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chaitanyabharatnews · 3 years ago
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अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस 2021 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
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चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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कब हुई इस दिन की शुरुआत 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
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  भारत में 3000 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3000 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं ��क्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका व��न करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैंं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 3 years ago
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अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस 2021 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
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चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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कब हुई इस दिन की शुरुआत 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
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  भारत में 3000 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3000 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शाम��ल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैंं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस 2020 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
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चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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कब हुई इस दिन की शुरुआत 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
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  भारत में 3000 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3000 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैंं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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देश मे बाघों की संख्या बढ़कर हुई करीब 3 हजार, पीएम मोदी ने जारी की रिपोर्ट
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चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 के मुकाबले देश में 741 बाघों की संख्या बढ़ी है। 2006 में भारत में 1411 बाघ थे, 2010 में 1706, 2014 में 2226 बाघ थे और 2018 में 2967 बाघ देश में मौजूद हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, 3,000 बाघों की संख्या के ��ाथ भारत इनके लिए विश्व के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक है। पीएम मोदी ने बताया कि, 'नौ साल पहले यानी 2010 में रूस के सेंट पीट्सबर्ग में अंतरराष्ट्रीाय बिरादरी के समक्ष 2022 तक बाघों की संख्यों को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। हमने चार साल पहले ही बाघों के बचाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया है।' पीएम ने कहा कि 'जो कहानी ‘एक था टाइगर’ से शुरू होकर ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंची है, वह यहीं खत्म नहीं होनी चाहिए।' वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, 'कुछ साल पहले देश भर में कुल 1400 बाघ ही बचे थे लेकिन अब बाघों की संख्या बढ़कर 2,967 हो गई है। यह बेहद खुशी की बात है।' उन्होंने बताया कि, 'बाघों की संख्या के संबंध में 3 लाख 80 हजा�� वर्ग किमी का सर्वे हुआ। 26 हजार कैमरा ट्रैप्स लगे थे। 3.5 लाख फोटो आए और उसमें 76 हजार टाइगर के फोटो आए। इस काम में पीएम मोदी ने हमारा मार्गदर्शन किया। जिसके चलते पिछले 5 साल में वन क्षेत्र बढ़ा है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, '15 हजार वर्ग किमी से ज्यादा फारेस्ट कवर बढ़ा है। सारे जीवन प्राणी हमारे जीवन का हिस्सा हैं। आज पूरी दुनिया सलाम करेगी कि बाघों के विकास का इतना बड़ा काम भारत ने किया है।' बता दें बाघों की गणना का ब्योरा हर 4 साल में जारी किया जाता है। पिछली गणना साल 2014 में की गई थी। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस 2019 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
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चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं।
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कब हुई इस दिन की शुरुआत 'अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतरराष्‍ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
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भारत में 3800 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3891 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात���रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं।साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2019 : भारत में हैं सबसे ज्यादा बाघ, जानिए बाघों की इन 6 प्रजातियों के बारे में
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चैतन्य भारत न्यूज 29 जुलाई को 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' है। विश्व में बाघों की तेजी से घटती हुई आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर यह दिन मनाया जाता है। इस दिन बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है और कई सारे जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं।
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कब से शुरू हुई 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। बाघों के सरंक्षण के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में हर साल ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।
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भारत में 3800 से ज्यादा बाघ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3891 बाघ भारत में मौजूद थे। दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां- बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं। बंगाल बाघ बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साइबेरिया बाघ सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं। मलायन बाघ मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं। इंडोचाइनीज बाघ इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं। साउथ चाइना बाघ नर साउथ चाइना बाघ की लंबाई 230 से 260 सेंटीमीटर होती है और इनका वजन करीब 130 से 180 किलोग्राम होता है। वहीं मादा साउथ चाइना बाघ की बात करें तो इनकी लंबाई 220 से 240 सेंटीमीटर और वजन लगभग 100 से 110 किलोग्राम होता है। यह दक्षिणी चाइना में पाए जाते हैं। सुमत्रन बाघ ये बाघ सिर्फ सुमात्रा आइसलैंड में होते हैं। 1998 में इसे एक विशिष्ट उप-प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। सुमत्रन बाघ प्रजाति भी भारत की लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल है। Read the full article
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