#फैक्ट चेक इंडिया
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क्या सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 जून से 'इंडिया' को सिर्फ 'भारत' कहा जाएगा? जानिए- वायरल दावे की सच्चाई
क्या सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 जून से ‘इंडिया’ को सिर्फ ‘भारत’ कहा जाएगा? जानिए- वायरल दावे की सच्चाई
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Image Source : FILE क्या सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 जून से ‘इंडिया’ को सिर्फ ‘भारत’ कहा जाएगा? जानिए- वायरल दावे की सच्चाई
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून, 2020 से सभी भाषाओं में ‘इंडिया’ को ‘भारत’ कहने का आदेश दिया है। लेकिन, यह दावा गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है।
यह भ्रामक दावा सुप्रीम कोर्ट में उस…
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#15 june#15 जून#Bharat#fact check#India#National Hindi News#Supreme Court#इंडिया#फैक्ट चेक#भारत#वायरल दावा#सुप्रीम कोर्ट
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Fact Check: 1990 से 2020 के बीच काम करने वाले वर्कर्स को लेबर मिनिस्ट्री की ओर से मिलेंगे 1,20,000 रुपये कोविद -19 महामारी (कोरोनावायरस संक्रमण) से दुनिया के ज्यादातर देश परेशान हैं। भारत में इस महामारी से अभी तक 75,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं। भारत में 24 मार्च से अभी तक के बीच तीसरे चरण का ...। Image Source link
#तथ्यों की जांच#फेक न्यूज#फैक्ट चेक#मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट#रोजगार मंत्रालय#लबौर मंत्रालय#लेबर मिनिस्ट्री#लेबर मिनिस्ट्री ऑफ़ इंडिया#श्रम और रोजगार मंत्रालय#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिंदुस्तान फैक्ट चेक#हिन्दी में समाचार#हिन्दुस्तान#हिन्दुस्तान फैक्ट चेक
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फैक्ट चेक: क्या दुआ करने के बाद शाहरुख खान ने सच में लता मंगेशकर की लाश पर थूक दिया था? यहाँ सच्चाई है - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
फैक्ट चेक: क्या दुआ करने के बाद शाहरुख खान ने सच में लता मंगेशकर की लाश पर थूक दिया था? यहाँ सच्चाई है – टाइम्स ऑफ़ इंडिया
शाहरुख खान रविवार को मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में शामिल होने के दौरान एक दुर्लभ उपस्थिति दर्ज की गई। अभिनेता बहुत पहले पहुंच गए और उन्होंने गायन के दिग्गज को अंतिम सम्मान देने के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार किया। बेहद धार्मिक होने के कारण, शाहरुख खान ने दुआ की लता मंगेशकरी. एक पल के लिए उन्होंने अपना मुखौटा हटा दिया और एक चेहरे का इशारा किया, जिसे कई गैर-सूचित…
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फैक्ट चेक: क्या दुआ करने के बाद शाहरुख खान ने सच में लता मंगेशकर की लाश पर थूक दिया था? यहाँ सच्चाई है - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
फैक्ट चेक: क्या दुआ करने के बाद शाहरुख खान ने सच में लता मंगेशकर की लाश पर थूक दिया था? यहाँ सच्चाई है – टाइम्स ऑफ़ इंडिया
शाहरुख खान रविवार को एक दुर्लभ उपस्थिति बना, क्योंकि उन्होंने भाग लिया लता मंगेशकरीमुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में अंतिम संस्कार। अभिनेता बहुत पहले पहुंच गया और गायन के दिग्गज को अंतिम सम्मान देने के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार किया। अत्यंत धार्मिक होने के कारण, शाहरुख खान ने लता मंगेशकर के नश्वर अवशेषों पर दुआ की। एक पल के लिए उन्होंने अपना मुखौटा हटा दिया और एक चेहरे का इशारा किया, जिसे कई गैर-सूचित…
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फैक्ट चेक: गुजरात के स्कूल की दयनीय हालत बताकर शेयर की उत्तराखंड की पुरानी तस्वीर
फैक्ट चेक: गुजरात के स्कूल की दयनीय हालत बताकर शेयर की उत्तराखंड की पुरानी तस्वीर
तस्वीर को साझा करते हुए, नेटिज़न्स ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है कि गुजरात सरकार ने एक “सौर ऊर्जा” स्कूल खोला है। इंडिया टुडे का AFWA सच्चाई की जांच करता है। तस्वीर करीब चार साल पुरानी है और उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के एक सरकारी स्कूल की है। अंदर बैठे बच्चों के समूह की एक तस्वीर जीर्ण संरचना सोशल मीडिया पर गुजरात के एक सरकारी स्कूल का हाल बताकर प्रसारित किया जा रहा है। इमारत इतनी खराब हो चुकी…
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क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अब केंद्र सरकार ने स्कूल की किताबों पर भी टैक्स लगा दिया है। इस तरह भारत स्कूल की किताबों पर टैक्स लगाने वाला पहला देश बन गया है।
स्कूल की किताबों पर टैक्स लगाने वाला पहला देश बना भारत अनपढ़ रहेगा इंडिया तभी तो भक्त बनेगा इंडिया
— Jamil Shaikh (@JamilSh87930254) September 24, 2020
और सच क्या है ?
अलग-अलग कीवर्ड सर्च करने से भी इंटरनेट पर हमें ऐसी क���ई खबर नहीं मिली। जिससे पुष्टि होती हो कि अब भारत में स्कूल की किताबों पर भी टैक्स लगेगा।
पैसा बाजार.कॉम पर हमने जीएसटी के स्लैब की सूची चेक की। वस्तुओं के हिसाब से 5 अलग-अलग स्लैब हैं। लेकिन, किसी भी स्लैब में (किताब) पर लगने वाले टैक्स का जिक्र नहीं है।
पड़ताल के दौरान कुछ मीडिया रिपोर्ट्स हमारे सामने आईं। जिनसे पता चलता है कि स्कूली किताबें तो दूर, किसी भी तरह की किताब पर भारत में जीएसटी या कोई अन्य टैक्स नहीं लगता।
केंद्र सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पीआईबी फैक्ट चेक ने भी इस दावे को फेक बताया है।
दावा: सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा कि केंद्र सरकार ने स्कूली किताबों पर टैक्स लगा दिया है। #PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। स्कूली टेक्स्ट बुक्स पर कोई टैक्स नहीं है। pic.twitter.com/OsvfgYMOgC
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 24, 2020
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Fact Check: Will Modi government now impose GST on school books too? Know what is the truth of this claim
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3ctLTOa via IFTTT
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No, Bill Gates daughter has not accepted Islam
वायरल पोस्ट्स में दावा किया गया है की नयेल नस्सर नाम मुस्लिम युवक को डेट कर रही गेट्स की बेटी ने इस्लाम अपना लिया है मगर ऐसी कोई औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है|
फैक्ट चेक न्यूज़: ताज़ा फ़ेक न्यूज़ ये है की माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स की बेटी ने इस्लाम अपना लिया है |
कई फ़ेसबुक पेजों पर ये ख़बर काफी ज़ोरों से वायरल हो रही है और कुछ एक हिंदी न्यूज़ पोर्टल्स में भी इसके बारे में छापा गया है | दावा ये है की गेट्स की बेटी जेनीफ़ेर कैथरीन गेट्स एक मुस्लिम युवक से, जिसे वो डेट कर रही हैं, शादी करने वाली हैं और इसीलिए उन्होंनेमुस्लमान बनने का फ़ैसला लिया है |
Also Read in English → Fact Check News
फैक्ट चेक
हालांकि ये ख़बर की जेनीफ़ेर एजिप्ट-निवासी मुस्लिम युवक नयेल नस्सर को डेट कर रही हैं बिलकुल सही है, मगर ये कहना की उन्होंने इस्लाम क़ुबूल कर लिया है, ज़रा जल्दबाज़ी होगी |
बिल गेट्स के तीन बच्चों में सबसे बड़ी जेनीफ़ेर एक पेशेवर घुड़सवार हैं | नयेल नस्सर भी एजिप्ट के पेशेवर घुड़सवार हैं और स्पोर्ट्स सर्किट में एक नामी-गिरामी खिलाड़ी हैं | जेनीफ़ेर और नयेल पिछले कुछ वक्त से एक साथ हैं और मीडिया में भी इस ख़बर को काफ़ी उछाला गया है |
जेनीफ़ेर और नयेल, दोनों ने ही अपने इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल्स में भी एक दूसरे के साथ खींची गयी तस्वीरों को अपलोड किया है | इन तस्वीरों को देख कर कोई शक नहीं रह जाता की दोनों एक दूसरे के प्यार में हैं मगर इनकी शादी या जेनीफ़ेर के धर्म-परिवर्तन की कोई औपचारिक घोषणा अभी तक… पढ़ना जारी रखें
#बिल गेट्स#इस्लाम#मुस्लिम#जेनीफ़ेर कैथरीन गेट्स#जेनीफ़ेर गेट्स#फेक न्यूज़ इंडिया#फैक्ट चेक#फैक्ट चेक इंडिया#फेक न्यूज़#Bill Gates#Jennifer Gates#Muslim#Islam#Fact Check#Fact Check News#Fake News
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फैक्ट चेक: PM मोदी और भारत के बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स-BBC ने नहीं लिखीं ये बातें
फैक्ट चेक: PM मोदी और भारत के बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स-BBC ने नहीं लिखीं ये बातें
क्या न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से दुनिया के किसी भी देश को भारत से उलझने से पहले दो बार सोचना होगा? क्या बीबीसी ने ये कहा है कि भारत इजराइल की राह पर है, अगर कोई भी देश भारत की तरफ आंख उठा कर देखेगा, तो ये मौत को दावत देना होगा?
दरअसल, सोशल मीडिया पर कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि इन जाने-माने विदेशी मीडिया संस्थानों ने ऐसा ही लिखा है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज…
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Fact check - Did the policemen killed by Vikas Dubey write the number of the criminal' s vehicle on the hand before dying? | दावा- सिपाही ने मरने से पहले हाथ पर लिखा विकास दुबे के गुंडे की गाड़ी का नंबर, पड़ताल में हरियाणा का निकला केस
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Fact check - Did the policemen killed by Vikas Dubey write the number of the criminal' s vehicle on the hand before dying? | दावा- सिपाही ने मरने से पहले हाथ पर लिखा विकास दुबे के गुंडे की गाड़ी का नंबर, पड़ताल में हरियाणा का निकला केस
हरियाणा के मामले की फोटो को कानपुर हत्याकांड के आरोपी विकास दुबे के केस से जोड़कर लोगों को गुमराह किया जा रहा
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें आईपीएस अधिकारी पंकज नयन के ट्वीट से खबर झूठी होने का पुख्ता सबूत मिला
दैनिक भास्कर
Jul 06, 2020, 05:35 PM IST
क्या वा��रल : कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या से जुड़ी एक खबर। खबर के मुताबिक, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने जिन पुलिसकर्मियों की हत्या की। उनमें से एक ने मरने से पहले अपने हाथ पर अपराधियों का गाड़ी नंबर लिख लिया था। अब पुलिस इस गाड़ी नंबर के आधार पर अपराधियों को पकड़ने में लगी है।
इस दावे से जुड़ी खबरें
न्यूज वेबसाइट अमर उजाला पर 4 जुलाई को एक फोटो के साथ खबर पब्लिश की गई है।
https://rb.gy/y1wzzd
खबर के एक हिस्से में लिखा है – पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों को एक जांबाज पुलिस वाले के हाथ में कुछ लिखा मिला। डॉक्टरों ने जब हाथ पर लगे खून को हटाया तो एक गाड़ी का नंबर सामने आया। पुलिसकर्मी समझ गया था कि बदमाश उसे मार देंगे।
भारती न्यूज नाम की वेबसाइट ने भी यह खबर पब्लिश की। फोटो भी वही है।
https://rb.gy/6vdhqs
फैक्ट चेक पड़ताल
कानपुर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जुड़ी कई खबरें हमने पढ़ीं। अमर उजाला वेबसाइट के अलावा किसी भी प्रमुख न्यूज प्लेटफॉर्म की खबर में यह उल्लेख नहीं है कि पोस्टमार्टम के दौरान पुलिसकर्मी के हाथ में गाड़ी का नंबर लिखा मिला था। चूंकि अमर उजाला की खबर के साथ फोटो भी है। इसलिए हमने उस फोटो के जरिए खबर की सत्यता जांचना शुरू की, जिसे विकास दुबे के गुंडे का गाड़ी नंबर बताया जा रहा है।
फोटो में हथेली पर गाड़ी नंबर HR56B 8192 लिखा हुआ दिख रहा है। HR सीरीज हरियाणा के वाहनों की होती है। हमने हरियाणा सरकार के सड़क परिवहन और राज मार्ग मंत्रालय की वेबसाइट पर गाड़ी नंबर के जरिए डिटेल्स निकालीं। नंबर डालने पर पता चला कि गाड़ी गुरमीत नाम के व्यक्ति की है।
हाथ में नंबर लिखी हुई फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ��रियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी पंकज नयन का ट्वीट मिला।
Hero till last breath! Ct Ravinder of #SonipatPolice when attacked by criminals, wrote their car number on his hand before taking his last breath. That helped a lot to trace the murderers – one of whom killed in police encounter next day. No words to the bravery of this man🙏 https://t.co/0S3oauk3papic.twitter.com/kvgBevrf69
— Pankaj Nain IPS (@ipspankajnain) July 2, 2020
आईपीएस पंकज नयन ने हाथ में नंबर लिखी हुई यही फोटो 2 जुलाई को ट्वीट की है। फोटो के साथ आईपीएस अधिकारी ने जो मैसेज लिखा है : उससे पता चलता है कि इस फोटो का संबंध कानपुर से नहीं, बल्कि हरियाणा से है। हरियाणा के सोनीपत के पुलिस सिपाही रविंदर ने मरने से पहले हत्यारे का नंबर अपनी हथेली पर लिख लिया था। ये फोटो रविंदर की हथेली का ही है।
आईपीएस पंकज नयन के ट्वीट का हिंदी अनुवाद है – अपराधियों का हमला होने पर सोनीपत पुलिस के कॉन्सटेबल रविंदर ने अंतिम सांस लेने से पहले उनकी कार का नंबर अपने हाथ पर लिखा। इससे हत्यारों का पता लगाने में बहुत मदद मिली – जिनमें से एक अगले दिन पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इस बहादुरी के लिए कोई शब्द नहीं।
गाड़ी नंबर की डिटेल्स और आईपीएस अधिकारी का ट्वीट इस तथ्य की ओर इशारा कर रहे थे कि घटना कानपुर की नहीं, बल्कि हरियाणा की है।
अब हमने हरियाणा में घटी ऐसी घटना से जुड़ी खबरें तलाशनी शुरू कीं। दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 3 जुलाई, 2020 की एक खबर हमें मिली। इस खबर के अनुसार, 29 जून को हरियाणा के सोनीपत में गश्त कर रहे दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मरने से पहले कॉन्सटेबल रविंद्र ने अपराधियों की गाड़ी का नंबर अपने हाथ पर लिख लिया था। सिपाही के हाथ पर लिखे इस गाड़ी के नंबर से ही आरोपी पकड़ में आए।
दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर ही 2 जुलाई की एक अन्य खबर है। इसके अनुसार, सोनीपत में पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में गाड़ी नंबर के आधार पर संदीप नाम के आरोपी को गिरफ्त���र कर लिया गया। इस खबर में फोटो भी वही है, जिसे अमर उजाला की खबर में कानपुर हत्याकांड का बताया गया है।
इंडिया टुडे की वेबसाइट द लल्लनटॉप पर 4 जुलाई, 2020 की एक खबर हमें मिली। इस खबर में भी हथेली पर लिखे गाड़ी नंबर का फोटो सोनीपत वाली घटना का ही बताया गया है। साथ ही यह भी लिखा है कि गाड़ी गुरमीत नाम के व्यक्ति की निकली। लेकिन, गुरमीत ने पुलिस को बताया कि उसने गाड़ी संदीप को बेची थी। संदीप को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
निष्कर्ष : गाड़ी नंबर की डिटेल्स, दैनिक भास्कर की खबर और आईपीएस के ट्वीट से स्पष्ट होता है कि हाथ में नंबर लिखी हुई फोटो हरियाणा की घटना की है। न की कानपुर में हुए पुलिसकर्मियों के हत्याकांड की।
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फैक्ट चेक: क्या तंजानिया की यह हर्बल दवा कोविद -19 को ठीक करती है?
फैक्ट चेक: क्या तंजानिया की यह हर्बल दवा कोविद -19 को ठीक करती है?
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एक फेसबुक पोस्ट इस दावे के साथ वायरल हुआ है कि तंजानिया सरकार ने कोविडोल नामक एक हर्बल दवा को मंजूरी दी है, जो कोविद -19 से पीड़ित रोगियों को ठीक कर देगी। इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया है कि तंजानिया सरकार ने कोविद -19 इलाज के रूप में दवा को मंजूरी नहीं दी है।
एक फेसबुक उपयोगकर्ता ने दावा किया कि तंजानिया सरकार ने कोविडोल नामक एक हर्बल दवा को मंजूरी दी है। (फोटो:…
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फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर फैलाया गया झूठा संदेश कि कोरोनावायरस एक बैक्टीरिया है जिसका इलाज एस्पिरिन से किया जा सकता है; यहाँ सच्चाई है - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर फैलाया गया झूठा संदेश कि कोरोनावायरस एक बैक्टीरिया है जिसका इलाज एस्पिरिन से किया जा सकता है; यहाँ सच्चाई है – टाइम्स ऑफ़ इंडिया
सरकारी फैक्ट चेक एजेंसी पी��ईबी फैक्ट चेक ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि एस्पिरिन COVID-19 का इलाज नहीं है क्योंकि एंटीकोआगुलंट्स के साथ वायरस का इलाज नहीं किया जा सकता है। सरकार की प्रतिक्रिया एक फर्जी संदेश के मद्देनजर आई है जिसे व्हाट्सएप पर प्रसारित किया जा रहा है। नकली संदेश में दावा किया गया है कि सिंगापुर से एक ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि COVID-19 एक वायरस नहीं बल्कि एक बैक्टीरिया…
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फैक्ट चेक: जिस वैज्ञानिक पर हुआ पहला कोरोना वैक्सीन ट्रायल, उसके मरने की उड़ी अफवाह
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फैक्ट चेक: जिस वैज्ञानिक पर हुआ पहला कोरोना वैक्सीन ट्रायल, उसके मरने की उड़ी अफवाह
सोशल मीडिया पर कई लोगों को उस समय झटका लगा, जब रविवार को एक समाचार वेबसाइट ने दावा किया कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए पहले स्वयंसेवक की मौत हो गई है.
यह आर्टिकल “News NT ” नाम की वेबसाइट पर छपा है, जिसमें दावा किया गया है कि एलीसा ग्रेनेटो नाम के वैज्ञानिक की कोरोना वायरस की “वैक्सीन देने के दो दिन बाद मौत हो गई”.
इस लेख में दावा किया गया है कि “वैक्सीन के उल्टा रिएक्शन करने की वजह से चार और स्वयंसेवकों की हालत खराब है.” वेबसाइट के इस आर्टिकल का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा आर्टिकल अफवाह है. एलीसा ग्रेनेटो, जिन्हें ह्यूमन ट्रायल के लिए पहली कोरोना वायरस वैक्सीन दी गई थी, वे एकदम से स्वस्थ हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
हूबहू यही कहानी एक अन्य वेबसाइट “The Nigerian News ” ने भी छापा है. फेसबुक पर तमाम लोगों ने इस गलत सूचना को शेयर किया है.
ट्विटर यूजर “Simon Jaysek ” ने “News NT” का आर्टिकल शेयर करते हुए लिखा, “कोरोना वायरस की वैक्सीन ट्रायल के लिए पहले स्वयंसेवक की मौत हो गई है”.
इसके जवाब में ट्विटर हैंडल “@surrey13” ने लिखा कि यह खबर गलत है. यूजर ने दावा किया कि एलीसा ग्रेनेटो ने अपने ट्विटर हैंडल @Prokaryota पर इस दावे का खंडन किया है और कहा है कि वे स्वस्थ हैं. हालांकि ग्रेनेटो का ट्विटर हैंडल प्रोटेक्टेड है, इसलिए उनकी पोस्ट वही लोग देख सकते हैं, जिन्हें उन्होंने अप्रूव किया हो.
ट्विटर हैंडल “@surrey13” के मुताबिक, ग्रेनेटो ने एक ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है, “मेरी मौत पर एक फर्जी आर्टिकल घूम रहा है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है… मैं एकदम ठीक हूं. कृपया इस लेख को शेयर न करें. हम उन्हें महत्व नहीं देना चाहते. इससे बेहतर है कोई अच्छा काम करें.”
First volunteer in UK coronavirus vaccine trial has died https://t.co/oxzdELbund
— Simon Jaysek (@SimonJaysek) April 26, 2020
कोरोना वायरस वैक्सीन का मनुष्य पर पहला परीक्षण 23 अप्रैल को दो व्यक्तियों पर किया गया था. ग्रेनेटो उनमें से एक हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया, “मैं एक वैज्ञानिक हूं, इसलिए जहां तक संभव हो, मैं वैज्ञानिक प्रक्रिया में मदद करना चाहती थी.”
हमने पाया कि ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने भी इस गलत खबर का खंडन करते हुए ट्वीट किया है कि “सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि ब्रिटेन के कोरोना वायरस वैक्सीन परीक्षण में पहले स्वयंसेवक की मौत हो गई है, यह पूरी तरह से झूठ है.”
News circulating on social media that the first volunteer in a UK #coronavirus vaccine trial has died is completely untrue.
Before sharing unsubstantiated claims online, use the SHARE checklist to help stop the spread of harmful content:
▶️ https://t.co/9rAFQES8Xm pic.twitter.com/HgG4cHnLFQ
— Department of Health and Social Care (@DHSCgovuk) April 26, 2020
अंग्रेजी अखबार “Mirror ” ने भी इस खबर का खंडन करते हुए लिखा है कि ग्रेनेटो जिंदा हैं और स्वस्थ हैं.
AFWA ने पाया कि यह गलत सूचना पहली बार 25 अप्रैल को “investorshub ” के जरिये फैली, जो कि प्रेस रिलीज प्रकाशित करने वाली एक वेबसाइट है. बाद में यह खबर “News NT” ने छापी और सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सच मानकर शेयर करना शुरू कर दिया.
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फैक्ट चेक: कोरोनोवायरस ट्विस्ट के साथ शेयर किया राहुल और प्रियंका गांधी का पुराना वीडियो
सुरक्षा जांच में एक पुलिसकर्मी द्वारा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की कार को रोकने की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया है कि वायरल वीडियो चार महीने पुराना है।
राहुल और प्रियंका गांधी ने 24 दिसंबर, 2019 को मेरठ में प्रवेश करने से रोका।
सुरक्षा जांच में एक पुलिसकर्मी द्वारा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की कार को रोकने की…
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What is the truth behind Priyanka Gandhi Viral tweet on Kumbh?
वायरल होते पोस्ट में दावा किया गया है की गाँधी ने अपनी ट्वीट में कुम्भ मेले पर कटाक्ष किया है | ट्वीट एक फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से किया गया था|
फेक न्यूज़ इंडिया: प्रियंका गांधी ने किया ये ट्वीट “भारत मूर्खो का देश है जहाँ सरकार लोगों के पीने के पानी पर नहीं बल्कि ढोंगी और पाखंडियो के शाही स्नान पे करोड़ो खर्च करती है ”|
फैक्ट चेक
यह ट्वीट दरअसल मॉर्फ़ किया गया है। बूम ने जब कांग्रेस नेता और पूर्वी उत्तर प्र��ेश की पार्टी जनरल सेक्रेटरी के ट्विटर अकाउंट को तलाशने की कोशिश की तो हमें मालूम हुआ की प्रियंका गाँधी वाड्रा का अभी तक कोई ऑफिशियल ट्विटर अकॉउंट है ही नहीं ।
इस केस में एक बात तो साफ़ हो जाती है और वो ये की यह ट्वीट प्रियंका द्वारा नहीं किया गया था |
इस पोस्ट के ज़रिये प्रयागराज में चल रहे कुम्भ मेले पर कटाक्ष करने की कोशिश गयी है | चुनाव के पहले ऐसे ट्वीट्स/कमैंट्स लोगो के धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचा सकती हैं | इस ट्वीट के ज़रिये भी कुछ ऐसी हो कोशिश की गयी है | ऐसे में इस किस्म के ट्वीट्स और कमैंट्स की जांच करना और भी ज़रूरी हो जाता है |
जब ट्विटर पर हमने प्रियंका की ऑफिशियल हैंडल खोजने की कोशिश की तो हमें उनके कई सारे फ़ैन पेज मिले | गूगल पर भी प्रियंका के फ़ैन्स द्वारा मेंटेन किये गए पेज ही मिलें |
जबकि आगामी एलेक्शंस में अब ज़्यादा समय नहीं शेष है, ऐसे कई ट्विटर हैंडल्स उभर के सामने आ रहे हैं | इस तरह के पेजों पर अक्सर पॉलिटिकल प्रोपागेंडा किया जाता है | इसी तरह क्रिकेटर्स और फ़िल्म स्टार्स की राजनैतिक पार्टियों में शामिल होने की ख़बरें भी आजकल काफी वायरल हो रही हैं |
आप पूरी सच्चाई यहाँ पढ़ सकते है → प्रियंका गाँधी द्वारा कुम्भ मेले पर किये गए ट्वीट का सच
#फेक न्यूज़#फेक न्यूज़ इंडिया#फैक्ट चेक#फैक्ट चेक इंडिया#कुम्भ#प्रियंका गाँधी#कुम्भ 2019#Factcheck#Fake News#FactCheck India#Fake News India#Priyanka Gandhi#Kumbh 2019
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फैक्ट चेक: अयोध्या में पुलिस मॉक ड्रिल का वीडियो सच्ची घटना बताकर वायरल
फैक्ट चेक: अयोध्या में पुलिस मॉक ड्रिल का वीडियो सच्ची घटना बताकर वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी सड़क पर दो नकाबपोश युवकों को पकड़ते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि अयोध्या के अशर्फी भवन के पास पुलिस ने दो आतंकवादियों को बम के साथ पकड़ा है. इनका मकसद मंदिर के निर्माण में बाधा डालना था.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो कोई असली घटना नहीं है, बल्कि अयोध्या पुलिस…
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