#भ्रमण
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शिक्षा मंत्री डा. रावत ने किया सैनिक स्कूल घोड़ाखाल का भ्रमण, छात्र-छात्राओं से हुये रु-ब-रू, साथ में किया सहभोज
शिक्षा मंत्री डा. रावत ने किया सैनिक स्कूल घोड़ाखाल का भ्रमण शैक्षिक गतिविधियों के साथ ही उपलब्ध संसाधनों का किया अवलोकन छात्र-छात्राओं से हुये रु-ब-रू, साथ में किया सहभोज देहरादून, 07 नवम्बर 2024: सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नैनीताल में सैनिक स्कूल घोड़ाखाल का दौरा कर वहां की शैक्षिक व्यवस्था, सैन्य प्रशिक्षण एवं उपलब्ध सुविधाओं का बारीकी से अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्कूल…
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#सत_भक्ति_सन्देशगरीब#कोटिक तीरथ ब्रत करी#कोटि गज करी दान। कोटि अश्व बिपरौ दिये#मिटै न खैंचातान।।चाहे करोड़ों तीर्थों का भ्रमण करो#करो
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कार्यसम्पादन मूल्याङ्कनमा भरतपुर महानगर फेरीपनि उत्कृष्ट।
कार्यसम्पादन मूल्याङ्कनमा भरतपुर महानगरपालिका उत्कृष्ट पालिका घोषित भएको छ । देशभरिका अन्य छ महानगरपालिकाभन्दा भरतपुर उत्कृष्ट भएको हो । आयोगले गत आर्थिक वर्ष २०७९/०८० मा गरेको कार्यसम्पादन मूल्याङ्कनमा भरतपुर महानगर नै पहिलो भएको थियो । आगामी आव २०८१/८२ मा संघीय सरकारबाट प्रदेश र स्थानीय तहलाई प्रदान गर्ने वित्तीय समानीकरण अनुदानको प्रयोजनका लागि आयोगले १० वटा सूचकका आधारमा प्रदेशहरुको…
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जाएं तो आखिर जाएं कहां~ एक भावपूर्ण कविता
है कौन यहाँ, है कौन वहाँ जाएं तो आखिर जाएं कहाँ।है नीचे भीड़ बहुत भारी पर ऊपर मंजिल खाली है।हैं भीड़ में लोग बहुत सारे कुछ सच्चे हैं कुछ जाली हैं।मंजिल ऊपर तो लगे नरक सी न दाना न पानी है।निचली मंजिल की भांति न उसमें अपनी मनमानी है।है माल बहुत भेजा जाता पर अंधा गहरा कूप वहाँ।न यहाँ के ही न वहाँ के रह गए पता नहीं खो गए कहाँ।है कौन यहाँ, है कौन वहाँ जाएं तो आखिर जाएं कहाँ।नीचे पूरब वाले हैं पर ऊपर…
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वाणी:- तीर्थ व्रत अरू सब पूजा। गुरु बिन दाता और न दूजा।। नौ नाथ चौरासी सिद्धा। गुरु के चरण सेवे गोविन्दा।। सरलार्थ:- चाहे कोई तीर्थ भ्रमण करता है, चाहे व्रत करता है, चाहे स्वयं या नकली गुरुओं से दीक्षा लेकर पूजा भी करता है, वह भक्ति कर्म कोई लाभ नहीं देता। गुरु (जो तत्त्वदर्शी है) जो सत्य साधना देते हैं जिससे इस लोक में तथा परलोक में सर्व सुख प्राप्त होता है। इसलिए कहा है कि गुरु के समान दाता (सुख व मोक्ष दाता) नहीं है। तीर्थ, व्रत तथा नकली गुरुओं द्वारा बताई भक्ति सुखदाई नहीं है। जितने भी महापुरुष या अवतार हुए हैं, उन्होंने गुरु बनाए हैं चाहे वो नाथ हुए हैं, चाहे 84 सिद्ध तथा अवतारधारी गोविन्द (श्री राम तथा श्री कृष्ण) हुए हैं, सबने गुरु धारण करके उनकी चरण सेवा की थी।
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तीर्थ क्या है?
तीर्थ यादगारें हैं कि यहाँ पर कोई घटना घटीथी ताकि उनका प्रमाण बना रहे। लेकिनपवित्र गीता में तीथों पर जाना कहीं नहींलिखा है। इसलिए तीर्थ भ्रमण गलत है।शास्त्र विधे त्यागकर मनमाना आचरण हैजो गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसारव्यर्थ है।
अधिक जानकारी के लिए Sant RampalJi Maharaj App पर पढिए "हिन्दूसाहेबान नहीं समझे गीता, वेद , पुराण'ई-बुक
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#GodNightTuesday
"गुरु चरणामृत का महात्मय’ (परमेश्वर कबीर जी की वाणी से)
कोटिक तीर्थ सब कर आवै। गुरु चरणाफल तुरंत ही पावै।। चरनामृत कदाचित पवैि। चौरासी कटै लोक सिधवैि।। यदि करोडों तीथीं का भ्रमण करके आऐं, वैसा फल गुरुजी के चरणों में तुरंत ही मिल जाता है। कभी भी गुरुजी के चरणों का जल (चरणामृत) प्राप्त हो जाए तो उस साधक का 84 लाख योनियों का जन्म लेने वाला कष्ट समाप्त हो जाता है।
For Information 📲(santrampalji Maharaj) YouTube channel Satlok Ashram l
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#सत_भक्ति_संदेश़
धन्य हैं मेरे कबीर सतगुरू जी जिन्होंने मुझे तत्वज्ञान का उपदेश किया, जिससे बार-बार जन्म मरण 84 लाख प्रकार के प्राणियों के शरीरों में भ्रमण करने का चक्कर मेट अर्थात् समाप्त कर दिया। वह सतगुरू तेजपुंज अर्थात् तेज तत्व का शरीर धारण करके हल्के प्रकाश युक्त शरीर धारण करके इस विधि (तरीके) से हमको मिलता है।।
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शैक्षिक भ्रमण में छात्र छात्राओं ने ली औद्यानिक व कृषिकरण की जानकारी
शैक्षिक भ्रमण में छात्र छात्राओं ने ली औद्यानिक व कृषिकरण की जानकारी गजा, डीपी उनियाल: विकास खंड चम्बा के राजकीय इंटर कालेज केशरधार नैचोली ने समग्र शिक्षा के अन्तर्गत एक दिवसीय शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया।शैक्षिक भ्रमण मे कालेज के कक्षा 9 से 12 तक के अध्ययनरत 48 छात्र/छात्राओं ने प्रतिभाग किया। विज्ञान प्रभारी श्रीमती श्वैता रौतेला के नेतृत्व में छात्रों एवं शिक्षकों ने बीर चंद सिंह गढवाली…
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#सत_भक्ति_सन्देश
गरीब, कोटिक तीरथ ब्रत करी,कोटि गज करी दान।
कोटि अश्व बिपरौ दिये,मिटै न खैंचातान।
चाहे करोड़ों तीर्थों का भ्रमण करो,करोड़ों व्रत रखो,करोड़ों हाथी दान करो, चाहे करोड़ों घोड़े ब्राह्मणों को दान करो।जन्म-मरण तथा कर्म के दण्ड से होने वाली खेंचातान समाप्त नहीं हो सकती
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#GodMorningSunday
तीर्थ क्या है? क्या तीर्थ पर भ्रमण करना सही है या फिर गलत है? क्या गीता में इसका कोई प्रमाण है?
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार यह सब व्यर्थ है अधिक जानकारी के लिए अवश्य पड़े पवित्र पुस्तक हिंदू साहिबान नहीं समझे ��ीता वेद पुराण।
#noidagbnup16
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गरीब, मेलै ठेलै जाईयो, मेले बड़ा मिलाप।
'पत्थर पानी पूजते, कोई साधु संत मिल जात।। >
भावार्थ:- संत गरीबदास जी ने कहा है कि तीर्थों पर जो भक्तों के मेले लगते हैं। वहाँ जाते रहना। हो सकता है कभी कोई संत मिल जाए और कल्याण हो जाए। जैसे धर्मदास जी तीर्थ भ्रमण पर मथुरा-वृदांवन गया था। वहाँ स्वयं परमेश्वर कबीर जी ही जिन्दा संत के रूप में मिले और धर्मदास जी का जन्म ही सुधर गया, कल्याण को प्राप्त हुआ।
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भरतपुर भ्रमण वर्ष सफल बनाउन नेपाल पर्यटन बोर्ड र भरतपुर महानगरपालिकाबीच सम्झौता
नेपाल पर्यटन बोर्ड र भरतपुर महानगरपालिकाबीच भरतपुर भ्रमण वर्ष २०२४ अभियान सञ्चालनको लागि सहकार्य गर्ने सम्झौता भएको छ । बुधबार भरतपुर महानगरपालिका सभाहलमा भरतपुर भ्रमण वर्ष २०२४ लाई प्रर्वद्धन गर्न दुई पक्षबीच सम्झौता भएको हो । भरतपुर भ्रमण वर्ष २०२४ को अभियान सञ्चालनमा लाग्ने कुल खर्च ३ करोड ७० लाखमध्ये बोर्डले ७० लाख रुपैयाँ ब्यहोर्ने छ । सो रकम पर्यटन तथा मानव वन्यजन्तु द्धन्द्ध व्यवस्थापन…
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#तीर्थ_से_पुण्य_है_या_पाप
तीर्थ क्या है?
तीर्थ यादगारें हैं कि यहाँ पर कोई घटना घटी थी ताकि उनका प्रमाण बना रहे। लेकिन पवित्र गीता में तीर्थों पर जाना कहीं नहीं लिखा है इसलिए तीर्थ भ्रमण गलत है शास्त्र विधि त्यागकर मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार व्यर्थ है
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App पर पढ़िए "हिन्दू साहेबान नहीं समझे गीता, वेद, पुराण" ई-बुक
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#तीर्थ_से_पुण्य_है_या_पाप
तीर्थ क्या है?
तीर्थ यादगारें हैं कि यहाँ पर कोई घटना घटी थी ताकि उनका प्रमाण बना रहे। लेकिन पवित्र गीता में तीर्थों पर जाना कहीं नहीं लिखा है। इसलिए तीर्थ भ्रमण गलत है। शास्त्र विधि त्यागकर मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार व्यर्थ है।
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