#मतली
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लिवर कैंसर शुरुआती चेतावनी के संकेत क्या हैं?
भूख में कमी
वज़न कम होना
पेट में सूजन
ऊपरी पेट में दर्द
सामान्य कमजोरी और थकान
मतली और उल्टी
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*Dr. Smita Goel Homeopathy Clinic*
www.thehomeopathyclinic.co.in
एसिडिटी या अम्लता एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित होता है। अम्लता पेट, गैस्ट्रिक सूजन, दिल की धड़कन और डिस्प्सीसिया में अल्सर जैसे लक्षण पैदा करती है। यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक खेल या गतिविधियों की कमी, शराब की खपत, धूम्रपान, तनाव, फड आहार और खराब खाने की आदतों जैसे कई कारकों के कारण होता है। लोग उन जगहों पर अम्लता विकसित करने में अधिक प्रवण होते हैं। जहां लोग अधिक शाकाहारी, मसालेदार और तेल के भोजन का उपभोग करते हैं। एनएसएआईडी (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी कई दवाएं गैस्ट्रिक अम्लता विकसित करने में एक व्यक्ति को अधिक संवेदनशील बना सकती हैं। एक भारी भोजन लेने के बाद अम्लता को गहरी जलती हुई सनसनी की विशेषता है। अम्लता वाले लोगों में अपचन और कब्ज भी आम है। यह घरेलू उपचार या एंटासिड का उपभोग करके और स्वस्थ कार्यान्वयन से ठीक हो सकता है। एंडोस्टिज्म के रूप में जाना जाने वाला एक तकनीक एसिड भाटा से भी बहुत राहत प्रदान करता है। अम्लता के सामान्य लक्षणों में पेट और गले में मुंह, कब्ज, बेचैनी और जलने की उत्तेजना में अपचन, मतली, खट्टा स्वाद शामिल है।
# अम्लता का कारण क्या होता है?
हमारा पेट आमतौर पर गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है जो पाचन में मदद करता है। इन एसिड के संक्षारक प्रभाव प्रोस्टाग्लैंडिन और प्राकृतिक बाइकार्बोनेट के उत्पादन से संतुलित होते हैं जो श्लेष्म अस्तर में गुप्त होते हैं। यह पेट की अस्तर को नुकसान पहुंचाता है और अम्लता का कारण बनता है। अन्य कारक जो अम्लता का कारण बनते हैं उनमें शामिल हैं:
मांसाहारी और मसालेदार खाद्य पदार्थों का उपभोग करना।
अत्यधिक तनाव
बहुत अधिक शराब का उपभोग।
अक्सर धूम्रपान
पेट के ट्यूमर, गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर जैसे पेट विकार।
एनएसएआईडीएस (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी दवाएं।
√ अम्लता के लिए उपचार:
एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटीसिड का उपभोग करके अम्लता ठीक हो सकती है। कई बार, एच 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरुद्ध एजेंट) जैसे निजाटिडाइन, फ़ोटोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोग क��या जाता है। यदि आपके पास गंभीर अम्लता है तो प्रोटॉन पंप इनहिबिटर डॉक्टर द्वारा भी निर्धारित किए जाते हैं। अम्लता का इलाज घरेलू उपचारों जैसे कि केले, ठंडे दूध, एनीज, जीरा, कार्डोमन, लौंग, टकसाल के पत्तों और अदरक का उपभोग भी किया जा सकता है। आप भोजन के दौरान मसालेदार भोजन या अचार से बचने, अधिक सब्जियों और फलों को खाने, गैर शाकाहारी भोजन का उपभोग न करने, एनएसएड्स (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से बचने और तनाव को कम करने से अम्लता को रोक सकते हैं।
कभी-कभी नींद से पहले भोजन लेने से अम्लता भी हो सकती है। यह पेट के एंजाइमों को आपके एसोफैगस पर वापस जाने और एसिड भाटा का कारण बनने के लिए उत्तेजित करता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
√ लक्षण:
पेट में जलन जलन
गले में जलन जलन।
डकार।
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दिनांक 01.04.2023 | होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ० संजय कुमार राणा ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल से, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इंदिरा नगर कार्यालय में स्थित राम दरबार में शिष्टाचार भेंट कर, राणा होमियो क्लिनिक द्वारा तैयार होम रेमेडी होम्योपैथी किट भेंट की | इस अवसर पर डॉ संजय कुमार राणा ने अवगत कराया कि होम्योपैथी केवल रोग का ही नहीं, रोग के कारणो का भी ��ड़ से उपचार करती है तथा उनके द्वारा निर्मित होम रेमेडी होम्योपैथी किट में जलन, मोच, सामान्य दर्द, खरोंच का दर्द, मतली / उल्टी, ओरल केयर माउथवॉश, सामान्य सर्दी, सामान्य बुखार, एंटीसेप्टिक तथा एंटी हेमोरेजिक की दवाइयां उपलब्ध हैं |
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उम्र बढ़ने का खेल कल्याण | डॉ. क्रिस्टोफ़ डेलॉन्ग कॉन्सिल का ब्लॉग | डॉक्टर डेलॉन्ग क्रिस्टोफ़ इंटरनेशनल कंसल्टिंग | वृद्धावस्था पुनर्वास
संतुलन विकार: कारण, लक्षण और समाधान
संतुलन विकार अस्थिरता की भावना है जो चक्कर आने की हल्की अनुभूति से लेकर खड़े होने में महत्वपूर्ण कठिनाई तक हो सकती है। यह अप्रिय अनुभूति आंतरिक कान, मस्तिष्क या संवेदी रिसेप्टर्स की खराबी के कारण हो सकती है।
डॉ क्रिस्टोफ़ डेलॉन्ग कॉन्सिल
संतुलन विकारों के कारण क्या हैं?
संतुलन विकार: एक विशेष निदान
"एक निश्चित उम्र से, संतुलन विकारों और गिरने के जोखिम के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं: आंतरिक कान विकार, गिरने का भय, दृश्य और श्रवण विकार, कठोरता और प्रोप्रियोसेप्शन विकार ... प्रत्येक तत्व का बहुत सावधानी से विश्लेषण किया जाना चाहिए"
हमारी सलाह लें डॉक्टर क्रिस्टोफ़ डेलॉन्ग
संतुलन विकारों के कारण कई हैं और इनमें शामिल हो सकते हैं
भीतरी कान के विकार:
सौम्य पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो (बीपीपीवी): आंतरिक कान में छोटे क्रिस्टल का विस्थापन।
मेनियार्स रोग: आंतरिक कान का विकार जिसमें चक्कर आना, टिनिटस और सुनने की क्षमता कम होना शामिल है।
वेस्टिबुलर ��्यूरिटिस: वेस्टिबुलर तंत्रिका की सूजन, जो संतुलन के लिए जिम्मेदार होती है।
तंत्रिका संबंधी विकार:
मल्टीपल स्केलेरोसिस: ऑटोइम्यून बीमारी जो तंत्रिकाओं के माइलिन आवरण पर हमला करती है।
पार्किंसंस रोग: न्यूरोडीजेनेरेटिव स्थिति जो चलने-फिरने को प्रभावित करती है।
सेरेब्रोवास्कुलर दुर्घटना (सीवीए): मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति में रुकावट।
दवाएँ: कुछ दवाएँ दुष्प्रभाव के रूप में चक्कर आने का कारण बन सकती हैं।
संक्रमण: कुछ वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं।
चोटें: सिर पर चोट या भीतरी कान की क्षति के कारण संतुलन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या लक्षण हैं?
संतुलन विकारों के लक्षण अंतर्निहित कारण के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन सबसे आम हैं:
चक्कर आना: घूमने या हिलने की अनुभूति।
चक्कर आना: चक्कर आना या भटकाव महसूस होना।
अस्थिरता: खड़े होने या चलने में कठिनाई।
मतली और उल्टी: अक्सर चक्कर आने से जुड़ी होती है।
सिरदर्द: सिरदर्द.
टिनिटस: कानों में घंटियाँ बजना।
संतुलन विकार का निदान कैसे करें?
संतुलन विकारों का निदान एक डॉक्टर, अक्सर एक ईएनटी या न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। यह इस पर आधारित है:
नैदानिक परीक्षण: डॉक्टर लक्षणों का आकलन करता है और संतुलन का आकलन करने के लिए विशिष्ट परीक्षण करता है।
अतिरिक्त परीक्षाएं:
आंतरिक कान की जांच: संभावित असामान्यताओं का पता लगाने के लिए।
एमआरआई या सीटी स्कैन: मस्तिष्क की कल्पना करने और अन्य विकृतियों को दूर करने के लिए।
इलेक्ट्रोनिस्टागमोग्राफी: वेस्टिबुलर फ़ंक्शन का आकलन करने के लिए आंखों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करना।
उपचार क्या हैं?
संतुलन विकारों का उपचार अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। इसमें शामिल हो सकते हैं:
पुनः स्थिति निर्धारण युक्तियाँ: बीपीपीवी के लिए।
दवाएं: लक्षणों (चक्कर आना, मतली) से राहत के लिए।
फिजियोथेरेपी: संतुलन और समन्वय को फिर से शिक्षित करने के लिए।
सर्जरी: कुछ मामलों में, सर्जरी आवश्यक हो सकती है।
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धनिया की ताज़ी पत्तियों को छाछ मे मिलाकर पीने से बदहज़मी मतली और पेचिश से आराम मिलता है।
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Kidney Stone Symptoms in Hindi
किडनी स्टोन के लक्षण (Kidney Stone Symptoms in Hindi) में तेज दर्द, विशेष रूप से पीठ या पेट के निचले हिस्से में महसूस होता है। पेशाब करते समय जलन, खून आना, या पेशाब में बदलाव भी हो सकते हैं। इसके अलावा, मतली, उल्टी, बुखार, और थकान जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। किडनी स्टोन की पहचान और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
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गर्भावस्था के लक्षण: क्या महसूस कर सकती हैं महिलाएं?
गर्भवस्था के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जो महिलाओं को शुरुआत में महसूस हो सकते हैं। ये लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण हैं जिन्हें पहचानकर आप गर्भवती होने का अनुमान लगा सकती हैं। आइए जानते हैं गर्भावस्था के प्रमुख लक्षणों के बारे में: मासिक धर्म में देरी: सबसे पहले, अगर आपका मासिक धर्म समय से नहीं आता या रुक जाता है, तो यह गर्भवस्था का पहला संकेत हो सकता है। सुस्ती और थकान: गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण थकावट महसूस होना सामान्य है। आपको जल्दी थकान हो सकती है और ऊर्जा की कमी हो सकती है। मतली और उल्टी: प्रेग्नेंसी में खासतौर पर सुबह के समय उल्टी और मितली की समस्या होती है, जिसे "मॉर्निंग सिकनेस" कहा जाता है। स्तनों में सूजन और कोमलता: गर्भवती होने पर स्तनों में संवेदनशीलता, सूजन और कोमलता महसूस हो सकती है। यह हार्मोनल बदलावों के कारण होता है। म��ड स्विंग्स: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन आपके मूड को प्रभावित कर सकते हैं, जिसके कारण आपको समय-समय पर मूड स्विंग्स हो सकते हैं। बार-बार पेशाब आना: गर्भावस्था में गर्भाशय के बढ़ने से मूत्राशय पर दबाव पड़ता है, जिससे आपको बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस हो सकती है। खानपान की आदतों में बदलाव: प्रेग्नेंसी के दौरान स्वाद में बदलाव, कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति अजीब प्रतिक्रिया या स्वादिष्ट चीजों की क्रेविंग होना आम है। Visit Here: Bliss IVF - Best IVF Center and Andrology Institute | Gynecologist and Infertility Specialist in Surat 099045 22213 3rd Floor, Le-Grand Building, Near, Ring Rd, Opp. Apple Maitreya Hospital, Udhana Darwaja, Khatodra Wadi, Surat, Gujarat 395002 https://g.co/kgs/y4Xe9hr
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पुरुषों में हर्निया: लक्षण, कारण, और कब हो सकता है यह घातक?
हर्निया पुरुषों (Hernia in Men) में पाई जाने वाली एक आम स्वास्थ्य समस्या है। यह तब होता है जब शरीर के किसी अंग या ऊतक की दीवार कमजोर हो जाती है, जिससे वह अपनी जगह से बाहर निकल आता है। हर्निया केवल असुविधाजनक ही नहीं होता, बल्कि अ��र इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह घातक भी साबित हो सकता है। आइए, इस ब्लॉग में विस्तार से समझते हैं कि पुरुषों में हर्निया के लक्षण (Hernia Symptoms in Men) क्या होते हैं, यह क्यों होता है और यह कब गंभीर स्थिति में जा सकता है।
हर्निया के लक्षण Signs and Symptoms of Hernia in Men
गुड़गांव के प्रमुख जनरल सर्जन के अनुसार, हर्निया के लक्षण हर व्यक्ति में थोड़े अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ आम लक्षण जो अधिकतर लोगों में देखे जाते हैं, पुरुषों में हर्निया रोग (hernia disease in men) के लक्षण में शामिल हो सकते हैं:
सूजन या गांठ(Swelling or Lump): हर्निया के क्षेत्र में सूजन या एक गांठ का अनुभव हो सकता है, जो खड़े होने या खांसने पर अधिक दिखाई देती है। यह गांठ आमतौर पर पेट के नीचे या जांघ के ऊपर देखी जाती है।
दर्द और असुविधा(Pain and Discomfort): हर्निया होने पर उस स्थान पर दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है। खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान यह दर्द बढ़ सकता है। हर्निया का दर्द बहुत तीव्र या हल्का भी हो सकता है, जो समय-समय पर बदलता रहता है।
जलन और खिंचाव का अनुभव(Burning and Stretching Experience): हर्निया वाले क्षेत्र में जलन या खिंचाव का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ मिश्रित हो सकते है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।
पेट दर्द (Stomach Pain): हर्निया के कारण पेट में दर्द भी हो सकता है, खासकर तब, जब हर्निया बड़ा हो जाता है या उसमें कुछ बदलाव होते हैं।
पाचन समस्याएँ(Digestive Problems): कुछ मामलों में हर्निया पाचन प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे कब्ज, गैस या अपच जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
मतली और उल्टी(Nausea and Vomiting): गंभीर हर्निया में मतली या उल्टी का अनुभव हो सकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हर्निया बढ़कर अन्य अंगों को प्रभावित करता है।
थकान और कमजोरी(Fatigue and Weakness): हर्निया से संबंधित दर्द और असुविधा के कारण थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। यह समस्या खासकर तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति नियमित शारीरिक श्रम करता है।
पुरुषों में हर्निया के कारण Causes of Hernia in Men
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) के कारण कई हो सकते हैं, और यह समस्या अक्सर शारीरिक गतिविधियों से संबंधित होती है। पुरुषों में हर्निया होने के सामान्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
शारीरिक श्रम(Physical Work): अधिकतर पुरुष भारी वस्तुएं उठाना और अन्य शारीरिक कार्य करते हैं, जिससे पेट की दीवार पर दबाव बढ़ता है और हर्निया का खतरा उत्पन्न होता है।
उम्र(Age): जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, शरीर की मांसपेशियों और ऊतकों की ताकत में कमी आ सकती है, जो हर्निया का कारण बन सकती है।
जन्मजात समस्याएँ(Congenital Problems): कुछ पुरुषों में ��न्म से ही पेट की दीवार में कमजोरी होती है, जिससे उम्र के साथ हर्निया का खतरा बढ़ता है।
अत्यधिक वजन(Excessive Weight): मोटापा पेट की दीवार पर अधिक दबाव डालता है, जिससे हर्निया का खतरा बढ़ सकता है।
लगातार खांसी या बुखार(Persistent Cough or Fever): लंबे समय तक खांसी या बुखार के कारण पेट की मांसपेशियों पर तनाव बढ़ता है, जिससे हर्निया का खतरा होता है।
हर्निया कब हो सकता है घातक? When can Hernia Become Fatal?
हर्निया सामान्यतः घातक नहीं होता, लेकिन यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर समस्या बन सकता है। इन स्थितियों में हर्निया घातक हो सकता है:
इन्करसेरेटेड हर्निया(Incarcerated Hernia): यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हर्निया का अंग फंस जाता है और उसे वापस अपनी जगह पर नहीं लाया जा सकता। इसमें पेट में अत्यधिक दर्द और गांठ का बढ़ना शामिल होता है।
स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया(Strangulated Hernia): इस स्थिति में फंसे हुए अंग का रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे उस अंग के मरने का खतरा बढ़ता है। स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया घातक हो सकता है और इसके लिए तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है।
अचानक दर्द और असहनीय स्थिति(Sudden Pain and Unbearable Condition): यदि हर्निया में अचानक दर्द होता है और वह असहनीय हो जाता है, तो यह घातक हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
पाचन में रुकावट(Obstruction in Digestion): हर्निया से पाचन तंत्र में अवरोध उत्पन्न हो सकता है, जिससे मतली और उल्टी जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
हर्निया का इलाज Hernia Treatment
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) का इलाज उसकी स्थिति और प्रकार पर निर्भर करता है। आमतौर पर, निम्नलिखित उपचार विकल्प होते हैं:
विश्राम और हल्की गतिविधियाँ(Relaxation and Light Activities): प्रारंभिक अवस्था में हर्निया के साथ अत्यधिक गतिविधियों से बचना और आराम करना महत्वपूर्ण होता है।
दर्द निवारक दवाएँ(Painkillers): हल्की हर्निया के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दर्द निवारक दवाएं कारगर हो सकती हैं।
सर्जरी(Surgery): गंभीर हर्निया के मामलों में सर्जरी आवश्यक हो सकती है। इसके लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी या ओपन सर्जरी का विकल्प उपलब्ध होता है।
निष्कर्ष:
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) एक आम स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। यदि आपको हर्निया के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो समय पर अपने नजदीकी सामान्य सर्जन (General Surgeon Near You) से परामर्श लें। समय पर उपचार करने से न केवल दर्द और असुविधा से छुटकारा पाया जा सकता है, बल्कि गंभीरता से बचा भी जा सकता है। इसलिए, अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें, नियमित जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर चिकित्सक की सलाह का पालन करें।
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Hernia in Hindi: हर्निया क्या है? : कारण, लक्षण और इलाज
क्या आप अपने पेट या कमर के आसपास अचानक दर्द महसूस कर रहे हैं? यह आपके विचार से कहीं अधिक गंभीर हो सकता है। आमतौर पर कमर में होने वाले दर्द को हर्निया (hernia in hindi) कहा जाता है।
हर्निया की बीमारी (harniya bimari in hindi) एक सामान्य लेकिन खतरनाक स्थिति है जो हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करती है।
यह (hernia kaise hota hai) आमतौर पर आपके पेट या कमर में होता है, जब आपका कोई अंग उस मांसपेशी या ऊतक को धकेलता है जिसमें वह होता है। Hernia एक अजीब उभार (bulge) जैसा लग सकता है जो अलग-अलग गतिविधियों के दौरान या अलग-अलग स्थिति में आता-जाता रहता है।
हर्निया क्या होता है? (Hernia Kya Hota Hai?)
हर्निया (hernia in hindi language) एक ऐसी स्थिति को संदर्भित करता है जहां एक अंग या ऊतक आसपास की मांसपेशियों या संयोजी ऊतकों में एक कमजोर स्थान से होकर गुजरता है।
इसके परिणामस्वरूप उभार दिखाई दे सकता है, जो अक्सर असुविधा या दर्द का कारण बनता है।
अधिकांश हर्निया में आपके पेट के अंगों में से एक आपके पेट की गुहा की दीवारों में से एक को धकेलता है, जबकि सबसे आम प्रकारों में वंक्षण, ऊरु, नाभि, हायटल और चीरा लगाने वाले हर्निया शामिल हैं।
हर्निया के प्रकार क्या हैं? (Hernia ke kya prakar h?)
हर्निया के सबसे सामान्य प्रकारों को नीचे समझाया गया है:
वंक्षण हर्निया (Inguinal Hernia in Hindi)
यह वंक्षण लिगामेंट के ऊपर एक कमजोर बिंदु पर होता है, जो कमर के ऊपर होता है। इस प्रकार के हर्निया सबसे आम हैं। ये अधिकतर पुरुषों को प्रभावित करते हैं। यह सबसे दर्दनाक हर्निया है
ऊरु हर्निया (Femoral Hernia in Hindi)
ऊरु हर्निया जांघ के शीर्ष भाग में वंक्षण स्नायुबंधन के नीचे होता है। वे मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करते हैं।
आकस्मिक हर्निया (Incisional Hernia in Hindi)
आकस्मिक हर्निया पिछले सर्जिकल घावों से बचे निशान ऊतक में होते हैं। वहां हर्निया की संभावना अधिक होती है क्योंकि पेट की दीवार कमजोर होती है।
अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia in Hindi)
अम्बिलिकल हर्निया की उत्पत्ति नाभि से होती है, जो पेट की दीवार में एक कमजोर स्थान है। वे अक्सर शिशुओं और मोटे वयस्कों को प्रभावित करते हैं।
अधिजठर हर्निया (Epigastric Hernia in Hindi)
एपिगैस्ट्रिक हर्निया तब होता है जब स्तन की हड्डी और नाभि के बीच पेट की दीवार में दरार के माध्यम से ऊतक प्रवेश करता है।
पेरिनियल हर्निया (Perineal Hernia in Hindi)
पेरिनियल हर्निया तब होता है जब आंतरिक अंग या ऊतक पेल्विक फ्लोर में कमजोरी या गैप के माध्यम से पेट की गुहा में उभर आते हैं। ये हर्निया बहुत आम नहीं हैं।
हर्निया के लक्षण पुरुषों और महिलाओं दोनों में क्या हैं?
हर्निया के लक्षण प्रकार और गंभीरता ��े आधार पर भिन्न हो सकते हैं।
पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए, हर्निया के लक्षण लगभग समान प्रतीत होते हैं लेकिन हर्निया के दर्द के स्थान के आधार पर उनमें थोड़ा अंतर हो सकता है।
हर्निया के लक्षण (Hernia ke laskshan)
प्रभावित क्षेत्र में ध्यान देने योग्य सूजन या उभार
असुविधा या दर्द, विशेष रूप से शारीरिक गतिविधियों या वस्तुओं को उठाने के दौरान
हर्निया की जगह पर दर्द या जलन होना
दबाव या कमजोरी की भावना
मतली, उल्टी, या कब्ज (अधिक गंभीर मामलों में)
यदि आप बताए गए किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो उपचार के लिए हर्निया सर्जन (Hernia Surgeon) से संपर्क करना हमेशा बेहतर होता है।
दर्द के स्थान के आधार पर हर्निया के प्रकार का निदान किया जा सकता है।
हर्निया के कारण (Hernia ke Karan)
हर्निया के विकास में कई कारण योगदान दे सकते हैं। हर्निया का मुख्य कारण आम तौर पर मांसपेशियों की कमजोरी और प्रभावित क्षेत्र पर बढ़ता दबाव का संयोजन होता है। कुछ सामान्य कारकों में शामिल हैं:
उम्र बढ़ना और मांसपेशियों का प्राकृतिक रूप से कमजोर होना
बार-बार भारी वजन उठाना या मल त्याग के दौरान जोर लगाना
लगातार खांसी या छींक आना
गर्भावस्था (बार-बार गर्भधारण) और प्रसव
मोटापा या अत्यधिक वजन बढ़ना
हर्निया का इलाज (Hernia ka Ilaj)
हर्निया कैसे ठीक होता है? हर्निया का एकमात्र उपचार सर्जरी है (Hernia Surgery in Hindi) । और विभिन्न प्रकार के हर्निया का इलाज सर्जरी द्वारा ही किया जाता है। इसमें या तो हर्निया की थैली को हटाना या उसे वापस पेट में धकेलना शामिल है। हर्निया सर्जरी के विकल्प हर्निया के प्रकार और आकार जैसी चीजों पर निर्भर करेंगे।
हर्निया के इलाज के बारे में जानकारी यहा पाये:
हर्निया ओपन सर्जरी (Hernia ke liye Open Surgery)
इसमें जहां हर्निया है वहां एक बड़े कट के जरिए ऑपरेशन किया जाता है। और सर्जन हर्नियेटेड ऊतक (Hernia tissue) को वापस अपनी जगह पर धकेल देगा और टांके या सर्जिकल जाल के साथ उस बाधा को मजबूत करेगा जिसे उसने पार किया है।
हर्निया लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Hernia ke liye Laproscopic Surgery)
मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (जिसे कीहोल सर्जरी भी कहा जाता है) में कई छोटे कट (2 या 3) लगाए जाते हैं। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में, पेट या पेट की दीवार को चीरों के माध्यम से सर्जिकल उपकरण और उससे जुड़े कैमरे (लैप्रोस्कोप) के साथ एक महीन ट्यूब डालकर संचालित किया जाता है।
कैमरा सर्जन को स्क्रीन पर पेट के अंदर का दृश्य देखने की अनुमति देता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी हर्निया के इलाज के लिए एक उन्नत और प्रभावी तरीका है।
अगर आप पूछें कि क्या हर्निया का इलाज बिना सर्जरी के किया जा सकता है? इसका उत्तर हां है, हर्निया का हमेशा ऑपरेशन ��हीं करना पड़ता है। यदि वे समस्याएँ पैदा नहीं कर रहे हैं और परिणामों का जोखिम कम है तो सर्जरी की आवश्यकता नहीं है। दूसरी ओर, जिन लोगों को वंक्षण हर्निया होता है, उन्हें आमतौर पर सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है।
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हर्निया के लिए डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो आपको तुरंत हर्निया के विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाना चाहिए। क्या आप इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि हर्निया के इलाज के लिए किस डॉक्टर से संपर्क करें?
आमतौर पर, हर्निया का इलाज लेप्रोस्कोपिक सर्जन द्वारा किया जाता है। हर्निया विशेषज्ञ शारीरिक परीक्षण या इमेजिंग परीक्षणों के माध्यम से हर्निया का निदान करने में सक्षम हो सकता है।
फिर वे हर्निया के प्रकार और गंभीरता के आधार पर हर्निया के उपचार के लिए एक योजना की सिफारिश करेंगे। हर्निया के इलाज और कुछ मामलों में आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए हर्निया सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आप पीड़ित हैं तो आखिरी चीज जिसके बारे में आपको चिंतित होना चाहिए वह है हर्निया के लिए सबसे अच्छा डॉक्टर ढूंढना जो आपको ठीक कर सके। डॉ. एस.एन. बेसर भारत के सर्वश्रेष्ठ लेप्रोस्कोपिक सर्जन में से एक हैं।
और हर्ष हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी होम हर्निया के इलाज के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी जैसी सभी उन्नत तकनीकों के साथ सूरत के मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों में से एक है।
यदि आपके पास हर्निया के उपचार के बारे में कोई प्रश्न है, तो कृपया हमसे सीधे संपर्क करें। सूरत में सर्वश्रेष्ठ लेप्रोस्कोपिक सर्जन के साथ अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए हमें 0261–2781652 /997898722 पर कॉल करें।
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गर्भावस्था में पोषण से जुड़ी समस्याएं और उनके समाधान
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ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन को समझना: लक्षण और जागरूकता
ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन, जिसे पोस्टुरल हाइपोटेंशन के रूप में भी जाना जाता है, तब होता है जब खड़े होने पर रक्तचाप अचानक गिर जाता है, जिससे कई लक्षण दिखाई देते हैं। समय पर चिकित्सा सलाह के लिए इन संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है।
चक्कर आना: एक सामान्य लक्षण, मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण खड़े होने के तुरंत बाद चक्कर आना हो सकता है।
धुंधली दृष्टि: रक्तचाप कम होने पर अस्थायी दृश्य गड़बड़ी हो सकती है।
खड़े होने पर चक्कर आना: अस्थिर या चक्कर आना एक आम संकेत है, खासकर अचानक मुद्रा परिवर्तन के बाद।
कमज़ोरी या थकान: कई व्यक्तियों को इन प्रकरणों के दौरान कमज़ोरी या असामान्य थकान का अनुभव होता है।
बेहोशी: अधिक गंभीर मामलों में, मस्तिष्क में अपर्याप्त रक्त की आपूर्ति के कारण बेहोशी हो सकती है।
मतली: इन लक्षणों के साथ मतली की भावना भी हो सकती है, जो आगे मूल्यांकन की आवश्यकता को इंगित करती है।
विशेषज्ञ सलाह के लिए, आप Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) से सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मेन रोड, रांची, झारखंड: 834001 पर संपर्क कर सकते हैं। अपॉइंटमेंट के लिए, 6200784486 पर संपर्क करें या drfarhancardiologist.com पर जाएं।
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पीरियड्स में मतली और जी मिचलाने की समस्या का कारण और उपचार - periods me mtali aur jee michlane ki samasya ka karan aur upchar
पीरियड्स के दौरान जी मिचलाने के कई कारण हो सकते हैं, इन्हे समझना बहुत जरुरी है। हालांकि, कुछ चीजों पर ध्यान दिया जाए रो मतली की भावना पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ खास घरेलू नुस्खे भी हैं, जो मददगार साबित हो सकते हैं। पीरियड्स के दौरान हॉर्मोन्स में उतार चढाव आने से शरीर में कई बदलाव नज़र आते हैं, खासकर क्रैम्प्स, पिंपल्स, थकान आदि कॉमन लक्षण हैं। इसके अलावा बहुत सी महिलाएं पीरियड्स…
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*Dr. Smita Goel Homeopathy Clinic*
www.thehomeopathyclinic.co.in
एसिडिटी या अम्लता एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित होता है। अम्लता पेट, गैस्ट्रिक सूजन, दिल की धड़कन और डिस्प्सीसिया में अल्सर जैसे लक्षण पैदा करती है। यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक खेल या गतिविधियों की कमी, शराब की खपत, धूम्रपान, तनाव, फड आहार और खराब खाने की आदतों जैसे कई कारकों के कारण होता है। लोग उन जगहों पर अम्लता विकसित करने में अधिक प्रवण होते हैं। जहां लोग अधिक शाकाहारी, मसालेदार और तेल के भोजन का उपभोग करते हैं। एनएसएआईडी (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी कई दवाएं गैस्ट्रिक अम्लता विकसित करने में एक व्यक्ति को अधिक संवेदनशील बना सकती हैं। एक भारी भोजन लेने के बाद अम्लता को गहरी जलती हुई सनसनी की विशेषता है। अम्लता वाले लोगों में अपचन और कब्ज भी आम है। यह घरेलू उपचार या एंटासिड का उपभोग करके और स्वस्थ कार्यान्वयन से ठीक हो सकता है। एंडोस्टिज्म के रूप में जाना जाने वाला एक तकनीक एसिड भाटा से भी बहुत राहत प्रदान करता है। अम्लता के सामान्य लक्षणों में पेट और गले में मुंह, कब्ज, बेचैनी और जलने की उत्तेजना में अपचन, मतली, खट्टा स्वाद शामिल है।
# अम्लता का कारण क्या होता है?
हमारा पेट आमतौर पर गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है जो पाचन में मदद करता है। इन एसिड के संक्षारक प्रभाव प्रोस्टाग्लैंडिन और प्राकृतिक बाइकार्बोनेट के उत्पादन से संतुलित होते हैं जो श्लेष्म अस्तर में गुप्त होते हैं। यह पेट की अस्तर को नुकसान पहुंचाता है और अम्लता का कारण बनता है। अन्य कारक जो अम्लता का कारण बनते हैं उनमें शामिल हैं:
मांसाहारी और मसालेदार खाद्य पदार्थों का उपभोग करना।
अत्यधिक तनाव
बहुत अधिक शराब का उपभोग।
अक्सर धूम्रपान
पेट के ट्यूमर, गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर जैसे पेट विकार।
एनएसएआईडीएस (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी दवाएं।
√ अम्लता के लिए उपचार:
एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटीसिड का उपभोग करके अम्लता ठीक हो सकती है। कई बार, एच 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरुद्ध एजेंट) जैसे निजाटिडाइन, फ़ोटोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोग किया जाता है। यदि आपके पास गंभीर अम्लता है तो प्रोटॉन पंप इनहिबिटर डॉक्टर द्वारा भी निर्धारित किए जाते हैं। अम्लता का इलाज घरेलू उपचारों जैसे कि केले, ठंडे दूध, एनीज, जीरा, कार्डोमन, लौंग, टकसाल के पत्तों और अदरक का उपभोग भी किया जा सकता है। आप भोजन के दौरान मसालेदार भोजन या अचार से बचने, अधिक सब्जियों और फलों को खाने, गैर शाकाहारी भोजन का उपभोग न करने, एनएसएड्स (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से बचने और तनाव को कम करने से अम्लता को रोक सकते हैं।
कभी-कभी नींद से पहले भोजन लेने से अम्लता भी हो सकती है। यह पेट के एंजाइमों को आपके एसोफैगस पर वापस जाने और एसिड भाटा का कारण बनने के लिए उत्तेजित करता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
√ लक्षण:
पेट में जलन जलन
गले में जलन जलन।
डकार।
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गर्भावस्था एक खूबसूरत एहसास है। लेकिन कभी-कभी यह एहसास इतना सुंदर नहीं होता। हालांकि कई गर्भवती माताएं अपने चेहरे पर गर्भावस्था की चमक और एक बड़ी मुस्कान के साथ घूमती हैं, मगर यदि आप उल्टियों से परेशान हैं तो आपके चेहरे की चमक और मुस्कान दोनों गायब हो जाती है। आप उल्टी करती रहती हैं और सोचती रहती हैं कि प्रेगनेंसी में उल्टी होना जरूरी है क्या।
गर्भावस्था में पेट में जलन, मतली और उल्टी आम अनुभव है, जो 70-80% गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है। हालाँकि गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी से पीड़ित अधिकांश महिलाओं में यह लक्षण पहली तिमाही तक ही सीमित होता है, लेकिन कुछ प्रतिशत महिलाओं में लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी में उल्टी क्यों होती है और प्रेगनेंसी में उल्टी रोकने के घरेलू उपाय। और भी ऐसे ही सवालों का जवाब हम इस लेख में देंगे।
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पेट दर्द के कारण: समझें, पहचानें और उपचार करें
पेट दर्द (Abdominal Pain) एक आम समस्या है, जिसे लगभग हर व्यक्ति ने कभी न कभी अनुभव किया है। यह दर्द हल्का से लेकर गंभीर तक हो सकता है और इसके कई कारण हो सकते हैं। पेट दर्द के कारणों को समझना और समय पर उनका उपचार करना जरूरी है, ताकि कोई गंभीर समस्या न हो।
पेट दर्द के सामान्य कारण
पेट दर्द के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और कुछ गंभीर होते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख कारणों के बारे में:
अपच (Indigestion): जब पेट ठीक से खाना नहीं पचा पाता, तब पेट में दर्द, जलन और भारीपन महसूस हो सकता है। यह सामान्यतः भारी भोजन या तला-भुना खाने के बाद होता है।
गैस (Gas): पेट में गैस बनने के कारण भी दर्द हो सकता है। गैस पेट में जमा होने पर असहजता और दर्द का कारण बनती है।
गैस्ट्राइटिस (Gastritis): यह स्थिति तब होती है जब पेट की आंतरिक परत में सूजन आ जाती है। इससे पेट में जलन और दर्द महसूस होता है।
एसिडिटी (Acidity): पेट में एसिड का अधिक उत्पादन होने से एसिडिटी होती है, जिससे पेट में दर्द, जलन और खट्टी डकारें आती हैं।
कब्ज (Constipation): जब आंतों में मल कठोर हो जाता है और उसे बाहर निकालने में कठिनाई होती है, तो पेट में दर्द और असहजता होती है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis): इसे पेट का फ्लू भी कहा जाता है, जो वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। इससे पेट में दर्द, दस्त और उल्टी हो सकती है।
पित्ताशय की पथरी (Gallstones): पित्ताशय में पथरी होने पर ऊपरी पेट में तेज दर्द हो सकता है, जो पीठ और कंधे की ओर भी फैल सकता है।
अपेंडिसाइटिस (Appendicitis): जब अपेंडिक्स में सूजन हो जाती है, तो पेट के निचले दाईं ओर तीव्र दर्द होता है। यह एक आपातकालीन स्थिति होती है और सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
पीरियड्स के दौरान दर्द (Menstrual Cramps): महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द सामान्य होता है, जिसे मासिक धर्म का दर्द कहा जाता है।
आंतों में रु��ावट (Intestinal Obstruction): आंतों में रुकावट होने पर भोजन और गैस का प्रवाह रुक जाता है, जिससे गंभीर पेट दर्द होता है।
पेट दर्द के लक्षण
पेट दर्द के लक्षण उसके कारणों पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
पेट में ऐंठन या चुभन जैसा दर्द
भूख कम लगना या न लगना
मतली या उल्टी
दस्त या कब्ज
पेट में सूजन या भारीपन
पीठ या कंधे में दर्द
पेट दर्द का उपचार
पेट दर्द का उपचार उसके कारणों पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य उपचार दिए गए हैं:
घर पर उपचार: हल्का भोजन करें, पर्याप्त पानी पिएं, और अधिक तैलीय या मसालेदार भोजन से बचें। गर्म पानी का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है।
दवाइयाँ: अपच, गैस, या एसिडिटी के लिए ओवर-द-काउंटर दवाइयाँ ली जा सकती हैं। दर्द के कारण का पता लगने पर डॉक्टर की सलाह से उचित दवाइयाँ लें।
सर्जरी: कुछ गंभीर स्थितियों, जैसे अपेंडिसाइटिस या पित्ताशय की पथरी के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
विश्राम और योग: पेट दर्द को कम करने के लिए पर्याप्त विश्राम और हल्के योगासन भी मददगार हो सकते हैं।
पेट दर्द से बचाव
स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें।
नियमित व्यायाम करें।
समय पर भोजन करें और खाने के बाद तुरंत लेटने से बचें।
अत्यधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन से बचें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
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पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथिक दवाएं
पाचन की समस्या आज के समय में बहुत आम हो गई है, और इसके लिए होम्योपैथिक दवाएं काफी प्रभावी हो सकती हैं। यहां हम कुछ प्रमुख होम्योपैथिक दवाओं के बारे में चर्चा करेंगे जो पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायक होती हैं। नक्स वोमिका 30 (Nux Vomica 30) नक्स वोमिका पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए एक प्रमुख दवा है, विशेष रूप से अधिक खाने के बाद। यह दवा खट्टी डकार, सुबह उठने पर मतली, खाने के बाद पेट में भारीपन और दर्द…
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