#रामसर साइट
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मध्यप्रदेश के तवा जलाशय को ‘रामसर साइट’ की सूची में मिला स्थान
इटारसी। मध्यप्रदेश के तवा जलाशय को रामसर साइट के रूप में मान्यता मिली। इससे देश में रामसर साइट की सूची 82 से बढक़र 85 हो गई है। यह उपलब्धि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मिली है। पर्यावरण मंत्री राम निवास रावत ने अधिकारियों की टीम को बधाई दी है।केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने अपने ट्वीट में बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के तवा जलाशय को रामसर साइट के रूप में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा…
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उदयपुर को वेटलैंड सिटी व मेनार को रामसर साइट नामित कराने रोडमैप तैयार जल्द सरकार को भेजे जाएंगे प्रस्ताव; परामर्शदात्री कार्यशाला
उदयपुर को वेटलैंड सिटी व मेनार को रामसर साइट नामित कराने रोडमैप तैयार जल्द सरकार को भेजे जाएंगे प्रस्ताव; परामर्शदात्री कार्यशाला उदयपुर। उदयपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वेटलैंड सिटी नामित कराने तथा मेनार को रामसर साइट में शामिल कराने के प्रस्तावों पर रोडमैप तैयार करने के लिए राज्य वेटलैंड प्राधिकरण तथा वन विभाग उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को होटल ट्राइडेंट में परामर्शदात्री…
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भारत रामसर सूची में 11 और आर्द्रभूमि जोड़ता है, कुल मिलाकर टैली बढ़कर 75 हो जाती है, यहां विवरण प्राप्त करें
भारत रामसर सूची म���ं 11 और आर्द्रभूमि जोड़ता है, कुल मिलाकर टैली बढ़कर 75 हो जाती है, यहां विवरण प्राप्त करें
भारत ने 11 और रामसर साइटें जोड़ीं: भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, देश ने देश में रामसर स्थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि जोड़े हैं। रामसर एक टैग है जो आर्द्रभूमि या दलदल को दिया जाता है जिसे महान अंतरराष्ट्रीय महत्व का माना जाता है। रामसर स्थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमियों के जुड़ने से स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर भारत में ऐसे स्थलों की कुल संख्या 75 हो गई है।…
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जंगल से पेड़ काटने से रोकने पर बनरक्षी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या
जंगल से पेड़ काटने से रोकने पर बनरक्षी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या
बेगूसराय। जंगल से पेड़ काटने से रोकने पर वन विभाग के वनरक्षी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई। वनरक्षी रामदेव सदा उर्फ टोनी सदा का शव गुरूवार को जंगल से मिलने पर हड़कंप मच गया। पुलिस व वन विभाग की टीम मामले की छानबीन में जुटी है। घटना बिहार के इकलौते रामसर साइट काबर के बीचोबीच स्थित जयमंगलागढ़ के जंगल की है। बताया जाता है कि जंगल की सुरक्षा में तैनात वनरक्षी बुधवार की शाम घर से जंगल की देखभाल के…
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कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना
बेंगलुरू, 4 अगस्त (SK)। अगले तीन दिनों तक पूरे कर्नाटक में विशेष रूप से दक्षिण क्षेत्र में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इसकी संभावना भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जताई है। राज्य की राजधानी बेंगलुरु को भी दो और दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।इस बीच, कर्नाटक के मांड्या जिले में रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य, जिसे अंतरराष्ट्रीय महत्व की आद्र्रभूमि के रूप में अपनी स्थिति को रेखांकित करते हुए रामसर साइट घोषित किया गया था, लगातार बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति के कारण खतरे में आ गया है।ऐतिहासिक श्रीरंगपटना शहर के पास रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य दुनिया की 1 प्रतिशत से अधिक स्पॉट-बिल पेलिकन की आबादी का समर्थन करता है। यह रामसर मान्यता प्राप्त राज्�� का अब तक का पहला और एकमात्र जल निकाय है।कावेरी जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण, कृष्णा राजा सागर (केआरएस) बांध में जल स्तर काफी बढ़ गया है और बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। इससे श्रीरंगपटना कस्बे के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।पर्यटकों को विश्व प्रसिद्ध पक्षी रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य में प्रवेश से वंचित कर दिया गया है। अधिकारियों ने कावेरी नदी तट क्षेत्र में 1 किलोमीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।सूत्रों ने बताया कि, केआरएस बांध के पास स्थित रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य जलमग्न है और धीरे-धीरे पानी के नीचे आ रहा है जिससे पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों को खतरा है। ऐतिहासिक श्रीरंगपटना कस्बे के कई मंदिर पानी में डूब गए हैं।बाढ़ का पानी गंजम इलाके के मशहूर निमिषंबा मंदिर के दरवाजे तक पहुंच गया है। कावेरी नदी उफान पर है और चिंताजनक स्थिति पैदा कर रही है। अधिकारियों ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे नदी के किनारे न जाएं और पशुओं को चरने न दें।आईएमडी के अनुसार, बुधवार तक, बेंगलुरु में 63.3 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो पिछले पांच वर्षों में अगस्त के महीने में सबसे अधिक है। बागलकोट जिले के बादामी शहर, जिसमें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, में भी भारी वर्षा हो रही है।कर्नाटक में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है। तटीय क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने कहर बरपा रखा है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भारी बारिश से हुई तबाही का जायजा लेने के लिए उत्तर कन्नड़ के भटकल क्षेत्र का दौरा किया।बेंगलुरू में इस पूरे हफ्ते भारी बारिश हो रही है और अगले दो दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। शहर में इस महीने सामान्य से अधिक बारिश हो रही है।--SKपीटी/एसकेपी Read the full article
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Meerut News: देश का 47वां और यूपी का 10वां रामसर स्थल बना हैदरपुर वेटलैंड, जानिए क्या होता है वेटलैंड
Meerut News: देश का 47वां और यूपी का 10वां रामसर स्थल बना हैदरपुर वेटलैंड, जानिए क्या होता है वेटलैंड
मेरठवेस्ट यूपी की हैदरपुर वेटलैंड रामसर साइट घोषित की गई हैं। यह देश का 47वां और उत्तर प्रदेश का 10वां स्थल होगा। रामसर साइट का दर्जा मिलने के बाद अब संरक्षण के तौर तरीके बदल जाएंगे। केंद्र और प्रदेश सरकार यहां विकास के काम कराएंगी। यहां पर पक्षियों, जलीय जीवों, वन्य जीवों की कई-कई प्रजातियां मौजूद हैं। वैसे वेटलैंड हस्तिनापुर अभ्यारण्य में पहले से हैं। जो संरक्षण की श्रेणी में आता है यहां पर…
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जाने क्यों खास है असम की युवतियों द्वारा जलकुम्भी से विकसित किया मूरेन योगा मैट (Importance of a Moorhen Yoga mat developed from water hyacinth by Assam young girls)
जाने क्यों खास है असम की युवतियों द्वारा जलकुम्भी से विकसित किया मूरेन योगा मैट (Importance of a Moorhen Yoga mat developed from water hyacinth by Assam young girls)
असम के गुवाहाटी शहर के दक्षिण पश्चिम में “दीपोर बील” एक मीठे पानी की झील है । दीपोर बील के तट को रामसर साइट ( अंतराष्ट्रीय महत्व का एक आद्रभूमि) का मानयता प्राप्त है । इस दीपोर बील के तटीय क्षेत्र में रहने वाले मछुआरे समुदाय के 6 युवतियों ने जलकुम्भी से बायोडिग्रेडेबल योगा मैट विकसित किया है, जिसे मूरेन योगा मैट (Moorhen Upa Mat) का नाम दिया गया है । (more…)
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बेगूसराय का उत्तरी इलाका बन सकता है बिहार का पर्यटक हब, भेजा गया प्रस्ताव Divya Sandesh
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बेगूसराय का उत्तरी इलाका बन सकता है बिहार का पर्यटक हब, भेजा गया प्रस्ताव
बेगूसराय। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के उत्तरी इलाके के अच्छे दिन आने वाले हैं। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि तथा मिथिलांचल में मिनी देवघर के नाम से चर्चित गढ़पुरा के आसपास के इलाके तथा रामसर साइट काबर झील परिक्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं के साथ वर्तमान युवा पीढ़ी को अपने जिला एवं राज्य स्तरीय के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, पुरातात्विक धरोहर को विकास की गति प्रदान कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश विक्रम द्वारा डीएम से किये गए मांग के आलोक में गढ़पुरा के अंचल अधिकारी ने संभावित पर्यटकीय स्थल की स्थित (स्टेटस) प्रतिवेदन भेजा है।
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इसमें पर्यटकीय संभावना, महत्वपूर्ण दृष्टिकोण से ऐतिहासिक पुरातत्व, धार्मिक, पर्यावरणीय, ग्रामीण, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आने की संभावना आधारभूत संरचनाओं में निकट एनएच, एसएच, एमडीआर, निकटवर्ती रेलवे स्टेशन, निकटतम हवाई यात्रा एयरपोर्ट से दूरी सहित विस्तृत विवरण अग्रेतर कार्रवाई के लिए भेजा गया है। सिमरिया गंगा घाट सेेेे वीरपुर-मंझौल होते हुए हरिगिरी ��ाम गढ़़पुरा तक का कांवरिया पथ, खोदावंदपुर-भगवानपुर-मंसूरचक होते हुए झमटिया घाट बछवाड़ा तक एवं बखरी-डंडारी-बलिया-साहेबपुर कमाल-छर्रापट्टी-मुंगेर घाट कांवरिया पथ।
राम जानकी ठाकुरबारी, बाबा बौध बली स्थान, सहजानंद सरस्वती का सहजा डीह बिंदेश्वरी पुस्तकालय, माली देवी उदमी लाल पुस्तकालय एवं धर्मशाला ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह स्थल दुर्गा गाछी, पंंचू सिंह पोखर, नमक सत्याग्रह स्मारक, काबर झील पक्षी विहार के विशालकाय वन क्षेत्र को ऑर्गेनिक इको पर्यटन क्षेत्र में विकसित करने, हरसाईं स्तूप महात्मा बुद्ध का अस्थि कलश टीला, कांवरिया पथ में रजौड़ पोखर, महापंडित राहुल सांकृत्यायन आश्रम एवं अध्यात्मिक गुरु स्वामी राम चरण शरण शास्त्री आश्रम तथा स्मारक समाधी स्थल मणिकपुर गढ़पुरा को पर्यटन स्थलों का दर्जा देकर विकसित करने का प्रतिवेदन अंचलाधिकारी अस्मिता कुमारी ने जिला विकास शाखा बेगूसराय को अग्रेतर कार्यवाही के लिए प्रेषित किया है।
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मीठे-खारे पानी की आपस में जुड़ी दो झीलें वेटलैंड घोषित, लद्दाख की पहली, देश की 42वीं रामसर साइट
मीठे-खारे पानी की आपस में जुड़ी दो झीलें वेटलैंड घोषित, लद्दाख की पहली, देश की 42वीं रामसर साइट
Hindi News Local Delhi ncr Wetland Declared Two Lakes Interlinked With Sweet saltwater, Ladakh’s First, 42nd Ramsar Site Of The Country Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप नई दिल्ली15 घंटे पहले कॉपी लिंक लद्दाख के चांगथांग स्थित आपस में जुड़ी दो झीलों को वेटलैंड (आर्द्रभूमि) घोषित किया गया है। इनकी खासियत यह है कि ‘स्तार्तासापुक त्सो’ झील का पानी मीठा है, जबकि…
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मीठे-खारे पानी की आपस में जुड़ी दो झीलें वेटलैंड घोषित, लद्दाख की पहली, देश की 42वीं रामसर साइट [Source: Dainik Bhaskar]
मीठे-खारे पानी की आपस में जुड़ी दो झीलें वेटलैंड घोषित, लद्दाख की पहली, देश की 42वीं रामसर साइट [Source: Dainik Bhaskar]
लद्दाख के चांगथांग स्थित आपस में जुड़ी दो झीलों को वेटलैंड (आर्द्रभूमि) घोषित किया गया है। इनकी खासियत यह है कि ‘स्तार्तासापुक त्सो’ झील का पानी मीठा है, जबकि ‘त्सो कर’ का पानी खारा है। इसी के साथ ये झीलें लद्दाख की पहली और देश की 42वीं रामसर साइट बन गई हैं। स्तार्तासापुक त्सो का क्षेत्र 438 हेक्टेयर में फैला है। इसके उत्तर में त्सो कर है, जो 1800 हेक्टेयर में है। स्तार्तासापुक त्सो और त्सो कर को…
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38 साइटों के साथ, अब भारत में दक्षिण एशिया में सबसे अधिक रामसर साइट हैं। रामसरकोन ने उतराखण्ड में "आसन संरक्षण रिजर्व" को अंतर्राष्ट्रीय महत्व का स्थल घोषित किया है। _____________________________________ For Advertisement Contact us 📮 [email protected] +919661560824 Terms conditions- GST registration will be Most needed! https://www.instagram.com/p/CGZLOlaniuY/?igshid=421m90hyzkyb
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निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पानी की उपलब्धता की समीक्षा कर दिशा-निर्देश दिए।
घना पक्षी उद्यान जैव विविधता की दृष्टि से दुनिया का महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र है। पूरी दुनिया से दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी यहां विचरण के लिए आते हैं। ऐसे में इस पार्क के महत्व को बनाए रखने तथा यहां प्रचुर मात्रा में पानी की उपलब्धता के लिए वन, जल संसाधन एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सभी समुचित विकल्पों पर विचार कर प्रभावी कार्ययोजना बनाएं।
यह यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज साइट होने के साथ-साथ रामसर साइट भी है। पर्यटन के साथ-साथ पक्षियों पर रिसर्च के लिए भी इस उद्यान का अपना महत्व है। इस पार्क के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए समय रहते पानी उपलब्ध कराने के लिए गंभीर प्रयास किया जाना बेहद जरूरी है। इसके सभी विकल्प तलाशे जाएं।
बैठक के दौरान पांचना लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट की प्रगति की भी समीक्षा की। जल संसाधन विभाग के सचिव श्री नवीन महाजन को निर्देश दिए कि इस परियोजना का काम जल्द पूरा किया जाए, ताकि आगामी रबी सीजन में किसानों को इसका लाभ मिल सके।
प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि इस उद्यान के लिए प्रतिवर्ष 550 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता रहती है। उद्यान में पक्षियों तथा पारिस्थितिकी सन्तुलन बनाए रखने के लिए पानी की यह मात्रा प्राप्त होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उपलब्ध स्रोतों से बीते 20 सालों में अधिकतर समय पूरा पानी नहीं मिल सका है। जिसका असर यहां की जैव विविधता पर पड़ रहा है।
शासन सचिव जल संसाधन श्री नवीन महाजन ने जल की उपलब्धता को लेकर सभी स्रोतों के संबंध में वस्तुस्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विभाग सभी पहलुओं पर गुणावगुण के आधार पर विचार करते हुए उद्यान के लिए कार्ययोजना तैयार करने के प्रयास कर रहा है।
डीएफओ, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान श्री मोहित गुप्ता ने विगत 20 वर्षों में उद्यान में जल की उपलब्धता, वर्तमान स्थिति तथा संभावित समाधान को लेकर प्र��्तुतीकरण दिया।
बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री सुखराम विश्नोई, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्री जीवी रेड्डी, चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन श्री अरिन्दम तोमर, प्रमुख सचिव जलदाय श्री राजेश यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। भरतपुर के संभागीय आयुक्त श्री प्रेमचन्द बेरवाल तथा भरतपुर, करौली एवं सवाई माधोपुर के जिला कलक्टर, डीएफओ तथा अन्य अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंस से जुड़े।
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बेगूसराय की कांवर झील अब 'रामसर साइट्स' की लिस्ट में शामिल; बिहार की पहली और देश की 39 वीं ऐसी झील [Source: Dainik Bhaskar]
बेगूसराय की कांवर झील अब ‘रामसर साइट्स’ की लिस्ट में शामिल; बिहार की पहली और देश की 39 वीं ऐसी झील [Source: Dainik Bhaskar]
बेगूसराय की कांवर झील को देश का 39वां ‘रामसर साइट’ घोषित किया गया है। यह बिहार का पहला ‘रामसर साइट’ है। इसके साथ ही बेगूसराय की कांवर झील का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामने आया है। इंडियन बर्ड कंजर्वेशन नेटवर्क के स्टेट कॉर्डिनेटर अरविंद मिश्रा बताते हैं कि इसके लिए काफी दिनों से प्रयास किया जा रहा था। रामसर ऑथोरिटी तय करती है कि कौन सा वेटलैंड्स इसमें शामिल किया जा सकता है।
वर्ष 1972 में तेहरान…
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