भारत की सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा रहा नेपाल... कालापानी BOP बनेगी बटालियन, दार्चुला BOP होगी गढ़
भारत की सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा रहा नेपाल… कालापानी BOP बनेगी बटालियन, दार्चुला BOP होगी गढ़
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भारतीय सीमा पर नेपाल की बीओपी. (फ़ाइल फ़ोटो) नेपाल विवादित इलाके में 4 नई BOP जल्द ही खोलने जा रहा है. इसके बाद छांगरु से पंचेश्वर तक नेपाल की 10 BOP हो जाएंगी.
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भारत ने बॉर्डर रो के बीच नेपाल के प्रतिष्ठित पशुपतिनाथ मंदिर में स्वच्छता सुविधा के निर्माण का संकल्प लिया
भारत ने बॉर्डर रो के बीच नेपाल के प्रतिष्ठित पशुपतिनाथ मंदिर में स्वच्छता सुविधा के निर्माण का संकल्प लिया
काठमांडू, नेपाल (पशु / नवेश चित्रकार) में पशुपतिनाथ मंदिर की फाइल फोटो
परियोजना का निर्माण नेपाल-भारत मैत्री: विकास भागीदारी के तहत भारत द्वारा एक उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास योजना के रूप में किया जाएगा।
PTI काठमांडू
आखरी अपडेट: 16 जून, 2020, 11:04 AM IST
आधिकारिक बयान के अनुसार, तीर्थयात्रियों के लिए पवित्र तीर्थस्थल में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए भारत ने यहां प्रतिष्ठित पशुपतिनाथ…
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'लिपुलेख में बनाई गई सड़क एकदम भारतीय सीमा के भीतर, भारत-नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता'
‘लिपुलेख में बनाई गई सड़क एकदम भारतीय सीमा के भीतर, भारत-नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता’
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Image Source : FILE PHOTO
Amid border row, Rajnath Singh says Indo-Nepal ties bound together by ‘roti-beti’, can’t be broken
नई दिल्ली:भीरत-नेपाल के बीच जारी सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे बीच असाधारण संबंध हैं, हमारे बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है और दुनिया की कोई ताकत इसे तोड़ नहीं सकती। उन्होंने कहा कि लिपुलेख में सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाई गई…
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नक्शा विवाद: नेपाल की संसद में विवादित नक्शे संबंधी बिल पेश, नए नक्शे में भारत के तीन हिस्से शामिल
चैतन्य भारत न्यूज
भारत और नेपाल के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब पड़ोसी राष्ट्र नेपाल ने अपने राजनीतिक नक्शे के संबंध में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। नेपाल सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल अपनी संसद में पेश किया है। रविवार को नेपाल की कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने नए नक्शे के संबंध में संसद में बिल पेश किया है। इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। इस नए नक्शे को देश के दूसरे राजनीतिक दल और भारत समर्थक नेपाली कांग्रेस द्वारा सहमति मिल गई है।
बता दें बीते दिनों नेपाल की सरकार ने इस प्रस्ताव पर अपने कदम पीछे खींच लिए थे। लेकिन रविवार को इससे संबंधित बिल संसद में पेश कर दिया है। नेपाल ने उत्तराखंड में भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर दावा करते हुए अपने देश में इसे जोड़कर नया नक्शा जारी कर दिया था और अब इसे संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए संसद में पेश कर दिया गया है।नेपाल में किसी संविधान संशोधन को पास होने के लिए सदन का दो तिहाई बहुमत चाहिए। ऐसे में विपक्ष की मदद से नेपाल सरकार इस संशोधन को पास करा सकती है।
जब नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा बताया था तभी भारत की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि, हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचे। साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे।
क्या है मामला
नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें उन्होंने भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी अपने देश में शामिल किया है। नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था। इसका बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था। गौरतलब है कि 8 मई को ही भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था और इसमें भारत के क्षेत्रों को भी अपना बताकर दिखाया, जिसे लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
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नेपाल के पीएम के.पी. ओली की तरफ से जारी नए मैप के पीछे ये थे 3 मकसद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली की ओर से इस सप्ताह नई राजनीतिक मानचित्र पर कर नई दिल्ली के साथ तनाव बढ़ाना सुनियोजित तनाव था, ताकि पार्टी और सरकार पर ढीली हो रही पकड़ को मजबूत किया जा सके। यह मामला ... Image Source link
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नए नक्शे को मंज़ूरी देकर नेपाल ने भारत के साथ खड़ा किया विवाद, नेपाली PM बोले – ‘लिपुलेख-कालापानी’ को करेंगे हासिल
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को नेपाल के दावे को फिर दोहराया (फाइल फोटो)
काठमांडू:
भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने एक नया राजनीतिक नक्शा जारी करके नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है. इस बीच, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को नेपाल के इस दावे को एक बार फिर दोहराया है. इस संबंध में एक सांसद द्वारा सवाल पूछे जाने पर ओली ने कहा कि इन क्षेत्रों को वापस लाने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए जाएंगे.
केपी शर्मा ने कहा, “जिम्मेदार सरकार के मुखिया के रूप में, मैं सदन को बताना चाहता हूं कि लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के मुद्दे को छोड़ नहीं जाएगा. इस संबंध में ठोस निष्कर्ष निकाला जाएगा. हम इस मुद्दे को धूमिल नहीं होने देंगे और राजनयिक वार्ता के जरिए इसका समाधान किया जाएगा तथा क्षेत्रों को फिर से हासिल किया जाएगा.”
भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल के कैबिनेट ने एक नया राजनीतिक मानचित्र (नक्शा) स्वीकार किया है जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार गयावली (Pradeep Kumar Gyawali) ने इस कदम की घोषणा से हफ्तों पहले कहा था कि कूटनीतिक पहलों के जरिए भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास जारी हैं.
नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख (Lipulekh, Kalapani & Limpiyadhura) को नेपाल की सीमा में लौटाने की मांग करते हुए संसद में विशेष प्रस्ताव भी रखा था.
गौरतलब है कि लिपुलेख दर्रा नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा, कालापानी के पास एक दूरस्थ पश्चिमी स्थान है. भारत और नेपाल, दोनों कालापानी को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं. भारत उसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा बताता है, वहीं नेपाल इसे धारचुला जिले का हिस्सा बताता है.
गयावली ने भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को पिछले हफ्ते तलब किया था और लिपुलेख को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग के निर्माण के खिलाफ विरोध जताने के लिए कूटनीतिक नोट सौंपा था. भारत ने कहा था कि उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ जिले में हाल में उद्घाटित सड़क मार्ग पूरी तरह उसकी सीमा के भीतर आता है. नेपाल के वित्त मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता युवराज खाटीवाड़ा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने देश के नये राजनीतिक मानचित्र को स्वीकृत किया है.
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ऐतिहासिक रूप से जुड़े पड़ोसियों को नेपाल विवाद के राजनीतिक मानचित्र के रूप में सीमा विवाद में पकड़ा गया
ऐतिहासिक रूप से जुड़े पड़ोसियों को नेपाल विवाद के राजनीतिक मानचित्र के रूप में सीमा विवाद में पकड़ा गया
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैलाश मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फाइल फोटो
नेपाल ने एक ताजा नक्शे को मंजूरी दी जिसमें लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी शामिल थे। मंत्री राजनाथ सिंह के मानसरोवर मार्ग पर लिपुलेख जाने वाले मार्ग पर संपर्क मार्ग खुलने के 10 दिन बाद यह कदम आया।
सीएनएन-News18 नई दिल्ली
आखरी अपडेट: 19 मई, 2020, 12:01 AM IST
नेपाल मंत्रिमंडल ने…
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घुसपैठ की आशंका पर नेपाल की फिर सीनाज़ोरी... लिम्पियाधूरा, कालापानी, लिपुलेख को बताया अपना, कहा- घुसपैठ कैसी
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धारचूला के एसडीएम का नेपाली अधिकारियों को लिखा पत्र और उसका जवाब. चीन बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद नेपाल लगातार भारत विरोधी माहौल तैयार करने में जुटा है.
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भारत नेपाल के साथ दोस्ताना संबंधों के बारे में बात करता है
भारत नेपाल के साथ दोस्ताना संबंधों के बारे में बात करता है
अपने नेपाली समकक्ष खड्ग प्रसाद ओली के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो। (पीटीआई फोटो / फाइल)
नेपाल की संसद को भारत के साथ सीमा के साथ लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के नए क्षेत्रों की विशेषता वाले एक नए नक्शे पर शनिवार को वोट करने की उम्मीद है, नई दिल्ली द्वारा एक मजबूत विरोध के बावजूद।
PTI
आखरी अपडेट: 11 जून, 2020, 11:15 PM IST
एक संक्षिप्त लहजे में, भारत ने गुरुवार को कहा कि…
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दार्चुला-लिपुलेख विवाद: नेपाली विदेश मंत्री बोले- आर्मी चीफ के बयान से नेपाली गोरखाओं को पहुंची ठेस, बलिदान याद करे भारत
दार्चुला-लिपुलेख विवाद: नेपाली विदेश मंत्री बोले- आर्मी चीफ के बयान से नेपाली गोरखाओं को पहुंची ठेस, बलिदान याद करे भारत
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सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दार्चुला-लिपुलेख लिंक सड़क विवाद (Darchula-Lipulekh link road dispute): थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि यह विश्वास करने के कारण हैं कि नेपाल (Nepal) ने ‘किसी…
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नक्शा विवाद: नेपाल की संसद में विवादित नक्शे संबंधी बिल पेश, नए नक्शे में भारत के तीन हिस्से शामिल
चैतन्य भारत न्यूज
भारत और नेपाल के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब पड़ोसी राष्ट्र नेपाल ने अपने राजनीतिक नक्शे के संबंध में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। नेपाल सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल अपनी संसद में पेश किया है। रविवार को नेपाल की कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने नए नक्शे के संबंध में संसद में बिल पेश किया है। इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। इस नए नक्शे को देश के दूसरे राजनीतिक दल और भारत समर्थक नेपाली कांग्रेस द्वारा सहमति मिल गई है।
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जब नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा बताया था तभी भारत की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि, हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचे। साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे।
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नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें उन्होंने भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी अपने देश में शामिल किया है। नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था। इसका बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था। गौरतलब है कि 8 मई को ही भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था और इसमें भारत के क्षेत्रों को भी अपना बताकर दिखाया, जिसे लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
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Historically Connected Neighbours Caught in Boundary Dispute as Nepal Redraws Political Map
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फाइल फोटो, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैलाश मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन करते हुए
नेपाल ने एक ताजा मानचित्र को मंजूरी दी जिसमें लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी शामिल थे। यह कदम मंत्री राजनाथ सिंह के मानसरोवर मार्ग पर लिपुलेख की ओर जाने के 10 दिन बाद आया।
सीएनएन-News18 नई दिल्ली
आखरी अपडेट: 19 मई, 2020, 12:01 AM IST
नेपाल मंत्रिमंडल ने सोमवार को एक ताजा…
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दो दशकों के लिए द्विपक्षीय एजेंडे पर सीमा मुद्दा: नेपाल | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया प्रतिनिधि छवि NEW DELHI: बाद नेपाल अध्यक्ष बिध्या देवी भंडारी नेपाल एक नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का दावा करने जा रहा था लिपुलेख दर्रा और कालापानी क्षेत्र, जो भारत के प्रशासनिक नियंत्रण में है, पड़ोसी देश ने 1997 के भारत-नेपाल संयुक्त बयान का हवाला दिया है कि यह सीमा मुद्दा दो दशकों से अधिक समय से द्विपक्षीय एजेंडे पर था। …
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विवाद: नेपाल ने लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को फिर बताया अपना हिस्सा, भारत से निर्माण कार्यों को रोकने की अपील की - news 2022
विवाद: नेपाल ने लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को फिर बताया अपना हिस्सा, भारत से निर्माण कार्यों को रोकने की अपील की – news 2022
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जियो शान से... बॉर्डर के इलाकों को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ रहा है रिलायंस जियो, नेपाली नेटवर्क पर निर्भरता होगी खत्म
जियो शान से… बॉर्डर के इलाकों को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ रहा है रिलायंस जियो, नेपाली नेटवर्क पर निर्भरता होगी खत्म
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. अब केंद्र सरकार की पहल पर रिलांयस जियो बॉर्डर के 7 गांवों को मोबाइल कनेक्टिविटी देने जा रहा है. (फ़ाइल फ़ोटो) बॉर्डर के 7 गांवों को मोबाइल कनेक्टिविटी देने के लिए रिलांयस जियो धारचूला में 4 और मुनस्यारी तहसील में 3 टावर लगा रहा ह.
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लिपुलेख: सीमा की स्थिति स्पष्ट: लिपुलेख पंक्ति पर भारत से नेपाल | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
लिपुलेख: सीमा की स्थिति स्पष्ट: लिपुलेख पंक्ति पर भारत से नेपाल | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: भारत-नेपाल सीमा पर भारत की स्थिति प्रसिद्ध, सुसंगत और स्पष्ट है और नेपाल को सूचित किया गया है, सरकार ने शनिवार को कहा। यह काठमांडू में राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए बयानों की एक श्रृंखला के लिए सरकार की प्रतिक्रिया थी, जिसमें नेपाल की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कथित रूप से कम करने के लिए भारत की आलोचना की गई थी। नेपाल में भारतीय दूतावास की प्रतिक्रिया के बाद मुख्य सत्ताधारी दल,…
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