#वैश्य
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जन्म जाति से मैं #शुद्र हूं, अन्याय और असत्य के खिलाफ़ व्यवहार में मैं #क्षत्रिय हूं, ज्ञान और कर्म से मैं #ब्राह्मण हूं, और व्यवस्था से मैं #वैश्य हूं। और यही अटल #सत्य है। 🙏 गर्व से कहो हम सनातनी हिन्दू हैं। #जय_श्री_राधेश्याम 🚩 आपका अपना, चौधरी अनिल कुमार राज (प्रिंसराज) राष्ट्रीय अध्यक्ष, रुद्र 🔱 सेना... व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी-रा.(छात्र प्रकोष्ठ) #hinduism #hindu #mahadev #shiva #god #krishna #love #harharmahadev #sanatandharma #hindutva #hanuman #ram #hindutemple #jaishreeram #narendramodi #bholenath #temple #mahakal #hindustan #indian #instagram #om #spirituality #bharat (at Lucknow, Uttar Pradesh) https://www.instagram.com/p/Cm5e89FPbV8/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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देश को आगे बढ़ाने में वैश्य समाज की भूमिका अहम : गिरीश संघी
देश को आगे बढ़ाने में वैश्य समाज की भूमिका अहम : गिरीश संघी
रांची । अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन झारखंड प्रदेश की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ.गिरीश कुमार संघी, गुडगांव के पूर्व विधायक एवं राष्ट्रीय महामंत्री उमेश अग्रवाल शामिल हुए। अपने संबोधन में राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश संघी ने कहा वैश्य समाज एक विशाल समाज है वैश्य समाज के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा…
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लखनऊ, 03.10.2024 | महाराजा अग्रसेन जी की जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में “श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि” कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने महाराजा अग्रसेन जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “अग्रसेन जयंती नवरात्रि में आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के पहले दिन महाराजा अग्रसेन के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है । महाराजा अग्रसेन न केवल एक वीर योद्धा थे, बल्कि एक ऐसे महानायक भी थे जिन्होंने समाज में समरसता और समानता का संदेश दिया । उनके जीवन से हमें न केवल प्रेरणा मिलती है, बल्कि यह भी सीखने को मिलता है कि सच्चे समाज सुधारक कैसे होते हैं । वे वैश्य समाज के पितामह माने जाते हैं | महाराजा अग्रसेन ने जो सामाजिक एकता, समानता और भाईचारे की नींव रखी थी, वही आज हमें भी अपने जीवन में उतारनी चाहिए । हमें समाज में भेदभाव, असमानता और विभाजन की जगह प्रेम, सहयोग और एकता का संदेश फैलाना चाहिए, ताकि एक समृद्ध और सशक्त भारत का निर्माण हो सके । आइए, हम सब मिलकर इस महान व्यक्ति को नमन करें और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें ।“
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वृन्दावन को आधुनिक बनाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि श्रीकृष्ण का वृन्दावन एक दिव्य देहात है। वे पूरी तरह से प्राकृतिक सुन्दरता और प्रकृति द्वारा संरक्षण पर आश्रित हैं। श्रीकृष्ण ने जिस समुदाय को चुना वह वैश्य समुदाय है क्योंकि नन्द महाराज वैश्यों के राजा थे अथवा जमींदार, और उनका प्रमुख कार्य गौ-रक्षा था। माना जाता है कि उनके पास 9,००,००० गाय���ं थी और कृष्ण और बलराम अपने अनेक ग्वाल-मित्रों के साथ उनकी देखरेख करते थे। प्रतिदिन प्रातः वे अपने मित्रों के साथ गायों को चराने के लिए चरागाह में ले जाते। हयग्रीव को पत्र, 14 जून 1968
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🍃 *ज्ञान गंगा* 🍃
*(Part - 43)*
*यथार्थ ज्ञान प्रकाश विषय*
*परमेश्वर के विषय में शास्त्र क्या बताते हैं ?*
प्रभु - स्वामी - ईश - राम - खुदा - अल्लाह - रब - मालिक - साहेब - देव - भगवान
गौड। यह सर्व शक्ति बोधक शब्द हैं जो भिन्न-भिन्न भाषाओं में उच्चारण किए व लिखे जाते हैं।
‘‘प्रभु‘‘ की महिमा से प्रत्येक प्राणी प्रभावित है कि कोई शक्ति है जो परम सुखदायक व कष्ट निवारक है। वह कौन है? कैसा है? कहाँ है? कैसे मिलता है? यह प्रश्नवाचक चिन्ह अभी तक पूर्ण रूप से नहीं हट पाया। यह शंका इस पुस्तक से पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी।
जो शक्ति अन्धे को आँखें प्रदान करे, गूंगे को आवाज, बहरे को कानों से श्रवण करवा दे, बाँझ को पुत्र दे, निर्धन को धनवान बना दे, रोगी को स्वस्थ करे, जिस के यदि दर्शन हो जायें तो अति आनन्द हो, जो सर्व ब्रह्मण्डों का रचनहार, पूर्ण शान्तिदायक जगत गुरु तथा सर्वज्ञ है, जिसकी आज्ञा बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता अर्थात् सर्वशक्तिमान जिसके सामने कुछ भी असम्भव नहीं है। ऐसे गुण जिसमें है वह वास्तव में प्रभु (स्वामी, ईश, राम, भगवान, खुदा, अल्लाह, रहीम, मालिक, रब, गौड) कहलाता है।
यहाँ पर एक बात विशेष विचारणीय है कि किसी भी शक्ति का ज्ञान किसी शास्त्र से ही ह��ता है। उसी शास्त्र के आधार पर गुरुजन अपने अनुयाइयों को मार्गदर्शन करते हैं। वह शास्त्र (धार्मिक पुस्तकें) हैं चारों वेद (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद), श्री मद्भागवत गीता, श्री मद्भागवत सुधासागर, अठारह पुराण, महाभारत, बाईबल, कुरान आदि प्रमाणित पवित्र शास्त्र हैं। चारों वेद स्वयं पूर्ण परमात्मा के आदेश से ज्योति निरंजन (काल) ने समुद्र के अन्दर अपने स्वांसों के द्वारा गुप्त छिपा दिया तथा प्रथम बार सागर मन्थन के समय यह चारों वेद श्री ब्रह्मा जी को प्राप्त हुए। जो ब्रह्मा जी (क्षर पुरुष के ज्येष्ठ पुत्र) ने पढे़ तथा जैसा समझ सका उसी आधार पर संसार में ज्ञान का प्रचार अपने वंशजों (ऋषियों) के द्वारा करवाया। पूर्ण परमात्मा ने पाँचवां ‘‘स्वसम‘‘ (सूक्ष्म) वेद भी ब्रह्म (काल) को दिया था जो इस ज्योति निरंजन ने अपने पास गुप्त रखा तथा उसे समाप्त कर दिया।
कुछ समय उपरान्त अर्थात् एक कल्प (एक हजार चतुर्युग) के बाद तीन लोक (पृथ��वी लोक, स्वर्गलोक, पाताललोक) के सर्व प्राणी प्रलय (विनाश) हो जाते हैं। फिर ज्योति निरंजन (काल) के निर्देश से ब्रह्मा अपनी रात्री समाप्त होने पर (ब्रह्मा की रात्री एक हजार चतुर्युग की होती है तथा इतना ही दिन) जब दिन प्रारम्भ होता है, रजोगुण से प्रभावित करके प्राणियों की उत्पत्ति तीनों लोकों में शुरू करता है।
तब सतयुग की शुरुआत में वही चारों वेद काल (ब्रह्म) स्वयं ब्रह्मा को फिर प्रदान करता है तथा फिर प्राकृतिक उथल-पुथल के कारण चारों पवित्र वेदों का ज्ञान समाप्त हो जाता है। उसके पश्चात् फिर समय अनुसार अन्य ऋषियों में प्रवेश करके दोबारा लिखवाता है। फिर भी समय अनुसार प्राकृतिक उथल-पुथल के बाद स्वार्थी लोगों के द्वारा वेदों में बदलाव करके वास्तविक ज्ञान संसार से लुप्त कर दिया जाता है। वही काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) महाभारत युद्ध के समय श्री कृष्ण में प्रवेश करके चारों वेदों का संक्षिप्त विवरण श्रीमद्भागवत गीता के रूप में दिया तथा कहा कि अर्जुन यही ज्ञान मैंने पहले सूर्य से कहा था। उसने अपने पुत्र वैवश्वत् अर्थात् मनु से तथा वैवश्वत् अर्थात् मनु ने अपने पुत्र इक्ष्वाकु से कहा था। परन्तु बीच में यह उत्तम ज्ञान प्राय समाप्त हो गया था।
इस काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) ने श्री वेदव्यास ऋषि के शरीर में प्रवेश करके चारों वेद, महाभारत, अठारह पुराण, श्रीमद्भागवतगीता, श्री सुधासागर को पुनः लिपिबद्ध (संस्कृत भाषा में) करवाया जो आज सभी को उपलब्ध हैं। ये सर्व शास्त्र श्रेष्ठ हैं। अब इन शास्त्रों को कलयुगी ऋषियों ने भाषा-भाष्य अर्थात् हिन्दी अनुवाद करके अपने विचार मिलाने की कोशिश की है, जो स्पष्ट गलत दिखाई देते हैं और व्याख्या से मेल नहीं खाते हैं। यह सर्व शास्त्र महर्षि व्यास जी द्वारा लगभग 5300 (पाँच हजार तीन सौ) वर्ष पूर्व दोबारा लिखे गए थे। उस समय हिन्दु धर्म, इसाई धर्म, मुसलमान धर्म व सिक्ख धर्म आदि कुछ भी नहीं थे। एक वेदों के मानने वाले आर्य ही हुआ करते थे। कर्म आधार पर जाति होती थी तथा केवल चार वर्ण (क्षत्रि-वैश्य-ब्राह्मण तथा शुद्र) ही थे।
इससे एक तो यह प्रमाणित हो जाता है कि यह सर्व शास्त्र किसी धर्म या व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है। यह केवल मानव मात्र के कल्याण हेतु हैं। दूसरे यह प्रमाणित होता है कि हमारे पूर्वज एक थे। जिनके संस्कार आपस में मिले जुले हैं।
सर्व प्रथम पवित्र शास्त्र गीता जी पर विचार करते हैं।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।
संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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jamshedpur east banna got support : अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जमशेदपुर पश्चिम प्रत्याशी बन्ना गुप्ता का किया समर्थन, कहा - वैश्य समुदाय का समर्थन बन्ना गुप्ता को
जमशेदपुर : अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग दिल्ली से तीन दिवसीय दौरे पर जमशेदपुर पहुंचे. जमशेदपुर पश्चिमी से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बन्ना गुप्ता के कद��ा चुनाव कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड की 81 सीटों में एक मात्र सीट पर अग्रवंशी प्रत्याशी बन्ना गुप्ता चुनावी मैदान में है. अतएव पूरे झारखंड के वैश्य समुदाय, अग्रवाल एवं…
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��्री दुर्गा सप्तशती भाषा(हिन्दी पाठ) तेरहवाँ अध्याय
श्री दुर्गा सप्तशती भाषा(हिन्दी पाठ) तेरहवाँ अध्यायऊँ नमश्चण्डिकायै नम: ध्यानम् ॐ बालार्कमण्डलाभासां चतुर्बाहुं त्रिलोचनाम्। पाशाङ्कुशवराभीतीर्धारयन्तीं शिवां भजे।। (राजा सुरथ और वैश्य को देवी का वरदान) महर्षि मेधा ने कहा-हे राजन्! इस प्रकार देवी के उत्तम माहात्म्य का वर्णन मैने तुमको सुनाया। जगत को धारण करने वाली इस देवी का ऎसा ही प्रभाव है, वही देवी ज्ञान को देने वाली है और भगवान विष्णु की…
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शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 21
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 21 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता इक्कीसवाँ अध्याय कर्मानुसार जन्मका वर्णनकर क्षत्रियके लिये संग्रामके फलका निरूपण व्यासजी बोले- स्वभावतः ब्राह्मणत्वकी प्राप्ति बहुत कठिन है । ईश्वरके मुखसे ब्राह्मण, भुजाओंसे क्षत्रिय और जंघासे वैश्य उत्पन्न हुए हैं, उनके चरणोंसे शूद्र उत्पन्न हुआ है-ऐसी बात उनके मुखसे सुनी गयी है। किंतु…
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यही हमारे पूर्वज हैं इन आदिमानवों के वर्तमान वंशज क्या बता सकते हैं कि इनमें से कौन सनातनी है, कौन मुस्लिम है, कौन सिख है, कौन ईसाई है, कौन पारसी है, कौन जैनी है, कौन बौध है, कौन ब्राह्मण है, कौन शूद्र है, कौन क्षत्रिय है, कौन वैश्य है, कौन आदिवासी है, कौन इंसान है, और कौन हैवान है.?
ये भी बताओ कि इन तस्वीरों में तुम्हारे पुश्तैनी दादा, नाना, दादी, नानी, चाची, बुआ, चाचा, फूफा कौन हैं। कृपया इन तस्वीरों को द्वारा अपनी जात और धर्म से साबित करें।
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म में कोई न्यारा।
🙏
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Manish Bharti
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जन्म जाति से मैं #शुद्र हूं, अन्याय और असत्य के खिलाफ़ व्यवहार में मैं #क्षत्रिय हूं, ज्ञान और कर्म से मैं #ब्राह्मण हूं, और व्यवस्था से मैं #वैश्य हूं। और यही अटल #सत्य है। 🙏 गर्व से कहो हम सनातनी हिन्दू हैं। #जय_श्री_राधेश्याम 🚩 आपका अपना, चौधरी अनिल कुमार राज (प्रिंसराज) राष्ट्रीय अध्यक्ष, रुद्र 🔱 सेना... व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी-रा.(छात्र प्रकोष्ठ) #hinduism #hindu #mahadev #shiva #god #krishna #love #harharmahadev #sanatandharma #hindutva #hanuman #ram #hindutemple #jaishreeram #narendramodi #bholenath #temple #mahakal #hindustan #indian #instagram #om #spirituality #bharat (at Lucknow, Uttar Pradesh) https://www.instagram.com/p/Cm5eCqZvY_R/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य छड़ियों की विशेषता
ब्राह्मण का यज्ञीय तार कपास की चीर से बनी हो, (आदान-प्रदान) के लिए दायां तिरिया हो, और तीन तारों की रची हो, क्षत्रिय की हेम की तारें, (और) वैश्य की ऊन की तारें। ब्राह्मण के परिधान का छड़ी बिलव या पलाश के से होनी चाहिए; क्षत्रिय की वट या खदिर के से; (और) वैश्य की पीलू या उदुम्बर की से होनी चाहिए। ब्राह्मण की छड़ी का ऐसी लम्बाई तक होना चाहिए कि वह उसके बालों के छोटि तक पहुंचे; क्षत्रिय की, उसके…
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इटारसी में वैश्य युवक युवतियों का अखिल भारतीय परिचय सम्मेलन होगा
इटारसी। वैश्य महासम्मेलन मध्यप्रदेश (Vaishya Mahasammelan Madhya Pradesh) के संभागीय प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री राजीव खंडेलवाल (Rajeev Khandelwal) बैतूल (Betul), संभागीय अध्यक्ष अजित सेठी (Ajit Sethi) बाबई ( Babai) ने नर्मदापुरम (Narmadapuram) जिला इकाई की एक बैठक में भाग लिया। प्रारंभ में पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया गया। श्री खंडेलवाल ने नर्मदापुरम में वैश्य महासम्मेलन को ग्राम पंचायतों…
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*भक्त मंडल की बैठक आयोजित* *पुनरासर हनुमान के मंदिर के पुनरुद्धार कार्य को सफल बनाने का किया आह्वान*
बीकानेर, 25 अगस्त। पुनरासर स्थित हनुमान मन्दिर के पुनरुद्धार के भूमिपूजन कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से पुनरासर में भक्त मण्डल की बैठक रविवार को आयोजित हुई। इस दौरान बीकानेर के भक्तों ने आमजन से कार्यक्रम को सफल बनाने व पूर्ण रूप से सहयोग करने का आह्वान किया। मंदिर निर्माण सहयोगकर्ता मनमोहन ��र्ष ने कहा कि भक्तों की भावना है कि मंदिर का भव्य का निर्माण हो। वैश्य समाज के अध्यक्ष जुगल राठी…
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श्री बाबा गंगाराम जी की चालीसा – हिंदी अर्थ सहित (Baba Gangaram Ji Ki Chalisa – With Hindi Meaning)
श्री बाबा गंगाराम चालीसा विडियो श्री बाबा गंगाराम चालीसा (Baba Gangaram Chalisa) ।। दोहा ।। अलख निरंजन आप हैं, निरगुण सगुण हमेश। नाना विधि अवतार धर, हरते जगत कलेश।। बाबा गंगारामजी, हुए विष्णु अवतार। चमत्कार लख आपका, गूँज उठी जयकार।। ।। चौपाई ।। गंगाराम देव हितकारी, वैश्य वंश प्रकटे अवतारी। पूर्वजन्म फल अमित रहेऊ, धन्य-धन्य पितु मातु भयेउ। उत्तम कुल उत्तम सतसंगा, पावन नाम राम अरू गंगा। बाबा नाम…
#Baba Gangaram#Baba Gangaram prayers#Gangaram bhajan#Gangaram Chalisa#Gangaram stotra#Hindu devotional songs#Shri Baba Gangaram Chalisa
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Jamshedpur bjp east : जमशेदपुर भाजपा की बड़ी सफलता, अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के जिला अध्यक्ष को करायी ज्वाइनिंग, जिला अध्यक्ष ने कहा - राज्य में फैले अराजकता और भ्रटाचार को देखते हुए दर्जनों युवा एवं वरिष्ठ समाजसेवियों ने थामा भाजपा का दामन
जमशेदपुर : भारतीय जनतंत्र मोर्चा के जिला मंत्री सह अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के जिला अध्यक्ष विकास गुप्ता के नेतृत्व में पूर्वी विधानसभा के दर्जनों युवा एवं वरिष्ठ समाजसेवियों ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा. भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने साकची स्थित भाजपा जिला कार्यालय में युवाओं को पार्टी का अंगवस्त्र भेंटकर एवं मिठाई खिलाकर पार्टी में स्वागत किया. इस मौके पर…
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अग्रहरि वैश्य समाज महिला प्रकोष्ठ की राज्य स्तरीय सावन उत्सव कार्यक्रम राजमोहिनी भवन में संपन्न!
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