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K P Sharma Oli set to be sworn in as Nepal Prime Minister
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नेपाल के PM को झटका: सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने का फैसला रद्द किया, कहा- 13 दिन में सदन की बैठक बुलाएं
नेपाल के PM को झटका: सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने का फैसला रद्द किया, कहा- 13 दिन में सदन की बैठक बुलाएं
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप काठमांडू7 मिनट पहले कॉपी लिंक संसद भंग करने के फैसले के खिलाफ नेपाली सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग 12 पिटीशन फाइल हुई थीं। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच इस पर सुनवाई कर रही थी। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सर्वोच्च अदालत ने ओली के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें…
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kp sharma oli: ভারতকে চাপে রাখতে গিয়ে দলেই কোণঠাসা অলি, প্রধানমন্ত্রীর কুরসি রক্ষাই এখন দায়! – nepal prime minister kp sharma oli’s attack on india backfires, chorus for his exit becomes louder at party meet হাইলাইটস নিজের আসন শক্তপক্ত করতে ভারতকে ক্রমাগত আক্রমণ করছিলেন অলি তাঁর এই ভারত বিরোধিতা অলি সরকারের জন্য বুমেরাং হয়ে দেখা দিয়েছে
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Nepal Parliament passes amendment to include Indian territories of Kalapani, Lipulekh and Limpiyadhura in the new Official Map of Nepal. . . . 👉 Follow @thesubsequentnews for News, Informative Blogs and Top Stories . . . #indianepal #nepalindia #nepal #nepali #népal #narendramodi #indianewsupdates #india #modi #modigovernment #kpsharmaoli #diplomat #diplomatic #yogi #yogiadityanath #uttarpradesh #internationalnews #nepalnews #kpsharma #internationalrelations #upsc #gk #currentaffairs #pcs #iaspcs #newsupdate https://www.instagram.com/p/CBZwbq0gmPT/?igshid=p7w81zygguf9
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नक्शा विवाद: नेपाल की संसद में विवादित नक्शे संबंधी बिल पेश, नए नक्शे में भारत के तीन हिस्से शामिल
चैतन्य भारत न्यूज भारत और नेपाल के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब पड़ोसी राष्ट्र नेपाल ने अपने राजनीतिक नक्शे के संबंध में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। नेपाल सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल अपनी संसद में पेश किया है। रविवार को नेपाल की कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने नए नक्शे के संबंध में संसद में बिल पेश किया है। इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। इस नए नक्शे को देश के दूसरे राजनीतिक दल और भारत समर्थक नेपाली कांग्रेस द्वारा सहमति मिल गई है। बता दें बीते दिनों नेपाल की स��कार ने इस प्रस्ताव पर अपने कदम पीछे खींच लिए थे। लेकिन रविवार को इससे संबंधित बिल संसद में पेश कर दिया है। नेपाल ने उत्तराखंड में भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर दावा करते हुए अपने देश में इसे जोड़कर नया नक्शा जारी कर दिया था और अब इसे संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए संसद में पेश कर दिया गया है।नेपाल में किसी संविधान संशोधन को पास होने के लिए सदन का दो तिहाई बहुमत चाहिए। ऐसे में विपक्ष की मदद से नेपाल सरकार इस संशोधन को पास करा सकती है।
जब नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा बताया था तभी भारत की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि, हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचे। साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे। क्या है मामला नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें उन्होंने भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी अपने देश में शामिल किया है। नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था। इसका बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था। गौरतलब है कि 8 मई को ही भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था और इसमें भारत के क्षेत्रों को भी अपना बताकर दिखाया, जिसे लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। Read the full article
#bharatnepal#bharatnepalnakshavivad#indianepal#indianepalmapcontroversy#indianepalnews#kpsharma#kalapani#lipulekh#narendramodi#nepalmap#nepalnewmap#nepaltensionlawministeramendmentbill#कालापानी#नक्शाविवाद#नक्शाविवादक्याहै#नेपाल#नेपालनक्शाविवादक्याहै#भारतनेपालनक्शाविवादक्याहै#लिपुलेख
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चीन के बहकावे में नेपाली पीएम की बुद्धि भ्रष्ट हो गई: कम्प्यूटर बाबा
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मध्यप्रदेश नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की ओर से भारत के अयोध्या को नकली और भगवान राम को नेपाल का बताए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। ओली के इस बयान पर मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय ��ूर्व में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त रहें कम्प्यूटर बाबा ने नेपाली पीएम पर निशाना साधा हैं। कहा- चीन के बहकावे में नेपाली पीएम की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है और वे पागल हो गए हैं।
एमपी के राज्यपाल लालजी…
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प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है
प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है
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प्रधानमंत्री ओली ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा
सोमवार को पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक होगी, इसमें ओली की किस्मत पर फैसला होगा
अनिल गिरी, काठमांडू से
Jul 05, 2020, 12:55 PM IST
नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) टूट की कगार पर है। उसके अध्यक्ष और प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को किसी भी स्थिति के लिए…
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Jogbani-Biratnagar ICP inaugarated by PM Modi and Nepal PM
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ओली ने कहा- असली अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं; भगवान राम भी नेपाली थे
ओली ने कहा- असली अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं; भगवान राम भी नेपाली थे
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केपी शर्मा ओली ने कहा- नेपाल ने सीता दी और नेपाल ने ही भगवान राम दिए
नेपाल के प्रधानमंत्री ने भारत पर सांस्कृतिक दमन और तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप भी लगाया
दैनिक भास्कर
Jul 13, 2020, 10:40 PM IST
काठमांडू. सीमा विवाद के बीच नेपाल ने एक और प्रोपोगैंडा शुरू कर दिया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बयान दिया है कि भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली थे। उन्होंने यह भी कहा कि…
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नक्शा विवाद: नेपाल की संसद में विवादित नक्शे संबंधी बिल पेश, नए नक्शे में भारत के तीन हिस्से शामिल
चैतन्य भारत न्यूज भारत और नेपाल के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब पड़ोसी राष्ट्र नेपाल ने अपने राजनीतिक नक्शे के संबंध में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। नेपाल सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल अपनी संसद में पेश किया है। रविवार को नेपाल की कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने नए नक्शे के संबंध में संसद में बिल पेश किया है। इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। इस नए नक्शे को देश के दूसरे राजनीतिक दल और भारत समर्थक नेपाली कांग्रेस द्वारा सहमति मिल गई है। बता दें बीते दिनों नेपाल की सरकार ने इस प्रस्ताव पर अपने कदम पीछे खींच लिए थे। लेकिन रविवार को इससे संबंधित बिल संसद में पेश कर दिया है। नेपाल ने उत्तराखंड में भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर दावा करते हुए अपने देश में इसे जोड़कर नया नक्शा जारी कर दिया था और अब इसे संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए संसद में पेश कर दिया गया है।नेपाल में किसी संविधान संशोधन को पास होने के लिए सदन का दो तिहाई बहुमत चाहिए। ऐसे में विपक्ष की मदद से नेपाल सरकार इस संशोधन को पास करा सकती है।
जब नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा बताया था तभी भारत की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि, हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचे। साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे। क्या है मामला नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें उन्होंने भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी अपने देश में शामिल किया है। नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था। इसका बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था। गौरतलब है कि 8 मई को ही भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था और इसमें भारत के क्षेत्रों को भी अपना बताकर दिखाया, जिसे लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। Read the full article
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प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है
प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है
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प्रधानमंत्री ओली ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा
सोमवार को पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक होगी, इसमें ओली की किस्मत पर फैसला होगा
अनिल गिरी, काठमांडू से
Jul 05, 2020, 08:01 AM IST
नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) टूट की कगार पर है। उसके अध्यक्ष और प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को किसी भी स्थिति के लिए…
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नक्शा विवाद में भारत की हुई जीत, विवादित नक्शे पर नेपाल ने लगाई रोक, जानिए पूरा मामला
चैतन्य भारत न्यूज कुछ दिनों पहले नेपाल की ओर से जारी किए गए विवादित नक्शे के विवाद में भारत की जीत हुई है। बुधवार को नेपाल ने अपने इस विवादित नक्शे पर रोक लगा दी है। कहा जा रहा है कि नेपाल कांग्रेस के दबाव में वहां की सरकार ने अपने कदम वापस खींचे हैं। बता दें नेपाल ने अपने नए राजनीतिक मानचित्र पर लिपुलेख और कालापानी को अपना हिस्सा बताकर विवाद खड़ा कर दिया था। इसके बाद भारत ने नेपाल के इस फैसले पर नाखुशी जताकर नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र को सिरे से खारिज कर दिया है। बता दें आज नेपाल की तरफ से जारी किए गए नए नक्शे को देश के ��ंविधान में जोड़ने के लिए संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था। लेकिन नेपाल सरकार ने आखिरी वक्त पर संसद की कार्यसूची से आज संविधान संशोधन की कार्रवाई को हटा दिया गया है। नेपाल के सत्तापक्ष और प्रतिपक्षी दल दोनों की ही आपसी सहमति से संविधान संशोधन विधेयक को संसद की कार्यसूची से हटाया गया है। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मंगलवार को नए नक्शे वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सभी दल के नेताओं ने भारत के साथ बातचीत कर किसी भी मसले को सुलझाने का सुझाव दिया था। नेपाल द्वारा अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र दिखाए जाने पर भारत ने प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, 'हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचे। साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे।' साथ ही भारत ने नेपाल को इस फैसले पर विचार करने की भी सलाह दी थी। क्या है मामला नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें उन्होंने भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी अपने देश में शामिल किया है। नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था। इसका बैठक में मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने समर्थन किया था। गौरतलब है कि 8 मई को ही भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था और इसमें भारत के क्षेत्रों को भी अपन�� बताकर दिखाया, जिसे लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। Read the full article
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