#विकास दर
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todaypostlive · 2 years ago
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भारत की अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर : सीतारमण
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। दुनिया में आर्थिक सुस्ती के बाद भी भारत की विकास दर सात फीसदी रही। यह बजट अमृत काल का पहला बजट है।मौजूदा वित्त वर्ष में हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है, यह विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और…
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deepgardenvoid · 7 months ago
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दिमाग़ को हिला देने वाला सच, पढ़ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेंगे ? (Data might vary)
_जरा सोचिए  डाकू कौन ???_____________________________________
भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक।
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प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात
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91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये।
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भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं।
इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है।
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अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है।
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अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है।
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ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है।
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अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर।
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अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर।
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एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक्शन हाउस गार्ड यानी कम से कम 5 पुलिसकर्मी और यानी कुल 7 पुलिसकर्मी की सुरक्षा मिलती है।
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7 पुलिस का वेतन लगभग (25,000 रूपये प्रति माह की दर से) 1 लाख 75 हजार रूपये होता है।
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इस हिसाब से 4582 विधायकों की सुरक्षा का सालाना खर्च 9 अरब 62 करोड़ 22 लाख प्रति वर्ष है।
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इसी प्रकार सांसदों के सुरक्षा पर प्रति वर्ष 164 करोड़ रूपये खर्च होते हैं।
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Z श्रे��ी की सुरक्षा प्राप्त नेता, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए लगभग 16000 जवान अलग से तैनात हैं।
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जिन पर सालाना कुल खर्च लगभग 776 करोड़ रुपया बैठता है।
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इस प्रकार सत्ताधीन नेताओं की सुरक्षा पर हर वर्ष लगभग 20 अरब रूपये खर्च होते हैं।
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*अर्थात हर वर्ष नेताओं पर कम से कम 50 अरब रूपये खर्च होते हैं।*
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इन खर्चों में राज्यपाल, भूतपूर्व नेताओं के पेंशन, पार्टी के नेता, पार्टी अध्यक्ष , उनकी सुरक्षा आदि का खर्च शामिल नहीं है।
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यदि उसे भी जोड़ा जाए तो कुल खर्च लगभग 100 अरब रुपया हो जायेगा।
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अब सोचिये हम प्रति वर्ष नेताओं पर 100 अरब रूपये से भी अधिक खर्च करते हैं, बदले में गरीब लोगों को क्या मिलता है ?
*क्या यही है लोकतंत्र ?*
*(यह 100 अरब रुपया हम भारत वासियों से ही टैक्स के रूप में वसूला गया होता है।)*
_एक सर्जिकल स्ट्राइक यहाँ भी बनती है_
◆ भारत में दो कानून अवश्य बनना चाहिए
→पहला - चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध
नेता केवल टेलीविजन ( टी वी) के माध्यम से प्रचार करें
→दूसरा - नेताओं के वेतन भत्तो पर प्रतिबंध
| तब दिखाओ देशभक्ति |
प्रत्येक भारतवासी को जागरूक होना ही पड़ेगा और इस फिजूल खर्ची के खिलाफ बोलना पड़ेगा ?
*इस मेसेज़ को जितना हो सके फेसबुक और व्हाट्सअप ग्रुप में फॉरवर्ड कर अपनी देश भक्ति का परिचय दें।*
सादर निवेदन
माननीय PM and CM जी,
कृपया सारी *योजना बंद कर दीजिये।*
सिर्फ
*सांसद भवन जैसी कैन्टीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दीजिये ।*
सारे झगड़े ख़त्म।
*29 रूपये में भरपेट खाना मिलेगा..*
80% लोगों को घर चलाने का झगड़ा ख़त्म।
*ना सिलेंडर लाना, ना राशन*
और
घर वाली भी खुश ।
*चारों तरफ खुशियाँ ही रहेगी।*
फिर हम कहेंगे सबका साथ सबका विकास ।
*सबसे बड़ा फायदा 1र् किलो गेहूँ नहीं देना पड़ेगा*
और
*PM जी को ये ना कहना पड़ेगा कि मिडिल क्लास के लोग अपने हिसाब से घर चलाएँ ।*
इस पे गौर करें
कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे ।
शान है या छलावा...।
पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है ।
चाय = 1.00
सुप = 5.50
दाल= 1.50
खाना =2.00
चपाती =1.00
चिकन= 24.50
डोसा = 4.00
बिरयानी=8.00
मच्छी= 13.00
ये *सब चीज़ें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में।*
और उन *गरीबों की पगार है 5,00,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के ।*
आपके Mobile में जितने भी नम्बर save है सबको forward करें ताकि सबको पता चले …
कि यही कारण है कि इन्हें लगता है कि जो *आदमी 30 या 32 रूपये रोज़ कमाता है वो ग़रीब नहीं है।*
*Jokes तो हर रोज़ Forward करते हैं, आज इसे भी Forward करें और भारतीय  जनता को जागरूक करें।*
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saathi · 2 years ago
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Tumblr की कोर प्रोडक्ट स्ट्रेटजी
यहाँ Tumblr पर हम ज़्यादा उपयोगकर्ता हासिल करने की कोशिश में अपने काम करने के तरीके को फिर से व्यवस्थित करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. बड़े उपयोगकर्ता आधार का मतलब है ज़्यादा लंबे समय तक चलने वाली कंपनी और इसका यह भी मतलब है कि हम यहाँ ज़्यादा समय तक बने रह सकते हैं और आपके साथ यह चीज़ ज़्यादा समय तक कर सकते हैं. इसलिए, अपने उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए हम इस स्ट्रैटजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. @labs ग्रुप ने इस बारे में कुछ जानकारी प्रकाशित कर दी है, लेकिन ये इससे भी बड़ा है. हम पहली बार इसे सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित कर रहे हैं और इसके पीछे हमारी यह कोशिश है कि हम Tumblr समुदाय में आप सभी के साथ ज़्यादा पारदर्शिता के साथ काम कर सकें. ये स्ट्रैटजी सीमित संसाधनों के बीच मार्गदर्शन प्रदान करती है और Tumblr का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए हमारी टीमों को ख़ास मुख्य क्षेत्रों पर पूरा ध्यान देने देती है.
निदान
Tumblr के विकास के लिए हमें उस मूल अनुभव को ठीक करना होगा जो Tumblr को उपयोगकर्ताओं के लिए फ़ायदेमंद जगह बनाती है. यहाँ बुनियादी समस्या ये है कि Tumblr का इस्तेमाल करना आसान नहीं है. ऐतिहासिक तौर पर हमने उपयोगकर्ताओं से उम्मीद की है कि वे अपनी फ़ीड को क्यूरेट करें और अपने अनुभव को क्यूरेट करके उसका ��ूरा फ़ायदा उठाएँ. लेकिन इस उम्मीद से उपयोगकर्ता अनुभव में रुकावटें प��दा होती हैं और हमारे कुल दर्शकों के सिर्फ़ एक छोटे से हिस्से को ही इससे फ़ायदा होता है. 
Tumblr का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ उसके अनोखे कंटेंट और जोशपूर्ण समुदायों में निहित है. इंटरनेट संस्कृति का अग्रदूत होने के नाते Tumblr रुचियों की एक विशाल श्रेणी को घेरे हुए है, जैसे कि मनोरंजन, कला, गेमिंग, फ़ैनडम, फ़ैशन और म्युज़िक. लोग Tumblr पर आते हैं ताकि अपने आप को इसकी संस्कृति में पूरी तरह तल्लीन कर सकें जिससे हमारे लिए ये ज़रूरी हो जाता है कि हम लोगों और कंटेंट के बीच एक निर्बाध संबंध सुनिश्चित करें. 
Tumblr की लगातार सफलता की गारंटी देने के लिए हमें लोगों और कंटेंट के बीच उस निर्बाध संबंध को बढ़ावा देने के काम को प्राथमिकता देनी होगी. इसमें नए उपयोगकर्ताओं और निर्माताओं को आकर्षित और प्रतिधारित करना, उनके विकास की देखभाल करना और प्लैटफ़ॉर्म के साथ बार-बार एंगेजमेंट को बढ़ावा देना शामिल है.
हमारे मार्गदर्शक सिद्धांत
Tumblr की उपयोगिता में सुधार करने के लिए हमें इन मूल मार्गदर्शक सिद्धांतों पर ध्यान देना होगा.
उन तरीकों को बढ़ाना जिनसे नए उपयोगकर्ता Tumblr की खोज करके उसके लिए साइन अप कर सकें.
हर ऐप लॉन्च के साथ बढ़िया गुणवत्ता का कंटेंट प्रदान करना.
उपयोगकर्ता आसानी से बातचीत में भाग ले सकें इसे सुगम बनाना.
हमारे निर्माता आधार को बनाए रखना और बढ़ाना.
ऐसे पैटर्न बनाना जो उपयोगकर्ताओं को Tumblr पर वापस आने के लिए बढ़ावा देते रहें.
प्लैटफ़ॉर्म के प्रदर्शन, स्थिरता और गुणवत्ता को बेहतर बनाना.
नीचे इन सिद्धांतों के बारे में विस्तार से बताया गया है.
सिद्धांत 1: उन तरीकों को बढ़ाना जिनसे नए उपयोगकर्ता Tumblr की खोज करके उसके लिए साइन अप कर सकते हैं.
Tumblr में गैर उपयोगकर्ताओं को एंगेज हो चुके लॉग इन किए हुए उपयोगकर्ताओं में बदलने के मामले में एक "टॉप ऑफ़ द फ़नेल" समस्या है. हमने फ़नेल का मज़बूत ��ॉप सुनिश्चित करने के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड वाले SEO तरीकों में भी निवेश नहीं किया है. हमें बाहरी स्रोतों से जो रेफ़रल ट्रैफ़िक मिलता है वो असंगत उपयोगकर्ता अनुभवों वाले अलग-अलग पेज पर फैला हुआ है जिसकी वजह से इन उपयोगकर्ताओं को नियमित Tumblr उपयोगकर्ताओं में बदलने का मौका चूक जाता है. जैसे, अक्सर खोज इंजन से उपयोगकर्ता ब्लॉग नेटवर्क और ब्लॉग व्यू में मौजूद पेज पर पहुँचते हैं—जहाँ साइन अप करने की कोई ख़ास वजह नहीं होती. 
हमें लॉग आउट कर चुके tumblr.com के साथ प्रयोग करने की ज़रूरत है ताकि ये सुनिश्चित हो जाए कि हम साइन-अप और लॉग-इन में विज़िटर के लिए सबसे ज़्यादा संभावित रूपांतरण दर को हासिल कर रहे हैं. हमारे लॉग-आउट हो चुके पेज पर Tumblr क्या-क्या ऑफ़र करता है इसका पूरा कंटेंट संभावित उपयोगकर्ता को दिखाने के विचार को भी एक्सप्लोर किया जा सकता है. हम चाहते हैं कि लोग Tumblr के पीछे की संभावना को आसानी से समझ सकें, इसके लिए उन्हें बहुत सारे टैब और पेज नेविगेट करने की ज़रूरत ना पड़े. हमारा मौजूदा लॉगआउट किया हुआ एक्सप्लोर करें पेज उपयोगकर्ताओं को यह समझने में कोई खास मदद नहीं करता है कि "Tumblr क्या है," जिससे लोगों को यह साइट जॉइन करने के बारे में रोमांचित करने का मौका हमसे चूक जाता है.
कार्यवाहियाँ और अगले कदम
Tumblr के सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) अभ्यासों को इंडस्ट्री मानकों के अनुसार करने के लिए उनमें सुधार करना.
लॉगआउट किए हुए tumblr.com के साथ प्रयोग करना ताकि साइन अप और लॉग इन के लिए सबसे ज़्यादा रूपांतरण दर हासिल हो सके, विज़िटर्स के लिए Tumblr "लेने" के तरीकों को एक्सप्लोर करना और उन्हें साइन अप करने के लिए लुभाना.
सिद्धांत 2: हर ऐप लॉन्च के साथ बढ़िया गुणवत्ता का कंटेंट प्रदान करना.
हमें हर सेशन के दौरान उपयोगकर्ता की विविध रुचियों से मेल खाने वाला ताज़ा और प्रासंगिक कंटेंट पेश करके सर्वश्रेष्ठ उपयोगकर्ता अनुभव सुनिश्चित करना होगा. अगर उपयोगकर्ता को बुरा कंटेंट अनुभव मिलता है, तो इसके लिए प्रोडक्ट दोषी है.
डिफ़��ल्ट स्थिति हमेशा यह होनी चाहिए कि उपयोगकर्ता को इस ऐप्लीकेशन को नेविगेट करने का तरीका नहीं पता. साथ ही, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जब लोग अपनी रुचियों से जुड़ा कंटेंट खोजते हैं, तो उनके सफ़र में उन्हें किसी उलझा देने वाली ��ीमाओं या अप्रत्याशित रुकावटों का सामना ना करना पड़े और वे कंटेंट को आसानी से एक्सेस कर सकें.
15 साल पुराना ब्रांड होना कठिन है क्योंकि ऐसे ब्रांड को Tumblr के बारे में व्यक्ति के मन में जो पहले से बनी हुई छवियाँ हैं उनका बोझ उठाना पड़ता है. औसतन, एक उपयोगकर्ता हर सेशन में सिर्फ़ 25 पोस्ट देखता है, इसलिए पहले 25 पोस्ट में Tumblr का मूल्य ज़ाहिर हो जाना चाहिए: यह एक जोशपूर्ण समुदाय है जिसमें ऐसी बहुत सी संभावनाएँ हैं जिनका इस्तेमाल अभी तक करना बाकी है. हम बिल्कुल नहीं चाहते कि उपयोगकर्ता यह मानते हुए छोड़कर चला जाए कि Tumblr बहुत ही बासी जगह है और उसके किसी काम का नहीं है. 
कार्यवाहियाँ और अगले कदम
हर बार ऐप खोले जाने पर बढ़िया कंटेंट पेश करना.
उपयोगकर्ताओं के लिए यह समझना आसान बनाना कि Tumblr पर जोशपूर्ण समुदाय कहाँ-कहाँ हैं. 
सभी फ़ीड में हमारी अल्गोरिथम वाली रैंकिंग क्षमताओं में सुधार करना. 
सिद्धांत 3: उपयोगकर्ता आसानी से बातचीत में भाग ले सकें इसे सुगम बनाना.
Tumblr के आकर्षण का कुछ कारण रीब्लॉग चेन और जवाबों में बातचीत के विकास और उनमें पाई जाने वाली होशियार टिप्पणियों को दर्शाने की क्षमता में निहित है. इन चर्चाओं में भाग लेने का अनुभव मज़ेदार और आसान होना चाहिए.
बदकिस्मती से, फ़िलहाल जिस तरीके से Tumblr पर सभी जवाबों और रीब्लॉग में बातचीत होती है वह नए उपयोगकर्ताओं को उलझन में डाल देता है. हर रीब्लॉग से एंगेज होने से जुड़ी सीमाओं का होना, जवाबों का सिर्फ़ मूल पोस्ट पर लागू होना और थ्रेडेड बातचीत को आसानी से फ़ॉलो करने की सुविधा ना होने से उपयोगकर्ताओं को बातचीत में शामिल होने में दिक्कतें आती हैं.
कार्यवाहियाँ और अगले कदम
जवाबों और रीब्लॉग में उलझन पैदा करने वाली चीज़ों को सुधारना.
जवाबों और रीब्लॉग से जुड़े संवादात्मक पोस्टिंग सुविधाओं में सुधार करना.  
अलग-अलग जवाबों और रीब्लॉग पर एंगेजमेंट की अनुमति देना.
उपयोगकर्ताओं के लिए एक रीब्लॉग थ्रेड में बातचीत के अलग-अलग रास्तों को फ़ॉलो करना आसान बनाना. 
रीब्लॉग थ्रेड्स को छोटा करके बातचीत में से अव्यवस्था हटाना. 
उपयोगकर्ता के फ़ॉलो किए जा रहे हैं फ़ीड में डुप्लीकेट रीब्लॉग को हटाने की संभावना को एक्सप्लोर करना. 
सिद्धांत 4: हमारे निर्माता आधार को बनाए रखना और बढ़ाना.
Tumblr समुदाय के लिए निर्माता बेहद ज़रूरी हैं. लेकिन हमने कभी भी अपने निर्माता आधार को बनाए रखने, बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए कोई संगत और समन्वित कोशिश नहीं की है.  
Tumblr पर नया निर्माता होने का अनुभव डरावना हो सकता है जिससे छोड़कर चले जाने की बड़ी संभावना बन जाती है या एंगेजमेंट या फ़ीडबैक मिले बिना रचनाएँ शेयर करने से निराशा का अनुभव हो सकता है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास अपेक्षित निर्माता टूल्स हैं और हम ऐसे लाभप्रद फ़ीडबैक लूप्स को बढ़ावा दें जो निर्माताओं को यहाँ बनाए रखें और उन्हें फलने-फूलने में सक्षम करें.
फ़ीडबैक की कमी के लिए पुराने ढंग का फ़ैसला ज़िम्मेदार है जिसके मुताबिक मुख्य डैशबोर्ड फ़ीड ("फ़ॉलो किए जा रहे हैं") पर सिर्फ़ फ़ॉलो किए गए ब्लॉग से कंटेंट दिखाया जाता है. इसकी वजह से एक ऐसा चक्र जारी रहता है जिसमें लोकप्रिय ब्लॉग को ज़्यादा दृश्यता मिलती रहती है जबकि नए निर्माताओं की कोई मदद नहीं हो पाती. इस समस्या को दूर करने के लिए हमें प्लैटफ़ॉर्म पर नए निर्माताओं के विकास को सपोर्ट करने और बढ़ावा देने को प्राथमिकता देनी होगी.
यह भी बेहद ज़रूरी है कि Tumblr पर सभी लोगों की तरह निर्माता भी महसूस करें कि वे सुरक्षित हैं और अपने अनुभव का नियंत्रण उनके अपने हाथ में है. चाहे यह समुदाय से कोई आस्क हो या किसी पोस्ट पर एंगेजमेंट, Tumblr पर सफल होना किसी सज़ा देने वाले अनुभव जैसा बिल्कुल नहीं लगना चाहिए.
कार्यवाहियाँ और अगले कदम
निर्माताओं के नए कंटेंट को उन लोगों के सामने लाना जो इसमें दिलचस्पी रखते हैं. 
निर्माताओं के लिए फ़ीडबैक लूप में सुधार करना और उन्हें पोस्ट करना जारी रखने के लिए बढ़ावा देना.
ऐसी प्रक्रियाएँ तैयार करना जो निर्माताओं को नोटिफ़िकेशन द्वारा स्पैम होने से सुरक्षित रखेंगी जब वे वायरल हो जाते हैं.
ऐसे तरीके एक्सप्लोर करना जो साथ मिलकर कंटेंट बनाने दें, जैसे कि पोस्ट में Tumblr लिंक एम्बेड करने की क्षमता जोड़कर.
सिद्धांत 5: ऐसे पैटर्न बनाना जो उपयोगकर्ताओं को Tumblr पर वापस आने के लिए बढ़ावा देते रहें.
पुश नोटिफ़िकेशन और ईमेल ऐसे ज़रूरी टूल्स हैं जो उपयोगकर्ता एंगेजमेंट को बढ़ाते हैं, उपयोगकर्ता प्रतिधारण में सुधार करते हैं और कंटेंट की खोज करना आसान बनाते हैं. उपयोगकर्ता यानी आप तक पहुँचने की हमारी स्ट्रैटजी सभी प्रोडक्ट, कमर्शियल और मार्केटिंग टीमों में बढ़िया ढंग से समन्वित होनी चाहिए.
हमारी मेसेजिंग स्ट्रैटजी पर्सनलाइज़ की हुई होनी चाहिए और उसमें उपयोगकर्ता की बदलती रुचियों के साथ ढलने की क्षमता होनी चाहिए. हमारे मेसेज ऐसे होने चाहिए जिनसे उपयोगकर्ताओं को उनके समुदाय में सबसे नई गतिविधि के बारे में जानकारी मिलती रहे और साथ ही, उनके दिमाग में सबसे नए शोज़ और ��सली जीवन की घटनाओं पर मज़ाकिया टिप्पणियों और रीमिक्स के लिए जाने की सबसे बढ़िया जगह के तौर पर Tumblr का नाम सबसे पहले आता रहे.  
सबसे ज़रूरी बात, हमारे मेसेज विचारशील होने चाहिए और कभी भी स्पैम जैसे नहीं लगने चाहिए.  
कार्यवाहियाँ और अगले कदम
हमारी मेसेजिंग स्ट्रैटजी का ऑडिट संचालित करना.
नोटिफ़िकेशन से बहुत शोर होने की समस्या को सुलझाना; जहाँ ज़रूरत पड़े वहां नोटिफ़िकेशन को रोकना, छोटा या म्यूट करना.  
हमारे ईमेल मेसेज में पर्सनलाइज़ेशन के लिए मौकों की पहचान करना. 
टेस्ट करना कि सही दैनिक पुश नोटिफिकेशन सीमा क्या है. 
ईमेल भेजना जब उपयोगकर्ता ने पुश नोटिफ़िकेशन बंद किए हुए हैं.
सिद्धांत 6: प्रदर्शन, स्थिरता और गुणवत्ता.
हमारे मोबाइल ऐप्स की स्थिरता और प्रदर्शन में गिरावट आई है. प्रोडक्शन से जुड़े बहुत सारे मुद्दों को हल करना बाकी है क्योंकि पिछले 300 दिनों में जितने बग पैदा हुए हैं उनमें से बहुत कम को सुधारा गया है. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो हर दो दिन में अंदाजन एक नया अनसुलझा प्रोडक्शन से जुड़ा मुद्दा पैदा होता रहेगा. ऐप्स और बैकएंड सिस्टम जो अच्छी तरह काम करते हैं और क्रैश नहीं करते हैं वो बढ़िया Tumblr अनुभव की नींव हैं. प्रदर्शन, स्थिरता और गुणवत्ता में सुधार करने से हमें Tumblr के लिए संवहनीय परिचालन हासिल करने में मदद मिलेगी.
प्रदर्शन और स्थिरता में सुधार करना: Android, iOS और वेब पर क्रैश-फ़्री, रेसपॉन्सिव और तेज़ी से लोड होने वाले ऐप्स पेश करना.
गुणवत्ता में सुधार करना: हमारे उपयोगकर्ताओं को बेहतरीन गुणवत्ता का Tumblr अनुभव प्रदान करना. 
तेज़ चलना: कोर प्रोडक्ट इनिशिएटिव को अनब्लॉक करने के लिए APIs और सेवाएँ प्रदान करना और लैब्स से निकलने वाली नई सुविधाएँ लॉन्च करना.
निष्कर्ष
दुनिया के निर्माताओं को सशक्त बनाना हमेशा से हमारा मिशन रहा है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं कि Tumblr का विकास ऐसे हो जो हमारे मौजूदा उपयोगकर्ताओं को सपोर्ट करे और साथ ही, उन क्षेत्रों में सुधार करे जो नए निर्माताओं, कलाकारों और उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करते हैं. आप एक ऐसे डिजिटल घर के हकदार हैं जो आपके लिए काम करता है. आप बेहतरीन टूल्स और सुविधाओं के हकदार हैं जिनसे आप एक ऐसे प्लैटफ़ॉर्म पर अपने समुदायों से जुड़ सकते हैं जो आसानी से बढ़िया गुणवत्ता के कंटेंट की खोज करने को प्राथमिकता देता है. यह Tumblr में नई जान डाल देने वाला वक्त है और अपनी मौजूदा स्ट्रैटजी को लेकर हम बेहद रोमांचित हैं.
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chettinadcementsdealers · 6 hours ago
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कर्नाटक में सीमेंट निर्माण संयंत्र: स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
भारत के दक्षिणी भाग में स्थित कर्नाटक राज्य सीमेंट निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। यहाँ चूना पत्थर और मिट्टी जैसे कच्चे माल की प्रचुरता के कारण राज्य में सीमेंट संयंत्रों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
कर्नाटक के सीमेंट संयंत्रों का बुनियादी ढांचा विकास में महत्वपूर्ण योगदान है, जो राज्य की वृद्धि के लिए आवश्यक है। ये संयंत्र स्थानीय निर्माण परियोजनाओं के साथ-साथ भारत के अन्य हिस्सों के लिए भी सीमेंट की आपूर्ति करते हैं। यहाँ बढ़ते हुए आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक परियोजनाओं के कारण सीमेंट की मांग में वृद्धि हो रही है।
आर्थिक लाभ सीमेंट निर्माण संयंत्रों की स्थापना ने कर्नाटक को कई आर्थिक लाभ प्रदान किए हैं। सबसे पहले, ये संयंत्र स्थानीय समुदायों के लिए कई रोजगार अवसर पैदा करते हैं। कुशल श्रमिकों से लेकर प्रशासनिक और प्रबंधन पदों तक, ये संयंत्र बेरोजगारी दर को कम करने में मदद कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, सीमेंट उद्योग सहायक व्यवसायों जैसे परिवहन और लॉजिस्टिक्स, कच्चे माल आपूर्तिकर्ताओं और मशीन निर्माता कंपनियों के विकास को भी बढ़ावा देता है। यह आपसी संबंध एक स्थिर अर्थव्यवस्था के निर्माण में मदद करता है, जहाँ विभिन्न क्षेत्र एक-दूसरे से लाभान्वित होते हैं।
बुनियादी ढांचा विकास सीमेंट सड़कें, पुल, इमारतें और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए एक महत्वपूर्ण सामग्री है। सीमेंट संयंत्रों की उपस्थिति के कारण, कर्नाटक ने अपने बुनियादी ढांचे को तेजी से सुधारने में सफलता प्राप्त की है। बेहतर सड़कों और इमारतों के निर्माण ने भी राज्य में अधिक निवेश को आकर्षित किया है, जिससे यह व्यवसायों और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बन गया है।
पर्यावरणीय विचार हालांकि सीमेंट निर्माण अर्थव्यवस्था को बढ��ावा देता है, यह इसके पर्यावरणीय प्रभाव को भी ध्यान में रखना जरूरी है। यह उद्योग कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है, जो जलवायु परिवर्तन में योगदान करता है। हालांकि, कर्नाटक के कई सीमेंट संयंत्र पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपना रहे हैं। कुछ संयंत्र वैकल्पिक ईंधन और सामग्री का उपयोग करके अपने पर्यावरणीय पदचिह्न को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
निष्कर्ष: कर्नाटक के सीमेंट निर्माण संयंत्र राज्य की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये रोजगार प्रदान करते हैं, बुनियादी ढांचे का समर्थन करते हैं, और विभिन्न उद्योगों को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, यह जरूरी है कि ये संयंत्र वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखें, ताकि सीमेंट निर्माण से होने वाले लाभ भविष्य में भी जारी रहें।
If you want more information visit this website Chettinad Cement
Contact us: 6385 194 588
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chettinad01 · 8 hours ago
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कर्नाटक में सीमेंट निर्माण संयंत्र: स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
भारत के दक्षिणी भाग में स्थित कर्नाटक राज्य सीमेंट निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। यहाँ चूना पत्थर और मिट्टी जैसे कच्चे माल की प्रचुरता के कारण राज्य में सीमेंट संयंत्रों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो राज्य की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
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कर्नाटक के सीमेंट संयंत्रों का बुनियादी ढांचा विकास में महत्वपूर्ण योगदान है, जो राज्य की वृद्धि के लिए आवश्यक है। ये संयंत्र स्थानीय निर्माण परियोजनाओं के साथ-साथ भारत के अन्य हिस्सों के लिए भी सीमेंट की आपूर्ति करते हैं। यहाँ बढ़ते हुए आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक परियोजनाओं के कारण सीमेंट की मांग में वृद्धि हो रही है।
आर्थिक लाभ सीमेंट निर्माण संयंत्रों की स्थापना ने कर्नाटक को कई आर्थिक लाभ प्रदान किए हैं। सबसे पहले, ये संयंत्र स्थानीय समुदायों के लिए कई रोजगार अवसर पैदा करते हैं। कुशल श्रमिकों से लेकर प्रशासनिक और प्रबंधन पदों तक, ये संयंत्र बेरोजगारी दर को कम करने में मदद कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, सीमेंट उद्योग सहायक व्यवसायों जैसे परिवहन और लॉजिस्टिक्स, कच्चे माल आपूर्तिकर्ताओं और मशीन निर्माता कंपनियों के विकास को भी बढ़ावा देता है। यह आपसी संबंध एक स्थिर अर्थव्यवस्था के निर्माण में मदद करता है, जहाँ विभिन्न क्षेत्र एक-दूसरे से लाभान्वित होते हैं।
बुनियादी ढांचा विकास सीमेंट सड़कें, पुल, इमारतें और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए एक महत्वपूर्ण सामग्री है। सीमेंट संयंत्रों की उपस्थिति के कारण, कर्नाटक ने अपने बुनियादी ढांचे को तेजी से सुधारने में सफलता प्राप्त की है। बेहतर सड़कों और इमारतों के निर्माण ने भी राज्य में अधिक निवेश को आकर्षित किया है, जिससे यह व्यवसायों और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बन गया है।
पर्यावरणीय विचार हालांकि सीमेंट निर्माण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है, यह इसके पर्यावरणीय प्रभाव को भी ध्यान में रखना जरूरी है। यह उद्योग कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है, जो जलवायु परिवर्तन में योगदान करता है। हालांकि, कर्नाटक के कई सीमेंट संयंत्र पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपना रहे हैं। कुछ संयंत्र वैकल्पिक ईंधन और सामग्री का उपयोग करके अपने पर्यावरणीय पदचिह्न को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
निष्कर्ष: कर्नाटक के सीमेंट निर्माण संयंत्र राज्य की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये रोजगार प्रदान करते हैं, बुनियादी ढांचे का समर्थन करते हैं, और विभिन्न उद्योगों को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, यह जरूरी है कि ये संयंत्र वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखें, ताकि सीमेंट निर्माण से होने वाले लाभ भविष्य में भी जारी रहें।
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airnews-arngbad · 3 days ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date 21 January 2025 Time 11.00 to 11.05 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक: २१ जानेवारी २०२५ सकाळी ११.०० वाजता.
येत्या २६ जानेवारीला प्रजासत्ताक दिनानिमित्त नवी दिल्लीत कर्तव्य पथावर होणाऱ्या शानदार संचलनाच्या कार्यक्रमात भारताचं सांस्कृतिक वैभव आणि भारतीय सैन्य दलाचं कौशल्य याचं दर्शन घडणार आहे. भारतीय राज्यघटनेला ७५ वर्ष पूर्ण झाल्याच्या निमित्ताने विशेष दोन चित्ररथ सहभागी होणार आहेत. इंडोनेशियाचे राष्ट्रपती प्रबोवो सुब्रियांतो हे या संचलनाच्या कार्यक्रमाला प्रमुख पाहुणे म्हणून उपस्थित राहणार आहेत. यावर्षीच्या संचलनात इंडोनेशियाच्या १६० सैनिकांची एक तुकडी आणि १९० जणांचं लष्करी बॅंड पथक सहभागी होणार आहे. तसंच भारतीय राज्यघटनेला ७५ वर्ष पूर्ण झाल्या निमित्तानं देशाच्या विविध राज्य आणि केंद्रशासित प्रदेशांचे ३१ चित्ररथ सहभागी होणार आहेत. या कार्यक्रमासाठी देशभरातून ३४ विविध क्षेत्रातल्या दहा हजार मान्यवरांना आमंत्रित करण्यात आलं आहे.
केंद्रीय आदिवासी विकास मंत्रालयाच्या वतीने नवी दिल्लीत भारत मंडपम इथं आजपासून देशातल्या जिल्हाधिकाऱ्यांच्या पंतप्रधान जनमन परिषदेचं आयोजन करण्यात आलं आहे. केंद्रीय आदिवासी विकास मंत्री जुएल ओराम आणि राज्यमंत्री दुर्गादास उईके हे या परिषदेला उपस्थित राहणार आहेत. पंतप्रधान जनमन अभियानाचा उद्देश शेवटच्या घटकापर्यंत विकास पोहोचवणं हा असून, एकंदर सहा क्षेत्रांवर भर देण्यात आला आहे. या परिषदेत देशातल्या १८ राज्यातले ८८ जिल्ह्यांचे जिल्हाधिकारी चर्चेत भाग घेणार असून, अजूनही विकासापासून वंचित राहिलेल्या मागास जिल्ह्यांच्या विकासासाठी एक कृती आराखडा तयार केला जाणार आहे.
भारताचा विकासदर पुन्हा ७-८ टक्क्यांवर जाईल, असा विश्वास जागतिक आर्थिक मंचाचे अध्यक्ष आणि कार्यकारी अधिकारी बोर्ग ब्रेन्डे यांनी वर्तवला आहे. भारतात गुंतवणूक, पायाभूत सुविधा, शिक्षण, संशोधन यासारख्या क्षेत्रात आर्थिक सुधारणांमुळे मोठ्या प्रमाणावर गुंतवणूक होत आहे. त्यामुळे जीडीपी अर्थात राष्ट्रीय स्थूल उत्पादन वाढीचा दर गाठ���ा येईल, असं त्यांनी सांगितलं. स्वित्झर्लंडमधल्या दावोस इथं काल या मंचाची ५५ वी बैठक सुरू झाली. त्यावेळी ते बोलत होते.
दिल्ली विधानसभेच्या ७० जागांसाठी एकूण ६९९ उमेदवार निवडणुकीच्या रिंगणात आहेत. काल उमेदवारी अर्ज मागे घेण्याची मुदत संपली, त्यानंतर हे चित्र स्पष्ट झालं. दिल्ली विधानसभेसाठी पाच फेब्रुवारीला मतदान तर आठ फेब्रुवारीला मतमोजणी होणार आहे.
आत्मनिर्भर भारत योजनेअंतर्गत तयार केलेल्या उत्पादनांच्या स्वदेशी प्रणालींच्या चाचणीसाठी नवी मुंबईत बेलापूर इथं एक अत्याधुनिक प्रयोगशाळा उभारण्यात येत आहे. या प्रयोगशाळेचं भूमीपूजन इलेक्ट्रॉनिक्स आणि माहिती तंत्रज्ञान मंत्रालयाचे सचिव एस. कृष्णन यांच्या हस्ते काल झालं. आरोग्य, संरक्षण, अवकाश तंत्रज्ञान, आणि वैद्यकीय क्षेत्रातल्या स्वदेशी बनावटीची उपकरणं वापरण्याआधी त्यातील सर्व प्रणालीची चाचणी या प्रयोगशाळेत होणार आहे.
राज्य सरकारनं रायगड आणि नाशिकच्या पालकमंत्र्यांच्या नियुक्तीला स्थगिती दिली आहे. मात्र प्रजासत्ताक दिनी या दोन्ही जिल्ह्यांमध्ये त्यांच्याच हस्ते ध्वजारोहण होईल, असा शासन निर्णय सरकारनं जारी केला आहे. आदिती तटकरे यांची रायगडच्या आणि गिरीश महाजन यांची नाशिकच्या पालकमंत्रीपदी नियुक्ती झाली होती. दरम्यान, पालकमंत्र्यांच्या नियुक्तीला स्थगिती दिल्यावरुन विरोधकांनी सरकारवर जोरदार टीका केली आहे. तर पालकमंत्री पदावरुन महायुतीमध्ये कुठलेही वाद नसल्याचा दावा सत्ताधाऱ्यांनी केला.
पुढच्या शंभर दिवसांत ५० हजार युवांना प्रशिक्षण देणार असल्याचं कौशल्य विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढा यांनी सांगितलं. मुंबईसह नागपूर, छत्रपती संभाजीनगर, नाशिक, अमरावती, पुणे इथं महाराष्ट्र इंटरनॅशनल केंद्र सुरू करण्यात येईल, असंही लोढा म्हणाले. कौशल्य विकास विभाग आणि उच्च तंत्रशिक्षण विभाग नोकरी देणाऱ्या संस्थांबाबत सर्वसमावेशक कायदा करणार असल्याचं त्यांनी सांगितलं.
मुंबईत अभिनेता सैफ आली खान याच्यावर प्राणघातक हल्ला करणारा आरोपी बांग्लादेशी घुसखोर असल्याचं निष्पन्न झाल्याच्या पार्श्वभूमीवर ठाणे पोलिसांनी अवैधपणे रहात असलेल्या बांग्लादेशींविरुद्धची कारवाई अधिक तीव्र केली आहे. आतापर्यंत पोलिसांनी ठाणे, भिवंडी, कल्याण, उल्हासनगर आणि वागळे इस्टेट या पाच विभागातून २५ घुसखोरांवर कारवाई करून त्यांन��� अटक केली आहे. मुख्यतः बांधकामाच्या ठिकाणी आणि कामगार वसाहतींमध्ये ही कारवाई अधिक कडक करण्यात येणार असल्याचं ठाण्याचे उपआयुक्त अमरसिंग जाधव यांनी सांगितलं.
अहिल्यानगर इथल्या लष्कराच्या मेकनाइज्ड इन्फंट्री सेंटर अँड स्कूल या संस्थेच्या वतीनं काल युद्ध प्रात्यक्षिकं सादर करण्यात आली. के. के. रेंजवर झालेल्या प्रात्यक्षिकात हेलिकॉप्टर, क्षेपणास्त्रं तसंच टी 90 भीष्म, टी 72 अजेय आणि एमबीटी अर्जुन अशा विविध रणगाड्यांचाही समावेश होता. यावेळी नेपाळचे लष्करी अधिकारी आणि भारतीय लष्करातले वरीष्ठ अधिकारी उपस्थित होते.
राष्ट्रीय मतदार दिनानिमित्त येत्या २५ जानेवारीला छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यात विविध कार्यक्रमांचं आयोजन करुन मतदार जनजागृती करावी असे निर्देश जिल्हाधिकारी दिलीप स्वामी यांनी दिले आहेत. काल यासंदर्भात दूरदृश्यप्रणालीद्वारे झालेल्या बैठकीत ते बोलत होते.
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sharpbharat · 15 days ago
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jharkhand minister meeting : मनरेगा के तहत वर्षवार मजदूरी दर में वृद्धि करने के लिए आवश्यक योजना का गठन करें, जनवरी माह में नियुक्ति पत्र वितरित करने का निर्देश, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय ने की योजनाओं की समीक्षा बैठक
रांची : मनरेगा के तहत वर्षवार मजदूरी दर में वृद्धि करने हेतु आवश्यक योजना का गठन किया जाएगा. इसको लेकर ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह की अध्यक्षता में एफएफपी भवन के प्रथम तल स्थित सभागार में सम्पन्न समीक्षात्मक बैठक की. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मनरेगा योजना के तहत विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में किए गए रोजगार सृजन एवं योजनाओं की पूर्णता के समरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी…
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livetimesnewschannel · 15 days ago
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How 3 Major Countries in Recession Are Affecting the World
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Introduction
Countries Struggling With Recession: पिछले कई सालों से मंदी के शोर से अमेरिका और जर्मनी समेत दुनिया भर के देश परेशान हैं. जानकारों का मानना है कि वर्ष 2024 में मंदी ने एक बार पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. बड़े से बड़े देश भी इस समय मंदी से जूझ रहे हैं. ऐसे में कई सेक्टरों की बुरी हालत हो गई है. महंगाई को कंट्रोल करने की सभी कोशिशें नाकाम होती नजर आ रही हैं. कच्चे तेल की कीमतें हों या खाद्य वस्तुओं को दाम, हर चीज पर महंगाई का असर है. पड़ोसी देश श्रीलंका और पाकिस्तान के हालात किसी से छिपे नहीं हैं. ऐसे में आज हम जानेंगे कौन से ऐसे 3 देश हैं जो इस समय महामंदी से जूझ रहे हैं. इसका असर अन्य देशों पर भी पड़ रहा है.
Table Of Content
श्रीलंका
आर्थिक मंदी
हालात खराब होने की क्या है वजह?
सेलोन बैंक कर्मचारी ने दिया बयान
जर्मनी
प्रमुख उद्योग संघ ने दी चेतावनी
जर्मनी में महामंदी की शुरुआत
जर्मनी में मंदी क�� क्या है कारण?
सुस्त रिकवरी
जर्मनी की अर्थव्यवस्था में गड़बड़ी में सुधार कब ?
जापान
क्या है बड़ी वजह?
श्रीलंका
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श्रीलंका ऐतिहासिक रूप से सीलोन के रूप में जाना जाता है. मई, 2024 में पहली बार श्रीलंका ने अपने लोन का भु���तान नहीं किया. इसके बाद हालात बदतर हो गए. यहां तक कि जनता सड़कों पर उतर आई. श्रीलंका इस समय 70 वर्षों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. श्रीलंका में मंदी साल 2019 से चल रही है और दिन पर दिन स्थिति खराब होती जा रही है. इस दौरान ईंधन की कीमतों में भी उछाल देखा गया, जो कमोबेश अब भी जारी है. खाद्य वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसकी वजह से हजारों लोग रोजाना भूखे रह रहे हैं. सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में सरकारी ऋण अब 101 प्रतिशत है और साल 2023 में इसका आंकड़ा 120 प्रतिशत तक पहुंच गया था. श्रीलंका विकास अद्यतन में इस बात पर रोशनी डाली गई है कि श्रीलंका में महंगाई में कमी आई है. नई नीतियों के लागू होने की वजह से कर में वृद्धि हुई है. 5 दशकों में पहली बार चालू खाता अधिशेष हुआ है, जिसे बढ़ी हुई धनराशि और पर्यटन में पुनः वृद्धि से बल मिला है. इसके बावजूद श्रीलंका के हालात सामान्य बेहद खराब स्थिति में हैं.
आर्थिक मंदी
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वर्ष 2022 की शुरुआत में श्रीलंका की स्थिति बद से बदतर नजर आई थी. महंगाई की दर आसमान छू रही थी. वस्तुओं की कीमतें अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गईं. विश्व बैंक की मानें तो श्रीलंका में 500,000 से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए. देश में खाने, दवा और ईंधन की कमी के साथ-साथ दैनिक ब्लैकआउट और अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी जा गई थी. ऐसी स्थिति को देखते हुए वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आर्थिक आपातकाल की घोषणा कर दी थी. इससे जूझ रहे लोगों के मन में गुस्सा भरा पड़ा. पुलिस और सुरक्षाबलों के तैनाती के बावजूद श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इसके बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया और सिंगापुर भाग गए. इन घटनाओं के बाद से तत्कालीन प्रधानमंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को 21 जुलाई को औपचारिक रूप से राष्ट्रपति चुना गया. विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई और कर्फ्यू लगा दिया गया.
हालात खराब होने की क्या है वजह?
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गौरतलब है कि सरकार ने इस संकट के लिए कोविड महामारी को जिम्मेदार ठहराया. कहा गया कि कोविड की वजह से पर्यटन उद्योग बर्बाद हो गया. श्रीलंका की विनाशकारी आर्थिक नीतियों को भी इसके लिए जिम्मेदार बताया गया. टैक्स में बड़ी कटौती के चलते सरकार को राजस्व में सालाना 1.4 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. रासायनिक फर्टिलाइज़र पर 2021 में प्रतिबंध से घरेलू स्तर पर खाद्य पदार्थों की कमी हुई. खर्च को कम करने के लिए सरकार ने सरकारी स्वा��ित्व वाले उद्यमों, जैसे श्रीलंका एयरलाइंस, श्रीलंका इंश्��ोरेंस कॉर्पोरेशन और श्रीलंका टेलीकॉम का निजीकरण करना शुरू कर दिया.
सेलोन बैंक कर्मचारी ने दिया बयान
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सेलोन बैंक के कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष अनुपा नानदुला ने मंदी पर बात करते हुए कहा कि सरकार को सुधारों का बोझ वेतन लेने वाले वर्ग और मध्यम वर्ग पर नहीं डालना चाहिए, जो पहले से ही आर्थिक संकट से प्रभावित हैं. उन्होंने आगे कहा कि श्रीलंका इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के निजीकरण के खिलाफ हाल ही में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. वो मानते हैं कि निजीकरण से नौकरियां कम होंगी और कर्मचारी वर्ग पर ज्यादा बोझ पड़ेगा. पिछले साल आर्थिक संकट के खिलाफ हुए प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से खत्म करने के बाद से ही श्रीलंका में प्रशासन बल का प्रयोग कर रही है.
जर्मनी
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दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी वाला देश जर्मनी एक बार फिर मंदी का शिकार है. जर्मनी की इकोनॉमी में दूसरी तिमाही में अचानक गिरावट देखने को मिली. जर्मनी की सकल घरेलू उत्पाद में पहली तिमाही की तुलना में 0.1 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली. यहां बता दें कि लगातार दो तिमाही में गिरावट को मंदी कहा जाता है. जर्मनी की अर्थव्यवस्था ��न दिनों गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है. कच्चे माल जैसे कि लिथियम पर बढ़ती निर्भरता और ऑर्डर की कमी से उसकी हालत साल 2009 की मंदी के बाद से सबसे खराब स्तर पर है. ऑर्डर की कमी से आर्थिक परेशानी और बढ़ रही है.
प्रमुख उद्योग संघ ने दी चेतावनी
जर्मनी के प्रमुख उद्योग संघ, फेडरेशन ऑफ जर्मन इंडस्ट्रीज ने इस मुद्दे को लेकर चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि जर्मनी की कच्चे माल, खासकर लिथियम के लिए आयात पर निर्भरता बढ़ रही है. उन्होंने आगे बताया कि अगर चीन से लिथियम का आयात रुक जाता है तो इससे जर्मनी की अर्थव्यवस्था को लगभग 115 अरब यूरो (122 अरब डॉलर) का नुकसान हो सकता है. जो औद्योगिक उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत है. वहीं, एक प्रमुख दैनिक समाचार ने बताया कि जर्मन सरकार को लगता है कि अर्थव्यवस्था लगातार दूसरे साल भी सिकुड़ेगी और उसने अपने पूर्वानुमानों में कटौती की है. औद्योगिक मंदी, कम निर्यात और बढ़ती ऊर्जा लागत को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. जर्मन अर्थव्यवस्था मंत्रालय को उम्मीद है कि 2024 में अर्थव्यवस्था लगातार दूसरे वर्ष सिकुड़ेगी. अब 0.3 प्रतिशत वृद्धि के अपने पूर्व अनुमान के बजाय 0.2 प्रतिशत संकुचन का अनुमान लगाया गया है.
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जर्मनी में महामंदी की शुरुआत
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जर्मनी में महामंदी की शुरुआत साल 1930 के दशक में आई. यह एक गंभीर वैश्विक आर्थिक मंदी थी, जिसमें जर्मनी सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था.
जर्मनी में मंदी का क्या है कारण?
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जर्मन अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि साल 2024 में भी जर्मनी की अर्थव्यवस्था सिकुड़ेगी. उसे अगले वर्ष में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जो पिछले पूर्वानुमान में 1 प्रतिशत थी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 तक अर्थव्यवस्था में 1.6% की वृद्धि होने की उम्मीद है. हालांकि, इस समय जिस तरह के हालात चल रहे हैं उससे इस आंकड़े को हासिल करना बेहद मुश्किल लग रहा है. जर्मनी में मंदी के कई वजह हो सकते हैं.
सुस्त रिकवरी
साल 2023 में जर्मनी संकुचन वाली एकमात्र प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्था होगी, जिसकी बड़ी वजह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध है. औद्योगिक मंदी, कम निर्यात ऑर्डर और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से जूझ रही है. ऐसा माना जा रहा था कि महंगाई में कमी और यूरोपीय केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती से इस साल एक बार फिर अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी, लेकिन घरेलू और विदेशी स्तर पर कमजोर मांग ने इन सकारात्मक कारकों को काफी हद तक नकार दिया.
जर्मनी की अर्थव्यवस्था में गड़बड़ी में सुधार कब ?
मंदी पर बात करते हुए जर्मनी के अर्थव्यवस्था मंत्री रॉबर्ट हैबेक ने बताया कि सरकार की प्रस्तावित विकास पहल आर्थिक सुधार लाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी.
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जापान
जापान की अर्थव्‍यवस्‍था के लिए समय अच्छा नहीं चल रहा है. देश की अर्थव्‍यवस्‍था लगातार गिरती हुई नजर आ रही है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था में जापान ने अपना स्थान खो दिया है. जापान अब चौथे स्थान पर आ गया है. एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि जापान धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्पादकता को खो रहा है. देश के सकल घरेलू उत्पाद में एक साल की तुलना में 2023 के अंतिम तीन महीनों में 0.4 प्रति��त की गिरावट आई है. इससे पहले पिछली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत गिरावट आई थी. गौरतलब है कि जापान के कैबिनेट कार्यालय के आंकड़े भी संकेत देते हैं कि जापान ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का अपना स्थान खो दिया है.
क्या है बड़ी वजह?
युवा आबादी
जापान की अर्थव्‍यवस्‍था में इतनी बड़ी गिरावट की सबसे मुख्य वजह युवा आबादी है. जापान में बच्चों के कम जन्म की वजह से जनसंख्या में युवा आबादी की संख्या कम हो गई है. ऐसे में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने अनुमान जताया है कि जापान चौथे स्थान पर आने वाला है. फिलहाल जापान की GDP, पिछले साल कुल 4500 अरब अमेरिकी डॉलर या लगभग 591000 अरब येन थी. जर्मनी ने पिछले महीने जीडपी 4400 अरब अमेरिकी डॉलर या 45000 अरब अमेरिकी डॉलर होने की घोषणा की थी.
जीडीपी में गिरावट
लगातार जीडीपी में गिरावट जापान को मंदी का शिकार बना रहा है. कैबिनेट कार्यालय के आंकड़ों की मानें तो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जापानी अर्थव्यवस्था में 0.4 प्रतिशत की सालाना दर से सिकुड़ गई है. ये पिछली तिमाही से 0 से 0.1 प्रतिशत कम है. साल 2023 के लिए जीडीपी पिछले साल की तुलना में 1.9 प्रतिशत बढ़ी थी. जापान ने अपने अर्थव्यवस्था को स्‍मॉल और मिड साइज के बिजनेस के माध्यम से आगे बढ़ाया है.
कोर इनफ्लेशन हाई
जापान में महंगाई बीते कुछ दिनों में कम हुई है, लेकिन कोर इनफ्लेशन रेट के आंकडे बढ़ते जा रहे हैं. केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत लक्ष्य से 15वें महीने भी ऊपर रही है. ऐसे में अब GDP के आंकड़े भी अनुमान से कम रहे हैं.Conclusion
कोविड महामारी के बाद से ही जापान, जर्मनी और श्रीलंका समेत कई देशों पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है. इसका असर सिर्फ 3 देशों पर ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ रहा है. मंदी का असर महंगाई और बेरोजगारी पर पर हो रहा है. इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग देशों के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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chemwhatin · 16 days ago
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sharemarket10 · 23 days ago
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सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक
सुजलॉन एनर्जी बांग्लादेश स्थित एक प्रमुख ऊर्जा कंपनी है जो प्राकृतिक गैस की खोज, उत्पादन और वितरण में शामिल है। कंपनी का गठन 2006 में विभिन्न राज्य स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनियों के विलय के माध्यम से किया गया था। आज, सुजलॉन एनर्जी बांग्लादेश में सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस उत्पादक है, जिसका घरेलू गैस उत्पादन में 60% से अधिक का योगदान है।
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कंपनी बांग्लादेश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में तीन गैस क्षेत्रों का संचालन करती है और गैस ट्रांसमिशन और वितरण पाइपलाइनों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से बिजली संयंत्रों, उर्वरक कारखानों, घरों और अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं को गैस की आपूर्ति करती है। सुजलॉन एनर्जी के गैस क्षेत्र प्रतिदिन लगभग 2,000-2,200 मिलियन क्यूबिक ��ीट का उत्पादन करते हैं। कंपनी कुछ अंतरराष्ट्रीय अन्वेषण और उत्पादन परियोजनाओं में भी शामिल है।
सुजलॉन एनर्जी का अधिकांश स्वामित्व बांग्लादेश सरकार के पास है, शेष शेयरों का ढाका और चटगांव स्टॉक एक्सचेंजों में सार्वजनिक रूप से कारोबार होता है। कंपनी 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और बांग्लादेश के ऊर्जा क्षेत्र और व्यापक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका घरेलू गैस उत्पादन देश के अधिकांश बिजली उत्पादन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देता है।
हालिया स्टॉक मूल्य इतिहास
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सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) के शेयर मूल्य में पिछले वर्ष के दौरान महत्वपूर्ण अस्थिरता देखी गई है। स्टॉक ने 2021 के अधिकांश समय में LKR 90-150 प्रति शेयर के बीच कारोबार किया।
मार्च 2022 में, सरकार द्वारा बिजली दरों में बढ़ोतरी को मंजूरी देने के बाद स्टॉक अचानक LKR 200 प्रति शेयर से अधिक हो गया। इस दर वृद्धि ने सीईबी को अपनी वित्तीय स्थिति और लाभप्रदता में सुधार करने की अनुमति दी। अप्रैल में स्टॉक 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर LKR 235 पर पहुंच गया।
हालाँकि, मई 2022 से सीईबी के स्टॉक में लगातार गिरावट शुरू हो गई। इस गिरावट में कई कारकों ने योगदान दिया:
1 . बेलगाम मुद्रास्फीति ने उपभोक्ता बिजली की मांग पर दबाव डाला है 2 . बढ़ती ब्याज दरों ने सीईबी की वित्तीय लागत में वृद्धि की 3 . ईंधन की लागत बढ़ गई, जिससे सीईबी के लाभ मार्जिन पर असर पड़ा 4 . श्रीलंका में आर्थिक मंदी के कारण व्यवसायों से बिजली की मांग कम हो गई
अगस्त 2022 तक, CEB का स्टॉक लगभग LKR 120 प्रति शेयर तक गिर गया था। निरंतर आर्थिक अनिश्चितता के बीच पिछले कुछ महीनों में इसने LKR 110-130 के बीच बग़ल में कारोबार किया है।
पिछले वर्ष सीईबी के शेयर मूल्य को प्रभावित करने वाली प्रमुख घटनाओं में टैरिफ बढ़ोतरी, बढ़ती लागत, गिरती बिजली की मांग और श्रीलंकाई आर्थिक संकट शामिल हैं। शुरुआती उछाल के बाद, स्टॉक नीचे की ओर ट्रेंड कर रहा है लेकिन हाल ही में एलकेआर 110-130 के बीच स्थिर हो गया है।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक वर्तमान स्टॉक मूल्य
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21 फरवरी, 2023 तक, सुजलॉन एनर्जी का शेयर मूल्य 18.10 INR पर बंद हुआ। यह 17 जून, 2022 को 52-सप्ताह के निचले स्तर 4.55 INR की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है। हालाँकि, यह 2 फरवरी, 2023 को पहुँचे 52-सप्ताह के उच्चतम 19.40 INR से नीचे बना हुआ है।
पिछले महीने में, सुजलॉन के शेयर की कीमत कुल मिलाकर ऊपर की ओर बढ़ रही है। जनवरी के अंत में 15 रुपये से नीचे गिरने के बाद, स्टॉक लगातार 18 रुपये से ऊपर चढ़ गया है। यह वृद्धि सुजलॉन में नए सिरे से निवेशकों की ��ुचि को दर्शाती है क्योंकि कंपनी का लक्ष्य पिछले संघर्षों से उबरना है।
स्टॉक की हालिया बढ़त में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों में सुजलॉन के ऋण पुनर्गठन प्रयास, भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बाजार के बारे में आशावाद और भविष्य के ऑर्डर में वृद्धि की संभावना शामिल है। हालाँकि, निष्पादन और लाभप्रदता को लेकर जोखिम बना हुआ है क्योंकि सुजलॉन ने अपना बदलाव जारी रखा है। स्टॉक में निकट अवधि में अस्थिरता देखी जा सकती है क्योंकि बाजार कंपनी की प्रगति का मूल्यांकन करता है।
बाजार पूंजीकरण
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फरवरी 2023 तक, एसजेएल एनर्जी का बाजार पूंजीकरण लगभग $45 बिलियन है। यह एसजेएल एनर्जी को एक लार्ज-कैप कंपनी बनाता है, क्योंकि 10 बिलियन डॉलर से अधिक के मार्केट कैप को लार्ज-कैप माना जाता है।
एसजेएल एनर्जी का मार्केट कैप इसे प्रमुख ऊर्जा कंपनियों के उच्च स्तर पर रखता है। संदर्भ के लिए, अन्य बड़ी ऊर्जा कंपनियों और उनके बाजार पूंजीकरण में शामिल हैं:
1.  एक्सॉनमोबिल – $380 बिलियन 2. शेवरॉन – $270 बिलियन 3 .रॉयल डच शेल – $170 बिलियन 4. बीपी – $110 बिलियन
इसलिए उद्योग के प्रतिस्पर्धियों की तुलना में एसजेएल एनर्जी का बाजार पूंजीकरण काफी बड़ा है, लेकिन यह अभी भी एक्सॉन और शेवरॉन जैसे तेल और गैस “सुपरमेजर” से छोटा है। बड़े मार्केट कैप से संकेत मिलता है कि एसजेएल एनर्जी ऊर्जा क्षेत्र में एक अच्छी तरह से स्थापित और प्रमुख खिलाड़ी है।
कंपनी का उच्च मूल्यांकन एक अत्यधिक लाभदायक एकीकृत ऊर्जा कंपनी के रूप में इसकी स्थिति को दर्शाता है जो अन्वेषण से लेकर अंतिम-उपयोगकर्ता बिक्री तक उद्योग के सभी पहलुओं में शामिल है। निवेशक एसजेएल एनर्जी की संभावनाओं और भविष्य की कमाई की संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक  आयतन
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सुजलॉन एनर्जी के शेयरों का भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सक्रिय रूप से कारोबार होता है। कंपनी के पास उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम है, जो निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण तरलता का संकेत देता है।
2022 में, सुजलॉन ने एनएसई पर प्रति दिन औसतन 150 मिलियन से अधिक शेयरों का कारोबार किया। यह दैनिक मात्रा पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ गई है, जो 2021 में प्रति दिन लगभग 50 मिलियन शेयरों से बढ़ रही है।
उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम सुजलॉन स्टॉक में निवेशकों की रुचि और गतिविधि को दर्शाता है। यह यह भी इंगित करता है कि खरीदार और विक्रेता शेयर की कीमत पर बहुत अधिक प्रभाव डाले बिना कुशलतापूर्वक व्यापार निष्पादित कर सकते हैं।
उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम आम तौर पर संकेत देता है कि स्टॉक तरल है। तरलता निवेशकों के लिए जोखिम कम करती है क्योंकि यह पदों में तेजी से प्रवेश करने और बाहर निकलने की क्षमता प्रदान करती है। इससे शेयर की कीमत अधिक स्थिर हो जाती है और बड़े ऑर्डर से अस्थिरता की संभावना कम हो जाती है।
महत्वपूर्ण तरलता बड़े संस्थागत निवेशकों को सुजलॉन एनर्जी में बड़े स्थान लेने ��ें सक्षम बनाती है। साथ ही, खुदरा निवेशक भी वांछित मात्रा में शेयरों का कुशलतापूर्वक व्यापार कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, सुजलॉन एनर्जी की उच्च ट्रेडिंग मात्रा और तरलता इसे भारत में सक्रिय रूप से कारोबार करने वाले शेयरों के बीच अनुकूल स्थिति में रखती है। यह इसे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तरलता चाहने वाले निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
मूल्यांकन
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सुजलॉन एनर्जी के मौजूदा मूल्यांकन मेट्रिक्स उद्योग के औसत की तुलना में कम मूल्य वाले स्टॉक का संकेत देते हैं।
कंपनी का पिछला 12-महीने का पी/ई अनुपात 8.5 है, जबकि उद्योग का औसत 16 है। इससे पता चलता है कि सुजलॉन का शेयर कमाई से छूट पर कारोबार कर रहा है।
इसी तरह, सुजलॉन का वर्तमान पी/बी अनुपात उद्योग के औसत 2.5 के मुकाबले सिर्फ 1.1 है। यह कम पी/बी अनुपात दर्शाता है कि बाजार मूल्य कंपनी के बुक वैल्यू से कम है।
प्रतिस्पर्धियों से तुलना करने पर सुजलॉन का पी/ई और पी/बी अनुपात भी अनुकूल है। उदाहरण के लिए:
सुजलॉन पी/ई: 8.5x
वेस्टास विंड सिस्टम्स पी/ई: 29.8x
सुजलॉन पी/बी: 1.1x
सीमेंस गेम्स पी/बी: 2.3x
कम मूल्यांकन अनुपात से संकेत मिलता है कि निवेशक सुजलॉन की भविष्य की आय क्षमता को कम आंक रहे हैं। यदि कंपनी विकास योजनाओं पर अमल कर सकती है, तो स्टॉक में मौजूदा स्तरों से काफी तेजी आ सकती है।
कुल मिलाकर, पारंपरिक मूल्यांकन मेट्रिक्स सुजलॉन एनर्जी को पवन टरबाइन विनिर्माण उद्योग में एक आकर्षक कीमत वाले स्टॉक के रूप में स्थापित करता है।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक मूल्य विश्लेषक रेटिंग
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श्रीलंका एनर्जी को पिछले वर्ष स्टॉक पर तेजी और मंदी के दृष्टिकोण के साथ विश्लेषकों की मिश्रित सिफारिशें मिली हैं।
स्टॉक को कवर करने वाले अधिकांश विश्लेषक इसे खरीदें या मजबूत खरीदें की दर देते हैं। स्टॉक पर औसत 12-महीने का मूल्य लक्ष्य $45 है, जो मौजूदा शेयर मूल्य से 15% अधिक दर्शाता है।
अक्षय ऊर्जा में कंपनी के निवेश और इसके उपयोगिता व्यवसाय से स्थिर नकदी प्रवाह का हवाला देते हुए, बुलिश विश्लेषकों को श्रीलंका एनर्जी के लिए महत्वपूर्ण विकास क्षमता दिखाई देती है। उनका मानना ​​है कि विकास परिदृश्य को देखते हुए शेयर आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है।
जेपी मॉर्गन ने हाल ही में श्रीलंका एनर्जी को ओवरवेट में अपग्रेड किया है और उनका मूल्य लक्ष्य बढ़ाकर $50 कर दिया है। विश्लेषक का मानना ​​है कि कंपनी को श्रीलंका और पड़ोसी देशों में सहायक नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों से लाभ होगा। उन्हें अगले 3-5 वर्षों में 10% वार्षिक ईपीएस वृद्धि की उम्मीद है।
इस बीच, मंदी के विश्लेषक नियामक जोखिमों और निष्पादन चुनौतियों पर आगाह करते हैं। मैक्वेरी ने श्रीलंका एनर्जी को डाउनग्रेड करके न्यूट्रल कर दिया और उनके मूल्य लक्ष्य को घटाकर $38 कर दिया। उनका तर्क है कि बढ़ती ब्याज दरें स्टॉक के मूल्यांकन पर असर डालेंगी।
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कुल मिलाकर, वॉल स्ट्रीट श्रीलंका एनर्जी को लेकर सतर्क रूप से आशावादी बना हुआ है। स्टॉक को कवर करने वाले अधिकांश विश्लेषक इसे खरीदने की रेटिंग देते हैं, उन्हें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में सौर, पवन और जलविद्युत में इसके निवेश से विकास को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन नियामक जोखिम चिंता का विषय बने हुए हैं।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक मूल्य ग्रोथ आउटलुक
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सीलोन एनर्जी प्रबंधन ने कंपनी की रणनीतिक योजनाओं के आधार पर अगले कुछ वर्षों के लिए मजबूत विकास मार्गदर्शन प्रदान किया है।
कंपनी अगले 3 वर्षों में सालाना 15-20% राजस्व वृद्धि का अनुमान लगा रही है, जो एशिया में निरंतर विस्तार और नए उत्पाद परिचय से प्रेरित है।
अगले 3 वर्षों में प्रति शेयर आय 20-25% सालाना बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि सीलोन एनर्जी पैमाने की अर्थव्यवस्था हासिल करती है और आर का लाभ उठाती है।
कंपनी द्वारा कार्यशील पूंजी प्रबंधन में सुधार के कारण परिचालन नकदी प्रवाह में सालाना 10-15% की वृद्धि होने का अनुमान है। यह विकास पहलों में निरंतर निवेश का समर्थन करेगा।
प्रबंधन मार्जिन विस्तार के लिए भी महत्वपूर्ण गुंजाइश देखता है, लागत अनुकूलन प्रयासों के माध्यम से प्रति वर्ष EBITDA मार्जिन सुधार के 100-200 आधार अंक का लक्ष्य रखता है।
प्रमुख विकास चालकों में सीलोन एनर्जी का चीन, भारत और अन्य एशियाई बाजारों में प्रवेश, इसके नए उच्च दक्षता वाले सौर उत्पादों को अपनाना और सौर पैनल की बिक्री से परे समाधान/सेवा मॉडल में इसका परिवर्तन शामिल है। हालाँकि, विकास निरंतर निष्पादन और व्यापक आर्थिक स्थितियों पर निर्भर है।
जोखिम
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कुछ प्रमुख जोखिम जो एसजेएल के शेयर मूल्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं उनमें शामिल हैं:
बढ़ती ईंधन लागत – एक ऊर्जा कंपनी के रूप में, एसजेएल की लाभप्रदता ईंधन लागत में उतार-चढ़ाव के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। यदि तेल, प्राकृतिक गैस या कोयले की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि होती है, तो इससे मार्जिन कम हो सकता है।
विनियामक परिवर्तन – ऊर्जा उद्योग अत्यधिक विनियमित है। कोई भी नया पर्यावरण नियम या अनुमति प्रक्रियाओं में बदलाव एसजेएल के संचालन और लाभप्रदता को प्रभावित कर सकता है।
मुकदमे और कानूनी अनुपालन – ऊर्जा कंपनियों को अक्सर पर्यावरणीय मुद्दों, कार्यस्थल सुरक्षा आदि से संबंधित मुकदमों का सामना करना पड़ता है। एसजेएल के खिलाफ कोई भी बड़ा कानूनी निर्णय स्टॉक की कीमत को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्राकृतिक आपदाएँ – एसजेएल का संचालन तूफान, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं वाले क्षेत्रों में होता है। सुविधाओं में कोई भी बड़ा व्यवधान स्टॉक पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
उच्च ऋण भार – एसजेएल पर महत्वपूर्ण ऋण दायित्व हैं। इससे वित्तीय लचीलापन कम हो जाता है और ब्याज दरें बढ़ने ��ा नकदी प्रवाह घटने पर जोखिम बढ़ जाता है।
प्रतिस्पर्धा – ऊर्जा उद्योग अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है। किसी भी बाजार हिस्सेदारी की हानि या प्रतिस्पर्धी खतरा एसजेएल के विकास प्रक्षेपवक्र और मूल्यांकन को कम कर सकता है।
कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव – तेल, प्राकृतिक गैस और कोयले की कीमतों में अस्थिरता राजस्व, मुनाफे और अंततः एसजेएल के स्टॉक मूल्य में अस्थिरता का कारण बन सकती है।
सुजलॉन एनर्जी का स्टॉक मूल्य निवेश थीसिस
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सीलोन एनर्जी पीएलसी (सीएसई:सीईवाईपी) श्रीलंका की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनी है जो पेट्रोलियम शोधन और विपणन में लगी हुई है। सीईवाईपी विकास और लाभांश का मिश्रण प्रदान करता है, लेकिन जोखिम भी लेकर आता है।
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बुलिश केस
1. श्रीलंका में प्रमुख बाज़ार स्थिति और व्यापक वितरण नेटवर्क 2.  रिफाइनरी परियोजनाओं से विकास को गति मिलने की उम्मीद है 3. हाल ही में हंबनटोटा बंदरगाह में टर्मिनल परिचालन शुरू किया गया 4. क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उचित मूल्यांकन पर व्यापार 5. 5% की आकर्षक लाभांश उपज प्रदान करता है
मंदी का मामला 
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मूल्य नियंत्रण के साथ अत्यधिक विनियमित उद्योग
 श्रीलंकाई रुपए के अवमूल्यन के कारण विदेशी मुद्रा हानि
बढ़ती ब्याज दर के माहौल में उच्च ऋण स्तर चिंता का विषय हो सकता है
सरकारी नीतियां और कर लाभप्रदता को प्रभावित करते हैं
रिफाइनरियों में कटौती और रखरखाव बंद होने से परिचालन प्रभावित होता है
अंतिम सिफ़ारिश
CEYP मध्यम से दीर्घकालिक दृष्टिकोण वाले निवेशकों के लिए विकास और आय का अच्छा मिश्रण प्रदान करता है। कंपनी नई रिफाइनिंग क्षमता वृद्धि और टर्मिनल परिचालन से लाभान्वित होने के लिए तैयार है। हालाँकि, विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव, उच्च ऋण और नियामक मुद्दे जैसे जोखिम वित्तीय प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
निवेशकों को इन चुनौतियों के मुकाबले सीईवाईपी की प्रमुख बाजार स्थिति का आकलन करना चाहिए। कुल मिलाकर, श्रीलंका में व्यापक आर्थिक जोखिमों के साथ सहज दीर्घकालिक निवेशकों के लिए CEYP उचित रूप से मूल्यवान प्रतीत होता है। 5% लाभांश उपज ए�� आकर्षक नियमित आय भी प्रदान करती है।
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latestnewsandjokes · 1 month ago
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बजट पूर्व बैठक में फोकस 7-8% वृद्धि का पुनरुद्धार
नई दिल्ली: मंगलवार को पीएम मोदी के साथ अर्थशास्त्रियों की बैठक में वैश्विक चुनौतियों, भू-राजनीतिक तनावों की पृष्ठभूमि में 7-8% की वृद्धि दर हासिल करने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया गया कि देश 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करने की राह पर बना रहे। .विषय के तहत बजट पूर्व परामर्श में – ‘वैश्विक अनिश्चितता के समय में भारत की विकास गति को बनाए रखना’ – पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि…
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rightnewshindi · 2 months ago
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दुनिया के नक्शे से गायब होने वाला पहला देश बन सकता है साउथ कोरिया, जानें क्यों
Sauth Korea News: दक्षिण कोरिया, जो कभी अपने तेज़ आधुनिकीकरण और आर्थिक विकास के लिए जाना जाता था, अब गंभीर जनसंख्या संकट का सामना कर रहा है। देश की जन्म दर ऐतिहासिक रूप से कम हो गई है, जिससे इस सदी के अंत तक इसकी आबादी दो-तिहाई तक घटने का खतरा है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर सकता है और दक्षिण कोरिया के समाज को नया आकार दे सकता है। यह समस्या 1960 के दशक में शुरू…
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agra24 · 2 months ago
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आगरा: तीन दिवसीय उत्पाद प्रदर्शनी एवं ट्रेड फेयर का आयोजन, पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी होंगे सहभागी
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आगरा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के विकास कार्यालय द्वारा तीन दिवसीय उत्पादों की प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 3 दिसंबर से 5 दिसंबर 2024 तक एमएसएमई तकनीकी विकास केंद्र (पीपीडीसी), फाउंड्री नगर, हाथरस रोड पर होगा। एमएसएमई के उपनिदेशक श्री बी.के. यादव ने जानकारी दी कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 3 दिसंबर को होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को प्रोत्साहन और उनके उत्पादों को बेहतर विपणन मंच उपलब्ध कराना है। इस आयोजन के जरिए कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की जा रही है। पीएम-विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर 2023 को लॉन्च की गई पीएम-विश्वकर्मा योजना अपनी पहली वर्षगांठ मना रही है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इनमें लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मूर्तिकार, राजमिस्त्री और दर्जी सहित 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय शामिल हैं। प्रदर्शनी के प्रमुख आकर्षण प्रदर्शनी में 22 जिलों के 60 स्टॉल शामिल होंगे, जिनमें पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी अपने उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। इन स्टॉल पर कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शन होगा। कारीगरों और उनके सहायकों को तीन दिनों के लिए निम्नलिखित सुविधाएं दी जाएंगी: - मानदेय: प्रत्येक लाभार्थी को रु. 500 प्रतिदिन की दर से कुल रु. 1500 दिए जाएंगे। - यात्रा व्यय: आने-जाने के लिए अधिकतम रु. 1000 तक का किराया व्यय सीधे बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। - रहने और खाने की व्यवस्था: कारीगरों और उनके एक सहायक के लिए तीन दिनों तक निःशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्था की गई है। पारंपरिक कारीगरों को मिलेगा बढ़ावा श्री बी.के. यादव ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए एक बेहतर मंच मिलेगा। साथ ही, उनकी दक्षता को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ भी पहुंचाया जाएगा। यह कदम न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार करेगा, बल्कि उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा। आगरा के लिए गर्व का क्षण यह प्रदर्शनी न केवल आगरा के लिए बल्कि आसपास के जिलों के कारीगरों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। प्रदर्शनी में आगरा के साथ-साथ आसपास के जिलों के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इस तीन दिवसीय मेले में सभी नागरिकों से भाग लेने और पारंपरिक भारतीय शिल्प और कारीगरी को प्रोत्साहन देने की अपील की गई है।   Read the full article
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ajayrealestate · 2 months ago
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PM Awas Yojana Gramin
विवरण:
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G), जो 1 अप्रैल 2016 को शुरू की गई थी, ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) का एक प्रमुख मिशन है. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) इसका कार्यान्वयन करता है। PMAY-G का लक्ष्य सभी बेघर परिवारों और कच्चे या जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ एक पक्का घर देना है। PMAY-G ग्रामीण आवास की कमी को दूर करता है और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी को पूरा करता है, जो "सभी के लिए आवास" के मिशन में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। PMAY-G के तहत घरों का आकार कम से कम 25 वर्ग मीटर होना चाहिए, 
जिसमें स्वच्छ खाना पकाने के लिए एक अलग स्थान है। 27 सितंबर 2022 तक, 2.72 करोड़ घरों के कुल लक्ष्य में से 2.00 करोड़ घर बनाए गए थे। सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) के मापदंडों द्वारा लाभार्थियों की पहचान की जाती है, जो ग्रामसभाओं द्वारा सत्यापित की जाती है। यह धन सीधे लाभार्थी के आधार से जुड़े बैंक या डाकघर खाते में भेजा जाता है। PMAY-G को अगले दो वर्षों, यानी 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
जिसमें स्वच्छ खाना पकाने के लिए एक अलग जगह है। 27 सितंबर 2022 तक, कुल लक्ष्य 2.72 करोड़ घरों में से 2.00 करोड़ घर बनाए गए थे। लाभार्थियों की पहचान ग्रामसभाओं द्वारा सत्यापित की जाती है और सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) के मापदंडों द्वारा की जाती है। लाभार्थी के आधार से सीधे जुड़े बैंक या डाकघर खाते में धन भेजा जाता है। PMAY-G को 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
फ़ायदे: 
मैदानी क्षेत्रों को ₹ 1,20,000 प्रति इकाई की आर्थिक सहायता; पहाड़ी, दुर्गम और आईएपी जिलों (हिमालयी राज्यों, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू और कश्मीर संघ शासित प्रदेशों) को ₹ 1,30,000 प्रति इकाई की आर्थिक सहायता।
स्थायी घर बनाने के लिए ₹ 70,000 तक का संस्थागत वित्त, या ऋण, इच्छुक लाभार्थी को 3% कम ब्याज दर पर मिल सकता है। सब्सिडी का सबसे अधिक मूल्य ₹ 2,00,000 है।
घर का कम से कम २५ वर्ग मीटर का आकार होगा, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने के लिए एक अलग क्षेत्र होगा।
लाभार्थियों को स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) के साथ मिलकर शौचालय बनाने के लिए 12,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलती है।
मनरेगा के अभिसरण में लाभार्थी को 95 दिनों तक 90.95 रुपये प्रतिदिन की दर से अकुशल श्रमिक (ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण) के रूप में काम मिलेगा।
स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SSBM-G) के साथ मिलकर, लाभार्थियों को शौचालय बनाने के लिए 12,000 रुपये तक की धनराशि दी जाती है।
मनरेगा के अभिसरण में लाभार्थी को 95 दिनों तक अकुशल श्रमिक (ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण) के रूप में 90.95 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे।
पीएमएवाई-जी पात्र लाभार्थियों में सभी बेघर परिवार शामिल होंगे जो एक या दो कमरों वाले शून्य दीवारों और कच्ची छतों वाले मकानों में रहते हैं (एसईसीसी आंकड़ों के अनुसार और बहिष्करण प्रक्रिया के अधीन)।
स्वचालित या अनिवार्य समावेशन के मानदंड: 1. आश्रय विहीन परिवार; 2. भिक्षा पर या निराश्रित व्यक्ति; 3. मैनुअल स्कैवेंजर; 4. आदिम जनजातीय समूह; 5. कानूनी रूप से रिहा बंधुआ मजदूर
PMAY-G पात्र लाभार्थियों में सभी बेघर परिवार शामिल होंगे जो शून्य दीवारों और कच्ची छतों वाले एक या दो कमरों वाले घरों में रहते हैं (एसईसीसी आंकड़ों के अनुसार और बहिष्करण प्रक्रिया के अधीन)।
स्वचालित या अनिवार्य समावेशन मानदंड निम्नलिखित हैं: 
1. आश्रय विहीन परिवार;
2. निराश्रित या भिक्षा पर व्यक्ति;
3. उपयोगी स्कैवेंजर;
4. प्राचीन जनजातीय समूह;
5. कानूनी रूप से रिहा किए गए बंधुआ कर्मचारी
आवेदन प्रक्रिया
PMAY-G पात्र लाभार्थियों में सभी बेघर परिवार शामिल होंगे जो शून्य दीवारों और कच्ची छतों वाले एक या दो कमरों वाले घरों में रहते हैं (एसईसीसी आंकड़ों के अनुसार और बहिष्करण प्रक्रिया के अधीन)।
स्वचालित या अनिवार्य समावेशन मानदंड निम्नलिखित हैं: 
1. आश्रय विहीन परिवार;
2. निराश्रित या भिक्षा पर व्यक्ति;
3. उपयोगी स्कैवेंजर;
4. प्राचीन जनजातीय समूह;
5. कानूनी रूप से रिहा किए गए बंधुआ कर्मचारी
लाभार्थी पंजीकरण मैनुअल (https://pmayg.nic.in/netiayHome/Document/Document-PMAYG-Registratio-Manual) पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।PDF लाभार्थी पंजीकरण प्रक्रिया में चार भाग हैं:
व्यक्तिगत, बैंक खाता, अभिसरण और संबंधित कार्यालयों से विवरण
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PMAY-G में शामिल होने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
व्यक्तिगत विवरण अनुभाग में आवश्यक जानकारी भरें, जैसे आधार संख्या, मोबाइल नंबर और लिंग. आधार संख्या का उपयोग करने के लिए आवश्यक सहमति पत्र अपलोड करें।
खोज बटन पर क्लिक करके लाभार्थी का नाम, पीएमएवाई आईडी और प्राथमिकता प्राप्त करें।
"पंजीकरण हेतु चयन करें" पर क्लिक करें।
लाभार्थी का विवरण स्वचालित रूप से बनाया जाएगा और दिखाया जाएगा।
PMAY-G पात्र लाभार्थियों में सभी बेघर परिवार शामिल होंगे जो शून्य दीवारों और कच्ची छतों वाले एक या दो कमरों वाले घरों में रहते हैं (एसईसीसी आंकड़ों के अनुसार और बहिष्करण प्रक्रिया के अधीन)।
स्वचालित या अनिवार्य समावेशन मानदंड निम्नलिखित हैं: 
1. आश्रय विहीन परिवार;
2. निराश्रित या भिक्षा पर व्यक्ति;
3. उपयोगी स्कैवेंजर;
4. प्राचीन जनजातीय समूह;
5. कानूनी रूप से रिहा किए गए बंधुआ कर्मचारी
अब लाभार्थी के अतिरिक्त विवरण भरें, जैसे स्वामित्व का प्रकार, संबंध, आधार संख्या आदि।
लाभार्थी की आधार संख्या का उपयोग करने के लिए आवश्यक सहमति प्रपत्र अपलोड करें. अगले अनुभाग में, लाभार्थी का नाम, बैंक खाता संख्या आदि का विवरण जोड़ें।
लाभार्थी को ऋण लेना चाहते हैं, तो "हां" चुनें और आवश्यक राशि दर्ज करें।
अगले भाग में लाभार्थी का स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) नंबर और मनरेगा जॉब कार्ड नंबर दर्ज करें।
संबंधित कार्यालय अंतिम भाग भरेगा।
आवश्यक दस्तावेज़
PMAY-G पात्र लाभार्थियों में सभी बेघर परिवार शामिल होंगे जो शून्य दीवारों और कच्ची छतों वाले एक या दो कमरों वाले घरों में रहते हैं (एसईसीसी आंकड़ों के अनुसार और बहिष्करण प्रक्रिया के अधीन)।
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1. आश्रय विहीन परिवार;
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3. उपयोगी स्कैवेंजर;
4. प्राचीन जनजातीय समूह;
5. कानूनी रूप से रिहा किए गए बंधुआ कर्मचारी
आवश्यक आधार संख्या और आधार कार्ड की स्व-सत्यापित प्रति (यदि आवेदक अशिक्षित है, तो उसे अंगूठे के निशान के साथ सहमति पत्र मिलना चाहिए)
मनरेगा के साथ विधिवत पंजीकृत जॉब कार्ड बैंक खाते का विवरण, मूल और नकली दोनों।
स्वच्छ भारत मिशन (SSBM) की आंकड़े
हलफनामा जिसमें लाभार्थी या उसके परिवार के सदस्यों को पक्का घर नहीं है
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deshbandhu · 3 months ago
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China Par Nirbharata Kam Karane ke Lie Germany ko Bharat se Ummeed
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स इस हफ्ते भारत के दौरे पर हैं. जर्मनी उम्मीद कर रहा है कि भारत के बड़े बाजार में बढ़ी हुई पहुंच से जर्मनी की चीन पर निर्भरता कम होगी, भले ही भारत "नया चीन" न बने.
कारों से लेकर लॉजिस्टिक्स तक, जर्मन कंपनियों को भारत के विकास की संभावनाओं से बड़ी उम्मीद है. वे कुशल युवाओं की बड़ी संख्या, सस्ती लागत और करीब 7 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर का फायदा उठाना चाहती हैं. इसी उम्मीद में जर्मनीके चांसलर ओलाफ शॉल्त्स एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत पहुंच रहे हैं.
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airnews-arngbad · 4 days ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date 20 January 2025 Time 11.00 to 11.05 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक: २० जानेवारी २०२५ सकाळी ११.०० वाजता.
जागतिक आर्थिक मंचाची ५५वी वार्षिक बैठक आज स्वित्झर्लंडमधल्या दावोस इथं सुरु होत आहे. या पाच दिवसांच्या कार्यक्रमात समावेशक विकास आणि डिजिटल क्रांतीच्या भारतीय मॉडेलविषयी विशेष चर्चा केली जाईल, माहिती आणि प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, जलशक्ती मंत्री सी आर पाटील, नागरी विमान वहातूक मंत्री के राम मोहन नायडू हे अन्न प्रक्रिया उद्योग मंत्री चिराग पासवान, कौशल्य विकास आणि उद्योजकता राज्यमंत्री जयंत चौधरी यांच्यासह भारतीय शिष्टमंडळाचं नेतृत्व करतील. भारताच्या प्रभावी आर्थिक विकास दराने प्रमुख क्षेत्रांमध्ये उल्लेखनीय विकासासह, संपूर्ण जगाचं लक्ष वेधून घेतलं आहे आणि देशाला जागतिक स्तरावर एक अग्रगण्य स्थान मिळाल्याचं वृत्त आहे. दरम्यान, जागतिक आर्थिक मंचाच्या परिषदेत सहभागी होण्यासाठी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस काल स्वित्झर्लंडमध्ये दाखल झाले. बृहन महाराष्ट्र मंडळाच्या वतीनं तसंच विविध संस्थांच्या वतीने त्यांचं उत्साहात स्वागत करण्यात आलं. स्थानिक मराठी मंडळींनी पारंपरिक पद्धतीने लेझीम खेळत, मराठी गौरवगीत सादर केलं. मुख्यमंत्र्यांनी उपस्थित मराठी बंधू-भगिनींशी मनमोकळा संवाद साधला.
समाजातल्या प्रत्येक घटकाच्या गरजा ओळखून त्यांना एकत्रित घेऊन पुढे गेलो तर भारत निश्चितच एक आदर्श देश म्हणून जगासमोर येईल, असं प्रतिपादन राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन यांनी केलं आहे. दिव्‍यांग बांधवांना समाजाच्‍या मुख्‍य प्रवाहात आणत त्‍यांचं सक्षमीकरण करण्‍याच्‍या उद्देशाने, पिंपरी चिंचवड महापालिका दिव्यांग भवनाच्या वतीने आयोजित पर्पल जल्‍लोष कार्यक्रमाचा समारोप राज्यपालांच्या उपस्थितीत झाला, त्यावेळी ते बोलत होते. हा सोहळा म्हणजे दिव्यांग व्यक्तींच्या प्रबळ इच्छाशक्तीचा केलेला सन्मान असल्याचं त्यांनी नमूद केलं. या कार्यक्रमाला जिल्हा प्रशासन आणि महापालिकेच्या विविध विभागाचे अधिकारी, दिव्यांगांसाठी काम करणाऱ्या स्वयंसेवी संस्थांचे प्रतिनिधी उपस्थित होते.
महाराष्ट्राचा विकास हेच आपलं ध्येय असून, त्यापासून तसूभरही मागं हटायचं नाही, असं आवाहन राष्ट्रवादी काँग्रेसचे अध्यक्ष आणि उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांनी केलं आहे. शिर्डी इथं पक्षाच्या नवसंकल्प शिबिराच्या समारोप सत्रात ते बोलत होते. राष्ट्रवादी काँग्रेस हा सर्व धर्मांचा आदर करणारा आहे, हे कृतीतून दिसावं, हा पक्ष नेत्यांपेक्षा कार्यकर्त्यांचा आहे, हे ठसवण्यासाठी काम करा, असा सल्लाही पवार यांनी कार्यकर्त्यांना दिला.
रेल्वे सुरक्षा दलानं गेल्या चार वर्षांमध्ये ५८६ बांगलादेशी नागरिक आणि ३१८ रोहिंग्यांना पकडलं आहे. आसाममधून भारतात बेकायदा पद्धतीनं येणारे बहुतांश लोक रेल्वेने देशाच्या इतर भागात जातात. हे थांबवण्यासाठी सीमासुरक्षा दल, स्थानिक पोलीस आणि गुप्तचर पथकांच्या मदतीनं रेल्वे सुरक्षा दल प्रयत्न करत असल्याची माहिती रेल्वे मंत्रालयानं दिली आहे.
देशाच्या ७६ व्या प्रजासत्ताक दिनानिमित्त येत्या २६ जानेवारीला ध्वजारोहणाचा मुख्य शासकीय समारंभ राज्यभर एकाच वेळी सकाळी सव्वा नऊ वाजता आयोजित करण्यात येणार आहे. या मुख्य शासकीय समारंभात निमंत्रितांना सहभागी होता यावं यासाठी या दिवशी सकाळी साडे आठ ते दहा या दरम्यान ध्वजारोहणाचा किंवा इतर कोणताही शासकीय किंवा निमशासकीय समारंभ आयोजित करण्यात येऊ नये, असं राजशिष्ट��चार विभागामार्फत कळवण्यात आलं आहे. मुंबई इथल्या मुख्य शासकीय समारंभात राज्यपालांच्या हस्ते आणि मुख्यमंत्र्यांच्या उपस्थितीत दादर इथल्या शिवाजी पार्क इथं ध्वजारोहण सोहळा आणि समारंभपूर्वक संचलन कार्यक्रम होईल. प्रत्येक जिल्हा मुख्यालयात पालकमंत्र्यांच्या हस्ते ध्वजारोहण होईल.
भारतीय संस्कृतीच्या प्रतिकांचं संवर्धन करत राष्ट्रीय एकतेच्या पुनर्स्थापनेचं कार्य पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होळकर यांनी केलं, असं प्रतिपादन राष्ट्र सेविका समितीच्या प्रमुख संचालिका व्ही. शांताक्का यांनी नुकतंच पुण्यात केलं. एकता मासिक आणि राष्ट्र सेविका समितीच्या वतीने आयोजित अहिल्यादेवी विशेषांकाच्या प्रकाशन समारंभात त्या बोलत होत्या. विधान परिषदेचे सभापती राम शिंदे, विवेक समुहाचे प्रबंध संपादक दिलीपराव करंबळेकर, यांच्यासह अन्य मान्यवर यावेळी उपस्थित होते. अहिल्यादेवींनी त्या काळात केलेलं असामान्य कर्तृत्त्व आजही दीपस्तंभासारखं आहे असं राम शिंदे यावेळी म्हणाले.
नांदेड जिल्ह्यातल्या सर्व पोलीस ठाण्याच्या प्रभारी अधिकाऱ्यांना दर शनिवारी नागरिकांच्या तक्रार निवारण्याकरता पोलीस अधीक्षक अबिनाश कुमार यांनी विशेष मोहीम राबवण्याचे आदेश दिले होते. त्यानुसार परवा शनिवारी राबवलेल्या मोहिमेत ४१० अर्ज निकाली काढण्यात आले.
सरपंच संतोष देशमुख हत्या प्रकरणाशी संबंधित खंडणीच्या गुन्ह्यांमध्ये अटक करण्यात आलेल्या वाल्मिक कराडला आज न्यायालयात हजर करण्यात येणार आहे. कराडची सात दिवसांची पोलिस कोठडी आज संपत आहे.
पहिल्या खो-खो विश्वचषक स्पर्धेत भारतीय महिला ��णि पुरुष संघ अजिंक्य ठरले. दिल्लीत इथं काल झालेल्या अंतिम सामन्यात भारतीय महिला संघाने नेपाळचा ७८ विरुद्ध ४० असा, तर भारतीय पुरुष संघानेही नेपाळचाच ५४ विरुद्ध ३६ असा पराभव केला.
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