#राजस्थान बजट सत्र
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bikanerlive · 4 months ago
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बजट प्रतिक्रिया
बजट प्रतिक्रियाआपणो अग्रणीराजस्थान का बजट ” 2024-25 ” राजस्थान के सर्वांगीण एवं बहुआयामी विकास हेतु समर्पित वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट को लेकर राजस्थान विधानसभा में आयोजित बजट सत्र की कार्यवाही में सहभागिता सुनिश्चित की।बजट में बीकानेर को मिली अनेक सौगातें,इन घोषणाओं से बीकानेर में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। विजय बाफनामहामंत्रीअंतर्राष्ट्रीय वैश्य…
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ykpurohit · 1 year ago
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Dear sir,
Good morning ..
in this post i feel the sound of prayers ..you are praying for betterment of all .
we know life move by time or nature or nature and time of God . Or God need our full consciousness ,sub- consciousness or unconsciousness too .
here i lived busy in writing or drawing work in studio or out to studio i joined to two events ,one was red cross on World Doctors day or second was reward function .so i write to that both activity of my city and shared on my social media pages with Photographs ..
मित्रों आज विश्व चिकित्सक दिवस है और इस अवसर पर मुझे आमंत्रण भेजा साहित्यकार राजेंद्र जोशी जी ने इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी राजस्थान के तत्वावधान में आयोजिते होने वाले राज्य स्तरीय दो दिवसीय समारोह के लिए ! समारोह राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में रखा गया है !
समारोह के प्रथम दिन के प्रथम सत्र में रेड क्रॉस सोसाइटी राजस्थान के अध्यक्ष श्री राजेश कृष्ण बिरला मुख्य अतिथि रहे , उनके साथ पेनल में शामिल रहे डॉ. विजय खत्री , साहित्यकार राजेंद्र जोशी, डॉ. तनवीर मालावत,सर रमेश मुंधड़ा और डॉ. सी एस मोदी, सर वेदप्रकाश शर्मा आदि !
औपचारिक स्वागत और सम्मान के बाद समारोह आरम्भ हुआ जिसका सञ्चालन सर ज्योति प्रकाश रंगा ने किया !
रेडक्रॉस के इस दो दिवसीय समारोह का उदेश्य जहा तक मैं समाज पाया बिना किसी ब्रोव्सर और फोल्डर के वो यही लगा की लोगो को शिक्षित किया जाए प्रेरित किया जाए देह दान के लिए , अंग दान के साथ साथ नशामुक्ति के लिए चिकित्सा व्यवस्था को पूर्ण सहयोग के लिए !
इस उपक्रम में लेडी डॉ. खत्री ने अपना प्रपत्र प्रस्तुत किया विज़ुअल्स के साथ जिसमे चिकित्सा और उसके पौराणिक प्रमाणों को प्रस्तुत करते हुए देहदान के लिए प्रेरित करता हुआ उनका प्रपत्र रहा !
प्रथम सत्र और प्रपत्र की प्रस्तुति के बाद समारोह के मुख्य अतिथि और राजस्थान रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष सर राजेश कृष्ण बिरला जी ने रेडक्रॉस सोसाइटी के आगामी कार्य योजना को बताया साथ ही बीकानेर रेडक्रॉस टीम के महत्वपूर्ण योगदान के लिए बीकानेर रेडक्रॉस टीम की भूरी भूरी प्रशंशा मंच से की !
रेडक्रॉस टीम बीकानेर द्वारा चिकित्सक दिवस पर बीकानेर के प्रतिष्ठित और कर्मठ चिकित्सकों का सम्मान मंच से सर राजेश कृष्ण बिरला जी के कर कमलों से करवाया !
कुछ विचारणीय बिंदु मुझे भी मिले विचारने को उस समारोह से !
जैसे की एक वक्ता ने डेस्क से कहा की इंसान मरने के बाद भी जिन्दा रहते है रह सकते है ! और उनसे अगले वक्ता ने कहा की चिकित्सा विभाग को 16 करोड़ का बजट मृत शरीर को सुरक्षित रखने को दिया जाता है ! विचार आया की अगर पुरे भारत देश में जितने करोड़ो रूपए मृत शरीर को सुरक्षित रखने को खर्च होते है उतने करोड़ो रूपए को ��गर जीवित इंसानो पर खर्च कर दिया जाए रो मृत शरीर को सुरक्षित रखने की शायद आवश्यकता ही न पड़े या बिलकुल ना के बराबर ! खेर ये एक विचार था जो यथार्त से बिलकुल परे ही है !
एक विचार ये भी आया की मृत शरीर की एक बैंक हिंदुस्तान के उन बर्फीले स्थनो में बना ली जाये जहाँ 12 महीने बर्फ जमी रहती है उस स्थिति में मृत शरीर भी सुरक्षित रजाएंगे और देश का पैसा भी सुरक्षित रह सकता है !
भी आयी समारोह में की ड्राइविंग लाइसेंस में ही देहदान की स्वीकृति लीजाये लाइसेंस धारक से ताकि दुर्घटना के दौरान मृत ड्राइवर की देह को तुरंत सुरक्षित करते हुए उसके अंग काम में लिए जा सके ! तो विचार आया की छीन भिन्न देह से जरुरी अंग प्रत्यंग को निकलना और उसे काम में लेना चिकित्सक के लिए एक कबाड़ी के जैसा कार्य हो जाएगा जो उनके अध्ययन का विषय ही नहीं है !
जब ये विचार आ रहे थे उसी समय मुझे ग्रेट मास्टर लेओनार्दो दा विन्सी याद आये जिन्होंने मृत शरीर घर्म में ला ला कर उनके आंतरिक संरचना के रेखा चित्र बनाये जिसे चिकित्सा विज्ञान आज भी उपयोग में लेरहा है शरीर संरचना के अध्ययन के विषय में ! खैर ये सब विचार थे कुछ पलों के जिसे साझा कर दिया सत्य के साथ बिना किसी उदेश्य के !
समारोह के प्रथम सत्र के समापन का अंतिम रूप था एक शार्ट फिल्म जिसका विषय था नशा मुक्ति और जिसे बनवाया मेडिकल कॉलेज बीकानेर और बीकानेर पुलिस विभाग ने !
शार्ट फिल्म की पटकथा लिखी है बीकानेर के रंगकर्मी सर मो. रफीक पठान साहब ने और फिल्म में अभिनय किया है बीकानेर रंग कर्म के प्रतिष्ठित रंगकर्मियों ने जिनमे वरिष्ठ रंग कर्मी सर प्रदीप भटनागर , दीपांशु पांडये , मेम पूनम चौधरी आदि ने युवा पीढ़ी पर हो रहे नशे के प्रभाव और आदत से आने वाली लाचारी और बीमारी के बाद सीधे मौत को बखूभी अभिनय से !
यहाँ कुछ छाया चित्र मेरे कैमरा की नजर से आज के प्रथम दिन के सत्र के आप के अवलोकन हेतु !
मित्रों प्रेरणा प्रतिष्ठान के वार्षिक पुरस्कार समारोह में मेरे शामिल होने का अवसर बनाया अपने आमंत्रण या सुचना से साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार जी ने ! समारोह आयोजित हुआ अजित फाउंडेशन के सभागार में ! पुरस्कार युवा वैज्ञानिक डॉ. पंकज जोशी को मिला अमर कीर्ति सम्मान और साहित्यकार संजय पुरोहित को मिला राजरत्न सम्मान ! सम्मान प्रदान करने वालो में समारोह के अध्यक्ष रहे राजस्थानी साहित्य के साहित्यकार श्री कलम रंगा जी मुख्य अतिथि रहे डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य जी ( राजस्थानी भाषा साहित्य एम संस्कृति अकादेमी के पूर्व सचिव ) और विशिष्ट अतिथि रहे साहित्यकार असफाक कादरी साहेब ! मंच सञ्चालन किया साहित्यकार कवि बाबू लाला छंगाणी ( बम चकरी ) जी ने तो स्वागत उद्बोधन दिया डॉ. अजय जोशी जी ने संस्था प्रभारी प्रेम रतन व्यास जी ने प्रेरणा प्रतिष्ठान के बारे में जानकारी दी तो संस्था के 1985 से निरंतर इस सम्मान को जारी रखने की इस विशेष बात सब के साथ साझा की मंच से !
सम्मान प्रक्रिया के बाद साहित्यकार संजय पुरोहित और युवा वैज्ञानिक डॉ. पंकज जोशी ने सदन और अपने पिता के साथ परिवार का आभार ज्ञापित किया साथ ही अपने अपने जीवन यथार्थ संस्मरण मंच से साझा किये अपने सृजन पथ के ! जो प्रेरक थे युवा साथियों के लिए !
साहित्यकार असफाक कादरी जी और डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य जी ने दोनों प्रतिभाओं को आशीर्वाद दिया तो साहित्यकार और समारोह के अध्यक्ष कमल रंगा जी ने आशीर्वाद दिया , साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी जी ने प्रेरणा प्रतिष्ठान की इस गति विधि को बीकानेर के जिन्दा होने की बात का सबूत माना , उन्होंने कहा की किसी शहर की पहचान उसके खान पान से नहीं बल्कि उसेक सांस्कृतिक मूल्यों से होती हैं और सांस्कृतिक मूल्य कला साहित्य के साधकों में मिलती है उन्हें पोषित करने वाली संसथान प्रेरणा संस्थान इसका जीवन उदहारण प्रस्तुत कर रही है , इस बात के साथ की बीकानेर अभी जिन्दा है जिन्दा लोगो का शहर है !
समारोह के अंत ज्ञापित किया साहित्यकार विप्लव व्यास ने !
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you have a great day sir ..
warm regards
Yogendra kumar purohit
Master of Fine arts
Bikaner,India
DAY 5613
Jalsa, Mumbai                 June 30/July 1,  2023                 Fri/Sat 11:56 AM
🪔 .. July 01 .. birthday love and greetings to Ef Alla Ukhina from Russia 🇷🇺 .. Ef Pralhad Mukundrao Thorwate from Nanded .. and .. Ef Vidya Advitiya .. ❤️🙏🏻🚩
.. and .. wishes to Ef Lakshmi Akka .. for her Wedding Anniversary on July 01st .. 
..
And .. July 01 .. is National Doctors’ Day .. 🩺
.. the rain it raineth every day .. and brings succour to the parched land after all these months of the warm weather and the cause for heat strokes that was suffered by several .. prayers .. 🙏 ..
and the Ashadi Ekadashi pooja and aarti conducted in Sion, at the home temple of RoVin my dear friends and music aficionados  .. a blessing ever .. and the humble surroundings .. and the love and care by them that visit .. 
It is the simple things in life that remain .. and this shall ever remain ..
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.. for hours they that live around in the vicinity waited for the ‘aarti’ to be done .. and such a privilege and an honour to have been given this opportunity .. truly blessed .. 
and late into the night to meet all and to spend time with some of the future world genius minds .. who educate me on AI and what lies in store for us all .. and how gradually our minds shall be overtaken , if it isn’t already, by AI and the technology of the future .. such innovative ideas .. exciting but frightening at the same time .. 
Where exactly are we going .. 
My parents were bewildered by the mobile .. I am stunned by AI .. what will the grandchildren face and be amazed by .. !!!??
The rain it raineth .. every day .. and the World it changeth every day .. and ne’er shall there be a change of course  !!
And as you drive away it all simulates ..
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.. the rain .. the car .. the thoughts and the music on the Bluetooth  ..
My love 
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Amitabh Bachchan
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newswave-kota · 2 years ago
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‘कोटा वाला कोचिंग’ से रोज मात्र 5 रू फीस में प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग
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नया सत्र- कोटा में सबको सस्ती व अच्छी कोचिंग देने की शुरूआत, कक्षा-8वीं से 12वीं पास तक के विद्यार्थियों को अनुभवी फैकल्टी देंगे इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की क्लासरूम कोचिंग। न्यूजवेव @कोटा ‘पापा भरेंगे फीस शान से, बच्चे पढेंगे स्वाभिमान से’ इस उद्देश्य के साथ शिक्षा नगरी में हर वर्ग के विद्यार्थियों को ‘कोटा वाला कोचिंग’ संस्थान द्वारा मात्र 5 रू. फीस में इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिये क्लासरूम कोचिंग दी जायेगी। इस वर्ष देश में 40 शहरों सहित राजस्थान के तीन शहरों कोटा, जयपुर व सीकर में इसके अध्ययन केंद्र खोले जा रहे हैं।
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‘कोटा वाला कोचिंग’ (KoCo) के निदेशक राजेश गांधी ने पत्रकारों को बताया कि वे गरीब बेटियों को अफसर बनाने के लिये गुजरात व महाराष्ट्र में 2013 से ‘अफसर बिटिया’ अभियान चला रहे हैं। आज देश के सभी राज्यों से प्रत्येक वर्ग के बच्चे कोटा आकर क्वालिटी कोचिंग लेना चाहते हैं लेकिन यहां के कोचिंग संस्थानों में महंगी फीस, हॉस्टल व मैस खर्च का सालाना बजट 3 से 8 लाख रू तक पहुंच जाता है, जो गरीब अभिभावकों के लिये चिंता का विषय है। वे जमीन, जेवर गिरवी रखकर या कर्ज लेेकर बच्चों को कोटा में कोचिंग के लिये भेज रहे हैं। सभी बडे़ कोचिंग संस्थानों इस वर्ष फीस में वृद्धि कर चुके हैं। इस वर्ष कोटा में दो अध्ययन केंद्र
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कोको (KoCo) के वाइस प्रेसीडेंट एकेडेमिक अमित जैन ने बताया कि सामाजिक सरोकार के तहत सभी वर्गों के बच्चों को नाममात्र शुल्क पर स्तरीय क्लासरूम कोचिंग देने के उद्देश्य से ‘कोटा वाला कोचिंग’ की शुरूआत की गई है। शहर के राजीव गांधी नगर एवं रोड नंबर-2 इंडस्ट्रियल एरिया, विज्ञाननगर में दो अध्ययन केंद्रों पर पहले वर्ष 4 हजार बच्चों को ऐसे 16 अनुभवी फैकल्टी पढायेंगे जिन्हें 10 वर्ष से पढाने का अनुभव है। फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स या बायोलॉजी प्रत्येक विषय की कक्षायें 90 मिनट की होंगी, जिससे रोज सिर्फ 15 रू शुल्क में बच्चे साढे चार घंटे क्लासरूम कोचिंग ले सकेंगे। उन्हें डीपीपी, टेस्ट सीरिज, मॉड्यूल्स, डाउट काउंटर्स जैसी सुविधायें दी जायेंगी। वाइस प्रेसीडेंट प्रशासन रामकुमार शर्मा ने कहा कि गांव के विद्यार्थियों में काबिलियत है, वे कोटा वाला कोचिंग पर नाममात्र शुल्क में स्वाभिमान के साथ पढेंगे, जिससे उन्हें अपनी पढाई के लिये माता-पिता पर कर्ज के ब��झ से मुक्ति मिलेगी और वे तनाव रहित होकर पढाई कर सकेंगे। ‘कोटा वाला कोचिंग’ पर नये सत्र के लिये प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। काउंसलिंग सत्र में 2 जीबी इंटरनेट कार्ड मुफ्त ‘कोटा वाला कोचिंग’ के निदेशक राजेश गांधी ने बताया कि काउंसलिंग सेशन में भाग लेने वाले कक्षा-8वीं से 12वीं पास विद्यार्थियों को इंटरनेट सुविधा के लिये 2 जीबी क्षमता का कार्ड निःशुल्क दिया जायेगा। जिससे वे जेईई-मेन तथा नीट की अधिकृत वेबसाइट से परीक्षा संबंधी सारी जानकारियां निशुल्क प्राप्त कर सकेंगे। वे सीए एवं यूपीएससी के लिये भी 5रू में सस्ती व बेहतर कोचिंग का कंसेप्ट लागू करेंगे। Read the full article
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ashokgehlotofficial · 2 years ago
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23-24 सितम्बर, 2023 को जयपुर में इंटरनेशनल राजस्थानी कॉन्क्लेव का आयोजन किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। उद्योग विभाग एवं राजस्थान फाउंडेशन के तत्वाधान में होने वाले इस वृहद् आयोजन के लिए 5 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
प्रवासी राजस्थानियों को एक सूत्र में बांधने के उद्देश्य से वर्ष 2023-24 के बजट में इंटरनेशनल राजस्थानी कॉन्क्लेव के आयोजन की घोषणा की थी। सितम्बर में आयोजित होने वाले इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव में राजस्थानी गौरव, साहित्य, व्यापार, परंपरा, संगीत, कला, संस्कृति, सामाजिक कल्याण, उद्यम, खान-पान एवं मनोरंजन आदि विषयों पर दिलचस्प सत्रों का आयोजन होगा। इसमें उद्यमशीलता एवं निवेश के अवसरों पर एक विशेष सत्र शामिल होगा। इसमें विश्व भर से प्रवासी उद्यमी भाग लेंगे। एनआरआर नीति में घोषित प्रवासी सम्मान पुरस्कार का शुभारम्भ भी इसी कॉन्क्लेव में किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 में राजस्थानी डायस्पोरा का महत्व समझते हुए ��ेतृत्व में पहली बार इंटरनेशनल राजस्थानी कॉन्क्लेव का आयोजन ��ुआ था। केवल अपने डायस्पोरा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना उस समय केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार के लिए एक अनूठी पहल थी। इसी तर्ज पर वर्ष 2003 में भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया था। अन्य राज्यों ने भी इस मॉडल को अपनाया है।
पिछले तीन वर्षों में प्रवासी राजस्थानियों के साथ संबंध मजबूत करने में राजस्थान फाउंडेशन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। फाउंडेशन नियमित रूप से प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि से जोड़ने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करवाता रहा है। कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी राजस्थान फाउंडेशन ने प्रवासियों की सहायतार्थ बड़ी भूमिका निभाई।
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avitaknews · 4 years ago
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Rajasthan Budget 2021: छात्रों को फ्री ड्रेस और किताब देने से लेकर रोडवेज में निशुल्क यात्रा की सुविधा तक, पढ़ें राजस्थान शिक्षा बजट की ये खास बातें
Rajasthan Budget 2021: छात्रों को फ्री ड्रेस और किताब देने से लेकर रोडवेज में निशुल्क यात्रा की सुविधा तक, पढ़ें राजस्थान शिक्षा बजट की ये खास बातें
राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य का बजट पेश किया। राजस्थान सरकार का यह तीसरा बजट है। इस साल राजस्थान सरकार ने पेपरलेस बजट पेश किया है। इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा के क्षेत्र पर विकास करने पर जोर दिया है। अशोक गहलोत ने ऐलान किया कि राज्य में 25 जिला मुख्यालयों में नर्सिंग विश्वविद्यालयों को खोला जाएगा। इसके अलावा उदयपुर में योग के लिए कॉलेज खोले…
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jhorar · 5 years ago
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सरकार (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); सरकार दो प्रकार की होती है :- केन्द्रीय/संघीय/भारत सरकार राज्य सरकार दोनो सरकारों के तीन अंग होते है :- व्यवस्थापिका :- कानून बनाना। कार्यपालिका :- कानून लागू करना। न्यायपालिका :- कानून की रक्षा / व्याख्या करना संसद         = राष्ट्रपति  + लोकसभा + राज्यसभा             विधानमण्डल = राज्यपाल + विधानसभा + विधानपरिषद प्रधानमंत्री - केन्द्रीय मंद्घत्रपरिषद - महान्यायवादी - S.C. मुख्यमंत्री - राज्यमंद्घत्रपरिषद - महाधिवक्ता - H.C. भारत सरकार केन्द्रीय व्यवस्थापिका :- केन्द्रीय व्यवस्थापिका/विधायिका = ससंद अनुच्छेद 79 :- इसमें संसद का उल्लेख है। संसद = राष्ट्रपति + लोकसभा + राज्यसभा संसद के अंग :- 3 सदन :- 2 (लोकसभा + राज्यसभा) संविधान के अनुसार वर्ष में कम से कम संसद के    अधिवेशन:-2 संसद के  दो अधिवेशनों के मध्य अधिकतम समय अन्तराल:- 6 माह अनुच्छेद 85 के अनुसार राष्ट्रपति संसद के सत्र को प्रारम्भ (सत्राहुत) व समाप्त (सत्रावसान) करता है। वर्तमान में संसद के अधिवेशन :- 3 ग्रीष्मकाल (बजट काल):- फ रवरी - मई मानसून काल :- जुलाई - सितम्बर शीत काल :- नवम्बर - दिसम्बर अनुच्छेद 118 संसदीय प्रक्रिया का उल्लेख है। संसद की प्रतिदिन की कार्यवाही :-समय 10-5 बजे तक इसे चार काल में विभाजित किया गया है:- 1. प्रश्रकाल 2. शून्यकाल 3. मध्यान्तर काल 4. प्रस्ताव काल आधे घण्टे की चर्चा  ताराकिंत, अताराकिंत या अल्प सूचना प्रश्न द्वारा दिये गये उत्तर में कोई तथ्य स्पष्ट न हुआ हो तो इस चर्चा को किया जाता है। यह चर्चा बैठक के अन्त��म आधे घण्टे (5.00-5.30) तक होती है लोकसभा में तीन दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को की जाती है। राज्यसभा में सभापति की अनुमति से कभी भी की जा सकती है। प्रश्रकाल :-  प्रतिदिन संसद की दोनो सदनो की बैठक के बाद कार्यवाही का प्रथम घण्टा शून्यकाल होता है। संसद सदस्यों द्वारा लोकमहत्व के मामले में मंत्रीपरिषद से प्रश्र पूछे जाते है। यह प्रक्रिया सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में 1721 में प्रारम्भ हुई। भारत में यह प्रक्रिया सर्वप्रथम 1892 के भारतीय परिषद अधिनियम से प्रारम्भ हुई। संसद में पूछे जाने वाले प्रश्र  1. ताराकिंत प्रश्र - जब संसद सदस्य द्वारा तुरन्त उत्तर प्राप्त करना हो तो वह प्रश्र के शीर्ष पर तारा लगा देता है। 10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है। इसका उत्तर मंत्री द्वारा तुरन्त मौखिक रूप में देना पड़ता है। प्रश्रों की संख्या सिमित होती है। पूरक प्रश्र भी पूछे जा सकते है। कोई प्रश्र ताराकिंत है या नही इस निर्णय अध्यक्ष या सभापति द्वारा किया जाता है। 2. अताराकिंत प्रश्र इसका उत्तर लिखित रूप में दिया जाता है 10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है। पूरक प्रश्र नही पूछा जा सकता। प्रश्रो की संख्या असिमित। 3. अल्प सूचना प्रश्र इनका सम्बन्ध किसी लोकमहत्व केे  तात्कालिन मामलों से होता है इसका जवाब 10 दिन की निर्धारित अवधि से पहले ही मंत्री द्वारा दिया जाता है। उत्तर मौखिक दिया जाता है। 4. गैर सरकारी सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र  मंत्री परिषद के अतिरिक्त अन्य सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र शून्य काल इस काल में बिना किसी सूचना के लोक महत्व का कोई भी प्रश्र उठाया जा सकता है तथा किसी मंत्री के उत्तर देने को कहा जा सकता है। इसे प्रश्र उत्तर सत्र भी कहते है। संसदीय व्यवस्था में शून्यकाल (1962) भारत की देन है। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव - अविलम्बनीय लोकमहत्व के किसी मामले की और किसी मंत्री का ध्यान आकर्षित करने हेतु। इसके स्त्रोत दैनिक समाचार पत्र होते है। यह नियम 1954 में बनाया गया। यह प्रस्ताव 10 बजे लिखित रूप में लिया जाता है। यह प्रस्ताव भारत की देन है। स्थगन प्रस्ताव/काम रोको प्रस्ताव - किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर वर्तमान कार्यवाही को रोककर सदन में चर्चा के लिए लाया जाता है। ऐसा मुद्दा/मामला स्पष्ट व तर्क पूर्ण होना चाहिए। इसके लिए सदन के 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है। इसके लिए स्पीक र की अनुमती आवश्यक है। प्रश्रकाल की समाप्ति पर यह पेश किया जाता है। विश्वास प्रस्ताव :- इसे राष्टपति के कहने पर पी.एम द्वारा लाया जाता है। इसके पारित होने पर 6 माह के लिए सरकार सुरक्षित हो जाती है। यह प्रस्ताव भारत की देन है। यदि यह बहुमत से स्वीकृत नही होता है तो सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है। अब तक 11 बार लगाया जा चुका है। अविश्वास प्रस्ताव :- यह विपक्षी दल या दलो द्वारा केवल लोकसभा में लाया जाता है। 50 सदस्यों का समर्र्थन आवश्यक बहुमत से पारित होन पर सरकार गिर जाती है। अब तक 27 बार पेश किया गया। 1978  में अविश्वास प्रस्ताव द्वारा मोराजी देसाई की सरकार को गिरा दिया गया।  27 वां 21 जुलाई 2008 मनमोहन सिह के विरूद्ध (19 वोटो से गिरा) प्रथम बार जे.एल. नेहरू के विरूद्ध 1963 में जे.बी. कृपलानी द्वारा लाया गया। निन्दा प्रस्ताव:- विपक्ष द्वारा लाया जाता है। 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक किसी एक मंत्री के विरूद्ध लाया जाता है। इसके लिए लिखित कारण/विशेष आरोप बताने होते है। पारित होने पर सरकार नही गिरती है। अनुच्छेद 108 - के द्वारा राष्ट्रपति संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाता है। संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता :- लोकसभा अध्यक्ष करता है। संसद के सदस्यों की योग्यता व अयोग्यता का निर्णय निर्वाचन आयोग के परामर्श से राष्ट्रपति करता है। दल-बदल कानून के आधार पर संसद के सदस्यों की योग्यता व आयोग्यता का निर्णय सदन के अध्यक्ष करते है। नोट :- अगर कोई संसद सदस्य लगातार बिना सूचित किये 60 दिनो तक संसद के सभी अधिवेशनों में अनुपस्थित रहता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है। अनुच्छेद 120 (1) के , द्वारा लोकसभा व राज्यसभा का अध्यक्ष किसी सदस्य को जो हिन्दी और अंगे्रजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नही कर सकता है उसकी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकता है। अनुच्छेद 88 के द्वारा के न्द्रीय मंत्रीपरिषद का कोई भी सदस्य तथा महान्यायवादी को यह अधिकार होगा की वह संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सक ते है परन्तु महान्यायवादी को किसी विधेयक पर मतदान करने का अधिकार नही है तथा मंत्री केवल उसी सदन में मतदान करता है जिसका वह सदस्य होता है। संसद की प्रथम बैठक 13 मई, 1952 को हुई थी। गणपूर्ति (कोरम) - सदन के अध्यक्ष सहित सदन की कुल सदस्य संख्या का 1/10 भाग  संसदीय समितियाँ :- 1. प्राकलन समिति :- 1950 में तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई की सिफारीश पर इसका गठन किया गया। कु ल सदस्य = 30 इसमें सभी सदस्य लोकसभा के सदस्य होते है। इसके अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा अध्यक्ष इन सदस्यों में से करते है जो सत्ता रूढ़ दल का होता है। वर्तमान अध्यक्ष :- मुरली मनोहर जोशी कार्यकाल 1 वर्ष कार्य :- सरकारी व्यय में मितव्ययता लाने के लिए सूझाव देना तथा वार्षिक बजट अनुमोदन की जाँच करना। संसद की स्थाई समिति। 2. लोकलेखा समिति :- कुल सदस्य - 22 15 लोकसभा से और 7 राज्य सभा से वर्तमान अध्यक्ष :- मल्लिकार्जुन खडग़े अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कि जाती है, जो विपक्षी दल का सदस्य होता है। कोई भी मंत्री इसका सदस्य नही बन सकता। कार्य :- नियंत्रक महालेखा परिक्षक द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट की सूक्ष्म जाँच करना। नोट :- इस समिति को प्राकलन समिति की जुडवा बहन कहते है। यह संसद की स्थायी समिति है। राज्यसभा (अनुच्छेद - 80)  मूल संविधान में नाम Council of State 23 अगस्त 1954 को इसका नाम बदलकर राज्यसभा कर दिया गया। गठन - 3 अप्रैल 1952  प्रथम बैठक - 13 मई 1952 विशेषताएँ :- संसद का द्वितीय/उच्च/स्थायी सदन है। संसद का ऐसा सदन जो कभी भंग नही होता है। योग्यता -   न्यूनतम आयु :- 30 वर्ष  भारत का नागरिक हो पागल दिवालिया व लाभ के पद पर न हो। संसद द्वारा निर्धारित योग्यताऐ निर्वाचन प्रणाली :- आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणी खुली मतदान प्रणाली। निर्वाचक मंडल :- देश की सभी विधानसभा के केवल निर्वाचित सदस्य अर्थाता निर्वाचित एम.एल.ए. राज्यसभा का कार्यकाल :- स्थायी सदन होता है। राज्यसभा कभी भंग नहीं होती है। संविधान में राज्यसभा सदस्यों की पदावधि निर्धारित नही कि और इसे संसद पर छोड़ दिया गया। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के आधार पर संसद ने कहा कि राज्यसभा के सदस्यों की पदावधि 6 वर्ष से अधिक नही होगी। सदस्यों का कार्यकाल :- 6 वर्ष तथा प्रत्येक दो वर्ष बाद कुल सदस्यों का 1/3 सदस्य सेवानिवृत हो जाते है तथा इतने ही सदस्य नये आ जाते है। निम्र अनुच्छेद में राज्यसभा क ो विशेष अधिकार दिये गये है। अनुच्छेद 249 -राज्यसभा राज्यसूची के किसी विषय को संघ सूचि का विषय घोषित कर सकती है। अनुच्छेद 312 :- नयी अखिल भारतीय सेवाओं का गठन /सर्जन और समाप्त कर सकती है। संविधान की अनूसूची 4 में राज्यसभा की सीटों के आंवटन का वर्णन है। राज्यसभा में राज्यो को समान प्रतिनिधित्व प्राप्त नही है बल्कि जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया गया है। 50 लाख की जनसंख्या तक प्रत्येक 10 लाख पर 1 सीट तथा 50 लाख से अधिक जनसंख्या पर 20 लाख की जनसंख्या पर 1 सीट  राज्यसभा की अधिकतम सीटें - 250  अधिकतम निर्वाचित सदस्य 238 अनुच्छेद 80 के द्वारा राष्ट्रपति अधिकतम मनोनीत करता है 12 जो किसी कला साहित्य विज्ञान व समाज सेवा से जुडे होते है। वर्तमान में सीटे - 245 वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित :- 229 वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित :- 4 नोट :-वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से - 3 तथा  पाण्डिचेरी से -1 सर्वाधिक राज्यसभा की सीटे :- यू.पी. - 31, महाराष्ट्र - 19, तमिलनाडु - 18 सबसे कम राज्यसभा की सीटें :- अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम, गोवा  नोट :- इन सभी राज्यों में राज्यसभा की सीट एक-एक राजस्थान में राज्यसभा की सीटें :- 10 अनुच्छेद 89 (1) राज्यसभा का सभापति - उपराष्ट्रपति.   उपसभापति - सदस्यो द्वारा निर्वाचित सभापति को निर्णायक मत देने का अधिकार होता है। उपसभापति अपना त्याग - पत्र सभापति को व सभापति अपना त्याग-पत्र राष्ट्रपति को देता है लोकसभा (अनुच्छेद - 81) प्रथम लोकसभा का गठन-17 अप्रैल, 1952 प्रथम बैठक- 13 मई 1952 प्रथम आम चुनाव - 1951-52 विशेषताएँ :-  संसद का प्रथम/ निम्र/ अस्थाई सदन है। सबसे लोकप्रिय सदन है। ��नप्रतिनिधि सदन है। योग्यता :- न्यूनतम आयु :- 25 वर्ष निर्वाचन प्रणाली:-  लोक सभा के सदस्यों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से व्यस्यक मताधिकार द्वारा किया जाता है। नोट:- राजीव गांधी सरकार के समय 61 वें संविधान संशोधन, 1989 के द्वारा मत डालने की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया। अनुच्छेद 83, कार्यकाल :- सामान्यत: 5 वर्ष/ अनिश्चित काल/ लोकसभा के विश्वास तक।  नोट:- 42 वें स. सशो.  1976 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष से बढ़ाकर छ: वर्ष कर दिया गया। 44 वें स. सविधान 1978 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 6 वर्ष से घटाकर पुन: 5 वर्ष कर दिया गया। अनुच्छेद 85 (2) समय से पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है ऐसा अब तक 9 बार हुआ है। आपातकाल में संसद कानून बना कर एक बार में एक वर्ष तक लोकसभा का कार्यकाल बढ़ा सकती है। नोट - 1976 में दो बार एक-एक वर्ष के लिए लोकसभा का कार्यलकाल बढ़ाया गया था। समान्य स्थिति में लोकसभा का कार्यकाल एक बार के लिए 6 माह तक बढ़ाया जा सकता है। नोट :- संसद के लिए क ोरम/गणपूर्ती कु ल सदस्यों का 1/10 होती चाहिए। मूल संविधान में लोकसभा की अधिकतम सीटे :- 500 31 वें संविधान संशोधन, 1973 के द्वारा लोकसभा की सीटों को 500 से बढ़ाकर 550 + 2 = 552 कर दिया गया। वर्तमान में लोकसभा की सीटों का निर्धारण 1971 की जनगणना के आधार पर किया गया है। 84 वें संविधान संशोधन 2001 के द्वारा लोकसभा की अधिकतम सीटें 2026 तक 552 सीटे निर्धारित की गयी। लोकसभा में अधिकतम सीटे :- 552 सीट अधिकतम निर्वाचित सदस्य - 550 अधिकतम मनोनीत सदस्य -2 (एग्लो इण्डियन) अधिकतम राज्यों से निर्वाचित सदस्य - 530 अधिकतम केन्द्र शासित प्रदेशो से निर्वाचित सदस्य-20 लोकसभा में वर्तमान में सीटे - 545 वर्तमान में कुल निर्वाचित सदस्य - 543 वर्तमान में कुल मनोनित - 2 (रिचर्ड हे - केरल व जॉर्ज बेकर-पं. बंगाल) वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित - 530 वर्तमान में के न्द्रशासित प्रदेशों से कुल निर्वाचित - 13 केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से वर्तमान में कुल निर्वाचित सात तथा अन्य केन्द्र शासित प्रदेशो में कुल निर्वाचित एक-एक सीटें है। लोक सभा की सर्वाधिक सीटे :- यू.पी. -  80, महाराष्ट्र - 48, पश्चिम बंगाल - 42 नोट - सबसे कम सीटे - नागालेण्ड, सिक्कीम, मिर्जोरम व दिल्ली के अलावा प्रत्येक केन्द्र शासित प्रदेश में लोकसभा की सीटे एक है। राजस्थान में लोकसभा सीटे :- 25 विशेष तथ्य - एक व्यक्ति अधिकतम दो स्थानों से लोकसभा का चुनाव लड़ सकता है। जमानत राशि -  एस.सी. व एस.टी. - 12500 सामान्य - 25000 चुनावी खर्च राशि -  अरूनाचल प्रदेस व गोवा - 54 लाख। अन्य राज्यों में 70 लाख। दिल्ली में 70 लाख। अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों में 54 लाख। आरक्षण - अनुच्छेद 330  एस.सी. -  79 -   84 (वर्तमान) एस.टी. -  41    -  47 (वर्तमान) नोट : 95 संविधान संशोधन 2009 के द्वारा आरक्षण को बढ़ाकर 2020 तक कर दिया गया है। राजस्थान में - एस.सी. - 4 एस.टी. - 3 सामान्य - 18 एस.सी. लोकसभा सीटें - भरतपुर, बीकानेर, गंगानगर व करौली-धौलपुर एस.टी. लोकसभा सीटें - बांसवाड़ा, दौसा व उदयपुर
http://advancestudytricks.blogspot.com/2020/01/government-indian-government.html
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bikanerlive · 3 years ago
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श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र की 34 रा.मा.वि. हुये क्रमोन्नत 31 सामान्य एवं 03 बालिका रा.मा.वि. बने रा.उ.मा.वि.… बजट घोषणा का त्वरित क्रियान्वयन आगामी सत्र 2022-23 में कक्षा 11 व 12 में मिलेगा प्रवेश जयपुर/बीकानेर, 23 मार्च। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया की 23 फरवरी 2022 को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजस्थान बजट घोषणा 2022 के अन्तर्गत राज्य के समस्त 3825 राजकीय माध्यमिक…
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udaipurviews · 3 years ago
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राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ द्वारा मुख्यमंत्री को आभार पत्र भेंट कर किया आभार प्रकट
राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ द्वारा मुख्यमंत्री को आभार पत्र भेंट कर किया आभार प्रकट
उदयपुर 6 मार्च – 2022 ! राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ राजस्थान की प्रदेश कार्यकारिणी के निर्देशानुसार राजस्थान के यशस्वी और ओजस्वी जननायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पुरानी पेंशन की बजट सत्र में घोषणा करने पर दिनांक 5 मार्च, 2022 को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री निवास पर सायं 6 बजे प्रदेश स्तर से पहुंचे सात सौ समायोजित शिक्षाकार्मियों ने डॉ. गोपाल बाहेती, पूर्व विधायक…
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ashokgehlotofficial · 2 years ago
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मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में प्रदेश के 13 जिलों में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से सिंचाई व पेयजल के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने, राजकीय भर्तियों में आरक्षण संबंधित छूट प्रदान करने, उत्कृष्ट खिलाड़ियों का मनोबल और जैसलमेर में औद्योगिक निवेश बढ़ाकर रोजगार की संभावना में वृद्धि करने सहित अनेक अहम फैसले लिए गए।
मंत्रिमंडल ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिया है। अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार, ईआरसीपी निगम को जल संसाधन विभाग/सीएडी/आईजीएनडी/एसडब्ल्यूआरपीडी के स्वामित्व की अनुपयोगी भूमि एवं भूमि से संबंधित सम्पत्तियों का निःशुल्क हस्तानांतरण किया जाना है। साथ ही निगम के वित्तीय प्रबंधन के लिए विभागों द्वारा हस्तानांतरित भूमि का प्रबंधन/बेचान/लीज/अन्य उपयोग में लिया जाकर प्राप्त शत-प्रतिशत आय का उपयोग निगम के कार्यों के लिए किया जाना है। उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी प्रदेश के 13 जिलों (झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोप���र, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक) के लिए पेयजल के साथ-साथ सिंचाई की भी अतिमहत्वपूर्ण परियोजना है।
मंत्रिमंडल ने नवीन राजस्थान स्टार्टअप नीति 2022 का अनुमोदन किया है। इस नीति से प्रदेश के स्टार्टअप, उद्यमशील विद्यार्थियों, ग्रामीण स्टार्टअप्स एवं संस्थानिक इन्क्यूबेशन सेंटर्स को फायदा मिलेगा। प्रदेश में निवेश व रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि बजट सत्र 2020-21 में आईस्टार्ट कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए नीति लागू करने संबंधित घोषणा की गई थी।
मंत्रिमंडल ने बैटल कैजुअल्टी, फिजिकल कैजुअल्टी के आश्रितों को अथवा स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिकों तथा पैरा मिलिट्री (बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, कोस्ट गार्ड) कार्मिकों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम, 2002 में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दी गई है। उक्त संशोधन के बाद शहीद परिवार तथा उक्त सेवाओं के स्थायी रूप से अशक्त कार्मिकों के आश्रित सदस्यों को पे-लेवल 10 तक के पदों पर नियुक्तियाँ प्रदान की जायेगी तथा पूर्व की अपेक्षा ऐसे परिवारों को बेहतर रूप से संबल प्रदान किया जा सकेगा।
मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कार्मिकों के हितों में बड़ा निर्णय लिया है। इसमें राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 17 के अंतर्गत कार्मिक को दी गई लघु शास्तियों के मामलों में एसीपी में पारिणामिक प्रभाव को समाप्त किया जा रहा है।
मंत्रिमंडल ने राजस्थान समेकित बाल विकास (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 1998 में संशोधन किया है। इससे पर्यवेक्षक के पद पर अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर के अभ्यर्थियों को भी आरक्षित वर्ग के समान ऊपरी आयु सीमा में छूट मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर सीधी भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट का प्रावधान है, जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट भी देय है। अब यह शिथिलता अन्य आरक्षित वर्गों के साथ-साथ अति पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को भी मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग के समान आयु सीमा में शिथिलन देने की घोषणा की गई थी।
मंत्रिमण्डल द्वारा राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों का दायरा बढ़ने के परिणामस्वरूप उस क्षेत्र के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इस क्रम में राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, लिपिकवर्गीय और च���ुर्थ श्रेणी (भर्ती ��वं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2014 में भारत सरकार की 19 मई, 2018 को जारी हुई अधिसूचना के अनुसार संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की अधिसूचना के अन्तर्गत प्रदेश के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौड़गढ़, पाली व सिरोही जिलों में अनुसूचित क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया था, जिस कारण बढ़े हुए क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था। उक्त अनुमोदन से अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
मंत्रिमंडल ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राजकीय सेवाओं में 2 प्रतिशत आरक्षण का लाभ ‘राजस्थान इंजीनियरिंग सबऑर्डिनेट सविसेज (इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टोरेट ब्रांच)‘ और ‘राजस्थान साइंस एंड टेक्नोलॉजी (स्टेट एंड सबऑर्डिनेट)‘ सेवाओं में भी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। राज्य सरकार ने दिनांक 21 नवंबर 2019 को ही अधिसूचना जारी कर विभिन्न राजकीय सेवाओं में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान लागू कर दिया था, तब प्रक्रियाधीन होने के कारण उक्त दो सेवाओं में नियमों में संशोधन नहीं हो पाया था। साथ ही, बैठक में राष्ट्रीय खेलों में प्रतिनिधित्व करने वाले राजस्थान राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को भी ‘आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्सपर्सन‘ की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया है। इस निर्णय से राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा।
मंत्रिमंडल ने मैसर्स वंडर सीमेंट लिमिटेड को जैसलमेर में वृहद् उद्योग (सीमेंट प्लांट एवं रेलवे साईडिंग) की स्थापना के लिए कुल 400.5237 हैक्टेयर औद्योगिक प्रयोजनार्थ आरक्षित भूमि का आवंटन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें ग्राम पारेवर (तहसील जैसलमेर) ग्राम सोनू (तहसील सम) तथा ग्राम लीला पारेवर (तहसील जैसलमेर) में क्रमशः 377.0650 हैक्टेयर प्लांट हेतु एवं 23.4587 हैक्टेयर भूमि रेलवे साईडिंग व सड़क हेतु आवंटन पर निर्णय लिया गया है। यह परियोजना दो चरणों में स्थापित होगी। इनमें कुल 4200 करोड़ रूपये का निवेश प्रस्तावित है। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अतिरिक्त निर्माण प्रक्रिया में भी श्रमिकों को काम मिलेगा।
मंत्रिमंडल ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित महिला (बालिका) छात्रावासों में छात्रावास अधीक्षक ग्रेड-2 का पद केवल महिला अभ्यर्थियों द्वारा ही भरे जाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से इन छात्रावासों में रहकर अध्ययन कर रही बालिकाओं की सुरक्षा एवं निजता सुनिश्चित की जा सकेगी। महिला अधीक्षक की देखरेख में घरों से दूर रहकर पढ़ाई कर रही छात्राएं सहज भाव से अपने विचार व्यक्त कर सकेंगी तथा अभिभावकों में भी सुरक्षा का भाव सुदृढ़ ��ोगा। इनमें आश्रम छात्रावासों, खेल, कॉलेज व बहुउद्देशीय छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों के बालिका छात्रावास एवं मॉडल पब्लिक रेजिडेंशियल स्कूलों में महिला अधीक्षक को ही लगाया जाएगा। इस निर्णय से अब इन छात्रावासों में स्वीकृत 274 अधीक्षकों के पदों पर महिला वार्डन का पदस्थापन हो सकेगा।
मंत्रिमण्डल ने बूंदी के हिंडोली में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का नामकरण बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हिण्डोली, जिला बून्दी का नामकरण ड��. भीमराव अम्बेडकर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हिण्डोली, (बूंदी) किये जाने से स्थानीय जनभावनाओं का सम्मान हो सकेगा तथा बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उल्लेखनीय है कि 30 जुलाई 2022 को अपनी बूंदी यात्रा के दौरान हिण्डोली में बनने वाले आई.टी.आई. कॉलेज का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर आई.टी.आई. कॉलेज करने की घोषणा की थी।
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darkwombatnacho · 3 years ago
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मध्यप्रदेश में और कहाँ लागू हो सकती है पुरानी पेंशन योजना, जानिए क्या है नई और पुरानी पेंशन में अंतर
मध्यप्रदेश में और कहाँ लागू हो सकती है पुरानी पेंशन योजना, जानिए क्या है नई और पुरानी पेंशन में अंतर
मध्यप्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का मुद्दा इस बार बजट सत्र में देखने को मिल सकता है। कांग्रेस इस मुद्दे को लगातार उठा रही है। यहां तक कि भाजपा विधायक ने भी इस मांग का समर्थन कर सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। वहीं खबर है कि सरकार भी इसके नफा-नुकसान का आंकलन कर रही है। राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया। इस फैसले को इतना पसंद किया जा रहा है कि यह देशभर में चर्चा का…
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merikhetisblog · 3 years ago
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Rajasthan ka krishi budget: किसानों के लिए बहुत कुछ है राजस्थान के कृषि बजट में
13 महीनों तक चले किसान आंदोलन ने यह साबित किया कि अब सरकारों को उनकी तरफ ध्यान देना होगा अन्यथा सरकारें चल नहीं पाएंगी। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चल रहे चुनावों के मद्देनजर ही, डैमेज कंट्रोल करने के वास्ते प्रधानमंत्री को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े। यह वापसी इसलिए हुई क्योंकि देश भर के किसान एकजुट हो गए थे। किसानों की एकता का ही यह परिणाम था कि कानून वापस हुए और अब किसान अपने घरों पर हैं। लेकिन, इसके दूरगामी परिणाम को आपने देखा क्या। इसका दूरगामी परिणाम है, 23 फरवरी को राजस्थान में पेश किया गया कृषि बजट।
जी हां, जब से राजस्थान बना है, तब से लेकर अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था कि बजट के बाद कोई कृषि बजट पेश किया गया हो। वह भी अलग से। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। राजस्थान में जो कृषि बजट पेश किया गया, वह किसानों के आंदोलन की ही परिणिति है, ऐसा मानना गलत नहीं होगा।
क्या है कृषि बजट में
अब बड़ा सवाल यह है कि इस किसान बजट में है क्या।
दरअसल, इस किसान बजट में कई व्यवस्थाएं द�� गई हैं। इन व्यवस्थाओं को गौर से देखें तो समझ जाएंगे कि राजस्थान सरकार किसानों को लेकर कितनी चिंतित है। हां, सरकारी खजाने की अपनी एक सीमा होती है। कृषि ही सब कुछ नहीं होती पर कृषि को तवज्जो देकर सरकार ने एक सकारात्मक रुख का प्रदर्शन तो जरूर किया है। आइए समझें कि इस कृषि बजट में है क्या।
1. मुख्यमंत्री कृषक साथी का बजट बढ़ गया
दरअसल, 2021 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्योग क्षेत्र में चलाई जाने वाली योजना को कृषि क्षेत्र में, थोड़े परिवर्तन के साथ लागू कर दिया। अर्थात, अगर आप किसान हैं और कृषि कार्य करते हुए आपके साथ कोई हादसा हो गया तो इस योजना के तहत आपको दो से 5 लाख रुपये तक की तात्कालिक सहायता मिलेगी। यह योजना कई क्लाउजेज की व्याख्या करती है। जैसे, यदि आपकी एक अंगुली कट जाए तो सरकार आपको 5000 रुपये देगी। दो कट जाए तो 10000 रुपये, तीन कट जाए तो 15000 रुपये और चार कट जाए तो 20000 रुपये का भुगतान करेगी सरकार। ऐसे ही अगर आपकी पांचों ��ंगुलियां कट जाती हैं तो सरकार आपको 25000 रुपये देगी। इस योजना के लिए बीते साल के बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। अब इसका दायरा बढ़ाने की गरज से सरकार ने इस योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। धनराशि बढ़ाने को किसानों ने बेहद बढ़िया माना है।
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2. मुख्यमंत्री जैविक कृषि मिशन
कृषि बजट में सरकार ने घोषणा की है कि इसी सत्र से मुख्यमंत्री जैविक खेती मिशन शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत सरकार उन किसानों को ज्यादा लाभ देगी, जो शुद्ध रूप से जैविक केती के लिए तैयार होंगे। इस योजना के तहत, सरकार उन्हें आर्थिक पैकेज तो देगी ही, जरूरत पड़ी तो उनकी फसलों को भी खरीद लेगी। इसके लिए पहले 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। अगले बजट में इस धनराशि को बढ़ाया भी जा सकता है।
3. बीज उत्पादन एवं विपणन तंत्र की घोषणा
इस कृषि बजट में सरकार ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने की घोषणा की, जिसके तहत सभी किसानों तक सरकारी योजनाएं पहुंच सकें। खास कर बीज और कृषि के अन्य अवयवों को सरकार एक साथ किसानों तक पहुंचाना चाहती है। सरकार का जोर इस बात पर ज्यादा है कि राज्य के कम से कम दो लाख छोटे किसानों तक मूंग, मोठ और उड़द के प्रमाणित बीजों के मिनी किट्स मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएं। इन चीजों के लिए ही बीज उत्पादन एवं विपणन तंत्र की घोषणा की गई है। सरकार एक सिस्टम बनाना चाह रही है जिससे समय पर और सिस्टमेटिक रुप में किसानों तक कृषि संबंधित चीजों की डिलीवरी हो सके। इस किस्म का सिस्टम छत्तीसगढ़ में पहले से चल रहा है।
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4. राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन की घोषणा
इस कृषि बजट में सरकार ने राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन की घोषणा की। इस मिशन के तहत राजस्थान के किसान यह जान सकेंगे कि उनकी जो जमीन है, उसकी उर्वरक क्षमता क्या है। किस किस्म की खेती उन्हें कब और कैसे करनी चाहिए। अभी राजस्थान में सभी किसान परंपरागत खेती कर रहे हैं। इस मिशन के शुरू हो जाने के बाद माना जा रहा है कि खेती कार्य में विविधता आएगी। समय-समय पर जब मिट्टी की जांच होगी तो किसानों को यह एडवाइस भी दिया जाएगा कि इसकी उर्वरकता बढ़ाने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।
5. दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान
राजस्थान सरकार ने अपने कृषि बजट में यह व्यवस्था की है कि जो भी किसान अपना दूध सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों को देंगे, उन्हें 5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से अनुदान भी मिलेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि दूध सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों के माध्यम से राजस्थान भर में बिके।
6. कर्ज की व्यवस्था
इस कृषि बजट में घोषणा की गई है कि सरकार वर्ष 2022 में किसानों को फसली ऋण भी देगी। यह फसली ऋण 20000 करोड़ की लिमिट के भीतर होगी। ऐसे लाभार्थी किसानों की संख्या इस साल के लिए पांच लाख तय की गई है। इतना ही नहीं, जो लोग कृषि कार्य से प्रत्यक्ष रुप से नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी कर्ज दिया जाएगा। इस साल ऐसे परिवारों की संख्या एक लाख तय की गई है। कर्ज कितना मिलेगा, यह तय नहीं है पर मिलेगा जरूर।
कुल मिलाकर, यह किसानों के भीतर हौसला बुलंद करने वाला बजट है। इसे अगर अमली जामा पहना दिया जाए तो राजस्थान के किसानों की स्थिति बेहद सुदृढ़ हो सकती है। जिस भाव से बजट पेश किया गया है, वह बेहतर है। उसी भाव से इस पर अमल हो तो किसानों का सच में भला हो जाएगा
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udaipurviews · 3 years ago
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अंग्रेजी माध्यम में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं शुरू करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान
अंग्रेजी माध्यम में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं शुरू करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान
जयपुर, 23 अक्टूबर। प्रदेश के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक कक्षाओं का संचालन किया जायेगा। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने शनिवार को इस सम्बंध में दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की अनुपालना में प्रथम चरण में 33 ज़िला मुख्यालयों पर संचालित महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में इसी सत्र से पूर्व प्राथमिक कक्षाएं शुरू की…
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ashokgehlotofficial · 2 years ago
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प्रदेश सरकार संवेदनशील, पारदर्शी तथा जवाबदेह प्रशासन देने के साथ-साथ राज्य के चहुंमुखी विकास तथा आमजन के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से जुटी है। राज्य में विकास कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। राज्य में सरकार संसाधनों के कुशल प्रबंधन से शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, बिजली, पानी, कृषि, रोजगा�� सहित सभी क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य कर रही है।
चूरू जिले के राजगढ़ में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का शुभारम्भ किया। सीकर जिले के खोटिया, चूरू जिले के राजगढ़ तथा जयपुर जिले के चौमूं में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों की ब्लॉक स्तरीय प्रतिस्पर्द्धाओं का अवलोकन किया एवं खिलाड़ियों से मिलकर उनका उत्साहवर्द्धन किया।
राज्य में नई खेल संस्कृति विकसित करने तथा ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की सोच के साथ यह खेल आरंभ किए गए हैं। जल्द ही शहरी ओलंपिक खेलों का आयोजन भी होगा। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने खेल, आईटी और पंचायतीराज सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में शानदार कार्य किया। उनके नाम से शुरू किए गए ग्रामीण ओलंपिक खेलों में हर आयु वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रदेश में हर साल इन खेलों का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान में किया जा रहा यह प्रयोग अपने आप में ऐतिहासिक है।
सीकर तथा चूरू जिलों में विभिन्न विकास कार्याें का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। सीकर में लगभग 25 करोड़ रूपए के सड़क विकास कार्याें का लोकार्पण किया। साथ ही, 20.52 करोड़ रूपए की लागत से बरसाती पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज कार्य तथा 19 करोड़ रूपए की लागत के सिटी नेचर पार्क का भी शिलान्यास किया। 7.50 लाख रूपए की लागत से बने महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं वाचनालय का भी उद्घाटन किया। सीकर में उपस्वास्थ्य केन्द्र खोटिया को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने, शहीद बाघसिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय खोटिया में विज्ञान संकाय आगामी सत्र से प्रारंभ करने तथा एन.एच.-65 से रामगढ़-शेखावाटी-बिसाऊ बाइपास सड़क का सर्वे कर डी.पी.आर. बनाने की घोषणा की। वहीं चूरू जिले में लगभग 23 करोड़ की लागत के कुल 8 विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। इसमें राजगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम, राजकीय कन्या महाविद्यालय एवं कबड्डी अकादमी भवन, सिद्धमुख में राजकीय महाविद्यालय भवन तथा नवक्रमोन्नत तहसील कार्यालय, हमीरवास बड़ा में उप तहसील कार्यालय भवन, गागड़वास ग्राम पंचायत के भवन निर्माण का शिलान्यास तथा सुजानगढ़ में उपखंड अधिकारी कार्यालय के भवन निर्माण कार्य का लोकार्पण शामिल थे। आने वाले बजट में जयपुर के चौमूं को नगर पालिका से नगर परिषद में क्रमोन्नत करने तथा बीसलपुर बांध का पानी चौमूं पहुंचाने का प्रावधान करने का आश्वासन दिया।
राज्य सरकार खेल एवं खिलाड़ियों के हित में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक अपने आप में एक अभिनव पहल है। लगभग 30 लाख खिलाड़ियों ने ग्रामीण ओलंपिक खेलों में पंजीकरण ��रवाया है तथा 2 लाख से अधिक टीमें बनाई गईं। राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश में एक नई खेल संस्कृति विकसित हो रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए पदक विजेताओं को सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। पदक विजेता खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में आउट-ऑफ-टर्न नियुक्तियां दी गई हैं। ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की सम्मान राशि बढ़ाकर 3 करोड़ रूपए तक कर दी गई है। खिलाड़ियों का दैनिक भत्ता बढ़ाया गया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में उत्कृष्ट खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण हेतु बजट, जमीन आवंटन, अभ्यास हेतु आवश्यक उपकरणों एवं सुविधाओं की उपलब्धता सरकार सुनिश्चित कर रही है। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम योजना के तहत राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में चरणबद्ध रूप से खेल स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। खेल से जुड़ने पर व्यक्ति की इच्छाशक्ति प्रबल होती है तथा उसकी तत्काल निर्णय लेने की क्षमता और दूरदर्शिता का विकास होता है।
राज्य सरकार ने आमजन को महंगे इलाज से मुक्ति दिलाने के लिए चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की है। इसके माध्यम से आमजन 10 लाख रूपए तक का निःशुल्क इलाज ले रहेे हैं। किडनी, हार्ट, लीवर ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। साथ ही, 5 लाख रूपए तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। राजस्थान के गांव-ढाणी स्तर तक चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए पीएचसी एवं सीएचसी स्तर तक आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। जनकल्याण के लिए संचालित की जा रही इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो ताकि जानकारी के अभाव में कोई इनके लाभ से वंचित न रहे। राज्य सरकार द्वारा आईपीडी, ओपीडी में सभी प्रकार के उपचार निःशुल्क कर दिए गए हैं। प्रदेशवासियों की सिटी स्केन, एम.आर.आई. स्केन जैसी महंगी जांचें भी निःशुल्क की जा रही हैं। इन ऐतिहासिक निर्णयों से राज्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मॉडल स्टेट के रूप में उभरा है। जल्द ही राज्य सरकार ‘राइट टू हेल्थ’ बिल भी लेकर आ रही है।
किसानों के लिए अलग से बजट प्रस्तुत करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। किसानों के लिए बजट दोगुना कर दिया गया है। प्रदेश में किसान मित्र ऊर्जा योजना के माध्यम से लाखों किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है। कृषक साथी योजना की राशि 2 हजार करोड़ से बढ़ाकर 5 हजार करोड़ रूपए की गई है ताकि इसका लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिल सके। इसी प्रकार 50 यूनिट बिजली निःशुल्क किए जाने के फैसले से करीब 45 लाख उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से आज राज्य ने बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है।
प्रदेश सरकार की नीतियों से शिक्षा के क्षेत्र में ��ाजस्थान आज एक अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के द्वारा वंचित तबके के विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा में उत्कृष्ट शिक्षा निःशुल्क प्राप्त कर रहे हैं। राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने 200 विद्यार्थियों के विदेश में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का प्रावधान किया है। आज प्रदेश के अनेक विद्यार्थी लाभान्वित होकर विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। गरीब छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी के लिए मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना लाई गई है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी राजस्थान लगातार प्रगति कर रहा है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में 210 महाविद्यालय खोले गए हैं, जिनमें 90 कन्या महाविद्यालय शामिल हैं।
शहरों में बेरोजगारी के संकट को दूर करने के लिए सरकार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गांरटी योजना लेकर आई है। इस योजना से शहरों में रह रहे बेरोजगारों को लाभ होगा।
सीकर के खोटिया गांव में कपिला गौसेवा गौशाला का दौरा किया तथा वहां लम्पी स्किन डिजीज से जूझ रहे गौवंश की स्थिति का जायजा लिया। व्यवस्थाओं का अवलोकन करते हुए डिजीज से ग्रसित गौवंश के बचाव के लिए उचित प्रबंध करने के दिशा-निर्देश दिए।
पीसीसी अध्यक्ष श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार हो रहा है। सभी आयु वर्गों के लोग उत्साह के साथ इसमें भाग ले रहे हैं।
राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की अध्यक्षा डॉ. कृष्णा पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विकास हेतु बजट की कोई कमी नहीं आने दी है। राज्य में शिक्षा, खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों के विकास और खिलाड़ियों के कल्याण के लिए उल्लेखनीय कदम उठाए गए हैं।
चूरू जिले के प्रभारी मंत्री श्री बृजेंद्र सिंह ओला ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रदेश में खेलों की दिशा में क्रांतिकारी साबित होंगे। पूरे प्रदेश में इन खेलों का शानदार आयोजन हो रहा है। तारानगर विधायक श्री नरेंद्र बुडानिया ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए अभूतपूर्व काम किया है।
इस दौरान आयोजित कार्यक्रमों में वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन अकादमी के अध्यक्ष श्री रामसिंह राव, पूर्व राजस्थान राज्य महिला आयोग अध्यक्षा रेहाना रियाज, राजस्थान वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ खानूखान बुधवाली, आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा, नोहर विधायक श्री अमित चाचान, शाहपुरा विधायक श्री आलोक बेनीवाल, जमवारामगढ़ विधायक श्री गोपाल मीणा, सुजानगढ़ विधायक श्री मनोज मेघवाल, शिल्प व माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री डूंगरराम गेदर, पूर्व विधायक चौमूं श्री भगवान सहाय सैनी, प���र्व विधायक विराटनगर श्री रामचन्द्र सराधना सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, अधिकारी, खिलाड़ी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
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darkwombatnacho · 3 years ago
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा एलान : बजट में कृषक साथी योजना की राशि 5000 करोड़ करने का ऐलान, ग्रीन हाउस खेती के लिए 400 करोड़ की घोषणा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा एलान : बजट में कृषक साथी योजना की राशि 5000 करोड़ करने का ऐलान, ग्रीन हाउस खेती के लिए 400 करोड़ की घोषणा
रा��स्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) आज राज्य का बजट 2022-23 पेश (Rajasthan Budget 2022-23) कर रहे हैं. बजट के इतिहास में ऐसा पहला मौका है जब राज्य में पहली बार राज्य का कृषि बजट (Agriculture Budget 2022) अलग से पेश किया जा रहा है. सीएम गहलोत चौथी बार बजट पेश कर रहे हैं. इससे पहले विधानसभा का बजट  सत्र 9 फरवरी को शुरू हुआ था जहां राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सरकार की…
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