#शिवलिंग जलाभिषेक
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वृंदावन के कथावाचक ने हिंदुओं से क्यों मांगी माफी? ये है मामला
वृंदावन के एक मशहूर कथावाचक ने हिंदू समाज से माफी मांगी है. उन्होंने भावुक होकर संत समाज से भी क्षमा प्रार्थना की है. माफी मांगने वाले कथावाचक आचार्य कौशिक हैं. उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह रेल पटरी के बीच में बैठकर शिवलिंग का अभिषेक करते हुए नजर आ रहे हैं. गंदी रेल पटरियों के बीच शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर हिंदू समाज के लोगों ने आपत्ति जताई. उन्होंने सोशल…
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आस्था का प्रतीक- अंजनी महादेव हिमाचल प्रदेश
पारस परिवार के ��ंस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई जी” एक सच्चे मार्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न रहे और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस्वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी विचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब भी जाग जाता है।
यदि खूबसूरत जगहों की बात की जाये और हिमाचल प्रदेश,मनाली का जिक्र ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। अंजनी महादेव भी एक बहुत ही सुंदर जगह है, यह आस्था का केंद्र तो है ही साथ ही अपने खूबसूरत नजारों के लिए भी प्रसिद्ध है। वैसे भी मनाली पर्यटकों का एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है। लेकिन इसके बावजूद भी आज वहां कई ऐसी जगहें हैं जो बेहद सुंदर हैं और अलौकिक शक्तियों से भरी हुई हैं किंतु अभी तक क��� पर्यटकों को इन जगहों के बारे में जानकारी नहीं है। आज इस ब्लॉग में हम आपको एक ऐसी ही अद्भुत और हैरान कर देने वाली जगह के बारे में बताएंगे, तो वो पवित्र जगह है अंजनी महादेव। इस जगह पर एक पवित्र झरना शिवलिंग का जलाभिषेक करता है। यह देखना अपने आपमें एक बहुत ही अनोखा अनुभव है। इस पवित्र नज़ारे को देखने के बाद आपको एहसास होगा कि वास्तव में ईश्वर की शक्ति क्या है ?
क्यों है यह लोगों की आस्था का प्रतीक ?
अंजनी महादेव मंदिर एक प्राकृतिक शिवलिंग है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि यदि आप घूमने के शौकीन हैं और भगवान में आस्था रखते हैं तो अंजनी महादेव मंदिर में जाकर आपको एक अलग ही सुकून मिलेगा। इस जगह में प्रवेश करते ही आपको ऐसी शांति का अनुभव होगा, जो इससे पहले आपने शायद ही कभी अनुभव किया हो। कुछ समय के लिए तो आप सब कुछ भूल बैठोगे और इस जगह की अलौकिक छटा में खो जाओगे। आपको महसूस होगा जैसे वो दिव्य ��ाक्षात् शक्ति आपके सामने खड़ी है। यहाँ पूरा बर्फ से ढका अद्भुत दृश्य आपका मन मोह लेगा।
क्या है अंजनी महादेव के पीछे की आस्था की कहानी ?
महंत श्री पारस भाई जी ने अंजनी महादेव के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में माता अंजनी ने पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या की थी और तब भगवान शिव ने अंजनी माता को दर्शन दिए थे। साथ ही माता अंजनी को इच्छापूर्ति का आशीष भी दिया था। इसके बाद से ही यहां पर प्राकृतिक रूप से बर्फ का विशाल शिवलिंग बनता है, जो कि लोगों की आस्था का प्रतीक बन जाता है। इसे अंजनी माता की तपोस्थली भी कहा जाता है। श्री पारस भाई जी ने आगे बताया कि यदि आप यहाँ जाकर इस प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन करते हैं तो आपकी हर इच्छा पूरी होती है और जीवन में ऐश्वर्य प्राप्त होता है।
कहाँ स्थित है अंजनी महादेव मंदिर ?
यदि आप मनाली घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो उससे 25 किलोमीटर की दूरी पर अंजनी महादेव का मंदिर स्थित है। अंजनी महादेव में साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बना प्राकृतिक शिवलिंग है। यदि आप भोले के भक्त हैं तो एक बार जरूर घूमने जाइये इस खूबसूरत जगह पर और अंजनी महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करें। यहां जाकर आपको शांति का एहसास तो होगा साथ ही यह आपके जीवन का एक शानदार अनुभव होगा। इतनी उंचाई पर बने इस प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन भला कौन नहीं करना चाहेगा।
अंजनी महादेव, दर्शनीय स्थल के साथ-साथ पूजनीय स्थल भी
इस पवित्र स्थान पर बर्फ का विशाल शिवलिंग बन जाता है। यह स्थान पर्यटकों के लिए अत्यंत खूबसूरत दर्शनीय स्थल तो है ही साथ ही भक्तों के लिए एक पूजनीय स्थान भी। यहाँ की जो अनुपम छटा है वह देखने लायक होती है। अंजनी महादेव के दर्शन करने के लिए आप कुछ सीढ़ियां चढ़कर जब ऊपर पहुँचते हैं तो यह हैरान करने वाला दृश्य देखकर अचंभित हुए बिना नहीं रह पाते हैं। यहाँ एक बहुत ही सुंदर और ऊँचे झरने के नीचे पवित्र शिवलिंग है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस झरने का पानी शिवलिंग पर जब गिरता है तो यह अद्भुत दृश्य आँखों में बस जाता है। यह देखकर ऐसा लगता है जैसे प्रकृति खुद ही महादेव पर जल अर्पण कर रही हो। सच में इस अनुभव को आप कभी भुला नहीं पाओगे।
लगभग 35 फ़ीट फीट से भी ऊंचा होता है शिवलिंग
अंजनी महादेव मंदिर में शिवलिंग का आकार 30 फीट से ज्यादा ऊंचा होता है। यहाँ पर अंजनी महादेव से गिरता झरना बर्फ बनकर शिवलिंग का रूप धारण करता है। जैसे जैसे तापमान कम होता है वैसे-वैसे इसके आकार में लगातार बढ़ोतरी होती रहती है। भक्त भी इस झरने के जल से महादेव पर जल���भिषेक करते हैं। महादेव पर जलाभिषेक करने से महादेव भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
यहाँ पर श्रद्धालु बर्फ पर नंगे पैर चलते हैं
शायद आप सोच भी नहीं सकते हैं कि आप बर्फ पर नंगे पैर चल सकते हैं। लेकिन आपको जरूर आश्चर्य होगा कि अंजनी महादेव के दर्शन के लिए भक्त बर्फ में नंगे पैर चलकर जाते हैं और इस तरह बर्फ में नंगे पैर जाने से आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। ये अंजनी महादेव की ही शक्तियों का असर होता है। किसी प्राकृतिक झरने द्वारा शिवलिंग के जलाभिषेक के इस खूबसूरत नज़ारे से आप अपनी नजरों को हटा नहीं पाओगे।
अंजनी महादेव को हिमाचल का अमरनाथ कहा जाता है
अंजनी महादेव पर सर्दियों में नवंबर से बर्फ़बारी की शुरुआत होती है और यहाँ का दृश्य बहुत ही सुंदर हो जाता है। चारों ओर बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है और यह नजारा आँखों में बस जाता है। यहाँ की ज्यादा ठंड से इस पवित्र झरने का जल शिवलिंग के ऊपर गिरकर जमने लग जाता है और फिर यह बर्फ विशाल शिवलिंग का रूप ले लेता है। फिर धीरे-धीरे फरवरी के अंत तक पवित्र शिवलिंग का आकार बढ़ता जाता है और इस शिवलिंग की ऊंचाई 35 फ़ीट से भी बढ़ जाती है। अंजनी महादेव के इसी प्राकृतिक शिवलिंग के कारण इसे हिमाचल का अमरनाथ कहा जाता है और यही वजह है कि सर्दियों में लोग इस पवित्र शिवलिंग के दर्शन के लिए जाते हैं।
यहाँ जाने के लिये सबसे अच्छा समय कौन सा है ?
यहाँ की प्राकृतिक ख़ूबसूरती इतनी अधिक है कि आप यहाँ कभी भी जा सकते हैं। यहाँ के प्राकृतिक नज़रों की खूबसूरती अलग ही दिखती है। यदि आप गर्मियों में यहाँ जाते हैं तो रास्ते में आपको चारों ओर हरियाली नजर आयेगी और साथ में सुन्दर कल कल बहती अंजनी नदी आपको दिखाई देगी। वहीं यदि आप सर्दियों में यहाँ जाते हैं तो उस समय आपको यह पूरी जगह बर्फ से ढकी नजर आयेगी। क्योंकि इस समय आपको यहाँ पर अलौकिक और अद्भुत प्राकृतिक बर्फ से बना शिवलिंग देखने को मिलेगा। सर्दियों में जाते वक्त बस यह ध्यान रखें कि उस वक्त यहाँ का तापमान बहुत कम होता है इसलिए सावधानी से जायें।
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श्रावण मास में शिव जलाभिषेक का कारण
श्रावण मास में शिव जलाभिषेक का कारण
इतिहास महत्व और करने योग्य उपाय
पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब समुद्र मंथन से हलाहल धरती पर प्रकट हुआ था और समस्त मानव और अन्य जीव जंतुओं के प्राणों पर संकट घिर आया था तब देवों के देव, महादेव ने सम्पूर्ण सृष्टि को जीवनदान दिया था। उन्होंने हलाहल विष को अपने कंठ में धारण किया था। कहा जाता है की यह घटना सावन के महीने में घटित हुई थी। महादेव के विष पान से उनका शरीर गर्म हो गया था और उन्हें परेशानी हो रही थी। अपने प्रभु को परेशानी में देख समस्त देवताओं ने महादेव पर जल अर्पित किया था और इंद्र देव ने ज़ोरों की वर्षा की थी। तब से यह चलन बन गया और हर वर्ष सावन के महीने में भगवान शिव के शरीर में विष की गर्मी से उत्पन्न हुई ज्वाला को शांत करने के लिए भक्तगण अपने भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं।
सावन का पावन महीना अर्थात् शिव की भक्ति व मनचाहा वरदान पाने का सर्वोत्तम समय है। कैलाशपति शिव ज��� को कंठ में विष होने के कारण शीतलता अत्यन्त प्रिय है, जिससे उन्हें राहत मिलती है। हरियाली और शीतलता होने के कारण भोलेनाथ को सावन का माह अत्यधिक प्रिय है। अब सावन है तो बारिश होना स्वाभाविक है। वर्षा का जल शुद्ध और ताज़ा होता है, इसलिए वर्षा जल से अभिषेक करने का फल भी अधिक है। हम बताने जा रहे हैं दिनों के अनुसार किसका अभिषेक करने से आपकी इच्छा शीघ्र और सरलता से पूरी हो जाएगी।
रविवार- शत्रुओं पर विजय
सूर्य देव को समर्पित रविवार के दिन सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर वर्षा जल से अर्घ्य दें और श्रीआदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करें। इस उपाय से आपको आपके शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और आपके घर में सकारात्मकता का संचार होगा।
सोमवार- हर मनोकामना पूर्ण
चंद्र देव को समर्पित दिन सोमवार को शिवलिंग पर द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति पढ़ते हुए अभिषेक करने से सच्चे मन से की गई हर प्रार्थना भोलेनाथ पूर्ण करते हैं और मन व परिवार में सुख-शांति का संचार होता है।
मंगलवार- रोग व कष्टों का नाश
मंगलवार को शिवलिंग या हनुमान जी पर शुद्ध तन व पवित्र मन से “ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय नम:” बोलते हुए अभिषेक करने से व्यक्ति के समस्त कष्टों का नाश होता है तथा उसके असाध्य रोग भी समाप्त हो जाते हैं।
बुधवार- सद् बुद्धि एवं शादी-विवाह हेतु
बुद्धि में वृद्धि हेतु या शादी-विवाह में आ रही अड़चन को दूर करने के लिए बुधवार को प्रथम पूज्य गणेश जी का “ॐ गं गणपतये नम:” मंत्र केसाथ अभिषेक करने से शीघ्र लाभ मिलता है। परीक्षा की तैयारी करनी हो या विवाह हेतु अच्छे रिश्ते की कामना हो, गणपति की कृपा से सब निर्विघ्न हो जाता है।
गुरुवार- सुख-समृद्धि की प्राप्ति
बृहस्पति देव को समर्पित दिन गुरुवार या एकादशी को वर्षा जल से श्री विष्णु जी का अभिषेक करना चाहिए और श्रीविष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिये। जिससे श्री हरि प्रसन्न होकर व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
शुक्रवार- धन-धान्य की वर्षा
सावन में शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का भाव पूर्वक लक्ष्मी मंत्र के साथ अभिषेक करने उनकी कृपा से आपके पास शीघ्र ही धन लक्ष्मी का शुभागमन होता है। अभिषेक करने वाले भक्त के ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा से धन की वर्षा होती है।
शनिवार- वाद-विवाद में सफलता
कर्मफल दाता शनिदेव को समर्पित शनिवार के दिन प्रात: पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाने व महादेव का अभिषेक और शाम को शनिदेव का तेल और वर्षा जल से अभिषेक करने से क़ानूनी मामलों, वाद-विवाद व नौकरी में सफलता मिलती है। रुके हुए काम बनने शुरू हो जाते हैं। पीपल पर जल चढ़ाते समय “ॐ नमो भगवते शनैश्चराय” मंत्र का ग्यारह बार जप करना चाहिए।
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jamshedpur Kanwad Yatra- कांवड यात्रा में भूत प्रेत की झांकी रही आकर्षण का केंद्र, लगे बोलबम के जयकारें,साकची बाजार शिव मंदिर कमिटी की कांवड यात्रा में शामिल हुए 1000 से अधिक श्रद्धालु
जमशेदपुर: सावन माह में रविवार की सुबह साकची बाजार श्री शिव मंदिर कमिटी द्धारा निकाली गयी विशाल कांवड यात्रा में 1000 से अधिक कावड़ियों ने संकल्प के साथ भाग लिया. इस धार्मिक कार्यक्रम में स्वर्णरेखा नदी मानगो से जल उठाकर ढाई किलोमीटर की यात्रा तय कर श्री श्री साकची शिव मंदिर पहुंचकर सभी भक्तों ��े कतारबद्ध होकर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. इस कांवड यात्रा में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पत्नी सुधा…
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श्री महाकाल समिति की महिलाओं ने निकाली कांवड़ यात्रा, पशुपतिनाथ का किया जलाभिषेक
इटारसी। शहर ��े बंगलिया से रविवार को श्री महाकाल समिति की महिलाओं ने कांवड़ यात्रा का आयोजन किया, जिसमें मोहल्ले की प्रत्येक महिलाएं शामिल हुईं। सावन माह के चलते निकाली गई कांवड़ ढोल व डीजे के साथ निकाली गई। महिलाओं ने दक्षिण बंगलिया वार्ड 06 में मौजूद विशाल शिवलिंग का पूजन कर कांवड़ यात्रा निकाली और अवाम नगर स्थित पशुपति नाथ धाम में विराजे शिवलिंग का जलाभिषेक किया। कांवड़ यात्रा का कई स्थानों पर…
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Sawan Shivratri Pujan Vidhi: सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का करें जलाभिषेक, जानें सही विधि और शुभ मुहूर्तSawan Shivratri Pujan Vidhi: सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को है, ऐसे में शिवजी की कृपा पाने के लिए आपको शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए। तो इस लेख में जानते हैं कि सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त क्या है और सही पूजन विधि क्या है।
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🌹इस बार सावन की शिवरात्रि पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, भूलकर भी न करें ये गलतियां…🌹
🌹 इस बार सावन शिवरात्रि पर भद्रवास योग बन रहा है. जोकि बहुत ही दुर्लभ है.🌹
इस बार सावन की शिवरात्रि पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, भूलकर भी ��� करें ये गलतियां…
सावन माह की शिवरात्रि शुक्रवार को यानी कल है और शिव भक्तों में शिवरात्रि का विशेष महत्व है. शिवभक्त द्वारा हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने का सिलसिला जारी है. शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लाते हैं और सावन माह में शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3ः26 बजे शुरू हो रही है. यह तीन अगस्त को अपराह्न 3ः50 बजे समाप्त हो रही है. ऐसे में सावन शिवरात्रि दो अगस्त को होगी और इसी दिन शिवरात्रि की पूजा और व्रत किया जाएगा.
सावन शिवरात्रि पर होगा भद्रवास योग
शिवरात्रि पर भद्रवास योग बन रहा है. जोकि बहुत ही दुर्लभ है. इस दौरान भद्रा स्वर्ग में ही वास करेगी. मान्यता है कि इस योग में शिव-पार्वती की पूजा करने से कई गुणा अधिक फल की प्राप्ति होती है. भद्रवास योग का निर्माण तीन अगस्त को दोपहर तीन बजकर 26 मिनट से शुरू होगा और रात तीन बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगा.
ऐसे की जाएगी व्रत की शुर��आत
सावन शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें और फिर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद घर में या किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव की पूजा करें. शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें. साथ ही शिव पूजा करते समय शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें. शाम के समय फलाहार ग्रहण करें.
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Pradosh Vrat 2024: आज है बुध प्रदोष व्रत, मिलेगी रोगों से मुक्ति, जानें पूजा मुहूर्त,
Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन आप शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के बाद घी का दीपक जलाकर प्रदोष की कथा पढ़ते हैं, तो भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं.
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Today's Horoscope -
सोमवार को मिथुन राशि के जिन लोगों की करियर की शुरुआत है, उन्हें यदि कोई भी दुविधा है तो अपने फील्ड विशेषज्ञों से राय लें, जल्द लाभ मिलेगा वहीं धनु राशि के व्यापारी वर्ग सरकार के द्वारा चलाए गए नियमों का अनुशासन के साथ पालन करें, नियमों का उल्लंघन करने पर व्यापारिक लाइसेंस तक रद्द हो सकता है.
मेष - मेष राशि के लोगों को ऑफिस में सभी महत्वपूर्ण कामों में वरिष्ठ लोगों का मार्गदर्शन मिलेगा, वरिष्ठों के मार्गदर्शन से काम पूरे होंगे साथ ही बहुत कुछ नया सीखने को भी मिलेगा. जिन व्यापारियों के मन में कारोबार में बदलाव को लेकर विचार आ रहा है, वह कर सकते हैं. आज के दिन व्यापार में किये गए बदलाव कारगर साबित होंगे. युवा वर्ग की बात करे तो आज उन्हें पूजा-पाठ को महत्व देना चाहिए, भोलेनाथ के दर्शन करें मंदिर नहीं जा पाते हैं तो घर पर ही रहकर पूज�� करें. परिवार के बड़ों से बात करके घर में पूजा, पाठ आदि की प्लानिंग कर सकते हैं. सेहत की बात करे तो अंतरिक्ष में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले ग्रह कमजोर चल रहे हैं, अतः पौष्टिक आहार का सेवन करें.
वृष - इस राशि के लोगों को खुद को आलस्य से दूर रखते हुए, और अपने आपको सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए काम में तेजी और निपुणता दिखाने की जरूरत है. ऐसे व्यक्ति जो पैतृक व्यापार से जुड़े है, उनके पास नई पार्टनरशिप का ऑफर आ सकता है, नए व्यक्ति को कारोबार में शामिल करने से पहले उसकी अच्छी से जांच पड़ताल कर लें. युवा वर्ग की महत्वाकांक्षा पूरी होगी, इसके साथ ही कोई सुखद समाचार भी मिलने की संभावना है. जिसे सुनने के बाद वह खुशी से झूम उठेंगे. पारिवारिक दृष्टि से आज का दिन शुभ है, क्योंकि आज पिता या बड़े भाई को आकस्मिक धन लाभ हो सकता है. मानसिक उलझनों और रोगों में सुधार के लिए शिवलिंग पर जलाभिषेक करें.
मिथुन - मिथुन राशि के जिन लोगों की करियर की शुरुआत है, उन्हें यदि कोई भी दुविधा है तो अपने फील्ड विशेषज्ञों से राय लें, जल्द लाभ मिलेगा. मिठाई या रेस्टॉरेंट से जुड़े व्यापारियों को कारोबार के प्रचार-प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही गुणवत्ता को लेकर भी गंभीर रहें. विवाह योग्य युवक-युवती के रिश्ते की बात चल सकती है, जल्दबाजी में आकर किसी भी रिश्ते के लिए हां करने से बचें. वैवाहिक बंधन में बंधे लोगों को एक दूसरे को कटु वचन बोलने से बचना चाहिए, अन्यथा बिना मतलब का मतभेद हो सकता है. सेहत की बात करे तो, गर्मी को देखते हुए तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें, इससे स्वास्थ्य को लाभ होगा.
कर्क - इस राशि के नौकरीपेशा लोग ज्ञानार्जन की कोशिश करें, अन्यथा ज्ञान की कमी से प्रमोशन में बाधा बन सकती है. व्यापारियों को बड़े लेन-देन करते समय दूसरे पक्ष की मनोदशा भांपने की जरूरत होगी, जानने समझने के बाद ही पैसे का लेन देन करें अन्यथा पैसा फंसने का डर है. युवा वर्ग अनावश्यक यारी दोस्ती में समय न निकाले, समय के मोल को समझते हुए इसे जायज कामों पर खर्च करें. अभिभावकों को संतान की हरकतों पर पैनी निगाह रखनी होगी, क्योंकि संतान से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त हो सकती है, जिसको लेकर चिंतित हो सकते हैं. यदि शराब के लती है तो तत्काल ही इसका त्याग कर दे, क्योंकि लीवर से संबंधित कोई गंभीर रोग होने की आशंका है.
सिंह - सिंह राशि के लोगों के पास यदि सहकर्मी मदद की उम्मीद लेकर आते हैं, तो ��न्हें निराश न करें. अपनी क्षमतानुसार उनकी मदद जरूर करें. बर्तनों का व्यापार करने वालों को व्यापार में वृद्धि एवं मुनाफा प्राप्त हो सकता है. युवा वर्ग को अपने गुरूओं का सम्मान करना होगा, यदि संभव हो तो उन्हें कोई उपहार भी लाकर दें. संतान से बहुत ज़्यादा उम्मीद रखने के बजाय आज उनको अपने कार्य व अपनी इच्छाओं को पूरा करने दें. सेहत की बात करे तो पुरानी चल रही बीमारियों में आराम मिलेगा, जिस कारण आज आप काफी अच्छा महसूस करेंगे.
कन्या - इस राशि के बैंक से जुड़े लोग खासकर जिनका टारगेट बेस्ड कार्य है, उनका कार्यभार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. व्यापार के साथ किसी नए व्यक्ति के साथ जुड़ने की बात चल सकती है, जिसका आगमन बिजनेस के लिए लाभदायक होगा. युवा वर्ग जितना हो सके खुद को दूसरे के विवादों से दूर रखे, अन्यथा थाना-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. अपना कुछ समय परिवार के साथ भी व्यतीत करने का प्रयास करें, यदि घर से दूर रहते है तो फोन के माध्यम से हालचाल ले सकते हैं. सेहत को ध्यान में रखते हुए शुद्ध एवं संतुलित भोजन का ही सेवन करें, और कुछ दिनों के लिए बाहर के खाने से पूरी तरह से दूरी बना ले.
तुला - तुला राशि के लोगों पर वर्कलोड अधिक होने पर किसी महिला सहकर्मी की सहायता मिल सकती है, मदद लेने के बाद आभार व्यक्त करना न भूलें. व्यापारी वर्ग को विशेष सलाह है कि ग्राहकों से बात करते समय शब्दों पर ध्यान रखें. उनके साथ किसी भी तरह की नोक झोंक का सीधा असर व्यापार पर पड़ सकता है. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले जिन युवाओं की परीक्षा नजदीक है, उन्हें कठिन विषय पर पकड़ बनाने का प्रयास करना होगा, जिससे परीक्षा में बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके. परिवार और समाज में वरिष्ठ लोगों से स्नेह सहयोग और मार्गदर्शन मिलेगा. जो लोग अपनी पुरानी बीमारियों से परेशान थे, उनको आज के दिन कुछ आराम मिलने की संभावना है.
वृश्चिक - इस राशि के नौकरीपेशा लोगों की बात करे तो आज उन पर काम का बोझ अधिक रह सकता है, लेकिन फिर भी आपको ऊर्जा को बनाए हुए हर्षित होकर दिन व्यतीत करना चाहिए. व्यापारी वर्ग लेनदारी का तगादा करते समय अपनी वाणी को को मधुर बनाए रखे, अन्यथा बात बिगड़ सकती है. युवा वर्ग का मन किसी बात की चिंता को लेकर परेशान हो सकता है. किसी मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने का सपरिवार निमंत्रण मिल सकता है, जिसमें आपको सपरिवार शामिल भी होना चाहिए. आज कब्ज और एसिडिटी की दिक्कत को लेकर परेशान हो सकते हैं, इसलिए हल्के और सुपाच्य भोजन का सेवन करें.
धनु - धनु राशि के लोगों के काम यदि आपकी योजना के मुताबि�� नहीं हो पा रहे हैं तो, चिंतित न हों. थोड़ा इंतजार करें अनुकूल समय आने पर काम बनने लगेंगे. व्यापारी वर्ग सरकार के द्वारा चलाए गए नियमों का अनुशासन के साथ पालन करें, नियमों का उल्लंघन करने पर व्यापारिक लाइसेंस तक रद्द हो सकता है. युवाओं को कोई भी गैरकानूनी कार्य करने से बचना होगा, कानूनी पचड़े में फंस कर नुकसान उठा सकते हैं. यदि किसी नए कार्य की शुरुआत की योजना बना रहे हैं तो, परिवारजनों के माध्यम से आर्थिक सहयोग की भी स्वीकृति मिलेगी. मानसिक तनाव सेहत खराब होने का कारण बन सकता है, इसलिए जितना हो सके खुद को तनाव से दूर रखने का प्रयास करें.
मकर - इस राशि के लोगों को अहंकार से बचना होगा, ऑफिशियल कार्य में परफेक्शन अहंकार का रूप न लेने पाए इस बात का खास ध्यान रखें. ग्रहों की स्थिति को देखते हुए आज का दिन थोक व्यापारियों के लिए शुभ संकेत लेकर आया है, आज आपके बड़े क्लाइंट से संपर्क स्थापित होने की संभावना है. शादी योग्य युवक-युवती का रिश्ता तय होने की प्रबल संभावना है. काम से समय निकालकर बच्चों के साथ समय व्यतीत करें, इसके लिए आप उनके साथ कुछ ऐसे खेल खेलें जिससे बच्चों का ज्ञानवर्धन हो. चलते-फिरते वक्त खास अलर्ट रहना होगा, क्योंकि चोट लगने की आशंका है.
कुंभ - कुंभ राशि के लोगों को कर्मक्षेत्र में कर्मठ बनना होगा, क्योंकि आर्थिक लाभ पाने के लिए यह समय आपके लिए काफी उत्तम हो सकता है. ऐसा व्यापारी जो सरकारी ठेके पर काम करते हैं, उनके लिए आज का दिन शुभ रहने वाला है. युवा वर्ग को घर के नियमों के साथ अनुसार अपनी दिनचर्या बनानी होगी, घर के वरिष्ठों की बात का मान रखे और उनके अनुसार चलने की कोशिश करें. मानसिक तनाव को दूर करने में घर के सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा, उनके साथ गपशप करने से स्ट्रेस लेवल में कमी आएगी. जो लोग नॉन वेजिटेरियन हैं उन्हें आज इसके सेवन से बचते हुए सात्विक भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए.
मीन - इस राशि के जो लोग विदेशी कंपनियों से जुड़े हैं उन्हें विभाग की ओर से अधिक कार्य की जिम्मेदारी मिल सकती है. व्यापारियों वर्ग को स्टॉक पर ध्यान देना होगा, इसे मेंटेन करके चलें अन्यथा ग्राहकों की संख्या अधिक होने पर परेशान हो सकते हैं. मार्केटिंग लाइन से जुड़े युवाओं को सफलता प्राप्त करने के लिए फील्ड की विशेषज्ञता हासिल करनी होगी, तभी सफलता मिलना संभव होगा. परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर प्रेम पूर्वक सकारात्मक विचारों का आदान प्रदान करना लाभकारी रहेगा. अपने चारों ओर साफ सफाई का विशेष ध्यान दें, अन्यथा आसपास की गंदगी स्वास्थ्य में गिरावट का कारण बन सकती है.
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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महबूबा मुफ्ती के शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उगला जहर
महबूबा मुफ्ती के शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उगला जहर #MehboobaMufti
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की मुखिया ने 2 दिन पहले पुंछ जिले के एक शिव मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था. अब इस मामले में कई मुस्लिम संस्थाएं महबूबा मुफ्ती के विरोध में आ गई है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में थियोलॉजी विभाग के पूर्व चेयरमैन और मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती जाहिद अली खान ने कहा है खुदा के अलावा जो किसी और की इबादत करता है…
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Mahashivratri 2023:शिव भक्ति में डूबे भक्त, हर ओर हर-हर महादेव की रहीं गूंज, रात 12 बजे से लगी कतारें - Devotees Immersed In Shiva Devotion Har Har Mahadev Echoed Everywhere
महादेव के रूद्र रूप में युवक – फोटो : नितिन गुप्ता विस्तार महाशवरात्रि पर्व अलीगढ़ में श्रद्धापूर्वक एवं धूमधाम से मनाया गया। चारों ओर शिवभक्ति में डूबे लोग हर-हर महादेव एवं ओम नम: शिवाय का जयघोष करते नजर आए। इससे वातावरण शिवमय बना रहा। शिवालयों में सुबह से ही जलाभिषेक के लिए लोगों की भीड़ उमड़ गई। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। उन्होंने शिवलिंग पर जलाभिषेक और दूध से अभिषेक…
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 03 फरवरी 2023 सूर्योदय :- 07:07 सूर्यास्त :- 18:16 सूर्य राशि :- मकर चंद्र राशि :- मिथुन मास :- माघ तिथि :- त्रियोदशी ( त्रियोदशी तिथि प्रातः 18:59 तक तत्पश्चात चतुर्दशी तिथि ) वार :- शुक्रवार नक्षत्र :- पुनर्वसु योग :- विष्कुम्भ करण :- तैतिल अयन:- उत्तरायण पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शिशिर लाभ :- 08:29 - 09:53 अमृत:- 09:54 - 11:17 शुभ :- 12:42 - 14:04 राहु काल :- 11:18 - 12:41 जय महाकाल महाराज :- *चतुर्दशी ( कल चतुर्दशी तिथि पर पितरों ��ा धूप ध्यान पूजन रहेगा ) :-* *कल शनिवार 04।02।2023 - को चतुर्दशी तिथि है।* अतः जिस भी व्यक्ति को पितृदोष है वह कल चतुर्दशी को प्रातः स्नान करने के पश्चात पितृदेव का ध्यान करे व पीपल के वृक्ष में जल चढ़ावें तथा शिवालय में जाकर शिवलिंग का स्वयं या ब्राह्मणो द्वारा जलाभिषेक पूजन करें व प्रभु भोलेनाथ भगवान से अपने समस्त कष्टों को हरने व अपनी मनोरथ के पूर्ण होने की प्रार्थना करे। तत्पश्चात घर पर कच्चे चांवल को कच्चे दूध में डालकर ( १०-२० चांवल के दाने थोड़े से कच्चे दूध में भिगो दें ) धूप घर पर कंडे पर देवे। तथा गाय माता को चारा खिलाए। नोट :- जिन लोगो को पितृदोष नही है वह भी उपरोक्त कार्य कर सकते है। पितृओं का आशिर्वाद प्राप्त होगा। पितरौ का धूप ध्यान का समय दोपहर ११:३० से १२:३० के मध्य अति उत्तम रहता है। चतुर्दशी के दिन विष्णुसहस्रनाम व गजेन्द्रमोक्ष स्तोत्र का पाठ करने से भी पितृदोष में शांति मिलती है। आज का मंत्र :- ""|| ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 03 फरवरी 2023 ( शुक्रवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/CoMA52ILYfF/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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shivling jal abhishek | क्यों किया जाता है शिवलिंग का जलाभिषेक ?
shivling jal abhishek | क्यों किया जाता है शिवलिंग का जलाभिषेक ?
#NisthaDhawani #sawan #shivlingjalabhishek #mahadev #shivling #aatmaye #divyarehsyam #VastuTips #horror #Healthtips #Yoga #motivation #Devotional #BhagwatKatha #hindu देवो के देव महादेव जिन्हे न जाने कितने ही नामो से जाना जाता है। भक्त उन्हें महादेव , शिव शंकर , भोलेनाथ सहित तमाम अनेक नामो से पुकारते है। कहते है कि सावन के महीने में केवल शिवलिंग पर जलाभिषेक करने मात्र से ही भगवान शिव प्रसन्न हो…
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#best shiv bhajans#divyarehsyam#halahal vish#kunal gola#mahadev#Nistha Dhawani#shivling jal abhishek#shivling jalabhishek#shivratri special bhajans#क्यों किया जाता है शिवलिंग का जलाभिषेक ?#क्यों चढ़ाया जाता है शिवलिंग पर जल#शिव महेश्वर शम्भू पिनाकी शशिशेखर वामदेव#शिव शक्ति#शिवलिंग#शिवलिंग का जलाभिषेक#शिवलिंग जलाभिषेक
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jamshedpur mahashivratri : जमशेदपुर में मना शिवरात्रि, विधायक मंगल कालिंदी ने बाबा भोलेनाथ के माथे पर जलाभिषेक करते हुए क्षेत्र की खुशहाली कामना की
जमशेदपुर : जमशेदपुर के जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि के मौके पर जमशेदपुर प्रखंड की छोटा गोविन्दपुर सिंगल स्थित शिव शीतला मंदिर पहुंचकर बाबा भोलेनाथ के माथे पर जलाभिषेक किया. इस दौरान विधायक ने मंदिर में मत्��ा टेककर बाबा भोलेनाथ के समक्ष क्षेत्र में सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की. (नीचे भी पढ़े) इस दौरान विधायक ने मंदिर कमेटी को बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग, माता पार्वती,…
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क्या आप नहीं जानना चाहेंगे कौन था पहला कावड़िया
किसने किया था सबसे पहले शिव लिंग का जल अभिषेक?
श्रावण का महीना आते ही हर कोई शिव की भक्ति में झूमने लगता है. इस पावन त्यौहार में पुरे उत्तर भारत और अन्य राज्यो से कावड़िये शिव के पवित्र धामो में जाते है तथा वहां से गंगाजल लाकर शिव का जलाभिषेक करते है.
कावड़ियो को नंगे पैर बहुत दूर चलकर गंगा जल लाना होता है तथा शर्त यह होती है की कावड़ी, शिव कावड़ को जमीन में नही रखता. इस प्रकार शिव भक्त अनेक कठिनाइयों का समाना करके गंगा जल लाते है तथा उससे शिव का जलाभिषेक करते है.
परन्तु क्या आपने कभी यह सोचा है की आखिर वह कौन पहला व्यक्ति होगा जो सबसे पहला कावड़ी था तथा जिसने सबसे पहले भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनकी कृपा प्राप्त करी व इस परम्परा का आरम्भ हुआ.ऋषि जमदग्नि ने उनका बहुत अच्छी तरह से आदर सत्कार किया उनकी सेवा में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी . सहस्त्रबाहु ऋषि के आदर सत्कार से बहुत ही प्रसन्न हुआ परन्तु उसे यह बात समझ में नहीं आ रही थी की आखिर एक सा��ारण एवम गरीब ऋषि उसके और उसकी सेना के लिए इतना सारा खाना कैसे जुटा पाया .
तब उसे अपने सेनिको से यह पता लगा की रसिहि जमदग्नि के पास एक कामधेनु नाम की दिव्य गाय है. जिससे कुछ भी मांगो वह सब कुछ प्रदान करती है.
जब राजा को यह ज्ञात हुआ की इसी कामधेनु गाय के कारण ऋषि जमदग्नि संसाधन जुटाने में कामयाब हो पाया तो उस गाय को प्राप्त करने के लिए सहस्त्रबाहु के मन में लालच उतपन्न हुआ.
उसने ऋषि से कामधेनु गाय मांगी परन्तु ऋषि जमदग्नि ने कामधेनु गाय को देने से मना कर दिया. इस पर सह्त्रबाहु अत्यंत कोर्धित हो गया तथा उसने कामधेनु गाय को प्राप्त करने के लिए ऋषि जमदग्नि की हत्या कर दी.
जब यह खबर परशुराम को पता लगी की सहस्त्रबाहु ने उनके पिता की हत्या कर दी है तथा वह कामधेनु गाय को अपने साथ ले गया है तो वे अत्यंत क्रोधित हो गए. उन्होंने सहस्त्रबाहु के सभी भुजाओ को काट कर उसकी हत्या कर डाली.बाद में परशुराम ने अपने तपस्या प्रभाव से अपने पिता जमदग्नि को पुनः जीवनदान दिया. जब ऋषि को यह बात पता चला की परशुराम ने सहस्त्रबाहु की हत्या कर दी तो उन्हो��ने इसके पश्चाताप के लिए परशुराम जी से भगवान शिव का जलाभिषेक करने को कहा.
तब परशुराम अपने पिता के आज्ञा से अनेको मिल दूर चलकर गंगा जल लेकर आये तथा आश्रम के पास ही शिवलिंग की स्थापना कर शिव का महाभिषेक किया व उनकी स्तुति करी .
जिस क्षेत्र में परशुराम ने शिवलिंग स्थापित किया था उस क्षेत्र का प्रमाण आज भी मौजूद है. वह क्षेत्र उत्तरप्रदेश में आता है तथा पूरा महादेव के नाम से प्रसिद्ध है।
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!!.भगवान शिव का अनोखा केदारेश्वर मंदिर जहां नंदी पर सवार हैं शिवलिंग.!!
छतरपुर। उत्तर प्रदेश में झांसी जिले की मऊरानीपुर तहसील में एक ऐसा शिव मंदिर स्थित है जहां स्थापित दुर्लभ शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए श्रावण मास में भक्तों का बड़ा जमावडा लगता है। मऊरानीपुर तहसील से लगभग आठ किलोमीटर दूर रौनी गांव में एक ऊंची पहाड़ी पर बना केदारेश्वर मंदिर सावन के महीने में शिव भक्तों से भर जाता है क्योंकि यह मंदिर देशभर के उन दुर्लभ मंदिरों में से है जहां भगवान शिवलिंग के रूप में…
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