#सांसद निधि फंड
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राज्य सरकार प्रदेश में खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। इसी क्रम में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम योजना के तहत स्टेडियम निर्माण के लिए राज्यांश के रूप में 1 करोड़ 85 लाख रूपए प्रदान करने की मंजूरी दी है।
प्रस्ताव के अनुसार, राजगढ़ (चुरू) में स्टेडियम निर्माण के लिए 1 करोड़ रूपए, लाडनू (नागौर), पीपल्दा (कोटा), सुल्तानपुर (कोटा) में स्टेडियम निर्माण के लिए 25-25 लाख रूपए तथा चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर) में स्टेडियम निर्माण के लिए 10 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। स्टेडियम निर्माण से प्रदेश के खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास के लिए स्थानीय स्तर पर ही बेहतर खेल सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 के बजट में मेजर ध्यानचंद योजना के तहत ब्लॉक स्तर पर स्टेडियम निर्माण की घोषणा की थी। योजना के तहत विभिन्न स्थानों पर स्टेडियम निर्माण के लिए सांसद अथवा विधायक निधि, जनप्रतिनिधि, जन सहयोग, स्थानीय निकाय या सीएसआर फंड से प्राप्त राशि के बराबर अंशदान राशि राज्यांश के रूप में दिए जाने का प्रावधान किया गया था।
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क्या कोरोना की तीसरी लहर में भी काम में आएंगे दूसरी लहर वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर? जानें एक्सपर्ट की राय
क्या कोरोना की तीसरी लहर में भी काम में आएंगे दूसरी लहर वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर? जानें एक्सपर्ट की राय
नई दिल्ली. कोरोना की दूसरी लहर में पीक के दौरान अस्पतालों (Hospitals) को जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) मिले थे, उसको लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. 24 घंटे पहले ही राजस्थान के गंगापुर में एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर फट जाने से पत्नी की मौत हो गई है तो पति जिंदगी और मौत से अभी भी अस्पताल में जूझ रहा है. अगर बात दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की करें तो यहां के सरकारी अस्पतालों को मिले ज्यादातर…
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#10 एलपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर#5 एलपीएम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की क्यों किसी काम के नहीं#COVID 19#covid 19 second wave#covid-19 third wave#delhi-ncr news#Hospital#hospitals in delhi-ncr#oxygen concentrator#oxygen concentrator 10 Litres Per Minute#oxygen concentrator 5 Litres Per Minute#Oxygen supply#अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी#ऑक्सीजन कंसंट्रेटर#ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर#कोरोना की दूसरी लहर#विधायक निघि फंड#सांसद निधि फंड
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MPLADS : सांसद दो साल तक अपने फंड का इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे
MPLADS फंड रोक दिया गया है। केंद्र सरकार ने सोमवार को कोरोना से लड़ने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने भारत में कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए सांसदों को मिलने वाले MPLADS फंड को दो साल के लिए अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी। अब दो साल के लिए इस MPLADS फंड के 7900 करोड़ रुपये…
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विधायक निधि का समायोजन एमपी फंड में, संघ देव की शिकायत पर जांच, डीएसओ निलंबित | विधायक निधि का एमपी फंड में समायोजन संघ देव की शिकायत पर जांच, डीएसओ निलंबित
विधायक निधि का समायोजन एमपी फंड में, संघ देव की शिकायत पर जांच, डीएसओ निलंबित | विधायक निधि का एमपी फंड में समायोजन संघ देव की शिकायत पर जांच, डीएसओ निलंबित
रायपुर / अंबिकापुर24 मिनट पहले लिंक की प्रतिलिपि करें जिला सांख्यिकी अधिकारी एसके तुर्की को कलेक्टर सरगोजा ने सांसद निधि से राशि लेने के बदले विधायक निधि जारी करने पर निलंबित कर दिया है। मामला 2014 से 2020 का है। उस समय सिंह देव पहले विधायक बने, फिर स्वास्थ्य मंत्री। उ�� पांच वर्षों में सांसद निधि से 25 करोड़ रुपये स्वीकृत होने थे, लेकिन जिला सांख्यिकी कार्यालय ने 32 करोड़ रुपये स्वीकृत किए।…
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सोनिया गांधी ने सांसद निधि से रायबरेली को दिये 1.17 करोड़ रुपए, कहा- हमें अपनी जनता की फिक्र [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
सोनिया गांधी ने सांसद निधि से रायबरेली को दिये 1.17 करोड़ रुपए, कहा- हमें अपनी जनता की फिक्र [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
अभिषेक गुप्तापत्रिका न्यूज नेटवर्कलखनऊ/रायबरेली. योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने वित्त वर्ष 2021-22 की विधायक निधि की पहली किस्त का सामूहिक आवंट 12 अप्रेल को कर दिया। सभी जिलों में ग्राम्य विकास विभाग का विधायक निधि के आवंटन का पत्र भी पहुंच गया। लेकिन, विधायकों ने अपने फंड का इस्तेमाल कोरोना काल (Corona Pandemic) की इस संकट में भी करना उचित नहीं समझा। जनता को जब उनके चुने…
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कोरोना संकट के बीच सरकार का फैसला- जुलाई 2021 तक केंद्रीय कर्मचारियों के DA पर रोक
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कोरोना संकट के बीच सरकार का फैसला- जुलाई 2021 तक केंद्रीय कर्मचारियों के DA पर रोक
कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
जुलाई 2021 तक डीए के भुगतान पर रोक
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों पर आदेश लागू
देश में कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा असर पड़ा है. इस बीच गुरुवार को भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है. फैसले के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले डीए यानी महंगाई भत्ते बढ़ोतरी पर रोक लगा दी गई है. ये रोक एक जुलाई 2021 तक जारी रहेगी.
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार, कोरोना वायरस के संकट की वजह से 1 जनवरी, 2020 के बाद से केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनधारी को मिलने वाली डीए की राशि नहीं दी जाएगी. वहीं, 1 जुलाई 2020 से जो एडिशनल डीए मिलना था उसको भी नहीं दिया जाएगा.
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अब इसके आगे डीए देने का फैसला कब किया जाएगा, ये 1 जुलाई 2021 को साफ होगा. ये आदेश केंद्रीय कर्मचारी और केंद्र सरकार द्वारा पेंशन पाने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा.
गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से केंद्र सरकार की ओर से कई तरह की योजनाओं में कटौती की जा रही है. इससे पहले गुरुवार को ही रक्षा बजट में कटौती की बात सामने आई है, जहां पर नए प्रोजेक्ट्स की खरीद को कुछ वक्त के लिए रोकने की बात कही गई है. इस फैसले का असर राफेल विमान, एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर भी पड़ सकता है.
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इससे पहले भारत सरकार ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सांसद, मंत्रियों की सैलरी में तीस फीसदी तक की कटौती का ऐलान किया था. इतना ही नहीं, सांसद निधि फंड को भी दो साल के लिए निरस्त कर दिया गया था.
बता दें कि कोरोना वायरस के संकट की वजह से देश में 40 दिनों का लॉकडाउन लागू है. जिसके कारण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट है, सबकुछ बंद है. इसका सीधा असर जीडीपी और रेवन्यू पर भी पड़ता दिख रहा है.
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Coronavirus Outbreak in India Jobs State-Wise LIVE News Updates, Sarkari Naukri Result 2020, COVID-19 Tracker India Live: Salary cuts of these government employees, know whose salary is going to be cut – Coronavirus Outbreak in India Jobs: इन सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती, जानिए किसकी कितनी कटने वाली है सैलरी Coronavirus Outbreak in India Jobs: दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। इसका सीधा असर अब नौकरीपेशा लोगों की जिंदगी पर पड़ने लगा है। यह असर सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की नौकरी करने वाले लोगों पर हो रहा है। केंद्र सरकार ने सांसदों की सैलरी में कटौती कर दी है। इसके अलावा सांसदों को मिलने वाली सांसद निधि को भी रोक दिया गया है। ऐसा ही कदम उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड की राज्य सरकारों ने भी उठाया है। इन राज्यों में भी सांसदों की सैलरी में कटौती की गई है और विधायक निधि फंड को रोकने का फैसला किया गया है।
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459 mp's not keen to donate 1 crore rupees in pm cares fund to fight against corona virus - PM-CARES फंड में कोरोना संकट के लिए डोनेट करने को तैयार नहीं 459 सांसद? लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर ने की थी अपील
459 mp’s not keen to donate 1 crore rupees in pm cares fund to fight against corona virus – PM-CARES फंड में कोरोना संकट के लिए डोनेट करने को तैयार नहीं 459 सांसद? लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर ने की थी अपील
कोरोना संकट से निपटने के लिए राज्यसभा के स्पीकर वेंकैया नायडू और लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने सांसदों से अपनी निधि से 1 करोड़ रुपये PM-CARES फंड में डोनेट करने की अपील की थी। हालांकि 31 मार्च, 2020 तक 779 निर्वाचित सांसदों में से सिर्फ 320 ने ��ी सहमति दी है यानी कुल 459 सांसदों के डोनेशन का इंतजार है। राज्यसभा और लोकसभा के स्पीकरों ने सांसदों से अपनी एक महीने की सैलरी भी डोनेट करने की अपील की…
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कोरोना से लड़ाई के लिए एमपी फंड की अनुमति दिलाने के लिए डॉ जायसवाल की जनता आभारी: राजीव रंजन पटना: कोरोना के साथ चल रही लड़ाई में, सांसदों द्वारा दिए जा रहे योगदान की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा “ कोरोना से लड़ने में मास्क, दवाओं, सैनिटाइजर या अन्य आवश्यक उपकरणों की कोई कमी न हो, इसके लिए बिहार के सांसदों द्वारा अपनी सांसद निधि से दिया जा रहा योगदान अभूतपूर्व है.
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गलती से अकाउंट में आए 40 लाख से खरीदी प्रॉपर्टी और कराई बेटी की शादी, मिली 3 साल जेल की सजा
चैतन्य भारत न्यूज तिरुपुर. एक दंपत्ति के बैंक अकाउंट में गलती से 40 लाख रुपए आ गए। इस रकम से उन्होंने प्रॉपर्टी तो खरीदी ही और साथ ही अपनी बेटी की धूमधाम से शादी भी कराई। लेकिन इस रकम को खर्च करना उन्हें महंगा पड़ गया और कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुना दी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); यह मामला साल 2012 का है। तमिलनाडु के तिरुपुर में रहने वाले बीमा एजेंट वी गुनसेकरन के बैंक अकाउंट में गलती से 40 लाख रुपए आ गए थे। दरअसल, यह रकम सांसद और विधायक निधि के तहत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को दी जानी थी। इसे नागरिक कार्यों पर खर्च करना था। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता की जगह गलती से गुनसेकरन का अकाउंट नंबर लिख दिया था। अधिशाषी अभियंता का अकाउंट तिरुपुर के कॉ��्पोरेशन बैंक की उसी मुख्य शाखा में है जिसमें गुनसेकरन का भी अकाउंट है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को 8 महीने तक यह पता नहीं चला कि इतनी रकम किसी और के अकाउंट में जमा हो गई है। जब उन्हें बाद में यह अहसास हुआ कि फंड उनके अकाउंट में अब तक नहीं पहुंचा तो उन्होंने बैंक अधिकारियों से संपर्क किया। गड़बड़ी सामने आने के बाद बैंक अधिकारियों ने गुनसेकरन का अकाउंट चेक किया, तब उन्हें पता चला कि रकम जमा होने के कुछ दिनों के अंदर ही उसे निकाल लिया गया है। फिर अधिकारियों ने गुनसेकरन से रुपए वापस करने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं कर सके। साल 2015 में सहायक महाप्रबंधक नरसिंह गिरी ने तिरुपुर शहर के केंद्रीय क्राइम ब्रांच में गुनसेकरन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। फ��र पुलिस ने गुनसेकरन और उसकी पत्नी के खिलाफ धारा 403 (बेईमानी से किसी चल संपत्ति का दुरुपयोग करना) और 120 बी (अपराध को अंजाम देने के लिए साझा साजिश) के तहत मामला दर्ज किया। Read the full article
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इंडियनऑयल ने स्वच्छ गंगा कोष में 34 करोड़ रुपये का दिया योगदान हरिद्वार हर की पौड़ी घाट के पुन: विकास के लिए दिया धन देवभूमि मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : इंडियन ऑयल ने अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी कमिटमेंट के हिस्से के रूप में स्वच्छ गंगा फंड में 34 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। नई दिल्ली में इन्दिअल आयल के कार्यकारी निदेशक, UPSO-II श्री विनय मिश्रा ने केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प, सड़क परिवहन राजमार्ग और शिपिंग श्री नितिन गडकरी को 34 करोड़ रुपये का चेक सौंपा। इस अवसर पर श्री अरुण जेटली, माननीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान, माननीय मंत्री, पीएंडएनजी & एसडी एंड ई, डॉ सत्यपाल सिंह, राज्य मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प, सड़क परिवहन राजमार्ग और शिपिंग, श्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्य मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प और संसदीय कार्य, श्रीमती सी. मैरी कॉम, माननीय सांसद, श्रीमती हेमा मालिनी, माननीय सांसद मथुरा, श्री प्रसून जोशी, अध्यक्ष, सीबीएफ़सी भी उपस्थित थे इंडियन ऑयल द्वारा योगदान किए गए धन का उपयोग उत्तराखंड में हर की पौड़ी के पुन: विकास के लिए किया जाएगा। हरिद्वार में गंगा के त�� पर यह प्रसिद्ध घाट एक प्रमुख पर्यटन और तीर्थयात्रा स्थल है जहां लगभग 1.2 करोड़ हर वर्ष आते है। इस पवित्र घाट के पुनर्विकास के लिए इंडियन ऑयल का यह सहयोग स्वच्छ गंगा का सपना साकार करने में मदद करेगा और हर साल हर की पौड़ी पर आने वाले करोड़ों लोगों को कई सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी । इंडियनऑयल द्वारा योगदान किए गए धन से उत्तराखंड में हर की पौड़ी घाट को घाट के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ पार्किंग क्षेत्र, जल निकासी प्रणाली, भूनिर्माण, सौर ऊर्जा संचालित प्रकाश व्यवस्था, कल्चर कियोस्क और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाएगी | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और इंडियन ऑयल के लिए यह सौभाग्य की बात है कि गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए इस तरह के पवित्र मिशन के साथ जुड़ रहे है | इस आयोजन के दौरान, श्री प्रधान ने स्वच्छ गंगा कोष में 1 लाख रुपये का व्यक्तिगत योगदान दिया और निधि में योगदान देकर नमामि गंगे मिशन का पूरे दिल से समर्थन करने का आग्रह किया।
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उप्र ऑक्सीजन निर्भरता की ओर अग्रसर, 72 नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू Divya Sandesh
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उप्र ऑक्सीजन निर्भरता की ओर अग्रसर, 72 नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए बड़ी पहल की है। प्रदेश में 416 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किये गए हैं, जिनमें 344 ऑक्सीजन प्लांट पर काम चल रहा है। हाल ही में विभिन्न स्थानों पर 72 नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू किये जा चुके हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने रविवार को बताया कि प्रदेश में जल्द ही ऑक्सीजन उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होने लगेगा। इसके लिए यद्ध स्तर पर कार्य योजना बनाकर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 25 ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत हैं। पीएम केयर फंड से 37 नए ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं, जिसमें से 14 लग गए हैं और तीन पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 64 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें छह शुरू हो गए हैं और 58 पर कार्य चल रहा है। चीनी मिलों और आबकारी विभाग की ओर से 80, सांसद और विधायक निधि से 90 ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं, जिनमें से आठ शुरू हो गए हैं और 82 पर काम चल रहा है। इसके अलावा सीएसआर फंड से 120 प्लांट लग रहे हैं, जिसमें 18 लग चुके हैं।
निजी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन प्लांट हुए शुरू प्रमुख सचिव ने जानकारी दी कि निजी मेडिकल कॉलेजों में 12 नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू हुए हैं। इनमें रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज बरेली में दो, नरायणा मेडिकल कॉलेज कानपुर में दो, हिंद बाराबंकी में एक, हिंद सीतापुर में एक, मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में दो, सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ में एक, एनसीआर आईएमएस मेरठ में एक, वेंकटेश्वरा मेडिकल कॉलेज अमरोहा में दो नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो चुके हैं।
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सहारनपुर में दो और सैफई में एक नया प्लांट हुआ शुरू उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की सहायता से दो ऑक्सीजन प्लांट राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर और स्वशासी राज्य चिकित्सा महा��िद्यालय में अब तक संचालित हो चुके हैं। एक नया प्लांट राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में क्रियाशील कराया गया है। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन और बदायूं में राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय शाहजहांपुर, देवरिया में कारपोरेट फंड से उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका स्थापना का कार्य चल रहा है।
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निजी मेडिकल कॉलेजों को 50 फीसदी ब्याज रहित धनराशि देने का प्रस्ताव उन्होंने बताया कि जेनरेटर प्लान्ट की स्थापना के लिए सरकार ने निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों को प्लांट की लागत का 50 प्रतिशत ब्याज रहित धनराशि उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव दिया है। इसका समायोजन कोविड-19 के उपचार के बाद संबंधित निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों को मिलने वाली धनराशि से किया जाएगा। आलोक कुमार ने बताया कि 48 ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 16 ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट, राज्य सरकार की ओर से 24 प्लांट, विधायक निधि से एक प्लांट और कारपोरेट संस्थानों की ओर से सात प्लांट लगाए जा रहे हैं। राजकीय क्षेत्र सभी चिकित्सा संस्थाओं में अनवरत रूप ऑक्सीजन जेनरेटर प्लान्ट की स्थापना एवं क्रियाशील करने की प्रक्रिया चल रही है। जुलाई माह के अंतिम सप्ताह से अगस्त माह के प्रथम सप्ताह तक सभी प्लांट चालू हो जाने की सम्भावना है।
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(शिवानी चतुर्वेदी) तमिलनाडु के पुडुककोटाई जिले का अथानाकोटाई गांव। यहां बच्चे ऑनलाइन पढ़ते हैं। इन्हें स्थानीय भाषा में तैयार किए रिकॉर्डेड वीडियो से पढ़ाया जाता है। यहां के किसान अपनी फसल की प्रोेसेसिंग कर बेचते हैं। यानी टमाटर या मूंगफली बेचने की जगह केचअप और मूंगफली का बटर बनाकर बेचते हैं। गांव में स्वच्छता की अलख जगाने के लिए प्रतियोगिताएं होती हैं।
गांव की महिलाएं घर-घर में कुटीर उद्योग चलाती हैं और शराबबंदी के लिए कैंपेन चलाती हैं। दरअसल अहमदाबाद की ग्लोबल नेटवर्क फर्म ने अमेरिका में रह रहे भारतीय की मदद से 19 राज्यों के 62 गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए गोद लिया है। फर्म के सीईओ जगत शाह बताते हैं कि हमने 1000 दिन में गांवों को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य रखा था। अगस्त 2017 में 5 हजार से कम आबादी वाले गांवों को गोद लिया।
जून 2018 में काम शुरू हो सका। तब से लेकर अब तक करीब 44 गांवों में 80% काम पूरा हो चुका है। एक गांव पर 10 लाख रुपए से लेकर 8 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इस गांवों को गोद लेने के लिए एनआरआई को जोड़ने का आइडिया कैसे आया। इस पर शाह बताते हैं कि उन्होंने अपने बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका के 35 शहरों का दौरा किया था।
करीब 1500 भारतीयों से मुलाकात हुई। मैंने महसूस किया कि ये लोग अपने गांव से का��ी भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं। जब मैंने गांवों को स्मार्ट बनाने का आइडिया रखा तो कई लोग आगे आए। उनकी टीम किस तरह काम करती है। इस पर शाह कहते हैं जो एनआरआई गांव को गोद लेता है, उसे तीन दिन के लिए गांव में रहना होता है।
हम पंचायत के लोगों के साथ मिलकर बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों से मिलते हैं। उनकी समस्याओं को नोट करते हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए कार्ययोजना बनाते हैं। इसे लागू करने के लिए गांव के युवाओं की टोली बनाते हैं। इन्हें कम्यूनिकेशन की ट्रेनिंग देते हैं ताकि ये लोग स्थानीय अधिकारियों के सामने अपनी बात बेहतर तरीके से रख सकें। इन्हें 10 हजार रुपए महीने वेतन भी दिया जाता है।
गांव के विकास के लिए सीएसआर फंडिंग, केंद्र-राज्य की योजनाओं, पंचायत फंड, सांसद और विधायक निधि से किया जाता है। हर तीन महीने में विकास कार्यों को मूल्यांकन किया जाता है। शाह बताते हैं कि समस्या का समाधान होने के बाद कुछ नए मुद्दे आ जाते हैं। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि गांव बदल जाएंगे और रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेंगे, पलायन भी रुकेगा।
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स्वच्छता के प्रति लोगों को ज��गरूक करने के लिए प्रतियोगिताएं हो रहीं हैं।
from Dainik Bhaskar /national/news/indians-living-in-america-adopted-62-villages-now-children-are-studying-online-farmers-are-making-profits-by-processing-their-crops-127717750.html via IFTTT
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कोरोना इफेक्ट: अब केरल में भी प्रतिनिधियों की सैलरी में 30 फीसदी कटौती का आदेश
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कोरोना इफेक्ट: अब केरल में भी प्रतिनिधियों की सैलरी में 30 फीसदी कटौती का आदेश
कोरोना संकट पर सैलरी पर असर
केरल में MLA की तन्ख्वाह कटौती का ऐलान
कोरोना वायरस के असर के कारण देश के आर्थिक हालात पर काफी गहरा असर पड़ा है. प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी रेवेन्यू भी लगभग थम सा गया है. इस बीच कई राज्य सरकारों की तरह केरल सरकार ने भी मंत्रियों, विधायकों और अन्य प्रतिनिधियों का सैलरी में कटौती का फैसला किया है. सभी की सैलरी में एक साल तक 30 फीसदी प्रति महीने के हिसाब से कटौती की जाएगी.
केरल सरकार के मुताबिक, अगले एक साल तक मंत्री, विधायक, सरकारी बोर्ड के मेंबर, सदस्य की तन्ख्वाह में तीस फीसदी की कटौती होगी. ये आदेश अगले एक साल से लागू होगा, जो कि कोरोना वायरस के कहर की वजह से लिया गया है.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
इनके अलावा अगले 5 महीने के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों की 6 दिन की सैलरी का पैसा काटा गया है, ये सभी मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगा. हालांकि, जिन सरकारी कर्मचारियों की सैलरी 20 हजार रुपये प्रति महीने से कम है उन्हें इससे छूट दी गई है.
गौरतलब है कि केरल ऐसा पहला राज्य नहीं है, जिसने ये फैसला किया हो. इससे पहले आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्य इस तरह का फैसला कर चुके हैं.
कोरोना कमांड���ज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें…
केंद्र सरकार की ओर से भी सांसदों, मंत्रियों, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तन्ख्वाह में 30 फीसदी की कटौती की गई थी. जबकि सांसद निधि के फंड अगले दो साल के लिए बंद कर दिया गया था, इस सभी राशि का इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में करने की बात कही गई.
अबतक हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अब केरल अपने यहां जनप्रतिनिधियों की सैलरी में कटौती का ऐलान कर चुके हैं. अधिकतर राज्यों ने तीस फीसदी कटौती का ही ऐलान किया है.
बता दें कि कोरोना वायरस के संकट की वजह से देश में 40 दिनों का लॉकडाउन है, पहला लॉकडाउन 21 दिनों तक चला और दूसरा 19 दिनों तक चलेगा. ऐसे में सबकुछ बंद होने के कारण कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. ना ही फैक्ट्रियां चल रही हैं और ना ही कोई रोजगार. देश में 3 मई तक लॉकडाउन रहना है, उसके बाद सरकार परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लेगी.
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बीजेपी के इस फैसले को मिला बसपा का समर्थन!
कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में सांसदों की निधि का इस्तेमाल करने के लिए मोदी सरकार ने दो साल के लिए एमपी फंड को सस्पेंड कर दिया। मोदी सरकार के इस फैसले का बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद श्याम सिंह यादव (BSP MP Shyam Singh) ने समर्थन किया है।उत्तर प्रदेश के जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव ने तो यहां तक कह दिया कि संकट की इस घड़ी में सांसदों की सिर्फ दो साल नहीं बल्कि पूरे पांच साल की निधि ले…
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रवि किशन ने पीएम रिलीफ फंड में जमा की एक महीने की सैलरी, अपने क्षेत्र में सांसद निधि से 50 लाख दे चुके
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दैनिक भास्कर
Mar 28, 2020, 05:27 PM IST
बॉलीवुड डेस्क. भोजपुरी अभिनेता और सांसद रवि किशन ने अपनी एक महीने की सैलरी प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराई है। उन्होंने यह फैसला भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के आह्वान के बाद लिया। दरअसल, नड्डा ने कोरोनावायरस के चलते बनी संकट की स्थिति को देखते हुए सभी सांसदों से एक महीने की सैलरी प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराने की…
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