#आरबीआई मौद्रिक नीति
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आरबीआई की मौद्रिक नीति की बैठक में महंगाई रहा चर्चा का बड़ा मुद्दा, गवर्नर ने कही यह बड़ी 10 बातें
RBI News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में महंगाई फिर से चर्चा का मुख्य विषय रही। शुक्रवार को शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली MPC ने रेपो रेट को लगातार ग्यारहवीं बार 6.5% पर बनाए रखने का फैसला किया। समिति ने अपना ‘तटस्थ रुख’ भी जारी रखा। उन्होंने महंगाई को 4% के लक्ष्य पर रखने को लेकर जोर दिया। साथ ही आर्थिक विकास को भी समर्थन देने की बात कही। अक्टूबर में खुदरा…
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इधर RBI ने नहीं दी महंगाई से राहत, उधर Maruti ने इतनी महंगी की कारें
Maruti Suzuki Car Price Hike: होम लोन से लेकर कार लोन तक की ईएमआई का सस्ता होना निर्भर करता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी मोनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कितनी कटौती करता है. शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जब अपने मौजूदा कार्यकाल की आखिरी मौद्रिक नीति का ऐलान किया, तो रेपो रेट को पहले जैसा ही बनाए रखा. इसका मतलब ये अब भी 6.5 प्रतिशत बनी हुई है. वहीं इस बीच देश की सबसे बड़ी कार…
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सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट के बाद शेयर बाजार आरबीआई के मौद्रिक नीति निर्णयों के लिए तैयार हैं भारत समाचार
नई दिल्ली: घरेलू शेयर सूचकांक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौद्रिक नीति निर्णयों के लिए तैयारी कर रहे हैं, जिससे आने वाले सप्ताह में बाजार को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में घटकर 5.4 प्रतिशत रह गई, जो दो वर्षों में सबसे कम वृद्धि दर है। हालांकि, पिछले सप्ताह के दौरान शेयर बाजारों में कुछ सुधार देखा गया। सप्ताह के…
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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश का केंद्रीय बैंक है जो देश की मौद्रिक नीति का निर्धारण करता है। मौद्रिक नीति का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करना, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना होता है। आरबीआई द्वारा अपनाई जाने वाली मौद्रिक नीति का देश की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। मौद्रिक नीति के प्रमुख…
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Khan Global Studies द्वारा UPSC के लिए दैनिक सामयिकी
Khan Global Studies में आपका स्वागत है। आज हम आपके लिए 19 जून 2024 की महत्वपूर्ण सामयिकी ल���कर आए हैं, जो UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
1. जी20 शिखर सम्मेलन
इस वर्ष का जी20 शिखर सम्मेलन Brazil में आयोजित किया गया। इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय "वैश्विक अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन" था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में भाग लिया और विभिन्न वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं।
2. भारत का पहला जलवायु परिवर्तन संग्रहालय
भारत का पहला जलवायु परिवर्तन संग्रहालय गुजरात के गांधीनगर में खोला गया। इस संग्रहालय का उद्देश्य लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करना और इसके प्रभावों के बारे में जानकारी देना है।
3. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें जलवायु परिवर्तन को एक मानवाधिकार मुद्दे के रूप में मान्यता दी गई है। इस प्रस्ताव का समर्थन भारत सहित कई देशों ने किया।
4. बायोफ्यूल नीति 2024
भारत सरकार ने नई बायोफ्यूल नीति 2024 की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देना है ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके और आयातित पेट्रोलियम पर निर्भरता कम हो सके।
5. नाबार्ड की नई योजना
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और सिंचाई परियोजनाओं के लिए नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे अपनी खेती को बेहतर बना सकें।
6. अंतरिक्ष अनुसंधान
इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने एक नई उपग्रह प्रणाली का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। इस उपग्रह का उद्देश्य पृथ्वी के पर्यावरण और जलवायु पर नजर रखना है।
7. अर्थव्यवस्था और वित्त
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में मौद्रिक नीति की समीक्षा की है। आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है ताकि बाजार में तरलता बढ़ाई जा सके और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
8. खेल
भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया ��प 2024 के फाइनल में ��ाकिस्तान को हराकर खिताब जीता। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने अपनी श्रेष्ठता स्थापित की है।
9. पर्यावरण
भारत में एक नई पहल के तहत 'मिशन हरियाली' शुरू किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य देश भर में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और वनों की कटाई को रोकना है।
10. स्वास्थ्य
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नई स्वास्थ्य योजना की घोषणा की है जिसके तहत गरीब और वंचित वर्गों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
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आरबीआई ने मुद्रास्फीति लक्ष्य के लिए मौद्रिक नीति समिति के मिनट जारी किए
इस्राइल-हमास के बीच जारी संघर्ष से महंगाई पर जोखिम बना हुआ है। उच्च ब्याज दरों से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेगी। समय और वैश्विक स्तर पर अभरती स्थिति ही बताएगी कि यह कितने समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी।
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महंगे लोन, बढ़ी हुई EMI, क्या आपको भी सता रही यह चिंता? जानिए RBI के बड़े फैसले से पहले के संकेत
नई दिल्ली : क्या लोन (Loan) महंगा होने वाला है? अब ईएमआई (EMI) में ज्यादा रकम देनी होगी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो (RBI MPC Meeting) से पहले लोगों के मन में रहते हैं। इस हफ्ते आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होने वाली है। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव से जुड़ी घोषणा करेंगे। उम्मीद है कि इस बार आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकती है। हालांकि, महंगाई को लेकर सतर्क रुख अपनाया जा सकता है। क्योंकि अमेरिका में आगे ब्याज दरों में सख्त रुख के संकेत हैं। दूसरी तरफ कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। लगातार चौथी बार रेपो रेट रह सकती है अपरिवर्तित आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 से 6 अक्टूबर के बीच होगी। 12 बाजार प्रतिभागियों के ईटी पोल से पता चलता है कि आरबीआई एमपीसी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रख सकती है। इस तरह लगातार चौथी बार आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकता है। ऐसा हुआ तो लोन पर ब्याज दरें प्रभावित नहीं होंगी। बैंक आमतौर पर रेपो रेट में बदलाव होने पर ही लोन की ब्याज दरों में बदलाव करते हैं। काफी बढ़ गए कच्चे तेल के भाव डीबीएस बैंक के सीनियर इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा, 'आरबीआई एमपीसी रेपो रेट में यथास्थिति बनाए रखने की अपनी नीति को आगे बढ़ा सकती है। क्रूड ऑयल के वैश्विक भाव नवंबर, 2022 के हाई पर पहुंच चुके हैं। ये आरबीआई के 85 डॉलर प्रति बैरल के अप्रैल अनुमान को पार कर गए हैं।' यूएस फेड हाई रखना चाहता है रेट कच्चे तेल की कीमतों में उछाल डॉलर में मजबूती के साथ-साथ आया है। डॉलर इसलिए मजबूत हुआ, क्योंकि यूएस फेड ब्याज दरों को लंबे समय तक उच्च स्तर पर बनाए रखना चाहता है। इससे वैश्विक निवेशकों में उभरते बाजारों की सिक्योरिटीज के प्रति आकर्षण कम हो गया है। विदेशी फंड्स ने सितंबर में पहली बार ��स वित्त वर्ष में भारतीय शेयरों में शुद्ध बिकवाली की, भले ही निफ्टी पहली बार 20,000 के स्तर को पार कर गया। http://dlvr.it/SwszxY
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Home Loan और Car Loan वालों को RBI ने दी बड़ी सौगात
RBI Update: दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले सप्ताह के अंत में होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में अपनी प्रमुख रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रख सकता है। इसका मतलब है कि व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं के लिए ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं। Haryana Update: आरबीआई त्योहारी सीजन के दौरान होम और कार लोन सहित सभी कर्जदारों को सह��यता प्रदान कर सकता है। नियमों की घोषणा 6 अक्टूबर को…
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RBI repo rate - रेपो रेट में आरबीआई ने नहीं किया किसी तरह का बदलाव, 6.5 फीसदी पर बरकरार
नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हुई, जिसमें बाद रेपो रेट में किसी तरह का कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है. समिति के फैसलों की जानकारी देते हुए गवर्नर शक्ति कांत दास ने कहा कि रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया गया है.(नीचे भी पढ़े) उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है ��र इसमें लगातार ग्रोथ जारी है. वैश्विक…
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RBI REPO RATE : वित्त वर्ष 2024 में आरबीआई ने नही बढ़ाया रेपो रेट
RBI REPO RATE : आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शशिकांत दास ने वित्त वर्ष 2024 की पहली मोनिटरी पालिसी की घोषणा की। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने इस बार रेपो रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं
#banks, #finance, #RBI, #RBIMPC, #rbipolicy, #reporate, #reporatenews, #reversereporate
https://skwebmedia.com/rbi-repo-rate-rbi-did-not-increase-repo-rate-in-fy-2024/
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RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक गुरुवार करेगा मौद्रिक नीति की घोषणा, बेमौसम की बारिश फेर सकती है सस्ते कर्ज पर पानी
वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई ने छह बार में रेपो रेट में वृद्धि कर चुका है। पिछले साल मई से लेकर रेपो रेट में ढ़ाई फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। from India TV Hindi: paisa Feed https://ift.tt/H3MFLpf via IFTTT from Blogger https://ift.tt/0fRylxL via IFTTT
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आरबीआई की मौद्रिक नीति के ऐलान के साथ ही शेयर मार्केट ने मारी बड़ी छलांग, सेंसेक्स 82116 पर पहुंचा
Share Market Live Updates 9 October: आरबीआई की मौद्रिक नीति के ऐलान के साथ ही शेयर मार्केट में तेजी बढ़ गई है। सेंसेक्स 481 अंकों की उछाल के साथ 82116 पर पहुंच गया है। जबकि, निफ्टी 151 अंकों की बढ़त के साथ 25164 पर पहुंच गया है। 10:13 AM Share Market Live Updates 9 October: आरबीआई की मौद्रिक नीति के ऐलान के साथ ही शेयर मार्केट में तेजी बढ़ गई है। सेंसेक्स 481 अंकों की उछाल के साथ 82116 पर पहुंच…
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दिसंबर में रेट कट की संभावना कम, लिक्विडिटी बढ़ाने के उपायों का होगा ऐलान
नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर गिरकर 5.4 फीसदी रह गई, जिसके बाद रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति द्वारा दर में कटौती की संभावना कम है. सर्वेक्षण व्यक्त किया गया. यह राय अर्थशास्त्रियों ने एक सर्वेक्षण में व्यक्त की है. अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर और मुद्रास्फीति अनुमान को संशोधित किया जा…
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RBI ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का किया ऐलान, कार और होम लोन फिर होंगे महंगे
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर आम आदमी को झटका दिया है. आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) की है. इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. देश में महंगाई (Inflation) काबू में आने के बाद भी आरबीआई ने दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. 6.50 फीसदी पर पहुंचा रेपो रेट देश में महंगाई दर का आंकड़ा कम होने के बाद भी रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार नीतिगत दरों (Repo Rate) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके बाद रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी. देश का आम बजट पेश किए जाने के बाद ये आरबीआई एमपीसी की बैठक थी और इसमें फिर से आम आदमी के झटका लगा ह��. छह बार में इतनी हुई बढ़ोतरी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shakti Kant Das) ने बुधवार को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक (MOC Meet) में लिए गए फैसलों का ऐलान किया. बता दें एक्सपर्ट्स पहले से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जता रहे थे. गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2022 में हुई MPC बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था. आरबीआई ने बीते साल से अब तक छह बार रेपो रेट में इजाफा करते हुए कुल 2.50% की बढ़ोतरी की है. 25 बीपीएस की बढ़ोतरी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार, 8 फरवरी, 2023 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा की। रेपो दर में 25 बीपीएस की वृद्धि की गई है। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी। आपको बता दें कि पिछले साल मई से, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में 225 आधार अंकों की वृद्धि की है। मौद्रिक नीति समिति ने बैठक में Liquidity Adjustment Facility (LAF) के तहत रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आज हुई बढ़ोतरी को मिला दिया जाए तो पिछले सात महीनों में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई छठी वृद्धि है। केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दिसंबर में दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। वैश्विक परिस्थियों से अछूता नहीं है भारत गवर्नर दास ने कहा कि पिछले वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने मौद्रिक नीति का परीक्षण करते रहने की जरूरत महसूस कराई है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए, हाल के महीनों में आरबीआई ने मुद्रास्फीति को कितनी अच्छी तरह नियंत्रित किया है, अनुमान है कि यह जल्द ही यह टॉलरेंस बैंड के भीतर होगी। कराधान के मोर्चे पर हाल के सुधारों के माध्यम से ऐसा लगता है कि सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को बचत पर केंद्रित अर्थव्यवस्था से उपभोग पर आधारित अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित करने के लिए नियमों को बदल दिया है। दरों में आखिरी बढ़ोतरी? रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि शायद यह रेपो दरों में आखिरी बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगले महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रुक जाएगी, इसके बाद अगले साल से दरों में उलटफेर शुरू हो जाएगा। एमएसएफ, एसडीएफ दरों में बढ़ोतरी एसडीएफ (स्थायी जमा सुविधा) दर 6% से 6.25% तक समायोजित की गई हैं। MSF (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) की दरें 25 बीपीएस से बढ़कर 6.75% हो गई हैं।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें...
…प्रमुख ��ीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया। …मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया। …चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान। 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी। …मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में। …खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान। ….चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान। ….बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव। ….चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा। ….दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी। Read the full article
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भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में कुल वृद्धि के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है | Over the past year, India's overall growth has been strong;
Source: img.etimg.com
वित्त मंत्री प्रशांत पेरुमाई के इर्द-गिर्द अर्थव्यवस्था
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार को उम्मीद है कि बजट बेरोजगारी और खतरनाक असमानता को बड़ी चुनौतियों के रूप में लेगा, और वित्त मंत्री प्रशांत पेरुमाई के इर्द-गिर्द अर्थव्यवस्था को मोड़ने के उपायों की घोषणा करेंगे।
भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु कहते हैं, भारत की संस्थाओं का क्षरण एक चिंता का विषय है और नेताओं को इस समस्या से तत्काल निपटना चाहिए। कुछ अंश:
इस समय भारत की अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है?
पिछले वर्ष की तुलना में कुल वृद्धि के संदर्भ में, भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है, विशेष रूप से वर्तमान वैश्विक स्थिति के संदर्भ में, जहां कई उन्नत अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं। भारत के अच्छे प्रदर्शन के दो कारण हैं। सबसे पहले, आरबीआई ने मौद्रिक नीति के मामले में एक कुशल काम किया है, मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दरों का विवेकपूर्ण प्रबंधन किया है, और इसने विदेशी मुद्रा भंडार का ��णनीतिक रूप से उपयोग किया है - विनिमय दर को उचित सीमा के भीतर रखने के लिए डॉलर जारी करना और खरीदना। दूसरा, भारत ने अपनी विदेश नीति का संचालन चतुराई से किया है और इसका अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जैसे-जैसे पश्चिम और चीन के बीच दरारें गहरी होती जा रही हैं, वैश्विक खिलाड़ी अब भारत को एक संभावित निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।
हालांकि, इस सापेक्ष अच्छे प्रदर्शन से शालीनता नहीं आनी चाहिए। 2021-22 में भारत की 8.7% की ग्रोथ अच्छी है, लेकिन माइनस-6 की ग्रोथ के साथ 2020-21 में भारत दुनिया में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वालों में शामिल था। 6%। तो, 2021-22 में अधिकांश वृद्धि कुएं से बाहर निकलने की वृद्धि थी। 2020 से 2023 तक औसत वार्षिक वृद्धि 2.77% है, जो अतीत में भारत के प्रदर्शन से बहुत कम है और कई अन्य देशों से नीचे है।
लगातार कई वर्षों के धीमे विकास के बावजूद अर्थव्यवस्था की स्थिति आज एक प्रमुख चर्चा का विषय नहीं है।
क्या आप विस्तार से बता सकते हैं कि आर्थिक विकास क्यों मायने रखता है?
2016 से 2021 तक लगातार पांच वर्षों तक भारत की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की तुलना में धीमी गति से बढ़ी। मेरा मानना है कि विकास मायने रखता है, लेकिन मैं उन अर्थशास्त्रियों से सहमत नहीं हूं जो विकास को हाशिए पर धकेल देते हैं। गलती यह है कि विकास को अपने आप में एक अंत मान लिया जाए। इसका महत्व पूरी आबादी में भलाई फैलाने के एक साधन के रूप में है। दुर्भाग्य से, भारत में जो विकास हो रहा है, वह असमान रूप से शीर्ष-अंत में है। अमीर अमीर हो रहे हैं। हमारे पास पर्याप्त डेटा नहीं है लेकिन सभी संकेत हैं कि निम्न मध्य वर्ग नकारात्मक वृद्धि का सामना कर रहा है, जबकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि सकारात्मक है। भारत की युवा बेरोजगारी दर 28.3% है, जो अधिकांश पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तुलना में लगभग दोगुनी है। जाहिर है, बिना काम के इन युवाओं को देश की समग्र जीडीपी वृद्धि का हिस्सा नहीं मिल रहा है.......
#indian news#Indian Economy#Indian Budget#budget#budget 2023#1feb 2023#bjpindia#indian politics#nirmala sitharaman
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आरबीआई ने दरों में मामूली 0.35% से 6.25% की बढ़ोतरी की, धीमी मुद्रास्फीति का हवाला दिया
आरबीआई ने दरों में मामूली 0.35% से 6.25% की बढ़ोतरी की, धीमी मुद्रास्फीति का हवाला द��या
RBI मौद्रिक नीति: RBI ने रेपो दर बढ़ाकर 6.25% की भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी प्रमुख उधार दर को 35 आधार अंकों से अधिक मामूली 6.25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया, लगातार तीन 50-बीपीएस (आधार अंक) बढ़ने के बाद धीमी मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए कीमतों के दबाव को प्रबंधित करने के लिए जो लगातार इसके ऊपरी छोर से ऊपर बना हुआ है। लक्ष्य बैंड। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी), जो आरबीआई के तीन सदस्यों और तीन बाहरी…
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#आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक)#आरबीआई की दर में बढ़ोतरी की उम्मीद#आरबीआई की दर में वृद्धि#आरबीआई की मौद्रिक नीति सम���ति#आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास#आरबीआई दर#आरबीआई नीति घोषणा#आरबीआई मौद्रिक नीति#आरबीआई मौद्रिक नीति समिति लाइव#आरबीआई समिति#आर्थिक विकास#आर्थिक विकास प्रक्षेपण#बढ़ती महंगाई#भारत की अर्थव्यवस्था#भारत जीडीपी#भारतीय रिजर्व बैंक#मुद्रा स्फ़ीति#मुद्रास्फीति की उम्मीद#मुद्रास्फीति प्रक्षेपण#मौद्रिक नीति#रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास
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