मम्मी हाच तो! पाच वर्षांची चिमुरडी ओरडली अन् लिफ्टमध्ये अत्याचार करणारा नराधम सापडला
मम्मी हाच तो! पाच वर्षांची चिमुरडी ओरडली अन् लिफ्टमध्ये अत्याचार करणारा नराधम सापडला
मम्मी हाच तो! पाच वर्षांची चिमुरडी ओरडली अन् लिफ्टमध्ये अत्याचार करणारा नराधम सापडला
पाच वर्षांच्या चिमुकलीवर अत्याचार करणाऱ्या आरोपीला अटक करण्यात आली आहे. बलात्कार करणारा तरुण इमारतीमधून पळण्याच्या तयारीत होता. याची माहिती मुलीनं तिच्या आईला दिली. यानंतर इमारतीमधील रहिवाशांनी आरोपीला पकडलं आणि त्याला तळोजा पोलिसांच्या ताब्यात दिलं. बुधवारी संध्याकाळच्या सुमारास ही घटना घडली
पाच वर्षांच्या…
As you gear up for your NEET exams, I just wanted to send you some words of encouragement and support.
You've put in so much effort and dedication into your studies, and I have no doubt that you're going to do amazingly well. Remember to stay calm, trust in your abilities, and tackle each question with confidence.
Believe in yourself like I do , and know that no matter what happens, I'm proud of you for how far you've come. Keep your focus, stay positive, and give it your best shot!
Wishing you clarity of mind, a calm heart, and success beyond measure in your exams. You've got this!
All the best,
Tumhara Shyam.
कल तुम्हारी NEET की exam है तो ये कुछ मीठा खा के जाना। मम्मी कहती है शुभ काम करने से पहले कुछ न कुछ मीठा ज़रूर खाना चाहिए, So this is for you. में कान्हा जी से प्रार्थना करूंगा की you rock on this exam.
I want that 2 fckin alphabets before your name Dr. and ik that u will get it anyhow. This appron is waiting for youuu
Uuufffffffffffffff mere pyaru pyaru Shyaaaaaammmmmmm u are soo sooo sweet! Literally my best support man!❤️❤️ Thankyou for the pump up! I did what I could but let's see! (Nahi hoga most probably) Parrrrrrr u are really sweet I cherish your precious presence ❣️
Muaahhh❤️❤️❤️😤😤😤
Also , I was struck in the traffic so I started writing small shayaris in my booklet lol 😂
U are like Van Gogh's sunflower painting ❤️❤️ @shyam-kariya
"दोस्तो, मेरा नाम युग है और मैं मध्यप्रदेश राज्य के भोपाल शहर में रहता हूँ.
मैं अक्सर चूत चुदाई की कहानी पढ़ता रहता हूं और दिन में दो बार हिला लेता हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी छोटी बहन वर्षा की चुदाई की कहानी है.
इसमें आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने अपनी ही सगी बहन को चोदकर अपनी रंडी बना लिया.
यह Xxx सिस फक कहानी आज से एक साल पहले की उस समय की है जब मैंने 12 वीं के बोर्ड के इम्तिहान दिए थे.
एग्जाम के बाद से स्कूल की छुट्टी चल रही थीं.
मैं अपने परिवार के बारे में बता दूं.
मेरे घर में पाँच सदस्य हैं. मम्मी-पापा, दीदी और एक छोटी बहन.
मेरे पापा का नाम सुदेश है. उनकी उम्र 44 साल है.
मेरी मम्मी का नाम अदिति है. उनकी उम्र 42 साल है. लेकिन वे 30 से ज्यादा की नहीं लगती हैं.
उनका फिगर 32-28-36 का है. वे पारदर्शी साड़ी पहनती हैं और नाभि से नीचे साड़ी को बांधती हैं.
पारदर्शी साड़ी के साथ टू बाय टू की रुबिया के झीने ब्लाउज में से उनकी ब्रा साफ दिखाई देती है.
उनकी थिरकती चूचियों और मटकती गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
मेरी एक बड़ी बहन है, जिसका का नाम दीपाली है.
वह मुझसे एक साल बड़ी है और वह भी बहुत सेक्सी दिखती है.
दीपाली के बाद मैं हूँ और मुझसे छोटी बहन है.
उसका नाम वर्षा है.
वह मुझसे एक साल छोटी है.
उसकी उम्र 18 साल की है. उसने अभी जवानी की दहलीज पर अपना पहला कदम रखा ही है.
उसके दूध मस्त गोरे हैं और बहुत ही कांटा आइटम है.
उसकी फूली हुई गांड के बीच की दरार को देखकर मेरा उसे चोदने का मन करता है.
मैंने कई बार उसकी ब्रा पैंटी को सूंघकर लंड हिलाया है.
उन दिनों मैं उसकी चूत और गांड में लंड डालने की प्लानिंग कर रहा था.
वैसे सपनों में तो मैं उसे ��ई बार चोद चुका था पर हकीकत में उसे चोदने में डर लगता था कि कहीं उसने शोर मचा दिया तो सारी इज्जत की मां चुद जाएगी.
यों तो हम दोनों काफी खुले हुए हैं और हमें एक दूसरे के सारे सीक्रेट पता हैं.
कभी कभी वह मुझे गले लगाती है, तो उसके दूध मेरे सीने से लग कर एक मीठी रगड़ दे जाते हैं.
मैं उसके चूतड़ भी सहला देता था.
उस वक्त मन ही मन मैं उसे चोदने का सोचने लगता था.
ऐसा लगता था कि इसे यहीं घोड़ी बना कर इसकी गांड मार दूं.
एक रात को हम सब मिलकर टीवी देख रहे थे और वह हमेशा की तरह मेरी बगल में बैठी टीवी देख रही थी.
मैं भी हमेशा की तरह उसकी टांग से टांग रगड़ कर मस्त हो गया था. मेरा हाथ भी उसकी टांग पर घूम रहा था.
उस दिन काफी रात हो गई थी तो हम सब सोने के लिए जाने लगे.
वर्षा मेरे साथ सोती थी.
मैं भी उसके सो जाने के बाद उसके दूध दबाता, गांड में लंड रगड़ता … लेकिन कभी चोद नहीं सका था.
एक दिन मम्मी और दीदी मौसी के घर निकल गईं वे दो दिन के लिए गई थीं.
कुछ देर बाद पापा भी ऑफिस के लिए निकल गए थे.
पापा को दारू पीने की आदत है और आज मम्मी के न होने से उनके लिए यह किसी त्यौहार के जैसा दिन था.
मैं जानता था कि पक्के में आज पापा दोस्तों के साथ अपनी महफ़िल जमाएंगे.
मुझे पूरी उम्मीद थी कि वे मुझे फोन करके घर आने से मना करेंगे.
वही हुआ भी … एक घंटा बाद उनका फोन आ गया कि वे ऑफिस के काम से बाहर जा रहे हैं और कल शाम तक या परसों वापस आ जाएंगे.
उनके फोन से मुझे बेहद खुशी हुई कि अब बहन की चूत चोदी जा सकती है.
अब घर मैं और वर्षा अकेले थे.
आज चुदाई का सही समय था.
मैं हॉल में टीवी देख रहा था और वर्षा कमरे में थी.
मैंने सोचा कि चल कर देखूँ कि वर्षा क्या कर रही है.
मैं कमरे में गया तो वर्षा तौलिया में मेरे सामने थी. वह नहा कर निकली थी.
उसकी तौलिया छोटी थी, जिससे उसके दूध दिख रहे थे.
उसने गुस्से से मुझे बाहर जाने को कहा, मैं बाहर आ गया.
लेकिन अब उसे चोदने का मन कर रहा था.
शाम हो गई, मैं छत पर बैठा था कि तभी वह आई.
वर्षा- सॉरी भैया, मैं आज आप पर चिल्लायी.
मैं- कोई बात नहीं. वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो!
वर्षा- आपको कैसे पता कि मैं खूबसूरत हूं?
मैं- आज तुम्हें बिना कपड़ों के देखा, तब से जाना कि तुम बेहद खूबसूरत हो … आई लव यू वर्षा. सच में मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं.
मैंने न जाने किस आवेश में उससे यह कह तो दिया लेकिन मुझे डर लग रहा था कि अब वह क्या कहती है.
वह मेरी बात सुनकर मुस्कुरा दी और फिर एकदम से आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगी.
मैं भी उसका साथ देने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा.
हम दोनों की 5 मिनट के किस के बाद वह हट गई और शर्माने लगी.
मैंने उसकी तरफ देख कर उसे वापस अपनी गोदी में लेने के लिए हाथ बढ़ाया.
तो वह कहने लगी- आज रात को आपके लिए मेरे पास कुछ बहुत खास है.
मैं समझ गया कि आज मैं इसकी चूत का रस ले सकूँगा.
मैंने कहा- आज खाना मत बनाना, मैं बाहर से ले आऊंगा.
उसने पूछा- क्या पापा का खाना भी लेकर आओगे?
मैंने उसे आंख मारते हुए बताया- नहीं, आज पापा अपनी दारू के प्रोग्राम में व्यस्त रहेंगे शायद … उनका फोन आया था कि वे कल शाम तक वापस आएंगे या हो सकता है कि परसों ही घर आ पाएं!
यह सुनकर मेरी छोटी बहन मुस्कुरा दी और बोली- ओके, इस खबर के लिए अब आपको और भी बढ़िया उपहार मिलेगा.
मैं समझ गया कि शायद अब यह और ज्यादा कामुक होकर चुदना चाहती है.
कुछ देर बाद मैं बाजार गया और वहां से खाना पैक करवा कर मेडिकल स्टोर से सेक्स की गोली लेता हुआ घर के लिए निकल पड़ा.
घर वापस आया तो 8 बज गए थे.
मैं घर पहुंचा तो मैंने देखा कि वर्षा ने लाल रंग की शॉर्ट नाइटी पहन रखी थी.
उसने मुझे देख कर आंख मारी और पूछा- मैं कैसी लग रही हूं?
मैं- बहुत सेक्सी लग रही हो मेरी जान!
यह कह कर मैं उस पर झपटने को हुआ.
वर्षा- चलो, पहले खाना खाना खाते हैं. आज की रात मैं तुम्हारी हूं, जो करना है … कर लेना.
फिर हम दोनों ने खाना खाया और मैं कमरे में गया.
मैंने देखा कि कमरा तो एकदम करीने से सजा हुआ था. उसने तकियों और कुशन से बेड सजाया था.
मैं मन ही मन खुश हुआ.
वर्षा- सजावट कैसी लग रही है?
मैं- अच्छी है, पर क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो!
वर्षा- मैं तो आपसे कबसे प्यार करती हूं, बस आप ही देर कर रहे थे.
मैं उसकी तरफ मादक भाव से देखने लगा.
मैं वर्षा को किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी नाइटी उतार कर फेंक दी. उसने नाइटी के नीचे कुछ नहीं पहना था, शायद वह पूरी तरह नंगी होकर चुदवाना चाहती थी.
उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा लंड चूसने लगी.
वह एकदम पेशेवर रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी.
उसका लंड चूसना देख कर मुझे संदेह हुआ कि कहीं इसकी चूत पहले से ही तो खुली हुई नहीं है!
पर अगले ही पल मैं शांत हो गया कि कमसिन लड़की की चूत को सीलबंद चूत समझ कर ही चोदना चाहिए.
मैंने उसके सर पर अपना हाथ रख कर उसे अपने लौड़े पर दबाते हुए कहा- मेरी रानी, इतना अच्छा लंड चूसना कहां से सीखा?
वर्षा- मैंने बहुत सारी पोर्न फिल्में देखी हैं. भैया मैं जानबूझ कर अपनी पैंटी और ब्रा बाथरूम में छोड़ देती थी ताकि आप उसे सूंघकर अपना लंड हिला सकें.
मैं- तुम मुझसे कबसे प्यार करती हो?
वर्षा- जब से मैंने आपका 7 इन्च लम्बा लंड देखा है, बस तभी से आपसे चुदवाना चाहती हूं.
यह कहते हुए उसने खड़े होकर अपनी सफ़ाचट चूत मुझे दिखाई.
मैंने उसकी चूत की महक को अपने नथुनों में भरा और कामोन्मत्त हो गया.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए.
वह मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा.
कुछ मिनट बाद उसने मुझसे कहा- भाई, अब रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से अपना लंड डाल दो.
मैंने चुदाई की स्थिति बनाई और उसकी चूत की तरफ देखने लगा कि इतनी संकरी चूत में मेरा मूसल कैसे घुस सकता है.
तभी उसने मेरा लंड अपने हाथ से अपनी चूत पर सैट कर दिया.
मेरा सुपारा उसकी चूत की बंद लकीर पर मुँह मारने लगा.
वह भी सुपारे की गर्मी पाकर अपनी गांड हिलाती हुई मेरे लंड को अन्दर बुलाने लगी थी.
मुझसे रहा न गया और मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया.
शॉट एकदम सही समय पर और सही जगह पर लगा था तो करीब ढाई इंच लंड चूत को फाड़ कर अन्दर घुस गया था.
लंड क्या घुसा, उसकी तो चीख ही निकल गई.
उसकी चीख बता रही थी कि प��्का यह उसका पहली बार वाला हमला था.
मैं सजग हो गया और अन्दर ही अन्दर बेहद खुश भी हो गया था कि आज चूत फाड़ने का पहला मौका मिला है.
अब मैं उसे किस करने लगा और उसे सहलाने लगा, उसका एक दूध अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
अपने चूचे चुसवाने से उसे अच्छा लगने लगा.
थोड़ी देर बाद वह खुद अपनी कमर उठा कर लंड लेने लगी.
उसका दर्द कम हो गया था.
मैंने एक और जोरदार धक्का लगाया और अपना पूरा लंड उसकी चूत की जड़ तक उतार दिया.
उसकी दर्द भरी चीख निकल गई पर इस बार मेरे होंठ चूसने की वजह से आवाज नहीं निकल पाई.
इस बार मैंने बिना रुके धक्कों की स्पीड तेज कर दी.
उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
फिर 5 मिनट तक चुदाई के बाद उसे भी मजा आने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी- आह हहह हहह आज मेरी चूत फ़ाड़ कर इसका भोसड़ा बना दो … बड़ा मजा आ रहा है भैया … आहह आज मेरी चूत की माँ चुद गईई ईई आह.
मुझे अपनी बहन की चूत रगड़ने में बेहद सुकून मिल रहा था.
मैं भी सांड की तरह अपनी छोटी बहन को बकरी समझ कर चोदने में लगा हुआ था.
काफी देर की जोरदार चुदाई के बाद मैंने चूत से लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.
वह अच्छी तरह से लंड चूसने लगी.
मैंने उसके मुँह में ही जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और 5 मिनट बाद उसके मुँह में ही झड़ गया.
उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा, दो बार उसकी चूत और एक बार गांड बजाई.
Xxx सिस फक के बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
अगली सुबह मैं 12 बजे उठा.
तब तक वर्षा नहाकर तैयार हो गई थी.
उसने मुझे जगाया और एक किस किया.
मैं जागा तो उसने मुझसे फ्रेश होने को कहा.
उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता, हम दोनों दबा कर चुदाई करते.
मैंने वर्षा की मदद से अपनी मम्मी को भी चोदा.
यह सब कैसे हुआ था, उसे मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
परिवार, खानदान, कुटुंब - family (masculine)
* बृहत्तर परिवार - larger, extended family
* युगल परिवार - a family of two adults, a couple
* सम्मिलित, संयुक्त परिवार - joint family, family of several generations
परिवार के दायरे में - within, among the family (adverb)
पारिवारिक, कौटुंबिक - family-related (adjective)
पारिवारिक सभा - family meeting, get-together (feminine),
also परिवार मिलन (masculine)
* पारिवारिक सभा / परिवार मिलन करना - to have, hold a family meeting (transitive)
रिश्ता, संबध, नाता - relation, relationship (masculine)
* relationships can be for example घनिष्ठ (close, intimate) or कठिन (difficult, strained).
रिश्तेदार, संबंधी, बांधव - relative, kinsman (masculine)
* रक्त संबंधी - blood relative
कुटुंबी - relative, kinsman (adjective)
उत्सव, त्यौहार, महोत्सव - celebration, festival (masculine)
जन्म - birth (masculine)
जन्म दिन - birthday (masculine)
सालगिरह - anniversary (feminine)
मनाना - to celebrate (transitive)
आमंत्रित करना - to invite (transitive)
को गले लगाना - to hug (transitive)
को बधाई देना - to congratulate (transitive)
तोहफ़ा, उपहार - gift (masculine)
* तोहफ़ा/उपहार देना - to give a gift (transitive)
समय व्यतीत करना - to spend time (transitive)
भोजन तैयार करना, भोजन बनाना - to prepare a meal, to cook (transitive)
भोजन साझा करना - to share a meal (transitive)
एक साथ खाना - to eat together (transitive)
गृहस्थ - household (masculine)
गृहस्थी - household life, taking care of home (feminine)
घर का मुखिया - head of household (masculine)
Family Structure and Relations
अलग रहना - to live separately (transitive)
अविवाहित - single, unmarried (adjective)
सगाई - engagement (feminine)
विवाह - marriage (masculine), also शादी (feminine)
* विवाह/शादी करना - to get married (transitive)
विवाहित, शादीशुदा - married (adjective)
दंपति - married couple (feminine)
विवाह-विच्छेद - divorce (masculine), also तलाक़ (feminine)
तलाकशुदा - divorced (adjective)
विधवा - widow (feminine), विधुर - widower (masculine)
उत्तराधिकारी - heir (masculine)
विरासत - heritage (feminine)
पुनर्विवाह - remarriage (masculine)
पीढ़ी - generation (feminine)
बड़े लोग - adults, elders (masculine)
संतान, औलाद - children, offspring (feminine), also बाल-बच्चे
बच्चा - child (masculine), बच्ची (feminine)
* ज्येष्ठ, सबसे बड़ा - eldest, eldest
* बीच का बच्चा - middle child
* सबसे छोटा - youngest
गर्भावस्था - pregnancy (feminine)
* गर्भवती, माँ बननेवाली - expectant, pregnant (adjective)
* उसका छह महीने का गर्भ है - she is 6 months pregnant
* उसे बच्चा हुआ - she had a baby
* बच्चा पैदा करना - to have a child, to give birth (transitive)
शिशु - baby, infant (masculine)
गोद - adoption (feminine)
बच्चा गोद लेना - to adopt a child (transitive)
पालन-पोषण - upbringing (masculine)
* बच्चों का पालन पोषण करना - to raise children (transitive)
बच्चों की देख रेख करना - to care for, look after children (transitive)
Family Members
पति-पत्नी - husband and wife
माता-पिता - parents, mother and father, also मम्मी and बाप
दादा-दादी - paternal grandfather and grandmother
नाना-नानी - maternal grandfather and grandmother
परदादा-परदादी - paternal great grandparents
परनाना-परनानी - maternal great grandparents
बेटा-बेटी - son and daughter, also पुत्र-पुत्री
पोता-पोती - grandchildren (son's children), also पौत्र-पौत्री
नाती-नातिन - grandchildren (daughter's children)
भाई-बहन - brother and sister
* बड़ा भाई, भैया - big brother
* बड़ी बहन, दीदी - big sister
* छोटा भाई / छोटी बहन - little brother / sister
भतीजा-भतीजी - nephew and niece (brother's children)
भांजा-भांजी - nephew and niece (sister's children)
ताऊ-ताई - uncle (father's elder brother) and his wife
चाचा-चाची - uncle (father's younger brother) and his wife
फूफा-फूफी**- aunt (father's sister and her husband),
also बुआ (feminine)
* बड़ी फूफी/बुआ - father's elder sister
* छोटी फूफी/बुआ - father's younger sister
मामा-मामी - uncle (mother's brother) and his wife
* बड़ा मामा - mother's elder brother
* छोटा मामा - mother's younger brother
मौसा-मौसी** - aunt (mother's sister) and her husband
* बड़ी मामा - mother's elder brother
* छोटी मामा - mother's younger brother
सौतेला - half-, step- (adjective)
* सौतेला भाई / सौतेली बहन - step-brother / step-sister
* सौतेले पिता / सौतेली माँ - step-father / step-mother
Extended Family
मायका, पीहर - wife's parents' house (masculine)
ससुराल - husband's parents' house (feminine)
सास-ससुर - parents-in-law, mother- and father-in-law
बहू - daughter-in-law (son's wife)
दामाद, जमाई - son-in-law (daughter's husband)
जीजा - brother-in-law (elder sister's husband)
बहनोई - brother-in-law (younger sister's husband)
भाभी - sister-in-law (elder brother's wife)
भयो - sister-in-law (younger brother's wife)
जेठ-जेठानी - brother in-law (husband's elder brother) and his wife
देवर-देवरानी - brother-in-law (husband's younger brother) and his wife
ननद-नंदोई - sister-in-law (husband's sister) and her husband
साढ़ू-साली** - sister-in-law (wife's sister) and her husband
साला-सलहज - brother-in-law (wife's brother) and his wife
Nb. in all family member compounds the male word is written before the female word, even if I've occasionally written the translation the other way around**. Exceptions are माता-पिता, सास-ससुर and ननद-नंदोई where female is mentioned first.
मेरा नाम संतोष है और मैं हरियाणा के पानीपत का रहने वाला हूं। मैं अभी कक्षा बारहवीं का ही छात्र हूं और मेरे पिताजी का प्लाईवुड का काम है। उनका काम बहुत ही अच्छा चलता है। इसलिए उन्होंने मेरा एक बहुत ही बड़े स्कूल में एडमिशन करवाया है। मैंने अपनी दसवीं के बाद यहीं पर पढ़ना शुरू किया। जब मैं कक्षा 11 में आया तो मेरे बहुत दोस्त बने
उस सबसे दोस्त में एक ऐसा लड़का था जिसके साथ मेरा बहुत जमता था, उसका नाम तो नही पता पर हां वो कॉलेज की दोस्तों से काफी अलग था, एक दिन मैं जैसे क्लास रूम में पहुंचा तो मैडम ने मुझे उस लड़के से परिचित करवाई
संतोष ये है सूरज और ये बहुत होनहार और ईमानदार लड़का है, पढ़ने में काफी तेज है, तुम्हारी हर विषय में ये मदद करेगा, उस से मिलकर मुझे पहले भी बहुत खुशी हुआ था, अब हम एक अच्छे दोस्त बन गए थे
वो बहुत बड़े घर से था, पैसा दौलत धन की कोई कमी नही था, भगवान ने उसे सबकुछ दे रखा था, कार बंगलों सब कुछ
कुछ दिन बाद सूरज अपने मम्मी पापा के साथ आया था, साथ में कुछ सिक्योरिटी गार्ड था, हमने देखा तो सपने देखने लगा की लाश मुझे भी सूरज के जैसा पैसा धन दौलत रहता, पर सूरज के अंडर एक जबरदस्त अच्छाई थी की कभी वो पैसा का घमंड नहीं किया
उसका पापा सरकारी ट्रांसपोर्ट का मालिक था और मम्मी हाउसवाइफ थी, घर में एक बहन थी वो पुणे के हॉस्टल में इंजीनियरिंग कर रही थी, मतलब यूं कहे तो सभी सेटल थे
कुछ दिन बाद सूरज ने कहा की उसकी मम्मी का एनिवर्सरी है और वो कॉलेज के सभी छात्र और छात्राएं को इनवाइट किया और कुछ सर मैम को भी, सब उस दिन बहुत खुश था पर मुझे जाने की हिम्मत नही हुआ
मैं उस दिन जल्दी घर चला गया तबीयत खराब के बहाने से पर मुझे क्या पता था उस दिन मेरे जिंदगी का सबसे अनमोल राते होगा, मैं अपने घर में जाकर लेट गया और थोड़ी देर बाद मम्मी आई तो बोली मेरा राजा बेटा को क्या हुआ, आज नाराज लग रहा है
मैं शुरू से ही अपने मम्मी पापा को प्यार कर रहा था, क्योंकि पापा मम्मी ने कभी भी किसी भी समान खरीदने के लिए मुझे मना नही किए और ना कभी मुझे डांटा, पर उस दिन ऐसा लग रहा था की सूरज के सामने मेरा हैसियत बहुत कम है
मैं शाम को करीब बाजार जाकर हल्का सा नाश्ता किया और सोचने लगा की जाऊं की नही जाऊं, ये सोचते सोचते कब शाम 7 बज गया मुझे पता नही चला, मैं अपने घर लौटा तो देखा दरवाजा पर एक लंबी कार खड़ी चमक रही है
मैने सोचा शायद पापा को कोई कॉन्ट्रैक्ट देने आए होंगे, किसी मालिक का नंबर होगा पर वो मेरा दोस्त सूरज का था, उसके साथ उसकी मॉम रेखा भी आई हुई थी
रेखा उमर 39 साल हरी भरी गदरायी जवानी, एक हाउसवाइफ की तरह मेरे कमरे में ब्लैक साड़ी और लाल ब्लाउज में बड़ा सा काजल और बिंदिया लगाकर मेरे मम्मी से बात कर रही थी, वो अपने बड़े गले वाला ब्लाउज को ऐसे पहनी थी की उनका क्लीवेज साफ चमक रहा था, 36 का छाती, 32 का कमर और 38 का कहर ढाने वाला बम, उफ्फ अब मैं दोस्त को देखूं या उसकी मम्मी को
मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था, मैं उनको देख के ऐसे मदहोश हो गया था मानो वो कोई नशीले पदार्थ हो और मुझे उसका सेवन करना है
मैं खुद पर काबू किया और आंटी को हाई बोला और कहा आपने आने का कष्ट क्यूं किया, सूरज भाई गलत बात है, तुम मेरे कारण अपने मम्मी को परेशान करते हो, वैसे आंटी हैप्पी एनिवर्सरी
आंटी - थैंक्स बेटा पर ऐसे काम नही चलेगा, अपना टैलेंट दिखाना पड़ेगा, मैं भी देखूं की तुम कितना टैलेंटेड हो जैसे तुम्हारे बारे में सूरज कहता रहता है
जरूर जब भी आपको मेरा टैलेंटेड देखना हो आप मुझे एक बार याद कर लेना, मैं हाजिर हो जाऊंगा, आखिर दोस्त किसका हूं, ये बोलकर सब हंस पड़े
रात करीब 9 बज चुकी थी, उधर सूरज के पापा शराब का का कार्यक्रम जोड़ो शोरो से था, हवा की रुख और दोस्त की मम्मी की बदन की खुशबू एक तरफ
थोड़े देर बाद मैने कहा सूरज चलना है या यहीं एनिवर्सरी मनाना है, सूरज ने मेरा मम्मी पापा को कहा पर उन्होंने कहा की मुझे माफ करे, अब तो आप हम एक दोस्त की तरह हो गए हैं तो फिर कभी
थोड़े देर बाद सूरज और उसकी मम्मी आगे बैठ गई, रेखा कार ड्राइवर कर रही थी और सूरज सामने देख रहा था, थोड़े आगे जाने के बाद कार का मैन मिरर को मेरे बॉडी के तरफ करके अपने ही होंटो को कटने लगी
हम 5 मिनिट बाद सूरज के घर पहुंचे जहां सभी इकट्ठा हुए, रेखा ने बड़े ही उल्लास से केक काटी और और अपने पति और बेटे को खिलाई फिर धीरे धीरे सबमें बांट दी
थोड़े देर बाद फिर उसका पापा उस शराब ए जस्न में लग गए, इधर सूरज भी अपने मम्मी से कहा की आज के दिन वो भी शराब पिएगा, तो उसकी मां ने बड़े ही कठोड़ मन से कहा नही, पर सूरज का बार बार जिद करने पर मान गई
थोड़े देर बाद रेखा ने एक बीयर के बोटल में शराब और बीयर दोनो को मिक्सड करके लाई और अपने बेटे को पिला दी, धीरे धीरे अब सब अपने घर की ओर बढ़ने लगे
समय 11 बज चुका था सूरज और उसका पापा दोनो अपने बेडरूम में ढेर हो चुके थे इतना ताकत नही बचा था की खुद को दो स्टेप चला सके, इधर रेखा मुझे किसी भूखे शेरनी की तरह देख रही थी
मेरे पास आई और बोली आज रात तुम मुझे अपना बना सको तो बना लो नही तो मैं समझूंगी की तुम्हारा बदन सिर्फ दिखाने के लायक है
शाम से ही मेरा बुरा हालत था पर अब मुझे पूरा मौका मिला, मैने कहा अच्छा ये बात है, चलो कोई बात नही, तुम भी क्या याद रखेगी की किसी मर्द से मिली थी
मैने आगे बढ़ा और होंठ को अपने होंठ में भरते हुए स्मूच करने लगा और रेखा भी बहुत दिन की प्यासी शेरनी की तरह मेरा कॉक के ऊपर हाथ रख कर मसलने लगी
Maa Beti Par Shayari: स्वागत है आपका एक और पेज पर जहाँ आप पाएंगे माँ बेटी की हिंदी शायरी। माँ और बेटी का रिश्ता इस दुनिया में एक अहम स्थान रखता है। यह वो रिश्ता है जो परिवार में शादी से पहले और शादी के बाद भी वैसा ही बना रहता है। एक बेटी के लिए उसकी माँ कई तरह के किरदार निभाती है जैसे सच्ची सखी, रोल मॉडल, मेहनती आदि। इसी ख़ास रिश्ते के लिए आज मैं आपके लिए कुछ शायरी लेकर आयी हूँ जो माँ अपनी बेटी या फिर बेटी अपनी माँ को समर्पित कर सकती है। यह शायरियां आपको फोटो के साथ copy बटन सहित मिलेंगी। इन शायरी को आप अपने स्टेटस पर भी लगा सकते हैं।
मेरे हिन्दी के अध्यापक काफी अच्छे थे शायद इस वजह से मुझे ज्यादा शौक था हिन्दी का. लेकिन फिर मेरी मम्मी भी हिन्दी मे काफी पढ़ी है, वो भी कारण हो सकता है
-nikapikanon
Mere bhi acche the but nah Hindi main likhne se dar lagta hai marne se nhi💀