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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ मजदूरों को मिला तेंदुए का नन्हा शावक, अब वन विभाग उसको मां से मिलाने में जुटा
Chhattisgarh News : Gariyaband News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariyaband) जिले में तेंदुए का शावक मिला है. तेंदुए का बच्चा मनरेगा में काम रहे ग्रामीणों को मिला है.इसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी और मौके पर पहुंच कर वन विभाग ने तेंदुए के शावक का रेस्क्यू कर लिया है. छोटा शावक को अब उसकी मां से मिलवाने के लिए वन विभाग की टीम तैयारी कर रही है. वन विभाग ने तेंदुए के शावक…
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निगाहें मिलाने को जी चाहता है Nigahein Milane Ko Jee Chahta Hai NEW UNSUNG VERSION WITH NEW STANZAS
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खुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिशें हो तो भीग जाया कर. चाँद लाकर कोई नहीं देगा, अपने चेहरे से जगमगाया कर. दर्द हीरा है, दर्द मोती है, दर्द आँखों से मत बहाया कर. काम ले कुछ हसीन होंठो से, बातों-बातों में मुस्कुराया कर. धूप मायूस लौट जाती है, छत पे किसी बहाने आया कर. कौन कहता है दिल मिलाने को, कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर.
- बशीर बद्र
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सुनो, जो भी काम में व्यस्त हो, वो थोड़ा बाजू रख के,
क्या मुझसे मिल सकते हो?
माना देरी नहीं हुई है, लेकिन मुझे जल्दी है थोड़ी।
वो, दरअसल, मुझे, तुम्हे, घूमाने ले जाना है।
उस नदी के छोटे वाले किनारे,
जहा हररोज शाम को मछलियां झुंड बनाके
जमीन का दर्शन करने आती है।
मछुवारे से नही डरती है।
क्योंकि एक अबोल समझौता है उनमें
की सुबह मछुवारे की होगी, और शाम मछलियों की।
वो, दरअसल, मुझे, तुम्हे, घूमाने ले जाना है।
नदी को तुमसे मिलाने ले जाना है।
उस्सी नदी के किनारे बैठ,
आधा पिघला कॉर्नेटो आइसक्रीम कोन खाना है,
वो आइसक्रीम के कागज़ों को हाथों में संभाल के रखना है,
हाथ को घर मान बैठी चॉकलेट की उस हल्की सी परत को, धोने के बहाने से, पानी में उतरना है।
किसी बच्चे सा, बेफिक्र, पानी उछालना है,
फिर गीले पाऊं लिए, वापिस उन icecream के कागज़ों के पास चले आना है।
मुझे तुम्हे घूमाने ले जाना है।
उन मछलियों का खेल दिखाने ले जाना है।
माना देरी नहीं हुई है, लेकिन मुझे जल्दी है थोड़ी।
मुझे जल्दी है थोड़ी, क्योंकि कॉर्नेटो अब मिलता नहीं है,
मिलता है तो पिघलता नहीं है,
जब से कलम छोड़ लैपटॉप चुना है,
चॉकलेट हाथों को घर कहता नहीं है,
वो किनारा, वो नदी सुख रही है,
पीली नाव, बाजार में, बिक रही है।
मछुवारा धंधा बदल रहा है,
और मछलियां खत्म हो रही है।
इसलिए, सुनो, जो भी काम में व्यस्त हो, वो थोड़ा बाजू रख के,
क्या मुझसे मिल सकते हो?
माना देरी नहीं हुई है, लेकिन मुझे जल्दी है थोड़ी।
वो, दरअसल,
जब तक नदी है, नाव है, मछली है, मछुआरा है,
लैब में बना नहीं, सृष्टि निर्मित वारा है,
तब तक, या उससे पहले,
मुझे, तुम्हे, घूमाने ले जाना है।
Sau
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Aaj Tak के पत्रकार Sudhir Chaudhary की झूठी खबरों का पर्दाफाश | Exposing...
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#पूर्णगुरु_से_होगा_मोक्ष
True Guru Sant Rampal Ji
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👇👇👇
🙏हम भारत के नागरिक मांग करते हैं कि
@abpasmitatv तुरंत गुमराह करने वाले लेख को वापस लें!
और संत रामपाल जी महाराज और उनके अनुयायियों से सार्वजनिक माफी मांगे!
*इस माफी में गलतियों को स्वीकार करना!* +
*हुए नुकसान को स्वीकार करना!*
+
*भविष्य में ऐसी गैरजिम्मेदार पत्रकारिता को रोकने के उपायों का उल्लेख होना चाहिए।*
*पूर्ण संत और पूर्ण सतगुरु है संत रामपाल जी महाराज!*
यदि मीडिया को
संत रामपाल जी महाराज क्षमा कर देंगे तो मीडिया समझ लें!
कि परमेश्वर ने उन्हें बख्�� दिया !
लेकिन
*भविष्य में दोबारा ऐसी गलती ना करें!*
अगर मीडिया आम व्यक्ति के लिए भी ऐसी गलती करता है तो परमात्मा रुष्ट होते हैं,क्योंकि आत्मा परमात्मा का अंश है!
लेकिन यह तो सतगुरु रूप में स्वयं कबीर परमेश्वर हैं पूजनीय हैं, संत रामपाल जी महाराज जी तो कोई गलती कर ही नहीं सकते, इस संसार को कैसे समझाया जाए!
ऐसे पूर्ण सतगुरु और संत की तो पूजा होनी चाहिए!
जिन्होंने
एक महान सत्य के लिए के लिए संघर्ष किया है !
आत्मा और परमात्मा को मिलाने वाला पवित्र सत्य जन-जन तक पहुंचाने का पूर्ण रूप से प्रयास किया है!
संत रामपाल जी महाराज जो
समाज का सद्भक्ति के माध्यम से
+
सत्य तत्व ज्ञान के माध्यम से_ पूर्ण रूप से सुधार कर रहे हैं!
संत रामपाल जी महाराज के सभी शिष्य पूरी ईमानदारी से संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षाओं + नियमों + आज्ञाओं
का पालन करते हैं!
क्योंकि
संत रामपाल जी महाराज सभी बुराई से जीवात्मा को दूर कर रहे हैं और उनके कष्टों का भी निवारण कर रहे हैं!
संत रामपाल जी महाराज
की
कथनी और करनी में
किंचित मात्र भी अंतर नहीं है
Article Only For INDIAN Media
👇👇👇
🙏(1) मीडिया को चाहिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अपने चैनलों पर चलाएं और दुनिया को दिखाएं की संत रामपाल जी महाराज सत्संग के माध्यम से क्या बता रहे हैं!
(2) विश्व में जितने भी गुरु हैं उन सब की एक-एक करके डिबेट संत रामपाल जी से महाराज जी से मीडिया के माध्यम से रखी जाए!
(3) मीडिया से अनुरोध है अपनी ईमानदारी दिखाएं !भारत का नाम ऊंचा करें !
फिर से भारत के लोगों में हृदय में अपनी जगह बनाएं!
🙏सत साहेब जी🙏
पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर जी की वाणी में परमेश्वर जी ने कहा है कि
बावले मानव मौत भूल गया है यह बड़ी अचरज की बात है! तन ऐसे मिट्टी में मिल जाएगा,जैसे आटे में नून!!
इसलिए
🙏हे मीडिया वालों सुकर्म कर लो!
संत रामपाल जी महाराज जी से मीडिया के माध्यम से ही माफ़ी मांग लें!
🙏संत रामपाल जी महाराज के पवित्र शास्त्र अनुकूल सत्संग अपने मीडिया पर दिखाएं!
डिबेट रखें अन्य छोटे-बड़े सभी गुरुओं महा मंडलेशवरों के साथ!
जिससे संसार को पूर्ण सत्य रूप से सच्चाई का पता लगे !
आपके कर्म ऊंचे हो !
भगवान की नजरों में उठो !
इंसान की नजर में तो अपने आप उठ जाओगे!
आम जनता धोखे में ना रहने दें!
मनुष्य जन्म सभी के लिए अनमोल है!
बार-बार नहीं मिलता है !
आप इसके साथ खिलवाड़ ना करें!
वर���ा उस परम शक्ति के अपराधी हो जाएंगे आप !
डरें बुरी वक़्त से!
आशा करती हूं आप दासी की वचनों को हल्के में नहीं लेंगे
और बड़ाई और बधाई का काम करेंगे!
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*🙏मीडिया वालों बोलो *जय बंदी छोड की* आपकी सत्बुद्धि और विवेक दोनों सुचारु रूप से काम कर सकें!
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🙏यही प्रार्थना है हमारी उस परमपिता परमेश्वर से !
क्योंकि
हम सब उसके बच्चे हैं और वह हमारे दुखों से दुखी होता है,हमारी बुराई से भी दुखी होता है!
और
कॉल रूपी राक्षस इसका फायदा उठाता है जिसे हम भगवान समझ रहे हैं वह शैतान का कार्य कर और कर रहा है !
अपनी तीन गुण की माया फैलाकर
हम जीवों को उसने भ्रमित किया हुआ है !
👇👇👇
🙏जागो हे मीडिया वालों !
🙏एक आपके जागने से संसार जाग जाएगा !
🙏क्या आप लोग यह पुण्य कमाना नहीं चाहोगे!
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छोटे शहरों का प्रेम
बड़े बड़े शहरों में रहने वाले वो लोग
छोटे शहरों जैसा प्रेम करना भी जानते है ।
जो नज़रें मिलाने के इंतज़ार में
नजाने कितनी दुकाने ताक़तें है ।
जो हाथ पकड़ने के बहाने
चाय को ज़रिया बनाते है ।
जो अकेले मिलने की चाह में
शर्म का ल��ल पीला शौल ओढ़ कर आते है ।
जो पहली मुलाक़ात पे भी
महकता हुआ गजरा लाते है ।
मंदिर की घंटी, कुकर की सीटी, निज़ाम साहब की चाय और तफ़री, सुबह की रौनक़ और मीठी मीठी दिसंबर की सर्दी में
नज़रें ओझल आँखों से एक दूसरे को तलाशती है ।
एक ऐसी तलाश जिसमें रंग रूप, जात पात नहीं सिर्फ़ उनकी और आपकी तफ़सीली बातें ।
“क्या रंग पहना है उसने, जूती कितने नंबर की होगी उसकी, काजल कितना जचता है उसपे, या अगली मुलाक़ात में कहा और कब मिलना है ।”
सून सान गलियों में जाकर
हाथों की लकीरें तराशी है जिनकी,
जिनके लिए मौक़े बनाना अच्छा सा लगता था,
वो बड़े शहरों में गुम तो होगये
मगर यहीं मिलेंगे अभी भी
अपनी नज़रों से मेरा इंतज़ार करते हुए ।
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Is there a desire that comes without suffering?
हर चाहत में है दर्द|
उसके बीते कल से आने वाले कल तक जाने के इंतज़ार में,
उसको पूरा करने के लिए अपने आप को काबिल दिखाने के इम्तहान में,
उसको पाने के एहसास में; उससे पहले चुरायी नज़रों को अब मिलाने में,
चाहत के हर मोड़ पर है दर्द|
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एक शांत समंदर मैं
दबे पाओ
उन लेहरो के शिकन का इंतज़ार कर रहा हु
कब मेरे चेरे की उन सलवटों को चूमे वह
मेरे कंडे पर सर रख कर गुनगुनाये वो
मेरी हथेली पकड़ ले और बोले मुझसे
के फिर तू वो कलम उठा
और टूटे हुए उस रोज़
फिर सम्नदर को जमे से मिलाने की कोशिश कर
…
लौट कर आऊंगा वही
जहा सुकून है मेरा
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In Paulo Coelho's book 'The Alchemist,' he beautifully wrote, ''I love you because the entire universe conspired to help me find you,'' and then in the movie 'Om Shanti Om,' Shah Rukh Khan says, ''इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है... हर जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की कोशिश की है''...
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इबादत!
बेशक इबादत करने रोज़ हम जाते हैं
फिर भी बेहतर इंसान कहाँ बन पाते हैं
वही रटा रटाया दोहराते हैं रोज़ ही हम
मगर असल मायने कहाँ समझ पाते हैं
रोज़ दुहाई उसी के नाम की देकर हम
उससे ही मोल भाव करने बैठ जाते हैं
दुआ में उठे हाथों का असर कहाँ होगा
जब दिल में नापाक ख़्याल ही आते हैं
खुद से कोई कभी मिला हो देखा नहीं
खुदा से मिलाने के वायदे कर जाते हैं
कई बे-इल्म मज़हबों के पैरोकार यहाँ
मासूमों को ही गुनाहगार बना जाते हैं
अपनी तक़रीरों में जहर उगलने वाले
इंसानियत के हरीफ नफ़रतें फैलाते हैं!
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Why tyres are made only in black colour?
टायर का रंग काला ( black tire)क्यों होता है लाल, पीला या सफ़ेद क्यों नहीं होता तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे है और इसके पीछे का कारण भी बताएंगे. टायर की बात करे तो हर आदमी इस चीज से बाकिफ होगा क्योंकि टायर किसी भी वाहन का प्रमुख अंग है टायर की वजह से ही एक वाहन लम्बा सफ़र तय कर पाते हैं लेकिन टायर को देखकर भी यहीं सवाल उठता है कि ये टायर काले क्यों होते है और अब तो टेक्नोलॉजी में काफी बदलाव आ गया अब भी टायरों को किसी दूसरे कलर में क्यों नहीं बनाया जाता है. भारत में लगभग सभी चीजें काफी बाद में आती है लेकिन जो देश टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है वहां के वाहन के टायर अभी भी काले क्यों बनाये जा रहे है. तो जानेंगे इसके पीछे की वजह.
टायर का रंग काला क्यों होता है || Why is the color of the tire black
टायर का इतिहास काफी पुराना है क्योंकि आदिमानव के जमाने भी टायर बनाये जाते थे लेकिन उस समय रबर जैसी किसी चीज की खोज नहीं हुई थी जब रबर की खोज हुई तो इसके टायर भी बनाये गए जो काफी काम में आने लगे लेकिन अभी भी इन टायर में कमी थी क्योंकि साधारण रबर के टायर जल्दी घिस जाते थे इसके बाद थोड़ी और रिसर्च की गयी और पाया गया कि रबर में कार्बन और सल्फर मिलाकर इसे मज��ूत किया जा सकता है. वैसे आपको पता होगा कि रबर का प्राकतिक रंग स्लेटी होता है लेकिन जब इसमें कार्बन और सल्फर मिलाया जाता है तो इसका रंग काला हो जाता है.
रबर में कार्बन मिलाने से बहुत बड़ा फायदा हुआ है क्योंकि जहां साधारण रबर से बना टायर 10 किलोमीटर चल सकता है वहीं कार्बन और सल्फर युक्त रबर का टायर 1 लाख किलोमीटर से ज्यादा चल सकता है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि टायर बनाने के लिए रबर में कार्बन और सल्फर मिलाना कितना जरुरी है. चुकीं रबर में कार्बन और सल्फर मिलाते है इसलिए टायर का रंग काला हो जाता है.
और पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें :-
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योग क्या है ?
योग क्या है ?
हम में से ज्यादा तर लोग आज योग को मात्र शारीरिक स्वाथ्य के रूप में लेते है , कुछ आसान और शरीर की अलग अलग मुद्राओ को करना ही योग मानते है ,आधुनिक युग में योग के अलग -अलग तरीके आपको दिखाए जाते है जो की लुभावने होते है पर क्या वो आपके लिए लाभकारी है ,ये समझने के लिए पहले हमे योग क्या है ये जानना होगा -
शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण है योग
शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण ही योग कहा गया है ,योग का अर्थ ही है जोड़ना / मिलाना ,और भी सरल शब्दों में कहा जाये तो अपने शरीर को स्वस्थ्य से ,मन को अच्छे विचारो से और अपनी आत्मा को परमात्मा से मिलाना /जोड़ना या मिलाने का प्रयास करना ही योग है ,
योग एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा के एकीकरण को समर्पित है। यह एक अद्वैत सिद्धांत है जो मनुष्य के सम्पूर्ण विकास और पूर्णता को प्राप्त करने की मार्गदर्शन करता है। योग आत्मा की अनुभूति और उसके अभिविकास को संभव बनाता है, जिससे हम आनंद, शांति, स्वस्थता और सच्ची संतुष्टि की अनुभूति कर सकते हैं।
योग का शास्त्रीय आधार पतंजलि के 'योग सूत्र' माना जाता है। पतंजलि ने योग को आठ अंगों में विभाजित किया है, जिन्हें 'अष्टांग योग' कहा जाता है। ये अष्टांग योग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समा��ि हैं। इन अंगों के माध्यम से, योगी अपने मन को नियंत्रित करते हैं, शरीर को स्वस्थ रखते हैं और आत्मा के साथ अद्वैत अनुभव करते हैं।
योग के माध्यम से हम अपने शरीर की स्थायित्वता, लचीलापन, शक्ति और स्थैर्य को विकसित करते हैं। आसनों के द्वारा हम अपने शरीर को सुव्यस्थ और लचीला बनाते हैं। प्राणायाम के माध्यम से हम अपने प्राण (श्वास-प्रश्वास) को नियंत्रित करते हैं और अपने मन को शांत करते हैं। प्रत्याहार के द्वारा हम अपने इंद्रियों को इन्द्रिय विषयों से वश में लाते हैं और मन को बाहरी विषयों से आंतरिक मंदिर में नियंत्रित करते हैं। इस प्रकार योगी अपने मन को नियंत्रित कर अपनी चिंताओं और विचारों को स्वयं संयमित करते हैं।
योग का ध्यान और समाधि अंग मन को एकाग्र करने, उसे अपनी सच्ची पहचान में ले जाने और आत्मा के साथ एकीकृत होने के लिए हैं। योगी ध्यान के माध्यम से अपने आंतरिक स्वरूप की पहचान करते हैं और समाधि में वह अपनी अस्तित्वता को भुल जाता है और परमात्मा के साथ अभिन्न हो जाता है। इस स्थिति में, योगी को सच्ची आनंद, शांति और आत्मिक समृद्धि की अनुभूति होती है।
योग आजकल एक प्रमुख ध्यान विधा के रूप में भी चर्चा में है। यहालांकि, योग केवल एक ध्यान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पूर्ण जीवनशैली को भी दर्शाता है। योग का अभ्यास व्यक्ति को तनाव, रोग, मानसिक चिंताओं और अनियंत्रित मन के साथ निपटने में मदद करता है। योग के माध्यम से हम अपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत करते हैं, स्वस्थ और खुश जीवन जीते हैं और स्वयं को संतुष्ट रखते हैं।
योग का महत्वपूर्ण अंश योगासन है, जिसमें विभिन्न शारीरिक पोज़ और आसनों को प्रदर्शित किया जाता है। योगासनों के अभ्यास से हमारे शरीर की लचीलापन, संतुलन, स्थायित्व और शक्ति में सुधार होती है। इसके अलावा, योग आसनों के द्वारा हम विभिन्न रोगों को नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग, अस्थमा, अवसाद आदि।
योग का अभ्यास मनोरोगों ��ें भी मदद करता है। ध्यान और मन को नियंत्रित करके हम स्वयं को शांत और स्वस्थ बना सकते हैं। योग का अभ्यास करने से मन में स्थिरता और एकाग्रता की स्थिति बढ़ती है, जिससे समस्याओं और टेंशन को नियंत्रित किया जा सकताहै।
योग का अभ्यास सिर्फ शारीरिक और मानसिक लाभों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मा के साथ एकीकृत होने की भी साधना है। जब हम योग के माध्यम से अपने मन को नियंत्रित करते हैं और अपनी आंतरिक स्वरूप को पहचानते हैं, तब हम एक ऊँचे स्तर पर उठते हैं और अपने स्वभाव के मूल्यों को समझते हैं। इस प्रकार, योग हमें सच्ची स्वतंत्रता, आनंद और मुक्ति की अनुभूति दिलाताहै।
योग हमारे शरीर, मन और आत्मा के एकीकरण को साधना करने और समर्पित होने का एक विज्ञान है। इसके माध्यम से हम अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं और एक सुखी, स्वस्थ और पूर्ण जीवन जी सकते हैं। योग का अभ्यास करने से हम अपनी सामर्थ्यों को पहचानते हैं और आपातकाल में भी स्थिर रहते हैं। इसलिए, योग हमारे जीवन का अटूट हिस्सा है और हमें स्वस्थ, स्थिर और संतुष्ट बनाने में सहायता प्रदान करता है। योग का अभ्यास आपकी जीवनशैली को सुधारता है और आपको एक सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
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4 परीक्षण जो आपको सेकंडों में परिणाम देंगे
खाद्य पदार्थों में मिलावट से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। कल्पना कीजिए कि आपको पता चले कि आपकी रसोई में मौजूद शहद का विश्वसनीय जार – जो कई घरों का मुख्य भोजन है – मिलावटी हो सकता है। शहद की शुद्धता की जांच के लिए ये परीक्षण करके अपने परिवार को सुरक्षित रखें। परीक्षण 1: पानी का परीक्षण एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाने से यह पता लगाने में मदद मिलती है कि शहद मिलावटी है या शुद्ध।…
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हीरोपंती फिल्म समीक्षा/रिव्यु
फिल्म समीक्षा/रिव्यु में टाइगर श्रॉफ की इमेज प्लॉट: इस फिल्म की कहानी एक लड़के पर है, जिसे चौधरी के भाई उसे और उसके दोस्तों को उठाकर अपने घर ले आते हैं क्योंकि उसका दोस्त चौधरी की बेटी को शादी वाले दिन भगाकर ले जाता है, अब चौधरी की शर्त यह है कि जब तक उसकी बेटी नहीं मिल जाती, तब तक उसके दोस्तों और उसको नहीं छोड़ेंगे| लेकिन इस दौरान चौधरी के घर से वे सभी भाग जाते हैं, भागते वक्त वह जंगल में एक लड़की को देखता है, जिसे देखते ही उसे प्यार हो जाता है तो वह भागने का प्लान कैंसिल कर देता है, चौधरी के गुर्गे उन चारों को दोबारा पड़कर घर ले जाते हैं| क्या वह उसे लड़की से मिल पाएगा? क्या वह उस लड़की को ढूंढ पाएगा? वह उस लड़की को ढूंढने के लिए किसे बोलेगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए फिल्म को देखें| टोन और थीम: इस फिल्म की टोन रोमांटिक एक्शन पर आधारित है, इस फिल्म की थीम लव एंड वॉर है, फिल्म को बनाने का मकसद सिर्फ मनोरंजन करना और मसाला फिल्म परोसना है| एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: बब्लू के रोल में टाइगर श्रॉफ की यह पहली हिंदी फिल्म है, उन्होंने पहली फिल्म में ही साबित कर दिया कि वह लंबी रेस का घोड़ा है, चाहे अभिनय हो, डांस हो, डॉयलॉग डिलीवरी हो, एक्शन करना हो, जिम टोंड बॉडी हो या फिर उसकी बॉडी लैंग्वेज हो, सब में वह अव्वल साबित हुआ| डिंपी के रोल में कृति सेनन की भी यह पहली हिंदी फिल्म है, उन्होंने भी साबित कर दिया कि वह भी लंबी रेस की घोड़ी है चाहे उनकी डांसिंग स्किल्स हो, अभिनय हो, कास्टूम हो, फेस एक्सप्रेशन हो, सब में ��न्होंने बहुत मेहनत की है| चौधरी साहब के रोल में प्रकाश राज ने भी एक पिता वाले रोल में भूमिका निभाकर अच्छा अभिनय किया है, एक सख्त, तेज तर्रार और गुस्से वाले चेहरे के हाव -भाव में वह बहुत सटीक बैठते हैं| सपोर्टिंग कास्ट में भी सबका अभिनय ठीक-ठाक है| रिटन एंड डायरेक्शन: इस फिल्म का डायरेक्शन सब्बीर खान ने किया है, यह उनकी दूसरी निर्देशित फिल्म है, इससे पहले उन्होंने कमबख्त इश्क(2009) बनाई थी, अक्षय कुमार और करीना कपूर के साथ, उनकी यह फिल्म औसत दर्जे की थी| इस फिल्म को उन्होंने पहली फिल्म से बेहतर बनाया है, पूरी फिल्म पर उनकी पकड़ है, सबसे वह अच्छा काम निकलवा पाए| फिल्म का अंत भी बढ़िया बन पड़ा है, यह तेलुगु फिल्म परागु(2008) की रीमेक है, कहानी भास्कर ने लिखी है जो की ओरिजिनल फिल्म के स्टोरी ट्रेलर है, कहानी को ओरिजिनल फिल्म से अडॉप्ट किया गया है| स्क्रीनप्ले और डायलॉग: संजीव दत्ता ने लिखी है जो कमज़ोर और शिथिल है, डायलॉग अच्छे लिखे गए हैं|
फिल्म समीक्षा/रिव्यु में कृति सेनन की इमेज सिनेमैटोग्राफी: हरि के वेदांतम की सिनेमैटोग्राफी औसत दर्जे की है, कुछ दृश्य अच्छे से फिल्माए गए हैं| एडिटिंग: मनन सागर की ठीक-ठाक है, फिल्म को थोड़ा लंबा खींचा गया है, वैसे फिल्म की गति थोड़ी सी ढीली है प्रोडक्शन डिजाइन: नरेंद्र रहुरिकर का ठीक-ठाक है| साउंड डिजाइन: परीक्षित ललवानी और कुण��ल मेहता का भी ठीक है कास्टूम डिज़ाइन: सोनाक्षी राज के फिल्म के कलाकारों के मुताबिक है| म्यूजिक: साजिद वाजिद का बढ़िया बन पड़ा है, कुछ गीत अच्छे बने हैं, जैसे रात भर, तबाह, रब्बा और Whistle बजा | लिरिसिस्ट: कौसर मुनीर के लिखे हुए गीत भी ठीक-ठाक है कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, अहमद खान और राजू खान की अच्छी है| क्लाइमेक्स: अच्छा बन पड़ा है ओपिनियन: Time Pass Movie! जो एक्शन और रोमांस वाली फ़िल्में देखना पसंद करते है वे एक बार देख सकते है| Flaws: आईपीएस पुलिस वाले पर हाथ उठाकर क्या मैसेज देना चाहते हैं, फर्स्ट हाफ स्लो है, लड़की और लड़के को मिलाने के लिए दर्शकों को 35 से 40 मिनट का इंतज़ार करना पड़ता है, लेकिन जब वे मिलते हैं, तो इंटरवल हो जाता है 1 घंटे की फिल्म में इंटरवल तक कोई कहानी नहीं है, सिवाय एक दूसरे को मिलाने के| मैसेज: लड़के-लड़कियों को भागकर शादी नहीं करनी चाहिए, माता-पिता की रजामंदी के साथ और बात करके करनी चाहिए| भागने से पहले लड़के-लड़कियों को माता-पिता के बारे में एक बार सोचना चाहिए कि उनकी बदनामी होगी| CBFC-U/A Movietime-2h.26m Genre-Romantic Action Backdrop-Haryana Release-2014 प्रोडूसर: साजिद नाडियाडवाला, डायरेक्टर: सब्बीर खान, साउंड डिज़ाइन: परीक्षित ललवानी, कुणाल मेहता, कास्टूम डिज़ाइन: सोनाक्षी राज, म्यूजिक: साजिद वाजिद, गेस्ट कंपोजर: मंज म्यूज़िक, मुस्तफा ज़ाहिद, बैकग्राउंड स्कोर: संदीप शिरोडकर, प्रोडक्शन डिज़ाइन: नरेंद्र रहुरिकर, एडिटर: मनन सागर, सिनेमेटोग्राफी: हरि के वेदांतम, कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, अहमद खान, राजू खान, लिरिक्स: कौसर मुनीर स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स: संजीव दत्ता, एक्शन: अनल अरासु Read the full article
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