#विकास दुबे की मौत
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digimakacademy · 5 years ago
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विकास दुबे को लगीं 4 गोलियां, 3 सीने में और एक हाथ में
विकास दुबे को लगीं 4 गोलियां, 3 सीने में और एक हाथ में
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Edited By Shashi Mishra | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 10 Jul 2020, 12:47:00 PM IST
कानपुर कानपुर शूटआउट में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। विकास दुबे को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कानपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया कि विकास को मुठभेड़ में चार गोलियां लगीं, जिसके चलते उसकी मौत हुई है। फिलहाल उसका…
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helputrust · 3 years ago
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महिलाओं में धूम्रपान और शराब की बढ़ती लत चिंताजनक - डॉ० एस. पी. जैसवार
बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रहा नशा - डॉ० विराट वर्मा
नशा बन चुका स्टैटस सिम्बल का परिचायक - श्री उमाशंकर दुबे
आइ�� मिलकर आवाज उठाए, नशा मुक्त भारत के सपने को साकार कर दिखलाये - डॉ० रूपल अग्रवाल
नशा एक धीमा जहर है जो इंसान को धीरे-धीरे अपनी गिरफ्त में लेता है एवं उसकी जिन्दगी खत्म कर देता है | इनके सेवन से ना सिर्फ विभिन्न प्रकार की शारीरिक व्याधियों पैदा होती है अपितु व्यक्ति, परिवार व समाज के विघटन के साथ साथ अपराधिक गतिविधियों में भी इजाफा होता है | आज 26.06.2022 को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने ऑनलाइन गुफ़्तगू विषयक "नशा अर्थात नाश" का आयोजन किया जिसमें समाज के गणमान्य वक्ताओं डॉ० एस. पी. जैसवार, प्रसूतिशास्री, के. जी. एम. यू., डॉ० विराट वर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ तथा श्री उमाशंकर दुबे, अध्यक्ष, लखनऊ जनकल्याण समिति ने अपने अपने विचार रखे व लोगों से नशा ना करने की अपील की क्योंकि नशे की लत से ना सिर्फ एक व्यक्ति की जिन्दगी बर्बाद होती है बल्कि उसके पूरे परिवार का भविष्य खतरे में पड़ जाता है | कार्यक्रम का संचालन डॉ रूपल अग्रवाल ने किया |
डॉ० एस. पी. जैसवार ने महिलाओं में बढ़ती हुई नशे की लत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में महिलाओं में भी धूम्रपान का प्रचलन बढ़ रहा है । मादक पदार्थ तथा  स्मैक, ब्राउन शुगर, हेरोइन आदि के सेवन से महिलाओं में अवसाद बोध की स्थिति उत्पन्न हो रही है एवं उनके व्यक्तित्व का समग्र विकास बाधित हो रहा है | खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा बीड़ी व तंबाकू का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है । नशा मुक्ति संस्था के मुताबिक समाज में 20 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जो धूम्रपान या तंबाकू का प्रयोग करती हैं । इनमें वे महिलाएं भी शामिल हैं जो गर्भावस्था के दौरान भी धूम्रपान करती हैं जिसका प्रभाव उनके होने वाले शिशु पर पड़ता है और वह शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होते हैं या फिर मृत पैदा होते हैं । धूम्रपान से बच्चे सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम (एसआईडीएस) से भी प्रभावित हो सकते हैं, जिसमें शिशु की सास अचानक रूक जाती है और उसकी मौत हो जाती है । अगर कोई सामान्य महिला धूम्रपान या अल्कोहल का सेवन करती है तो उसे लिवर, त्वचा व श्वास संबंधी रोग हो जाते हैं | काउंसलिंग व दवाइयों के द्वारा नशे से म���क्ति पायी जा सकती है |
डॉ० विराट वर्मा ने बच्चों और किशोरों में बढ़ती हुई नशे की लत के बारे में बताते हुए कहा कि बच्चों में 15 से 20 साल के बच्चों में नशे की लत लगना अत्याधिक गंभीर विषय है | उच्च वर्ग के बच्चे कहीं ना कहीं अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए नशे का सेवन कर रहे है वहीँ निम्न वर्ग के बच्चों को भीख मंगवाने या मानव तस्करी के धंधे में धकेलने के लिए नशीले पदार्थों का उपयोग किया जाता है | बच्चों में नशा निश्चय ही बेहद खतरनाक है क्योंकि ये ना सिर्फ उनके शरीर के साथ खेलता है बल्कि उनके मानसिक विकास में भी प्रतिरोध पैदा करता है |
श्री उमाशंकर दुबे ने समाज मे नशे के कारण हो रहे विनाश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशा सिर्फ व्यक्ति के शरीर व दिमाग को ही नहीं बल्कि परिवार, समाज और देश को भी दूषित कर देता है | मादक पदार्थों एवं नशीली दवाओं आदि से उत्पन्न नशे की लत से प्राय: महिलाएं सबसे अधिक शारीरिक उत्पीड़न तथा पारिवारिक समस्याओं का शिकार होती हैं | लंबे समय तक नशीले पदार्थों के सेवन से ना सिर्फ शरीर पर बुरा असर पड़ता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है | आज सरकार के द्वारा नशा उन्मूलन हेतु अनेक कदम उठाए जा रहे हैं, हर शहर मे नशा उन्मूलन केंद्र खोले जा रहे है लेकिन जब तक नशीले पदार्थों की खेती पर रोक नहीं लगेगी तब तक नशे का नाश करना थोड़ा मुश्किल है |
संयोजक डॉ० रूपल अग्रवाल ने सभी वक्ताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया व कहा कि दम मारो दम, मिट जाए गम'। कई लोग गम मिटाने के लिए ही नशा करते हैं, लेकिन हद तक जाने के बाद जब धुएं में सेहत भी उड़ने लगती है, तो इसे छोड़ने के कई प्रयास करते हैं लेकिन यह नशा छूट नहीं पाता । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन गुफ़्तगू में मैं बस इतना ही कहना चाहूँगी कि अपने परिवार, समाज और देश के उज्जवल भविष्य हेतु नशे से दूर रहे और एक स्वस्थ एवं सुरक्षित कल का निर्माण करे | आइए मिलकर आवाज उठाए, नशा मुक्त भारत के सपने को साकार कर दिखलाये |
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vaidicphysics · 5 years ago
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वाह! योगी जी! प्रशासक हो तो आप जैसा
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वाह! योगी जी! आप न्याय उचित भी करते हैं और त्वरित भी। जिसके विरुद्ध अभी तक कोई कुछ कर न सका और जिसके विरुद्ध कोई साक्षी नहीं देता था, उसे इसी प्रक्रिया से दण्ड दिया जाना सम्भव था। ईश्वर आप जैसे महान् नेता को निरन्तर उन्नत भविष्य प्रदान करे।पुलिस अनेक अपराधियों एवं आतंकवादियों को इधर से उधर ले जाती हैं परन्तु मीडिया की गाड़ियों को उनके साथ जाते नहीं सुना, फिर विकास दुबे के साथ मीडिया की गाड़ियां क्यों जा रही थी? मीडिया को इस अपराधी की इतनी चिन्ता क्यों थी? क्या वे उसे सुरक्षा कवच प्रदान कर रहे थे?आतंकवादियों व अपराधियों के मरने पर छाती कूटने वाले आज फिर जाग गये हैं। ओसामा लादेन, कसाब, अफजल, सोहराबुद्दीन व इशरत खां आदि अनेकों आतंकवादियों की मौत पर रोये। बाटला एनकाउन्टर पर रोये। अब विकास दुबे पर रोये। परन्तु नेताजी सुभाष, लाल बहादुर शास्त्री, स्वामी श्रद्धानन्द, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, राजीव दीक्षित बलिदान हो गये, हजारों कश्मीर एवं बंगाल में हजारों हिन्दुओं की हत्या हुई, हजारों पण्डित अपने ही देश में शरणार्थी बने, तब कोई रोने नहीं आया।इससे यह स्पष्ट है कि रोने वाले ही इन दुर्दान्त व मानवता के शत्रुओं के संरक्षक हैं। इन्हें जनता की सुरक्षा का नहीं, जनता के शत्रुओं की सुरक्षा की चिन्ता रहती है। मानवाधिकारवादी भी मानवता के शत्रुओं के मरने पर ही रोते हैं। इस सम्पूर्ण दुरवस्था का अन्त होना चाहिए। इसके लिए वर्तमान में योगी जी जनता की आशा के केन्द्र बनकर उभरे हैं।
- आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक
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fenomikiaq-blog · 4 years ago
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MP News in Hindi
Latest News Madhya Pradesh
सीनियर IAS की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव, मंत्री हुए क्वारंटाइन
भोपाल. मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मप्र के वरिष्ठ आईएएस संजय दुबे की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। प्रमुख सचिव, ऊर्जा संजय दुबे की कोगेना रिपोर्ट शनिवारको पॉजीटिव आई थी। आज उनकी पत्नी और बेटे की रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई है।
मंत्री भी हुए क्थोरंटाइन मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि मेरे परिवार के सदस्य की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके चलते मैं स्वयं क्वारंटाइन हो गया हूं। मेरे संपर्क में जो लोग भी आए हों, कृपया सुरक्षा की दृष्टि से अपनी जांच करा लें। मैं अगले सप्ताह तक अपने सभी कार्यक्रम निरस्त करता हूं । बता दें कि उनकेपरिवार के लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
एक्टिव केस बढ़े संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 10 हजार के करीब पहुंच गई है। ��्रदेश में अभी संक्रमितों की संख्या 9986 है। जबकि कुल संक्रमितों की संख्या 44433 हो गई है। वहीं प्रदेश में मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों में प्रदेश में 13 लोगों की मौत हुई है जिसके बाद मौतों का आकड़ा बढ़कर 1094 हो गया है। ------------------------- उज्जैन में पुलिस ने खुद को आईपीएस अफसर बताने वाले को किया गिरफ्तार ऐसे जमा रहा था धौंस
उज्जैन। में पुलिस ने खुद को आईपीएस अफसर बताने वाले से एक धोखेबाज को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक टोल टैक्स नाके पर उसने खुद को आईपीएस अधिकारी बताते हुए अपना नाम ज्योतिर्मय विजयवर्गीय बताया। शंका होने पर टोल नाके पर मौजूद कर्मचारियों ने उज्जैन पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद जब पुलिस वहां पहुंची तो उसकी पोल खुल गई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
रविवार की सुबह एसटीएफ को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति अपने आप को आईपीएस अफसर बताकर धौंस जमा रहा है। इसी आधार पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और उसे हिरासत में लिया और पूछताछ की तो उसने अपना नाम ज्योतिर्मय विजयवर्गीय बताया। उसने बताया कि वह इंदौर में रहता है उसके माता-पिता देवास में निवास करते हैं। उसने अभी तक कई लोगों को ठगा है। यह जानकारी भी सामने आई है कि वह ऐसे बैंक अकाउंट का चेक देकर पैसे लेता था,‍ जिसमें जीरो बैलेंस था। उसके पास से 100 चेक बुक और एक लक्जरी गाड़ी मिलने की जानकारी सामने आ रही है।
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bansgaonbhim · 2 years ago
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कोर्ट के आदेश पर विकास भारती के प्रधानाचार्य समेत तीन पर हत्या मुकदमा दर्ज
कोर्ट के आदेश पर विकास भारती के प्रधानाचार्य समेत तीन पर हत्या मुकदमा दर्ज
कोर्ट के आदेश पर विकास भारती के प्रधानाचार्य समेत तीन पर हत्या मुकदमा दर्ज पिपराइच गोरखपुर। बाँसगाँव सन्देश। विमलेश पांडेय।���िकास भारती परिसर में प्रशासनिक अधिकारी नितिन द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी की मौत के मामले में पिपराइच पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस ने प्रशासनिक अधिकारी नितिन दुबे के साथ प्रधानाचार्य एके पांडेय व श्याम बिहारी अग्रवाल पर हत्या, जालसाजी और…
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cyberpolicenacho · 2 years ago
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सिंगरौली मध्यप्रदेश,चितरंगी थाना क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से 3 लोगों की हुई मौत 5 घायल from Desh ka Darpan News on Vimeo.
04 सितंबर 2022
सिंगरौली मध्यप्रदेश
उपेन्द्र दुबे रिपोर्टर- 7000217592
स्लग- चितरंगी थाना क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से 3 लोगों की हुई मौत 5 घायल
एंकर- सिंगरौली जिले के चितरंगी थाना क्षेत्र के शिवपुरवा ग्राम पंचायत अंतर्गत महुगड़ी करहिया गांव के जंगल में आकाशीय बिजली गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई वही 5 लोग घायल बताए जा रहे हैं बताया जाता है कि खेतीवाड़ी कर मवेशियों को चराते हुए 8 लोग पेड़ के नीचे बैठ के खाना खा रहे थे उसी वक्त चमक गरज के साथ अचानक आकाशीय बिजली गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई एवं 5 लोग घायल हो गए घायल व्यक्तियों को आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चितरंगी भर्ती कराया गया जिनका उपचार जारी है घायल व्यक्तियों में 2 महिलाएं भी बताई जा रही है जानकारी के मुताबिक सभी मृतक व्यक्ति गढ़वा थाना क्षेत्र के शिवपुरवा के रहने वाले हैं एवं घायल व्यक्ति मिसिरगवां गांव के बताए जा रहे हैं उक्त घटना चितरंगी थाना क्षेत्र में हुई है जहां दोनों थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच शव को अपने कब्जे में लेते हुए शव परीक्षण के लिए भेज दिया है चितरंगी एसडीएम विकास सिंह ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपए की सहायता राशि दी जा रही है
बाइट- विकास सिंह एसडीएम चितरंगी
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sharpbharat · 3 years ago
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jamshedpur-big-crime-जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे पार्किंग में युवक की संदिग्ध मौत, पार्किंग में शराब पीने से मना करने पर खुद युवक ने कांच से खुद को किया घायल, देखिये-video
jamshedpur-big-crime-जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे पार्किंग में युवक की संदिग्ध मौत, पार्किंग में शराब पीने से मना करने पर खुद युवक ने कांच से खुद को किया घायल, देखिये-video
जमशेदपुर : जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन स्थित पार्किंग एरिया में शराब पी रहे एक युवक को रोकने पर उक्त युवक ने अपने आप को घायल कर लिया. इस बीच मारपीट की ��्थिति हुई जिसमें उक्त युवक की मौत भी हो गई. मामले की जांच की जा रही है. यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया है. उक्त युवक की टेल्को निवासी विकास दुबे के रूप में पहचान हुई है. (नीचे देखे पूरी खबर) टाटानगर जीआरपी पुलिस को…
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asr24news · 3 years ago
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इलाज के दौरान आईएएस रजनीश दुबे के निजी सचिव विशंभर दयाल की मौत
इलाज के दौरान आईएएस रजनीश दुबे के निजी सचिव विशंभर दयाल की मौत
जन्माष्टमी के दिन विशंभर दयाल (Vishambhar Dayal) ने बापू भवन में खुद को मारी थी गोली लखनऊ। लोहिया अस्पताल में इलाज के दौरान 3 सितंबर 2021 को विशंभर दयाल (Vishambhar Dayal) की मौत हो गयी। विशंभर दयाल आईएएस रजनीश दुबे के निजी सचिव थे। रजनीश दुबे मौजूदा समय में निगर विकास विभाग में अपर मुख्य सचिव है। यह है पूरा मामला 30 अगस्त 2021 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टी थी।इसी दिन दोपहर में विशंभर दयाल…
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jantakhabar · 3 years ago
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विकास दुबे के मुकदमे की 21 फाइलें हुई गायब।
विकास दुबे के मुकदमे की 21 फाइलें हुई गायब।
Janta Khabar | News Desk | Vikas Dubey | विकास दुबे के एनकाऊंटर से लेकर मौत तक हर चीज विवादों में घिरी रही है। अब विकास दुबे से संबंधित एक और चीज विवादों में फंस गई है। दरअसल बिकरू कांड की जांच में ये सामने आया है कि गैंगस्टर विकास दुबे से जुड़ी 21 मुकदमें की फाइलें गायब हैं। तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने कई बार इन फाइलों की मांग अधिकारियों से की, लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभाग और अधिकारी इन…
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abhay121996-blog · 3 years ago
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8472 मुठभेड़, 3302 को 'ठोका'...146 ढेर, जानें क्या है यूपी पुलिस का 'ऑपरेशन लंगड़ा' Divya Sandesh
#Divyasandesh
8472 मुठभेड़, 3302 को 'ठोका'...146 ढेर, जानें क्या है यूपी पुलिस का 'ऑपरेशन लंगड़ा'
लखनऊ 12 अगस्त को गाजियाबाद पुलिस ने 50,000 रुपये के इनामी बदमाश फशारुन को पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। 8 अगस्त को बहराइच में डकैती के 35 से अधिक मामलों में वांछित मनीराम को पकड़ा गया। 4 अगस्त को नोएडा में हत्या के आरोपी सचिन चौहान को गिरफ्तार किया गया। 22 जून को बहराइच में रेप के आरोपी परशुराम को पकड़ा गया।
यूपी में इन सभी बदमाशों को एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया। मुठभेड़ के दौरान इन सभी बदमाशों को कहीं ना कहीं गोली लगी थी। इनमें अधिकांश के पैरों में गोली लगी थी। यूपी में बदमाशों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में लगातार पुलिस और बदमाशों के बीच एनकाउंटर चल रहे हैं। एक अधिकारी की मानें तो इन कार्रवाई को ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ नाम दिया गया है।
मार्च 2017 से हुईं 8,472 मुठभेड़ मार्च 2017 के बाद यूपी में बीजेपी सत्ता में आई। यूपी पुलिस ने 8,472 मुठभेड़ों में 3,302 कथित अपराधियों को गोली मारकर घायल किया। इस बीच, इन मुठभेड़ों में मरने वालों की संख्या 146 है।
पुलिस के साथ मुठभेड़ों के दौरान कितने अपराधी विकलांग हुए इसका अधिकारियों के पास कोई आंकड़ा नहीं है। इसके बजाय, वे बताते हैं कि इन मुठभेड़ों में 13 पुलिस कर्मी मारे गए और 1,157 और घायल हो गए, जिसके कारण 18,225 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
एडीजी लॉ एंड ��र्डर बोले- ‘मारना मकसद नहीं’ द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, यूपी पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ों में घायलों की बड़ी संख्या बताती है कि अपराधियों को मारना पुलिस का प्राथमिक मकसद नहीं है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक उद्देश्य व्यक्ति को गिरफ्तार करना है।
एडीजी ने कहा, ‘यूपी सरकार की अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है। ड्यूटी पर रहते हुए, अगर कोई हम पर गोली चलाता है, तो हम जवाबी कार्रवाई करते हैं और यह पुलिस को दी गई कानूनी शक्ति है। इस प्रक्रिया के दौरान कुछ घायल हो जाते हैं तो तो कुछ की मौत हो जाती है। हमारे लोग भी मारे गए हैं और घायल हुए हैं। लब्बोलुआब यह है कि अगर कोई अवैध काम करता है, तो पुलिस प्रतिक्रिया करती है। हालांकि, हमारा मुख्य मकसद व्यक्ति को मारना नहीं बल्कि गिरफ्तारी करना है।’
विपक्ष ने ठोको नीति के लगाए आरोप जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी कई हत्याओं का हवाला दिया और कहा कि उन्हें गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। विपक्षी दलों ने भी इन एनकाउंटर्स को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि यह राज्य सरकार की ‘ठोक दो’ नीति है।
अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के अधिकारियों ने इन मुठभेड़ों को एक उपलब्धि के रूप में सूचीबद्ध किया है। कई मौकों पर आदित्यनाथ ने खुद चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पुलिस अपराधियों को मारने से नहीं हिचकेगी।
एनकाउंटर में मेरठ सबसे आगे पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी यूपी में मेरठ क्षेत्र मुठभेड़ों (2,839), गिरफ्तारी (5,288), मौतों (61) और घायलों (1,547) की सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद आगरा आता है, उसी क्षेत्र में, 1,884 मुठभेड़ों, 4,878 गिरफ्तारियों, 18 मौतों – और 218 लोगों के घायल होने के साथ। सूची में तीसरा बरेली क्षेत्र है, जिसमें 1,173 मुठभेड़, 2,642 गिरफ्तारियां, सात मौतें – और 299 लोग घायल हुए हैं।
सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी कानपुर में मारे गए मेरठ में भी सबसे अधिक पुलिस कर्मी (435) घायल हुए, उसके बाद बरेली (224) और गोरखपुर (104) का स्थान रहा। कानपुर क्षेत्र में सबसे अधिक पुलिस की मौतें हुईं। सूची में सभी आठ पुलिसकर्मी गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गए थे, जहां बिकरू गांव में हुए हमले में उन्हें मार दिया गया। बाद में मध्य प्रदेश में आत्मसमर्पण करने वाले दुबे को यूपी लाए जाने के दौरान एक अन्य पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया।
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mastereeester · 4 years ago
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UP Top News : यूपी में फिर से सिर उठाने लगा कोरोना वायरस, 10 जिलों में दोबारा मिलने लगे संक्रमित मरीज [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
UP Top News : यूपी में फिर से सिर उठाने लगा कोरोना वायरस, 10 जिलों में दोबारा मिलने लगे संक्रमित मरीज [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
पत्रिका न्यूज नेटवर्कप्रयागराज : इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति की नींद में अजान से ‘खलल’, कार्रवाई के लिए लिखी चिट्ठी, डीएम ने नियम मुताबिक कार्रवाई का दिया निर्देश कानपुर : बिकरू कांड के पक्ष में बोले भाजपा एमएलसी, मुकदमा वापस लेने की मांग, सीएम को लिखा पत्र- कहा विकास दुबे के भाई और पत्नी को फर्जी केस में फंसाया गया प्रयागराज : जहरीली शराब से चार और की मौत, 9 पहुंचा मृतकों का आंकड़ा, जांच के…
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mrdevsu · 4 years ago
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Kasganj में बिकरू जैसा कांड, बंधकर बनाकर सिपाही को पीट-पीटकर मार डाला गया
Kasganj में बिकरू जैसा कांड, बंधकर बनाकर सिपाही को पीट-पीटकर मार डाला गया
कासगंज में सलारू के विकास दुबे जैसा कांड हुआ है। जहां शराब माफिया ने सिपाही को बंधक बनाकर पीटा। सिपाही देवेंद्र की पीट पीट हत्या कर दी गई। सिधपुरा थाना में तैनात दारोगा अशोक भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। वहीं, शहीद सिपाही देवेंद्र की मौत। Source link
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abhay121996-blog · 4 years ago
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यूपी में शिक्षकों के बाद लामबंद होने लगे कर्मचारी, बनने लगी कोविड से मौतों की सूची Divya Sandesh
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यूपी में शिक्षकों के बाद लामबंद होने लगे कर्मचारी, बनने लगी कोविड से मौतों की सूची
लखनऊ कोविड संक्रमण से हुई मौतों को लेकर शिक्षकों के बाद नगर निगम और एलडीए के कर्मचारी भी लामबंद हो गए हैं। उप्र स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने सभी नगर निगमों में कोविड से मरे कर्मचारियों की सूची बनाने का अभियान गुरुवार को शुरू कर दिया।
वहीं, एलडीए कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह ने भी ऐसे दिवंगत हुए कर्मचारियों की सूची तैयार कर ली है, जिन्हें फ्रंट लाइन वर्कर के तौर पर तैनात किया गया था और अब उनका परिवार राहत राशि की आस में है। वहीं, आवास विकास परिषद के कर्मचारियों ने राहत राशि तो दूर कोविड संक्रमित होने के बाद चिकित्सा प्रतिपूर्ति तक न मिलने का आरोप लगाया है।
डेथ ऑडिट को लेकर संशय में संगठन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से रोजाना जारी होने वाली रिपोर्ट में साफ लिखा होता है कि मौतों की असल वजह डेथ ऑडिट के बाद ही तय हो सकेगी। पंचायत चुनाव के बाद महज तीन शिक्षकों की मौत को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद कर्मचारी संगठन इस डेथ ऑडिट को लेकर संशय में हैं। आशंका जताई जा रही है ऑडिट कैसे होगा? और उसके मानक क्या होंगे? यह किसी को नहीं पता है। संघों ने डेथ ऑडिट में ऐसी शर्तें जोड़े जाने की आशंका जताई है, जिसमें ज्यादातर कर्मचारी लाभ के दाय��े से बाहर चले जाएंगे।
कैसे साबित होगा कि होम आइसोलेशन में हुई मौतें कोविड से हुईं? उप्र स्थानीय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र के मुताबिक संक्रमित होने वाले कर्मचारी की अगर होम आइसोलेशन में मौत होती है, तो उसके बाद अस्पताल का कागज नहीं होगा। जिनकी मौत अस्पताल में हुई है उन्हें अस्पताल और नगर निगम से मिलने वाले मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोविड नहीं लिखा जा रहा। यही नहीं किसी भी कर्मचारी का मौत क��� बाद पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ है न ही उसका बिसरा सुरक्षित रखा गया है। ऐसे में जब डेथ ऑडिट होगा तो दिवंगत कर्मचारी का परिवार यह कैसे साबित करेगा कि मौत कोविड से हुई थी? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है।
अब तक 45 कर्मचारियों की मौत का दावा प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा के मुताबिक अब तक 45 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है लेकिन एक भी कर्मचारी के परिवार को किसी भी तरह की मदद मुहैया नहीं करवाई जा सकी है। विभाग की तरफ से इन हताहतों की सूची तक तैयार नहीं करवाई गई है। ऐसे में हर नगर निगम की इकाई की मदद दिवंगत हुए कर्मचारियों की सूची तैयार करवाना शुरू कर दिया है। इसमें दिवंगत कर्मचारी का नाम, घर का पता, पदनाम, मृत्यु की तारीख दर्ज की जाएगी। यह सूची महकमे के अफसरों के साथ ही सरकार को भेजी जाएगी ताकि उन्हें शासन की तरफ से घोषित अनुग्रह राशि दिलवाई जा सके।
फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए वैक्सिनेशन करवाया तो राहत राशि भी मिले एलडीए कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह के मुताबिक लखनऊ विकास प्राधिकरण के 10 से ज्यादा कर्मचारी कोविड संक्रमण के बाद दिवंगत हुए हैं। शासन की तरफ से एलडीए कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए उनका पहले चरण में ही वैक्सिनेशन करवाया गया था। इसके बाद इन कर्मचारियों को कोविड कंट्रोल रूम से लेकर कोविड के हॉट स्पॉट इलाकों तक में सैनिटाइजेशन के लिए लगाया गया। ऐसे में इन सभी दिवंगत कर्मचारियों के परिवारीजनों को शासन की तरफ से घोषित अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कवायद शुरू तक नहीं हो सकी है। ऐसे में संघ ने बैठक कर दिवंगत हुए सभी कर्मचारी और इंजिनियरों की सूची तैयार करने का फैसला किया है। यह सूची वीसी को सौंपी जाएगी ताकि उनके जरिए इन परिवारों को राहत राशि दिलवायी जा सके।
कोविड संक्रमित कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति तक नहीं हो रही आवास विकास परिषद मिनिस्टीरियल स्टाफ असोसिएशन के मुताबिक, कोविड संक्रमण से जूझ रहे कर्मचारियों को महकमे से चिकित्सा प्रतिपूर्ति तक नहीं मिल पा रही है। ऐसे कई कर्मचारी हैं जो घर पर या अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवा रहे हैं। कुछ की मौत भी हो चुकी हैं, लेकिन इलाज पर हुए खर्च का बिल भी पास नहीं हो रहा है। अफसरों के मुताबिक नया सॉफ्टवेयर बन रहा है जिसके बाद ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान हो सकेगा। इसे लेकर संघ के अध्यक्ष राजमणि मिश्रा और महासचिव राजेश कुमार दुबे ने नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
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jaksnews · 4 years ago
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यूपी एसआईटी ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के साथ संबंध के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की
यूपी एसआईटी ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के साथ संबंध के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की
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द्वारा: PTI | लखनऊ | अपडेट किया गया: 5 नवंबर, 2020 2:10:14 बजे
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पुलिस ने अलग-अलग मुठभेड़ों में विकास दुबे और उसके पांच सहयोगियों सहित छह लोगों को मार गिराया था। (फाइल)
कानपुर में पुलिसकर्मियों की मौत की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने पुलिस और मारे गए गैंगस्टर के बीच सांठगांठ की ओर इशारा किया है विकास दुबेऔर 80 पुलिस कर्मियों के…
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shaileshg · 4 years ago
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(पवन कुमार) यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर की जांच कर रहे जस्टिस बीएस चौहान आयोग को इन दिनों अजीब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनके पास ऐसी शिकायतें आ रही हैं, जिनसे आयोग का कोई वास्ता ही नहीं है।
कोई विकास दुबे के गिरोह से अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहा है, तो कोई अपनी जमीन को कब्जा मुक्त करने की बात कह रहा है। जवाब में आयोग ने ऐसी शिकायतों पर संबंधित लोगों को पुलिस, कोर्ट व प्रशासन के पास गुहार लगाने की बात कही है। 8 पुलिस कर्मियों की हत्या का आरोपी, गैंगस्टर विकास 10 जुलाई को कानपुर में एनकाउंटर में मारा गया था। एनकाउंटर फर्जी बताया गया तो जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आयोग गठित हुआ।
दर्जनभर से ज्यादा शिकायतें मिलीं
दरअसल, जबसे जांच आयोग बना है, तबसे उसे दर्जनभर से ज्यादा ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिनका एनकाउंटर से कोई लेना-देना नहीं है। एक शिकायत में तो एक शख्स ने पत्र लिखकर कहा कि विकास दुबे के मारे जाने के बाद उसके गैंग के सदस्य पुलिस मुखबिरी को लेकर उस पर संदेह कर रहे हैं और वे उसे मारना चाहते हैं। इसलिए, उसे पुलिस सुरक्षा दिलवाई जाए।
वहीं, कानपुर के एक व्यक्ति ने कहा कि विकास ने उसकी जमीन पर कब्जा किया हुआ था। डर के कारण वह अपनी जमीन नहीं छुड़ा सका। चूंकि उसकी मौत हो चुकी है, इसलिए उसे उसकी जमीन वापस दिलवाई जाए। वहीं, कुछ शिकायतें विकास व उसके परिवार के लोगों द्वारा पैसे हड़पन�� व उन्हें रकम वापस दिलाने की मांग को लेकर भी आई है।
आयोग के लिए दूसरे राज्यों के वकील भी परेशानी का सबब बने हुए हैं। मुंबई, बिहार व कई अन्य राज्यों के वकील खुद को गवाह के तौर पर जोड़ना चाहते हैं, जबकि उनका मामले से कोई संबंध नहीं है। वे न तो एनकाउंटर के समय घटनास्थल के पास थे, न ही विकास की गिरफ्तारी के समय।
आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्य बीमार पड़े, जांच का काम रुका
इधर, एनकाउंटर की जांच कर रहे रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान बीमार पड़ गए हैं। उन्हें दिल की बीमारी होने से अस्पताल में दाखिल किया गया है। कुछ दिनों पहले उनका ऑपरेशन भी किया गया। जांच से जुड़े एक अन्य सदस्य इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज एसके अग्रवाल भी बीमार चल रहे हैं। इस वजह से फिलहाल जांच का काम रुक सा गया है। इसके पहले आयोग की टीम ने उस जगह का भी दौरा किया, जहां विकास का एनकाउंटर हुआ था। आयोग ने पुलिसकर्मियों से पूछा भी था कि उन्होंने हाई-वे के बजाए साइड लेन का रास्ता क्यों चुना?
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गैंगस्टर विकास दुबे (फाइल फोटो)
from Dainik Bhaskar /national/news/investigation-of-gangster-vikas-dubey-encounter-people-are-complaining-to-the-commission-get-back-the-occupied-land-life-threat-from-the-gang-127838397.html via IFTTT
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