#सक्रिय स्वास्थ्य
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लखनऊ, 13 दिसंबर 2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के वित्तीय सहयोग से राजकीय हाई स्कूल, धनुवासांड, मोहनलालगंज में निर्मित शौचालय का लोकार्पण मुख्य अतिथि आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा हुआ | कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आदरणीय श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, प्रधानाचार्या, राजकीय हाई स्कूल, धनुवासांड, मोहनलालगंज, लखनऊ द्वारा राष्ट्रगान, दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण से हुआ | मुख्य अतिथि का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया गया | स्कूल के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत, स्वच्छता पर आधारित नाट्य प्रस्तुति की |
मुख्य अतिथि श्री अशोक कुमार ने अपने आशीर्वचन मे कहा कि, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सहयोग से निर्मित यह शौचालय विद्यालय और समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम है । यह शौचालय न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य का प्रतीक है, बल्कि बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण का भी आधार है । मैं हेल्प यू ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग के प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्होंने इसे संभव बनाया । यह केवल एक संरचना नहीं, बल्कि स्वच्छता, स्वास्थ्य और सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । शौचालय का उपयोग करना और उसे स्वच्छ रखना हम सभी का कर्तव्य है । स्वच्छता केवल एक आदत नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है । सीमित संसाधनों के बावजूद इस विद्यालय में अनुशासन और स्वच्छता पर जो ध्यान दि��ा जा रहा है, वह प्रेरणादायक है । एक कविता के माध्यम से मैं कहना चाहूंगा:
पगडंडियां छूट गईं, सड़कों पर जाम बहुत है,
फुर्सत कम और काम बहुत है ।
सुख-सुविधाओं का अंबार है,
लेकिन इंसान परेशान बहुत है ।
हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए उपलब्ध संसाधनों का सही उपयोग करना चाहिए । आइए, मिलकर स्वच्छता को अपनी आदत और संस्कृति का हिस्सा बनाएं ।“
श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “इस शौचालय के निर्माण का उद्देश्य विद्यालय में स्वच्छता की स्थिति को बेहतर बनाना और विद्यार्थियों मे स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है । यह परियोजना छात्रों और समुदाय के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है । इस पहल से न केवल विद्यालय के विद्यार्थियों को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सामूहिक रूप से इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया, जो समाज को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति एक नई दिशा प्रदान करता है ।
बता दे कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना 2012 में लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जनहित और जनकल्याण के उद्देश्य से की गई थी । पिछले 12 वर्षों में, इस ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में एक सम्मानित जनकल्याणकारी संस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई है । ट्रस्ट, आदरणीय संरक्षक पद्मभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्मश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी, और पद्मश्री अनूप जलोटा के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक उन्नति के लिए सक्रिय है । ट्रस्ट “सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास” को अपना आदर्श मानते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है, जैसे सिया राम की रसोई, वस्त्र वितरण, रक्तदान, बाल गोपाल शिक्षा योजना और जनहित जागरूकता अभियान । कोरोना महामारी के दौरान, ट्रस्ट ने जरूरतमंदों को भोजन, मास्क, सैनिटाइजर, और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान करके अपनी जनसेवा की प्रतिबद्धता को सिद्ध किया । ट्रस्ट ने लखनऊ में वृद्धा आश्रम, अनाथालय, भगवत गीता सेंटर, और हेल्प यू एकेडमी ऑफ स्पिरिचुअल म्यूजिक जैसी परियोजनाओं को प्रारंभ किया है और देशभर की राजधानियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्यालय स्थापित कर रहा है । ट्रस्ट की प्रबंध समिति में श्रीमती क���रन अग्रवाल, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल और डॉ. रूपल अग्रवाल की सक्रिय भूमिका, साथ ही पद्मश्री अनूप जलोटा का मार्गदर्शन, इसे निरंतर नई ऊ���चाइयों पर ले जा रहा है ।“
कार्यक्रम में सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ने कहा कि, “स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता समाज को एक बेहतर दिशा में प्रेरित करती है । एल्डिको ने हमेशा समाज की भलाई को प्राथमिकता दी है, और यह शौचालय उसी भावना का प्रतीक है । हेल्प यू ट्रस्ट के प्रति मैं आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने इस परियोजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया । मेरा सभी से अनुरोध है कि इस शौचालय को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाए रखें । स्वच्छता केवल हमारी आदत नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है और इसे बनाए रखना हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक है ।"
स्कूल की प्रधानाचार्या, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने मुख्य अतिथि, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद किया । उन्होंने कहा कि, “��ौचालय के निर्माण से विद्यालय में स्वच्छता के प्रति जागरूकता निश्चित रूप से बढ़ेगी और बच्चे अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रतिबद्ध होंगे ।“
कार्यक्रम में श्री अशोक कुमार जी, माननीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, सुश्री चांदनी, एल्डिको हाउसिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती प्रतिभा शुक्ला, प्रधानाचार्या, राजकीय हाई स्कूल, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
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अपनों संग संवाद: कर्नल राज्यवर्धन राठौर का जन संवाद कार्यक्रम
“अपनों संग संवाद” कर्नल राज्यवर्धन राठौर के द्वारा शुरू किया गया एक विशेष जन संवाद कार्यक्रम है, जो आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करने और उनके सुझावों, समस्याओं और विचारों को समझने का एक प्रयास है। यह पहल न केवल एक सांसद के रूप में उनकी सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि जनता से जुड़ने और उनकी आवाज़ बनने की उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
“अपनों संग संवाद” का उद्देश्य
कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने इस कार्यक्रम को इसलिए शुरू किया है ताकि वे अपने क्षेत्र की जनता के साथ सीधे जुड़ सकें और जमीनी समस्याओं का सही आकलन कर सकें।
मुख्य उद्देश्य:
जनता की समस्याओं को सुनना: आम लोगों की दैनिक समस्याओं, शिकायतों और सुझावों को समझना।
समाधान के लिए पहल करना: लोगों की शिकायतों को सुलझाने के लिए त्वरित कदम उठाना।
सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना: समाज के सभी वर्गों को विकास प्रक्रिया में शामिल करना।
कर्नल राज्यवर्धन राठौर का दृष्टिकोण
संवाद का महत्व:
भरोसा कायम करना: जनता और नेतृत्व के बीच विश्वास बढ़ाना।
समस्याओं का समाधान: नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मदद करना।
जन भागीदारी को बढ़ावा: समाज के सभी वर्गों को विकास में शामिल करना।
“अपनों संग संवाद” की कार्यशैली
यह कार्यक्रम कई चरणों में संचालित किया जाता है, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई जा सके।
मुख्य चरण:
सीधा संवाद सत्र: पंचायतों, कस्बों और शहरों में सभाओं के माध्यम से जनता से मुलाकात।
डिजिटल प्लेटफॉर्म: सोशल मीडिया और मोबाइल एप के माध्यम से सुझाव और शिकायतें प्राप्त करना।
स्थानीय अधिकारियों की भागीदारी: विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों को शामिल करना।
जनता के लिए लाभ
“अपनों संग संवाद” कार्यक्रम जनता को सीधे अपने प्रतिनिधि से जुड़ने और अपनी समस्याओं को रखने का एक मंच प्रदान करता है।
मुख्य लाभ:
समस्याओं का त्वरित समाधान: शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाता है।
जनता की भागीदारी: लोग अपनी समस्याओं और सुझावों को सीधे साझा कर सकते हैं।
न्यायपूर्ण विकास: सभी वर्गों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाता है।
“अपनों संग संवाद” के प्रमुख विषय
इस कार्यक्रम के दौरान कई विषयों पर चर्चा होती है, जो क्षेत्र के विकास और सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चर्चा के प्रमुख मुद्दे:
शिक्षा और रोजगार: युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
स्वास्थ्य सुविधाएं: अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार।
सड़क और परिवहन: बेहतर सड़कें और परिवहन सुविधाओं का विकास।
कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों की समस्याओं को सुलझाना और गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास।
कर्नल राज्यवर्धन राठौर की अपील
कर्नल राठौर ने जनता से अपील की है कि वे इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने सुझाव व शिकायतें साझा करें। उनका मानना है कि जब तक हर नागरिक विकास प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेगा, तब तक सही मायने में बदलाव संभव नहीं होगा।
उनके शब्दों में:
“जनता की सहभागिता ही सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। आप सभी इस संवाद का हिस्सा बनें और एक साथ मिलकर क्षेत्र का विकास करें।”
निष्कर्ष: संवाद से ही समाधान
“अपनों संग संवाद” कार्यक्रम लोकतंत्र की शक्ति और जनता की आवाज़ को प्राथमिकता देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। कर्नल राज्यवर्धन राठौर का यह प्रयास समाज के सभी वर्गों को एकजुट कर एक समृद्ध और समावेशी भविष्य की ओर ले जाने का लक्ष��य रखता है।
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कामिनी विद्रावण रस टैबलेट
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट: एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य रत्न
आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए कई तरह के औषधीय उत्पादों का उपयोग किया जाता है। उनमें से एक प्रसिद्ध औषधि है कामिनी विद्रावण रस। यह आयुर्वेदिक औषधि विशेष रूप से पाचन तंत्र को सुदृढ़ करने, शरीर में जमा दोषों को बाहर निकालने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। इस लेख में हम कामिनी विद्रावण रस टैबलेट के लाभ, उपयोग और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
कामिनी विद्रावण रस क्या है?
कामिनी विद्रावण रस एक आयुर्वेदिक योग है जो विशेष रूप से शरीर में विषाक्त पदार्थों को समाप्त करने (विसर्पण) के लिए तैयार किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर के अंदर जमा कफ और वात दोषों को शांति प्रदान करना और पाचन क्रिया को सुधारना है। यह औषधि विभिन्न जड़ी-बूटियों और खनिजों के मिश्रण से तैयार होती है, जो शरीर के अंदर संचित अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
कामिनी विद्रावण रस के लाभ
पाचन तंत्र को सुधारता है कामिनी विद्रावण रस पेट की समस्याओं जैसे अपच, गैस, कब्ज, और अन्नास रोग को दूर करने में सहायक होता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और भोजन के पोषक ��त्वों को शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित करने में मदद करता है।
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है यह औषधि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों और खतरनाक तत्वों को बाहर निकालने के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग एजेंट के रूप में काम करती है। यह रक्त को शुद्ध करने और शरीर से अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है कामिनी विद्रावण रस शरीर की सामान्य कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे थकान और कमजोरी दूर होती है। यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है और शरीर को सक्रिय रखता है।
प्राकृतिक उपचार कामिनी विद्रावण रस का उपयोग प्राकृतिक तरीके से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के। यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और खनिजों से बना होने के कारण शरीर के लिए सुरक्षित है।
कामिनी विद्रावण रस का उपयोग कैसे करें?
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट का सेवन सामान्यतः एक निर्धारित मात्रा में किया जाता है, जो आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर के निर्देशानुसार होता है। आमतौर पर इसे दिन में दो बार, खाने से पहले या बाद में पानी के साथ लिया जाता है। हालांकि, इसे लेने से पहले एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है, ताकि आपके शरीर की विशेष जरूरतों के अनुसार सही खुराक निर्धारित की जा सके।
निष्कर्ष
कामिनी विद्रावण रस एक बहुपरकारी आयुर्वेदिक औषधि है, जो न केवल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, बल्कि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, ऊर्जा बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर के विभिन्न दोषों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति का जीवन अधिक स्वस्थ और ऊर्जा से भरा रहता है।
अगर आप भी अपने स्वास्थ्य को प्राकृतिक तरीके से सुधारना चाहते हैं, तो कामिनी विद्रावण रस को एक बार अपनी दिनचर्या में शामिल करके देख सकते हैं।
सुझाव: इस औषधि का सेवन शुरू करने से पहले एक अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
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प्रोटीनेक्स पाउडर प्रयोग करने से पहले जन लीजिये ये 10 बातें- Protinex Powder Benefits in Hindi
दोस्तों प्रोटीनेक्स पाउडर बाजार में पाया जाने वाला एक खास किस्म का स्वास्थ्य वर्धक प्रोटीन सप्लीमेंट है। अक्सर लोग इस पाउडर का प्रयोग लोग अपने शरीर की मांसपेशियों को विकसित करने बॉडी बनाने वजन बढ़ाने और समूचे स्वास्थ्य को बूस्ट करने के लिए करते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि प्रोटीनेक्स पाउडर के क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ-Protinex Powder Benefits in Hindi हैं और इसके क्या साइड इफेक्ट्स है-
मसल्स ग्रोथ में प्रोटीनेक्स का प्रयोग- Protinex for Muscle Growth
प्रोटीनेक्स में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों और उतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
वर्कआउट के बाद प्रोटीनेक्स पाउडर का सेवन करने से मांसपेशियों की वृद्धि और रिकवरी में सहायता मिलती है।
शरीर का वजन संतुलित करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
बहुत से लोग बचपन से ही दुबले पतले होते हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं। शारीरिक रूप से कमजोर और दुबला पतला होना बहुत ही लज्जा जनक होता है। इसलिए लोग अपना वजन बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं।
प्रोटीनेक्स पाउडर में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह शरीर का वजन तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही साथ ही यदि आप शारीरिक व्यायाम करते हैं तो मसल्स ग्रोथ में बहुत सहायता देता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर के साथ-साथ मिनरल्स और अमीनो अम्ल भी पाए जाते हैं। यह सभी तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और रोगों से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं।
ऊर्जा और स्फूर्ति बढ़ाने के लिए प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है जो शरीर को त्वरित गति से उर्जा प्रदान करती है। यदि इस पाउडर का सेवन मुख्य रूप से एथलीट और सक्रिय जीवन शैली वाले लोग करते हैं तो उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।
हड्डियों को मजबूत बनाने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में कैल्शियम की अच्छी मात्रा उपलब्ध होती है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। इस पाउडर का नियमित प्रयोग हड्डियों के नुकसान को रोकने और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
पाचन क्रिया को सुधारने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
इस पाउडर में फाइबर की अच्छी मात्रा ��पलब्ध होने के ��ारण यह पाचन क्रिया में भी सुधार लाता है। इसके साथ ही साथ यह आंतों को भी स्वस्थ बनाता है।
प्रोटीनेक्स पाउडर का नियमित सेवन करने से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर विभिन्न पोषक तत्वों से युक्त होता है और इसमें सोया प्रोटीन पाई जाती है। सोया प्रोटीन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। नियमित रूप से प्रोटीनेक्स पाउडर का सेवन करने से हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
ब्रेन फंक्शन सुधारने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में पाया जाने वाला कोलीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड ग्रीन फंक्शन को सुधारने के लिए बहुत आवश्यक तत्व माने गए हैं। इसके नियमित सेवन से याददाश्त और दिमागी कार्य क्षमता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
मधुमेह अर्थात डायबिटीज को संतुलित करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो मधुमेह के रोगियों की रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। संतुलित आहार के रूप में प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग करने से रक्त शर्करा को संतुलित किया जा सकता है और मधुमेह की जटिलताओं से बचा जा सकता है।
जनरल हेल्थ सप्लीमेंट के रूप में प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग
सामान्य तौर पर लोग प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग एक जनरल हेल्थ सप्लीमेंट की तरह करते हैं। सामान्य भारतीय भोजन में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की कमी पाई जाती है। जिसकी पूर्ति प्रोटीनेक्स पाउडर के सेवन द्वारा आसानी से की जा सकती है। नियमित रूप से प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग करने से लंबे समय तक दुरुस्त रहा जा सकता है।
प्रोटीनेक्स पाउडर बाजार में तीन प्रकार के उपलब्ध हैं- बच्चों के लिए प्रोटीनेक्स जूनियर, महिलाओं के लिए mama Protinex और वयस्कों के लिए सामान्य Protinex. भारतीय बाजार में 1kg protinex pack 600~700 INR तक के मूल्य में उपलब्ध है.
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मेष वार्षिक राशिफल 2025
साल 2025 मेष राशि के जातकों के लिए बहुत सारे नए और चौंकाने वाले बदलावों के साथ शुरू होने जा रहा है। राशिचक्र की पहली राशि के रूप में, मेष जातकों का स्वभाव हमेशा से सक्रिय, प्रेरित और उत्साही होता है। इस साल ग्रहों की चाल आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे व्यक्तिगत, करियर, भावनात्मक, वित्तीय, और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालेगी। यह साल न केवल आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का मौका देगा बल्कि आपके जीवन के कई अहम पहलुओं को भी बदलकर रख देगा। नीचे दिए गए विस्तृत राशिफल में आपके सामान्य जीवन, प्रेम, करियर, वित्त और स्वास्थ्य के साथ-साथ साल 2025 के हर महीने का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
मेष राशि के लिए सामान्य राशिफल 2025
2025 मेष राशि के लिए बड़े बदलावों और विकास का साल होगा। वृषभ राशि में बृहस्पति की स्थिति आपकी वित्तीय स्थिति और भौतिक सुख-सुविधाओं को बढ़ावा देगी। कुंभ राशि में शनि आपको अपने भविष्य के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करेगा। इस साल आपके लिए स्थिरता और विकास महत्वपूर्ण रहेंगे। आपकी राशि में पड़ने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण आपके अंदर नई संभावनाओं की खोज करने और जीवन के उद्देश्य को समझने की प्रेरणा देंगे। हालांकि, बुध के वक्री होने के दौरान संकोच और अपराधबोध आपको परेशान कर सकते हैं। इस समय कड़ी मेहनत और संकल्प आपके लिए सफलता की कुंजी रहेंगे।
मेष राशि के लिए प्रेम राशिफल 2025
साल 2025 मेष राशि के जातकों के लिए प्रेम का साल साबित होगा। यह साल उन लोगों के लिए बेहद खास रहेगा जो लंबे समय से अपने जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं। अप्रैल में पड़ने वाला सूर्य ग्रहण मेष जातकों को यह समझने में मदद करेगा कि वे रिश्ते में क्या चाहते हैं। सिंह और कुंभ राशि में शुक्र की स्थिति आपको नए लोगों से मिलने और अपने रिश्ते को मजबूत करने का अवसर देगी। जो लोग पहले से ही रिश्ते में हैं, उनके लिए यह साल अपने साथी के साथ गहराई और स्थिरता लाने का रहेगा। बुध के वक्री होने के समय संचार में समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए धैर्य रखें और बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करें।
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मेष राशि के लिए करियर राशिफल 2025
करियर के लिहाज से 2025 मेष राशि के जातकों के लिए बड़ा साल साबित होगा। वृषभ राशि में ��ृहस्पति और मंगल की सक्रियता आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगी। इस साल नई नौकरियां मिलने, प्रमोशन और नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाने के कई अवसर मिलेंगे। मई और नवंबर के बाद नौकरी बदलने या नई शुरुआत करने का भी मौका मिलेगा। शनि की स्थिरता आपको मेहनत और अनुशासन के माध्यम से सफलता प्राप्त करने में मदद करेगी।
मेष राशि के लिए वित्तीय राशिफल 2025
वित्त के मामले में यह साल मेष राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहेगा। वृषभ राशि में बृहस्पति की स्थिति आपके लिए मजबूत वित्तीय रणनीतियां बनाने और उन्हें लागू करने का अवसर प्रदान करेगी। मई के महीने में निवेश के अच्छे अवसर मिल सकते हैं। मंगल और बृहस्पति का संयोग आपको आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा। हालांकि, बुध के वक्री होने के समय अपने खर्चों पर नजर रखें और फि��ूलखर्ची से बचें।
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मेष राशि के लिए स्वास्थ्य राशिफल 2025
स्वास्थ्य के मामले में 2025 मेष राशि के जातकों के लिए संतुलित जीवनशैली बनाए रखना बेहद जरूरी होगा। जुलाई में कन्या राशि में बुध का प्रभाव आपको मानसिक और शारीरिक स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देगा। सिंह और मकर राशि में मंगल की चाल आपके अंदर ऊर्जावान महसूस कराएगी, लेकिन इस ऊर्जा का संतुलित उपयोग करें। अत्यधिक परिश्रम या तनाव से बचें और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। ग्रहण के समय भावनात्मक अस्थिरता हो सकती है, इसलिए ध्यान और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
डॉ. विनय बजरंगी से संपर्क क्यों करें?
डॉ. विनय बजरंगी, एक अग्रणी ज्योतिषी, जिनके मार्गदर्शन ने अनगिनत लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव किए हैं, यह मानते हैं कि साल 2025 को व्यवस्थित तरीके से संभालना संभव है। चाहे वह आपका पेशेवर जीवन हो, व्यक्तिगत रिश्ते हों, या स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां, डॉ. बजरंगी की सलाह आपको आक्रामकता का सही उपयोग करने और असफलताओं को आसानी से पार करने में मदद करेगी। अपने जीवन को ज्योतिषीय मार्गदर्शन के साथ बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने के लिए डॉ. विनय बजरंगी से संपर्क करें।
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फैटी लिवर/FATTY LIVER के लिए 10 घरेलू सरल उपचार
फैटी लिवर/FATTY LIVER के लिए 10 घरेलू सरल उपचार Fatty Liver रोग, जिसे हेपेटिक स्टेटोसिस/hepatic steatosis के नाम से भी जाना जाता है, लिवर कोशिकाओं में अतिरिक्त वसा के संचय की विशेषता है। यह संचय बिना किसी स्पष्ट लक्षण के हो सकता है, जिससे यह विशेष रूप से घातक हो जाता है। जबकि कई लोग इस बात से अनजान रह सकते हैं कि उन्हें फैटी लिवर रोग है, अगर इसे अनदेखा किया जाए तो यह महत्वपूर्ण ��्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। यह स्थिति विभिन्न कारकों से उत्पन्न हो सकती है, जिसमें मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, कुछ आहार संबंधी आदतें और चयापचय संबंधी विकार जैसे मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल शामिल हैं। पोषक तत्वों को संसाधित करने और पदार्थों को डिटॉक्स करने में लीवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए जब वसा जमा होती है, तो यह इन महत्वपूर्ण कार्यों में हस्तक्षेप कर सकती है और समय के साथ सूजन या लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है। फैटी लीवर रोग से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए, रोकथाम और प्रबंधन रणनीतियों के बारे में सक्रिय होना आवश्यक है। इसमें स्वस्थ आहार बनाए रखना, नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना, शराब का सेवन कम करना और रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी करना शामिल है। प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप अधिक गंभीर लीवर समस्याओं, जैसे कि नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) या सिरोसिस के जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसके समग्र स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। READ MORE.......Fatty Liver (Nonalcoholic Fatty Liver) क्या होता है? और इसके कारण इसलिए, फैटी लीवर रोग और इससे संबंधित जटिलताओं की शुरुआत को रोकने के लिए लीवर के स्वास्थ्य पर ध्यान देना सबसे महत्वपूर्ण है। कुछ घरेलू उपचार वसा के संचय को कम करके और विषहरण को बढ़ावा देकर लीवर के स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं। यहाँ कुछ सरल उपाय दिए गए हैं जो संतुलित आहार में शामिल करने पर फैटी लीवर से निपटने में मदद कर सकते हैं।
1- आंवला or the Indian Gooseberry
आंवला में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो लीवर के पुनर्जनन और वसा चयापचय को सुविधाजनक बनाते हैं। रोजाना खाली पेट 1 से 2 ताजे आंवले के फल या एक चम्मच आंवला पाउडर को पानी में मिलाकर खाने से लीवर की कार्यक्षमता बढ़ती है और वसा का जमाव कम होता है।
2- ल���सुन/Garlic
लहसुन में सल्फर यौगिक प्रचुर मात्रा में होते हैं जो यकृत एंजाइम को सक्रिय करते हैं। यह विषहरण प्रक्रिया में मदद करता है और वसा को तोड़ता है। दैनिक आहार में लहसुन की 1-2 कच्ची कलियाँ शामिल करना या यदि संभव हो तो भोजन में उन्हें शामिल करना यकृत वसा के संचय को कम करने और यकृत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। या सुबह खाली पेट 1 से 2 कलि लहसुन की गरमपानी के साथ खाने से भी liver को detox करने में मदद मिलती है.
3- हल्दी वाला दूध
हल्दी में कर्क्यूमिन होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक है जो लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है। सोने से पहले एक कप गर्म हल्दी वाला दूध पीने से लिवर को स्वस्थ रखने और वसा के संचय को कम करने में मदद मिलती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट लिवर के कार्य को बढ़ाते हैं और पित्त के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं।
4- अदरक की चाय
अदरक में सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और वसा के पाचन में सहायता कर सकते हैं। सुबह या भोजन के बाद एक कप अदरक की चाय पीने से वसा चयापचय को बढ़ावा मिल सकता है और लीवर की चर्बी कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, अदरक पित्त उत्पादन को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन में सुधार होता है।
5- मेथी के बीज/Fenugreek or methi seeds
मेथी के बीज रक्त शर्करा और लिपिड सांद्रता दोनों को कम करने में फायदेमंद होते हैं। रात भर 1 चम्मच मेथी के बीज भिगोने और अगली सुबह खाली पेट खाने की सलाह दी जाती है। यह अभ्यास इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर और ट्राइग्लिसराइड सांद्रता को कम करके यकृत वसा संचय/triglyceride concentrations को कम करने में सहायता करता है।
6- करी पत्ता
करी पत्तों में हेपेटोप्रोटेक्टिव/ hepatoprotective गुण होते हैं और ये कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड सांद्रता को कम करने में योगदान करते हैं। 5-7 ताजे करी पत्तों को चबाना या उन्हें दैनिक भोजन में शामिल करना उचित है। यह अभ्यास यकृत विषहरण, वसा संचय को कम करने और समग्र यकृत स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
7- दालचीनी/Cinnamon
दालचीनी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है और लीवर में वसा के जमाव को कम करती है। अपने लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अपनी चाय, कॉफी या अपने भोजन में प्रतिदिन एक बार आधा चम्मच दालचीनी पाउडर का उपयोग करें। इसमें सूजनरोधी गुण भी होते हैं, इसलिए यह इसके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। READ MORE.......Beetroot(चुकंदर ) के अद्भुत स्वास्थ लाभ
8- ग्रीन टी/Green tea
ग्रीन टी में कैटेचिन की उच्च सांद्रता होती है, जो एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और वसा के संचय को कम करते हैं। रोजाना 2 से 3 कप ग्रीन टी पीने से वसा का चयापचय आसान हो सकता है और लिवर में सूजन कम हो सकती है, जिससे फैटी लिवर रोग के उपचार में सहायता मिलती है।
9- एलोवेरा जूस/Aloe vera juice
एलोवेरा में सूजनरोधी और विषहरण गुण होते हैं जो लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जाने जाते हैं। सुबह पानी में मिलाकर 1 चम्मच कच्चा एलोवेरा जूस पीने से प्राकृतिक विषहरण को बढ़ाकर फैटी लीवर को कम करने और उचित चयापचय कार्यों में मदद मिलेगी।
10- नींबू पानी/Lemon water
नींबू विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट के शक्तिशाली स्रोत हैं जो ��्रभावी रूप से लीवर को डिटॉक्सीफाई करते हैं। हर सुबह एक गिलास गर्म नींबू पानी पीने से न केवल पित्त उत्पादन को बढ़ावा मिलता है बल्कि यह लीवर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है, जिससे समय के साथ वसा का संचय काफी कम हो जाता है। इष्टतम स्वास्थ्य लाभों के लिए इसे दैनिक आदत बनाएं। READ MORE... क्या ऑनलाइन बाजार से प्रोटीन पाउडर खरीदना सुरक्षित है? निष्कर्ष: Fatty Liver एक बढ़ती हुई चिंता है जिसे प्राकृतिक और समग्र दृष्टिकोण से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। चर्चा किए गए 10 सरल घरेलू उपचार - एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित आहार लेने से लेकर आंवला, हल्दी और ग्रीन टी जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों को शामिल करने तक - लीवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में जीवनशैली और आहार परिवर्तनों के महत्व को उजागर करते हैं। ये उपाय लीवर की चर्बी को कम करके, लीवर को डिटॉक्स करके और इसकी पुनर्योजी क्षमता को बढ़ाकर काम करते हैं। हालाँकि, इनका उपयोग लगातार और स्वस्थ जीवनशैली के साथ किया जाना चाहिए, जिसमें नियमित व्यायाम और शराब या प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचना शामिल है। जबकि ये उपाय आम तौर पर सुरक्षित और फायदेमंद होते हैं, गंभीर लीवर की स्थिति वाले व्यक्तियों को व्यक्तिगत सलाह के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना चाहिए। इन सरल लेकिन प्रभावी घरेलू उपचारों को अपनाकर, आप लीवर के कार्य और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में सक्रिय कदम उठा सकते हैं।
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इक्सी (ICSI) क्या है? ICSI Kya Hai: एक सरल और जानकारीपूर्ण मार्गदर्शिका
आईसीएसआई (Intracytoplasmic Sperm Injection) एक उन्नत तकनीक है, जिसका उपयोग पुरुषों की निःसंतानता और अंडाणु निषेचन (fertilization) की समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है। यह एक अत्याधुनिक पद्धति है, जिसमें शुक्राणु को अंडाणु के भीतर सीधे इंजेक्ट किया जाता है, ताकि निषेचन की प्रक्रिया को सुचारु रूप से पूरा किया जा सके।
आईसीएसआई प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानने के लिए, चलिए इसे बारीकी से समझते हैं:
आईसीएसआई (इक्सी) प्रक्रिया कैसे होती है? (ICSI Process in Hindi)
आईसीएसआई (Intracytoplasmic Sperm Injection) एक प्रकार की इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रक्रिया है, जिसमें अंडाणु और शुक्राणु को लैब में मिलाया जाता है। ICSI Process in Hindi (आईसीएसआई प्रक्रिया) में सबसे पहले महिला से अंडाणु निकाले जाते हैं। यह प्रक्रिया तब की जाती है जब महिला की ओव्यूलेशन प्रक्रिया सही होती है, और अंडाणु अच्छी स्थिति में होते हैं।
इसके बाद, पुरुष से शुक्राणु एकत्रित किया जाता है। अगर पुरुष में शुक्राणु की संख्या कम है या शुक्राणु की गुणवत्ता ठीक नहीं है, तो भी ICSI प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। IVF विशेषज्ञ एक स्वस्थ और सक्रिय शुक्राणु का चयन करते हैं, और फिर उस चयनित शुक्राणु को सीधे अंडाणु के भीतर इंजेक्ट करते हैं।
इस प्रक्रिया के दौरान, अंडाणु और शुक्राणु के बीच कोई भी बाधा न होने के कारण ��िषेचन की संभावना बहुत अधिक होती है। इस तरह, आईसीएसआई प्रक्रिया (ICSI Process in Hindi) के माध्यम से जोड़ों को संतान प्राप्ति की उच्च संभावना मिलती है, खासकर जब अन्य प्राकृतिक या IVF पद्धतियाँ विफल हो चुकी होती हैं।
इक्सी कब उपयोगी है? (ICSI Kab Upyogi Hai)
आईसीएसआई (ICSI) प्रक्रिया उन जोड़ों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है, जिनमें निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:
पुरुषों में शुक्राणु की कमी: जब पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो या शुक्राणु की गुणवत्ता सही न हो, तब ICSI Kab Upyogi Hai। इस प्रक्रिया में, शुक्राणु को सीधे अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे निषेचन की संभावना बढ़ जाती है।
शुक्राणु के साथ समस्याएँ: यदि शुक्राणु का आकार या गति सही नहीं है, तो भी ICSI से मदद मिल सकती है। इस स्थिति में, शुक्राणु को चुनकर सीधे अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे अंडाणु और शुक्राणु के बीच की प्राकृतिक बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
IVF में असफलता: यदि पहले IVF प्रक्रिया में निषेचन में समस्या आई हो या IVF के द्वारा गर्भधारण में असफलता हो, तो इक्सी कब उपयोगी है यह प्रक्रिया असफल IVF प्रयासों के बाद भी संतान प्राप्ति में सफलता दे सकती है।
अंडाणु के साथ समस्याएँ: जब अंडाणु में निषेचन की प्रक्रिया में कोई बाधा हो या अंडाणु पूरी तरह से स्वस्थ न हों, तो ICSI इसका समाधान प्रदान करती है। इस प्रक्रिया में अंडाणु के भीतर शुक्राणु को इंजेक्ट करके निषेचन की प्रक्रिया को बेहतर किया जाता है।
इस प्रकार, ICSI Kab Upyogi Hai (इक्सी कब उपयोगी है) यह उन मामलों में विशेष रूप से उपयोगी है, जहाँ अन्य पारंपरिक उपचार विधियाँ विफल हो चुकी हों।
आईसीएसआई की सफलता दर (ICSI Ki Safalta Dar)
आईसीएसआई (ICSI) की सफलता दर आमतौर पर IVF से अधिक होती है, क्योंकि इसमें निषेचन की प्रक्रिया को अधिक नियंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया में अंडाणु और शुक्राणु के बीच कोई प्राकृतिक बाधा नहीं होती, जिससे निषेचन की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, सफलता दर का प्रतिशत कुछ कारकों पर निर्भर करता है:
महिला की उम्र: महिला की उम्र जितनी कम होती है, सफलता दर उतनी ही अधिक होती है। महिलाओं की प्रजनन क्षमता उम्र के साथ घटती है, जिससे सफलता की संभावना कम हो सकती है, खासकर 35 साल से ऊपर की उम्र में।
शुक्राणु की गुणवत्ता: अगर पुरुष के शुक्राणु की गुणवत्ता अच्छी हो, तो सफलता की संभावना अधिक होती है। यदि शुक्राणु की संख्या कम है या उसकी गति सही नहीं है, तो आईसीएसआई से सफलता की संभावना बेहतर होती है, लेकिन इसकी गुणवत्ता महत्वपूर्ण है।
प्रारंभिक स्वास्थ्य स्थिति: पुरुष और महिला दोनों की स्वास्थ्य स्थिति भी सफलता दर को प्रभावित करती है। अगर दोनों की शारीरिक स्थिति अच्छी है, तो आईसीएसआई प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो सकती है।
आमतौर पर, आईसीएसआई की सफलता दर 30% से 50% के बीच हो सकती है, लेकिन यह हर जोड़े की स्थिति पर निर्भर करत�� है। इसमें महिला की उम्र, शुक्राणु की गुणवत्ता और अन्य चिकित्सा स्थितियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इसलिए, आईसीएसआई का निर्णय विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में करना चाहिए, जो आपकी विशेष स्थिति के आधार पर सर्वोत्तम सलाह और उपचार प्रदान कर सके।
इक्सी के फायदे (ICSI ke Fayde)
आईसीएसआई (ICSI) के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं, जिनकी वजह से यह प्रक्रिया बहुत लोकप्रिय हो चुकी है। इ��्सी के फायदे निम्नलिखित हैं:
शुक्राणु की समस्या का समाधान: यदि पुरुष में शुक्राणु की संख्या कम हो या उसकी गुणवत्ता ठीक न हो, तो भी इस तकनीक से निषेचन संभव हो सकता है। इक्सी के फायदे में यह प्रमुख लाभ है कि शुक्राणु को सीधे अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे शुक्राणु की कमी को पूरा किया जा सकता है और निषेचन की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा सकता है।
प्राकृतिक निषेचन की कमी को दूर करता है: कुछ महिलाओं के अंडाणु में निषेचन की समस्या हो सकती है, या अंडाणु पूरी तरह से स्वस्थ नहीं होते। इस स्थिति में ICSI एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह प्रक्रिया अंडाणु और शुक्राणु के बीच प्राकृतिक बाधाओं को दूर करके निषेचन की संभावना को बढ़ाती है।
IVF के सफल परिणामों को बढ़ाता है: जब IVF प्रक्रिया में निषेचन में कोई समस्या आती है या IVF के द्वारा गर्भधारण में असफलता मिलती है, तो इक्सी के फायदे में यह प्रक्रिया IVF के परिणामों को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसका उपयोग उन जोड़ों के लिए किया जाता है जिन्होंने पहले IVF में सफलता नहीं पाई हो।
प्राकृतिक तरीके से कम सफलता वालों के लिए उपयुक्त: जिन जोड़ों को प्राकृतिक रूप से गर्भाधान में समस्या हो या जिनकी प्रजनन क्षमता कम हो, उनके लिए ICSI एक सफल विकल्प हो सकता है। यह प्रक्रिया ऐसे जोड़ों के लिए एक उम्मीद बनकर सामने आती है, जिन्हें संतान प्राप्ति में कठिनाइयाँ हो रही हों।
ICSI ke Fayde (इक्सी के फायदे) के कारण यह प्रक्रिया आजकल एक लोकप्रिय और प्रभावी उपाय बन चुकी है, खासकर उन जोड़ों के लिए जिनके लिए अन्य उपचार विधियाँ सफल नहीं हो पातीं।
निष्कर्ष (Conclusion)
आईसीएसआई न केवल एक आधुनिक और प्रभावी उपचार है, बल्कि यह उन जोड़ों के लिए आशा की किरण भी बन सकता है, जिन्हें संतान प्राप्ति में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे पुरुषों की शुक्राणु संबंधित समस्याएं हों या महिलाओं के अंडाणु निषेचन में कोई बाधा, आईसीएसआई प्रक्रिया से कई जोड़े सफलता प्राप्त कर चुके हैं।
इसलिए यदि आप या आपके परिचित इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो इस प्रक्रिया को लेकर किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने में संकोच न करें। समय पर सही उपचार से ही बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
#आईसीएसआई प्रक्रिया#ICSI ke Fayde#आईसीएसआई की सफलता दर#ICSI Kab Upyogi Hai#ICSI Process in Hindi#आईसीएसआई
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बर्ड नेट सर्विस नज़दीक: भरोसेमंद और किफायती समाधान
शहरीकरण के साथ-साथ पक्षियों से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं। बालकनी, छत और खिड़कियों पर पक्षियों का डेरा जमाना केवल गंदगी ही नहीं बढ़ाता, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी जोखिम पैदा करता है। खासतौर पर कबूतरों द्वारा फैलाए जाने वाले संक्रमण कई बार गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। ऐसे में, पिजन नेट सर्विस और बर्ड नेट सर्विस आधुनिक समाधान के रूप में उभरी हैं, जो इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करती हैं।
यह ब्लॉग न केवल इन सेवाओं की उपयोगिता पर प्रकाश डालेगा, बल्कि यह भी बताएगा कि क्यों बर्ड नेट सर्विस आपके घर, ऑफिस या औद्योगिक परिसर के लिए जरूरी है।
पक्षियों की समस्या से क्यों निपटना जरूरी है?
पक्षियों का घोंसला बनाना या उनके मलमूत्र से गंदगी फैलना केवल देखने में असुविधाजनक नहीं होता, बल्कि स्वास्थ्य और संरचनात्मक क्षति का कारण भी बनता है।
स्वास्थ्य जोखिम:
पक्षियों के मल से होने वाले फंगल संक्रमण जैसे हिस्टोप्लाज्��ोसिस और क्रिप्टोकॉकसिस का खतरा बढ़ जाता है।
एलर्जी और सांस की बीमारियां भी आम हैं।
संपत्ति को नुकसान:
उनके नाखूनों और चोंच से छतों, खिड़कियों और वेंटिलेशन सिस्टम को नुकसान पहुंचता है।
मल के अम्लीय गुणों से धातु और पेंट को नुकसान हो सकता है।
गंदगी और असुविधा:
पक्षियों की गंदगी सफाई में समय और पैसे दोनों की बर्बादी करती है।
इन समस्याओं से बचने के लिए पिजन नेट सर्विस और बर्ड नेट सर्विस सबसे उपयुक्त विकल्प हैं।
पिजन नेट सर्विस: क्या है यह समाधान?
पिजन नेट सर्विस एक ऐसा समाधान है जिसमें उच्च गुणवत्ता वाली जालियां आपके घर या ऑफिस में लगाई जाती हैं। यह पक्षियों को हानि पहुंचाए बिना उन्हें आपके परिसर से दूर रखती हैं।
पिजन नेट की विशेषताएं:
लंबे समय तक चलने वाली सामग्री: जालियां टिकाऊ और मौसम प्रतिरोधी होती हैं।
सुरक्षित डिजाइन: ये नेट्स पक्षियों को नुकसान नहीं पहुंचाते।
कम दृश्य प्रभाव: ये नेट्स पारदर्शी होती हैं और आपके घर की सुंदरता को प्रभावित नहीं करतीं।
बर्ड नेट सर्विस के उपयोग के प्रमुख लाभ
1. स्वास्थ्य का संरक्षण:
बर्ड नेट सर्विस घर और ऑफिस में स्वच्छता बनाए रखने में मदद करती है। इससे पक्षियों के मल और धूल के संपर्क से बचा जा सकता है, जो एलर्जी और संक्रमण का कारण बनते हैं।
2. संपत्ति की सुरक्षा:
पक्षियों की गतिविधियों से छत, बालकनी और दीवारों को नुकसान हो सकता है। बर्ड नेट्स लगवाने से यह जोखिम खत्म हो जाता है।
3. पर्यावरण के अनुकूल:
बर्ड नेट्स पक्षियों को नुकसान पहुंचाए बिना उन्हें दूर रखते हैं, जिससे पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहता है।
4. अनुकूलन विकल्प:
हर जगह की जरूरत अलग होती है। बर्ड नेट्स को आपकी विशेष आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइन और इंस्टॉल किया जा सकता है।
5. किफायती समाधान:
यह सेवा न केवल प्रभावी है, बल्कि बजट के अनुकूल भी है।
बर्ड नेट सर्विस नज़दीक: क्यों जरूरी है पेशेवर सेवा?
पेशेवर पिजन नेट सर्विस और बर्ड नेट सर्विस कई कारणों से बेहतर हैं:
सही इंस्टॉलेशन: विशेषज्ञ जाल को इस तरह लगाते हैं कि पक्षियों को दोबारा घोंसला बनाने का मौका न मिले।
गुणवत्ता की गारंटी: पेशेवर सेवाएं उच्च गुणवत्ता के साथ आती हैं, जो लंबे समय तक चलती हैं।
समय और धन की बचत: DIY (Do It Yourself) प्रयासों की तुलना में पेशेवर सेवा तेज और अधिक प्रभावी होती है।
पिजन नेट सर्विस के लिए सही विकल्प कैसे चुनें?
1. नज़दीकी सेवा प्रदाता की तलाश करें:
अपने इलाके में उपलब्ध पिजन नेट सर्विस और बर्ड नेट सर्विस की खोज करें। नज़दीकी सेवा प्रदाता जल्दी और सटीक सेवा प्रदान कर सकते हैं।
2. ऑनलाइन ��मीक्षाएं और रेटिंग:
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध समीक्षाओं को पढ़कर आप सेवा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता का मूल्यांकन कर सकते हैं।
3. सामग्री की गुणवत्ता:
हमेशा यह सुनिश्चित करें कि सेवा प्रदाता उच्च गुणवत्ता वाले जाल और टिकाऊ सामग्री का उपयोग करता हो।
4. वारंटी और आफ्टर-सर्विस:
ऐसी सेवा चुनें जो इंस्टॉलेशन के बाद वारंटी और आफ्टर-सर्विस प्रदान करती हो।
ऑफ-पेज SEO: बर्ड नेट सर्विस से जुड़े बैकलिंक्स का महत्व
डिजिटल युग में आपकी सेवा की पहुंच बढ़ाने के लिए ऑफ-पेज SEO अहम भूमिका निभाता है। बैकलिंक्स आपकी वेबसाइट को सर्च इं��न में बेहतर रैंक दिलाने में मदद करते हैं।
कैसे बनाएं प्रभावी बैकलिंक्स?
स्थानीय व्यवसाय लिस्टिंग: अपनी वेबसाइट को स्थानीय डायरेक्टरीज और लिस्टिंग साइट्स पर रजिस्टर करें।
गेस्ट ब्लॉगिंग: पक्षियों से जुड़े समाधानों पर ब्लॉग लिखकर उन्हें अन्य प्रासंगिक साइट्स पर पब्लिश करें।
संबंधित फोरम में भाग लें: पक्षी नियंत्रण और नेट सर्विस से जुड़े फोरम पर सक्रिय रहें और अपनी सेवा का प्रचार करें।
सोशल मीडिया शेयरिंग: अपनी सेवाओं को सोशल मीडिया पर प्रमोट करें और संबंधित वेबसाइट्स पर लिंक बैक करें।
बर्ड नेट सर्विस: पर्यावरण के लिए एक अनुकूल समाधान
जहां कई लोग पक्षियों से छुटकारा पाने के लिए हानिकारक विधियों का सहारा लेते हैं, वहीं बर्ड नेट सर्विस पक्षियों को बिना नुकसान पहुंचाए उन्हें दूर रखने का एक पर्यावरण-अनुकूल तरीका है। यह समाधान न केवल पक्षियों को सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि आपके स्थान को भी संरक्षित करता है।
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हर सुबह को स्वस्थ शुरुआत दें: आयुर्वेदिक प्रैक्टिसेज़ से
हर सुबह एक नई शुरुआत होती है, और यह हमारे दिन की दिशा तय करती है। एक स्वस्थ और ऊर्जावान दिन की शुरुआत के लिए सही आदतें और आहार बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। आयुर्वेद, जो कि एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए सरल और प्रभावी उपाय प्रदान करता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी सुनिश्चित करता है।
आइए जानते हैं कि कैसे आप आयुर्वेदिक प्रैक्टिसेज़ को अपनी सुबह की दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं, ताकि आप हर दिन को ताजगी, ऊर्जा और संतुलन के साथ शुरू कर सकें।
1. प्राकृतिक जगाना: सूर्योदय से पहले उठें
आयुर्वेद के अनुसार, सूर्योदय से पहले उठना सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि इस समय का वायु, जल और ऊर्जा तत्व सबसे शुद्ध होते हैं। यह समय शांतिपूर्ण और शुद्ध वातावरण में शरीर और मस्तिष्क को तैयार करने के लिए आदर्श होता है।
सूर्य नमस्कार: सुबह के समय सूर्य के साथ कुछ हल्के व्यायाम, जैसे सूर्य नमस्कार, शरीर को लचीलापन और ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह न केवल शरीर के जोड़ों को खोलता है, बल्कि मन को भी ताजगी देता है।
श्वास ध्यान: प्राचीन आयुर्वेद में श्वास ध्यान की सलाह दी जाती है। सुबह की ताजगी को महसूस करने के लिए गहरी और लंबी श्वास लें, इससे मानसिक स्पष्टता और शांति मिलेगी।
2. ताजगी के लिए पानी का सेवन
सुबह उठते ही पानी पीने की आदत को अपने दिन की शुरुआत में शामिल करना आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से बहुत लाभकारी होता है। आयुर्वेद के अनुसार, रात भर शरीर डिटॉक्सिफाई करता है और पानी शरीर को पुनः हाइड्रेट करता है।
गुनगुना पानी: आयुर्वेद में गुनगुने पानी का सेवन करने की सिफारिश की जाती है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर को ताजगी प्रदान करता है। साथ ही, यह आंतरिक ऊर्जा को भी बढ़ाता है।
नींबू पानी: कुछ लोग गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीते हैं, जिससे शरीर को अतिरिक्त डिटॉक्सिफिकेशन और ऊर्जा मिलती है। यह त्वचा के लिए भी लाभकारी है और पाचन तंत्र को सुचारु बनाता है।
3. टांगों की मसाज: शरीर में रक्त संचार बढ़ाएं
आयुर्वेद में शरीर को धीरे-धीरे जगाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है 'अभ्यंग' यानी तेल से शरीर की मालिश। यह शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है, मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है और त्वचा को पोषण देता है।
तिल तेल या नारियल तेल का उपयोग: तिल या नारियल तेल से पैरों और शरीर की हल्की मालिश करना रक्त संचार को बढ़ाता है और शरीर को ऊर्जा से भर देता है। यह प्रक्रिया शरीर को शिथिलता से बाहर लाती है और दिन भर के लिए ऊर्जा से भरपूर करती है।
4. आयुर्वेदिक ब्रेकफास्ट: हल्का और पौष्टिक आहार
आयुर्वेद के अनुसार, सुबह का नाश्ता दिन की सबसे महत्वपूर्ण भोजन प्रक्रिया होती है। इसे हल्का, पचने में आसान और पौष्टिक होना चाहिए ताकि शरीर को ऊर्जा मिले और पाचन तंत्र सक्रिय हो।
पंजरी और दलिया: आयुर्वेद में अक्सर पंचमेल या दलिया जैसे हल्के और पोषक तत्वों से भरपूर आहार की सलाह दी जाती है। ये पेट को हल्का रखते हैं और दिनभर के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
फल और ताजे जूस: ताजे फल और जूस, जैसे पपीता, संतरा, या गाजर का जूस, शरीर में आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं। यह शरीर को ताजगी और ऊर्जा से भरपूर करते हैं।
5. प्राकृतिक आचार-व्यवहार: मानसिक शांति के लिए ध्यान
आयुर्वेद का एक अहम हिस्सा मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन है। सुबह का समय आत्ममंथन और ध्यान के लिए आदर्श है, क्योंकि यह दिन की शुरुआत को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
ध्यान (Meditation): आयुर्वेद में ध्यान की अत्यधिक महत्ता दी जाती है। सुबह के समय कुछ मिनटों के लिए बैठकर ध्यान लगाना, मस्तिष्क को शांत करता है और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है।
ध्यान के लिए मंत्र या शांति की प्रार्थना: अपने दिन की शुरुआत शांतिपूर्वक करने के लिए आप मंत्र जाप या शांति की प्रार्थना कर सकते हैं। यह आपके मन को स्थिर और केंद्रित रखने में मदद करता है।
6. आयुर्वेदिक हर्बल चाय
सुबह के समय आयुर्वेदिक हर्बल चाय का सेवन शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। आयुर्वेद में ऐसी चाय का इस्तेमाल होता है, जो पाचन को सुधारने, शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने और मानसिक स्थिति को संतुलित करने में सहायक होती हैं।
तुलसी चाय: तुलसी की चाय, जो आयुर्वेद में एक बहुमूल्य औषधि मानी जाती है, शरीर को शुद्ध करती है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है।
अदरक और दारचीनी चाय: यह चाय शरीर को ताजगी देती है, पाचन क्रिया को तेज करती है और दिनभर की ऊर्जा को बनाए रखती है।
निष्कर्ष
आयुर्वेदिक प्रैक्टिसेज़ से अपनी सुबह की शुरुआत करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। आयुर्वेद का उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखना है, और यह हमें प्राकृतिक उपायों के माध्यम से एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन करता है। इनमें से एक प्रमुख उपाय है महाशक्ति चूर्ण, जो पूरी तरह से आयुर्वेदिक है और पुरुषों की यौन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है|
तो अगली बार जब आप सुबह उठें, इन आयुर्वेदिक प्रैक्टिसेज़ को अपनाएं और देखिए कि कैसे आपका दिन ताजगी, ऊर्जा और संतुलन से भर जाता है।
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मुंबई में डायबिटीज के मामलों में खतरनाक स्तर की बढ़ोतरी: विशेषज्ञ बेहतर स्वास्थ्य के लिए साबुत अनाज, फल-सब्जियों वाले आहार की सलाह दे रहे हैं
मुंबई, 3 दिसंबर, 2024: मुंबई में डायबिटीज (मधुमेह) से संबंधित मौतों में भारी वृद्धि हो रही है, जिससे स्पष्ट है कि यह बीमारी जनस्वास्थ्य के लिए एक बहुत बड़ा संकट बन गयी है। प्रजा फाउंडेशन की एक हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि 2014 से 2022 के बीच, डायबिटीज के कारण 91,318 लोगों की मौत हो गई। अकेले 2022 में 14,207 लोगों की मौत इस बीमारी से हुई जो 2014 के मुकाबले काफी अधिक है, जब सिर्फ 2,544 लोगों की मौत मधुमेह या उससे जुड़े करणों की वजह से हुई थी ।
��ायबिटीज की महामारी केवल मुंबई तक सीमित नहीं है। द लैंसेट के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में 828 मिलियन से अधिक वयस्क डायबिटीज से पीड़ित थे, जिनमें से एक चौथाई से अधिक मामले (212 मिलियन) भारत के थे।
इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए, अधिकांश रोगी गोलियों पर निर्भर रहते हैं या इंसुलिन इंजेक्शन लेते हैं।
शोध से स्पष्ट होता है कि मामले बढ़ रहे हैं लेकिन साबुत अनाज, फल-सब्जियों वाले (प्लांट बेस्ड) आहार को अपनाने से टाइप 1 और टाइप 2 दोनों किस्म के डायबिटीज के रोगियों के स्वास्थ्य परिणामों में काफी सुधार हुआ है। टाइप 1 डायबिटीज के एक अध्ययन में, रोगियों ने कैलोरी या कार्बोहायड्रेट पर बिना कोई प्रतिबंध लगाए सिर्फ़ कम वसा वाले प्लांट बेस्ड आहार का पालन किया। सिर्फ़ कुछ ही हफ़्तो में उनकी इंसुलिन सेंसिटिविटी 127% तक बढ़ी हुई पाई गयी। डायबिटीज में इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है। जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
इसी तरह, टाइप 2 डायबिटीज पर एक अध्ययन में पाया गया कि ऐसा आहार लेने वाले रोगियों में रोग के लक्षण में कमी या रोग के दूर होने की संभावना है जबकि पहले ऐसा कुछ हो पाना असंभव माना जाता था।
डॉ. ज़ीशान अली, पीएचडी और फ़िज़ीशियंस कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन (पीसीआरएम) में अनुसंधान कार्यक्रम विशेषज्ञ, ने डी वाई पाटिल विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म स्टडीज में एक सत्र के दौरान इस पर ज़ोर दिया। 130 से अधिक पाक कला के छात्रों और शिक्षकों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मुंबई में बढ़ती डायबिटीज की महामारी बस आंकड़ा भर नहीं है बल्कि यह चेतावनी है। डॉक्टरों, नर्सों, पोषण विशेषज्ञों और पाक कला के भावी विशेषज्ञों को इस जानकारी से लैस होना चाहिए कि साबुत अनाज, फल-सब्जियों वाले (प्लांट बेस्ड) आहार सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।"
निवारक चिकित्सा की वकालत करने वाला गैर-लाभकारी संगठन, पीसीआरएम पोषण और जीवनशैली में बदलाव के ज़रिये गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय योगदान दे रहा है।
मुंबई में डायबिटीज के बढ़ते संकट पर तुरंत पहल की ज़रूरत है। फल-सब्जियों वाले (प्लांट बेस्ड) आहार और जीवनशैली में थोड़े बदलाव से इस महामारी को कम करने और शहर भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बदलने में मदद मिल सकती है।
source : newspatrolling.com
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लखनऊ, 25.02.2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा राणा होम्यो क्लीनिक के संयुक्त तत्वावधान में योग्य मान्यता प्राप्त चिकित्सक द्वारा "निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर" का आयोजन राणा होम्यो क्लिनिक, शॉप नं.3, गोपाल नगर कॉलोनी, झंडेवाला चौराहा के पास, जल निगम रोड, बालागंज, लखनऊ में हुआ l शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल, शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ० संजय कुमार राणा एवं उनकी टीम के सदस्यों राहुल राणा, संतोष राणा एवं दिनकर दुबे ने दीप प्रज्वलन व होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुएल हैनीमेन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल न��� बताया कि, होम्योपैथिक शिविर आयोजित करने की प्रेरणा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्र - सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से मिली है | श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि, "होम्योपैथी एक सुरक्षित और सौम्य चिकित्सीय तरीका है जो कई प्रकार की बीमारियों का प्रभावी उपचार कर सकता है । इसकी आदत नहीं पड़ती है अर्थात रोगी को होम्योपैथिक दवाओं की लत नहीं लगती है । यह गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सभी के लिए सुरक्षित है । एलोपैथी की तुलना में होम्योपैथी बहुत अधिक प्रभावी है, क्योंकि यह केवल लक्षणों का उपचार करने के बजाय बीमारी को जड़ से खत्म करती है । लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए और किसी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होने पर तत्काल अपने डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार करवाना चाहिए l जिससे बीमारी बढे न और जटिलता से बचा जा सके l जनहित में नियमित स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा l"
डॉ० संजय कुमार राणा ने कहा कि, "होम्योपैथी चिकित्सा रोगी की शारीरिक शिकायतों, वर्तमान और पिछला चिकित्सा इतिहास, व्यक्तित्व और वरीयताओं सहित विस्तृत इतिहास को ध्यान में रखती है । चिकित्सा की यह प्रणाली व्यक्ति की बीमारी को ही नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक करने पर केंद्रित होती है । होम्योपैथी इस विश्वास पर चलती है कि शरीर खुद को ठीक कर सकता है । इसी सिद्धांत को मानते हुए होम्योपैथिक दवाओं को तैयार किया जाता हैं जो एलोपैथी दवाओं की तरह व्यक्ति की बीमारी को नहीं दबाती बल्कि उसे जड़ से खत्म करने के लिए शरीर की सेल्फ हीलिंग क्षमता को सक्रिय करती हैं ।"
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि, सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, ह्रदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) आदि से पीड़ित 76 रोगियों का वजन, रक्तचाप (Blood Pressure) तथा मधुमेह (Sugar-Random) की जांच की गयी l डॉ० संजय कुमार राणा ने परामर्श प्रदान किया l सभी को डॉ० संजय कुमार राणा ने निःशुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की l महिलाएं, पुरुष, बुजुर्गों तथा बच्चों सभी उम्र के लोगों ने होम्योपैथी परामर्श लिया l
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों तथा परामर्श चिकित्सक डॉ० संजय कुमार राणा तथा उनकी टीम के सदस्यों राहुल राणा, संतोष राणा, दिनकर दुबे की उपस्थिति रही l
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3 December Taurus Rashifal: वृषभ राशि वाले घर-परिवार में बनाए रखें प्रेम, आसान होगी जीवन की राह!
3 December Ka Vrishabh Rashifal: अनचाही यात्रा पर जाना पड़े सकता है. राजनीति में विरोधी अधिक सक्रिय होंगे. खुद को पहले से तैयार रखें. व्यापार में कठिन परिश्रम करना पड़ेगा. स्वास्थ्य सामान्य रहेगा. अप्रत्याशित लाभ हानि की संभावना रहेगी. व्यर्थ के तर्क व लापरवाही न करें. परिजनों की सीख सलाह से चलें. सामंजस्य से कार्य करें. जोखिम लेने से बचें. व्यवस्था में भरोसा रखें. संकेतों के प्रति सजग रहें. पेशेवर…
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (नवमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-24-नवम्बर-2024
वार :---------रविवार
तिथी :---09नवमी:-22:20
पक्ष:--------कृष्णपक्ष
माह:--------मार्गशीर्ष
नक्षत्र:---पूर्वाफाल्गुनी:-22:17
��ोग:-------वैधृति:-12:17
करण:-------तैतिल:-09:05
चन्द्रमा:---सिंह 29:02/कन्या
सूर्योदय:------07:07
सूर्यास्त:-------17:41
दिशा शूल------पश्चिम
निवारण उपाय:---जौं या पान का सेवन
ऋतु :------हेमंत ऋतु
गुलीक काल:---15:00से 16:20
राहू काल:---16:20से17:41
अभीजित--11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-08:27से09:47तक
लाभ:-09:47से11:07तक
अमृत:-11:07से12:27तक
शुभ:-13:47से15:07तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-17:41से19:21तक
अमृत:-19:21से21:01तक
चंचल:-21:01से22:41तक
लाभ :-02:01से03:41तक
शुभ :-05:27से07:07तक
🙏आज के विशेष योग🙏
वर्ष का 231वाँ दिन, कानजी अनला नवमी (उड़ीसा), गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस, श्री जाम्बोजी पुण्यदिवस (विश्नोई पंथ), वैधृति पुण्यम्
🌺👉 टिप्स 👈🌺
घर की उत्तर पूर्व दिशा साफ- सुथरी और अव्यवस्था मुक्त होनी चाहिए।
*सुविचार*
जो मनुष्य क्रोधी पर क्रोध नहीं, क्षमा करता है, वह अपनी और क्रोध करने वाले की महासंकट से रक्षा करता है।🌷🌷👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*घुटनो का दर्द दूर करने के लिए उपचार-*
*1. लहसुन -*
लहसुन के सेवन से घुटनो का दर्द में काफी आराम मिलता है। एक्सपर्ट के मुताबिक प्याज और लहसुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो जोड़ों के दर्द में फायदेमंद होते हैं। इनके नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द की शिकायत होने का खतरा काफी कम हो जाता है। लहसुन आपके पकवान को स्वादिष्ट बनाने बहुत ही सहायता करता है
इसके लिए आप 25 ग्राम अजवायन, 10 ग्राम लौंग और 50 ग्राम लहसुन को पीस लीजिए तथा उसे 200 ग्राम सरसों के तेल में डालकर हल्का गर्म कर लीजिए। ठंडा होने पर कांच की बोतल में छान कर रख लें। फिर इसे घुटनो पर मसाज कीजिए। आप दिन में इसे कई बार कर सकते हैं। सरसों का तेल और लहसुन प्रभावित घुटने में दर्द और सूजन से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। विवेक से कार्य करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। सही बात का भी विरोध होगा। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। लाभ में वृद्धि होगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। पठन-पाठन के लिए किसी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मित्रों के साथ समय आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। संगीत इत्यादि में रुचि रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
दु:खद समाचार मिल सकता है। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। भागदौड़ रहेगी। समय पर काम न होने से क्षोभ उत्पन्न होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। किसी अपने ही व्यक्ति से विवाद हो सकता है।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मित्रों व संबंधियों की सहायता कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। पिछले समय में की गई मेहनत का फल मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।
👩🏻🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। किसी बड़े कार्य को करने का मन बनेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
मित्रों व संबंधियों के साथ समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। व्यापार ठीक चलेगा। किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
शत्रु शांत रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। धैर्य रखें। व्यवस्था में मुश्किल होगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। आसपास का वातावरण मनोनुकूल नहीं रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। किसी अप्रत्याशित खर्च के सामने आने से तनाव बढ़ सकता है।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
रुका हुआ धन वापस मिलने के योग हैं, भरपूर प्रयास करें। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। उत्साह व प्रसन्नता बने रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। किसी आनंदायक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। मित्रों तथा संबंधियों की सहायता कर पाएंगे। मान-सम्मान प्राप्त होगा। व्यापार - व्यवसाय ठीक चलेगा। आय होगी। प्रमाद न करें। नई योजना बनेगी। नए काम मिल सकते हैं, प्रयास करें। नए लोगों से संपर्क बनेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
चोट व रोग से स्वयं को बचाएं। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। किसी धार्मिक स्थान के दर्शन के लिए यात्रा हो सकती है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त हो सकता है।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
कोई पुराना रोग उभर सकता है। किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी की आशंका है। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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एंजियोप्लास्टी के बाद स्वस्थ हृदय बनाए रखने के लिए सुझाव
एंजियोप्लास्टी करवाना बेहतर हृदय स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने और जटिलताओं के जोखिम को कम करने के लिए, हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए यहाँ कुछ आवश्यक सुझाव दिए गए हैं:
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाता है और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो धूम्रपान छोड़ना आपके हृदय के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करें: उच्च कोलेस्ट्रॉल धमनियों में प्लाक के निर्माण का कारण बन सकता है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर हृदय-स्वस्थ आहार अपनाएँ।
स्वस्थ वजन बनाए रखें: अधिक वजन आपके हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है। इष्टतम वजन प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए संतुलित पोषण और नियमित शारीरिक गतिविधि पर ध्यान दें।
रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करें: उच्च रक्तचाप और मधुमेह दोनों ही हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इन स्थितियों की बारीकी से निगरानी करें और उन्हें प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
नियमित व्यायाम करें: मध्यम शारीरिक गतिविधि, जैसे चलना, तैरना या साइकिल चलाना, हृदय को मजबूत बनाता है। सप्ताह के अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने का लक्ष्य रखें।
दवाएँ निर्धारित अनुसार लें: जटिलताओं को रोकने और सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित करने के लिए हमेशा अपने हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा निर्देशित दवाएँ लें।
नियमित फॉलो-अप में भाग लें: आपकी रिकवरी की निगरानी करने और आवश्यकतानुसार अपनी उपचार योजना को समायोजित करने के लिए नियमित जाँच महत्वपूर्ण है।
Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology), रोगियों को उनकी रिकवरी यात्रा के दौरान मार्गदर्शन करने के लिए समर्पित हैं। विशेषज्ञ सलाह और परामर्श के लिए, सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 पर जाएँ, 6200784486 पर कॉल करें, या drfarhancardiologist.com पर जाएँ।
ये कदम उठाने से आपके हृदय स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है। सक्रिय रहें और स्वस्थ रहने के लिए प्रतिबद्ध रहें!
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लिवर की हेल्थ के लिए क्यों ज़रूरी है Fytika Fit Liver
लिवर हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। इसे हीलिंग ऑर्गन भी कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को निकालने, इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने, ऊर्जा बनाए रखने जैसे 500 से भी अधिक कार्य करता है। लेकिन आज के दौर में लोगों की लाइफस्टाइल बहुत तेज़ी से बदली है और अनहेल्दी फ़ूड खाना बहुत आम बात हो गई है, जिससे लिवर की हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आपने सुना या देखा होगा कि आजकल फैटी लिवर बीमारी बहुत आम हो गई है। साथ ही पाचन तंत्र ठीक न होना, शरीर में ऊर्जा की कमी होना, मेटाबॉलिज़्म कमजोर होना, थकान, पेट में असुविधा या दाहिनी ओर दर्द, त्वचा में खुजली होना, भ्रम या ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत, गहरे रंग का मूत्र आना, इम्युनिटी कमजोर होना आदि एक अस्वस्थ लिवर के कारण हो सकते हैं और एक ज़रूरी बात यह भी है कि कभी-कभी तो ये लक्षण बिल्कुल भी नज़र नहीं आते!
यह भी पढ़ें: हमारे शरीर का हीरो है लीवर
लिवर की सेहत को खराब करने वाले कुछ कारक
लिवर हेल्थ को नुकसान पहुंचाने ��ें कई कारक ज़िम्मेदार हो सकते हैं, जैसे:
अनहेल्दी फूड: फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड, तली हुई चीजें, कोल्ड ड्रिंक और अत्यधिक मीठा खाने से लिवर की हेल्थ को नुकसान हो सकता है।
शराब का सेवन: शराब लिवर के लिए बेहद नुकसानदेह है और इसका अत्यधिक सेवन लिवर डैमेज भी कर सकता है।
अनियमित जीवनशैली: शारीरिक गतिविधियों में कमी, तनाव या पूरी नींद न ले पाने के कारण भी लिवर की हेल्थ ख़राब हो सकती है।
Fytika Fit Liver कैसे कर सकता है मदद?
यदि आप अपने लिवर की देखभाल करना चाहते हैं और उसे स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो Fytika Fit Liver आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह एक आयुर्वेदिक, प्रमाणित और लैब-टेस्टेड सप्लीमेंट है जो वैज्ञानिक रूप से विकसित फॉर्मूला और जैविक तत्वों से मिलकर बनाया गया है। ये लिवर हेल्थ को नेचुरली सपोर्ट करता है और लिवर को डिटॉक्स करता है। ये पूरी तरह से ऑटोमेटेड तरीके से तैयार किया गया है, ताकि गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में कोई कमी न हो।
इसमें ऐसे चुने हुए तत्व हैं जो इसे असरदार बनाते हैं
मिल्क थीस्ल, जो लिवर सेल्स को रिपेयर और प्रोटेक्ट करता है;
कालमेघ, जो बाइल प्रोडक्शन बढ़ाता है
प्रोबायोटिक्स लिवर और गट हेल्थ को बनाए रखते हैं
भूमि आंवला, जो लिवर फंक्शन्स सुधारने में मदद करता है; और
कुटकी और हल्दी, जो एक नेचुरल डिटॉक्सिफायर है, लिवर से टॉक्सिन्स को साफ करने में मदद करता है।
इसके नियमित उपयोग से आपका लिवर मजबूत और स्वस्थ बना रह सकता है, और यह आपको ऊर्जा और पाचन में भी मदद करता है। इसमें शामिल हर्ब्स और न्यूट्रिएंट्स लिवर की नेचुरल फंक्शन्स को सपोर्ट करते हैं और उसकी नेचुरल हीलिंग पावर को बढ़ावा देते हैं।
यह भी पढ़ें: लिवर डिटॉक्स कितनी बार होना चाहिए?
Fytika Fit Liver के लाभ
लिवर डिटॉक्सिफिकेशन: यह लिवर को प्राकृतिक तरीके से डिटॉक्स करने में मदद करता है, जिससे शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और लिवर साफ रहता है।
लिवर सेल्स की सुरक्षा और मरम्मत: यह लिवर सेल्स की सुरक्षा और रिपेयर में सहायक है, जिससे लिवर की सेहत बेहतर बनी रहती है
बेहतर पाचन: यह प्राकृतिक तत्वों से भरपूर है, जो पाचन को मजबूत करते हैं और पेट की समस्याओं को दूर करने में मददगार होते हैं।
ऊर्जा में वृद्धि: Fit Liver के नियमित उपयोग से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जिससे थकान कम महसूस होती है और आप अपने काम में अधिक सक्रिय रहते हैं।
फैटी लिवर सही करने मे सहायक: इस सप्लीमेंट के नियमित उपयोग से लिवर में जमा अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद मिलती है, जो फैटी लिवर जैसी समस्याओं को नियंत्रित करता है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य आयुर्वेदिक तत्व इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं, जिससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
लिवर की कार्यक्षमता में सुधार: यह लिवर फंक्शन्स को ऑप्टिमाइज़ करता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
लिवर को सेहतमंद रखने के लिए क्या करें?
लिवर डीटॉक्स मे सहायक और स्वस्थ आहार खाएं: ताजे फल, सब्जियां, और होल ग्रेन्स से भरपूर आहार लेना चाहिए।
हाइड्रेटेड रहें: दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि लिवर को काम करने में आसानी हो। साथ ही ताजे फलों का जूस और नारियल पानी भी लिवर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
नियमित व्यायाम: शरीर को एक्टिव रखने से लिवर हेल्थ पर सकारात्मक असर पड़ता है। रोज़ाना 30-40 मिनट की एक्सरसाइज लिवर और पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है।
डिटॉक्सिफिकेशन: हर्ब्स और नेचुरल सप्लीमेंट्स के माध्यम से लिवर की नेचुरल डिटॉक्स प्रक्रिया को बढ़ावा मिल सकता है।
निष्कर्ष
लिवर का ध्यान रखना एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। एक हेल्दी लिवर ही शरीर को मजबूती देता है और बीमारियों से दूर रखता है। Fytika Fit Liver आपके लिवर को नेचुरल तरीके से सपोर्ट करता है और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है। अगर आप भी अपने लिवर की हेल्थ को प्राथमिकता देना चाहते हैं, तो Fytika Fit Liver को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं और एक हेल्दी और एनर्जेटिक लाइफ का अनुभव करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और किसी भी हेल्थ प्रोडक्ट का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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विशेषज्ञ बताते हैं कि 'बढती उम्र' के लिए आपको कितनी नींद की आवश्यकता होती है?
How much sleep do you need for 'successful aging'?/नींद की आवश्यकता
रात की अच्छी नींद - सुंदर तरीके से उम्र बढ़ने का एक गुप्त सहयोगी हो सकता है जिसे हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं- जो समग्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती में एक आवश्यक भूमिका निभाती है। ऐसी दुनिया में जहाँ हर कोई सफलता के लिए प्रयास कर रहा है और कई ज़िम्मेदारियों को निभा रहा है, यह पता चलता है कि तंदुरुस्ती को प्राथमिकता देने का यही सिद्धांत उम्र बढ़ने पर भी लागू होता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लगातार सात घंटे से ज़्यादा अच्छी नींद लेना इस लक्ष्य को हासिल करने का समाधान हो सकता है, जिससे लोगों को बढ़ती उम्र के साथ अपनी शारीरिक शक्ति, संज्ञानात्मक तीक्ष्णता और भावनात्मक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलती है।
नींद का व्यवहार और उम्र बढ़ने के परिणाम
यह अध्ययन 45 साल की उम्र पार कर चुके लोगों के एक क्रॉस-सेक्शन पर केंद्रित था। 2011 से 2015 तक चार साल की अवधि में 3,300 से ज़्यादा प्रतिभागियों की नींद के पैटर्न की सावधानीपूर्वक निगरानी की गई, जिसमें उनकी रात की दिनचर्या और स्थिरता में बदलाव दर्ज किए गए। पाँच साल बाद, उम्र बढ़ने के परिणामों पर उनकी नींद के व्यवहार के दीर्घकालिक प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यापक स्वास्थ्य मूल्यांकन किया गया।
स्वस्थ उम्र बढ़ने के लिए कितनी नींद ज़रूरी है?
डेटा का विश्लेषण चीन में वेनझोउ मेडिकल यूनिवर्सिटी/Wenzhou Medical University के विद्वानों द्वारा किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो व्यक्ति कम से कम सात घंटे की नींद लेते हैं, वे उम्र बढ़ने के साथ स्वस्थ जीवन का आनंद लेते हैं। अध्ययन के लेखकों ने बताया, "सफल उम्र बढ़ने का मूल्यांकन 2020 में किया गया था और इसे प्रमुख पुरानी बीमारियों से मुक्त, कोई शारीरिक दुर्बलता नहीं, उच्च संज्ञानात्मक कार्य, अच्छा मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के साथ सक्रिय जुड़ाव के रूप में परिभाषित किया गया था।" इस जिज्ञासु यात्रा के अंत में, 13.8% प्रतिभागियों को "सफलतापूर्वक" उम्र बढ़ने वाला माना गया। इनमें से लगभग दो-तिहाई लगातार हर रात सात घंटे से अधिक की नींद ले रहे थे।
स्थिर नींद पैटर्न स्वस्थ उम्र बढ़ने को बढ़ावा देते हैं
उनके सोने के शेड्यूल के आधार पर, प्रतिभागियों को पाँच समूहों में वर्गीकृत किया गया: लंबे समय तक स्थिर, सामान्य रूप से स्थिर, घटते हुए, बढ़ते हुए और छोटे समय तक स्थिर। लंबे और सामान्य रूप से स्थिर समूहों में सफल उम्र बढ़ने की संभावना अधिक पाई गई। आराम की अवधि के अनियमित पैटर्न वाले लोगों ने आयु परीक्षण में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। शोधकर्ताओं ने कहा, "सामान्य स्थिर नींद अवधि प्रक्षेपवक्र वाले प्रतिभागियों के सापेक्ष, कम स्थिर और बढ़ती हुई प्रक्षेपवक्र वाले प्रतिभागियों में सफल बुढ़ापे की संभावना क्रमशः 36 प्रतिशत और 52 प्रतिशत कम थी।" नींद के प्रभाव की पहेली यहीं समाप्त नहीं होती। निष्कर्षों से यह भी पता चला कि लगातार विस्तारित नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कई चिंताओं के खिलाफ लड़ाई में योगदान देती है। हालांकि यह शोध चीन में किया गया था, जो दुनिया भर में सबसे तेजी से उम्र बढ़ने वाली आबादी में से एक है, लेकिन निष्कर्षों का सार्वभौमिक अनुप्रयोग है। जैसे-जैसे दुनिया की उम्र बढ़ती है, यह एक स्वस्थ वैश्विक समाज की अनिवार्य आवश्यकता प्रस्तुत करता है।
अच्छी तरह से उम्र बढ़ने की कुंजी
अध्ययन के लेखकों ने लिखा, "ये निष्कर्ष इस बात को रेखांकित करते हैं कि पुरानी नींद की कमी, साथ ही नींद की अवधि में वृद्धि और कमी के पैटर्न, केवल उम्र से संबंधित परिवर्तन नहीं हैं।" "बल्कि, वे सफल उम्र बढ़ने की खोज में बाधाओं के महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में उभरते हैं।" इसलिए, अगली बार जब आप नींद में कटौती करने के बारे में सोचें, तो याद रखें कि नींद का हर घंटा आपकी उम्र बढ़ने के साथ-साथ एक स्वस्थ और अधिक संतोषजनक जीवन की ओर एक कदम है।
शोध के व्यापक सीमा
जबकि यह अध्ययन सुंदर ढंग से उम्र बढ़ने के लिए लगातार नींद के महत्व पर प्रकाश डालता है, यह नींद की आदतों के व्यापक सामाजिक प्रभावों के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है। आराम की खराब गुणवत्ता और असंगत दिनचर्या न केवल उम्र बढ़ने की चुनौतियों से जुड़ी है, बल्कि हृदय रोग, कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और संज्ञानात्मक गिरावट जैसी कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ी है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों की महत्वपूर्ण आवश्यकता को उजागर करता है जो नींद की शिक्षा और बेहतर नींद की स्वच्छता को बढ़ावा देती हैं। व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तरों पर परिवर्तनों को लागू करना - जैसे नियमित नींद की दिनचर्या स्थापित करना, सोने से पहले नीली रोशनी के संपर्क को सीमित करना और कार्य-जीवन संतुलन की वकालत करना - दूरगामी लाभ दे सकता है। जबकि समाज लंबी जीवन प्रत्याशा और बढ़ती उम्र की आबादी से जूझ रहा है, नींद को प्राथमिकता देना न केवल एक व्यक्तिगत लक्ष्य बन जाता है, बल्कि स्वस्थ समुदायों और कम स्वास्थ्य देखभाल लागतों के लिए एक सामूहिक रणनीति बन जाता है। नींद को स्वास्थ्य का आधारभूत स्तंभ मानकर लोग यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठा सकते हैं कि वे न केवल लंबे समय तक जीवित रहें, बल्कि बेहतर जीवन जिएं - अपने जीवन के अंतिम वर्षों में ऊर्जा और स्वतंत्रता के साथ।
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