#भारत यात्रा प्रतिबंध बदलाव
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prabudhajanata · 2 years ago
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Singapore भारत के यात्रियों को आश्वस्त करता है, लोकप्रिय हॉलिडे डेस्टिनेशन पर आगंतुकों का स्वागत करता है
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tezlivenews · 3 years ago
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खाड़ी देशों से जा रहे भारत तो जान लें ये जरूरी यात्रा नियम, आई नई गाइडलाइन
खाड़ी देशों से जा रहे भारत तो जान लें ये जरूरी यात्रा नियम, आई नई गाइडलाइन
हाइलाइट्स सऊदी अरब, यूएई, ओमान आदि खाड़ी देशों से भारत जा रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है भारत सरकार ने विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए अपने दिशा- निर्देशों को बदल दिया है भारत सरकार ने यह बदलाव ऐसे समय पर किया है, कोरोना महामारी के मामले घट रहे हैं दुबईसऊदी अरब, यूएई, ओमान आदि खाड़ी देशों से भारत जा रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है। भारत सरकार ने विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए अपने दिशा-…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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भारत में फजीहत के बाद ऑस्‍ट्रेलिया ने पलटा यात्रा प्रतिबंध का फैसला, शुरू करेगा उड़ान Divya Sandesh
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भारत में फजीहत के बाद ऑस्‍ट्रेलिया ने पलटा यात्रा प्रतिबंध का फैसला, शुरू करेगा उड़ान
मेलबर्न भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बाद यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले ऑस्‍ट्रेलिया ने अब अपना फैसला पलट दिया है। ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित भारत से स्वदेश लौटने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों पर 15 मई तक लगा यात्रा प्रतिबंध आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। यही नहीं उन्हें स्वदेश लाने वाले विमान जल्द ही उड़ान भरेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इतिहास में पहली बार हाल ही में स्वदेश लौटने से पहले भारत में 14 दिन तक का वक्त बिताने वाले अपने नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर सरकार ने पांच साल कैद या 50,899 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। इस मामले पर सरकार के आदेश की अवधि 15 मई को समाप्त हो जाएगी।
ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने संघीय अदालत में प्रतिबंध को चुनौती दी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद मॉरिसन ने इस पर सहमति जताई कि इस अवधि को और बढ़ाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह फैसला लिया गया कि 15 मई तक का सुरक्षा आदेश काफी प्र��ावी साबित हुआ और इसकी अवधि पूरी होने तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।’ मॉरिसन की टिप्पणियां तब आई है जब एक दिन पहले 73 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने सिडनी की संघीय अदालत में प्रतिबंध को चुनौती दी। यह व्यक्ति पिछले साल मार्च से बेंगलुरु में फंसा हुआ है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम भारत से लोगों को लाने के लिए पहला विमान भेजने की तैयारी कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक तीन विमान भेजे जाएंगे जिससे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक वापस आ सके। उन्होंने कहा, ‘विमान पर सवार होने वाले हर शख्स की रैपिड एंटीजन जांच की जाएगी। हमारे सामने भारत से आने वाले लोगों के साथ संक्रमण के भी आने का खतरा था।’
व्यक्ति को कोविड-19 से संक्रमित न पाए जाने की रिपोर्ट देनी होगी मॉरिसन ने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि भारत में फंसे 9,000 ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों में से कितने कोविड-19 से संक्रमित हुए लेकिन स्वदेश लौटने के लिए विमान में सवार होने से पहले किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 से संक्रमित न पाए जाने की रिपोर्ट देनी होगी। उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम रैपिड एंटीजन जांच करेंगे क्योंकि हम पर यह तय करने की जिम्मेदारी है कि लोगों को वापस लाने के साथ-साथ देश में संक्रमण फैलने का खतरा भी न्यूनतम हो।’
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kisansatta · 4 years ago
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कोरोना की वजह से भारत में विदेश नागरिकों के प्रवेश पर लगाई गई रोक
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कोरोना महामारी का हवाला देते हुए चीन ने वैध वीजा धारकों और रेजिडेंशियल परमिट वाले भारतीयों समेत विदेशी नागरिकों का भी भारत से प्रवेश अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। चीनी दूतावास ने गुरुवार को बताया कि यह रोक अस्थायी है क्योंकि चीन को महामारी से निपटने के लिए इस तरह के कदम उठाने होंगे।
चीनी दूतावास ने कहा, कोविड-19 महामारी की वजह से घोषणा की जाती है कि चीन ने वैध वीजा या स्थायी निवास परमिट रखने वाले विदेशी नागरिकों का देश में भारत से प्रवेश अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। दूतावास की वेबसाइट पर पोस्ट में स्पष्ट किया गया है कि जिन विदेशियों के पास डिप्लोमेट, सेवा और सी श्��ेणी का वीजा है, वे प्रभावित ��हीं होंगे। दूतावास ने कहा कि प्रलंबन अस्थायी कदम है जो मौजूदा कोरोना महामारी से निपटने के लिए चीन ने अपनाया है।
भारत सहित कुछ अन्य देशों के यात्रियों पर चीन द्वारा प्रतिबंध के बावजूद भारत सरकार जरूरी मकसद से चीन जाने और चीन से आने वाले भारतीयों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने का प्रयास कर रही है। सूत्रों ने कहा आवश्यक यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार चीनी पक्ष के संपर्क में है। सूत्रों ने कहा, चीनी दूतावास द्वारा की गई घोषणा से संकेत मिलता है कि ये उपाय एक अल्पकालिक कार्रवाई है और इसमे समय पर बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।
सूत्रों ने कहा, चीन का फैसला केवल मौजूदा वीजा को अल्पकालिक रूप से निलंबित करने के लिए है। जैसा कि नोटिस इंगित करता है, भविष्य के वीजा अनुप्रयोगों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। तीन नवंबर के बाद जारी वीजा चीन की यात्रा के लिए वैध है। सूत्रों ने कहा, चीन द्वारा उठाये गए कदम केवल भारत के लिए नहीं है। कई अन्य देशों के संबंध में इसी तरह के उपायों की घोषणा की गई है। सूत्रों के मुताबिक भारत को लगता है कि मौजूदा फैसला सर्दियों की वजह से कोविड 19 मामलों में संभावित वृद्धि को लेकर चीनी चिंताओं को दर्शाता है।
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कोरोना नेगेटिव होने पर नहीं रहना पड़ेगा यात्रियों को 7 दिन क्वारंटाइन
चीन द्वारा भारत के लिए कई उड़ानों की योजना रद्द होने के बाद बीजिंग ने अस्थायी रूप से विदेशी नागरिकों द्वारा भारत में प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया। इस फैसले से 2,000 भारतीय पेशेवरों की योजनाओं को झटका लगा है जो चीन के शहरों में काम करने की योजना बना रहे थे।
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shaileshg · 4 years ago
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अब यह स्पष्ट है कि भारत-चीन के बीच केवल विवादित सीमा पर ही नहीं, बल्कि हर तरह के संबंध एक ‘न्यू नॉर्मल’ में प्रवेश कर गए हैं। यह पूरी तरह माना जा सकता है कि सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी को चीन के साथ भी संबंधों को दोबारा से जांचने की कोशिश करनी चाहिए थी, जैसा उन्होंने पाकिस्तान के साथ किया। क्योंकि सितंबर 2014 में उन्होंने शी जिनपिंग का अहमदाबाद में शानदार स्वागत किया था।
यह ठीक था, लेकिन इसी यात्रा के दौरान हमें चुमार में एलएसी पर दिक्कत हुई थी और मई 2015 तक चीजें बदल गई थी। वह चीन की तुलना में पाकिस्तान के साथ संबंधों की दिशा को बदलकर विरोधात्मक करने के लिए कहीं अधिक जिम्मेदार हैं। यह अकथनीय है।
न तो पाकिस्तान के ही व्यवहार में कोई बदलाव था और न ही चीन के, जिसकी वजह से मई 2015 में चीन की अपनी पहली सरकारी यात्रा के दौरान मोदी को चीन को लुभाने की जरूरत पड़ी, जबकि इसके एक महीने पहले ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी इस्लामाबाद यात्रा के दौरान चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर की घोषणा की थी। यह कॉरिडोर पाक���स्तान अधिकृत भारतीय हिस्से से गुजरना था।
इसके अलावा भी चीन ने उकसाने वाले कई कार्य किए थे। इसमें आतंकियों पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध, कश्मीर मसला, नाभिकीय आपूर्ति समूह (एनएसजी) की सदस्यता का मुद्दा शामिल है। भारत ने पाक की तुलना में चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सकारात्मक ट्रैक पर बनाए रखने के लिए अधिक समय तक कोशिश की।
भारत ने डोकलाम विवाद के समय 2017 के मध्य में चीन के साथ संबंधों को अधिक वास्तविक ट्रैक पर लाने का एक और मौका खो दिया था। इसकी बजाय भारत ने निरर्थक ‘अनौपचारिक बैठकें’ करने का फैसला किया। इसमें दो साल बेकार हुए, जिन्हें संबंधों में आज की स्थिति की तैयारियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था। चीन ने इस समय का इस्तेमाल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी ताजा कार्रवाई और बाकी दक्षिण एशिया में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किया।
हो सकता है कि भारत को उम्मीद रही हो कि चीन पाकिस्तान को ठीक से रहने के लिए कह सकता है। हालांकि, ये तर्क चीन के राजनीतिक सिस्टम व उसके उद्देश्य की मूल समझ की कमी को दर्शाते हैं। इसे वैचारिक तौर पर चीन की कम्य��निस्ट पार्टी संचालित करती है, जो किसी भी अन्य राजनीतिक सिस्टम को अपने अस्तित्व व वैधता के लिए एक गंभीर खतरा मानती है। दूसरे शब्दों में चीन किसी भी तरह से शी के नेतृत्व में अन्य देशों के साथ समानता या सकारात्मक समीकरणों को स्वीकार नहीं करेगा।
ऐसा नहीं है कि सरकार के भीतर इसकी परख करने वाले नहीं थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ इसलिए कदम नहीं उठाया या इसे नजरअंदाज किया, क्योंकि इस पर कार्रवाई के लिए परिचित दुश्मन पाकिस्तान से अलग सोच और नीतिनिर्माण में एक ढांचागत बदलाव की जरूरत थी। इसके अलावा इस धारणा से भी हटना था कि दक्षिण एशिया में भारत का प्रभाव है और भारत निरंतर विकास करता रहेगा।
आसान यह था कि दिखावा करते रहें कि भारत चीन को भरोसा दिला देगा कि उसका इरादा अच्छा है और वह अच्छे संबंधों के प्रति गंभीर है। चीन के विचार में भारत उसके साथ अच्छे संबंधों को लेकर गंभीर नहीं था, क्योंकि वह अमेरिका के साथ संबंधों को बढ़ा रहा था और चीन उसे दुश्मन नंबर एक मानता है। अब भारत के पास क्या विकल्प हैं?
सबसे पहले भारत को पाकिस्तान सहित अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को सुधारना व मजबूत करना चाहिए, चाहे यह कितना ही कठिन क्यों न हो। खराब अर्थव्यवस्था के साथ भारत दो मोर्चों पर नहीं लड़ सकता। अब यह तो हर भारतीय को स्पष्ट है कि चीन ही भारत का लंबी अवधि का चैलेंजर है और हम पाकिस्तान के साथ दुश्मनी का मोर्चा खोलकर ध्यान नहीं भटका सकते।
दूसरे, चीनी एप पर प्रतिबंध और चीनी निवेश पर नियंत्रण महत्वपूर्ण उपाय है, लेकिन भारत को इस प्रक्रिया में अपने हितों को भी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। हमें उन क्षेत्रों में चीनी पूंजी का इस्तेमाल करते रहना चाहिए जहां पर सुरक्षा चिंता न्यूनतम या न के बराबर हो। चीनी अर्थव्यवस्था से पूरी तरह अलग होना भी अव्यावहारिक होगा और यह दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत की सौदेबाजी की ताकत को ही कम करेगा।
आखिर में हम एलएसी पर आते हैं, जबकि यह पूरी तरह से सच है कि द्विपक्षीय संबंध सीमा विवाद से भी आगे हैं, यह भी स्पष्ट है कि यहां पर स्थिति सिर्फ कूटनीतिक बातचीत से हल नहीं हो सकती। अगर समस्या एलएसी पर है तो बातचीत सिर्फ दोनों पक्षों के सैन्य नेतृत्व तक ही सीमित रहनी चाहिए, जबकि कूटनीतिक और राजनेताओं को दक्षिण एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों में साझेदारी विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए।
हर हाल में, चाहे हम पसंद करे या नहीं, अब सभी राजनीति उद्देश्यों और ऐतिहासिक कल्पनाओं के लिए एलएसी खुद है। अभी एक आर-पार का संघर्ष शायद ही हो, लेकिन अब यह नई सामान्य बात है कि दुरूह चोटियों पर पूरे साल सैनिक बैठे रहेंगे, नियमित आपसी संघर्ष के साथ ही मौसम और दुश्मन दोनों से जनहानि होती रहेगी। (���े लेखक के अपने विचार हैं)
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Soldiers will remain on tough peaks for a whole year, this new normal
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khabaruttarakhandki · 4 years ago
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जो बाइडेन बने अमेरिका के राष्ट्रपति तो H-1B वीज़ा को लेकर आ सकती है अच्छी खबर
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दिसंबर, 2020 तक H1-B वीज़ा को निलंबित किया गया है. (फाइल फोटो)
खास बातें
जो बाइडेन ने की बड़ी घोषणा
राष्ट्रपति बने तो H1-B वीज़ा का निलंबन रद्द कर देंगे
ट्रंप ने दिसंबर, 2020 तक किया है निलंबित
वॉशिंगटन:
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा है कि अगर वह नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं, तो वह भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय एच-1बी वीज़ा पर लागू अस्थायी निलंबन को खत्म कर देंगे. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 23 जून को ��ारतीय आईटी पेशेवरों को एक बड़ा झटका देते हुए एच-1बी वीज़ा और अन्य विदेशी कार्य वीज़ा को 2020 के अंत तक निलंबित कर दिया था. चुनावी साल में अमेरिकी कामगारों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया गया.
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बाइडेन ने NBC न्यूज द्वारा एशियाई अमेरिकी और प्रशांत द्वीप समूह के लोगों (एएपीआई) के मुद्दों पर आयोजित एक डिजिटल टाउन हॉल बैठक में एच-1बी वीज़ा धारकों के योगदान की प्रशंसा की. बाइडेन ने कहा, ‘उन्होंने (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप) इस साल के बाकी समय में एच-1बी वीज़ाको समाप्त कर दिया. ऐसा मेरे प्रशासन में नहीं होगा.’ उन्होंने टाउनहाल में एक सवाल के जवाब में यह बात कही. बाइडेन ने कहा, ‘कंपनी वीजा पर आए लोगों ने इस देश का निर्माण किया है.’
ए-1बी वीज़ा एक गैर-आप्रवासी वीज़ा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की इजाजत देता है, जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की जररूत होती है. इस वीज़ा के जरिए प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल दसियों हजार कर्मचारियों की भर्ती करती हैं.
उन्होंने कहा, ‘पहले दिन (कार्यकाल के) मैं 1.1 करोड़ दस्तावेजरहित अप्रवासियों की नागरिकता की राह आसान करने के लिए कांग्रेस में विधायी आव्रजन सुधार विधेयक (legislative immigration reform bill) भेजने जा रहा हूं. इन लोगों ने इस देश के लिए बहुत अधिक योगदान किया है, जिसमें एएपीआई समुदाय के 17 लाख लोग शामिल हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी इमिग्रेशन पॉलिसी परिवारों को एक साथ रखने के लिए बनाई गई है. हमारी आव्रजन प्रणाली के आधार स्तंभों के रूप में परिवार, एकीकरण और विविधता हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर इमिग्रेशन व्यवस्था में आज के वक्त के हिसाब से बदलाव किए गए हैं.’
उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप की इमिग्रेशन पॉलिसी क्रूर और अमानवीय हैं. बाइडेन ने कहा कि वह सपने देखने वालों की सुरक्षा के लिए तुरंत एक्शन लेंगे, जिसमें पूर्व और दक्षिण एशिया के एक लाख से अधिक योग्य लोग शामिल हैं. पूर्व उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह मुस्लिम यात्रा प्रतिबंध को रद्द कर देंगे और अमेरिका के मूल्यों और ऐतिहासिक नेतृत्व के अनुरूप शरणार्थी प्रवेश को तुरंत बहाल करेंगे.
Video: 31 दिसंबर 2020 तक H1-B वीज़ा पर पाबंदी जारी
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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कोरोना वायरस को लेकर खुशखबरी, भारत में कम्युनिटी में अभी नहीं फैल रहा संक्रमण, 826 नमूने आए निगेटिव
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत से एक अच्छी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना वायरस दूसरे फेज में है और इसके तीसरे फेज में न पहुंचने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी यह दावा किया है कि, भारत में कोरोना वायरस समाज (Community) में नहीं फैल रहा है। यानी यदि किसी एक व्यक्ति में कोरोना के पॉजिटिव लक्षण पाए गए तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसके कारण पूरे इलाके में ही इसका असर फैल जाएगा। 826 samples tested, none of them are positive so far: Indian Council of Medical Research (ICMR) to ANI on random samples tested so far to rule out community transmission of COVID-19 pic.twitter.com/sUpWjdc9I4 — ANI (@ANI) March 19, 2020 (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); 1000 सैंपल लिए गए भारत में लगातार आ रहे कोरोना वायरस के कंफर्म मामलों के ब���च ये खबर राहत देने वाली हो सकती है। ICMR के मुताबिक, देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 1000 सैंपल लिए गए थे। यह फेस-2 में समुदाय आधारित टेस्टिंग है। जिन लोगों के सैंपल लिए गए, वे ऐसे लोग हैं जो न तो विदेश यात्रा पाए गए और न ही किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए थे जो विदेश गया हो। ज्यादातर लोगों की रिपोर्ट नेगटिव यदि इन नमूनों में से ज्यादातर पॉजिटिव पाए जाते तो देश में कोरोना के तीसरे चरण में पहुंचने की संभावना बढ़ जाती। लेकिन 826 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। रिपोर्ट को देखकर लग रहा है कि कोरोना वायरस आम लोगों के बीच नहीं फैल रहा है। भारत में फिलहाल कोरोना वायरस ने विकराल रूप नहीं लिया है। इस वायरस की चपेट में अभी तक वही लोग आए हैं जो विदेश से लौटे हैं या फिर संक्रमित व्यक्ति के संपंर्क में आए हैं।दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत से एक अच्छी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना वायरस दूसरे फेज में है और इसके तीसरे फेज में न पहुंचने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी यह दावा किया है कि, भारत में कोरोना वायरस समाज (Community) में नहीं फैल रहा है। यानी यदि किसी एक व्यक्ति में कोरोना के पॉजिटिव लक्षण पाए गए तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसके कारण पूरे इलाके में ही इसका असर फैल जाएगा। देशभर से इस तरह लिए गए नमूने अचनाक चलते-फिरते लोगों के हैं 1000 नमूने। देश की 52 टेस्टिंग लैब से मंगाए गए थे ये नमूने। हर लैब से करीब 20 नमूने लिए गए। नमूनों को जांच के लिए अलग-अलग लैबों में भेजा गया। ये वो 1000 लोग हैं जिनका कोई भी विदेश यात्रा का इतिहास नहीं। आईसीएमआर अब हर हफ्ते इसी तरह सैंपल उठाएगा और जांच करेगा। इन्हीं नतीजों के आधार पर केंद्र सरकार देश में कोरोना वायरस के सैंपल जांच की रणनीति में बदलाव करती रहेगी। भारत में कोरोना की स्थिति देश में कोरोना वायरस के अब तक कुल 177 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। पिछले दो दिनों में पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ी है। बुधवार को देशभर से करीब दो दर्जन केस सामने आए तो अब गुरुवार को भी कई मामले सामने आ चुके हैं। अब तक भारत में कोरोना वायरस की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात गंभीर होते देख मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी परीक्षाएं स्थगित करने के आदेश दिए हैं। वहीं कई राज्यों की सरकार ने पहले ही स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश दे दिए थे। ये भी पढ़े... शरीर में धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं कोरोना वायरस के लक्षण, आप भी हो जाइए सतर्क देश की इन जगहों पर कोरोना वायरस का कहर, मॉल्स, सिनेमाहॉल समेत इन पर लगा प्रतिबंध भारतीय सेना में कोरोना वायरस की दस्तक, एक जवान का टेस्ट निकला पॉजिटिव Read the full article
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aapnugujarat1 · 5 years ago
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रूस से हमें क्या खरीदना है क्या नहीं, कोई देश न बताए : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका की ओर से प्रतिबंध के खतरे के बावजूद रूस से मिसाइल हथियार प्रणाली खरीदने के भारत के अधिकार का बचाव किया है। जयशंकर ने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान कहा कि भारत अमेरिकी चिंताओं पर बात कर रहा है लेकिन उन्होंने रूस से एस-400 खरीदने के संबंध में किसी भी अंतिम निर्णय के ��ारे में पहले से बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, हमने हमेशा कहा है कि हम जो भी खरीदते हैं- सैन्य उपकरणों को जहां से लेते हैं- वह हमारा सम्प्रभु अधिकार है। हम नहीं चाहते कि कोई देश हमें बताए कि रूस से हमें क्या खरीदना है और क्या नहीं और न ही हम चाहते हैं कि कोई देश हमें यह बताए कि अमेरिका से क्या खरीदना है और क्या नहीं। जयशंकर ने कहा, इस चयन का अधिकार हमारा है और मुझे लगता है कि इस बात को समझना हरेक के हित में है। भारत ने 5.2 अरब डॉलर की पांच एस-400 प्रणालियां खरीदने पर पिछले साल सहमति जताई थी और रूस ने कहा है कि इन्हें मुहैया कराने का काम चल रहा है। रूस की यूक्रेन एवं सीरिया में सैन्य संलिप्तता और अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों के कारण अमेरिका ने 2017 कानून के तहत उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया है जो रूस से बड़े हथियार खरीदते हैं। जयशंकर ने अमेरिका के साथ कुल मिलाकर अच्छे संबंधों को सराहा लेकिन ईरान के संबंध में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नजरिए को लेकर भारत के मतभेद को रेखांकित किया। अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए सभी देशों को उससे तेल खरीदने से रोकने के लिए उन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। ट्रम्प प्रशासन ने भारत समेत ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को मिली छूट समाप्त कर दी थी। जयशंकर ने ईरान पर बातचीत को लेकर आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि भारत के लिए हमें बार-बार भरोसा दिलाया गया है कि ऊर्जा के प्रति किफायती पहुंच में कोई बदलाव नहीं होगा। भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है ताकि पाकिस्तान से न जाकर, अफगानिस्तान की ओर से आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। Read the full article
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Current Affairs 2018 January-May GK Questions
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Current Affairs 2018 January-May GK Questions for HSSC/SSC/CTET/HTET/REET/NET Exams
Current Affairs 2018 January-May GK Questions for HSSC/SSC/CTET/HTET/REET/NET Exams. Get Current Affairs 2018 January-May GK Questions for HSSC/CTET/REET/HTET/SSC exams. Click here to get Current Affairs 2018 January-May GK Questions for HSSC/SSC/CTET/HTET/REET/NET Exams from here.   बीसीसीआई ने डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण युसूफ पठान को जितने महीने के लिए निलंबित किया है- 5 महीने     हाल ही में अमेरिका ने जिस देश को एंटी-बैलिस्टिक मिसाइलें बेचे जाने की मंजूरी प्रदान की है- जापान     जिस देश ने अप्रैल 2018 में दुनिया के पहले 'बेबी ओलंपिक्स' आयोजित करने की योजना का घोषणा किया है जिसमें दो से चार साल तक के बच्चे हिस्सा ले सकेंगे- बहरीन     केंद्र सरकार ने जिस वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक को 10 जनवरी 2018 को भारतीय अंतरिक्ष अनु��ंधान संगठन (इसरो) का अध्यक्ष नियुक्त किया हैं- के. सिवन     केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग हेतु भारत और जिस देश के बीच सहमति ज्ञापन को मंजूरी दी- कनाडा     जिस देश ने 63 साल पुराने कानून में बदलाव करते हुए पहली बार महिलाओं के शराब खरीदने, शराब बनाने या बेचने वाले प्रतिष्ठानों में काम करने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है- श्रीलंका     अमेरिका ने जापान को जितने इंटरसेप्टर (अवरोधक) मिसाइलों और उपकरणों की ब्रिकी को प्राथमिक मंज़ूरी दे दी है- चार     सत्यम घोटाले में ऑडिट फर्म प्राइसवॉटरहाउस पर जितने साल का प्रतिबंध लगा- 2 साल     हिमाचल प्रदेश की आंचल ठाकुर ने तुर्की में हुई एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग प्रतियोगिता में जो पदक जीता- कांस्य पदक     जिस संस्था ने भारत की वृद्धि दर वर्ष 2018 में 7.3 और अगले दो साल के दौरान 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है- विश्व बैंक  हाल ही में प्रसिद्द संगीतकार एआर रहमान को जिस राज्य का ब्रांड एम्बेस्डर नियुक्त किया गया- सिक्किम     जिस राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राज्य के आधिकारिक प्रतीक चिह्न का अनावरण किया है- बंगाल   वह देश जो पुरुषों और महिलाओं हेतु समान वेतन वैध बनाने वाला पहला देश बना है- आइसलैंड   हाल ही में जिस राज्य की सरकार ने बस, मेट्रो में यात्रा करने के लिए कॉमन कार्ड शुरू किया है- दिल्ली   भारत के इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक शैव आचार्य के बारे में मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है – आदि शंकराचार्य   इस प्रकार के तिरंगे पर सरकार ने उपयोग किये जाने हेतु प्रतिबंध लगा दिया – प्लास्टिक से बना तिरंगा   भारत की नौसैन्य शक्ति प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीमारमण हाल ही में इस युद्धपोत पर सवार हुईं - आईएनएस कोलकाता   वह देश जिसने हाल ही में कॉटन बड्स पर रोक लगाई – इंग्लैंड   इन्हें हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के महाप्रबंधक के रूप में नियुक्त किया गया है – सबा करीम   वह देश जहां स्पेशल इफ़ेक्ट वाला पहला ट्रांसपैरेंट वॉकवे ग्लास ब्रिज आरंभ किया गया – चीन   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस शहर में प्रवासी भारतीय केंद्र में प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन का शुभारंभ किया- नई दिल्ली   केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जिस शहर में भारत का सबसे ��ेज और सुपर कंप्यूटर देश को समर्पित किया है- पुणे   अमरीका के जितने गुरुद्वारों में भारतीय अधिकारियों के घुसने पर रोक लगा दी गयी है- 96   बीसीसीआई ने डोप टेस्ट में फेल हुए यूसुफ पठान पर जितने महीनों का प्रतिबंध लगा दिया है- पांच   उत्तर कोरिया और जिस देश के बीच 09 जनवरी 2018 को दो से अधिक सालों के बाद पहली बार औपचारिक बातचीत हुई- दक्षिण कोरिया   हाल ही में जिस अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिक एवं अंतरिक्ष यात्री जॉन यंग का निधन हो गया है- नासा   केंद्र सरकार ने नियंत्रण रेखा के पास जितने हजार बंकरों के निर्माण को मंजूरी दी है- 14000   भारतीय दवा महानियंत्रक ने खराब गुणवत्ता का हवाला देते हुए जितने प्रमुख चीनी दवा कंपनियों से दवा निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है- 6   75वें गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों में जिसे सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्राप्त हुआ- निकोल किडमैन   भारतीय मूल के जिस अभिनेता को गोल्डन ग्लोब पुरस्कारों में म्यूजिकल/कॉमेडी टीवी सीरीज़ का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चयनित किया गया- अज़ीज़ अंसारी   भारत ने जिस देश के किये समझौते के तहत मुस्लिम महिलाओं को पहली बार पुरुष साथी के बिना हज यात्रा के लिए भेजने का निर्णय किया- सऊदी अरब   जिस देश में आयोजित किये जाने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के मद्देनजर दक्षिण कोरिया तथा उत्तर कोरिया के मध्य वार्ता आयोजित की गयी- दक्षिण कोरिया   हाल ही में जिस राज्य में 18वां अखिल भारतीय व्हिप सम्मेलन आयोजित किया गया- राजस्थान   वर्ष 2018 के प्रवासी संसदीय सम्मेलन में जितने देशों के 124 सांसद भाग ले रहे हैं- 23     स्कूलों की सुरक्षा को लेकर इस सरकारी संस्था द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये हैं – एनसीपीसीआर   वह देश जिसने अपने प्राथमिक स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है – ईरान   जिस राज्य के हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया की महिलायें टेरीटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) में काम करने के लिए पात्र हैं- दिल्ली   ट्रंप प्रशासन ने जिस देश की सीमा पर दीवार बनाने हेतु 18 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रस्ताव रखा है- मेक्सिको   केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया के तहत जिस देश की कंपनी कंगनाम के साथ 32,640 करोड़ रुपये का माइन काउंटर-मेज़र वेसल्स (एमसीएमवी) रक्षा सौदा रद्द कर दिया है- दक्षिण कोरिया   जिस देश के बल्लेबाज़ ऐलिस्टर कुक ऐशेज़ ने सचिन तेंदुलकर को पछाड़कर टेस्ट क्रिकेट में 12,000 रन बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए- इंग्लैंड   वह अंतरराष्ट्रीय गठबंधन जिसके साथ भारतीय मैत्री के 25 वर्ष पूरे हुए – आसियान   इसरो द्वारा बनाए गये अब तक के सबसे वजनी सेटेलाईट का नाम है – जीसैट-11   खेलों से सम्बंधित इस योजना का लोगो हाल ही में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने लॉन्च किया – खेलो इंडिया   वह राज्य जिसमें बिना अनुमति के लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया – उत्तर प्रदेश     पुस्तक ‘आखिरी कलाम’ के रचियता जिनका हाल ही में निधन हो गया – दूधनाथ सिंह   रेल यातायात की प्रवाह और अधिकत्तम माल ढुलाई संचालन योजना में मदद के लिए भारतीय रेल द्वारा लॉन्च किया गया मोबाइल एप्प – स्फूर्ति   गैलप इंटरनेशनल द्वारा विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता शीर्षक हेतु कराये गये सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्राप्त हुआ स्थान – तीसरा   वह सरकारी योजना जिसके तहत 500 सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार पाया गया - प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना   हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारत की इतनी टकसालों में सिक्कों की छपाई रोक दी गयी है – सभी चारों   प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला राष्ट्रीय युवा दिवस इनके स्मरण में मनाया जाता है – स्वामी विवेकानंद   हाल ही में इन्हें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है – मनीषा नंदा   इन्हें हाल ही में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया - हेनरिटा एच. फोर   वह भारतीय कंपनी जिसने बिटकॉइन की तर्ज पर क्रिप्टोकरंसी लॉन्च किये जाने की घोषणा की – रिलायंस जियो   भारत से निर्भरता समाप्त करते हुए नेपाल ने इस देश से इन्टरनेट कनेक्शन लेने के लिए योजना पर काम करना शुरु कर दिया है – चीन Join Whats App Group
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abhay121996-blog · 4 years ago
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भारत में फजीहत के बाद ऑस्‍ट्रेलिया ने पलटा यात्रा प्रतिबंध का फैसला, शुरू करेगा उड़ान Divya Sandesh
#Divyasandesh
भारत में फजीहत के बाद ऑस्‍ट्रेलिया ने पलटा यात्रा प्रतिबंध का फैसला, शुरू करेगा उड़ान
मेलबर्न भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बाद यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले ऑस्‍ट्रेलिया ने अब अपना फैसला पलट दिया है। ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित भारत से स्वदेश लौटने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों पर 15 मई तक लगा यात्रा प्रतिबंध आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। यही नहीं उन्हें स्वदेश लाने वाले विमान जल्द ही उड़ान भरेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इतिहास में पहली बार हाल ही में स्वदेश लौटने से पहले भारत में 14 दिन तक का वक्त बिताने वाले अपने नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर ���रकार ने पांच साल कैद या 50,899 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। इस मामले पर सरकार के आदेश की अवधि 15 मई को समाप्त हो जाएगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद मॉरिसन ने इस पर सहमति जताई कि इस अवधि को और बढ़ाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह फैसला लिया गया कि 15 मई तक का सुरक्षा आदेश काफी प्रभावी साबित हुआ और इसकी अवधि पूरी होने तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।’ मॉरिसन की टिप्पणियां तब आई है जब एक दिन पहले 73 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने सिडनी की संघीय अदालत में प्रतिबंध को चुनौती दी। यह व्यक्ति पिछले साल मार्च से बेंगलुरु में फंसा हुआ है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम भारत से लोगों को लाने के लिए पहला विमान भेजने की तैयारी कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक तीन विमान भेजे जाएंगे जिससे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक वापस आ सके। उन्होंने कहा, ‘विमान पर सवार होने वाले हर शख्स की रैपिड एंटीजन जांच की जाएगी। हमारे सामने भारत से आने वाले लोगों के साथ संक्रमण के भी आने का खतरा था।’
मॉरिसन ने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि भारत में फंसे 9,000 ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों में से कितने कोविड-19 से संक्रमित हुए लेकिन स्वदेश लौटने के लिए विमान में सवार होने से पहले किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 से संक्रमित न पाए जाने की रिपोर्ट देनी होगी। उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम रैपिड एंटीजन जांच करेंगे क्योंकि हम पर यह तय करने की जिम्मेदारी है कि लोगों को वापस लाने के साथ-साथ देश में संक्रमण फैलने का खतरा भी न्यूनतम हो।’
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jayveer18330 · 7 years ago
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उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का असर क्यो नहीं होता ?
उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का असर क्यों नहीं होता?
उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों के चलते 2006 से ही संयुक्त राष्ट्र उस पर प्रतिबंधों की बौछार कर रहा है. पिछले साल ही तीन बार अलग अलग तरह के प्रतिबंध लगाये गये लेकिन उत्तर कोरियाई नेता इनसे बेअसर हैं.
सितंबर में जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के खिलाफ सबसे कड़े प्रतिबंधों का प्रस्ताव पास किया तो यूएन में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने शपथ ली कि परमाणु कार्यक्रम बंद कराने के लिए वहां की "सत्ता को भूखे" रहने पर मजबूर कर देंगे. हालांकि इसके कुछ ही हफ्ते बाद किम जोंग उन ने जापान की तरफ एक मिसाइल का परीक्षण किया जिसकी ऊंचाई पिछली बार से थोड़ी और ज्यादा थी.
इस मुद्दे ने दुनिया के नेताओं को कई महीनों से परेशान कर रखा है और इसी पर विचार करने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन बीजिंग में गुरुवार को पहले सम्मेलन में मिले.
2006 में उत्तर कोरिया के पहले परमाणु परीक्षण ने संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया पर लग्जरी सामानों और मिसाइल तकनीकों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया. बीते 11 सालों में कांच के अयस्क से लेकर सीफूड, कोयला, लौह अयस्क तक और इसके अलावा 63 कारोबारी और 53 कंपनियां प्रतिबंधित हो चुकी हैं. हालांकि इन प्रतिबंधों की बाढ़ आने के बावजूद मिसाइल परीक्षणों में तेजी आई है और यह नियमित रूप से होने लगे हैं.
उत्तर कोरिया के शासक: कितनी हकीकत कितना फसाना
युवा नेता
किम इल सुंग ने 1948 में सोवियत संघ की मदद से सत्ता हासिल की थी. उत्तर कोरिया में आधिकारिक कैलेंडर 1912 में उनके जन्म के साथ शुरू होता है. 1953 की इस तस्वीर में किम इल सुंग उस समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं जिसके चलते कोरिया युद्ध थमा. उस समय वह 43 साल के थे.
उत्तर कोरिया के शासक: कितनी हकीकत कितना फसाना
प्रोपेगेंडा
युद्ध के बाद के वर्षों में उत्तर कोरिया की प्रोपेगेंडा मशीनरी ने कड़ी मेहनत से किम इल सुंग के इर्द गिर्द मिथक रचे. उनके बचपन और 1930 में जापानी सैनिकों से लड़ने के दौरान उनके समय को महिमामंडित किया गया. 1980 की पार्टी कांग्रेस में उन्होंने अपने बेटे किम जोंग इल को उत्तराधिकारी घोषित किया.
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अधूरे संस्मरण
1992 में किम इल सुंग ने अपनी यादों को लिखना और प्रकाशित करना शुरू किया. उनका दावा था कि वह छह वर्ष की आय�� में जापान विरोधी युद्ध में शामिल हुए और 8 साल की उम्र में उन्होंने आजादी के संघर्ष में हिस्सा लिया. 1994 में किम इल सुंग की मौत के बाद उनके ये संस्मरण अधूरे रह गये.
उत्तर कोरिया के शासक: कितनी हकीकत कितना फसाना
पिता के पदचिन्हों पर
शासन व्यवस्था में बरसों तक उच्च पदों पर रहने के बाद किम जोंग इल ने अपने पिता किम इल सुंग की मौत के बाद देश की सत्ता संभाली. 16 वर्ष के उनके शासन में उत्तर कोरिया सूखे और आर्थिक संकटों का सामना करता रहा. हालांकि उनका और उनके पिता का महिमामंडन इस दौरान और ज्यादा हुआ.
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उभरता सितारा
उत्तर कोरिया से बाहर से इतिहासकारों का कहना है कि बहुत संभव है कि 1941 में किम जोंग इल का जन्म उत्तरी रूस में एक सैन्य शिविर में हुआ. हालांकि उनकी आधिकारिक जीवनी कहती है कि उनका जन्म अपने पिता के जन्म से ठीक 30 साल बाद 15 अप्रैल 1942 को कोरिया के पवित्र पर्वत पाएकतु पर हुआ. उत्तर कोरिया में कहा जाता है कि एक नये सितारे और दोहरे इंद्रधनुष ने उनके जन्म पर आशीष दिया था.
उत्तर कोरिया के शासक: कितनी हकीकत कितना फसाना
परिवार
किम जोंग इल के तीन अलग अलग महिलाओं से तीन बेटे और दो बेटियां थीं. 1981 में ली गयी इस तस्वीर में किम जोंग इल अपने बेटे किम जोंग नाम के साथ हैं. उनके पीछे उनकी एक रिश्तेदार अपनी दो बच्चों के साथ देखी जा सकती हैं. किम जोंग नाम को 2017 में कत्ल कर दिया गया था.
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उत्तराधिकारी की तैयारी
2009 में पश्चिमी मीडिया ने खबर दी कि किम जोंग इल ने अपने सबसे छोटे बेटे किम जोंग उन को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. 2010 में ली गयी इस तस्वीर में एक सैन्य परेड के दौरान पिता-पुत्र को एक साथ देखा जा सकता है. इसके एक साल बाद किम जोंग इल का निधन हो गया था.
उत्तर कोरिया के शासक: कितनी हकीकत कितना फसाना
साथ साथ
उत्तर कोरियाई मीडिया के अनुसार 2011 में किम जोंग इल की मौत के समय कई रहस्यमयी घटनाएं घटीं. उसके मुताबिक अचानक आये बर्फीले तूफान के बीच पाएकतू पर्वत पर झील में बड़ी तेजी से बर्फ टूटी थी और चट्टान पर एक संदेश भी उभरा था. किम की मौत के बाद प्योंगयांग में उनकी 22 मीटर ऊंची प्रतिमा उनके पिता की प्रतिमा के साथ लगायी गयी.
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रहस्यमयी अतीत
सत्ता संभालने से पहले किम जोंग उन ज्यादातर सुर्खियों से दूर ही रहते थे. उनकी सही उम्र कितनी है, उस पर विवाद है. लेकिन माना जाता है कि उनका जन्म 1982 से 1984 के बीच हुआ. बताया जाता है कि उनकी पढ़ाई स्विट्जरलैंड में हुई. 2013 में अमेरिकी बास्केटबॉल स्टार डेनिस रोडमैन से प्योंगयांग में मुलाकात कर उन्होंने दुनिया के चौंका दिया था.
उत्तर कोरिया के शासक: कितनी हकीकत कितना फसाना
नया फरिश्ता
उत्तर कोरिया का मीडिया किम इल सुंग और किम जोंग इल की तरह किम जोंग उन की तारीफ में कसीदे पढ़ते नहीं थकता. 2015 में दक्षिण कोरिया के मीडिया ने खबर दी कि उत्तर कोरिया में जारी एक दस्तावे�� के मुताबिक किम जोंग उन ने 3 साल की उम्र में ड्राइविंग शुरू कर दी थी. यही नहीं, माउंट पाएकतु पर युवा नेता के लिए एक स्मारक भी बनाया जायेगा.
उत्तर कोरिया के शासक: कितनी हकीकत कितना फसाना
हाइड्रोजन बम
किम जोंग उन ने युवा अवस्था में ही सत्ता संभाल ली और अपने पिता और दादा की तरह उन्हें उतना अनुभव भी नहीं था, लेकिन फिर भी वह सत्ता पर पकड़ बनाने में कामयाब रहे. उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को वह लगातार आगे बढ़ा रहे हैं, जिसने दुनिया की नाक में दम कर रखा है.
◀1 / 11▶
बीते कुछ हफ्तों में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इन प्रतिबंधों से उत्तर कोरिया की सरकार की बजाय वहां की जनता को भूखे रहना पड़ सकता है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट दिखाती है कि उत्तर कोरिया के लोग लंबे समय से खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया के 1.80 करोड़ लोग यानी तकरीबन 70 फीसदी आबादी सरकारी कोटे से मिलने वाले अनाज पर निर्भर है. 1991 में संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के पहले से ही यूएन उत्तर कोरिया को सहायता दे रहा है. 2017 में संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार ईकाई ने इस देश में सबसे अधिक जोखिम से जूझ रहे लोगों की सहायता के लिए 11.4 करोड़ डॉलर की मांग की है.
मानवाधिकार विशेषज्ञ टोमास ओजेया क्विंटाना का कहना है कि प्रतिबंधों ने भले ही किमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और व्हीलचेयर के आयात पर रोक लगा दी है और इस वजह से वास्तव में आम लोगों को सजा भुगतनी पड़े ऐसा नहीं होना चाहिए. 
प्रतिबंधों के कारण ना सिर्फ विकास, नौकरियों और वेतन पर असर पड़ा है बल्कि यहां काम करने वाली सहायता एजेंसियों की दिक्कतें भी बढ़ी है. राहत एजेंसियों को प्रतिबंधों से छूट के लिए लंबी राजनयिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. जर्मनी के राजनीतिक दल सीडीयू से जुड़े कोनराड आडेनावर फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया पर एक तरफ से प्रतिबंध लगाना और दूसरी तरफ से मानवीय सहायता देना "विरोधाभासी" है. रिपोर्ट के मुताबिक सहायता प्रतिबंधों को और प्रतिबंध सहायता को कमजोर करते हैं.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रतिबंधों का मकसद देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर वहां विघटनकारी गतिविधियों को रोकना तो है ही लेकिन इसके साथ "सत्ता को मिल रहे घरेलू समर्थन को भी कमजोर करना है." मुश्किल यह है कि उत्तर कोरिया में कोई लोकतांत्रिक प्रक्रिया ही नहीं तो सरकार को जनता की नाखुशी की चिंता ही नहीं.
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
चीन
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
रूस
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
ब्रिटेन
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
जर्मनी
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
भारत
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
पाकिस्तान
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
��रान
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
इंडोनेशिया
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
क्यूबा
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
ब्राजील
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
स्वीडन
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
पोलैंड
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
चेक रिपब्लिक
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
रोमानिया
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
बुल्गारिया
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
नाइजीरिया
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
मिस्र
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
सीरिया
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
मलेशिया
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
थाईलैंड
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
वियतनाम
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
लाओस
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
कंबोडिया
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
मंगोलिया
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
वो देश जिनके यहां उत्तर कोरिया में दूतावास हैं
इन देशों से हैं उत्तर कोरिया के रिश्ते
इन देशों में है उत्तर कोरिया के दूतावास.
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सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध कमेटी के मुताबिक आखिरी दौर के कुछ प्रतिबंध तो अभी पूरी तरह से लागू ही नहीं किये गये. इसका मतलब है कि इनका असर होना अभी बाकी है. इसके अलावा कुछ देशों पर गुपचुप तरीके से उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने के भी आरोप हैं. हाल ही में उत्तर कोरिया के परीक्षण के बाद निकी हेली ने राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से चीन से कहा कि वह उत्तर कोरिया को तेल की सप्लाई रोके.
संयुक्त राष्ट्र पहले उत्तर कोरिया को तेल की सप्लाई पूरी तरह से रोकने और संपत्तियां जब्त करने के साथ ही यात्रा प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहा था लेकिन अब इस पर सहमति बढ़ रही है प्रतिबंधों के रास्ते इससे ज्यादा कुछ हासिल नहीं होना है. अब अमेरिका और दूसरे देशों को कोरिया से अपनी उम्मीदों में बदलाव करना होगा.
जेफरी फेल्टमैन
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी जेफरी फेल्टमैन ने हाल ही में उत्तर कोरिया का दौरा किया. 2010 के बाद पहली बार कोई इस स्तर का अधिकारी प्योंगयांग गया. उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री के साथ हुई उनकी बातचीत संयुक्त राष्ट्र से ज्यादा अमेरिका पर केंद्रित थी. अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस हफ्ते संकेत दिया है कि अमेरिका कुछ नरम उपायों के लिए तैयार हो सकता है. रेक्स टिलरसन का कहना है कि अमेरिका किम सरकार के साथ बिना पूर्वशर्त के बातचीत करने को तैयार था.
दबाव काम आ रहा है लेकिन उतनी जल्दी से नहीं. सुरक्षा परिषद के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी डीपीए से कहा कि अगर अगले साल कुछ प्रगति हुई तो वो उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बातचीत से ही संभव होगी. इस अधिकारी ने कहा, "या तो वहां जंग होगी या फिर हमें परमाणु ताकत वाले उत्तर कोरिया को स्वीकार करना होगा."
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rocketnews · 7 years ago
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हवाई यात्रा के दौरान बदतमीज़ी करने पर अब ये सजा मिलेगी !
दुनिया में पहली बार भारत में ऐसे नियम जारी किये गए हवाई यात्रा पर लग सकता है दो साल का प्रतिबन्ध नई नज़र डेस्क  नागरिक उड्यन मंत्रालय ने आज हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों के द्वारा अभद्र और परेशानी पैदा करने वाले व्यवहार पर नियंत्रण के लिये नियम जारी किये। मीडिया से बातचीत में नागिरक विमानन मंत्री श्री पी. अशोक गजपति राजू ने कहा कि नये नियमों की मदद से ऐसे अभद्र यात्रियों की एक राष्ट्रव्यापी सूची तैयार की जा सकेगी। उन्होंने कहा भारत द्वारा उड़ान भरने से प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची तैयार करना दुनिया में इस तरह का पहला कदम है। सुरक्षा सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुये श्री राजू ने कहा कि इस सूची का विचार केव�� सुरक्षा खतरे पर नहीं बल्कि यात्रियों, विमान कर्मियों और विमान की सुरक्षा की चिंता पर आधारित है। ��ीजीसीए ने इसके लिये नागर विमानन आवश्यकता ( अभद्र यात्रियों से निपटना: सीएआर सेक्शन 3, सीरीज -एम, खण्ड VI) के प्रासंगिक नियमों में बदलाव किया है ताकि हवाई यात्रा के दौरान अभद्रता करने वाले यात्रियों से निपटा जा सके। यह संशोधन 1963 के टोक्यो समझौते के प्रावधानों के अनुसार है। संशोधित नियम हवाई यात्रा के दौरान अभद्र यात्रियों से निपटने से संबंधित हैं। हवाई अड्डों पर यात्रियों के अभद्र व्यवहार से निपटना प्रचलित दण्ड कानूनों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी रहेगा। संशोधित नियम सभी भारतीय एयरलाइनों पर लागू होगा जिसमें सूचित एवं अनुसूचित एवं ढुलाई सेवायें शामिल हैं, यह भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों दोनों के मामलों में लागू होगा। 1963 के टोक्यो समझौते के अनुसार यह नियम विदेशी एयरलाइन्स पर भी लागू होगा। इस मौके पर नागर विमानन राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा ने कहा कि नये नियम सभी संबंधित पक्षों से व्यापक बातचीत के बाद तैयार किये गये हैं। इनका उद्देश्य हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों, विमान चालक दल और एयरलाइन के हितों की सुरक्षा करना है। नये नियमों में अभद्र व्यवहार के तीन स्तर परिभाषित किये गये हैं, पहले स्तर में मौखिक अभद्रता शामिल है जिसमें 3 महीने तक के प्रतिबंध का प्रावधान है; दूसरे स्तर में शारीरिक रूप से भी अभद्रता शामिल है जिसके लिये 6 महीने का प्रतिबंध हो सकता है, तीसरे स्तर में जीवन को जोखिम में डालने वाली अभद्रता है जिसके लिये कम से कम प्रतिबंध 2 वर्ष का है। अभद्रता की शिकायत पायलट-इन-कमाण्ड के द्वारा दर्ज करायी जायेगी जिसकी जांच विमान कंपनी द्वारा गठित एक आंतरिक समिति द्वारा की जायेगी। इस समिति के अध्यक्ष एक सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश होंगे और इसमें विमान कंपनियों, यात्री संगठनो, उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि और जिला उपभोक्ता परिषद के सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल होंगे। नियमों के मुताबिक समिति को 30 दिनों में फैसला लेना होगा और यात्री पर प्रतिबंध की अवधि तय करनी होगी। जांच पर फैसला आने की पहले की अवधि के दौरान संबंधित एयरलाइन उस यात्री के उड़ान भरने पर रोक लगा सकेगी। और अभद्रता की पुनरावृत्ति पर दण्ड की अवधि पहले से दुगुनी होगी। एयलाइन्स को यह सूची साझा करनी होगी और यह डीजीसीए की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी। लेकिन दूसरी विमान कंपनियां इसको मानने के लिये बाध्य नहीं होंगी। इस सूची में दो तरह के यात्री होंगे, पहला जिन्हें अवधि विशेष के लिये प्रतिबंधित किया गया है और दूसरा जिन्हें गृहमंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा माना गया है। दूसरी सूची वेबसाइट पर जारी नहीं की जायेगी। संशोधित नियमों में प्रतिबंध के खिलाफ अपील का भी प्रावधान है। पीड़ित व्यक्ति (जिसमें गृहमंत्रालय से प्रतिबंधित व्यक्ति शामिल नहीं हैं), प्रतिबंध के 60 दिनों के अ��दर नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अपीलीय अधिकरण के सामने अपील दाखिल क�� सकेंगे, इस समिति में उपभोक्ता समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
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abhay121996-blog · 4 years ago
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मुंबई शिफ्ट होगा आईपीएल, डबल हेडर बढ़ेंगे और शेड्यूल में होगा बड़ा बदलाव! Divya Sandesh
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मुंबई शिफ्ट होगा आईपीएल, डबल हेडर बढ़ेंगे और शेड्यूल में होगा बड़ा बदलाव!
नई दिल्ली इंडियन प्रीमियर लीग 2021 के मैच फिलहाल दिल्ली और अहमदाबाद में खेले जा रहे हैं। इन दोनों शहरों में कोविड-19 के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ��ईपीएल को मुंबई में शिफ्ट करने का विचार कर रही है। इसी सप्ताहंत ऐसा किया जा सकता है।
अगर ऐसा होता है तो आईपीएल के शेड्यूल में काफी बदलाव करना पड़ सकता है। इसका अर्थ है कि कई डबल हेडर बढ़ सकते हैं। इसके साथ ही आईपीएल का फाइनल जो मई के आखिर में होना है वह भी जून के पहले सप्ताह तक जा सकता है।
कैसे तैयार होगा बायो-बबल ईएसपीएन क्रिकइंफो की खबर के मुताबिक बीसीसीआई के लिए आईपीएल को मुंबई ले जाते समय बायो-बबल तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती है। इसमें आठों टीमों के लिए होटल तलाशने और स्टेडियम्स को तैयार करना शामिल है। अच्छी बात यह है कि जहां तक मैच फिटनेस की बात है मुंबई में मौजूद तीनों स्टेडियम- वानखेड़े, डीवाई पाटील और ब्राबोन – को अप्रैल में आईपीएल के पहले चरण के लिए इस्तेमाल किया गया था।
एक ओर जहां वानखेड़े में जहां मैच खेले गए थे, वहीं मुंबई क्रिकेट असोसिएशन के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लैक्स और बाकी दो अन्य मैदानों को ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया गया था।
तैयारियों में जुटा आईपीएल खबर है कि बीसीसीआई ने मुंबई में कई होटलों को फोन करके यह जानकारी जुटाई है कि क्या वे टीमों के लिए बायो-बबल तैयार करने के दिशा-निर्देशों का पालन करने में सक्षम हैं।
ओरिजनल प्लान पर लौटी बीसीसीआई इसका अर्थ है कि बीसीसीआई अपने पुराने दो वैन्यू के प्लान पर लौट जाएगी। इसमें मुंबई को मुख्य आयोजन स्थल बनाया जाएगा। 7 मार्च को जारी किए गए आईपीएल शेड्यूल में छह मैदान- अहमदाबाद, बैंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई शामिल थे। चेन्नई और मुंबई में पहले चरण के मुकाबले हुए और अब दूसरे चरण के मैच अहमदाबाद और दिल्ली में खेले जा रहे हैं।
यात्रा को लेकर संशय कायम आईपीएल के अगले चरण के मुकाबले बेंगलुरु और कोलकाता में अगले सप्ताह से होने तय हैं। हालांकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने भारत को बुरी तरह प्रभावित किया है। यहां तक कि आईपीएल के बायो-बबल में भी केस सामनेआ रहे हैं। ऐसे में फ्रैंचाइजी, प्लेयर्स और यहां तक कि बीसीसीआई में कुछ अधिकारी भी यात्रा के दौरान होने वाले खतरों को लेकर आशंकित हैं।
मुंबई में बेहतर हो रहे हैं हालात जब आईपीएल की शुरुआत हुई तब मुंबई की स्थिति बहुत खराब थी। लेकिन अब वहां हालात बेहतर नजर आ रहे हैं। मुंबई में सोमवार को 2662 मामले सामने आए जो 17 मार्च के बाद सबसे कम हैं। 4 अप्रैल को वहां 11163 केस आए थे जो महामारी के दौरान सबसे ज्यादा थे।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर असर अगर आईपीएल का फाइनल 30 मई से आगे जाता है, तो इसका असर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर भी पड़ सकता है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच साउथैम्पटन में 18 से 22 जून के बीच यह फाइनल मुकाबला खेला जाना है। यूके ने हाल ही में भारत से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की मेजबान आईसीसी फिलहला ब्रिटिश सरकार से आईपीएल में खेल रहे दोनों टीमों के खिलाड़ियों के लिए क्वॉरनटीन नियमों में राहत के लिए बात कर रही है।
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abhay121996-blog · 4 years ago
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S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर भारत पर प्रतिबंध लगाएगा अमेरिका? जानें बाइडन प्रशासन का रूख Divya Sandesh
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S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर भारत पर प्रतिबंध लगाएगा अमेरिका? जानें बाइडन प्रशासन का रूख
वॉशिंगटन/नई दिल्ली रूस से को खरीदने पर अमेरिका कई बार भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे चुका है। अमेरिका में निजाम बदलने बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि क्या जो बाइडन भी भारत रूस डिफेंस डील को लेकर अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की राह पर चलेंगे? इस बीच भारत के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे अमेरिका के नए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अपने बयान से बहुत कुछ साफ कर दिया है। उन्होंने साफ लहजे में कहा है कि एस-400 मिसाइल सिस्टम को खरीदने संबंधी भारत की योजना को लेकर उसके खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों की संभावना पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने इशारों में भारत से क्या कहा? अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि एस-400 मिसाइल सिस्टम की कोई आपूर्ति नहीं हुई है और इसलिए प्रतिबंधों का मुद्दा चर्चा का विषय नहीं था। हमारे साथ ऐसे देश हैं जिनके साथ हम समय-समय पर काम करते हैं जिनके पास रूसी उपकरण हैं। निश्चित रूप से हम अपने सभी सहयोगियों और साझेदारों से रूसी उपकरणों से दूर रहने और किसी भी तरह के अधिग्रहण से बचने का आग्रह करते हैं जिससे हमारी ओर कोई प्रतिबंध लग सकता है। रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाए हैं।
अमेरिका के शक्तिशाली सीनेटर ने लिखी थी चिट्ठी ऑस्टिन की भारत यात्रा से पहले विदेश मामलों पर सीनेट की शक्तिशाली कमेटी के अध्यक्ष एवं सीनेटर रॉबर्ट मेंनेंडेज ने पत्र लिख कर उनसे भारतीय नेताओं के समक्ष एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद का मुद्दा भी उठाने का अनुरोध किया था। भारत इसे रूस से खरीद रहा है और इसके लिए अक्टूबर, 2018 में रूस के साथ पांच अरब डॉलर का एक सौदा किया था। माना जा रहा है कि यह हथियार इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में भारत को डिलिवर किया जा सकता है।
क्या है S-400 डिफेंस सिस्टम यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है। S-400 को रूस का सबसे अडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। इस मिसाइल सिस्टम को अल्माज-आंते ने तैयार किया है, जो रूस में 2007 के बाद से ही सेवा में है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है।
रूस ने अप्रैल 2007 में किया था तैनात 400 किलोमीटर तक मार करने वाले इस सिस्टम को रूस ने 28 अप्रैल, 2007 को तैनात किया था। मौजूदा दौर का यह सबसे अडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इजरायल और अमेरिका का मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी मजबूत है, लेकिन उनके पास लॉन्ग रेंज की मिसाइलें हैं। इसकी बजाय रूस के पास कम दूरी में मजबूती से मार करने वाला मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। यह एयरक्राफ्ट्स को मार गिराने में सक्षम है, जिसके जरिए अटैक का भारत पर खतरा रहता है।
एस-400 डिफेंस सिस्टम को और घातक बना रहा रूस रूस ने अपने एस-400 और एस-300 मिसाइल सिस्टम को और घातक बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस सिस्टम में रूस नई तरह की कई मिसाइलों को शामिल करने जा रहा है जो दुश्मन के किसी भी मिसाइल को मार गिराने में सक्षम होंगी। रूस का यह हथियार अपनी कैटेगरी में दुनिया में सबसे बेहतरीन माना जाता है। रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय ने एस- 300 और एस- 400s के स्टॉक को लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता को बढ़ाने और अत्यधिक सटीक शॉर्ट-रेंज डिफेंस प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार की मिसाइलों से लैस करने की योजना को मंजूरी दी है। रूसी सेना के अनुसार, लॉन्च प्लेटफार्मों में इस बदलाव से स्थिति के आधार पर इस्तेमाल की जाने वाली मिसाइलों को तुरंत स्विच करना संभव हो जाएगा।
रूसी सेना के पास इतने एस-400 सिस्टम मौजूद मंत्रालय ने यह भी कहा है कि किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम से अपेक्षा की जाती है कि वे घरेलू एयर डिफेंस की क्षमताओं में मौलिक रूप से वृद्धि करें और किसी भी लक्ष्य को नष्ट करने के लिए एक सुरक्षित प्रणाली का निर्माण करें। बता दें कि रूस की एयर डिफेंस फोर्स एस- 300 की कम से कम 125 बटालियन (कुल 1,500 लांचर) और एस- 400 की 55 बटालियन (552 लांचर) से लैस हैं। योजना के अनुसार, एस -300 की चार बड़ी लॉन्च ट्यूबों में से एक या अधिक को चार छोटे 9M96 और 9M96M मिसाइलों के साथ बदला जाएगा। इन मिसाइलों की रेंज 30 से 120 किमी की होगी। ये मिसाइलें 20 से 35 किमी की ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम होंगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस के एस्ट्राखान क्षेत्र में एयरोस्पेस फोर्सेस के 185वें सेंटर फॉर कॉम्बैट ट्रेनिंग के दौरान इसका सफल ट्रायल भी किया गया है।
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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कोरोना वायरस को लेकर खुशखबरी, भारत में कम्युनिटी में अभी नहीं फैल रहा संक्रमण, 826 नमूने आए निगेटिव
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत से एक अच्छी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना वायरस दूसरे फेज में है और इसके तीसरे फेज में न पहुंचने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी यह दावा किया है कि, भारत में कोरोना वायरस समाज (Community) में नहीं फैल रहा है। यानी यदि किसी एक व्यक्ति में कोरोना के पॉजिटिव लक्षण पाए गए तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसके कारण पूरे इलाके में ही इसका असर फैल जाएगा। 826 samples tested, none of them are positive so far: Indian Council of Medical Research (ICMR) to ANI on random samples tested so far to rule out community transmission of COVID-19 pic.twitter.com/sUpWjdc9I4 — ANI (@ANI) March 19, 2020 (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); 1000 सैंपल लिए गए भारत में लगातार आ रहे कोरोना वायरस के कंफर्म मामलों के बीच ये खबर राहत देने वाली हो सकती है। ICMR के मुताबिक, देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 1000 सैंपल लिए गए थे। यह फेस-2 में समुदाय आधारित टेस्टिंग है। जिन लोगों के सैंपल लिए गए, वे ऐसे लोग हैं जो न तो विदेश यात्रा पाए गए और न ही किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए थे जो विदेश गया हो। ज्यादातर लोगों की रिपोर्ट नेगटिव यदि इन नमूनों में से ज्यादातर पॉजिटिव पाए जाते तो देश में कोरोना के तीसरे चरण में पहुंचने की संभावना बढ़ जाती। लेकिन 826 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। रिपोर्ट को देखकर लग रहा है कि कोरोना वायरस आम लोगों के बीच नहीं फैल रहा है। भारत में फिलहाल कोरोना वायरस ने विकराल रूप नहीं लिया है। इस वायरस की चपेट में अभी तक वही लोग आए हैं जो विदेश से लौटे हैं या फिर संक्रमित व्यक्ति के संपंर्क में आए हैं।दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत से एक अच्छी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना वायरस दूसरे फेज में है और इसके तीसरे फेज में न पहुंचने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी यह दावा किया है कि, भारत में कोरोना वायरस समाज (Community) में नहीं फैल रहा है। यानी यदि किसी एक व्यक्ति में कोरोना के पॉजिटिव लक्षण पाए गए तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसके कारण पूरे इलाके में ही इसका असर फैल जाएगा। देशभर से इस तरह लिए गए नमूने अचनाक चलते-फिरते लोगों के हैं 1000 नमूने। देश की 52 टेस्टिंग लैब से मंगाए गए थे ये नमूने। हर लैब से करीब 20 नमूने लिए गए। नमूनों को जांच के लिए अलग-अलग लैबों में भेजा गया। ये वो 1000 लोग हैं जिनका कोई भी विदेश यात्रा का इतिहास नहीं। आईसीएमआर अब हर हफ्ते इसी तरह सैंपल उठाएगा और जांच करेगा। इन्हीं नतीजों के आधार पर केंद्र सरकार देश में कोरोना वायरस के सैंपल जांच की रणनीति में बदलाव करती रहेगी। भारत में कोरोना की स्थिति देश में कोरोना वायरस के अब तक कुल 175 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। पिछले दो दिनों में पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ी है। बुधवार को देशभर से करीब दो दर्जन केस सामने आए तो अब गुरुवार को भी कई मामले सामने आ चुके हैं। अब तक भारत में कोरोना वायरस की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात गंभीर होते देख मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी परीक्षाएं स्थगित करने के आदेश दिए हैं। वहीं कई राज्यों की सरकार ने पहले ही स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश दे दिए थे। ये भी पढ़े... शरीर में धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं कोरोना वायरस के लक्षण, आप भी हो जाइए सतर्क देश की इन जगहों पर कोरोना वायरस का कहर, मॉल्स, सिनेमाहॉल समेत इन पर लगा प्रतिबंध भारतीय सेना में कोरोना वायरस की दस्तक, एक जवान का टेस्ट निकला पॉजिटिव Read the full article
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