ASI Murder Case में बड़ा खुलसल : कार्रवाई से गुस्साकर गांव के युवक ने एएसआई था, पुलिस के सामने कबूला सच
ASI Murder Case: कोरबा में बांगो पुलिस थाना के एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार की हत्या के मामले की गुत्थी सुलझ गई है। इस सिलसिले में कौनकोना गांव के करण गिरी को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की जांच पड़ताल के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हुई थीं। टेक्निकल टीम को मिले इनपुट के आधार पर आरोपी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने एएसआई की हत्या करने की बात स्वीकार की।
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#GodNightFriday
कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिसके हृदय में ज्ञान ही उत्पन्न नहीं होता और मन में श्रद्धा तथा विश्वास भी नहीं है, ऐसे अज्ञानी लगनरहित व्यक्ति के लिए सद्गुरु भी क्या करें? जैसे घन को घिसकर भला कहीं कुल्हाड़ी भी बनती है।
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Jail Road Mosque Verdict Today: आयुक्त कोर्ट आज जेल रोड मस्जिद पर सुनाएगा फैसला, धारा 163 हुई लागू, पुलिस बल तैनात
Jail Road Mosque Verdict Today: आयुक्त कोर्ट जेल रोड मस्जिद पर आज फैसला सुनाने वाला है. इसके अलावा इलाके में धारा 163 को शांति बनाए रखने के लिए लागू कर दिया गया है साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की कोर्ट ने अपील की है. आपको बतादें कि बहुत-सी चीजों की गतिविधियों पर भी अब प्रतिबंध लगा दिया है, जैसे कोई भी व्यक्ति डंडा, लाठी, कुल्हाड़ी, तलवार, गैंती और हथियार लेकर नहीं चल सकता.
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हे गणराया
.......
हे लंबकर्ण,
अब आए हो तो इतना काम करो,
अबलाओं का करुण रुदन श्रवण करो।
हे एकदंत
अब आए हो तो इतना काम करो,
दंत आयुध से सतीत्वहर्ताओं का मर्दन करो।
हे कमलधारी,
अब आए हो तो इतना काम करो,
दुखियारियों को विपत्तियों से पार करो।
हे तबरधारी(1),
अब आए हो तो इतना काम करो,
धर्म आततायियों का हरण करो।
हे देवांतकनाशकारी
अब आए हो तो इतना काम करो,
अनाचारियों का विनाश करो।
हे धूम्रकेतु,
अब आए हो तो इतना काम करो,
कुकर्मियों का संहार करो।
हे अंकुशधारी,
अब आए हो तो इतना काम करो,
नियंत्रण जरा अत्याचारियों पर करो।
हे पाशधारी,
अब आए हो तो इतना काम करो,
बंधन जरा दुष्कर्मियों पर धरो।
हे विघ्नेश्वर,
अब आए हो तो इतना काम करो,
समस्त संसार से बाधाएं हरो।
- विवेक अग्रवाल
गणेशोत्सव 2024
(1>कुल्हाड़ी-धारी)
....
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jamshedpur rural- आपसी विवाद को लेकर जादूगोड़ा में पत्नी की हत्या, आरोपी पति गिरफ्तार
गालूडीह: जादूगोड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत उलदा पंचायत के दिगड़ी गांव में मंगलवार को पति ने अपनी पत्नी की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी. मिली जानकारी के अनुसार दिगड़ी गांव निवासी लुधा कैवर्त ने मंगलवार दोपहर करीब दो बजे अपनी पत्नी गुरुवारी कैवर्त (35) की गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी. कुल्हाड़ी की मार इतनी तेज थी कि महिला की मौके पर ही मौत हो गयी. घटना के बाद ग्रामीणों ने जादूगोड़ा थाना प्रभारी…
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मां की हैवानियत; महिला ने कुल्हाड़ी से काट डाली बेटा और बेटी की गर्दनें, जिसने भी मंजर देखा; कांप गया कलेजा
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के रायसेन से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक मां ने हैवानियत की सारे हदें पार करते हुए अपने जिगर के टुकड़े को मौत के घाट उतार दिया। आरोपी महिला ने अपने 3 साल के बेटे और 5 साल की बेटी की गर्दन को एक झटके में कुल्हाड़ी से काट डाला। घटना के सूचना मिलते ही आस-पास के इलाकों में हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी जैसी ही पुलिस को मिली उन्होंने तुरंत हत्यारी मां को…
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14 September Hindi Diwas Par Visesh : हिन्दी की उपयोगिता क्या असंभव है?
14 सितंबर 2024 राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर विशेष:
आज से पचपन वर्ष पूर्व हिन्दी को राजभाषा बनाने का प्रस्ताव अहिन्दी भाषियों ने रखा था, जिसका अनुमोदन व समर्थन भी अधिकतर अहिन्दी भाषियों ने ही किया था जिनमें प्रमुख है तमिल भाषी गोपाल स्वामी अयंगार ने प्रस्ताव रखा तो समर्थन व अनुमोदन करने वालों में मराठी भाषा के श्री शंकर देव, उर्दू भाषा के मौलाना अबुल कलाम आजाद, गुजराती के श्री के. एम. मुंशी, तेलुगु भाषी श्रीमती दुर्गाबाई, कन्नड़ भाषी श्री कृष्णमूर्ति थे। आज की परिस्थितियाँ क्या है हिन्दी की तूंती केवल हिन्दी भाषी ही बजा रहे हैं अथवा हिन्दी से संबंधित, हिन्दी से जुड़े लोग ही 'हिन्दी हिन्दी' कह रहे हैं, चिल्ला रहे है, 'हिन्दी दिवस' आदि मना रहे है, जबकि उनकी अपनी संतान ही हिन्दी समाचार पत्र के शीर्षक तक पढ़ने में अपने आपको छोटा मानने लगे है। अभी अभी हैदराबाद के प्रसिद्ध हिन्दी प्रशिक्षण महाविद्यालय के भूतपूर्व प्राचार्य जी की मरणोप��ांत समस्त पुस्तक संपादा चने-बटाने की दुकानों पर पुड़ियाँ बाँधने में काम आ रहे है। हम हमारे पूर्ववर्ती पीढ़ी से कुछ हिन्दी, स्वभाषा, स्वदेश प्रेम सीखे थे वही हम हमारी परवर्ती पीढ़ी को अपने वारिस को क्या बना कर छोड़ रहे हैं, उनके मन में हमारे प्रति हमारी पुस्तकों के प्रति कोन-सी धारना उत्पन्न कर पा रहे हैं। वे अंग्रेजी माध्यम से पढ़े इंजीनियर डाक्टर, आफिसर कलेक्टर बने इसमें कोई आपत्ति नहीं है पढ़ने तथा हिन्दी के कार्यान्वयन के प्रति क्यों प्रेरित कर नहीं पा रहे है। हिन्दी तब ही पनपेगी, उभरेगी जब अहिन्दी भाषी हिन्दी का प्रयोग करें, अंग्रेजी विद्धान तथा अंग्रेजी वीर अभिमानी भी हिन्दी में बात करने, पढ़ने और कुछ लिखने में स्वयमेव गौरव का अनुभव कर सके।
आज हिन्दी की वह स्थित नहीं जो पहले केवल साहित्यिक तक ही सीमित थी। अब तो ऑक्स्फ़ोर्ड शब्द कोश में ढेर सारे हिन्दी शब्दों को अंकित किया गया। दुनिया के कोने-कोने में हिन्दी का प्रयोग धीरे-धीरे हो रहा है। कंम्यूटर पर हिन्दी में कार्य करने के लिए हिन्दी में श्रीलिपिण लीप ऑफिस, आई-लीप, 'गुरु' मल्टीमीडिया, अक्षर, आकृति जैसे कई सॉफ्टवेयरों का निर्माण कार्य गति से चल रहा है। कंप्यूटर क्षेत्र में विश्व के सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसाफ्ट ने अपना बहुप्रसिद्ध उत्पाद एम. एस. ऑफिस और विंडोस हिन्दी में भी उपलब्ध करा रही है। अमेरिका में विशेषकर मैक्सिकों में विदेशी युवा हिन्दी सीख रहे है। सिलीकान वैली में भारतीय इंजीनियरों का बोल-बाला रहने के कारण उनके यहाँ काम करने व सहयोग देने हेतु कई विदेशी बच्चे हिन्दी सीख रहे हैं और हम विदेश भागने के लिए हिन्दी छोड़ अंग्रेजी ही रट लगाए बैठे हैं। अपनी धारणा बदलनी होगी, हमें हिन्दी को सुदृढ़ बनाना है तो हमें पहले अंग्रेजी भाषा पर भी समान प्रवीणता प्राप्त करनी होगी अन्यता वही कहेंगे कि हिन्दी वालों को अग्रेजी नहीं आती है, वे अंधा-घूंध अंग्रेजी की अहमियत जाने बगैर ही अंग्रेजी का विरोध कर रहे हैं, वे अंग्रेजी विरोधी है, कहकर हमें सभी के विरोधी करार दिये जा रहा है अतः हमें अंग्रेजी का विरोध नहीं अंग्रेजीयत के 'लत' का विरोध करना है। हिन्दी से जुड़े लोग हिन्दी की बात या 'हिन्दी दिवस', हिन्दी सप्ताह/ पखवाडे' मनाने अपना ढोल अपनी बीन आप बजाय जैयी बात लगेगी। अतएव हमें हिन्दी के स्थान के साथ-साथ प्रादेशिक भाषाओं को भी बढ़ावा देने से ही हिन्दी की उपयोगिता व कार्यान्वयता बढ़गी, अपन निजी व्यवहार में भी प्रादेशिक भाषाओं में वार्तालाप करने-मेल-मिलाप बढ़ाने, तत्संबंधित गति विधियों में भाग लेने से आवश्यकतानुसार अंग्रेजी में भी कार्य करते हुए हिन्दी को आगे बढ़ाना होगा। सच कहा जाए तो विद्यालय और महाविद्यालयों में हम हिन्दी अध्यापनाकर्ता अंग्रेजी न जानने वाले नमूने गिने जाने के कारण ही हमारा कार्य व व्यवहार गंभीर तथा आदर्श नहीं रहने के कारण भी अपनी कुल्हाड़ी अपने पैर पर चलाने के आदि हो गए हैं। हिन्दी की कार्यान्वयन की समस्या वास्तव में कोई समस्या ही नहीं है, यह तो केवल मानसिक स्थिरता और साहसिक पहल की बात है। हम अपनी आत्मा को टटोलकर पूछे कि अपनी निजी व्यवहार में क्या हिन्दी का प्रयोग कर रहे हैं कम से कम प्रति दिन हम कितने शब्द लिखते हैं और पढ़ते हैं। आज हम सब 'साक्षर' है परंतु 'स्वाक्षर' नहीं। पिछली बार हमने देखा विगत सरकार का पलड़ा कैसे पलट गया उसका एक मात्र कारण उनके द्वारा अपनायी गई नीति व व्यवहार कुशलता थी, जो 'फील-गुड' के अंग्रेजी शब्द का प्रचार कर गये जिसे हिन्दुस्तानी समझ नहीं पाये और उसी सरकार के सूत्रधार कहे हिन्दी पत्र पत्रिकाओं की समीक्षा को छोड़ विदेशी पत्र-पत्रिकाओं तथा अंग्रेजी पत्रिकाओं और 'लैप- टैप' पर ही संपूर्ण विश्वास रखा। जमीनी जरुरतों व जमीनी भाषा का अनदेखा का प्रभाव सरकार पलटने में काम कर सकती है तो क्या प्रशासन व शासन करने में क्या अपना प्रभाव नहीं दिखा सकता। अतः अपना देश, अपना वेश, अपनी भाषा अपना कार्य ही अपने लिए श्रेयस्कर सिद्ध होगा।
Happy Hindi Diwas 2024
हिन्दी दिवस पर अधिक आलेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें : राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस
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Dr. Mulla Adam Ali Hindi Language and Literature Blog
डॉ. मुल्ला आदम अली हिंदी भाषा और साहित्यिक यूट्यूब चैनल
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#GodMorningMonday
#संतरामपालजीके_परोपकारी_कार्य
कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिसके हृदय में ज्ञान ही उत्पन्न नहीं होता और मन में श्रद्धा तथा विश्वास भी नहीं है, ऐसे अज्ञानी लगनरहित व्यक्ति के लिए सद्गुरु भी क्या करें?
जैसे घन को घिसकर भला कहीं कुल्हाड़ी भी बनती है।
Social reformer Sant Rampal Ji
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कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिसके हृदय में ज्ञान ही उत्पन्न नहीं होता और मन में श्रद्धा तथा विश्वास भी नहीं है, ऐसे अज्ञानी लगनरहित व्यक्ति के लिए सद्गुरु भी क्या करें?
जैसे घन को घिसकर भला कहीं कुल्हाड़ी भी बनती है।
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कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिसके हृदय में ज्ञान ही उत्पन्न नहीं होता और मन में श्रद्धा तथा विश्वास भी नहीं है, ऐसे अज्ञानी लगनरहित व्यक्ति के लिए सद्गुरु भी क्या करें?
जैसे घन को घिसकर भला कहीं कुल्हाड़ी भी बनती है।
Social reformer Sant Rampal Ji
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कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिसके हृदय में ज्ञान ही उत्पन्न नहीं होता और मन में श्रद्धा तथा विश्वास भी नहीं है, ऐसे अज्ञानी लगनरहित व्यक्ति के लिए सद्गुरु भी क्या करें?
जैसे घन को घिसकर भला कहीं कुल्हाड़ी भी बनती है।
Social reformer Sant Rampal Ji
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कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिसके हृदय में ज्ञान ही उत्पन्न नहीं होता और मन में श्रद्धा तथा विश्वास भी नहीं है, ऐसे अज्ञानी लगनरहित व्यक्ति के लिए सद्गुरु भी क्या करें?
जैसे घन को घिसकर भला कहीं कुल्हाड़ी भी बनती है।
Social reformer Sant Rampal Ji
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#GodMorningFriday
कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिसके हृदय में ज्ञान ही उत्पन्न नहीं होता और मन में श्रद्धा तथा विश्वास भी नहीं है, ऐसे अज्ञानी लगनरहित व्यक्ति के लिए सद्गुरु भी क्या करें? जैसे घन को घिसकर भला कहीं कुल्हाड़ी भी बनती है।
कबीर, हिरदे ज्ञान न उपजें, मन परतीत न होय । ताको सदगुरु कहा करे, घनघसि कुल्हर न होय ।
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कबीर साहेब जी कहते हैं कि जिसके हृदय में ज्ञान ही उत्पन्न नहीं होता और मन में श्रद्धा तथा विश्वास भी नहीं है, ऐसे अज्ञानी लगनरहित व्यक्ति के लिए सद्गुरु भी क्या करें? जैसे घन को घिसकर भला कहीं कुल्हाड़ी भी बनती है।
कबीर, हिरदे ज्ञान न उपजें, मन परतीत न होय । ताको सदगुरु कहा करे, घनघसि कुल्हर न होय ।
देखें साधना टीवी चैनल 7.30 pm.
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jamshedpur rural-जादूगोड़ा के गोपालपुर में शराब कारोबारी के घर पर युवक की हत्या, आरोपी फरार
जादूगोड़ा: जादूगोड़ा थाना अंतर्गत गोपालपुर गांव के बोंडी टोला का रहने वाला रवि भक्त को शराब माफिया ने कुल्हाड़ी से काटकर मौत के नींद सुला दिया. बताया जा रहा है कि रवि भक्त का मोबाइल गुम हो गया और यह मोबाइल खोजने गौरी शंकर भगत, दुर्गा शंकर भक्त, व उत्तम कुमार भक्त तीनों भाई के शराब के अड्डे पर पहुंचा. उसके पिता प्रमोथी भक्त से अपना मोबाइल की मांग की. फिर क्या था दोनों को बीच बहस शुरू हुई और…
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