#सीआरआर
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sharpbharat · 1 year ago
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Jamshedpur rural central school : परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय के आरटीई छात्रों का विवाद सुलझा,  यूसिल प्रबंधन ने सीआरआर फंड से शिक्षण शुल्क के भुगतान का दिलाया भरोसा
जादूगोड़ा : परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय, जादूगोड़ा में आरटीई विद्यार्थियों की मांगों के समर्थन में शुरू हुआ बेमियादी धरना कार्यक्रम मंगलवार को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है. अभिभावकों के धरने पर बैठने की खबर को गंभीरता से लेते हुए कम्पनी प्रबंधन ने इस संबंध में एक बैठक बुलाई. बैठक में कंपनी प्रबंधन ने सीआरआर फंड से आरटीई बच्चों के नौवीं कक्षा में नामांकन के लिए शिक्षण शुल्क सीएसआर फंड से…
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rudrjobdesk · 2 years ago
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RBI ने नहीं बढ़ाया CRR, बैंकों के शेयर्स में तेजी की संभावना, कौन-सा स्टॉक सबसे अच्छा?
RBI ने नहीं बढ़ाया CRR, बैंकों के शेयर्स में तेजी की संभावना, कौन-सा स्टॉक सबसे अच्छा?
नई दिल्ली। अपडेट के लिए अपडेट करने के लिए टाइम्स रेपो अपडेट, अद्यतन ऋषीष्यो (सीआर) में परिवर्तन नहीं। उम्मीद के मुताबिक़ होने की घोषणा के साथ होने के साथ-साथ सेक्टर के शेयर्स पर भी। ️ लगभग️️️️❤️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ बार बार फिर बजे शुरू होने के बाद भी. बैंक तो बाद में ही खराब हो गया, बैंक्स ने तीन बजे तक भी…
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joinnoukri · 2 years ago
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आरबीआई ने सीआरआर में कमी की
आरबीआई ने सीआरआर में कमी की
24 2012 छवि उपयोगिता, गेट्टी छवि, आर्थिक रूप से प्रभावित होने के मामले में उत्पाद में परिवर्तन ने लागू किया है। घोषणा के बाद जांच 5.5 प्रतिशत हो गया। सीआrurir में कटौती के के के kanaut के के के के rasta के rayrोड़ rurोड़ r नक़द की उपलब उपलब उपलब उपलब उपलब उपलब उपलब ️ बैंकों️ बैंकों️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ है हैं तब पर हैं है उन पर पर है है है है है है है पर है है पर है है है पर है है है पर है…
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tajakhabar · 2 years ago
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Monetary Policy: मौद्रिक नीति का ऐलान, रेपो रेट 0.50 फीसद की बढ़ोतरी, जानें क्या होगा आप पर असर
https://tajakhabaronline.com/business-story-monetary-policy-rbi-live-repo/ Monetary Policy:रिजर्व बैंक ने आज अपनी मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। आइए आसान भाषा में जानें रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर का मतलब और इससे आपके जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है
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trendingwatch · 2 years ago
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आरबीआई ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उपाय किए, रुपये को मजबूत किया
आरबीआई ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उपाय किए, रुपये को मजबूत किया
रुपये को मजबूत करने और देश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए रिजर्व बैंक ने भारत (RBI) ने बुधवार को कई उपायों की घोषणा की। इनमें वृद्धिशील एफसीएनआर (बी) और एनआरई सावधि जमा पर नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में छूट, एफपीआई के लिए नियमों में ढील, और बाहरी उधार पर सीमा बढ़ाने, अन्य शामिल हैं। रुपये में पिछले कुछ महीनों से गिरावट का रुख देखा जा रहा है और यह कई बार…
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mwsnewshindi · 2 years ago
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आरबीआई एमपीसी परिणाम: मौद्रिक नीति निर्णय कल; प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि अपेक्षित
आरबीआई एमपीसी परिणाम: मौद्रिक नीति निर्णय कल; प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि अपेक्षित
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) कल (बुधवार) सुबह 10 बजे अपने नीतिगत फैसले की घोषणा करेगी। एमपीसी की बैठक, जो सोमवार को शुरू हुई और बुधवार (8 जून) को प्रमुख ब्याज दरों, सीआरआर और आरबीआई गवर्नर द्वारा किए जाने वाले नीतिगत संशोधनों के संबंध में एमपीसी के फैसलों की घोषणा के साथ समाप्त होगी। गवर्नर दास ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए थे। उन्होंने…
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tazakhabar24 · 3 years ago
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शार्ट टर्म एफडी में अभी निवेश करना होगा ज्यादा फायदेमंद, ब्याज दर और बढ़ने की है उम्मीद
शार्ट टर्म एफडी में अभी निवेश करना होगा ज्यादा फायदेमंद, ब्याज दर और बढ़ने की है उम्मीद
शार्ट टर्म एफडी में अभी निवेश करना होगा ज्यादा फायदेमंद, ब्याज दर और बढ़ने की है उम्मीद इस साल जनवरी से तमाम बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर ब्याज की दरों में इजाफा करना शुरू कर दिया है. मई में रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट और सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) में बढ़ोतरी के बाद बैंक दोबारा से एफडी की ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि आगे भी रिजर्व बैंक महंगाई को…
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lok-shakti · 3 years ago
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रेपो दर में वृद्धि: उधार दरों में बड़ी वृद्धि के लिए निर्धारित
रेपो दर में वृद्धि: उधार दरों में बड़ी वृद्धि के लिए निर्धारित
बुधवार को रेपो रेट के साथ-साथ कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में बढ़ोतरी के लिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के कदम के बाद बैंकों को सभी क्षेत्रों में उधार दरों में लगातार वृद्धि की उम्मीद है। जहां खुदरा और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को रेपो दर से जुड़े ऋण तत्काल प्रभाव से अधिक महंगे हो जाएंगे, वहीं कॉरपोरेट ऋणों को पुनर्मूल्यांकन करने में एक या एक महीने का समय लगेगा। आवास ऋण मुख्य श्रेणी…
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aarthikhub · 3 years ago
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सीडी रेसियो, तरलता अनुपात र सेयरधितो कर्जा ४/१२ सीमाबारे लचकता अपनाउन बैंकर्सको माग।
सीडी रेसियो, तरलता अनुपात र सेयरधितो कर्जा ४/१२ सीमाबारे लचकता अपनाउन बैंकर्सको माग।
नेपाल बैंकर्स संघले कर्जा—निक्षेप अनुपात (सीडी रेसियो)का साथै तरलता अनुपात (एलआर),सेयरधितो कर्जा ४/१२ को  सीमालाई र अनिवार्य नगद मौज्दात (सीआरआर) मा लचकता अपनाउन नेपाल राष्ट्र बैंकलाई आग्रह गरेको छ । संघका नवनियुक्त पदाधिकारीका साथै पूर्व अध्यक्षहरुले बुधबार गभर्नर महाप्रसाद अधिकारीलाई भेट गरी आर्थिक वर्ष २०७८/०७९ को मौद्रिक नीतिको प्रथम त्रैमासिक समीक्षा गर्दा पछिल्लो समय देखिएको तरलताको चापलाई…
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everynewsnow · 4 years ago
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मार्केट वॉच: बैंकों के पोर्टफोलियो में बैंक 'क्यों' बन गए हैं? | द इकोनॉमिक टाइम्स मार्केट्स पॉडकास्ट
मार्केट वॉच: बैंकों के पोर्टफोलियो में बैंक ‘क्यों’ बन गए हैं? | द इकोनॉमिक टाइम्स मार्केट्स पॉडकास्ट
ETMarkets वॉच में आपका स्वागत है, स्टॉक, बाजार के रुझान और पैसे बनाने के विचारों के बारे में शो। मैं अतुल पीएम हूं और इस समय यहां शीर्ष पर हूं।* RBI ने ब्याज दर स्थिर रखी, देखता है FY22 जीडीपी 10.5% बढ़ रहा है* RBI का कहना है कि डिजिटल मुद्रा के मॉडल पर काम करने वाला आंतरिक पैनल* बॉन्ड मार्ट ने रीटऑफ को आरबीआई की तरलता को निराश करने के रूप में देखा* एफडी, ऋण दरों में सीआरआर बढ़ोतरी बढ़ सकती है*…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा, रुख को उदार बनाये रखा Divya Sandesh
#Divyasandesh
रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा, रुख को उदार बनाये रखा
मुंबई, पांच फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि लोगों के आवास, वाहन समेत अन्य कर्ज की किस्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नीतिगत उदार रुख को बनाये रखा है। जिसका मतलब है कि भविष्य में जरूरत प��़ने पर कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये मुद्रास्फीति को काबू में रखते हुए नीतिगत दर में कटौती की जा सकती है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के निर्णय की जानकारी देते हुए अपने ‘ऑनलाइन’ संबोधन में कहा, ‘‘नीतिगत दर रेपो को एमपीसी के सदस्यों ने आम सहमति से 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया।’’ इस निर्णय के बाद रेपो दर 4 प्रतिशत, जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी। रेपो वह दर है, जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन का उधार देता है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जिस पर बैंक अपना जमा राशि केंद्रीय बैंक के पास रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही एमपीसी के सभी सदस्यों ने उदार रुख को जबतक जरूरी है और कम-से-कम चालू वित्त वर्ष तथा अगले वित्त वर्ष में इसे बनाये रखने का निर्णय किया।’’ दास ने कहा, ‘‘यह निर्णय आर्थिक वृद्धि को समर्थन देते हुए मध्यम अवधि में 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लक्ष्य के अनुरूप है।’’ आर्थिक वृद्धि के बारे में आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बयान में कहा गया है, ‘‘अन्य उपायों के साथ वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, नवप्रवर्तन और अनुसंधान समेत विभिन्न क्षेत्रों पर दिये गये जोर को देखते हुए 2021-22 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’ इसमें अगले वित्त वर्ष पहली छमाही में वृद्धि दर 26.2 प्रतिशत से 8.3 प्रतिशत के बीच रहने और तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों (एनबीएफसी इकाइयों) को संकटग्रस्त क्षेत्र तक कर्ज पहुंचाने के लिए दीर्घकालिक लक्षित रेपो सुविधा (टीएलटीआरओ) के तहत बैंकों से धन सुलभ कराने का प्रस्ताव भी किया है। बयान के अनुसार, ‘‘कृषि क्षेत्र में बेहतर संभावना को देखते हुए गांवों में मांग मजबूत बने रहने की उम्मीद है। कोविड-19 मामलों में कमी और टीकाकरण अभियान के साथ शहरों में भी मांग अच्छी रहने की संभावना है जिससे वृद्धि को गति मिलेगी।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘उपभोक्ताओं में भरोसा बढ़ रहा है और विनिर्माण, सेवा तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में व्यापार को लेकर अपेक्षाएं उत्साहजनक हैं।’’ ‘‘इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत दो और तीन के तहत सरकर की घोषित योजनाओं से सार्वजनिक निवेश में तेजी आए��ी। हालांकि निजी निवेश कम क्षमता उपयोग से धीमा बना हुआ है।’’ मुद्रास्फीति के बारे में मौद्रिक नीति बयान में कहा गया है, ‘‘दिसंबर महीने में सब्जियों के दाम में नरमी से सकल मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब आयी है और आने वाले समय में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर निकट भविष्य के परिदृश्य को निर्धारित करेगी।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘आपूर्ति व्यवस्था बेतहर होने से मुख्य मुद्रास्फीति (कोर इनफ्लेशन) पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है। हालांकि सेवा क्षेत्र और विनिर्माण में औद्योगिक कच्चे माल के दाम में वृद्धि से लागत दबाव पड़ सकता है।’’ इन सबके आधार पर आरबीआई ने 2020-21 की चौथी तिमाही के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर को संशोधित कर 5.2 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही 2021-22 की पहली छमाही के लिये इसे 5.2 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत तथा तीसरी तिमाही के लिये 4.3 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई के बयान में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को दो चरणों में पूर्व स्तर पर लाने की भी बात कही गयी है। बैंकों को कोविड-19 संकट से उत्पन्न समस्या से राहत देने के लिये सीआरआर को एक प्रतिशत कम कर 3 प्रतिशत कर दिया गया था। 28 मार्च, 2020 को लागू यह व्यवस्था एक साल 26 मार्च, 2021 तक के लिये थी। इसमें कहा गया है, ‘‘मौद्रिक और नकदी की स्थिति की समीक्षा के बाद सीआरआर को दो चरणों में पूर्व स्तर पर लाने का निर्णय किया गया है। इसके तहत बैंकों को 27 मार्च, 2021 से शुरू पखवाड़े से एनडीटीएल (शुद्ध मांग और समय देनदारी) का 3.5 प्रतिशत और 22 मई, 2021 से शुरू पखवाड़े से 4 प्रतिशत के स्तर पर लाना है।’’ आरबीआई के बयान के अनुसार, देश में बढ़ते डिजिटल भुगतान को देखते हुए सुरक्षा के कई उपाय किये गये हैं। केंद्रीय बैंक के भुगतान प्रणाली दृष्टिकोण दस्तावेज के तहत 24 घंटे काम करने वाला हेल्पलाइन स्थापित करने पर जोर दिया गया है, जो ग्राहकों की विभिन्न डिजिटल भुगतान से जुड़े सवालों का समाधान करेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘भुगतान प्रणाली से जुड़े बड़े परिचालकों को केंद्रीयकृत 24 घंटे सातों दिन काम करने वाली हेल्पलाइन व्यवस्था सितंबर 2021 तक करने की जरूरत है। इसका मकसद विभिन्न डिजिटल भुगतान के संदर्भ में ग्राहकों के सवालों के जवाब देना और शिकायतों की स्थिति के बारे में जानकारी देनी है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘आने वाले समय में इस हेल्पलाइन के जरिये ग्राहकों की शिकायतों के पंजीकरण और उसके समाधान पर विचार किया जाएगा।’’ छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की यह 27वीं बैठक थी। इसके सदस्य आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे (बाह्य सदस्य), डा. मृदुल के सागर, डा. माइकल देबव्रत पात्रा और शक्तिकांत दास हैं। समिति की यह तीन दिवसीय बैठक तीन फरवरी को शुरू हुई थी। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-7 अप्रैल, 2021 को होगी।
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rudrjobdesk · 2 years ago
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Fixed Deposits: अब इस प्राइवेट बैंक ने FD पर बढ़ाया ब्याज, चेक करें लेटेस्ट रेट्स
Fixed Deposits: अब इस प्राइवेट बैंक ने FD पर बढ़ाया ब्याज, चेक करें लेटेस्ट रेट्स
नई दिल्ली. रेपो रेट और सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) में बढ़ोतरी के बाद से फिक्स्ड डिपॉजिट्स  (Fixed Deposits) पर ब्याज दरें बढ़ाए जाने का सिलसिला लगातार जारी है. प्राइवेट सेक्टर के फेडरल बैंक ने भी एफडी (FD) की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है. नई दरें 16 मई, 2022 से प्रभावी हो गई है. फेडरल बैंक ने 2 करोड़ रुपये तक की एफडी पर ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है. यह इजाफा सभी अवधियों की जमाओं पर किया…
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onlinekhabarapp · 4 years ago
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बिग मर्जरका लागि क्रस होल्डिङ– यी हुन् सम्भावित बैंक
१५ साउन, काठमाडौं । ठूला बैंकहरुको मर्जरको विषय एक वर्ष अघि निकै चर्चामा थियो । तत्कालिन गभर्नर डा. चिरञ्जीवि नेपालले बिग मर्जरको विषयलाई उठान गरेका थिए । पार्टीगत लाइन नमिले पनि यो मामला ��र्थमन्त्री डा. युवराज खतिवडाले उनलाई साथ दिएका थिए ।
अर्थमन्त्री खतिवडाले गत आर्थिक वर्षको बजेटमै बिग मर्जरको विषय समेटे । त्यसले राष्ट्र बैंकलाई मर्जर नीति बनाउन थप सहजता भए पनि नेपालले आँट गरेनन् । गत आवको मौद्रिक नीतिमा ठूला बैंकहरुको मर्जरलाई प्रोत्साहन गर्ने व्यवस्था समेटियो ।
आव २०७७/०७८ को मौद्रिक नीतिले यो व्यवस्था दोहोर्‍याएको छ । मौद्रिक नीति कार्यान्वयनका लागि दिएको निर्देशनमा केन्द्रीय बैंकले फोर्स मर्जरमा जाने स्पष्ट संकेत गरेको छ । त्यसका लागि शुरुमा प्रोत्साहन नै गर्ने निर्देशनमा उल्लेख छ ।
एकै व्यक्ति वा समूहको दुई ठाउँमा सेयर भएको (क्रस होल्डिङ) बैंकहरुलाई मर्जरमा जान दवाव दिने केन्द्रीय बैंकको रणनीति छ । त्यसअनुसार, आठवटा वाणिज्य बैंकलाई मर्ज गराउन चाहेको छ ।
गभर्नरमा नियुक्त भए पछि डा. चिरञ्जीवि नेपालले मौद्रिक नीतिमा बैंक तथा वित्तीय संस्थाहरुका लागि ४ देखि २५ गुणासम्म पुँजी वृद्धिको योजना ल्याएका थिए ।
त्यसबेला ‘क’ वर्गका वाणिज्य बैंकहरुको चुक्ता पुँजी दुईअर्ब रुपैयाँ मात्र थियो । राष्ट्र बैंकले ८ अर्ब चुक्ता पुँजी पुर्‍याउनुपर्ने नियम ल्याएपछि अधिकांशले हकप्रद सेयरको बाटो रोजे ।
हकप्रद जारी खुला छाडिएका कारण बैंक संख्या नघटेको बरु सेयर बजारमा नकारात्मक असर परेको विज्ञहरुले बताउँदै आएका छन् । अहिले २७ वटा वाणिज्य बैंक छन् । चुक्ता पुँजीको नयाँ नीति ल्याउँदा वाणिज्य बैंक संख्या ३२ थियो । पुँजी वृद्धिको खासै प्रभाव नपरेको यसले देखाउँछ ।
पछिल्लो पटक मर्ज भएका जनता बैंक र ग्लोबल आइएमई बैंकमा पुँजीको समस्या थिएन । मजवुत बन्ने भन्दै उनीहरुले मर्जर रोजेका थिए । अब भने केन्द्रीय बैंक पुँजी वृद्धिको योजना भन्दा पनि क्रस होल्डिङ हेरेर बैंक संख्या घटाउने योजनामा रहेको छ ।
‘बैंकको संख्या घटाएर वलियो बनाउने हो’, गभर्नर महाप्रसाद अधिकारी निकट स्रोत भन्छ, ‘सबभन्दा राम्रो विकल्प क्रस होल्डिङ नै देखिएको छ ।’
राष्ट्र बैंकले अहिले ८ वटा बैंकलाई मर्जरमा लैजान सकिने देखेको छ । सरकारी स्वामित्वका तीनवटालाई पनि मर्जरमा लैजान सकिने भएपनि राष्ट्र बैंकको ध्यान निजी लगानीका बैंकहरुमा छ ।
गभर्नर कार्यालय स्रोतका अनुसार, एनआईसी एसिया, एनएमबी, हिमालयन, लक्ष्मी, नेपाल इन्भेष्टमेन्ट, नेपाल बंगलादेश, नेपाल क्रेडिट एण्ड कमर्श, सिभिल र सिटिजन्स बैंकमा क्रस होल्डिङ देखिएको छ ।
यी बैंकहरुलाई मर्जरमा लैजान सकिने केन्द्रीय बैंकको बु��ाइ छ ।
सकेसम्म स्व��च्छिक मर्जर : डेपुटी गभर्नर शिवाकोटी
लगातार दुई आवको मौद्रिक नीतिमा समेटिएको ठूला बैंक मर्जर नीति यतिबेला आर्थिक क्षेत्रमा चासोको विषय बनेको छ । मौद्रिक नीतिले मर्जरमा प्रोत्साहन भनेको भएकोमा नीति कार्यान्वयनका लागि जारी निर्देशनमा राष्ट्र बैंकले निर्देशन दिन सक्नेसमेत उल्लेख छ ।
बैंकहरुलाई गाभ्न तत्काल कडा रुपमा प्रस्तुत हुने सम्भावना भने कम छ । राष्ट्र बैंकका वरिष्ठ डेपुटी गभर्नर चिन्तामणि सिवाकोटी सकेसम्म खुसी बनाएरै मर्जरमा लैजाने नीति रहेको बताउँछन् ।
मर्जर हुनै नमानेको अवस्थामा भने राष्ट्र बैंक कडा हुन सक्ने उनले बताए ।
मर्जरमा जाने बैंकहरुले राष्ट्र बैंकमा राख्नुपर्ने कुल निक्षेप दायित्वको दैनिक ३ प्रतिशत अनिवार्य मौज्दात (सीआरआर) मध्ये न्यूनतम ७० प्रतिशत रकममा ०.५० प्रतिशत बिन्दुले छुट पाउने छन् ।
यो सुविधा २०७९ असार मसान्तसम्म पाइने राष्ट्र बैंकले जनाएको छ । यसअनुसार मर्जरमा जाने वाणिज्य बैंकले दैनिक ३ प्रतिशत अनिवार्य नगद मौज्दातको न्यूनतम ६९.५० प्रतिशत राखे पुग्नेछ ।
यसैगरी मर्जर प्रक्रिया पूरा गरेर संयुक्त कारोबार सञ्चालन गर्ने वाणिज्य बैंकले २०७९ असार मसान्तसम्म कायम गर्नुपर्ने वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) मा पनि १ प्रतिशत छुट पाउने छन् ।
यसअनुसार मर्जरमा जाने बैंकले कुल स्वदेशी निक्षेपको ९ प्रतिशत वैधानिक एसएलआर कायम गरे पुग्ने भएको छ । मर्जरमा नजाने वाणिज्य बैंकले भने कुल स्वदेशी निक्षेपको १० प्रतिशत एसएलआर कायम गर्नुपर्ने हुन्छ । राष्ट्र बैंकले विकास बैंकलाई ८ र वित्त कम्पनीलाई ७ प्रतिशत एसएलआर तोकेको छ ।
२०७८ असार मसान्तभित्र मर्जर भएर संयुक्त कारोबार सञ्चालन गर्ने वाणिज्य बैंकले इजाजतपत्र प्राप्त संस्थाले २०७९ असार मसान्तसम्म कुनै एउटा फर्म, कम्पनी वा संगठित संस्थाबाट आफ्नो कुल निक्षेपको बढीमा १५ प्रतिशतको सीमा नबढ्ने गरी संस्थागत निक्षेप परिचालन गर्न पाउने भएका छन् ।
मर्जरमा नजाने वाणिज्य बैंकले भने कुल निक्षेपको बढीमा १० प्रतिशतसम्मको सीमा नबढ्ने गरी संस्थागत निक्षेप परिचालन गर्न पाउँछन् । केन्द्रीय बैंकले मर्जरमा जानेलाई थप ५ प्रतिशत विन्दु छुट सुविधासमेत पाउने छन् ।
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kisansatta · 5 years ago
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RBI ने किया रिज़र्व रोपो रेट में .25 % की कटौती
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नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की | इसमें उन्होंने कोरोनो वायरस संकट के कारण बनी हुई आर्थिक स्थितियों पर बात की और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ एलान किए | शक्तिकांत दास ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया को संबोधित किया | लिक्विडिटी बनाए रखने और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आरबीआई ने इन मोर्चों पर कदम उठाने का फैसला लिया है |
रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है और इसे 4 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी पर कर दिया गया है | बैंक आरबीआई में पैसा रखने की बजाए लोगों को ज्यादा कर्ज दें इसलिए रिवर्स रेपो रेट में कटौती की गई है | रिवर्स रेपो रेट वो है जिस पर बैंक आरबीआई को कर्ज देते हैं |
शशिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट दर में कोई बदलाव फिलहाल नहीं किया गया है और ये 4.4 फीसदी पर स्थिर रखा गया है |
संस्थाओं को दी जाने वाली मदद …..
नाबार्ड को 25,000 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी |
नेशनल हाउसिंग बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये की मदद की जाएगी |
SIDBI को 15 हजार करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी |
TLTRO-2 की आज से शुरुआत करेंगे | टार्गेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशंस यानी TLTRO के तहत 50,000 करोड़ रुपये से शुरुआत की जाएगी |
शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनियाभर के बाजार गिरे हुए हैं और इसके चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट का अनुमान है | कोरोना वायरस संकट के कारण दुनिया बहुत बड़ी मंदी की और बढ़ रही है | हालांकि हम वित्तीय व्यवस्था को संभालने में लगे हुए हैं | देश में कैश की कमी नहीं होने दी जा रही है |
भारत की स्थिति बेहतर
मंदी के बीच भारत की विकास दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है | हालांकि उन्होंने कहा कि जी-20 देशों में भारत की स्थिति फिर भी बेहतर है | देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है |
इससे पहले 27 मार्च को RBI ने किए थे एलान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इससे पहले 27 मार्च को रे���ो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती का एलान किया था | रेपो रेट को 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी किया गया था | रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती की थी और इसे 4.90 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी किया था | वहीं बैंकों का सीआरआर भी 4 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया था | इसके अलावा बैंकों को भी कहा था कि वो ग्राहकों के लिए तीन महीने की ईएमआई टालने का विकल्प दें |
https://kisansatta.com/rbi-cuts-reserve-ropo-rate-by-25/ #RBICutsReserveRopoRateBy25 RBI cuts reserve ropo rate by .25% Business, National, Top, Trending #Business, #National, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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tazakhabar24 · 3 years ago
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ये सरकारी बैंक भी देगा अब FD पर ज्यादा ब्याज, पहले भी कई बैंक कर चुके हैं बढ़ोतरी
ये सरकारी बैंक भी देगा अब FD पर ज्यादा ब्याज, पहले भी कई बैंक कर चुके हैं बढ़ोतरी
ये सरकारी बैंक भी देगा अब FD पर ज्यादा ब्याज, पहले भी कई बैंक कर चुके हैं बढ़ोतरी रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट और सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) में बढ़ोतरी किए जाने के बाद सरकारी और निजी बैंक एक तरफ लोन महंगा कर रहे हैं तो दूसरी ओर फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर भी ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहे हैं. इससे एफडी (FD) के निवेशकों को फायदा मिल रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी एफडी की…
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gokul2181 · 4 years ago
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Economy News In Hindi : RBI passes scheme to increase cash of NBFCs and HFCs, companies can take advantage of this | एनबीएफसी और एचएफसी की नकदी बढ़ाने के लिए आरबीआई ने पास की स्कीम, कंपनियां उठा सकती हैं इसका लाभ
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Economy News In Hindi : RBI passes scheme to increase cash of NBFCs and HFCs, companies can take advantage of this | एनबीएफसी और एचएफसी की नकदी बढ़ाने के लिए आरबीआई ने पास की स्कीम, कंपनियां उठा सकती हैं इसका लाभ
एसपीवी के जरिए कंपनियों को मिलेगी यह सुविधा
तमाम नियमों का पालन करने पर ही मिलेगा लाभ
दैनिक भास्कर
Jul 01, 2020, 09:36 PM IST
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) के जरिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) की नकदी बढ़ाने के लिए एक स्कीम पास कर दी है। इस सुविधा से फाइनेंशियल सेक्टर में अगर कोई दिक्कत आती है तो उससे बचने में मदद मिलेगी। उन कंपनियों को इसका फायदा नहीं मिलेगा जो कंपनियां कोर इनवेस्टमेंट के रूप में रजिस्टर हैं। वे इस स्कीम के दायरे से बाहर रहेंगी।
माइक्रोफाइनेंस कंपनियां भी ले सकती हैं लाभ
आरबीआई के अनुसार इस दायरे में माइक्रोफाइनेंस सहित वो सभी एनबीएफसी आएंगी, जो आरबीआई एक्ट 1934 के तहत रजिस्टर हैं। उन्हें इस स्कीम का फायदा मिलेगा। इसके तहत नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) के तहत जो एचएफसी रजिस्टर्ड हैं, उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा। नियमों के अनुसार, उन कंपनियों को इसका लाभ मिलेगा, जो एक अगस्त 2018 से पहले एक साल में एनबीएफसी और एचएफसी के खिलाफ किसी बैंक ने स्पेशल मेंशन अकाउंट कैटिगरी में उनकी बॉरोइंग के लिए कोई रिपोर्ट ना की हो।
लाभ में रहनेवाली कंपनियों को मिलेगा फायदा
नियमों के मुताबिक इसका फायदा तभी मिलेगा, जब पिछले दो वित्तीय वर्ष यानी 2017-18 और 2018-19 में किसी भी एक साल में एनबीएफसी और एचएफसी लाभ में रहेंगी। सेबी की रजिस्टर्ड रेटिंग के हिसाब से एनबीएसी और एचएफसी इनवेस्टमेंट ग्रेड में रेटिंग होनी चाहिए। इसी तरह 31 मार्च 2019 तक  एनबीएफसी और एचएफसी की सीआरएआर (कैपिटल टू रिस्क एसेट्स रेशियो) 15 फीसदी और सीआरआर (कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो) 12 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए। यह सीमा रेगुलेटर के मुताबिक न्यूनतम है।
इसी तरह दोनों सेक्टर का 31 मार्च 2019 तक कुल लोन का 6 प्रतिशत से ज्यादा एनपीए नहीं होना चाहिए। 
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