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Budh Ka Rashi Parivartan 2024: 31 मई से बुध का वृषभ राशि में गोचर, चमकेगी इन 3 राशियों की किस्मत।।
#Mercuryplanet #mercuryintaurus #budhgochar #budhgochar2024 #budhgocharinjune #budhgochareffectsin2024 वैदिक ज्योतिष में बुध एक महत्वपूर्ण ग्रह है। बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। बुध को तर्क शक्ति, मीडिया, लेखक, वकील, व्यापार और गणित का कारक कहा जाता है। बुध ग्रह जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है तो उसका सभी मनुष्यो पर असर होता है। बुध ग्रह 31 मई को मेष राशि से निकलकर वृष राशि में प्रवेश करने जा रहे है। उनके इस राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर व्यापक असर होगा लेकिन 3 राशियां ऐसी है जिन्हे इस समय बहुत अच्छा फायदा होग���। आइये जानते है कि वो 3 राशि कौन कौन सी है।
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ज्योतिष और सरकारी नौकरी: ग्रहों की चाल और आपकी करियर योजना
अपने करियर को लेकर कई तरह के प्रश्न मन में उठ सकते हैं, जिसमें बहुत से लोगों के मन में सरकारी नौकरी की इच्छा बहुत अधिक मायने रखती है. एक अच्छी सरकारी नौकरी को पाने के लिए भी युवाओं में होड़ मची हुई देखी जा सकती है. ऐसे में वो कौन से योग होते हैं जो सरकारी नौकरी दिलाने में मदद करते हैं, तो इस बारे में ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष ग्रह योगों की स्थिति विशेष भूमिका निभाने वाली होती है. तो चलिए जान लेते हैं की सरकारी नौकरी दिलाने में ज्योतिष कैसे मदद करता है और ग्रहों की चाल कैसे आपकी करियर योजना बनाने में मदद कर सकती है बल्कि आपको उस योजनाओं में सफलता भी दिला सकती है.
ज्योतिष और सरकारी नौकरी
ज्योतिष शास्त्र करियर के चयन करने और साथ ही एक बेहतर करियर निर्माण करने में मदद करता है. ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष ग्रह और जन्म कुंडली के कुछ विशेष भाव एवं नक्षत्र योग इत्यादि का अगर किसी जातक की कुंडली में अच्छा प्रभाव हो तो इसका परिणाम एक बेहतरीन करियर बनाने के रूप में मिलता है.
ज्योतिष अनुसार सूर्य और गुरु जैसे ग्रह सरकारी पक्ष को दर्शाते हैं. सूर्य को राजा एवं सरकार के रूप में देखा जाता है. कुंडली में मौजूद प्रबल सूर्य व्यक्ति को सरकार से मिलने वाले लाभ दिलाने में काफी सहायक होता है. इसी के साथ चंद्रमा, गुरु जैसे ग्रह भी सरकार पक्ष की ओर से आपको बेहतर परिणाम दिलाने में सहायक बनते हैं.
ग्रहों की चाल और आपकी करियर योजना
ग्रहों की चाल का असर सभी पर पड़ता है. कुंडली एवं गोचर की स्थिति ही ग्रहों की चाल को सम���ने में मदद करती है. जब कुंडली में ग्रह अपनी वक्रता, पाप प्रभाव से मुक्त होते हुए शुभ स्थिति में रहते हैं अथवा दशा करियर भाव से संबंध बना रही हो और साथ में गोचर का शुभ असर भी करियर पर हो तब उस स्थिति में करियर की योजना सफलता की ओर अग्रसर होती है.
कुंडली में दशम भाव आपके करियर के लिए विशेष होता है, इसी के साथ छठा भाव आपके जीवन में प्रतिस्पर्धा एवं प्रतियोगिताओं में सफलता की भूमिका को दिखाता है. आप कौन सा करियर चयन करेंगे यह दशम भाव दिखाता है और आप अपने जीवन में कैसे प्रतिस्पर्धा को जीतेंगे यह छठे भाव के प्रभाव से दिखाई देता है. इन भावों की स्थिति अगर कमजोर है तब उस स्थिति में व्यक्ति के लिए बेहतर करियर योजना का निर्माण भी कुछ कमजोर होता चला जाता है.
कुंडली में सरकारी नौकरी के योग
कुंडली में सरकारी नौकरी के योग का निर्माण कुछ शुभ योगों के प्रभाव ��े, कुंडली के नौकरी भाव के ग्रह एवं भाव स्वामियों की स्थिति, दशा और गोचर के प्रभाव से फलित होता है. सरकारी नौकरी के योग में आपकी कुंडली में सूर्य, गुरु जैसे ग्रहों की अनुकूल स्थिति काम करती है. इसी के साथ करियर भाव का मजबूत होना आपको सरकारी पक्ष से काम दिलाने में मदद करता है. कुंडली में लग्न भाव की स्थिति मजबूत है, बृहस्पति और सूर्य जैसे ग्रहों का लग्न पर असर है मंगल दशम भाव को प्रभावित करता है शनि छठे भाव को प्रभाव देता है तो इस स्थिति में यह सरकारी नौकरी को दिलाने में अच्छे योग की स्थिति दिखाता है।
बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में सरकारी नौकरी पाने के लिए गुरु एवं बुध की स्थिति अगर प्रबल है तो परिणाम अनुकूल देने वाली होती है. वहीं सेना पुलिस इत्यादि जैसे स्थानों में सरकारी नौकरी पाने के लिए मंगल का प्रबल होना उच्च सरकारी पद दिलाने वाला होता है और जब इन ग्रहों का संबंध दशम भाव से बनता है तो सरकारी नौकरी का योग अधिक मजबूत बन जाता है.
जन्म कुंडली में सरकारी नौकरी के संकेत
जन्म कुंडली में सरकारी नौकरी के संकेत कई तरह से दिखाई देते हैं इनमें सभी का अपना अपना असर होता है. कुंडली में बन रहे शुभ योग और शुभ ग्रहों का प्रभाव आपको सरकारी क्षेत्र में अच्छे काम दिलाने वाला होगा. वहीं सरकारी नौकरी के संकेत हमें वर्ग चार्ट से भी मिलते हैं. सरकारी नौकरी हेतु लग्न कुंडली के साथ साथ वर्ग कुंडली को जांच लेना भी जरूरी होता है. इसमें नवमांश कुंडली और दशमांश कुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण बताता है की सरकारी क्षेत्र में आप कितने सफल रहेंगे और आप के लिए सरकारी नौकरी का योग किस प्रकार के प्रभाव देगा.
सरकारी नौकरी के लिए ज्योतिष परामर्श
कुंडली के उचित अध्ययन से हम जान सकते हैं कि सरकारी नौकरी कब मिल सकती है या अगर सरकारी नौकरी के योग कुछ कमजोर बन रहे हैं तो उन्हें कैसे मजबूत किया जाए जिससे हम सरकारी नौकरी को पाने में सफल रह सकते हैं. इन सभी बातों के लिए सरकारी नौकरी के लिए ज्योतिष परामर्श लेना एक उचित और बेहतर विकल्प होता है.
एक कुशल ज्योतिषी ही आपको सटीक रूप में बता सकत�� है कि आप कब अपने लिए सरकारी नौकरी पाने में सक्षम होंगे. ज्योतिषी परामर्श द्वारा न केवल आप अवसर को पाने का उचित समय पाते हैं बल्कि आप अपने अवसरों को बेहतर ज्योतिषी उपायों से मजबूत कर सकते हैं जिससे आप सरकारी नौकरी पाने में सफल रहें.
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कोर्ट केस | मेरी शादी कब होगी ? | आज का राशिफल
Source URL - https://karmaastro.medium.com/jyotish-mai-sarkari-naukri-ki-bhavishyavani-1287199e41ee
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गुरु गोचर 2025: इन 3 राशियों पर बरसेगी खुशियां, बृहस्पति की कृपा
देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान का सागर कहा जाता है। बृहस्पति को शिक्षा, शिक्षक, बच्चे, धार्मिक गतिविधियाँ, पवित्र स्थान, बड़े भाई, विकास, दान, पुण्य और धन आदि का कारक ग्रह माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति देव की चाल बदलने से व्यक्ति पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। देवगुरु गुरु साल 2025 में तीन बार अपनी दिशा बदलने जा रहे हैं। इस दौरान यह बुध की राशि में भी प्रवेश करेगा, ऐसे…
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नवंबर में ग्रहों की चाल बदलने से इन राशियों को होगा बड़ा लाभ!
नवंबर के महीने में सूर्य, शनि, बुध और शुक्र ग्रह अपनी चाल बदलने वाले हैं। यह ग्रहों की चाल बदलने से कुछ राशियों को विशेष लाभ होगा, जबकि अन्य राशियों को अपने क्षेत्र में अधिक प्रयास करने होंगे। ग्रहों की चाल बदलने के महत्वपूर्ण तिथियाँ: – 7 नवंबर: शुक्र ग्रह धनु राशि में गोचर – 15 नवंबर: शनि कुंभ राशि में मार्गी गति – 16 नवंबर: सूर्य वृश्चिक राशि में गोचर – 26 नवंबर: बुध वृश्चिक राशि में वक्री…
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बुध के गोचर से मालामाल हो जाएंगे ये जातक, बस इन जातकों को रहना होगा बहुत सतर्क!
ज्योतिष में बुध का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संचार, व्यापार, शिक्षा और लेखन के कारक हैं। जब बुध किसी राशि में विराजमान रहते हैं, तो इसका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। गोचर के समय बुध की स्थिति और उसकी दिशा हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। बुध का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में लगभग 14 से 30 दिनों के बीच होता है। इस अवधि के दौरान, यह विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए, बुध का मेष राशि में गोचर लोगों को नई सोच और नए विचारों की प्रेरणा दे सकता है, जबकि वृषभ राशि में गोचर होने पर यह व्यापार में स्थिरता और समृद्धि लाने में सक्षम होता है।
बुध का सिंह राशि में गोचर: समय व तिथि
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का सिंह राशि में गोचर होने से राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर असर देखने को मिलेगा।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज���योतिष में बुध ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। इसे बुद्धि, तर्कशक्ति, संचार, व्यापार, और शिक्षा का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह का नाम संस्कृत में ‘बुध’ है, जिसका अर्थ है “बुद्धिमान”। यह ग्रह व्यक्ति के मानसिक स्तर, ज्ञान, विवेक, और तर्कशक्ति को प्रभावित करता है। बुध व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और शिक्षा के स्तर को दर्शाता है। जिनकी कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं, वे लोग तेज दिमाग, तर्कशक्ति, और ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले होते हैं। इन्हें गणित, विज्ञान, और साहित्य में विशेष रुचि होती है।
बुध ग्रह का धार्मिक महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का धार्मिक महत्व भी गहरा है। बुध को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। भगवान विष्णु को संतुलन और धैर्य का देवता माना जाता है, और बुध भी व्यक्ति के जीवन में संतुलन, विवेक और समझदारी लाता है। बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति धार्मिकता की ओर आकर्षित होता है और उसे सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। धार्मिक रूप से, यह वेदों, शास्त्रों और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुध का अनुकूल प्रभाव व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने और उनमें रुचि रखने की प्रेरणा देता है।
बुध ग्रह के अनुकूल प्रभाव के लिए आसान उपाय
बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों को क�� करने और इसके शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर आप बुध के दुष्प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
बुध मंत्र का जाप
बुध के मंत्र का नियमित जाप करना बुध ग्रह के दोषों को कम करने में सहायक होता है। बुधवार के दिन सुबह स्नान करके हरे वस्त्र पहनकर इस मंत्र -ॐ बुं बुधाय नमः का कम से कम 108 बार जाप करें।
भगवान गणेश की पूजा
बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से भी है। बुध के दोषों को शांत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। इसके अलावा, बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना करने से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
हरा वस्त्र और हरे रंग का प्रयोग
बुध ग्रह का रंग हरा माना जाता है इसलिए बुध के शुभ प्रभाव के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें और हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। इसके अलावा, मूंग की दाल का दान करना भी लाभकारी होता है।
गाय को हरा चारा खिलाना
गाय को हरा चारा खिलाना बुध ग्रह के दोषों को कम करने का एक प्रभावी उपाय है। विशेष रूप से बुधवार के दिन इस उपाय को करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन करना बुध ग्रह को मजबूत बनाता है। बुध को बलवान बनाने के लिए अपने आहार में हरी सब्जियों, विशेषकर आंवला को शामिल करें।
रुद्राक्ष धारण करना
पांच मुखी रुद्राक्ष को बुध के लिए शुभ माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी की पूजा
तुलसी का पौधा बुध से संबंधित होता है। घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी नियमित पूजा करें। तुलसी को जल अर्पित करें और उसके पास दीपक जलाएं। इससे बुध ग्रह के दोष कम होते हैं।
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अगस्त में सूर्य समेत तीन ग्रह बदलेंगे अपनी चाल, इन 5 राशियों को मिलेगा भारी धन लाभ और करियर में तरक्की
August Grah Gochar: अगस्त के महीने में सूर्य के साथ-साथ बुध और मंगल भी अपनी चाल बदलेंगे। आइए इस लेख में जानते हैं कि इस महीने ग्रहों की बदली चाल से किन राशियों को लाभ मिलेगा। अगस्त ग्रह गोचर: अगस्त माह में सूर्य समेत 3 ग्रहों की चाल बदलेगी। वैसे तो इसका असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा, लेकिन कुछ राशियों के लिए इन तीनों ग्रहों की चाल में बदलाव बेहद शुभ साबित होगा। इस महीने सूर्य 16 अगस्त को…
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Weekly Tarot Card Prediction | वैवाहिक जीवन में कड़वाहट आ सकती है! सेहत का रखें ख्याल, टैरो कार्ड के मुताबिक कैसा रहेगा सभी राशियों का आने वाला सप्ताह?
टैरो कार्ड के अनुसार हम आसानी से जान सकते हैं कि भविष्य में क्या होगा। इस सप्ताह सूर्य, बुध और शुक्र मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इसलिए कुछ राशियों को सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम भुगतने होंगे। टैरो कार्ड के अनुसार इस सप्ताह आपको लाभ होगा। जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद सुलझ सकता है। आर्थिक अस्थिरता कम होगी. मेष, वृष, मिथुन, कर्क और सिंह राशि के लिए यह सप्ताह अनुकूल रहेगा। आइए जानते हैं टैरो कार्ड के…
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15 साल बाद बनेगा राहु बुध का संयोग । वर्षों बाद मीन राशि में बन रहा है बुध के साथ राहु की युति
Rahu Budh Ki Yuti: बुध देव 7 मार्च को करेंगे मीन राशि में गोचर और इस राशि में विराजमान है
https://www.vinaybajrangi.com/blog/conjunction/kundli-me-rahu-budh-ki-yuti
https://www.youtube.com/watch?v=57I_GBjzA-M
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ग्रहों की युति का फलादेश करना ज्योतिष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण विषय है। इसके लिए ग्रहों की स्थिति, गोचर, और उनकी योग्यता को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। ग्रह शुभ और अशुभ फल व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समयों पर दिए जाते हैं।
शुभ ग्रहों के स्थिति या गोचर जब प्रभावशाली होते हैं, तो वे ��्यक्ति को समृद्धि, सुख, स्वास्थ्य, और सम्पत्ति का अनुभव कराते हैं। यह ग्रह जैसे कि गुरु, शुक्र, और बुध के साथ होता है। उनकी युति विवाह, उच्च शिक्षा, करियर में सफलता आदि के लिए अनुकूल मानी जाती है।
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Budh Gochar: 4 सितंबर को बुध का सिंह राशि में गोचर, जानें सभी राशियों में क्या होगा असरBudh Gochar: बुध ग्रह सिंह राशि में गोचर हो रहा है। जिसके चलते समस्त राशियों में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। तो आइए जानते हैं कि बुध के सिंह राशि में गोचर से समस्त राशियों में क्या होगा असर।
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वक्री बुध का गोचर नवंबर 2024-आपकी राशि पर इसका प्रभाव और उपाय
बुध ग्रह 26 नवंबर, 2024 के समय पर वृश्चिक राशि में वक्री होंगे। बुद्धि, वाणी, कम्युनिकेशन और यात्रा का ग्रह बुध जब वक्री होता है तो इसके कारक तत्व भी विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। बुध का वक्री होना केवल ज्योतिष में रुचि रखने वालों या ज्योतिषियों से संबंधित नहीं है बल्कि इसका असर सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है। हर कोई इसके प्रभावों को महसूस कर सकता है क्योंकि यह विचारों में अधिक लगे रहने का समय है जिसके कारण सभी को अपने कामकाज, फैसलों और योजनाओं पर बार-बार सोचने की आवश्यकता होती है।
बुध का वक्री होना 16 दिसंबर, 2024 को समाप्त होगा, जब बुध अपनी सीधी चाल में चलेंगे और वृश्चिक राशि में आगे बढ़ना जारी रखेंगे।
अगर हम बुध के वक्री गोचर और प्रत्येक राशि में जन्मे लोगों ��र इसके प्रभावों को समझ पाएं, तो इससे हमें इस समय का बेहतर उपयोग करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं और इसके अलावा अपने उद्देश्य को पाने में भी सफल रह सकते हैं।
बुध के वक्री होने पर क्या होता है?
बुध की वक्री चाल से बुध के उन विशेषताओं पर सबसे अधिक असर पड़ता है जिसके लिए बुध जिम्मेदार होता है। इस समय योजनाओं का बनना कुछ धीमा होता दिखाई देता है। रणनीतिक कदम उठाने पर अधिक सोच विचार की आवश्यकता होती है। बुध के वक्री होने के दौरान लोगों को मुख्य रूप से कुछ खास बातों के चलते परेशानी हो सकती है
पुरानी बातों का प्रभाव : Going in the past
बुध का वक्री होना आपके अतीत की यादों और उन घटना क्रम को सामने लाने वाला होता है जिसके कारण आप काफी प्रभावित रहे होते हैं। इस दौरान पहले के रिश्ते, अनसुलझे विवाद या अधूरे काम फिर से लौट कर आपके सामने खड़े हो सकते हैं। यह समय धीमा होने और ध्यान में रहने, चीजों को समाप्त करने और नई योजनाएं बनाने का भी है। बुध के वक्री होने के दौरान व्यक्ति भ्रम और गलतफहमी का शिकार भी हो सकता है। इस दौरान लोग शब्दों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं, यात्रा के दौरान सामान्य इत्यादि खो सकता है या फिर आपका लेखन प्रभावित हो सकता है, एजुकेशन के मामले में परेशानी सकती है।
कम्युनिकेशन में परेशानी : Miscommunications
बुध के वक्री होने पर क���्युनिकेशन से जुड़ी चीजें अधिक प्रभावित दिखाई दे सकती हैं। इस दौरान बातचीत में गलत कम्युनिकेशन की संभावना अधिक दिखाई देती है। आपके संदेश या बातें उस स्थान पर जा सकती हैं जहां आपको उन्हें नहीं भेजना था, झूठ या गलत दस्तावेज़ इस समय मिल सकते हैं, गणनात्मक चीजों की गिनती या समझने में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।court/legal issues का सामना करने वालों को इस समय अधिक सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इस गोचर के दौरान झूठे दस्तावेज़ या गलत आक्षेप आपको परेशान कर सकते हैं।
कानूनी या अदालती मामलों के लिए परामर्श
परामर्श लें
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर समय ( 26 नवंबर, 2024):
बुध जब वृश्चिक राशि में वक्री होता है, तो शक्ति और ऊर्जा की स्थिति प्रबल होती है, इस समय व्यक्ति अधिक खोजबीन करने, भावनाओं की उथल-पुथल से प्रभावित होता है। इस समय इमोशनल होने के साथ साथ नई चीजों की खोज के लिए भी उत्साही होता है। ये समय खुद के भीतर की स्थिति को समझने के लिए खास होता है, गुप्त रहस्यों को खोजने, नए संपर्क बनाने और नए अवसरों को पाने के लिए अच्छा रहता है। वृश्चिक राशि की ऊर्जा बदलाव के साथ साथ इमोशनली मजबूत रहते हुए काम करने को दिखाती है।
बुध का मार्गी होना (16 दिसंबर, 2024)
16 दिसंबर 2024 को बुध वक्री से मार्गी होंगे। बुध अपनी वक्री चाल को बदल कर फिर से सीधे मार्ग की ओर चलेंगे। बुध के मार्गी होने के साथ ही कई बातों में सुधार होगा, हम बातों को सही समझने योग्य बनेंगे, और आगे बढ़ने के लिए सही फैसले ले पाएंगे। वक्री बुध के दौरान जो काम अधूरे बने हुए थे अब वह जल्दी पूरे हो जाएंगे। बुध का मार्गी होना मानसिकता को सही बनाता है और सही निर्णयों के साथ सफलता को दिलाने वाला होता है।
बुध के वक्री होने का सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि Aries (Mesh)
मेष राशि वालों के लिए बुध के वक्री होने की स्थिति अभिव्यक्ति पर असर डालने वाली होगी। इस दौरान गलत फैसले लेने से या अन्य लोगों की भावनाओं के प्रति लापरवाह होने के कारण परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। यात्रा में बाधा का सामना करना पड़ सकता है। कानूनी मामलों अथवा शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों में समस्या इस दौरान बनी रह सकती है जिसके कारण चिंता अधिक रहेगी। इस समय पर व्यर्थ की बातों और लक्ष्यों को पाने के लिए मेहनत अधिक कर सकते हैं और अवसर हाथ से नहीं निकल पाएं इस बारे में सोच विचार बना रहता है।
सलाह : बुध के वक्री प्रभाव से बचने के लिए जरुरी है की इस दौरान शांति के साथ अपने कामों को किया जाए, जो भी काम आप करते हैं उस पर एक से अधिक बार सोच विचार करने के बाद ही कोई निर्णय लेना अन��कूल होगा। धैर्य रखने और कार्य योजना का सावधानीपूर्वक पालन करने से परेशानी से बचेंगे।
वृषभ राशि Taurus (Vrishabha) वृषभ राशि के जातकों के लिए वक्री बुध का प्रभाव आर्थिक पक्ष और आपसी पार्टनरशिप पर असर डालने वाला होता है। इसलिए इस दौरान पार्टनरशिप के जुड़े कामों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। धन के निवेश इत्यादि के कामों को करने पर ध्यान देना होता है। इस दौरान काम के प्रति सतर्क रहें क्योंकि इसमें जोखिम बना रह सकता है। प्रेम संबंधों में परिवार की ओर से समस्याएं उठ खड़ी हो सकती सकती हैं। बुध share market को भी दिखाता है, और आपके आठवें भाव में इसके होने से आपको शेयर बाजार के लेन-देन में ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है क्योंकि इस दौरान नुकसान होने की संभावनाएं दिखाई देती हैं।
सलाह: वक्री बुध के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए आर्थिक पहलुओं को कैसे सुलझाया जाए, और परिवार में तालमेल कैसे बनाए रखा जाए इस बात पर ध्यान देने की जरुरत होती है।
जानिए ज्योतिषी से क्या आपको 2025 में स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहिए
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मिथुन (मिथुन) Gemini (Mithun)
मिथुन राशि का स्वामी बुध ही है और बुध का वक्री होना इनके लिए बहुत ही विशेष हो जाता है। राशि स्वामी के वक्री होने के कारण घटनाएं और परिस्थितियां आपको आसानी से भ्रमित कर सकती हैं। जीवन साथी के साथ अथवा व्यावसायिक या अन्य किसी पार्टनर के साथ सावधानी से बातचीत करना उचित होता है। इस दौरान रिश्तों के बारे में आपकी प्रशंसा जरूरी है अन्यथा दूरियां अपना असर डाल सकती हैं।
सलाह: वक्री बुध के दौरान पुराने अनसुलझे मुद्दों को समझदारी से सुलझाने की कोशिश करें अपनी बातचीत में स्पष्टता लाने का प्रयास करें।
कर्क राशि Cancer (Karka)
कर्क राशि वालों को वक्री बुध के दौरान अपने कामकाज, सेहत, फिटनेस और रोजमर्रा की दिनचर्या पर नज़र बनाए रखने की आवश्यकता होती है। काम से जुड़े संदेशों को स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि इस दौरान व्यर्थ की बातें आप पर असर डाल सकती हैं। सेहत पर ध्यान रखें क्योंकि इस पर असर पड़ेगा वो बातें असर डालेंगी जिनके बारे में अभी तक कुछ सोचा भी नहीं था ।
सलाह: वक्री बुध के प्रभाव से बचने के लिए अपने साथ साथ अपने आस-पास की स्थिति के बारे में ध्यान बना कर रखें। नौकरी अथवा व्यवसाय के दौरान बनाई गई अपनी योजनाओं पर स्पष्ट रहने की जरुरत होती है अन्यथा दूसरे लोग आपको परेशानी में डाल सकते हैं।
सिंह राशि Leo (Singh)
सिंह राशि वालों के लिए वक्री बुध का प्रभा��� रचनात्मक पक्ष पर ध्यान देने के लिए विशेष होगा, प्रेम संबंधों अथवा संतान पक्ष की ओर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता होगी। इस दौरान आप रोमांटिक र���प से प्यार करना सीखेंगे, पुराने साथी फिर से मिल सकते हैं। इस दौरान कुछ रचनात्मक प्रयास भी आप करेंगे और आप इन बातों से पहले प्रभावित हुए होंगे जिनका असर अब अधिक गहराई से आप पर होगा।
सलाह: वक्री बुध के खराब प्रभाव से बचने के लिए बातचीत और रिश्तों में स्पष्टता को बना कर रखें। आपके आस-पास स्त्रियों का प्रभाव रहेगा ऎसे में उनके साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश करें और किसी भी अनसुलझे मुद्दे एक बार फिर से आमने आ सकते हैं।
कन्या राशि Virgo (Kanya)
कन्या राशि वालों के लिए भी बुध इस राशि का स्वामी ग्रह है। इस कारण से बुध का वक्री होना अपने गहरे असर को दिखाता है। इस समय पर पारिवारिक मामले, रियल एस्टेट से जुड़े कार्य और आपकी भावनाएं आगे रहने वाली हैं। आपको अपने घर के आस-पास कुछ मरम्मत या निर्माण से जुड़े काम रोकने पड़ सकते हैं, बदलाव इस समय बाद पर अटक सकता है।
सलाह: वक्री बुध के प्रभाव से बचने के लिए इस समय सहज बने रहें अधिक परेशान न हों और अपने परिवार के सदस्यों के साथ झगड़ा न करें उनके साथ धैर्य बना कर रखें।
तुला राशि Libra (Tula)
तुला राशि वालों के लिए वक्री बुध का प्रभाव कार्यक्षेत्र और विचार पर असर देगा। इस समय किसी की नियुक्ति करते समय, कागजातों पर हस्ताक्षर करते समय और यात्रा करते समय परेशानी हो सकती है। इस समय अपने पूर्व के रिश्तों पर ध्यान देना पड़ सकता है। भाई-बहनों और करीबी दोस्तों से संपर्क बनाए रखना उचित होगा।
सलाह: दूसरों से बात करते समय अपने पन से बात करें और ध्यान से विचारों को सुनें। कुछ भी अधूरा न छोड़ें और बदलावों को स्वीकार करें।
वृश्चिक राशि Scorpio (Vrishchik)
वृश्चिक राशि वालों के लिए वक्री बुध का असर आपकी राशि में होने वाला, वक्री बुध राशि में बैठकर आपको अपने अंदर के बदलाव पर ध्यान देना होगा। इस समय आप हर चीज में कुछ ज्यादा ही सोच विचार करने वाले हैं। इस समय पर अपने आर्थिक मामलों को लेकर बहुत सावधान रहने की जरूरत है। विशेष रूप से कर्ज अथवा निवेश के मामले में समझदारी से फैसले लेने जरूरी हैं।
सलाह: वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए दूसरों के साथ साथ खुद को भी माफ करना सीखें और बेकार की बातों को भूलना सीखें। अपने व्यवहार को संतुलित बनाने की कोशिश करें।
धनु राशि Sagittarius (Dhanu)
धनु राशि वालों के लिए वक्री बुध का असर मानसिक रूप से थोड़ा परेशान करने वाला हो सकता है। इस समय आपकी व्यक्तिगत योजना उस अनुरुप पूरी न हो पाएं जैसा की आपने सोचा था। इच्छाएं पूरी नहीं हो पाएं, आप अपने पुराने सपनों को याद कर सकते हैं लेकिन अपने विचारों को व्यक्त करने में कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं। यह नए कौशल सीखने का समय है, और इस दौरान कई लोग विदेश में अध्ययन करने या किसी विदेश में जाने की योजना बना सकते हैं।
सलाह: वक्री बुध के प्रभाव से बचने के लिए खुद की भावनाओं पर अच्छे से ध्यान देने की जरूरत है जिससे आप सही फैसले ले पाएं। नए व्यवसाय शुरू करने में जल्दबाज से बच���ं।
मकर राशि Capricorn (Makar)
मकर राशि वालों के लिए वक्री बुध कुछ ऐसी स्थितियों को सामने लाने वाला होगा जिन्हें सुलझाना मुश्किल दिखाई देगा। व्यवहार में बदलाव होगा, मन के अनसुलझे विचार आपके सामने आ सकते हैं। आप अपने आध्यात्मिक उद्देश्यों से भी विमुख दिखाई दे सकते हैं।
सलाह: वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए इस समय बहुत अधिक अकेले रहने से न बचें और अपनी विचारधारा अथवा इच्छा पर ध्यान दें।
कुंभ राशि Aquarius (Kumbh)
कुंभ राशि वालों के लिए वक्री बुध का असर सामाजिक संपर्क, लोगों के साथ मेलजोल और दोस्तों के साथ आपके रिश्तों पर पड़ सकता है। इस समय संबंधों में बदलाव आना आम बात है। पुराने दोस्तों से फिर से मिलना हो सकता है। कार्य में बदलाव भी हो सकता है।
सलाह: वक्री बुध के दौरान इस समय अच्छे एवं सार्थक रिश्तों को बढ़ावा देने की जरूरत है और इस समय लंबे समय से रुके हुए कामों पर ध्यान देने की जरूरत होगी।
मीन राशि Pisces (Meen)
मीन राशि के जातकों के लिए वक्री बुध आपकी सार्वजनिक छवि पर असर डाल सकता है। आप अपने विचारों एवं सिद्धांतों के कारण परेशानी का अनुभव कर सकते हैं। चीजों वें विचारों को लेकर कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो सकती है।
सलाह: वक्री बुध के प्रभाव से बचने के लिए काम के मामलों में अन्य व्यक्तियों पर बहुत अधिक विश्वास करने से बचें और सावधानी से लोगों के साथ रिश्ते बनाएं। इस समय अनावश्यक जोखिम लेने से बचें।
वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के खास उपाय
ध्यान से काम करना : इसे पिछली गतिविधियों पर विचार करने, वर्तमान का विश्लेषण करने और भविष्य की गतिविधियों को संशोधित करने का एक सही अवसर मानें।
नए काम शुरू करने से बचें : वक्री बुध के दौरान नए कामों को शुरू करने से बचना ही उचित होता है, कोई भी नए निर्णय लेने से बचना चाहिए।
सोच विचार करके आगे बढ़ना : वक्री बुध के दौरान किसी भी काम को करने से पहले उस पर अच्छे से विचार करना उचित होता है, काम को करने से पहले उसे दो से अधिक बार चेक करें। किसी को मेल करना हो, संदेश भेजना हो अथवा बातचीत करते हुए अपने शब्दों का सावधानी से उपयोग करें।किसी भी तरह का कम्युनिकेशन हो उसे स्पष्ट रखें ताकि किसी प्रकार की उलझन या गलतफहमी न पैदा होने पाए।
जानकारी सुरक्षित रखें : इस अवधि के दौरान किसी भी गैजेट के साथ Technical दिक्कत होने की संभावना अधिक रहती है। अपने आवश्यक फ़ोल्डर और डिवाइस सुरक्षित रखें। इस समय के दौरान काम को समय पर करने से भी चूक सकते हैं इसलिए चीजों को ध्यान में रखते हुए काम करना और स्थिति को नियंत्रित करते हुए आगे बढ़ना ही सही होता है।
संपर्क बनाएं और समाधान खोजें : अब इस समय पर उन बातों पर ध्यान देने का समय है जिन्हें अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं, उलझे मामलों, रिश्तों या योजनाओं के साथ आगे बढ़ने का सही समय है है साथ ही इन पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है।
खुद की देखभाल : इस गोचर के दौरान भावनात्मक रूप से मजबूती पाने के लिए जरुरी है की खुद का ध्यान रखें। चीजों के बारे में स्पष्टता प्राप्त करने के लिए ध्यान, योग मेडि��ेशन जैसे कामों को करने की कोशिश करें।
विशेष
वृश्चिक राशि में बुध का वक्री होना एक विशेष घटना है जो गोचर के आधार पर कई तरह से अपना असर डालती है। बाहरी स्तर पर यह समय मुश्किल लग सकता है, लेकिन यह जीवन को सही से समझने के अलावा अपने भीतर नई ऊर्जा शक्ति को पाने का अवसर है। धैर्य, बुद्धिमत्ता और उचित योजनाओं को बनाते हुए आप इस वक्री स्थिति के दौरान आसानी से बाहर निकल सकते हैं।
Personalized Varshik Health Rashifal 2025
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��ुछ ही दिनों में बुध करेंगे वृश्चिक राशि में गोचर: इन पांच राशियों के लिए आने वाला है ‘भारी’ समय
बुद्ध गोचर 2024: ब्रह्मांड में बुध ग्रह सूर्य देव का सबसे निकटतम ग्रह है। इन्हें मिथुन और कन्या राशि का स्वामी माना जाता है। इसे वाणी और बुद्धि को नियंत्रित करने वाला ग्रह भी माना जाता है। हालाँकि, जब वे किसी व्यक्ति की कुंडली में नकारात्मक स्थिति में होते हैं, तो वे त्वचा, तंत्रिका तंत्र, फेफड़े और कान से संबंधित समस्याएं पैदा करते हैं। ग्रहों में सबसे छोटा होने के कारण इसे ग्रहों का राजकुमार…
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कुंडली में विवाह में देरी को कौन सा ग्रह प्रभावित करता है?
विवाह में देरी के लिए कुंडली में कई ग्रहों और स्थानों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। निम्नलिखित कुछ ग्रह और स्थान विवाह में देरी का कारण बन सकते हैं:
शनि (Saturn): शनि को विवाह में देरी का ग्रह माना जाता है। शनि का दृष्टि, संबंध और स्थान की स्थिति के कारण विवाह में विघ्न आ सकता है। शनि की सज्जनता, समर्पण, और सहानुभूति से सम्बंधित दशा या गोचर विचारना महत्वपूर्ण है।
राहु-केतु (Rahu-Ketu): राहु और केतु का प्रभाव भी विवाह में देरी का कारण बन सकता है। इनका सही स्थान और दशा के बिना विवाह में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
बुध (Mercury): बुध भी विवाह से संबंधित हो सकता है, और इसकी दशा या गोचर में देरी पैदा कर सकती है।
सप्तम भाव (Seventh House): सप्तम भाव विवाह से संबंधित है और यदि इसमें कोई दृष्टि दोष या दोष हो, तो भी विवाह में देरी हो सकती है।
यह सभी केवल सामान्य रूप से हैं और ज्योतिष में विवाह में देरी के लिए और भी विभिन्न कारण हो सकते हैं। यदि आपको जाना है की आपके विवाह में देर क्यों और किस वजह से हो रही है। तो आप Kundli Chakra 2022 Professional Software का प्रयोग कर सकते है। जो आपको सटीक जानकरी दे सकते है।
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