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खाँसी के 10 घरेलू उपचार एवं नुस्खे
खाँसी एक बहुत ही साधारण स्व��स्थ्य समस्या है | परंतु यदि सही समय पर इसका इलाज न किया गया तो यह समस्या बड़ी बीमारी जैसे- तपेदिक (Tuberculosis), कैंसर आदि का रूप धारण कर लेती है |
खाँसी के कारण (Causes of Cough or Khasi)
खाँसी की कई कारण होते हैं | सर्दी के दिनों में अकसर लोगों को खाँसी का शिकार होना पड़ता है | बदलते मौसम की वजह से भी प्रायः सर्दी और खाँसी जकड़ लेता है | कुछ लोगों को धूल की वजह से भी खाँसी आने लगता है | जिसे Dust Allergy भी कहते हैं |
खाँसी संक्रामक (communicable) भी होता है | ऐसा देखा जाता है कि परिवार में एक व्यक्ति को यह समस्या होने पर अन्य सदस्यों को भी प्रभावित करता है | ऐसा भी माना जाता है कि आपके नियमित कार्यक्रम (Daily routine) में यदि अनियमितता आ जाए तो उसकी वजह से भी खाँसी पकड़ लेता है |
खाँसी या ज़ुकाम में कफ़ सिरप पीने से बहुत नींद आती है | इसलिए इसके लिए घरेलू उपाय हमेशा लाभदायक होते हैं | हमारे रसोईघर में कई ऐसी वस्तुएँ उपलब्ध होती हैं जिनका प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता है और ये वस्तुएँ हमें आसानी से मिल जाती है | जरूरत है जानने की कि इनका प्रयोग किस तरीके से किया जा सकता है |
कमर दर्द का घरेलू उपाय | kamar dard ke gharelu upay
खाँसी के प्रकार (types of khasi)
खाँसी कई प्रकार के होते हैं जैसे : पित्त वाली खासी(wet cough), सूखी खाँसी(dry cough), बलगम की खाँसी आदि | खाँसी आने पर सीने में दर्द होता है, बहुत अधिक होने पर गले और पेट में भी दर्द होने लगता है | तो आइए इस खाँसी से बचने के कुछ घरेलू उपचार और नुस्खे के बारे में जानते हैं |
खाँसी के 10 घरेलू उपचार एवं नुस्खे – Remedies for Cough in Hindi
1. गुनगुना पानी
खाँसी आने पर गुनगुना पानी पीना चाहिए, यह कफ़ को पिघलाकर बाहर निकालता है | सेंधा नमक को गुनगुने पानी में डालकर कुल्ला (Gargle) करने से गले के दर्द से छुटकारा दिलाता है |
2. काढ़ा का सेवन
अधिक खाँसी आने पर अदरक,कालीमिर्च,तुलसी पत्ता का काढ़ा बनाकर पिए दिन में दो-तीन बार इसे लेने से खाँसी जल्द अच्छा हो जाता है | तुलसी का पत्ता प्रतिदिन सुबह खाली पेट चबाने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है | आयुर्वेद में तुलसी को जीवनदायिनी माना जाता है |
3. काली मिर्च और गुड़ के लड्डू (Black Pepper and jaggery)
काली मिर्च और गुड़ जो हर घर में आसानी से उपलब्ध होता है, इसके छोटे-छोटे लड्डू बना लें और सुबह खाली पेट इसे खाने से बहुत जल्द राहत मिल जाती है |
4. कच्ची हल्दी (Turmeric)
कच्ची हल्दी को पीसकर दूध या गरम पानी के साथ लेने पर खाँसी से राहत मिलती है | हल्दी और आजवाइन को पानी में खौलाकर उसके भाप को लेने से भी बंद नाक खुल जाते है और ज़ुकाम को ठीक करने में सहायक होता है |
5. आजवाइन और लहसुन ( Carom seeds and Garlic)
ये दोनों ही गर्म तासीरवाले हैं इसलिए सर्दी,ज़ुकाम या खाँसी आने पर सरसों तेल में डालकर अच्छी तरह जला ले, फिर उस तेल को छानकर रख लें और बच्चों के सीने पर और हथेली एवं पैरों के तालु में मालिश करें | दो या तीन दिन में ही यह अपना असर दिखाने लगता है और खाँसी-सर्दी से आराम मिलता है |
6. लौंग (clove)
कभी-कभी सूखी खाँसी रात में सोते समय बहुत तकलीफ देता है और लगातार खाँसने की वजह से आप परेशान भी हो जाते हैं | ऐसे में लौंग को अपने मुँह में डालकर चिभाते (chew) रहने से खाँसी कम हो जाती है|
7. मुलेठी (Liquorice)
मुलेठी खाँसी के लिए रामबाण इलाज माना जाता है | प्रतिदिन सुबह खाली पेट मुलेठी को चिभाए या पानी में डालकर अच्छी तरह खौला लें | कितनी भी पुरानी या जिद्दी खाँसी हो, बहुत जल्द राहत मिल जाती है |
8. द��लचीनी (Cinnmon)
दालचीनी का पाउडर बनाकर शहद के साथ लेने से सूखी खाँसी के कारण गले में होने वाली खरास से आराम मिलता है और साथ ही सर्दी भी ठीक हो जाता है |
9. काला जीरा (Black Cumin Seed)
काला जीरा जिसे मँगरैल, कलौंजी आदि नामों से जाना जाता है और हर रसोई में बड़ी आसानी से उपलब्ध रहता है| यह खाँसी-ज़ुकाम के लिए बहुत ही लाभकारी होता है | इसे एक पतले कपड़े में बाँधकर उसे हथेली पर रगड़ कर सूँघने से सर्दी से जल्द छुटकारा मिल जाता है |
10. त्रिकुटा (Mixture of Peepal, Black Pepper and Dry ginger)
सोंठ, पीपल और काली मिर्च का मिश्रण जो त्रिकुटा के नाम से जाना जाता है, शहद या गरम पानी के साथ लेने से खाँसी से राहत दिलाता है|
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Covid 19 Current Affairs Question in Hindi
कोरोना वायरस से जुड़े 50 महत्वपूर्ण प्रशन हिन्दी में – Covid 19 Current Affairs Question in Hindi
इस वेबसाइट का आशय यह है कि आपको हमेशा वर्तमान जानकारी मिलती रहेगी जिससे आपको आगामी परीक्षा में समर्थन मिलेगा,
यदि आप किसी Government Job की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी है कि आपको Current Affairs की Knowledge हो, आपको ये जानकारी हो कि आपके राज्य में, देश में या विदेश में क्या हो रहा है, आपकी सरकार कौन से अभियान और योजनायें शुरू कर रही है.
कौन से नियम और कानून बनाये गये हैं, उनमें क्या बदलाव किये जा रहे हैं, देश की अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है, राजनीति में क्या हो रहा है, हमारे देश में कौन सी नई New Tecnology आई है, विज्ञान में कौन से नए आविष्कार हो रहे हैं, हमारे देश की सेना में कौन सी Exercise चलाई जा रही हैं, आदि के बारे में जानकारी होना अति आवश्क है,
हम आपको इस वेबसाइट के माध्यम से आने वाली UPSC, IAS, PCS, Banking, IBPS, Railway, Clerk, PO, UPPSC, RPSC, BPSC, MPPSC, TNPSC, MPSC, KPSC SSC EXAM, EXAM , HSSC EXAM, RSSC EXAM, PSSC EXAM, NDA EXAM, BANK EXAM और अन्य सरकारी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए हर रोज नई कर्रेंट अफेयर्स and GK की लेटेस्ट अपडेट देंगे जो आपको आने वाली सरकारी नोंकरी में सायता करेगी,
1. कोरोना किस प्रकार से फैलने वाली बीमारी है?
A. जीवाणु द्वारा
B. विषाणु द्वारा
C. दोनों
D. फफूंद द्वारा
Ans. विषाणु द्वारा
2. कोरोना वायरस का पहला केश किस वर्ष मिला था?
A. 2017
B. 2018
C. 2019
D. 2020
Ans. 2019
3. कोरोना वायरस का नाम किस भाषा से लिया गया है?
A. हिन्दी
B. अँग्रेजी
C. लैटिन
D. चीनी
Ans. लैटिन
4. कोरोना वायरस का पहला केश किस देश मे मिला था?
A. अमेरिका
B. रूस
C. इटली
D. चीन
Ans. चीन
5. कोरोना वायरस का पूरा नाम क्या है?
A. 2019 नॉवेल कोरोना
B. 2019-nCoV
C. दोनों
D. क्राउन
Ans. दोनों
6. कोरोनावायरस किस बीमारी का कारण होता है?
A. मर्स
B. सार्स
C. A और B दोनों
D. इनमें से कोई नहीं
Ans. अ और ब दोनों
7. कोविड-19 के लिए कौन- सा वायरस जिम्मेदार है?
A. एन1एच1
B. इबोला
C. सार्स-कोव 2
D. निडोवायरस
Ans. सार्स-कोव 2
8. कोरोनावायरस के लक्षण क्या है?
A. बुखार
B. खांसी
C. सांस लेने में तकलीफ
D. उपर्युक्त सभी
Ans. उपर्युक्त सभी
9. इस वायरस का नाम कोरोनावायरस कैसे पड़ा?
A. क्राउन जैसा स्ट्रचर होने के कारण
B. पत्ती जैसा आकार होने के कारण
C. ईंटों जैसी सतह होने के कारण
D. इनमें से कोई नहीं
Ans. क्राउन जैसा स्ट्रचर होने के कारण
10. WHO के द्वारा कोरोना वायरस को क्या नाम दिया है?
A. क्राउन
B. COVID-19
C. 2019-nCoV
D. सभी
Ans. COVID-19
11. कोरोना से पीड़ित व्यक्ति के शरीर मे क्या-क्या बदलाव आते है?
A. निमोनिया
B. खांसी
C. जुकाम, बुखार
D. सभी
Ans. सभी
12. कोरोना वायरस का सबसे अधिक प्रभाव किस मौसम मे रहता है?
A. सर्दी
B. गर्मी
C. बरसात
D. सभी मौसम मे बराबर
Ans. सर्दी
13. कोरोना किस प्रकार का वायरस है?
A. डीएनए
B. आरएनए
C. दोनों
D. इनमे से कोई नहीं
Ans. आरएनए
14. कोरोना वायरस दो मुख्य वायरस कौन से है?
A. MERS-CoV, SES-CoV
B. SARA-CoV , SES-CoV
C. MERS-CoV, SARA-CoV
D. SES-CoV.MEC-CoV
Ans. MERS-CoV, SARA-CoV
15. अभी तक किस देश मे कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा मृत्यु हुई है?
A. चीन
B. ईरान
C. अमेरिका
D. इटली
Ans. अमेरिका
16. कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति मे कितने दिनों बाद इसके लक्षण दिखाई देते है?
A. 2 दिन से 14 दिन
B. 7 दिन से 14 दिन
C. 10 दिन से 20 दिन
D. 14 दिन से 18 दिन
Ans. 2 दिन से 14 दिन
17. COVID-1 के नाम से किस वायरस को जाना जाता है?
A. कोरोना
B. SARS
C. MERS
D. सभी को
Ans. SARS
18. कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण किस संस्था द्वारा ग्लोबल इमरजेंसी लागू की गई है?
A. यूनिसेफ
B. डबल्यूएचओ
C. युनेस्को
D. सभी
Ans. डबल्यूएचओ
19. कोरोना वाइरस से लड़ने के लिए डबल्यूएचओ ने कितनी धनराशी दान दी है?
A. 600 मिलियन डॉलर
B. 650 मिलियन डॉलर
C. 675 मिलियन डॉलर
D. 700 मिलियन डॉलर
Ans. 675 मिलियन डॉलर
20. कोरोना वाइरस से लड़ने के लिए ADB (एशियन डेवेलपमेंट बैंक) ने कितनी धनराशी दान दी है?
A. 2 मिलियन डॉलर
B. 60 मिलियन डॉलर
C. 67 मिलियन डॉलर
D. 70 मिलियन डॉलर
Ans. 2 मिलियन डॉलर
21. कोरोना वाइरस से लड़ने के लिए भारत ने कितनी धनराशी दान दी है?
A. 2 मिलियन डॉलर
B. 6 मिलियन डॉलर
C. 1 मिलियन डॉलर
D. 7 मिलियन डॉलर
Ans. 1 मिलियन डॉलर
22. किस राज्य सरकार ने म्यांमार,चीन और दक्षिण पूर्व एशिया देशों से डिब्बा बांध खाद्य पदार्थों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया ह��?
A. उत्तर प्रदेश
B. उत्तराखंड
C. मिजोरम
D. मणिपुर
Ans. मणिपुर
23. कोरोना वायरस के खतरे मे भारत किस स्थान पर है?
A. 10 वें
B. 29 वें
C. 23 वें
D. 20 वें
Ans. 23 वें
24. कोरोना वायरस से निपटने के लिए किस देश ने टास्क फोर्स का गठन किया है?
A. भारत
B. चीन
C. इटली
D. ईरान
Ans. भारत
25. क्या चिकन, मीट, अंडा खाने से कोरोना वायरस का संक्रमण होता है?
Ans. अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जिसमें कहा जाए कि यह नॉनवेज खाने से फैल रहा है।
26. कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत मे जनता कर्फ़्यू किस तिथि को हुआ था?
A. 21 मार्च – 2020
B. 22 मार्च – 2020
C. 23 मार्च – 2020
D. 24 मार्च – 2020
Ans. 22 मार्च – 2020
27. कोरोना वायरस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने निम्न मे से कौन सी ई-मेल आईडी उपलब्ध कराई है?
Ans. [email protected]
28. गोमूत्र पीने, अदरक, काली मिर्च, लहसुन, गर्म पानी आदि का इस्ते माल करने से कोरोना का वायरस मर जाएगा। इस पर क्या कहेंगे?
Ans. सोशल मीडिया में फैलाई जा रहीं ये सभी जानकारियां महज भ्रांतियां हैं। इन सबसे न तो कोरोना वायरस का संक्रमण रुकेगा और न ही यह ठीक करने की दवा है। अदरक, लहसुन, काली मिर्च से गले में वायरस मर जाएगा, इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं है।
29. कोरोना वाइरस से जुड़ी जानकारी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कौन सा नया हेल्पलाइन नंबर जारी किया है?
A. 102
B. 1098
C. 1075
D. 1198
Ans. 1075
30. आस्ट्रेलिया मे कोरोना वायरस की वैक्सीन किस भारतीय वैज्ञानिक की अगुआई मे तैयार की जा रही है?
A. ऋषभ सिंह
B. एसएस वासन
C. के एल कालेकर
D. सभी
Ans. एसएस वासन
31. चाइना के वुहान शहर मे फसे 324 भारतीयों को किस विमान से बाहर निकाला गया था
A. एयर ��ंडिया
B. विस्तारा
C. पवन हंस
D. इंडिगो
Ans. एयर इंडिया
33. कोविड-19 के वैक्सीन के लिए हाल ही में मनुष्यों पर पहला परिक्षण कहां पर शुरू हुआ है,
A. रूस
B. अमेरिका
C. जापान
D. भारत
Ans. अमेरिका
33. अभी हाल ही में कोरोना वायरस ट्रैकर किसने लांच किया है
A. माइक्रोसॉफ्ट
B. मक्रोवेब
C. मक्रोवोर्ल्ड
नेटफ्लेसी
Ans. माइक्रोसॉफ्ट
34. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वच्छ हाथों की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए सेफहैंड़स चुनौती की शुरूआत किसने की है
A. WHO
B. DWO
C. MON
D. ESRO
Ans. WHO
35. किसने कोविड-19 महामारी से संबंधित जानकारी के लिए एक वेबसाइट लांच की है
A. SAARC आपदा प्रबंधन केंद्र
B. AAWER आपदा प्रबंधन केंद्र
C. WQRST आपदा प्रबंधन केंद्र
D. GHTUO आपदा प्रबंधन केंद्र
Ans. SAARC आपदा प्रबंधन केंद्र
36. मणिपुर विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग ने कोरोना वायरस के मद्देनजर इथाईल अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर की कितनी बोतलें बनाई है,
A. 500
B. 600
C. 400
D. 300
Ans. 500
37. किस बैंक ने IND – COVID इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन की घोषणा की है
A.INDIA BANK
B.SBI BANK
C.PNB BANK
D.ICICI BANK
Ans. इंडियन बैंक
38. भारत में कोरोना वायरस से पहले मृत्यु किस राज्य में हुई थी?
A. कर्नाटक
B. हरयाणा
C. पंजाब
D. उतर्पर्देश
Ans. कर्नाटक
39. सूक्ष्मदर्शी (Microscope) द्वारा देखने पर कोरोना वायरस की संरचना किसके समान दिखाई देती है?
A. मुकुट के समान
B. मछर के समान
C. चीटी के समान
D. फुल के समान
Ans. मुकुट के समान
40. हाल ही मे किस देश ने कपड़ों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है?
A. नेपाल
B. भूटान
C. अमेरिका
D. भारत
Ans. भारत
41. कोरोना वायरस क्या है?
A. यह वायरस का एक बड़ा परिवार जैसा है.
B. यह निडोवायरस के परिवार से संबंधित है.
C. A और B दोनों सही हैं
D. केवल Aसही है।
Ans. A और B दोनों सही हैं
16 August 2020 Today Current Affairs in Hindi 16 अगस्त 2020 आज की ताज़ा कर्रेंट अफेयर्स
42. 11 फरवरी, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बीमारी के लिए एक आधिकारिक नाम की घोषणा की है जो कि 2019 नॉवेल कोरोना वायरस के प्रकोप का कारण बन रही है? इस बिमारी का नया नाम क्या है?
A. COVID-19
B. COVn-19
C. COnV-20
D. COnVID-19
Ans. COVID -19
43. नॉवेल कोरोनो वायरस के पहले मामले की पहचान कहां हुई थी?
A. बीजिंग
B. शंघाई
C. वुहान
D. तिआनजिन
Ans. वुहान
44. कोरोना वायरस निम्नलिखित में से किस बीमारी से संबंधित है?
A. MERS
B. SARS
C. A और B दोनों
D. न तो A और न ही B
Ans. C. A और B दोनों – ( MERS Middle East Respiratory Syndrome और SARS Severe Acute Respiratory Syndrome )
45. कोरोना वायरस का नाम कहां से पड़ा?
A. crown-like projection जैसे अनुमानों के कारण.
B. leaf-like projection जैसे अनुमानों के कारण.
C. ईंटों की उनकी सतह संरचना के कारण.
D. उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans. crown-like projection जैसे अनुमानों के कारण
46. कोरोना वायरस से बचने के लिए कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है?
A. छींक आने पर अपनी नाक और मुंह ढक कर रखें.
B. अपने आहार में अधिक लहसुन शामिल करें.
C. एंटीबायोटिक्स उपचार के लिए अपने डॉक्टर से मिलें.
D. हर घंटे के बाद अपने हाथ धोएं.
Ans. छींक आने पर अपनी नाक और मुंह ढक कर रखें
47. सैनिटाइजर के कई ब्रांड बाज़ार में उपलब्ध हैं। लोगों में भ्रमित हैं कि कौन सा लें कौन सा न लें। इस समस्या का समाधान कैसे हो सकता है?
Ans. उनको पहले देखना चाहिए कि बॉटल पर एल्कोउहल बेस्डं लिखा है या नहीं, क्योंकि एल्को हल बेस्डक सैनिटाइजर वायरस को मार देता है।
48. कोरोना वायरस से बचाव कैसे करें, क्या-क्या सावधानियां बरतें?
Ans. अगर किसी को ज़ुकाम, नज़ला, खांसी है तो वह अपनी खांसी को ढके या फिर अपनी बाज़ू में खांसे। टिश्यूि या रुमाल का प्रयोग करे।
49. गांव में एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर उपलब्धइ नहीं रहता है। ऐसी सिचुवेशन में किस तरह से हमें हाथ साफ करना चाहिए?
Ans. जरूरी नहीं है कि आपके पास सैनिटाइजर हो। साबुन से अगर अच्छे से हाथ धोएं, वही बहुत है। साबुन से हाथ धोना सेनइटाइजर से बेहतर है।
50. हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल कब करें?
Ans. अगर आप सफर कर रहे हैं, तो मजबूरी है कि आप सैनिटाइजर का प्रयोग करें, लेकिन अगर आप ऐसी जगह पर हैं, जहां पानी और साबुन उपलब्धक है, तो उसका ही इस्ते,माल करना चाहिए,
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ब्लड प्रेशर से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई (Myths And Facts About Blood Pressure)
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हाइपरटेंशन (Hypertension) यानी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), बदलते लाइफस्टाइल के चलते होने वाली एक आम स्वास्थ्य समस्या है. हालांकि अधिकांश लोग इस बात से बेख़बर होते हैं कि वो ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारी की गिरफ़्त में हैं. चूंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं, इसलिए इस रोग को साइलेंट किलर भी कहा जाता है. आंकड़ों के मुताबिक़, दुनिया में हर तीसरा व्यक्ति इस बीमारी से ग्रसित है. हालांकि कई लोग इस रोग से जुड़ी कुछ भ्रांतियों को सच मानकर टेंशन में आ जाते हैं, तो चलिए जानते हैं ब्लड प्रेशर से जुड़ी 10 भ्रांतियां और उनकी वास्तविकता.
भ्रम- अगर ब्लड प्रेशर कम हो जाए, तो नमक खाने से वह नॉर्मल हो जाता है. सच- अगर आप यह सोचते हैं कि ब्लड प्रेशर कम होने पर नमक खाने से वह नॉर्मल हो जाता है, तो आपकी यह धारणा बिल्कुल ग़लत है. ब्लड प्रेशर कम है या ज़्यादा यह हम ख़ुद तय नहीं कर सकते. इसके बारे में हमें सही जानकारी स़िर्फ डॉक्टर ही दे सकता है. हालांकि जिन लोगों का ब्लड प्रेशर ज़्यादा रहता है, उन्हें कम नमक खाना चाहिए.
भ्रम- ब्लड प्रेशर कम हो जाने पर दवाइयों का सेवन बंद कर देना चाहिए. सच-ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जो जीवनभर व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ती. इससे पूरी तरह से निजात पाना नामुमक़िन है, लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है. इसलिए अगर दवाइयों के सेवन से ब्लड प्रेशर कम हो गया हो, तब भी दवाइयां बंद नहीं करनी चाहिए. ऐसी स्थिति में डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए.
भ्रम- वाइन दिल के लिए सेहतमंद होती है, इसलिए अत्यधिक मात्रा मंें इसका सेवन करने पर भी यह नुकसान नहीं पहुंचाती. सच-वाइन फ़ायदा तभी पहुंचाती है, जब इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए. ख़ासकर जिन लोगों को हाइपरटेंशन की समस्या है उन लोगों को अल्कोहल का सेवन करने से बचना चाहिए या फिर बहुत सीमित मात्रा में पीना चाहिए. ऐसे लोग अगर ज़्यादा शराब पीते हैं तो उन्हें हार्ट फेल, स्ट्रोक, अनियमित हार्टबीट जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
ये भी पढ़ेंः 6 बुरी आदतें जो अच्छी है (6 Bad Habits That Are Good)
भ्रम- हाई ब्लड प्रेशर ज़िंदगी भर ठीक नहीं हो सकता. सच-हा��, यह सच है कि ब्लड प्रेशर ज़िंदगी भर व्यक्ति के साथ रहता है, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल की मदद से इस समस्या को काफ़ी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. इसे कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डायट लें, वेट कंट्रोल करें व खाने में कम नमक का इस्तेमाल करें. इसके अलावा शराब और सिगरेट से परहेज़ करें.
भ्रम-जब ब्लड प्रेशर हाई होता है तो सिरदर्द होता है. सच-यह धारणा बिल्कुल ग़लत है, क्योंकि सिरदर्द से ये पता नहीं चलता कि ब्लड प्रेशर बढ़ गया है, लेकिन यह सच है कि अगर आपको किसी तरह का दर्द महसूस होता है, तो इससे हार्ट रेट बढ़ जाती है.
भ्रम-हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को केला नहीं खाना चाहिए. सच-यह बिल्कुल भी सच नहीं है कि ब्लड प्रेशर के मरीज़ केला नहीं खा सकते. सच्चाई तो यह है कि अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है तो आपको केले का सेवन अवश्य करना चाहिए, क्योंकि केला ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में मदद करता है.
भ्रम-शरीर में किसी तरह की परेशानी या बीमारी महसूस नहीं होने का अर्थ यह है कि आपको ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं है. सच-अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो यह ग़लत है, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर होने पर शरीर में तुरंत किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं होती है. यह रोग धीरे-धीरे शरीर के अंगों को नुक़सान पहुंचाना शुरू करता है और आगे चलकर यह हार्ट व किडनी फेल होने के अलावा हार्ट स्ट्रोक जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है.
भ्रम-एक्सरसाइज़ व डायट से बीपी कंट्रोल हो जाए तो इससे डरने की ज़रूरत नहीं है. सच-वेट कंट्रोल, हेल्दी डायट और एक्सरसाइज़ की मदद से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह समस्या जड़ से ख़त्म हो गई है. यह समस्या कंट्रोल में रहे इसके लिए अनुशासित जीवनशैली का पालन करने के साथ समय-समय पर बीपी चेक करवाना आवश्यक है.
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भ्रम- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ रक्तदान नहीं कर सकते. सच-हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ भी रक्तदान कर सकते हैं, बशर्ते रक्तदान के समय आपका बीपी 180 सिस्टोलिक से कम और 100 डायस्टोलिक तक होना चाहिए. बीपी की गोलियों का रक्तदान से कोई संबंध नहीं है, लेकिन हां, सर्दी-ज़ुकाम, पेट की समस्या या एंटीबायोटिक्स लेते समय रक्तदान करने से बचें.
भ्रम-गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर होना आम है, इससे कोई गंभीर समस्या नहीं होती. सच- गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की संभावना उन महिलाओं में अधिक होती है, जिन्हें पहले से हाई बीपी की समस्या होती है. ज़्यादातर मामलों में गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर ज़्यादा होना परेशानी पैदा नहीं करता, जबकि कुछ मामलों में यह विकासशील भ्रूण और मां के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है.
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लहसुन के फायदे और नुकसान – Garlic (Lahsun) Benefits and Side Effects in Hindi
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लहसुन के फायदे और नुकसान – Garlic (Lahsun) Benefits and Side Effects in Hindi
Arpita Biswas September 7, 2018
लहसुन (lahsun) एक ऐसी खाद्य सामाग्री है, जो कई सब्ज़ियों का ज़ायका बढ़ा देती है। लहसुन का तड़का बेजान से बेजान सब्ज़ी के स्वाद को कई गुणा बढ़ा देता है। लगभग हर रसोई में पाई जाने वाली ये खाद्य सामाग्री सिर्फ़ सब्ज़ियों का स्वाद ही नहीं बढ़ाती, बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद है। आज हम इस लेख में आपको लहसुन के ��ुछ ऐसे ही फ़ायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
लहसुन के औषधीय गुण – Medicinal Properties of Garlic in Hindi
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एक समय था जब आज की तरह जगह-जगह दवा की दुकानें नहीं होती थीं। तब लहसुन का इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार के लिए भी होता था। लहसुन एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-बैक्टिरीयल गुणों से भरपूर होता है। इसमें एलीसीन (Allicin) और दूसरे सल्फ़र यौगिक मौजूद होते हैं। साथ ही लहसुन में एजोइन (ajoene) जैसा तत्व और एलीन (allein) जैसा यौगिक भी मौजूद होता है, जो लहसुन को और ज़्यादा असरदार औषधि बना देते हैं। हालांकि, इन तत्वों और यौगिकों की वजह से ही लहसुन का स्वाद कड़वा होता है। लेकिन, यही घटक लहसुन को संक्रमण दूर करने की क्षमता भी देते हैं।(1) आइए अब एक-एक करके लहसुन के लाभकारी गुणों के बारे में जानते हैं:
लहसुन के फ़ायदे – Benefits of garlic in hindi
सेहत/स्वास्थ्य के लिए लहसुन के फायदे – Health Benefits of Garlic in Hindi
1. वज़न घटाने में मदद करता है लहसुन – Garlic for weight loss
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आजकल हर किसी की व्यस्त दिनचर्या होती है। घर और काम के बीच तालमेल बनाने के चक्कर में लोग अपनी सेहत पर ज़्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं। खान-पान ठीक नहीं होने और नियमित रूप से व्यायाम न कर पाने की वजह से लोग मोटापे की बीमारी का शिकार भी होने लगे हैं।
हालांकि, कई बार लोग नियमित रूप से व्यायाम करने की और खान-पान में परहेज़ करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे ज़्यादा दिनों तक ऐसा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में लहसुन बढ़ते वज़न को रोकने में काफ़ी हद तक मददगार साबित हो सकता है। यह एडीपोजेनिक ऊत्तकों की अभिव्यक्ति को रोकने में मदद करता है, थर्मोजेनेसिस को बढ़ाता है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। अपने इन अनोखे गुणों की वजह से लहसुन आपको मोटापे से राहत दिला सकता है। (2) (3)
इस्तेमाल का तरीका
– आप हर रोज़ खाली पेट कच्चे लहसुन की कुछ कलियों का सेवन कर सकते हैं। उसके कुछ देर बाद आप गुनगुने पानी में नींबू का शरबत बनाकर भी पी सकते हैं।
– आप हर रोज़ सब्ज़ी या सूप में डालकर भी लहसुन खा सकते हैं।
ध्यान दें कि अगर आपको कोई एलर्जी है, तो अपने आहार में लहसुन को शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
2. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है लहसुन – Garlic for high blood pressure
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इन दिनों लोगों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, तो कुछ लोग घरेलू नुस्खे अपनाते हैं। हाई ब्लड प्रेशर में घरेलू उपाय के तौर पर लहसुन का सेवन काफ़ी उपयोगी साबित हुआ है। दरअसल, लहसुन में बायोएक्टिव सल्फ़र यौगिक, एस-एललिस्सीस्टीन मौजूद होता है, जो ब्लड प्रेशर को 10 mmhg (सिस्टोलिक प्रेशर) और 8 mmhg (डायलोस्टिक प्रेशर) तक कम करता है। चूंकि सल्फर की कमी से भी हाई ब्ल्ड प्रेशर की समस्या होती है, इसलिए शरीर को ऑर्गनोसल्फर यौगिकों वाला पूरक आहार देने से ब्लड प्रेशर को स्थिर करने में मदद मिल सकती है। (4)
इस्तेमाल का तरीका
-हर रोज़ कच्चे या सूखे लहसुन की कुछ कलियों का सेवन करें।
3. डायबिटीज़ से लड़ने में मदद करता है लहसुन- Garlic for diabetes
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हर रोज़ बदलती और असंतुलित जीवनशैली की वजह से कई लोग डायबिटीज़ यानी मधुमेह की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। लेकिन काफ़ी कम ही लोग जानते हैं कि लहसुन का सेवन करने से डायबिटीज़ पर लगाम लगाई जा सकती है। आईआईसीटी (भारत) के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में चूहों को लहसुन खिलाया। इसके बाद चूहों के खून में ग्लूकोज़ और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में कमी पाई गई। इसके अलावा, चूहों के शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता में भी वृद्धि देखने को मिली (5)। इसलिए, अगर आपको डायबिटीज़ का संदेह है या डायबिटीज़ है तो आप लहसुन का सेवन करें। यह शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित कर इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है।
इस्तेमाल का तरीका
हर रोज़ दो से तीन कच्ची लहसुन की कलियों का सेवन करें।
4. सर्दी-ज़ुकाम से बचाता है लहसुन – Garlic for cough and cold
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मौसम में बदलाव की वजह से सर्दी-ज़ुकाम होना बहुत ही आम बात है। लेकिन, ज़रूरी नहीं कि इन बीमारियों के उपचार के लिए हर बार अंग्रेज़ी दवाओं का ही सेवन कि���ा जाए। दरअसल, लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फ़ंगल और एंटी-ऑक्सिडेंट गुणों की भरमार होती है। इसमें एलियानेस (या एलियान) नामक एंजाइम मौजूद होता है, जो एलिसिन नामक सल्फ़र युक्त यौगिक में परिवर्तित होता है। यह यौगिक सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है, जो सर्दी-ज़ुकाम के वायरस से लड़ने में मदद करता है। (6)
इस्तेमाल का तरीका
– आप चाहें तो कच्चे लहसुन की कलियां खा सकते हैं।
– आप सूप में भी लहसुन डालकर पी सकते हैं।
– आप लहसुन की चाय भी पी सकते हैं।
– लहसुन की कुछ कलियों को आप घी में भूनकर भी खा सकते हैं।
5. कोलेस्ट्रॉल की रोकथाम में मददगार है लहसुन – Garlic for Cholesterol
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ज़्यादा तेल-घी वाले खान-पान की वजह से लोगों को कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या भी हो रही है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अपनी एक जांच में पाया है कि पुराने लहसुन में के सेवन से शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (जो कि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल होता है) के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। (7) हालांकि, अभी तक लहसुन के इस गुण को लेकर वैज्ञानिकों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है।
इस्तेमाल का तरीका
– एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आप हर रोज़ एक से दो लहसुन की कलियां खा सकते हैं।
6. दिल से जुड़ी बीमारियों से लड़ने में मददगार है लहसुन – Garlic for heart disease
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जैसा कि हम जानते हैं, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का हृदय संबंधी रोगों से सीधा रिश्ता होता है। ऐसे में लहसुन का सेवन हृदय संबंधी रोगों की रोकथाम में असरदार साबित हो सकता है। (8)
इस्तेमाल का तरीका
– हर रोज़ कच्चे लहसुन की कलियां खाएं।
7. गठिया में लहसुन खाने से मिलती है राहत – Benefit of Garlic for Arthritis
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लहसुन हड्डियों के लिए भी काफी लाभदायक है। ऐसा पाया गया है कि लहसुन के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसी हड्डियों की बीमारी से जूझ रहे रोगियों को काफ़ी राहत मिलती है। वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के ज़रिए साबित किया है कि लहसुन अंडाइक्टोमी-प्रेरित हड्डी सोखन को दबाने में सक्षम है। (9) इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया है कि लहसुन डायलिल डाइसल्फाइड मैट्रिक्स को कम करने वाले एंज़ाइमों को दबाने में मदद करता है। इस तरह लहसुन हड्डियों को होने वाले नुकसान को भी रोकता है। (10)
इस्तेमाल का तरीका
– आप हर रोज़ एक या दो लहसुन की कलियों का सेवन कर सकते हैं।
8. गर्भावस्था में लहसुन के सेवन से होने वाले लाभ- Garlic during pregnancy
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गर्भावस्था के शुरुआती दौर में लहसुन को सीमित मात्रा में खाने में शामिल कर किया जा सकता है। इस समय लहसुन का प्रभाव भ्रूण पर कम पड़ता है (11)। हालांकि, गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में लहसुन का प्रयोग थोड़ा सोच समझकर करना चाहिए। इस दौरान लहसुन का गलत प्रभाव पड़ने से खून का पतला होना, पेट खराब होना या लो ब्लड प्रेशर होने जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए, गर्भावस्था में लहसुन खाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।(12)
इस्तेमाल का तरीका
आप अपने भोजन में सीमित मात्रा में लहसुन को शामिल कर सकते हैं, लेकिन एक बार इस बारे में अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।
9. रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है लहसुन – Garlic to improve immune system in hindi
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लहसुन में फाइटोन्यूट्रिएंट होते हैं, जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है। एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं और शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। दूसरे शब्दों में, एंटीऑक्सीडेंट आपको बीमार पड़ने से बचाते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि लहसुन खाने से हमारे शरीर में कई तरह की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है। (13)
इस्तेमाल का तरीका
– रोगों से लड़ने की अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए हर रोज़ दो से तीन लहसुन की कलियों का सेवन करें।
10. लीवर को सेहतमंद रखता है लहसुन – Benefit of garlic for fatty liver
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जिन लोगों को लीवर में सूजन की शिकायत होती है, उनके लिए एक सीमित मात्रा में लहसुन का सेवन करना उपयोगी साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि लहसुन में पाए जाने वाले एस-एलील्मर कैप्टोसाइटिस्टीन (एसएएमसी) हेपेटिक चोटों के उपचार में मददगार होते हैं। वहीं, लहसुन का तेल एंटीऑक्सीडेटिव गुणों से भरपूर होता है, जो लीवर की सूजन से बचाव करता है। (14) (15)
हालांकि, अगर आपको पेट से जुड़ी समस्या ज़्यादा है या आपको लहसुन खाने के बाद कुछ परेशानी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इस्तेमाल का तरीका
– आप चाहें तो एक या दो लहसुन की कलियों को बारीक काटकर पालक की स्मूदी में मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं।
11. कैंसर से बचाता है लहसुन – Benefit of garlic for cancer
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लहसुन में डायलिसिल्फ़ाइड मौजूद होता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने में मदद करता है। लहसुन में मौजूद सेलेनियम कैंसर से लड़ने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। साथ ही सेलेनियम डीएनए उत्परिवर्तन और अनियंत्रित सेल प्रसार और मेटास्टेसिस को भी रोकता है। (16)
कैंसर रोगियों पर चीनी वैज्ञानिकों के एक परीक्षण में पाया गया कि लहसुन ट्यूमर की आशंका को 33 प्रतिशत कम करता है और पेट के कैंसर की आशंका को 52 प्रतिशत कम करता है। (17)
इसलिए, अगर आप कैंसर के खतरे को कम करना चाहते हैं, तो स्वस्थ जीवन शैली के साथ लहसुन का नियमित सेवन करें।
इस्तेमाल का तरीका
– आप हर रोज़ कम से कम लहसुन की एक कच्ची कली का सेवन करें।
12. फ़ंगल संक्रमण से बचाता है लहसुन – Benefit of garlic for fungal infection
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लहसुन में एंटी-फ़ंगल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं, जो फ़ंगल संक्रमण, जैसे – दाद और कैंडिडा से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। (18)
इस्तेमाल का तरीका
-आप फ़ंगल-संक्रमण से प्रभावित जगह पर लहसुन का तेल लगा सकते हैं। लेकिन, इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से भी परामर्श ज़रूर कर लें।
13. किडनी संक्रमण को रोकता है लहसुनदे – Benefit of garlic for kidney infection
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लहसुन किडनी संक्रमण की रोकथाम में भी मदद करता है। ��ैज्ञानिकों ने पाया है कि लहसुन उस पी. एरुजिनोसा के विकास को रोकने में मदद कर सकता है, जो यूटीआई और गुर्दे के संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार होता है। (19)
इस्तेमाल का तरीका
– किडनी संक्रमण से बचाव के लिए हर रोज़ दो से तीन लहसुन की कलियों का सेवन करें।
14. लहसुन दिलाता है गैस और एसिडिटी से राहत – Benefit of garlic for gastritis
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आजकल लोग गलत खान-पान के कारण एसिडिटी यागैस की समस्या के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में सब्ज़ी पकाते समय उसमें हल्का लहसुन डालें। इस तरह से पकाई गई सब्ज़ी खाने से आपको गैस ओर एसिडिटी से राहत मिल सकती है। हालांकि, अगर आपको ज़्यादा परेशानी है, तो लहसुन से परहेज़ करें। (20)
इस्तेमाल का तरीका
– सब्ज़ी पकाते समय चुटकी भर या चम्मच में थोड़ा सा बारीक कटा लहसुन या लहसुन का पेस्ट डालें। ध्यान रखें कि कच्चे लहसुन का सेवन न करें, वरना एसिडिटी की समस्या बढ़ सकती है।
15. हाई ब्लड शुगर के स्तर को घटाता है लहसुन – Benefit of garlic for blood sugar
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अगर आप हाई ब्लड शुगर की समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको अपने आहार में लहसुन को शामिल करना चाहिए। कुवैत के वैज्ञानिकों ने लैब में पशुओं पर कच्चे और उबले हुए लहसुन का प्रयोग करके पता लगाया है, कि कच्चे लहसुन में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। (21)
इस्तेमाल का तरीका
ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए रोज़ाना एक या दो लहसुन की कलियां खाएं।
16. बुखार या ठंड लगने पर राहत देता है लहसुन – Benefit of garlic for fever and common cold
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ठंड लगने पर या बुख़ार होने पर अगर लहसुन का उपयोग किया जाए,ये तो रोगी को बहुत हद तक राहत मिल सकती है।
इस्तेमाल का तरीका
– आप चाहें तो दो-तीन लहसुन की कलियां खा सकते हैं। अगर कच्चा लहसुन खाना पसंद न हो, तो आप गर्म सरसों तेल में एक-दो लहसुन की कलियां डालकर उससे शरीर की मालिश कर सकते हैं।
17. गले की खराश से राहत देता है लहसुन – Benefit of garlic for sore throat
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लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले में ख़राश जैसी परेशानी से हमारा बचाव करते हैं। लहसुन में एलीसिन नाम का ऑर्गनॉसुल्फ़र यौगिक भी होता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। हालांकि, यह साबित करना मुश्किल है कि लहसुन गले में खराश की परेशानी को पूरी तरह से ठीक कर सकता है या नहीं।
इस्तेमाल का तरीका
– जब भी गले में खराश जैसा महसूस हो, तो सरसों तेल में एक या दो लहसुन की कलियां डालकर उसे गुनगुना होने तक गर्म करें। इसके बाद गुनगुने तेल को हल्का-हल्का गले के आस-पास लगाएं। तकलीफ़ अगर ज़्यादा बढ़े तो डॉक्टर से संपर्क करें।
18. दमा में राहत देता है लहसुन – Benefit of garlic for asthma
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अस्थमा यानी दमा के मरीज़ों के लिए भी लहसुन काफ़ी लाभकारी है। सरसों के तेल में लहसुन पकाकर उस तेल से अगर नाक, गले और फेफड़ों के पास मालिश की जाए, तो यह छाती में जमे कफ़ से निजात दिला सकता है। वैज्ञानिकों को इस बात के सबूत भी मिले हैं कि लहसुन अस्थमा से होने वाले दुष्प्रभावों को कम कर सकता है। (22) (23)
इस्तेमाल का तरीका
– आप चाहें तो एक या दो लहसुन की कलियां खा सकते हैं या लहसुन और सरसों का तेल लगा सकते हैं। हालांकि, एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ज़रूर लें।
19. कान दर्द होने पर राहत देता है लहसुन – Benefit of garlic for earache
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कान में होने वाले हल्के संक्रमण या दर्द में भी लहसुन फ़ायदेमंद होता है। लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफ़ंगल और एंटीवायरल गुण कान के दर्द या संक्रमण से राहत दिलाते हैं।
इस्तेमाल का तरीका
आप चाहें तो लहसुन का तेल कान में लगा सकते हैं। ये तेल बाज़ार में उपलब्ध होता है। इसके अलावा, आप घर पर भी लहसुन का तेल बना सकते हैं।
20. योनि संक्रमण से छुटकारा दिलाता है लहसुन – Benefit of garlic for yeast infection
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अक्सर महिलाएं योनि संक्रमण जैसी समस्या के बारे में सबके साथ चर्चा नहीं कर पाती हैं। इस वजह से कई बार यह समस्या गंभीर बीमारी का ��ूप ले लेती है। जबकि, घर में मौजूद रहने वाले लहसुन के ज़रिए इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। जी हां, वैज्ञानिकों ने पाया है कि लहसुन कैंडिडा नामक संक्रमण की रोकथाम करने में काफ़ी असरदार होता है। (24)
इस्तेमाल का तरीका
सीमित मात्रा में लहसुन का सेवन करके योनि के संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता है। हालांकि, एक बार डॉक्टर से भी इस बारे में बात ज़रूर करें क्योंकि हर किसी की शारीरिक क्रिया थोड़ी अलग होती है। इसके अलावा, लहसुन को सीधे प्रभावित जगह पर न लगाएं।
21. दांत दर्द से निजात दिलाता है लहसुन – Benefit of garlic for toothache
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वज्ञानिकों का मानना है कि लहसुन को माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल करना काफ़ी लाभदायक हो सकता है। (25) इसके अलावा, ऐसे टूथपेस्ट या माउथवॉश का इस्तेमाल करना भी अच्छा होता है, जिसमें लहसुन के गुण मौजूद हो। (26)
इस्तेमाल का तरीका
– अगर आपको दांत दर्द की शिकायत है, तो हर रोज़ एक कच्चे लहसुन की कली चबाएं। इसके अलावा, आप एक लहसुन की कली में सेंधा नमक लगाकर दर्द वाले दांत पर लगाएं। इससे आपको दांत के दर्द से आराम मिलेगा। (27)
22. त्वचा की खूबसूरती बढ़ाता है लहसुन – Skin Benefits of Garlic
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सिर्फ़ सेहत ही नहीं, बल्कि आजकल अच्छा दिखना और त्वचा का सही तरीक़े से ध्यान रखना भी बहुत ज़रूरी है। इस काम में भी लहसुन आपकी मदद कर सकता है।
इस्तेमाल का तरीका
– लहसुन की कलियों का पेस्ट बनाकर उसमें थोड़ा सा ऐलोवेरा का पल्प मिला लें। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाकर 15 से 20 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इस मिश्रण के नियमित इस्तेमाल से आपके चहरे के दाग-धब्बे मिटने लगेंगे।
23. मुंहासे और पिंपल से छुटकारा दिलाता है लहसुन – Benefit of garlic for acne/pimples
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शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने से या फिर किसी संक्रमण की वजह से कील-मुंहासे हो सकते हैं। ऐसे में लहसुन का नियमित सेवन कील-मुंहासों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।
इस्तेमाल का तरीका
– आप ठंडे पानी के साथ एक लहसुन की कली का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा खूब पानी पिएं ताकि आपके शरीर में पानी की सही मात्रा बनी रहे।
24. सोरायसिस की रोकथाम में कारगर है लहसुन – Benefit of garlic for psoriasis
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सोरायसिस एक प्रकार का त्वचा रोग है, जिसमें खुजली होने लगती है और त्वचा लाल हो जाती है। यह बीमारी ज़्यादातर सिर की त्वचा, कोहनी और घुटनों को प्रभावित करती है। इस बीमारी का कोई इलाज तो नहीं है, लेकिन लहसुन खाने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। लहसुन में डायलिल सल्फ़ाइड और एजेन जैसे यौगिक होते हैं। ये यौगिक न्यूक्लिअर ट्रांसमिशन कारक कप्पा बी (जिसकी वजह से सोरायसिस होता है) को निष्क्रिय कर देते हैं। (28)
इस्तेमाल का तरीका
दो से तीन लहसुन की कलियों को हरे प्याज़, ब्रोकली और चुकंदर के रस के साथ मिलाकर उसका सेवन करें। लेकिन, अगर आपको ���नमें से किसी भी चीज़ से एलर्जी है, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
25. खुजली से राहत देता है लहसुन – Benefit of garlic for eczema
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खुजली जैसी त्वचा संबंधी परेशानी किसी चीज़ से एलर्जी के कारण होती है। ऐसे में खुजली से राहत पाने के लिए लहसुन खाना उपयोगी हो सकता है। हालांकि, इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। दरअसल, खुजली से राहत दिलाने के मामले में लहसुन की सफलता या असफलता रोगी के शरीर पर निर्भर करती है। किसी व्यक्ति को अगर लहसुन से एलर्जी है, तो यह एक्ज़िमा को बढ़ा सकता है। लेकिन जिनको लहसुन से कोई एलर्जी नहीं है, उनके लिए लहसुन का सेवन फ़ायदेमंद साबित हो सकता है।
इस्तेमाल का तरीका
– शुरुआत में हर रोज़ पानी के साथ एक या दो लहसुन की कलियों का सेवन करें। लेकिन अगर आपको एक्ज़िमा की शिकायत है, तो आपको लहसुन का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
26. दाद में राहत देता है लहसुन – Benefit of garlic for ringworm
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जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं, लहसुन में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। ये गुण किसी भी तरह के संक्रमण से शरीर को बचा सकते हैं। इसलिए, जिस व्यक्ति को दाद की बीमारी होती है, उसे अपने भोजन में हल्की मात्रा में लहसुन को शामिल करने की राय दी जाती है। हालांकि, लहसुन दाद की बीमारी से पूरी तरह छुटकारा नहीं दिला सकता। लेकिन, यह दाद की वजह से होने वाली खुजली से राहत दिला सकता है।
इस्तेमाल का तरीका
आप अपने भोजन में एक निश्चित मात्रा में लहसुन को शामिल कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
27. छाले या फोड़े को ठीक करने में मदद करता है लहसुन – Benefit of garlic for boils
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लहसुन में एलिन, एलिसिन और एजोइन जैसे सल्फ़र यौगिक मौजूद होते हैं, जो छाले या फोड़े को ठीक होने में मदद करते हैं। साथ ही लहसुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं, जो बैक्टीरिया को मारते हैं और छाले या फोड़े को बढ़ने से रोकते हैं।
इस्तेमाल का तरीका
– अगर आपको साबूत लहसुन खाना पसंद नहीं, तो आधा चम्मच से भी कम लहसुन का पेस्ट या एक लहसुन की कली को बारीक़ काटकर खाने में उपयोग करें।
28. झुर्रियों को कम करता है लहसुन – Benefit of garlic for anti-aging in hindi
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कई बार लोगों की त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां नज़र आने लगती हैं।दरअसल, ऐसा गलत खान-पान, तनाव, सूर्य की हानिकारक किरणों और बदलती जीवनशैली की वजह से होता है। ऐसे में अगर लहसुन का सेवन किया जाए, तो समय से पहले चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों से बचा जा सकता है। लहसुन में एस-एलिल सिस्टीन पाया जाता है जो त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों और झुर्रियों से बचाने में मदद करता है। लहसुन में एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइंफ्लैमटोरी गुण भी होते हैं, जो झुर्रियां कम करने में मदद करते हैं। (29)
इस्तेमाल का तरीका
– सुबह नींबू और शहद के साथ लहसुन की एक कली खाएं। अगर इनमें से किसी चीज़ से आपको एलर्जी हो तो, इन्हें खाने से पहले एक बार डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।
29. स्ट्रेच मार्क को मिटाने में मदद करता है लहसुन – Benefit of garlic for stretch marks
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एक उम्र के बाद महिलाओं के बदन पर स्ट्रेच मार्क का दिखना आम बात है। आएये दिन महिलाएं स्ट्रेच मार्क से निजात पाने के लिए कुछ न कुछ नुस्खें आज़माती रहती हैं। वैसे तो स्ट्रेच मार्क्स के निशान को पूरी तरह मिटाना मुश्किल है, लेकिन इसे लहसुन की मदद से कम किया जा सकता है।
इस्तेमाल का तरीका
– दो से तीन लहसुन की कलियों को सरसों के तेल में गर्म करें और फिर गुनगुना होने के बाद तेल को स���ट्रेच मार्क के निशान पर लगाएं। आप चाहें तो सरसों तेल की जगह जैतून का तेल भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
30. बालों को झड़ने से रोकता है लहसुन – Hair Benefits of Garlic
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आज के समय में बालों का झड़ना एक आम समस्या है। आमतौर पर धूल, प्रदूषण, अशुद्ध पानी और खराब खान-पान की वजह से बाल झड़ने की समस्या होती है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि लहसुन का जेल और बीटामेथेसोन वालरेट बाल झड़ने की समस्या पर रोक लगा सकता है। (30)
इस्तेमाल का तरीका
– आप अगर मांसाहारी हैं, तो मछली में लहसुन का उपयोग कर सकते हैं। इससे बालों को फ़ायदा हो सकता है। इसके अलावा, आप पालक के स्मूदी के साथ लहसुन का सेवन कर सकते हैं।
31. रूसी यानी डैंड्रफ़ को कम करता है लहसुन – Benefit of garlic for dandruff
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बालों में डैंड्रफ़ की समस्या आजकल बहुत आम हो चली है। डैंड्रफ़ के कारण बाल खराब होने लगते हैं और झड़ने लगते हैं। आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि लहसुन के सेवन से यह समस्या कम हो सकती है। दरअसल, लहसुन में मौजूद एंटी बायोटीक, एलिसिन और अन्य एंटीऑक्सिडेंट में एंटी फ़ंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ़्लैमेटरी गुण होते हैं। इन गुणों की वजह से लहसुन कुछ हद तक डैंड्रफ़ से निजात दिला सकता है।
इस्तेमाल का तरीका
– आप लहसुन को अपने हर रोज़ के खाने में शामिल कर सकते हैं।
लहसुन में मौजूद पौष्टिक तत्व – Garlic Nutritional Value in Hindi
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लहसुन में कई महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व, जैसे – फ्लैवोनोइड्स, ओलिगोसाक्राइड, एलिन और एलिसिन मौजूद होते हैं। ये पौष्टिक तत्व अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी होते हैं। इसके अलावा लहसुन में प्रचूर मात्रा में सल्फ़र भी पाया जाता है।
एनर्जी 149 कैलोरी 7.5 % कार्बोहाइड्रेट 33.06 ग्राम 25% प्रोटीन 6.36 ग्राम 11% कुल वसा 0.5 ग्राम 2% कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम 0% डाएटरी फ़ाइबर 2.1 ग्राम विटामिन फ़ॉलेट 3 माइक्रोग्राम 1% नियासिन 0.700 मिलीग्राम 4% पैंटोथेनिक एसिड 0.596 मिलीग्राम 12% पायरीडॉक्सीन 1.235 मिलीग्राम 95% रीबोफ़्लैविन 0.110 मिलीग्राम 8% थायमिन 0.200 मिलीग्राम 17% विटामिन-ए 9 IU 1% विटामिन-सी 31.2 मिलीग्राम 52% विटामिन-ई 0.08 मिलीग्राम 0.5% विटामिन-के 1.7 माइक्रोग्राम 1.5% एलेक्ट्रोलाइट सोडियम 153 मिलीग्राम> 10% पोटैशियम 401 मिलीग्राम> 8.5%
मिनरल कैल्शियम 181 मिलीग्राम 18% कॉपर 0.299 मिलीग्राम 33% आयरन 1.70 मिलीग्राम 21% मैग्नीशियम 25 मिलीग्राम 6% मैंगनीज़ 1.672 मिलीग्राम 73% फ़ॉस्फ़ोरस 153 मिलीग्राम 22% सेलेनियम 14.2 माइक्रोग्राम 26% ज़िंक 1.160 मिलीग्राम 10.5% फ़ायटो-न्यूट्रिएंट्स बीटा कैरोटीन (Carotene-ß) 5 माइक्रोग्राम – बीटा क्रिप्टोजैन्थिन (Crypto-xanthin-ß) 0 माइक्रोग्राम – लुटेइन ज़ियेजैंथिन (Lutein-zeaxanthin) 16 माइक्रोग्राम –
लहसुन के प्रकार – Types of Garlic in Hindi
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शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि लहसुन दो प्रकार के होते हैं-
सामान्य लहसुन – इसका इस्तेमाल हम आमतौर पर अपनी रसोई में रोज़ाना करते हैं।
कश्मीरी लहसुन – यह लहसुन शुद्ध वातावरण में उगाया जाता है। दरअसल, इसकी खेती हिमालय की तराई वाले इलाकों में की जाती है।
लहसुन खाने का सही समय और तरीका – Best Way to Eat Garlic in Hindi
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यूं तो लहसुन को लगभग रोज़ाना खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, सुबह के समय इसका सेवन करने से सबसे ज़्यादा फ़ायदा होता है।
लहसुन के सेवन से जुड़ी सावधानियां –
– किसी भी चीज़ का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल नुक़सान पहुंचा सकता है।इसलिए, एक दिन में दो से ज़्यादा लहसुन की कलियां न खाएं।
– अगर आपको एसिडिटी की शिकायत है, तो कच्चे लहसुन के सेवन से परहेज़ करें।
लहसुन को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका – How to Store Garlic in Hindi?
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कई घरों में लोग ज़्यादा मात्रा में लहसुन खरीद कर रख लेते हैं, लेकिन उन्हें इसके भंडारण का सही तरीका पता नहीं होता। इसलिए, नीचे हम आपको लहसुन को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका बताने जा रहे हैं।
– लहसुन को फ़्रिज में न रखकर, किसी हवादार स्थान पर रखें।
– ताज़े लहसुन को पैक करके न रखें। ऐसा करने से लहसुन अंकुरित होकर खराब हो सकता है।
– ज़रूरत के हिसाब से ही लहसुन के कंद को तोड़कर कलियां निकालें, क्योंकि साबूत लहसुन के मुकाबले कलियां जल्दी खराब हो जाती हैं।
लहसुन को सही ढंग से स्टोर करने के बाद भी इस्तेमाल करने से पहले उसकी जांच ज़रूर करें। अगर लहसुन नर्म हो या अंकुरित हो गया हो, तो उसका इस्तेमाल न करें। इसके अलावा, आप सूंघ लें कि कहीं लहसुन की गंध अजीब तो नहीं हो गई। अगर ऐसा हो तो इसका इस्तेमाल न करें।
लहसुन के नुकसान – Side Effects of Garlic in Hindi
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इतने सारे फ़ायदे जानने के बाद आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी कि इस गुणकारी लहसुन के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। नीचे हम लहसुन के कुछ नुकसान के बारे में आपको बताने जा रहे हैं-
1. लहसुन खाने से आपके मुंह से दुर्गंध आने की समस्या हो सकती है।
2. अगर आप कच्चा लहसुन खा रहे हैं, तो आपको गैस, उलटी, पेट खराब होने या पेट फूलने की परेशानी हो सकती है।
3. ज़्यादा लहसुन खाने से आपको रक्तस्त्राव की समस्या हो सकती है। इसलिए, अगर आपकी कोई सर्जरी होने वाली है, तो उससे पहले लहसुन का सेवन न करें।
4. अगर आपको लहसुन से एलर्जी है, तो इसके सेवन से आपको त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
किन लोग���ं को लहसुन नहीं खाना चाहिए – Who should avoid garlic in hindi
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अगर आपको लीवर से जुड़ी कोई समस्या है, तो ज़्यादा लहसुन का सेवन करने से लीवर को नुकसान हो सकता है।
लो ब्लड प्रेशर के मरीज़ लहसुन से परहेज़ करें, क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर और कम हो सकता है।
माइग्रेन के मरीज़ लहसुन से परहेज़ करें।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि हर चीज़ के फ़ायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। ऐसे में ज़रूरत है तो बस थोड़ी सतर्कता की, थोड़ी सावधानी की। अगर आपको भी लहसुन के किसी औषधीय गुण के बारे में पता हो, तो नीचे कमेंट बॉक्स में उसके बारे में बताना न भूलें।
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लहसुन के फायदे और नुकसान – Garlic (Lahsun) Benefits and Side Effects in Hindi
लहसुन (lahsun) एक ऐसी खाद्य सामाग्री है, जो कई सब्ज़ियों का ज़ायका बढ़ा देती है। लहसुन का तड़का बेजान से बेजान सब्ज़ी के स्वाद को कई गुणा बढ़ा देता है। लगभग हर रसोई में पाई जाने वाली ये खाद्य सामाग्री सिर्फ़ सब्ज़ियों का स्वाद ही नहीं बढ़ाती,
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/lahsun-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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बलगम (कफ)के आयुर्वेदिक घरेलू उपचार बलगम (जिसे कफ के रूप में भी जाना जाता है), ज़ुकाम और अन्य ऊपरी श्वसन संक्रमण का एक आम उत्पाद है। बलगम से निपटना बहुत मुश्किल हो सकता है और ऐसा लग सकता है कि यह कभी खतम नहीं होगी। अगर आप अपने गले और नाक में बन रहे बलगम से राहत पाना चाहते हैं, तो उपचार के इन तरीकों में से कुछ की कोशिश करें। अदरक और शहद अदरक में ऐसे बहुत से तत्व होते हैं जो बहुत सारी बीमारियों का सामना कर सकते हैं। इसके सेवन से सर्दी खांसी में फायदा होता है और श्वसन प्रक्रिया ठीक हो जाती है। 100 ग्राम ग्राम अदरक को कूट लें। दो-तीन चम्मच शहद को उसमें मिला लें। इस पेस्ट को दो-��ो चम्मच दिन में दो बार लें। समस्या दूर हो जाएगी। गरारे एक ग्लास गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिलाएं। अपनी गर्दन थोड़ी सी पीछे की तरफ गिराएं और फिर इस नमक के पानी से गरारे करें। इस पानी को निगलें न। कुछ देर तक गले में रखकर गरारे करने के बाद आप निश्चित रूप से अच्छा महसूस करेंगे। लेमन टी नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड और शहद के एंटीसेप्टिक तत्व बलगम कम करने और गले का दर्द दूर करने में मदद करते हैं। ब्लैक टी बनाइये, और उसमें एक चम्मच ताजे नींबू का रस और एक चम्मच शहद का मिला दीजिए। सफेद-मिर्च आधी चम्मच सफेद कालीमिर्च को पीस लें। इसमें 1 चम्मच शहद मिला लें। इस मिक्सचर को 10-15 सेकेंड माइक्रोवेव करें। फिर पी लें। इसे पीते ही आपको फौरन आराम मिलेगा। बलगम से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए इस मिक्चर को एक हफ्ते तक दिन में तीन बार जरूर लें। हाइड्रेटेड रहें: सभी बीमारियों की तरह, जल्दी ठीक होने के लिए हाइड्रेटेड रहना आवश्यक है। दिन भर में हर घंटे पानी पीकर अपने शरीर को बलगम बाहर निकालने में मदद करें। आप अपनी फ्लूइड (fluid) इन्टेक (intake) को सप्लीमेन्ट (supplement) करने के लिए जूस और चाय भी ले सकते हैं। लहसुन और नींबू लहसुन में सूजन दूर करने वाले तत्व मौजूद होते हैं और नींबू में सिट्रिक एसिड। जब दोनों का इस्तेमाल किया जाता है तो ये बलगम दूर करने में हमारी मदद करते हैं। एक कम पानी उबालें। उसमें तीन नींबू निचोड़ें। थोड़ा सा कुटा हुआ अदरक मिलाएं। साथ में आधी चम्मच काली मिर्च का पाउडर और एक चुटकी नमक। इन सब को अच्छे से मिला लें और पी लें। इससे आपको बलगम की समस्या से फौरन निजात मिल जाएगी। बलगम को भाप से बाहर निकालें: भाप आपके सीने, नाक और गले में बलगम को तोड़ने में मदद करती है जिससे आप आसानी से इसे अपने शरीर से बाहर निकाल पाते हैं। एक बर्तन में पानी उबालें और इसमें युकलिप्टुस (eucalyptus) के तेल की कुछ बूंदें मिलाएँ। अपने चेहरे को बर्तन के ऊपर रखें और कई मिनटों तक भाप लें। इसके अतिरिक्त आप बलगम को तोड़ने के लिए गर्म स्नान (shower) कर सकते हैं हल्दी बलगम के उपचार के लिए हल्दी सबसे अधिक प्रभाव डालने वाली चीज है। ये एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करती है और इसमें कर्क्यूमिन होता है जो शरीर की बहुत सारी आंतरिक और बाहरी समस्याओं में फायदा पहुंचाता है। एक ग्लास गर्म दूध में हल्की और आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाएं। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। बलगम को दूर करने के लिए इसे रोज पियें। प्याज और नींबू एक प्याज छील कर उसे पीस लें। एअब एक नींबू का रस निकाल लें। इसे एक कप पानी में इन दोनों को मिलाकर दो तीन मिनट के लिए उबाल लें। आंच से उतार लें और एक चम्मच शहद मिला लें। इस मिक्सचर को एक दिन में तीन बार पियें, बलगम की समस्या दूर हो जाएगी। अंग��र का जूस अंगूर की प्रकृति एक्सपेक्टोरेंट होता हैं और इसलिए ये आपके फेफड़ों के लिए और बलगम दूर करने में फायदा पहुंचाता है। दो चम्मच अंगूर के जूस में दो चम्मच शहद मिला लें। इस मिक्चर को एक हफ्ते तक दिन में तीन बार लें। प्राकृतिक जड़ी बूटियाँ खाएँ: मुलैठी (licorice), मेथी और चिकवीड (chickweed) जैसी जड़ी बूटियाँ खाना आपके गले से बलगम साफ करने में मदद करेगा। इन्हें अपने खाने में जोड़ें या अगर आप स्वाद को बर्दाशत कर सकते हैं, तो इन्हें कच्चा खाएँ या पानी में उबालकर इनकी चाय बनाएँ चिकन सूप गर्मागर्म चिकन सूप बलगम की समस्या को दूर करता है और आपकी श्वास की नली को मॉइश्चुराइज करता है। ये बलगम को पतला कर सकता है। इसलिए अपना गला साफ करने के लिे दिन में दो से तीन बार गर्म चिकन का सूप पियें। आप इसमें अलग से अदरक और लहसुन भी मिला सकते हैं, अधिक और जल्दी फायदा होगा। गाजर गाजर में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से ये आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है। इसके अलावा इसमें ऐसे बहुत से विटामिन और पोषक तत्व होते हैं जो खांसी और बलगम की समस्या को दूर करते हैं। 3-4 ताजी गाजर का जूस निकालें। उसमें थोड़ा पानी और दो-तीन चम्मच शहद मिलाएं। अच्छी तरह इस मिश्रण को मिलाएं। इस मिश्रण को एक दिन में दो से तीन बार पियें, आपकी बलगम की समस्या ठीक हो जाएगी। डेयरी उत्पाद न खाएँ: सारे डेयरी प्रोडक्टस में एक विशेष प्रोटीन, कैसिइन (casein), होता है जो ठंडा करता है और आपके शरीर में और बलगम बनाता है। अनावश्यक रूप से अधिक बलगम का निर्माण रोकने के लिए, दूध, चीज़, दही या आइसक्रीम जैसे डेयरी प्रोडक्टस न खाएँ।
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