#सेब के उत्पाद
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HPMC सेब से बनाएगा हार्ड वाइन, 20 फीसदी रहेगी अल्कोहल की मात्रा; जानें किसके साथ हुआ करार
Himachal News: हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) सेब से हार्ड वाइन (एप्पल लिक्योर) बनाएगा। इसमें अल्कोहल की मात्रा करीब 20 फीसदी होगी। एप्पल वाइन में अल्कोहल की मात्रा 11.5 फीसदी जबकि एप्पल शनैप्स में 50 फीसदी होती है। एप्पल लिक्योर में अल्कोहल की मात्रा कम होती है इसलिए इसे स्वा��्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इटली की एक कंपनी से भी संपर्क एचपीएमसी बीते कई…
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मुंह की दुर्गंध भगाने के 8 तरीके: ताजगी भरी सांसों के लिए सुझाव
मुंह की बदबू (हैलिटोसिस) एक आम समस्या है जो न केवल शर्मिंदगी का कारण बनती है, बल्कि यह आपकी स्वास्थ्य समस्याओं की भी निशानी हो सकती है। कई बार हम मुंह की दुर्गंध से परेशान होते हैं और सोचते हैं कि आखिर इसे कैसे दूर किया जाए। अच्छी बात यह है कि कुछ सरल उपायों से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। यहां हम आपके लिए लाए हैं मुंह की दुर्गंध भगाने के 8 तरीके जो आपको ताजगी भरी सांसों का एहसास दिलाएंगे।
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1. नियमित रूप से ब्रश करें और फ्लॉस करें
मुंह की सफाई को नजरअंदाज करने से आपके दांतों के बीच भोजन के कण फंस सकते हैं, जो बाद में बैक्टीरिया का कारण बन सकते हैं। यही बैक्टीरिया मुंह की बदबू का मुख्य कारण बनते हैं। इसलिए, रोजाना कम से कम दो बार ब्रश करें और फ्लॉस का उपयोग करें। यह आदत बैक्टीरिया को दूर रखने में मदद करती है और सांसों को ताजगी देती है।
2. जीभ की सफाई करें
कई बार हमारी जीभ पर बैक्टीरिया और खाद्य कण जमा हो जाते हैं, जो मुंह की दुर्गंध का कारण बनते हैं। जीभ की सफाई को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इसके लिए आप ब्रश के साथ जीभ की सफाई कर सकते हैं या फिर मार्केट में उपलब्ध जीभ क्लीनर का उपयोग कर सकते हैं।
3. मुंह को हाइड्रेट रखें
सूखा मुंह (ड्राई माउथ) भी मुंह की बदबू का एक बड़ा कारण है, क्योंकि लार मुंह से बैक्टीरिया और अन्य कणों को साफ करने में मदद करती है। दिन भर पर्याप्त पानी पिएं और मुंह को हाइड्रेट रखें। यह आपकी सांसों को ताजगी देने में सहायक होगा।
4. माउथवॉश का उपयोग करें
माउथवॉश न केवल आपकी सांसों को ताजगी देता है, बल्कि यह मुंह के अंदर बैक्टीरिया को भी खत्म करता है। बिना अल्कोहल वाले माउथवॉश का उपयोग करें, क्योंकि अल्कोहल मुंह को सूखा बना सकता है, जिससे समस्या और बढ़ सकती है। रोजाना माउथवॉश का इस्तेमाल करने से मुंह की बदबू को कम किया जा सकता है।
5. खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें
आप जो खाते हैं उसका सीधा असर आपकी सांसों पर पड़ता है। प्याज, लहसुन, और मसालेदार खाद्य पदार्थ मुंह की बदबू का कारण बन सकते हैं। इन्हें खाने के बाद अच्छी तरह से ब्रश करें या माउथवॉश का उपयोग करें। इसके अलावा, हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब, और गाजर जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं, जो प्राकृतिक रूप से मुंह की सफाई में मदद करते हैं।
6. धूम्रपान और तंबाकू से बचें
धूम्रपान और तंबाकू का सेवन न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह मुंह की बदबू को भी बढ़ाता है। तंबाकू उत्पाद आपकी लार को सूखाते हैं और बैक्टीरिया के बढ़ने का कारण बनते हैं, जिससे मुंह से दुर्गंध आती है। इन आदतों को छोड़ने से न केवल आपकी सांसों में ताजगी आएगी, बल्कि आपका समग्र स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
7. नींबू या सौंफ का सेवन करें
नींबू का रस प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो बैक्टीरिया को मारकर आपकी सांसों को ताजगी प्रदान करता है। एक गिलास पानी में नींबू का रस मिलाकर दिन में एक या दो बार पीने से लाभ हो सकता है। इसके अलावा, सौंफ चबाने से भी मुंह की बदबू को ��म किया जा सकता है। सौंफ में मौजूद तेल सांसों को ताजगी देने में मदद करता है।
8. डेंटिस्ट से नियमित जांच करवाएं
अगर आप सभी घरेलू उपाय अपनाने के बाद भी मुंह की बदबू से परेशान हैं, तो डेंटिस्ट से परामर्श लें। कभी-कभी दांतों या मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं भी मुंह की दुर्गंध का कारण बन सकती हैं। डेंटिस्ट से नियमित जांच कराने से आप इन समस्याओं का समय रहते इलाज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
मुंह की दुर्गंध एक आम समस्या है, लेकिन इसे दूर करने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करने की आवश्यकता है। मुंह की बदबू कैसे दूर करें यह सवाल आपके लिए परेशानी का कारण नहीं बनेगा यदि आप ऊपर दिए गए उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे।
यदि आपको लगता है कि इन उपायों से भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, तो तुरंत अपने डेंटिस्ट से परामर्श लें। स्वस्थ दांत और ताजगी भरी सांसें न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह आपकी आत्मविश्वास को भी बढ़ाती हैं।
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fatty liver mein kya khana chahie
फैटी लिवर के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थ फायदेमंद होते हैं:
1. साबुत अनाज:
ब्राउन राइस
ओट्स
क्विनोआ
2. फल:
सेब
नाशपाती
बेरीज़ (जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी)
3. सब्जियाँ:
हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मेथी)
गोभी, ब्रोकली, गाजर
4. प्रोटीन स्रोत:
दालें (मसूर, मूंग)
ग्रिल्ड चिकन या मछली (जैसे सैल्मन)
टोफू या सोया उत्पाद
5. नट्स और बीज:
बादाम, अखरोट
चिया बीज, फ्लैक्ससीड
6. डेयरी उत्पाद:
कम वसा वाला दूध
दही
7. स्वस्थ वसा:
ऑलिव ऑयल
एवोकाडो
8. हर्बल चाय:
हरी चाय
तुलसी या पुदीने की चाय
अन्य सुझाव:
शुगर और ट्रांस फैट्स से बचें: प्रोसेस्ड फूड्स, मिठाई और तली हुई चीज���ें न खाएँ।
��ानी: रोजाना 2-3 लीटर पानी पीएँ।
व्यायाम: नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें।
(Read our Blog to Know More- 21 day Fatty Liver Diet Plan in hindi)
इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से लिवर स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
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मधुमेह (डायबिटीज) के लिए सिफारिश की गई भोजन!
इंसुलिन की कमी से या कोशिकाओं (सेल) के इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के ब��़ने एवं रक्तप्रवाह में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि के कारण मधुमेह (डायबिटीज) होता है। दुनिया भर मे लाखों लोग मधुमेह (डायबिटीज) से प्रभावित हैं। इनमें से अधिकांश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले लोग हैं। समय-समय पर मधुमेह की जांच न कराने से हर साल मृत्यु दर मे बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ दशकों में प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मधुमेह मे वृद्धि के कारक:
खनपान मे बढ़ते हुए बदलाव, मोटापा, वजन बढ़ना एवं शारीरिक निष्क्रियता मधुमेह (डायबिटीज) का एक प्रमुख कारण है और यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
किस प्रकार खनपान मे परिवर्तन मधुमेह (डायबिटीज) का प्रमुख कारण बना है ?
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन करने के बाद ब्लड शुगर (रक्तप्रवाह में ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि होता है। स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, आलू, चावल और दूध खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। कार्बोहाइड्रेट हर किसी के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मधुमेह से क्या-क्या खतरे हैं?
समय के साथ, मधुमेह हृदय, रक्त वाहिकाओं (ब्लड वैसेल्स), आंखों, गुर्दे (किडनी) और तंत्रिकाओं (नर्वस) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दीर्घकालिक समस्याएं और अल्प अवधि में शीघ्र मृत्यु के कारण उत्पन्न होता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर मे मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ रही है, और बच्चों मे किशोर
मधुमेह (जुवेनाइल डायबिटीज) के रूप मे यह बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक है।
प्रारंभिक कार्रवाई और रोगियों को शिक्षित करना आवश्यक है, लेकिन कई देशों को पर्याप्त स्वास्थ्य प्रणालियों की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मधुमेह रोगियों को अपने ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए अपने भोजन के विकल्पों पर ध्यान देने की आवश्यकता है:
निम्नलिखित के कारणों से ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) का स्तर बढ़ सकता है:
● कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन।
● शारीरिक गतिविधि या व्यायाम का अभाव।
● निर्जलीकरण/पर्याप्त पानी का सेवन न करना
● तनाव एक महत्वपूर्ण कारक है
● पर्याप्त नींद न आना।
● विशिष्ट (स्पेसिफिक) दवाएं, जैसे स्टेरॉयड।
यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिनका सेवन करने से आपको बेहतर एवं फर्क महसूस होता है।
1. बिना स्टार्च वाली सब्जियाँ:
बिना स्टार्च वाली सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी कम होती है एवं फाइबर अधिक होता है, जो उन्हें मधुमेह वाले व्य��्तियों के लिए अत्युत्तम विकल्प बनाता है।
आहार में पालक या कोई भी पत्तेदार साग, ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, बेल मिर्च और खीरे या कोई भी पानी आधारित सब्जियां शामिल होनी चाहिए जिनमें स्टार्च की मात्रा कम हो और जो आपके देश में उगाई गई हो।
2. प्रोटीन:
प्रोटीन खाने से ग्लूकोज का प्रवाह धीमा होता है और ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) को स्थिर करने में मदद मिलता है। प्रोटीन ग्लूकोज को रोक उन्हें धीमा करता हैं और फिर उन्हें धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में छोड़ता हैं ताकि आपके ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) सामान्य सीमा में रहे। मुख्य रूप से प्रोटीन के साथ इंसुलिन शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद करता है। ये ब्लड शुगर (रक्त ग्लूकोज) के स्तर को प्रभावित नहीं करता और समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने एवं वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
3. साबुत अनाज:
हालाँकि साबुत अनाज, जौ, बाजरा आदि ( में कार्बोहाइड्रेट होता हैं) फाइबर का भी समृद्ध स्रोत हैं जो ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को बनाए रखने में मदद करता हैं।
4. हेल्दी फैट:
हमें ऐसे भोजन को शामिल करना चाहिए जो रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के अवशोषण(अब्ज़ॉर्प्शन) को धीमा करने में मदद कर सके और आपको पेट भरा हुआ महसूस कराए। जैसे: एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, बीज, जैतून का तेल और अन्य वनस्पति तेल । सुबह सबसे पहले एक चम्मच घी, वर्जिन जैतून या वर्जिन नारियल जैसे वसा (फैट/तेल) का सेवन इंसुलिन स्पाइक को कम करता है और शरीर को इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है।
5. डेयरी उत्पाद:
कम वसा(फैट) वाले और बिना चीनी वाले खाद्य पदार्थ जैसे: ग्रीक दही, कॉटेज पनीर, बिना चीनी वाले बादाम या सोया दूध इत्यादि उपयुक्त है। डेयरी में मौजूद ठोस तैयब दूध में भी चीनी में परिवर्तित होने की प्रवृत्ति होती है इसलिए गैर डेयरी या दही और छाछ के रूप उपयुक्त है।
6. फल:
फलों में जामुन, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसभरी, सेब, नाशपाती इत्यादि शामिल हैं ।
संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
7. जड़ी-बूटियाँ और मसाले:
दालचीनी, हल्दी, अदरक भोजन मे बिना कार्बोहाइड्रेट के स्वाद बढ़ाता हैं।
निम्नलिखित कदम हमारे शरीर के रक्त मे ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है:
1. अपने शरीर को सक्रिय रखने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
2. संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि के माध्यम से स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखें।
3. मीठे पेय और मिठाइयों का सेवन कम करके चीनी का सेवन कम करें।
4. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सीमित करें
5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए फल, सब्जि��ां और साबुत अनाज जैसे हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ चुनें।
6. पूरे दिन खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें।
7. समग्र स्वास्थ्य और हार्मोन विनियमन के लिए नींद को प्राथमिकता दें।
8. स्थिर ब्लड शुगर को बनाए रखने के लिए तनाव प्रबंधन तकनीकों जैसे योग, ध्यान, अनुलोम-विलोम योग का अभ्यास करें।
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Top 10 Hill Stations of Himachal Pradesh
Hill Stations of Himachal Pradesh, भारत का एक राज्य, अपनी प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता, और शिमला, मनाली जैसे दर्शनीय हिल स्टेशन्स के लिए प्रसिद्ध है। यहां के हिल स्टेशन दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, और इस लेख में हम जानेंगे कि पूरी दुनिया में प्रमुख हिमाचल प्रदेश के 10 विशेष हिल स्टेशन कौन-कौन से हैं।
Dharamshala — The Serene Abode
धर्मशाला वह स्थान है जहां प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का सही मेल होता है। यहां की शानदार तस्वीरों का आनंद लेने के लिए दर्शनीय स्थलों का वर्णन किया जा सकता है, साथ ही धर्मशाला के सांस्कृतिक आकर्षणों की चर्चा की जा सकती है।
Shimla — Queen of Hills
शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी और हिल स्टेशनों की रानी, इतिहास से भरी हुई है। यहां पर्यटकों को ऐतिहासिक स्थलों का आनंद लेने का विशेष अवसर है, साथ ही यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी आनंद लिया जा सकता है।
Manali — A Gateway to Adventure
मनाली, स्वभाव से ही एक एडवेंचर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ स्थान है। यहां प्राकृतिक सौंदर्य और एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए अनेक सुविधाएं हैं, साथ ही स्थानीय भोजन और बाजारों का भी वर्णन किया जा सकता है।
Kullu — The Valley of Gods
कुल्लू, भगवानों की उपासना के लिए प्रसिद्ध है और यहां कई प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। कुल्लू में मनाए जाने वाले पर्व और त्योहारों का वि��रण भी इस लेख में शामिल किया जा सकता है।
Chamba — Ancient Charm
चंबा, अपने ऐतिहासिक विरासत और सौंदर्य से परिपूर्ण है। यहां की शानदार सांस्कृतिक विरासत और चंबा की अद्वितीय वास्तुकला की चर्चा भी की जा सकती है।
Dalhousie — Mini Switzerland of India
डलहौजी, भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहलाने वाला स्थान है, जिसमें उपनगर वास्तुकला, सुरम्य दृश्य और ट्रेकिंग के ऑप्शन्स शामिल हैं। इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए पढ़ते रहें।
Palampur — Tea Gardens and Tranquility
पालमपुर, इसके चाय बाग़ों और शांति से भरे माहौल के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम चाय के बाग़ों के इतिहास और इसके पर्यटकों के लिए राहतगीत गतिविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
Kasauli — Quaint and Quiet Retreat
कसौली, एक छोटा और शांत स्थान, अपनी शांति और कम-बसी चर्म से प्रसिद्ध है। इसमें विशेष रूप से दर्शनीय स्थलों का वर्णन और कसौली के आवश्यक स्थानों का सुझाव दिया जा सकता है।
Solan — The Mushroom City
सोलन, जिसे “मशरूम नगरी” भी कहा जाता है, अपनी अनूठी कृषि प्रथाओं के लिए प्रसिद्ध है। इसमें स्थानीय व्यापारों और बाजारों का विवरण भी शामिल किया जा सकता है।
Kangra — History and Nature Blend
कांगड़ा, अपने ऐतिहासिक किले और प्राकृतिक सौंदर्य के संघम में है। इसके ऐतिहासिक महत्व और कांगड़ा की प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में विवरण दिया जा सकता है।
Bir Billing — Paragliding Hub
बीर बिलिंग, पैराग्लाइडिंग का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां पराग्लाइडिंग के साथ-साथ बौद्ध मठों और स्थानीय सांस्कृतिक के बारे में भी बताया जा सकता है।
Mandi — Temple Town
मंडी, जिसे “मंदिर नगर” भी कहा जाता है, वहां के प्रमुख मंदिरों का वर्णन कर सकते हैं। इसके अद्वितीय पर्व और त्योहारों की चर्चा भी इस लेख में की जा सकती है।
Narkanda — Winter Wonderland
नारकंडा, यहां की बर्फबारी और शीतकालीन खेलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के स्नोफॉल और शीतक कालीन खेलों का वर्णन किया जा सकता है, साथ ही यहां की सेब के बागों और स्थानीय उत्पाद के बारे में भी जानकारी प्रदान की जा सकती है।
Conclusion
इस लेख में, हिमाचल प्रदेश के शीर्ष 10 हिल स्टेशनों की यात्रा पर चर्चा की गई है, जो प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर, और रोमांटिक माहौल के साथ अपने आप में एक साहसिक अनुभव प्रदान करते हैं। पढ़ने वालों से निवेदन है कि इन हिल स्टेशनों का आनंद लें और हिमाचल प्रदेश के सौंदर्य में डूबें।
FAQs (Frequently Asked Questions)
क्या हिमाचल प्रदेश में पूरे साल भर किसी भी समय यात्रा की जा सकती है?
हाँ, हिमाचल प्रदेश पूरे साल भर सुरक्षित और यात्रा के लिए उपयुक्त है। हर सीजन में यहां का अपना महत्वपूर्ण चार्म है।
क्या हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों में एडवेंचर स्पोर्ट्स की सुविधा है?
हाँ, हिमाचल के हिल स्टेशनों में एडवेंचर स्पोर्ट्स की अनेक सुविधाएं हैं, जैसे कि पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग, और शिक्षुता यात्राएँ।
क्या हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों के लिए पूरे परिवार के साथ यात्रा करना सुरक्षित है?
जी हाँ, हिमाचल प्रदेश में हिल स्टेशन्स परिवार के साथ यात्रा करने के लिए सुरक्षित हैं, और यहां अनेक सुविधाएं व्यावसायिक और व्यावसायिक यात्रीयों के लिए हैं।
कौन-कौन से हिल स्टेशन गर्मी के मौसम के लिए प्रसिद्ध हैं?
शिमला, मनाली, और नारकंडा जैसे स्थानें हिमाचल प्रदेश में गर्मी के मौसम के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। यहां मौसम ठंडा रहता है और प्राकृतिक सौंदर्य आनंद का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
कैसे पहुंचा जा सकता है हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों तक?
हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन्स ट्रेन, बस, और वाहन से आसानी से पहुंचे जा सकते हैं। नजदीकी हवाईअड्ड़े से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
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भारत मे आज कल वजन कम करेन के लिए एक नयी डाइट का इस्तमाल किया जा रहा है| जिसे कीाटोजेनिकी डाइट और कीटो डाइट के नाम से जाना जाता है |शाकाहारी और केटो आहार के स्वास्थ्य लाभों का बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है। यह शरीर के फैट को बर्न करने मे बहुत उपयोगी है |इस कीटो डाइट के समर्थको का कहना है की यह बहुत कम समय मे वजन कम करता है और अधिक उर्जा प्रदान करता है कीटो डाइट : कीटो डाइट कम कार्बोहाइड्रेट आहार के लिए जाना जाता है जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और वसा की ज्यादा होती है। इससे डाइटिंग पर रहने के बाद भी शरीर में उर्जा की कमी नहीं होती और वजन भी कंट्रोल में रहता है।इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म स्तर को बढ़ा देती है और वजन तेजी से कम होने लगता है। जब शरीर का इन्सुलिन लेवल गिर जाता है तो फैट बर्निंग बढ़ जाती है। इस डाइट से वेट लॉस तो होता ही है, भूख भी कम लगती है क्योंकि ऊर्जा बनी रहने के कारण भूख का एहसास ही नहीं होता है। वजन घटाने के लिए भारतीय शाकाहारी कीटो आहार योजना का पालन करने के नियम: प्रतिबंधित कार्ब्स: भारतीय आहार कार्बोहाइड्रेट से भरे होते हैं। इसलिए शाकाहारियों के लिए आहार में कार्ब्स को कम करना मुश्किल है। इस प्रकार, हम दिन के दौरान उपयोग किए जाने वाले अनाज या दालों की संख्या को कम करने की कोशिश करेंगे। लेकिन उच्च फाइबर सामग्री वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। यह वजन कम करने में मदद करता है चीनी से परहेज करें: वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए चीनी से सख्ती से बचें। कृत्रिम मिठास के उपयोग से भी बचें। कृत्रिम मिठास रसायनों, ब्लीच और कई अन्य हानिकारक उत्पादों से भरी होती है। जरूरत पड़ने पर आप वजन घटाने के लिए स्टीविया को अपने भारतीय शाकाहारी केटो आहार योजना में शामिल कर सकते हैं। वसा: नारियल का तेल आसानी से पच जाता है। घी और तेल का परस्पर उपयोग किया जा सकता है। मक्खन भी एक अच्छा विकल्प है। मल्टीविटामिन्स: यदि आवश्यक हो तो किसी भी कमी से बचने के लिए मल्टीविटामिन्स, ओमेगा 3, कैल्शियम और मल्टी-मिनरल्स कैप्सूल का उपयोग करें। शाकाहारी और केटोजेनिक आहार दोनों ही वजन घटाने से जुड़े हैं। एक रिसर्च से पता चला है की शाकाहारी केटो आहार प्लान 2kg अधिक वजन कम करता है तुलना मे मांसाहारी आहार प्लान | खाने के लिए खाद्य पदार्थ:एक स्वस्थ शाकाहारी कीटो आहार में विभिन्न प्रकार की गैर-स्टार्च वाली सब्जियां, स्वस्थ वसा और प्रोटीन स्रोत शामिल होने चाहिए: 1. गैर-स्टार्च वाली सब्जियां: पालक, ब्रोकली, मशरूम, केल, फूलगोभी, तोरी और बेल 2. स्वस्थ वसा: जैतून का तेल, नारियल तेल, एवोकाडो, एमसीटी तेल और एवोकैडो तेल। 3. नट्स: बादाम, अखरोट, काजू, मैकाडामिया नट्स, पिस्ता, और ब्राजील नट्स 4. बीज: चिया, भांग, सन और कद्दू के बीज 5. अखरोट बटर: बादाम, मूंगफली, पेकान और हेज़लनट बटर 6. पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद: दूध, दही, और पनीर 7.प्रोटीन: अंडे, टोफू, टेम्पेह, स्पाइरुलिना, नाटो, और पोषण खमीर 8. कम कार्ब फल (मॉडरेशन में): जामुन, नींबू, और नीबू। यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आपको सीमित करना चाहिए: स्टार्च वाली सब्जियां: आलू, रतालू, बीट, पार्सनिप, गाजर, और शकरकंदचीनी-मीठा पेय: सोडा, मीठी चाय, स्पोर्ट्स ड्रिंक, जूस और एनर्जी ड्रिंकअनाज: रोटी, चावल, क्विनोआ, जई, बाजरा, राई, जौ, एक प्रकार का अनाज, और पास्ताफलियाँ: बीन्स, मटर, दाल और छोलेफल: सेब, केले, संतरे, जामुन, तरबूज, खुबानी, आलूबुखारा, मसालों: बारबेक्यू सॉस, शहद सरसों, केचप, marinades, और मीठा सलाद ड्रेसिंगमिठास: ब्राउन शुगर, सफेद चीनी, शहद, मेपल सिरप और एगेव अमृत कीटो डाइट के फायदे जब भी डाइट की बात होती है तब लोग कम कैलोरी वाले खाने को अपने प्लान मे शामिल करते है लेकिन कीटो डाइट उससे अलग है|इसलिए कम कैलोरी वाली डाइट के बजाय कीटो डाइट चार्ट को अपनाएं |इसके कई फायदे हैं उन्हीं फायदों में से कुछ के बारे में हम आपको बता रहे हैं। कुछ अध्ययनों ने उन्हें कैंसर के कम जोखिम, बीएमआई, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप सहित कई हृदय रोग जोखिम कारकों के स्तर में सुधार किया। रोग की रोकथाम पर इसके प्रभावों के लिए कीटो आहार का भी अध्ययन किया गया है। एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और रक्त शर्करा, ये सभी हृदय रोग के जोखिम कारक हैं। अन्य अध्ययनों से पता चलता है कि यह आहार मस्तिष्क स्वास्थ्य की रक्षा कर सकता है और पार्किंसंस और अल्जाइमर रोगों का इलाज करने में मदद कर सकता है। ऐसे अध्ययन हैं जो बताते हैं कि कीटो आहार कैंसर के ट्यूमर के विकास को कम कर सकता है। हालाँकि, इस बात को साबित करने के लिए और अ��िक शोध की आवश्यकता है।
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Apple: Apple इंडिया ऑनलाइन स्टोर ने iPhones, iPads और Macs पर छूट की घोषणा की है
अगर आप नया खरीदने का प्लान कर रहे हैं सेब उत्पाद, यह सही समय हो सकता है। टेक दिग्गज देश में ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स पर कुछ छूट दे रही है। Apple ने कुछ ऑफर्स और डिस्काउंट की घोषणा की है आईफ़ोन, एप्पल घड़ी मॉडल, आईपैड और बहुत कुछ। कंपनी ने चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर 8,000 रुपये तक की छूट का ऐलान किया है.एचडीएफसी बैंक नो-कॉस्ट ईएमआई विकल्प वाले कार्ड। "कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कैसे खरीदना चाहते हैं, हमारे पास एक विकल्प है जो आपके लिए काम करता है। योग्य एचडीएफसी बैंक कार्ड के साथ चुनिंदा उत्पादों पर 8000 रुपये तक की तत्काल बचत प्राप्त करें। साथ ही अधिकांश अग्रणी बैंकों से नो कॉस्ट ईएमआई। § ऑनलाइन या ऑनलाइन व्यापार करें -अपने स्मार्टफोन पर स्टोर करें और अपना नया इंस्टेंट क्रेडिट प्राप्त करें आई - फ़ोन. साथ ही, जब आप योग्य स्थानान्तरण करते हैं तो तुरंत क्रेडिट प्राप्त करें मैक, ipad या ऐप्पल स्टोर पर ऐप्पल वॉच, ऐप्पल अपनी वेबसाइट पर नोट करता है। iPhone 15 सीरीज, iPhone 14 सीरीज, iPhone 13 पर ऑफर बैंक छूट के साथ, iPhone खरीदार नई iPhone 15 श्रृंखला पर 6,000 रुपये तक की बचत कर सकते हैं। यहां iPhones पर उपलब्ध सभी छूट के बारे में बताया गया है * आईफोन 15 प्रो और प्रो मैक्स: रु. 6000 बचाने हैं * आईफोन 15 और 15 प्लस: 5000 रुपये बचाएं * आईफोन 14 और 14 प्लस: 4000 रुपये बचाएं * आईफोन 13: रु. 3000 बचाने हैं * iPhone SE: 2000 रुपये बचाएं जो लोग नहीं जानते, उनके लिए iPhone 15 सीरीज़ भारत में पहले से ही प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध है। स्मार्टफोन की बिक्री 22 सितंबर से शुरू होगी। एप्पल वॉच पर ऑफर मौजूदा छूट के साथ आप Apple Watch मॉडल पर 2,500 रुपये तक की बचत कर सकते हैं। यहां Apple वॉच मॉडल पर सभी छूट हैं * एप्पल वॉच अल्ट्रा 2: रु. 3000 बचाने हैं * एप्पल वॉच सीरीज 9: 2500 रुपये बचाएं * एप्पल वॉच एसई: 1500 रुपये बचाएं Apple iPad पर ऑफर अगर आप आईपैड खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आप एप्पल स्टोर पर 4,000 रुपये तक की बचत कर सकते हैं। * आईपैड प्रो 12.9-इंच: 4000 रुपये बचाएं * आईपैड प्रो 11-इंच, आईपैड एयर और आईपैड (10वीं पीढ़ी): रु। 3000 बचाने हैं * आईपैड (9वीं पीढ़ी) और आईपैड मिनी: 2000 रुपये बचाएंएप्पल पर ऑफर मैकबुक आप एम2-एनर्जी पर 8,000 रुपये तक की बचत कर सकते हैं मैक्बुक एयर. यहां मैकबुक और आईमैक पर उपलब्ध सभी छूट दी गई हैं * मैकबुक एयर (एम2 चिप), मैकबुक प्रो 13 इंच, 14 इंच और 16 इंच और मैक स्टूडियो: रु. बचाना। 8000 * मैकबुक एयर (एम1 चिप): रु. बचाना। 7000 * iMac 24-इंच: रु. बचाना। 5000 * मैक मिनी: रु. बचाना। 2000 Apple AirPods और पर ऑफर होमपॉड Apple AirPods Pro को 1,000 रुपये की छूट पर खरीदा जा सकता है। Apple HomePod को 1,500 रुपये की रियायती कीमत पर खरीदा जा सकता है। Read the full article
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सफेद दाग (विटिलिगो) - लक्षण, कारण, प्रकार, बचाव
सफेद दाग (विटिलिगो) क्या होता है
विटिलिगो को हिंदी में सफेद दाग भी कहा जाता है। आपने भी शायद अपनी जिंदगी में एक न एक बार विटिलिगो से पीड़ित व्यक्ति को जरूर देखा होगा। ऐसा देखा जाता है, कि उनके शरीर के अंगों पर सफेद धब्बे होते हैं जो ज्यादातर पैरों, चेहरे, और हाथों पर दिखते हैं।
विटिलिगो यानी सफेद दाग स्किन से संबंधित कई तरीके की बीमारियों में से एक बीमारी होती है जो खून से संबंधित एलर्जी, गलत खाना-पीना और स्किन इन्फेक्शन के कारण होती है।
सफेद दाग के शुरुआती लक्षण
विटिलिगो की शुरुआत शरीर में खुजली शुरू होने से होती है। इसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों पर सफेद रंग के छोटे या बड़े दाग दिखने लगते हैं। आमतौर पर यह दाग बाद में मरीज को किसी तरह की तकलीफ तो नहीं देते, लेकिन कई बार इनकी वजह से दूसरे लोग उनसे डरते और दूर भागते हैं। यही वजह है जिसके कारण उन्हें तनाव, हीनभावना, सुसाइडल अटेम्प्ट्स का शिकार होते भी देखा जाता है ।
वहीं, स्किन कलर का फीका पड़ना या सफेद हो जाना भी इसका एक लक्षण है। इसके अलावा, बहुत सारे मामलों में मुंह के अंदर के टिशूज का रंग बदलना या फीका पड़ना और आंखों के रेटिना की अंदर की परत का रंग फीका पड़ना भी देखा जाता है।
सफेद दाग (विटिलिगो) के प्रकार
यूनिवर्सल विटिलिगो
इस प्रकार का विटिलिगो शरीर के सभी हिस्सों में हो सकता है। यानी कि सफेद दाग चेहरे से लेकर पैरों तक सभी जगह पर होते हैं।
सेगमेंटल विटिलिगो
यह शरीर के किसी खास हिस्से में होता है। आमतौर पर यह 1 से 2 साल तक फैलता है और उसके बाद ही इसका फैलना रुकता है।
सामान्यकृत विटिलिगो
यह सबसे आम विटिलिगो है, जो शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है और कभी भी बढ़कर रुक भी सकता है।
फोकल विटिलिगो
फोकल विटिलिगो, आकार में छोटा होता है और केवल शरीर के किसी खास हिस्से में होता है।
एग्रोफेशियल विटिलिगो
यह विटिलिगो खासकर चेहरे पर होता है और कभी कभी हाथों पैरों पर दिखता है।
विटिलिगो में परहेज
विटिलिगो के मरीजों के लिए शराब, कॉफी, मांस-मच्छी, अचार, लाल मांस, टमाटर के बने उत्पाद, फलों का रस और सिगरेट यह सारी चीजें हानिकारक होती हैं ।
इसकी जगह फल जैसे सेब, केला, अंजीर, खरबूज, खजूर, मूली, गाजर और हरी पत्ती वाली सब्जियों का सेवन सेहत के लिए अच्छा होता है और बीमारी से बाहर आने में मददगार साबित होता है।
विटिलिगो का इलाज त्वचा के रंग को बहाल करके उसकी उपस्थिति को बदलने पर आधारित होता है। हालांकि, यह आमतौर पर स्थायी नहीं होते और साथ ही इसके प्रसार को पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यह तरीके अपनाने चाहिए -
धूप से बचाव
अगर आपको विटिलिगो है, तो आपके लिए सनबर्न एक गंभीर जोखिम है और आपको अपनी स्किन को धूप से बचाना चाहिए। ऐसा देखा जाता है, कि जब आपकी त्वचा यानी स्किन सूर्य की रौशनी के संपर्क में आती है, तो यह पराबैंगनी (यूवी) किरणों से बचाने में मदद करने के लिए मेलेनिन नाम के वर्णक यानी पिगमेंट का उत्पादन करती है।
ऐसे में, अगर आपको विटिलिगो है तो इसका मतलब है कि आपकी त्वचा में पर्याप्त मेलेनिन नहीं है। अपनी त्वचा को सनबर्न और लंबे समय के नुकसान से बचाने के लिए आदर्श रूप से 30 या उससे अधिक के सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) वाली सनस्क्रीन लगाएं। वहीं, अगर आपकी त्वचा गोरी है, तो यह खासतौर पर जरूरी है।
विटामिन डी
अगर आपकी त्वचा धूप के संपर्क में नहीं आती है, तो ऐसे में विटामिन डी की कमी का खतरा बढ़ जाता है। हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है और सूर्य का प्रकाश या रौशनी विटामिन डी का मुख्य स्रोत है। इसका एक रूप कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है, जैसे तैलीय मछली। मगर सिर्फ भोजन और सूर्य के प्रकाश से पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करना कठिन हो सकता है। ऐसे में, आपको विटामिन डी के 10 माइक्रोग्राम (एमसीजी) युक्त दैनिक पूरक या सप्प्लीमेंट लेने पर विचार करना चाहिए।
त्वचा छलावरण
ऐसे बहुत से मामलों में त्वचा के सफेद धब्बों पर त्वचा छलावरण क्रीम लगाई जा सकती है। यह क्रीम, आपकी प्राकृतिक त्वचा के रंग से मेल खाने के लिए बनाई जाती है ।
त्वचा छलावरण के बारे में सलाह या क्रीम का इस्तेमाल करने के लिए आपको इसके बारे में जानने की भी जरूरत है। छलावरण या कैमॉफ्लाज क्रीम वाटरप्रूफ होती हैं और इन्हें शरीर पर कहीं भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह शरीर पर 4 दिन और चेहरे पर 12 से 18 घंटे तक रहती है ।
गौरतलब है, कि आप उसी ���्वचा छलावरण क्रीम का इस्तेमाल करें जिसमें सनस्क्रीन हो या जिसकी एसपीएफ रेटिंग अच्छी हो। इसके अलावा, वयस्कों के लिए एक टॉपिकल स्टेरॉयड भी निर्धारित किया जा सकता है, अगर वह नीचे बताई जा रही शर्तों को पूरा करते हैं -
आपके शरीर के 10 प्रतिशत से कम हिस्से पर नॉन-सेग्मेंटल विटिलिगो है।
आप और इलाज चाहते हैं। (कुछ लोगों के लिए धूप से सुरक्षा और छलावरण क्रीम ही पर्याप्त होती है)
गर्भवती न हो।
आप दुष्प्रभावों के जोखिम को समझते और स्वीकार करते हैं।
अगर आप अपने चेहरे पर टॉपिकल स्टेरॉयड का उपयोग करना चाहते हैं, तो स्पेशलिस्ट से बात करें और इसके बारे में अधिक जानकारी लें।
ल्यूगो किट ( Leugo Kit ) लंबे समय तक एक प्रमुख और प्रचलित उपचार चिकित्सा है। ल्यूगो किट सफेद दाग या ल्यूकोडर्मा त्वचा विकार का सबसे प्रभावी उपचार है।
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Apple Season: पराला, सोलन और परवाणू में आज से सेब खरीदेगा एचपीएमसी, अफसर लगाएंगे बोली
हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन और प्रसंस्करण निगम लिमिटेड (एचपीएमसी) के अधिकारी पहली बार सोमवार से मंडियों में आढ़तियों की तरह सेब की बोलियां लगाते नजर आएंगे। आज तक सी ग्रेड सेब की खरीद करने वाला एचपीएमसी पहली बार ए ग्रेड सेब की खरीद करेगा। शिमला की पराला, सोलन और परवाणू मंडी में एचपीएमसी सेब खरीद शुरू करने जा रहा है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रबंध निदेशक सुदेश कुमार मोख्टा और…
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कृषि उत्पादों का गुणवत्ता युक्त होना आवश्यक: प्रो. चंद्र कुमार
कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने केरल राज्य के तिरूवंतपुरम में ‘कृषि में आय अर्जन के लिए मूल्यवर्धन’ (वैगा-2023) विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मूल्यवर्धन विभिन्न गतिविधियों की एक श्रृंखला है जो एक उत्पाद को खेत से उपभोक्ता तक लाने में शामिल होती है। इसमें उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और वितरण जैसी गतिविधियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक मूल्य श्रृंखला विकसित करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि किसानों को उनके उत्पादों के उचित दाम मिलें और उपभोक्ताओं की उच्च गुणवत्ता वाले, स्थानीय रूप से उगाए खाद्य पदार्थों तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों और उद्यमियों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करके ग्रेडिंग और पैकिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई पहल की हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अनुकूल जलवायु, समृद्ध मृदा और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। प्रदेश में अनाज, बेमौसमी सब्जियां, फल, दालें, बाजरा और विदेशी सब्जियों सहित विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन के लिए एक उपयुक्त परिवेश विद्यमान है। राज्य देश में सेब और अन्य समशीतोष्ण फलों जैसे खुमानी, चेरी, आड़ू, नाशपाती के प्रमुख उत्पादकों में से एक है और इन समशीतोष्ण फलों विशेष रूप से सेब और अन्य बेमौसमी सब्जियों, टमाटर, लहसुन और अदरक के उत्पादन के कारण राष्ट्रीय बाजार में एक विशेष स्थान रखता है। हिमाचल प्रदेश मशरूम के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश, कांगड़ा घाटी में उगाई जाने वाली ‘कांगड़ा चाय’ के लिए भी प्रसिद्ध है। कांगड़ा चाय अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों और बेहतरीन स्वाद के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय है। यह वर्ष 2005 से भौगोलिक संकेतकों की प्रतिष्ठित सूची में भी शामिल है। प्रदेश में मक्का की खेती व्यापक रूप से की जाती है। हिमाचल प्रदेश बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। यहां विशेष रूप से टमाटर, लहसुन, अदरक, बाजरा, दालें, मिर्च, शिमला मिर्च, बीन्स, खीरे और लगभग सभी प्रकार की सब्जियां भी उगाई जाती हैं। राज्य में लगभग 18.50 लाख मीट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने लागत कम करने, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, पर्यावरण प्रदूषण को कम करने और उपभोक्ताओं के लिए रसायन मुक्त स्वस्थ खाद्यान्नों का उत्पादन करने के लिए वर्ष 2018 से प्राकृतिक खेती की पहल की। वर्तमान में 9.97 लाख किसानों में से लगभग 1.5 लाख किसानों ने लगभग 16684 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू कर दी है और इसके उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जैविक खेती को भी बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार, राज्य में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों क�� क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए राज्य को ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, आदर्श भंडारण और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं के माध्यम से इन फसलों की गुणवत्ता स्वाद और पोषण मूल्य को बढ़ाकर मूल्यवर्धन पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र खराब होने वाली उपज के लिए प्रशीतित वैन, आपूर्ति श्रृंखला और विपणन को मजबूत करने पर भी बल दिया जा रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, सिक्किम के कृषि मंत्री लोक नाथ शर्मा, अरुणाचल प्रदेश के कृषि मंत्री तागे ताकी और देश के विभिन्न राज्यों के नेताओं ने भी कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए। Read the full article
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Apple India की दिवाली सेल 26 सितंबर से शुरू हो रही है: मुफ्त उपहार, ऑफ़र और बहुत कुछ देखें
Apple India की दिवाली सेल 26 सितंबर से शुरू हो रही है: मुफ्त उपहार, ऑफ़र और बहुत कुछ देखें
नई दिल्ली: Apple ने आखिरकार घोषणा कर दी है कि उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर दिवाली सेल आयोजित की जाएगी। कंपनी ने पुष्टि की है कि बिक्री ऑफर 26 सितंबर को उपलब्ध होगा, जो अगले सप्ताह है। ��बकि कंपनी ने सौदों की बारीकियों का खुलासा नहीं किया है, उसने कहा है कि कुछ सीमित समय के प्रस्ताव होंगे। यह लगभग निश्चित रूप से iPhones की खरीद के साथ मुफ्त उपहार प्रदान करेगा। Apple द्वारा iPhone 13 और iPhone 13 मिनी…
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मैक वेब कैमरा भेद्यता की खोज करने वाले छात्र को ऐप्पल $ 100,500 का भुगतान करता है
मैक वेब कैमरा भेद्यता की खोज करने वाले छात्र को ऐप्पल $ 100,500 का भुगतान करता है
एक साइबर सुरक्षा छात्र रयान पिकरेन को एक इनाम के रूप में $100,500 से सम्मानित किया गया था, जब उसने Apple को दिखाया कि कैसे एक भेद्यता उसे मैक वेबकैम तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने की अनुमति देती है जो संभावित रूप से हैकर्स के लिए डिवाइस को पूरी तरह से खुला छोड़ सकती है। पिकरेन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि यह आईक्लाउड शेयरिंग और सफारी 15 के साथ कई मुद्दों का फायदा उठाकर हासिल किया जा सकता है। “बग…
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#एप्पल एयरटैग#एप्पल मैक वेब कैमरा#एप्पल मैक हैक#वेब कैमरा हैक#सेब#सेब इनाम कार्यक्रम#सेब के उत्पाद#सेब के नए उत्पाद
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दांतों को तुरंत सफेद कैसे करें: आसान और प्रभावी तरीके
परिचय (Introduction)
दांतों को तुरंत सफेद कैसे करें? कुछ प्राकृतिक उपाय दुर्भाग्यवश, समय के साथ हमारे दांत धब्बेदार और बदरंग हो सकते हैं, जिससे हम अपनी वास्तविक उम्र से बड़े दिखने लगते हैं। अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि सफेद दांत आपको 5 से 10 साल तक जवान दिखा सकते हैं। सौभाग्य से, आपके दांतों को तुरंत सफेद करने के कई आसान और प्रभावी तरीके हैं, जो आपको कुछ ही समय में एक चमकदार मुस्कान दे सकते हैं। चाहे आप किसी विशेष अवसर की ��ैयारी कर रहे हों या बस अपने रोज़मर्रा के लुक को सुधारना चाहते हों, ये तरीके तेजी से और प्रभावशाली परिणाम प्रदान करते हैं।
दांतों को सफेद करना
Teeth whitening
दांतों को सफेद करना कई प्रक्रियाओं को संदर्भित करता है, जिनका उद्देश्य प्राकृतिक दांतों को उज्जवल और सफेद दिखाना है। इन विधियों में धब्बों को रगड़ना, ब्लीचिंग और अल्ट्रावायलेट (यूवी) लाइट थेरेपी शामिल हैं। कई प्रकार के दांत सफेद करने वाले उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग घर पर किया जा सकता है। आप अपने दांतों को डेंटिस्ट के कार्यालय में भी सफेद करवा सकते हैं।
हालांकि, दांतों को सफेद करना मुख्य रूप से दांतों की उपस्थिति को बेहतर बनाने के लिए उनकी रंगत को हल्का करने की एक सौंदर्य प्रक्रिया है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे कि दांतों की संवेदनशीलता और मसूड़ों में जलन। इन संभावित साइड इफेक्ट्स के बावजूद, दांतों को सफेद करना दांतों की सतह को नुकसान पहुंचाए बिना उनके मौजूदा रंग को काफी हल्का कर सकता है।
दांतों के पीले होने के कारण
Teeth can turn yellow or discoloured due to several reasons mention below :
रंग बदलने का प्रकार
कारण
विवरण
बाहरी धब्बे
(Extrinsic Staining)
भोजन और पेय पदार्थ
चाय, कॉफी, रेड वाइन, सॉफ्ट ड्रिंक्स और कुछ गहरे रंग के फल और सब्जियों के रस जैसे पेय पदार्थों में रसायन होते हैं जो दांतों की एनामेल से बंधकर उन्हें धब्बेदार बना सकते हैं।
धूम्रपान
सिगरेट में टार और निकोटीन दांतों को पीला, काला या गहरा बना सकते हैं। धूम्रपान से प्लाक भी जमा होता है, जो मसूड़े की बीमारी और दांत क्षय में योगदान करता है।
आंतरिक रंग बदलना (Intrinsic Discoloration )
उम्र
जैसे-जैसे हम बूढ़े होते जाते हैं, हमारे दांतों की एनामेल प्राकृतिक रूप से पतली होती जाती है, जिससे भोजन और पेय के रंगद्रव्य आसानी से प्रवेश कर जाते हैं और रंग बदलने का कारण बनते हैं।
चोटें
दांत या मसूड़े में चोट लगने से शरीर अधिक डेंटिन बनाने लगता है, जिससे दांतों का रंग गहरा हो सकता है या खून दांतों में रिस कर उनके रंग को बदल सकता है।
दवाएं
कुछ दवाएं, जैसे अस्थमा या रक्तचाप की दवाएं, और टेट्रासाइक्लिन या डॉक्सीसाइक्ल��न जैसे एंटीबायोटि��्स, दांतों का रंग बदल सकती हैं।
अधिक मात्रा में फ्लोराइड का सेवन और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज से भी दांत गहरे हो सकते हैं।
दाँत सफेद करने के 10 घरेलू नुस्खे
(Best,effective home treatment for teeth whitening )
विधि
लागू करने का तरीका
बेकिंग सोडा से ब्रश करना
एक चम्मच बेकिंग सोडा को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। 2 मिनट तक ब्रश करें, फिर अच्छी तरह से कुल्ला करें।
ऑयल पुलिंग
एक चम्मच नारियल तेल को 15-20 मिनट तक मुँह में घुमाएं, फिर थूक दें और गर्म पानी से कुल्ला करें।
सेब का सिरका
एक चम्मच सेब के सिरके को पानी में मिलाएं। इसे कुछ मिनट के लिए मुँह में घुमाएं, फिर पानी से कुल्ला करें।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड
हाइड्रोजन पेरोक्साइड और पानी को बराबर मात्रा में मिलाएं। इसे 60 सेकंड तक मुँह में घुमाएं, फिर पानी से कुल्ला करें।
फल और सब्जियाँ खाना
सेब, गाजर और अजवाइन जैसे कुरकुरे फल और सब्जियाँ खाएं, जो दाँतों को साफ करते हैं और सतही दागों को हटाते हैं।
सक्रिय चारकोल
गीले टूथब्रश को पाउडर चारकोल में डुबोएं। धीरे-धीरे 2-3 मिनट तक ब्रश करें, फिर अच्छी तरह से कुल्ला करें।
नींबू या संतरे के छिलके
नींबू या संतरे के छिलके के अंदर के सफेद हिस्से को 2 मिनट तक दाँतों पर रगड़ें, फिर अच्छी तरह से पानी से कुल्ला करें।
व्हाइटनिंग स्ट्रिप्स
स्ट्रिप्स को दाँतों पर लगाएं और अनुशंसित समय (आमतौर पर 30 मिनट) के लिए छोड़ दें, फिर हटा दें और कुल्ला करें।
बेकिंग सोडा टूथपेस्ट का उपयोग करना
बेकिंग सोडा टूथपेस्ट से दिन में दो बार ब्रश करें।
दाँत सफेद करने के लिए नीम
नीम की लकड़ी का ब्रश या नीम आधारित टूथपेस्ट का उपयोग करें, जो दाँतों को प्लाक से मुक्त करता है और प्राकृतिक रूप से सफेद करता है।
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दांतों में दर्द के उपाय तुरंत राहत पाने के लिए सबसे ��च्छे तरीके
प्रोफेशनल टीथ व्हाइटनिंग:
(Professional teeth whitening)
डेंटिस्ट या दंत पेशेवरों द्वारा किया गया प्रोफेशनल टीथ व्हाइटनिंग एक उज्जवल मुस्कान प्राप्त करने का एक विश्वसनीय और प्रभावी तरीका है। यह उपचार अक्सर इसकी सुरक्षा, दक्षता और लंबे समय तक चलने वाले परिणामों के कारण पसंद किया जाता है। हालांकि, लागत, जीवनशैली की आदतें और इन-ऑफिस उपचार और कस्टम टेक-होम ट्रे के बीच चयन सहित विभिन्न कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
व्हाइटनिंग एजेंट्स
प्रोफेशनल टीथ व्हाइटनिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले मुख्य एजेंट्स हाइड्रोजन पेरोक्साइड और कार्बामाइड पेरोक्साइड हैं। घर्षणयुक्त व्हाइटनिंग टूथपेस्ट के विपरीत जो सतही धब्बों को यांत्रिक रूप से हटाता है, ये एजेंट अणु स्तर पर धब्बों को तोड़ने का काम करते हैं। प्रोफेशनल उपचार आमतौर पर इन रसायनों की उच्च सांद्रता का उपयोग करते हैं, जिससे ओवर-द-काउंटर (OTC) उत्पादों की तुलना में अधिक प्रभावी परिणाम मिलते हैं।
प्रोफेशनल व्हाइटनिंग विधियाँ
प्रोफेशनल टीथ व्हाइटनिंग की दो मुख्य विधियाँ हैं:
1. इन-ऑफिस व्हाइटनिंग: (In-Office Whitening)
- इन-ऑफिस उपचार छोटे अपॉइंटमेंट्स में किए जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक सत्र लगभग 15 से 30 मिनट तक चलता है।
- पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर 90 मिनट से अधिक समय नहीं लगता है।
- दांतों पर उच्च सांद्रता वाला हाइड्रोजन पेरोक्साइड जेल लगाया जाता है, अक्सर उच्च तीव्रता वाली रोशनी (जैसे एलईडी, यूवी, या हैलोजन) के साथ मिलाकर, व्हाइटनिंग प्रभाव को बढ़ाने के लिए।
- अध्ययनों से पता चला है कि लाइट-एन्हांस्ड व्हाइटनिंग विधियाँ जेल-केवल उपचारों की तुलना में लंबे समय तक दांतों की चमक बनाए रख सकती हैं, हालांकि कुछ शोध यह सुझाव देते हैं कि लाइट के उपयोग से न्यूनतम अतिरिक्त लाभ होता है।
2. कस्टम टेक-होम ट्रे:
(Custom Take-Home Trays)
- कस्टम ट्रे इन-ऑफिस उपचार और OTC उत्पादों के बीच एक मध्य मार्ग प्रदान करती हैं।
- ये ट्रे रोगी के दांतों के अनुरूप बनाई जाती हैं और इनमें एक प्रोफेशनल-ग्रेड व्हाइटनिंग एजेंट होता है।
- इन्हें आमतौर पर दैनिक रूप से एक निर्दिष्ट अवधि के लिए पहना जाता है जब तक कि वांछित व्हाइटनिंग प्रभाव प्राप्त नहीं हो जाता।
“सफेद मुस्कान बनाए रखना”
(Maintaining a White Smile)
जब आपने एक सफेद मुस्कान प्राप्त कर ली हो, तो इसे बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ सुझाव हैं जिनसे आप अपने दांतों को चमकदार रख सकते हैं:
अच्छी मौखिक स्वच्छता का पालन करें:
रोजाना दो बार अपने दांतों को सफेद करने वाले टूथपेस्ट से ब्रश करें और प्रतिदिन फ्लॉस करें ताकि प्लाक और बैक्टीरिया हट सकें।
दाग देने वाले खाद्य और पेय पदार्थों को सीमित करें:
कॉफी, चाय, रेड वाइन और मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करें या इन्हें पूरी तरह से अवॉइड करें।
नियमित दंत चिकित्सा जांच करवाएं:
अपने दंत चिकित्सक के पास नियमित सफाई और जांच के लिए जाएं ताकि आपके मौखिक स्वास्थ्य की अच्छी स्थिति बनी रहे।
निष्कर्ष (Conclusion)
दांतों को सफेद करना, चाहे घर पर या प्र��फेशनल सेटिंग में, एक प्रभावी तरीका है जिससे आपकी मुस्कान चमकदार और आकर्षक दिख सकती है। घर पर बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, और सक्रिय चारकोल जैसे उपाय तुरंत प्रभावी होते हैं, जबकि प्रोफेशनल तकनीकें, जैसे इन-ऑफिस व्हाइटनिंग और कस्टम टेक-होम ट्रे, अधिक स्थायी परिणाम देती हैं।
इन विधियों के साइड इफेक्ट्स, जैसे दांतों की संवेदनशीलता और मसूड़ों में जलन, उचित देखभाल और नियमित दंत चिकित्सा जांच से कम किए जा सकते हैं। अच्छी मौखिक स्वच्छता, दाग देने वाले खाद्य और पेय पदार्थों की सीमितता, और नियमित दंत चिकित्सा जांच से सफेद मुस्कान बनाए रखी जा सकती है।
आजकल एक उज्जवल और सफेद मुस्कान प्राप्त करना और बनाए रखना पहले से कहीं अधिक आसान और सुलभ हो गया है, जिससे आत्मविश्वास और समग्र उपस्थिति में सुधार हो सकता है।
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fatty liver me kya khaye
फैटी लिवर में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है:
1. साबुत अनाज:
ब्राउन राइस
ओट्स
क्विनोआ
2. फल और सब्जियाँ:
ताजे फल (सेब, नाशपाती, बेरीज़)
हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मेथी)
3. प्रोटीन स्रोत:
दालें (मसूर, मूंग)
ग्रिल्ड चिकन या मछली (जैसे सैल्मन)
टोफू
4. नट्स और बीज:
बादाम, अखरोट, चिया बीज
5. डेयरी उत्पाद:
कम वसा वाला दूध, दही
6. स्वस्थ वसा:
ऑलिव ऑयल, एवोकाडो
7. हर्बल चाय:
हरी चाय या तुलसी की चाय
अन्य सुझाव:
शुगर और ट्रांस फैट्स से बचें: प्रोसेस्ड फूड्स, मिठाई और तली हुई चीज़ें न खाएँ।
पानी: रोजाना 2-3 लीटर पानी पीएँ।
व्यायाम: नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें।
(Read our Blog to Know More- 21 day Fatty Liver Diet Plan in hindi)
इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना लिवर स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।
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मधुमेह (डायबिटीज) के लिए सिफारिश की गई भोजन!
इंसुलिन की कमी से या कोशिकाओं (सेल) के इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ने एवं रक्तप्रवाह में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि के कारण मधुमेह (डायबिटीज) होता है। दुनिया भर मे लाखों लोग मधुमेह (डायबिटीज) से प्रभावित हैं। इनमें से अधिकांश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले लोग हैं। समय-समय पर मधुमेह की जांच न कराने से हर साल मृत्यु दर मे बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ दशकों में प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मधुमेह मे वृद्धि के कारक:
खनपान मे बढ़ते हुए बदलाव, मोटापा, वजन बढ़ना एवं शारीरिक निष्क्रियता मधुमेह (डायबिटीज) का एक प्रमुख कारण है और यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
किस प्रकार खनपान मे परिवर्तन मधुमेह (डायबिटीज) का प्रमुख कारण बना है ?
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन करने के बाद ब्लड शुगर (रक्तप्रवाह में ग्लूकोज) के स्तर में वृद्धि होता है। स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, आलू, चावल और दूध खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। कार्बोहाइड्रेट हर किसी के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मधुमेह से क्या-क्या खतरे हैं?
समय के साथ, मधुमेह हृदय, रक्त वाहिकाओं (ब्लड वैसेल्स), आंखों, गुर्दे (किडनी) और तंत्रिकाओं (नर्वस) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दीर्घकालिक समस्याएं और अल्प अवधि में शीघ्र मृत्यु के कारण उत्पन्न होता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर मे मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ रही है, और बच्चों मे किशोर
मधुमेह (जुवेनाइल डायबिटीज) के रूप मे यह बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक है।
प्रारंभिक कार्रवाई और रोगियों को शिक्षित करना आवश्यक है, लेकिन कई देशों को पर्याप्त स्वास्थ्य प्रणालियों की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मधुमेह रोगियों को अपने ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए अपने भोजन के विकल्पों पर ध्यान देने की आवश्यकता है:
निम्नलिखित के कारणों से ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) का स्तर बढ़ सकता है:
● कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन।
● शारीरिक गतिविधि या व्यायाम का अभाव।
● निर्जलीकरण/पर्याप्त पानी का सेवन न करना
● तनाव एक महत्वपूर्ण कारक है
● पर्याप्त नींद न आना।
● विशिष्ट (स्पेसिफिक) दवाएं, जैसे स्टेरॉयड।
यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिनका सेवन करने से आपको बेहतर एवं फर्क महसूस होता है।
1. बिना स्टार्च वाली सब्जियाँ:
बिना स्टार्च वाली सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी कम होती है एवं फाइबर अधिक होता है, जो उन्हें मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए अत्युत्तम विकल्प बनाता है।
आहार में पालक या कोई भी पत्तेदार साग, ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, बेल मिर्च और खीरे या कोई भी पानी आधारित सब्जियां शामिल होनी चाहिए जिनमें स्टार्च की मात्रा कम हो और जो आपके देश में उगाई गई हो।
2. प्रोटीन:
प्रोटीन खाने से ग्लूकोज का प्रवाह धीमा होता है और ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) को स्थिर करने में मदद मिलता है। प्रोटीन ग्लूकोज को रोक उन्हें धीमा करता हैं और फिर उन्हें धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में छोड़ता हैं ताकि आपके ब्लड शुगर (रक्त मे ग्लूकोज) सामान्य सीमा में रहे। मुख्य रूप से प्रोटीन के साथ इंसुलिन शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद करता है। ये ब्लड शुगर (रक्त ग्लूकोज) के स्तर को प्रभावित नहीं करता और समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने एवं वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
3. साबुत अनाज:
हालाँकि साबुत अनाज, जौ, बाजरा आदि ( में कार्बोहाइड्रेट होता हैं) फाइबर का भी समृद्ध स्रोत हैं जो ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज) के स्तर को बनाए रखने में मदद करता हैं।
4. हेल्दी फैट:
हमें ऐसे भोजन को शामिल करना चाहिए जो रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के अवशोषण(अब्ज़ॉर्प्शन) को धीमा करने में मदद कर सके और आपको पेट भरा हुआ महसूस कराए। जैसे: एवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स, बीज, जैतून का तेल और अन्य वनस्पति तेल । सुबह सबसे पहले एक चम्मच घी, वर्जिन जैतून या वर्जिन नारियल जैसे वसा (फैट/तेल) का सेवन इंसुलिन स्पाइक को कम करता है और शरीर को इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है।
5. डेयरी उत्पाद:
कम वसा(फैट) वाले और बिना चीनी वाले खाद्य पदार्थ जैसे: ग्रीक दही, कॉटेज पनीर, बिना चीनी वाले बादाम या सोया दूध इत्यादि उपयुक्त है। डेयरी में मौजूद ठोस तैयब दूध में भी चीनी में परिवर्तित होने की प्रवृत्ति होती है इसलिए गैर डेयरी या दही और छाछ के रूप उपयुक्त है।
6. फल:
फलों में जामुन, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसभरी, सेब, नाशपाती इत्यादि शामिल हैं ।
संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
7. जड़ी-बूटियाँ और मसाले:
दालचीनी, हल्दी, अदरक भोजन मे बिना कार्बोहाइड्रेट के स्वाद बढ़ाता हैं।
निम्नलिखित कदम हमारे शरीर के रक्त मे ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है:
1. अपने शरीर को सक्रिय रखने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
2. संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि के माध्यम से स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखें।
3. मीठे पेय और मिठाइयों का सेवन कम करके चीनी का सेवन कम करें।
4. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट सीमित करें
5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ चुनें।
6. पूरे दिन खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें।
7. समग्र स्वास्थ्य और हार्मोन विनियमन के लिए नींद को प्राथमिकता दें।
8. स्थिर ब्लड शुगर को बनाए रखने के लिए तनाव प्रबंधन तकनीकों जैसे योग, ध्यान, अनुलोम-विलोम योग का अभ्यास करें।
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ऐप्पल की अगली वॉच सीरीज़, मैकबुक मे फ़ीचर न्यू डिज़ाइन, एयरपॉड three लॉन्च रिपोर्टेड डिलेड सेब। (इमेज क्रेडिट: रॉयटर्स) Apple के विश्लेषक मिंग-ची कूओ का कहना है कि समग्र iPhone 12 श्रृंखला की मांग मजबूत बनी हुई है, जबकि iPhone 12 Professional और 12 Professional अधिकतम मांग प्रत्याशित है।
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