#बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाके
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tezlivenews · 3 years ago
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Bihar Panchayat Election: पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू, बाढ़ प्रभावित इलाकों में अंतिम चरणों में होगी वोटिंग
Bihar Panchayat Election: पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू, बाढ़ प्रभावित इलाकों में अंतिम चरणों में होगी वोटिंग
बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अंतिम चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में दस चरणों में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग बाढ़ प्रभावित… Source link
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newshindiplus · 4 years ago
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बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, CM नीतीश ने प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण
बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, CM नीतीश ने प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण
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मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया. (Pic Credit- ANI) Bihar Flood Update: जानकारी के मुताबिक, एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की 30 से ज्यादा टीमों को बाढ़ प्रभावितों इलाकों में राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है.
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khsnews · 3 years ago
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एक साथ लॉग इन किया और एक कारवां बन गया समाचार 18 हिंदी बिहार बाढ़ अभियान।
एक साथ लॉग इन किया और एक कारवां बन गया समाचार 18 हिंदी बिहार बाढ़ अभियान।
मेँ अकेला हूँ वह तो बस जन्नत थी, लेकिन लोग इकट्ठे होकर कारवां बनते रहे। किसी भी अभियान की सफलता इस बात से तय होती है कि उसमें जनता की कितनी भागीदारी है और कितने लोगों की मदद की जा रही है। News18 के ‘बैड में आपको सात’ कैंपेन ने न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को बल्कि आम जनता को भी शामिल किया और लाखों लोगों की मदद की। News18 के बाढ़ रिपोर्टर जब बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंचे तो कोई अपनी जान की परवाह…
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naya-india · 3 years ago
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कई राज्यों में बाढ़ का कहर
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देश के कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश से नदियों में उफान आया हुआ है और बाढ़ का पानी गांवों-शहरों में घुस गया है। बिहार की राजधानी पटना से लेकर दूर-दराज के इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए हैं तो राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ की वजह से बुरे हालात बने हैं। मॉनसून में अब तक हिमाचल में 214 लोगों की मौत हो चुकी है। >> Read More >>
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shaileshg · 4 years ago
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67 साल के कमलानंद मंडल भाजपा के कट्टर समर्थक हैं। उनके बेटे ने जब उन्हें प��रधानमंत्री मोदी की तस्वीर वाली सफेद टी-शर्ट लाकर दी थी तो वे बेहद खुश हुए थे। लेकिन इन दिनों वे इसी टी-शर्ट को उल्टा पहनकर बिहार चुनावों में भाजपा के प्रति अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं।
कमलानंद कहते हैं, ‘जिस विधायक ने हमारे लिए एक पैसे का काम नहीं किया, भाजपा ने उसी को दोबारा टिकट दे दिया। 2017 की बाढ़ के बाद से हमारा जीना बेहाल हो गया है। हमने कई बार अपने विधायक से गुहार लगाई लेकिन उसने हमारी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस बार हम उसे किसी भी हाल में नहीं जीतने देंगे।’
कमलानंद मंडल अररिया जिले की फारबिसगंज विधानसभा में रहते हैं। जिस विधायक के प्रति वे अपनी नाराजगी जता रहे हैं, उनका नाम विद्यासागर केसरी है। फारबिसगंज से सिटिंग विधायक विद्यासागर केसरी को भाजपा ने इस बार दोबारा टिकट दिया है और इसी ��ा गुस्सा कमलानंद मंडल और उनके गांव के अधिकतर लोगों में है।
भारत-नेपाल सीमा के पास बसे उनके गांव का नाम नया टोला है। भागकोहलिया पंचायत का यह गांव 2017 में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। परमान नदी का तटबंध टूट जाने के चलते उस साल इस इलाके में भारी नुकसान हुआ था। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि वह तटबंध 2017 के बाद से कभी बनवाया ही नहीं गया जिसके चलते अब हर साल कम से कम 7-8 बार गांव में बाढ़ आने लगी है।
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कमलानंद मंडल भाजपा के कट्टर समर्थक हैं, लेकिन स्थानीय भाजपा के विधायक के काम से नाराज हैं।
यह इलाका कोसी-सीमांचल क्षेत्र में आता है। ‘बिहार का शोक’ कही जाने वाली कोसी नदी के साथ ही नेपाल से भारत में दाखिल होने वाली कई दूसरी नदियां भी यहां हर साल तबाही लेकर आती हैं। परमान ऐसी ही एक नदी है जिसका दंश हजारों परिवार हर साल झेलते हैं।
इसी गांव के रहने वाले महानंद मंडल बताते हैं, ‘2017 में जो तटबंध टूटा था उसके चलते सिर्फ हमारे एक प्रखंड की ही 16 पंचायतें प्रभावित हुई हैं। औसतन हर प्रखंड के पांच-छह गांव इससे प्रभावित हुए हैं और हर गांव में लगभग दो सौ परिवार हैं। 2017 के बाद से हमारी कोई भी फसल पनप नहीं सकी है। महीनों तक खेतों में पानी भरा रहता है। इस साल भी अब तक आठ बार हमारे गांव में बाढ़ आ चुकी है।’
इन गांवों में बाढ़ तो हर साल आती है लेकिन मुआवजे के नाम पर इन लोगों को एक पैसा भी नहीं दिया जाता। गोकुल कुमार मंडल कहते हैं, ‘मुआवजा सिर्फ 2017 में मिला था वो भी सिर्फ छह-छह हजार रुपए। उसके बाद से बाढ़ तो हर साल आती है लेकिन मुआवजा कभी नहीं आता। पटना की सड़कों में आधा फुट भी पानी भरता है तो सब जगह चर्चा होने लगती है, लेकिन हमारे खेत और फसल महीनों पानी में डूबे रहते हैं तो कोई पूछने तक नहीं आता।’
लगातार आने वाली बाढ़ के चलते इस इलाके में खेती बेहद मुश्किल हो चली है। इस कारण इस क्षेत्र से पलायन और भी तेजी से होने लगा है। नया टोला गांव की ही बा�� करें तो पूरे गांव में एक भी युवा नजर नहीं आता। गांव के अधिकतर जवान लड़के पंजाब की अनाज मंडियों में जाकर मजदूरी करते हैं।
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भारत-नेपाल सीमा के पास बसे उनके गांव का नाम नया टोला है। भागकोहलिया पंचायत का यह गांव 2017 में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
करीब दस दिन पहले ही कमलानंद मंडल का बेटा गांव के 25 लड़कों के साथ मजदूरी करने पंजाब गया है। एक ‘पिक-अप’ गाड़ी में भरकर ये सभी लड़के अररिया से पंजाब की 1800 किलोमीटर की यात्रा पर ठीक चुनाव से पहले निकल गए क्योंकि परिवार का पेट पालना वोट डालने से ज्यादा जरूरी काम है।
गांव में अब सिर्फ बुजुर्ग, महिलाएं और अधेड़ उम्र के मर्द ही बचे हैं। यही लोग मिलकर खेती करते हैं और पूरे साल में मुश्किल से जो एक मात्र फसल ये उपजा लेते हैं, उसका भी सही दाम इन लोगों को नहीं मिल पाता। महानंद मंडल बताते हैं कि इस साल उन्होंने 40 क्विंटल मक्की उपजाई थी। मक्की पर न्यूनतम समर्थन मूल्य करीब 1800 रुपए तय हुआ था लेकिन बाजार में कोई भी यह दाम देने को तैयार नहीं हुआ।
वे कहते हैं, ‘मैंने दो महीने तक मक्की अपने घर पर रखी और अच्छे दाम मिलने का इंतजार किया। लेकिन, फिर मक्की में सुंडी (कीड़ा) लगने लगी तो मुझे हजार रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर ही मक्की बेचनी पड़ी। ऐसे में हमारे बच्चे मजदूरी करने बाहर नहीं जाएंगे तो क्या करेंगे। इस इलाके में अब खेती से पेट भरना मुमकिन नहीं रह गया है।’
2017 की बाढ़ के बाद से भागकोहलिया पंचायत के कई गांवों पर लगातार खतरा बना रहता है। उस बाढ़ के दौरान परमान नदी के पीपडा घाट पर बना तटबंध टूट गया था जो आज तक ठीक नहीं करवाया गया है। इसके चलते नदी का जलस्तर थोड़ा भी बढ़ता है तो इन गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन पड़ती है।
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2017 की बाढ़ के दौरान परमान नदी के पीपडा घाट पर बना तटबंध टूट गया था, जो आज तक ठीक नहीं करवाया गया है।
गोकुल मंडल कहते हैं, ‘तटबंध अगर ठीक नहीं किया गया तो शायद आने वाले कुछ सालों में परमान नदी की दिशा हमेशा के लिए बदल जाए और नदी हमारे गांव से होकर ही बहने लगे। बथनाह से अररिया होकर निकलने वाली नहर के पूरब में जितने भी गांव हैं, उन सब पर अब यही खतरा बन गया है। विधायक अगर सिर्फ वो तटबंध भी बनवा देते तो कम से कम हमारे मुंह से दाना तो न छिनता।’
गोकुल मंडल यह भी बताते हैं कि सिर्फ उनके गांव ने ही नहीं बल्कि उनके पूरे समाज ने इस बार भाजपा के प्रत्याशी विद्यासागर केसरी को हराने की ठान ली है। वे कहते हैं, ‘इस सीट पर सबसे ज़्यादा मतदाता मंडल समुदाय के ही हैं। करीब सवा लाख वोट यहां मंडलों के हैं जो सालों से भाजपा को ही वोट देते रहे हैं। हमने मीटिंग करके ये तय किया है कि अगर भाजपा के वोट काटने के लिए हमें कोई मंडल प्रत्याशी मैदान में उतारने पड़े तो हम वो भी करेंगे, लेकिन इस बार विद्यासागर केसरी को जीतने नहीं देंगे।’
विद्यासागर केसरी के खिलाफ इस सीट से कांग्रेस के जाकिर अनवर चुनाव लड़ रहे हैं। वे एक बार पहले भी फारबिसगंज से बसपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। मंडल समुदाय के बाद इस सीट पर सबसे बड़ा वोट बैंक मुस्लिम मतदाताओं का ही है। लेकिन, दिलचस्प है कि संख्याबल में सबसे मजबूत होने के बावजूद भी इस सीट से आज तक सिर्फ एक बार ही कोई मुस्लिम प्रत्याशी जीता है और सिर्फ एक बार ही कोई मंडल प्रत्याशी भी।
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गांव में अब सिर्फ बुजुर्ग, महिलाएं और अधेड़ उम्र के मर्द ही बचे हैं। यही लोग मिलकर खेती करते हैं, अधिकतर जवान लड़के पंजाब की अनाज मंडियों में जाकर मजदूरी करते हैं।
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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बिहार: बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वेक्षण करने निकले CM,राहत शिविर-किचन का करेंगे निरीक्षण
बिहार: बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वेक्षण करने निकले CM,राहत शिविर-किचन का करेंगे निरीक्षण
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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकल चुके हैं. बिहार के 16 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं जहां की 40 लाख से अधिक की आबादी इससे प्रभावित हुई है. सीएम नीतीश कुमार आज दरभंगा में बाढ़ राहत शिविरों व सामुदायिक किचन का निरीक्षण करेंगे.
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते…
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countryinsidenews · 4 years ago
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बिहार -दरभंगा /प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए : नफिसुल हक प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए : नफिसुल हक. वार्ड संख्या 30 के निचले इलाके में जो बागमती नदी से काफी सटा हुआ है स्विस गेट के रिसाव से बाढ़ का पानी नाला के द्वारा वार्ड में प्रवेश कर गया है। जो लगातार प्रवेश करता जा रहा है। पिछले साल की तरह इस साल भी अत्यधिक पानी की आशंका व्यक्त की जा रही है। वार्ड के पूर्व वार्ड पार्षद सह पार्षद पति नफीसुल हक ( रिंकू ) ने बताया की बाढ़ का पानी स्विस गेट के माध्यम से जो वार्ड में तीन से चार की संख्या में है से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। हम लोगों ने उस रिसाब को रोकने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन फिर भी पानी का रिसाव अपने स्तर से रुकने का नाम नहीं ले रहा है और लगातार बह रहा है। शहर से सटे हुए इस वार्ड में अभी तक किसी भी प्रशासनिक लोगों के द्वारा इसकी जानकारी नहीं ली गई है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि बाढ़ के पानी से प्रभावित वार्ड के कई अत्यंत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार जिसमें स्लम क्षेत्र भी आते हैं काफी प्रभावित हो रहे हैं इससे पूर्व कोरोना के बीच लॉक डाउन की स्थिति में जो पहले से ही परेशान और दुखी थे बाढ़ के पानी के कारण परेशानी में दोगुनी बढ़ोतरी देखी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए राहत के रूप में सामग्री का जल्द से जल्द वितरण किया जाए एवं आर्थिक मदद की जाए वहीं उन्होंने क्षेत्र के लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस के बीच सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। नासिर हुसैन, संवादाता,  दरभंगा
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tezlivenews · 3 years ago
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Bihar Flood: तो क्या जमींदारी बांध की वजह से मिथिलांचल में बाढ़ मचाती है तबाही? जानें वजह
Bihar Flood: तो क्या जमींदारी बांध की वजह से मिथिलांचल में बाढ़ मचाती है तबाही? जानें वजह
दरभंगा. बिहार में मिथिलांचल का बड़ा इलाका हर साल नेपाल से आने वाली (Bihar Flood) नदियों की वजह से बाढ़ की त्रासदी झेलने को मजबूर होता है. बिहार सरकार अपने स्तर से इस त्रासदी को रोकने की कोशिश तो करती है लेकिन बावजूद इसके हर साल मिथिला (Mithila) का बड़ा इलाक़ा बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है. ऐसे तो मिथिला के बड़े इलाक़े में बाढ़ से तबाही के कई कारण हैं लेकिन कुछ महत्वपूर्ण कारणों की वजह…
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newshindiplus · 4 years ago
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नेपाल में लगातार बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराया, इन नदियों में बढ़ने लगा पानी
नेपाल में लगातार बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराया, इन नदियों में बढ़ने लगा पानी
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पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही गंडक के किनारों में कटाव शुरू हो गया है. मौसम विभाग (Weather department)की ओर से 29 जून तक भारी बारिश के अलर्ट से मुजफ्फरपुर जिले के कटरा, औराई और गायघाट के बाढ़ प्रभावित इलाके…
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khsnews · 3 years ago
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कुश्ती मेले में झगड़े के बाद महज दस रुपये में युवक की हत्या कर दी।
कुश्ती मेले में झगड़े के बाद महज दस रुपये में युवक की हत्या कर दी।
समस्तीपुर. बिहार के समस्तीपुर में महज एक रुपये के लिए एक शख्स की हत्या कर दी गई. घटना जिला अनुमंडल के बाथन थाना क्षेत्र की है. बाढ़ प्रभावित इलाके में नाव किराए पर लेने के विवाद में 17 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। मामला बाथन थाना क्षेत्र के बनभोरा गांव का है. मृतक की पहचान शकील यादव के रूप में हुई है। कहा जाता है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए नाव ही परिवहन का…
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viralnewsofindia · 4 years ago
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बिहार में बाढ़ का कहर, 81 लाख लोग प्रभावित, 8 लाख हेक्टेयर में लगी फसल डूबी
बिहार में बाढ़ का कहर, 81 लाख लोग प्रभावित, 8 लाख हेक्टेयर में लगी फसल डूबी
पटना:  बिहार में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। कुछ क्षेत्रों में भले ही बाढ़ का पानी कम हुआ है, लेकिन अभी भी बाढ़ग्रस्त इलाके के खेत बाढ़ के पानी लबालब भरे हैं। राज्य के 16 जिलों के 130 प्रखंडों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे करीब 81 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। बाढ से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है,जबकि आठ लाख हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह बाढ के पानी में डूब गए हैं। (more…)
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mastereeester · 4 years ago
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कोरोना मरीजों के लिए बना 'कोविड नाव एम्बुलेंस', बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को मिल रही सुविधा Source: Dainik Bhaskar
कोरोना मरीजों के लिए बना ‘कोविड नाव एम्बुलेंस’, बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को मिल रही सुविधा Source: Dainik Bhaskar
बिहार के 16 जिले बाढ़ प्रभावित हैं। हजारों गांव पानी में डूब गए हैं। स्थिति ऐसी है कि बाढ़ प्रभावित इलाके में कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल ले जाना चुनौती हो जाती है। लोग एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के नाव के लिए गुहार लगाते हैं।
ऐसे इलाके के मरीजों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधाएं मिले इसके लिए राज्य सरकार ने नाव एम्बुलेंस की व्यवस्था की है। नाव पर एम्बुलेंस में मिलने सभी सुविधाओं की व्यवस्था की…
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its-axplore · 4 years ago
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नेता विपक्ष तेजस्वी यादव बुधवार को दरभंगा पहुंचे और बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। तेजस्वी ने प्रभावित लोगों को भोजनबांटा और उनका हालचाल पूछा। राजद के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से तेजस्वी यादव की तस्वीर पोस्ट की गई है। राजद ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री और उनके सभी मंत्री अपने घरों में दुबक कर बैठे हैं। लोग कोरोना और बाढ़ से त्रस्त हैं। लोग कोरोना ही नहीं भूख से भी मर रहे हैं। तेजस्वी गरीबों का दुख-दर्द बांटने पहुंचे हैं।
दरभंगा के बाद तेजस्वी मधुबनी पहुंचे। उन्होंने कहा कि बिहार बाढ़ में डूब गया है। नीतीश के आंख के आंसू सूख गए हैं। वह यहां नहीं आएंगे, लेकिन 7 तारीख को अपनी कुर्सी बचाने के लिए वर्चुअल रैली अटेंड करेंगे। नीतीश कुमार की इंसानियत खत्म हो गई है। उनकी अंतरात्मा बंगाल की खाड़ी में डूब रही है। मधुबनी जिले के मधेपुर ब्लॉक के बाढ़ प्रभावित इलाके में तेजस्वी ने पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों के बीच पैसे बांटे।
तेजस्वी ने दरभंगा में ��ाढ़ प्रभावित लोगों से उनका दुख-दर्द भी जाना।
राहत के नाम पर घोटाला कर रही सरकार दूसरे ट्वीट में राजद ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार राहत के नाम पर घोटाला कर रही है। लाखों लोग हर साल बाढ़ से विस्थापित होते हैं। अपनी जमापूंजी गंवाते हैं। जान-माल और मवेशियों से हाथ धो बैठते हैं। राजद सत्ता में आई तो बाढ़ के स्थायी हल का उपाय होगा।
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पत्रकारों से बात करते तेजस्वी यादव।
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बाढ़ प्रभावित लोगों को खाना बांटते नेता विपक्ष तेजस्वी यादव।
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khabaruttarakhandki · 4 years ago
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Weather in India: जुलाई में भी अच्छी बरसात के आसार, दिल्ली समेत कई हिस्सों में उमस से परेशानी
फाइल फोटो
हाइलाइट्स
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जून में एलपीए की 118 प्रतिशत वर्षा हुई
मौसम विभाग ने जुलाई माह में एलपीए की 103 फीसदी वर्षा का अनुमान जताया है
असम के अलग-अलग हिस्सों में बारिश और भूस्खलन से सात लोगों की मौत हो गई, कुल 33 की हुई मौत
दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में बारिश नहीं होने से बुधवार को उमस और गर्मी से परेशान रहे
नई दिल्ली देश के कई राज्यों में जून महीने में अच्छी बारिश हुई और जुलाई में भी बारिश होने की संभावना जताई गई है लेकिन कई इलाकों में लोग उमस से परेशान हैं।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि जून महीने में अत्यधिक बारिश हुई और जुलाई में भी अच्छी बरसात का अनुमान है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जून में दीर्घकालिक आवधिक औसत (एलपीए) की 118 प्रतिशत वर्षा हुई जिसे अत्यधिक बारिश माना जाता है।
मौसम विभाग ने कहा कि पिछले 12 साल में, इस साल जून सबसे अधिक भीगा रहा। मॉनसून के सीजन में 1961-2010 के बीच देश में एलपीए बारिश 88 सेंटीमीटर रही। 90-96 फीसदी के बीच बारिश ‘सामान्य से कम’ मानी जाती है और 96-104 फीसदी बारिश ‘सामान्य’ मानी जाती है। एलपीए की 104 -110 फीसदी वर्षा ‘सामान्य से अधिक’ और 110 फीसदी से अधिक वर्षा ‘अत्यधिक’ मानी जाती है।
पढ़ें, 2 हफ्ते पहले पूरे भारत में छा गया मॉनसून
मध्य भारत में जून में हुई वर्षा एलपीए की 131 फीसदी रही। इस क्षेत्र में गोवा, कोंकण, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आते हैं। पूर्वी और पूर्वोत्तर उप संभाग में हुई वर्षा एलपीए की 116 फीसदी रही। असम में बाढ़ आई और बिहार में भी अत्यधिक बरसात हुई। हालांकि मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इन इलाकों में अगले 5-10 दिन में बरसात में कमी आएगी।
दिल्ली-NCR में अगले 5 दिन कैसा मौसम, जानिएदिल्ली-एनसीआर वाल��ं को फिलहाल गर्मी से राहत मिलने के चांस नहीं हैं। मौसम विभाग की मानें तो अगले 5 दिन गर्मी बढ़ेगी। तापमान इन दिनों 40 डिग्री के आसपास ही रहेगा। इस दौरान हल्की-फुल्की बारिश ही होगी।
उत्तर-पश्चिम उप संभाग में वर्षा एलपीए की 104 फीसदी रही और दक्षिण में यह एलपीए की 108 फीसदी रही। मौसम विभाग ने जुलाई माह में एलपीए की 103 फीसदी वर्षा का अनुमान जताया है। महापात्र ने कहा, ‘जुलाई में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।’ उन्होंने बताया कि गुजरात के तट के निकट तथा पूर्वी-मध्य भारत के ऊपर दो चक्रवात बन रहे हैं। इससे मध्य तथा दक्षिण भारत में अगले पांच से दस दिन में अच्छी बारिश होगी।
दिल्ली वाले उमस से परेशान दिल्ली वाले बारिश नहीं होने से बुधवार को उमस और गर्मी से परेशान रहे। हालांकि, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इस सप्ताह के अंत में बारिश हो सकती है। सफदरजंग में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है।
दिल्ली में हाल में चली थी धूल भरी आंधी
दिल्ली के अधिकतर इलाकों में अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री के बीच रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में आर्द्रता 57 से 84 प्रतिशत के बीच बनी रही। आईएमडी ने दिल्ली में मॉनसून के सामान्य रहने का पूर्वानुमान जताया है लेकिन 25 जून को राष्ट्रीय राजधानी में मॉनसून के दस्तक देने के बावजूद पर्याप्त बारिश नहीं हुई है।
असम में बारिश और भूस्खलन से 33 की मौत असम के अलग-अलग हिस्सों में बारिश और भूस्खलन से सात लोगों की मौत हो गई। इन्हें मिलाकार राज्य में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक, असम के 33 में से 21 जिलों के करीब 15 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य के बारपेटा जिले में तीन लोगों की मौत बारिश और भूस्खलन की वजह से हुई। वहीं धुबरी, नौगांव, नलबाड़ी और कछार जिले में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।
यूपी में फिर जोर पकड़ेगा मॉनसून पिछले करीब एक हफ्ते से उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में खासा सक्रिय मॉनसून अब कुछ हल्का पड़ गया है। मगर एक—दो दिन बाद इसके फिर से जोर पकड़ने की संभावना है। आंचलिक मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर वर्षा हुई। वहीं, राज्य के पश्चिमी भागों में मौसम आमतौर पर सूखा रहा। इस अवधि में बर्डघाट (गोरखपुर) में नौ सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
पढ़ें, अगस्त के आखिरी सप्ताह में शुरू हो सकता है संसद का मॉनसून सत्र
इसके अलावा मिर्जापुर में छह, करछना और जौनपुर में ��ांच—पांच, अकबरपुर और ज्ञानपुर में तीन—तीन, गोरखपुर और हर्रैया में दो—दो सेंमी वर्षा रिकॉर्ड की गयी। अगले 24 घंटों के दौरान भी राज्य के कुछ स्थानों पर बारिश होने अथवा गरज—चमक के साथ छींटे पड़ने की सम्भावना है। कुछ स्थानों पर तेज हवा भी चल सकती है।
अगली तीन जुलाई को मॉनसून फिर से जोर पकड़ेगा और प्रदेश के पूर्वी हिस्सों मे�� ज्यादातर स्थानों और पश्चिमी भागों में कुछ जगहों पर वर्षा हो सकती है। चार जुलाई को राज्य के अधिकतर स्थानों पर बारिश होने की प्रबल सम्भावना है।
हरियाणा और पंजाब में उमस भरा रहा दिन हरियाणा और पंजाब में बुधवार को बहुत गर्म और उमस भरा दिन रहा और अधिकतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चंडीगढ़ का अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा के हिसार में अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री, अंबाला में 37.7 डिग्री और करनाल में 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंजाब के अमृतसर में अधिकतम तापमान 39 डिग्री, लुधियाना में 38.1 डिग्री और पटियाला में 37.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजस्थान के कई इलाके लू की चपेट में मॉनसून के दस्तक देने के बावजूद राजस्थान के अनेक इलाके लू यानी गर्म हवाओं की चपेट में हैं। वहीं बीकानेर में बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार विशेषकर पूर्वी राजस्थान में अनेक जिलों में तेज गर्मी पड़ रही है और यह क्रम गुरुवार को भी जारी रहने का अनुमान है।
बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान में बीकानेर में 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं जैसलमेर में यह 44.1 डिग्री, बाड़मेर में 43.4 डिग्री, चुरू में 43.0 डिग्री, गंगानगर में 42.9 डिग्री, जोधपुर में 40.3 डिग्री व जयपुर में 41 डिग्री सेल्सियस रहा। इस बीच बीते चौबीस घंटे में राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश भीलवाड़ा के बिजोलिया में 63 मिमी दर्ज की गई।
इसके अलावा झालावाड़,कोटा, करौली, बारां, चित्तौड़गढ़, अलवर व जोधपुर जिलों कई जगह बारिश हुई। मौसम विभाग का कहना है कि बृहस्पतिवार को पूर्वी राजस्थान में अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, धौलपुर व जयपुर में कहीं कहीं बारिश होने व बादल छाए रहने की उम्मीद है। वहीं पश्चिमी राजस्थान में बीकानेर, चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर व जोधपुर में गर्म हवाएं यानी लू चल सकती हैं।
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thebegusarai · 5 years ago
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बाढ़-बारिश के बीच बिहार में दुर्गा पूजा की धूम, मां की हो रही पूजा-अर्चना
बाढ़-बारिश के बीच बिहार में दुर्गा पूजा की धूम, मां की हो रही पूजा-अर्चना
बिहार में बाढ़-बारिश से लोग तबाह हैं। राजधानी पटना के कई इलाके अभी भी जलजमाव से प्रभावित हैं। राजेंद्र नगर जैसे पॉश एरिया में अभी भी पानी लगा हुआ है। पटना से सटी पुनपुन नदी उफान पर है। 12 से 14 जिले बाढ़ से ग्रस्त हैं। इन सबके बीच बिहार में दुर्गा पूजा की धूम में भी कोई कमी नहीं है। मां की पूजा-अर्चना हो रही है। पूजा-पंडालों को सजा दिया गया है। मंत्रोच्चार से पूरा बिहार गूंज रहा है।
पटना में…
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todaybharatnews · 5 years ago
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via Today Bharat nbsp; बिहार औऱ उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा में स्कूल आदि बंद कर दिये गये हैं। सुरक्षा के मद्दे नज़र एनडीआरएफ के जवानों को भी तैनात किया गया। उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनों में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राहत औऱ बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। बिहार में पटना, नालंदा, वैशाली, भागलपुर और पूर्णिया सहित राज्य के कई हिस्सों में लगातार मूसलाधार बारिश के ��ारण बाढ़ की बेहद खराब हो गई है। पटना के निचले इलाकों में पानी भर गया है। भारी बारिश की वजह से कई जगहों पर रेल यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर अगले कुछ दिनों में बिहार में भारी से भारी बारिश हो सकती है। भारी वर्षा की आशंका देखते हुए 15 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। बारिश की वजह से गंगा नदी का प्रचंड रूप देखने को मिल रहा है। पटना के विभिन्न क्षेत्रों सहित मुंगेर और भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग और डूबाधार में और मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कमला बलान भी उफान पर है। मुख्zwj;यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। पटना के राजेंद्र नगर इलाके में पानी का स्तर इतना ऊपर तक आ गया है कि लोगों को एक-जगह से दूसरे जगह आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।नवादा में भी मुसलाधार बारिश से जनजीवन खासा प्रभावित हुआ है। नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। कई ईलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। नवादा जिले के सकरी, खुरी, तिलैया, पंचाने और ढ़ाढर नदियों में बाढ़ आ गई है। बाढ़ के कारण जिले के करीब 200 गांवों का संपर्क भंग हो गया है। बाढ़ के पानी की वजह से बोधगया-राजगीर पथ का संपर्क टूटा चुका है।उत्तर प्रदेश में भी कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से मध्यम से भारी वर्षा हो रही है। मूसलाधार वर्षा से सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त है और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वाराणसी में भी भारी बारिश के कारण शहर में जगह-जगह जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 40 हो गई है। बलिया में लगातार बारिश की वजह से बलिया-छपरा रेल प्रखंड पर यातायात ठप हो गया। सभी उप जिलाधिकारियों को सतर्कता बनाए रखने और नुकसान की रिपोर्ट तत्काल भेजने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पीड़ितों को यथाशीघ्र सहायता पहुंचाई जा सके।
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