#समाज
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University Truth Seekers Society
विश्वविद्यालय सत्यशोधक समाज
Vishwavidyalay Satyashodhak Samaj
SANGH
Join and win
We will join, we will win
Insistence to join
When we join, we will win
The more you join, the more you win
Wherever you join, you will win there
As you join so will you win
Those who join will win
If you join now, you will win now
If you join after 100 years, you will win after 100 years
Join and win
We the people of University (ME into WE: Professors Researchers Students and Public Intellectuals for Weekly Sunday Metta Talk). We proudly say - We are Saman (Sangh kee shakti bane-Sangh kee shakti puraatan hai-aadi antt maddhy mein sanaatan hai) Sanghe Shaktti Yuge Yuge!!  Sanghe Shaktti Namaami!!
-:sanghang namaami:-
:::Appeal:::
We, the people of India, should share our experiences of new ideas generated in the universities, colleges, schools and various cultures where we were educated, sit together and hold seminars, and infuse energy of new hopes among all new generation, educated peoples and different professionals.  We, the egalitarian Samans of India, should purify the truth for happiness, social security and progress. Join the Sangha, become the power of the Sangha,  power lies in the Sangha, Sangha is power in ages,  Sangha is power, so I going in the Sangha! In the end, do not forget to join the Weekly Metta Talk every Sunday, this movement associated with, Samnikkat-samnipaat (सन्निक्कट-सन्निप्पात) is the witness of our progress. I refuge in the Sangha!
विश्वविद्यालय सत्यशोधकों का मंत्रणा-तंत्रजाल
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halat-se-mulaqat · 5 months ago
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क्रिकेट का जश्न या जुआरी बनाने की फ़ैक्ट्री?
क्रिकेट का जश्न और जुआरी बनाने की फैक्ट्री, यह विषय बहुआयामी है और इसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
जुआरी बनाने की फैक्ट्री:
सट्टेबाज़ी और जुआ: क्रिकेट मैचों के दौरान सट्टेबाज़ी और जुआ खेलना एक बड़ी समस्या है। लोग अपनी मेहनत की कमाई को दांव पर लगाकर जोखिम में डालते हैं।
नकारात्मक प्रभाव: क्रिकेट पर सट्टेबाज़ी करने वाले लोग आर्थिक संकट में ��ड़ सकते हैं, जिससे उनके परिवार और सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अवैध गतिविधियाँ: सट्टेबाज़ी से अवैध गतिविधियों और अपराधों को बढ़ावा मिलता है, जो समाज के लिए हानिकारक हैं।
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geetaparamrahasyam · 6 months ago
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कौन है मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन
मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन उसका अपना अहंकार और अज्ञान होता है। अहंकार उसे अन्य लोगों के साथ सहयोग करने से रोकता है और उसकी सोच को अपने स्वार्थ में बाधित करता है। अज्ञान उसे समझने और सहयोग करने की शक्ति से वंचित रखता है, जिससे वह दूसरों के साथ सहयोग करने के अवसरों को खो देता है।
For more details visit - गीता के श्लोकों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करते हैं। Geeta gyan - Geeta param rahasyam ये श्लोक गीता के ��हत्वपूर्ण भाग हैं जो मार्गदर्शन के रूप में सेवन किए जा सकते हैं।
इन दोनों के अत्यधिक प्रयोग से, मनुष्य खुद को अलग और दूर महसूस करता है, जिससे समाज में दूरी और विभाजन का संदेश मिलता है। इसलिए, समाज के लिए और अपने स्वयं के लिए, हमें अपने अहंकार और अज्ञान को पराजित करने का प्रयास करना चाहिए।
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samajvikassamvad · 1 year ago
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पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना।
पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना।   अरविंद यादव, समाज विकास संवाद नई दिल्ली।   पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना, – रेलवे के काम से हर कोई हैरान। भारतीय रेलवे ने आज के दिन एक नया इतिहास लिख दिया है। देश के 508 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला…
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disuv · 2 years ago
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करेजा क्यों फटे : फट फट फटाफट !
दिल्ली/ 16-02-2023
बाबू जगजीवन राम जाति के चमाड़ थे । 20वीं सदी में हिंदुस्तानी कमीज़ में रफ़ू हुआ तो धागे धागे पर राम-रहीम उभड़ने लगे । तिलक और जेनऊ पर धूल के धब्बे पड़ने लगा था । हालांकि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित बिरादरी के थे , अपितु पंडितों की गति उड़ते परिंदे ताक रहे थे । धोखाधखि में पंडितों के हाथ से लगाम छूट गया । पंडित समाज ऊपरवाले का डर दिखाते पर ऊपर उठ चुके राम वहाँ से धनुष बाण साध कर कहते - अब चुप हो जाइए नही तो बैकुंठ भेज देंगे !
बाबू जगजीवन राम के नाम से मैंने ये लेख इसलिए नही सुरु किया क्योंकि वे प्रसिद्ध नेता थे , बल्कि इसलिए सुरु किया क्योंकि उनके नाम मे राम है और लक्ष्मण राम मेरे बचपन के मित्र थे । बेशक़ जगजीवन राम लंगड़ाते नही थे लेकिन उन्होंने शर्तिया भैंस का माँस स्वाद लेकर खाया होगा । चमाड़ जाति की दुर्गति को मैंने अपनी आंखों ��े देखी है । "नदी'' में बिखड़े पड़े बैल और भैंस के कंकाल को देखकर मैं सिहर जाता था । शार्टकट रास्ता उधर से ही था तो बारीबारी होते हुए चौक पर और बारीबारी होते घर । बारी को जंगल समझिए नाकि बंगाली में घर । मैथली में बारी शब्द को घर के आसपास के जंगल के लिए प्रयोग किया जाता है । ''नदी'' के पास कभी कभी लक्ष्मण राम हाथ मे कुल्हाड़ी पकड़े दिख जाता था । मेरा मन करता था कि उससे तत्क्षण मित्रता तोड़ दें , परन्तु बचपन मे हड्डियों से अधिक मोह बड्डीयों से होता है , सो नही तोड़ सका । ऊपर से लक्ष्मण राम गीत लाज़बाब गाता था । खासकर शारदा सिन्हा जी का गीत । विधात ने बहुत जुलम किया था इस लक्ष्मण राम पर । बाबू जगजीवन राम विकलांग नही थे पर ये राम विकलांग था । लंगड़ाते हुए स्कूल आता था । एक तो राम ऊपर से विकलांग ।
बाबू जगजीवन राम आरा में पानी पीने के लिए तरस गए थे । स्कूल में हिंदुओंने पानी पर कब्जा जमा लिया था । बहुत संघर्ष के बाद जगजीवन राम को पानी मिला लेकिन अलग से एक अछूत बर्तन में । हमारे स्कूल में लक्ष्मण राम को कभी भी इस तरह से अपमानित नही किया गया । शायद समय और समय मे दूरी कायम होने के चलते या फिर ग्रामीण सर्वजातीय समभाव चेतना के चलते । हमने एकबार लक्ष्मण से पूछा भी था -- भैंसा क्यों खाते हो ? वह बोला - अनाज़ मिलता ही कहाँ है जो देह बने । ताकत के लिए गरीबों को माँस के अलावा और उपाय क्या है । हमने फिर क��ी उससे नही कहा की भैंसा का मांस मत खाओ । मैं उससे कभी घृणा भी नही कर सका ।
कब और किसने समाज को दूषित किया इस बात को जानने के लिए कुछ तिनके ही काफ़ी हैं । ठीक ठीक देखनेपर हमें सहज ज्ञात हो जाता है कि इस मानवीय दौर में स्वयं के प्रति अधिक रुझान है और जाति के प्रति कम । दो भिन्न जाति के दो लोग आपस मे मिलकर एक अन्य जाति को जन्म देते हैं । फिर उसके बाद एक और समाज !
-दिशव
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jivandarshan · 2 years ago
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एक तरफा ना सोचे (Don’t think one sided in hindi)
कभी कभी ना चाहते हुए भी हम किसी भी बात को लेकर या किसी व्यक्ति को लेकर अपने एक तरफा विचार रखते है। जो हमारे लिए और उसके लिए सही नहीं होते है। एक उदाहरण देता हुँ जब हमें कोई कुछ भी कहता है तो हो सकता है हमें उनकी बात बुरी लगे पर तुरंत इसी समय इसी बात पर अपना रिएक्शन कभी ना दे। उस बात को समझने की कोशिश करे की आखिरकार उसने ऐसा कहा तो उसकी वजह क्या रही होगी । सकारात्मक सोच कैसे बनाये ।Think…
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socialworks-blog · 2 years ago
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समाज और समिति में अंतर स्पष्ट कीजिए?
समाज और समिति में अंतर :- समाज और समिति दोनों अलग-अलग अवधारणाएँ हैं। समाज व्यक्तियों में पाए जाने वाले सामाजिक संबंधों का ताना-बाना या जाल है। चूंकि सामाजिक संबंध अमूर्त होते हैं, इसलिए समाज भी अमूर्त होता है। एक समिति एक निश्चित उद्देश्य या उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों द्वारा बनाई गई एक मूर्त संस्था है। समाज और समिति में अंतर इस प्रकार हैं: समाज ��क साध्य है। समिति एक साधन…
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wificlass · 2 years ago
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समाज सेवा निबंध हिंदी में | Essay on social service in Hindi
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#Ten#Golden#Rules for #Social#Reforms#सामाजिक#सुधार के लिए #दस#स्वर्णिम#नियम by #Prof. #Thirupathi TEN GOLDEN RULE 1. Only saman be innate members. 2. Never ever Chanda in sangh. 3. Never ever caste practices. 4. Only Sanghwad no individualism in sangh. 5. Sangh never offers to postposition daise and garland. 6. Never ever the registration of saman Sangh. 7. Order of the sangh is Ultimate. 8. Sangh will never enter into politics. 9. Never ever return of the sangh traitor. 10. Nine rules unchangeable, eternal and permanent. " दस गोल्डन नियम" (Ten Golden Rule) 1. समण संघ में केवल समण ही आ सकते हैं 2. समण संघ में कभी चन्दा नहीं लिया जायेगा 3. हम केवल समण हैं, संघ में कभी जाति का अभ्यास नहीं होगा. यानि किसी भी जाति के नाम का संबोधन नहीं किया जायेगा 4. समण संघ में केवल संघवाद रहेगा, व्यक्तिवाद को कोई स्थान नहीं 5. संघ में कभी भी पद-प्रतिष्ठा-मंच-माला को कोई स्थान नहीं होगा. 6. समण संघ का पंजीकरण कभी नहीं होगा 7. संघादिसेस यानि संघ का आदेश सभी के लिए सबसे ऊपर रहेगा 8. संघ राजनीति में कभी नहीं जायेगा 9. संघ घातक की वापसी संघ में कभी नहीं होगी 10. उपरोक्त 1 से 9 तक के नियम संघ का आधार हैं, ये ना कभी बदले जायेंगे और ना ही कभी ख़त्म किये जायेंगे और ना ही कभी अमान्य किये जायेंगे। #मन यानी #बुद्ध | #BUDDHA the great #TALLENT (Enlighten cognitive counciousness). #धन यानी #धम्म | #DHAMMA the great #TREASURE (Economic logic of Morality). #तन यानी #संघ | #SANGHA the great #TIME (Power of Past present future). We the People are Sovereign in Democracy, SANGH the authority. हम भारत के लोग यानी जहां शिक्षित हुए उन विश्वविद्यालय महाविद्यालय विद्यालय एवं विविध संस्कृति के बीच उत्पन्न नये विचारों का अनुभव साझा करें, बैठकर संगोष्ठी करें सभी शिक्षित जनों- भिन्न पेशेवरों के बीच एक दूसरे को परास्परिक नई उम्मीदों की ऊर्जा संचार करें। हम भारत के समतावादी समण लोग सुख सुरक्षा विकास के लिए सत्य का शोधन करें। संघ में जुड़े जोड़े, संघ की शक्ति बने- संघ में ही शक्ति है, संघे शक्ति युगे युगे-संघे शक्ति नमामि! अंत में प्रत्येक रविवार सप्ताहिक मेत्ता वार्ता में जुड़ना ना भूलें, यह गति संगति  सन्निकट-सन्निपात अपनी प्रगति का प्रमाण है। संघम नमामि! (विश्वविद्यालय सत्यशोधक समाज-बौद्धिक समिति: समण संघ) :::Sangh::: Such a Sangh which walks on the "good, Liberty" path. Such a Sangh which walks on the "straight, Fraternity" path. Such a Sangh which walks on the "law and Justice" path. Such a Sangh which walks on the "proper Equality" path. Such a Samana Sangh. Our own Samana Sangh. Such a "Saman Sangh" which is a Sangh of Samanist, not of Brahmanist. It is a Sangh of equality, not of inequality. Such a Sangh whose 'power' is from beginning to end, it is a Sangh created by nature. Animals, birds, insects, moths, all live together in their Sangh, remain happy and safe. I salute such a Sangh. #Sangh Join and win We will join, we will win Insistence to join When we join, we will win The more you join, the more you win Wherever you joi, you will win there As you join so will you win Those who join will win If you join now, you will win now If you join after 100 years, you will win after 100 years Join and win University Satyashodhak Samaj India.
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geetaparamrahasyam · 6 months ago
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अधूरा ज्ञान खतरनाक
यह एक विचारशील विषय है जो हमें यह स्मृति दिलाता है कि अगर हमारे पास किसी चीज़ का पूरा ज्ञान नहीं है, तो वह हमारे लिए कितना खतरनाक हो सकता है। अधूरा ज्ञान एक जाल बना सकता है जो हमें गलत निर्णय लेने के लिए मजबूर कर सकता है। यह हमें असमर्थ बना सकता है और
For more details visit - गीता के श्लोकों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करते हैं। Geeta gyan - Geeta param rahasyam ये श्लोक गीता के महत्वपूर्ण भाग हैं जो मार्गदर्शन के रूप में सेवन किए जा सकते हैं।
हमें आपसी संबंधों और समाज में बाधा डाल सकता है। सही ज्ञान के अभाव में, हम अपने और अन्यों के लिए खतरनाक स्थितियों में पड़ सकते हैं। इसलिए, सत्यापित और समर्पित ज्ञान का प्राप्त करना हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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samajvikassamvad · 1 year ago
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क्या सच में बीयर नॉनवेज होती है? क्या आपके ड्रिंक में शामिल होती है मछली
क्या सच में बीयर नॉनवेज होती है? क्या आपके ड्रिंक में शामिल होती है मछली?   अरविंद यादव, समाज विकास संवाद नई दिल्ली।   खाने के विभिन्न पदार्थों के साथ-साथ, पेय पदार्थ भी हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। कुछ पेय तो हमें आवश्यक तौर पर चाहिए होते हैं, वहीं कुछ पेय कभी-कभी लिए जाते हैं,जैसे बीयर या शराब आदि। बीयर के शौकीन लोग इतने दीवाने होते हैं कि शराब को हाथ तक नहीं लगाते, अगर वो महफिल…
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bharatlivenewsmedia · 2 years ago
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Mumbai : सुदृढ आणि सुसंस्कृत समाज घडण्यासाठी ग्रंथांचे स्थान महत्त्वाचे – केंद्रीयमंत्री रामदास आठवले
Mumbai : सुदृढ आणि सुसंस्कृत समाज घडण्यासाठी ग्रंथांचे स्थान महत्त्वाचे – केंद्रीयमंत्री रामदास आठवले
Mumbai : सुदृढ आणि सुसंस्कृत समाज घडण्यासाठी ग्रंथांचे स्थान महत्त्वाचे – केंद्रीयमंत्री रामदास आठवले मुंबई : आपल्या जीवनाला वैचारिक दिशा असेल तर ते तत्त्वज्ञान घेऊन आपण पुढे जाऊ शकतो. सुदृढ आणि सुसंस्कृत समाज घडण्यासाठी आपल्या जीवनात ग्रंथांना खूप महत्त्वाचे स्थान आहे, असे मत केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले यांनी व्यक्त केले. वांद्रे पूर्व येथे मुंबई उपनगर जिल्हा ग्रंथालय…
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rohitindora8199 · 3 months ago
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#Freedom_From_Evil
🌄 दहेज से आजादी
विश्व प्रसिद्ध संत रामपाल जी महाराज के प्रयास से समाज को दहेज जैसी सामाजिक बुराई से मुक्ति मिल रही है। जिससे भारत बन रहा है दहेज मुक्त।
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himanigoswami · 2 months ago
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subhashdagar123 · 2 months ago
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udaywaghmare · 2 months ago
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