#भारतमेंबाघोंकीसंख्या
Explore tagged Tumblr posts
chaitanyabharatnews · 3 years ago
Text
अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस 2021 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
Tumblr media
कब हुई इस दिन की शुरुआत 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
Tumblr media
  भारत में 3000 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3000 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमा�� एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका व��न करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैंं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 3 years ago
Text
अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस 2021 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
Tumblr media
कब हुई इस दिन की शुरुआत 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
Tumblr media
  भारत में 3000 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3000 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शाम��ल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैंं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 4 years ago
Text
अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस 2020 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
Tumblr media
कब हुई इस दिन की शुरुआत 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
Tumblr media
  भारत में 3000 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3000 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैंं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस 2019 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं।
Tumblr media
कब हुई इस दिन की शुरुआत 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
Tumblr media
भारत में 3800 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3891 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं।साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैं��� सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2019 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं।
Tumblr media
कब से शुरू हुई 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
Tumblr media
भारत में 3800 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3891 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
0 notes