#मिंत्रा
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dgjatin · 1 year ago
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ऑनलाइन कपड़े खरीदने के लिए 15 ऐप्स
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1. Amazon – ऑनलाइन कपड़े खरीदने के लिए 15 ऐप्स
यह एक अमेरिकन मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी है। इसका एप्लिकेशन अमेज़ॅन ऐप उपयोगकर्ता-उन्मुख है और सर्वोत्तम-रेटेड उत्पाद प्रदान करने वाली सबसे विश्वसनीय कंपनियों में से एक है। अमेज़न ‘आपकी अपनी दुकान’ के नाम से भी मशहूर है। अमेज़ॅन अपने उत्पादों को समग्र स्टार रेटिंग और प्रत्येक उत्पाद को प्राप्त ग्राहक समीक्षाओं की संख्या के आधार पर सूचीबद्ध करता है। वे इसे नियमित रूप से ताज़ा करते हैं जिससे ग्राहकों को एक गुणवत्तापू��्ण उत्पाद खोजने में मदद मिलती है। अमेज़ॅन के पास एक उन्नत खोज इंजन है जो बहुत सटीक है। इसकी ग्राहक सेवा सेवा उत्कृष्ट है और इसमें आसान धनवापसी और वापसी नीतियां भी हैं। एक चीज जो उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करती है वह है कुछ वस्तुओं पर मुफ्त शिपिंग।
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kyakharide · 2 years ago
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hindifinanceblog · 2 years ago
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Myntra Franchise Kaise Le – मिंत्रा फ्रेंचाइजी Cost, Profits व आवेदन प्रक्रिया
👉🏼 https://hindifinance.org/myntra-franchise-kaise-le/
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stackumbrella1 · 2 years ago
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Nothing Ear 2 ईयरबड भारत में लॉन्च: फुल चार्ज पर मिलेगा 36 घंटे का प्लेबैक टाइम, देखें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
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भारत के साथ ग्लोबल मार्केट में बुधवार, 22 मार्च को दिग्गज टेक ब्रांड Nothing ने ट्रांसपेरेंट डिजाइन के साथ Nothing Ear 2 लांच कर दिया है। नथिंग का ये दूसरा ईयरबड है, इससे पहले कंपनी ने पिछले साल Nothing Ear 2 को लॉन्च किया था, कंपनी जिसकी 6 लाख युनिट बेच चुकी है।
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जानें कब से होगा उपलब्ध 
कंपनी ने ईयरबड की भारतीय मार्केट में प्राइज 9,999 रुपए रखी है। द Nothing Ear 2 डुअल-पेयरिंग, क्लियर वॉयस टेक्नोलॉजी के साथ आता है। कंपनी के अनुसार ये ईयरबड 40dB तक नॉइस रिडक्शन के साथ अब तक का कंपनी का बेस्ट ईयरबड है। आपके लिए यह फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और चुनिंदा ऑफलाइन स्टोर्स पर 28 मार्च दोपहर 12 बजे से अवेलेबल रहेगा।
यह भी पढ़ें: देश में 6G की टेस्टिंग शुरू, PM MODI बोले- टेलीकॉम का बड़ा एक्सपोर्टर बनने की दिशा में भारत
Nothing Ear 2: 36 घंटा प्लेबैक टाइम
कंपनी के मुताबिक एक बार चार्ज करने पर यह ईयरबड 6 घंटे और चार्जिंग केस के साथ 36 घंटे का प्लेबैक टाइम देगा।Nothing Ear 2 एक्टिव नॉइस कैंसिलेशन और IP54 रेटिंग के साथ आता है। इसके अलावा यह LHDC Audio 5.0 को भी सपोर्ट करता है। जिसके कारण इसके यूजर्स को अच्छी साउंड क्वालिटी मिलेगी
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Nothing Ear 2 के स्फेसिफिकेशन्स​​​​​​​
Nothing Ear 2 में कई अपग्रेड्स दिए गए हैं। यह पूरी तरह से वायरलैस हैं। वहीं, हाई-क्वालिटी साउंड के लिए इसमें हाई-रेस ऑडियो सर्टिफिकेशन दिया गया है, जिसमें LHDC 5.0 सपोर्ट मिलता है। साथ ही इसमें यूजर्स को हियरिंग ID के साथ एक पर्सनल साउंड प्रोफाइल बनाने का भी ऑप्शन मिलता है।
यह भी पढ़ें: Noise ColorFit Icon 2 Vista Launched In India: AMOLED Display, 7-Day Battery Life, Know More
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allgyan · 4 years ago
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मिंत्रा से क्यों हुई इतनी बड़ी चूक -
मिंत्रा ने लोगो बदला ये खबर तेजी से फ़ैल रही है।लेकिन लोगो बदलने या रखने की बात नहीं है।बात एक सोच की या कहे तो एक नजरिये की है । अगर लोगो गलत था तो पहले क्यों था और नहीं गलत था फिर बदला क्यों गया ।पहले ही क्यों नहीं रिसर्च की गयी इन चीजों पर आज ही क्यों सोचा गया ।ये सवाल बहुत दिमाग में आते है ।ऐसा तो है नहीं की ये एक छोटी सी कंपनी है जिसमे बिना कोई रिसर्च किये या बिना कोई रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम काम करती है ।भारत में मशहूर कपडे की ब्रांड मिंत्रा ने लोगो में  बदलाव किया है वो बहुत थोड़ा सा है लेकिन इसने एक बहस को जिन्दा कर दिया है ।इसमे आपके नज़र और दृष्टिकोण को विभेद किया है ।
नाज पटेल साइबर शिकायत-
मुंबई की एक सामाजिक कार्यकर्त्ता ने मिंत्रा के लोगों को आपत्तिजनक होने की शिकायत साइबर पुलिस में की थी ।महिला ने अपनी शिकायत में कहा की ये लोगो महिला के गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है ।और अपमान करने वाला है ।मुम्बइ की इस महिला का नाम नाज़ पटेल है वो अवेस्ता फाउंडेशन एनजीओ कार्यरत है ।उनहोने कहा की मिंत्रा को लोगो एक नग्न महिला जैसा प्रतीत होता है ।
अपनी शिकायत में नाज पटेल ने मिंत्रा से इस लोगों को तुरंत हटाने की मांग की साथ ही,कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की भी मांग की है। नाज पटेल ने इस मामले को सोशल मीडिया और अन्य फोरम पर भी उठाया है। हालांकि पुलिस का समन मिलने के बाद कंपनी अपने लोगो में बदलाव करने को राजी हो गई है। कंपनी के नए लोगो की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं।
इस लोगो पर पुलिस की राय -
साइबर क्राइम की डिप्टी सुप्रिमेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस रश्मि ने इस मामले पर बोलते हुए कहा है की यह यह पाया गया है महिलाओं के लिए मिंत्रा का ये लोगो अपमानजनक है शिकायत के बाद हमने कंपनी को एक मेल भेजा था ।जिसके बाद उनके बड़े अधिकारी हमसे मिलने के लिए आये ।उन्होंने कहा की हम कंपनी का लोगो बदल देंगे ।इसके आलावा कंपनी अपने ऐप और अपने पैकेजिंग पर भी लोगो चेंज कर देगी ।
नज़र और नजरिया पर बहस का जन्म -
देखिये लोगो बदलने पर मेरी आपत्ति नहीं है ।मैं बस आपक��� ध्यान उस ओर ले जाना चाहता हूँ जहा हो सके आपकी नज़र न पहुंच सकी हो ।यहा मैंने नज़र और नजरिया की बात की है दृष्टि और दृष्टिकोण की बात की ।पहले तो कंपनी को पहले ही रिसर्च करना चाहिए था । भारत की इतनी मशहूर इ -कॉमर्स वेबसाइट के लोगो में इस तरह की गलती कही से बर्दाश करने लायक नहीं है ।लेकिन साथ ही साथ ये हमारे पर भी सवाल उठाती है की -'कही तो हम बुरा खोजने ही तो नहीं चले थे ''।कबीर दास का एक दोहा है जिसको ऐसे कहा गया -
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा ना कोय।।
आजकल का दौर सोशल मीडिया का दौर है ।भारत में तो कभी -कभी अपने बच्चे को भी दूध पिलाती स्त्री की छवि को भी नकरात्मक बना देते है और कहते है उसे जरा ढक के दूध पिलाया करो ।ऐसे बहुत उदाहरण है जो कभी -कभी आपके नज़र और नजरिया में फर्क पैदा करते है । स्त्री हो या पुरुष इस पृत्वी पर नग्न ही आया है और सच ये है की समाज ने ही उसे कपडे पहनाये है ।ये असामनता समाज दवरा ही उत्पन्य हुई है जैसे लिंगवाद।समाज ही तय करता है या कहे जो बनबनाया दृष्टिकोण है उसने ही बनाया की स्त्री को लज्जा रखनी चाहिए।लेकिन हमने देखा है और आगे भी देखेंगे कई ऐसी पुरानी परम्पराये समय के हिसाब से टूटती चली गयी या कहे की अप्रासंगिक होती गयी । क्युकी परिवर्तन ही समाज का नियम है ।ये बदलाव भी कुछ हद तक अच्छा है लेकिन यहाँ दृष्टिकोण की बात है और भी कई ऐसी बुराई है जहा पर लोगो की नज़र पहुचनी चाहिए ।कई बार हम अक्सर स्त्री सूचक शब्द प्रयोग करते है उसका भी विरोध होना चाहिए ।कभी -कभी तो वो एक महिला ही कर रही होती है ।मेरा मानना है की बात सब पर होनी चाहिए ।जो फिल्मो में महिलाओं को केवल एक देह के रूप में प्रदर्शित करते है वहां भी ऐसा ही विरोध दर्ज करना चाहिए । मेरा काम आपको दिशा देना है | अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आते है तो कृपया हमे अपना प्यार दे |
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hindinews-blog · 3 years ago
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kyakharide · 2 years ago
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a-boxoffice · 6 years ago
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allgyan · 4 years ago
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मिंत्रा से क्यों हुई इतनी बड़ी चूक -
मिंत्रा ने लोगो बदला ये खबर तेजी से फ़ैल रही है।लेकिन लोगो बदलने या रखने की बात नहीं है।बात एक सोच की या कहे तो एक नजरिये की है । अगर लोगो गलत था तो पहले क्यों था और नहीं गलत था फिर बदला क्यों गया ।पहले ही क्यों नहीं रिसर्च की गयी इन चीजों पर आज ही क्यों सोचा गया ।ये सवाल बहुत दिमाग में आते है ।ऐसा तो है नहीं की ये एक छोटी सी कंपनी है जिसमे बिना कोई रिसर्च किये या बिना कोई रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम काम करती है ।भारत में मशहूर कपडे की ब्रांड मिंत्रा ने लोगो में  बदलाव किया है वो बहुत थोड़ा सा है लेकिन इसने एक बहस को जिन्दा कर दिया है ।इसमे आपके नज़र और दृष्टिकोण को विभेद किया है ।
नाज पटेल साइबर शिकायत-
मुंबई की एक सामाजिक कार्यकर्त्ता ने मिंत्रा के लोगों को आपत्तिजनक होने की शिकायत साइबर पुलिस में की थी ।महिला ने अपनी शिकायत में कहा की ये लोगो महिला के गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है ।और अपमान करने वाला है ।मुम्बइ की इस महिला का नाम नाज़ पटेल है वो अवेस्ता फाउंडेशन एनजीओ कार्यरत है ।उनहोने कहा की मिंत्रा को लोगो एक नग्न महिला जैसा प्रतीत होता है ।
अपनी शिकायत में नाज पटेल ने मिंत्रा से इस लोगों को तुरंत हटाने की मांग की साथ ही,कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की भी मांग की है। नाज पटेल ने इस मामले को सोशल मीडिया और अन्य फोरम पर भी उठाया है। हालांकि पुलिस का समन मिलने के बाद कंपनी अपने लोगो में बदलाव करने को राजी हो गई है। कंपनी के नए लोगो की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं।
इस लोगो पर पुलिस की राय -
साइबर क्राइम की डिप्टी सुप्रिमेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस रश्मि ने इस मामले पर बोलते हुए कहा है की यह यह पाया गया है महिलाओं के लिए मिंत्रा का ये लोगो अपमानजनक है शिकायत के बाद हमने कंपनी को एक मेल भेजा था ।जिसके बाद उनके बड़े अधिकारी हमसे मिलने के लिए आये ।उन्होंने कहा की हम कंपनी का लोगो बदल देंगे ।इसके आलावा कंपनी अपने ऐप और अपने पैकेजिंग पर भी लोगो चेंज कर देगी ।
नज़र और नजरिया पर बहस का जन्म -
देखिये लोगो बदलने पर मेरी आपत्ति नहीं है ।मैं बस आपका ध्यान उस ओर ले जाना चाहता हूँ जहा हो सके आपकी नज़र न पहुंच सकी हो ।यहा मैंने नज़र और नजरिया की बात की है दृष्टि और दृष्टिकोण की बात की ।पहले तो कंपनी को पहले ही रिसर्च करना चाहिए था । भारत की इतनी मशहूर इ -कॉमर्स वेबसाइट के लोगो में इस तरह की गलती कही से बर्दाश करने लायक नहीं है ।लेकिन साथ ही साथ ये हमारे पर भी सवाल उठाती है की -'कही तो हम बुरा खोजने ही तो नहीं चले थे ''।कबीर दास का एक दोहा है जिसको ऐसे कहा गया -
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा ना कोय।।
आजकल का दौर सोशल मीडिया का दौर है ।भारत में तो कभी -कभी अपने बच्चे को भी दूध पिलाती स्त्री की छवि को भी नकरात्मक बना देते है और कहते है उसे जरा ढक के दूध पिलाया करो ।ऐसे बहुत उदाहरण है जो कभी -कभी आपके नज़र और नजरिया में फर्क पैदा करते है । स्त्री हो या पुरुष इस पृत्वी पर नग्न ही आया है और सच ये है की समाज ने ही उसे कपडे पहनाये है ।ये असामनता समाज दवरा ही उत्पन्य हुई है जैसे लिंगवाद।समाज ही तय करता है या कहे जो बनबनाया दृष्टिकोण है उसने ही बनाया की स्त्री को लज्जा रखनी चाहिए।
लेकिन हमने देखा है और आगे भी देखेंगे कई ऐसी पुरानी परम्पराये समय के हिसाब से टूटती चली गयी या कहे की अप्रासंगिक होती गयी । क्युकी परिवर्तन ही समाज का नियम है ।ये बदलाव भी कुछ हद तक अच्छा है लेकिन यहाँ दृष्टिकोण की बात है और भी कई ऐसी बुराई है जहा पर लोगो की नज़र पहुचनी चाहिए ।कई बार हम अक्सर स्त्री सूचक शब्द प्रयोग करते है उसका भी विरोध होना चाहिए ।कभी -कभी तो वो एक महिला ही कर रही होती है ।मेरा मानना है की बात सब पर होनी चाहिए ।जो फिल्मो में महिलाओं को केवल एक देह के रूप में प्रदर्शित करते है वहां भी ऐसा ही विरोध दर्ज करना चाहिए । मेरा काम आपको दिशा देना है | अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आते है तो कृपया हमे अपना प्यार दे |
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hindinews-blog · 3 years ago
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newsreporters24 · 3 years ago
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Indians Want to Boycott Myntra for Old Anti-Hindu Poster it Didn't Even Make
Indians Want to Boycott Myntra for Old Anti-Hindu Poster it Didn't Even Make
इंटरनेट पर कुछ भी वास्तव में कभी खोता नहीं है। सोमवार को, हैशटैग #BoycottMyntra और #UninstallMyntra ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे, जो अतीत में कई बार हुआ है। लेकिन इस बार यह ठीक उसी कारण से ट्रेंड कर रहा है, जैसा 2016 में हुआ था – एक ‘हिंदू विरोधी’ पोस्टर के लिए जो उसने बनाया भी नहीं था। हैशटैग, जो एक एजेंसी ‘स्क्रॉलड्रोल’ द्वारा ई-कॉमर्स शॉपिंग प्लेटफॉर्म के लिए एक विज्ञापन डालने के बाद सामने आया…
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eradioindia · 4 years ago
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मिंत्रा का 14वां संस्करण तीन जुलाई से होगा शुरू
मिंत्रा का 14वां संस्करण तीन जुलाई से होगा शुरू
मेरठ। मिंत्रा ने अपनी फ्लैगशिप ईवेंट एंड ऑफ रीजन सेल (ईओआरएस) का 14वां संस्करण शुरू करने की घोषणा की है। यह सेल 3 जुलाई से 8 जुलाई तक चलेगी। इस मेगा फैशन कार्निवल का यह सबसे बड़ा संस्करण 3000 से ज्यादा ब्रांड्स के 9 लाख से ज्यादा स्टाइल लेकर आया है। यह 50 मिलियन से ज्यादा ग्राहकों क�� फैशन एवं लाइफस्टाइल की जरूरतों को पूरा करेगा। छ: दिन की अवधि में इस प्लेटफॉर्म पर ट्रैफिक पिछले साल जून के संस्करण…
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mwsnewshindi · 2 years ago
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भारत में कुछ भी नहीं ईयर स्टिक ऑनलाइन कीमत फ्लिपकार्ट पर खरीदें मिंत्रा अमेज़न रिलीज की तारीख
भारत में कुछ भी नहीं ईयर स्टिक ऑनलाइन कीमत फ्लिपकार्ट पर खरीदें मिंत्रा अमेज़न रिलीज की तारीख
नई दिल्ली: कुछ भी नहीं ने हाल ही में अपना बहुप्रचारित ईयर (स्टिक) लॉन्च किया। अमेरिका में, हाल ही में जारी नथिंग ईयर (स्टिक) की कीमत $99 है, जबकि यूरोपीय संघ में, इसकी कीमत EUR 119 है। 28 अक्टूबर को, कुछ भी नहीं ने वैश्विक स्तर पर पहनने योग्य की सीमित आपूर्ति शुरू की। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और एशिया प्रशांत समेत कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय देशों में बिक्री 4 नवंबर से शुरू होगी। व्यवसाय ने गैजेट के…
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nationalnewsindia · 2 years ago
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wikinews-in · 3 years ago
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क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch Kuber ने Myntra के पूर्व एग्जिक्यूटिव को बनाया CFO
क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch Kuber ने Myntra के पूर्व एग्जिक्यूटिव को बनाया CFO
बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक CoinSwitch Kuber ने Ramesh Bafna को फर्म का चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) नियुक्त किया है। Ramesh इससे पहले मिंत्रा और फ्लिपकार्ट जैसे ब्रांड्स के साथ रह चुके हैं। CoinSwitch के पूर्व CFO Sarmad Nazki ने अन्य अवसरों को तलाशने के लिए अपनी पोजिशन से इस्तीफा दिया था।  CoinSwitch की शुरुआत 2017 में Ashish Singhal, Govind Soni और  Vimal Sagar Tiwari ने की थी। इसे कुछ…
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karanaram · 3 years ago
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🚩क्रिएटिविटी के नाम पर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कब तक, ऐसे उत्पादों या कंपनियों का आर्थिक बहिष्कार जरूरी
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🚩किसी भी चीज वस्तु को बेचने के लिए एडवर्टाइसमेन्ट होता है, अपने समान को बेचने के लिए कंपनिया अलग अलग तरह के हथकंडे अपनाकर अपना माल बेचने में लगे रहते हैं, इस तरह से दिखाया जाता है कि वस्तु खरीदने वाले की सारी समस्या मिटा देंगे..
🚩केवल सामान बेचने के लिए अपने मन में आए वो कुछ भी दिखाते हैं जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है..ऐसा ट्रेंड चल पड़ा है कि क्रिएटिविटी के नाम पर हिंदुओ की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ ये एडवर्टाइसमेन्ट करने वाले करते रहते हैं
🚩हिंदुओं की धार्मिकता का मजाक सबसे ज्यादा बॉलीवुड और ये एडवरटाइज करने वालों ने बनाया है और अभी भी ऐसा ही चल रहा है
🚩हाल ही में आलिया भट्ट एक विज्ञापन में नजर आई थी जिसमें वो दुल्हन के रूप में सजी हुई थी और कन्यादान को लेकर अपनी बात कह रही थी। आलिया ने माता पिता दादी की बात करने के बाद कहा कि कन्यादान से अच्छा होगा कन्यामान।
🚩उनके इस विज्ञापन के सामने आने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया और सोशल मीडिया पर आलिया भट्ट के साथ साथ इस विज्ञापन को भी ट्रोल किया जाने लगा, कन्यादान की परंपरा पर सवाल उठाकर हिंदू संस्कृति को नीचा दिखाने की कोशिश इस ऐड के माध्यम से की जा रही है
🚩इसे लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। हाल ही में एक हिंदू समर्थक संगठन ने नवी मुंबई में कपड़ों के एक ब्रांड के शोरूम के बाहर प्रदर्शन किया। दावा किया जा रहा है कि शादी में होने वाली कन्यादान रस्म संबंधी उसके विज्ञापन से हिन्दू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हैं।
🚩हिंदू जनजागृति समिति के सदस्यों ने कपड़ों के ब्रांड मान्यवर की कंपनी वेदांत फैशंस लिमिटेड के वाशी क्षेत्र में स्थित आउटलेट के बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शन में तख्तियां ले रखी थीं।
🚩इसके पहले तनिष्क ने अपने विवादास्��द विज्ञापन से हिंदुओं को चिढ़ाने का काम किया था। मिंत्रा ने अपने एक विज्ञापन में द्रौपदी चीरहरण दिखाते हुए भगवान श्रीकृष्ण को एक्स्ट्रा लांग साड़ी खरीदते हुए दिखाया था।
🚩जावेद हबीब के सैलून चेन ने 2017 के दुर्गापूजा के समय जारी किये गए अपने एक विज्ञापन में माँ दुर्गा, गणेश, कार्तिक और सरस्वती को सैलून और स्पा में दिखाया था।
🚩एक सीएट टायर के आमिर खान वाले विज्ञापनों की मानें तो सड़कों का गलत इस्तेमाल केवल हिंदू करते हैं, वह चाहे बारात निकाल कर हो या मूर्तियों के साथ जुलूस निकाल कर। घरेलू हिंसा को लेकर जागरूकता की आड़ में हिंदुओं की देवियों को घरेलू हिंसा का शिकार दिखाने वाली संस्था सेव द चिल्ड्रेन ने भी यही किया था।
🚩पिछले साल दिवाली पर फैब इंडिया कंपनी ने कपड़ों के एक कलेक्शन के विज्ञापन में दीपावली को जश्न-ए-रिवाज बताया। अब दीपावली को जश्न-ए-रिवाज क्यों कहा गया यह तो विज्ञापन बनाने वाले ही जानें पर इसका परिणाम यह हुआ कि सोशल मीडिया पर लोगों ने हर बार की तरह इस हिंदू विरोधी विज्ञापन पर भी अलग-अलग तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया। जैसा पहले के विज्ञापनों के साथ हुआ, वैसा ही इस बार भी हुआ और फैबइंडिया ने विरोध को देखते हुए विज्ञापन हटा लिया । पर यह आचरण फेक न्यूज़ फैलाने वाले उन पत्रकारों और संपादकों के आचरण जैसा है जो सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाकर बड़े आराम से अपने ट्वीट डिलीट कर लेते हैं।
🚩ऐसे विज्ञापनों या कैंपेन का हिंदुओं द्वारा विरोध किया जाता है तब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से लेकर क्रिएटिव फ्रीडम तक, सारे संभावित कुतर्क दिए जाते हैं। एक महा कुतर्क यह दिया जाता है कि विरोध करने वालों को क्रिएटिविटी की समझ नहीं है।
🚩प्रश्न यह है कि यदि ऐसे विज्ञापन बनाने वालों को हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं की समझ नहीं है तो हिंदुओं को उनकी तथाकथित क्रिएटिविटी की समझ होनी आवश्यक क्यों है?
🚩प्रश्न यह भी है कि क्रिएटिविटी के चक्कर में बार-बार धार्मिक भावनाएँ भड़काना आवश्यक क्यों है? सारी क्रिएटिविटी क्या हिंदू देवी-देवताओं के चित्रण में ही है? विज्ञापन बनाने वाले लोग इतने मूढ़ तो नहीं हैं जो समझते नहीं कि उनके बनाए ऐसे विज्ञापनों का क्या असर हो सकता है।
🚩प्रश्न यह उठता है कि इन ‘क्रिएटिव’ लोगों द्वारा कितने दिनों तक ऐसे विज्ञापनों का विरोध करने वाले हिंदुओं को क्रिएटिविटी के प्रति नासमझ बताकर काम चलाया जाएगा?
🚩कितने दिनों तक हिंदुओं के इस प्रश्न को नजरअंदाज किया जाएगा कि ये क्रिएटिव लोग और दूसरे धर्मों को लेकर अपनी क्रिएटिविटी का प्रदर्शन क्यों नहीं करते?
🚩राजनीतिक कारणों से हिंदू असहिष्णु होता जा रहा है। अभी तक ऐसा हुआ नहीं है पर यह भी सच है कि हजारों वर्षों से सहिष्णुता को एक सिद्धांत मानने वाला हिंदू यदि अपने इस सिद्धांत पर पुनर्विचार करता भी है तो इस बात से किसी को शिकायत क्यों होनी चाहिए? हर व्यक्ति, समूह या संस्था को यह अधिकार है कि वो अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए समय-समय पर आवश्यकतानुसार अपनी रणनीति बदले। जब तक यह रणनीति आधुनिक वैश्विक परिवेश के किसी कानून का उलंघन नहीं करती, उसके विरुद्ध शिकायत कहाँ तक जायज है? जहाँ तक राजनीतिक कारणों की बात है, यह बहस का विषय है।
🚩आज हिंदुओं द्वारा उठाए जाने वाले जिन प्रश्नों को असहिष्णुता का नाम दिया जा रहा है, दरअसल वह दशकों से हिंदुओं के विरुद्ध सामाजिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक नैरेटिव से उपजे खीज का नतीजा है। दशकों तक ख़ास हाथों के नियंत्रण में रहने वाला नैरेटिव आज उन्हीं हाथों से फिसल रहा है तो उसे हिंदुओं की असहिष्णुता का नाम दिया जा रहा है।
🚩पिछले लगभग एक दशक से हिंदुओं पर असहिष्णु होने के आरोप लगते रहे हैं। आरोप लगाने वालों में ऐसे लोग और समूह भी हैं जो हजारों वर्षों से स्वीकृत लिंगभेद तक को कुछ भी करके नष्ट करने पर उतारू हैं क्योंकि उन्हें या तो सभी स्थापित मान्यताओं का नाश करना है या फिर अपने अस्तित्व पर खतरा दिखाई देता है
🚩ऐसे में यदि अपने अस्तित्व को लेकर हिंदू जागरूक हो रहा है तो उसमें आश्चर्य कैसा? वैसे भी हिंदुओं का विरोध मौखिक या लिखित है। सारी असहिष्णुता दिखाने का आरोपित हिंदू भारी भीड़ जुटाने, आगजनी या किसी का गला काटने का काम नहीं करता
🚩अपने विरुद्ध किए जाने वाले प्रोपेगंडा और चलाए जाने वाले एजेंडा के विरुद्ध आज भी उसका सबसे बड़ा हथियार आर्थिक विरोध है और इसके लिए उनका आभार प्रकट किया जाना चाहिए
🚩ईश्वर की अनुकम्पा भारत के संतों का त्याग एवं आशीर्वाद से अब हिंदू जाग रहा है और ऐसी हिंदू विरोधी कंपनियां और एड बनाने वाले कलाकारों को अब समझना होगा कि सनातन धर्मी अब अपने धर्म के खिलाफ और नहीं सहेगा..
🚩कोई समान बेचने वाली कंपनियां हो या बॉलीवुड के कलाकर या फिर कोई राजनेता या कोई पार्टी जो भी विभाग भारतीय संस्कृति की गरिमा पर उंगली उठाएगा उसे मूल सहित उखाड़कर नष्ट कर दिया जाएगा..
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