#सीबीएसई कक्षा 10 मैथ्स
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satyam-mathematics · 4 years ago
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1.बेसिक मैथ स्टूडेंट्स 11वीं में मैथ ले सकते है (Basic Math Student Can Take Math in 11),सीबीएसई कक्षा 10 के बेसिक मैथमेटिक्स के छात्रों को कक्षा 11 में मैथमेटिक्स लेने की अनुमति देता है (CBSE allows Class 10 Basic Mathematics students to take Mathematics in Class 11)-
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बेसिक मैथ स्टूडेंट्स 11वीं में मैथ ले सकते है (Basic Math Student Can Take Math in 11),केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने ऐसी घोषणा की है।जिन छात्र-छात्राओं ने इस वर्ष दसवीं कक्षा में बेसिक गणित का विकल्प चुना है उन्हें स्टैंडर्ड मैथ्स को लिखे बिना कक्षा ग्यारहवीं में गणित विषय चुनने की अनुमति होगी।
वस्तुतः देश में कोरोनावायरस के संक्रमण को बढ़ते हुए देखने पर यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष दसवीं कक्षा में बेसिक मैथमेटिक्स का ऑप्शन चुनने वाले छात्र-छात्रा��ं अब कक्षा 11वीं में मैथमेटिक्स चुन सकेंगे।केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने इसकी अनुमति दे दी है,��ले ही उन्होंने स्टैण्डर्ड मैथमेटिक्स की परीक्षा न दी हो।
सीबीएसई बोर्ड 10वीं के छात्र-छात्राओं को बेसिक मैथमेटिक्स और स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स के दो ऑप्शन देता है।जो छात्र-छात्राएं दसवीं में बेसिक मैथमेटिक्स लेते हैं वे 11वीं में ऐच्छिक विषय के रूप में मैथमेटिक्स का विषय नहीं ले सकते हैं।लेकिन इस वर्ष कोरोनावायरस से फैली महामारी कोविड-19 के कारण सरकार ने छात्र-छात्राओं को इसमें छूट दे दी है।
आपको ज्ञात हो कि वर्ष 2019 में सीबीएसई ने प्रथम बार दसवीं टू लेवल मैथमेटिक्स बेसिक और स्टैंडर्ड की शुरुआत की थी।बेसिक मैथमेटिक्स उन छात्र-छात्राओं के लिए है जो मैथमेटिक्स को आगे नहीं लेना चाहते हैं और स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स उन छात्र-छात्राओं के लिए है जो कक्षा 11वीं और 12वीं में मैथमेटिक्स ऐच्छिक विषय लेकर पढ़ाई करना चाहते हैं।
ये नया कांसेप्ट उन छात्र-छात्राओं पर बोझ को कम करने के लिए प्रारंभ किया गया था जो हायर क्लासेज में मैथमेटिक्स से पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं।
नियम के अनुसार छात्र-छात्राएं आगे कक्षा 11वीं और 12वीं में मैथमेटिक्स का विषय रखना चाहते हैं, उन्हें 10वीं मैथमेटिक्स स्टैंडर्ड पेपर को पास करना होगा।
यदि किसी छात्र-छात्रा ने बाद में अपना विचार बदल लिया और निर्णय लिया कि वे कक्षा 11 में मैथमेटिक्स पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें कक्षा दसवीं के स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स पेपर के कंपार्टमेंट परीक्षा में उपस्थित होना था।
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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सीबीएसई ने 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों में किया बदलाव, देखिए नया टाइम टेबल
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चैतन्य भारत न्यूज केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट में बदलाव किए हैं। हाल ही में बोर्ड ने परीक्षा का नया टाइम टेबल जारी कर दिया है। बोर्ड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 10वीं और 12वीं के लिए संशो��ित डेटशीट जारी कर दी है। जो छात्र इस वर्ष CBSE बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं, वे फौरन आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नया टाइम टेबल देख सकते हैं। सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 4 मई से 1 जून के बीच आयोजित की जाएंगी। नये शेड्यूल के अनुसार, कक्षा 12वीं का फिजिक्स के पेपर की डेट आगे बढ़ गई है। पहले 13 मई को होने वाली परीक्षा अब 8 जून, 2021 को आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, इतिहास और बैंकिंग परीक्षाओं की डेट्स में भी बदलाव किया गया है। कक्षा 10वीं के लिए, साइंस और मैथ्स के पेपर की डेट आगे बढ़ गई हैं। कक्षा 10 साइंस का एग्जाम अब 21 मई को और मैथ्स का एग्जाम 02 जून को आयोजित किया जाएगा। परीक्षा में शामिल होने जा रहे सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे नए टाइम टेबल की कॉपी आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करें। परीक्षाएं सुबह और दोपहर की 2 शिफ्ट में आयोजित की जानी हैं। पहले के टाइम टेबल के अनुसार ही परीक्षाएं 04 मई 2021 से शुरू होंगी। 12वीं की परीक्षाएं 14 जून, 2021 को खत्म होंगी जबकि 10वीं की परीक्षाएं 07 जून, 2021 को खत्म होंगी। रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी हो सकते हैं। 10वीं की पूरी नई डेटशीट देखने के लिए यहां क्लिक करें। 12वीं की पूरी नई डेटशीट देखने के लिए यहां क्लिक करें। Read the full article
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sandhyabakshi · 4 years ago
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सीबीएसई: 11 वीं में एडमिशन के लिए मैथ्स-स्टैंडर्ड पेपर का नियम हटा दिया गया जिन छात्रों के पास 10 वीं कक्षा में मैथमैटिक्स स्टैंडर्ड पेपर नहीं हैं वे भी इस बार 11 वीं में मैथ्स ले सकते हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बताया कि छात्रों को इस तरह की सुविधा केवल इसी वर्ष ... Source link
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newswave-kota · 6 years ago
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अब कक्षा-9वीं व 10वीं में एप्टीट्यूट टेस्ट KYA से स्व-मूल्यांकन करेगें विद्यार्थी
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सीबीएसई का नवाचार: - पहले अपनी योग्यता को परखें, फिर रूचि का विषय चुनें पढ़ाई के साथ स्किल, योग्यता व दक्षता का पता चलेगा  विद्यार्थियों में मानसिक तनाव और सुसाइड के मामले घटेंगे वैकल्पिक क्षेत्रों में कोचिंग की राह खुलेगी अरविंद न्यूजवेव @ नईदिल्ली /कोटा एनसीईआरटी ने इस वर्ष जनवरी माह से कक्षा-9वीं एवं 10वीें के विद्यार्थियों को रूचि, योग्यता व क्षमता के अनुसार विषय का चयन करने के लिए नया स्वैच्छिक एप्टीट्यूट टेस्ट ‘KYA‘ लांच किया है।
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इस एप्टीट्यूड टेस्ट से विद्यार्थी को कक्षा-11वीं में नया विषय लेने में मदद मिलेगी। कक्षा-10वीें में ही अपनी योग्यता को जांच कर वह भीड़ से अलग मनपसंद विषय में आगे पढ़ाई कर सकेगा। यह एक सेल्फ असेसमेंट (स्व-मूल्यांकन) टेस्ट होगा, जिसका कोई सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की पहल पर सीनियर सैकंडरी स्कूल लेवल पर विद्यार्थियों को ह्यूमिनिटी, साइंस, कॉमर्स, वोकेशनल आदि क्षेत्रों में मनपसंद कॅरिअर चुनने के विकल्प बताए जाएंगे। जिससे वे अपने स्किल के अनुसार मनपसंद क्षेत्र में कॅरिअर बनाए। इस नवाचार से देश में स्किल बेस्ड एजुकेशन को प्रोत्साहन मिलेगा।
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सीबीएसई के एकेडमिक डायरेक्टर डॉ. जोसेफ इमैनुएल ने 10 जनवरी को जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया कि इस टेस्ट के स्कोर के आधार पर विद्यार्थी को पसंद का विषय चुनने की सलाह दी जाएगी। यह टेस्ट देने के लिए वह बाध्य नहीं होगा। शिक्षविदों के अनुसार, अब तक देश के सीबीएसई स्कूलों में बच्चों के एप्टीट्यूट को परखने का कोई प्रावधान होने से अधिकांश विद्यार्थी सांइस मैथ्स अथवा साइंस बायोलॉजी विषय लेकर मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की महंगी कोचिंग ले रहे थे। जिसमें 2-3 वर्षों में भी चयन न होने पर वे मानसिक अवसा�� से ग्रसित हो रहे थे। जबकि कक्षा-10वीं में ही ऐसे एप्टीट्यूड टेस्ट से उनकी क्षमता को परख लेंगे तो अन्य क्षेत्रों में वे स्किल व रूचि के साथ उंचाइयों को छू सकते हैं। टेस्ट का ब्यौरा 29 जनवरी को वेबसाइट पर इस माह 29 जनवरी को सीबीएसई वेबसाइट पर ‘KYA‘ का ब्यौरा जारी कर दिया जाएगा। इस ब्यौरे में टेस्ट बुकलेट, टेक्निकल मैन्युअल, शिक्षकों के लिए टीचर्स मैन्युअल एवं आंसर शीट के डॉक्यूमेंट होंगे। सभी सीबीएसई स्कूलों में इस कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट का आयोजन घोषित कार्यक्रम के अनुसार होगा। आंसर शीट के जांचने के पश्चात विद्यार्थी के अंको की जानकारी स्कूल CBSE वेबसाइट www.cbse.nic.in पर अपलोड करेंगे। जिला प्रशासन भी स्क्रीनिंग टेस्ट के पक्ष में ‘के वाय ए’ टेस्ट के आधार पर विद्यार्थियों को जेईई-मेन तथा जेईई-एडवांस्ड की कोचिंग के लिए कोटा के कोचिंग संस्थानों में एडमिशन से पहले सही काउंसलिंग करने में सुविधा होगी। विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को यह पता चल सकेगा कि वह एप्टिट्यूड टेस्ट के आधार पर ऐसी प्रवेश परीक्षाओं के योग्य है अथवा नहीं। इससे बच्चों को अनावश्यक मानसिक दबाव से छुटकारा मिलेगा। पेरेंट्स बच्चों पर अपनी महात्वाकांक्षाएं नहीं थोप सकेंगे। कोटा जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों में गाइडलाइन को लागू करने व स्क्रीनिंग टेस्ट के आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश देने के निर्देश दिये थे। अब सीबीएसई द्वारा स्कूलों में एप्टीटयूट टेस्ट प्रारंभ करने से विद्यार्थियों को अपनी योग्यता का पूर्वानुमान लग सकेगा, जिससे उनके अभिभावक कोचिंग के अनावश्यक महंगे खर्च से बच सकेंगे। इस नवाचार से भविष्य में कोटा में कोचिंग विद्यार्थियों द्वारा की जा रही सुसाइड की घटनाएं भी थमेगी। मछलियों की योग्यता को तैरने की क्षमता से परखा जाए वैज्ञानिक आइंस्टीन कहते थे कि मछलियों की योग्यता को उनके पेड़ों पर चढ़ने की क्षमता से नहीं आंका जा सकता। मछलियों की योग्यता परखने के लिए उनकी तैरने की क्षमता को पैमाना बनाना होगा। ठीक उसी तरह, पेरेंट्स के सामने सबसे बडी दुविधा यह थी कि कक्षा-9वीं एवं 10वीं के विद्यार्थियों की योग्यता परखने के लिए वे क्या करें। क्योंकि केवल थ्योरी विषयों के प्राप्ताकों के आधार पर योग्यता का सही आंकलन नहीं हो रहा था। एक स्कूल या क्लास में टॉपर छात्र कोचिंग संस्थानों में आकर निचली रैंक पर रह जाता था। जिससे वह मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहा था। एप्टीट्यूट टेस्ट KYA से उसकी छिपी हुई शक्ति का पता चल सकेगा। जिससे वह कक्षा-11वीं में सही विषय लेकर अपने कॅरिअर की उंचाइयों तक पहुंच सके। कोचिंग की भीड़ के दबाव में आकर उसके कॅरिअर के महत्वपूर्ण 1-2 वर्ष का समय बर्बाद न हों। - देव शर्मा, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट,कॅरिअर पॉइंट Read the full article
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