#महंगाई पर आरबीआई
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प्याज की कीमत को लेकर आया बड़ा अपडेट, मिलने वाली है महंगाई से राहत
एक दिन पहले रिटेल महंगाई के आंकड़े आए थे, जिन्हें देखकर पूरा देश हिल गया था. 14 महीनों के हाई पर पहुंचने वाली रिटेल महंगाई आरबीआई के टॉलरेंस लेवल के पार पहुंच गई है. जिसका प्रमुख कारण फूड इंफ्लेशन का बढ़ना बताया गया. फूड इंफ्लेशन में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण प्याज की कीमतों में इजाफा होना है. अब प्याज की कीमत को लेकर सरकार की ओर से बड़ा अपडेट सामने आया है. सरकार ने संकेत दिया है कि आम लोगों को…
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आरबीआई ने बैंक ऑफ इंग्लैंड से वापस मंगवाया 130 टन सोना, जानें क्या है रूस प्रतिबंध से कनेक्शन
India News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले ढाई साल में बैंक ऑफ इंग्लैंड की कस्टडी से करीब 130 टन सोना भारत वापस लाया है। इस कदम से RBI की घरेलू सोने की होल्डिंग में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। RBI ने सोने के भंडारण की रणनीति में बदलाव करते हुए यह कदम उठाया है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए सोना खरीद रहे हैं। केंद्रीय बैंक सोने को महंगाई के खिलाफ एक अच्छा…
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आरबीआई ने मुद्रास्फीति लक्ष्य के लिए मौद्रिक नीति समिति के मिनट जारी किए
इस्राइल-हमास के बीच जारी संघर्ष से महंगाई पर जोखिम बना हुआ है। उच्च ब्याज दरों से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेगी। समय और वैश्विक स्तर पर अभरती स्थिति ही बताएगी कि यह कितने समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी।
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RBI के मुताबिक, खाने-पीने की चीजें महंगी होने से होम ऑटो लोन पर ईएमआई में कटौती की उम्मीद बढ़ेगी!
Haryana Update: होम लोन समेत अन्य तरह के लोन की ईएमआई कम होने में लंबा समय लग सकता है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे झटकों को कम करने के लिए देखभाल में सुधार के लिए समय पर प्रयास की आवश्यकता होती है। जुलाई में खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई, जो 15 महीने में सबसे…
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महंगे लोन, बढ़ी हुई EMI, क्या आपको भी सता रही यह चिंता? जानिए RBI के बड़े फैसले से पहले के संकेत
नई दिल्ली : क्या लोन (Loan) महंगा होने वाला है? अब ईएमआई (EMI) में ज्यादा रकम देनी होगी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो (RBI MPC Meeting) से पहले लोगों के मन में रहते हैं। इस हफ्ते आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होने वाली है। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव से जुड़ी घोषणा करेंगे। उम्मीद है कि इस बार आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकती है। हालांकि, महंगाई को लेकर सतर्क रुख अपनाया जा सकता है। क्योंकि अमेरिका में आगे ब्याज दरों में सख्त रुख के संकेत हैं। दूसरी तरफ कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। लगातार चौथी बार रेपो रेट रह सकती है अपरिवर्तित आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 से 6 अक्टूबर के बीच होगी। 12 बाजार प्रतिभागियों के ईटी पोल से पता चलता है कि आरबीआई एमपीसी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रख सकती है। इस तरह लगातार चौथी बार आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकता है। ऐसा हुआ तो लोन पर ब्याज दरें प्रभावित नहीं होंगी। बैंक आमतौर पर रेपो रेट में बदलाव होने पर ही लोन की ब्याज दरों में बदलाव करते हैं। काफी बढ़ गए कच्चे तेल के भाव डीबीएस बैंक के सीनियर इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा, 'आरबीआई एमपीसी रेपो रेट में यथास्थिति बनाए रखने की अपनी नीति को आगे बढ़�� सकती है। क्रूड ऑयल के वैश्विक भाव नवंबर, 2022 के हाई पर पहुंच चुके हैं। ये आरबीआई के 85 डॉलर प्रति बैरल के अप्रैल अनुमान को पार कर गए हैं।' यूएस फेड हाई रखना चाहता है रेट कच्चे तेल की कीमतों में उछाल डॉलर में मजबूती के साथ-साथ आया है। डॉलर इसलिए मजबूत हुआ, क्योंकि यूएस फेड ब्याज दरों को लंबे समय तक उच्च स्तर पर बनाए रखना चाहता है। इससे वैश्विक निवेशकों में उभरते बाजारों की सिक्योरिटीज के प्रति आकर्षण कम हो गया है। विदेशी फंड्स ने सितंबर में पहली बार इस वित्त वर्ष में भारतीय शेयरों में शुद्ध बिकवाली की, भले ही निफ्टी पहली बार 20,000 के स्तर को पार कर गया। http://dlvr.it/SwszxY
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Financetime.in महंगाई पर काबू पाने के लिए जरूरी हुआ तो कदम उठाएगा आरबीआई: निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण ने जयपुर में बजट के बाद के उद्योग कार्यक्रम में बात की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को “अपेक्षित सीमा” के भीतर रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। सुश्री सीतारमण ने कहा, “उभरते बाजारों में, प्रत्येक देश के लिए स्थिति अद्वितीय है। मुझे लगता है कि आरबीआई भारतीय अर्थव्यवस्था की निगरानी कर रहा है और आवश्य���ता पड़ने पर कॉल कर रहा…
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RBI ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का किया ऐलान, कार और होम लोन फिर होंगे महंगे
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर आम आदमी को झटका दिया है. आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) की है. इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. देश में महंगाई (Inflation) काबू में आने के बाद भी आरबीआई ने दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. 6.50 फीसदी पर पहुंचा रेपो रेट देश में महंगाई दर का आंकड़ा कम होने के बाद भी रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार नीतिगत दरों (Repo Rate) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके बाद रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी. देश का आम बजट पेश किए जाने के बाद ये आरबीआई एमपीसी की बैठक थी और इसमें फिर से आम आदमी के झटका लगा है. छह बार में इतनी हुई बढ़ोतरी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shakti Kant Das) ने बुधवार को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक (MOC Meet) में लिए गए फैसलों का ऐलान किया. बता दें एक्सपर्ट्स पहले से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जता रहे थे. गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2022 में हुई MPC बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था. आरबीआई ने बीते साल से अब तक छह बार रेपो रेट में इजाफा करते हुए कुल 2.50% की बढ़ोतरी की है. 25 बीपीएस ��ी बढ़ोतरी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार, 8 फरवरी, 2023 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा की। रेपो दर में 25 बीपीएस की वृद्धि की गई है। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी। आपको बता दें कि पिछले साल मई से, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में 225 आधार अंकों की वृद्धि की है। मौद्रिक नीति समिति ने बैठक में Liquidity Adjustment Facility (LAF) के तहत रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आज हुई बढ़ोतरी को मिला दिया जाए तो पिछले सात महीनों में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई छठी वृद्धि है। केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दिसंबर में दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। वैश्विक परिस्थियों से अछूता नहीं है भारत गवर्नर दास ने कहा कि पिछले वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने मौद्रिक नीति का परीक्षण करते रहने की जरूरत महसूस कराई है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए, हाल के महीनों में आरबीआई ने मुद्रास्फीति को कितनी अच्छी तरह नियंत्रित किया है, अनुमान है कि यह जल्द ही यह टॉलरेंस बैंड के भीतर होगी। कराधान के मोर्चे पर हाल के सुधारों के माध्यम से ऐसा लगता है कि सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को बचत पर केंद्रित अर्थव्यवस्था से उपभोग पर आधारित अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित करने के लिए नियमों को बदल दिया है। दरों में आखिरी बढ़ोतरी? रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि शायद यह रेपो दरों में आखिरी बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगले महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रुक जाएगी, इसके बाद अगले साल से दरों में उलटफेर शुरू हो जाएगा। एमएसएफ, एसडीएफ दरों में बढ़ोतरी एसडीएफ (स्थायी जमा सुविधा) दर 6% से 6.25% तक समायोजित की गई हैं। MSF (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) की दरें 25 बीपीएस से बढ़कर 6.75% हो गई हैं।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें...
…प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया। …मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया। …चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान। 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी। …मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में। …खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान। ….चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत ��र रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान। ….बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव। ….चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा। ….दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी। Read the full article
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महंगाई को और नीचे लाएगी सरकार: लोकसभा में निर्मला सीतारमण
महंगाई को और नीचे लाएगी सरकार: लोकसभा में निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा को आश्वासन दिया कि सरकार मुद्रास्फीति को और कम करने के लिए कदम उठाएगी, जो आरबीआई के 6 प्रतिशत के ऊपरी सहिष्णुता स्तर से नीचे आ गई है। नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति पिछले महीने के 6.77 प्रतिशत से घटकर 11 महीने के निचले स्तर 5.8 प्रतिशत पर आ गई। लोकसभा में अनुपूरक अनुदान मांगों 2022-23 के पहले बैच पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “आम लोगों की…
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राहत की खबर: खुदरा महंगाई दर नवंबर में 11 महीने के निचले स्तर 5.88% पर आयी
राहत की खबर: खुदरा महंगाई दर नवंबर में 11 महीने के निचले स्तर 5.88% पर आयी
खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है. (प्रतिकात्मक फोटो) नई दिल्ली: मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के कारण खुदरा महंगाई दर नवंबर में घटकर 11 महीने के निचले स्तर 5.88 प्रतिशत पर आ गई. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 11 महीनों में यह पहली बार है कि खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर की सीमा में आई है. आरबीआई…
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होम लोन की दर होगी महंगी, रियल एस्टेट कारोबारियों की मांग पर मध्यम असर
होम लोन की दर होगी महंगी, रियल एस्टेट कारोबारियों की मांग पर मध्यम असर
कई बिल्डरों ने कहा कि आवास की कीमतें बढ़ सकती हैं। (फ़ाइल) नई दिल्ली: रियल एस्टेट उद्योग के अनुसार, रेपो रेट में बढ़ोतरी के आरबीआई के फैसले का होम लोन की ब्याज दरों में संभावित वृद्धि पर हाउसिंग डिमांड पर मध्यम अल्पकालिक प्रभाव पड़ेगा। डेवलपर्स के लिए उधार लेने की लागत बढ़ने के साथ, कई बिल्डरों ने कहा कि आवास की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। महंगाई की चिंता के बीच बुधवार को आरबीआई ने रेपो रेट में 35…
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महंगाई पर फिलहाल काबू नहीं पाया जा सकता: रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास
महंगाई पर फिलहाल काबू नहीं पाया जा सकता: रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास
इस बार मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की बैठक में भले ही रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में मामूली बढ़ोतरी कर कर्ज पर राहत देने के संकेत दिए हों, लेकिन अगले एक साल तक महंगाई कम नहीं होने वाली है. आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के बाद कहा कि फिलहाल महंगाई पर काबू पाना संभव नहीं है और खुदरा महंगाई अगले 12 महीने तक 4 फीसदी से ऊपर बनी रहेगी. केंद्रीय बैंक ने कहा कि हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति की दर…
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Retail Inflation: देश में बढ़ी महंगाई, खाने-पीने की चीजों के दाम में बड़ा इजाफा
एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है. अक्टूबर महीने में देश की खुदरा महंगाई दर एक बार फिर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। सितंबर के मुकाबले खुदरा महंगाई के आंकड़ों में 0.72 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. नवंबर और दिसंबर महीने के आंकड़े थोड़े कम हो सकते हैं देश में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के सहनशीलता स्तर 6 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है। खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े सितंबर में 9 महीने के उच्चतम…
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खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में 5.59% तक कम हुई, जून में 6.26% से खाद्य कीमतों में गिरावट के रूप में
खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में 5.59% तक कम हुई, जून में 6.26% से खाद्य कीमतों में गिरावट के रूप में
खाद्य कीमतों में गिरावट के कारण जुलाई 2021 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से गिर गई जुलाई 2021 में खुदरा मुद्रास्फीति काफी कम होकर 5.59 प्रतिशत हो गई, जो जून में 6.26 प्रतिशत थी, क्योंकि खाद्य कीमतों में गिरावट आई थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति में गिरावट मई 2021 के ठीक विपरीत थी, जब यह आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण तेजी से बढ़कर…
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Retail Inflation Eases To 6.77% In October, Lowest In 3 Months
Retail Inflation Eases To 6.77% In October, Lowest In 3 Months
आरबीआई नीति: खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 3 महीने के निचले स्तर 6.77% पर खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में तीन महीने के निचले स्तर 6.77 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो सितंबर में पांच महीने के उच्च स्तर 7.41 प्रतिशत से कम थी, कमजोर खाद्य मूल्य वृद्धि और साल-दर-साल आधार पर मजबूती, सरकारी आंकड़ों में सोमवार को दिखाया गया। द्वारा प्रकाशित डेटा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय उपभोक्ता मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति…
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आरबीआई के हालात से पहले की स्थिति में एमसीएलआर! नई व्याज दर
आरबीआई के हालात से पहले की स्थिति में एमसीएलआर! नई व्याज दर
Bank MCLR Hike: रिजर्व बैंक लगातार देशभर में बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में इजाफा कर रहा है, लेकिन अभी तक इसका असर नहीं दिखा है. लागू होने पर 7.40% के दर पर. बार बार समीक्षा करने के बाद भी. Source link
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