संदूक पुरानी यादों का!
नयी यादों का पिटारा तो लिए घूमता हूँ
उन्हें मैं अक्सर उलटता पलटता रहता हूँ
पिटारे को मैं झाड़ता पोंछता भी रहता हूँ
उन यादों को धूप हवा लगवाता रहता हूँ!
मगर मेरी पुरानी यादों की भी कमी नहीं
बड़ा सा संदूक है मेरे पास उन यादों का
दिल के किसी अंधेरे कोने में रखा है मैंने
ख़ासा भारी है अक्सर बन्द पड़ा रहता है!
हर जगह उठाए घूमना मुमकिन भी नहीं
वो संदूक रोज़ रोज़ खुलता भी कहाँ है
गर्द की परतें जमी नज़र आती हैं उसपर
अक्सर वक़्त का दीमक दिखाई देता है!
दिल की कोई टीस संदूक खोल देती है
जब पुराने ज़ख़्म कोई कुरेद देता है मेरे
या फिर कुछ मीठी यादों के झोंके कभी
लाएँ उमड़ते जज़्बात संदूक की जेर मुझे!
अक्सर सोचा अब संदूक खोलता ही रहूँ
झाड़ू पोंछूँ यादों को हवा मैं लगवाता रहूँ
देखूँ उमड़ते सवालों के कोई जबाब मिलें
शायद भटकते जज़्बात का ये तूफ़ान टले!
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Super Sunday (Special Featuring) Theme : Open Title : कुछ चीज़े पुरानी Content: कुछ चीज़े पुरानी हैं उन्हें पुराना ही रहने दो जो यादें महफूज़ हैं दिल के संदूक में, उन्हें वहीं कैद रहने दो इस नए जहान की हवाओं में उन्हें गुमराह मत होने दो ये यादें पुरानी हैं इन्हें पुराना ही रहने दो इस्तेमाल न होने वाले उन सिक्कों को उस दराज़ में खनकते रहने दो अब पुराने की कीमत से सबको अनजान ही रहने दो नए लोगों को अपने नए जहान में ही रहने दो पुराने सिक्कों को पुराना ही रहने दो वो ची-ची करती कुर्सी को चीखते रहने दो नई कुर्सी को इससे दूर ही रहने दो पुरानी कुर्सी के सुकून को नए में तब्दील मत होने दो उस कुर्सी को अब पुराना ही रहने दो उन पुराने कागज़ात का रंग भले ही फीका पड़ गया हो पर उनके पन्नों पर उस स्याही की महक को बरकरार रहने दो आज के कागज़ो में उस स्याही को मत मिटने दो स्याही में उस पुरानी सी महक को पुराना ही रहने दो पुरानी यादों को उन पन्नों में समाया रहने दो जो चीज़ें पुरानी हैं उन्हें पुराना ही रहने दो Written By : Sanjana Thakur ( @unveiled_introvercies ) Tags : #writing #poetry #writersofinstagram #writer #love #writingcommunity #quotes #poetrycommunity #writers #poem #writerscommunity #poetsofinstagram #art #poems #poet #writersofig #words #reading #author #life #write #writerslife #wordporn #books #instagram #bookstagram #thoughts #amwriting #quoteoftheday https://www.instagram.com/p/CBLLX1Zlb25/?igshid=i1g7moz6vzo8
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“गुड़मुड़ी करके वो सभी वाक़ये पुराने
फैंकने है ज़ेहन के संदूक से सारे
मुश्क़िल है लादना समूची उम्र का लिहाफ़
यादों की सिलवटें इनपे, दिखती हैं साफ़”
-रॉबिन
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