ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए खाएं ये चीजें
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए खाएं ये चीजें
रक्तचाप है हृदय यह शरीर के विभिन्न अंगों को रक्त की आपूर्ति करता है। रक्तचाप में परिवर्तन से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके रक्तचाप में उतार-चढ़ाव न हो। सामान्य रक्तचाप 120/80 mmHg से नीचे है। रक्तचाप बढ़ जाता है जब उच्चतम स्तर 120 से 129 मिमीएचजी की सीमा में होता है और निम्नतम स्तर नीचे होता है, लेकिन ऊपर नहीं, 80 मिमीएचजी। 180/120 mmHg…
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*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 06 जुलाई 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - प्रतिपदा प्रातः 04:26 जुलाई 7 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु प्रातः 04:48 जुलाई 07 तक तत्पश्चात पुष्य*
*⛅योग - व्याघात रात्रि 02:47 जुलाई 07 तक तत्पश्चात हर्षण*
*⛅राहु काल - प्रातः 09:22 से प्रातः 11:03 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:00*
*⛅सूर्यास्त - 07:29*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12.17 से दोपहर 01.11 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:24 जुलाई 07 से रात्रि 01:06 जुलाई 07 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - गुप्त नवरात्री आरम्भ, त्रिपुष्कर योग (प्रातः 04:26 जुलाई 07 से 04:48 जुलाई 07 तक)*
*⛅विशेष - प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹पाचन की तकलीफों में परम हितकारी: अदरक🌹*
*🌹आजकल लोग बीमारियों के शिकार अधिक क्यों हैं ? अधिकांश लोग खाना न पचना, भूख न लगना, पेट में वायु बनना, कब्ज आदि पाचन संबंधी तकलीफों से ग्रस्त हैं और इसीसे अधिकांश अन्य रोग उत्पन्न होते हैं । पेट की अनेक तकलीफों में रामबाण एवं प्रकृति का वरदान है अदरक । स्वस्थ लोगों के लिए यह स्वास्थ्यरक्षक है । बारिश के दिनों में यह स्वास्थ्य का प्रहरी है ।*
*🌹सरल है आँतों की सफाई व पाचनतंत्र की मजबूती*
*🌹शरीर में जब कच्चा रस (आम) बढ़ता है या लम्बे समय तक रहता है, तब अनेक रोग उत्पन्न होते हैं । अदरक का रस आमाशय के छिद्रों में जमे कच्चे रस एवं कफ को तथा बड़ी आँतों में जमे आँव को पिघलाकर बाहर निकाल देता है तथा छिद्रों को स्वच्छ कर देता है । इससे जठराग्नि प्रदीप्त होती है और पाचन-तंत्र स्वस्थ बनता है । यह लार एवं आमाशय का रस दोनों की उत्पत्ति बढ़ता है, जिससे भोजन का पाचन बढ़िया होता है एवं अरुचि दूर होती है ।*
*🔹स्वास्थ्य व भूख वर्धक, वायुनाशक प्रयोग*
*🌹रोज भोजन से पहले अदरक को बारीक टुकड़े-टुकड़े करके सेंधा नमक के साथ लेने से पाचक रस बढ़कर अरुचि मिटती है । भूख खुलती है, वायु नहीं बनती व स्वास्थ्य अच्छा रहता है ।*
*🔹रुचिकर, भूखवर्धक, उदररोगनाशक प्रयोग🔹*
*🌹१०० ग्राम अदरक की चटनी बनायें एवं १०० ग्राम घी में उसे सेंक लें । लाल होने पर उसमें २०० ग्राम गुड़ डालें व हलवे की तरह गाढ़ा बना लें । (घी न हो तो २०० ग्राम अदरक को कद्दूकश करके २०० ग्राम शक्कर मिलाकर पाक बना लें ।) इसमें लौंग, इलायची, जायपत्री का चूर्ण मिलायें तो और भी लाभ होगा । वर्षा ऋतु में ५ से १० ग्राम एवं शीत ऋतु में १०-१० ग्राम मिश्रण सुबह-शाम खाने से अरुचि, मंदाग्नि, आमवृद्धि, गले व पेट के रोग, खाँसी, जुकाम, दमा आदि अनेक तकलीफों में लाभ होता है । भूख खुलकर लगती है । बारिश के कारण उत्पन्न बीमारियों में यह अति लाभदायी है ।*
*🌹अपच : (१) भोजन से पहले ताजा अदरक रस, नींबू रस व सेंधा नमक मिलाकर लें एवं भोजन के बाद इसे गुनगुने पानी से लें । यह कब्ज व पेट की वायु में भी हितकारी है ।*
*🌹(२) अदरक, सेंधा नमक व काली मिर्च को चटनी की तरह बनाकर भोजन से पहले लें ।*
*🌹खाँसी, जुकाम, दमा : अदरक रस व शहद १०-१० ग्राम दिन में ३ बार सेवन करें । नींबू का रस २ बूँद डालें तो और भी गुणकारी होगा ।*
*🌹बुखार : तेज बुखार में अदरक का ५ ग्राम रस एवं उतना ही शहद मिलाकर चाटने से लाभ होता है । इन्फ्लूएंजा, जुकाम, खाँसी के साथ बुखार आने पर तुलसी के १०-१५ पत्ते एवं काली मिर्च के ६-७ दाने २५० ग्राम पानी में डालें । इसमें २ ग्राम सोंठ मिलाकर उबालें । स्वादानुसार मिश्री मिला के सहने योग्य गर्म ही पियें ।*
*🌹वातदर्द : १० मि.ली. अदरक के रस में १ चम्मच घी मिलाकर पीने से पीठ, कमर, जाँघ आदि में उत्पन्न वातदर्द में राहत मिलती है ।*
*🌹जोडों का दर्द : २ चम्मच अदरक रस में १-१ चुटकी सेंधा नमक व हींग मिला के मालिश करें ।*
*🌹गठिया : १० ग्राम अदरक छील के १०० ग्राम पानी में उबाल लें । ठंडा होने पर शहद मिलाकर पियें । कुछ दिन लगातार दिन में एक बार लें । यह प्रयोग वर्षा या शीत ऋतु में करें ।*
*🌹गला बैठना : अदरक रस शहद में मिलाकर चाटने से बैठी आवाज खुलती है व सुरीली बनती है ।*
*🔹सावधानी : रक्तपित्त, उच्च रक्तचाप, अल्सर, रक्तस्राव व कोढ़ में अदरक न खायें । अदरक को फ्रिज में न रखें, रविवार को न खायें ।*
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👨⚕️हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए सरल कदम: हृदय अटैक और स्ट्रोक का जोखिम कम करें
झारखंड के रांची में सुकून हार्ट केयर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद फरहान शिकोह आपके हृदय स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए यहां कुछ व्यावहारिक उपाय दिए गए हैं:
तंबाकू को नकारें: सभी प्रकार के तंबाकू से बचना महत्वपूर्ण है। सिगरेट पीने से आपकी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
नमक की इस्तेमाल को सीमित करें: अत्यधिक नमक का सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। नमक की जगह हर्ब्स और मसालों का उपयोग करें।
फल और सब्जियों का आनंद लें: फल और सब्जियों से भरपूर आहार में महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। अपने भोजन में विविधता लाने का प्रयास करें।
नियमित व्यायाम को प्राथमिकता दें: नियमित व्यायाम हृदय के लिए महत्वपूर्ण है। हफ्ते में कम से कम 30 मिनट के लिए मध्यम तंतु का व्यायाम करने का अभ्यास बनाएं। व्यक्तिगत व्यायाम सुझाव के लिए डॉ. फ़रहान शिकोह से सलाह लें।
दवाओं का पालन करें: यदि आपका उच्च रक्तचाप या मधुमेह है, तो आपके निर्धारित दवा नियम का पालन करना महत्वपूर्ण है। ये दवाएँ आपके स्थिति को प्रबंधित करती हैं और जोखिम को कम करती हैं।
याद रखें, जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव आपके हृदय स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण अंतर ला सकते हैं। व्यक्तिगत मार्गदर्शन और व्यापक हृदय देखभाल के लिए, आप सुकून हार्ट केयर में Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से संपर्क कर सकते हैं। सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 पर उनसे संपर्क करें या 6200784486 पर कॉल करें। अधिक जानकारी के लिए drfarhancardiologist.com पर जाएँ।
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7 things can protect you from hypertension
7 चीजें आपको हाइपरटेंशन से बचा सकती है
नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना हार्ट को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है और रक्तचाप को नियंत्रित रख सकता है।
स्वस्थ आहार: कम नमक, कम तेल, सेमी-आकारी भोजन, फल और सब्जियों का सेवन करना हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
वजन का नियंत्रण: सही वजन को बनाए रखना हाइपरटेंशन के खतरे को कम कर सकता है।
पर्याप्त नींद: प्रतिदिन की सही मात्रा में नींद लेना भी हाइपरटेंशन को कम करने में मदद कर सकता है।
तंबाकू और शराब का नियंत्रण: तंबाकू और शराब का सेवन कम करना रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
तनाव प्रबंधन: ध्यान, योग और मेडिटेशन जैसी तंत्रिका प्रणायाम की तकनीकें हाइपरटेंशन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
डॉक्टर की सलाह: नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना और उनकी सलाह का पालन करना भी हाइपरटेंशन के खतरों को कम कर सकता है।
आज ही संपर्क करें जयपुर में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल शर्मा (Cardiologist in Jaipur) with 20+ years of experience, holds MBBS, DNB (Medicine), and DNB (Cardiology) qualifications. Specializing in Cardiology and Interventional Cardiology
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (षष्ठी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-15-फरवरी-2024
वार:-------गुरुवार
तिथी :----06षष्ठी:-10:13
पक्ष :-----शुक्लपक्ष
माह:-----माघमास
नक्षत्र :-----अश्विनी:-09:26
योग:------शुक्ल:-17:23
करण:-----तैतिल:-10:13
चन्द्रमा:-----मेष
सूर्योदय:-----07:18
सूर्यास्त:-----18:25
दिशा शूल-----दक्षिण
निवारण उपाय:-----राई का सेवन
ऋतु :---शिशिर-बंसत ऋतु
गुलीककाल:-10:07से11:31
राहू काल:-14:13से15:37
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-07:18से08:42तक
चंचल:-11:31से12:55तक
लाभ:-12:55से14:19तक
अमृत:-14:19से15:43तक
शुभ:-17:01से18:25तक
🌓चोघङिया रात🌗
अमृत:-18:25से19:59तक
चंचल:-19:59से21:33तक
लाभ:-00:47से02:22तक
शुभ:-04:04से05:40तक
अमृत:-05:40से07:17तक
आज के विशेष योग
वर्ष का329वा दिन, सर्वसिद्धि योग 07:13 से 09:26 तक, मन्वादि, शीतला षष्ठी (बंगाल), दग्धयोग 07:13 से 10:13 तक, रवियोग 09:26तक, विश्वेश्वरानदं जयंती,
🙏🪷टिप्स🪷🙏
गुरुवार के दिन केले ना खायें।
*सुविचार*
अधिक सम्पत्ति को नही बल्कि सरल आनन्द को खोजे..👍🏻 राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
ह्रदय रोग में आंवले के अनुप्रयोग :-
1. दिल में दर्द शुरू होने पर आंवले के मुरब्बे में तीन-चार बूंद अमृतधारा सेवन करें।
2. भोजन करने के बाद हरे आंवले का रस 25-30 मिलीलीटर रस ताजे पानी में मिलाकर सेवन करें।
3. एक चम्मच सूखे आंवले का चूर्ण फांककर ऊपर से लगभग 250 मिलीलीटर दूध पी लें।
4. आंवले में विटामिन-सी अधिक है। इसके मुरब्बे में अण्डे से भी अधिक शक्ति है। यह अत्यधिक शक्ति एवं सौन्दर्यवर्द्धक है। आंवले के नियमित सेवन से हृदय की धड़कन, नींद का न आना तथा रक्तचाप आदि रोग ठीक हो जाते हैं। रोज एक मुरब्बा गाय के दूध के साथ लेने से हृदय रोग दूर रहता है। हरे आंवलों का रस शहद के साथ, आंवलों की चटनी, सूखे आंवला की फंकी या मिश्री के साथ लेने से सभी हृदय रोग ठीक होते हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
लेनदारी वसूल होगी। शत्रु शांत रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। कुछ मामलों में स्वयं को साहस करना होगा। व्यापार अच्छा चलेगा। व्यापारिक प्रतियोगिता में आपकी विजय के आसार बनेंगे। रचनात्मक कामों का प्रतिफल मिलेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होगा। विवाद से बचें। काम में मन नहीं लगेगा। लाभ में कमी रहेगी। कार्यकुशलता बढ़ा पाएँगे। आर्थिक विवाद समय पर सुलझा सकेंगे। पारिवारिक स्थितियाँ पक्षधर रहेंगी। संतान से असंतोष हो सकता है।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
बेरोजगारी दूर होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें। नौकरी, राज्यपक्ष में अपेक्षित सुधार होगा। लाभप्रद कार्य, स्थिति बनेगी। भरोसे में कार्य नहीं होंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट का लाभ भविष्य में मिलेगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
मेहमानों पर खर्च होगा। उत्साहवर्धक समाचार मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आमदनी, लेनदेन के लिए दिन उत्तम रहेगा। अवसरों का लाभ लेने के योग हैं। पड़ोसी से कष्ट हो सकता है। खान-पान में लापरवाही नहीं बरतें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
मेहनत सफल रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश, नौकरी व यात्रा मनोनुकूल लाभ देंगे। लाभ होगा। व्यावसायिक प्रयास सफल होंगे। सरकारी कार्यों से धन लाभ होने के योग हैं। अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति कर पाएँगे। आत्मविश्वास बढ़ेगा।
👩🏻🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
विवाद को बढ़ावा न दें। बुरी सूचना मिलने से मन खिन्न रहेगा। दौड़धूप रहेगी। व्यवसाय धीमा चलेगा। पिता से व्यावसायिक मामलों में अनबन हो सकती है। भागीदारी, जमानत के विवाद हो सकते हैं। पारिवारिक समस्याओं का समाधान संभव है।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। यात्रा सफल रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। धनार्जन होगा। दूसरों के कार्यों में गलती न निकालें। नियमितता, जवाबदारी ही सहयोगात्मक रहेगी। लेनदेन, कर्ज की स्थिति सुधरेगी। कार्य-स्थिति में परिवर्तन से संतोष रहेगा।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
ऐश्वर्य पर व्यय होगा। भूमि व भवन के मनचाहे सौदे होंगे। बड़ा लाभ हो सकता है। बेरोजगारी दूर होगी। काम में अपेक्षित सफलता मिलने के योग हैं। विचारपूर्वक निर्णय ले पाएँगे। भौतिक सुविधाओं में वृद्धि होगी। संतान से सुखद समाचार मिलेंगे।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। विवाद न करें। धनहानि संभव है। व्यापारिक मामलों में विश्वास बढ़ेगा। स्वभाव में शांति, संयम रखें। पारिवारिक उत्साह से प्रगति होगी। विद्यार्थियों को शिक्षा में सफलता प्राप्त होगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
जल्दबाजी व लापरवाही से बड़ा नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यक्तित्व प्रभावशाली होने से विरोधी भी आपकी प्रशंसा करेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
राजकीय कार्य पूर्ण होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में आशातीत सफलता के योग हैं। व्यापारिक तंत्र सुधरेगा। शत्रुपक्ष कमजोर होगा। कानूनी विवादों का निपटारा होगा। अपने खर्चों में कमी का प्रयास करें। धर्म में रुचि ��ढ़ेगी।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
कार्यपद्धति में सुधार होगा। नए अनुबंध होंगे। योजना फलीभूत होगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। भागीदारी के कार्यों के लिए दिन उत्तम रहने की संभावना है। अनजान लोगों पर विश्वास नहीं करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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नैतिक शाकाहारी भोजन: एक स्वस्थ, दयालु और अधिक टिकाऊ जीवन शैली
परिचय:
हाल के वर्षों में, नैतिक शाकाहार ने महत्वपूर्ण आकर्षण प्राप्त किया है, और अच्छे कारण से। पशु कल्याण, मानव स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्थिरता के बारे में बढ़ती चिंताओं के साथ, बढ़ती संख्या में लोग नैतिक शाकाहारी जीवन शैली का विकल्प चुन रहे हैं। यह लेख की अवधारणा पर प्रकाश डालता हैनैतिक शाकाहारी भोजन, आम गलतफहमियों को दूर करते हुए जानवरों, मानव स्वास्थ्य और ग्रह के लिए इसके लाभों की खोज करना।
पशु कल्याण
नैतिक शाकाहार के पीछे प्राथमिक प्रेरणा जानवरों को होने वाले नुकसान को कम करने की इच्छा है। नैतिक शाकाहारी मांस, डेयरी, अंडे और शहद सहित किसी भी पशु उत्पाद का सेवन करने से बचते हैं। इस जीवनशैली को अपनाकर, व्यक्तियों ने सक्रिय रूप से खाद्य उद्योग में जानवरों के शोषण को समाप्त कर दिया।
फैक्ट्री फार्मिंग, जहां जानवरों को भीड़भाड़, कैद और क्रूर प्रथाओं का शिकार बनाया जाता है, एक बड़ी चिंता का विषय है। नैतिक शाकाहारी इन उद्योगों से अपना समर्थन वापस लेने का विकल्प चुनते हैं, सक्रिय रूप से एक दयालु विकल्प को बढ़ावा देते हैं। पशु उत्पादों का बहिष्कार करके, नैतिक शाकाहारी लोग जानवरों की पीड़ा को कम करने में योगदान देते हैं, एक ऐसी दुनिया की वकालत करते हैं जो सभी संवेदनशील प्राणियों का सम्मान और महत्व करती है।
स्वास्थ्य सुविधाएं
आम धारणा के विपरीत, नैतिक शाकाहार कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाला सिद्ध हुआ है। एक सुनियोजित शाकाहारी आहार इष्टतम स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकता है। शाकाहार व्यक्तियों को फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, नट्स और बीजों का सेवन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिसके परिणामस्वरूप पोषक तत्वों से भरपूर आहार मिलता है जिसमें संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
अध्ययनों से लगातार पता चला है कि शाकाहारी लोगों में हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा और कुछ कैंसर की दर कम होती है। पौधे-आधारित आहार पाचन तंत्र पर भी हल्का होता है, जिससे ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके अलावा, पशु उत्पादों को खत्म करने से मांस और डेयरी उपभोग से जुड़ी खाद्य जनित बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है।
पर्यावरणीय प्रभाव
पशु कृषि के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता। पशुधन खेती को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, वनों की कटाई, भूमि क्षरण, जल प्रदूषण और प्रजातियों के विलुप्त होने में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में पहचाना गया है। नैतिक शाकाहारी जीवनशैली अपनाकर, व्यक्ति जलवायु परिवर्तन से निपटने और भावी पीढ़ियों के लिए ग्रह को संरक्षित करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
यह सिद्ध हो चुका है कि पशु उत्पादों से भरपूर आहार की तुलना में पौधे आधारित आहार में कार्बन फुटप्रिंट कम होता है। कृषि पशुओं को खिलाने के लिए आवश्यक फसलों के लिए बड़ी मात्रा में भूमि और जल संसाधनों की आवश्यकता होती है, जिससे अंततः वनों की कटाई और पानी की कमी होती है। पौधों के स्रोतों से सीधे उपभोग करके, नैतिक शाकाहारी पानी के संरक्षण, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जैव विविधता की रक्षा करने में मदद करते हैं।
गलतफहमियों को दूर करना
नैतिक शाकाहार के पक्ष में ढेर सारे सबूत होने के बावजूद, कई गलतफहमियाँ बनी हुई हैं। शाकाहार के खिलाफ सबसे आम तर्कों में से एक यह धारणा है कि पौधे-आधारित आहार में आवश्यक पोषक तत्वों, विशेष रूप से प्रोटीन और विटामिन बी 12 की कमी होती है। हालाँकि, उचित योजना और ज्ञान के साथ, शाकाहारी लोग विभिन्न प्रकार के पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों को शामिल करके अपनी सभी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नैतिक शाकाहार प्रतिबंधात्मक भोजन या अभाव का पर्याय नहीं है। शाकाहार की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, कई स्वादिष्ट पौधे-आधारित विकल्प सामने आए हैं, जो नैतिक शाकाहारियों को उनके मूल्यों से समझौता किए बिना, उन स्वादों और बनावटों का आनंद लेने की अनुमति देते हैं जो उन्हें हमेशा से पसंद रहे हैं।
निष्कर्ष:
नैतिक शाकाहार केवल एक आहार विकल्प से कहीं अधिक है; यह एक ऐसी जीवनशैली है जो करुणा, स्वास्थ्य और स्थिरता को बढ़ावा देती है। पशु कल्याण की रक्षा करके, व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार करके और पर्यावरणीय क्षति को कम करके, नैतिक शाकाहारी सक्रिय रूप से एक दयालु, स्वस्थ और अधिक टिकाऊ दुनिया के निर्माण में योगदान करते हैं। नैतिक शाकाहारी भोजन को अपनाने से न केवल व्यक्तियों बल्कि हमारे ग्रह के सामूहिक भविष्य की भी सेवा होती है।
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थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार: एक पूर्ण जानकारी
विषयसूची
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड के प्रकार
थायरॉइड के लक्षण
थायरॉइड के कारण
थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार
प्राकृतिक उपचार आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग
आहार और थायरॉइड के संबंध
योग और प्राणायाम
थायरॉइड के लिए जीवनशैली संशोधन
सुझाव और उपाय
थायरॉइड के लिए अपनी जांच और उपचार की जरूरत
आयुर्वेदिक उपचार के लाभ
थायरॉइड के उपचार के साथ स्वस्थ जीवन
आयुर्वेदिक उपचार के साथ थायरॉइड के लिए सत्यापित फायदे
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक ग्रंथि है जो गले के नीचे स्थित होती है और थायरोइड हॉर्मोन का निर्माण करती है। थायरॉइड हॉर्मोन हमारे शरीर के ऊर्जा स्तर, वजन, मस्तिष्कीय कार्यक्षमता और मनोवृत्ति को नियंत्रित करने में मदद करता है।
थायरॉइड के प्रकार
थायरॉइड के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें सबसे आम रूप से देखे जाने वाले हैं:
अत्यधिक थायरॉइड (हाइपरथायरॉइडिज़म)
अत्यंत कम थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज़म)
ग्रेव्स रोग
गठिया
थायरॉइड के लक्षण
थायरॉइड के विभिन्न प्रकार के लक्षणों में थकान, तेजी से वजन घटना या बढ़ना, ध्यान न लगना, चिंता, तनाव, अवसाद, उच्च रक्तचाप, मूड स्विंग्स, बालों का झड़ना, बाहरी सूजन, चक्कर आना शामिल हो सकते हैं।
थायरॉइड के कारण
थायरॉइड के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, नियमित आहार की कमी, विषाक्त पदार्थों का सेवन, मानसिक तनाव, एक गलत जीवनशैली, गर्भावस्था, यात्रा, उम्र का बढ़ना और अनुवांशिकता।
थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार
थायरॉइड के लिए आयुर्वेदिक उपचार कई आपूर्ति प्रणालियों पर आधारित होते हैं। यह उपचार हमारे शरीर को संतुलित करके थायरॉइड के समस्याओं को सुधारते हैं और स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग
थायरॉइड के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाएं आमतौर पर प्राकृतिक होती हैं। इन दवाओं का उपयोग विभिन्न जड़ी बूटियों, पौधों, औषधियों और घरेलू नुस्खों से किया जाता है। यह दवाएं थायरॉइड के संतुलन को सुधारने, थकान को कम करने, शरीर को मजबूत बनाने और विभिन्न लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।
आहार और थायरॉइड के संबंध
थायरॉइड के रोगियों के लिए सही आहार बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने आहार में प्रोटीन, पौष्टिक तत्व, विटामिन और खनिजों को सम्मिलित करना चाहिए। केले, शाकाहारी भोजन, भूख बढ़ाने वाले आहार और फलों का सेवन करना उनके लिए लाभदायक हो सकता है।
योग और प्राणायाम
योग और प्राणायाम थायरॉइड के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्राणायाम के द्वारा शरीर में ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है और थायरॉइड के लक्षणों को कम किया जा सकता है। कुछ योगासन जैसे कि सर्वांगासन, हलासन, मत्स्यासन और शीर्षासन भी थायरॉइड को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
थायरॉइड के लिए जीवनशैली संशोधन
स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना थायरॉइड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। समय पर सोना, नियमित व्यायाम करना, तंबाकू और अल्कोहल का सेवन कम करना, तनाव को कम करना और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।
सुझाव और उपाय
थायरॉइड के उपचार के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करें, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर ये लें।
स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें और योग और प्राणायाम का अभ्यास करें।
तनाव को कम करने के लिए ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास करें।
अपनी जांच करवाएं और उपचार की जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सा पेशेवर की सलाह लें।
यदि आपको थायरॉइड के किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो आपको एक चिकित्सा पेशेवर की सलाह लेनी चाहिए। थायरॉइड रोग के निदान के लिए आपकी जांच और परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है। एक विशेषज्ञ डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेगा और सही उपचार योजना तैयार करेगा।
आयुर्वेदिक उपचार के लाभ
आयुर्वेदिक उपचार थायरॉइड के लिए बहुत लाभदायक हो सकते हैं। ये उपचार शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर सुधार करने में मदद करते हैं। वे शरीर को बढ़ावा देते हैं, ऊर्जा स्तर को बढ़ाते हैं, मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सुधारते हैं और स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।
थायरॉइड के उपचार के साथ स्वस्थ जीवन
थायरॉइड के उपचार के साथ, आप अपने जीवन को स्वस्थ और सकारात्मक बना सकते हैं। नियमित व्यायाम, सही आहार, योग और प्राणायाम, ध्यान और मनोयोग के अभ्यास करने से आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार के साथ थायरॉइड के लिए सत्यापित फायदे
थायरॉइड के लिए आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग करने से आपको निश्चित रूप से फायदा मिलेगा। इन उपचारों का उपयोग करके आप थायरॉइड के लक्षणों को कम कर सकते हैं, अपने शरीर को संतुलित रख सकते हैं और स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
समापन
लेख में आयुर्वेदिक उपचार, संतुलित आहार, व्यायाम और योग को थायरॉइड के समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। पाठकों को व्यक्तिगत उपचार योजना के लिए हेल्थकेयर पेशेवरों से परामर्श करने की सलाह दी गई। आयुर्वेदिक देखभाल, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच से थायरॉइड को संभालने में मदद मिलती है। थायरॉइड से संबंधित समस्याओं का समय पर प्रबंधन के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें। आयुर्वेदिक ज्ञान को ग्रहण करें और संयंत्रित और स्वस्थ थायरॉइड के प्रति प्रयास करें।
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Wednesday 26July 2023
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शारीरिक स्वास्थ्य के सूत्र
* प्रातः सूर्योदय के पहले उठें।
* नियमित व्यायाम करें। प्रातःकालीन भ्रमण, योग एवं ध्यान भी स्वास्थ्यवर्धक है।
* नियमित जीवनशैली अपनाएँ। प्रत्येक कार्य समय पर करें।
* प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान से तन-मन स्वस्थ रहता है।
*पौष्टिक एवं संतुलित भोजन करें। मौसम व उम्र का ध्यान रखें।
* भोजन में मौसमी रेशायुक्त फलों और सब्जियों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें।
* दो समय के भोजन के मध्य छः से आठ घंटे का अंतर होना चाहिए।
*रात्रि को सोने के दो घंटे पूर्व भोजन कर लें।
* प्रतिदिन दस से बारह गिलास शुद्ध जल पिएँ।
* वसायुक्त पदार्थ, ज्यादा नमक अथवा शर्करायुक्त पदार्थ कम लें और मोटापे से बचें।
* धूम्रपान, शराब, चटपटे, गरिष्ठ भोजन और 'फास्टफूड' से बचें।
* सप्ताह में एक दिन उपवास रखें। इससे पाचन प्रणाली को आराम मिलता है।
* दिनचर्या में शारीरिक श्रम शामिल कर जीवनशैली से संबंधित रोगों जैसे- उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एसिडिटी, अनिद्रा, कैंसर और हृदय रोग से बचा जा सकता है। अपने कामकाज को थोड़ा कम करके शांत एवं तनावरहित रहकर अपने परिवार के साथ समय बिताएँ।
* काम के साथ आराम भी आवश्यक है। पर्याप्त नींद लें। रात्रि में आठ से दस घंटे अवश्य सोएँ।
* नियमित स्वास्थ्य जाँच करवाएँ व चिकित्सक की सलाह पर अमल करें।
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सलाह: थायरॉइड में भूलकर भी न खाएं ये चीजें, हो सकते हैं नुकसान... थायरॉइड कम हो तो क्या न खाएं? सोयाबीन या सोया युक्त खाद्य पदार्थ अधिक फैट वाले खाद्य पदार्थ (पास्ता, ब्रेड, बर्गर, केक, पेस्ट्री, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ आदि) चीनी युक्त खाद्य पदार्थ आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ कम मात्रा में खाएं या बिल्कुल न खाएं जंक फूड न खाएं भोजन से पहले पानी या कोई भी ड्रिंक लेने से बचें. थायरॉइड तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जो गले में स्थित होती है। शरीर की चयापचय (मेटाबॉलिज्म) क्रिया में इस ग्रंथि का विशेष योगदान होता है। इसके अलावा थायरॉइड हार्मोन का काम रक्त में शुगर, कोलेस्ट्रॉल और फोस्फोलिपिड की मात्रा को करना, हड्डियों और मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करना, हृदय गति और रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को नियंत्रित रखना और महिलाओं में दुग्धस्राव को बढ़ाना होता है। लेकिन आजकल अक्सर लोगों को सुनने को मिलता है कि मुझे थायरॉइड है, मेरा वजन बढ़ रहा है या घट रहा है। दरअसल, जब थायरॉइड ग्रंथि सही तरीके से काम नहीं करती है, तब ऐसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसलिए इस समस्या में या इस समस्या से निजात पाने के लिए खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। आइए जानते हैं कि थायरॉइड की समस्या में किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन चीजों का नहीं? थायरॉइड कम हो तो क्या खाएं? कम कैलोरी वाला आहार (अंगूर, सेब, खरबूजा, ब्रोकली, फूलगोभी, बीन्स, गाजर, चुकंदर) हरी पत्तेदार सब्ज़ियां. 👉अधिक जानकारी या डॉक्टर से फ्री सलाह के लिए कॉल या WhatsApp करें, Dr. Arvind K- 9911987787 (at Military Hospital, Dehradun) https://www.instagram.com/p/Cp10Q7jSZpp/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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कब्ज क्या है? What is constipation?
एक सप्ताह में तीन से कम मल त्याग करना, तकनीकी रूप से, कब्ज की परिभाषा है। हालाँकि, आप कितनी बार "जाते हैं" एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में व्यापक रूप से भिन्न होते हैं। कुछ लोगों को दिन में कई बार मल त्याग होता है जबकि अन्य को सप्ताह में केवल एक से दो बार मल त्याग होता है। आपका मल त्याग पैटर्न चाहे जो भी हो, यह आपके लिए अनोखा और सामान्य है - जब तक आपका पैटर्न बड़े स्तर पर बिगड़ नहीं जाता।
आपके आंत्र पैटर्न के बावजूद, एक तथ्य निश्चित है: जितना अधिक आप "जाने" से पहले जाते हैं, मल/शौच के लिए उतना ही कठिन हो जाता है। आमतौर पर कब्ज को परिभाषित ��रने वाली अन्य प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं :-
आपका मल सूखा और सख्त है।
आपका मल त्याग दर्दनाक है और मल त्याग करना मुश्किल है।
आपको ऐसा महसूस होता है कि आपने अपनी आंतें पूरी तरह से खाली नहीं की हैं।
कब्ज की समस्या कितनी आम है? How common is the problem of constipation?
अगर आपको कब्ज है तो आप अकेले नहीं हैं। कब्ज दुनियाभर में सबसे लगातार गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल शिकायतों (gastrointestinal complaints) में से एक है। हर साल करोड़ो लोग कब्ज के कारण अपने डॉक्टर को दिखाते हैं।
सभी उम्र के लोगों को कभी न कभी कब्ज की समस्या हो सकती है। कुछ ऐसे लोग और परिस्थितियाँ भी हैं जो अधिक लगातार कब्ज बनने की संभावना रखते हैं, जिसे क्रोनिक कब्ज की समस्या कहा जाता है। जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या (क्रोनिक कब्ज) रहती हैं उनमें निम्नलिखित शामिल है :-
वृद्ध लोग कम सक्रिय होते हैं, धीमी चयापचय और उनके पाचन तंत्र के साथ कम मांसपेशियों में संकुचन शक्ति होती है, जब वे छोटे थे।
एक महिला होने के नाते, खासकर जब आप गर्भवती हैं और बच्चे के जन्म के बाद आपको कब्ज की समस्या ज्यादा हो सकती है। एक महिला के हार्मोन में परिवर्तन से उन्हें कब्ज होने का खतरा होता है। गर्भाशय के अंदर का बच्चा आंतों को कुरेदता है, जिससे मल का मार्ग धीमा हो जाता है।
पर्याप्त उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ नहीं खाने की वजह से भी कब्ज की समस्या होती है। उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को गतिमान रखते हैं।
कुछ दवाओं की वजह से भी कब्ज की समस्या बनी रहती है, जिसमें मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाएं सामान्य है।
कुछ न्यूरोलॉजिकल (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के रोग) और पाचन संबंधी विकार भी कब्ज की समस्या को बढ़ाते हैं।
कब्ज कैसे होती है? How does constipation happen?
कब्ज इसलिए होता है क्योंकि आपका कोलन अपशिष्ट (मल/पूप) से बहुत अधिक पानी को अवशोषित करता है, जिससे मल सूख जाता है जिससे यह सख्त हो जाता है और शरीर से बाहर धकेलना मुश्किल हो जाता है।
थोड़ा सा बैक अप लेने के लिए, चूंकि भोजन सामान्य रूप से पाचन तंत्र के माध्यम से चलता है, पोषक तत्व अवशोषित होते हैं। आंशिक रूप से पचा हुआ भोजन (अपशिष्ट) जो बच जाता है वह छोटी आंत से बड़ी आंत में चला जाता है, जिसे कोलन भी कहा जाता है। कोलन इस अपशिष्ट से पानी को अवशोषित करता है, जो मल नामक ठोस पदार्थ बनाता है। यदि आपको कब्ज है, तो भोजन पाचन तंत्र से बहुत धीमी गति से आगे बढ़ सकता है। यह कोलन को अधिक समय देता है कचरे से पानी को अवशोषित करने के लिए। ऐसी स्थिति में मल शुष्क, सख्त और बाहर निकालने में मुश्किल हो जाता है।
क्या कब्ज आंतरिक क्षति या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है? Can constipation cause internal damage or lead to other health problems?
कुछ जटिलताएँ हैं जो तब हो सकती हैं जब आप नरम, नियमित मल त्याग नहीं करते हैं। कुछ जटिलताओं में निम्नलिखित शामिल हैं :-
आपके मलाशय में सूजन, सूजी हुई नसें इस स्थिति को बवासीर (piles) कहा जाता है।
कठोर मल से आपकी गुदा की परत में फट जाना, जिसे एनल फिशर (anal fissure) कहा जाता है।
पाउच में एक संक्रमण जो कभी-कभी मल से कोलन की दीवार बनाता है जो फंस गया और संक्रमित हो गया है। इस स्थिति को डायवर्टीकुलिटिस (diverticulitis) कहा जाता है।
मलाशय और गुदा में बहुत अधिक मल/पूप का ढेर होना, इस स्थिति को फेकल इंफेक्शन (fecal impaction) कहा जाता है।
मल त्यागने के लिए जोर लगाने से आपकी पेल्विक फ्लोर (pelvic floor) की मांसपेशियों को नुकसान होना। ये मांसपेशियां आपके मूत्राशय को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। बहुत लंबे समय तक बहुत अधिक दबाव डालने से मूत्राशय से मूत्र का रिसाव हो सकता है इस स्थिति को तनाव मूत्र असंयम (stress urinary incontinence) कहा जाता है।
नियमित रूप से मल त्याग न करने से, शरीर में जमा हुए विषाक्त पदार्थ, व्यक्ति को बीमार कर सकते हैं? By not having regular bowel movements, the toxins accumulated in the body can make a person ill।
चिंता न करें, आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। यद्यपि जब आपको कब्ज़ होता है तो आपका बृहदान्त्र लंबे समय तक मल को रोके रखता है और आप असहज महसूस कर सकते हैं, बृहदान्त्र आपके अपशिष्ट के लिए एक विस्तार योग्य कंटेनर है। यदि बृहदान्त्र या मलाशय में अपशिष्ट मौजूदा घाव में जाता है तो संभवतः जीवाणु संक्रमण का थोड़ा सा जोखिम होता है।
कब्ज होने के क्या कारण हैं? What are the causes of constipation?
कब्ज होने के कई कारण हैं - जीवन शैली विकल्प, दवाएं, चिकित्सीय स्थितियां और गर्भावस्था, इन सभी को निम्न वर्णित किया गया है।
कब्ज के सामान्य जीवनशैली कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं :-
कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाना।
पर्याप्त पानी नहीं पीना (निर्जलीकरण)।
पर्याप्त व्यायाम नहीं करना।
आपकी नियमित दिनचर्या में बदलाव, जैसे यात्रा करना या खाना या अलग-अलग समय पर बिस्तर पर जाना।
अधिक मात्रा में दूध या पनीर का सेवन करना।
तनाव।
मल त्याग करने की इच्छा का विरोध करना।
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🍓 ह्रदय के लिए स्वस्थ आहार 🍓
ह्रदय स्वास्थ्य को संबोधित करना प्रतिबंधक आहार के बारे में नहीं है; यह जानकार चयन करने के बारे में है। अपनी दैनिक भोजन में पोषण समृद्ध खाद्य पदार्थों को शामिल करना लंबे समय तक आपके ह्रदय को बड़ी मात्रा में लाभ पहुंचा सकता है।
🌱 फल और सब्ज��यों का उपयोग करें: ये प्राकृतिक शक्तिशाली आहार विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं। ये सूजन को कम करते हैं और ह्रदय रोग का खतरा कम करते हैं।
🐟 ओमेगा-3 फैटी एसिड का चयन करें: सैल्मन, मैकरेल और ट्राउट जैसे मछलियाँ ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो अनियमित हृदय की धड़कनों का खतरा कम करने में मदद करता है और रक्तचाप को कम करता है।
🥑 स्वस्थ फैट को अपनाएं: एवोकाडो, अखरोट, बीज और जैतून का तेल मोनोनासैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल स्तर को बेहतर बना सकते हैं और ह्रदय रोग का खतरा कम कर सकते हैं।
🍽️ सावधानियाँ ध्यान में रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखने और अधिक खाने की रोकथाम के लिए पोर्शन का ध्यान रखें, जो आपके ह्रदय को बोझ डाल सकता है।
🥗 संतुलन महत्वपूर्ण है: संतुलित आहार का आनंद लें, जिसमें पूरे अनाज, कम वसा युक्त प्रोटीन और कम वसा युक्त डेयरी उत्पाद शामिल हैं। विविधता सुनिश्चित करती है कि आपको ह्रदय की सभी आवश्यकताएं मिलती हैं।
याद रखें, आपके आहार में छोटे बदलाव लंबे समय तक आपके ह्रदय स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार ला सकते हैं। स्वस्थ ह्रदय बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन और विशेषज्ञ सलाह के लिए Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से संपर्क करें, सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मुख्य सड़क, रांची, झारखंड: 834001। उनसे संपर्क करने के लिए 6200784486 पर कॉल करें या drfarhancardiologist.com पर जाएं।
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भोजन पर कम नमक मिलाना? अध्ययन में कहा गया है कि इससे हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है
भोजन पर कम नमक मिलाना? अध्ययन में कहा गया है कि इससे हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है
वाशिंगटन: जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, खाद्य पदार्थों में कम नमक खाने से हृदय रोग, हृदय की विफलता और इस्केमिक हृदय रोग का खतरा कम होता है। यहां तक कि उन लोगों में भी जो डीएएसएच (उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार संबंधी दृष्टिकोण) के समान आहार का सेवन करते हैं, नमक की खपत को कम करने के लिए व्यवहारिक उपचार हृदय स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं।…
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(प्रतिपदा तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══��══※
दिनांक:-21-अप्रैल-2023
वार:--------शुक्रवार
तिथी:------01प्रतिपदा:-08:29
पक्ष:--------शुक्लपक्ष
माह:--------वैशाख
नक्षत्र:-------भरणी:-23:01
योग :---------प्रीति:-10:59
करण:-------बव:-08:29
चन्द्रमा:------मेष:-29:02/वृषभ
सुर्योदय:-------06:13
सुर्यास्त:--------19:00
दिशा शूल-------पश्चिम
निवारण उपाय:---दही का सेवन
ऋतु :--------------ग्रीष्म-ऋतु
गुलीक काल:---07:50से 09:25
राहू काल:-------11:01से12:37
अभीजित-------11:57से12:51
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-06:13से07:50तक
लाभ:-07:50से09:25तक
अमृत:-09:25से11:01तक
शुभ:-12:37से14:13तक
चंचल:-17:24से19:00तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-21:48से23:12तक
शुभ:-00:36से02:01तक
अमृत:-02:01से03:25तक
चंचल:-03:25से04:49तक
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज के विशेष योग
वर्ष का31वा दिन, चन्द्रदर्शन, पाराशर ऋषि जयंती मतान्तरे, गुरु अश्विनी मेष पर 29:14, राष्ट्रीय वैशाख मास प्रारंभ, देवदामोदर तिथि (आसाम), राजयोग
08:29से 23:01, बूध वक्री 14:11,
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
👉वास्तु टिप्स 👈
घर के किसी भी कोने में अंधेरा ना रखे।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*सुविचार*
संभलना पड़ता है,
बुरे वक्त में कोई नहीं संभालता !👍🏻राधे राधे
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*हृदय रोग के लिए प्राणायाम -*
*2. अनुलोम विलोम प्राणायाम -*
अनुलोम विलोम प्राणायाम दिमाग शांत करता है। यह उच्च रक्तचाप कम करता है, जो दिल की समस्याओं का कारण बनता है। इसके अलावा यह तनाव, अवसाद और चिंता को दूर करने में भी लाभकारी है। रक्त प्रवाह को बढ़ाने और दिल के दौरे को रोकने में मदद करता है। इस प्राणायाम में, आपको हाथ के अंगूठे के साथ दाएं नाक को बंद करना होगा और बाएं नाक के माध्यम से गहराई से श्वास लेना होगा। अब बाएं नाक को बंद करें और दाएं नाक से श्वास को बाहर निकालें। इस तरह आपको इस चक्र को दोहराना होगा।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
सही काम का भी विरोध होगा। कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। कोई बड़ी समस्या बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने के प्रति रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में चैन बना रहेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। झंझटों में न पड़ें। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी।
👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
शत्रुभय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से क्लेश होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐश्वर्य के साधनों पर सोच-समझकर खर्च करें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि बाद में पछताना पड़े। दूसरे अधिक अपेक्षा करेंगे। नकारात्मकता हावी रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
प्रतिद्वंद्विता कम होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बिगड़ सकती है। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्त्री वर्ग से सहायता प्राप्त होगी। नौकरी व निवेश में इच्छा पूरी होने की संभावना है।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
भूमि व भवन संबंधी खरीद- फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आर्थिक उन्नति होगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। देनदारी कम होगी। नौकरी में मनोनुकूल स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट आदि से बड़ा फायदा हो सकता है। परिवार की चिंता बनी रहेगी।
🙎🏻♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। झंझटों में न पड़ें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
शत्रुओं का पराभव होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। बेवजह किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के बहकावे में न आएं। फालतू बातों पर ध्यान न दें। लाभ में वृद्धि होगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तुएं गुम हो सकती हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की बाधा दूर होगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि तथा सम्मान में वृद्धि होगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। राजभय रहेगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। सही काम का भी विरोध हो सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में लापरवाही न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है या समय पर नहीं मिलेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यश बढ़ेगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ेगी। चिंता रह सकती है। थकान रहेगी। प्रमाद न करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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हाई ब्लड प्रेशर है तो इसे भोजन के साथ लेना शुरू कर दें, संकुचित रक्त वाहिकाएं भी खुल जाएंगी
हाई ब्लड प्रेशर है तो इसे भोजन के साथ लेना शुरू कर दें, संकुचित रक्त वाहिकाएं भी खुल जाएंगी
हृदय रोग के रोगियों को उच्च रक्तचाप का अधिक खतरा होता है। जबकि लंबे समय से यह दावा किया जाता रहा है कि लहसुन और चुकंदर रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं, ब्रिटिश डॉक्टर क्रिस वान टुल्लेके ने आयुर्वेद में लहसुन को हृदय के लिए महत्वपूर्ण माने जाने के बारे में सच्चाई का पता लगाने की कोशिश की, जिसके आश्चर्यजनक परिणाम मिले। इसके अलावा, किंग्स कॉलेज लंदन के डॉ एनी वेब भी पोषण संबंधी दावों की वैधता का…
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यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो आपको स्वस्थ हृदय के लिए खाने चाहिए (और नहीं खाने चाहिए)।
यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो आपको स्वस्थ हृदय के लिए खाने चाहिए (और नहीं खाने चाहिए)।
एक स्वस्थ आहार एक स्वस्थ हृदय के लिए पूर्वापेक्षाओं में से एक है। खराब भोजन विकल्प आपके दिल को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जिससे आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है, जैसे कि दिल का दौरा, दिल की विफलता, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, और बहुत कुछ। – आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि यह स्वस्थ है इसलिए आपको विदेशी फल, आयातित मेवे या महंगे भी नहीं चाहिए। की आपूर्ति करता है मेरे…
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