#हिमाचल प्रदेश विभाग से मिले
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हिमाचल के स्कूलों में मौसम के आधार पर मिलगी छुट्टियां, सुक्खू सरकार कर रही बदलाव; जानें क्यों
#Schools #Holidays #Himachl हिमाचल के स्कूलों में मौसम के आधार पर मिलगी छुट्टियां, सुक्खू सरकार कर रही बदलाव; जानें क्यों
Himachal School Holidays Change: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव होगा। अगले साल मार्च तक इस बारे में फैसला ले लिया जाएगा। छुट्टियों के शेड्यूल को लेकर मिले सुझावों का अध्ययन करने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से अंतिम प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, शिक्षा विभाग को अधिकतर ब्लॉकों से स्कूलों में छुट्टियों को लेकर सुझाव मिल चुके हैं। अब इन…
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पहाड़ों की बर्फबारी से 'कूल' हो रही राजधानी, जानिए कब होगी दिल्ली-यूपी में बारिश
नई दिल्ली: गर्मी का सितम सहते- सहते अप्रैल गुजर गया लेकिन मई की शुरुआत राहत के साथ हुई है। दिल्ली यूपी समेत कुछ राज्यों में मई का पहला सप्ताह गर्मी से राहत देने वाला है। IMD के अनुसार मई की शुरुआती तीन दिन दिल्ली के लोगों को ज्यादा गर्मी नहीं झेलनी पड़ेगी। इसके साथ ही इंद्रदेव की मेहरबानी रही तो आसमान में छाए बादल बरस भी सकते हैं। ऐसे में दिल्लीवासियों के लिए मई का पहला सप्ताह का गर्मी के सितम से राहत दिलाने वाला है। दिल्ली में किस दिन बारिश की संभावना दिल्ली में गर्मी से राहत का दौर बुधवार से ही शुरू हो गया है। आज भी दिल्ली गर्मी से थोड़ी कम तपेगी। आज दिल्ली का अधिकतम तापमान 37 रहने का अनुमान है। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में 4 से 7 मई आसमान में बादल छाए रहेंगे और साथ ही गरज और चमक के साथ बारिश भी पड़ने की संभावना है। जिसके कारण दिल्ली का न्यूनतम तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी बीते कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर और उत्तराखंड के काफी इलाकों में बारिश हो रही है। वहीं ऊंचाइयों वाले इलाकों में बर्फबारी पड़ रही है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है। जिसके कारण दिल्ली समेत अन्य मैदानी इलाकों में गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। बता दें कि चार मई से पहाड़ों के अन्य इलाकों में भी बारिश पड़ सकती है। जिसके कारण वहां पर मौसम ठंडा बना रहेगा। पांच - सात मई को यूपी में बारिश उत्तर प्रदेश में भले ही अभी भीषण गर्मी पड़ रही हो लेकिन आने वाले कुछ दिनों में यहां बारिश होने वाली है। लखनऊ में बुधवार को लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। इससे पहले न्यूनतम तापमान में साढ़े तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने से मंगलवार रात भी गर्मी का असर कम रहा। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एम दानिश के मुताबिक, आज और कल दिन रात के तापमान में बदलाव के आसार नहीं हैं। इसके बाद पांच से सात मई के बीच बारिश की संभावना है। इन राज्यों में लू का खतरा मई के पहले सप्ताह में भले ही गर्मी से थोड़ी राहल मिले लेकिन बचे हुए मई में भयंकर गर्मी पड़ने वाली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में मई के महीने में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है और दो से चार दिन लू चल सकती है। आईएमडी प्रमुख मृत्युजं�� महापात्र ने डिजिटल माध्यम से संवाददाता सम्मेलन में बताया कि केवल पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर भागों और उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के कुछ हिस्सों तथा पूर्वोत्तर प्रायद्वीप भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।महापात्र ने बताया कि पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, आंतरिक ओडिशा, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, झारखंड और बिहार समेत अन्य इलाकों में लगभग दो से चार दिन लू चल सकती है जो सामान्य से अधिक है। http://dlvr.it/T6Hx3F
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वैश्विक स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहे हैं हिमाचल हैंडलूम उत्पाद
कारीगरों ने हुनर से संवारा अपना भविष्य हिमाचल प्रदेश के बुनकरों ने हथकरघा व हस्तशिल्प के अपने पारम्परिक कौशल से देश-विदेश में राज्य का नाम रोशन किया है। हथकरघा उद्योग क्षेत्र में प्रदेश की कढ़ाई वाली कुल्लवी तथा किन्नौरी शॉल ने अन्तरराष्ट्रीय बाजार में अपनी एक अलग पहचान कायम की है। प्रदेश सरकार द्वारा बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न जागरूकता शिविरों के आयोजन के साथ-साथ प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। ये बुनकर कलस्टर विकास कार्यक्रम के विभिन्न घटकों के माध्यम से भी लाभान्वित किए जा रहे हैं। हथकरघा से संबंधित उपकरण भी बुनकरों के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उद्योग विभाग द्वारा प्रदेश तथा अन्य राज्यों में आयोजित मेलों तथा प्रदर्शनियों के माध्यम से विपणन सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। बुनकरों के उत्पादों को व्यापार मेलों, दिल्ली हॉट, सूरजकुंड मेलों इत्यादि राष्ट्र स्तरीय आयोजनों में भी व्यापक स्तर पर विपणन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। हथकरघा उद्योग में प्रदेश की प्रमुख सहकारी समितियों में शामिल ‘हिमबुनकर’ बुनकरों तथा कारीगरों की राज्य स्तरीय संस्था है, जो कई वर्षों से कुल्लवी शॉल तथा टोपी को बढ़ावा दे रही है। कुल्लवी हथकरघा उत्पादों का इतिहास बहुत रूचिकर है। प्रसिद्ध चित्रकार निकोलस रोरिक की पुत्रवधू तथा भारतीय फिल्म अभिनेत्री देविका रानी वर्ष 1942 में कुल्लू आई तथा उनके आग्रह पर बन���न्तर गांव के शेरू राम ने अपने हथकरघा पर पहली शॉल बुनी। इसके उपरान्त, उनके हथकरघा कौशल से प्रेरित होकर पंडित उर्वी धर ने शॉल का व्यापारिक उत्पादन आरम्भ किया। वर्ष 1944 में भुट्टी बुनकर सहकारी समिति, पंजाब सहकारी समिति लाहौर के तहत पंजीकृत की गई, जिसे आज भुट्टिको के नाम से जाना जाता है। भुट्टिको ने कुल्लू की हजारों महिलाओं को कुल्लवी शॉल बनाने की कला में प्रशिक्षण प्रदान किया है। वर्ष 1956 में ठाकुर वेद राम भुट्टिको के सदस्य बने तथा इसे पुनः गति प्रदान की। इसके उपरान्त, भुट्टिको के अध्यक्ष सत्य प्रकाश ठाकुर ने इस संस्था को पूरे प्रदेश में संचालित किया। इस कुटीर उद्योग में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। कुल्लवी शॉल के उत्पादन में देवी प्रकाश शर्मा का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कुल्लू शॉल सुधार केन्द्र के तकनीशियन के तौर पर 1960 के दशक के दौरान कुल्लवी शॉल के अनेक डिजाइन तैयार किए। वर्तमान में भुट्टिको सालाना लगभग 13.50 करोड़ रुपये का करोबार कर रही है। प्रदेश सरकार ने बुनकरों को प्रोत्साहित करने तथा वस्त्र उत्पादन की अद्यतन तकनीकों को शामिल करने के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं। पूर्व में कुल्लू में साधारण शॉल तैयार की जाती थी, लेकिन जिला शिमला के रामपुर के बुशैहरी हस्तशिल्पियों के आगमन के उपरान्त अलंकृत हथकरघा उत्पाद अस्तित्व में आए। सामान्य कुल्लवी शॉल के दोनों ओर रेखांकित डिजाइन बनाए जाते हैं। इसके अलावा, कुल्लवी शॉल के किनारों में फूलों वाले डिजाइन भी बुने जा रहे हैं। प्रत्येक डिजाइन में एक से लेकर आठ रंग तक शामिल किए जाते हैं। पारम्परिक रूप से लाल, पीला, मजेंटा पिंक, हरा, संतरी, नीला, काला तथा सफेद रंग कढ़ाई के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। शॉल में सफेद, काला, प्राकृतिक स्लेटी या भूरे रंग का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में इन रंगों के बजाय पेस्टल रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। किन्नौरी शॉल अपनी बारीकियों तथा कढ़ाई के लिए प्रसिद्ध है। अक्तूबर, 2010 में जिला किन्नौर के स्थानीय समुदाय द्वारा हाथ से बुनी जाने वाली ऊनी शॉल को वस्तु अधिनियम के भौगोलिक संकेतकों के तहत पेटेंट प्रदान किया गया। किन्नौरी शॉल के डिजाइन में मध्य एशिया का प्रभाव देखने को मिलता है। बुनकरी के इन विशिष्ट नमूनों की विशेष सांकेतिक तथा धार्मिक महत्ता है। कुछ वस्त्र उद्योग समूह अपने कौशल और नई अवधारणाओं से हथकरघा उद्योग को नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। जिला मंडी की ऐसी ही एक युवा इंजीनियर श्रीमती अंशुल म��्होत्रा बुनकरों को प्रोत्साहित कर रही हैं। गत वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति सम्मान प्राप्त कर चुकी तथा सूरजकुंड मेले में दो बार कलानिधि पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती मल्होत्रा अपने दादा तथा पिता से विरासत में मिले हुनर से हथकरघा उद्योग को नए आयाम प्रदान कर रही हैं। वह बाजार की मांग के अनुसार नए डिजाइन सृजित करने के अपने हुनर का बखूबी उपयोग कर रही हैं। मंडी के अलावा लाहौल-स्पीति, कुल्लू तथा किन्नौर जिलों के बुनकर उनके साथ इस उद्योग में जुड़े हुए हैं। वह बाजार की मांग के अनुसार बुनकरों को प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदान कर रही हैं। उनके द्वारा हिमाचल में डिजाइन की गई कानो साड़ी ने गत वर्ष खूब लोकप्रियता हासिल की तथा अनेक फैशन शो में भी प्रदर्शित की गई। राज्य सरकार के प्रोत्साहन तथा बुनकरों के कौशल के बलबूते प्रदेश का हथकरघा उद्योग आत्मनिर्भर बनने, रोजगार सृजन तथा पारंपरिक कौशल को संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। Read the full article
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धर्मशाला में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से कहर
धर्मशाला में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ से कहर
हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। मैक्लोडगंज, धर्मशाला के पास भागसू नाग गांव सोमवार (12 जुलाई) को क्षेत्र में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गया। शहर में बाढ़ की चपेट में आने से कई कारें बह गईं और कई होटल क्षतिग्रस्त हो गए। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा…
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हिमाचल प्रदेश राज्य कर एवं आबकारी विभाग की अवैध शराब के खिलाफ मुहिम जारी, 6400 लीटर अवैध स्पिरिट पकड़ी
हिमाचल प्रदेश राज्य कर एवं आबकारी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश स्थित विभिन्न ट्रांसपोर���टर्स एवं लाॅजिस्टिक कंपनियों के गोदामों पर विभाग के अधिकारियों द्वारा आबकारी अधिनियम के अंतर्गत छापेमारी की जा रही है। ई-वे बिल की चेकिंग के दौरान मिले इनपुट्स के आधार पर कंपनी के कागज़ातों की गहनता से छानबीन की जा रही है। उन्होंने बताया कि छानबीन के दौरान पाया गया कि इन…
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हिमाचल प्रदेश समाचार शिमला तेंदुए के हमले के शिकार नाबालिग लड़के योगराज परिवार को मुआवजा मिलेगा hpvk
हिमाचल प्रदेश समाचार शिमला तेंदुए के हमले के शिकार नाबालिग लड़के योगराज परिवार को मुआवजा मिलेगा hpvk
शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर (Leopard in Shimla) में पांच साल के योगराज को आदमखोर तेंदुआ खा गया. दिवाली की रात को योगराज आंगन में फुलझड़ी जला रहा था. इस दौरान तेंदुआ उसे उठाकर ले गया था. अगले दिन उसके शरीर के हिस्से मिले थे. अब वन विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा. वन विभाग (Shimla Forest Department) की ओर से एक लाख रुपये बच्चे की मां के बैंक खाते में डाल दिए गए…
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ब्रेकिंग: प्रदेश सरकार का बड़ा फेरबदल, 26 आईपीएस व तीन एचपीएसअधिकारियों के तबादले #news4
शिमला : हिमाचल प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग में मंगलवार को बड़ा फेरबदल किया है। सरकार ने 26 आईपीएस व तीन एचपीएस अधिकारियों के तबादला व तैनाती आदेश जारी किए हैं। सरकार की ओर से जारी तबादला आदेशों के तहत कांगड़ा, शिमला, बिलासपुर, सोलन और बद्दी को नए पुलिस अधीक्षक मिले हैं। वहीं हाल ही में बहाल हुए एसपी गौरव सिंह को ईओडब्लू सीआईडी शिमला का पुलिस अधीक्षक लगाया गया है। हिमाचल सरकार के विशेष सचिव गृह…
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खुशखबरी: हिमाचल के स्कूलों को मिले 1122 जेबीटी अध्यापक, शिक्षा विभाग ने जारी की लिस्ट
Himachal News: प्रदेश के स्कूलों में टीजीटी की बैचवाइज भर्तियों के बाद अब जेबीटी की नियुक्तियां भी कर दी गई हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को जेबीटी बैचवाइज नियुक्ति की लिस्ट जारी कर दी गई है। लंबे समय से अभ्यर्थी इसका इंतजार कर रहे थे। प्रदेश के स्कूलों में अनुबंध आधार पर यह भर्तियां होंगी। इससे पहले नवंबर, 2023 में जेबीटी भर्तियों का रिजल्�� जारी किया गया था, लेकिन स्कूलों में…
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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021 ऑनलाइन एप्लीकेशन | PMKSY Form
PM Krishi Sichai Yojana Apply | PMKSY Apply Online | PMKSY Application Form 2021 | PM Krishi Sinchai Yojana Form 2021 | PMKSY Application Status 2021 भारत में ज्यादातर ��ृषक खेतों की सिंचाई के लिए बारिश पर आश्रित रहते हैं । इस वजह से किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है । किसानों की इसी स्थिती को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत देश भर के कृषकों को कृषि में सहायता पहुँचाने के लिए की है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एक ऐसी योजना है जिसके तहत सरकार कृषकों को कृषि सिंचाई से संबंधित उपयोग होने वाले साधन मुहैया करवाएगी । भारत सरकार इन कृषि सिंचाई से संबंधित साधानों को क्रय करने के लिए इस योजना के जरिये सहायक राशि अनुदान करती है। इन उपकरणों से किसान खेतों की सिंचाई आसानी से कर सकता है और पानी की बचत भी कर सकता है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021 : देखें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का शुभारंभ इसी सोच से किया गया कि देश भर के किसानों को इस योजना से मदद मिले । कृषकों को खेतों की सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है और वर्षा फसलों की पानी की ज़रूरत के हिसाब से नहीं होती है । भारत के कई हिस्सों में बहुत कम बारिश होती है और वहाँ सूखा रहता है । उन जगहों में तो ये योजना बहुत ही लाभकारी है । फसलों की बुआई , गोड़ाई , उनके उगने और पकने तक पानी की ज़रूरत होती है । क्योंकि किसी भी फसल में फल आने के लिए पौधे को अपने लिए खाना बनाना पड़ता है जिसमें पानी की जरूरत पड़ती है । ये पानी की जरुरत पौधा अपनी जड़ों से पूरी करता है । अगर खेत की सिंचाई अच्छे से होगी तो फसल अच्छी आयेगी । कृषकों को इसी समस्या से छुटकारा दिलवाने के लिए कृषि सिंचाई योजना 2021 के तहत फसल की सिंचाई के लिए जल का प्रबंध किया जायेगा । PMKSY Form 2021 केंद्र सरकार की इस योजना से आम कृषकों के अलावा सहकारी समिति ,स्वयं सहायता समूह ट्रस्ट ,अन्य मान्यता प्राप्त संस्थानों के सदस्यों आदि को भी फ़ायदा मिलेगा । सरकार ने इस योजना के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि निश्चित की है । 22 दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में एक केबिनेट अधिवेशन किया गया और इस अधिवेशन में केबिनेट ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 1706 करोड़ रुपए वितरित किये । इसमें 682 करोड़ 40 लाख 40 हजार रुपए मध्य प्रदेश के लिए सुनिश्चित किये गए । इस राशि से मध्यप्रदेश के मंडला, डिंडोरी, शहडोल,उमरिया तथा सिंगरौली जिलों में बोरवेल का सृजन किया जाएगा ताकि कृषक फसलों की सिंचाई कर सकें। 62,135 हेक्टेयर भूमि इस बोरवेल सिंचाई सुविधा के लिए सुनिश्चित की है । - PM Kisan Tractor Yojana - PM Kisan Status 2021 online - PMAY New List 2021 - Soil Health card Registration
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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021 का उद्देश्य व योजना से जुड़े मुख्य अंश : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य देश के किसानों की खेती के लिए पानी की व्यवस्था करना है । इस योजना का शुभारंभ 1 जुलाई, 2015 को “हर खेत कोई पानी” के उद्देश्य से किया गया ताकि कृषक सिंचाई की सुविधा से खेती को विस्तृत रूप से कर सकें और पानी की बर्बादी को भी रोक सकें । पानी के बिना खेती करना मुश्किल है । सिंचाई खेतों में उगाई जाने वाली फसलों के लिये बहुत जरूरी है । बिना सिंचाई के फसल खराब हो जाती है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है ।
PM Krishi Sinchai Yojana 2021 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021 के जरिये सरकार कम बारिश होने के कारण होने वाले सूखे की स्थिती से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा जोर जल संसाधनों के उपयोग पर दे रही है जिससे कि कृषक धरती पर मौजूद जल संसाधन का तरीके से उपयोग में ला पाये । 2015 में देश के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य बिंदु किसानों को खेती के लिए पानी की व्यवस्था करना है जिससे कि उनकी फसल में बढ़ोतरी हो । इससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पंजीकरण 2021 जाने प्रधानमंत्री अधिक फसल प्रति बूंद योजना : प्रधानमंत्री अधिक फसल प्रति बूंद योजना के अंतर्गत सरकार ने प्रत्येक फसल योजना के अंदर अधिक फसल के लिए पानी व्यवस्था साधन का प्रबंध करेगी ताकि किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें । देश के विभिन्न हिस्सों में कृषकों को सिंचाई से जुड़ी जानकारी देने के लिए शिक्षण देना , पानी के ��चित तरीके से उपयोग को ले कर जागरूक करना ताकि पानी व्यर्थ ना हो , छोटे छोटे समूहों में जल स्तोत्र का एक प्रणाली में उपयोग करने के लिए उत्साहित करना इस योजना में शामिल है । प्रधानमंत्री मुद्रा प्रति बूंद योजना पाँच सालों में खेती को बढ़ावा देगी। Yojana PM Krishi Sinchayee Scheme Under Central Government of India Beneficiaries Farmers Form PMKSY Registration Form 2021 in Hindi Official Portal Pmksy.gov.in Objective To provide better irrigation facilieis Applicable In all over state Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana इस के लिए सरकार ने एक आधिकारिक किसान वेवसाइट http://pmksy.gov.in की भी शुरुआत की है । इसके जरिये कृषकों को कहीं भी योजना से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी। हिमाचल प्रदेश में भी जापान की एक योजना जायका ( JICA ) राज्य सरकार के साथ मिलकर खेतों की सिंचाई के संसाधनों के बारे में किसानों को जागरूक कर रही है । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की खूबियां : भारत देश में सरकार विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करती है जिसमें किसानों को फायदा पहुँचाने के लिए बहुत सी योजनाएं हैं। इन्ही योजनायों में से एक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कृषको को खेती के लिए पानी मुहैया करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई है ।सरकार कृषको को खेतों की सिंचाई के आधुनिक साधन खरीदने के लिए सहायक राशि प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से समय, पैसे और पानी की बचत होगी। इस योजना की मदद से जल के प्राकृतिक स्त्रोतों जैसे कि भूमिगत जल , जल संचय आदि के विकास पे ज़ोर देगी । इस योजना के जरिये सरकार सिंचाई के लिए उपयोग होने वाला पानी व्यर्थ ना हो और पानी की बचत हो इसके लिए सिंचाई के नए तरीके जैसे कि ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई के उपयोग पे बल देगी। जिससे फसल की अच्छी पैदावार होगी और किसान आर्थिक तौर पे आत्मनिर्भर बनेंगे। जिन नागरिकों के पास अपनी खेती योग्य जमीन है वो सभी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं । PMKSY Online Application 2021 जो लोग अनुबंध खेती करते हैं वो भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं । सहकारी सदस्य और सेल्फ हेल्प ग्रुप भी इस योजना के तहत फ़ायदा ले पाएंगे । सरकार ने इस योजना का फ़ायदा लेने के लिए एक प्रमाणित वेबसाईट बनाई है जिसमें जाकर आवेदक को आवेदन करना होगा । सरकार इस योजना के तहत सिंचाई के साधन क्रय करने के लिए 80% से 90% तक की सहायक राशि कृषकों को देगी । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का फ़ायदा लेने के लिए योग्यता : देखें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का फ़ायदा देश के सभी खेती करने वाले कृषक ले सकते हैं । कृषको के पास खेती करने योग्य ज़मीन होनी चाहिए । कृषकों के अलावा सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, ट्रस्ट, सहकारी समिति, कंपनियां, मिलकर उत्पादन करने वाले समूहों के किसान आदि भी इस योजना के पात्र होंगे । अनुबंध खेती करने वाले कृषक भी इस योजना का फ़ायदा ले सकते हैं । हर राज्य का नागरिक अपने राज्य में ही इस योजना के लिए योग्य होगा । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के फायदे : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कृषको के खेतों की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करना है ताकि किसानो को खेतों की सिंचाई के लिए कम पानी क�� कारण होने वाले खामियाजे को ना भुक्तना पड़े ।जिन कृषको के पास अपनी खुद की खेती वाली ज़मीन है और साथ में जल संसाधन भी हैं उन्हें इस योजना का फ़ायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021के क्रियांवित होने से देश की अर्थ व्यवस्था का भी विकास होगा क्योंकि देश में खेती विस्तृत रूप से की जा सकेगी । जो लोग या किसान पानी की कमी के कारण खेती नहीं कर रहे थे वो भी खेती करना शुरू करेंगे क्योंकि अब उन्हें सिंचाई के लिए वर्षा पे निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। PM Krishi Sinchayee Scheme Form 2021 पहले इन किसानों की फसल सिंचाई के अभाव में खराब हो जाती थी । ड्रिप/ स्प्रिंकलर,रेन गन आदि सूक्ष्म सिंचाई सुविधाओं से कृषक न केवल पानी की बचत कर पाएंगे बल्कि रासायनिक खादों के प्रयोग में भी कमी आएगी । सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले नए तरीकों से पानी की भी बचत होगी जिससे फसलों को बारिश न होने की स्थिती में भी पानी मिल पायेगा । इससे फसलों की गुणवत्ता में सुधार होगा । किसान को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा। सरकार सिंचाई से जुड़े नई तकनीक के उपकरण ख़रीदने के लिए सहायक राशि देती है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत केंद्र सरकार 75 % और राज्य सरकार 25% अनुदान प्रदान करती है । सूक्ष्म सिंचाई से होने वाले फ़ायदे : इससे पानी की बचत होगी और पानी के प्रयोग में निपुणता आएगी । फसल की गुणवत्ता में सुधार आएगा और अच्छी पैदावार होगी जिससे किसानों को आर्थिक रूप में काफ़ी फ़ायदा मिलेगा । उर्वरक के प्रयोग में भी निपुणता आएगी।यद्यपि अकेले किसान द्वारा सिंचाई के लिए प्रयोग होने वाले पानी ज्यादा व्यर्थ होता है पर इस सूक्ष्म सिंचाई से पानी की बचत होगी । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में आवेदन करने के लिए जरूरी प्रमाण पत्र : किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना आवश्यक होता है पर आवेदन के लिए कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य होने चाहिए । किसान का पहचान पत्र जो पंचायत द्वारा बनाया गया हो जैसे कि रासन कार्ड या वोटर कार्ड , आधार कार्ड , बैंक खाते की पासबुक , ज़मीन की जमाबंदी और उससे जुड़े कागज़ , मोबाइल नंबर और आवेदक के फोटो होना चाहिए । - Kisan Credit Card Apply online - PM Fasal Bima Yojana - SMAM Kisan Yojana Apply - Pashu Shed Yojana पीएम कृषि सिंचाई योजना आवेदन करें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया : सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में आवेदन करने के लिए एक आधिकारिक वेवसाइट बनाई है ।
PMKSY Application Portal जिसे भी इस योजना से जुडी जानकारी चाहिए हो वो इछुक व्यक्ति इस वेवसाइट पर जा कर कहीं से भी सारी जानकारी ले सकता है ।
PMKSY Form online आवेदक कृषि विभाग की प्रमाणित वेबसाइट http://pmksy.gov.in/ पर जा कर क्लिक करेगा । फिर स्क्रीन पर होम पेज खुल जायेगा । होम पेज परअब “हर खेत को पानी” के विकल्प पर क्लिक करना है और आगे पन्ने पर सारी जानकारी जैसे कि आवेदक का नाम, जिला , ज़मीन से जुड़ी जानकारी आदि सही सही भरनी है । ये जानकारी भरने के बाद जमा करें के विकल्प पे क्लिक करते ही सारी जानकारी सब्मिट हो जायेगी । आगे किसी प्रकार की जानकारी लेने के लिए फॉर्म की एक प्रतिलिपि भी ले सकते है । ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आवेदक को अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से जुड़े कार्यालय में जा कर आवेदन करना होगा। वहाँ कृषि अधिकारी एक फ़ॉर्म देगा जिसमें आवेदक को सारी जानकारी सही भर कर साथ में भरे गए साक्ष्यों क�� प्रतिलिपि भी संलग्न करनी होगी ताकि कृषि अधिकारी जांच कर सके कि आवेदक की जानकारी सही है अथवा नहीं । उन सलग्न साक्ष्यों में आवेदक का पहचान पत्र, आधार कार्ड , वोटर कार्ड आदि शामिल होंगे । pmksy.gov.in login PM Krishi Sinchayee Yojana Status 2021 PMKSY प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का परीक्षण : - प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का परीक्षण राज्यकीय स्तर पर इस प्रकार किया गया है : - प्रगतिशील राज्य : आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना । - प्रदर्शन करने वाले राज्यों में : पंजाब, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा । - जिन राज्यों में सूक्ष्म सिंचाई की जाती है : अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और पश्चिम बंगाल । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 'हर खेत को पानी' के उद्देश्य से भारत के प्रधानमंत्री ने 2015 में की । इस योजना से किसानो को बहुत लाभ मिला । किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए समय पर पानी मिलने से फसल की पैदावार में बढ़ोतरी हुई और अच्छी किस्म की फसल का उत्पादन हुआ । जिससे किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा । इससे भारत में खेती करने वालों की भी बढ़ोतरी है क्योंकि बहुत से लोग सिंचाई के लिये पानी की कमी के कारण खेती छोड़ चुके थे । किसानों को आर्थिक मजबूती मिलने से वो आत्मनिर्भर बन पाएंगे। 'हर खेत को पानी ' इस योजना के मुख्य बिंदु ने भारत में फिर से खेती को मज़बूत कर दिया। Read the full article
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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021 ऑनलाइन एप्लीकेशन | PMKSY Form
PM Krishi Sichai Yojana Apply | PMKSY Apply Online | PMKSY Application Form 2021 | PM Krishi Sinchai Yojana Form 2021 | PMKSY Application Status 2021 भारत में ज्यादातर कृषक खेतों की सिंचाई के लिए बारिश पर आश्रित रहते हैं । इस वजह से किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है । किसानों की इसी स्थिती को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत देश भर के कृषकों को कृषि में सहायता पहुँचाने के लिए की है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एक ऐसी योजना है जिसके तहत सरकार कृषकों को कृषि सिंचाई से संबंधित उपयोग होने वाले साधन मुहैया करवाएगी । भारत सरकार इन कृषि सिंचाई से संबंधित साधानों को क्रय करने के लिए इस योजना के जरिये सहायक राशि अनुदान करती है। इन उपकरणों से किसान खेतों की सिंचाई आसानी से कर सकता है और पानी की बचत भी कर सकता है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021 : देखें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का शुभारंभ इसी सोच से किया गया कि देश भर के किसानों को इस योजना से मदद मिले । कृषकों को खेतों की सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है और वर्षा फसलों की पानी की ज़रूरत के हिसाब से नहीं होती है । भारत के कई हिस्सों में बहुत कम बारिश होती है और वहाँ सूखा रहता है । उन जगहों में तो ये योजना बहुत ही लाभकारी है । फसलों की बुआई , गोड़ाई , उनके उगने और पकने तक पानी की ज़रूरत होती है । क्योंकि किसी भी फसल में फल आने के लिए पौधे को अपने लिए खाना बनाना पड़ता है जिसमें पानी की जरूरत पड़ती है । ये पानी की जरुरत पौधा अपनी जड़ों से पूरी करता है । अगर खेत की सिंचाई अच्छे से होगी तो फसल अच्छी आयेगी । कृषकों को इसी समस्या से छुटकारा दिलवाने के लिए कृषि सिंचाई योजना 2021 के तहत फसल की सिंचाई के लिए जल का प्रबंध किया जायेगा । PMKSY Form 2021 केंद्र सरकार की इस योजना से आम कृषकों के अलावा सहकारी समिति ,स्वयं सहायता समूह ट्रस्ट ,अन्य मान्यता प्राप्त संस्थानों के सदस्यों आदि को भी फ़ायदा मिलेगा । सरकार ने इस योजना के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि निश्चित की है । 22 दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में एक केबिनेट अधिवेशन किया गया और इस अधिवेशन में केबिनेट ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 1706 करोड़ रुपए वितरित किये । इसमें 682 करोड़ 40 लाख 40 हजार रुपए मध्य प्रदेश के लिए सुनिश्चित किये गए । इस राशि से मध्यप्रदेश के मंडला, डिंडोरी, शहडोल,उमरिया तथा सिंगरौली जिलों में बोरवेल का सृजन किया जाएगा ताकि कृषक फसलों की सिंचाई कर सकें। 62,135 हेक्टेयर भूमि इस बोरवेल सिंचाई सुविधा के लिए सुनिश्चित की है । - PM Kisan Tractor Yojana - PM Kisan Status 2021 online - PMAY New List 2021 - Soil Health card Registration
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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021 का उद्देश्य व योजना से जुड़े मुख्य अंश : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य देश के किसानों की खेती के लिए पानी की व्यवस्था करना है । इस योजना का शुभारंभ 1 जुलाई, 2015 को “हर खेत कोई पानी” के उद्देश्य से किया गया ताकि कृषक सिंचाई की सुविधा से खेती को विस्तृत रूप से कर सकें और पानी की बर्बादी को भी रोक सकें । पानी के बिना खेती करना मुश्किल है । सिंचाई खेतों में उगाई जाने वाली फसलों के लिये बहुत जरूरी है । बिना सिंचाई के फसल खराब हो जाती है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है ।
PM Krishi Sinchai Yojana 2021 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021 के जरिये सरकार कम बारिश होने के कारण होने वाले सूखे की स्थिती से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा जोर जल संसाधनों के उपयोग पर दे रही है जिससे कि कृषक धरती पर मौजूद जल संसाधन का तरीके से उपयोग में ला पाये । 2015 में देश के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य बिंदु किसानों को खेती के लिए पानी की व्यवस्था करना है जिससे कि उनकी फसल में बढ़ोतरी हो । इससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पंजीकरण 2021 जाने प्रधानमंत्री अधिक फसल प्रति बूंद योजना : प्रधानमंत्री अधिक फसल प्रति बूंद योजना के अंतर्गत सरकार ने प्रत्येक फसल योजना के अंदर अधिक फसल के लिए पानी व्यवस्था साधन का प्रबंध करेगी ताकि किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें । देश के विभिन्न हिस्सों में कृषकों को सिंचाई से जुड़ी जानकारी देने के लिए शिक्षण देना , पानी के उचित तरीके से उपयोग को ले कर जागरूक करना ताकि पानी व्यर्थ ना हो , छोटे छोटे समूहों में जल स्तोत्र का एक प्रणाली में उपयोग करने के लिए उत्साहित करना इस योजना में शामिल है । प्रधानमंत्री मुद्रा प्रति बूंद योजना पाँच सालों में खेती को बढ़ावा देगी। Yojana PM Krishi Sinchayee Scheme Under Central Government of India Beneficiaries Farmers Form PMKSY Registration Form 2021 in Hindi Official Portal Pmksy.gov.in Objective To provide better irrigation facilieis Applicable In all over state Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana इस के लिए सरकार ने एक आधिकारिक किसान वेवसाइट http://pmksy.gov.in की भी शुरुआत की है । इसके जरिये कृषकों को कहीं भी योजना से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी। हिमाचल प्रदेश में भी जापान की एक योजना जायका ( JICA ) राज्य सरकार के साथ मिलकर खेतों की सिंचाई के संसाधनों के बारे में किसानों को जागरूक कर रही है । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की खूबियां : भारत देश में सरकार विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करती है जिसमें किसानों को फायदा पहुँचाने के लिए बहुत सी योजनाएं हैं। इन्ही योजनायों में से एक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कृषको को खेती के लिए पानी मुहैया करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई है ।सरकार कृषको को खेतों की सिंचाई के आधुनिक साधन खरीदने के लिए सहायक राशि प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से समय, पैसे और पानी की बचत होगी। इस योजना की मदद से जल के प्राकृतिक स्त्रोतों जैसे कि भूमिगत जल , जल संचय आदि के विकास पे ज़ोर देगी । इस योजना के जरिये सरकार सिंचाई के लिए उपयोग होने वाला पानी व्यर्थ ना हो और पानी की बचत हो इसके लिए सिंचाई के नए तरीके जैसे कि ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई के उपयोग पे बल देगी। जिससे फसल की अच्छी पैदावार होगी और किसान आर्थिक तौर पे आत्मनिर्भर बनेंगे। जिन नागरिकों के पास अपनी खेती योग्य जमीन है वो सभी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं । PMKSY Online Application 2021 जो लोग अनुबंध खेती करते हैं वो भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं । सहकारी सदस्य और सेल्फ हेल्प ग्रुप भी इस योजना के तहत फ़ायदा ले पाएंगे । सरकार ने इस योजना का फ़ायदा लेने के लिए एक प्रमाणित वेबसाईट बनाई है जिसमें जाकर आवेदक को आवेदन करना होगा । सरकार इस योजना के तहत सिंचाई के साधन क्रय करने के लिए 80% से 90% तक की सहायक राशि कृषकों को देगी । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का फ़ायदा लेने के लिए योग्यता : देखें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का फ़ायदा देश के सभी खेती करने वाले कृषक ले सकते हैं । कृषको के पास खेती करने योग्य ज़मीन होनी चाहिए । कृषकों के अलावा सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, ट्रस्ट, सहकारी समिति, कंपनियां, मिलकर उत्पादन करने वाले समूहों के किसान आदि भी इस योजना के पात्र होंगे । अनुबंध खेती करने वाले कृषक भी इस योजना का फ़ायदा ले सकते हैं । हर राज्य का नागरिक अपने राज्य में ही इस योजना के लिए योग्य होगा । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के फायदे : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कृषको के खेतों की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करना है ताकि किसानो को खेतों की सिंचाई के लिए कम पानी के कारण होने वाले खामियाजे को ना भुक्तना पड़े ।जिन कृषको के पास अपनी खुद की खेती वाली ज़मीन है और साथ में जल संसाधन भी हैं उन्हें इस योजना का फ़ायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021के क्रियांवित होने से देश की अर्थ व्यवस्था का भी विकास होगा क्योंकि देश में खेती विस्तृत रूप से की जा सकेगी । जो लोग या किसान पानी की कमी के कारण खेती नहीं कर रहे थे वो भी खेती कर���ा शुरू करेंगे क्योंकि अब उन्हें सिंचाई के लिए वर्षा पे निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। PM Krishi Sinchayee Scheme Form 2021 पहले इन किसानों की फसल सिंचाई के अभाव में खराब हो जाती थी । ड्रिप/ स्प्रिंकलर,रेन गन आदि सूक्ष्म सिंचाई सुविधाओं से कृषक न केवल पानी की बचत कर पाएंगे बल्कि रासायनिक खादों के प्रयोग में भी कमी आएगी । सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले नए तरीकों से पानी की भी बचत होगी जिससे फसलों को बारिश न होने की स्थिती में भी पानी मिल पायेगा । इससे फसलों की गुणवत्ता में सुधार होगा । किसान को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा। सरकार सिंचाई से जुड़े नई तकनीक के उपकरण ख़रीदने के लिए सहायक राशि देती है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत केंद्र सरकार 75 % और राज्य सरकार 25% अनुदान प्रदान करती है । सूक्ष्म सिंचाई से होने वाले फ़ायदे : इससे पानी की बचत होगी और पानी के प्रयोग में निपुणता आएगी । फसल की गुणवत्ता में सुधार आएगा और अच्छी पैदावार होगी जिससे किसानों को आर्थिक रूप में काफ़ी फ़ायदा मिलेगा । उर्वरक के प्रयोग में भी निपुणता आएगी।यद्यपि अकेले किसान द्वारा सिंचाई के लिए प्रयोग होने वाले पानी ज्यादा व्यर्थ होता है पर इस सूक्ष्म सिंचाई से पानी की बचत होगी । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में आवेदन करने के लिए जरूरी प्रमाण पत्र : किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना आवश्यक होता है पर आवेदन के लिए कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य होने चाहिए । किसान का पहचान पत्र जो पंचायत द्वारा बनाया गया हो जैसे कि रासन कार्ड या वोटर कार्ड , आधार कार्ड , बैंक खाते की पासबुक , ज़मीन की जमाबंदी और उससे जुड़े कागज़ , मोबाइल नंबर और आवेदक के फोटो होना चाहिए । - Kisan Credit Card Apply online - PM Fasal Bima Yojana - SMAM Kisan Yojana Apply - Pashu Shed Yojana पीएम कृषि सिंचाई योजना आवेदन करें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया : सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में आवेदन करने के लिए एक आधिकारिक वेवसाइट बनाई है ।
PMKSY Application Portal जिसे भी इस योजना से जुडी जानकारी चाहिए हो वो इछुक व्यक्ति इस वेवसाइट पर जा कर कहीं से भी सारी जानकारी ले सकता है ।
PMKSY Form online आवेदक कृषि विभाग की प्रमाणित वेबसाइट http://pmksy.gov.in/ पर जा कर क्लिक करेगा । फिर स्क्रीन पर होम पेज खुल जायेगा । होम पेज परअब “हर खेत को पानी” के विकल्प पर क्लिक करना है और आगे पन्ने पर सारी जानकारी जैसे कि आवेदक का नाम, जिला , ज़मीन से जुड़ी जानकारी आदि सही सही भरनी है । ये जानकारी भरने के बाद जमा करें के विकल्प पे क्लिक करते ही सारी जानकारी सब्मिट हो जायेगी । आगे किसी प्रकार की जानकारी लेने के लिए फॉर्म की एक प्रतिलिपि भी ले सकते है । ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आवेदक को अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से जुड़े कार्यालय में जा कर आवेदन करना होगा। वहाँ कृषि अधिकारी एक फ़ॉर्म देगा जिसमें आवेदक को सारी जानकारी सही भर कर साथ में भरे गए साक्ष्यों की प्रतिलिपि भी संलग्न करनी होगी ताकि कृषि अधिकारी जांच कर सके कि आवेदक की जानकारी सही है अथवा नहीं । उन सलग्न साक्ष्यों में आवेदक का पहचान पत्र, आधार कार्ड , वोटर कार्ड आदि शामिल होंगे । pmksy.gov.in login PM Krishi Sinchayee Yojana Status 2021 PMKSY प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का परीक्षण : - प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का परीक्षण राज्यकीय स्तर पर इस प्रकार किया गया है : - प्रगतिशील राज्य : आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना । - प्रदर्शन करने वाले राज्यों में : पंजाब, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा । - जिन राज्यों में सूक्ष्म सिंचाई की जाती है : अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और पश्चिम बंगाल । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 'हर खेत को पानी' के उद्देश्य से भारत के प्रधानमंत्री ने 2015 में की । इस योजना से किसानो को बहुत लाभ मिला । किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए समय पर पानी मिलने से फसल की पैदावार में बढ़ोतरी हुई और अच्छी किस्म की फसल का उत्पादन हुआ । जिससे किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा । इससे भारत में खेती करने वालों की भी बढ़ोतरी है क्योंकि बहुत से लोग सिंचाई के लिये पानी की कमी के कारण खेती छोड़ चुके थे । किसानों को आर्थिक मजबूती मिलने से वो आत्मनि���्भर बन पाएंगे। 'हर खेत को पानी ' इस योजना के मुख्य बिंदु ने भारत में फिर से खेती को मज़बूत कर दिया। Read the full article
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हिमाचल: कब शुरू होगी इंटरस्टेट बस सर्विस- जानें क्या कहते हैं परिवहन विभाग के अधिकारी
हिमाचल: कब शुरू होगी इंटरस्टेट बस सर्विस- जानें क्या कहते हैं परिवहन विभाग के अधिकारी
शिमला। हिमाचल में प्रदेश सरकार ने बस सेवा को बहाल कर दिया है, लेकिन इंटर स्टेट बस सेवा के लिए लोगों को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से इंटर स्टेट बस सेवा चलाने के लिए कोई संकेत नहीं मिले हैं, ऐसे में इंटर स्टेट बसों के संचालन के लिए परिवहन विभाग बा��री राज्यों के साथ फिलहाल टेकअप नहीं कर रहा है। यह भी पढ़ें: पंजाब पे कमीशन में ऐसा क्या है जो…
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हिमाचल के युवक को प्रवेश परीक्षा में माइनस 5 अंक मिले, सीयू कांगड़ा में मिला प्रवेश hpvk
हिमाचल के युवक को प्रवेश परीक्षा में माइनस 5 अंक मिले, सीयू कांगड़ा में मिला प्रवेश hpvk
धर्मशाला. रिजर्व सीटें खाली रहने की वजह से सेंट्रल यूनिवर्सिटी के न्यू मीडिया डिपार्टमेंट में एंट्रेस एग्जाम में माइनस में अंक हासिल करने वाले उम्मीदवार को भी दाखिला मिला है. ऐसे में पूरी प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में हैं. मामला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की सेंट्रल यूनिवर्सिटी का है. जानकारी के अनुसार, सीयू में एमए के न्यू मीडिया विभाग में एससी वर्ग की सीटें खाली रह गई. मजबूरी में प्रबंधन…
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“खट्टी मीठी यादें”केंद्रीय आलू अनुसन्धान संस्थान में स्टेनोग्राफर के काफी पद थे। मुझे शॉर्टहैंड भी आती थी, इसका लाभ मैं शुरू में न उठा पाया था, मैंने इस ओर ध्यान देना शुरू कर दिया। इसी दौरान मुझे कई विभागों से कॉल लेटर आए पुलिस विभाग से स्टेनो टाइपिस्ट के पद के लिए एग्रो इंडस्ट्री, हिमाचल प्रदेश मिनरल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कारपोरेशन और टूरिज्म डिपार्टमेंट से भी कॉल लेटर मिले। टूरिज्म डिपार्टमेंट में जिस पद के लिया मैंने आवेदन किया था उस पद की लिए नहीं चुना गया था मुझे निम्न पद पर नियुक्ति पत्र दिया गया था जो मैंने स्वीकार न किया था। एग्रो इंडस्ट्री में मुझे कहा गया की आप को पौंटा साहिब जाना होगा जिसके लिए मैंने मना कर दिया था। “एच पी एम् आई डी सी” में मुझे ��ियुक्ति पत्र भी दिया गया था और ज्वाइन करने की लिया कहा गया था। पुलिस विभाग में श्री आर .के. श्रीवास्तव, उप पुलिस महानिरीक्षक थे और साहयक पुलिस महानिरिक्षक श्री एन सी जोशी और आई जी कुमार थे, इन्ही ने इंटरव्यू लिया था। पुलिस महानिरीक्षक उन दिनों श्री गंगबीर सिंह जी थे जो जिला सिरमौर के थे। बहुत साफसुथरी छबि के थे। उनकी खास बात यह थी की निचे से लेकर ऊपर तक सभी कर्मचारियों से मिलते और बात करते थे। शॉर्टहैंड और टाइपिंग टेस्ट के बाद परिणाम घोषित कर दिया था। बीस के लग भग प्रार्थी थे। मुझे आज भी याद है तीन के नाम पुकारे थे और बाकियों को जाने के लिए कहा था। पहले नंबर पर रतन सिंह और दुसरे नंबर पर मेरा नाम था तीसरे नंबर पर रमेश वर्मा जी थे जो अब इस दुनिया में नहीं है। हम तीनो का दुबारा से टाइप टेस्ट लिया गया था। उसके बाद हमें कह दिया था की जल्दी ज्वाइन करना है, आप को नियक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं। मुझे डी आई जी (प्रशासन) के साथ लगाया गया था। रतन सिंह और रमेश वर्मा को क्रमशः ए आई जी (1 ) और (२) के साथ नियुक्ति दी गई थी। श्री श्रीवास्तव साहिब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे उनके स्थान पर श्री के एन कपूर को डी आई जी (प्रशासन) नियुक्त किया था उनके पास आर्म्ड पुलिस और ट्रेनिंग का विभाग भी था। वह पूरा दिन भराड़ी में ही रहते थे और शाम को पांच बजे के बाद "बैंटोनी" पुलिस महानिरीक्षक के कार्यालय पहुँचते थे, रात नौ बजे तक बैठते थे। इनके बैठने के बारे में ज्यादा न ही कहूँ तो सही रहेगा। एक दिन कपूर साहिब का सामना पांच बजे के बाद गेट पर श्री गंगबीर सिंह जी से हो गया और कहा की कपूर साहिब दफ्तर का समय हो गया! इसका उतर कपूर साहिब नहीं दे पाए थे | गर्मिओं का मौसम शुरू हो गया था। श्री कपूर जी के स्थान पर श्री पी. जी. एस. कुमार, सिरमौर ज़िले से जहां वह सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस के पद पर थे पदोन्नति पर डी. आई. जी.(प्रशाषन) नियुक्त हुए। वह बहुत मिलनसार अधिकारी थे स्टाफ के साथ उनका मित्रतापूर्ण व्योहार रहता था। सेवानृविति होने के बाद भी उनके फ़ोन आते रहते रहे हैं। काफी लम्बी बात करते और विभाग में अधिकारिओं के हाल भी पूछते रहते। श्री आई बी नेगी प्रदेश के पुलिस महनिरिक्षक बने वह उत्तर प्रदेश काडर के थे। उनकी निकटता राज्य के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह जी से थी। श्री आई जी सोढ़ी जी को होम गार्ड्स का डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस बनाया गया वह राज्य के पहले डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस बने थे। बाद में आई बी नेगी जी भी प्रदेश पुलिस के महानिदेशक पद की कुर्सी पर विराजमान हुए। १९९० में प्रदेश से कांग्रेस सरकार का जाना और बी. जे. पी. की सरकार का बनना श्री आई बी नेगी के लिए अनुकूल समय न था और छुटी जाना पड़ा था। छुटिओं के दौरान ही उनकी सेवानिर्विती हुई थी। यदि वह वापिस जाते तो उन्हें वित्तीय नुकसान होना था, उन दिनों यह चर्चा का विषय था । श्री आर. आर. वर्मा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बने और बाद में श्री वर्मा जी को हिमाचल प्रदेश सर्विस कमीशन का चेयरमैन नियुक्त्त किया गया था । वर्माजी ठियोग के रहने वाले हैं । इनकी बेटी भी पुलिस सेवा में है जो उत्तर प्रदेश काडर की है। श्री वर्मा जी के कमीशन में नियुक्ति के बाद श्री अमरीक सिंह जी प्रदेश के महानिदेशक रहे। श्री शांता कुमार जी की सरकार को केंद्रीय कांग्रेस सरकार ने गिरा दिया था । जिसका कारण बाबरी मस्जिद का गिराया जाना रहा था। श्री बसंत सिंह ठाकुर जी को कांग्रेस सरकार के बनने के बाद पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया। श्री बसंत सिंह ठाकुर सोलन के रहने वाले है जो सेवानिर्वित हो गए हैं । मुझे श्री बसंत सिंह ठाकुर जी के साथ काम करने का अवसर मिला था। जब डी. आई. जी. विजिलेंस थे और सी. आई. डी. के पुलिस महानिरीक्षक थे। मुझ से लोकल भाषा में ही बात करते थे । श्री कर्ण सिंह जो काँगड़ा ज़िले से सम्बन्ध रखते हैं, वह श्री बसंत सिंह ठाकुर के काफी नजदीक थे। श्री बसंत सिंह ठाकुर नॉर्थेर्न रेंज के उप पुलिस महानिरीक्षक थे और श्री कर्ण सिंह जी भी नॉर्थेर्न रेंज में तैनात थे । श्री ठाकुर महानिरीक्षक गुप्तचर बने तो कर्ण सिंह जी को निजी साहयक पद पर तैनात किया गया था । कर्ण सिंह जी बहुत ही शांत सभाव के है। उनको मैं कई बार कहा करता था आप निजी साहयक की कुर्सी पर कैसे बैठे है, वह कभी बूरा न मानते और हंस के बात खत्म करते और बैठने को कहते। कर्ण सिंह जी साहयक थे और स्टेनोग्राफर न थे, बसंत सिंह ठाकुर जी के पुलिस महानिदेशक नियुक्ति होने के साथ ही कर्ण सिंह जी इन्ही के साथ पुलिस मुख्यालय चले गए थे और वह उन्ही के साथ रहे जब तक बसंत सिंह ठाकुर जी पुलिस मुख्यालय में रहे। कर्ण सिंह जी और पुलिस महानिदेशक जी के साथ मेरे अच्छे सम्बन्ध थे। मेरी पदोन्ती में कुछ लोग अड़चन डाल रहे थे किसी और को शिमला लाना चाहते थे और बाद में पदोन्ती की फाइल पेश करना चाहते थे। इस बात का मुझे पता लग गया था और मै श्री बसंत सिंह ठाकुर जी से मिला और उन्हें विस्तार से अपनी बात कही जो की उन्होंने शांति से सुनी। इसके बाद जो हुआ सब मेरे पक्ष में ही रहा था। आज भी मैं इनका बहुत आदर करता हूँ। श्री जैन जी प्रशासन अधिकारी थे उन्होंने भी कभी मेरे काम में बाधा न आने दी। पहले प्रशासन अधि��ारी श्री हीरू राम ठाकुर जी थे वह बहुत ही मिलनसार और शांत सभाव के थे, ��नकी सेवानिवृति के बाद श्री भूप राम गुप्ता जी इस पद पर तैनात हुए थे और सेवानिवृति से पहले ही स्वर्ग सिधार गए थे। पुलिस मुख्यालय में सभी उनके अकाल निधन पर दुखी थे । श्री मूल राज, श्री जे के जैन, श्री कुंदन लाल, श्री राम दास, श्री बलदेब कश्यप और श्रीमती लज्या ठाकुर प्रशासन अधिकारी बने यह सभी मेरे सामने सेवानिवृत हुए थे। यह सभी बहुत अच्छे लोग थे। श्री बलदेब कश्यप जी जो मेरे अच्छे मित्र थे मेरी सचिवालय की प्रतिनयुक्ति में अड़चन डाली थी, सभी उच्चाधिकारी भी मेरे सचिवालय प्रतिनयुक्ति पर जाने से खुश नहीं थे। सचिवालय से फ़ोन आते कब ज्वाइन कर रहे हो, किसीने सचिवालय में यह बता दिया की उसे नहीं भेजा जा रहा है। मैं तत्कालीन पुलिस महानिदेशक जी से मिला और उन्होंने साफ़ शब्दों में इन्कार कर दिया। मैंने तर्क दिया की मेरा प्राथना पत्र क्यों भेजा था। कहा भेजा था और अब आपको नहीं भेज रहे। मैं पुलिस महानिदेशक जी के आगे और कुछ नहीं कह सकता था। फरबरी १९९६ में पदोन्ति पर मुझे एनफोर्समेंट में तैनात किया गया श्री एस. सी. मालिक अतरिक्त पुलिस महानिदेशक थे उनकी सेवानिवृति नजदीक थी अपने निजी साहयक को छोड़ना नहीं चाहते थे और सही भी थे। लग भग एक महीने तक मैं बिना काम के बैठा रहा।6Naresh Jaswal, Pankaj Verma and 4 others3 Comments4 SharesLikeCommentShare
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वन विभाग में फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पदों पर निकली बंपर भर्ती, यह है आखिरी तारीख Divya Sandesh
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वन विभाग में फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पदों पर निकली बंपर भर्ती, यह है आखिरी तारीख
डेस्क। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सरकार के वन विभाग में क्लास – 2 (गजेटेड) में फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया है। आयोग के जरिए बीते मंगलवार को ऑफिशियल वेबसाइट, hppsc.hp.gov.in पर जारी भर्ती विज्ञापन (सं.7-I/3-2021 और सं.7-II/3-2021) के मुताबिक फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पदों पर संविदा के आधार पर भर्ती की जानी है।
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इच्छुक अभ्यर्थी आयोग के अप्लीकेशन पोर्टल, hppsconline.hp.gov.in पर उपलब्ध कराये गये ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम दिनांक 19 अप्रैल, 2021 तय की गयी है।
कौन कर सकता है आवेदन? हिमाचल प्रदेश फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर भर्ती 2021 अधिसूचना की माने तो आवेदन के इच्छुक अभ्यर्थियों को किसी मान्यता मिले विश्वविद्यालय या फिर किसी दूसरे उच्च शिक्षा संस्थान से साइंस या इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके साथ ही, अभ्यथियों की उम्र 1 जनवरी, 2021 को 21 वर्ष से कम और 31 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इनके अतिरिक्त पुरुष अभ्यथियों की ��ाईट 163 सेमी और महिला उम्मीदवारों की 150 सेमी कम से कम होनी चाहिए। वहीं, पुरुष की चेस्ट 79 सेमी और औरतों हेतु 74 सेमी होनी चाहिए।
ऐसे होगा चयन एचपीपीएससी के जरिए फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पदों पर उम्मीदवारों का चयन स्क्रीनिंग टेस्ट, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर होगा। अभ्यथियों के आवेदनों के आधार पर पहले चरण स्क्रीनिंग परीक्षा हेतु आमंत्रित किया जाएगा।
स्क्रीनिंग टेस्ट के मार्क्स अंतिम चयन में सम्मिलित नहीं किये जाएंगे। इस परीक्षा में सफल घोषित अभ्यथियों को लिखित मुख्य परीक्षा में शामिल होने हेतु आमंत्रित किया जाएगा और फिर सफल घोषित अभ्यथियों को साक्षात्कार हेतु बुलाया जाएगा।
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स्वास्थ्य निदेशक से मिले आश्वासन के बाद सेवाएं शुरू .. #news4 हमीरपुर : 108 एंबुलेंस व मातृत्व सुरक्षा जननी सेवा लैब टेक्नीशियन के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों ने स्वास्थ्य निदेशक से मिले आश्वासन के बाद सोमवार दोपहर बाद अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। इससे पहले 108 एंबुलेंस अनुबंध कर्मचारी यूनियन हमीरपुर के जिला अध्यक्ष पूर्ण चंद के नेतृतव में सभी कर्मचारियों ने हक के लिए आवाज बुलंद की थी। सोमवार दोपहर बाद राज्य कार्यकारिणी की स्वास्थ्य निदेशक के साथ हुई बैठक में मिले आश्वासन के बाद ही उन्होंने अपनी हड़ताल वापस लेकर सेवाएं शुरू की। गौर रहे कि मेडिकल कॉलेज तथा दूसरे स्वास्थ्य संस्थानों में सेवाएं दे रहे जिलेभर के 53 अनुबंध कर्मचारियों की मांगों को लेकर कोर्ट के आदेशों के बावजूद वेतन बढ़ोतरी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे खफा होकर रविवार को 108 एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। दूसरी ओर इस संदर्भ हिमाचल प्रदेश 108 अनुबंध वर्कर यूनियन के जिला प्रधान अतुल मिश्रा ने बताया कि वेतन बढ़ोतरी की अपनी मांग लेकर वह दो दिन से जिला सहित प्रदेशभर के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद इन कर्मचारियों के वेतनमान में कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। जिला हमीरपुर स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज व दूसरे स्वास्थ्य संस्थानों में करीब 53 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे। सामूहिक अवकाश एवं ��ड़ताल पर पाबंदी
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