#पीएम-विश्वकर्मायोजना
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तीन दिवसीय पीएम विश्वकर्मा प्रदर्शनी: शिल्पकारों के हुनर को विकसित करने का मंच
हाथरस रोड स्थित एमएसएमई-टीडीसी (पीपीडीसी), फाउंड्री नगर में तीन दिवसीय पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत आयोजित प्रदर्शनी और व्यापार मेले का उद्घाटन जिलाधिकारी श्री अरविंद मलप्पा बंगारी ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ऐसी पहल शिल्पकारों और कारीगरों के कौशल को न केवल निखारती है बल्कि उनके उत्पादों को बड़े स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर भी प्रदान करती है। शिल्पकारों के लिए महत्वपूर्ण पहल जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में पीएम विश्वकर्मा योजना को प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि यह शिल्पकारों और कारीगरों को आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी क्षमता बढ़ाने में मददगार है। इस योजना के अंतर्गत 18 ट्रेडों को शामिल किया गया है, जिसमें दर्जी और राजमिस्त्री जैसे कामगार अधिक पंजीकृत हो रहे हैं। उन्होंने अन्य ट्रेड्स के कारीगरों से भी योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया। आकर्षक प्रस्तुति की अहमियत पर जोर जिलाधिकारी ने उत्पादों की उपयोगिता और उनकी प्रभावी प्रस्तुति को प्रमुख बताते हुए कहा, "सिर्फ उत्पाद बनाना ही नहीं, बल्कि उसे क्रेता के समक्ष आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।" उन्होंने शिल्पकारों से अपने उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता को बढ़ाने के लिए आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षण का उपयोग करने की अपील की। प्रदर्शनी का उद्देश्य और भागीदारी एमएसएमई-विकास कार्यालय के उपनिदेशक श्री बृजेश यादव ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि ऐसी प्रदर्शनी स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन देती है और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम है। प्रदर्शनी में सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़ सहित 22 जिलों के 60 शिल्पकार अपने उत्पादों के साथ शामिल हुए। यह प्रदर्शनी 5 दिसंबर तक चलेगी। विशेषज्ञों की मौजूदगी और जानकारी
कार्यक्रम में श्री सचिन राजपाल, प्रधान निदेशक, एमएसएमई प्रौद्योगिकी विकास केंद्र ने अपने तकनीकी केंद्र की सेवाओं पर प्रकाश डाला। साथ ही जिलाधिकारी ने चल रही कास्टिंग गतिविधियों का निरीक्षण भी किया। श्री आर.के. भारती, संयुक्त निदेशक ने पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभों पर प्रकाश डालते हुए इसे जनहित में प्रभावी बताया। प्रदर्शनी में विशेषज्ञ और प्रतिभागियों का सहयोग कार्यक्रम के दौरान विभिन्न बैंकिंग और प्रशिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने उपस्थित लाभार्थियों को ऋण और प्रशिक्षण संबंधी जानकारी दी। इस मौके पर जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, केनरा बैंक के श्री अविनाश वी., और अन्य अधिकारियों ने अपने सुझाव साझा किए। आगामी योजनाओं का मार्गदर्शन जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि शिल्पकार भविष्य में जिले में आयोजित होने वाले विभिन्न मेलों में भी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी करें। उन्होंने कहा कि शिल्पकारों को अपने उत्पादों को और अधिक उपयोगी और आकर्षक बनाने के लिए आम जनता से फीडबैक लेना चाहिए। इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्देश्य शिल्पकारों को नए अवसर प्रदान करना और उनके उत्पादों को बड़े स्तर पर पहचान दिलाना है। Read the full article
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आगरा: तीन दिवसीय उत्पाद प्रदर्शनी एवं ट्रेड फेयर का आयोजन, पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी होंगे सहभागी
आगरा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के विकास कार्यालय द्वारा तीन दिवसीय उत्पादों की प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 3 दिसंबर से 5 दिसंबर 2024 तक एमएसएमई तकनीकी विकास केंद्र (पीपीडीसी), फाउंड्री नगर, हाथरस रोड पर होगा। एमएसएमई के उपनिदेशक श्री बी.के. यादव ने जानकारी दी कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 3 दिसंबर को होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को प्रोत्साहन और उनके उत्पादों को बेहतर विपणन मंच उपलब्ध कराना है। इस आयोजन के जरिए कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की जा रही है। पीएम-विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर 2023 को लॉन्च की गई पीएम-विश्वकर्मा योजना अपनी पहली वर्षगांठ मना रही है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इनमें लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मूर्तिकार, राजमिस्त्री और दर्जी सहित 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय शामिल हैं। प्रदर्शनी के प्रमुख आकर्षण प्रदर्शनी में 22 जिलों के 60 स्टॉल शामिल होंगे, जिनमें पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी अपने उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। इन स्टॉल पर कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों की ब���क्री और प्रदर्शन होगा। कारीगरों और उनके सहायकों को तीन दिनों के लिए निम्��लिखित सुविधाएं दी जाएंगी: - मानदेय: प्रत्येक लाभार्थी को रु. 500 प्रतिदिन की दर से कुल रु. 1500 दिए जाएंगे। - यात्रा व्यय: आने-जाने के लिए अधिकतम रु. 1000 तक का किराया व्यय सीधे बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। - रहने और खाने की व्यवस्था: कारीगरों और उनके एक सहायक के लिए तीन दिनों तक निःशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्था की गई है। पारंपरिक कारीगरों को मिलेगा बढ़ावा श्री बी.के. यादव ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए एक बेहतर मंच मिलेगा। साथ ही, उनकी दक्षता को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ भी पहुंचाया जाएगा। यह कदम न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार करेगा, बल्कि उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा। आगरा के लिए गर्व का क्षण यह प्रदर्शनी न केवल आगरा के लिए बल्कि आसपास के जिलों के कारीगरों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। प्रदर्शनी में आगरा के साथ-साथ आसपास के जिलों के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इस तीन दिवसीय मेले में सभी नागरिकों से भाग लेने और पारंपरिक भारतीय शिल्प और कारीगरी को प्रोत्साहन देने की अपील की गई है। Read the full article
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