#संवाद
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vlogrush · 11 months ago
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आपके पिता से आपकी क्यों नही बनती हैं? पिता से अच्छे संबंध कैसे बनाएं?
पिता और पुत्र के बीच अनबन परिवार जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और परिवार में पिता का स्थान सर्वोच्च होता है। वे न केवल घर के मुखिया होते हैं, बल्कि बच्चों के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणा के स्रोत भी होते हैं। पिता-पुत्र के बीच संबंध अनमोल होते हैं। यह एक गहरा बंधन होता है जो समर्थन, समझदारी, और प्रेम पर आधारित होता है। लेकिन कई बार, कुछ बच्चों के अपने पिता से अच्छे संबंध नहीं हो पाते हैं।…
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guiasmaternos · 1 year ago
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बच्चों के साथ यौनता पर चर्चा: कब और कैसे विषय को उठाएं
बच्चों के साथ यौनता पर चर्चा करने के महत्व को समझें और उचित तरीके से विषय को उठाने के लिए व्यावासिक सुझाव प्राप्त करें।
यौनता मानव के अभिन्न हिस्से की तरह है और हमारे जीवन में जल्दी ही प्रकट होती है। हालांकि, कई माता-पिता और जिम्मेदार इस विषय को बच्चों के साथ उठाने में असुरक्षित या अतैयार महसूस करते हैं। इस लेख का उद्देश्य इन चर्चाओं के महत्व को बताना और विषय को कैसे और कब पेश किया जाए, इस पर सलाह देना है। यौन शिक्षा का महत्व यौन शिक्षा सिर्फ “बच्चे कहाँ से आते हैं” के बारे में नहीं है, बल्कि अपने शरीर, भावनाओं,…
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sarhadkasakshi · 2 months ago
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टिहरी विधायक उपाध्याय एवं जिलाधिकारी दीक्षित की उपस्थिति में मानव वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण कार्यशाला के अन्तर्गत जन संवाद कार्यक्रम आयोजित 
टिहरी विधायक उपाध्याय एवं जिलाधिकारी दीक्षित की उपस्थिति में मानव वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण कार्यशाला के अन्तर्गत जन संवाद कार्यक्रम आयोजित टिहरी: जिला कलेक्ट्रेट सभागार नई ��िहरी में टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय एवं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की उपस्थिति में मानव वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण कार्यशाला के अन्तर्गत जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों…
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subhashdagar123 · 3 months ago
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mhlivenews · 4 months ago
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फॅमिली डॉक्टर संकल्पना मोडीत; 'मटा संवाद'च्या चर्चासत्रामध्ये तज्ज्ञांचे स्पष्ट मत
Family Doctor Concept: ‘फॅमिली डॉक्टर’ हा वैद्यकीय व्यवस्थेचा कणा आणि सर्वसामान्यांचा हक्काचा आधार होता. आज फॅमिली डॉक्टरांची संख्या कमी झाली आहे. ही व्यवस्था मोडीत काढण्यासाठी समाज म्हणून आपणच कारणीभूत आहोत, असे स्पष्ट मत प्रख्यात स्त्रीरोगतज्ज्ञ डॉ. निखिल दातार यांनी रविवारी व्यक्त केले. महाराष्ट्र टाइम्स म. टा. विशेष प्रतिनिधी, मुंबई : ‘फॅमिली डॉक्टर’ हा वैद्यकीय व्यवस्थेचा कणा आणि…
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aryasamaj0 · 1 year ago
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samajvikassamvad · 1 year ago
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पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना।
पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना।   अरविंद यादव, समाज विकास संवाद नई दिल्ली।   पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना, – रेलवे के काम से हर कोई हैरान। भारतीय रेलवे ने आज के दिन एक नया इतिहास लिख दिया है। देश के 508 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला…
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vocaltv · 1 year ago
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CG ब्रेकिंग: संविदा कर्मचारियों की संवाद रैली आज, घुटनों के बल चलकर दंडवत प्रणाम कर सरकार से करेंगे अपील
  संविदा कर्मचारी नियमि��िकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से अनिश्चितक़ालीन हड़ताल पर हैं। सरकार ने मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मचारियों को सौगात देते हुए उनके वेतन में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी। सरकार ने संविदा कर्मचारियों के वेतन मान में 27% की वृद्धि की थी। इसके बाद भी संविदा कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर अड़े हुए है और लगातार 24वे दिन भी हड़ताल पर है। इसी बीच संविदा कर्मचारी आज संवाद रैली…
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sanjaygarg · 2 years ago
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vlogrush · 11 months ago
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आपके पिता से आपकी क्यों नही बनती हैं? पिता से अच्छे संबंध कैसे बनाएं?
पिता और पुत्र के बीच अनबन परिवार जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और परिवार में पिता का स्थान सर्वोच्च होता है। वे न केवल घर के मुखिया होते हैं, बल्कि बच्चों के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणा के स्रोत भी होते हैं। पिता-पुत्र के बीच संबंध अनमोल होते हैं। यह एक गहरा बंधन होता है जो समर्थन, समझदारी, और प्रेम पर आधारित होता है। लेकिन कई बार, कुछ बच्चों के अपने पिता से अच्छे संबंध नहीं हो पाते हैं।…
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qamarraza · 2 years ago
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helputrust · 14 days ago
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हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित "सियाराम की रसोई" योजना के अंतर्गत, पद्मश्री डॉ. शिव नारायण कुरील के सहयोग से सुशासन दिवस तथा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान कवि, भारत रत्�� श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सेक्टर-25 चौराहा, इंदिरा नगर, लखनऊ में 'सामूहिक श्रद्धांजलि व पूड़ी सब्जी वितरण' कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम के अंतर्गत लालता देवी मंदिर, नीमसार के प्रमुख पुजारी पं॰ अटल बिहारी शास्त्री जी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री ए.के. जायसवाल, श्री पंकज अवस्थी, श्री सौरभ जायसवाल एवं 200 से अधिक लोगों ने श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की  तथा सभी को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पूड़ी-सब्जी वितरित की गई ।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को नमन करते हुए कहा कि, “अटल जी भारतीय राजनीति में एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने आदर्शों, कविताओं और उत्कृष्ट नेतृत्व से करोड़ों भारतीयों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी । वे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उन्होंने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी । उनकी भाषण शैली और संवाद कौशल ने न केवल संसद को जीवंत बनाया, बल्कि देशवासियों को प्रेरित भी किया । उनकी कविताएँ हमें आज भी सिखाती हैं कि कठिनाइयों के समय भी आशा और आत्मविश्वास को कभी नहीं छोड़ना चाहिए । उनकी एक पंक्ति –
"हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ"
हर भारतीय के दिल में संकल्प और साहस भर देती है ।
अटल जी का सपना एक ऐसा भारत था, जो आत्मनिर्भर हो, समृद्ध हो और विश्वपटल पर अपना सम्मानजनक स्थान बनाए । उनके प्रधानमंत्री काल में भारत ने प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित किए । पोखरण परमाणु परीक्षण, कश्मीर समस्या पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस रुख और सर्वशिक्षा अभियान जैसे कई ऐतिहासिक निर्णय उनके नेतृत्व की गवाही देते हैं । श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के कार्यों को वर्तमान मे देश के वर्तमान प्रधान मंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी, लखनऊ से सांसद एवं भारत के रक्षा मंत्री परम आदरणीय श्री राज नाथ सिंह जी तथा ��त्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री परम आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी साकार कर रहे है |  आज के इस कार्यक्रम में हम न केवल उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, बल्कि "पूड़ी-सब्जी" वितरण के माध्यम से समाज सेवा का वह संदेश भी आगे बढ़ा रहे हैं, जो अटल जी के जीवन का मूलमंत्र था । प्रिय साथियों, आइए, हम सब उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लें । उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और एक सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दें । जय हिंद, जय भारत ।“
इस अवसर पर लालता देवी मंदिर, नीमसार के प्रमुख पुजारी पं॰ अटल बिहारी शास्त्री जी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री ए.के. जायसवाल, श्री पंकज अवस्थी, श्री सौरभ जायसवाल और ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
राम राज्य के वर्तमान समय में हमें अपने समाज के सबसे निर्धन और असहाय वर्ग की मदद के लिए आगे आना होगा । यह वह समय है जब हम उनके साथ मिलकर, उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें जीवन की आधारभूत जरूरतें प्रदान करने का संकल्प ले सकते हैं । इसी कड़ी में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 'सियाराम की रसोई' अभियान की शुरुआत की गयी जिसका उद्देश्य है प्रतिदिन गरीबों को आपके सहयोग से नि:शुल्क भरपेट भोजन प्रदान कर मानवता की सेवा करना ।
आप अपने “कभी खुशी कभी गम” के यादगार पलों (जन्मदिवस, सालगिरह, पुण्यतिथि आदि) के शुभ अवसर पर निम्नलिखित तरीकों से जनहित में अपना अमूल्य समर्थन प्रदान कर सकते हैं:
1. ऑनलाइन दान करके आर्थिक सहायता प्रदान करना |
2. खाद्य सामग्री, जैसे कि अनाज, दाल, चावल, फल, सब्जियां और ताजा दूध आदि, को संग्रहित करके हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के समृद्धि केंद्र में जमा करना |
उल्लेखनीय हैं कि भोजन वितरण से पहले, आपके यादगार पलों / विशेष दिन के अवसर की घोषणा उपस्थित सभी लोगों के समक्ष की जाएगी, ताकि आपको आध्यात्मिक साधकों से आशीर्वाद और शुभकामनाएं मिल सकें |
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अपनों संग संवाद: कर्नल राज्यवर्धन राठौर का जन संवाद कार्यक्रम
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“अपनों संग संवाद” कर्नल राज्यवर्धन राठौर के द्वारा शुरू किया गया एक विशेष जन संवाद कार्यक्रम है, जो आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करने और उनके सुझावों, समस्याओं और विचारों को समझने का एक प्रयास है। यह पहल न केवल एक सांसद के रूप में उनकी सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि जनता से जुड़ने और उनकी आवाज़ बनने की उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
“अपनों संग संवाद” का उद्देश्य
कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने इस कार्यक्रम को इसलिए शुरू किया है ताकि वे अपने क्षेत्र की जनता के स��थ सीधे जुड़ सकें और जमीनी समस्याओं का सही आकलन कर सकें।
मुख्य उद्देश्य:
जनता की समस्याओं को सुनना: आम लोगों की दैनिक समस्याओं, शिकायतों और सुझावों को समझना।
समाधान के लिए पहल करना: लोगों की शिकायतों को सुलझाने के लिए त्वरित कदम उठाना।
सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना: समाज के सभी वर्गों को विकास प्रक्रिया में शामिल करना।
कर्नल राज्यवर्धन राठौर का दृष्टिकोण
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संवाद का महत्व:
भरोसा कायम करना: जनता और नेतृत्व के बीच विश्वास बढ़ाना।
समस्याओं का समाधान: नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मदद करना।
जन भागीदारी को बढ़ावा: समाज के सभी वर्गों को विकास में शामिल करना।
“अपनों संग संवाद” की कार्यशैली
यह कार्यक्रम कई चरणों में संचालित किया जाता है, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई जा सके।
मुख्य चरण:
सीधा संवाद सत्र: पंचायतों, कस्बों और शहरों में सभाओं के माध्यम से जनता से मुलाकात।
डिजिटल प्लेटफॉर्म: सोशल मीडिया और मोबाइल एप के माध्यम से सुझाव और शिकायतें प्राप्त करना।
स्थानीय अधिकारियों की भागीदारी: विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों को शामिल करना।
जनता के लिए लाभ
“अपनों संग संवाद” कार्यक्रम जनता को सीधे अपने प्रतिनिधि से जुड़ने और अपनी समस्याओं को रखने का एक मंच प्रदान करता है।
मुख्य लाभ:
समस्याओं का त्वरित समाधान: शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाता है।
जनता की भागीदारी: लोग अपनी समस्याओं और सुझावों को सीधे साझा कर सकते हैं।
न्यायपूर्ण विकास: सभी वर्गों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाता है।
“अपनों संग संवाद” के प्रमुख विषय
इस कार्यक्रम के दौरान कई विषयों पर चर्चा होती है, जो क्षेत्र के विकास और सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चर्चा के प्रमुख मुद्दे:
शिक्षा और रोजगार: युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
स्वास्थ्य सुविधाएं: अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार।
सड़क और परिवहन: बेहतर सड़कें और परिवहन सुविधाओं का विकास।
कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों की समस्याओं को सुलझाना और गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास।
कर्नल राज्यवर्धन राठौर की अपील
कर्नल राठौर ने जनता से अपील की है कि वे इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने सुझाव व शिकायतें साझा करें। उनका मानना है कि जब तक हर नागरिक विकास प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेगा, तब तक सही मायने में बदलाव संभव नहीं होगा।
उनके शब्दों में:
“जनता की सहभागिता ही सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। आप सभी इस संवाद का हिस्सा बनें और एक साथ मिलकर क्षेत्र का विकास करें।”
निष्कर्ष: संवाद से ही समाधान
“अपनों संग संवाद” कार्यक्रम लोकतंत्र की शक्ति और जनता की आवाज़ को प्राथमिकता देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। कर्नल राज्यवर्धन राठौर का यह प्रयास समाज के सभी वर्गों को एकजुट कर एक समृद्ध और समावेशी भविष्य की ओर ले जाने का लक्ष्य रखता है।
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impossibleperfectiongarden · 8 months ago
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रावन आनी मुनीन्द्र ऋषि यांचा संवाद पहा आज आमच्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वर् दूपारि 1:00 वासता लाइव्ह आमच्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वर् उदया सकाळी 5:55 वासता लोक शाही ण्यूज चैनल वर्
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helputrust-harsh · 9 months ago
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धरोहर सेमिनार: हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | Dharohar Seminar: Our Heritage, Our Responsibility
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें  देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट ��ो उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकिन आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए | 
प्रोफेसर विभूति राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए कहा कि, लखनऊ विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक बिल्��िंग है और करीब 20 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सभी शिक्षकों को लेकर हम लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ अनशन किया, प्रोटेस्ट मार्च निकाला और कुछ ऐतिहासिक ऐसे पत्र आदि मिल गए जिसके अनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम बदला नहीं जा सका |
डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ अमूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में डॉ शिखा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, स्वयंसेवकों व मीडिया कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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raghvendras · 6 months ago
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प्रथम दिन।
मेरा यह ब्लॉग मुख्यत: हिंदी के भिन्न- भिन्न संवाद, कविता, सीख, सुविचार आदि के केंद्रित रहेगा।
आशा करता हूं आप इसका आनंद उठाएंगे और इसको आगे ले जाने में मेरा समर्थन करेंगे।
धन्यवाद।
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