#भीतर
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verywitchvoid · 16 days ago
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indianfasttrack · 17 days ago
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महाराष्ट्र में 23 दिनों के भीतर 11 बाघों की मौत
महाराष्ट्र में पिछले 23 दिनों के भीतर 11 बाघों की मौत हो गई है। इससे वन विभाग ने चिंता व्यक्त करते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। (11 tigers died in Maharashtra within 23 days) न्यूज़ डेस्कमुंबई- महाराष्ट्र में पिछले 23 दिनों में 11 बाघों की मौत हो चुकी है, जो चिंता का विषय बन गया है। वन विभाग के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक 5 बाघों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है। जबकि 3 की दुर्घटनाओं में और 3…
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sanjaydass9 · 3 months ago
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subhashdagar123 · 3 months ago
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sudhanshujimaharaj · 4 months ago
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जैसे बांसुरीवादक बांसुरी से संगीत निकालता है, वैसे ही आप भी अपने भीतर छिपे संगीत को प्रकट करना सीखें। Just like a flutist produces music from his flute, you should also learn to reveal the music hidden within you. . . .
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parshotamdaas · 6 months ago
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shitaldesi · 10 months ago
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valiantpeachpaper · 1 year ago
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neelu123 · 1 year ago
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cbmehar · 1 year ago
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गरीब, कृष्ण कन्हैया राम हैं, बलि बावन अवतार। हिरणाकुश नरसिंह है, सब माया...
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gautamkumarrajbhar · 1 year ago
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manju84 · 1 year ago
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#SantRampalJiEternalKnowledge
मनुष्य जिन देवताओं की खोज में मंदिर मंदिर और तीर्थ धाम दौड़ता फिरता है वे उसके भीतर बने कमलों में नियत स्थान पर विराजमान हैं। इसका पूरा विवरण शास्त्रों में है जिनकी जानकारी सन्त रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों के माध्यम से देते हैं। संत रामपाल जी महाराज ने कभी नहीं कहा कि इनकी साधना मत करो बल्कि ये बताया कि शास्त्रों में कहे अनुसार साधना करो।
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mrprincelovevanshi · 1 year ago
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thebharatexpress · 2 years ago
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14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन? दो हफ्ते बाद भारत में चरम पर होगा कोरोना, सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को
14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन?  नई दिल्ली: Lockdown may Be Imposed in 14 days? कोरोना संक्रमण का दौर एक बार फिर भारत में लौट रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों से रोजाना हजारों नए मरीजों की पुष्टि हो रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा खस्ता हालत दिल्ली और महाराष्ट्र की है, जहां रोजाना नए संक्रमितों के आंकड़ों का नया रिकॉर्ड बन रहा है। इस बीच लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक…
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sonikasmeer · 8 months ago
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एक शादी शुदा स्त्री , जब किसी पुरूष से मिलती है ... उसे जाने अनजाने में अपना दोस्त बनाती है .... तो वो जानती है की न तो वो उसकी हो सकती है .... और न ही वो उसका हो सकता है .... वो उसे पा भी नही सकती और खोना भी नही चाहती .. फिर भी वह इस रिश्ते को वो अपने मन की चुनी डोर से बांध लेती है .... तो क्या वो इस समाज के नियमो को नही मानती ? क्या वो अपने सीमा की दहलीज को नही जानती ? जी नहीं .... !! वो समाज के नियमो को भी मानती है .... और अपने सीमा की दहलीज को भी जानती है ... मगर कुछ पल के लिए वो अपनी जिम्मेदारी भूल जाना चाहती है ... !! कुछ खट्टा ... कुछ मीठा .... आपस मे बांटना चाहती है .. जो शायद कही और किसी के पास नही बांटा जा सकता है .वो उस शख्स से कुछ एहसास बांटना चाहती है ... जो उसके मन के भीतर ही रह गए है कई सालों से ... थोडा हँसना चाहती है . खिलखिलाना चाहती हैं ... वो चाहती है की कोई उसे भी समझे बिन कहे ... सारा दिन सबकी फिक्र करने वाली स्त्री चाहती है की कोई उसकी भी फिक्र करे ... वो बस अपने मन की बात कहना चाहती है ... जो रिश्तो और जिम्मेदारी की डोर से आजाद हो ... कुछ पल बिताना चाहती है ... जिसमे न दूध उबलने की फिक्र हो , न राशन का जिक्र हो .... न EMI की कोई तारीख हो .... आज क्या बनाना है , ना इसकी कोई तैयारी हो .... बस कुछ ऐसे ही मन की दो बातें करना चाहती है .... कभी उल्टी सीधी , बिना सर पैर की बाते ... तो कभी छोटी सी हंसी और कुछ पल की खुशी ... बस इतना ही तो चाहती है .... आज शायद हर कोई इस रिश्ते से मुक्त एक दोस्त ढूंढता है .. .. जो जिम्मेदारी से मुक्त हो ... ,
एक सुहागन औरत की रणभूमि उसके सुहाग का बिस्तर होता है,
जहा वो हर जीत को भूल बस अपने यद्ध कला का भरपूर प्रदर्शन करती,🔥🔥🔥🔥
अपने यौवन के तीर को कामुकता भरे अंदाज में प्रहार करती है,🔥🔥🔥
अपने वस्त्रों को त्याग कर रणभूमि में निडर हो कर अपने कामवासनाओं के शास्त्रो के साथ रणभुमि में अपने यौवन 🥵का भार पुर जौहर दिखती है,💋
अपने तन के शास्त्रो को एक एक कर ऐसे प्रहार करती है कि रणभुमि भी उसके वीरता की गवाही देने पर मजबूर हो जाती है,
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