#मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व
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Masik Durgashtami 2024: बेहद शुभ योग में मनाई जाएगी मासिक दुर्गा अष्टमीMasik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी के दिन अस्ता मनाया जाता है और देवी दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का बहुत महत्व है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा करने से समस्या का समाधान हो जाता है।
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मासिक दुर्गाष्टमी कल, नोट कर लें मां दुर्गा की पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री लिस्ट
मासिक दुर्गाष्टमी कल, नोट कर लें मां दुर्गा की पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री लिस्ट
Masik Durga Ashtami : इस समय आषाढ़ माह का शुक्ल पक्ष चल रहा है। हर माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर मासिक दुर्गाष्टमी पड़ती है। आषाढ़ माह में दुर्गाष्टमी का पर्व 7 जुलाई को पड़ रहा है। मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मां दुर्गा को समर्पित होता है। मासिक दुर्गाष्टमी पर विधि- विधान से मां दुर्गा की उपासना की जाती है। मां दुर्गा की पूजा- अर्चना करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। आइए जानते हैं…
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मासिक दुर्गाष्टमी 2021: जानें व्रत, पूजा विधि, मुहूर्त-तिथियां, महत्व, कथा और आरती
मासिक दुर्गाष्टमी 2021: जानें व्रत, पूजा विधि, मुहूर्त-तिथियां, महत्व, कथा और आरती
हर महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हिंदी कैलेंडर के अनुसार मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। जिसे दुर्गाष्टमी और मास दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के समय पड़ने वाली दुर्गाष्टमी को महाष्टमी कहते हैं, इसके अलावा हर महीने भी दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा का पूजन और व्रत किया जाता है। कई जानकारों के अनुसार हर महीने पड़ने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन…
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20 जुलाई को कालाष्टमी : काल भैरव कौन हैं, रुद्रावतार भैरव पूजा से दूर होती हैं 10 परेशानियां
20 जुलाई को कालाष्टमी : काल भैरव कौन हैं, रुद्रावतार भैरव पूजा से दूर होती हैं 10 परेशानियां
Kalashtami : प्रति माह दो अष्टमी रहती है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मासिक कालाष्टमी और शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक दुर्गा अष्टमी कहते हैं। कालाष्टमी की तिथि भगवान भैरव को समर्पित है। श्रावण माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी 20 जुलाई 2022 बुधवार को है। आओ जानते हैं कि कौन है काल भैरव और उनकी पूजा से होगी 10 तरह की परेशानियां दूर। कालाष्टमी का महत्व : कालाष्टमी भगवान भैरव की जयंती तिथि है।…
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20 जुलाई को कालाष्टमी : काल भैरव कौन हैं, रुद्रावतार भैरव पूजा से दूर होती हैं 10 परेशानियां #news4
Kalashtami : प्रति माह दो अष्टमी रहती है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मासिक कालाष्टमी और शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक दुर्गा अष्टमी कहते हैं। कालाष्टमी की तिथि भगवान भैरव को समर्पित है। श्रावण माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी 20 जुलाई 2022 बुधवार को है। आओ जानते हैं कि कौन है काल भैरव और उनकी पूजा से होगी 10 तरह की परेशानियां दूर। कालाष्टमी का महत्व : कालाष्टमी भगवान भैरव की जयंती तिथि है। भगवान भैरव…
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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक दुर्गा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। आषाढ़ मास की दुर्गा अष्टमी 09 जुलाई दिन मंगलवार को है। हालांकि इस अष्टमी का विशेष महत्व है क्योंकि यह गुप्त नवरात्र की अष्टमी है। इस दिन मां दुर्गा के हिंगलाज शक्तिपीठ के दर्शन करने का विधान है।
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आज है मासिक दुर्गाष्टमी, मनचाहा फल पाने के लिए इस विधि से करें देवी की पूजा
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी 20 मई को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व ये दिन मां भगवती को समर्पित होता है और कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि, इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भावना से मां भगवती का व्रत करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के काली, भवानी, जगदंबा, नवदुर्गा आदि स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर महीने आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है। दुर्गाष्टमी का पर्व हर माह मनाया जाता हैं इसलिए इसे मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजन-विधि इस दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान हाथों में लाल पुष्प लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। मां दुर्गा को शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध से बना पंचामृत अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिए। धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इस दिन नौ छोटी कन्याओं को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। अंत में दोनों हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें एवं मनचाहा फल मांगें। Read the full article
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आज है मासिक दुर्गाष्टमी, मनचाहा फल पाने के लिए इस विधि से करें देवी की पूजा
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी 24 सितंबर को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व ये दिन मां भगवती को समर्पित होता है और कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि, इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भावना से मां भगवती का व्रत करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के काली, भवानी, जगदंबा, नवदुर्गा आदि स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर महीने आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है। दुर्गाष्टमी का पर्व हर माह मनाया जाता हैं इसलिए इसे मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजन-विधि इस दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान हाथों में लाल पुष्प लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। मां दुर्गा को शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध से बना पंचामृत अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिए। धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इस दिन नौ छोटी कन्याओं को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। अंत में दोनों हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें एवं मनचाहा फल मांगें। Read the full article
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आज है मासिक दुर्गाष्टमी, मनचाहा फल पाने के लिए इस विधि से करें देवी की पूजा
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी 30 मई को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व ये दिन मां भगवती को समर्पित होता है और कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि, इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भावना से मां भगवती का व्रत करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के काली, भवानी, जगदंबा, नवदुर्गा आदि स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर महीने आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है। दुर्गाष्टमी का पर्व हर माह मनाया जाता हैं इसलिए इसे मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजन-विधि इस दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान हाथों में लाल पुष्प लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। मां दुर्गा को शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध से बना पंचामृत अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिए। धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इस दिन नौ छोटी कन्याओं को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। अंत में दोनों हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें एवं मनचाहा फल मांगें। Read the full article
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मासिक दुर्गाष्टमी पर इस विधि से करें मां दुर्गा की पूजा, मिलेगा मनचाहा फल
चैतन्य भारत न्यूज हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी 3 मार्च को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
दुर्गा अष्टमी का महत्व ये दिन मां भगवती को समर्पित होता है। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के काली, भवानी, जगदंबा, नवदुर्गा आदि स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भावना से मां भगवती का व्रत करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। हर महीने आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है। दुर्गाष्टमी का पर्व हर माह मनाया जाता हैं इसलिए इसे मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता हैं।
दुर्गा अष्टमी पूजन-विधि सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान हाथों में लाल पुष्प लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान मां दुर्गा को शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध से बना पंचामृत अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिए। इस दिन नौ छोटी कन्याओं को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। ये भी पढ़े... कन्या पूजन के दौरान इन खास नियमों का पालन जरूर करें, नहीं तो अधूरी रह जाएगी मां दुर्गा की उपासना इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने पर प्रसन्न होगी मां गौरी, जानिए अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि 2020 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरे साल की लिस्ट Read the full article
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आज है मासिक दुर्गाष्टमी, मनचाहा फल पाने के लिए इस विधि से करें देवी की पूजा
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी 4 दिसंबर को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व ये दिन मां भगवती को समर्पित होता है और कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि, इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भावना से मां भगवती का व्रत करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के काली, भवानी, जगदंबा, नवदुर्गा आदि स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर महीने आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है। दुर्गाष्टमी का पर्व हर माह मनाया जाता हैं इसलिए इसे मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजन-विधि इस दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान हाथों में लाल पुष्प लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। मां दुर्गा को शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध से बना पंचामृत अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिए। धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इस दिन नौ छोटी कन्याओं को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। अंत में दोनों हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें एवं मनचाहा फल मांगें। ये भी पढ़े... साल के आखिरी महीने में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा गणेश की इस पूजन विधि से करेंगे आराधना तो पूरी हो जाएगी हर मनोकामना Read the full article
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आज है मासिक दुर्गाष्टमी, मनचाहा फल पाने के लिए इस विधि से करें देवी की पूजा
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी 4 दिसंबर को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व ये दिन मां भगवती को समर्पित होता है और कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि, इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भावना से मां भगवती का व्रत करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के काली, भवानी, जगदंबा, नवदुर्गा आदि स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर महीने आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है। दुर्गाष्टमी का पर्व हर माह मनाया जाता हैं इसलिए इसे मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजन-विधि इस दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान हाथों में लाल पुष्प लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। मां दुर्गा को शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध से बना पंचामृत अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिए। धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इस दिन नौ छोटी कन्याओं को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। अंत में दोनों हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें एवं मनचाहा फल मांगें। ये भी पढ़े... साल के आखिरी महीने में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा गणेश की इस पूजन विधि से करेंगे आराधना तो पूरी हो जाएगी हर मनोकामना Read the full article
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आज है मासिक दुर्गा अष्टमी, जानिए इसका महत्व और पूजा-विधि
चैतन्य भारत न्यूज सावन महीने में कई प्रमुख तीज त्योहार आते हैं, इन्हीं में से एक है मासिक दुर्गा अष्टमी। हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। सावन महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। यह इस साल 8 अगस्त को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व और पूजा-विधि।
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व ये दिन मां भगवती को समर्पित होता है और कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि, इस दिन जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भावना से मां भगवती का व्रत करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के काली, भवानी, जगदंबा, नवदुर्गा आदि स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर महीने आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है।
मासिक दुर्गा अष्टमी की पूजा-विधि सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान हाथों में लाल पुष्प लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद कपूर, दीया, धूपबत्ती प्रज्वलित कर और आरती के साथ माता दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। मां दुर्गा को शहद, दही, घी, गंगाजल और दूध से बना पंचामृत अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा पांच फल व किशमिश, सुपारी, पान, लौंग, इलायची आदि अर्पित करने चाहिए। इस दिन नौ छोटी कन्याओं को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। ये भी पढ़े... जानिए क्यों सावन में की जाती है शिव की पूजा, इस महीने भूलकर भी न करें ये गलतियां भगवान श्रीराम ने की थी रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना, जानिए इसका महत्व और विशेषता रक्षाबंधन 2019 : इस बार बेहद खास रहेगा रक्षाबंधन, जानिए शुभ मुहूर्त Read the full article
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रक्षाबंधन और जन्माष्टमी समेत अगस्त महीने में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज-त्यौहार
चैतन्य भारत न्यूज साल 2019 का आठवां महीना यानी अगस्त की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने की शुरुआत श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या के साथ हुई है। अगस्त महीने के 15 दिन श्रावण के होंगे जबकि 15 दिन भाद्रपद के होंगे। हिन्दू पंचांग के अनुसार अगस्त माह में कई महत्वपूर्ण पर्व आएंगे जिनका धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से काफी महत्व है। आइए जानते हैं अगस्त महीने में कौन-कौन से तीज-त्यौहार आने वाले हैं। अगस्त महीने के प्रमुख तीज-त्यौहार 1 अगस्त : हरियाली अमावस्या 2 अगस्त : चंद्र दर्शन,शुक्ल पक्ष प्रारंभ 3 अगस्त : मधुश्रावणी हरियाली तीज, सिंधारा तीज, मुस्लिम महीना जिल्हिज शुरू 4 अगस्त : सिद्धि विनायक गणेश चतुर्थी व्रत 5 अगस्त : नाग पंचमी, श्री कल्कि अवतार, नर नारायण जयंती 6 अगस्त : मंगला गौरी व्रत 7 अगस्त : गोस्वामी तुलसी दास जयंती 8 अगस्त : दुर्गा अष्टमी व्रत 11 अगस्त : पुत्रदा एकादशी,श्रावण की एकादशी 12 अगस्त : बकरीद 15 अगस्त : रक्षाबंधन, श्रावण पूर्णिमा, स्वतंत्रा दिवस 18 अगस्त : कज्जली तीज 19 अगस्त : गणेश चतुर्थी व्रत 21 अगस्त : चंदन षष्टी, हल षष्ठी 23 अगस्त : जन्माष्टमी पर्व 26 अगस्त : कृष्ण पक्ष की एकादशी 28 अगस्त : प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि 30 अगस्त : स्नान दान भाद्रपद अमावस्या 31 अगस्त : चन्द्र दर्शन, भाद्रपद शुक्ल पक्ष ये भी पढ़े... जानिए क्यों सावन में की जाती है शिव की पूजा, इस महीने भूलकर भी न करें ये गलतियां त्र्यंबकेश्वर में एक साथ मौजूद हैं ब्रह्मा-विष्णु-महेश, जानिए इस ज्योतिर्लिंग की विशेषता और महत्व ये हैं देश में अलग-अलग स्थानों पर स्थित भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग..! Read the full article
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