#सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन
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हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक और हमारे देश के महान साहित्यकार पद्म भूषण डॉ. गोपाल दास नीरज जी की जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम "यह नीरज की प्रेम सभा है" का आयोजन दिनांक: 04 जनवरी 2025 (शनिवार), समय: साय��� 05:00 बजे से, स्थान: संत गाडगे प्रेक्षागृह, संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ मे किया जा रहा है |
इस सांस्कृतिक संध्या में बांसुरी वादन, नृत्य प्रस्तुति, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन होगा । कार्यक्रम की परिकल्पना श्री सर्वेश अस्थाना ने की है |
अध्यक्षता: आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त)
अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उत्तर प्रदेश |
मुख्य अतिथि: श्री दिनेश शर्मा जी, माननीय सांसद एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश |
विशिष्ट अतिथि: श्री पवन सिंह चौहान जी, माननीय सभापति, वित्तीय एवं प्रशासनिक विलंब समिति, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश, श्री मुकेश शर्मा जी, माननीय सदस्य, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश एवं श्री राजेश पाण्डेय जी, रिटायर्ड आई.पी.एस., नोडल अफसर, यूपीडा |
कार्यक्रम को गौरव प्रदान करेंगे श्री मिलन प्रभात 'गुंजन' (नीरज जी के पुत्र) एवं श्री पल्लव नीरज (नीरज जी के पौत्र) |
नीरज जन्मशती सम्मान से सम्मानित प्रबुद्धजन:
श्री उदय प्रताप सिंह, पूर्व सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान |
श्री हरिओम, IAS |
श्री आलोक राज, IPS |
श्री सूर्य पाल गंगवार, IAS |
श्री अखिलेश मिश्रा, IAS |
श्री पवन कुमार, IAS |
कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिष्ठित कवि:
डॉ. विष्णु सक्सेना, हाथरस |
डॉ. प्रवीण शुक्ल, दिल्ली |
श्री दिनेश रघुवंशी, फ़रीदाबाद |
डॉ. सोनरूपा विशाल, बदायु |
श्री बलराम श्रीवास्तव, मैनपुरी |
श्री यशपाल यश, फ़िरोज़ाबाद |
डॉ. राजीव राज, इटावा |
श्री सर्वेश अस्थाना, लखनऊ |
विशेष प्रस्तुतियां:
बांसुरी वादन: श्री राजीव वत्सल |
नृत्य प्रस्तुति: श्रीमती स्नेहा |
हम आपका सपरिवार सादर स्वागत करते हैं । आपके समय और सहयोग के लिए हम हार्दिक आभारी रहेंगे ।
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ताज महोत्सव-2025 हेतु कलाकारों का चयन, 04-05 जनवरी को होटल ग्राण्ड, आगरा में
ताज महोत्सव-2025 के आयोजन हेतु स्थानीय कलाकारों, उदघोषकों और अन्य प्रतिभाओं के चयन की प्रक्रिया 04 और 05 जनवरी 2025 को आगरा के होटल ग्राण्ड, आगरा कैन्ट में आयोजित की जाएगी। यह चयन प्रक्रिया प्रातः 10 बजे से लेकर सायं 5 बजे तक होगी। ताज महोत्सव समिति के सचिव ने जानकारी दी कि इस चयन परीक्षा में सांस्कृतिक कार्यक्रम, गायन, नृत्य, गजल, मिमिक्री आदि विभिन्न विधाओं में स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। इच्छुक कलाकारों को अपनी प्रस्तुत विधा के बारे में जानकारी के साथ प्रार्थना पत्र देना होगा, जिसमें नाम, पता और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी भी शामिल करनी होगी। सभी इच्छुक प्रतिभागियों को कार्यक्रम से पूर्व रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए प्रतिभागियों को ताज महोत्सव समिति के सचिव को सम्बोधित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस चयन प्रक्रिया के संबंध में अधिक जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन कार्यालय, 64 ताज रोड, आगरा पर किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क किया जा सकता है। ताज महोत्सव-2025 की तैयारियों के मद्देनज़र यह चयन परीक्षा आयोजन में कला और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्टता को पहचानने का एक महत्वपूर्ण कदम है। Read the full article
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Hindu Festival: PRATISHTHA DWADASHI (प्रतिष्ठा द्वादशी)
🚩जय श्री राम 🚩
#HinduFestival: Pratishtha Dwadashi (प्रतिष्ठा द्वादशी )
¶ प्रतिष्ठा द्वादशी कब और क्यों मनाया जाता है?
संतों से परामर्श के पश्चात यह तय किया गया कि जिस प्रकार सभी हिंदू उत्सव और पर्व हिंदी तिथि एवं पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं, उसी प्रकार प्रभु श्री रामलला सरकार की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को प्रति वर्ष पंचांग अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी अर्थात कूर्म द्वादशी को मना���ा जाए। इस तिथि को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में जाना जाए���ा।
¶ प्रतिष्ठा द्वादशी पर होने वाले कार्यक्रम:
इस वर्ष(2025), अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्री रामलला सरकार के श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगाँठ 11 जनवरी, 2025 को मनाई जाएगी। जिसमें निम्नलिखित कार्यक्रम होंगे:
1. यज्ञ मण्डप (मंदिर परिसर):
- शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों से अग्निहोत्र (सुबह 8-11 बजे और दोपहर 2-5 बजे)
- 6 लाख श्रीराम मंत्र जाप
- राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, आदि का पाठ
2. मंदिर भूतल पर कार्यक्रम:
- राग सेवा (3-5 बजे)
- बधाई गान (6-9 बजे)
3. यात्री सुविधा केंद्र के प्रथम तल पर:
- संगीतमय मानस पाठ
4. अंगद टीला:
- राम कथा (2-3:30 बजे)
- मानस प्रवचन (3:30-5 बजे)
- सांस्कृतिक कार्यक्रम (5:30-7:30 बजे)
- भगवान का प्रसाद वितरण (प्रातःकाल से)
अंगद टीला के आयोजन में सम्पूर्ण समाज आमंत्रित है|
🚩🚩🚩Jai Shree 🚩🚩🚩
¶ WHY IS PRATISHTHA DWADASHI CELEBRATED?
After consultation with the saints, it was decided that just as all Hindu festivals and celebrations are celebrated according to the Hindi date and calendar, similarly the anniversary of the Pran Pratishtha of Lord Shri Ramlala Sarkar should be celebrated every year on Paush Shukla Dwadashi i.e. Kurma Dwadashi according to the calendar. This date will be known as Pratishtha Dwadashi.
¶ EVENTS TO BE CELEBRATED DURING PRATISHTHA DWADASHI:
This year, the first anniversary of the consecration of the idol of Lord Shri Ram Lalla Sarkar at the Shri Ram Janmabhoomi temple in Ayodhya will be celebrated on January 11, 2025. The following events will take place:
1. Yagna Mandap (Temple premises):
- Agnihotra with mantras from Shukla Yajurveda (8-11 am and 2-5 pm)
- Chanting of 6 lakh Shriram Mantras
- Recitation of Ram Raksha Stotra, Hanuman Chalisa, etc.
2. Programs on the temple ground floor:
- Raag Seva (3-5 pm)
- Badhai Gaan (6-9 pm)
3. On the first floor of Yatri Suvidha Kendra:
- Musical Manas Paath
4. Angad Tila:
- Ram Katha (2-3:30 pm)
- Manas Pravachan (3:30-5 pm)
- Cultural program (5:30-7:30 pm)
- Distribution of Bhagwan's Prasad (from morning)
The entire society is invited to the event at Angad Tila.
Jai Shree Ram!!!
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धरोहर सेमिनार: हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | Dharohar Seminar: Our Heritage, Our Responsibility
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट को उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकिन आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए |
प्रोफेसर विभूति राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए कहा कि, लखनऊ विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है और करीब 20 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सभी शिक्षकों को लेकर हम लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ अनशन किया, प्रोटेस्ट मार्च नि��ाला और कुछ ऐतिहासिक ऐसे पत्र आदि मिल गए जिसके अनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम बदला नहीं जा सक�� |
डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ अमूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में डॉ शिखा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, स्वयंसेवकों व मीडिया कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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धरोहर | नाट्य मंचन काकोरी ट्रेन एक्शन | Dharohar | Stage Play Kakori Train Action
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्��िकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-��्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए ��ागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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बदरी केदार विकास समिति के वार्षिक बन्याथ का आयोजन; पहाड़ी संस्कृति, पंरपरा और गढ़भोज का होगा संगम, उभरते कलाकारों से होंग�� रूबरू
देहरादून। हर साल की तरह इस बार भी बदरी केदार विकास समिति वार्षिक बन्याथ कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। इस बार कार्यक्रम का आयोजन 12 जनवरी रविवार को सामुदायिक भवन डिफेंस कॉलोनी देहरादून में आयोजित होगा। जो कि देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही अन्य गतिविधियों और गढ़ भोज के साथ समापन होगा। बदरी केदार विकास समिति के अध्यक्ष विजय खाली ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी कि कार्यक्रम ठीक 2���
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राष्ट्र का गौरव हिंदी भाषा
दिनांक: 27.12.2024
आयोजक: कक्षा 3 से 5 के छात्र
प्लैटिनम वैली इंटरनेशनल स्कूल , सूर्य नगर गाजियाबाद में एक विशेष सभा का आयोजन किया गया। सभा का मुख्य उद्देश्य छात्रों को हिंदी भाषा के महत्व और उसकी गरिमा से परिचित कराना था।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानाचार्य जी के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने हिंदी को हमारी "राष्ट्रभाषा" के रूप में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके बाद छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक प्रस्तुतियां दीं।
मुख्य आकर्षण:
छात्रों ने हिंदी कवियों की रचनाओं का सुंदर पाठ किया।
छात्रों ने "हिंदी का महत्व" विषय पर एक प्रेरणादायक नाटक प्रस्तुत किया। इसमें दिखाया गया कि कैसे हिंदी हमारे देश को जोड़ने का कार्य करती है।
छात्रों ने "हिंदी: हमारी पहचान" विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उनकी प्रस्तुति में आत्मविश्वास और भाषा के प्रति प्रेम झलक रहा था।
बच्चों ने हिंदी भाषा के प्रति समर्पित एक समूह गीत और पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया।
सभा का समापन
सभा का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। छात्रों और शिक्षकों ने हिंदी भाषा को अपने जीवन में अधिक महत्व देने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक था, बल्कि उन्होंने अपनी सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व भी महसूस किया।
इस विशेष सभा ने छात्रों को हिंदी के महत्व को समझने और इसे गर्व से अपनाने की प्रेरणा दी।
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tata steel csr : टाटा स्टील यूआइएसएल ने कराया बहरागोड़ा स्कूल के छात्रों को कराया ओरिएंटेशन विजिट, बच्चे हुए प्रभावित
जमशेदपुर : टाटा स्टील यूआइएसएल ने पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन के सहयोग से नई शुरू की गई पहल “अन्वेषण” के तहत बहरागोड़ा के प्लस-2 हाई स्कूल के छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक ओरिएंटेशन विजिट का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 11 और 12 के सरकारी स्कूल के छात्रों को विभिन्न सांस्कृतिक, औद्योगिक, सामाजिक और खेल क्षेत्रों में प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है ताकि उन्हें प्रेरित, प्रोत्साहित और…
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राम मंदिर अयोध्या दर्शन और कुंभ मेला 2025 के लिए वाराणसी प्रयागराज अयोध्या टूर पैकेज – एक दिव्य आध्यात्मिक यात्रा
Varanasi, Prayagraj, and Ayodhya tour Package
भारत की पावन भूमि पर स्थित अयोध्या, भगवान श्रीराम की जन्मभूमि, सनातन संस्कृति और आस्था का प्रमुख केंद्र है। 2025 में कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा है, जो विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। इस दिव्य अवसर पर राम मंदिर दर्शन के साथ संगम स्नान का अनुभव और वाराणसी के पावन स्थलों का दर्शन एक अद्भुत यात्रा बन सकता है। यदि आप वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो हमारा Varanasi, Prayagraj, and Ayodhya tour Package आपके लिए एक संपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा।
वाराणसी: मोक्ष नगरी में दिव्य अनुभव
वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत की सबसे प्राचीन नगरी है। यहां के ��ावन घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा आरती हर भक्त को दिव्य शांति प्रदान करते हैं। Varanasi, Prayagraj, and Ayodhya tour Package के अंतर्गत:
काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन
गंगा आरती का दिव्य अनुभव
संकट मोचन हनुमान मंदिर और काल भैरव मंदिर के दर्शन
प्रयागराज: कुंभ मेला 2025 का दिव्य संगम स्नान
प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुंभ मेला 2025 विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होगा। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान करना अत्यंत पवित्र माना जाता है। Varanasi, Prayagraj, and Ayodhya tour Package के अंतर्गत कुंभ मेला दर्शन:
कुंभ मेले में संगम स्नान और पूजन
अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर दर्शन
इलाहाबाद किला और आनंद भवन का भ्रमण
महत्वपूर्ण स्नान तिथियाँ:
मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025)
मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025)
वसंत पंचमी (3 फरवरी 2025)
माघ पूर्णिमा (12 फरवरी 2025)
महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025)
अयोध्या: राम मंदिर दर्शन का दिव्य अनुभव
अयोध्या, भगवान श्रीराम की जन्मस्थली, आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। अब राम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है। Varanasi, Prayagraj, and Ayodhya tour Package में अयोध्या दर्शन के मुख्य आकर्षण:
राम जन्मभूमि मंदिर दर्शन
हनुमानगढ़ी और कनक भवन मंदिर दर्शन
सरयू नदी के पावन घाटों पर आरती और स्नान
वाराणसी प्रयागराज अयोध्या टूर पैकेज की विशेषताएँ
वाराणसी प्रयागराज अयोध्या टूर पैकेज आपको एक संगठित और यादगार यात्रा अनुभव प्रदान करता है:
कुंभ मेला विशेष दर्शन: संगम स्नान और कुंभ मेले के प्रमुख आयोजनों का हिस्सा बनने का अवसर।
संपूर्ण यात्रा व्यवस्था: परिवहन, ठहरने और भोजन की संपूर्ण सुविधा।
स्थानीय गाइड: धार्मिक स्थलों की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक जानकारी।
समय की बचत: संगठित कार्यक्रम के कारण यात्रा सहज और सुविधाजनक।
यात्रा का सही समय
कुंभ मेला 2025 जनवरी से मार्च 2025 तक आयोजित होगा। इस दौरान प्रयागराज में संगम स्नान का विशेष महत्व होगा। Varanasi, Prayagraj, and Ayodhya tour Package के माध्यम से आप इन दिव्य अवसरों का लाभ उठा सकते हैं और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
निष्कर्ष
Varanasi, Prayagraj, and Ayodhya tour Package के साथ कुंभ मेला 2025 का दिव्य अनुभव, राम मंदिर के दर्शन और वाराणसी व प्रयागराज के पवित्र स्थलों की यात्रा आपके जीवन को एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति प्रदान करेगी। इस पावन अवसर को यादगार बनाने के लिए आज ही सुगम यात्राा के साथ अपनी बुकिंग सुनिश्चित करें और आध्यात्मिक आनंद प्राप्त करें!
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Varanasi, Prayagraj, and Ayodhya tour Package
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हमें यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक और हमारे देश के महान साहित्यकार पद्म भूषण डॉ. गोपाल दास नीरज जी की जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम "यह नीरज की प्रेम सभा है" का आयोजन किया जा रहा है ।
कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है:
तारीख: 04 जनवरी 2025 (शनिवार)
समय: सायं 05:00 बजे
स्थान: संत गाडगे प्रेक्षागृह, संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ
इस सांस्कृतिक संध्या में बांसुरी वादन, नृत्य प्रस्तुति, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन होगा । कार्यक्रम की परिकल्पना श्री सर्वेश अस्थाना ने की है ।
कार्यक्रम को गौरव प्रदान करेंगे:
विशेष अतिथि:
श्री मिलन प्रभात 'गुंजन' (नीरज जी के पुत्र)
श्री पल्लव नीरज (नीरज जी के पौत्र)
कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिष्ठित कवि:
डॉ. विष्णु सक्सेना, हाथरस |
डॉ. प्रवीण शुक्ल, दिल्ली |
श्री दिनेश रघुवंशी, फ़रीदाबाद |
डॉ. सोनरूपा विशाल, बदायु |
श्री बलराम श्रीवास्तव, मैनपुरी |
श्री यशपाल यश, फ़िरोज़ाबाद |
डॉ. राजीव राज, इटावा |
श्री सर्वेश अस्थाना, लखनऊ |
नीरज जन्मशती सम्मान से सम्मानित प्रबुद्धजन:
श्री उदय प्रताप सिंह, पूर्व सांसद एवं पूर्व अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान |
श्री हरिओम, IAS
श्री आलोक राज, IPS
श्री सूर्य पाल गंगवार, IAS
श्री अखिलेश मिश्रा, IAS
श्री पवन कुमार, IAS
विशेष प्रस्तुतियां:
बांसुरी वादन: श्री राजीव वत्सल
नृत्य प्रस्तुति: श्रीमती स्नेहा
हम आपका सपरिवार सादर स्वागत करते हैं । आपके समय और सहयोग के लिए हम हार्दिक आभारी रहेंगे ।
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Dharohar | Vedaihi Ke Ram | Ministry of Culture | NCZCC | Help U Educational and Charitable Trust
लखनऊ, 28.04.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर "स्थापना दिवस कार्यक्रम" तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया |
"स्थापना दिवस कार्यक्रम" में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विवरण पुस्तिका का विमोचन किया गया | विवरण पुस्तिका में ट्रस्ट के विगत 11 वर्षों के कार्यों का विवरण उपलब्ध है |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों में ट्रस्ट को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली 7 विभूतियों का हेल्प यू सम्मान तथा वैश्विक महामारी कोरोना काल में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु 119 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया |
सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्माभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्माश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा वर्तमान संरक्षक पद्माश्री अनूप जलोटा की रचनाओं, गीतों, शायरी तथा भजनों की प्रस्तुति प्रदीप अली, आकांक्षा सिंह, मल्लिका शुक्ला ने की तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भाव नृत्य राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, की प्रस्तुति उर्मिला पाण्डेय ग्रुप द्वारा की गयी |
अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम
श्री राम तथा माता सीता इनके मिलन की ही गाथा है ये नृत्य नाटिका वैदेही के राम। प्रभु श्री राम जब महर्षि विश्वा��ित्र के साथ मिथिला नगरी पहुँचे और वहाँ की पुष्प वाटिका में देवी सीता और श्री राम एक दूसरे को देख मंत्र मुग्ध हो गए। अंततः प्रभु श्री राम ने स्वयंवर में रखे शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर राजकुमारी सीता से विवाह किया।
कलाकार - रॉनी सिंह, ज्योति शुक्ला, उर्मिला पांडेय, अपर्णा विजय, मलखान सिंह, मौसमी, दीपिका भट्ट एवम् शिल्पा |
सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया |
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date - 03 January 2025
Time 01.00 to 01.05 PM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक ०३ जानेवारी २०२५ दुपारी १.०० वा.
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स्त्री शिक्षणाच्या प्रणेत्या क्रांतिज्योती सावित्रीबाई फुले यांच्या जयंतीनिमित्त त्यांच्या स्मृतींना आज सर्वत्र अभिवादन करण्यात येत आहे. या निमित्तानं शैक्षणिक संस्थांसह विविध सामाजिक संस्था-संघटनांच्या वतीनं आदरांजलीपर विविध कार्यक्रमांचं आयोजन करण्यात आलं आहे.
पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी सावित्रीबाई फुले यांना अभिवादन केलं आहे. सावित्रीबाई महिला सक्षमीकरणाच्या जननी असून, शैक्षणिक आणि सामाजिक सुधारणा क्षेत्रातल्या अग्रणी आहेत. लोकांसाठी जीवनाचा दर्जा उत्तम ठेवण्यासाठी काम करताना सावित्रीबाईंचं कार्य सतत प्रेरणा देत असल्याचं, पंतप्रधानांनी सामाजिक माध्यमावरच्या संदेशात म्हटलं आहे.
सावित्रीबाई फुले यांच्या जयंतीनिमित्त त्यांचं जन्मगाव सातारा जिल्ह्यातल्या नायगाव इथं सावित्रीबाई जयंती सोहळा आयोजित करण्यात आला आहे. या सोहळ्यात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी सावित्रीबाई आणि ज्योतिबा फुले यांच्या पुतळ्यांना पुष्पहार अर्पण करुन अभिवादन केलं. यावेळी मंत्री अतुल सावे, पंकजा मुंडे, अदिती तटकरे आदी मान्यवर उपस्थित होते.
छत्रपती संभाजीनगर इथं औरंगपुरा परिसरात सावित्रीबाई आणि ज्योतिबा फुले यांच्या पूर्णाकृती पुतळ्याला पुष्पहार अर्पण करून अभिवादन करण्यासाठी सकाळपासूनच विविध पक्ष संघटनांचे पदाधिकारी तसंच नागरिकांची गर्दी दिसून येत आहे.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आज नवी दिल्ली इथं विविध विकास प्रकल्पांचं उद्घाटन आणि पायाभरणी करणार आहेत. यामध्ये अशोक विहार इथं झोपडपट्टीतल्या रहिवाशांसाठी बांधलेल्या सुमारे सतराशे सदनिकांचं उद्घाटन, दोन नगर पुनर्विकास योजना, द्वारका इथं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षण मंडळाच्या ��कीकृत कार्यालय परिसराचं उद्घाटन, दिल्ली विद्यापीठात तीन नवीन योजनांचा शुभारंभ आदी कार्यक्रमांचा समावेश आहे.
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परकीय गुंतवणुकीत महाराष्ट्र अग्रेसर असल्याचं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी म्हटलं आहे. सामाजिक माध्यमावरच्या संदेशात त्यांनी गेल्या पाच वर्षातली परकीय गुंतवणुकीची आकडेवारी प्रसिद्ध केली. चालू आर्थिक वर्षात एप्रिल ते सप्टेंबर या सहा महिन्याच्या काळात राज्यात एक लाख १३ हजार २३६ कोटी रुपयांची गुंतवणूक झाल्याचं त्यांनी सांगितलं. गेल्या चार वर्षांत सरासरी एक लाख १९ हजार ५५६ कोटी रुपये वार्षिक गुंतवणूक महाराष्ट्रात आली आहे. याचाच अर्थ संपूर्ण वर्षभराच्या ९४ पूर्णांक ७१ टक्के गुंतवणूक ही फक्त सहा महिन्यात आली असल्याचं मुख्यमंत्र्यांनी सांगितलं.
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राज्यातल्या वाळू माफियांना आळा घालण्यासाठी आणि गौण खनिजांच्या नियमनात अधिक कार्यक्षमतेसाठी महसूल विभागाने मोठा निर्णय घेतला आहे. महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे यांच्या नेतृत्वाखालील विभागाने आता गौण खनिजासंबंधीचे सर्व अधिकार थेट जिल्हाधिकाऱ्यांना प्रदान करण्याचा निर्णय घेतला आहे. यामुळे वाळू तस्करांवर कठोर कारवाई करता येईल, तसंच निसर्गाचा समतोल राखला जाईल, असं याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे. हा निर्णय तातडीने लागू करण्यात येणार आहे.
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नांदेड जिल्ह्यातल्या माळेगाव यात्रेत कालपासून शासकीय कार्यक्रमाला सुरुवात झाली. यात पशु प्रदर्शन आणि स्पर्धा तसंच कृषी प्रदर्शनासह विविध कार्यक्रमांचा समावेश आहे, परवा पाच तारखेपर्यंत या यात्रेत लोककला महोत्सव, आरोग्य शिबिर, बैलगाडा शर्यत, दुग्ध स्पर्धा, कुस्त्यांची दंगल यासारखे कार्यक्रम होणार आहे.
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परभणी इथं नगर विकास विभागाच्या जिल्हा क्रीडा आणि सांस्कृतिक महोत्सवाचं काल उद्घाटन झालं. प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी क्रीडा संकुलावर जिल्हाधिकारी रघुनाथ गावडे यांच्या अध्यक्षतेखाली परभणी महापालिकेचे आयुक्त धैर्यशील जाधव यांनी या महोत्सवाचं उद्घाटन केलं. अनेक अधिकारी कर्मचारी यावेळी उपस्थित होते.
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मुंबई - गोवा महामार्गावर रायगड जिल्ह्यात आज पहाटे झालेल्या भीषण अपघातात चार जणांचा मृत्यू झाला, तर तीन जण गंभीर जखमी झाले. मुंबईकडे जाणारी स्कॉर्पिओ गाडी रस्त्याच्या कडेला उभी असताना पाठीमागून आलेल्या टोईंग गाडीने कारला धडक देऊन हा अपघात झाला. मृत सर्वजण महाडचे रहिवासी असल्याचं आ��च्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
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नांदेड रेल्वे विभागातल्या रांजणी आणि कोडी दरम्यान आजपासून नऊ तारखेपर्यंत चार तासांचा लाईन ब्लॉक घेण्यात येणार आहे. या पार्श्वभूमीवर धर्माबाद-मनमाड मराठवाडा एक्सप्रेस धर्माबाद ते नांदेड दरम्यान अंशतः रद्द करण्यात आली असून, काही रेल्वे गाड्या उशिरा धावणार आहेत. दक्षिण मध्य रेल्वेच्या विभागीय कार्यालयाकडून ही माहिती देण्यात आली.
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दरम्यान, उत्तरेकडील भागात दाट धुक्यामुळे दृश्यमानता कमी झाल्याने दिल्लीहून जाणाऱ्या २४ गाड्या पाच तास उशिराने धावणार आहेत. यामध्ये गोरखधाम एक्सप्रेस, फरक्का, कालिंदी, महाबोधी, मालवा, अयोध्या एक्सप्रेस यांचा समावेश आहे.
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सिडनी इथं सुरु असलेल्या बॉर्डर गावस्कर मालिकेतल्या पाचव्या आणि अंतिम कसोटी क्रिकेट मध्ये आज पहिल्या दिवसअखेर यजमान संघानं एक बाद नऊ धावा केल्या असून, हा संघ १७६ धावांनी पिछाडीवर आहे. दरम्यान, या कसोटीत भारताने नाणेफेक जिंकून प्रथम फलंदाजीचा निर्णय घेतला, पण संघाची कामगिरी निराशाजनक झाली. भारताचा पहिला डाव १८५ धावांवर संपुष्टात आला. ॠषभ पंतने सर्वाधिक ४० धावा केल्या. रविंद्र जडेजानं २६, जसप्रित बुमराहनं २२, तर शुभमन गीलने २० धावा केल्या आहेत.
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Dharohar | Stage Play Kakori Train Action | धरोहर | काकोरी ट्रेन एक्शन | Harsh Vardhan Agarwal
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज���य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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धरोहर | नाट्य मंचन काकोरी ट्रेन एक्शन | Dharohar | Stage Play Kakori Train Action
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नई टिहरी का सात दिवसीय एनएसएस शिविर हुआ शुरू, उद्घाटन समारोह में बच्चों ने दी शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नई टिहरी का सात दिवसीय एनएसएस शिविर हुआ शुरू, उद्घाटन समारोह में बच्चों ने दी शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां नई टिहरी, सो.ला.सकलानी ‘निशांत’: सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नई टिहरी का सात दिवसीय विशेष राष्ट्रीय सेवा योजना कैंप का आज बौराड़ी में उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पर स्वयं सेवक बच्चों के द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दीप…
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तुलसी दिवस सनातन धर्म में एक पवित्र पौधा
तुलसी दिवस सनातन धर्म के लिए एक असाधारण आयोजन है और यह दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा बहुत ही निष्ठा और ईमानदारी से मनाए जाने वाले अवसरों में से एक है। यह तुलसी के पौधे के बारे में जानकारी देता है, जो इसके आध्यात्मिक, औषधीय और पर्यावरणीय महत्व का प्रतीक है। यह पवित्र पौधे तुलसी को समर्पित एक दिन है, जिसे पवित्र तुलसी भी कहा जाता है, जिसका हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है-जो पर्यावरण को शुद्ध करने वाला है। वर्ष 2025 के लिए तुलसी दिवस 25 दिसंबर को मनाया जाएगा। यह केवल अनुष्ठानों के लिए नहीं बल्कि प्रकृति और आध्यात्मिक मूल्यों के साथ फिर से जुड़ने के लिए है। तुलसी दिवस के पालन में अधिकतम भागीदारी के लिए काम करने वाला एक ऐसा संगठन है पारस परिवार, जो महंत श्री पारस भाई जी के मार्गदर्शन में है।
सनातन धर्म में तुलसी का अर्थ
तुलसी शब्द सनातन धर्म के साथ “जड़ी-बूटियों की रानी” के रूप में बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है। मान्यता के अनुसार, तुलसी के पौधे को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का सांसारिक रूप माना जाता है। प्राचीन हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि घर में तुलसी का पौधा लगाने और उसे पोषित करने से समृद्धि, शांति और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में तुलसी की प्रतिदिन पूजा करना एक सामान्य घरेलू प्रथा है, जिसमें विभिन्न धार्मिक समारोहों जैसे देवताओं को अर्पित करने में इसके पत्तों का उपयोग किया जाता है।
तुलसी का आध्यात्मिक अर्थ बहुत बड़ा है। इसका सबसे विस्तृत उल्लेख करने वाले श्लोक हैं: भागवत पुराण, पद्म पुराण और विष्णु पुराण। ये सभी इसके दिव्य गुणों के बारे में बात करते हैं, जो मन और आत्मा की सफाई के बीच समान हैं। भक्त इस दिन पौधे के लिए विशेष प्रार्थना और अनुष्ठान करने के लिए इच्छुक होते हैं और इसके माध्यम से आशीर्वाद मांगते हैं। यह गतिविधि सनातन धर्म के वास्तविक चरित्र का प्रतिनिधित्व करती है जो उपदेश देती है कि सभी जीव परस्पर जुड़े हुए हैं, जैसा कि पर्यावरण के मामले में है।
तुलसी दिवस कैसे मनाया जाता है?
तुलसी दिवस के नाम से प्रसिद्ध यह दिन कार्तिक महीने की एकादशी को मनाया जाता है। यह उस दिन किए जाने वाले अनुष्ठानों और समारोहों का एक हिस्सा है। कई भक्तों के अनुसार, वे सुबह बहुत जल्दी उठते हैं, तुलसी के पौधे को नहलाते हैं और उसे फूलों और सिंदूर से सजाते हैं। देवी तुलसी के लिए भगवान के हस्तक्षेप में छंद और मंत्रों का जाप करते हुए एक विशेष पूजा की जाती है। कई घरों में, इस दिन को ‘तुलसी विवाह’ के साथ भी मनाया जाता है, जिसे शालिग्राम पत्थर द्वारा दर्शाए गए भगवान विष्णु के साथ तुलसी का विवाह माना जाता है।
हालांकि इनमें से अधिकांश समारोह सामुदायिक स्तर पर आयोजित किए जाते हैं, लेकिन पारस परिवार जैसे संगठन तुलसी दिवस के उत्सव में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। महंत श्री पारस भाई जी की शिक्षाओं के मार्गदर्शन में, यह संस्थान लोगों को तुलसी की आध्यात्मिक और साथ ही पारिस्थितिक प्रासंगिकता के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करता है। ऐसे आयोजनों में आमतौर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, पर्यावरण जागरूकता गतिविधियाँ और तुलसी के पौधे चढ़ाकर उसे उगाने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल होता है।
तुलसी दिवस के लिए महंत श्री पारस भाई जी का दृष्टिकोण
हिंदू धर्म के एक सम्मानित आध्यात्मिक नेता के रूप में प्रसिद्ध महंत श्री पारस भाई जी ने अपनी शिक्षाओं और नवाचारों के माध्यम से सनातन धर्म की पुरानी परंपराओं को पुनर्जीवित किया। उन्होंने तुलसी दिवस के बड़े पैमाने पर प्रचार के लिए काम किया, जो हिंदू धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के लिए उनकी दृढ़ता को दर्शाता है। महंत के मार्गदर्शन में, पारस परिवार ने युवा पीढ़ी को तुलसी के महत्व और पारिस्थितिकी में इसके योगदान को समझाने के लिए महान कार्य किए।
पारस परिवार सनातन धर्म का योगदान
इस प्रकार पारस परिवार सनातन धर्म और हिंदू धर्म की शिक्षाओं के प्रसार के लिए एक प्रमुख प्रचारक संस्था के रूप में उभरता हुआ प्रतीत होता है। तुलसी दिवस जैसे आयोजन व्यक्ति और उसकी संस्कृति के बीच के बंधन को और मजबूत करते हैं। महंत श्री पारस भाई जी के नेतृत्व में संगठन द्वारा किए गए इन प्रयासों ने कई अनिर्णायक व्यक्तियों को अपने दैनिक कार्यों में स्थायी प्रथाओं का प्रचार जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया है।
यह केवल एक त्यौहार नहीं है, बल्कि जीवन भक्ति और पर्यावरण सद्भाव का उत्सव है। सनातन धर्म ने इस दिन को आध्यात्मिक और पर्यावरणीय आयाम के रूप में तुलसी के स्थान को ध्यान में रखते हुए मनाया है। पारस परिवार ने इस समय महंत श्री पारस भाई जी के आशीर्वाद से इस उत्सव को नया अर्थ दिया है।
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