#वजन कम करने वाला ड्रिंक
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Weight loss drink: मोटापे से परेशान हो चुके हैं तो पीएं अलसी का काढ़ा, घट जाएगा वजन, गायब हो जाएगी चर्बी
Weight loss drink: मोटापे से परेशान हो चुके हैं तो पीएं अलसी का काढ़ा, घट जाएगा वजन, गायब हो जाएगी चर्बी
Weight loss drink : आज हम आपके लिए अलसी के बीज के फायदे लेकर आए हैं. अलसी के बीज वजन घटाने में मदद कर सकते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो घंटों एक जगह बैठकर काम करने वालों लोगों को वजन बढ़ने से अन्य शारीरिक परेशानियां भी बढ़ने लगती हैं. वजन बढ़ने से हार्ट (Heart) संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. इसलिए जितना जल्द हो सके, वजन को कंट्रोल कर लें. सेहत के लिए फायदेमंद अलसी बीजजाने माने आयुर्वेद…
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वजन को नियंत्रित करता है नारियल पानी, जानिए सेहत के लिए कितना है चमत्कारी
वजन को नियंत्रित करता है नारियल पानी, जानिए सेहत के लिए कितना है चमत्कारी
नारियल पानी को चमत्कारी पेय माना जाता है। सेहत यह एक ऐसा पेय है जिसका न केवल स्वाद अच्छा होता है बल्कि यह वजन कम करने वाला एक प्रभावी पेय भी है। इसे खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है। इसमें पोटेशियम जैसे प्राकृतिक एंजाइम और खनिज होते हैं जो इसे एक सुपर ड्रिंक बनाते हैं। यह कम कैलोरी वाला पेय भूख को दबाता है और वजन को नियंत्रित करता है। नारियल पानी का सेवन किसी भी समय करना फायदेमंद होता है, लेकिन एक…
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Weight Loss Foods : ये फूड कॉम्बिनेशन आपके बढ़ते वजन को घटाने में कारगर साबित होगा, वेट लॉस की ये असरदार डाइट आपने ट्राई की क्या..? Divya Sandesh
#Divyasandesh
Weight Loss Foods : ये फूड कॉम्बिनेशन आपक��� बढ़ते वजन को घटाने में कारगर साबित होगा, वेट लॉस की ये असरदार डाइट आपने ट्राई की क्या..?
इंटरनेट डेस्क। वजन घटाने के लिए आप कितनी चीजें खाना छोड़ देते हैं और कितनी ही चीजें डाइट में शामिल कर लेते हैं।कभी-कभी वेट लॉस की ये स्पेशल डाइट असरदार होती है, तो कभी-कभी इनका फायदा नहीं भी होता है लेकिन आज हम आपको ऐसे फूड कॉम्बिनेशन के बारे में बता रहे हैं, ज��� न सिर्फ आपका वजन कम करेंगे बल्कि सेहत से जुड़ी ��ई परेशानियों से भी आपको मुक्ति दिलाएंगे।
नींबू-शहद का कॉम्बिनेशन
सुबह उठकर गुनगुने पानी में नींबू-शहद मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। रोजाना इसके सेवन से आप अपने वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं। पेट की चर्बी कंट्रोल होने के साथ इससे आपकी बॉडी डिटॉक्स भी होती है।
ग्रीन-लेमन टी बढ़ते वजन को मॉनिटर करने वालों के लिए ग्रीन टी सबसे अच्छा बेवरेज माना जाता है। लो कैलरी और एंटी-ऑक्सीडेंट वाला ड्रिंक तेजी से कैलोरी बर्न करता है और बेहद कम समय में कई किलो वजन घटा देता है। कई स्टडी में ये बात साबित हो चुकी है कि दिन में 2-3 कप ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और तेजी से वजन घटता है।
अंडा और पालक अंडे में हाई क्वालिटी का प्रोटीन पाया जाता है। इस पौष्टिक आहार की रेसिपी बेहद आसान और वेट लॉस फ्रेंडली है, अगर आप वजन घटाने के मिशन पर हैं, तो अपने ऑमलेट में पालक को शामिल कर लें। एक स्टडी के मुताबिक, आयरन से भरपूर पालक अंडे के साथ तेजी से वजन घटाने का काम करता है।
सेब और पीनट बटर सेब और पीनट बटर एक क्लासिक वेट लॉस फ्रेंडली फूड माने जाते हैं। पीनट बटर में मोनोसैचुरेटेड और पॉलीसैचुरेटेड फैट होता है, जो लंबे समय तक भूख को रोके रखता है और इंसुलिन मेटाबलिज्म भी दुरुस्त करता है। सेब के साथ पीनट बटर खाने से आपका वजन तेजी से कम हो सकता है।
पत्तेदार सब्जिया और ऑलिव ऑयल हरी पत्तेदार सब्जियां और सलाद भूख को कंट्रोल करने लिए बेस्ट फूड आइटम मानी जाती हैं।इसमें अगर ऑलिव ऑयल शामिल कर लिया जाए तो फायदा दोगुना होगा। इन दोनों चीजों को एकसाथ खाने से आप तेजी से अपना वजन घटा सकते हैं।
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Bajra Raab Recipe: यह विंटर ड्रिंक इम्यूनिटी, डायबिटीज और ब्रेस्टफीडिंग मदर्स के लिए बेहतरीन है
Bajra Raab Recipe: यह विंटर ड्रिंक इम्यूनिटी, डायबिटीज और ब्रेस्टफीडिंग मदर्स के लिए बेहतरीन है
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बाजरा को मोती बाजरा के रूप में भी जाना जाता है
हाइलाइट
बाजरा भारतीय तैयारियों की विविधता में इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य बाजरा है
बाजरा एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और फाइबर का भंडार है
वजन कम करने के लिए बाजरा भी मदद कर सकता है
बाजरा भारत का खजाना हैं और इसके बारे में कोई दो तरीके नहीं हैं। हम सबसे बड़े गेहूं और चावल उत्पादक देशों में से एक हो सकते हैं, लेकिन हम यह सुनिश्चित करते हैं…
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Bajra Raab Recipe: यह विंटर ड्रिंक इम्यूनिटी, डायबिटीज और ब्रेस्टफीडिंग मदर्स के लिए बेहतरीन है
Bajra Raab Recipe: यह विंटर ड्रिंक इम्यूनिटी, डायबिटीज और ब्रेस्टफीडिंग मदर्स के लिए बेहतरीन है
बाजरा को मोती बाजरा के रूप में भी जाना जाता है हाइलाइट बाजरा भारतीय तैयारियों की विविधता में इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य बाजरा है बाजरा एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और फाइबर का भंडार है वजन कम करने के लिए बाजरा भी मदद कर सकता है बाजरा भारत का खजाना हैं और इसके बारे में कोई दो तरीके नहीं हैं। हम सबसे बड़े गेहूं और चावल उत्पादक देशों में से एक हो सकते हैं, लेकिन हम यह सुनिश्चित करते हैं कि…
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पतले होने के घरेलू उपाय | Patle Hone KE Gharelu Upay
इस आधुनिक युग में हर इंसान बिल्कुल फिट होना चाहता है फिर चाहे उम्र कोई भी हो। देखा जाए तो कहीं ना कहीं यह सही भी है। आपको युवा वर्ग में एक जुनून नजर आएगा और वह है पतला होने का। खुद को फिट होने में पतला होने को जरूरी माना जाता है।
जो लोग मोटे होते हैं या फिर थोड़ा सा भी वजन ज्यादा होता है वह पतले होने के लिए बहुत ही परेशान होते हैं। ऐसे में हम आपकी मदद करेंगे ताकि पतला आसानी से हो सके वह भी आसान और घरेलू उपाय से।
पतला होने के घरेलू उपाय | Patle Hone KE Gharelu Upay in Hindi
अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और पतला होने के इच्छुक हैं, तो आप घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं यह उपाय आपके लिए कारगर होंगे।
फाइबर युक्त भोजन लेना होगा फायदेमंद अगर पतला होना चाहते हैं, तो ऐसे में अपने खाने में फाइबर वाला भोजन लेना बिल्कुल सही विकल्प है। ऐसे भोजन में जल्दी भूख नहीं लगती और इससे पोषण भी प्राप्त हो जाता है। ऐसे में आप ओट्स, कॉर्नफ्लेक्स, सलाद को भी ले सकते हैं। फाइबर शरीर में पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा करते हैं अतः ऐसे आहार को जरूर शामिल करें।
2). ज्यादा से ज्यादा फल व पत्तेदार सब्जियों का सेवन— पतला होने के लिए ज्यादा से ज्यादा पत्तेदार सब्जी व फल जरूर खाएं। ऐसे खाने में मेटाबॉलिज्म एकदम सही रहता है और इससे आवश्यक पोषण भी शरीर को मिलते रहते हैं। साथ ही साथ कैलोरी भी बहुत ही कम मात्रा में प्राप्त होती है जो पतला होने में मददगार होती है। अत्यधिक पतला होने पर होने वाली कमजोरी से हमें बचाते हैं अतः इनका सेवन नियमित रूप से करें।
3). ज्यादा से ज्यादा पानी पिए — पानी शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को निकालने का काम करता हैं। ऐसे में पतला होने की चाहत लिए लोग भी ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन कर सकते हैं। बहुत अच्छा होगा अगर आप गुनगुना पानी लें इससे आप खुद को आसानी से पतला कर पाने में सक्षम होंगे।
4). साबुत अनाज भी फायदेमंद — अगर पतला होना चाहते हैं, तो हमेशा साबुत अनाज का ही उपयोग करें जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, बाजरा आदि। इसमें अतिरिक्त फैट नहीं होते जो आपके लिए ��हुत ही अच्छा है। अतिरिक्त फैट होने पर पतला होना मुश्किल होता है और इन साबुत अनाज में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं इनका उपयोग जरूर करें।
5). वसा का सेवन भी करें — लोगों को ऐसा लगता है कि वसा के सेवन से पतले होने में दिक्कत होगी लेकिन यह पूर्ण रूप से सही नहीं है। अगर आप अच्छे क्वालिटी के वसा जैसे जैतून का तेल, अलसी के तेल, मछली का तेल, मक्खन, सूरजमुखी के बीज, सूखे मेवे, अलसी के बीज का अधिक से अधिक उपयोग करें तो आप पतले हो सकते हैं। इससे शरीर को सही पोषण दे पाने में सक्षम होते हैं।
खाने को टुकड़ों में खाना होगा बेहतर विकल्प
कई बार लोग पतला तो होना चाहते हैं पर वह हो नहीं पाते। इसका कारण है कि एक ही बार में बहुत सारा खाना खा लेते हैं। ऐसा ना करें। आप दिन भर के खाने को टुकड़े में खाएं, इससे आपको बेहतर परिणाम प्राप्त होगा। लो फैट प्रोटीन डाइट लेना ऐसे समय में बेहतर होगा। दिन भर के खाने में फाइबर को भी सम्मिलित करें इससे शरीर में उर्जा बनी ही रहेगी। खाने को टुकड़ों में खाने पर भी अतिरिक्त फैट से भी बचा जा सकता है, जो हमारे शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है।
चीनी युक्त पदार्थों से दूरी बना ले–
पतला होने के दौर में चीनी युक्त पदार्थों से दूरी बनाना या ऐसे पदार्थ जिनमें अधिक मात्रा में चीनी मिली हो जैसे कोल्ड ड्रिंक, केक, पेस्ट्री से दूर हो जाएं। यह आपका वजन बढ़ाने का काम करते हैं ऐसे में इनसे दूरी बनाना ही बेहतर होगा। अगर आपको पसंद हो, तो ग्रीन टी लिया जा सकता है, जो एंटीऑक्सीडेंट है और पतला होने में भी सहायक है लेकिन उसमें चीनी कम मात्रा में ही डालें। ज्यादा चीनी इंसुलिन के स्तर को बढ़ा देती है सावधान रहें।
शारीरिक गतिविधि भी है जरूरी
सिर्फ खानपान से ही पतला होना मुश्किल हो जाता है अगर आप शारीरिक गतिविधि जैसे झाड़ू लगाना, पोछा लगाना, घर के साथ-साथ गार्डन की साफ सफाई करने जैसा काम करेंगे तो वह भी आपके लिए पतला होने में फायदेमंद होगा।
अपनाएं इन आसान से घरेलू टिप्स को
अगर आप घरेलू टिप्स अपनाएं जो कभी हमारी दादी नानी ने बताया होगा तब भी आपको फायदा हो सकता है। हम आपके साथ कुछ जरूरी टिप्स साझा करने जा रहे हैं, जो निश्चित रूप से आपको फायदा पहुंचाएंगे।
1. आजकल गाजर हर मौसम में उपलब्ध होती है आप इनका सेवन रोजाना खाने के पहले करें इससे आप पतले हो सकते हैं।
2. आपके घर में गेहूं के आटे की रोटी बनती है लेकिन इनके साथ साथ सोयाबीन और चने से मिश्रित आटे की रोटी बनाया जाए तो यह और भी फायदेमंद होगा।
3). आंवले में हल्दी डालकर पीसे। एक बात याद रखें दोनों बराबर मात्रा में ही होना चाहिए। इस मिश्रण को छाछ में डालकर पिए निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा। 4). अगर अपने खाने में किसी भी मिर्च का उपयोग करें तो भी फायदेमंद होगा। मिर्ची में उपस्थित तत्व कैप्साइसिन भूख में नियंत्रण रखता है और वजन भी नियंत्रण में ही रहता है। 5). रोज सुबह सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद डालकर पिए आपको इससे फायदा होगा। कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आएगा।
6). सौठ, दालचीनी और काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इसे रोजाना खाली पेट गुनगुने पानी के साथ में पीए तो आपको फायदा होगा।
7). अगर मूली के रस में शहद मिलाकर उसका सेवन करें तो निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा। इसे रोजाना जरूर अपनाएं।
8). अगर आप खाने में ज्यादा से ज्यादा सलाद का उपयोग करें तो भी फायदेमंद है। इसमें आप गाजर, प्याज, मूली, पत्ता गोभी साथ में काली मिर्च मिलाए तो इससे जल्दी जल्दी भूख नहीं लगती और वजन भी कम रहता है।
9). अगर आप पुदीने का उपयोग करें तो भी फायदा होगा। आप चाहे तो चटनी या शरबत के रूप में उपयोग कर वजन नियंत्रित कर सकते हैं।
10). पपीते का सेवन जरूर करें। इसे भी पतला होने में सहायक माना गया है।
पतला होने में व्यायाम भी है सहायक | patle hone ke liye exercise
अगर आप पतला होना चाहे तो व्यायाम करके खुद में बदलाव ला सकते हैं। इससे शारीरिक रूप से आप को मजबूती भी मिलेगी। इसमें आप स्विमिंग, जंपिंग, वाकिंग, रनिंग, डांसिंग भी कर सकते हैं। आप चाहे तो वेटलिफ्टिंग,पुश अप्स, रस्सी कूदना जैसे व्यायाम करके भी खुद को पतला कर सकते हैं। इसे आप सुबह के समय कम से कम आधा घंटा करें इसे निश्चित रूप से आप को फायदा मिलेगा। जब आपको आदत हो जाए तो आप समय सीमा भी बढ़ा सकते हैं।
लंबाई बढ़ाने के घरेलू उपाय
खुद को समय देना भी है जरूरी
कई बार ऐसा होता है कि मन में पतले होने के विचार तो आते हैं पर समय की वजह से ऐसा नहीं हो पाता खासतौर से महिलाओं के साथ। कभी घर, कभी बच्चे तो कभी परिवार में ही समय व्यतीत हो जाता है और खुद के लिए समय नहीं निकाल पाती हैं। ऐसे में भी खुद के लिए समय निकालना होगा। सारे जिम्मेदारियों को निभाते हुए खुद को महत्व देना भी जरूरी होता है। खुद के लिए समय निकालें और खुद को फिट रखें। कम से कम आधा घंटा ही शुरुआत में काफी होगा और खुद को किसी से भी कम ना समझे।
पतला होने के लिए महत्वपूर्ण है यह आहार, इन्हें भी जरूर आजमाएं
1) पत्तेदार सब्जियां — पत्तेदार सब्जियों को पतला होने के लिए कारगर माना गया है। इन सब्जियों में विटामिन, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कम कैलोरी वाले होते हैं। इन्हें खा लेने से भूख नहीं लगती और पतला होने में भी आसानी हो जाती है। 2). अंडे — अंडे में कई प्रकार के पोषक तत्वों का समावेश होता है जिनके साथ यह पतला होने में भी सहायक है। इन में प्रोटीन अधिक होती है और कम कैलोरी भी होते हैं जो वजन को नियंत्रित रखते हैं। ऐसे में उबला अंडा लेना भी फायदेमंद होगा।
3). राजमा — राजमा में हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इनमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है, जो वजन कम कर पतला होने में फायदेमंद है। इन्हें भी आप अपने भोजन में शामिल करें।
4). नारियल तेल –इससे एनर्जी का लेवल बहुत बढ़ जाता है ऐसे में अगर आप ��ाने में नारियल तेल का उपयोग करें तो पतला होने में कारगर होगा। नारियल तेल आपकी पाचन क्षमता को भी बढ़ाता है और भूख ज्यादा नहीं लगती।
5). पनीर — पनीर में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है और इन्हें कम कैलोरी वाला माना जाता है। यह आपको पतला होने में मदद करते हैं। इसे आप अगर दोपहर में खाएं तो ज्यादा फायदेमंद होगा। अगर आप चाहे तो सलाद के रूप में भी लिया जा सकता है।
6). उबला आलू — आलू में कार्बोहाइड्रेट बहुत होता है जिससे मोटापा बढ़ने का माध्यम माना जाता है। ऐसे में अगर आप उबला आलू का सेवन करें तो निश्चित रूप से यह आपके लिए फायदेमंद होगा। उबले आलू में पोटेशियम की भरपूर मात्रा है, जो पतला होने में सहायक है। ऐसे में ज्यादा उबले आलू का ही सेवन करें।
निष्कर्ष
इस प्रकार से हमने देखा कि पतला होने के कई प्रकार के उपाय हैं। अगर आप पतला होना चाहते हैं, तो पूरी लगन से उपाय अपनाए जा सकते हैं। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय जरूर लग सकता है इसलिए धैर्य रखें। साथ ही साथ अपने स्वास्थ्य पर भी नजर बनाए रखें। थोड़ा समय दे और विश्वास रखें। इस बीच आप अपने सारे कार्य को भी करते चलें।
कोशिश करें कि पतला होने की जिद आप पर हावी ना होने पाए और आप सतर्कता से कार्य कर सकें।
Source : http://www.ghareluayurvedicupay.com/patle-hone-ke-gharelu-upay/
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रात में पुरुषों को क्यों पीना चाहिए हल्दी वाला दूध? जानें रात में हल्दी दूध लेने के फायदे
Sleeping Drink: हल्दी वाला दूध अच्छी नींद और सेहत के लिए जरूरी है.
खास बातें
अच्छी नींद के लिए रोजाना सोने से पहले पिएं ये ड्रिंक.
सोने से पहले हल्दी वाला दूध लेना फायदेमंद हो सकता है.
सोने से आधा घंटा पहले दूध हल्दी लें.
ऐसा कौन है जिसे फिटनेस नहीं चाहिए. और जिम में पसीना बहाने के बाद रात को अच्छी नींद ही उस मेहनत का फल भी देती है. इसके लिए पुरुष बहुत जतन करते हैं. तो आज हम आपको एक ऐसे ड्रिंक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे रात में सोने से पहले पीने से आप फिटनेस और अच्छी नींद दोनों ही पा सकते हैं. यह दिन भर की थकान को दूर कर देता है. तो अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो फिल्ड जॉब करते हैं या जिम में खूब पसीना बहाते हैं, तो रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध (Haldi Doodh) पींए. सेलेब न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर का मानना है कि आपके पास हर रात एक कप हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk In Night) लेना चाहिए. यह सर्दी के मौसम में ही नहीं, गर्मियों में भी फायेमंद है. जानें हल्दी दूध के फायदे…
1. बढ़ाता है इम्यूनिटी पावर
हल्दी वाला दूध इम्यूनिटी को मजबूत करने में मददगार है. हल्दी का दूध औषधी से कम नहीं है. रात को सोने से पहले एक कप हल्दी वाला दूध लेने से संक्रमण, या फ्लू से बचाव हो सकता है.
2. दिलाए सूखी खांसी से राहत
हल्दी लेने से बलगम बन सकता है, जो सांस की नली में मौजूद माइक्रोब्स को शरीर से बाहर निकालने का काम करती हैं. यह सूखी खांस में राहत दिला सकता है
3. सर्दी-जुकाम से राहत
अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्हें बदलते मौसम के साथ सर्दी जुकाम जैसी परेशानियां होती हैं, तो हल्दी वाला दूध आपके लिए फायदेमंद है. इसमें एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो इंफेक्शन लड़ने में मददगार हैं.
4. वजन होगा कम
गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर रोज रात में पीने से वजन कम हो सकता है. हल्दी वाला दूध पीने से आंते और पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है, जो वजन को तेजी से कम करने में मददगार है.
5. नींद होगी गहरी
अगर आप उन लोगों में से हैं, जो रात को करवटें बदलते रहते हैं, लेकिन नींद नहीं आती, तो सोने से पहले हल्दी वाला दूध लेना फायदेमंद हो सकता है. हल्दी में अमीनो एसिड होता है और दूध के साथ इसके लेने से नींद अच्छी आ सकती है. सोने से आधा घंटा पहले दूध हल्दी लें.
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डायबिटीज होने पर डाइट में करें ये बदलाव
अगर आपको शुगर की बीमारी है तो आप अपने डाइट पर ध्यान देना आवश्यक है| डाइट पर इसलिए और ध्यान देना होना चाहिए क्योकि डाइट पर ही शुगर लेबल टिका होता है|अगर हम अपने डाइट फॉलो करते है तो शुगर कंटोल किया जा सकता है| डाइट पर ही टिका होता है|डायबिटीज यानी की मधुमेह एक ऐसी बीमारी हैं, जिससे मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा लोग पीड़ित है।
मौजूदा दौर में ��रुष और महिलाएं दोनों ही अपने काम को लेकर टेंशन और अधिकतर वक्त ऑफिस के कामों में बीताते हैं। मधुमेह रोगियों का हेल्थ हम रूटीन से डाइट फॉलो करे तो कोई भी शुगर हो कंटोल किया जा सकता है| मधुमेह रोगियों को पेट खाने की बजाए हल्का खाना खाएं और सुबह हल्का नाश्ता करने के बजाए इसे भरपेट करना चाहिए|
आप वजन कम करने के साथ-साथ हाई ब्लड शुगर को भी नियंत्रित कर सकते हैं| एक नई शोध में ये जानकारी सामने आई है| यह जानकारी शोधकर्ताओं ने दी है|शोधकर्ता के अनुसार रात के बजाय सुबह के समय शरीर खाना अच्छे से पचाने में मदद करता है| यह शोध ‘द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म’ में प्रकाशित हुआ है|
शोधकर्ताओं के अनुसार, जब हम एब्जॉर्शन, डाइजेशन, और पोषक तत्वों के लिए भोजन पचाते हैं तब हमारा शरीर ऊर्जा का विस्तार करता है|डाइट-इंड्यूस्ड थर्मोजेनेसिस (डीआईटी) के रूप में चर्चित इस प्रक्रिया में ये पता चलता है कि हमारा मेटाबॉलिज्म कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है| और कैसे यह डाइट के आधार पर अलग-अलग तरीके से काम करता है|
लुबेक विश्वविद्यालय की कॉरेस्पोंडेंस लेखक जूलियन रिचटर ने कहा, ‘हमारे परिणामों से पता चलता है कि नाश्ते में खाया जाने वाला भोजन, डिनर में किए गए भोजन की तुलना में दो बार उच्च आहार-प्रेरित थर्मोजेनेसिस बनाता है. उन्होंने कहा, ‘इस शोध से अच्छे से नाश्ता करने के महत्व का पता चलता है|अगर आप साबुत अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स सफेद आटे के मुकाबले ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से नियंत्रित करता है।
व्हीट ब्रान भोजन को ब्लड शुगर में धीरे-धीरे परिवर्तित करता है औरशरीर के प्राकृतिक इंसुलिन हार्मोन मैकेनिज्म के लिए आसानी से मैनेज करता है।साबुत अनाज का आटा फाइबर का बहुत बढ़िया स्रोत है जो हमारी आंतड़ियों की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। भोजन का फाइबर वाला हिस्सा अधिक होना चाहिए ताकि यह पानी अधिक सोख सके।
डायबिटीज होने पर क्या न खाएं
डायबिटिज के मरीजों को अपनी डाइट से घी और नारियल का तेल आदि चिकनाई युक्त चीजों को बाहर कर देना चाहिए। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को पूरी, कचौड़ी, समोसा, पकौड़े आदि जैसे तले हुए भोजन से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे होने वाला फैट आपके शरीर में असंतुलन पैदा करता है।
इसके साथ ही गुड़, शक्कर, मिश्री, चीनी, शर्बत, मुरब्बा, शहद, पिज्जा, बर्गर, क्रीम र��ल,आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक का इस्तेमाल डायबिटीज के मरीजों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। अगर आप भी मधुमेह के रोगी है तो कुछ फलों का सेवन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। आप अपने डॉक्टर की सलाह लेकर ही फलों का सेवन करें।
डायबिटीज होने पर क्या खाएं
मधुमेह के मरीजों को अपनी डाइट में छिलके सहित गेहूं की रोटी, जई आदि जैसे ज्यादा फाइबर युक्त भोजनल और कार्बोहाइड्रेट शामिल करने चाहिए क्योंकि यह रक्त प्रवाह में धीरे-धीरे मिलते हैं। डायबिटीज के मरीजों को सब्जियों में करेला, मेथी, सहजन (ड्रमस्टिक), पालक, तुरई, शलजम, बैगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रोकली, टमाटर, बंदगोभी, सोयाबीन की मंगौड़ी, जौ, बंगाली चना, पुदीना, हल्दी, काला चना, दालचीनी भी शामिल करना चाहिए।
इसके अलावा उन्हें फलीदार सब्जियां जैसे बीन्स, सैम फली, शिमला मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जियों का भी सेवन करना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा कम और फाइबर और अन्य विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके साथ ही इन सब्जियों से बने पतले सूप का जितना चाहें उतना सेवन करें उतना बेहतर होता है क्योंकि इसे आसानी से पचाया जा सकता है।
https://kisansatta.com/make-changes-in-the-diet-when-you-have-diabetes30122-2/ #DietFollow, #MakeChangesInTheDietWhenYouHaveDiabetes, #WeightAndHighBloodSugar Diet follow, Make changes in the diet when you have diabetes, Weight and high blood sugar State #State KISAN SATTA - सच का संकल्प
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शरीर के हर दर्द के इलाज के बारे में जानिए
शरीर के हर दर्द के इलाज के बारे में जानिए सबकुछ : कोई गर्दन दर्द से परेशान है तो कोई कमर दर्द से तो कोई घुटने के दर्द से। एक्सपर्ट्स से पूछकर अलग-अलग तरह के दर्द के कारण, बचाव और उनके इलाज के बारे में पूरी जानकारी दे रही हैं प्रियंका सिंह और पूजा मेहरोत्रा ! दर्द कितनी तरह का दर्द चार तरह का होता हैः फिजियोलॉजिकल (चोट लगने या किसी बाहरी दिक्कत की वजह से), न्यूरोपैथिक (नसों में दर्द), इनफ्लेमेटरी (सूजन वाला जैसे कि कमर दर्द, घुटने का दर्द आदि) और डिसफंक्शनल पेन (जिसकी वजह समझ नहीं आती लेकिन दर्द बना रहता है)। डिसफंक्शनल पेन शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक उठता है और बहुत तेज होता है। मरीज दर्द की शिकायत करता है लेकिन डॉक्टर को दर्द की वजह का पता नहीं लग पाता। जहां तक मौसम की बात है तो सर्दियों के मौसम में सबसे ज्यादा जोड़ों का दर्द परेशान करता है। जोड़ों के दर्द की वजह - चोट लगना - एक्सरसाइज न करना - वजन बढ़ जाना - विटामिन डी और कैल्शियम की कमी हो जाना - सेडंटरी लाइफस्टाइल यानी दिन भर ज्यादातर वक्त एक ही जगह बैठे रहना - घंटों कंप्यूटर पर काम करना - गलत पॉश्चर यानी झुककर बैठना, गलत तरीके से ल���टना या चलना - घंटों ड्राइव करना - बेहद कम तापमान में लंबे समय तक रहना - जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक का ज्यादा सेवन - बहुत ज्यादा तनाव लेना, हमेशा हड़बड़ी में रहना - गर्दन और कान के बीच फोन लगाकर लंबी बात करना - मोटा या सख्त तकिया इस्तेमाल करना - बेहद नर्म गद्दे पर सोना इन्हे भी पढ़े :- भूलकर भी अखबार में न लपेटें खाना समझें दर्द के साइकल को शुरू में दर्द हल्का होता है और हम उसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन ऐसा करने से आगे जाकर दर्द क्रॉनिक हो जाता है और धीरे-धीरे उसे सहने की क्षमता भी कम हो जाती है। दर्द आमतौर पर जोड़ों से शुरू होता है यानी शरीर का जो भी अंग आसानी से मुड़ता है या जिसमें अकड़न होती है जैसे कि कोहनी, कलाई, घुटना, गर्दन, कमर, उंगलियां, टखने आदि में दर्द जल्दी होता है। सर्वाइकल यानी गर्दन का दर्द युवाओं में दर्द का बड़ा कारण सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइसिस है। इसमें दर्द सबसे ज्यादा गर्दन को प्रभावित करता है और समय पर इलाज न कराने पर यह दर्द बढ़ता हुआ हाथ और कमर तक पहुंच जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी में धीरे-धीरे सूजन आ जाती है या वह अकड़ जाती है। इसे इनक्लोसिंग स्पॉन्डिलाइसिस कहते हैं। कुछ युवाओं की गर्दन पीछे थोड़ी उठी-सी दिखती है। वे डिस्क बल्ज से पीड़ित होते हैं। इनमें गलत पॉश्चर या लगातार बैठने से हड्डी शेप बदलकर नया आकार लेती है। ऐसे लोगों को गर्दन में समय-समय पर तेज दर्द होता है। अगर आप इससे पीड़ित हैं तो गर्दन को आगे की ओर झुकाने से बचें। कमर का दर्द कमर में दर्द दो तरह का होता है - पहला : अचानक हुआ तेज दर्द (एक्यूट पेन) और दूसरा : लंबे वक्त से हो रहा दर्द (क्रॉनिक पेन)। एक्यूट पेन अक्सर ज्यादा वजन उठाने या किसी नस के खिंचने से होता है। इसमें कमर में एक चुभन-सी महसूस होती है। कई बार यह आराम करने, सिकाई करने और बाम आदि लगाने से दो-चार दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। क्रॉनिक पेन लंबे समय तक रहता है और उसका पूरा और सही इलाज जरूरी है। कमर दर्द के साथ साइटिका का दर्द भी जुड़ा है। साइटिका सबसे बड़ी नर्व है जोकि कमर से लेकर पंजे तक जाती है। अगर यह कहीं दब जाती है तो तेज दर्द शुरू हो जाता है। हां, दर्द होने के फौरन बाद कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं, मसलन वजन न उठाएं, आगे की ओर न झुकें। झुकना ही हो तो घुटनों के बल बैठें। फिर सामान उठाएं। बिस्तर से उठते हुए पहले करवट लें और फिर उठें। घुटने का दर्द पहले घुटने में दर्द की शिकायत 50 पार के लोग करते थे लेकिन अब 30-35 साल की उम्र में ही लोगों के घुटने जवाब देने लगे हैं। वजन बढ़ने के अलावा ऑटोइम्यून बीमारी भी घुटने के दर्द की वजह बनती हैं। घुटने में दर्द हो जाए तो डॉक्टर की बताई एक्सरसाइज जरूर करें क्योंकि घुटना कमजो�� होने से पैरों की मसल्स भी कमजोर होने लग जाती हैं। धीरे-धीरे दर्द कमर तक और फिर स्पाइन तक भी पहुंच सकता है। घुटनों में घिसावट है तो कुछ महीने ग्लूकोसामाइन और कोंड्रोटिन सल्फेट के कैप्सूल ले सकते हैं। यह डाइट सप्लिमेंट है। कब और कितना लेना है, इसके लिए डॉक्टर की सलाह लें। घुटने का दर्द ज्यादा होने पर घुटने में चिकनाई बढ़ाने के लिए इंजेक्शन भी दिए जाते हैं। इंजेक्शन दो तरह के होते हैं: एक स्टेरॉयड वाले और दूसरे प्रोटीन (विस्कस) वाले। स्टेरॉयड वाले इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स होते हैं इसलिए इन्हें लेने से बचना चाहिए। विस्कस वाला एक इंजेक्शन करीब 10-15 हजार रुपये का होता है, जिसका असर कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक रह सकता है। इससे भी फायदा न होने पर नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है। दर्द के फौरन बाद क्या करें दर्द होने पर डॉक्टर RICE का फॉर्म्युला अपनाने की सलाह देते हैं। राइस यानी रेस्ट, आइस, कंप्रेसन और एलिवेशन। रेस्टः कोई भी दर्द हो, आराम करें। घुटने के दर्द में घुटने को मोड़े नहीं। कमर दर्द में आगे को न झुकें। आइसः जहां दर्द है, वहां बर्फ से सिकाई करें। कंप्रेसनः दर्द वाली जगह को बैंडेज से बांध लें। ज्यादातर घुटने, कोहनी आदि में दर्द के लिए यह इस्तेमाल किया जाता है। ध्यान रखें कि बैंडेज न बहुत टाइट हो और न ही ढीला। एलिवेशनः पैर दर्द में एलिवेशन बहुत कारगर इलाज है। लेटते वक्त पैर के नीचे तकिया रखें जिससे पैर और घुटना थोड़ा ऊंचा रहे। नोट: सूजन है, दर्द है तो कुछ दिन के लिए एक्सरसाइज बंद कर दें। जब दर्द ठीक हो जाए तो एक्सरसाइज फिर से शुरू करें और कमर व घुटने को फिर से पहले की तरह की मोड़ना शुरू करें क्योंकि अगर हम अपने शरीर के किसी अंग को पूरा इस्तेमाल नहीं करते तो उसमें अकड़न आ जाती है और फिर वह मुड़ नहीं पाता। दर्द है तो सावधानी बरतें - विशेषज्ञ की देखरेख में ही एक्सरसाइज और योग करें। - घुटनों को मोड़ने से बचें। लिफ्ट का इस्तेमाल करें। - पालथी मारकर न बैठें। - जमीन पर बैठने से बचें। जमीन पर बैठने के दौरान घुटनों पर दबाव बढ़ता है। - 15-20 मिनट से ज्यादा एक ही पोजिशन में बैठने से बचें। एक जगह पर खड़े तो 5-10 मिनट से ज्यादा बिल्कुल न हों। - ऑफिस में हर आधे घंटे या एक घंटे में सीट छोड़कर 5-7 मिनट के लिए घूमे-फिरें। बॉडी को स्ट्रेच करें। - महिलाएं ऊंची हील की सैंडिल पहनने से बचें। इससे एड़ी़, घुटने और पिंडलियों के साथ कमर पर भी असर पड़ता है। - जिन्हें सर्दियों में दर्द परेशान करता हो, वे सर्दियों में या ठंडी जगहों पर खुद को अच्छी तरह ढककर रखें। पेनकिलर लें या नहीं आमतौर पर किसी भी दर्द को खत्म करने के लिए हम पेनिक��र ले लेते हैं लेकिन यह सही तरीका नहीं है। ऐसा करने से दर्द सिर्फ दब जाता है, खत्म नहीं होता। बहुत दर्द हो तो पैरासिटामॉल 500 एमजी (क्रोसिन, पैरासिटामोल आदि) ले सकते हैं क्योंकि यह सेफ है। जरूरत लगने पर छह घंटे में दोबारा ले सकते हैं। एक दिन में 2 ग्राम तक लेना सेफ है लेकिन 2-3 दिन तक आराम न आए तो डॉक्टर को दिखाएं। दूसरी कोई पेनकिलर लेने से बचें क्योंकि उनका साइड इफेक्ट होता है। वैसे साल में 12 से ज्यादा पेनकिलर न लें, वरना किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है। पेन-किलर क्रीम या जेल: कितने असरदार पेन-किलर क्रीम: ये ऑयल बेस्ड होती हैं और ज्यादा सफेद रंग में आती हैं। ये ज्यादा जज्ब नहीं होती इसलिए इन्हें लगाकर हल्का रगड़ना होता है। पेन-किलर जेल: ये वॉटर बेस्ड होते हैं और ट्रांसपैरंट होते हैं। ये आसानी से जज्ब हो जाते हैं और इन्हें लगाकर ज्यादा रगड़ना नहीं होता। पेन-किलर स्प्रे: ये स्प्रे के रूप में होते हैं और इन्हें लगाकर मसाज नहीं करनी होती। ये फौरन राहत के लिए होते हैं। दर्दनाशक तेल: ये ज्यादा आयुर्वेदिक होते हैं। आयुर्वेद के एक्सपर्ट दावा करते हैं कि इनमें कई तरह की जड़ी-बूटियां होती हैं, जोकि दर्द में राहत देती हैं। कितने फायदेमंद: जानकारों का मानना है कि फौरी राहत के लिए पेनकिलर जेल (वॉलिनी, मूव, डीएफओ आदि) लगाकर हल्की मसाज कर सकते हैं। ज्यादा नहीं रगड़ें, वरना जलन बढ़ जाएगी। जेल या क्रीम लगाकर किसी कपड़े से ढक दें ताकि गर्मी मिले। इनसे फौरी राहत जरूर महसूस होती है लेकिन ये परमानेंट इलाज के लिए नहीं हैं। वैसे भी मसाज करने से उस हिस्से की नसें रिलैक्स होती हैं। ऐसे में किसी भी आम तेल से हल्के हाथ से मालिश कर सकते हैं। कब करें ठंडी सिकाई, कब गर्म ठंडी सिकाई: दर्द में सिकाई से राहत मिलती है। अगर चोट ताजा है, प्रभावित जगह लाल और सूजी हुई है तो बर्फ से सिकाई करें। गर्म सिकाई: अगर चोट पुरानी है, चोटिल जगह में अकड़न है तो गर्म पानी से सिकाईं करें। वह जगह नरम पड़ जाएगी और आराम मिलेगा। गर्म-ठंडी, दोनों सिकाई: अगर किसी जगह पर ब्लड सप्लाई बढ़ाने की जरूरत है तो गर्म और ठंडी सिकाई बारी-बारी से करने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर सुबह उठकर एड़ी में होने वाले दर्द में यह सिकाई की जाती है। गर्म से शुरू करें और गर्म पर ही खत्म करें। कुल 6 बार गर्म और 5 बार ठंडा करें। हर बार 30 सेकंड के लिए सिकाई करें। कितनी बार, कितनी देर: सिकाई दिन में दो बार, करीब 15-15 मिनट के लिए करें। किससे करें: सिकाई वॉटर बॉटल, कपड़ा या सिंपल हॉट जेल पैक से कर सकते हैं। हॉट जेल पैक केमिस्ट के पास मिल जाएंगे। बिजली से चलनेवाले हॉट पैक न यूज करें। इनसे जल जाने का खतरा है। कब दिखाएं ऑर्थोपीडिक डॉक्टर को अगर दर्द फ्रेक्चर की वजह से है या दर्द के साथ सूजन है, लालिमा है या गर्माहट है, या फिर दर्द के साथ बुखार है और वजन कम हो रहा है या रात में तेज दर्द होता है तो फौरन ऑर्थोपीडिक डॉक्टर को दिखाएं। फिजियोथेरपिस्ट के पास कब जाएं अगर कोई भी दर्द मूवमेंट यानी चलने-फिरने या हिलने-डुलने पर बढ़े, सॉफ्ट टिश्यू इंजरी जैसे कि चलते हुए पैर मुड़ जाना, सोते हुए कमर या गर्दन मुड़ जाना आदि हो तो फिजियोथेरपिस्ट के पास जाना चाहिए। फिजियोथेरपिस्ट जितने दिन की थेरपी और एक्सरसाइज बताए, जरूर करें। बीच में थेरपी बंद न करें क्योंकि दर्द जल्दी चला जाता है लेकिन बीमारी को पूरी तरह ठीक होने में महीनों लग जाते हैं। आयुर्वेद में दर्द का इलाज आयुर्वेद में दर्द के इलाज में खान-पान पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। खाने में कोई भी गरिष्ठ चीज जैसे कि बैंगन, आलू, उड़द दाल सहित सभी साबुत दालें, ठंडी चीजें मना होती हैं। दर्द के हिसाब से पंचकर्म, पोटली मसाज आदि दी जाती है। अगर मरीज सर्वाइकल से पीड़ित है तो उसे ग्रीवा वस्ती थेरपी से ठीक किया जाता है जिसमें उड़द और गेहूं के आटे को गूंथ कर गर्दन में पीछे गोल कर रखा जाता है औऱ फिर गोल घेरे के अंदर दर्दनिवारक गुनगुने तेल से थेरपी दी जाती है। यह काम पूरा एक घंटे का होता है। हर सात दिन पर यह थेरपी दी जाती है। - घुटने और कमर के दर्द के लिए जानू वस्ती और कटि वस्ती थेरपी का इस्तेमाल किया जाता है। लीफ डिटॉक्स थेरपी भी इन दर्द में कारगर साबित होती है। - हर थेरपी के लिए 2000 से 3000 रुपये तक का खर्च आता है। -आयुर्वेद में दवा, मालिश और लेप को मिलाकर विटामिन डी की कमी से होनेवाले दर्द का इलाज किया जाता है। आमतौर पर इलाज का नतीजा सामने आने में 3 महीने लग जाते हैं। - पूरे शरीर पर तेल की धारा डालते हैं। इसके लिए क्षीरबला तेल, धनवंतरम तेल आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इसे 40 मिनट रोजाना और 5 दिन लगातार करते हैं। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। - महिलाएं सुबह और शाम शतावरी की एक-एक टैब्लेट लें। वैसे तो किसी भी उम्र में ले सकते हैं लेकिन मिनोपॉज के बाद जरूर लें। - रोजाना एक चम्मच मेथी दाना भिगोकर खाएं। मेथी दर्दनिवारक है और हड्डियों के लिए अच्छी है। - एक कप गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर पिएं। - रोजाना एक चम्मच बादाम का तेल (बादाम रोगन) एक कप दूध में डालकर पिएं। दर्द भगाए योग - गर्दन, साइटिका और कमर दर्द के लिए भुजंगासन, चक्रासन, शलभासन, धनुरासन कारगर हैं, वहीं ऑफिस में काम के दौरान चलित ताड़ासन यानी हर घंटे बाद 10 कदम आगे और 10 कदम पीछे चलने से बहुत आराम मिलता है। घुटने के दर्द वाले याद रखें कि वज्रासन बिलकुल नहीं करना है। -अनुलोम-विलोम और कपालभाति काफी फायदेमंद हैं। सोने से पहले शवासन भी कई तरह क�� दर्द से आराम दिलाता है। इन्हे भी पढ़े :- गद्दारो के जाने से पार्टी में जुड़ने लगे सामाजिक और राजनीतिक लोग : अभय घरेलू नुस्खे अपनाएं - किसी भी तरह के दर्द से निपटने के लिए एक गिलास गाय के गुनगुने दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी और गाय के घी की पांच बूंदे रात में नियमित पीने से फायदा होता है। - सोयाबीन, अंडे का पीला हिस्सा, फ्लैक्स सीड्स, सफेद तिल और आवंले का सेवन लाभकारी है। - रात में खाना खाने के करीब आधे घंटे बाद करीब आधा गिलास गुनगुना पानी पीने से भी लाभ होता है। - माइग्रेन में गाय के घी को गुनगुना कर दो-दो बूंदें नाक में डालने से बहुत आराम मिलता है। यह सर्वाइकल के दर्द में भी मदद करता है। - गाय के घी में सेंधा नमक डाल कर दर्द वाली जगह पर मसाज करने से भी काफी फायदा होता है। दर्द से ऐसे बचें 1. ऐक्टिव रहें, एक्सरसाइज करें - हमारा शरीर इस तरह से बना है कि सारे जोड़ चलते रहें। जरूरी है कि हम नियमित एक्सरसाइज करें और जितना मुमकिन हो, चलें। एक्सरसाइज में कार्डियोवस्क्युलर, स्ट्रेंथनिंग और स्ट्रेचिंग को मिलाकर करें। कार्डियो के लिए साइकलिंग, स्वीमिंग या डांस, स्ट्रेंथनिंग के लिए वेट लिफ्टिंग और स्ट्रेचिंग के लिए योग करें। वैसे, वॉक अपनेआप में संपूर्ण एक्सरसाइज है। - अगर घुटने की समस्या नहीं है तो ब्रिस्क वॉक करें। ब्रिस्क वॉक में मोटेतौर पर 1 मिनट में 40-50 कदम चलते हैं। वैसे नॉर्मल वॉक (1 मिनट में लगभग 80 कदम) करना सबसे सेफ है। इससे घुटनों पर असर नहीं पड़ता। रोजाना कम-से-कम 3 किमी जरूर चलें। - बीच-बीच में कलाइयों, घुटनों आदि को स्ट्रेच करते रहें। कमर को भी घुमाएं। साथ ही, जितना मुमकिन हो, अपना काम खुद करें और वजन कंट्रोल में रखें। - जिन्हें पुराने दर्द परेशान करते हैं या सर्दियों में दर्द बढ़ जाता है, उन्हें तो एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। कसरत से हमारे शरीर में मसल्स ऐक्टिव होती हैं, खून का दौरा बढ़ता है और इससे शरीर कुदरती तौर पर गर्म रहता है। ये लोग खासतौर पर पीटी जैसी एक्सरसाइज करें। ठंड की वजह से सुबह बाहर नहीं निकलना चाहते तो शाम को घूमने जाएं। शरीर के हर दर्द के इलाज के बारे में जानिए सबकुछ स्त्रोत : navbharattimes छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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पीने का पानी उन आसान लगने वाली चीजों में से एक है जो वास्तव में काफी जटिल हो सकते हैं। Drink water यह कहा जाना चाहिए कि अधिक पानी के लिए डॉक्टरों का कहना उचित है: हम में से एक बड़ा हिस्सा पर्याप्त नहीं पीता है। हमारे शरीर के प्रत्येक कार्य को तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है, और मांसपेशियों, रक्त और यहां तक कि स्थानांतर��त करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दिमाग में 70 प्रतिशत से अधिक पानी होता है। द्रव चक्र हमारे शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है, पोषक तत्वों और ऑक्सीजन को स्थानांतरित करता है, और अपशिष्ट उत्पादों को निकालता है। मध्यम निर्जलीकरण से थकान और कब्ज हो सकता है। पर्याप्त पानी का सेवन गुर्दे की पथरी और पेट के कैंसर जैसी बीमारियों और अन्य परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें लगातार पानी निचोड़ना चाहिए। पानी के अमूर्त कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश निम्नलिखित हैं: excitement | यौन उत्तेजना।टैबलेट्स का असर सही या गलत? सामान्य दैनिक पानी की आवश्यकता सबसे पहले, रोजाना 8 बड़े गिलास पानी पीने की आवश्यकता एक मिथक है। आपको वास्तव में पसीने, मूत्र, श्वास और अन्य शारीरिक स्राव के रूप में हर दिन खो जाने वाले तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है। इससे लगभग 2-2.5 लीटर पानी बनता है। चूंकि हमें लगभग एक लीटर फल, सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ मिलते हैं, इसलिए पेय के रूप में 1-1.5 लीटर बचा है। चाय, कॉफी, रस और यहां तक कि शीतल पेय भी इस समीकरण में शामिल हैं। आप कैसे जानते हैं कि आपने काफी पिया है आमतौर पर एक व्यक्ति दिन में 4-8 बार पेशाब करता है, लेकिन यह प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक रचना के अनुसार बदलता रहता है। पीने की आवश्यकता मूत्र के रंग और गंध से बेहतर संकेत देती है। यदि आप एक सामान्य आहार का पालन करते हैं, तो आपका मूत्र हल्का पीला और मजबूत तीखी गंध से मुक्त होना चाहिए। यदि यह गहरे पीले रंग का है या अमोनिया की तरह महक रहा है, तो आपको संभवतः अधिक पानी पीने की आवश्यकता होगी। आहार के कारण मूत्र एक अलग रंग हो सकता है, इसलिए आपको कभी-कभी रंग परिवर्तन के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए। जब तक आप टॉयलेट में जाते हैं, तब तक रंग सामान्य रूप से वापस आ जाएगा। What is yoga? Yuga benefit। how to yoga important life? योग क्या है? वजन प्रबंधन उपकरण जब आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो पानी आपके चयापचय को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। अपने लक्ष्य के साथ मदद करने के लिए, हर सुबह अपनी कलाई पर पांच बाल छोरों को थ्रेड करें। इतनी आधी लीटर पानी की बोतलें आपको अपने चयापचय को ताज़ा करने और अधिक कैलोरी जलाने के लिए पीना होगा। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि एक साल तक प्रति दिन पानी की मात्रा 1.5 लीटर बढ़ाने से, एक व्यक्ति 17,400 कैलोरी जलाएगा, जो 2.25 पाउंड वजन घटाने के बराबर है। और चूंकि आपके चयापचय में बहुत अधिक बढ़ावा आपके शरीर को तरल पदार्थ को गर्म करने की कोशिश के कारण है, तो सुनिश्चित करें कि आप जो पानी पीते हैं वह वास्तव में ठंडा है। व्यायाम के दौरान स्वाभाविक रूप से, आपको गर्म हवा में अधिक पानी की आवश्यकता होगी जब आप व्यायाम कर रहे हों या अन्यथा सामान्य से अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय हों। अगर आपको प्यास लगती है, तो अधिक पिएं। व्यायाम से दो घंटे पहले 5-7.5 dl पानी पिएं। यह सुनिश्चित करेगा कि आप अपने वर्कआउट के दौरान निर्जलीकरण का अनुभव न करें। अपनी उंगलियों पर पानी की एक बोतल रखें, जिसमें से आप प्रत्येक तिमाही के बारे में एक बार में कुछ डेसीलीटर घूंट लेंगे। प्रशिक्षण के बाद आधा लीटर पीना भी अच्छा है। बहुत अधिक पानी? क्या पानी सहित बहुत अच्छे का आनंद लेना संभव हो सकता है? अरे हाँ। मैराथनरों में "जल विषाक्तता" के रूप में जाना जाने वाला एक घटना आम है, लेकिन यह उन लोगों में भी विकसित हो सकता है जो खुद को अत्यधिक पानी से भरते हैं। शारीरिक तनाव, गुर्दे को खाली करने के लिए मूत्राशय में भेजने की क्षमता को कम करता है। यदि ऐसा होता है, तो आपके शरीर और मस्तिष्क में द्रव का स्तर इतना बढ़ सकता है कि यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को निगल ले। इससे सिर दर्द, मतली, उल्टी, भ्रम और यहां तक कि कुछ मामलों में मौत भी हो जाती है। इससे बचने के लिए, अपनी प्यास को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त पीएं, एक लीटर नहीं। यदि आपको अपने वर्कआउट के दौरान बहुत सारे तरल पदार्थ पीने की ज़रूरत है, तो ऐसे स्पोर्ट्स ड्रिंक का उपयोग करें जिनमें विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट्स भी हों
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Weight loss drink: रात में सोने से पहले इन 4 चीजों का करें सेवन, घट जाएगा वजन, अंदर हो जाएगी लटकती हुई तोंद
Weight loss drink: रात में सोने से पहले इन 4 चीजों का करें सेवन, घट जाएगा वजन, अंदर हो जाएगी लटकती हुई तोंद
Weight Loss Drink: अगर आप मोटापे से परेशान हैं और वजन कम करने की सोच रहे हैं तो ये खबर पक्का आपके काम आ सकती है. हम देखते हैं कि वजन घटाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते. कोई जिम जाता है तो कोई खाना पीना बंद कर देता है, इससे शरीर में कमजोरी आ सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रात के खाने में कुछ भी गड़बड़ आपके वजन घटाने के टारगेट में बाधा डाल सकती है. वजन कम करने केल लिए आप कैलोरी से भरपूर…
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क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi
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क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi
क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 December 30, 2019
आजकल लोग वजन घटाने या खुद को फिट रखने के लिए कई तरीके आजमाते हैं। कोई जिम जाता है, कोई योग करता है, तो कोई डाइट पर ध्यान देता है। लगभग हर व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार पर ध्यान देता है। अगर डाइट प्लान की बात करें, तो अभी के जमाने में कई तरह की डाइटिंग चलन में हैं। उन्हीं में से एक है कीटो डाइट, जिसे कीटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम कीटो डाइट संबंधी सभी जरूरी जानकारी जैसे – कीटो डाइट प्लान क्या है, कीटो डाइट चार्ट में कौन सी चीजें हो सकती है, कीटो डाइट के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं आदि के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं अगर कीटो डाइट के नुकसान हैं, तो हम उस बारे में भी बात करेंगे। इसलिए, कीटो डाइट प्लान से संबंधित सभी जानकारियों के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
सबसे पहले जानते हैं कि कीटो डाइट क्या है।
विषय सूची
कीटो डाइट प्लान क्या है? – What Is Keto Diet In Hindi
कीटोजेनिक आहार में लोग प्रतिदिन कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, एक मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में वसायुक्त आहार का सेवन करते हैं। इसका मतलब यह है कि शरीर एनर्जी के लिए फैट को अधिक बर्न करता है। फिर केटोसिस नामक एक प्रक्रिया में इसे ‘कीटोन बॉडीज’ या कीटोन में तोड़ता है। कीटोजेनिक आहार में लोग आमतौर पर प्रतिदिन केवल 20 से 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं। उदाहरण के रूप में ब्रेड के 2 स्लाइस और एक केले का सेवन मतलब 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना है (1)।
कीटोजेनिक डाइट 4 प्रकार के होते हैं (2):
स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (Standard ketogenic diet-SKD)- इसमें कम कार्बोहाइड्रेट, मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में फैट लिया जाता है। इसमें आमतौर पर 70 प्रतिशत वसा, 20 प्रतिशत प्रोटीन और केवल 10 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट लिया जाता है।
साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (Cyclical ketogenic diet-CKD) – इसमें कीटोजेनिक डाइट साइकिल के बीच उच्च कार्बोहाइड्रेट का सेवन भी शामिल है। उदाहरण के लिए हफ्ते में 5 दिन कीटोजेनिक डाइट और दो दिन उच्च कार्बोहाइड्रेट डाइट।
टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (Targeted ketogenic diet -TKD)- इसमें एक्सरसाइज के साथ-साथ अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जा सकता है।
हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (High-protein ketogenic diet-HPKD)- इसमें प्रोटीन का सेवन अधिक किया जाता है। लगभग 60 प्रतिशत फैट, 35 प्रतिशत प्रोटीन और 5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट शामिल हैं। इसके बावजूद यह अधिक फैट वाली डाइट है।
नोट : स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (SKD) और हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (HPKD) का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (CKD) और टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (TKD) हाल ही में चर्चा में आई हैं। इन्हें ज्यादातर बॉडीबिल्डर या फिर एथलीट अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं।
अब बारी आती है कीटो डाइट के फायदे जानने की।
कीटो डाइट प्लान के फायदे – Keto Diet Benefits In Hindi
लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट के फायदे के बारे में जानकारी दे रहे हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट प्लान के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं (1) (2) (3) (4)।
वजन कम करने में मददगार हो सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज के लिए लाभकारी हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने में सहायक हो सकती है।
कैंसर के जोखिम को कम करने या कैंसर के उपचार के लिए लाभकारी हो सकती है।
अल्जाइमर से बचाव के लिए मददगार हो सकती है।
मिर्गी के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए कीटो डाइट प्लान।
4 हफ्ते का नमूना कीटो डाइट प्लान – Sample Keto Diet Plan in Hindi
ध्यान रहे कि यहां कीटो डाइट चार्ट को एक नमूने के ��ौर पर तैयार किया गया है। इसमें मौजूद सामग्रियों व उसकी मात्रा में आहार विशेषज्ञ की सलाह और व्यक्ति के उम्र, जरूरत व स्वास्थ्य के अनुसार बदलाव किया जा सकता है। हर व्यक्ति का शरीर और खाने की पसंद एक जैसी नहीं होती है, इसलिए इन कीटो डाइट चार्ट में बदलाव संभव है।
पहला सप्ताह:
समय डाइट सुबह 7 बजे ● गर्म या गुनगुने पानी के साथ नींबू
या फिर
● गर्म या गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण
नाश्ता सुबह 8:30 बजे ● 1 उबला अंडा + केल स्मूदी
या फिर
● नारियल का दूध, चिया हलवा या पुडिंग थोड़े से नारियल और अखरोट के साथ
या फिर
● बादाम दूध, हरी सब्जियां, बादाम मक्खन के साथ बनाई गई स्मूदी
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ● सब्जियों का सूप
या फिर
● मशरूम और सलाद पत्तों का सलाद उच्च वसा के ड्रेसिंग के साथ
या फिर
● हाई फैट ड्रेसिंग के साथ चिकन, गाजर, शिमला मिर्च और हरी बीन्स की सलाद
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ● 1 कप ग्रीक योगर्ट और 2 बादाम शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ● 1 कप ग्रीन टी में थोड़ा नींबू का रस रात का खाना 7:30 बजे ● झींगा और जूड्ल्स (एक प्रकार का नूडल्स)
या फिर
● एवोकैडो और उबली हुई ब्रोकली साथ में थोड़ा ओलिव ऑयल
या फिर
● मशरूम और क्रीम सूप
कैसे ला��कारी हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के पहले हफ्ते में वजन में ज्यादा कमी हो सकती है, क्योंकि कम कार्ब वाला आहार खाने से शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है। इतना ही नहीं लिवर से अतिरिक्त सोडियम भी निकलता है। इससे तेजी से वजन कम होने में मदद मिल सकती है। शरीर में उत्पादित अतिरिक्त कीटोन्स जमा नहीं होते हैं, बल्कि मूत्र के जरिए बाहर निकल जाते हैं। चयापचय को बढ़ावा देने और फैट को बर्न करने के लिए हर रोज खूब सारा प्रोटीन युक्त और अच्छे फैट वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें। पूरे दिन में 6 मील लें। जैसे कि इस डाइट में कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है। शरीर को पोषण देने के लिए आहार में हरी सब्जियां, फल और नट्स को शामिल किया जा सकता है। एक हफ्ते के लिए तैयार किए गए इस कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस से शरीर को ऊर्जा मिल सकती है।
दूसरा सप्ताह:
समय डाइट प्रातः सुबह 7 बजे गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका नाश्ता सुबह 8:30 बजे ● गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका
या फिर
● कार्बनिक मेपल सिरप के साथ 1 कप हर्बल टी + 1 क्रीम चीज़ पैनकेक
या फिर
● एक पूरा उबला हुआ अंडा और एक गिलास दूध या सोया दूध
या फिर
● 1 कप बुलेटप्रूफ कॉफी + क्रिस्पी फूलगोभी के पकौड़े
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ● एवोकैडो और टमाटर के साथ सलाद पत्तों का टैको (मकई या गेहूं से बनी एक प्रकार की रोटी, जिसमें वेज या नॉन-वेज की फिलिंग हो सकती है)
या फिर
● भूना हुआ चिकन और सब्जियां
या फिर
● ब्रोकली और हरी बीन्स के साथ ग्रील्ड चिकन के साथ अच्छा उच्च फैट सॉस
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ● 1 छोटी कटोरी फ्लेवर्ड दही शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ● 2 अलसी की कूकीज + 1 कप मसालेदार चाय या हर्बल टी रात का खाना 7:30 बजे ● गाजर और हरी सब्जियों के साथ ग्रील्ड मछली
या फिर
● ताजा क्रीम के साथ बटरनट (अखरोट) स्क्वैश सूप
● लौकी और फूलगोभी के साथ दाल का सूप
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
पहले हफ्ते की तरह ही दूसरे हफ्ते में भी 6 मील खाने की आवश्यकता है। साथ ही दिन में दो बार हर्बल टी का सेवन करें। ध्यान रहे कि सही मात्रा में प्रोटीन का भी सेवन किया जाना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट की न्यूनतम मात्रा भी आवश्यक है, इसलिए सब्जियों का सेवन भी सही तरीके से करना जरूरी है। हर्बल टी के बजाय बुलेटप्रूफ कॉफी (मक्खन वाली कॉफी) भी ली जा सकती है। सामान्य ब्लैक कॉफी में मक्खन, नारियल तेल और क्रीम को मिलाकर बुलेटप्रूफ कॉफी बनाई जाती है। इससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त हो सकती है।
तीसरा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ● नींबू और आर्गेनिक शहद के 1 बड़े चम्मच के साथ गर्म या गुनगुना पानी नाश्ता सुबह 8:30 बजे ● 1 कप ग्रीन टी + 1 उबला अंडा + पालक की स्मूदी
या फिर
● 1 मध्यम कटोरे में क्विनोआ घी में पकाई गई सब्जियां
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ● 2 बादाम या 1 कप ग्रीक योगर्ट शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ● 1 कप ग्रीन टी रात का खाना 7 बजे ● ग्रील्ड चिकन सलाद अच्छी उच्च वसा ड्रेसिंग के साथ
● सोया चंक रैप (गेहूं के फ्लैट ब्रेड का उपयोग करें)
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
तीसरा हफ्ता पहले दो हफ्ते के ही समान होता है, लेकिन सेवन की जाने वाली कैलोरी की संख्या के आधार पर यह काफी अलग होता है। इस हफ्ते में दोपहर के खाने के बाद छोटे मील को हटाया जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर भारी नाश्ते से मिली ऊर्जा का उपयोग करे और खाने को पचने में भी आसानी हो। इसके बाद प्रोटीन युक्त डिनर से शरीर को फिर से एनर्जी मिल सकती है।
चौथा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ● नींबू पानी के साथ अलसी बीज का चूर्ण नाश्ता सुबह 8:30 बजे ● 1 कप ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी दोपहर का भोजन 12:30 बजे ● 1 सेब या 1 गिलास छाछ रात का खाना 7 बजे ● चिकन सूप + फ्रूट कस्टर्ड
या फिर
● पालक, लहसुन, खट्टा क्रीम और पारमेसन चीज़ + फ्लेवर्ड दही के साथ मसली हुई गोभी
या फिर
● स्मोक्ड चिकन + हरी सब्जियां + 1 मध्यम आकार की चॉकलेट ब्राउनी
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के चौथे सप्ताह में हाई फैट, उच्च प्रोटीन और कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है। इस हफ्ते में काफी हद तक वजन कम हो सकता है, क्योंकि किटोसिस फैट को बर्न करने में मदद कर सकता है। यह वह सप्ताह है, जब कीटो डाइट प्लान के साथ नियमित व्यायाम करने वालों को सबसे अधिक फायदा हो सकता है।
ये तो थे हफ्ते के अनुसार कीटो डाइट चार्ट के नमूने। अब बारी आती है यह जानने की कि कीटो डाइट में और क्या-क्या खा सकते हैं।
कीटो डाइट में क्या खाएं – Foods to Eat on the Keto Diet In Hindi
नीचे हम कीटो डाइट प्लान में खाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों की सूची शेयर कर रहे हैं (2) (5) (6)।
हरी सब्जियां जैसे – पालक, खीरा, ब्रोकली, स्प्राउट्स, शिमला मिर्च, मशरूम, गोभी
चिकन
साबुत अनाज
नट्स जैसे – बादाम, अखरोट
बीज
जैतून का तेल
तरह-तरह के फल
खूब सारा पानी
लेख के अगले भाग में जानिए कि कीटो डाइट प्लान में किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कीटो डाइट में क्या न खाएं – Foods to Avoid on the Keto Diet In Hindi
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें (7)।
शराब का सेवन न करें।
सॉफ्ट ड्रिंक या सोडायुक्त पेय पदार्थों से दूर रहें।
तले-भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
बाहर का खाना या जंक फूड का सेवन न करें।
ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
ज्यादा सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
प्रोसेस्ड मीट का सेवन न करें।
नोट : अगर कीटो डाइट चार्ट में मौजूद किसी खाद्य पदार्थ से किसी व्यक्ति को एलर्जी है, तो उसका सेवन न करें। कीटो डाइट प्लान के बारे में आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें। कीटो डाइट प्लान की कई चीजें व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। इसलिए, बेहतर है कि कीटो डाइट प्लान शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए किस तरह की एक्सरसाइज और योग फायदेमंद हो सकते हैं।
वजन घटाने के लिए कीटो डाइट के साथ कुछ व्यायाम और योगासन
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस में अगर व्यायाम या योग को शामिल कर लिया जाए, तो उसका प्रभाव और जल्दी दिख सकता है। साथ ही इन्हें सही प्रकार से करना भी जरूरी है। व्यायाम या योग न सिर्फ मोटापे को कम करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचाव करने में मदद कर सकते हैं (8) (9) (10) (11) (12)।
नीचे हम चार हफ्तों में किए जाने वाले कुछ आसान व्यायाम व योग के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पहले तीन हफ्ते मुश्किल व्यायाम किए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि चौथे सप्ताह में हल्के-फुल्के स्ट्रेचिंग योगासन का सहारा लें, क्योंकि चौथे सप्ताह में व्यक्ति लिक्विड डाइट पर रहता है।
पहला हफ्ता – वॉर्मअप + जॉगिंग + रनिंग + जंपिंग जैक + रस्सी कूदना
दूसरा हफ्ता – वॉर्मअप + रस्सी कूदना + स्क्वाट + पुश अप + एरोबिक्स
तीसरा हफ्ता – वॉर्मअप + सीढ़ी चढ़ना + पुश अप + कार्डियो
चौथा हफ्ता – वॉर्मअप + योग + चलना + ध्यान लगाना या मेडिटेट करना
नोट : कोई भी एक्सरसाइज या योगासन करने से पहले किसी विशेषज्ञ द्वारा राय जरूर लें। साथ ही किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। साथ ही व्यक्ति अपने उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार व्यायाम या योग के बारे में विशेषज्ञ की सलाह ले सकता है।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस कुछ लोगों के लिए थोड़ा ��ुश्किल हो सकता है। इसलिए, लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट प्लान से संबंधित कुछ टिप्स दे रहे हैं।
कीटो डाइट के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Keto Diet in Hindi
कीटो डाइट प्लान के शुरुआत में कुछ परेशानियां हो सकती है। पसंद की चीजें खाने का मन हो सकता है। ऐसे में इधर-उधर की चीजों में मन लगाकर ध्यान भटकाने का प्रयास करें।
कीटो डाइट प्लान का प्रभाव और अच्छा हो, उसके लिए नियमित व्यायाम व योग करें। चाहें तो जिम या योग सेंटर भी जॉइन कर सकते हैं।
नियमित रूप से पानी पिएं।
कीटो डाइट प्लान के साथ शरीर को आराम भी दें।
कीटो डाइट प्लान के साथ जीवनशैली में भी बदलाव किया जा सकता है। बाहर खाने की जगह बेहतर है कि घर में ही बना खाना खाएं।
एक कप कॉफी और सैंडविच के लिए कॉफी शॉप जाने की जगह घर में ही कॉफी बनाए और साथ में अंडे या हरी सब्जियों का सैंडविच बनाकर खाएं।
सही वक्त पर खाना खाएं।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के शुरुआत से ही हर दिन या हर हफ्ते वजन चेक करें और उसे लिखते जाएं। इससे पता चलेगा कि कीटो डाइट फॉर वेट लॉस का कितना असर हो रहा है।
सही वक्त पर सोएं और सुबह उठें। ध्यान रहे कि नींद पूरी करें।
कीटो डाइट प्लान हर किसी के लिए आसान नहीं है, क्योंकि इसमें कई चीजों को खाने में रोक लगी होती है। ऐसे में इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में लेख के इस भाग में जानकारी दी जा रही है।
कीटो डाइट प्लान के नुकसान – Keto Diet Plan Side Effect In Hindi
हर चीज के दो पहलू होते हैं एक फायदा और एक नुकसान। उसी तरह कीटो डाइट के फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट के नुकसान (6) (7)।
पोषक तत्वों की कमी
मतली या उल्टी
सिरदर्द
थकान
मूड स्विंग्स या चिड़चड़ापन
चक्कर आना
थकान
कब्ज
अनिद्रा
कीटो डाइट के फायदे जानने के बाद कई लोग इसे फॉलो करना चाहेंगे। उससे पहले कीटो डाइट प्लान को आजमाने के लिए कीटो डाइट चार्ट के बारे में आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। साथ ही कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस को अगर सही तरीके से किया जाए, तो इसका असर शरीर पर कुछ ही वक्त में दिख सकता है। ध्यान रहे कि कीटो डाइट के साथ सावधानी जरूरी है, क्योंकि कीटो डाइट के नुकसान भी हैं। इसलिए, डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार कीटो डाइट प्लान को फॉलो करें। अगर डाइट के दौरान कोई भी असुविधा महसूस हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से इस बारे में बात करें। कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर आप अपने अनुभव नीचे दिए कमेंट बॉक्स की मदद से हमारे साथ जरूर शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या कीटो डाइट सुरक्षित है?
हां, कीटो डाइट सुरक्षित है (5)। हालांकि, यह व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है कि उसके लिए कीटो डाइट सुरक्षित है या नहीं। इसलिए, बेहतर है कि इस बारे में अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
कीटो डाइट का पालन कर मैं कितना वजन कम कर सकता हूं?
अगर कीटो डाइट प्लान को सही तरीके से फॉलो किया जाए और साथ में व्यायाम किया जाए, तो पहले दो हफ्ते में 4.5 किलो तक वजन कम हो सकता है (7)।
मैं तीन सप्ताह के लिए कीटो डाइट पर हूं, लेकिन मेरा वजन कम नहीं हुआ है । कृपया मदद कर���।
कम कार्ब आहार पर वजन कम न होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे एक दिन में कम कार्ब के खाद्य पदार्थों का सेवन करना, बहुत से फल खाना, पर्याप्त व्यायाम न करना, बहुत अधिक या बहुत कम प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाना, हर हफ्ते बहुत से चीटमील खाना, बहुत ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन। इतना ही नहीं तनाव, हार्मोनल असंतुलन और पर्याप्त नींद नहीं लेना भी कारण हो सकता है। इसलिए, कम से कम तीन दिन तक आप अपनी दिनचर्या, पूरे दिन किन खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और ऐसी ही अन्य छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों को एक जगह नोट करते जाएं। इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से इस बारे में बात कर सकते हैं।
क्या मिर्गी रोगी कीटो डाइट कर सकते हैं ?
कभी-कभी जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं, तो मिर्गी रोग से ग्रस्त बच्चों को डॉक्टर कीटो डाइट की सलाह देते हैं (7)। अगर किसी भी व्यक्ति के घर में कोई मिर्गी रोगी है, तो उसे कीटो डाइट का पालन कराने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें ।
बॉडी बिल्डिंग के लिए एक सही किटोजेनिक डाइट प्लान क्या है?
अगर कोई व्यक्ति बॉडी बिल्डिंग में रुचि रखता है, तो सबसे पहले उसे शरीर से फैट कम करना होगा। ऊपर बताए गए कीटो डाइट प्लान में कम कार्ब, उच्च फैट और मध्यम मात्रा में प्रोटीन लेने की सलाह दी गई है। फैट को कम करने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले 5-सप्ताह केटोजेनिक आहार योजना से शुरुआत करनी होगी। एक बार जब शरीर का फैट बर्न होने लगता है और काफी फैट कम हो चुका होता है, तब बारी आती है विटामिन, खनिज और प्रोटीन सप्लीमेंट (यदि आवश्यक हो) के साथ उच्च प्रोटीन आहार लेने की। फिर भी हम यही सुझाव देंगे कि पहले अपने डॉक्टर, डायटीशियन या जिम ट्रेनर से मिलकर इस बारे में बात की जाए। वो व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार बेहतर जानकारी दे सकते हैं।
क्या मैं बच्चे के जन्म के बाद वजन कम करने के लिए कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर सकती हूं?
नहीं, डिलीवरी के ठीक बाद आपके बच्चे को पोषण की आवश्यकता होगी। आप जो पौष्टिक और पूर्ण आहार लेंगी वही आपके शिशु को मिलेगा। ऐसे में अगर आप सही और पोषक तत्व युक्त आहार नहीं लेंगी, तो उसका प्रभाव आपके बच्चे पर हो सकता है। इसलिए, पर्याप्त प्रोटीन, वसा और कार्ब्स खाएं, ताकि आपका शिशु स्वस्थ रहे। डिलवरी के कुछ महीनों बाद आप डॉक्टर से परामर्श लें कि कीटोजेनिक डाइट आपके लिए सही है या नहीं। फिर डॉक्टर के कहे अनुसार ही डाइट का चुनाव करें।
क्या ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से फैट बर्न हो सकता है?
हां, कीटो डाइट प्लान में अच्छे वसा शामिल हैं। इसमें ऐसे फैट शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, जैसे – मोनोअनसैचुरेटेड फैट (1) (2)। इसके अलावा, दैनिक आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करें। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (13)।
क्या कीटो डाइट प्लान के दौरान शरा�� का सेवन किया जा सकता है ?
सप्ताह में सिर्फ एक बार एक छोटा गिलास वाइन का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए, बेहतर है कि आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। स्टाइलक्रेज अल्कोहल सेवन को बढ़ावा नहीं देता है।
क्या मुझे सप्लीमेंट लेने की भी जरूरत है?
यदि आप पहली बार कीटो डाइट कर रहे हैं या कम कार्ब आहार के लिए नए हैं, तो आप कमजोरी महसूस कर सकते हैं। आपके मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है। ऐसे में आपको सप्लीमेंट की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन सप्लीमेंट के सेवन से पहले न्यूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर से बात जरूर करें (1)।
मुझे कब्ज की शिकायत हो रही है। कृपया मदद करें।
आपको अधिक तरल पदार्थ (पानी, ताजे फलों जैसे – बेरीज) का सेवन करना चाहिए (5) (6)। ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फाइबर न सिर्फ पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकता है, बल्कि कब्ज की परेशानी से भी राहत दिला सकता है (14) (15)। अगर समस्या ज्यादा बढ़े या ज्यादा दिन से है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
कीटोन्स को कैसे मापा जा सकता है?
कीटोन्स को मापने के लिए बाजार में कई उपकरण हैं, जैसे कि कीटोस्टिक्स (Ketostix)। आप उन्हें ऑनलाइन या मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। इसका उपयोग करने से पहले पैकेट पर दिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।
कीटोसिस चरण में प्रवेश करने में कितने दिन लगेंगे?
कम कार्ब वाले आहार के सेवन के साथ अगर रोज व्यायाम भी किया जाए, तो कुछ ही दिनों में आप कीटोसिस चरण में प्रवेश कर जाएंगे। कीटो डाइट प्लान को अगर सही तरीके से फॉलो किया जाए, तो पहले ही दो हफ्तों में 4.5 (10 lbs) किलो वजन कम किया जा सकता है (7)। यह काफी हद तक व्यक्ति की दिनचर्या और वो किन चीजों का सेवन कर रहा है, उस पर भी निर्भर करता है। जब शरीर में जमा वसा ऊर्जा में परिवर्तित होने लगती है, तो कीटोन निकलने शुरू हो जाते हैं। इसे ही कीटोसिस चरण कहा जाता है।
मुझे घर में खाना बनाने का वक्त नहीं मिलता है। ऐसे में लो कार्ब डाइट को कैसे फॉलो किया जा सकता है?
आप नीचे बताए गए तरीकों को फॉलो कर सकते हैं (16) (17):
हाई कार्ब फूड्स जैसे कूकीज, केक, पेस्ट्री, पास्ता व ब्रेड से दूर रहें।
डिब्बा बंद व सोडा युक्त पेय पदार्थों का सेवन न करें।
अगर आप कहीं बाहर खाने जा रहे हैं, तो वेटर या शेफ से बात करें और अपने खाने की जरूरतों को समझाएं।
सहकर्मियों या दोस्तों के साथ डिनर या लंच के लिए बाहर जाते समय, कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों जैसे – चिकन, हरी सब्जियां व फलों क��� रस आदि को ऑर्डर करें।
ज्यादा मसाले वाले आहार से दूर रहें।
अंत में हमारा सुझाव ��ै कि आप हरी सब्जियां, फल खरीदें। हर दिन बाहर या ऑफिस जाने से पहले उन्हें धोएं और काटकर जिपलॉक बैग में रख लें। बाहर के खाने से दूरी बनाएं और भूख लगने पर हरी सब्जियों की सलाद या फलों का सेवन करें। इसके अलावा, आप फ्रीज में भी एक दिन के लिए सब्जियां काटकर रख सकते हैं और जब आप घर आएं, तो उन पर जैतून का तेल और नींबू का रस मिलाकर उनका सेवन कर सकते हैं। आप अंडे उबालकर भी रख सकते हैं। इन चीजों से आप अपना काम आसान कर सकते हैं।
क्या कीटो डाइट प्लान में अच्छी मात्रा में प्रोटीन का सेवन किया जा सकता है?
कीटो डाइट प्लान में सीमित मात्रा में प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है (1)। उच्च प्रोटीन वाले आहार से बचें, क्योंकि प्रोटीन का अधिक सेवन शरीर को कीटोसिस स्टेट में जाने से बाधित कर सकता है (18)।
क्या कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के दौरान बहुत अधिक पेशाब आना सामान्य है?
हां, कीटो डाइट के दौरान यह सामान्य बात है। इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होता है। इस डाइट में पहले हफ्ते में पेशाब बार-बार आता है, जिससे वजन कम हो सकता है (7)। बार-बार पेशाब जाना केटोसिस का संकेत हो सकता है, मतलब कि आपका शरीर केटोसिस स्टेट में प्रवेश कर चुका है। इसलिए, ध्यान रहे कि आप खूब पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी न हो।
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई कैसे करें?
कीटो डाइट के दौरान व्यक्ति के शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट निकलते हैं, तो ऐसे में उनकी भरपाई भी जरूरी है। इस स्थिति में व्यक्ति मैग्नीशियम और पोटैशियम की खुराक व मल्टीविटामिन की खुराक ले सकता हैं। रोजाना दो कप सूप पिएं, अपने पीने के पानी या डिटॉक्स ड्रिंक में एक चुटकीभर नमक मिलाएं। ध्यान रहे कि अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो नमक का उपयोग न करें। इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध लो-सोडियम साल्ट जैसे लाइट साल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कीटो फ्लू क्या है?
कीटो फ्लू शरीर में कीटोसिस का एक विशेष संकेत है। कीटो फ्लू कीटो डाइट प्लान शुरू करने के दो से सात दिन बाद दिखाई दे सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है (19):
सिरदर्द
नींद न आना
कब्ज
थकान
उल्टी या मतली
चिड़चिड़ापन
ऐसा अचानक डाइट में होने वाले परिवर्तन के कारण हो सकता है।
भोजन में कार्ब्स की गणना कैसे कर सकते हैं?
आप न्यूट्रीशन डेटा वेबसाइट पर ऑनलाइन जांच कर सकते हैं या ऑनलाइन टूल जैसे फिटनेस पाल टू कैलकुलेट दी टोटल कार्ब्स (fitness pal to calculate the total carbs) का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, विकल्प के तौर पर आप कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकर अपनी डाइट में कम कार्ब वाली सामग्रियों का चुनाव कर सकते हैं।
कीटो डाइट प्लान के लिए स्वस्थ फैट क्या है?
नीचे हम कुछ स्वस्थ फैट युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं, जिनका सेवन आप कर सकते हैं। स्वस्थ फैट में मोनो-अनसैचुरेटेड और पोलीअनसैचुरेटेड फैट मौजूद है। इसका सेवन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है (20) (21)।
जैतून का तेल
अलसी के बीज
सूरजमुखी के बीज का तेल
सोया
मकई
मछली
एवोकैडो
नट्स
कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण क्या हैं?
अगर बात करें कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण की, तो लोगों के अनुभव के अनुसार आमतौर पर कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के तीन चरण होते हैं। ध्यान रहे कि इनके बारे में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसलिए, हम लोगों के अनुभव के आधार पर इस बारे में बता रहे हैं।
तीन स्टेजेस कुछ इस प्रकार हैं :
रैपिड वेट लॉस स्टेज (Rapid weight loss stage) – इस चरण में व्यक्ति के शरीर से अधिक से अधिक पानी का वजन कम होगा। इसे कीटो डाइट प्लान का पहला चरण कहा जा सकता है।
कीटो अडैप्शन स्टेज (Keto-adaptation stage) – इस चरण में व्यक्ति का वजन घटना स्थिर हो सकता है। हालांकि, इस स्टेज में व्यक्ति का वजन बढ़ भी सकता है। इस स्टेज में शरीर नए ऊर्जा स्रोत और ऊर्जा के रूप में शुगर की कमी का अनुभव कर सकता है। यह लगभग एक सप्ताह तक चल सकता है।
कम्पलीट कीटो अडैप्शन स्टेज (Complete keto-adaptation stage) – इस स्टेज में शरीर मुख्य ऊर्जा स्रोत के रूप में कीटोन्स का उपयोग करना सीख जाता है। इस स्टेज में शरीर ज्यादा फैट बर्न कर सकता है। यह स्टेज तीसरे सप्ताह के मध्य से शुरू हो सकता है और चौथे सप्ताह तक रह सकता है। इस दौरान कुछ लोग वजन बढ़ने का या वजन न घटने का भी अनुभव कर सकते हैं, लेकिन इसमें कोई चिंता की बात नहीं है। यह वजन बढ़ाने या वजन कम न करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ध्यान रहे कि आप सही तरीके से डाइट का पालन करें और नियमित रूप से व्यायाम या योग करते रहें, ताकि वजन संतुलित रहे।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-keto-diet-in-hindi/
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By Suruchi Chawala
दूध पीना हर किसी को पसंद नहीं होता है, और बच्चे ही नहीं कई बार बड़े भी इसे न पीने के के लिए तरह तरह के बहाने बनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते है की दूध में मौजूद कैल��शियम, प्रोटीन, विटामिन्स, फॉस्फोरस, व् अन्य खनिज होते है, जो की दूध पीने से आपको मिलते है और आपके स्वस्थ को सही रखने में मदद करते है, और यदि आपको दूध का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप इसके स्वाद को बदल कर जैसे की शेक बनाकर, गरम दूध पसंद नहीं है तो ठंडा दूध पीकर इसके फायदों को उठा सकते है, लेकिन आपको इसे किसी न किसी रूप में नियमित एक गिलास जरूर पीना चाहिए, और बच्चों के लिए महिलाओं के लिए तो यह बहुत जरुरी होता है।
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दूध के फ्लेवर को बदलने के लिए आप मानगो शेक, इलायची दूध, बादाम दूध, कस्टर्ड, खीर आदि बना सकते हैं, अब आप ये सोच रहें होंगे की दूध पीने से आपको कौन कौन से फायदे होते है, और यकीन मानिये जब आप इन फायदों के बारे में जान जाएंगे तो आप दूध पीना जरूर शुरू कर देंगे, इससे आपके बोन्स ( हड्डियों ) की मजबूती से लेकर आपकी सुंदरता बढ़ाने तक के गुण होते है, तो आइये अब हम आपको विस्तार से बताते है की दूध पीने से आपको कौन से फाड़े होते है, और गरम दूध और ठंडा दूध पीने के अलग अलग फायदों के बारे में चर्चा करते है।
गरम दूध पीने के फायदे:- हड्डियों के लिए है फायदेमंद:-
हड्डियों की मजबूती को बरक़रार रखने के लिए कैल्शियम की मात्रा की शरीर में अधिकता होनी बहुत जरुरी होती है, और दूध में वह भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसके लिए आपनो नियमित एक गिलास दूध का सेवन जरूर करना चाहिए साथ ही बच्चों की हड्डियों के विकास के लिए यह बहुत जरुरी होता है, इसीलिए उन्हें तो दो से तीन गिलास दूध का सेवन करवाना चाहिए, और यदि आप गुनगुने दूध का सेवन करते है, तो यह तेजी से असर करता है।
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दांतो के लिए अच्छा होता है:-
आपके दांतो की मजबूती को बनाएं रखने के लिए भी कैल्शियम बहुत जरुरी होता है, और दूध में यह भरपूर पाया जाता है, इसीलिए दूध का सेवन जरूर करना चाहिए इससे आपके दांतों को मजबूत होने में मदद मिलती है।
ऊर्जा से भरपूर बनाएं रखने में मदद करता है:-
यदि आप बहुत जल्दी थक जाते है, या आपको कमजोरी लगती है, तो आपको नियमित एक गिलास गरम दूध कस सेवन नाश्ते में जरूर करना चाहिए, इसके सेवन स�� आपको पूरा दिन ऊर्जावान बने रहने में मदद मिलती है।
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तनाव से दूर रहने में मदद मिलती है:-
डिप्रेशन आजकल हर व्यक्ति जिंदगी का हिस्सा बना गया है, और इससे बचने के लिए आपको रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध का सेवन करना चाहिए, इससे आपको शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी राहत महसूस करने में मदद मिलती है।
गले से जुडी परेशानी दूर करता है:-
गरम दूध का सेवन करने से आपको गले में खराश आदि की समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है, इसके अलावा यदि आप चाहे तो दूध में हलकी हल्दी डालकर भी मिला सकते है, यह तेजी से से राहत दिलाने में मदद करती है।
ठंडा दूध पीने के फायदे:-
मोटापा घटाने में मदद करता है:-
जी हां ये बिलकुल सच है की ठन्डे दूध का सेवन करने से आपके वजन को कम होने में मदद मिलती है, क्योंकि अगर आप ठन्डे दूध का सेवन करते हैं तो आपके शरीर को नॉर्मल तापमान पर लाने के लिए आपके शरीर को कैलोरी बर्न करनी पड़ेगी, और उसे पचाना पड़ेगा और कैलोरी के बर्न होने पर आपके शरीर में जमी चर्बी को भी कम होने में मदद मिलेगी।
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एसिडिटी दूर भगाएं:-
ठन्डे दूध का सेवन करने से आपकी एसिडिटी की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है, साथ ही इसके सेवन से आपको पेप्टिक अल्सर के कारण होने वाले पेट दर्द से भी राहत पाने में मदद मिलती है।
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आपकी बॉडी को हाइड्रेट करने में मदद करता है:-
ठन्डे दूध का सेवन करने से आपकी बॉडी को हाइड्रेट रहने में मदद मिलती है, ठंडे दूध में मौजूद एलेक्ट्रोलाइट्स आपकी बॉडी को डीहाइड्रेट होने से रोकते है, और यदि आप सुबह के समय इस दूध का सेवन करते है तो यह आपको ज्यादा फायदा करता है।
आपकी स्किन को बनाएं खूबसूरत:-
ठन्डे दूध का सेवन करने से आपकी स्किन की ख़ूबसूरती को बढ़ाने में मदद मिलती है, क्योंकि यह आपकी स्किन को हमेशा हाइड्रेट रखता है, और साथ ही यदि आप इसे रुई की मदद से अपनी स्किन पर लगते है, तो यह और भी फायदा करता है।
पचने में आसान होता है:-
ठन्डे दूध को पचना भी आसान होता है, और इसके कारण आपको गैस आदि से भी निजात पाने में मदद मिलती है, क्योंकि यह हर तरह के फैट जैसे दूध, घी मक्खन को आसानी से पचाने में मदद करता है, और आप चाहे तो रात को खाना खाने के साथ सुबह वर्कआउट के बाद एनर्जी ड्रिंक के रूप में भी इसका सेवन कर सकते है।
कोल्ड कॉफ़ी के रूप में करें इस्तेमाल:-
यदि आप गर्मी में चाय या कॉफ़ी का सेवन करने से निजात पाना चाहते है, तो आप ठंडे दूध से बनी कॉफ़ी का सेवन करें, कोल्ड कॉफ़ी का सेवन करने से आपको रिलैक्स मह्सूस होता है, साथ ही आपको फ्रेश फील करके अपनी थकावट को भी दूर करने में मदद मिलती है।
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दूध पीने के अन्य फायदे:-
यदि आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं तो नियमित गरम दूध का सेवन करने से आपकी मांसपेशियों को मजबूत होने में मदद मिलती है, क्योंकि गरम दूध में विटामिन और प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है।
त्वचा की नमी को बरकरार रखने के लिए आपको दूध का सेवन नियमित करना चाहिए, क्योंकि आपकी स्किन को कोमल बनाएं रखने वाला एमिनो एसिड इसमें भरपूर मात्रा में होता है।
दूध का नियमित सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे आपको रोगो से सुरक्षित रहने में मदद मिलत�� है।
कब्ज़ से जुडी परेशानी हो या नींद नहीं आती हो, तो नियमित रात को गरम दूध का सेवन करें आपको फायदा मिलेगा।
गरम दूध में हल्दी डालकर पीने से सायनस और दमा जैसी बिमारी से बचाव करने में आपको मदद मिलती है।
यदि आपको पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द होता है तो गरम दूध का सेवन करने से आपकी इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
नियमित दूध का सेवन करने से आपको हदय रोग होने की सम्भावना कम होती है।
एक्ज़िमा से जुडी परेशानी होने पर नियमित दूध का सेवन करने से आपको फायदा मिलता है।
दुबलेपन के शिकार लोगो को भी दूध का सेवन भरपूर करना चाहिए इससे उन्हें दुबलेपन से निजात पाने में मदद मिलती है।
पैर में मोच आदि के आने पर गरम दूध का सेवन करने से आपको फायदा मिलता है।
तो ये है नियमित दूध पीने के फायदे, इसीलिए आपको इन फायदों को उठाने के लिए खुद भी दूध पीना चाहिए और अपने परिवार के सदस्यों को भी दूध पिलाना चाहिए. और यदि आपको या आपके बच्चों व् अन्य को प्लेन दूध पसंद नहीं है तो इसके फ्लेवर्स को आपको नियमित लेना चाहिए, ताकि आपको टेस्ट भी मिलें और फायदे भी मिलें।
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केवल 3.5 महीने में 31 किलो करे कम इस डाइट और वर्कआउट से
इससे बुरी बात और कोई नहीं हो सकती अगर आप सेहत बिगड़ने की वजह से अपने रोजाना के कार्यों को सुचारु रूप से न कर पाएं। यही समस्या 36 साल के अमित के साथ भी थी, क्योंकि उनका वजन बहुत अधिक बढ़ गया था। अमित अधिक वजन की वजह से न सिर्फ हमेशा थके हुए लगते थे, बल्कि उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता था। अमित ने आखिर में अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने का फैसला लिया और 3.5 महीने में 31 किलो वजन घटा लिया।
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तो आइये आपको बताते हैं अमित के वेट लॉस की कहानी उन्हीं की जुबानी –
आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?
मैं अपने रोजाना के कार्यों को भी ढंग से नहीं कर पाता था। थोड़े से काम से ही थकान होना मेरे लिए सबसे बड़ी परेशानी बन गयी थी। मैं न सिर्फ हमेशा आलसी रहता था बल्कि अधिक वजन की वजह से मुझे कई स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगी थीं। मैंने आखिर में अपने वजन को कम करने का फैसला लिया और चार महीने तक सिर्फ और सिर्फ अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की ठानी।
(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya na khaye)
आप क्या खाते थे?
मेरा नाश्ता - आठ अंडों का ऑमलेट (बिना जर्दी वाले सात अंडों के साथ एक जर्दी के साथ वाला अंडा) संतरे के जूस के साथ खाता था।
दोपहर का खाना - एक उबला चिकन का टुकड़ा, एक रोटी, दाल या सब्जी।
रात का खाना - चिकन सलाद और प्रोटीन शेक।
डाइट से हटकर आहार - कभी-कभी एक छोटा पराठा खा लेता था। पंजाबी होने की वजह से मेरे लिए पराठों से लम्बे समय तक दूर रहना मुश्किल होता था।
कम कैलोरी वाला आहार - मेरा मनपसंद कम कैलोरी खाना था उबली सब्जियां।
(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya nahin khana chahiye)
आप क्या वर्कआउट करते थे?
मैं वर्कआउट में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, कार्डियो एक्सरसाइज और "फंक्शनल ट्रेनिंग" (यानी कुछ ऐसी एक्सरसाइज जो आपकी रोज़ की एक्टिविटीज करने के लिए आपको ज्यादा स्ट्रांग बनाती हैं) करता था। मेरे फिटनेस ट्रेनर ने मुझे सलाह दी कि वेट लॉस में आये बदलावों को हफ्ते के आखरी दिन जरूर जांचें।
(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise)
आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहे?
अपनी पुरानी अधिक वजन की तस्वीरों को देखकर मैं हमेशा चुस्त और प्रेरित रहता था।
(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)
अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?
सबसे मुश्किल भरा हिस्सा तब होता है जब आप हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं।
(और पढ़ें - kamar patli karne ka nuskha)
आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहते हैं?
मेरा एकमात्र लक्ष्य है स्वस्थ शरीर पाना। ऐसा स्वस्थ शरीर, जिसमें मांसपेशियों का मास और शरीर का वजन एकदम सही हो।
(और पढ़ें - body banane ke tarike)
जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?
मैंने फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक और मीठे पेय पदार्थ पीना बंद कर दिया था। मैं कभी डिब्बा बंद (पैकेज्ड) फूड नहीं खाता था। हमेशा घर का बना खाना ही मेरे लिए बेहद जरूरी था। इसके अलावा मैं यह सुनिश्चित करता था कि रोजाना पांच लीटर पानी भी जरूर पियूं।
(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)
आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?
मैं रोजाना के कार्यों को नहीं कर पाता था, क्योंकि मुझे बहुत जल्दी थकान महसूस होने लगती थी।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए योगासन)
वजन घटाने के सफर में आपने क्या सीखा?
स्वास्थ्य सही रखना आपको खुलकर जीने की आजादी देता है - मैं तो सच में मानता हूँ कि "पहला सुख निरोगी काया"।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)
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आशा करते हैं कि आपको अमित के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।
अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - [email protected]
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बादाम दूध के फायदे, उपयोग और नुकसान – Almond Milk Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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बादाम दूध के फायदे, उपयोग और नुकसान – Almond Milk Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
बादाम दूध के फायदे, उपयोग और नुकसान – Almond Milk Benefits, Uses and Side Effects in Hindi Saral Jain Hyderabd040-395603080 October 11, 2019
बादाम का उपयोग इसके गुणों और स्वाद के कारण हम किसी न किसी रूप में करते ही रहते हैं। यह एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाता है। बादाम से अलग अगर इसके दूध की बात की जाए, तो पोषण के मामले में यह भी कम नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बादाम दूध पाचन सुधारने के साथ-साथ कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव कर सकता है। यह न सिर्फ सेहत, बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बात करेंगे बादाम दूध के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में। साथ ही हम आपको बादाम दूध बनाने की विधि के बारे में भी जानकारी देंगे।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि बादाम का दूध आपकी सेहत के लिए अच्छा कैसे है।
विषय सूची
बादाम दूध पीना आपके सेहत के लिए क्यों अच्छा है?
बादाम के दूध का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों के साथ-साथ प्रोटीन ड्रिंक में भी किया जाता है। बादाम के दूध में कोलेस्ट्रॉल और सैचुरेटेड फैट नहीं होता है और यह लैक्टोज मुक्त होता है। कम कैलोरी के कारण यह वजन कम करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। बादाम का दूध आयरन, विटामिन-ई और मैग्नीशियम प्रदान करता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। बादाम के दूध में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण कई बीमारियों को दूर करने के मदद कर सकते हैं।
इसक��� सेवन करने से खून के थक्के जमने का डर नहीं होता। इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली में वृद्धि करने में भी कारगर हो सकता है। बादाम दूध में मौजूद राइबोफ्लेविन (Riboflavin), कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में परिवर्तित करके पाचन में सहायता कर सकता है। इसमें आयरन पाया जाता है, जो एनीमिया से बचाव कर सकता है। इस तरह आपने देखा कि बादाम के दूध के एक नहीं कई फायदे हो सकते हैं (1)।
बादाम दूध के प्रमुख फायदों को आर्टिकल के इस हिस्से में विस्तार से बताया जा रहा है।
बादाम दूध पीने के फायदे – Benefits of Almond Milk in Hindi
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि बादाम के दूध का सेवन कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। यहां हम आपको इसका सेवन करने से होने वाले प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
1. हृदय के लिए बादाम दूध के फायदे
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बादाम का दूध हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। दरअसल, बादाम का दूध विटामिन-ए और विटामिन-ई का अच्छा स्रोत है (2)। ये पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं, जो हृदय समस्याओं का कारण बन सकते हैं (1) (3) (4)।
2. हड्डियों के लिए बादाम दूध पीने के फायदे
अगर हम कहें कि बादाम के दूध का सेवन आपकी हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकता है, तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। बड़ों के साथ ही बच्चों को भी मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए विटामिन-डी और कैल्शियम की आवश्यकता होती है (5)। बादाम के दूध में विटामिन-डी और कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही इनके विकास में मदद करेंगे (2)।
3. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए
बादाम का दूध आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर आपको रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान कर सकता है। इसमें विटामिन-डी और विटामिन-ई की अच्छी मात्रा पाई जाती है (2) और अन्य पोषक तत्वों के साथ ये दोनों विटामिन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इन पोषक तत्वों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो बीमारियों के साथ त्वचा की सूजन को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं (6) (7)।
4. आंखों के लिए बादाम दूध पीने के फायदे
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अगर आप आंखों की समस्या से परेशान हैं, तो बादाम का दूध आपके लिए एक कारगर औषधि के रूप में काम कर सकता है। जैसे बादाम के सेवन से आंखों की परेशानी को दूर किया जाता सकता है, वैसे ही बादाम के दूध का सेवन भी आपकी आंखों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें राइबोफ्लेविन के साथ ही विटामिन-ए और विटमिन-डी की मात्रा पाई जाती है (2)। राइबोफ्लेविन मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है (8)। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन-डी और विटामिन-ई आंखों की कई समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। जैसे कि कम दिखाई देना या फिर एक ही वस्तु के दो प्रतिबिम्ब दिखाई देना (9)।
5. मांसपेशियों के लिए बादाम दूध के फायदे
मजबूत मांसपेशियों के लिए भी बादाम का दूध कारगर हो सकता है। अगर आप जिम जाते हैं या फिर मांसपेशियों की कमजोरी से परेशान हैं, तो बादाम का दूध आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। बादाम के दूध में मांसपेशियों को बनाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने वाले प्रोटीन और मैग्नीशियम पाए जाते हैं (2)। प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही सहनशक्ति को बढ़ावा देने का काम करते हैं (10)। वहीं, मैग्नीशियम मांसपेशियों की कार्य प्रणाली में सुधार कर ज्यादा देर तक कार्य करने की क्षमता प्रदान करते हैं (11)।
6. कैंसर की रोकथाम के लिए बादाम दूध पीने के फायदे
बादाम के दूध का सेवन कैंसर की बीमारी से बचाने में कारगर हो सकता है। जैसा कि हमने आपको बताया कि इसमें कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं (2), इन्हीं में से एक है विटामिन-ई। बादाम के दूध में विटामिन-ई की अच्छी मात्रा पाई जाती है और विटामिन-ई कैंसर की समस्या को दूर करने के लिए अच्छा एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है। इसमें पाया जाने वाला टोकोट्रिनोल (Tocotrienols) नाम का घटक कैंसर से बचाव का काम कर सकता है। साथ ही इसके एंटी-ट्यूमर गुण के कारण ये कैंसर को बढ़ाने वाले ट्यूमर को पनपने से भी राेकता है (12)।
7. वजन कम करने के लिए बादाम दूध के फायदे
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अगर आप वजन कम करना है, तो बादाम का दूध आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इसमें कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है। 240 मिली बादाम दूध में मात्र 30 से 50 कैलोरी होती है, वहीं डेयरी मिल्क में 146 कैलोरी होती है। मतलब बादाम के दूध में डेयरी के दूध की अपेक्षा 65 से 80 प्रतिशत तक कम कैलोरी होती है और कम कैलोरी आपके वजन काे बढ़ने नहीं देती। आप दिनभर में दो से तीन बार डेयरी मिल्क की जगह बादाम दूध का सेवन कर सकते हैं। इससे आप प्रतिदिन 348 कैलोरी को कम कर सकते हैं (13)। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन भी वजन को नियंत्रित रखने में कारगर हो सकता है (14)।
8. रक्त में मौजूद शुगर के लिए
खाद्य पदार्थों में मौजुद शुगर डायबिटीज की समस्या को और जटिल बना सकती है। ऐसे में बादाम के दूध का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें शुगर और कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें पाया जाने वाला फाइबर रक्त शर्करा यानी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (2) (15)।
9. अच्छे पाचन के लिए बादाम दूध पीने के फायदे
क्या आपका पेट खराब रहता या फिर खाना ठीक से नहीं पचता है? तो फिर समझ लीजिए कि आपको पाचन की समस्या हो सकती है। इस दौरान फाइबर युक्त बादाम का दूध आपके पाचन के लिए लाभदायक हो सकता है (2)। फाइबर आपके पाचन तंत्र में सुधार कर सकता है। यह कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के साथ ही अपच को ठीक करने का काम करता है। फाइबर मल त्याग को आसान करता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं काफी हद तक कम हो जाती हैं (16)।
10. अनिद्रा को दूर करने के लिए बादाम दूध के फायदे
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नींद नहीं आने की स्थिति को अनिद्रा कहते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बादाम का दूध आपके लिए प्रकृति का अच्छा उपहार हाे सकता है। बादाम दूध में ट्रिप्टोफैन (Tryptophan) नामक यौगिक पाया जाता है, जो आपकी नींद न आने की समस्या को दूर करने में कारगर हो सकता है (17)। शोध के अनुसार, ट्रिप्टोफैन (Tryptophan) अनिद्रा जैसी स्थिति को दूर कर नींद के समय को बढ़ाने में मदद करता है और आपको एक स्वस्थ नींद प्रदान करने में मदद करता है (18)।
11. त्वचा के लिए
बादाम का दूध त्वचा के लिए भी लाभदायक है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसमें खास तौर से विटामिन-डी और विटामिन-ई की अच्छी मात्रा पाई जाती है (2)। विटामिन-डी त्वचा को यूवी सुरक्षा देने के साथ-साथ हानिकारक बैक्टीरिया से भी बचाता है। वहीं विटामिन-ई लिपिड पेरोक्सीडेशन (त्वचा की कोशिकाओं की क्षति की एक वजह) के प्रभावों से बचाने के लिए त्वचा को एक सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं। कोलेजन क्रॉस लिंकिंग और लिपिड पेरोक्सीडेशन के प्रभाव में आने पर त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां पड़नी शुरू हो जाती हैं। विटामिन-ई इनके प्रभावों को दूर कर त्वचा को फिर से आकर्षक बनाने में मदद करता है (19)।
12. बालों के लिए
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बादाम का दूध न सिर्फ सेहत और त्वचा के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसके उपयोग से आप अपने बालों को भी मजबूत, चमकदार और आकर्षक बना सकते हैं। जैसा कि आपको पहले ही बता चुके हैं कि बादाम के दूध में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, साथ ही इसमें आयरन भी पाया जाता है (2)। बादाम में पाए जाने वाले ये दोनों पोषक तत्व आपके बालों के लिए कई प्रकार से फायदेमंद होते हैं। जहां प्रोटीन आपके बालों की मजबूती और विकास में फायदेमंद होता है, वहीं दूसरी ओर आयरन बालों की जड़ों को पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाता है। साथ ही आयरन बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें आकर्षक बनाने के एक लिए एक अच्छा पोषक तत्व हो सकता है (20)।
बादाम दूध के फायदों के बाद यहां हम आपको बता रहे हैं, इसमें पाये जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
बादाम दूध के पौष्टिक तत्व – Almond Milk Nutritional Value in Hindi
बादाम दूध के इतने सब फायदे उसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से हैं। तो फिर जानते हैं कि आखिर बादाम दूध में वो कौन-से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे सेहत के लिए इतना फायदेमंद बनाते हैं (2)
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम पानी 96.54 ग्राम ऊर्जा 15 kcal प्रोटीन 0.4 ग्राम फैट 0.96 ग्राम कार्बोहाइड्रेट 1.31 ग्राम फाइबर 0.2 ग्राम शुगर 0.81 ग्राम मिनरल कैल्शियम 184 मिलीग्राम आयरन 0.28 मिलीग्राम मैग्नीशियम 6 मिलीग्राम फास्फोरस 9 मिलीग्राम पोटैशियम 67 मिलीग्राम सोडियम 72 मिलीग्राम जिंक 0.06 मिलीग्राम कॉपर 0.02 मिलीग्राम मैंगनीज 0.04 मिलीग्राम सेलेनियम 0.1 यूजी विटामिन राइबोफ्लेविन 0.010 मिलीग्राम नियासिन 0.07 मिलीग्राम पैंटोथैनिकएसिड 0.01 मिलीग्राम फोलेट 1 माइक्रोग्राम कोलीन 3.1 मिलीग्राम विटामिन-ई (अल्फा-टोकोफेरॉल) 6.33 मिलीग्राम विटामिन-ई 6.33 मिलीग्राम टोकोफेरोल, बीटा 0.12 मिलीग्राम टोकोफेरोल, गामा 0.32 मिलीग्राम टोकोफेरोल, डेल्टा 0.13 मिलीग्राम विटामिन-डी (डी 2+डी 3) 1 यूजी विटामिन-डी 3 1 यूजी विटामिन-डी 41 यूजी लिपिड फैटीएसिडटोटलसैचुरेटेड 0.08 ग्राम फैटीएसिडटोटलमोनोअनसैचुरेटेड 0.59 ग्राम फैटीएसिडटोटलपॉलीअनसैचुरेटेड 0.24 ग्राम
बादाम दूध के पोषक तत्वों के बाद जानते हैं घर में बादाम दूध बनाने की विधि के बारे।
घर में बादाम दूध कैसे बनाएं?
जरूरी नहीं कि आप बादाम दूध को बाजार से ही खरीद कर लाएं। आप इसे घर में भी बना सकते हैं। यहां हम आपको घर में बादाम दूध बनाने की आसान विधि बता रहे हैं।
सामग्री:
1 कप कच्चे बादाम 2 कप पानी मिठास के लिए शहद या चीनी
विधि:
सबसे पहले बादाम को रात भर भिगो कर रखें।
अगले दिन भीगे हुए बादामों धो लें और छिलकों को अलग कर दें।
बादाम को ब्लेंडर में एक कप पानी के साथ डालकर कुछ मिनट तक अच्छी तरह ब्लेंड कर लें।
अब इसे अच्छी तरह छान कर रख लें, ताकि बादाम का दूध अच्छी तरह अलग हो जाए।
फिर दूसरे बर्तन में आप दूध को निकाल लें और मिठास के लिए स्वादानुसार शहद या चीनी मिला लें।
बादाम दूध उपयोग करने के लिए तैयार है।
बादाम दूध बनाने की विधि के बाद जानते हैं कि बादाम दूध का उपयोग कब, कैसे और कितनी मात्रा में कर सकते हैं।
बादाम दूध का उपयोग – How to Use Almond Milk in Hindi
जैसा कि हमने आपको बताया कि बादाम का दूध शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन तब जब आप इसे दिन में एक कप यानी लगभग 240 मिली ही सेवन करें। बादाम दूध का उपयोग आप कई प्रकार से कर सकते हैं।
आप इसका उपयोग गाय के दूध के स्थान पर पीने के लिए कर सकते हैं।
डेयर�� मिल्क के स्थान पर आप इसका उपयोग करके आइसक्रीम या हल्वा आदि मिष्ठान बना सकते हैं।
जिम करने के बाद अच्छे प्रोटीन की पूर्ति के लिए और मसल्स बनाने के लिए आप इसे एनर्जी ड्रिंक के रूप में ले सकते हैं।
आप इसका उपयोग सेब और केले जैसे फलों के साथ मिलाकर स्मूदी के रूप मे भी कर सकते हैं।
गर्मी के मौसम में आप इसे ठंडा करके ठंडाई के रूप में पी सकते हैं।
किन्हीं परिस्थितियों में बादाम के दूध के नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। आइए देखते हैं।
बादाम दूध के नुकसान – Side Effects of Almond Milk in Hindi
बादाम का दूध यूं तो फायदेमंद होता है, लेकिन कभी-कभी ऐसी परिस्थिति भी बन जाती है, जब यह नुकसानदायक हो सकता है। जैसे:
बादाम के दूध की तासीर गरम होती है, इसे अधिक मात्रा में पीने से आपको पेट की समस्याएं हो सकती हैं।
जिन्हें बादाम से एलर्जी होती है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके परिणाम हानिकारक हो सकते हैं (21)।
बादाम के दूध में पोटैशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है (2)। पोटैशियम के ज्यादा सेवन से आपको पेट खराब, उल्टी और दस्त की समस्या हो सकती है (22)।
तो दोस्तों, आपने इस लेख से जाना कि बादाम का दूध आपके लिए किस प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। अगर इसे सीमित मात्रा में लिया जाए, तो यह औषधि का काम करता है। वहीं, अधिक मात्रा में इसका सेवन कई समस्याओं का कारण भी बन सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि अगर आपको अन्य दूध पसंद नहीं है, तो बादाम के दूध का सेवन आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। बादाम दूध के सारे फायदे आपने ऊपर पढ़ ही लिए हैं, तो देर किस बात की, अच्छी सेहत के लिए जल्द ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें। बादाम दूध पर लिखा यह लेख आपको कैसा लगा, हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। इसके अलावा, अन्य जानकारी के लिए आप हमसे अपने सवाल भी पूछ सकते हैं।
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Saral Jain
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/badam-dudh-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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