#विदेशी
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manmohan888-blog · 6 months ago
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भारतीय राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप और भारत की राष्ट्रीवादी सरकार के खिलाफ अभियान: एक विश्लेषण
लेखन संकलन मनमोहन पुरोहित (मनु महाराज) भारतीय लोकतंत्र ने हमेशा से ही आंतरिक और बाह्य चुनौतियों का सामना किया है। हाल के वर्षों में, भारत की लोकतांत्रिक सरकार को कमजोर करने के उद्देश्य से विदेशी ताकतों द्वारा कई अभियानों को चलाया गया । इन अभियानों का उद्देश्य न केवल वर्तमान भारत सरकार को अपदस्थ करना था, बल्कि भारत के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को भी क्षति पहुँचाना था।विदेशी शक्तियों…
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smdave1940 · 9 months ago
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लुट्येन क्यूँ  “टु ध पोईंट” बात नहीं करते? भाग – ३ / ३
ममता बेनर्जी, नंदीग्रामसे अपना चूनाव हार गयी थी तो उसने मुस्लिम गुंडोंकी मददसे नंदिग्रामके गरीबोंका क्या हाल किया था? सभी प्रकारके अत्याचार किये थे. गरीबोंके उपर ही ममता आतंक फैला सकती है. क्यूँ कि गरीब लोग ही न्यायालयमें जानेकी हिमत नहीं जूटा सकते है.
लुट्येन क्यूँ  “टु ध पोईंट” बात नहीं करते? भाग – ३ / ३ अब हम “आम आदमी पक्ष” (केज्रीवाल), टी.एम.सी. (ममता), ….  एवं कोंगीयोंकी (नहेरुवीयनों की) निर्लज्जता देखेंगे. सी. ए. ए. के  अनुसार जो नोन – मुस्लिम लोग, डीसेंबर २०१४ से पहेले आये है, उन नोन-मुस्लिमोंको नागरिकता दी जायेगी. नोन – मुस्लिम लोग यदि देखा जाय तो सी. ए. ए. की आवश्यकता ही नहीं है. क्यों कि नहेरु लियाकत अली करार के अनुसार, भारत सरकार का…
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khulizuban · 1 year ago
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भारत में देसी व्यंजन विदेशी नाम पर महंगे बिकते हैं!
यह विदेशी नाम का ही तो कमाल है कि ‘रस’ को ‘जूस’ कहकर महंगा बेचा जाता है.मगर, इसकी प्रेरणा भी तो हमसे ही मिलती है जब हम माली, शिक्षक और वैद्य के बजाय गार्डनर, टीचर और डॉक्टर कहलाना पसंद करते हैं.विदेशी कीड़ा हमारी रगों में समाया हुआ है. देसी व्यंजन विदेशी नाम (स्रोत) स्वादिष्ट पकवान या व्यंजन बनाना एक कला है.इसीलिए, भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला या पाक शास्त्र कहा गया है.भारतीय भोजन सभी…
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mwsnewshindi · 2 years ago
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एमसीआई सूची के अनुसार विदेशी चिकित्सा स्नातकों द्वारा अनिवार्य इंटर्नशिप 'वन-टाइम उपाय' के रूप में मान्य: एनएमसी
एमसीआई सूची के अनुसार विदेशी चिकित्सा स्नातकों द्वारा अनिवार्य इंटर्नशिप ‘वन-टाइम उपाय’ के रूप में मान्य: एनएमसी
एनएमसी का यह कदम संबंधित छात्रों के कई अनुरोधों और अभ्यावेदन के बाद आया है (प्रतिनिधि छवि) एनएमसी 21 अक्टूबर, 2022 को या उससे पहले पुराने एमसीआई-अनुमोदित कॉलेजों की सूची में पूर्ण या शुरू की गई अनिवार्य रोटेटिंग इंटर्नशिप को मान्य करता है राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने 4 जनवरी को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें पुराने चिकित्सा परिषद के अनुसार अनिवार्य रोटेटरी मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमआई) को…
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todaypostlive · 2 years ago
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गया में कोरोना का ब्लास्ट: आरटीपीसीआर जांच में चार विदेशी मिले कोरोना पॉजिटिव
गया में कोरोना का ब्लास्ट: आरटीपीसीआर जांच में चार विदेशी मिले कोरोना पॉजिटिव
गया। चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों ने  दुनिया भर में एक बार फिर से वैश्विक हलचल पैदा कर दी है।  रविवार को बिहार के गया में एक साथ चार विदेशी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। गया एयरपोर्ट पर हुई आरटीपीसीआर जांच में सभी के पॉजिटिव होने की बात सामने आई है। इसके बाद सभी को आइसोलेट कर दिया गया है। जानकारी अनुसार चारों विदेशी में एक थाईलैंड, दो इंग्लैंड और एक म्यांमार के  है। सभी बोधगया के लिए आए हैं। कोरोना…
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9327005315 · 4 days ago
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Rahul Gandhi Has ties with 'Undesirable Businessman':Ghulam Nabi Azad | ...
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subhashdagar123 · 7 months ago
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samata · 1 year ago
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दलों को चंदे का अज्ञात स्रोत और असीमित चंदा
कांग्रेस और भाजपा को विदेशी चंदा हासिल करने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था।इस फैसले को इन दलों ने संसद में कानून बदल कर बेअसर कर दिया।माकपा के कार्ड होल्डर प्रबीर पुरकायस्थ को चीन नहीं अपितु अमेरिकी संस्था से धन मिला और न्यूज़क्लिक इसे प्रत्यक्ष पूंजी निवेश कह रही है।चुनाव में प्रत्याशी के खर्च की सीमा है किंतु दलों के खर्च की न तो सीमा है और न ही दलों द्वारा चुनाव में खर्च चुनाव…
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vidyaratna · 2 years ago
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Bhartiye Samvidhan Quiz 8
भारतीय संविधान से महत्वपूर्ण प्रश्न संग्रह इन सभी प्रश्नों की तैयारी क्वेश्चन पेपर के रूप में कीजिए। ऑनलाइन टेस्ट नीचे है। आप इस ऑनलाइन टेस्ट में स्वागत है, शुभकामनाएँ! बेहतर परिणाम के लिए आप इस टेस्ट को कम से कम 5 बार जरूर दीजिए। इन सभी प्रश्नों की तैयारी Question Paper के रूप में कीजिए UPTET Online Mock Test 1 UPTET Online Mock Test 2 UPTET Online Mock Test 3
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rajkumaraggarwal-blog1 · 2 years ago
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विदेशी लड़की का डांस
विदेशी लड़की का डांस
https://newsreach-publishers.s3.ap-south-1.amazonaws.com/atalhind.com/2023/01/dance-gi.mp4
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पीएम मोदी ने ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का किया उद्धाटन, प्रदेश को बताया पर्यटन का केंद्र
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2024 को जयपुर में आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का उद्घाटन किया। इस समिट में प्रधानमंत्री ने राजस्थान के विकास की दिशा में अहम कदम उठाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और प्रदेश को न केवल एक निवेश केंद्र, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी स्थापित करने की दिशा में अपनी राय साझा की।
राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ ने प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हुए विभिन्न उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि राजस्थान में अत्यधिक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं, जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने राजस्थान को एक नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के राज्य सरकार के प्रयासों को भी सराहा और इस दिशा में सरकार की योजनाओं को तेजी से लागू करने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान की विशाल ऐतिहासिक धरोहर, अनूठी संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य न केवल भारतीय पर्यटकों बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर, और जोधपुर जैसे शहरों में पर्यटन के विस्तार के साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन भी हो सकता है।
निवेश के लिए आकर्षक बन रहा राजस्थान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट के जरिए राजस्थान को एक निवेश केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने राज्य के विकास में निवेशकों की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि राजस्थान के पास सौर ऊर्जा, खनिज संसाधन, और कृषि जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएँ हैं। मोदी ने कहा कि राज्य में निवेश के लिए कई नई नीतियाँ और योजनाएँ बनाई गई हैं, जो यहाँ के उद्योगों को मजबूत करने के साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान सरकार के “एक्सपोर्ट प्रमोशन” और “अर्थव्यवस्था में विविधता लाने” के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। साथ ही, उन्होंने कृषि, आईटी, और विनिर्माण क्षेत्र में राज्य की मौज��दा स्थिति को और बेहतर बनाने की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का जिक्र किया।
पर्यटन क्षेत्र में नवाचार और विकास
प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र को “नया आयाम” देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य को दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल बनाने के लिए यहां के ऐतिहासिक किलों, मंदिरों, और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सहेजने और प्रचारित करने की जरूरत है।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने “इको-टूरिज़्म” और “अडवेंचर टूरिज़्म” जैसी नई श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करने की बात की, जिससे पर्यटक एक नई अनुभव की तलाश में राज्य का रुख करें। उन्होंने राज्य सरकार को इन क्षेत्रों में आवश्यक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में सुधार करने की सलाह दी, जिससे पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा मिले।
समिट के प्रमुख उद्देश्य
इस समिट का उद्देश्य राजस्थान में निवेश को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर सृजित करना, और राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों के लिए कई अवसरों को पेश किया, जिनमें पर्यटन, सौर ऊर्जा, खनिज, और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
राजस्थान सरकार ने राज्य में कारोबार को और सरल बनाने के लिए कई नीतिगत सुधारों की घोषणा की, जिनसे राज्य में व्यवसाय करने में आसानी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सुधारों से राजस्थान को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का उद्घाटन राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह राज्य की बढ़ती वैश्विक पहचान को और मजबूती देगा। समिट में दिए गए संदेश से यह स्पष्ट होता है कि राजस्थान न केवल निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल है, बल्कि अपने अद्वितीय पर्यटन संसाधनों के माध्यम से विश्वभर में एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
राजस्थान का यह प्रयास न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इन योजनाओं को कितनी प्रभावी ढंग से लागू करती है और राजस्थान को एक प्रमुख पर्यटन और निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने में कितनी सफलता प्राप्त करती है।
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astrorakesh1726 · 6 months ago
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नवमांश कुंडली में दूसरे भाव में शनि राहु की युति का फल क्या होता है?
नवमांश कुंडली में दूसरे भाव में शनि राहु की युति का फल इस प्रकार होता है:
विदेश यात्रा: यह युति विदेश यात्राओं को संकेत देती है, विशेषकर धार्मिक यात्राओं और विद्यालयों के संबंध में।
धर्म और उपासना: यह व्यक्ति को धर्म, उपासना और ध्यान में रुचि बढ़ा सकती है, विशेषकर विदेशी धर्मों या उपासना पद्धतियों में।
विदेशी संबंध: यह विदेशी संबंधों को प्राथमिकता देती है, जैसे विदेशी व्यक्ति के साथ विवाह या साझेदारी।
अचानक घटनाएँ: इस युति के कारण अचानक और अप्रत्याशित घटनाएँ हो सकती हैं, जो व्यक्ति को अन्दरूनी उतार-चढ़ाव में डाल सकती हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन: यह युति सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन के लिए संकेत दे सकती है, विशेषकर विदेशी संस्कृतियों के प्रभाव में आने की संभावना होती है।
यदि और जानकारी चाहते हो तो आप  kundli chakra 2022 Softwere का प्रयोग कर सकते है। जो आपको एक बेहतर जानकारी दे सकता है।
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deepgardenvoid · 6 months ago
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दिमाग़ को हिला देने वाला सच, पढ़ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेंगे ? (Data might vary)
_जरा सोचिए  डाकू कौन ???_____________________________________
भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक।
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प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात
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91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये।
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भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं।
इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है।
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अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।
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अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।
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ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है।
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अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर।
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अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर।
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एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है।
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7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है।
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इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है।
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इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं।
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Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं।
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जिन पर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है।
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इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।
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*अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं।*
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इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है।
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यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।
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अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता ��ै ?
*क्या यही है लोकतंत्र ?*
*(यह 100 अरब रुपया हम भारत वासियों से ही टैक्स के रूप में वसूला गया होता है।)*
_एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है_
◆ भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए
→पहला - चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध
नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें
→दूसरा - नेताओं के वेतन भत्तो पर प्रतिबंध
| तब दिखाओ देशभक्ति |
प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ?
*इस मेसेज़ को जितना हो सके फेसबुक और व्हाट्सअप ग्रुप में फॉरवर्ड कर अपनी देश भक्ति का परिचय दें।*
सादर निवेदन
माननीय PM and CM जी,
कृपया सारी *योजना बंद कर दीजिये।*
सिर्फ
*सांसद भवन जैसी कैन्टीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दीजिये ।*
सारे झगड़े ख़त्म।
*29 रूपये में भरपेट खाना मिलेगा..*
80% लोगों को घर चलाने का झगड़ा ख़त्म।
*ना सिलेंडर लाना, ना राशन*
और
घर वाली भी खुश ।
*चारों तरफ खुशियाँ ही रहेगी।*
फिर हम कहेंगे सबका साथ सबका विकास ।
*सबसे बड़ा फायदा 1र् किलो गेहूँ नहीं देना पड़ेगा*
और
*PM जी को ये ना कहना पड़ेगा कि मिडिल क्लास के लोग अपने हिसाब से घर चलाएँ ।*
इस पे गौर करें
कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे ।
शान है या छलावा...।
पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है ।
चाय = 1.00
सुप = 5.50
दाल= 1.50
खाना =2.00
चपाती =1.00
चिकन= 24.50
डोसा = 4.00
बिरयानी=8.00
मच्छी= 13.00
ये *सब चीज़ें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में।*
और उन *गरीबों की पगार है 5,00,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के ।*
आपके Mobile में जितने भी नम्बर save है सबको forward करें ताकि सबको पता चले …
कि यही कारण है कि इन्हें लगता है कि जो *आदमी 30 या 32 रूपये रोज़ कमाता है वो ग़रीब नहीं है।*
*Jokes तो हर रोज़ Forward करते हैं, आज इसे भी Forward करें और भारतीय  जनता को जागरूक करें।*
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helputrust · 2 years ago
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22.05.2023, लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में त्याग, बलिदान एवं पराक्रम के प्रतीक 'मेवाड़ मुकुट' महाराणा प्रताप जी की जन्म जयंती के अवसर पर रामायण पार्क, सेक्टर 25, इंदिरा नगर, लखनऊ में "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम में महाराणा प्रताप चैरिटेबल ट्रस्ट लखनऊ के अध्यक्ष श्री एस पी रॉय, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. एस. के. श्रीवास्तव, सेक्टर 25 के निवासीगण ए. के. त्रिपाठी, जे. पी. गुप्ता, महेश जैसवाल, आर के शर्मा, सरिता शर्मा, के. पी. शर्मा, सुनीता शर्मा, संजय कुमार पाण्डेय तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों द्वारा महाराणा प्रताप जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण किया गया |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि हल्दीघाटी के युद्ध में, दुश्मन में कोहराम मचाया था, देख वीरता राजपूताने की, दुश्मन भी थर्राया था |" भारतीय इतिहास में अनेक महान वीरों ने अपनी शौर्य और बलिदान के माध्यम से हमारे देश को गौरवान्वित किया है, उनमें से एक महान वीर थे "महाराणा प्रताप ��िंह" जिनकी जयंती आज हम मना रहे हैं । महाराणा प्रताप सोलहवीं शताब्दी के उदयपुर, मेवाड़ मे सिसोदिया राजपूत राजवंश के महान राजा थे एवं अपनी वीरता, पराक्रम, व शौर्यता के लिए जाने जाते थे । शूरवीर महाराणा प्रताप ने मुगलों के अतिक्रमणों के खिलाफ अनगिनत लड़ाइयां लड़ी थीं | कहा जाता है कि महाराणा प्रताप ने जंगल में घास की रोटी खाई और जमीन पर सोकर रात गुजारी, लेकिन अकबर के सामने कभी हार नहीं मानी | आज महाराणा प्रताप जी की जन्म जयंती पर आइए यह संकल्प लें कि अपने दुश्मनों के सामने कभी घुटने नहीं टेकेगे वह पूरे आत्मविश्वास एवं तन्मयता के साथ अपने देश की रक्षा करेंगे |"
महाराणा प्रताप चैरिटेबल ट्रस्ट लखनऊ के अध्यक्ष एस पी राय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अनुपम, अद्वितीय, अपराजेय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के स्मरण मात्र से आज भी साहस, शौर्य, स्वाभिमान, समर्पण संघर्ष एवं सफलता की चेतना एक साथ स्वत: हो जाती है l गुहील (गुहिला दित्य) कुल में आज से 483 साल पहले 9 मई 1540 ईस्वी में कुंभलगढ़ किला में राणा उदय सिंह (द्वितीय) के पुत्र राणा प्रताप (प्रथम) जिन्हें हम महाराणा प्रताप के नाम से जानते हैं का जन्म हुआ था l इस कुल की शुरूआत वर्ष 566 में गुहिला दित्य से हुई, जो इस्लाम धर्म के शुरुआत के कई वर्ष पूर्व हैं और यह वंश अभी तक चला आ रहा है इसीलिए इस वंश (dynasty) को विश्व का सबसे लंबा शासक वंश कहा जाता है | इसी कुल में अनेकों वीर योद्धा हुए जिन्होंने राजपूताना मेवाड़ के साथ अपनी मातृभूमि एवं सनातन धर्म की रक्षा के लिए विदेशी आक्रांताओं से लोहा लिया | वंदनीय बप्पा रावल जिनका शासन 734 से 753 ईसवी तक रहा, ने प्रथम मुस्लिम आक्रांता को खदेड़ कर भारत से बाहर कर दिया | सिसौदा के गहलोत श्रद्धेय राणा हमीर ने अलाउद्दीन खिलजी से जीतकर चित्तौड़ पुनः अपने कब्जे में ले लिया और तभी से इस वंश को सिसोदिया कहा जाने लगा | महाराणा कुंभकरण जो लोगों में कुम्भा के नाम से विख्यात हैं उन्हें “हिंदू सुरत्राण” कहा गया है | जिन्होंने दिल्ली एवं गुजरात के सुल्तानों का कितना ही प्रदेश अपने अधीन किया | मध्यकालीन युग में राणा संग्राम सिंह जिन्हें राणा सांगा के नाम से जाना जाता है, वे मुगल आक्रांता बाबर से लड़ाई लड़े ताकि भारत के पवित्र भूमि पर उसका कब्जा न हो और उसी स्वतंत्र ���ात्रभूमि की भावना का जीवंत स्वरूप हम महाराणा प्रताप में पाते हैं जिन्होंने मुगल बादशाह अकबर, जिसका आधिपत्य और साम्राज्य समूचे उत्तर भारत पर था, के विरुद्ध वर्ष 1576 में हुए हल्दीघाटी युद्ध के कई वर्षों तक अपने प्रण पर अडिग रहकर लड़ते रहे क्योंकि हल्दीघाटी का युद्ध अनिर्णायक रहा जबकि मुगल के 30,000 सेना फौज के सामने महाराणा का मात्र 5000 सेना की फौज थी | इसी युद्ध में महाराणा का चेतक घायल हो गया था और तभी सामला के राजा मानसिंह झाला ने महाराणा को अपना मुकुट देकर रणभूमि से निकाला ताकि महाराणा प्रताप अकबर से बाद में लोहा ले सके | हल्दीघाटी युद्ध के बाद अकबर 1577, 1578, 1579 एवं 1580 तक विभिन्न सेनापतियों जैसे सहवास हुसैन, बहलोल खान, मानसिंह, अब्दुल रहीम खानखाना के अगुवाई में लगातार बड़ी सेना की टुकड़ी के साथ भेजता रहा मगर सभी युद्ध अनिर्णायक रहा | महाराणा प्रताप गुरिल्ला पद्धति से लड़ाई लड़ते थे 1581 में दानवीर भामाशाह ने धन देकर युद्ध के लिए मार्ग प्रशस्त किए | वर्ष 1582 में विजयादशमी के दिन महाराणा प्रताप ने कोल  भील से गठित अकबर के 50,000 सेना पर धावा बोल दिया | यह युद्ध देवार युद्ध के नाम से जाना जाता है | और मुगल सेना हार के कारण अपने 36000 सेना महाराणा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया | महाराणा का चित्तौड़ छोड़कर पुनः पूरे मेवाड़ पर कब्जा हो गया | इस तरह से विजयादशमी हम भारतीयों के लिए दो खुशियां लेकर आती है एक राजा रामचंद्र के वनवास से अयोध्या लौटने का और इसी सूर्यवंशी कुल में पैदा महाराणा के जीत का | इसी Battle of Dewar में महाराणा ने अपने तलवार से बहलोल खान को एक बार में ही बीचो-बीच टुकड़े कर दिए | मगर Battle of Dewar का इतिहास में स्थान नहीं मिला | 1584 में अकबर स्वयं सेना लेकर आया मगर वह 6 माह बाद निराश होकर आगरा लौट गया वह महाराणा को पराजित नहीं कर सका | महाराणा कुल की महानता इससे भी जाहिर होती है कि राज चिन्ह में भील आदिवासी को राणा के समकक्ष रखा गया है और सूर्य के नीचे “जो दृढ़ राखे धर्म को, तेहि राखे करतार,” की पंक्ति अंकित है जो अपने धर्म की रक्षा का सन्देश देती है |
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sanaatan-vishwa · 2 years ago
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समाज में सुधार की इच्छा, शौर्य, ऐसे अनेक गुणों के प्रतीक रहे छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श हमें लेना चाहिए – डॉ. मोहन भागवत, सरसंघचालक
एक प्रखर राष्ट्र��क्त होने के कारण शिवाजी ने सदैव यह प्रयास किया कि हिन्दुओं में एकता स्थापित हो और वे एक जुट होकर विदेशी आक्रान्ताओं के विरुद्ध हथियार उठाकर भारत माता को दासता से मुक्त कर सकें!
शिवाजी महाराज एक राष्ट्रवादी राजा थे, न की प्रांतवादी, भाषावादी!
उनका जीवन राष्ट्रीय था- तभी उनके गुरु उनके राज्याभिषेक मे नही आये और उपहार मे उनको भगवा वस्त्र दिया!
नमन!
*Content Drive* -https://drive.google.com/drive/folders/1Sz0QXSTJ8kqEDvuvFQz9LG7EBnethov0?usp=share_link लिंक ओपन कीजिये!
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rajhbd84 · 1 year ago
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