতনই।)
মাত্রা:
क - ক'
का - কা
कि - কি
की - কী
कु - কু
कू - কূ
कृ - কৃ
के - কে
कै - ক'ই
को - কো
कौ - ক/ক'উ
এবারে হিন্দিতে কিছু বাক্য দেখি আর সেগুলোর বাংলা লিপ্যন্তরণ কি হবে সেটা দেখা যাক।
नमस्ते। आपका इस ब्लॉग पर स्वागत है। मै आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा।
লিপ্যন্তরন:
ন'ম'স্তে। আপ্কা ইস্ ব্লগ প'র্ স্ৱাগ'ত্ হ্যা। ম্যা আশা ক'র্তা হুঁ আপ্কো য়'হ্ পোস্ট্ অ'চ্ছা ল'গা হোগা।
অনুবাদ:
নমস্কার। আপনার এই ব্লগে স্বাগত আছে। আমি আশা করছি আপনার এই পোস্টটা ভালো লেগেছে হবে।
পড়ার জন্য ধন্যবাদ। ^^
@star-dwelling , there u go!
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The Devanagari script and how it is used in Marathi
If you are studying Marathi online, you probably want to study its writing system first. Doing so is not necessary to speak Marathi fluently, of course—there are many illiterate Marathi speakers after all (including children too young to read and write). However, as my langblr will make extensive use of Devanagari, there will be no getting around it.
There are plenty of guides and apps already present that can teach you Devanagari.
My personal favourite is this guide by Sarvabhashin, which is used to teach Hindi. Contrary to many guides, it does not teach you the letters in the traditional order, and instead focuses on similar shapes and sounds so that you can learn much faster. There are also plenty of practice exercises in it—excellent if you like to be kept on track.
Most guides on learning the Devanagari script, including the one above, are written with Hindi in mind.
Marathi pronunciations for Devanagari letters are mostly similar to those of Hindi. However, there are several critical exceptions, which I am going to list below.
ऐ
This letter is pronounced as if it were a flowing combination of अ + इ. This is in contrast to Hindi, where it is pronounced as the ‘a’ in the English ‘dare’.
औ
This letter is pronounced as if it were a flowing combination of अ + उ. This is in contrast to Hindi, where it is pronounced as the ‘o’ in the British English ‘not’.
अं
There’s a lot to process with this one, so I’ve given it its own article.
ऋ
This letter is pronounced as ‘ru’ in Marathi, in contrast to ‘ri’ in Hindi.
अॅ
This letter is pronounced as the ‘a’ in ‘action’, or the ‘a’ in ‘ant’. In Marathi, this letter is used in loanwords from foreign languages, particularly English. It is uncommon in Hindi, and some would argue it does not exist in the Hindi alphabet.
ऑ
This letter is pronounced as the ‘o’ in ‘body’, or the ‘o’ in ‘lock’. In Marathi, this letter is used in loanwords from foreign languages, particularly English. It is uncommon in Hindi, and some would argue it does not exist in the Hindi alphabet.
क़ / ख़ / ग़ / ज़ / फ़ / ड़ / ढ़
The nukta is not used in Marathi, and so these none of these Hindi letters exist in Marathi. Most of these sounds are also not found in the Marathi language.
Two of these sounds (ज़ and फ़) are indeed found in Marathi, however, and we will have a look at them shortly.
च
This letter has two sounds in Marathi. One is the traditional Sanskrit ‘ch’ sound, as found in ‘church’, ‘chess’, or ‘check’. The other is a ‘ts’ sound, which is found in Slavic and Chinese languages. An English approximation of this sound is the ‘ts’ in ‘cats’.
It is not always obvious which sound you should use in which instance, as the difference is never marked, not even in a dictionary. The only way for you to learn this is by trial and error.
ज
This letter has two sounds in Marathi. One is the traditional Sanskrit ‘j’ sound, as found in ‘journal’, ‘jeep’, or ‘jail’. The other is a ‘dz’ sound, which is very uncommon in any language. It is pronounced very similarly to the ‘z’ as found in the English ‘zero’, ‘zen’, and ‘zest’.
It is not always obvious which sound you should use in which instance, as the difference is never marked, not even in a dictionary. The only way for you to learn this is by trial and error.
झ
This letter has three sounds in Marathi. The overwhelmingly common sound is the traditional Sanskrit ‘jh’ sound. It is somewhat similar to how you might pronounce the ‘dgeh’ in hedgehog.
Additionally, झ may be pronounced as an aspirated version of the ‘dz’ sound of ज. One example of a word using this pronunciation is झाड [zhāḍ] (tree).
The third pronunciation is in fact identical to the ‘dz’ sound of ज. झ is pronounced this way when it is used in loanwords from foreign languages, particularly from English.
This is a convention that exists because using the letter ज may cause readers to mispronounce foreign words. For example, ब्राजिल may be pronounced as ‘brājil’ instead of the intended ‘brāzil’.
This convention is not a hard-and-fast rule, so you may yet see ब्राजिल and the like.
ण
This letter uses a difficult-to-pronounce ‘hard n’, which is found in Punjabi and Dravidian languages. This is in contrast to Hindi, where it is pronounced identically to न. If you cannot pronounce it in the Marathi way, then pronouncing it as the ‘n’ in ‘den’, ‘hen’, or ‘net’ will suffice.
ष
This letter is pronounced identically to श in Marathi. That is, it is pronounced similarly to ‘sh’ in ‘short’, ‘shape’, or ‘sheep’.
फ
This letter is formally pronounced in the Sanskrit style as ‘ph’, i.e. as an aspirated ‘p’. Think the ‘p’ in ‘pig’, ‘pit’, or ‘push’.
However, most Marathi dialects use the ‘f’ sound instead, like ‘f’ in ‘fan’, ‘fit’, or ‘fall’. I recommend using the latter pronunciation for common use.
व
This letter is pronounced much the same as in Hindi, most of the time.
In some circumstances, it may be pronounced with more of a ‘w’ sound, such as in the word किंवा [kiṅvā] (or). This is a very subtle accent thing, so you don’t need to worry too much about it. Just pay attention to native speakers and speak as they speak.
An additional note is that its usage differs from Hindi when it comes to loanwords from foreign languages.
Hindi uses व as a substitute for both ‘w’ and ‘v’ as they are seen in English. That is, विलियम [William] and वनेसा [Vanessa] both use व.
However, Marathi uses व only as a substitute for ‘w’ and it uses the conjunct व्ह for ‘v’. Therefore, those names would be transliterated as विलियम [William] and व्हनेसा [Vanessa].
This is not a hard-and-fast rule, so expect to see exceptions.
ळ
This letter does not exist in the Hindi alphabet at all. In Marathi, it is used as a ‘hard l’ sound, which is very difficult to pronounce. It is found in very few languages, even in India.
If you cannot pronounce this sound, pronounce it identically to the ‘l’ in ‘love’, ‘luck’, or ‘life’.
ज्ञ
This conjunct is a rare combination of ज + ञ. In Sanskrit, it is meant to be pronounced as it is spelled, i.e. jñ. In Hindi, it is pronounced with a ‘gya’ sound.
In Marathi however, this conjunct is traditionally pronounced with the difficult ‘dnya’ sound. You start with a द sound and it flows into a न्य sound.
If you can’t pronounce this unusual combination of letters, then you can get away with using the न्य / ञ (nya) sound by itself.
र्य / र्ह
These difficult-to-type conjuncts are a unique feature of written Marathi. They are alternate combinations of र + य and र + ह, but they follow an important rule.
You see, when ‘r’ is joined with another letter in Hindi, it always goes at the end of a syllable, rather than starting a syllable itself. For eg. in कार्य [kārya], the syllables found are kahr-yuh, and not kah-ryuh.
In Marathi however, the ‘r’ can sometimes start a syllable of its own. In these cases, the conjunct is written as र्य or र्ह.
A good example of the difference between र्य and र्य can be found in the Marathi words सुर्या and सुर्या. Here, although the two words would be transliterated the same way, as suryā, they are pronounced differently.
The first word, सुर्या, has the following syllables: su-ryah.
The second word, सुर्या, has the following syllables: sur-yah.
This may be a difficult distinction for speakers of most languages, including English, but it may come more naturally to speakers of languages were syllables starting with ‘ry’ do exist, such as Japanese.
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All symbols for decoration!
Enjoy~♡
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๛⟳۵꧁꧂᥆ ᥉ ᥊ ᥒ ᥙ ᥣ ᥱ ᥲ ᥴ ᥕ ꧑ ɾ ᭙ ყ ι 𝑐 𝑞
॓ ॔ क़ ख़ ग़ ज़ ड़ ढ़ फ़ य़ ॠ ॡ । ॥ ० १ा ि ी ू ृ ँ ं ः ॄ ॅ ॆ े ै ॉ ॊ ो ौ ् ़ॐ २ ڧ ڨ ை३ ஹ ஸ ್ರ" ಳ್௮ ಆ ಕ್ಷ್ ఋ ன ಠ್ ಳ್ ப ம உ ஊ ఊ ௌ ொ இ ౖ ௲ ூ ஃ ஊ ஏ ஐ ஒ ஓ ஔ ஜ ஞ ి ಔ ృ ూ ప ௯ ௮ ி ஞ ஜ ಋ ౡౠౖ ಱ ಯ ಮ ಭ ಬ .ೃ  لّـّـّّ
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ग is the third consonant of the Hindi script and described as a voiced velar plosive as opposed to the voiceless velar plosive क.
The conjunct consonants with ग are regular; as the consonant starting the conjunct it loses its vertical line (eg. ग + ल = ग्ल).
Only ग + न = ग्न and ग + र = ग्र are irregular.
Five words beginning with ग:
गढ़ना [gaṛhnā] - to craft, form, create (transitive) गली [galī] - street, lane (feminine) गपशप [gapśap] - gossip (feminine) गुड़िया [guṛiyā] - doll (feminine) गर्मी [garmī] - heat, summer (feminine)
There is a so-called nuqta variant of ग:
Just like क़ and ख़, ग़ too is sometimes written without the nuqta dot, and words written with it may be shown to use the same IPA than ग, /g/.
ग़ is described as voiced post-velar fricative and as compared to ख़, which is pronounced around the same place in the back of the mouth, ग़ is unaspirated and voiced, whereas ख़ is aspirated and unvoiced. As a Hindi learner it’s useful to be able to recognise this letter by sound, but it’s quite alright to pronounce it as an ordinary ग.
Five words beginning with ग़:
ग़रीब [ġarīb] - poor (adjective) ग़लत [ġalat] - wrong (adjective) ग़ायब [ġāyab] - lost, disappeared (adjective) ग़ुस्सा [ġussā] - angry (adjective) ग़ैर [ġair] - 1. strange, foreign (adjective) 2. non, un- (prefix)
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https://quranenc.com/ar/browse/hindi_omari/2
https://quranenc.com/ar/browse/hindi_omari/2 الرئيسيةفهرس التراجمحول المشروعاتصل بنااللغة ترجمة معاني القرآن الكريم – الترجمة الهندية * – ترجمة معاني سورة: البقرة عرض نص الآية عرض الهامش آية: سورة البقرة – सूरा अल्-ब-क़-रा آية: 1 الٓمٓ अलिफ़, लाम, मीम। التفاسير العربية: آية: 2 ذَٰلِكَ ٱلۡكِتَٰبُ لَا رَيۡبَۛ فِيهِۛ هُدٗى لِّلۡمُتَّقِينَ ये पुस्तक है, जिसमें कोई संशय (संदेह) नहीं,…
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Shed arrogance, give justice to farmers: Rahul to govt
NEW DELHI: Congress leader Rahul Gandhi on Tuesday asked the government to wake up and shed “arrogance” to provide protesting farmers their rights. Farmers, mostly from Punjab and Haryana, are holding protests at the Singhu, Tikri and Ghazipur borders of the national capital against the Centre’s new agri-marketing laws. Taking to Twitter, Gandhi said everyone was indebted to the farmers for their hard work and this debt would be repaid only by giving them justice. “The food grower is sitting in protest on the roads and fields and speeches are being given on TV.We all are indebted to the hard work of farmers. This debt will be over only by giving them justice and their rights, and not by mistreating them or by beating them with batons or using tear gas against them,” he said in a tweet in Hindi.
अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं,और‘झूठ’ टीवी पर भाषण!किसान की मेहनत का हम सब पर क़र्ज़ है।ये क़… https://t.co/TfmtE1ZNK6
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) 1606794297000
“Wake up and come down from the chair of arrogance and think of giving the farmers their rights,” he also said. The Centre has invited agitating farmer unions for talks on Tuesday. The stir by farmers appeared to intensify despite a strong defence of the legislation by the government and Prime Minister Narendra Modi, who has accused the opposition of “playing tricks” on farmers again through misinformation.
source https://bbcbreakingnews.com/2020/12/01/shed-arrogance-give-justice-to-farmers-rahul-to-govt/
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*Amaal-e-Shab-e-Qadr in Hindi* उन्नीसवी रात यह शबे क़द्र की पहली रात है और शबे क़द्र के बारे में कहा गया है कि यह वह रात है जो पूरे साल की रातों से अधिक महत्व और फ़ज़ीलत रखती है, और इसमें किया गया अमल हज़ार महीनों के अमल से बेहतर है शबे क़द्र में साल भर की क़िस्मत लिखी जाती है और इसी रात में फ़रिश्ते और मलाएका नाज़िल होते हैं और इमाम ज़माना (अ) की ख़िदमत में पहुंचते हैं और जिसकी क़िस्मत में जो कुछ लिखा गया होता है उसको इमाम ज़माना (अ) के सामने पेश करते हैं। इसलिए हर मुसलमान को चाहिए कि इस रात में पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत करे और दुआएं पढ़ता रहे और अपने आने वाले साल को बेहतर बनाने के लिए अल्लाह से दुआ करे। शबे क़द्र के आमाल दो प्रकार के हैं: एक वह आमाल हैं जो हर रात में किये जाते हैं जिनको मुशतरक आमाल कहा जाता है और दूसरे वह आमाल हैं जो हर रात के विशेष आमाल है जिन्हें मख़सूस आमाल कहा जाता है। वह आमाल जो हर रात में किये जाते हैं 1⃣ *ग़ुस्ल* (सूरज के डूबते समय किया जाए और बेहतर है कि मग़रिब व इशा की नमाज़ को इसी ग़ुस्ल के साथ पढ़ा जाय) 2⃣ दो रकअत नमाज़, जिसकी हर रकअत में एक बार सूरह *अल हम्द* और सात बार सूरह *तौहीद (क़ुल हुवल्लाहो अहद)* पढ़ा जाए। और नमाज़ समाप्त करने के बाद (70) सत्तर बार *अस्तग़फ़ेरुल्लाहा व अतूबो इलैह* पढ़े रिवायत में है कि जो भी यह करे अल्लाह उसके जगह से उठने से पहले ही उसको और उसके मां बाप को बख़्श देता है। 3⃣ क़ुरआन को खोले और सामने रखने के बाद कहे *अल्ला हुम्मा इन्नी अस्अलोका बेकिताबेकल मुनज़ले वमा फ़ीहे इस्मोकल अकबरो व असमाओ���ल हुस्ना वमा योख़ाफ़ो व युरजा अन तजअलनी मिन ओताक़ाएक़ा मेनन्नार* उसके बाद दुआ मांगे। 4⃣ क़ुरआन को सर पर रखे और यह दुआ पढ़े *अल्लाहुम्मा बेहक़्क़े हाज़ाल क़ुर्आने व बेहक़्क़े मन अरसलतहु व बेहक़्क़े कुल्ले मोमिनिन मदहतहु फ़ीहे व बेहक़्क़ेका अलैहिम फ़ला अहदा आअरफ़ो बे हक़्क़ेका मिनका* 10 बार कहे *बेका या अल्लाहो* 10 बार कहे *बे मोहम्मदिन* 10 बार कहे *बे अलिय्यिन* 10 बार कहे *बे फ़ातेमता* 10 बार कहे *बिल हसने* 10 बार कहे *बिल ह���सैने* 10 बार कहे *बे अलीयिब्निल हुसैने* 10 बार कहे *बे मोहम्मदिबने अली* 10 बार कहे *बे जाफ़रिबने मोहम्मद* 10 बार कहे *बे मुसा इब्ने जाफ़ारिन* 10 बार कहे *बे अलीयिबने मूसा* 10 बार कहे *बे मोहम्मद इब्ने अली* 10 बार कहे *बे अली इब्ने मोहम्मदिन* 10 बार कहे *बिल हसनिबने अलीयिन* 10 बार कहे *बिल हुज्जते क़ाएमे* (अजफज) इसके बाद जो भी चाहे दुआ मांगे। 5⃣ *ज़ियारते इमाम हुसैन* (अ) रिवायत में है कि जब शबे क़ (at Sainthal) https://www.instagram.com/p/CAEjeX8AE5-/?igshid=x1yxwuypou0w
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#Kabir_Is_Real_God सच्चा सतगुरु कोए ना पुज्जे जुठो जग पतियाशी, अंधे की बाह गई अंधे क़ , यो मार्ग कोन बताशी। हमें कोन से भगवान की करनी चाहिए? Watch sadhna channel-7:30pm https://www.instagram.com/p/B3fDo4WFSP0sIQVGX26l8IzR-FAyDLsolb92Cg0/?igshid=nczdxwswx78v
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हंसी
मुझे कायदे से हंसे बहुत दिन हुए मतलब ऐसा नहीं है कि मैं हंसा नहीं बहुत दिन से वैसे तो हंसता ही रहता हूं मन में लेकिन बात कुछ यों है कि बहुत दिन हुए जब हंसने का ये मन किया और वो हंस दिए माहौल देखना पड़ता है ये और वो के बीच पता चला कि आप हंस दिए और कहीं कोई किसी कारण से बुरा मान गया ऐसी हंसी किस काम की जो बुरा मनवा दे पता चला आप हंसे तो बहुसंख्यक माहौल से वह बेमेल हो गई ऐसी हंसी किस काम की जो बहुसंख्य के काम न आए अब माहौल अपने मन से तो बनता नहीं है माहौल बनाया भी नहीं जा सकता हंसने का ये भी ज़रूरी नहीं कि समाज में हर ओर हंसी का माहौल हो तो आपको भी आ रही हो हंसी हो सकता है उस वक्त आप खीझ रहे हों गुस्सा आ रहा हो या घिरे हुए हों सघन दुख में कहने का मतलब बस इतना है कि मन किया और खिस्स से हंस दिए यह काम इतना आसान नहीं है। उस दिन बारिश हो रही थी बाहर और भीग रहा था मैं भीतर मुस्करा रहा था बच्चों को खेलता देख मन ही मन बहुत देर बाद जब देह सूख गई और जम गई सीलन तब अचानक ठठाकर हंसने का मन किया लेकिन सहसा मैंने खुद को रोक लिया क्योंकि उस वक्त मैं सड़क पर था और माहौल अनुकूल नहीं था लोग चिंतित थे आतंकवाद को लेकर एक हमला हुआ था ठीक उसी दिन सोचिए मैं हंस देता उस वक्त तो क्या होता। यह देश अचानक से घटना प्रधान हो गया है लगातार कुछ न कुछ घट रहा है और मुझे हंसने से रोक रहा है वैसे ज्यादातर घटनाओं पर हंसी ही आती है लेकिन देखना पड़ता है आसपास ये बात दीगर है कि कुछ घटनाओं पर लोग खुद हंसते हैं जैसे एक दिन छापा पड़ा लालू प्रसाद यादव के यहां और लोग हंस दिए उससे पहले एक रात नोटबंदी हुई और लोग हंसते रहे लगातार दस दिन तक ग्यारहवें दिन जब मुझे हंसी आई तब तक एक दर्जन लोग मर चुके थे हंसते-हंसते शर्म के मारे मैंने खुद को रोक लिया। एक दिन मुझे बहुत तेज़ हंसी आई तो सोचा कि आज तो हंस ही दूं लेकिन देखा कि टीवी पर मोदीजी हंस रहे थे किसी बात पर मुझे लगा कि अगर आज मैं हंस दिया तो लोग जाने क्या समझेंगे हो सकता है लोग समझते कि मैं मोदीजी की हंसी में अपनी हंसी मिला रहा हूं फिर तो सारी पॉलिटिक्स ही गड़बड़ा जाती मेरी ये भी लग सकता था लोगों को कि मैं उनकी हंसी पर ही हंस रहा हूं हंसते हुए राजा पर हंसना राजद्रोह होता है सोचना पड़ता है हंसने से पहले इतना कुछ कि हंसी लौट जाती है आने से पहले अपनी खोह में अपने विलंबित भाई-बहनों के बीच। हंसी के लिए चाहिए बिलकुल न्यूट्रल माहौल या फिर एकदम निर्जन फिर मैंने तय किया एक दिन कि हंसूंगा अकेले मन भर अपने बाथरूम में दोनों ओर से लगाकर कुंडी और चलाकर पानी तीनों नलके का संयोग देखिए कि यह नायाब खयाल मन ��ें आते ही अचानक मन हो आया हंसी का चाहता तो अपने खयाल पर हंस देता तत्क्षण लेकिन याद आया कि मैं बैठा हुआ था एक मीटिंग में जहां कुछ गंभीर लोग गंभीर बातों पर गंभीरता जाहिर कर रहे थे। विडंबना कहिए या अवमानना लेकिन मुझे हंसने के नायाब खयाल गंभीर लोगों या गंभीर बातों के बीच ही आते हैं जैसे सड़क पर मीटिंग में कार्यक्रम में कहीं भाषण सुनते हुए या टीवी पर गंभीर चर्चा देखते हुए या फोन पर किसी से बात करते हुए बहुत देर तक इन पलों में सोचता रहता हूं कि ऐसे हंसूंगा वैसे हंसूंगा यहां हंसूंगा वहां हंसूंगा और यह सोच अगली सोच से मिलकर गुणात्मक होती जाती है वैसे गंभीर बातें मैं भी करता हूं और करने के तुरंत बाद सोचता हूं कि इस पर हंस देना चाहिए लेकिन अगले ही पल एक बार और अपनी ही हेठी में कि लोग क्या सोचेंगे टाल देता हूं। अकसर मैं इसलिए मन भर नहीं हंसता कि सामने वाले के सामने मेरी गंभीर छवि टूट न जाए कभी बेमन भी हंसता हूं ताकि सामने वाला मेरी गंभीरता के आतंक में सहज महसूस कर सके कभी ये सोचने में ही रह जाता हूं कि हंस कर प्रतिक्रिया दूं या बिना हंसे या मुस्करा कर हंसी में डंडी मारने की कला मैं सीख रहा हूं धीरे-धीरे। सड़क पर ही क्यों मैं घर में भी हंसने से डरता हूं आजकल अव्वल तो मेरा हंसना अचानक मेरे रंगीन दांतों पर एक विमर्श को जन्म दे देगा इस डर से हंसता हूं लेकिन मुंह दबाकर कभी जो अट्टहास का मन किया और संप्रभुता के अहसास मैं मैं अपने कमरे में हंस भी दिया तो उसके बाद माहौल बिगड़ जाता है हंसी आते ही तुरंत अप्रासंगिक कर जाती है आपको उन लोगों के बीच जो वैसे तो हंसते हैं और हंसना पसंद करते हैं लेकिन उन्हें दूसरे की भी उतनी ही हंसी पसंद है जितनी अपनी कस्टम हंसी एक निश्चित अनुपात में काटी हुई छांटी हुई संपादित और बिलकुल तत्सम जैसे हर अक्षर के नीचे टंगा हो एक दुर्बोध हलन्त। हंसी में अक्षरों का होना इस नई सदी की परिघटना है जब लोग बोलते-बोलते ही हंसते हैं हंसने के लिए तबीयत से रुकते तक नहीं कि बोलना छोड़ कर पहले कायदे से हंस लें, फिर बोलें जैसे लोग बोलते-बोलते खाते हैं या खाते-खाते बोलते हैं आजकल लोग जम्हाई भी मुंह खोलकर नहीं लेते बल्कि मुंह पर पंखे की तरह झलते हुए हथेली यथासंभव कुछ शब्द बोलते हुए बीच में जम्हाई लेते हैं और खुदा न खास्ता छींक आ जाए तो छींकने के बाद बिना ठहरे एक्सक्यूज़ देते हैं बेहद सहज क्रियाओं के जबरन असहज बनाए जाने के इस दौर में मन करते ही छूटकर हंसना काफी कठिन हो चला है। ऐसे में मैंने कुछ नुस्खे ईजाद किए हैं कायदे से हंस लेने के जो सबको बताना मुझे ज़रूरी लगता है क्योंकि मेरी राय में मेरा संकट उतना भी निजी नहीं कि नुस्खे छुपा लिए जाएं। हंसने का मन है तो बोलते-बोलते हंसिए और आपको अगर पता है कि आपकी हंसी का क्या मतलब निकाला जाएगा तो उस मतलब का ठीक विपरीत बोलते-बोलते हंसिए ताकि हंसी खत्म होने पर बात और हंसी दोनों परस्पर संतुलित हो जाएं। आपको अगर लगता है कि हंसे बगैर काम नहीं चलने वाला गोया हंसी न हुई छींक हुई तो हंसने के ठीक पहले उसके निहितार्थों की कल्पना कर लें और आप पाएंगे कि शायद आपकी हंसी गुम हो गई या फिर हंस ही दिए तो परिणाम कम से कम चौंकाने वाले तो नहीं ही होंगे। वैसे इतनी जटिल स्थिति पता नहीं सबके लिए है या कुछ लोगों के लिए क्योंकि मेरा पान वाला अपने लाल दांतों की भरपूर नुमाइश करते हुए लगातार हंसता रहता है अपने पिता की मौजूदगी में और उसकी हंसी की वजह मैं आज तक नहीं खोज पाया। मुझसे पहले और भी कवि हुए हैं महत्वपूर्ण जिन्होंने हंसी पर कविता लिखने को हंसने के मुकाबले ज्यादा आसान पाया है और इसीलिए मुझे अपनी हंसी की कठिनता मौलिक नहीं लगती और यहीं से मुझे मिलती है ताकत न हंसने की। हंसने की ताकत तो भीतर बहुत-बहुत है और जाने कितनी हंसी के ठट्ठे कसमसाए हुए भीतर कर रहे हैं इंतज़ार अपनी बारी का और देख रहे हैं कि हर दिन हर पल बढ़ती जा रही है उनके जैसों की आबादी। मुझे भी महसूस होता है कि मेरे भीतर जमा होता जा रहा है सामयिक विषयों पर आ सकने वाली हंसियों का ज़खीरा क्योंकि कभी-कभार किसी बात पर अनायास पेट हिल जाता है लेकिन छाती तक नहीं पहुंच पाती हंसी। कभी यूं भी होता है कि मैं तय नहीं कर पाता कि भीतर से जो निकलने को है आतुर वह हंसी है कि खांसी और दोनों के प्रतिस्पर्धी द्वंद्व में लटपटाकर मैं छींक देता हूं। आजकल संकट थोड़ा बढ़ गया लगता है क्योंकि हर सुबह जब सबके दफ्तर चले जाने के बाद मैं खुद को निपट अकेला पाता हूं तो इस आश्चर्य से निपटने में ही दिन बीत जाता है कि मैं क्यों नहीं हंसा खुलकर। आप सोचिए कि रोज़ाना कम से कम सात घंटे मैं अपने कमरे में अकेला होता हूं और फोन की दो घंटियों के बीच भी औसतन पौन घंटे का वक्त तो खाली बचता ही है जब मैं जो चाहे वो कर सकता हूं और मेरे इस खाली वक्त पर किसी का कोई अख्तिया�� नहीं है। इतनी आज़ादी किसको मिली होगी हंसने की अकेले में? हंसी को लेकर ऊपर दी गईं मेरी तमाम शिकायतें दरअसल झूठी हैं सच तो ये है कि मुझे पूर्ण स्वायत्तता और निर्जनता में भी अब हंसी नहीं आती कोई आकर चुपके से दिन के उजाले में देख ले मेरा मुंह तो कर ले आत्महत्या ऐसा मनहूस बनकर बैठा रहता हूं जाने किस ��न्द्रा में करते हुए इंतज़ार फोन की एक अदद घंटी का और कभी-कभार तो दो घंटियों के बीच पौन घंटे का औसत अंतर भी लगने लगता है बोझ बुरे खयाल आने लगते हैं कि कहीं मैं अकेला तो नहीं बच गया इस संसार में कहीं दुनिया मर तो नहीं गई मेरे बगैर दिनदहाड़े हड़बड़ा कर अचानक निकल पड़ता हूं बालकनी में देखने कपड़े सुखाती औरतों को या पार्क में खेलते बच्चों को या नीचे बेमन टहलते कुत्ते को या अनावश्यक शोर मचाते पक्षियों को तब दिख ही जाता है कोई न कोई और भीतर से होकर आश्वस्त कि चलो सब ठीक है मुस्कराने को होता हूं कि खयाल आता है बीच दोपहर अपनी बालकनी में खड़ा अकेला पुरुष किसी भी तौर ठहराया जा सकता है अश्लील। मुझे बार-बार लगता है कि इस दुनिया में हंसी को बचा ले जाना मनुष्य को बचा ले जाने से ज्यादा ज़रूरी है और हर बार मैं खुद को बचाने के चक्कर में हंसी को नहीं बचा पाता। वो तो अच्छा हुआ कि जिस दौर में हम जवान हुए उसमें हंसने के अलावा और भी बहुत सारी ध्वनियां जीवन का हिस्सा बनाई जा चुकी हैं और ध्वनियों के बगैर भी हंसने के तरीके कर लिए गए हैं विकसित। मुझे हंसने के ये सारे आधुनिक तरीके आते हैं और इसे मैं अपनी श्रेष्ठतम उपलब्धि मानता हूं। मुझे कायदे से हंसे बहुत दिन हुए लेकिन मैंने अब कायदा ही बदल डाला है इक्कीस इंच के कंप्यूटर से लेकर साढ़े पांच इंच के मोबाइल तक हर जगह हंस चुका हूं यहां तक कि दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी सामने मौजूद परदा ही मेरी हंसी का शगुन है जिस पर फिलहाल एक बहुत पुराना गीत बज रहा है ये दिल जो मैंने मांगा था मगर ग़ैरों ने पाया था बड़ी है शै अगर उसकी पशेमानी मुझे दे दो... शराब और पसीने और इश्क़ में धुत्त कमलजीत रह-रह कर उठाता है काउंटर से सिर और खैयाम की धुन में पगी जगजीत कौर की सुरीली आवाज़ पुकारती है रह-रह कर। हंसी क्या चीज़ है दे दूंगा चाहे कितनी ही बड़ी शै हो लेकिन बस इतना बताओ साहिर वो जो चुपचा�� खड़ी है एक कोने में वहीदा रहमान जैसी सूरत जिसकी हंसी सिर्फ मेरी हंसी में है पैबस्त उसका क्या करूं।
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Devanagari Script - देवनागरी
Developed in the 8th century, the Devanagari Script is used as the writing system for many languages of the Indian Subcontinent, including Hindi, Nepali, Marathi, Rajasthani and Sanskrit. Devanagari is an abugida, meaning that vowel notation appears around consonant letters which are joined together by a horizontal line.
Consonants
क = k ख = kh ग = g घ = gh ङ = ṅ (ŋ;’ng’ in song) च = ch छ = chh ज = j झ = jh ञ = ñ (ɲ;n+y sound e.g. Spanish ñ) ट = ṭ (ʈ;‘t’ sound with tongue curled towards roof of mouth) ठ = ṭh ड = ḍ (ɖ;same as above with ‘d’ sound) ढ = ḍh ण = ṇ (ɳ;same as above with ‘n’ sound) त = t थ = th (t+h not ‘th’ in three) द = d ध = dh न = n प = p फ = ph ब = b भ = bh म = m य = y र = r ल = l व = v~w श = sh ष = ṣ (ʂ;same as above with ‘sh’ sound) स = s ह = h
extra letters which are used in Arabic and Persian loanwords include क़-q , ख़-kh [x], ग़-gh [ɣ], ज़-z, झ़-zh [ʒ], and फ़-f
Vowels
Vowels appear in two forms; the initial form, which is mostly used at the beginning of words, and the diacritic form which is used after consonants - demonstrated below with क (k)
अ = [ə] (’a’ in ago) - क = kə (usually transliterated as ‘a’)
आ = ā - का = kā
इ = i - कि = ki
ई = ī - की = kī
उ = u - कु = ku
ऊ = ū - कू = kū
ए = [e] (’a’ in play) - के = ke
ऐ = [ɛ] (’e’ in bed) - कै = kɛ (usually transliterated as ‘ai’)
ओ = o - को = ko
औ = [ɔː] (’ough’ in thought) - कौ = kɔː (usually transliterated as ‘au’)
ं (e.g अं) represents a nasal sound, usually before a consonant ँ (e.g अँ) represents a nasalised vowel ः (e.g. अः) represents a ‘h’ sound after a vowel ् cancels out the inherent ‘ə’; क = kə but क् = k
Conjuncts
Conjucts are characters which are the combination of 2 (or more) consonant letters which aren’t separated by vowels e.g. त(t) + व(v) = त्व(tvə). They are a nightmare too complex and varying to explain but you can find a full chart of conjuncts here. Some common ones are below:
क्ष - kṣ ज्ञ - jñ ट्र = ṭr द्र = dr त्र = tr श्र = shr श्व = shv
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सूरा अल्-ब-क़-रा
सूरा अल्-ब-क़-रा
१. आलिफ, लाम, मीम.१
२. या ग्रंथा (चे अल्लाहचा ग्रंथ असण्या) बाबत कसलीही शंका न��ही, अल्लाहच्या आज्ञाभंगाचे भय राखणाऱ्यांना मार्गदर्शन करणारा आहे.
३. जे लोक न पाहिलेल्या (परलोका) वर ईमान राखतात १ आणि नमाजला कायम करतात आमि आम्ही प्रदान केलेल्या (धन संपत्ती) मधून खर्च करतात.
४. आणि जे लोक ईमान राखतात त्यावर, जे तुमच्याकडे उतरविले गेले आणि जे तुमच्यापूर्वी उतरविले गेले. आणि ते आखिरतवरही अटळ विश्वास राखतात.
५. हेच लोक आपल्या पालनकर्त्याच्या तर्फे खऱ्या मार्गावर आहेत, आणि हेच लोक सफलता (आणि मुक्ती) प्राप्त करणारे आहेत.
www.islamkingdom.com/mr/category/qurantrans?title=2-सूरा-अल्-ब-क़-रा-saad-al-ghamdi-marathi_ansari-&pg=2&pa=1&su=2&sq=1&hz=1&rhz=1&ay=8&te=1&rd=701&tr=734&int=
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'आह को चाहिए इक उम्र असर होने तक', पेश हैं 'आह' पर अशआर
‘आह को चाहिए इक उम्र असर होने तक’, पेश हैं ‘आह’ पर अशआर
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शेरो-सुख़न (Shayari) की दुनिया में इश्क़ (Love) और दर्द से लबरेज़ हर जज़्बात को बेहद ख़ूबसूरती के साथ काग़ज़ पर उकेरा गया है. तो कभी तन्हाई में दिल से निकलने वाली आह को भी अल्फ़ाज़ में पिरो कर पेश किया गया है. शायरी में हर जज़्बात (Emotion) को ख़ूबसूरती के साथ तवज्जो मिली है. आज हम शायरों (Shayar) के इसी बेशक़ीमती कलाम से चंद अशआर आपके लिए ‘रेख़्ता’ के साभार से लेकर हाजिर हुए हैं.…
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शिवराज सिंह की पत्नी सधना सिंह की लोकसभा में उम्मीदवारी का समर्थन करने नही पहुँचे मंडल अध्यक्ष को पद से हटाया गया। —“पार्टी ही परिवार है” भी जुमला था..? भाजपा ने सभी कार्यकर्ताओं को संदेश दे दिया है कि -साधना की साधना करते रहो वर्ना पार्टी में पद और क़… pic.twitter.com/QA0PnhBEm7
— 24x7politics (@24x7Politics) March 18, 2019
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'अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है', पेश हैं इश्क़ से लबरेज़ अशआर
‘अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है’, पेश हैं इश्क़ से लबरेज़ अशआर
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तवज्जो दें दिल से निकले इन अल्फ़ाज़ पर… उर्दू शायरी (Urdu Shayari) में इश्क़, मुहब्बत (Love) की बात की गई है, तो इसमें दर्दे-जुदाई और इससे लबरेज़ जज़्बात (Emotion) को भी पूरी ख़ूबसूरती के साथ पेश किया गया है. आप भी तवज्जो दें दिल से निकले…
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