#संगम
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तुझे मैं चाँद कहता था मगर उसमें भी दाग़ है
तुझे सूरज मैं कहता था मगर उसमें भी आग है
तुम्हें इतना मैं कहता हूँ,
कि मुझको तुमसे प्यार है, तुमसे प्यार है....
ये मेरा प्रेमपत्र पढ़ कर कि तुम नाराज ना होना,
कि तुम मेरी ज़िंदगी हो, की तुम मेरी बंदगी हो।
- रफी (गायक)
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काशी तमिल संगम; भारतीय एकता का सूत्र
भारत की सांस्कृतिक विविधता उसकी शक्ति है, और इस विविधता के बीच एकता को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों में एक महत्वपूर्ण पहल है काशी-तमिल संगमम, जिसका उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता को सुदृढ़ करना है। काशी-तमिल संगमम: एक परिचय काशी-तमिल संगमम की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में की गई थी, ताकि उत्तर…
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संगमको महिला तीज बचत खाता योजना
संगम बचत तथा ऋण सहकारी संस्था लिमिटेडले हरितालिका तीजको अवसरमा कोसेली योजना सार्वजनिक गरेको छ ।
नुवाकोट – संगम बचत तथा ऋण सहकारी संस्था लिमिटेडले हरितालिका तीजको अवसरमा कोसेली योजना सार्वजनिक गरेको छ । आफ्ना महिला सदस्यहरुमा बचत गर्ने बानीको विकास गर्ने अभिप्रायले संगम तीज खाता योजना संस्थाले ल्याएको सहकारीका अध्यक्ष नारायण श्रेष्ठले बताए । योजनामा अन्तर्गत न्यूनतम ५०० मौज्दात, वार्षिक ९ प्रतिशत ब्याजदर पाईने, भाग्यशाली सदस्य सम्मान लगायतका विशेषता रहेको योजना संयोजक राजु क्षेत्रीले…
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कुंडलिनी और केवल कुंभक: जब प्राण स्थिर हो जाए, वही सच्चा आसन है
योग में कहा जाता है कि सिद्धासन, पद्मासन या अन्य स्थिर आसन ध्यान और कुंभक के लिए सर्वोत्तम हैं। लेकिन जब केवल कुंभक घटित होता है, तब कोई भी स्थान—चाहे वह बस की सीट हो या ऑफिस की कुर्सी—सर्वश्रेष्ठ आसन बन जाता है। आसन का रहस्य: शरीर नहीं, बल्कि प्राण का खेल योग में आसन को स्थिरता और सुविधा (स्थिरसुखमासनम्) के रूप में परिभाषित किया गया है। लेकिन यहाँ एक अद्भुत अनुभव सामने आ रहा है— अगर केवल…
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#अध्यात्म_दर्शन“आध्यात्मिक प्रदर्शनी में हमने ज्ञान#भक्ति और शांति के संगम का अनुभव किया।पवित्र धर्मग्रंथों के रहस्यों को समझने का अनमोल
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त्रिवेणी संगम पितृ दोष पूजा: शांति और समृद्धि का मार्गदर्शन
पितृ दोष, वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दोष है, जो पूर्वजों के कर्मात्मक असंतुलन या उनके प्रति अपूर्ण कर्तव्यों के कारण उत्पन्न होता है। यह वित्तीय समस्याओं, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों या सफलता में देरी के रूप में प्रकट हो सकता है। त्रिवेणी संगम पितृ दोष पूजा पूर्वजों का आशीर्वाद पाने और जीवन में सामंजस्य बहाल करने का एक शक्तिशाली तरीका है। यहाँ इस पवित्र पूजा के बारे में सब कुछ जानें और यह कैसे आपके जीवन में शांति ला सकती है।
पितृ दोष क्या है?
पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की वंश परंपरा कर्तव्यों के अपूर्ण होने, अनुष्ठानों के न होने, या नकारात्मक कर्म प्रभावों के कारण बाधित होती है। यह कुंडली में सूर्य, चंद्रमा और राहु की स्थिति के माध्यम से पहचाना जा सकता है। यह दोष जीवन में समृद्धि, खुशी और विकास को बाधित कर सकता है।इसके प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:
वित्तीय समस्याएं – आय में अस्थिरता, धन संचय में बाधाएं।
संतान संबंधी समस्याएं – संतान सुख में देरी या संतान की ओर से चिंता।
वैवाहिक और पारिवारिक कलह – दांपत्य जीवन में अस्थिरता और विवाद।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानी – लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां और मानसिक तनाव।
करियर और व्यवसाय में बाधाएं – नौकरी या व्यापार में निरंतर असफलता।
यह भी पढ़ें: मौनी अमावस्या 2025: जानें तिथि, महत्व, स्नान-दान, तर्पण का समय
कैसे पता करें कि घर में पितृ दोष है?
घर के आंगन, घर की दरारों या टूटे गमलों में बिना आपके लगाए पीपल का पौधा उग रहा है तो यह पितृ दोष का लक्षण है। पितृ दोष के लक्षणों को पहचानकर आप जान सकते हैं कि आपके घर में यह दोष मौजूद है या नहीं। सामान्य संकेत इस प्रकार हो सकते हैं:
स्वप्नों में पूर्वजों का आना – यदि बार-बार सपनों में दिवंगत पूर्वज दिखाई देते हैं और कुछ मांगते हैं।
घर में आर्थिक समस्याएं – धन की कमी बनी रहती है और आय में स्थिरता नहीं होती।
संतान संबंधी दिक्कतें – संतान प्राप्ति में देरी या बच्चों की पढ़ाई और करियर में रुकावटें आती हैं।
परिवार में आपसी मतभेद – घर में अकारण झगड़े और मतभेद बढ़ जाते हैं।
कार्य में असफलता – कार्यों में बार-बार रुकावटें आती हैं और सफलता नहीं मिलती।
स्वास्थ्य समस्याएं – परिवार के सदस्यों को लगातार बीमारियां घेर लेती हैं।
यदि आपके जीवन में ये समस्याएं लगातार बनी हुई हैं, तो पितृ दोष निवारण पूजा कराना आवश्यक हो सकता है।
अधिक जानकारी के लिए आप AstroLIve के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।
त्रिवेणी संगम में पितृ दोष निवारण का महत्व
प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्थित त्रिवेणी संगम गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती नदियों का पवित्र संगम है। यह भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, जो पितृ दोष निवारण पूजा करने के लिए एक शक्तिशाली स्थान है।
पूर्वजों की मुक्ति: संगम की दिव्य ऊर्जा पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करती है।
कर्म संतुलन: यहाँ अनुष्ठान करने से पितृ दोष के कारण होने वाले कर्मात्मक असंतुलन को समाप्त करने में मदद मिलती है।
आने वाली पीढ़ियों का आशीर्वाद: यह पूजा न केवल दोष को दूर करती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और खुशी भी लाती है।
महाकुंभ पितृ दोष शांति पूजा क्या है?
महाकुंभ पितृ दोष शांति पूजा एक भव्य अनुष्ठान है जो महाकुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम में आयोजित किया जाता है। यह अनुष्ठान विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है:
पूर्वजों को प्रार्थना और सम्मान अर्पित करने के लिए।
अपूर्ण कर्तव्यों या गलतियों के लिए क्ष मा मांगने के लिए।
शांति, समृद्धि और पितृ दोष के कारण उत्पन्न बाधाओं को दूर करने के लिए।
महाकुंभ इस अनुष्ठान की आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है, जिससे यह पितृ दोष के लिए सबसे प्रभावी उपायों में से एक बन जाता है।
त्रिवेणी संगम पितृ दोष पूजा कैसे करें?
त्रिवेणी संगम में पितृ दोष शांति पूजा का प���रदर्शन निम्नलिखित चरणों में किया जाता है:
ज्योतिषीय परामर्श: अपनी कुंडली में पितृ दोष की पुष्टि करने के लिए ज्योतिषी से सलाह लें।
पूजा सामग्री की व्यवस्था: पूजा के लिए आवश्यक सभी सामग्री सुनिश्चित करें, जैसे तिल, चावल और फूल।
पवित्र मंत्र: अनुष्ठान में वेद मंत्रों का उच्चारण शामिल होता है, जो पूर्वजों को प्रसन्न करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
तर्पण और पिंडदान: ये अर्पण पूर्वजों की आत्मा की शांति सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं।
गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र जाप – ग्रह दोष निवारण के लिए जप।
विशेष हवन एवं आहुति – समस्त दोषों को शांत करने हेतु।
अंतिम विसर्जन: अनुष्ठान संगम के पवित्र जल में अर्पण के विसर्जन के साथ समाप्त होता है।
दान एवं गौसेवा – दोष निवारण के लिए अन्न, वस्त्र और गौदान।
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पितृ दोष निवारण पूजा के लाभ
1. पूर्वजों का आशीर्वाद: यह पूजा पूर्वजों का आशीर्वाद लाती है, जो जीवन में समृद्धि और खुशी सुनिश्चित करती है।
2. बाधाओं का निवारण: व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में बाधाओं को दूर करता है।
3. पारिवारिक सामंजस्य: पारिवारिक संबंधों में शांति और सामंजस्य बहाल करता है।
4. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है और ग्रहों के प्रभावों को संतुलित करता है।
5. स्वास्थ्य और धन में सुधार: पितृ दोष से जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं और वित्तीय अस्थिरता को हल करता है।
यह भी पढ़ें: राहु केतु पीड़ा शांति पूजा का ज्योतिषीय महत्व – पूजा विवरण, समय और ऑनलाइन बुकिंग
पूजा बुकिंग और अधिक जानकारी
यदि आप महाकुंभ पितृ दोष शांति पूजा कराना चाहते हैं, तो AstroLive पर अपनी पूजा बुक करें।हमारी सेवाएं विभिन्न बजट और आवश्यकताओं के अनुसार डिज़ाइन की गई हैं:
व्यक्तिगत (1 व्यक्ति के लिए पैकेज) (₹801): इसमें मानक सामग्री और मंत्र जाप के साथ व्यक्तिगत पूजा शामिल और है पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
कपल (2 व्यक्ति के लिए पैकेज) (₹1251): इसमें मानक सामग्री और मंत्र जाप के साथ व्यक्तिगत पूजा शामिल है और है पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
छोटा परिवार (4 व्यक्तियों के लिए पैकेज) (₹1751): विस्तृत अनुष्ठान, विस्तारित मंत्र जाप एवं प्रसाद अर्पित, गौ-सेवा, अन्नदान, और पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
बड़ा परिवार (6 व्यक्तियों के लिए पैकेज) (₹2001): विस्तृत अनुष्ठान, विस्तारित मंत्र जाप एवं प्रसाद अर्पित, गौ-सेवा, अन्नदान, और पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
पितृ दोष निवारण पूजा बुक करने के लिए यहां क्लिक करें।
पितृ दोष उपायों के लिए AstroLive क्यों चुनें?
पितृ दोष निवारण पूजा के लिए विशेषज्ञता, सटीकता और गहन आध्यात्मिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। AstroLive पर, हम प्रदान करते हैं:
व्यक्तिगत पूजा सेवाएं: आपकी कुंडली और विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर तैयार अनुष्ठान।
विशेषज्ञ मार्गदर्शन: हमारे अनुभवी ज्योतिषी और पुजारी यह सुनिश्चित करते हैं कि अनुष्ठान का प्रत्येक चरण सही ढंग से किया जाए।
पवित्र स्थान: हम त्रिवेणी संगम जैसे शक्तिशाली आध्यात्मिक स्थलों पर अनुष्ठान की व्यवस्था करते हैं।
सुविधा: अपनी पितृ दोष पूजा को ऑनलाइन बुक करें और हमारे अनुभवी ज्योतिषियों से नि:शुल्क परामर्श प्राप्त करें।
अधिक जानकारी और अपनी पितृ दोष शांति पूजा निर्धारित करने के लिए एस्ट्रोलाइव की वेबसाइट पर जाएं।
यदि आप पितृ दोष के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तो त्रिवेणी संगम पितृ दोष पूजा एक पवित्र और प्रभावी उपाय प्रदान करती है। इस अनुष्ठान को करके, आप न केवल अपने पूर्वजों का सम्मान करते हैं बल्कि अपने जीवन में समृद्धि, सामंजस्य और शांति को भी अनलॉक करते हैं। AstroLive आपके इस आध्यात्मिक मार्ग पर मार्गदर्शन करने में आपकी मदद करेगा और आपके उज्जवल भविष्य के लिए कर्म बाधाओं को समाप्त करेगा।अधिक जानकारी के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना वार्षिक राशिफल पढ़ें।
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मौनी अमावस्या पर घर में ही इस विधि से करें स्नान, अमृत स्नान जैसा मिलेगा लाभ, नोट करें शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या 2025 एक अत्यंत शुभ तिथि है, जिसमें मौन व्रत, स्नान और दान करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है, लेकिन यदि आप किसी कारणवश तीर्थस्थलों तक नहीं जा सकते, तो आप घर में ही अमृत स्नान कर सकते हैं और त्रिवेणी संगम गंगाजल का उपयोग कर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस विशेष दिन का महत्व, स्नान की विधि और अमृत स्नान शुभ मुहूर्त।
मौनी अमावस्या 2025 का महत्व
मौनी अमावस्या को आध्यात्मिक जागरण और आत्मशुद्धि का दिन माना जाता है। इस दिन:
गंगा स्नान से जीवन के पापों का नाश होता है।
मौन व्रत धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
दान और पूजा करने से कुंडली के दोष समाप्त होते हैं और पुण्य प्राप्त होता है।
पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
यह भी पढ़ें: मौनी अमावस्या 2025: जानें तिथि, महत्व, स्नान-दान, तर्पण का समय
मौनी अमावस्या 2025 पर अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या 2025 पर अमृत स्नान शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 28 जनवरी 2025, शाम 07:35 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी 2025, शाम 06:05 बजे
अमृत स्नान का श्रेष्ठ समय: पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र और उत्तराषाढा नक्षत्र में गंगा स्नान करना शुभ रहेगा। उत्तराषाढा – 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 20 मिनट तक है।
इस दौरान स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है और सभी पापों का नाश करता है।
घर में अमृत स्नान की विधि
यदि आप किसी कारणवश तीर्थस्थल नहीं जा सकते, तो घर पर ही त्रिवेणी संगम गंगाजल से अमृत स्नान कर सकते हैं।
स्नान की विधि:
गंगाजल, तुलसी पत्र, काले तिल और दूध को स्नान जल में मिलाएं।
गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
उत्तर दिशा की ओर मुख करके ��्नान करें और गंगा मैया का ध्यान करें।
स्नान के बाद पीपल या तुलसी को जल अर्पित करें।
स्नान के बाद पितरों को तर्पण दें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
साथ ही आप इस दिन पर इन मंत्रों का जप भी कर सकते हैं –
विष्णु जी के मंत्र –
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो नारायणाय
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं, वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्
शिव जी के मंत्र –
ॐ नमः शिवाय
ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
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त्रिवेणी संगम गंगाजल का महत्व
त्रिवेणी संगम गंगाजल में स्नान करना मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है, जहां पर किया गया स्नान सौगुना पुण्य देता है। यदि आप वहां नहीं जा सकते, तो घर प��� ही त्रिवेणी संगम गंगाजल मंगवाकर स्नान कर सकते हैं।
त्रिवेणी संगम गंगाजल मंगवाने के लिए यहाँ क्लिक करें।
मौनी अमावस्या पर अन्य शुभ कार्य
दान-पुण्य करें – इस दिन अन्न, वस्त्र, तिल, और घी का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
भगवान शिव और विष्णु की आराधना करें – शिवलिंग पर जल अर्पण करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
पितरों का तर्पण करें – पितरों के निमित्त तर्पण करने से कुल की उन्नति होती है।
गरीबों और साधु-संतों की सेवा करें – इससे विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मंत्र जाप करें – महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, और विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
अमृत स्नान करने से मिलने वाले लाभ
पितृ दोष से मुक्ति – इस दिन स्नान करने से पितृ दोष और ��ालसर्प दोष समाप्त होते हैं।
सौभाग्य की प्राप्ति – महिलाओं के लिए विशेष रूप से यह स्नान सौभाग्यवर्धक होता है।
आध्यात्मिक उन्नति – यह दिन ध्यान और साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
ग्रह दोष शांति – इस दिन किए गए उपायों से राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं।
मोक्ष प्राप्ति – त्रिवेणी संगम गंगाजल से स्नान करने से मोक्ष प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं।
निष्कर्ष
यदि आप मौनी अमावस्या 2025 पर किसी तीर्थ स्थान पर स्नान नहीं कर सकते, तो घर में ही अमृत स्नान करें और त्रिवेणी संगम गंगाजल का उपयोग कर पुण्य लाभ प्राप्त करें। इस दिन किए गए शुभ कार्य विशेष फलदायी होते हैं।त्रिवेणी संगम गंगाजल और अन्य पूजन सामग्री के लिए यहाँ क्लिक करें।
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Mauni Amavasya : आज मौनी अमावस्या का पावन अवसर पर हरकी पैड़ी पर उमड़ा आस्था का सैलाब
Mauni Amavasya : आज मौनी अमावस्या का पावन स्नान है। यह अमावस्या इस बार त्रिवेणी योग में पड़ी है। 50 वर्षों के बाद त्रिवेणी के साथ, चार अन्य शुभ योग में मौनी अमावस्या का स्नान हो रहा है। इस दिन पवित्र नदी में मौन होकर स्नान और दानपुण्य करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। National Games 2025 : देहरादून में आज खेले जाएंगे वुशु और रग्बी सेवन्स समेत कई खेल मौनी अमावस्या पर हरिद्वार के हर की पैड़ी घाट समेत…
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संगम पुस्तकालय रुद्रप्रयाग
संगम पुस्तकालय रुद्रप्रयाग | Sangam Library Rudraprayag अलकनंदा और मन्दाकिनी के संगम तट पर स्तिथ रुद्रप्रयाग में विद्यार्थि��ों और शोधार्थियों के पठन-पाठन के लिए संगम पुस्तकालय खोला गया है। यह पुस्तकालय बदरीनाथ-केदारनाथ मुख्य राजमार्ग में मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास स्तिथ है। पुस्तकालय अंदर से बहुत ही शानदार है और यहाँ बैठने की भी पूर्ण व्यवस्था है। साथ ही बिजली, पानी, और शौचालय की भी…
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#HinduSahebanNahiSamjheGitaVedPuran #om #shiva #mahakal #mahakaleshwar #aghori #vrindavan #viralpost #mahakumbh2025 #kumbhmela2025 #ganga #kumbh #संगम #SantRampalJiMaharaj
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#santrampaljimaharaj#kabir is supreme god#satlokashram#god kabir#kabir is real god#sant#allah is kabir#satlok
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कवि मीनालाई काव्य सम्मान
साहित्य संगम नुवाकोटले कवि मीना श्रेष्ठलाई काव्य पुरस्कारद्वारा सम्मानित गरेको छ ।
विदुर – साहित्य संगम नुवाकोटले कवि मीना श्रेष्ठलाई काव्य पुरस्कारद्वारा सम्मानित गरेको छ । शनिबार शिवपुरी गाउँपालिकाको थानापति स्थित जनज्ञान निकेतन माविमा आयोजित संगमको “गाउँगाउँमा साहित्य” कार्यक्रममा कवि श्रेष्ठलाई सम्मान गरिएको हो । कवि श्रेष्ठको “फर्गेट एस्टर्डे” कवितासंग्रहको “आईमाई बस्ने घर” नामक कवितालाई छनौट गरी सम्मान गरिएको संगमका अध्यक्ष सुमित्रा सुमीले जानकारी दिए । कवि श्रेष्ठ…
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रक्तदान जागरूकता के लिए "लाइव इन कंसर्ट : प्रतिभा सिंह बघेल" – हेल्प यू ट्रस्ट का भव्य आयोजन
प्रतिभा सिंह बघेल की सुरीली आवाज में जागा रक्तदान का संकल्प, हेल्प यू ट्रस्ट ने किया जागरूकता अभियान का आयोजन
हेल्प यू ट्रस्ट द्वारा संगीत संध्या के माध्यम से रक्तदान का संदेश, लखनऊ में गूंजा प्रतिभा सिंह बघेल का सुरमय संगम
संस्कृति और सेवा का अनूठा संगम, हेल्प यू ट्रस्ट द्वारा 'लाइव इन कंसर्ट : प्रतिभा सिंह बघेल' का आयोजन
24.02.2025, लखनऊ | रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जुपिटर ऑडिटोरियम, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर, लखनऊ में "लाइव इन कंसर्ट : प्रतिभा सिंह बघेल" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | हाउसफुल सभागार कार्यक्रम में प्रसिद्ध भजन, गजल एवं बॉलीवुड गीत गायिका श्रीमती प्रतिभा सिंह बघेल ने अपनी सुमधुर आवाज से सभागार में उपस्थित सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया साथ ही सभी से जनहित में वर्ष में एक बार रक्तदान करने की अपील की | उनके संगीत से वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार हुआ और कार्यक्रम में उपस्थित हजारों दर्शकों को रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूक किया गया |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा श्रीमती प्रतिभा सिंह बघेल ने दीप प्रज्वलन कर किया गया |
सभी गणमा��्य अतिथियों का स्वागत करते हुए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, आज की यह संगीतमय संध्या केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि रक्तदान को जन आंदोलन बनाने के संकल्प से जुड़ी है | हम सब जानते हैं कि रक्तदान, जीवनदान है । एक यूनिट रक्त किसी की सांसें लौटा सकता है, किसी के सपनों को नया जीवन दे सकता है । विज्ञान कितना भी आगे बढ़ जाए, रक्त का कोई विकल्प नहीं। यह केवल हमारी मानवता और जिम्मेदारी पर निर्भर है । हमें गर्व है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट पिछले 13 वर्षों से इस दिशा में कार्यरत है तथा #HelpUBloodDonor अभियान के माध्यम से, हम इस मुहिम को और व्यापक स्वरूप दे रहे हैं । आपसे केवल एक अनुरोध है कि वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य रक्तदान करें। यदि स्वयं रक्तदान नहीं कर सकते, तो कम से कम एक व्यक्ति को प्रेरित करें। हेल्प यू ब्लड डोनर अभियान के तहत रक्तदान करते समय, रक्तदान फॉर्म पर C/o HELP U TRUST अवश्य लिखें और अपने रक्तदान की फोटो हमें भेजें। सामाजिक और जनहित में और अधिक कार्य करने हेतु ट्रस्ट को आर्थिक सहयोग भी प्रदान करना चाहे |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, "आज का यह कार्यक्रम सिर्फ सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु एक नई पहल है क्योंकि रक्तदान न केवल एक मानवता का कार्य है बल्कि यह समाज को एकजुट करने और जीवन बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समय-समय पर कई धर्मार्थ, जागरूकता, सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन जनहित में कर रहा है | आप सभी से अपील है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जनहित में किया जा रहे कार्यों में अपना सहयोग दें तथा समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाएं |"
श्रीमती प्रतिभा सिंह बघेल ने अपनी शानदार आवाज में बेहतरीन भजन, गजल एवं बॉलीवुड गीतों की प्रस्तुति दी तथा संगीत जगत के महान फनकारों के गीतों को अपनी आवाज मे गाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी | प्रतिभा सिंह बघेल ने मंगल भवन अमंगल हारी भजन से संगीत संध्या की शुरुआत की तथा उसके बाद जमाई राजा राम मिला, नाम गुम जाएगा, अगर मुझसे मोहब्बत, चुपके-चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है, मुझे तुम नजर से, मेरे हमनवाज, झुकी झुकी सी नजर, तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, होठों से छू लो तुम, तुमको देखा तो यह ख्याल आया, जश्ने गम दे गए, आज ��ाने की जिद ना करो, कोई फरियाद, हमरी अटरिया पर आजा रे सांवरिया, आज की रात, लग जा गले कि फिर यह हंसी रात हो ना हो, यह दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, पत्ता पत्ता बूटा बूटा, नीला आसमान, हम रहे या ना रहे, बात इतनी सी है, बोले नैना, हर एक बात पर, हमें तुमसे प्यार कितना, सादगी तो हमारी जरा देखिए, आओ बलमा, छाप तिलक सब छीन ली, दम दम मस्त कलंदर गाकर सभागार में उपस्थित सभी संगीत प्रेमियों के दिलों को छू लिया | श्रीमती प्रतिभा सिंह बघेल ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा चलाई जा रही रक्तदान मुहिम की सराहना करते हुए, #HelpUBloodDonor अभियान को सफल बनाने के लिए दर्शको से अपील की | श्रीमती प्रतिभा सिंह बघेल ने स्वयं भी प्रत्येक वर्ष रक्त दान करने की बात कही |
श्रीमती प्रतिभा सिंह बघेल की इस संगीत यात्रा में बेस गिटार पर राहुल देव, गिटार पर रितेश ओहोल, तबला पर प्रशांत सोंगरा, ऑक्टोपैड पर रोहित गंधर्व, कीबोर्ड पर मोहम्मद फिरोज ने साथ दिया |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रतिभा सिंह बघेल की पूज्य माता जी श्रीमती सीमा सिंह, श्रीमती प्रतिभा सिंह बघेल, संगतकर्ता राहुल देव, रितेश ओहोल, प्रशांत सोंगरा, रोहित गंधर्व, मोहम्मद फिरोज, साउंड इंजीनियर सुहास खोबरागड़े, प्रतिभा सिंह बघेल के मैनेजर श्री दिव्येश राठौर का सम्मान किया गया |
इस अवसर पर रक्तदान पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्में दिखाई गईं।
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ हर्षवर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यों डॉ अल्का निवेदन, डॉ शैली महाजन, श्रीमती पदमा गिडवानी, डॉ ए उपाध्याय, श्री के पी एस चौहान, श्री चन्द्र शेखर वर्मा, श्री महेंद्र भीष्म, श्री पंकज अवस्थी, डॉ प्राची श्रीवास्तव, डॉ संजय कुमार राणा, श्रीमती पल्लवी आशीष के साथ शहर के गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रयागराज में अक्षय वट के दर्शन-पूजन कर लोकमंगल की कामना की।
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कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे.पी. नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रयागराज में स्थित पवित्र अक्षय वट के दर्शन एवं पूजन कर समस्त राष्ट्र के सुख, समृद्धि और लोकमंगल की प्रार्थना की।
🌿 अक्षय वट: सनातन संस्कृति का प्रतीक
✅ अक्षय वट को हिंदू धर्म में अनंतकाल से आस्था, शक्ति और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। ✅ यह पवित्र स्थल प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के निकट स्थित है, जहां सदियों से साधु-संत तपस्या करते आ रहे हैं। ✅ धार्मिक मान्यता है कि इस वट वृक्ष के दर्शन मात्र से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
“प्रयागराज में अक्षय वट के दर्शन एवं पूजन कर राष्ट्र की उन्नति और जनकल्याण की कामना की। सनातन संस्कृति के इस दिव्य स्थल से आत्मिक शांति और ऊर्जा प्राप्त हुई।” — कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़
🚩 राष्ट्रहित एवं सनातन संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक और कदम
🔹 अक्षय वट के दर्शन से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार। 🔹 लोकमंगल, राष्ट्रहित और जनकल्याण की प्रार्थना। 🔹 सनातन परंपराओं और भारतीय संस्कृति का सम्मान।
🙏 हर हर गंगे! जय सनातन! 🇮���� जय हिंद! जय भारत! 🚩✨
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आस्था एवं एकता का संगम महाकुंभ 2025 : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ — राष्ट्र कुंभ 🙏🙏🙏
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महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, जहां लाखों श्रद्धालु, संत, योगी, और साधु-संत एकत्र होकर सनातन संस्कृति की दिव्यता और भारतीय सभ्यता की अखंडता को पुनर्स्थापित करते हैं।
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महाकुंभ 2025 — आस्था और राष्ट्रवाद का संगम
1. सनातन संस्कृति का भव्य उत्सव
✅ करोड़ों श्रद्धालुओं की गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में डुबकी। ✅ भारत के प्रमुख संत-महात्माओं का प्रवचन, जो आध्यात्मिक और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देगा। ✅ विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और योग शिविरों का आयोजन।
2. राष्ट्र निर्माण और भारतीय एकता
✅ महाकुंभ भारत के हर कोने से श्रद्धालुओं को जोड़ता है, जिससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश मिलता है। ✅ इस आयोजन में राष्ट्रवाद, समाज सेवा और जनकल्याण पर विशेष संवाद होंगे। ✅ भारत के युवा, सैनिक, वैज्ञानिक, और विचारक भी इसमें भाग लेंगे, जिससे आधुनिक भारत और सनातन परंपरा का अद्भुत संगम होगा।
3. सेवा और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
✅ स्वच्छ कुंभ अभियान — गंगा और पर्यावरण की पवित्रता बनाए रखने की शपथ। ✅ निःशुल्क भंडारे, चिकित्सा सेवाएं और शिविरों का आयोजन। ✅ जल संरक्षण और प्लास्टिक-मुक्त कुंभ को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संदेश
कर्नल राठौड़ ने महाकुंभ 2025 को भारत की आध्यात्मिक और राष्ट्रीय चेतना का महोत्सव बताते हुए कहा:
“महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति और एकता का परिचायक है। यह पर्व हमें हमारी सनातन जड़ों से जोड़ता है और हमें राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता है। महाकुंभ 2025, ‘राष्ट्र कुंभ’ है, जहां श्रद्धा, संस्कृति और देशभक्ति का संगम होगा।”
उन्होंने युवाओं और देशवासियों से आह्वान किया कि वे इस महान आयोजन का हिस्सा बनें और भारत की सनातन परंपरा को आत्मसात करें।
महाकुंभ 2025 — विश्व को भारत का दिव्य संदेश
🌍 विश्व के लाखों श्रद्धालुओं का स्वागत। 🕉️ सनातन संस्कृति और भारतीय परंपरा का भव्य आयोजन। 🇮🇳 राष्ट्रभक्ति, सेवा और सामाजिक एकता का संदेश।
🚩 “महाकुंभ 2025 — धर्म, राष्ट्र और संस्कृति का गौरवशाली पर्व!” 🚩
🙏 हर हर गंगे! भारत माता की जय! 🇮🇳
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