#वजन कम करने का तरीका
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अपने पैरों को टोन करने और lower body को मजबूत करने के लिए 8 महत्वपूर्ण Exrercises
अगर आपकी जांघों या पैरों के आसपास अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है, तो शायद यह समय पैरों के व्यायाम पर ध्यान देने का है जो आपके पैरों की मांसपेशियों को टोन करने में मदद कर सकते हैं। पैरों की कसरत, जिसमें हाई नी, स्क्वाट और लंज जैसे व्यायाम शामिल हैं, न केवल पैरों की मांसपेशियों को टोन करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं बल्कि आपके निचले शरीर में वसा को जलाने और ताकत बनाने में भी मदद करते हैं। नियमित रूप से अभ्यास करने पर, ये व्यायाम आपको सुडौल जांघें, मज़बूत बछड़े या बेहतर फिटनेस प्रदर्शन दे सकते हैं। और क्या? इससे चोट लगने का जोखिम भी कम हो जाता है! तो, आइए हम टोंड पैरों के लिए कुछ बेहतरीन व्यायाम बताते हैं।
पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए सबसे अच्छे व्यायाम
अपने पैरों को मजबूत बनाने के लिए अपने निचले शरीर में अलग-अलग मांसपेशी समूहों को लक्षित करने वाले व्यायाम करना ज़रूरी है। यहाँ 9 प्रभावी व्यायाम दिए गए हैं जो आपको पैरों को मजबूत बनाने में मदद करेंगे: 1. Rainbows इंद्रधनुष नितंबों और बाहरी जांघों को लक्षित करने के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है, जो इन क्षेत्रों को आकार देने और टोन करने में मदद करता है। इसे करने का तरीका इस प्रकार है: - टेबलटॉप स्थिति में अपने हाथों और घुटनों पर शुरू करें। - एक पैर को ज़मीन से ऊपर उठाएँ और दूसरे पैर को 90 डिग्री के ��ोण पर मोड़कर रखें। - पैर को एक तरफ़ घुमाएँ और फिर पीछे की ओर एक व्यापक चाप गति में घुमाएँ, जैसे कि आप अपने पैर से इंद्रधनुष बना रहे हों। - बाएँ तरफ़ से 10 बार दोहराएँ और फिर दूसरे पैर पर जाएँ। 3 सेट करें। 2. High knees हाई नी कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस के साथ-साथ क्वाड्रिसेप्स और हिप फ्लेक्सर्स सहित निचले शरीर को मजबूत और टोन करने के लिए बहुत बढ़िया हैं। इसे करने का तरीका इस प्रकार है:
- अपने पैरों को हिप-चौड़ाई से अलग करके और अपनी भुजाओं को अपनी बगल में रखकर सीधे खड़े हो जाएँ। - सीधे आगे देखते हुए, अपने बाएं घुटने को अपनी छाती की ओर जितना संभव हो उतना ऊपर उठाएँ। - अपने बाएं पैर को जल्दी से नीचे करें और अपने दाहिने पैर को ऊपर उठाएँ, जैसे कि आप एक ही जगह पर जॉगिंग कर रहे हों। - अधिक कैलोरी जलाने के लिए प्रत्येक पैर के लिए 50 हाई नी के कम से कम 4 सेट करने का लक्ष्य रखें। 3. Knee to elbow extensions यह व्यायाम कोर की मांसपेशियों और पैर की मांसपेशियों दोनों को प्रभावी ढंग से संलग्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जब लगातार किया जाता है, तो यह पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने में योगदान देता है और वसा हानि में सहायता करता है। निम्नलिखित दिशा-निर्देश व्यायाम के उचित निष्पादन को रेखांकित करते हैं: - अपने हाथों को सीधे अपने कंधों के नीचे और शरीर को सीधी रेखा में रखते हुए प्लैंक स्थिति में शुरुआत करें। - अपने पेट को सिकोड़ते हुए अपने दाहिने घुटने को दाहिनी कोहनी की ओर लाएं। - अपने दाहिने पैर को पीछे की ओर बढ़ाएँ। अब अपने बाएं घुटने को अपनी बाईं कोहनी की ओर लाएँ। - 10 बार दोहराएं और दूसरी तरफ भी यही क्रिया करें। इस व्यायाम के 3 सेट करें। 4. Jumping squats
जंपिंग स्क्वैट्स एक प्लायोमेट्रिक व्यायाम है जो क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग और ग्लूटियल मांसपेशियों की ताकत को प्रभावी ढंग से विकसित करता है। इन मांसपेशी समूहों को शामिल करके, यह व्यायाम कैलोरी व्यय को सुविधाजनक बनाता है और पैर की मांसपेशियों की टोनिंग को बढ़ाता है। इस व्यायाम को ठीक से करने के तरीके के बारे में निम्नलिखित मार्गदर्शिका है: - पैरों को कंधे की चौड़ाई से अलग करके और एड़ी पर वजन रखकर स्क्वाट की स्थिति में शुरुआत करें। - अपनी छाती को ऊपर उठाते हुए स्क्वाट की स्थिति में नीचे जाएँ, जैसे कि आप कुर्सी पर बैठने जा रहे हों। - एड़ी से धक्का देते हुए, जितना हो सके उतना ऊपर कूदें, अपने पैरों को पूरी तरह से फैलाएँ। - धीरे से स्क्वाट की स्थिति में वापस आएँ और तुरंत फिर से कूदें। 3-5 दोहराव के 2-3 सेट करें। ALSO REED: फ्लू/Flu को समझना: लक्षण, रोकथाम और प्राकृतिक उपचार 5. Wall sit
वॉल सिट पैरों की मांसपेशियों को मजबूत और टोन करता है, जिसमें क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स शामिल हैं। इसके लिए किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है, जो इसे निचले शरीर की ताकत को कुशलतापूर्वक बढ़ाने के लिए सबसे आसान व्यायामों में से एक बनाता है। इसे करने का तरीका यहां बताया गया है: - दीवार के सहारे अपनी पीठ के बल खड़े हो जाएं। - धीरे-धीरे नीचे की ओर खिसकें जब तक कि आपके घुटने 90 डिग्री के कोण पर मुड़ न जाएं। - इस स्थिति में जितना हो सके उतना समय तक रहें। - धीरे-धीरे दीवार पर वापस खिसकें और खड़े होने की स्थिति में वापस आ जाएं। 10 रेप्स के 2 सेट करें 6. Walking lunges Walking lunges वॉकिंग लंज क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स को प्रभावी ढंग से लक्षित करते हैं, जिससे निचले शरीर की ताकत और स्थिरता में सुधार होता है। इतना ही नहीं, यह हृदय स्व��स्थ्य को भी बढ़ावा देता है। इसे करने का तरीका यहां बताया गया है: - अपने दाहिने पैर से एक बड़ा कदम आगे बढ़ाएँ, अपने शरीर को तब तक नीचे करें जब तक कि दोनों घुटने 90 डिग्री के कोण पर मुड़ न जाएँ। - अपने दाहिने पैर को आगे की ओर धकेलें और इसे अपने बाएँ पैर से मिलाने के लिए आगे लाएँ। - विपरीत दिशा में दोहराएँ, प्र��्येक कदम आगे बढ़ाते हुए पैरों को बारी-बारी से आगे बढ़ाएँ। - अपनी पीठ को सीधा रखने और सामने वाले घुटने को टखने के साथ संरेखित रखने पर ध्यान दें। प्रत्येक पैर पर कम से कम 12 दोहराव करें और 2-3 सेट करें। 7. Superwoman सुपरवुमन पीठ के निचले हिस्से, ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग सहित पूरे पोस्टीरियर चेन को लक्षित करता है। यह कोर स्थिरता में सुधार करता है, रीढ़ की हड्डी के संरेखण को बढ़ाता है, और आपकी मुद्रा को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसे करने का तरीका यहां बताया गया है: - अपने चेहरे को नीचे की ओर करके चटाई पर लेट जाएँ और अपनी बाँहें ऊपर की ओर फैला लें। - अब अपनी बाँहों, छाती और पैरों को ज़मीन से ऊपर उठाएँ, अपने ग्लूट्स को सिकोड़ें। - कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें, फिर नियंत्रण के साथ वापस नीचे आएँ। 10-12 बार के 3 सेट करें। 8. Leg raise hold लेग रेज होल्ड पेट की निचली मांसपेशियों, हिप फ्लेक्सर्स और क्वाड्रिसेप्स को मजबूत करता है और साथ ही कोर की ताकत में भी सुधार करता है। यह व्यायाम शरीर के निचले हिस्से/lower body में सहनशक्ति विकसित करने, मुद्रा को बेहतर बनाने और पैरों में समग्र शक्ति और लचीलेपन का समर्थन करने में मदद करता है। इसे करने का तरीका यहां बताया गया है: अपनी पीठ के बल लेट जाएँ, अपने पैरों को सीधा रखें और अपनी भुजाओं को बगल में रखें। अपने शरीर के साथ 45 डिग्री का कोण बनाने के लिए दोनों पैरों को ज़मीन से ऊपर उठाएँ। अपनी पीठ के निचले हिस्से को मैट पर दबाते हुए, इस स्थिति में यथासंभव लंबे समय तक रहें। 10-12 दोहराव के 3 सेट करें। Read the full article
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ling ko lamba kaise kare
लिंग को लंबा कैसे करें: प्राकृतिक उपाय और टिप्स
लिंग का आकार हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण नहीं होता, लेकिन कुछ लोग इसे बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों की तलाश करते हैं। यदि आप लिंग के आकार को प्राकृतिक तरीके से सुधारना चाहते हैं, तो कुछ घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव इसे बेहतर बना सकते हैं। इस ब्लॉग में हम लिंग को लंबा करने के लिए कुछ प्रभावी और प्राकृतिक उपायों के बारे में जानेंगे।
1. पेल्विक एक्सरसाइज (केगल्स)
पेल्विक एक्सरसाइज, खासकर केगल्स, लिंग की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं और रक्त प्रवाह को बढ़ाती हैं। यह लिंग को लंबा और शक्तिशाली बना सकती हैं। कैसे करें:
पेल्विक मसल्स को संकुचित करें और 10-15 सेकंड तक रखें।
इसे रोज़ाना 3 सेट करें।
इन एक्सरसाइज से लिंग की लंबाई और ताकत में सुधार हो सकता है।
2. सही आहार का सेवन
आपका आहार लिंग के आकार पर भी असर डाल सकता है। कुछ खाद्य पदार्थ शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने में मदद करते हैं। आवश्यक आहार:
प्रोटीन: अंडे, मांस, और दालें।
विटामिन E: हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फल।
जिंक: मांस, सीफूड और नट्स। यह आहार लिंग के रक्त प्रवाह को सुधारता है और उसे लंबा करने में मदद कर सकता है।
3. वजन कम करें
अधिक वजन लिंग के चारों ओर फैट जमा कर सकता है, जिससे लिंग छोटा दिखाई दे सकता है। कैसे करें:
नियमित व्यायाम जैसे दौड़ना, साइक्लिंग, या तैराकी करें।
स्वस्थ आहार का पालन करें और वजन को नियंत्रित रखें।
वजन घटाने से लिंग अधिक स्पष्ट और लंबा दिखाई दे सकता है।
4. स्ट्रेचिंग और मालिश
लिंग की नियमित मालिश और स्ट्रेचिंग से रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे लिंग का आकार और ताकत बढ़ सकती है। कैसे करें:
हलके तेल (जैसे जैतून का तेल या बादाम तेल) से लिंग की मालिश करें।
उंगलियों से धीरे-धीरे स्ट्रेचिंग करें और लिंग को लंबे समय तक खींचने की कोशिश करें।
यह तरीका रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और लिंग की लंबाई में सुधार कर सकता है।
5. यौन उत्तेजना और नियमित सेक्स
संतोषजनक यौन उत्तेजना और नियमित सेक्स लिंग के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। कैसे करें:
उत्तेजना के दौरान लिंग क�� रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो इसे लंबा और स्वस्थ बनाता है।
संतोषजनक सेक्स जीवन से लिंग की ताकत और आकार में सुधार हो सकता है।
6. मानसिक स्थिति में सुधार
मानसिक तनाव और चिंता लिंग के आकार और कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। कैसे करें:
योग और ध्यान का अभ्यास करें।
पर्याप्त नींद और आराम से मानसिक स्थिति बेहतर होती है, जिससे लिंग की सेहत में सुधार हो सकता है।
7. हर्बल उपाय और तेलों का उपयोग
कुछ हर्बल उपचार और तेल लिंग की सेहत और आकार को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। हर्बल उपचार:
अश्वगंधा: यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने में मदद करती है।
जैतून का तेल: लिंग की मालिश के लिए उपयोग किया जा सकता है, जो रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है।
Click here to Read A Blog- औजार मोटा करने की दवा घरेलू उपाय
निष्कर्ष
लिंग को लंबा करने के लिए धैर्य और निरंतर प्रयास आवश्यक है। सही आहार, पेल्विक एक्सरसाइज, वजन नियंत्रण, और मानसिक स्थिति में सुधार से लिंग की लंबाई और सेहत में सकारात्मक बदलाव हो सकता है। यदि समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर होगा।
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How to 5 Healthy Meal Ideas for Quick Weight Loss in 2024 – स्वादिष्ट और आसान रेसिपीज़ |
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Are you trying to lose weight but struggling to find tasty and nutritious meals? 🥗🍎 Don’t worry! This video is made just for you.
We bring you 5 easy, delicious, and nutritious meal ideas that will not only help you lose weight but also keep you healthy and energetic:
✅ Oats and Fruits: A perfect breakfast option
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🌟 स्वस्थ वजन घटाने के लिए 5 बेहतरीन भोजन विचार 🌟
नमस्कार दोस्तों! 🙏
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Weight Loss Tips: मोटापा को कम समय में काम करने का यह है सबसे बेहतर उपाय, मिलेगा जल्दी रिजल्ट
Weight Loss Tips: मोटापा घटाने के लिए ���रेलू उपाय और सही तरीका
Weight Loss Tips:-आज के समय में फिट रहना और मोटापे स��� छुटकारा पाना लगभग हर किसी का लक्ष्य है। अगर आप भी वजन बढ़ने से परेशान हैं और लगातार कोशिशों के बावजूद भी इसे कम नहीं कर पा रहे हैं, तो यहां कुछ आसान घरेलू उपाय बताए जा रहे हैं, जो आपके वजन घटाने के सफर को तेज़ कर सकते हैं।
नींबू रस का इस्तेमाल करें
नींबू के रस में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट वजन कम करने में बेहद प्रभावी होते हैं।
कैसे करें उपयोग:
गर्म पानी और नींबू का रस:
एक गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच शहद मिलाएं।
इसे सुबह खाली पेट पिएं।
यह आपके मेटाबॉलिज्म को तेज़ करेगा और चर्बी कम करने में मदद करेगा।
व्यायाम से पहले सेवन:
सप्ताह में 3-4 बार व्यायाम करने से पहले नींबू पानी पिएं।
इससे पेट की चर्बी कम करने में तेजी आती है।
नियमित व्यायाम करें
नींबू पानी का सेवन करने के साथ-साथ नियमित व्यायाम बेहद जरूरी है।
कार्डियो वर्कआउट्स (जैसे दौड़ना, साइकिलिंग या रस्सी कूदना): यह चर्बी घटाने के लिए फायदेमंद है।
योगा: योगासन जैसे भुजंगासन और पवनमुक्तासन पेट की चर्बी को कम करने में मदद करते हैं।
वजन उठाना (Weight Training): यह मांसपेशियों को मजबूत करता है और फैट बर्न को तेज करता है।
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वेट लॉस टिप्स: विदाउट जिम, घर पर ही वज़न कैसे कम करें ?
आज के बिजी लाइफस्टाइल के चलते वजन घटाना कई लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। कई लोगों को लगता है कि केवल जिम जाकर हार्ड एक्सरसाइज करके और एक समय की डाइट छोड़कर ही वज़न कम किया जा सकता है। लेकिन वजन घटाने या उसे मैनेज करने के लिए और भी कई तरीके होते हैं। खासकर उन लोगों के लिए, जो बेहद बिजी रहते हैं या जिन्हें घर से बाहर जिम जाने का समय बहुत ही कम मिल पाता है, जैसे कि कॉर्पोरेट जॉब करने वाले या हाउसवाइफ।
इस ब्लॉग में हम उन उपायों के बारे में जानेंगे कि घर पर ही कुछ समय निकालकर, आप अपना वजन कैसे कम या उसे मैनेज कर सकते हैं। इन उपायों में घर में या उसके आसपास की जाने वाली एक्सरसाइज और संतुलित, पौष्टिक आहार का सेवन शामिल है।
यह भी पढ़ें: वजन घटाने के लिए भूल कर भी न करें ये 5 गलतियां
सुबह-सुबह गुनगुने पानी में अदरक और नींबू मिलाकर पिएं
अदरक और नींबू का रस वजन घटाने के लिए बेहद कारगर और प्रभावी तरीका है। सुबह उठते ही इसका नियमित सेवन करने से वजन घटाने में मदद मिलती है। इनके अंदर मौजूद गुण आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं, जो पेट की चर्बी घटाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही यह आपकी पाचन प्रक्रिया को भी सुधार सकते हैं।
योग और स्ट्रेचिंग
योग स्ट्रेस कम करने में बेहद लाभकारी होता है और यह वजन घटाने में भी मदद करता है। योग से शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, जिससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है। कुछ मिनटों तक स्ट्रेचिंग करने से शरीर का रक्त संचार सुचारू रूप से काम करता है, जो वजन घटाने में सहायक है।
पैदल चलना
नियमित रूप से पैदल चलने की आदत डालना वजन घटाने में मदद कर सकता है। हल्की जॉगिंग, तेज दौड़, या दिन में 30 मिनट की ब्रिस्क वॉक यानी तेज चाल से चलना मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और कैलोरी बर्न करता है, जिससे वजन घटता है।
वजन घटाने वाले प्राकृतिक इंग्रीडिएंट्स का सेवन
वजन घटाने में कुछ नेचुरल इंग्रीडिएंट्स के मिश्रण से बने नेचुरल वेट लॉस सप्लीमेंट का सेवन मददगार हो सकता है, जैसे:
गार्सिनिया कैम्बोगिया: भूख को कम करता है और फैट बनने से रोकता है।
ग्रीन कॉफी: मेटाबॉलिज्म तेज करता है और अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद करता है।
आंवला: पाचन सुधारता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर फैट घटाने में मदद करता है।
मेथी: फाइबर से भरपूर, भूख कंट्रोल करता है और ब्लड शुगर को संतुलित रखता है।
काली मिर्च: फैट बर्न प्रक्रिया को बढ़ावा देता है और अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण सुधारता है।
घर पर एक्टिव रहना
घर पर एक्टिव रहना भी वजन घटाने में मदद करता है। पौधों में पानी देना, झाड़ू-पोंछा करना, बर्तन धोना, सीढ़ियों का प्रयोग करना जैसे काम कैलोरी बर्न करते हैं और फैट बर्न में मददगार हो सकते हैं। सीढ़ियां चढ़ना एक अच्छी कार्डियो एक्सरसाइज है, जो बिना जिम के घर पर ही की जा सकती है।
यह भी पढ़ें: घरेलू उपाय से पाएं स्वस्थ शरीर और कम वजन, भूल जाएं मोटापे की चिंता
छोटी लेकिन ज़रूरी एक्सरसाइज
अगर आप घर पर कुछ मिनटों के लिए रस्सी कूदना, स्क्वाट्स और पुश-अप्स करते हैं, तो यह शरीर को टोन करने और फैट बर्न करने में मददगार हो सकते हैं। सप्ताह में 4-5 दिन लगभग 30-40 मिनट साइकिलिंग करना भी एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।
पोषक तत्वों से भरपूर फूड खाना
वजन घटाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार सबसे अच्छा होता है। इसमें फल, सब्जियाँ, फलियाँ और दालें, लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और साबुत अनाज शामिल होते हैं।
निष्कर्ष
घर पर ही कुछ छोटे-छोटे बदलाव और नियमित एक्सरसाइज के माध्यम से आप अपने वजन को कम और नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए जिम जाने की अनिवार्यता नहीं है, बल्कि आपकी रोजमर्रा की एक्टिविटीज और संतुलित आहार ही इस लक्ष्य को पाने में मददगार हो सकते हैं।
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महिलाओं में तेजी से बढ़ रही PCOD की समस्या हो सकती आपके भविष्य के लिए खतरनाक - डॉ चंचल शर्मा
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसा नहीं है कि यह आंकड़ा भारत के किसी एक भाग में बढ़ रहा है बल्कि पुरे देश में लगभग 22 % महिलाएं पीसीओडी से ग्रसित हैं। यह वो आंकड़े हैं जिनके बारे में हमें पता है लेकिन बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जिन्हे इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।
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आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा इस विषय में बताते हुए कहती हैं कि भारतीय समाज में जहाँ महिलाएं पर्दा और घूँघट की आड़ में रहा करती थी वहां महिलाओं से जुडी बीमारी के बारे में बात करना, विकास की एक ल���्बी यात्रा का परिणाम है। लेकिन आज भी हमारे देश के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहाँ लोगों को पीसीओडी के बारे में जानकारी नहीं है। जबकि यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकता है और समय पर ध्यान न देने की वजह से बांझपन का कारण भी बन जाता है। भारत सरकार द्वारा कई ऐसे अभियान चलाये जाते हैं जिससे लोग जागरूक हो और पीसीओडी जैसी बिमारी के लक्षण, कारण और उपचार को समझ सकें। अक्सर इससे प्रभावित महिलाओं में फेसिअल हेयर और वजन बढ़ने जैसी समस्या देखी जाती है।
पीसीओडी क्या है?
पीसीओडी हार्मोनल असंतुलन से जुडी एक स्वास्थ्य समस्या है जो महिलाओं के अंडाशय (ovaries) को प्रभावित करता है। सामन्यतः किसी भी महिला के दोनों अंडाशय से बारी बारी हर महीने पीरियड्स के दौरान एग रिलीज किया जाता है लेकिन जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या होती है उन्हें periods (पीरियड्स) में काफी परेशानी होती है। ऐसी महिलाओं के अंडाशय से प्रायः इमैच्योर अंडे छोड़े जाते हैं जिसके कारण उन्हें सिस्ट जैसी समस्या भी हो सकती है। इससे ग्रसित महिलाओं में पुरुष हॉर्मोन की मात्रा सामान्य से अधिक बढ़ जाती है। जिस वजह से इनके पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और भविष्य में माँ बनने में भी परेशानी होती है।
इंडिया में बढ़ते जा रहे है पीसीओडी के मामले
वैसे तो पीसीओडी एक वैश्विक समस्या बनकर उभरी है लेकिन भारत में इसके आंकड़े बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं जो खासतौर पर रिप्रोडक्टिव एज ग्रुप की महिलाओं को प्रभावित कर रही है। भारत में करीब 20% महिलाएं इससे ग्रसित हैं। अगर ध्यान से देखें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के अनुसार 20 साल से 35 साल के बीच की महिलाओं में यह बिमारी ज्यादा पायी जाती है।
पीसीओडी के लक्षण क्या हैं?
पीसीओडी की समस्या अगर लम्बे समय तक बनी रहती है और आप इसका कोई इलाज नहीं करवाते हैं तो यह बांझपन का कारण बन सकता है। इससे प्रभावित महिलाओं के चेहरे पर अनचाहे बाल, कील, मुहांसे आदि देखे जा सकते हैं। उनका वजन तेजी से बढ़ने लगता है, दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, डायबिटीज आदि जैसी बिमारियों का खतरा बना रहता है।
भारत में बढ़ते पीसीओडी के मामलों का कारण क्या है?
भारत में बढ़ती हुयी इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनमे मुख्य रूप से जानकारी का अभाव है। ज्यादातर महिलाओं को तो पता भी नहीं होता है कि उन्हें ऐसी कोई समस्या है। आजकल लोगों की जीवनशैली, खानपान का तरीका, तनाव, अकेलापन, फिजिकली एक्टिव ना होना, प्रोसेस्ड और जंक फ़ूड ��ा सेवन करना, ये सभी कारक पीसीओडी को बढ़ावा देने वाले कारक है। सितम्बर को एक ऐसे महीने के रूप में मनाया जाता है जिसमे पीसीओएस को लेकर जाकरूकता फैलाई जा सके।
पीसीओडी का इलाज क्या है?
आशा आयुर्वेदा की डॉ चंचल शर्मा इसके उपचार के बारे में बताते हुए कहती हैं कि इस बीमारी को पूर्णतः सही करने के लिए आपको अपने जीवनशैली में बदलाव लाना होगा। आयुर्विक उपचार द्वारा इसे पूर्णतः ठीक किया जा सकता है लेकिन आपको अपने खान पान का विशेष ध्यान देना होगा। आप बाहर का अनहेल्दी खाना अवॉयड करें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें तो इससे छुटकारा पा सकती हैं। आप अपने भोजन में फाइबर और प्रोटीन से भरपूर आहार को शामिल करें। आप खुद अपनी फ़ूड हैबिट्स पर जितना नियंत्रण बनाये रखेंगे आपके लिए उतना फायदेमंद होगा और साथ ही आपका वजन भी कम हो पायेगा।
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मोटापे पर काबू कैसे पाएँ: दिल को स्वस्थ रखने का तरीका
मोटापा दिल की बीमारी के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से मोटापे से लड़ने और दिल के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। यहाँ कुछ मुख्य रणनीतियाँ दी गई हैं:
रोज़ सब्ज़ियाँ और फल खाएँ अपने आहार में ज़्यादा सब्ज़ियाँ और फल शामिल करने से ज़रूरी पोषक तत्व, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं जो वज़न प्रबंधन और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं।
रिफ़ाइंड कार्बोहाइड्रेट से बचें सफेद ब्रेड और मीठे स्नैक्स जैसे रिफ़ाइंड कार्बोहाइड्रेट से ब्लड शुगर में तेज़ी से उछाल आ सकता है और वज़न बढ़ सकता है। इसके बजाय साबुत अनाज, ओट्स और फलियाँ खाएँ।
समय पर खाना खाएँ भोजन का समय नियमित रखने से ��ेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। भोजन छोड़ने से दिन में बाद में ज़्यादा खाने की इच्छा हो सकती है, जिससे वज़न बढ़ सकता है।
मीठे पेय पदार्थों से बचें मीठे पेय पदार्थों में बहुत ज़्यादा कैलोरी होती है। बिना अनावश्यक चीनी मिलाए हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए उन्हें पानी, हर्बल चाय या अन्य कम कैलोरी वाले पेय पदार्थों से बदलें।
ट्रांस फैट से दूर रहें अक्सर तले हुए खाद्य पदार्थों और पैकेज्ड स्नैक्स में पाए जाने वाले ट्रांस फैट खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं और वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। खाद्य लेबल की जाँच करें और नट्स, बीज और जैतून के तेल में पाए जाने वाले स्वस्थ वसा चुनें।
तनाव कम करें क्रोनिक तनाव अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों और वजन बढ़ाने को ट्रिगर कर सकता है। अपने दैनिक दिनचर्या में ध्यान, योग या यहाँ तक कि सरल गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसी तनाव कम करने वाली गतिविधियाँ शामिल करें।
पर्याप्त नींद लें खराब नींद भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को बाधित कर सकती है, जिससे भूख बढ़ जाती है और वजन बढ़ जाता है। अपने वजन घटाने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेने का लक्ष्य रखें।
रोज़ाना व्यायाम करें नियमित शारीरिक गतिविधि कैलोरी जलाने और चयापचय को बढ़ावा देने में मदद करती है। यहाँ तक कि 30 मिनट की तेज चलना, साइकिल चलाना या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि भी बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है।
स्वस्थ वजन बनाए रखना न केवल समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि हृदय स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
वजन प्रबंधन और हृदय की देखभाल पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए, Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से परामर्श लें। सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 पर जाएँ। अपॉइंटमेंट के लिए 6200784486 पर कॉल करें या drfarhancardiologist.com पर जाएँ।
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शिलाजीत के फायदे, खाने का सही तरीका और समय क्या है?
शिलाजीत एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह एक प्राकृतिक पदार्थ है जो पहाड़ी क्षेत्रों में मिलता है। इस लेख में, हम शिलाजीत के फायदे हिंदी में विस्तार से जानेंगे, शिलाजीत के फायदे हिंदी महिलाओं के लिए पर ध्यान देंगे, और शिलाजीत खाने के क्या फायदे हैं के बारे में चर्चा करेंगे। साथ ही, शिलाजीत लाभ पर भी नजर डालेंगे।
शिलाजीत के फायदे हिंदी
शिलाजीत के फायदे हिंदी के कई पहलू हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
ऊर्जा और ताकत बढ़ाना: शिलाजीत का सेवन करने से आपको अधिक ऊर्जा और ताकत मिलती है। यह शरीर को दिनभर सक्रिय बनाए रखता है और थकावट को दूर करता है।
मेटाबोलिज़्म में सुधार: शिलाजीत से आपकी पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है, जिससे आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: शिलाजीत मानसिक थकावट और तनाव को कम करने में मदद करता है, और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को सुधारता है।
वजन घटाने में मदद: शिलाजीत का सेवन वजन घटाने में सहायक हो सकता है। यह शरीर के वसा को कम करने में मदद करता है और मेटाबोलिज़्म को बढ़ाता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार: शिलाजीत हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय की धड़कनों को स्थिर बनाए रखता है।
सहज पाचन स्वास्थ्य: शिलाजीत पाचन को ठीक करता है, गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करता है।
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शिलाजीत खाने के क्या फायदे हैं के बारे में जानना उपयोगी हो सकता है:
ऊर्जा और सहनशक्ति में वृद्धि: शिलाजीत का सेवन शरीर की ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ाता है, जिससे आप लंबे समय तक सक्रिय रह सकते हैं।
पाचन स्वास्थ्य में सुधार: शिलाजीत पाचन को सुधारता है, और पेट की समस्याओं जैसे गैस, अपच, और कब्ज को कम करता है।
कुल स्वास्थ्य में सुधार: शिलाजीत का सेवन आपके कुल स्वास्थ्य में सुधार लाता है, क्योंकि यह शरीर की सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
मानसिक और शारीरिक थकावट दूर करना: शिलाजीत मानसिक और शारीरिक थकावट को कम करने में मदद करता है, जिससे आप अपनी दिनचर्या में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
यौन स्वास्थ्य में सुधार: शिलाजीत यौन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है, यह यौन शक्ति और प्रदर्शन को बढ़ाने में सहायक है।
शिलाजीत का सही तरीका और समय
शिलाजीत का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका सुबह खाली पेट होता है। इसे गर्म पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है, क्योंकि इससे इसके पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण होता है। आमतौर पर, एक छोटी मात्रा (लगभग 300-500 मिलीग्राम) शिलाजीत का सेवन एक दिन में पर्याप्त होता है। इसे दैनिक रूप से सुबह के समय नियमित रूप से लेना चाहिए, ताकि इसके लाभ लंबे समय तक मिल सकें। सही मात्रा और समय का ध्यान रखते हुए, शिलाजीत को एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए, ताकि इसके सर्वोत्तम लाभ प्राप्त किए जा सकें।
निष्कर्ष
शिलाजीत के फायदे हिंदी में ऊर्जा, मानसिक स्पष्टता, और पाचन में सुधार शामिल हैं। विशेष रूप से शिलाजीत के फायदे हिंदी महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, जैसे हार्मोनल संतुलन और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करना। शिलाजीत खाने के क्या फायदे हैं जानकर आप इसके पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं। शिलाजीत लाभ आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। सही तरीके से शिलाजीत का उपयोग करने के लिए हमेशा एक प्रमाणित आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें।
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Best Sexologist in Patna, Bihar for Complete SHI Treatment | Dr. Sunil Dubey
नमस्कार दोस्तों, एक बार फिर आपसे मिलकर खुशी हुई…
हेलो फ्रेंड्स, आप सभी के निवेदन पर हम आपके साथ पुनः पुरुषो में होने पाए जाने वाले यौन हॉर्मोन के एक महत्वपूर्ण टॉपिक के साथ पुनः हाजिर है। सबसे पहले आप
निम्नलिखित संकेतों या लक्षणों पर ध्यान देंगे जो आपके यौन हार्मोन “टेस्टोस्टेरोन” से के असंतुलन से संबंधित हैं और आपके यौन जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
क्या आपकी यौन इच्छा दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है?
क्या आपका इरेक्शन या इरेक्टाइल फंक्शन कमजोर हो रहा है?
क्या आपके शरीर के बाल झड़ रहे हैं या कम हो रहे हैं?
क्या आपकी दाढ़ी का विकास सामान्य या नाममात्र का है?
क्या आपकी मांसपेशियों का द्रव्यमान दुबली या कम हो रहा है?
क्या आपका वजन बढ़ रहा है और आप मोटे होते जा रहे हैं?
क्या आप हमेशा उदास रहते हैं और नए लोगो से मिलने में रूचि नहीं रखते?
क्या आप ज्यादातर समय थका हुआ महसूस करते हैं?
क्या आपका ऊर्जा का स्तर कम है या सामान्य से भी कम होते जा रहा है?
क्या आपकी हड्डियाँ या मांसपेशियाँ कमज़ोर या खोई हुई प्रतीत हो रही हैं?
आशा है कि आप उपयुक्त सभी संकेतो व लक्षणों पर गौर किया होगा, अगर इन में से कोई भी लक्षण आपमें मौजूद है तो आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपका यौन हार्मोन “टेस्टोस्टेरोन” असंतुलित है या हो रहा है।
टेस्टोस्टेरोन को कैसे संतुलित करें:
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे जो कि पटना में शीर्ष-रेटेड सेक्सोलॉ��िस्ट डॉक्टर भी है, उनका कहना है कि आम तौर पर, प्राकृतिक के साथ ताल-मेल बिठाकर व अच्छी आदतो को अपनाकर साथ-ही-साथ आयुर्वेदिक दवाएँ हमारे स्वास्थ्य को संतुलित करने में संपूर्ण समाधान प्रदान करती हैं। आम तौर पर, यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित बनाये रखने का प्राकृतिक तरीका है, जहाँ किसी भी उम्र का व्यक्ति कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करके इसे बेहतर बना सकता है:-
पुरुषों का स्वास्थ्य फिटनेस
आदर्श शरीर का वजन
मधुमेह से दूर
हर दिन व्यायाम
अच्छी नींद
शराब और धूम्रपान का त्याग
दर्द निवारक दवाओं का त्याग
आयुर्वेदिक चिकित्सा-पद्धति का उपयोग
क्या आयुर्वेदिक दवा यौन समस्याओं के लिए सुरक्षित पद्धति है?
डॉ. सुनील दुबे, बिहार के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट कहते हैं कि आयुर्वेदिक चिकत्सा हमेशा किसी भी गुप्त व यौन समस्या के इलाज के लिए सबसे अच्छी व प्राकृतिक होती पद्धति है। वास्तव में, यह एक पारंपरिक दवा है जहाँ शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। यह प्राकृतिक तरीके से समस्या को ठीक करता है और व्यक्ति को समस्याओं से पूरी तरह से राहत दिलाता है। वे आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा के बहुत बड़े विशेषज्ञ हैं, जहाँ उन्होंने पुरुषों और महिलाओं के निम्नलिखित यौन रोगों पर शोध कर आयुर्वेदिक दवा की खोज भी की है:-
स्तंभन दोष
शीघ्रपतन
स्वप्नदोष
धातु रोग
कामेच्छा में कमी
हार्मोनल असंतुलन
यौन उत्तेजना विकार
असामान्य ल्यूकोरिया
यौन संचारित रोग
अन्य यौन विकार
अपने पाँच वर्षों के कठिन शोध के बाद, उन्होंने सभी गुप्त व यौन रोगियों के लिए प्राकृतिक उपचारों की सफलतापूर्वक खोज की। अपने चिकित्सा-उपचार में, वे जड़ी-बूटियों, प्राकृतिक रसायन, प्राकृतिक गोलियाँ, प्राकृतिक तेल, प्रभावी व गुणवत्तपूर्ण भस्म और घरेलू उपचार जैसे प्राकृतिक पूरक की पूरी संरचना प्रदान करते हैं। सभी आयुर्वेदिक दवाएँ डॉ. सुनील दुबे के निर्देशन में दुबे लैब में तैयार की जाती हैं। आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट लोग इन सभी आयुर्वदिक दवाओं को तैयार करती है।
प्रत्येक गुप्त व यौन रोगियों के लिए सही गंतव्य: दुबे क्लिनिक
दुबे क्लिनिक भारत का शीर्ष-स्तरीय आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है ��ो लंगर टोली, चौराहा, पटना-04 में स्थित है। यह बिहार का पहला आयुर्वेदिक क्लिनिक भी है जिसकी स्थापना 1965 में की गयी थी। वर्त्तमान समय में, विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे इस क्लिनिक के निदेशक हैं जो साढ़े तीन दशकों (35 वर्ष) से भी अधिक समय से अपने क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर पेशे से जुड़े हुए हैं। यह भारत का प्रमाणित आयुर्वेदिक क्लिनिक है जो पूर्णतः गुणवत्ता-सिद्ध चिकित्सा और उपचार प्रदान करता है। यह क्लिनिक चिकित्सा उपकरणों के पूरे सेट से सुसज्जित है जहाँ गुप्त व यौन रोगी अपनी चिकित्सीय जाँच करवाते हैं। क्लिनिक का अंदरूनी वातावण एक सकारात्मक आभा का निरूपण करती है।
यह प्रामाणिक क्लिनिक पुरुष और महिला दोनों को अपना उपचार और दवा की सुविधाएँ प्रदान करता है। इस क्लिनिक में हर दिन तीस से चालीस गुप्त व यौन रोगी आते हैं जहाँ डॉ. सुनील दुबे उन सभी की समस्याओं का कारण जानने और उन्हें दवा प्रदान करने में मदद करते हैं।
यदि आप एक गुप्त या यौन रोगी हैं, और सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर क्लिनिक या अस्पताल की तलाश कर रहे हैं; तो दुबे क्लिनिक हमेशा आपके लिए सबसे अच्छा विकल्पों में से एक है। यह क्लिनिक आपको सबसे सुरक्षित चिकित्सा उपचार प्रदान करता है जहाँ आप अपनी समस्याओं का पूर्णकालिक समाधान कर सकते है। साढ़े सात लाख से अधिक लोगो ने दुबे क्लिनिक के उपचार व चिकित्सा से अभी तक लाभान्वित हुए है।
अधिक जानकारी के लिए, जरूरतमंद व्यक्ति हमें +91 98350 92586 पर कॉल कर सकते हैं।
हार्दिक सम्मान के साथ
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 925486
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना, बिहार
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कंगनी खाने के फायदे
1. पाचन शक्ति को दोगुना करें
मानव की आंतों में बहुत सारे बैक्टीरिया होते हैं, अच्छे और बुरे। अच्छे बैक्टीरिया भोजन को पचाने में मदद करते हैं और हमारे शरीर को ऊर्जा और अच्छाई से भरते हैं। उनकी संख्या जितनी बेहतर होगी, हमारा स्वास्थ्य उतना ही अच्छा होगा।
कंगनी में मौजूद प्रतिरोधी स्टार्च (resistant starch) एक प्रीबायोटिक (prebiotic) के रूप में काम करता है। यह प्रतिरोधी स्टार्च आसानी से पेट के एसिड की कठिन परीक्षाओं को पार कर इन अच्छे बैक्टीरिया तक पहुँचता है।
इसके अलावा, कंगनी के एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण भी पाचन को बेहतर बनाते हैं और गैस्ट्रिक म्यूकोसल (gastric mucosal) स्वास्थ्य में मदद करते हैं।[2]
क्योंकि कंगनी फाइबर से भरपूर होती है, यह एक बल्किंग प्रभाव प्रदान करती है जो प्रवाह को सुविधाजनक बनाती है । और मल को शरीर से धीरे से गुजरने देती है।[3]
Aashirvaad Digestive Quotient
कभी-कभी आपको अपने digestive quotient के बारे में उलझन महसूस हो सकती है। लेकिन आशीर्वाद डाइजेस्टिव क्वोटिएंट के साथ चीजें आसान हो जाती हैं। आपका पाचन स्कोर 100 के पैमाने पर निर्धारित किया जाता है। यह आशीर्वाद आटा मल्टीग्रेन्स (Aashirvaad Atta with Multigrains) और योग्य पोषण विशेषज्ञों (qualified nutritionists) के समूह द्वारा विकसित किया गया है। इस दो मिनट की quiz को लें और अपना Digestive Quotient पता करें।
फिर अपने स्कोरकार्ड का उपयोग करके अपने भोजन की योजना बनाएं और आंकें कि आपकी खुश पेट की ओर यात्रा कैसी प्रगति कर रही है।
2. वजन घटाने का समग्र तरीका
आज हमारे चारों ओर मौजूद आकर्षक खाने की विकल्पों के कारण, वजन घटाना एक हरक्यूलियन (Herculean) काम बन गया है। हम एक मील चलते हैं और अगले ही पल तले हुए खाने की लुभावनी खुशबू आने लगती है।
ओह! लेकिन इसे बदलना होगा। अगर हम आ��को सही तथ्य बताएं, तो कई विदेशी देशों ने जंक फूड के खिलाफ स्वास्थ्य अभियान शुरू किए हैं। आपको चौंका देने के लिए, विदेशी खाद्य फ्रैंचाइजी में जंक सामग्री भारत की तुलना में काफी कम है। ये कंपनियां सच्चाई छिपाकर बेचती हैं।
लेकिन हम नहीं। वजन कम करना केवल व्यायाम से नहीं होता। कंगनी की उच्च आहारीय फाइबर (dietary fibre) सामग्री वजन प्रबंधन में मदद करती है। यह आपको आपके पेट की पूर्णता का एहसास दिलाती है और आपको अतिरिक्त भोजन लेने से रोकती है।
इसके अलावा, चूंकि यह एक पूरा अनाज (whole grain) है, यह कैलोरी में अधिक न होते हुए भी अनेक महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करता है।[4] अध्ययन कहते हैं कि आपके वजन घटाने की यात्रा में आहार उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि व्यायाम। [5]
अब, कंगनी महत्वपूर्ण रूप से वजन कम करने में मदद करती है, और यह इसलिए होता है क्योंकि:
यह कैलोरी में कम होती है
इसमें उच्च-फाइबर सामग्री होती है
यह आवश्यक पोषक तत्वों में समृद्ध होती है
आपका मेटाबोलिज्म (metabolism) बेहतर होता है और आपका शरीर ऊर्जा का प्रबंधन अच्छी तरह करता है
यह आपको लंबे समय तक पेट भरा रखती है, जिससे अनावश्यक स्नैकिंग के लिए कोई जगह नहीं बचती
Poora padhe - Kangni millet benefits in hindi
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हर्निया के प्रकार, लक्षण, कारण और बचाव
हर्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के अंदरूनी अंग, जैसे कि आंत या पेट की चर्बी, मांसपेशियों या ऊतकों में कमजोर जगह से बाहर निकल आते हैं। यह एक गांठ या उभार पैदा कर सकता है जो दर्दनाक हो सकता है।
हर्निया के प्रकार:
इंघालाज हर्निया: यह सबसे आम प्रकार का हर्निया है, जो पेट के निचले हिस्से में कमर के पास होता है।
जांघ हर्निया: यह हर्निया जांघ में होता है।
एम्बिलेटल हर्निया: यह हर्निया नाभि के पास होता है।
इनसाइजल हर्निया: यह हर्निया सर्जरी के निशान से निकलता है।
हियाटल हर्निया: यह हर्निया डायाफ्राम में होता है, जो पेट और छाती को अलग करता है।
हर्निया के लक्षण:
गांठ या उभार: यह हर्निया का सबसे आम लक्षण है। यह खड़े होने, खांसने या भारी वस्तु उठाने पर अधिक ध्यान देने योग्य हो सकता है।
दर्द: हर्निया में दर्द हल्का या तेज हो सकता है। यह खासकर तब होता है जब आप खांसते हैं, झुकते हैं या भारी वस्तु उठाते हैं।
दबाव या भारीपन: हर्निया वाले क्षेत्र में दबाव या भारीपन महसूस हो सकता है।
मतली या उल्टी: कुछ मामलों में, हर्निया मतली या उल्टी का कारण बन सकता है।
हर्निया के कारण:
कमजोर मांसपेशियां या ऊतक: हर्निया तब हो सकता है जब पेट की दीवार में मांसपेशियां या ऊतक कमजोर हो जाते हैं। यह उम्र बढ़ने, गर्भावस्था, भारी वस्तु उठाने, पुरानी खांसी या कब्ज के कारण हो सकता है।
बढ़ा हुआ दबाव: पेट के अंदरूनी हिस्से पर बढ़ा हुआ दबाव हर्निया का कारण बन सकता है। यह भारी वस्तु उठाने, खांसी, छींकने, कब्ज या प्रोट्रूशन से हो सकता है।
हर्निया की रोकथाम:
स्वस्थ वजन बनाए रखें: अधिक वजन होने से पेट की दीवार पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे हर्निया का खतरा बढ़ जाता है।
नियमित व्यायाम करें: व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत बनाने और हर्निया के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान से कोलेजन का टूटना होता है, जो मांसपेशियों और ऊतकों को मजबूत रखने में मदद करता है।
भारी वस्तुओं को उठाने का उचित तरीका सीखें: भारी वस्तुओं को उठाते समय अपनी पीठ की मांसपेशियों का उपयोग करें, पैरों का नहीं।
कब्ज से बचें: कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन खाएं और भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
पुरानी खांसी का इलाज कराएं: यदि आपको पुरानी खांसी है, तो डॉक्टर से इलाज करवाएं।
हर्निया का इलाज:
हर्निया का इलाज आमतौर पर सर्जरी द्वारा किया जाता है। सर्जरी में कमजोर क्षेत्र को मजबूत करना और अंगों को वापस अपनी जगह पर लाना शामिल है। कुछ मामलों में, हर्निया ��ो सपोर्ट बेल्ट या ट्रस पहनकर ठीक किया जा सकता है।
हर्निया के प्रकार, लक्षण, कारण और बचाव
हर्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के अंदरूनी अंग, जैसे कि आंत या पेट की चर्बी, मांसपेशियों या ऊतकों में कमजोर जगह से बाहर निकल आते हैं। यह एक गांठ या उभार पैदा कर सकता है जो दर्दनाक हो सकता है। हर्निया किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक आम है, और यह उम्र बढ़ने के साथ-साथ होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
हर्निया के विभिन्न प्रकार:
हर्निया कई तरह के होते हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि यह शरीर में कहाँ होता है।
इंघालाज हर्निया (Inguinal Hernia): यह सबसे आम प्रकार का ह���्निया है, जो पेट के निचले हिस्से में कमर के पास होता है। यह पुरुषों में अधिक पाया जाता है और इसमें आंत या पेट की चर्बी वहाँ की मांसपेशियों के कमजोर हिस्से से निकलकर groin (जांघ के जोड़) में गांठ बना लेती है।
जांघ हर्निया (Femoral Hernia): यह हर्निया कम आम है और ज्यादातर महिलाओं में होता है। इसमें आंत या पेट की चर्बी जांघ की नस के पास कमजोर जगह से निकलकर जांघ के ऊपरी हिस्से में गांठ बना लेती है।
एम्बिलेटल हर्निया (Umbilical Hernia): यह हर्निया नाभि के पास होता है। यह आमतौर पर शिशुओं में पाया जाता है, लेकिन वयस्कों में भी हो सकता है, खासकर उन महिलाओं में जिन्होंने कई गर्भधारण किए हैं।
इनसाइजल हर्निया (Incisional Hernia): यह हर्निया सर्जरी के निशान से निकलता है। पेट की पिछली सर्जरी के कारण मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे आंत या अन्य अंग उस जगह से बाहर निकल सकते हैं।
हियाटल हर्निया (Hiatal Hernia): यह हर्निया डायाफ्राम में होता है, जो पेट और छाती को अलग करता है। इसमें पेट का ऊपरी हिस्सा डायाफ्राम में कमजोर जगह से छाती की ओर निकल जाता है।
हर्निया के लक्षण:
हर्निया के लक्षण इस बात पर निर्भर कर सकते हैं कि यह किस प्रकार का है और यह कितना गंभीर है। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
गांठ या उभार: यह हर्निया का सबसे आम लक्षण है। यह खड़े होने, खांसने या भारी वस्तु उठाने पर अधिक ध्यान देने योग्य हो सकता है। कभी-कभी, लेटने पर यह गांठ गायब भी हो सकती है।
दर्द: हर्निया में दर्द हल्का या तेज हो सकता है। यह खासकर तब होता है जब आप खांसते हैं, झुकते हैं या भारी वस्तु उठाते हैं। कभी-कभी दर्द तेज हो सकता है और अचानक शुरू हो सकता है, खासकर अगर हर्निया अवरुद्ध हो जाए (अर्थात आंत उस गांठ में फंस जाए)।
दबाव या भारीपन: हर्निया वाले क्षेत्र में दबाव या भारीपन महसूस हो सकता है।
मतली या उल्टी: कुछ मामलों में, हर्निया मतली या उल्टी का कारण बन सकता है, खासकर अगर यह अवरुद्ध हो जाए।
कब्ज या कब्ज जैसा महसूस होना: कभी-कभी हर्निया आंतों के कार्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे कब्ज या कब्ज जैसा महसूस होना हो सकता है।
हर्निया के कारण:
हर्निया के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन वे आम तौर पर पेट की दीवार में कमजोर मांसपेशियों या ऊतकों से संबंधित होते हैं। कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं:
जन्मजात कमजोरियां: कुछ लोगों को जन्म से ही कमजोर मांसपेशियों या ऊतकों के साथ पैदा होते हैं
भारी वस्तु उठाना: बार-बार भारी वस्तु उठाने या अनुचित तरीके से उठाने से पेट की दीवार पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और हर्निया का खतरा बढ़ सकता है।
गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान बढ़ता हुआ गर्भाशय पेट की दीवार पर दबाव डालता है, जिससे हर्निया का खतरा बढ़ जाता है।
मोटापा: अधिक वजन होने से भी पेट की दीवार पर दबाव बढ़ सकता है।
पुरानी खांसी या छींक आना: बार-बार खांसने या छींक आने से पेट की दीवार पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे हर्निया का खतरा बढ़ सकता है।
कब्ज: बार-बार जोर लगाकर मल त्याग करने से भी पेट की दीवार पर दबाव बढ़ सकता है।
धूम्रपान: धूम्रपान कोलेजन के टूटने को बढ़ावा देता है, जो एक ऐसा पदार्थ है जो मांसपेशियों और ऊतकों को मजबूत रखने में मदद करता है।
हर्निया की रोकथाम:
हर्निया को पूरी तरह से रोका भले ही न जा सके, लेकिन कुछ आदतें अपनाकर आप हर्निया के खतरे को कम कर सकते हैं:
स्��स्थ वजन बनाए रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखने से पेट की दीवार पर दबाव कम होता है।
नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम, खासकर पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम, हर्निया के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
भारी वस्तुओं को उठाने का सही तरीका सीखें: भारी वस्तुओं को उठाते समय अपनी पीठ की मांसपेशियों का उपयोग करें, पैरों का नहीं। घुटनों को मोड़ें और वस्तु को अपने शरीर के पास रखें।
कब्ज को रोकें: फाइबर युक्त भोजन खाने और भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ पीने से कब्ज को रोका जा सकता है।
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान छोड़ने से आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार होगा और हर्निया का खतरा भी कम होगा।
पुरानी खांसी का इलाज कराएं: यदि आपको पुरानी खांसी है, तो डॉक्टर से इलाज करवाएं।
हर्निया का इलाज:
हर्निया का इलाज आमतौर पर सर्जरी द्वारा किया जाता है। सर्जरी में कमजोर क्षेत्र को मजबूत करना और अंगों को वापस अपनी जगह पर लाना शामिल है। सर्जरी के प्रकार हर्निया के स्थान और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। कुछ मामलों में, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (एक छोटा चीरा लगाकर की जाने वाली सर्जरी) की जा सकती है। वहीं, कुछ जटिल मामलों में ओपन सर्जरी (बड़ा चीरा लगाकर की जाने वाली सर्जरी) की आवश्यकता हो सकती है।
कुछ मामलों में, खासकर छोटे हर्निया के लिए, सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। डॉक्टर हर्निया को सपोर्ट करने के लिए एक ट्रस या बेल्ट पहनने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, यह स्थायी समाधान नहीं है और यह दर्द को कम करने में ही मददगार हो सकता है।
हर्निया का निदान:
हर्निया का निदान आमतौर पर शारीरिक परीक्षण और डॉक्टर से बातचीत के आधार पर किया जाता है। कुछ मामलों में, इमेजिंग परीक्षणों, जैसे कि अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन की आवश्यकता हो सकती है।
हर्निया से जुड़ी जटिलताएं:
अधिकांश हर्निया गंभीर नहीं होते हैं, लेकिन अगर उनका इलाज न किया जाए तो जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इनमें शामिल हैं:
अवरुद्ध हर्निया (Incarcerated Hernia): कभी-कभी हर्निया में फंसा हुआ अंग रक्त प्रवाह खो सकता है
अवरुद्ध हर्निया (Incarcerated Hernia): कभी-कभी हर्निया में फंसा हुआ अंग रक्त प्रवाह खो सकता है। यह गंभीर दर्द, मतली, उल्टी और ऊतक क्षति का कारण बन सकता है। इस स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है।
étrangulated हर्निया (Strangulated Hernia): अवरुद्ध हर्निया का एक गंभीर रूप है। इसमें फंसा हुआ अंग न केवल रक्त प्रवाह खो देता है, बल्कि उसकी आपूर्ति भी रुक जाती है। यह जल्दी से ऊतक मृत्यु का कारण बन सकता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है और तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है।
हर्निया के बारे में कब डॉक्टर को दिखाएं:
अगर आपको हर्निया का कोई लक्षण अनुभव हो, जैसे कि गांठ या उभार, दर्द, या पेट में कोई असामान्यता महसूस हो, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। जल्दी से इलाज करने से जटिलताओं के खतरे को कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
हर्निया एक आम समस्या है। ज्यादातर मामलों में, यह गंभीर नहीं होती है और इसका इलाज सर्जरी द्वारा किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप हर्निया के खतरे को कम कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि आपको हर्निया हो सकता है, तो डॉक्टर से परामर्श करें।
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वजन घटाने के लिए कौन सा आटा सबसे अच्छा है? जानें वजन कम करने वाले आटों के बारे में और हमेशा स्वस्थ रहें
आजकल फिटनेस सभी के लिए एक जरूरत बन गयी है। संतुलित वजन रखने के लिए लोग अपनी डाइट पर काफी ध्यान देते हैं लेकिन उनके मन में रोटी या चावल को लेकर बहुत सी उलझनें रहती हैं। कुछ लोग रोटी का सेवन बंद कर देते हैं जबकि कुछ अन्य अपनी डाइट में उन्हें शामिल करते हैं लेकिन उनके मन में इस सम्बन्ध में कई संशय रहते हैं। रोटी को हेल्दी बनाने का तरीका अब आपके हाथ में है। फाइबर से भरपूर और पोषण से समृद्ध रोटी का सेवन वजन नियंत्रित करने में न केवल सहायक होगा, बल्कि आपको फिट और स्वस्थ रखने में भी मददगार साबित होगा। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ हेल्दी रोटी के बारे में बताएंगे, जिसका सेवन आपके लिए वरदान साबित होगा।
बाजरे का आटा
बाजरे की रोटी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। इसमें गेहूं की रोटी से कम मुलायमी होती है, लेकिन यह आपके वजन को नियंत्रित करने के साथ-साथ डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में भी सहायक हो सकती है। इसमें जीआई का स्तर कम होने से आपका रक्त शर्करा संतुलित रहता है। इसमें फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है, जो आपको लम्बे समय तक भूख नहीं लगने देती है। आप बाजरे के आटे की रोटी खा कर अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।
ओट्स का आटा
जैसे जैसे लोग स्वस्थ आहार की ओर बढ़ रहे हैं, उनकी दृष्टि ओट्स के आटे की ओर भी बढ़ रही है। ओट्स का आटा धरती पर मौजूद अन्य अनाजों की तुलना में सबसे स्वस्थ माना जाता है। यह ग्लूटेन-फ्री होता है जिससे वे लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं जो ग्लूटेन संबंधित समस्याओं से पीड़ित होते हैं। ओट्स का आटा विटामिन, मिनरल, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसलिए, ओट्स का आटा वजन प्रबंधन , रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में सहायक होता है। आप अपने आहार में ओट्स का आटा शामिल करके एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
किनोआ का आटा
किनोआ एक बहुत ही पौष्टिक अनाज होता है।यह विटामिन, मिनरल और फाइबर का अच्छा स्रोत होता है। किनोआ में पाए जाने वाले फाइबर आपके पाचन तंत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं । फाइबर भरपूर डाइट आपको वजन को संतुलन करने में भी मदद करता है। किनोआ का आटा आपको जर��री प्रोटीन भी प्रदान करता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। किनोआ का आटा गेहूं के आटे से बने रोटी की तुलना में कम कैलोरी वाला अच्छा विकल्प होता है।
चना आटा (मल्टीग्रेन रोटी)
चने का आटा गेहूं के आटे से स्वस्थ और संतुलित खाने का एक बेहतरीन विकल्प है। यह इसलिए है कि चने के आटे में कम कैलोरी होती है और इसमें जिंक, फोलेट, और आयरन जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा, इसमें उच्च मात्रा में फाइबर और प्रोटीन होते हैं, जो भूख को नियंत्रित करते हैं और स्वस्थ वजन को बढ़ावा देते हैं। अगर आप अपने रोज के गेहूं के आटे या मल्टीग्रेन आटे में चने का आटा मिक्स करके खाते हैं तो इससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है और पौष्टिकता भी बढ़ जाती है.
ज्वार का आटा
ज्वार का सेवन करना आजकल स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत लोकप्रिय हो गया है। इसके पीछे का कारण इसमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन की अधिक मात्रा होती है। ज्वार में ग्लूटेन की मात्रा शून्य होती है जो इसे विभिन्न शारीरिक समस्याओं जैसे पेट संबंधी बीमारियों से दूर रखती है।इसमें उच्च फाइबर होती है जो भूख को नियंत्रित कर वजन प्रबंधन करने में मदद करती है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने म���ं मदद करता है जो ह्रदय संबंधी बीमारियों से दूर रखने में भी मददगार होता है। अगर ज्वार की रोटी बनाना आसान नहीं है तो इसमें गेहूं का आटा भी मिला सकते हैं जो इसकी स्वादिष्टता को और बढ़ा देता है।
इसके अतिरिक्त वजन को नियंत्रण रखने के लिए आप हर्बल सप्लिमेंट्स का भी इस्तेमाल कर सकते है जिसमे Fytika Let It Melt एक बेहतरीन विकल्प है। Fytika Let It Melt एक ऐसा सप्लिमेंट है जो विभिन्न प्रकार के नेचुरल तत्वों का मिश्रण है जैसे कि ग्रीन कॉफ़ी एक्सट्रैक्ट, गार्सीनिया कैंबोगिया, त्रिफला, काली जीरी और पिपेरिन शामिल हैं और इसके उपयोग से आप वजन नियंत्रित करने के साथ-साथ अपनी भूख कम कर सकते हैं। ये सप्लिमेंट्स आपकी एनर्जी लेवल को बढ़ाते हैं जिससे आप ज्यादा एक्टिव रह सकते हैं और अधिक कैलोरी जला सकते हैं। यह प्राकृतिक चीजों से मिलकर बना है इसलिए उसका इस्तेमाल सुरक्षित है।
(Disclaimer: This article has been written by - Dt. Alka Kothari)
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वजन कम करने का सही तरीका: आपका सवालों का जवाब
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