#राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग चिकित्सा
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भारत में 836 लोगों पर एक डॉक्टर, 731 मेडिकल कॉलेज में कुल 1.12 लिख एमबीबीएस सीट्स
Central government’s statement regarding doctors in the country : स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि देश में चिकित्सक और जनसंख्या का अनुपात विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक से बेहतर है और भारत में 836 लोगों पर एक चिकित्सक है। डब्ल्यूएचओ मानक के अनुसार 1000 लोगों पर एक चिकित्सक होना चाहिए। पटेल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग…
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NEET 2024 Syllabus for Physics: Check revised list of topics from Class 11
NEET 2024 Syllabus for Physics राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने 6 अक्टूबर को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) यूजी 2024 के लिए पाठ्यक्रम जारी किया। भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के संशोधित पाठ्यक्रम में, कुछ विषयों को छोड़ दिया गया है जबकि कुछ अतिरिक्त – प्रायोगिक कौशल भौतिकी पाठ्यक्रम, जिसका उल्लेख NEET 2023 पाठ्यक्रम में नहीं है – को 2024 के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया…
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संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में नए सत्र से दो नए पीजी कोर्स शुरू किए गए हैं।
संस्कृति आयुर्वेद कालेज में शुरू हुए पीजी (मास्टर आफ सर्जरी) कोर्स
संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में नए सत्र से दो नए पीजी कोर्स शुरू किए गए हैं। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने विवि को प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग और शल्य तंत्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अनुमति दे दी है। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड अस्पताल के प्राचार्य डा. मोहनन ने बताया कि मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ ��ेडिसिन (एनसीआईएसएम) द्वारा किए गए निरीक्षण और उस निरीक्षण के बाद संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज को पीजी कोर्स चलाने की इसी सत्र से अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि तीन वर्षीय इस पाठ्यक्रम को पूरा करने पर मास्टर आफ सर्जरी (एमएस) की डिग्री मिलती है। इन तीन वर्षों में पहला वर्ष एकेडमिक होता तथा दूसरे-तीसरे वर्ष में रिसर्च और थिसिस का काम होता है। उन्होंने कहा कि इस डीग्री को हासिल करने के बाद विद्यार्थी अपना अस्पताल खोलकर इंटरप्रिन्योर बन सकते हैं, किसी हास्पिटल में स्पेशलाइज्ड चिकित्सक का काम पा सकते हैं। डा. मोहनन ने बताया कि वर्तमान में आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड अस्पताल में बीएएमएस की पढ़ाई हो रही है। पीजी कोर्स आ जाने से विद्यार्थियों को कहीं और नहीं भटकना होगा। यहीं से वे एमएस की डिग्री हासिल कर निकलेंगे। उन्होंने बताया कि बीएएमएस में साढ़े चार वर्ष का कोर्स होता है। उसको उत्तीर्ण करने के बाद एक वर्ष की इंटर्नशिप कराई जाती है।
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NEET UG 2024 | पाठ्यक्रम में हुए बदलाव के बारे में जानिए
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने नीट यूजी 2024 के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित किया है। अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (UGMEB) से मंजूरी के बाद इस संशोधित पाठ्यक्रम को एनएमसी की आधिकारिक वेबसाइट-nmc. org. in पर अपलोड भी कर दिया गया है। अगले साल होने वाली नीट यूजी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र वेबसाइट पर जाकर … Read more
#NEETUG2024#NEETUpdates#CurriculumChanges#NEET2024Syllabus#MedicalEntranceExam#NEETPreparation#MedicalAspirants#NEETCurriculum#ExamChanges#NEETInfo
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देशभर के एमबीबीएस फाइनल ईयर के विद्यार्थियों के लिए नेशनल एग्जिट टेस्ट परीक्षा अगले साल दो चरणों में
भारत में प्रैक्टिस की मिलेगी अनुमति देश में 2019 बैच के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए नेशनल ए��्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) अगले साल दो चरणों में होगा। पहले चरण का आयोजन अगले साल फरवरी में हो सकता है। इसके जरिये एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों को डिग्री मिलेगी और मेडिकल कॉलेजों में पीजी के पाठ्यक्रमों में दाखिले होंगे। परीक्षा का आयोजन ��म्स दिल्ली की ���र से किया जाएगा। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग…
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BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY
Description - : Bashkir State Medical University{BSMU} एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए विदेशी छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय मेडिकल यूनिवर्सिटी और रूस में सबसे बड़े चिकित्सा-वैज्ञानिक केंद्रों में से एक है। खासियत -: रूस में शीर्ष दस विश्वविद्यालयों में से एक , एक बड़ा पुस्तकालय स्टॉक , कम फीस , अच्छी क्वालिटी की शिक्षा , Hassle-फ्री एडमिशन और NMC and WHO approvedआदि।
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना 1932 में रूस के बश्कोर्तोस्तान ऊफ़ा शहर में हुई थी और इसे BSMU के नाम से जाना जाता है। BSMU रूस के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, जो पिछले 90 वर्षों से कई पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है। बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी उन भारतीय छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय है जो विदेश में एमबीबीएस{MBBS} की डिग्री हासिल करना चाहते हैं।
इस यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित शीर्ष संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसे रूस के शिक्षा मंत्रालय से लाइसेंस भी मिला है।
यह यूनिवर्सिटी सभी पाठ्यक्रमों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करती है। यूनिवर्सिटी के शिक्षाविदों के सभी सदस्य अच्छी तरह से योग्य और अनुभवी हैं। इसके कुछ प्रोफेसरों की चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी प्रतिष्ठा है और उन्हें कई लोकप्रिय मेडिकल और शैक्षिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया जाता है। इस मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिक्षक - छात्रों के बीच का अनुपात बहुत अच्छा है, यहाँ पर एक कक्षा में सीमित संख्या में सीटें हैं और सभी कक्षाएं डिजिटल हैं।
भारतीय छात्रों के ��ध्ययन के लिए रूस सबसे सुरक्षित देशों में से एक है।
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी एक नज़र में -:
इस यूनिवर्सिटी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य नीचे दिए गए हैं:
एमबीबीएस कोर्स के लिए प्रवेश
सितंबर
लोकेशन
Bashkortostan Ufa, Russia
योग्यता {Eligibility}
PCB के साथ 12वीं कक्षा में 50%
NEET
हाँ, उत्तीर्ण अंक
वार्षिक शिक्षण शुल्क
4200$ (लगभग) वार्षिक
यूनिवर्सिटी रैंकिंग
देश में रैंक - 112
विश्व में रैंक - 3585
कोर्स की अवधि
8 महीने की इंटर्नशिप सहित 5.8 साल
शिक्षण का माध्यम
अंग्रेजी माध्यम
यूनिवर्सिटी की मान्यता
NMC, WHO और रूस के शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस{MBBS} की पढ़ाई के फायदे -:
यह यूनिवर्सिटी रूस में सबसे पुरानी और सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल यूनिवर्सिटी है।
BSMU अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बड़े बुनियादी ढांचे के लिए जाना जाता है।
यहाँ पर आप रूसी संस्कृति और सभ्यताओं के बारे में अधिक जान सकते हैं।
एमबीबीएस {MBBS} कोर्स की अवधि भारतीय चिकित्सा विश्वविद्यालयों की तरह 5.8 साल है।
बीएसएमयू{BSMU} के शिक्षक अच्छी तरह से योग्य और पेशेवर हैं।
यहाँ के प्रोफेसरों चिकित्सा पुरस्कार विजेता हैं।
इस यूनिवर्सिटी में भारतीय खाना आसानी से उपलब्ध है।
बीएसएमयू{BSMU} में सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ स्वस्थ और स्वच्छ हैं।
इस यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मंजूरी देते हैं।
शिक्षक - विद्यार्थी के बीच का अनुपात उत्कृष्ट है, लगभग 1:11।
बीएसएमयू{BSMU} में डिजिटल क्लासरूम उपलब्ध हैं।
यहां खाली समय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा पुस्तकालय भी उपलब्ध है।
चिकित्सा अध्ययन के लिए शिक्षण माध्यम अंग्रेजी है।
लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए अलग-अलग छात्रावास की ख़ास सुविधा उपलब्ध है ।
इस मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस{MBBS} की डिग्री विश्व स्तर पर मान्य है।
यूनिवर्सिटी की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC)।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)।
यूनाइटेड स्टेट्स मेडिकल लाइसेंस परीक्षा (USMLE)।
फाउंडेशन ऑफ एडवांसमेंट ऑफ इंटरनेशनल मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च। सीधे शब्दों में FAIMER कहा जाता है।
जनरल मेडिकल काउंसिल (GMC-UK)।
मेडिकल स्कूलों की विश्व निर्देशिका (WDOMS)।
व्यावसायिक और भाषाई मूल्यांकन बोर्ड परीक्षण (PLAB)।
भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय।
एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY FEE STRUCTURE
Bashkir State University Fees भारतीय छात्रों के लिए एक उचित और सस्ती एमबीबीएस{MBBS} शुल्क संरचना है:
व्यक्तिगत विवरण
प्रथम वर्ष
द्वितीय ��र्ष
तृतीय वर्ष
चतुर्थ वर्ष
पंचम वर्ष
अंतिम
वर्ष
शिक्षा शुल्क
$ 3922
$ 3922
$ 3922
$ 3922
$ 3922
$ 3922
छात्रावास शुल्क
$ 215
$ 215
$ 215
$ 215
$ 215
$ 215
कुल शुल्क
{डॉलर में}
$ 4137
$ 4137
$ 4137
$ 4137
$ 4137
$ 4137
कुल शुल्क
{रूपए में}
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
Eligibility Criteria at बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी -:
उम्मीदवार के पास पात्रता मानदंड, सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए पीसीबी में कुल 50% और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 45% होना चाहिए।
इस यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस{MBBS} कोर्स करने के लिए न्यूनतम अंकों के साथ नीट प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
इस यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों के लिए शुल्क बहुत सस्ता और उचित है।
विद्यार्थी के पास भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
प्रवेश प्रक्रिया के समय विद्यार्थी की न्यूनतम आयु 17 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष होनी चाहिए।
BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY ADMISSION PROCESS
आइये जानते हैं ,इस यूनिवर्सिटी के मेडिकल कोर्स में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी को किस प्रक्रिया का पालन करना होगा:
चरण 1- अस्त्रखान स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकृत प्रतिनिधि के साथ आवेदन करें -
जैसे - ड्रीम मेडिसिन (DMEPL)
चरण 2- सभी आवश्यक और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को आवश्यक प्रारूपों में अपलोड करें और अपने आवेदन जमा करें।
चरण 3- आपके दस्तावेजों की समीक्षा के बाद यह यूनिवर्सिटी आपको एक प्रवेश/निमंत्रण पत्र भेजेगा।
चरण 4- अब छात्र इस यूनिवर्सिटी में अपने प्रवेश की पुष्टि करने के लिए अपनी प्रथम वर्ष की फीस का भुगतान करते हैं ।
चरण 5- यूनिवर्सिटी को प्रथम वर्ष की फीस का भुगतान करने के बाद आप रूस
को उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए आवश्यक दस्तावेज -:
विद्यार्थियों को इस यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की निम्नलिखित सूची अपने पास तैयार रखनी चाहिए:
10th मार्कशीट
12th मार्कशीट
NEET स्कोर कार्ड
वैध पासपोर्ट और वीजा की प्रति (Dream Medicine आपको वीजा और पासपोर्ट प्रक्रिया में सहायता करेगी)
10 पासपोर्ट साइज फोटो
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी की रैंकिंग -:
BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY
COUNTRY RANKING
112th
BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY
WORLD RANKING
3585th
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस{MBBS} पाठ्यक्रम -:
इस यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस{MBBS} के लिए सेमेस्टर-वार पाठ्यक्रम निम्नलिखित है:
प्रथम वर्ष
1st सेमेस्टर
2nd सेमेस्टर
एनाटॉमी {Anatomy}
एनाटॉमी और हिस्टोलॉजी {Anatomy & Histology}
द्वितीय वर्ष
3rd सेमेस्टर
4th सेमेस्टर
Histology
Biochemistry
Biochemistry
Micro-Biology
Psychology & Pedagogy
Physiology
Cell Biology
-
Microbiology
-
General pathology
-
तृतीय वर्ष
5th सेमेस्टर
6th सेमेस्टर
Pathology
Pathology
Pharmacology
Path physiology
Microbiology and Pathophysiology
Genetics and Principles of Clinical Medicine
चतुर्थ - छठा वर्ष
7th -12th सेमेस्टर
Oncology
Internal Medicine
Pediatrics
General Surgery
Neurology
Primary Care medicine
Obstetrics and Gynecology
Internal medicine
Neurology and Psychiatry
Psychology
ENT
Emergency Medicine
Cardiology
-
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के संकाय -:
जनरल मेडिसिन {General Medicine}
फार्मेसी {Pharmacy}
बाल चिकित्सा {Pediatric}
दंत चिकित्सा {Dentistry}
फार्मास्युटिकल {Pharmaceutical}
प्रीवेंटिव मेडिसिन {Preventive Medicine}
नर्सिंग {Nursing}
क्लीनिकल साइकोलॉजी {Clinical Psychology}
Hostel & Accommodation
Bashkir State Medical University Hostel में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यहाँ पर कमरे अच्छी तरह से सुसज्जित हैं
छात्रावास में एक कमरे में दो से तीन विद्यार्थी आसानी से रह सकते हैं
कमरों में स्टडी टेबल, बेडशीट और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हैं।
सर्दी के मौसम में रूम हीटर और गीजर की सेवाएं उपलब्ध हैं।
मेस में भारतीय खाना आसानी से मिल जाता है और खाने की गुणवत्ता भी अच्छी होती है।
छात्रावास में अन्य सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ भी उपलब्ध हैं और अधिकारियों द्वारा भोजन की गुणवत्ता की जाँच की जाती है।
छात्रावास में एक साझा रसोई भी उपलब्ध है इसलिए यदि छात्र कुछ पकाना चाहते हैं तो वे बना सकते हैं।
बीएसएमयू{BSMU} के परिसर में कैंटीन की सेवा भी उपलब्ध है।
यहाँ पर लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास की सुविधा उपलब्ध हैं।
यूनिवर्सिटी के परिसर क्षेत्र में 24घंटे सुरक्षा गार्ड उपलब्ध हैं।
परिसर के हर संवेदनशील स्थान पर सीसीटीवी{CCTV} कैमरे भी लगाए गए हैं।
विद्या���्थियों के लिए आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं।
Students' Life At Bashkir State Medical University
इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी वास्तव में अपने जीवन का आनंद लेते हैं। विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई के दौरान वर्ष भर में 2 लंबी छुट्टियां मिलती हैं, इस दौरान वे नई जगहों की खोज करते हैं और नए दोस्त बनाते हैं। रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है इसलिए यहां घूमने के लिए कई जगहें हैं। विद्यार्थी पढ़ाई के दौरान नए दोस्त बनाते हैं।
यह यूनिवर्सिटी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है और कई खेल भी आयोजन भी करती है।
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस {MBBS} करने के बाद पीजी{PG} विकल्प -:
इस यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस{MBBS} कोर्स पूरा करने के बाद कई पीजी{PG} विकल्प निम्नलिखित हैं:
इस यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस{MBBS} पूरा करने के बाद छात्र अपने पीजी{PG} पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए कई विकल्पों का ��िकल्प चुन सकते हैं।
वे एमबीबीएस{MBBS} के बाद रूस में पीजी{PG} करना चुन सकते हैं।
एनएमसी{NMC} स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के बाद वे भारत में अपना पीजी{PG} भी करते हैं और फिर वे पीजी{PG} के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों में से चयन कर सकते हैं।
छात्रों को भारत में पीजी{PG} करने के लिए NEXT परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता है और फिर वे पीजी{PG} पाठ्यक्रमों के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों से चयन कर सकते हैं।
इस यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस{MBBS} पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, और NEXT परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उम्मीदवार भारत में किसी भी अस्पताल या निजी नर्सिंग होम में भी शामिल हो सकते हैं।
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Bashkir State Medical University
Description - : Bashkir State Medical University{BSMU} एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए विदेशी छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय मेडिकल यूनिवर्सिटी और रूस में सबसे बड़े चिकित्सा-वैज्ञानिक केंद्रों में से एक है। खासियत -: रूस में शीर्ष दस विश्वविद्यालयों में से एक , एक बड़ा पुस्तकालय स्टॉक , कम फीस , अच्छी क्वालिटी की शिक्षा , Hassle-फ्री एडमिशन और NMC and WHO approvedआदि।
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना 1932 में रूस के बश्कोर्तोस्तान ऊफ़ा शहर में हुई थी और इसे BSMU के नाम से जाना जाता है। BSMU रूस के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, जो पिछले 90 वर्षों से कई पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है। बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी उन भारतीय छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय है जो विदेश में एमबीबीएस{MBBS} की डिग्री हासिल करना चाहते हैं।
इस यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित शीर्ष संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसे रूस के शिक्षा मंत्रालय से लाइसेंस भी मिला है।
यह यूनिवर्सिटी सभी पाठ्यक्रमों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करती है। यूनिवर्सिटी के शिक्षाविदों के सभी सदस्य अच्छी तरह से योग्य और अनुभवी हैं। इसके कुछ प्रोफेसरों की चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी प्रतिष्ठा है और उन्हें कई लोकप्रिय मेडिकल और शैक्षिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया जाता है। इस मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिक्षक - छात्रों के बीच का अनुपात बहुत अच्छा है, यहाँ पर एक कक्षा में सीमित संख्या में सीटें हैं और सभी कक्षाएं डिजिटल हैं।
भारतीय छात्रों के अध्ययन के लिए रूस सबसे सुरक्षित देशों में से एक है।
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी एक नज़र में -:
इस यूनिवर्सिटी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य नीचे दिए गए हैं:
एमबीबीएस कोर्स के लिए प्रवेश
सितंबर
लोकेशन
Bashkortostan Ufa, Russia
योग्यता {Eligibility}
PCB के साथ 12वीं कक्षा में 50%
NEET
हाँ, उत्तीर्ण अंक
वार्षिक शिक्षण शुल्क
4200$ (लगभग) वार्षिक
यूनिवर्सिटी रैंकिंग
देश में रैंक - 112
विश्व में रैंक - 3585
कोर्स की अवधि
8 महीने की इंटर्नशिप सहित 5.8 साल
शिक्षण का माध्यम
अंग्रेजी माध्यम
यूनिवर्सिटी की मान्यता
NMC, WHO और रूस के शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस{MBBS} की पढ़ाई के फायदे -:
यह यूनिवर्सिटी रूस में सबसे पुरानी और सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल यूनिवर्सिटी है।
BSMU अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बड़े बुनियादी ढांचे के लिए जाना जाता है।
यहाँ पर आप रूसी संस्कृति और सभ्यताओं के बारे में अधिक जान सकते हैं।
एमबीबीएस {MBBS} कोर्स की अवधि भारतीय चिकित्सा विश्वविद्यालयों की तरह 5.8 साल है।
बीएसएमयू{BSMU} के शिक्षक अच्छी तरह से योग्य और पेशेवर हैं।
यहाँ के प्रोफेसरों चिकित्सा पुरस्कार विजेता हैं।
इस यूनिवर्सिटी में भारतीय खाना आसानी से उपलब्ध है।
बीएसएमयू{BSMU} में सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ स्वस्थ और स्वच्छ हैं।
इस यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मंजूरी देते हैं।
शिक्षक - विद्यार्थी के बीच का अनुपात उत्कृष्ट है, लगभग 1:11।
बीएसएमयू{BSMU} में डिजिटल क्लासरूम उपलब्ध हैं।
यहां खाली समय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा पुस्तकालय भी उपलब्ध है।
चिकित्सा अध्ययन के लिए शिक्षण माध्यम अंग्रेजी है।
लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए अलग-अलग छात्रावास की ख़ास सुविधा उपलब्ध है ।
इस मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस{MBBS} की डिग्री विश्व स्तर पर मान्य है।
यूनिवर्सिटी की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC)।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)।
यूनाइटेड स्टेट्स मेडिकल लाइसेंस परीक्षा (USMLE)।
फाउंडेशन ऑफ एडवांसमेंट ऑफ इंटरनेशनल मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च। सीधे शब्दों में FAIMER कहा जाता है।
जनरल मेडिकल काउंसिल (GMC-UK)।
मेडिकल स्कूलों की विश्व निर्देशिका (WDOMS)।
व्यावसायिक और भाषाई मूल्यांकन बोर्ड परीक्षण (PLAB)।
भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय।
एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY FEE STRUCTURE
Bashkir State University Fees भारतीय छात्रों के लिए एक उचित और सस्ती एमबीबीएस{MBBS} शुल्क संरचना है:
व्यक्तिगत विवरण
प्रथम वर्ष
द्वितीय वर्ष
तृतीय वर्ष
चतुर्थ वर्ष
पंचम वर्ष
अंतिम
वर्ष
शिक्षा शुल्क
$ 3922
$ 3922
$ 3922
$ 3922
$ 3922
$ 3922
छात्रावास शुल्क
$ 215
$ 215
$ 215
$ 215
$ 215
$ 215
कुल शुल्क
{डॉलर में}
$ 4137
$ 4137
$ 4137
$ 4137
$ 4137
$ 4137
कुल शुल्क
{रूपए में}
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
₹ 3,02,000
Eligibility Criteria at बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी -:
उम्मीदवार के पास पात्रता मानदंड, सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए पीसीबी में कुल 50% और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 45% होना चाहिए।
इस यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस{MBBS} कोर्स करने के लिए न्यूनतम अंकों के साथ नीट प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
इस यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों के लिए शुल्क बहुत सस्ता और उचित है।
विद्यार्थी के पास भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
प्रवेश प्रक्रिया के समय विद्यार्थी की न्यूनतम आयु 17 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष होनी चाहिए।
BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY ADMISSION PROCESS
आइये जानते हैं ,इस यूनिवर्सिटी के मेडिकल कोर्स में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी को किस प्रक्रिया का पालन करना होगा:
चरण 1- अस्त्रखान स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकृत प्रतिनिधि के साथ आवेदन करें -
जैसे - ड्रीम मेडिसिन (DMEPL)
चरण 2- सभी आवश्यक और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को आवश्यक प्रारूपों में अपलोड करें और अपने आवेदन जमा करें।
चरण 3- आपके दस्तावेजों की समीक्षा के बाद यह यूनिवर्सिटी आपको एक प्रवेश/निमंत्रण पत्र भेजेगा।
चरण 4- अब छात्र इस यूनिवर्सिटी में अपने प्रवेश की पुष्टि करने के लिए अपनी प्रथम वर्ष की फीस का भुगतान करते हैं ।
चरण 5- यूनिवर्सिटी को प्रथम वर्ष की फीस का भुगतान करने के बाद आप रूस
को उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए आवश्यक दस्तावेज -:
विद्यार्थियों को इस यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की निम्नलिखित सूची अपने पास तैयार रखनी चाहिए:
10th मार्कशीट
12th मार्कशीट
NEET स्कोर कार्ड
वैध पासपोर्ट और वीजा की प्रति (Dream Medicine आपको वीजा और पासपोर्ट प्रक्रिया में सहायता करेगी)
10 पासपोर्ट साइज फोटो
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी की रैंकिंग -:
BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY
COUNTRY RANKING
112th
BASHKIR STATE MEDICAL UNIVERSITY
WORLD RANKING
3585th
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस{MBBS} पाठ्यक्रम -:
इस यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस{MBBS} के लिए सेमेस्टर-वार पाठ्यक्रम निम्नलिखित है:
प्रथम वर्ष
1st सेमेस्टर
2nd सेमेस्टर
एनाटॉमी {Anatomy}
एनाटॉमी और हिस्टोलॉजी {Anatomy & Histology}
द्वितीय वर्ष
3rd सेमेस्टर
4th सेमेस्टर
Histology
Biochemistry
Biochemistry
Micro-Biology
Psychology & Pedagogy
Physiology
Cell Biology
-
Microbiology
-
General pathology
-
तृतीय वर्ष
5th सेमेस्टर
6th सेमेस्टर
Pathology
Pathology
Pharmacology
Path physiology
Microbiology and Pathophysiology
Genetics and Principles of Clinical Medicine
चतुर्थ - छठा वर्ष
7th -12th सेमेस्टर
Oncology
Internal Medicine
Pediatrics
General Surgery
Neurology
Primary Care medicine
Obstetrics and Gynecology
Internal medicine
Neurology and Psychiatry
Psychology
ENT
Emergency Medicine
Cardiology
-
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के संकाय -:
जनरल मेडिसिन {General Medicine}
फार्मेसी {Pharmacy}
बाल चिकित्सा {Pediatric}
दंत चिकित्सा {Dentistry}
फार्मास्युटिकल {Pharmaceutical}
प्रीवेंटिव मेडिसिन {Preventive Medicine}
नर्सिंग {Nursing}
क्लीनिकल साइकोलॉजी {Clinical Psychology}
Hostel & Accommodation
Bashkir State Medical University Hostel में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यहाँ पर कमरे अच्छी तरह से सुसज्जित हैं
छात्रावास में एक कमरे में दो से तीन विद्यार्थी आसानी से रह सकते हैं
कमरों में स्टडी टेबल, बेडशीट और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हैं।
सर्दी के मौसम में रूम हीटर और गीजर की सेवाएं उपलब्ध हैं।
मेस में भारतीय खाना आसानी से मिल जाता है और खाने की गुणवत्ता भी अच्छी होती है।
छात्रावास में अन्य सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ भी उपलब्ध हैं और अधिकारियों द्वारा भोजन की गुणवत्ता की जाँच की जाती है।
छात्रावास में एक साझा रसोई भी उपलब्ध है इसलिए यदि छात्र कुछ पकाना चाहते हैं तो वे बना सकते हैं।
बीएसएमयू{BSMU} के परिसर में कैंटीन की सेवा भी उपलब्ध है।
यहाँ पर लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास की सुविधा उपलब्ध हैं।
यूनिवर्सिटी के परिसर क्षेत्र में 24घंटे सुरक्षा गार्ड उपलब्ध हैं।
परिसर के हर संवेदनशील स्थान पर सीसीटीवी{CCTV} कैमरे भी लगाए गए हैं।
विद्यार्थियों के लिए आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं।
Students' Life At Bashkir State Medical University
इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी वास्तव में अपने जीवन का आनंद लेते हैं। विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई के दौरान वर्ष भर में 2 लंबी छुट्टियां मिलती हैं, इस दौरान वे नई जगहों की खोज करते हैं और नए दोस्त बनाते हैं। रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है इसलिए यहां घूमने के लिए कई जगहें हैं। विद्यार्थी पढ़ाई के दौरान नए दोस्त बनाते हैं।
यह यूनिवर्सिटी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है और कई खेल भी आयोजन भी करती है।
बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस {MBBS} करने के बाद पीजी{PG} विकल्प -:
इस यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस{MBBS} कोर्स पूरा करने के बाद कई पीजी{PG} विकल्प निम्नलिखित हैं:
इस यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस{MBBS} पूरा करने के बाद छात्र अपने पीजी{PG} पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए कई विकल्पों का विकल्प चुन सकते हैं।
वे एमबीबीएस{MBBS} के बाद रूस में पीजी{PG} करना चुन सकते हैं।
एनएमसी{NMC} स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के बाद वे भारत में अपना पीजी{PG} भी करते हैं और फिर वे पीजी{PG} के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों में से चयन कर सकते हैं।
छात्रों को भारत में पीजी{PG} करने के लिए NEXT परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता है और फिर वे पीजी{PG} पाठ्यक्रमों के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों से चयन कर सकते हैं।
इस यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस{MBBS} पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, और NEXT परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उम्मीदवार भारत में किसी भी अस्पताल या निजी नर्सिंग होम में भी शामिल हो सकते हैं।
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Financetime.in असम को कोकराझार मेडिकल कॉलेज, हेल्थ न्यूज, ईटी हेल्थवर्ल्ड में एमबीबीएस कोर्स शुरू करने की अनुमति मिली
गुवाहाटी: असम सरकार ने कोकराझार जिले में नवनिर्मित कोकराझार मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स शुरू करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से अनुमति प्राप्त कर ली है. इसमें एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए 100 छात्रों की प्रवेश क्षमता है। प्रधान मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस विकास पर खुशी व्यक्त करते हुए ट्वीट किया: “हम ए�� और मील के पत्थर पर पहुंच गए हैं! यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि कोकराझार…
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एमसीआई सूची के अनुसार विदेशी चिकित्सा स्नातकों द्वारा अनिवार्य इंटर्नशिप 'वन-टाइम उपाय' के रूप में मान्य: एनएमसी
एमसीआई सूची के अनुसार विदेशी चिकित्सा स्नातकों द्वारा अनिवार्य इंटर्नशिप ‘वन-टाइम उपाय’ के रूप में मान्य: एनएमसी
एनएमसी का यह कदम संबंधित छात्रों के कई अनुरोधों और अभ्यावेदन के बाद आया है (प्रतिनिधि छवि) एनएमसी 21 अक्टूबर, 2022 को या उससे पहले पुराने एमसीआई-अनुमोदित कॉलेजों की सूची में पूर्ण या शुरू की गई अनिवार्य रोटेटिंग इंटर्नशिप को म���न्य करता है राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने 4 जनवरी को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें पुराने चिकित्सा परिषद के अनुसार अनिवार्य रोटेटरी मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमआई) को…
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राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। इस दौरान इस दौरान प्रदेश प्रभारी श्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, पीसीसी अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा, मंत्रीगण साथ रहे। जन-जन को राहत पहुंचाना हमारी प्राथमिकता रही है। कोविड के दुष्प्रभावों के बावजूद भी राजस्थान की अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ रही है। राज्य की जीडीपी का 11.04 प्रतिशत की दर से बढ़ना अर्थव्यवस्था का अच्छा प्रतीक है, सरकार की पिछले 4 साल की सकारात्मक नीतियों के कारण ही डबल डिजिट में ग्रोथ ��ंभव हो सकी है।
स्टेट जीडीपी पिछले 3 साल में 3 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है जो राज्य के विकास का प्रतीक है। स्टेट जीडीपी का आकार बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये हो गया है। तीन साल में प्रति व्यक्ति आय में 26.81 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। देश में प्रति व्यक्ति आय 6.08 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है, जबकि राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय 8.24 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में राज्य सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किया है। देश के बड़े राज्यों में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हेल्थकेयर पर बजट का 7 प्रतिशत खर्च हो रहा है जबकि गुजरात में सिर्फ 5.6 प्रतिशत बजट ही स्वास्थ्य पर खर्च होता है। प्रदेश में सभी को स्वास्थ्य सुविधाओं की निःशुल्क कवरेज देने की व्यवस्था लागू की गई है। राइट टू हेल्थ बिल भी लाया गया है, जो विधानसभा में विचाराधीन है। सभी सरकारी अस्पतालों में सम्पूर्ण इलाज, जांच एवं दवाएं निःशुल्क हैं। ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में भी 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज़, 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। हार्ट ट्रांसप्लांट, बोनमैरो ट्रांसप्लांट, कॉक्लियर इंप्लांट समेत तमाम महंगे ट्रांसप्लांट एवं इंप्लांट का पूरा खर्च पैकेज बनाकर राज्य सरकार दे रही है। ऐसी योजना लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
प्रत्येक जिला अस्पताल में आईसीयू की सुविधा
अभी तक 337 मरीजों के करीब 11 करोड़ रुपये लागत के ट्रांसप्लांट व इंप्लांट चिरंजीवी योजना के तहत किए जा चुके हैं। तीन साल में चिकित्सा सुविधाओं में ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी की है। अब हर जिला अस्पताल में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध है। देश का पहला हेलिपेड वाला आईपीडी टॉवर जयपुर में निर्माणाधीन है। 33 में से 30 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं, सभी जिलों में सरकारी नर्सिंग कॉलेज खुल रहे हैं। इससे आने वाले समय में डॉक्टर्स एवं नर्सों की कमीं खत्म हो जाएगी।
प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्य अविस्मरणीय हैं। राजस्थान में 4 साल में 1639 महात्मा गांधी राजकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए हैं जिनमें करीब 3 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। 3 वर्षों में राज्य में 211 नए राजकीय कॉलेज खोले गए हैं। इनमें 94 बालिका कॉलेज हैं। अब जो बालिकाएं 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ देती थी, उनकी संख्या में बड़ी गिरावट आई है तथा राजस्थान के राजकीय कॉलेजों में पढ़ रही बालिकाओं की संख्या बालकों से अधिक हो गई है। वर्ष 2018 के बाद पत्रकारिता विश्वविद्यालय, विधि विश्वविद्यालय जैसे प्रोफेशनल विश्वविद्यालयों की ��ुरुआत की गई। एक दिव्यांग विश्वविद्यालय भी बनाया जाएगा। प्रदेश में आज कुल 89 विश्वविद्यालय हैैंं। 25 नए नर्सिंग कॉलेज एवं 42 नए एग्रीकल्चर कॉलेज खोले गए हैं। नीति आयोग की 2019-20 परफॉर्मेंस ग्रेड इंडेक्स में राजस्थान को A+ ग्रेड मिला है।
कोयले पर निर्भरता कम करने तथा सोलर, विंड व बायोमॉस एनर्जी से बिजली बनाने के लिए प्रदेश में परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के स्थान पर रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस किया जा रहा है। राजस्थान 16,000 मेगावॉट सोलर एनर्जी क्षमता के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये के सोलर क्षेत्र में निवेश के डव्न् किए गए हैं, 50 यूनिट तक घरेलू बिजली मुफ्त, 150 यूनिट तक 3 रुपये एवं 300 यूनिट तक 2 रुपये प्रति यूनिट की छूट दी जा रही है। इस छूट से करीब 38 लाख उपभोक्ताओं का बिजली का बिल शून्य हो गया है।
प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को निरंतर सुदृढ़ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में 24,405 करोड़ रुपये खर्च कर 53,789 किमी सड़कों का विकास किया गया, 3828 करोड़ रुपये से 8987 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण, 4084 करोड़ रुपये से 1068 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ाईकरण व सुदृढीकरण, लगभग 8004 कर���ड़ रुपये से 6448 किलोमीटर स्टेट हाईवे व मुख्य जिला सड़कों के विकास कार्य, 8489 करोड़ रुपये से 37,286 किलोमीटर लम्बाई की अन्य जिला सड़कों व ग्रामीण सड़कों का विकास हुआ। राज्य में 500 से अधिक आबादी के 697 गांवों को सड़क से जोड़ा गया, 1833 किलोमीटर की मुख्य जिला सड़कों व अन्य सड़कों को स्टेट हाईवे में क्रमोन्नत किया, 5935 किलोमीटर लम्बाई की अन्य जिला सड़कों व ग्रामीण सड़कों को मुख्य जिला सड़कों में उन्नयन किया गया है।
RIPS-2019, लघु उद्योगों के लिए मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना-2019, सोलर, विंड, ईवी, हैंडीक्राफ्ट, MSME, टूरिज्म, एग्रो बिजनेस प्रमोशन पॉलिसी सहित हर क्षेत्र के लिए उनकी जरूरतों के अनुरूप पॉलिसी बनाने से राज्य में निवेश निरंतर बढ़ रहा है। इन्वेस्ट राजस्थान समिट में देश-दुनिया के बड़े बिजनेसमैन आए और 11 लाख करोड़ रुपये के MoU व LoI हुए। पचपदरा में रिफाइनरी एवं पेट्रो केमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन से देश का सबसे बड़ा पेट्रोलियम निवेश आ रहा है। इससे वर्तमान में करीब 16,000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। रिफाइनरी का निर्माण पूर्ण होने के साथ यह संख्या 1 लाख रोजगार तक पहुंचेगी। राजस्थान में देश का सबसे अधिक क्रूड ऑइल का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश में हर सब डिविजन में रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्र खोले जा रहे हैं। राज्य में फिलहाल कुल 390 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो चुके हैं एवं 147 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। मेगा टेक्सटाइल पार्�� एवं मेडिकल डिवाइस पार्क ��ी राजस्थान में स्थापित हो रहे हैं।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हुआ सुधार
जयपुर में फिनटेक पार्क विकसित किया जा रहा है, ताकि यहां सर्विस सेक्टर का और विकास हो सके। इस बजट वर्ष में ग्रेटर भिवाड़ी तथा बोरानाड़ा, जोधपुर में 250-250 करोड़ रुपये लागत से मल्टी स्टोरी इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स विकसित करने का प्रावधान किया गया है। MSME एस्टाब्लिशमेंट एंड फैसिलेशन एक्ट में 5 साल तक किसी भी सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। इससे लगभग 15000 उद्योग लाभान्वित हुए हैं और 6,000 डैडम् यूनिट स्थापित हो चुकी हैं। राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम में उद्योगों के लिए कस्टमाइज्ड पैकेज दिए जा रहे हैं। सरकारी अनुमतियों को एक ही जगह पर दिया जाना सुनिश्चित किया गया है, लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के माध्यम से उद्योगों के लिए सब्सिडी दी जा रही है। कृषि आधारित उद्योगों के लिए एग्रो प्रोसेसिंग, एग्री बिजनेस एंड एग्री एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी लाई गई है, उद्योगों की सुरक्षा के लिए हम CISF की तर्ज पर RISF का गठन कर रहे हैं। हमारी निवेश बढ़ाने वाली नीतियों से प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी सुधार हुआ है।
राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां किसानों के लिए अलग से कृषि बजट लाया गया है। प्रदेश में 21 लाख किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है, कृषि कनेक्शन पर 1000 रुपये प्रति महीने सब्सिडी से 8.85 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है। किसानों को दिन में ही कृषि बिजली उपलब्ध कराने के लिए बिजली तंत्र को और मजबूत किया जा रहा है। राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन को दूध देने वाले दुग्ध उत्पादकों के लिए 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जा रही है, लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए चिंरजीवी योजना का निःशुल्क लाभ मिल रहा है।
1 करोड़ लोगों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन
राज्य में करीब 1 करोड़ लोगों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है, मनरेगा में राज्य सरकार 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार दे रही है, शहरों में रोजगार गारंटी के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू कर शहरों में भी 100 दिन का रोजगार दिया जा रहा है, सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर भविष्य की चिंता मिटाई है, लॉकडाउन के दौरान 33 लाख असहाय परिवारों को किश्तों में 5500 रुपये प्रति परिवार दिए गए, कोविड से मृत्यु होने पर प्रत्येक परिवार को 50,000 रुपये, विधवा एवं अनाथ के लिए स्पेशल पैकेज दिया गया, जिसमें एकमुश्त सहायता एवं पेंशन शामिल है, शहरी निकायों में 8 रुपये में भोजन उपलब्ध करवाने के लिए 968 इंदिरा रसोई संचालित हैं।
राज्य में 600 करोड़ के बजट से उड़ान योजना में हर महिला को 12 निःशुल्क सैनिटरी नैपकिन देने की घोषणा की गई है। चिरंजीवी परिवारों की सभी महिला मुखियाओं को 3 साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ निःशुल्क स��मार्टफोन दिए जाएंगे, इन्दिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत महिलाओं को दूसरे बच्चे के संस्थागत प्रसव पर 6,000 रुपये दिए जा रहे हैं। बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं से तीन साल में IMR व MMR में बड़ी कमी आई है। प्रदेश में लगभग 96 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं, कामकाजी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री बैक टू वर्क एवं मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम योजना लागू की गई है जिससे करियर ब्रेक ले चुकी 15,000 महिलाओं को वापस काम पर लाया गया है।
प्रदेश में मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना से 15000 बच्चों को फ्री कोचिंग मिल रही है। जिला एवं संभाग स्तर पर कॉलेज की पढ़ाई के लिए रहने वाले आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को अम्बेडकर डीबीटी योजना के माध्यम से हर महीने 2 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना में 200 बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दी जा रही है, अब तक 1 लाख 35 हजार नौकरियां दी जा चुकी हैं, 1 लाख 20 हजार प्रक्रियाधीन हैं तथा 1 लाख और देने की घोषणा की गई है।
उन्होंने कहा कि EWS में अचल संपत्ति की शर्त को हटाकर EWS लाभार्थियों को आयु सीमा, परीक्षा शुल्क समेत अन्य लाभ भी आरक्षित वर्गों की तरह दिए जा रहे है। सरकारी नौकरी में दिव्यांगजनों का आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न डीएसपी लेवल तक की नियुक्तियां दी जा रही है। अब तक 229 नौकरियां दी गई हैं। खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में 2 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, पुरुषों को 4000 एवं महिलाओं व विशेष योग्यजनों को 4500 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता एवं 4 घंटे इंटर्नशिप कराई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट की आरक्षण संबंधी गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए कॉन्ट्रेक्चुअल सर्विस रूल्स बनाए गए हैं जिससे उनके नियमित होने का रास्ता खुला है। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 1.78 लाख अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया। रेहड़ी, पटरी या अपना छोटा व्यवसाय करने वाले लोगों को इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत 5 लाख लोगों को एक साल के लिए 50,000 रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।
राजस्थान में FIR के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं। गुजरात में अपराधों में करीब 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। सबसे अधिक कस्टोडियल डेथ गुजरात में हुई हैं, नाबालिगों से बलात्कार यानी पॉक्सो एक्ट के मामल�� में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है। अनिवार्य पंजीकरण नीति का ही परिणाम है कि 2017-18 में 33 प्रतिशत FIR कोर्ट के माध्यम से CrPC 156(3) के तहत इस्तगासे द्वारा दर्ज होती थीं। परन्तु अब यह संख्या सिर्फ 13 प्रतिशत रह गई है, इनमें भी अधिकांश सीधे कोर्ट में जाने वाले मुकदमों की शिकायतें ही होती हैं। यह हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का नतीजा है कि 2017-18 में बलात्कार के मामलों में अनुसंधान समय 274 दिन था जो अब केवल 68 दिन रह गया है। पॉक्सो के मामलों में अनुसंधान का औसत समय 2018 में 232 दिन था जो अब 66 दिन रह गया है। राजस्थान में पुलिस द्वारा हर अपराध के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है एवं सरकार पूरी तरह पीड़ित पक्ष के साथ खड़ी रहती है। वर्ष 2015 में SC एवं ST एक्ट के करीब 51 प्रतिशत मामले अदालत के माध्यम से CrPC 156(3) से दर्ज होते थे, अब यह महज 10 प्रतिशत रह गया है। यह FIR के अनिवार्य पंजीकरण नीति की सफलता है।
बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत करीब 48 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये मात्र 28.6 प्रतिशत है। महिला अत्याचार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत 45.2 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 26.5 प्रतिशत है। महिला अत्याचार के प्रकरणों की पेंडिंग प्रतिशत 9.6 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 31.7 प्रतिशत है। IPC के प्रकरणों में राजस्थान में पेंडिंग प्रतिशत करीब 10 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 35.1 प्रतिशत है।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) राज्य की महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जिससे 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा व धौलपुर को पेयजल सुविधा मिलने के साथ 2 लाख हैक्टेयर सिंचाई क्षेत्र विकसित किया जाना है।
राजस्थान सरकार ने बजट 2022-23 में 9600 करोड़ रुपये की राशि म्त्ब्च् के लिए आवंटित की है। ERCP के तहत ईसरदा बांध का निर्माण टोंक में चल रहा है। यदि ERCP नहीं बनती है तो इन 13 जिलों में जल जीवन मिशन के तहत लगाए जा रहे पानी के नल भी दिखावटी बनकर रह जाएंगे। म्त्ब्च् को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने में जितनी देरी होगी, उससे इसकी प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़ेगी और अधिक खर्च आएगा।
जल जीवन मिशन में वर्ष 2019 से अब तक राज्य सरकार द्वारा 10,247 करोड़ रूपये व्यय कर लगभग 30 लाख परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है। मिशन के अन्तर्गत राज्य में अब तक 39 हजार से भी अधिक गांवों के लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं, जो कि मिशन के कुल लक्ष्य का 99 प्रतिशत है। प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और छितराई बसावट के बावजूद जल जीवन मिशन के कार्यों को पूरा करने में कोई कमी नहीं रखी जा रही है।
राजस्थान में गांव-ढाणियों के बीच दूरी अधिक होने से घर-घर पेयजल उपलब्ध करवाने में लागत अन्य राज्यों से ��ई गुना ज्यादा आती है, कुछ परिस्थितियों में तो प्रति कनेक्शन लागत 1 लाख रूपये से भी अधिक है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को जल जीवन मिशन में 90ः10 के तहत सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। रूस तथा यूक्रेन के युद्ध के कारण कई वस्तुओं के दाम में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इससे भी मिशन के क्रियान्वयन में कठिनाइयां आई है। इस कारण केंद्र सरकार को मिशन की समय-सीमा को बढ़ानी चाहिए, जिससे मिशन का लाभ हर परिवार को मिल सके।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने जनवरी 2004 से सरकारी सेवा में आने वाले लोगों के लिए पूर्व पेंशन योजना (OPS) के स्थान पर अंशदायी पेंशन योजना (NPS) का निर्णय लिया। उन्होंने राज्य सरकारों को भी NPS में शामिल होने का मौका दिया तो पश्चिम बंगाल के अलावा लगभग सभी राज्य सरकारें NPS में शामिल हो गईं क्योंकि NPS में राज्य सरकारों के पैसे की बचत हो रही थी। NPS लागू होने के बाद जब NPS के पात्र कर्मचारी रिटायर होने लगे तो देखने में आया की वस्तुस्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
NPS के लिए बनाई गई अथॉरिटी PFRDA। (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डवलपमेंट अथॉरिटी) पर लोकसभा में बहस के दौरान बनी स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट में भी लिखा हुआ है कि लेबर यूनियन, एम्पलॉयी यूनियन NPS के विरोध में हैं। NPS के माध्यम से पेंशन की राशि बेहद कम थी। 2018 में CAG की रिपोर्ट में NPS को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देने में असफल बताया गया। 2021 में नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन ने NPS को रिव्यू करने के लिए एक कमिटी बनाने की मांग की। PFRDA ने भी बताया है कि शेयर मार्केट में कर्मचारियों के NPS में जमा करीब 1600 करोड़ रुपये डूबने की कगार पर पहुंच गए हैं। ज्यूडिशयल पे कमीशन ने भी ज्यूडिशियरी में OPS को ही लागू रखा है। आर्मी, नेवी, एयरफोर्स में OPS है और अर्द्धसैनिक बलों में NPS है, जबकि दोनों ही नौकरिया हाई रिस्क नौकरियां हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने OPS बहाल करने का निर्णय लिया। अभी तक 1 जनवरी 2004 से नौकरी लगकर रिटायर हुए 238 मामलों में OPS का लाभ स्वीकृत किया जा चुका है।
OPS पर केन्द्रीय एजेंसियों का सवाल उठाना उचित नहीं है क्योंकि संविधान की सातवीं अनुसूची में केन्द्रीय सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची के विषय निर्धारित किए गए हैं। आर्टिकल 246 राज्यों को राज्य सूची के विषयों पर फैसले लेने का अधिकार देता है। सातवीं अनुसूची में राज्य सूची का बिन्दु संख्या 42 स्पष्ट कहता है कि स्टेट पेंशन जो राज्य की समेकित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) से दी जाएंगी उन पर राज्य को कानून बनाने का अधिकार है। देश ने 2004 तक जो विकास किया और अभी भी जो कर र��ा है उसमें OPS वाले कर्मचारियों का ही अधिक योगदान है।
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तीन कोचिंग छात्रों के आत्महत्या मामले पर राज्य सरकार सहित तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया
तीन कोचिंग छात्रों के आत्महत्या मामले पर राज्य सरकार सहित तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया
कोटा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कोटा में तीन कोचिंग छात्रों के आत्महत्या मामले पर राज्य सरकार सहित तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में राज्य सरकार, केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष को नोटिस भेजा है। आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने मीडिया में आयी खबरों पर खुद संज्ञान लिया है और महसूस किया कि निजी कोचिंग संस्थानों के…
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कोटा आत्महत्या: मानवाधिकार निकाय ने 'निजी कोचिंग संस्थानों को विनियमित' करने की आवश्यकता की पुष्टि की
कोटा आत्महत्या: मानवाधिकार निकाय ने ‘निजी कोचिंग संस्थानों को विनियमित’ करने की आवश्यकता की पुष्टि की
द्वारा पीटीआई नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राजस्थान सरकार, उच्च शिक्षा के केंद्रीय सचिव और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष को कोटा में तीन छात्रों द्वारा कथित आत्महत्या को लेकर नोटिस भेजा है। एनएचआरसी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि एक कोचिंग सेंटर के छात्रों ने 12 घंटे के भीतर दो अलग-अलग घटनाओं में कथित तौर पर आत्महत्या कर…
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सभी पर लागू होगा एमबीबीएस का नया नियम, पास होने के नहीं मिलेंगे अनगिनत मौके: हाईकोर्ट
सभी पर लागू होगा एमबीबीएस का नया नियम, पास होने के नहीं मिलेंगे अनगिनत मौके: हाईकोर्ट
एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे या नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक आवश्यक निर्देश। NEET क्लियर करने का मतलब यह नहीं है कि आप डॉक्टर बन जाएंगे। क्योंकि एमबीबीएस में प्रवेश के बाद भी आपको अच्छा प्रदर्शन बनाए रखना होता है। एमबीबीएस परीक्षा को क्रैक करने के लिए आप जितने अवसर चाहेंगे उतने अवसर आपको नहीं मिलेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने नए नियम बनाए हैं, जो सभी पर लागू…
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भोपालः गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय में पीजी सीटें दो से बढ़कर 11 हुई, उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने दी बधाई
– मध्यप्रदेश सरकार चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध: शुक्ल भोपाल, 20 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी), नई दिल्ली द्वारा गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय (जीएमसी), भोपाल के एनाटॉमी विभाग में 09 अतिरिक्त स्नातकोत्तर (पीजी) सीटों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस वृद्धि के साथ पीजी सीटों की संख्या दो से बढ़कर 11 हो गई है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने…
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निजी मेडिकल कॉलेजों में 50% सीटों की फीस सरकार के बराबर होनी चाहिए: एनएमसी दिशानिर्देश
निजी मेडिकल कॉलेजों में 50% सीटों की फीस सरकार के बराबर होनी चाहिए: एनएमसी दिशानिर्देश
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने दिशानिर्देश जारी किए हैं कि निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50% सीटों की फीस राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस के बराबर होनी चाहिए। एनएमसी द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, “इस शुल्क संरचना का लाभ पहले उन उम्मीदवारों को मिलेगा, जिन्होंने सरकारी कोटे की सीटों का लाभ उठाया है, लेकिन संबंधित मेडिकल कॉलेज की कुल स्वीकृत संख्या के 50%…
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#निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस#भारतीय एक्सप्रेस#मेडिकल कॉलेज की फीस#राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग चिकित्सा#सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस
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एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स की याचिका पर SC ने केंद्र से मांगा जवाब - टाइम्स ऑफ इंडिया
एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स की याचिका पर SC ने केंद्र से मांगा जवाब – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स की ओर से दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से जवाब मांगा.ए.एम.सीधारा 34 को चुनौती देने वाली मुंबई (व्यक्तियों के व्यायाम करने के अधिकार) राष्ट्रीय आयोग भारतीय चिकित्सा प्रणाली अधिनियम, 2020 और राष्ट्रीय आयोग के लिए होम्योपैथी अधिनियम2020 हेमंत गुप्ता की बेंच और जस्टिस सुधांशु दुलिया एएमसी मुंबई द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य से…
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