#भारत में कृषि
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भारत में भूमि-उपयोग के विभिन्न प्रकार क्या हैं? News18 के साथ क्लासेस में जानें
। पिछले दो साल से दुनिया घरों में सिमट कर रह गई है। दैनिक गतिविधियाँ जो बाहर कदम रखे बिना प्रबंधित नहीं की जा सकती थीं, एक ही बार में घर के अंदर आ गईं – कार्यालय से किराने की खरीदारी और स्कूलों तक। जैसा कि दुनिया नए सामान्य को स्वीकार करती है, News18 ने स्कूली बच्चों के लिए साप्ताहिक कक्षाएं शुरू कीं, जिसमें दुनिया भर की घटनाओं के उदाहरणों के साथ प्रमुख अध्यायों की व्याख्या की गई है। जबकि हम आपके…
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ऊर्ध्वाधर कृषि: शहरी खेती के लिए एक समाधान
ऊर्ध्वाधर कृषि (Vertical Farming) एक आधुनिक और टिकाऊ कृषि तकनीक है, जो पारंपरिक खेती की तुलना में कम जगह, पानी और संसाधनों में अधिक उत्पादकता प्रदान करती है। यह तकनीक खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में लोकप्रिय हो रही है, जहां खेती के लिए जमीन कम उपलब्ध है। इसमें फसलों को ऊर्ध्व (वर्टिकल) दिशा में, यानी भवनों, टावरों या विशेष रूप से डिजाइन किए गए ढांचे में विभिन्न स्तरों पर उगाया जाता है। मुख्य…
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लखनऊ, 23.12.2024 | भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के महानायक श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी की 122वीं जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में “श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि” कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के ��्वयंसेवकों ने श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “चौधरी चरण सिंह जी ने अपना जीवन भारतीय किसानों के उत्थान और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए समर्पित किया । उनका मानना था कि "भारत का विकास तभी संभव है, जब किसान खुशहाल हों ।" उन्होंने जमींदारी प्रथा समाप्त की, किसान हितैषी नीतियां बनाईं और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अहम योगदान दिया । उनके प्रधानमंत्रित्व काल में लिए गए फैसले भारतीय कृषि के लिए मील का पत्थर साबित हुए । आज, जब कृषि क्षेत्र अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, हमें उनके सिद्धांतों और विचारों से प्रेरणा लेकर किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए । किसान दिवस जो उनकी जयंती पर मनाया जाता है, हमें उनके सपनों का आत्मनिर्भर और खुशहाल भारत बनाने की प्रेरणा देता है । आइए, उनके आदर्शों को अपनाकर किसानों को सशक्त बनाने का संकल्प लें ।“
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Fish Farming
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राहुल गांधी ने संसद में सरकार को घेरा जानिए उनके मुख्य तर्क
भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक, राहुल गांधी, ने हाल ही में संसद में सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। उनके तर्क और विचार न केवल विपक्षी दलों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी चर्चा का विषय बन गए हैं। इस लेख में हम ��ाहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दों और उनके तर्कों का विश्लेषण करेंगे।
राहुल गांधी के मुख्य तर्क
आर्थिक नीतियों पर सवाल राहुल गांधी ने सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है, लेकिन सरकार इन मुद्दों को नज़रअंदाज कर रही है। उन्होंने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और उनके प्रभाव पर भी सवाल उठाए।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा राहुल गांधी का कहना है कि वर्तमान सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। उन्होंने मीडिया की स्वतंत्रता, न्यायपालिका और चुनावी प्रक्रिया पर भी चिंता व्यक्त की।
कृषि और ग्रामीण विकास राहुल गांधी ने किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के कारण किसान संकट में हैं, और सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।
विदेश नीति पर आलोचना राहुल गांधी ने भारत की विदेश नीति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध कमजोर हो रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
द ऑब्जर्वर पोस्ट का दृष्टिकोण
द ऑब्जर्वर पोस्ट ने इस पूरे मामले को विस्तार से कवर किया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के तर्क जनता के विचारों को दर्शाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संसद में उनकी बातें सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं।
सारांश
राहुल गांधी ने संसद में सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कई गंभीर मुद्दों ��ो उठाया। उनकी बातें न केवल विपक्ष के लिए बल्कि हर नागरिक के लिए सोचने का विषय हैं। द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इन तर्कों का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।
राहुल गांधी और उनके विचारों पर जनता की राय क्या है? हमें कमेंट में बताएं।
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पीएम मोदी ने ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का किया उद्धाटन, प्रदेश को बताया पर्यटन का केंद्र
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2024 को जयपुर में आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का उद्घाटन किया। इस समिट में प्रधानमंत्री ने राजस्थान के विकास की दिशा में अहम कदम उठाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और प्रदेश को न केवल एक निवेश केंद्र, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी स्थापित करने की दिशा में अपनी राय साझा की।
राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ ने प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हुए विभिन्न उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि राजस्थान में अत्यधिक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं, जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने राजस्थान को एक नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के राज्य सरकार के प्रयासों को भी सराहा और इस दिशा में सरकार की योजनाओं को तेजी से लागू करने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान की विशाल ऐतिहासिक धरोहर, अनूठी संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य न केवल भारतीय पर्यटकों बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर, और जोधपुर जैसे शहरों में पर्यटन के विस्तार के साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन भी हो सकता है।
निवेश के लिए आकर्षक बन रहा राजस्थान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट के जरिए राजस्थान को एक निवेश केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने राज्य के विकास में निवेशकों की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि राजस्थान के पास सौर ऊर्जा, खनिज संसाधन, और कृषि जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएँ हैं। मोदी ने कहा कि राज्य में निवेश के लिए कई नई नीतियाँ और योजनाएँ बनाई ग�� हैं, जो यहाँ के उद्योगों को मजबूत करने के साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान सरकार के “एक्सपोर्ट प्रमोशन” और “अर्थव्यवस्था में विविधता लाने” के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। साथ ही, उन्होंने कृषि, आईटी, और विनिर्माण क्षेत्र में राज्य की मौजूदा स्थिति को और बेहतर बनाने की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का जिक्र किया।
पर्यटन क्षेत्र में नवाचार और विकास
प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र को “नया आयाम” देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य को दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल बनाने के लिए यहां के ऐतिहासिक किलों, मंदिरों, और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सहेजने और प्रचारित करने की जरूरत है।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने “इको-टूरिज़्म” और “अडवेंचर टूरिज़्म” जैसी नई श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करने की बात की, जिससे पर्यटक एक नई अनुभव की तलाश में राज्य का रुख करें। उन्होंने राज्य सरकार को इन क्षेत्रों में आवश्यक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में सुधार करने की सलाह दी, जिससे पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा मिले।
समिट के प्रमुख उद्देश्य
इस समिट का उद्देश्य राजस्थान में निवेश को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर सृजित करना, और राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों के लिए कई अवसरों को पेश किया, जिनमें पर्यटन, सौर ऊर्जा, खनिज, और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
राजस्थान सरकार ने राज्य में कारोबार को और सरल बनाने के लिए कई नीतिगत सुधारों की घोषणा की, जिनसे राज्य में व्यवसाय करने में आसानी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सुधारों से राजस्थान को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का उद्घाटन राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह राज्य की बढ़ती वैश्विक पहचान को और मजबूती देगा। समिट में दिए गए संदेश से यह स्पष्ट होता है कि राजस्थान न केवल निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल है, बल्कि अपने अद्वितीय पर्यटन संसाधनों के माध्यम से विश्वभर में एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
राजस्थान का यह प्रयास न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इन योजनाओं को कितनी प्रभावी ढंग से लागू करती है और राजस्थान को एक प्रमुख पर्यटन और निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने में कितनी सफलता प्राप्त करती है।
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बेमिसाल एक साल: झोटवाड़ा विकास कार्य में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का योगदान
झोटवाड़ा विकास: एक साल की झलक
कर्नल राठौड़ की प्राथमिकता झोटवाड़ा के हर वर्ग के विकास पर केंद्रित रही है। उनके नेतृत्व में, क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता तक हर पहलू पर ध्यान दिया गया है।
1. बुनियादी ढांचे का कायाकल्प
झोटवाड़ा के विकास में सबसे बड़ा योगदान बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना रहा है।
सड़क निर्माण: क्षेत्र में 200 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य।
पेयजल सुविधाएं: जल वितरण नेटवर्क का आधुनिकीकरण और पानी की आपूर्ति में सुधार।
परिवहन सुविधाएं: नई बस सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन के बेहतर प्रबंधन की शुरुआत।
2. शिक्षा में सुधार और डिजिटल युग की शुरुआत
कर्नल राठौड़ के प्रयासों ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने में मदद की।
डिजिटल क्लासरूम: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत।
नई लाइब्रेरी: छात्रों के लिए डिजिटल और पारंपरिक पुस्तकालयों की स्थापना।
वित्तीय सहायता: गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुफ्त कोचिंग सुविधाएं।
3. स्वास्थ्य सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर्नल राठौड़ ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
नए अस्पताल: झोटवाड़ा में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण।
स्वास्थ्य शिविर: मुफ्त चिकित्सा शिविरों और स्वास्थ्य जांच अभियान का आयोजन।
कोविड प्रबंधन: टीकाकरण अभियान को प्रभावी तरीके से चलाना और जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
4. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण
झोटवाड़ा में स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
कचरा प्रबंधन प्रणाली: आधुनिक कचरा निपटान और पुनर्चक्रण इकाइयों की स्थापना।
पौधारोपण अभियान: हजारों पौधे लगाकर हरित क्षेत्र में वृद्धि।
साफ-सफाई अभियान: स्वच्छ भारत अभियान के तहत झोटवाड़ा को स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयास।
5. युवा और खेल विकास
कर्नल राठौड़ के खेल प्रेम ने झोटवाड़ा में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
खेल मैदानों का विकास: नए खेल परिसर ��र सुविधाओं का निर्माण।
युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: खेलों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर।
खेल उपकरण वितरण: स्कूलों और समुदायों में खेल उपकरणों का वितरण।
झोटवाड़ा के नागरिकों की राय
कर्नल राठौड़ के प्रयासों का झोटवाड़ा के नागरिकों ने खुले दिल से स्वागत किया है।
नवीन कुमार (व्यापारी): “कर्नल राठौड़ के आने से झोटवाड़ा में विकास को नई दिशा मिली है।”
सुमन देवी (गृहिणी): “हमारे क्षेत्र की सड़कें और पानी की समस्याएं अब दूर हो गई हैं।”
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का दृष्टिकोण
कर्नल राठौड़ का मानना है कि झोटवाड़ा का विकास समग्र और समावेशी होना चाहिए। उनके शब्दों में: “मेरा सपना है कि झोटवाड़ा विकास का प्रतीक बने। हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं मिले और क्षेत्र आत्मनिर्भर बने।”
आगे की राह: झोटवाड़ा का भविष्य
कर्नल राठौड़ की योजना झोटवाड़ा को एक स्मार्ट और सतत विकासशील क्षेत्र में बदलने की है।
आने वाले प्रोजेक्ट्स:
स्मार्ट शहर सुविधाएं: डिजिटल सेवाओं और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग।
आधुनिक कृषि पहल: किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजार तक पहुंच में सुधार।
शिक्षा और कौशल विकास केंद्र: युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर।
झोटवाड़ा का बेमिसाल साल
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की मेहनत और समर्पण ने झोटवाड़ा को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ₹1112 करोड़ के निवेश और निरंतर प्रयासों ने क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। यह न केवल झोटवाड़ा के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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Dharohar | Stage Play Kakori Train Action | धरोहर | काकोरी ट्रेन एक्शन | Harsh Vardhan Agarwal
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर म��्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट क�� प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लो��ों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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धरोहर | नाट्य मंचन काकोरी ट्रेन एक्शन | Dharohar | Stage Play Kakori Train Action
लखनऊ, 07.05.2023 | भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों व क्रान्तिकारियों को समर्पित नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन का मंचन ऑडिटोरियम, शेरवुड कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया । यह नाटक हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार व उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंन्द्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, धरोहर" थीम के अन्तर्गत आयोजित हुआ । काकोरी ट्रेन एक्शन नाटक द्वारा कलाकारों ने 09 अगस्त 1925 को काकोरी में घटित काकोरी कांड का सजीव चित्रण किया | चन्द्रभाष सिंह के लेखन एवं निर्देशन में नाटक 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में अनुभवी व मंझे हुऐ कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तत्पश्चात हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अगवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री एम० पी० अवस्थी, श्री अशोक कुमार जायसवाल, डॉ अलका निवेदन, श्री पंकज अवस्थी, द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया ।
सभागार में उपस्थित सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुऐ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए आज यह सौभाग्य का दिन हैं कि आज अपने वीर शहीद क्रांतिकारियों को, काकोरी ट्रेन एक्शन, नाटक के मंचन के माध्यम से याद करने का, श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है | "काकोरी ट्रेन एक्शन" एक महत्वपूर्ण एतिहासिक घटना है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस घटना में, भारत के स्वाधीनता संग्राम के सैनिकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमें देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर समय-समय पर मिला है | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) का आभार है जिनके आर्थिक सहयोग से धरोहर थीम के अंतर्गत आज देश के महान क्रन्तिकारी वीरों को समर्पित काकोरी ट्रेन एक्शन का नाट्य मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार है जिन्होंने वर्ष 2021 में वीर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई के संघर्ष की धरोहर का नामकरण काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने देश के महान क्रांतिकारी वीरों, शहीदों, सैनिकों के सम्मान में 1 मिनट का मौन होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम देश के समस्त 28 राज्यों में और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी में ट्रस्ट का कार्यालय स्थापित करें | निष्पक्षता, समानता और समावेशिता ट्रस्ट की कार्यशैली हैं । ट्रस्ट सभी संस्कृतियों के सम्मान के सिद्धांत पर काम करता है । पारदर्शिता और जवाबदेही ट्रस्ट के प्रमुख तत्व हैं। ट्रस्ट रचनात्मक और प्रभावी साझेदारी को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है । प्रासंगिकता केवल लोगों और समुदाय के निरंतर सशक्तिकरण के साथ ही बनाए रखी जा सकती है । ट्रस्ट का उद्देश है जाति, पंथ या धर्म के भेद के बिना लोगों की सेवा करना । ट्रस्ट अनाथालय, वृद्धाश्रम, यूपीएस60+ क्लब, भगवद् गीता केंद्र, आध्यात्मिक संगीत अकादमी, बाल गोपाल शिक्षा योजना, स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूकता, शैक्षिक जागरूकता आदि, दान - रक्त, पुराने कपड़े, किताबें और अन्य पुन: प्रयोज्य वस्तुएं, खाने-पीने की चीजों का वितरण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों पर कार्यक्रमों का आयोजन, परिवार परामर्श हेल्पलाइन, आपदा प्रबंधन, महामारी समर्थन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का सम्मान करना, शैक्षिक और धर्मार्थ गतिविधियों, महिला अधिकारिता कार्यक्रम, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण और कृषि कार्यक्रम, सीएसआर गतिविधियो और कार्यक्रमो, के क्षेत्र में प्रयत्नशील तथा कार्यरत है | ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है । इसका लक्ष्य लोगों और समितियों को सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संपन्न करने के लिए सशक्त बनाना है । ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में समाज के गरीब और वंचित वर्ग का समर्थन करता है । यह सभी प्रकार के मानवीय कष्टों और सामाजिक विखंडन के उन्मूलन में मदद करता है । ट्रस्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाली संवेदनाओं और धारणाओं को परिष्कृत करना है । यह कला, संस्कृति साहित्य के प्रचार के लिए भी काम करता है और पवित्र शास्त्रों की शिक्षाओं का प्रचार करता है । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए दान करें । आप स्वयंसेवक, सहयोगी, दान दाता, प्रायोजक बनकर हमसे जुड़ें सकते हैं और ट्रस्ट के माध्यम से समाज की सेवा कर सकते हैं | आपकी सक्रिय सहभागिता से हम अपने जनसेवा के क्षेत्र को पुरे देश में फैला सकते है |
कार्यक्रम के अंत में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया |
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सरल-सौम्य, विनम्र व कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व के धनी एवं भारत सरकार में मा. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी, आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
प्रभू श्री राम जी से प्रार्थना है कि आप दीर्घायु हों और सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें ।
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पाकिस्तान में भुखमरी के जैसे हालात बने हैं वो दिखाता है कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने आत्मनिर्भर भारत की सोच से जो निर्णय लिए एवं बड़े-बड़े कल कारखानों, इस्पात कारखानों, बांधों के निर्माण के साथ भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने की सोच रखी वो कितनी आवश्यक थी।
नेहरू जी ने पहली पंचवर्षीय योजना का 45% फंड कृषि, सामुदायिक विकास, सिंचाई और ऊर्जा पर खर्च किया था। नेहरू जी के कार्यकाल में भाखड़ा नांगल बांध, हीराकुंड बांध, दामोदर घाटी परियोजना, नागार्जुन सागर बांध जैसी बड़ी सिंचाई परियोजनाएं बनीं। इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टिट्यूट एवं इंडियन कांउसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च जैसे संस्थानों को विकसित किया एवं नई कृषि विश्वविद्यालय खोले।
इसी का परिणाम है कि आजादी के 75 वर्ष में भारत मजबूत हुआ है जबकि भारत के साथ ही आजाद हुआ पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है एवं आज वहां गृहयुद्ध के हालात बन चुके हैं।
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सरकार की ये 4 विशेष कृषि योजनाएं: किसानों के लिए क्या है खास?
कृषि क्षेत्र के समग्र विकास और किसानों की भलाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है। इस लेख में हम चार प्रमुख योजनाओं के उद्देश्य, उनके लाभ और उनके प्रभावों पर चर्चा करेंगे। PM Kisan Yojana: कब तक खाते में आएगी 19वीं किस्त? क्या पति-पत्नी दोनों ले सकते हैं लाभ? प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत भारत सरकार ने 2019 में की थी। इस योजना के तहत, किसानों को हर साल…
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लखनऊ, 15.12.2024 | भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 74वी पुण्यतिथि के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में "श्रद्धापूर्ण ��ुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “सरदार पटेल जी का जीवन भारतीय इतिहास में प्रेरणा और साहस का प्रतीक है । वे न केवल स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे, बल्कि भारत को एकजुट करने वाले अद्वितीय व्यक्तित्व भी थे । 562 से अधिक रियासतों का एकीकरण उनके दृढ़ संकल्प और कुशल नेतृत्व का परिणाम था, जिसने भारत को अखंड राष्ट्र का स्वरूप दिया । उन्होंने सिखाया कि एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है । उनका जीवन हमें कठिन परिस्थितियों में धैर्य और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है । उनका योगदान केवल राजनीति तक सीमित नहीं था; उन्होंने कृषि, औद्योगिक विकास और प्रशासनिक सुधारों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" उनकी महानता का प्रतीक है । आइए, उनके दिखाए मार्ग पर चलकर "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के निर्माण में अपना योगदान दें ।”
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राष्ट्रीय किसान दिवस 2024 | National Farmers Day in India
प्रिय पाठकों, बलवान कृषि के ब्लॉग सेक्शन में आपका स्वागत है।
भारत को किसानों का देश कहा जाता है। यहां की आधी आबादी खेती पर निर्भर है, और किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं।
हमारे देश में हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) मनाया जाता है। इस दिन श्री चौधरी चरण सिंह के योगदान और किसानों की मेहनत को सराहा जाता है।
राष्ट्रीय किसान दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि किसानों के योगदान को समझने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। राष्ट्रीय किसान दिवस के उपलक्ष्य में आइये जानते हैं किसान दिवस का इतिहास।
यहाँ पढ़े पूरी स्टोरी : राष्ट्रीय किसान दिवस 2024 | National Farmers Day in India
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यह आईएएस अधिकारी हिमाचल के ग्रामीण बच्चों तक अंतरिक्ष विज्ञान पहुंचा रहा है
ब्रह्मांड का विशाल विस्तार, अपने रहस्यों और चमत्कारों के साथ, अक्सर दूर और दुर्गम लगता है – खासकर भारत के ग्रामीण और सुदूर कोनों में रहने वाले बच्चों के लिए। हालाँकि, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में, युवा छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी की आकर्षक दुनिया से परिचित कराया जा रहा है। बाधाओं से बचने वाले रोबोटों को देखने और 3डी प्रिंटिंग की खोज से लेकर मौसम की निगरानी और कृषि मानचित्रण…
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