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#लोकसभा सांसद सीट व्यवस्था
khabarbharat · 10 days
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संसद में कौन कहां बैठेगा, कैसे तय होता है? जानिए पूरी प्रक्रिया, अयोध्या के सांसद बैठते हैं पहली पंक्ति में
छवि स्रोत : पीटीआई लोकसभा सत्र के दौरान ली गई तस्वीर। 18वीं लोकसभा का पहला संसदीय सत्र सोमवार को शुरू हो गया है। लोकसभा चुनाव 2024 में जीत के बाद सभी सांसद पहली बार संसद पहुंचे। इस दौरान नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। इसके बाद सभी सांसद आधिकारिक तौर पर संसद के सदस्य बन गए हैं। लाइव प्रसारण के दौरान विपक्ष की तरफ से जो तस्वीर सामने आई है, उसने बिना कहे ही जता दिया है कि 10 साल बाद ही…
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acropolismediainc · 3 years
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पश्चिम बंगाल से भारतीय जनता पार्टी के सांसद अर्जुन सिंह के आवास के बाहर बुधवार सुबह जोरदार बम धमाका हुआ। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। धनखड़ ने लिखा कि पश्चिम बंगाल में प्रचंड हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है। आज सुबह सांसद के आवास के बाहर बम विस्फोट चिंता की बात है और राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है। मैं इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा करता हूं। जहां तक अर्जुन सिंह की सुरक्षा का सवाल है तो पहले भी इस मुद्दे को उठाया जा चुका है। जानकारी के अनुसार घर पर जिस वक्त बम से हमला किया गया उस समय सांसद और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह मौजूद नहीं थे। हाल���ंकि उनके परिवार के सदस्य उस वक्त घर पर ही थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की है और घर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि बम फेंकने वालों का पता लगाया जा सके। वहीं इस मामले पर अब अर्जुन सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव से पहले मुझे जान से मारने की कोशिश है, क्योंकि पार्टी ने मुझे भवानीपुर का इंचार्ज बनाया है। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच भी बंगाल सरकार करेगी और पहले की तरह ही मामले को रफा-दफा कर देगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में न एफआईआर होगी न कोई चार्जशीट दाखिल की जाएगी। अर्जुन सिंह 17 वीं लोकसभा में पश्चिम बंगाल के बैरकपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इससे पहले, सिंह ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में 2001 से लगातार चार बार भाटपारा विधानसभा सीट भी जीती थी। उन्हें 1 जून 2020 को भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। #GrameenNews #NewsUpdate #WestBengal #NewsFlash #अर्जुनसिंह #BJP #TMC #GrameenNewsWestBengal #WestBengalNews (at West Bengal) https://www.instagram.com/p/CTjmLeAnn7a/?utm_medium=tumblr
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abhay121996-blog · 3 years
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भाजयुमो की नई टीम में बंगाल के अनूप साहा और राजू बिष्ट को अहम जिम्मेदारी Divya Sandesh
#Divyasandesh
भाजयुमो की नई टीम में बंगाल के अनूप साहा और राजू बिष्ट को अहम जिम्मेदारी
कोलकाता। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने अपने नए पदाधिकारियों की सूची की घोषणा की है। भाजयुमो की इस नई टीम में बंगाल को खास तवज्जो दी गई है। बुधवार को भाजपा की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक में राजू बिष्ट को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। उत्तर बंगाल के दो सांसदों जॉन बारला और नीशीथ प्रमाणिक के बाद राजू बिष्ट पहाड़ी जिला के तीसरे नेता हैं, जिन्हें भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। राजू बिष्ट के अलावा बीरभूम जिला के दुबराजपुर के विधायक अनूप साहा को भाजपा की युवा इकाई का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है।
यह खबर भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी का दौरा: सुरक्षा व्यवस्था का ग्रैंड रिहर्सल, डमी फ्लीट भी दौड़ी
भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की दिल्ली यात्रा के बाद दार्जीलिंग से भाजपा के सांसद राजू बिष्ट को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हुआ था। उसमें उत्तर बंगाल से दो लोगों को मंत्री बनाया गया। तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले दो सांसदों जॉन बारला और नीशीथ प्रमाणिक को केंद्र में मंत्री बनाया गया। दोनों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। इस बैठक में राजू बिष्ट को शामिल न करने को लेकर पूरे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा में असंतोष व्याप्त था। इसको लेकर भाजपा के विजयी नेता नीरज जिम्बा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।
कूचबिहार के सांसद नीशीथ प्रमाणिक को अमित शाह के साथ काम करने का मौका दिया गया है। मोदी कैबिनेट के इस सबसे युवा मंत्री को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाया गया है। वहीं, अलीपुरदुआर लोकसभा सीट से संसद पहुंचे जॉन बारला को अल्पसंख्यक मामलों का राज्यमंत्री बनाया गया है।  
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shaileshg · 4 years
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बिहार के विधानसभा चुनावों के साथ-साथ मंगलवार को 11 राज्यों की 56 विधानसभा और बिहार की वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में भाजपा ने बड़ी सफलता हासिल की है। मध्यप्रदेश में तो शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री सीट पक्की हो गई है, वहीं गुजरात में भाजपा ने अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया है।
बिहार के साथ-साथ उपचुनावों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल की नीतियों, उपलब्धियों पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा सकता है। कोरोनावायरस महामारी को रो���ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन, बेरोजगारी, खस्ताहाल इकोनॉमी के साथ-साथ नए किसान कानून और चीनी सेना के लद्दाख में घुस आने के मुद्दों पर जनता की राय सामने आ रही है। इस दौरान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, वहां जमीन लेने का अधिकार सभी भारतीयों को देना, राम मंदिर का भूमिपूजन भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर वोटर ने मुहर लगाई है।
बिहार की लोकसभा सीट पर जेडी(यू) आगे जेडी(यू) सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो के फरवरी में निधन के बाद वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। इस पर जेडी(यू) के प्रत्याशी सुनील कुमार शुरुआती रुझानों में आगे चल रहे हैं।
गुजरात की 8 में से 7 सीटों पर भाजपा आगे गुजरात उपचुनावों के शुरुआती रुझानों में भाजपा 8 में से 7 सीटों पर आगे चल रही है। एक सीट पर कांग्रेस आगे है। गुजरात में 8 सीटों पर उपचुनाव जरूरी हो गए थे, क्योंकि जून में राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के 8 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस ने 1995 के बाद अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देते हुए 2017 में 77 सीटें जीती थीं और वह चाहती है कि सभी 8 सीटें उसकी ही झोली में आएं। भाजपा की राज्यसभा सीटें कायम रखने के लिए जिन 8 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी, उनमें से 5 को भाजपा ने टिकट दिए हैं। गुजरात में उपचुनावों के नतीजे सरकार पर सीधा असर नहीं डालेंगे, क्योंकि यहां भाजपा के पास 182 सदस्यों वाले सदन में 103 सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस के पास फिलहाल सिर्फ 65 सीटें ही हैं। गुजरात में स्थानीय निकायों के चुनाव भी होने हैं, इसलिए उपचुनावों में वोटर्स का मूड समझना अहम होगा।
उत्तरप्रदेश (7 सीटें): योगी का प्रभाव कम हुआ 2017 में जब भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की थी तो कई दशक के बाद इन 7 में से 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। एक सीट पर SP का विधायक था। उपचुनावों के नतीजों के शुरुआती रुझान बताते हैं कि 7 में से 5 सीट पर भाजपा आगे है। इन सातों सीटों पर कानून-व्यवस्था, खासकर महिला सुरक्षा, दुष्कर्म और जाति-आधारित संघर्षों को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा टेस्ट है। एक सीट पर निर्दलीय और एक सीट पर सपा आगे चल रही है।
कर्नाटक में भाजपा को दो सीट का फायदा कर्नाटक, झारखंड, नगालैंड, मणिपुर में 2-2- सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। कर्नाटक में दोनों सीटों पर कांग्रेस और JD(S) ताकतवर थे। इसके बाद भी दोनों सीटों पर भाजपा आगे चल रही है। इस तरह बीएस येदियुरप्पा सरकार को मजबूती मिल रही है।
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका सीट छोड़ दी थी, वहीं कांग्रेस के एक विधायक की मौत हुई थी। दुमका में भाजपा आगे चल रही है, जिससे मुख्यमंत्री की स्थिति कमजोर होती दिख रही है। वहीं, दूसरी सीट पर कांग्रेस आगे है।
नगालैंड में 3 विधायकों का निधन होने पर उपचुनाव जरूरी थे और दोनों ही जगह निर्दलीय प्रत्याशी आगे हैं। मणिपुर में 2 सीटें भाजपा की झोली में जाती दिख रही हैं।
ओडिशा में जिन 2 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, वहां भाजपा और बीजद (BJD) के पास एक-एक सीट थी। शुरुआती रुझानों में दोनों सीटें BJD को जाती दिख रही हैं। दोनों ही पार्टियों ने पूर्व विधायकों के बेटों को टिकट दिए हैं। ताकि संवेदना के आधार पर वोट हासिल कर सकें।
तेलंगाना में भाजपा, हरियाणा में कांग्रेस तेलंगाना की एक सीट पर भाजपा ने बढ़त बना ली है। यह सीट TRS विधायक के निधन से सीट खाली हुई थी। हरियाणा में जाट बहुल सीट कांग्रेस के कब्जे वाली रही है। यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भाजपा के लिए मौका दिख रहा है, लेकिन कांग्रेस यहां आगे चल रही है। छत्तीसगढ़ में अजित जोगी के निधन से खाली हुई मरवाही सीट पर दो दशक से उनके परिवार का ही कब्जा रहा है। इस सीट पर कांग्रेस आगे चल रही है।
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Bihar Election Results: BJP: Gujarat UP Madhya Pradesh Vidhan Sabha Chunav Praninam 2020 Latest News Today Updates; Vijay Rupani, Shivraj Singh Chouhan, BJP Party MLA Candidate
from Dainik Bhaskar /national/news/bihar-election-results-gujarat-up-madhya-pradesh-vidhan-sabha-chunav-praninam-2020-latest-news-today-updates-vijay-rupani-shivraj-singh-chouhan-127901637.html via IFTTT
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darshaknews · 4 years
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#New-Delhi लोकसभा के 24 सांसद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए कोरोना वायरस की वजह से मॉनसून सत्र देरी के साथ आज से शुरू हुआ है। इस सत्र में शामिल होने के लिए सभी सांसदों का अनिवार्य रूप से कोरोना जांच कराई गई थी। लोकसभा के 24 सांसद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं । इससे पहले, रविवार को कोरोना जांच में पांच लोकसभा सांसद कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। संसद में उन्हीं सांसदों, कार्मिकों को जाने की इजाजत दी गई है, जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है।मॉनसून सत्र के पहले दिन लोकसभा के सदस्यों ने राज्यसभा में बैठकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। सदन में सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर सीट के आगे प्लास्टिक शील्ड कवर लगाया गया है। सदन में बैठने की बदली हुई व्यवस्था के बीच कई सदस्यों को उनके स्थान तक पहुंचने में लोकसभा कर्मी मदद करते भी दिखे।लोकसभा चैम्बर में करीब 200 सदस्य मौजूद थे तो लगभग 50 सदस्य गैलेरियों में थे। लोकसभा चैम्बर में ही एक बड़ा टीवी स्क्रीन लगाया गया है जिसके माध्यम से राज्यसभा चैम्बर में बैठे लोकसभा के सदस्य भी नजर आ रहे थे। गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए सदस्यों को लोकसभा चैम्बर, गैलरियों के साथ ही राज्यसभा के चैंबर में भी बैठाया गया है।
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synstek · 5 years
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सीवान में भीषण लड़ाईः कविता सिंह के लिए वोट मांगने पहुंचे थे सीएम, साहब की ‘शहाब’ के लिए तेजस्वी ने किया प्रचार सीवान लोकसभा सीट पर भी लड़ाई भीषण है। यहां जेडीयू ने कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया है तो दूसरी तरफ राजद ने बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को टिकट दिया है। कुल मिलाकर यहां मुकाबला दो बाहुबलियों की पत्नीयों के बीच है। आज सीएम नीतीश ने जेडीयू उम्मीदवार कविता सिंह के लिए प्रचार किया तो दूसरी तरफ तेजस्वी हिना शहाब के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। ।नीतीश कुमार ने सिवान में कानून-व्यवस्था की याद दिलाते हुए कहा कि हमनें बिहार में कानून का राज स्थापित किया है।शहाबुद्दीन का बिना नाम लिए नीतीश कुमार नें कहा कि पहले सिवान की क्या स्थिति थी।लेकिन आज पूरे बिहार में शांति है।वहीं हिना शहाब के लिए वोट मांगने दरौदा पहुंचे तेजस्वी यादव ने बिहार और केंद्र की सरकार पर जमकर निशाना साधा.तेजस्वी ने राजद की प्रत्याशी हिना शहाब के पक्ष में वोट देने की अपील की.
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lepannganews-blog · 5 years
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सीएम योगी का खड़ाऊं रखकर गोरखपुर की जनता की सेवा करुँगा : रविकिशन
ले पंगा न्यूज डेस्क, प्रियंका योगी। लोकसभा चुनाव में हर कोई अपने प्रचार-प्रसार में जमकर लगा हुआ है जी हाँ चुनाव के इस दौड़ में बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन का नाम भी शामिल है. रवि किशन ने यूपी सीएम के सम्मान में जनता से कहा कि गोरखपुर की गद्दी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है। 
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अगर में शहर संसदीय सीट से सांसद बना तो योगी की खड़ाऊं रखकर जनता की सेवा करुँगा, और सब मिलकर यह चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही बड़ी- बड़ी बाते करते हुए यह भी कहा कि किसी कार्यकर्ता की उपेक्षा बीजेपी में नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने सबके नामों की सूची दी हैं। हम हर नेता, कार्यकर्ता और जनता के दरवाजे पर जाएंगे। होटल का खाना नहीं खाएंगे। जिसके घर जाएंगे, वहीं खाना खाएंगे। इन्ही वादों के साथ रवि किशन ने रात में बेनीगंज स्थित दफ्तर में पत्रकारों को बताया कि विपक्ष हार के डर से बौखला गया है। और इस बात का सीधा उदहारण आजम खान खुद है जिन्होंने बीजेपी सांसद जयाप्रदा के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया, और इन शब्दों से  आजम खान की घटिया मानसिकता चुनावी दौर में जनता के समक्ष उजागर हो गई है।
इसके साथ ही रवि किशन ने यह कहा कि देश में दो प्रधानमंत्री की बात करने वालों को जनता कड़ा सबक सिखाएगी। मोदी और योगी बाबा का अपना कोई निजी स्वार्थ नहीं है। दरअसल गोरखपुर के विकास की योजना प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री दोनों ने ही बना रखी है। बस काम तेजी से हो, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी है।  आगे रवि किशन ने कहा कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस के 72 हजार रुपये के चॉकलेटी वादे पर जनता को तनिक भी भरोसा नहीं है। बता दे कि रवि किशन ने गोरखपुर शहर में अपनी कई फिल्मों की शूटिंग भी की है।
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rohtakmedia-blog · 5 years
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पहले वादों पर चुनाव लड़ते थे, इस बार उपलब्धियों के साथ मैदान में उतरेंगे : मनोहर
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पहले वादों पर चुनाव लड़ते थे, इस बार उपलब्धियों के साथ मैदान में उतरेंगे : मनोहर : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में फिर एक बार मोदी सरकार लाने और 400 सीटें हासिल करने के लक्ष्य के साथ लोकसभा चुनाव में उतरना है। रोहतक सहित हरियाणा की सभी दस सीटों को जीतने में आप सभी को सहयोग करना होगा। भाजपा पहले वादों पर चुनाव लड़ती थी, लेकिन इस बार उपलब्धियों के साथ मैदान में उतरेंगे। मुख्यमंत्री रविवार को पुराना शुगर मिल मैदान में आयोजित कलानौर हलके की जनविश्वास रैली को संबोधित कर रहे थे। इस रैली के माध्यम ने भाजपा ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव का आगाज कर दिया है। इन्हे भी पढ़े :- शॉटपुट में हरियाणा के सौरभ और तमिलनाडू की मधुमिधा प्रथम मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 2014 में जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो भ्रष्टाचार चरम पर था और अपराध का बोलबाला था। हमने व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के साथ कार्य करते हुए नौकरियों में पारदर्शिता लागू की। ट्रांसफर पॉलिसी बनाई गई, जिससे हजारों शिक्षकों को बिना किसी रिश्वत के मनमाफिक स्थानों पर भेजा गया। पूर्व की सरकारों में खुद को या अपने चेहेतों को फायदा पहुंचाने का काम किया जाता था।। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का बच्चा है दीपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रैली में पूर्व सीएम हुड्डा और उनके सांसद पुत्र पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि रोहतक लोकसभा सीट से प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का बच्चा दीपेंद्र हुड्डा पिछले 15 साल से सांसद हैं। जब वह पहली बार जीता, तब उसके बापू सांसद थे, दूसरी और तीसरी बार जीते तब भी बापू सीएम थे। मगर इस बार न बापू सांसद हैं और न मुख्यमंत्रीं। अबकी बार जनता के हाथ में सबकुछ है। सीएम ने सांसद दीपेंद्र को टारगेट करते हुए कहा कि उन्होंने अपने चहेते लोगों को फायदा पहुंचाया था, जो उनके इर्द-गिर्द घूमते हैं। उन्होंने मतदाताओं का आह्वान किया कि रोहतक लोकसभा चुनाव में भी जींद जैसा करिश्मा करके दिखाये। उनके जीवन को सुखी बनाने की गांरटी भाजपा सरकार की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अगले माह चुनाव प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी और हम सबके लिए परीक्षा की घड़ी है, इसलिए जागरूक रहने की जरूरत है। रोहतक को जलाने वालों को सिखाना होगा सबक मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव में उन लोगों को सबक सिखाने का काम करें, जिन्होंने रोहतक को जलवाया था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने रोहतक को जलवाया, उन्हीं लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए जाति के नाम पर समाज को भिड़वाने का भी काम किया। इन्हे भी पढ़े :- दो माह में तैयार हो जाएगा पीजीआइ में अत्याधुनिक ओटी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी और बसपा के गठबंधन को बताया अवसरवादिता मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल राजनीति में होने वाले गठजोड़ हताशा और भय के कारण हो रहे हैं। यह अवसरवादिता के गठबंधन है, जिनका जनहित से कोई सरोकार नहीं है। भाजपा की नीतियों व बढ़ते जनाधार से विपक्षी पार्टियों में डर है। 1971 में इमरजेंसी के दौरान जो गठबंधन हुआ था, वह कांग्रेस सरकार की ज्यादतियों के कारण हुआ था। जनता की समस्याओं को लेकर गठबंधन करने में कोई बुराई नहीं है। 3200 गांव में 24 घंटे बिजली आपूर्ति मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बिजली निगम 27 हजार करोड़ के घाटे में चल रहा था। हमने बिल निपटान योजना के तहत न केवल भुगतान कराया, बल्कि कंपनियों को फायदे में पहुंचाने का काम किया। अभी हम 6500 गांव में 3200 गांव में भी 24 घंटे बिजली देने का कार्य किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य प्रत्येक गांव में 24 घंटे बिजली पहुंचाने का है। पहले वादों पर चुनाव लड़ते थे, इस बार उपलब्धियों के साथ मैदान में उतरेंगे : मनोहर स्त्रोत :- दैनिक जागरण छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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editorjee-blog · 6 years
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राफेल डील को लेकर सदन में बहस, 17 सासंद हुए सस्पेंड, टीडीपी सांसदों ने सदन में उड़ाया कागज नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित गड़बड़ी को लेकर आज भी लोकसभा में घमासान जारी रहने की आशंका है। सरकार इस मुद्दे पर आज कांग्रेस के आरोपों का जवाब दे सकती है। इसके लिए कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों व्हिप जारी किया है और सदन में मौजूद रहने को कहा है। बुधवार को लोकसभा में विपक्ष और सरकार में आर-पार की जंग हुई। इस दौरान जब राफेल पर अरुण जेटली सरकार का पक्ष रख रहे थे तब कांग्रेस के दो सांसद लगातार कागज के जहाज बनाकर उसे उड़ा रहे थे।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच इस दौरान जोरदार बहस हुई। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली बहस की चुनौती दी, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मेरे से सिर्फ 20 मिनट के लिए राफेल सौदे पर बहस कर लें। लोकसभा से 17 सांसद सस्पेंड लोकसभा स्पीकर ने टीडीपी के 10 और एआइएडीएमके के सात सांसदों को सदन की वेल में आने पर अगले चार दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है। स्पीकर ने सांसदों का नाम लेते हुए कहा कि आप लोगों सदन की कार्यवाही को जानबूझकर बाधित करने का काम किया है। इसलिए आप लोग सत्र के बचे हुए 4 दिनों के लिए सदन की कार्यवाही से बाहर किए जाते हैं। हंगामे के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है। राज्यसभा में चल रहा प्रश्न काल राज्यसभा में प्रश्न काल चल रहा है और विभिन्न दलों के सांसद दिव्यांग बच्चों के लिए गृह और सुधार से जुड़े सवाल पूछ रहे हैं। एनसीपी की वंदना चौहान, सपा की जया बच्चन, जेडीयू की कहकशां परवीन ने इस मुद्दे पर सवाल पूछे हैं। महिला और बाल विकास राज्य मंत्री विरेंदर सिंह ने इन सवालों का जवाब दिया है। लोकसभा की कार्यवाही फिर स्‍थगित, टीडीपी सांसदों ने सदन में उड़ाए कागज लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हुई और हंगामा शुरू हो गया। टीडीपी के सांसद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर वेल में आकर प्रदर्शन किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गई है। लोकसभा की कार्यवाही शुरू लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हुई और हंगामा शुरू हो गया है। टीडीपी के सांसद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सदन में कागज उड़ाए जा रहे हैं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस तरह के व्यवहार से सदन की मर्यादा धूमिल हो रही है, राफेल समेत कई अहम विषयों पर चर्चा होनी है, इसलिए वेल में आए सांसद अपनी सीट पर वापस जाएं। शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का जवाब शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सांसद के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ये विद्यालय बहुत अच्छी व्यवस्था है और परीक्षा के बाद छात्र वहां प्रवेश पाते हैं। जावड़ेकर ने कहा कि नवोदय सफल मॉडल है और 10 साल में 37 आत्महत्याएं हुई हैं, लेकिन एक भी नहीं होनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि इसके लिए हमने कमेटी का गठन किया है जो जांच कर रही है। हम जल्द ही स्कूलों में काउंसलर भी नियुक्त करेंगे। नवोदय स्कूलों में छात्रों की आत्महत्या का मुद्दा उठा कांग्रेस सांसद विप्लव ठाकुर ने नवोदय स्कूलों में छात्रों की आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए कहा कि करीब 37-38 आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय पर गहन शोध की जरूरत है, क्योंकि इन आत्महत्याओं की वजह क्या है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से इस विषय पर विचार कर इसकी जांच कराने की मांग की है। एआईएडीएमके सांसद ने कावेरी नदी पर बांध का मुद्दा उठाया एआईएडीएमके सांसद नवनीत कृष्णन ने कावेरी नदी पर बांध का मुद्दा उठाते हुए कहा कि लोकसभा से हमारी पार्टी के सभी सांसद सस्पेंड कर दिए गए हैं जो कि पूरी तरह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि हम अपनी बात अब कैसे रखते हैं। महिला आरक्षण पर चर्चा के लिए नोटिस सभापति ने राज्यसभा में कहा है उन्हें नियम 267 के तहत महिला आरक्षण पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं। इस विषय पर अन्य नियमों के तहत चर्चा की जा सकती है और हम सभी चर्चा कर किसी न किसी समाधान पर पहुंचेंगे, क्योंकि यह मुद्दा कई साल से लंबित है। सभापति ने कहा कि सबरीमाला समेत कई मुद्दों पर नोटिस मिले हैं लेकिन उन्हें स्वीकार नहीं किया गया है, हम इन मुद्दों पर शून्य काल में चर्चा कर सकते हैं। लोकसभा में नियम 193 के तहत राफेल पर चर्चा लोकसभा में आज भी राफेल डील पर नियम 193 के तहत चर्चा जारी रहेगी। इस चर्चा में सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों के अलावा रक्षा मंत्री निर्मता सीतारमण भी सदन में अपनी बात रखेंगी।
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aapnugujarat1 · 5 years
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बंगाली व गैर-बंगाली समुदायों में दरार पैदा कर रही भाजपा : सीएम ममता
मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भाजपा पर राज्य में बंगाली व गैर-बंगाली समुदाय के लोगों के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया है। उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धरना में शामिल होने पहुंचीं ममता ने कहा- ‘मैंने कभी बंगाली व गैर-बंगाली में फर्क नहीं किया। सभी हिंदीभाषी खराब नहीं होते। मैं बंगाल की संस्कृति में विश्वास करती हूं। मेरे लिए सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा बंगाल में अगले विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। उन्होंने कहा-‘केंद्र सरकार का डर दिखाकर मुझे डराया नहीं जा सकता। मोदी के कारण हमलोग बंगाल की सत्ता में नहीं हैं।  हमलोग भी निर्वाचित हुए हैं। बंगाल कभी गुजरात नहीं बन सकता।’ उन्होंने भाजपा समर्थित बदमाशों द्वार 400 बंगाली परिवारों को बेघर कर दिए जाने का आरोप लगाया और पीएम मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा- ‘अभी शपथ भी नहीं लिए कि अत्याचार शुरू कर दिया। शपथ के बाद अगर वे सुचारू ढंग से काम करें तो अच्छी बात है लेकिन जैसाकि मैं पहले से ही कहती आ रही हूं कि वे जनता का पैसा बैंक में सुरक्षित नहीं रहने देंगे।’ गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी जिस समय दूसरी बार पीएम पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे थे, उस समय ममता धरना मंच से भाजपा पर चिर-परिचित अंदाज में बरस रही थीं। भाजपा ने चुनाव में बेतहाशा धन-बल का किया इस्तेमाल ममता ने कहा-‘भाजपा ने चुनाव में बेतहाशा धन-बल का इस्तेमाल किया। चुनाव के दौरान हिंसा का माहौल बनाया गया। प्रदेश की कानून व्यवस्था हमारे हाथ में नहीं थी क्योंकि प्रभार चुनाव आयोग के पास था।’ संघ से मुकाबले को ‘बंग जननी’ व ‘जय ¨हद वाहिनी’ का एलान ममता ने कहा-‘यदि उनके (भाजपा) पास संघ है तो मैं मैं ब्लॉक स्तर पर संघ से मुकाबले के लिए छात्रों व युवाओं को लेकर जय हिंद वाहिनी और महिलाओं के लिए बंग जननी वाहिनी के गठन की घोषणा करती हूं। उनके लिए एक ड्रेस कोर्ड निर्धारित होगा और पहचान पत्र भी दिया जाएगा।’ ‘जय श्रीराम’ के नारे पर ममता ने कहा-‘मेरा नारा जय बांग्ला, जय हिंद है। सुभाष बोस का भी यही नारा था। भाजपा बंगाल की संस्कृति खत्म करने के लिए विदेशी संस्कृति यहां लाई है। अब नहीं चलेगा एकछत्र साम्राज्य बैरकपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित भाजपा सांसद अर्जुन सिंह का नाम लिए बिना ममता ने उनपर जमकर निशाना साधा।  मुझे उनके भ्रष्टाचार के बारे में पहले से जानकारी नहीं थी। वे कहां तक छिपेंगे? जूट मिलों पर एकछत्र साम्राज्य अब नहीं चलने वाला क्योंकि मैं अब हमेशा बैरकपुर में विभिन्न जगहों पर आती रहूंगी। चुनाव में कितने पैसे लिए? ममता ने उन पुलिस अधिकारियों की आलोचना की, जो बैरकपुर में चुनाव के दौरान ड्यूटी पर थे। ममता ने अपने ही पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप लोगों ने कितने पैसे लिए हैं? मुझे पता है भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए हजारों करोड़ खर्च किए? क्या कोई पार्टी दुष्कर्म का समर्थन करेगी? इस क्षेत्र में महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। चुनाव के नाम पर जो हुआ, अब भूल जाओ। मेरे जाने के बाद इस इलाके में एक भी हिंसक घटना हुई तो इसके लिए डीजी जिम्मेदार होंगे। Read the full article
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shaileshg · 4 years
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कोरोना के कारण इस बार गुजरात में गरबा महोत्सव नहीं होगा। राज्य सरकार ने इजाजत नहीं दी। पंडालों में सिर्फ मूर्ति स्थापित करके पूजा-आरती हो सकती है। वहीं, देश में लगातार तीन हफ्ते हो चुके हैं, जब नए संक्रमितों से ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
आज इन 2 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1. IPL में आज डबल हेडर मुकाबले। किंग्स इलेवन पंजाब का मुकाबला कोलकाता नाइटराइडर्स से अबु धाबी में होगा। टॉस दोपहर तीन बजे और मैच साढ़े तीन बजे से शुरू होगा। दूसरा मुकाबला चेन्नई सुपरकिंग्स और रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु के बीच दुबई में होगा। टॉस शाम सात बजे और मैच साढ़े सात बजे से शुरू होगा।
2. रिपब्लिक टीवी के CFO शिवा सुंदरम को मुंबई पुलिस ने तलब किया है। उन्हें आज सुबह 11 बजे क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने को कहा गया है।
अब कल की 6 महत्वपूर्ण खबरें
1. आज से काउंटर पर और ऑनलाइन हो सकेगी रेलवे टिकट बुकिंग
रेलवे ने टिकट बुकिंग के लिए 10 अक्टूबर से प्री-कोविड सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत ट्रेन के स्टेशन से छूटने से पांच मिनट पहले भी टिकट बुक किया जा सकेगा। रेलवे ने महामारी को देखते हुए नियमित ट्रेनों को बंद कर दिया था। इस समय सिर्फ स्पेशल ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं। 10 अक्टूबर से डिपार्चर से आधा घंटा पहले दूसरा रिजर्वेशन चार्ट बनाया जाएगा।
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2. पाकिस्तान के 7 फीट 6 इंच लंबे गेंदबाज
भारत के आईपीएल की तर्ज पर पाकिस्तान ने पीएसएल शुरू की थी। इसकी एक टीम लाहौर कलंदर्स ��े अपने प्रोग्राम में गेंदबाज मुदस्सर गुज्जर को शामिल किया है। उनका कद 7 फीट 6 इंच है। यह जानकारी पाकिस्तान के स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट साज सादिक ने दी है। इससे पहले मोहम्मद इरफान (7 फीट 1 इंच) पाकिस्तान की ओर से 60 वनडे खेल चुके हैं। उनके नाम 83 विकेट दर्ज है।
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3. बिहार के बाहुबली की दिलचस्प प्रेम कहानी
पप्पू यादव एक बार विधायक और 5 बार सांसद रहे हैं। वो पहले राजद में थे, लेकिन 2015 में उन्होंने जन अधिकार नाम से अपनी पार्टी बना ली। चर्चा है कि पप्पू यादव मधेपुरा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। पप्पू ने 2019 में मधेपुरा से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे। उन पर हत्या-किडनैपिंग जैसे 31 केस दर्ज हैं। पप्पू यादव की लव स्टोरी भी बड़ी दिलचस्प है और किसी फिल्मी कहानी से कम भी नहीं है।
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4. हाथरस केस में एक और खुलासा
हाथरस गैंगरेप मामले में नया खुलासा हुआ। भाजपा सांसद राजवीर दिलेर की बेटी मंजू दिलेर ने हाथरस की घटना के बाद डीजीपी एचसी अवस्थी को चिट्ठी लिखी थी। मंजू ने कहा था कि पीड़ित से दुष्कर्म और हत्या की कोशिश की वारदात में 5 लोग शामिल थे, लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक के खिलाफ FIR दर्ज की है। मंजू ने SHO को सस्पेंड करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
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5. कहानी 74 साल के बुजुर्ग की, जिसने पत्नी के लिए घर को हॉस्पिटल में तब्दील किया
टि्वटर पर एक 74 बरस के बुजुर्ग ने एक फोटो शेयर की, जिसमें वो अपनी 72 साल की पत्नी की सेवा करते दिख रहे थे। उन्होंने पत्नी के लिए घर को हॉस्पिटल में बदल दिया। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर वेंटीलेटर तक सबकुछ मौजूद था। इसका मैनेजमेंट भी वही कर रहे हैं। वह कोई डॉक्टर नहीं, बल्कि एक रिटायर्ड इंजीनियर हैं। नाम है ज्ञान प्रकाश, मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहते हैं।
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6. क्या है टीआरपी?
मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गुरुवार को कहा कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) इंडिया के डिवाइस में छेड़छाड़ कर टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने रिपब्लिक समेत कुछ चैनल्स के नाम भी लिए। हालांकि, रिपब्लिक टीवी का दावा है कि एफआईआर में उसका नहीं बल्कि इंडिया टुडे का नाम है। जानिए क्या है टीआरपी?
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अब 10 अक्टूबर का इतिहास
1910: वाराणसी में मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में पहला अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन हुआ।
2005: एंजेला मार्केल जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनीं।
2014: भारत के कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
आखिर में जिक्र बॉलीवुड एक्ट्रेस रेखा का। 1954 में आज ही के दिन उनका जन्‍म हुआ था। पढ़िए उन्हीं की कही एक बात...
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New system of railway ticket booking from today; Interesting Love Story of Bahubali of Bihar; Pakistan can get the longest bowler
from Dainik Bhaskar /national/news/new-system-of-railway-ticket-booking-from-today-interesting-love-story-of-bahubali-of-bihar-pakistan-can-get-the-longest-bowler-127798385.html via IFTTT
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morningstorytalk · 5 years
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दक्षिण कश्मीर में स्थित आतंकवाद प्रभावित अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र इस लोकसभा चुनाव में तीन चरणों में चुनाव का गवाह बनेगा. यह अभूतपूर्व है, क्योंकि इससे पहले कभी भी किसी एक सीट पर तीन चरणों में वोटिंग नहीं हुई. अपने इस कदम के बारे में बताते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील अरोड़ा ने कहा, 'हमें अनंतनाग के सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र में तीन चरणों में चुनाव कराना होगा. तो आप सोच सकते हैं कि यह कितना जटिल है.' राज्य और उसके आस-पास हो रही घटनाएं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा प्रमुख है, बीजेपी के चुनाव अभियान के केंद्रीय मुद्दे बन गए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आगे कहा कि आयोग पुलवामा हमले के बाद संवेदनशील दौर से गुजर रहे राज्य में चुनाव कराने की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहा है. 2014 के चुनाव में अनंतनाग सीट पर महबूबा मुफ्ती ने जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 2,00,429 वोट मिले जो कुल वोटों के 53.41 प्रतिशत थे. महबूबा मुफ्ती जब अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद सीएम बनीं तो उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से कानून और व्यवस्था की स्थिति के चलते इस सीट पर उप-चुनाव नहीं हुए. अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में 16 विधानसभा क्षेत्र हैं, जो सभी दक्षिण कश्मीर में आते हैं. ये सभी विधानसभा क्षेत्र पिछले पांच सालों से हिंसा की चपेट में हैं. दूसरी तरफ राज्य में होने वाले चुनाव भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिए गए हैं. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है. जुलाई 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद राज्य में हिंसा भड़की थी, इसके बाद अलगाववादियों के जेल जाने का विरोध, एनआईए के छापे, जमात-ए-इस्लामी पर कार्रवाई, पुलवामा हमला और अनुच्छेद 370 और 35-ए को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. संभवत: चुनाव आयोग के लिए यहां चुनाव कराना सबसे मुश्किल काम होगा. सबसे बड़ी चुनौती होगी वोट देने आने वाले लोगों की, जैसा कि राज्य में होने वाले पिछले दो संसदीय उपचुनावों में हुआ था. श्रीनगर उप-चुनाव में 7% मतदान हुआ और अनंतनाग उप-चुनाव कभी नहीं हुआ. अच्छी प्रतिक्रिया न मिलने और खराब कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण लगभग तीन दशकों में पहली बार मतदान रद्द करना पड़ा. कुछ वक्त पहले संपन्न हुए नगरपालिका चुनाव में जहां जम्मू के कुछ क्षेत्रों में लगभग 80% मतदान हुआ वहीं घाटी में 8% मतदान दर्ज किया गया. राज्य में पांच चरणों में 11 अप्रैल, 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल और 6 मई को वोट डाले जाएंगे. (न्यूज 18 से साभार) from Latest News राजनीति Firstpost Hindi https://ift.tt/2SS90a1
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supremenewstv-blog · 6 years
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सुशील कमार मोदी को तब यह भी कहना चाहिए कि नीतीश कुमार सही हैं : उपेंद्र कुशवाहा नयी दिल्ली / पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कथित ‘नीच' वाली टिप्पणी को लेकर उन्हें निशाना बनाते आ रहे रालोसपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को अपने हमले की तुलना 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रियंका गांधी पर किये गये हमले से की. मालूम हो कि उपेंद्र कुशवाहा सीट बंटवारे के मुद्दे पर असंतुष्ट चल रहे हैं. उन्होंने कई ट्वीट कर सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय गलत थे, जब भाजपा पर ‘नीच राजनीति' करने का आरोप लगाने के लिए उन्होंने 2014 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी पर निशाना साधा था. कुशवाहा ने अपने इस आरोप को फिर से ह��ा दी कि कुमार ने उनके खिलाफ ‘नीच' शब्द का उपयोग कर उनका अपमान किया है. जदयू इस आरोप से इनकार कर चुका है. रालोसपा उस समय से मुख्यमंत्री कुमार पर हमला कर रहे हैं, जब उन्होंने एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की थी. एक कार्यक्रम में नीतीश से राजग में रालोसपा की बढ़ती असहजता के बारे में पूछा गया था. इस पर जदयू नेता नीतीश ने कहा था, ‘‘इतना नीचे मत गिरिये.' कुशवाहा के ताजा बयानों को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि वह भाजपा नीत राजग से अलग हो सकते हैं. बिहार लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारा व्यवस्था को लेकर कुशवाहा अप्रसन्न बताये जाते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री के बचाव में उतरे राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को जवाब देते हुए कुशवाहा ने गुरुवार को कई ट्वीट किये. सुशील मोदी ने 12 नवंबर को ट्वीट कर कहा था कि कुमार ने ‘नीच' शब्द का कभी उपयेाग नहीं किया, किंतु कुछ लोग ‘शहीद' बनने का प्रयास कर रहे हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने प्रियंका गांधी वाड्रा की टिप्पणी की जो व्याख्या की थी, वह क्या सुशील कुमार मोदी के अनुसार गलत थी. प्रियंका ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पर हमला करते हुए ‘नीच राजनीति' शब्द का इस्तेमाल किया था. भाजपा के तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने इस टिप्पणी को उनकी पिछड़ी जाति से जोड़ते हुए आरोप लगाया था कि उनकी पृष्ठभूमि पर हमला किया जा रहा है. कुशवाहा ने कहा, ‘‘सुशील कमार मोदी को तब यह भी कहना चाहिए कि नीतीश कुमार सही हैं तथा राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान ‘डीएनए मुद्दे' पर दोनों नेताओं (नीतीश एवं नरेंद्र मोदी) के बीच वाकयुद्ध में नरेंद्र मोदी गलत थे.' वर्ष 2015 में जब भाजपा एवं जदयू एक दूसरे के विरोधी खेमों में थे, तो नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की डीएनए टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया था. नीतीश ने अपने पार्टी जनों से कहा था कि वे अपने बाल एवं नाखूनों के नमूने एकत्र कर दिल्ली भेजें, ताकि डीएनए की पुष्टि हो सके. बताया जाता है कि कुशवाहा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस प्रस्ताव से अप्रसन्न हैं कि उनकी पार्टी 2014 की तुलना में इस बार कम सीटों पर चुनाव लड़े. कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि वह सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर शाह के साथ विचार विमर्श करेंगे. रालोसपा ने 2014 में तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों पर ही उसे सफलता मिली थी. कुशवाहा ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं दिल्ली जाने के लिए पटना से निकल रहा हूं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मेरी बैठक में मैं सीटों के बंटवारे पर बातचीत करूंगा.' भाजपा द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री को प्रसन्न रखने के प्रयासों के बीच राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बात कुशवाहा को रास नहीं आ रही है. कुशवाहा और नीतीश के संबंध पहले से ही अच्छे नहीं है. कुशवाहा 2014 से पहले राजग में शामिल हुए थे. इस बीच, रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता माधव आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जदयू द्वारा उनके सांसद रामकुमार शर्मा को लुभाने की खबरें हमारे इस आरोप की पुष्टि करती हैं कि नीतीश कुमार ‘जोड़तोड़' में शामिल हैं. आनंद ने कहा, ‘‘हमने सुना कि एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है, ताकि राजद नेता तेजस्वी यादव की गतिविधि पर नजर रखी जा सके. मुख्यमंत्री को एक अपने आवास के भीतर भी लगवाना चाहिए, जो बिहार के सभी लोगों के सामने कपटपूर्ण षड्यंत्रों को बेनकाब कर देगा.' National news desk Report by : Chandan Das
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jodhpurnews24 · 6 years
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पत्रिका हॉट सीट: यशवंत सिन्हा ने कहा- मोदी नहीं ‘मुद्दों’ पर होगा चुनाव
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मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली
करवट बदलती राजनीत��� में यशवंत सिन्हा एक लम्बे दौर के गवाह रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रहे सिन्हा अपनी बेबाकी के लिए भी जाने जाते हैं। पैनल इंटरव्यू श्रृंखला ‘पत्रिका हॉट सीट’ के तहत हमने उनसे विस्तार से बातचीत की। पेश हैं संपादित अंश-
आपने वाजपेयी सरकार में अहम मंत्रालयों को संभाला। उनके मुकाबले मौजूदा नेतृत्व में क्या फर्क देखते हैं?वाजपेयीजी भारत की राजनीति में जो युग बीत गया, उसके प्रतिनिधि थे।
उन्होंने अपनी ही पार्टी के सीएम को राजधर्म की याद दिलाई थी। आज भीड़ की हिंसा पर ज्यादा खुल कर बोलते? वर्तमान प्रधानमंत्री ने भी भर्त्सना की है। लेकिन जो लोग सरकार में हैं, उनके लिए इतना नाकाफी है। उन्हें यह कोशिश करनी होगी कि ऐसा नहीं हो। गृह मंत्री और प्रधानमंत्री सभी की जिम्मेवारी बनती है। सरकार को अपनी भाषा और व्यवहार से दिखाना होगा कि वह इसके बिल्कुल खिलाफ है।
केंद्र सरकार में मंत्री और आपके पुत्र जयंत सिन्हा ने मॉब लिंचिंग करने वालों को माला पहनाई, स्वागत किया। इस बारे में बात हुई क्या आपकी कभी उनसे? हम सामान्य तौर पर राजनीति की बात नहीं करते। क्योंकि रास्ते अलग-अलग हो गए हैं। लेकिन इस बारे में वहां का पूर्व सांसद होने के नाते मुझे पूरी जानकारी है। मैं इतना ही कहूंगा कि जो सच्चाई रखी गई है, उससे सचमुच की सच्चाई भिन्न है। मैं उनकी सफाई नहीं दूंगा। लेकिन सारे तथ्य जब उजागर होंगे तो शायद स्थिति कुछ और दिखेगी। मेरा मानना है कि मॉब लिंचिंग यानी भीड़ का न्याय होने लगेगा तो कानून का राज खत्म हो जाएगा।
क्या विपक्ष आज चुनौती देने की स्थिति में है? हाल के दिनों की स्थिति देख कर लगता है कि विपक्ष चुनौती दे सकेगा। जहां भी विपक्ष ने एकजुट हो कर चुनाव लड़ा है, वहां भाजपा हारी है। लेकिन यह साबित करना होगा कि सिर्फ सरकार की आलोचना के लिए ये एक नहीं हैं, इनके पास एक वैकल्पिक समाधान और देश को आगे बढ़ाने वाली सोच भी है।
मोदी के खिलाफ विपक्ष के पास कौन सा चेहरा है? यह सच है कि आज मोदीजी के व्यक्तित्व के सामने दूसरा कोई चेहरा नजर नहीं आता। लेकिन हम व्यक्ति के नाम पर चुनाव लड़ना चाहते हैं या मुद्दों पर? अगले चुनाव में मोदी मुद्दा नहीं होंगे, मुद्दे ‘मुद्दा’ होंगे। किसानों, नौजवानों, अस्पसंख्यकों के मुद्दों को छोड़ कर क्या एक व्यक्ति को मुद्दा बनाया जा सकता है? दूसरी बात कि हमारे देश में संसदीय लोकतंत्र है। अमेरिका जैसी व्यवस्था नहीं। संदीय लोकतंत्र का मतलब यह होता है कि जो लोग चुनकर आते हैं वे अपना नेता चुनते हैं। लेकिन पार्टियां अपनी सुविधा के मुताबिक कभी नेता को आगे करती है, कभी नहीं। 1977 में जब इंदिरा चुनाव हारी थीं, तो कौन सा चेहरा था खिलाफ? अभी हाल में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और बिहार में भाजपा ने कौन सा चेहरा सामने रख कर चुनाव लड़ा था? हर जगह तो मोदी मुख्यमंत्री नहीं होने वाले थे। क्या उत्तर प्रदेश में चुनाव योगी के नाम पर लड़ा गया था?
मोदी के बारे में कहा जाता है कि वे कड़े और बड़े फैसले लेते हैं। नोटबंदी, जीएसटी.. सभी कड़े और बड़े फैसले सही होंगे इसकी कोई गारंटी नहीं। कड़े और बड़े फैसले लेते समय इतिहास देखना चाहिए। मोहम्मद बिन तुगलक ने कहा था कि वे दिल्ली से राजधानी दौलताबाद ले जाएंगे। बहुत बड़ा और कड़ा फैसला था। क्या नतीजा निकला? इसलिए फैसले नतीजे को ध्यान में रख कर लिए जाने चाहिएं। छोटा सा सवाल पूछता हूं, क्या रिजर्ब बैंक ने सारे नोट गिन लिए? यह तो बता दो कि भई कितनी मुद्रा वापस आ गई। ये न सरकार बता रही है और न ही रिजर्ब बैंक बता रहा है। और हम सब खामोश बैठे हुए हैं।
कहीं न कहीं विपक्ष भी दोषी है कि जनता तक सही मुद्दों को नहीं पहुंचा पा रही? नहीं पहुंचा पा रहा है विपक्ष। एक बड़ी बात मैं आपसे कहना चाह रहा हूं कि पिछले सालों में संसद का ह्रास हुआ है। संसद सत्र जिस प्रकार छोटे हुए हैं उसे भी विपक्ष नहीं उठा पा रहा है। ऐसा लगता है कि विपक्ष को इन प्रजातांत्रिक मूल्यों की कोई चिंता नहीं है। इसकी चिंता करनी होगी। नोटबंदी बिल्कुल गलत फैसला था। उसके बारे में अब कोई संदेह नहीं बचा क्योंकि मोदी जी ने 8 नवम्बर 2016 को जितने उद्देश्य सामने रखे थे, उसका एक अंश भी हासिल नहीं हुआ। मैं 2014 तक उस संसदीय समिति का अध्यक्ष था, जिसने जीएसटी कानून पर रिपोर्ट दी। इसे आधे-अधूरे और गलत ढंग से लागू किया गया। देश की व्यवस्था तैयार नहीं थी। आज निर्यातकों को रिफंड नहीं मिल पा रहा, और उनकी माली हालत खराब है।
दीर्घकाल में तो इसका अच्छा प्रभाव होगा? एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री हुए हैं, लोर्ड जे.एम. केन्स, वे कहते हैं कि दीर्घकाल में तो हम सब मर चुके होंगे।
  ईवीएम को ले कर तमाम शंकाएं हैं। अगले चुनाव में इसकी क्या भूमिका होगी? ईवीएम की भूमिका बड़ी है। इसका कैसे दुरुपयोग किया जाएगा, इसके बारे में लोगों को शक है। चुनाव आयोग को बिना किसी दबाव के खुद तय करना चाहिए कि अगले चुनाव में वह हर सीट पर २५ प्रतिशत वोटों की गिनती वीवीपैट से करवाएगा। इसी तरह चुनाव में उम्मीदवारों और पार्टियों की ओर से जो इतनी मोटी रकम खर्च की जाती है, उसको ले कर कोई चिंता नहीं हो रही है।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बहस तेज है। इसका क्या फायदा होगा? इसके बड़ा बेमानी नारा हाल के दिनों में कोई दूसरा नहीं आया। जब तक हमारे देश में संसदीय लोकतंत्र है, आप ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ को लागू नहीं कर सकते। 1999 में अटलजी की सरकार एक वोट से विश्वास मत हार गई। उन्होंने इस्तीफा दिया और दूसरी सरकार नहीं बन पाई। अगर वह परिस्थिति आती है तो क्या हम चार साल तक मृत लोकसभा को जिंदा रखने का प्रयास करेंगे? इसके पीछे मुझे बहुत खतरनाक मंशा नजर आती है। मैं अगर प्रधानमंत्री हूं और लोकसभा में चुनाव हार भी गया तो भी बना रहूं, यही मंशा है।
लेकिन बार-बार आचार संहिता लागू होती है। खर्च बढ़ता है। काम रुकता है। प्रजातंत्र को चलाना है तो जरूरी खर्च तो होगा। बार-बार चुनाव करवाने होते हैं, संसद चलानी होती है, विधानसभाएं चलानी होती हैं। खर्च से बचना है तो प्रजातंत्र को खत्म कर दीजिए। 25 साल के लिए एक सरकार होगी और वह जैसे चलाएगी देश वैसे चलेगा।
सैद्धांतिक रूप से तो सभी वंशवाद का विरोध करते हैं। लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी यह फला-फूला है। ऐसे में युवाओं के लिए क्या संभावनाएं हैं? राजनीति आम लोगों के लिए अपार संभवनाओं से भरी है। देश हो या विदेश, अक्सर फिल्म वालों की संतान फिल्म में जाती है, वकील के बच्चे वकालत में जाते हैं। यह परंपरा चली आ रही है। जाहिर है कि राजनीति में जो लोग हैं, उनके बेटे-बेटी या रिश्तेदार भी राजनीति में जोर आजमाइश करना चाहेंगे। लेकिन हम प्रजातांत्रिक देश हैं और यहां सबसे बड़ी परीक्षा है चुनाव। यह नहीं होना चाहिए कि बिना किसी मेहनत के उतार दिया जाए। सीधे राज्य सभा भेज दिया जाए।
मौजूदा माहौल में आम महिलाएं राजनीति में कैसे आगे आएं? यह जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं राजनीति में आएं और उन्हें मौजूदा लोगों का सहयोग मिले। लेकिन चुनाव लड़ने की जहां तक बात है, अक्सर महिलाएं और पुरुष दोनों ही सीधा चुनाव लड़ना चाहते हैं। पहले कोई क्षेत्र चुनिए, वहां काम कीजिए, फिर टिकट का दावा कीजिए। बिना संघर्ष और मेहनत किए सिर्फ चुनाव लड़ने की अभिलाषा, ठीक नहीं।
इन दिनों प्रोफेशनल राजनीति में आने से घबरा रहे हैं… अपनी नौकरी छोड़ कर मैं राजनीति में आया था तो इसके पीछे कुछ प्रेरणा थी (सिन्हा ने आइएएस की नौकरी छोड़ कर राजनीति में कदम रखा था)। पेशेवर लोग किसी बड़े मकसद को ले कर राजनीति में आएं तो बड़ा बदलाव होगा। वर्ना घर पर बैठ कर राजनीति को कोसते रहना तो आसान है।
लेकिन राजनीति में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल हो रहा। निजि जिंदगी पर कीचड़ उछाला जाता है… इसके लिए तो आपको तैयार रहना होगा। राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है, जहां आपके जीवन का पूरा एक्सरे उतार कर जनता के सामने रखा जाता है। यहां निजता नाम की कोई चीज नहीं। जहां तक भाषा की बात है। अटल जी अभी-अभी गुजरे हैं। उन्होंने कभी इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं किया। जिनकी मुद्दों को ले कर कोई समझ नहीं वे आएंगे तो गलत भाषा का ही उपयोग करेंगे।
Hindi News Latest Hindi News
The Hindi News पत्रिका हॉट सीट: यशवंत सिन्हा ने कहा- मोदी नहीं ‘मुद्दों’ पर होगा चुनाव appeared first on Hindi News.
source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/union-territories-news/delhi-news/12017/
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meribakwas · 6 years
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1980 में चौधरी चरण सिंह के 29 उम्मीदवार जीते थे लोकसभा चुनाव में 2019 में जयंत चौधरी के नेतृत्व में रालोद के 11 प्रत्याशी बन सकते हैं सांसद
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पूर्व प्रधानमंत्री जननायक स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की परम्परागत विरासत लगता है अब इस परिवार की तीसरी पीढ़ी जयंत चौधरी के माध्यम से रालोद की झोली में आ रही लगती है। सपा सरकार में मुजफ्फनगर में हुई हिंसा के बाद हिंदू मुस्लिम में जो दो फाड़ हुआ था वो बीते दिनों कैराना में हुए लोकसभा उपचुनाव के बाद समाप्त हो गया लगता है क्योंकि यहां कारण कोई भी रहा हों मगर जाट और मुस्लिमों ने एकजुट होकर रालोद की उम्मीदवार तब्बसुम को वोट दी। परिणाम स्वरूप लोकसभा में भी अंतिम दौर में ही सही रालोद का प्रतिनिधित्व नजर आएगा। कुछ लोग इसलिये परेशान है कि कैराना की राजनीति में अब एक ही परिवारों के तीन सदस्यों का वर्चस्व कायम होगा। और यहां मुस्लिम राजनीति को बढावा मिलेगा। मगर मुझे लगता है कि ऐसा कुछ अब वर्तमान समय में है नहीं क्योंकि हिंदू होे या मुस्लिम अब जाति और लडाई की राजनीति से उकसाने लगा है। वो बात और है कि कुछ सिरफिरे कुछ समय के लिये अपनी फितरत का जादू चलाकर कोई विवाद खड़ा कर दे लेकिन लंबे समय तक यह चलने वाला नहीं जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि भविष्य में यह सीट जल्दी से रालोद के कब्जे से शायद निकल नहीं पाएगी। अगर सबकुछ ठीक चला और विपक्षी दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा और रालोद के संग न इंसाफी नहीं की गई तो कम से कम विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप मंे इस दल के 10 या 11 सांसद भी चुनाव जीत सकते है। क्योंकि 1980 के लोकसभ्ज्ञा चुनाव में चैधरी चरण सिंह के समय मंे 29 सदस्य लोकसभा में उनके जीतकर पहुंचे थे। फिलहाल कैराना, मु.नगर, बागपत, अलीगढ़, हाथरस, अमरोहा मथुरा व बिजनौर आठ सीटो पर तो रालोद की दावेदारी अब भी मजबूत हो सकती है। क्योंकि चर्चा है कि 2009 के चुनाव में मथूरा, अमरोहा, हाथरत व बिजनौर तथा बागपत लोकसभा क्षेत्रों का नेतृत्व में रालोद के सांसद कर रहे थे। और यह स्थिति तब थी जब सबने मिलकर नहीं अलग अलग विपक्ष ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा था। अब स्थिति दूसरी है। भले ही कोई बडा दल हो या छोटा किसी का जनाधार कम हो या ज्यादा। मगर कुछ क्षेत्रों को छोड़कर ज्यादातर में पूर्व की स्थिति को ध्यान में रखे तो यह स्पष्ट होता है कि अलग अलग चुनाव लड़कर मतों का विभाजन होने से किसी भी दल के सांसद शायद इतने भी जीतकर न आ पाए जितने पहले थे यह संभावना सभी को एकजुट रखने में मुझे लगता है कि सफल होगी। और ऐसा होने पर चैधरी अजित सिंह व जयंत चैधरी लोकसभा में अपना मजबूत दखल सांसदों के रूप में रख सकते हैं। आजकल कैराना की जीत के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री व रालोद मुखिया चैधरी अजित सिंह के दिल्ली के बसंत विहार स्थित आवास पर जश्न का माहौल हैं आने व बधाई देने व मिठाई खिलाने वालों का सिलसिला निरंतर जारी है। एक जून की शाम को चैधरी अजित सिंह द्वारा स्पष्ट रूप से अपने कार्यकर्ताओं से कहा गया कि वो शांत होकर न बैठे। किसानों , नौजवानों, जरूरतमंदों की समस्याओं को उठाते रहे। बिजली की बढ़ी दरों का विरोध करने के साथ साथ किसानों को गन्ना भुगतान की लड़ाई लड़ें। दूसरी ओर 2019 के चुनाव से पूर्व गठबंधन को मजबूती देने तथा सहयोगी दलों के नेताओं का आभार व्यक्त करने के लिये रालोद द्वारा शामली में शीघ्र ही आयोजित होने वाली विजय उत्सव रैली में कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, पंश्चिम बंगाल के नेताओं व मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करने के साथ साथ बसपा, सपा पीस पार्टी, महान दल के नेताओं को भी इस रैली में आने का निमत्रंण भेजे जाने की तैयारी चल रही है। अब क्योंकि चैधरी अजित सिंह के मार्गदर्शन में रालोद के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष श्री जयंत चैधरी, को ही कमान संभालनी है और यह अच्छी बात है कि अजित सिंह जी के सामने ही जयंत चैधरी का वजूद व प्रभाव क्षेत्र दोनों रहे हैं। ओर भविष्य में रालोद की कमान उन्हे ही संभालनी है। इसलिये मेरा मानना है कि जयंत चैधरी में बड़े चैधरी साहब के समय के नेता व कार्यकर्ता उनमे छवि देखते हुए इसलिये कि कैराना की जीत को बनाए रखने के लिये रालोद में पुराने चैधरी साहब के समय के प्रमुख नेता व कार्यकर्ताओं के अलावा चैधरी अजित सिंह जी के समय में सक्रिय रहे। कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ अपनी निगाह में सक्रिय रालोद समर्थन को पूरा महत्व दें और इसके लिये देशभर के साथ साथ जिन क्षेत्रों में रालोद मजबूत रूप से प्रभावी है उनमे निष्क्रिय नेता व कार्यकर्ताओं को साथ लगाए रखने के साथ ही सक्रिय और जूंझारू तथा वफादार नेताओं को पार्टी में प्रमुख स्थान दें। पार्टी प्रवक्ता रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दूबे के अनुसार पार्टी में जयंत चैधरी की लोकप्रियता बढ़ी है वो आगामी चुनावों को ध्यान मे रखते हुए हर वर्ग और जाति के कार्यकर्ताओं के साथ साथ किसानों आदि की समस्याओं पर ध्यान देंगे यह एक अच्छी बात है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद के अनुसार कैराना की जीत से रालोद को दोहरी खुशी मिली है। क्योंकि मुस्लिम और जाट एक हो गए हैं। जिससे यहां के समीकरण में बडा परिवर्तन हुआ। क्या होगा 2019 के लोस चुनाव में कौन जीते गा कौन हारेगा वो एक अलग बात है लेकिन मुझे लगता है कि समझारी से राजनीतिक निर्णय लेने वाले जयंत चैधरी अपने पिता चैधरी अजित सिंह से विचार विमर्श कर जो भविष्य की रणनीति तय करेंगे उसमें जाट और मुस्लिम बहुल उन क्षेत्रों में जिनमे में पूर्व में रालोद के उम्मीदवार लोकसभा चुनाव जीतते रहे है उमे उन्हे टिकट दिलाने और जिताकर उच्च सदन में भेजने तथा अपना व अपनी पार्टी का वजूद खड़ा करने में सफल रहेंगे। ऐसा मुझे इसलिये भी लगता है कि कैराना में सपा मुखिया अपना उम्मीदवार घोषित करने वाले थे। कांग्रेस और बसपा की भी तैयारी चल रही थी। लेकिन उन्होंने कहे अनकहे रूप में ऐसी रणनीति बनाई और उस पर काम किया। जिससे रालोद की उम्मीदवार तब्बसुन विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार के रूप में सामने आयी और चुनाव को जीता। मेरा जयंत चैधरी जी को यह सलाह है कि भविष्य में चुनाव की रणनीति तैयारी करते हुए कुछ ऐसा भी करें की टिकट देते समय मतलब परस्तों की झोली ही न भर जाए अपने पुराने और वफादार सक्रिय नेता व कार्यकर्ताओं को भी वो आगे लाए और टिकट देकर चुनाव लड़ाएं जिससे जो नए लोग आ रहे हैं या जुड़ रहे हैं उनके साथ साथ पूराने कार्यकर्ता या नेताओं का साथ भी पूर्ण वफादारी से रालोद के साथ बना रहें। रही बात चुनाव में खर्च की तो मेरा मानना है कि अन्य राजनीतिक दलों के मुकाबले रालोद उम्मीदवार को ज्यादा खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि काफी प्रतिशत वोट तो इनके साथ बडे चैधरी साहब के समय से जो चला आ रहा है वो इनके साथ रहेगा दूसरे वर्तमान सरकार में स्व. चैधरी चरण सिंह की जो अवहेलना हुई जैसे दिल्ली की कोठी 12 तुबलक रोड को खाली कराया गया और पिछले दिनों जब पीएम नरेंद्र मोदी बागपत आए तो उन्होंने एक बार भी स्वर्गीय चैधरी साहब का नाम नहीं लिया इससे जाट और मुस्लिम जो रालोद का समर्थक है वो काफी नाराज है और ऐसे ऐसे में एकजुट होकर अपने उम्मीदवारों के लिये काम करेगा और उनकी जीत को सुनिश्चित करने हेतु रात दिन एक कर देगा। अब रही आर्थिक स्थिति तो यह किसी से छुपा नहीं की स्व. चैधरी चरण सिंह जी ईमानदार नेता थे इसलिये कहीं से उनके पास कोई बड़ी मदद तो आती नहीं थी। उनके जो मतदाता थे वो ही सारी व्यवस्था करते थे और आज भी जब जब जयंत चैधरी गांव देहात का दौरा करेंगे तो एक बार इशारा करने पर इतना धन जरूर मिलेगा जो चुनाव में आर्थिक तंगी महसूस नहंी होने देगा। रही बात बाकी की तो यह किसी से छुपा नहीं हैकि जिसकी ताकत बढ़ती है उसके साथ बहुत से धनपति भी जुड़ जाते हैंे और रालोद के साथ ऐसा न हों वो हो नहीं सकता इसलिये कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि मजबूती से कार्यकर्ताओं को साथ लेेकर विपक्षी एकता के सूत्र को मजबूत करने में अपनी भूमिका को निभाते समय अजित सिंह और जयंत चैधरी अपने उम्मीदवार को उतारे जो तय हों। ज्यादातर का जीतना लगभग तय सा ही माना जाएगा इसलिये 2019 में उनमे से कम से कम पांच ज्यादा से ज्यादा 11 सांसद रालोद के जीतकर लोकसभा में पहुंच सकते है। अगर सहयोगी विपक्षी दलों ने जहां पहले उनके उम्म्ीदवार कम बार जीते या जीते ही नहीं और रालोद का उम्मीदवार को कभी जीत मिली हो उन क्षेत्रों में टिकट रालोद प्रत्याशी को दिये गए तो वर्तमान परिस्थितियों में उनके जीतने की संभावनाएं वहां से ज्यादा हो सकती है। क्योंकि उस दौरान विपक्ष के मतदाताओं के वोट व समर्थन भी उन्हे ही मिलेगेंगे।
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उप्र में काम नहीं अपराध बोलता है- मनोज सिन्हा
जी हा उत्तर प्रदेश की गाजीपुर संसदीय सीट से सांसद और केंद्रीय रेल एवं दूरसंचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने गाजीपुर में कमल खिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गाजीपुर की सभी सीट जीतेगी। साथ ही उनका कहना है कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं कल मनोज सिन्हा ने साक्षात्कार में कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में हालांकि गाजीपुर की सात विधानसभा सीटों में से एक भी सीट भाजपा के खाते में नहीं आई थी, लेकिन इस बार पार्टी जिले की सभी सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाने जा रही है।
सिन्हा ने कहा, “जो लोग 2012 के विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में 2017 का चुनाव देख रहे हैं, तो मैं समझता हूं कि ऐसा सोचना भारी भूल होगी। 2012 के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा था। यदि 2014 के संदर्भ में इस चुनाव को आंका जाए तो यह भी सही नहीं होगा।”
यह पूछे जाने पर कि उप्र सरकार दावा करती है कि काम बोलता है लेकिन आप यूपी में अपराध बोलने का दावा करते हैं। ऐसा क्यों है? सिन्हा ने जवाब में कहा, “उप्र में कानून व्यवस्था के जो हालात हैं, वह किसी से छिपे हए नहीं है। उप्र में काम नहीं अपराध बोलता है। रोजाना हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही हैं। इससे तो यही लगता है कि अपराध बोलता है।”
उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रधानमंत्री को झूठा कहने के बयान के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा, “मुझे नहीं लगता उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। इस तरह के सवाल के बजाय यदि उप्र के हालात पर बात की जाए तो मैं समझता हूं ज्यादा बेहतर होगा।”
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